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Chapter 73
Psal UrduGeoD 73:1  आसफ़ का ज़बूर। यक़ीनन अल्लाह इसराईल पर मेहरबान है, उन पर जिनके दिल पाक हैं।
Psal UrduGeoD 73:2  लेकिन मैं फिसलने को था, मेरे क़दम लग़ज़िश खाने को थे।
Psal UrduGeoD 73:3  क्योंकि शेख़ीबाज़ों को देखकर मैं बेचैन हो गया, इसलिए कि बेदीन इतने ख़ुशहाल हैं।
Psal UrduGeoD 73:4  मरते वक़्त उनको कोई तकलीफ़ नहीं होती, और उनके जिस्म मोटे-ताज़े रहते हैं।
Psal UrduGeoD 73:5  आम लोगों के मसायल से उनका वास्ता नहीं पड़ता। जिस दर्दो-करब में दूसरे मुब्तला रहते हैं उससे वह आज़ाद होते हैं।
Psal UrduGeoD 73:6  इसलिए उनके गले में तकब्बुर का हार है, वह ज़ुल्म का लिबास पहने फिरते हैं।
Psal UrduGeoD 73:7  चरबी के बाइस उनकी आँखें उभर आई हैं। उनके दिल बेलगाम वहमों की गिरिफ़्त में रहते हैं।
Psal UrduGeoD 73:8  वह मज़ाक़ उड़ाकर बुरी बातें करते हैं, अपने ग़ुरूर में ज़ुल्म की धमकियाँ देते हैं।
Psal UrduGeoD 73:9  वह समझते हैं कि जो कुछ हमारे मुँह से निकलता है वह आसमान से है, जो बात हमारी ज़बान पर आ जाती है वह पूरी ज़मीन के लिए अहमियत रखती है।
Psal UrduGeoD 73:10  चुनाँचे अवाम उनकी तरफ़ रुजू होते हैं, क्योंकि उनके हाँ कसरत का पानी पिया जाता है।
Psal UrduGeoD 73:11  वह कहते हैं, “अल्लाह को क्या पता है? अल्लाह तआला को इल्म ही नहीं।”
Psal UrduGeoD 73:12  देखो, यही है बेदीनों का हाल। वह हमेशा सुकून से रहते, हमेशा अपनी दौलत में इज़ाफ़ा करते हैं।
Psal UrduGeoD 73:13  यक़ीनन मैंने बेफ़ायदा अपना दिल पाक रखा और अबस अपने हाथ ग़लत काम करने से बाज़ रखे।
Psal UrduGeoD 73:14  क्योंकि दिन-भर मैं दर्दो-करब में मुब्तला रहता हूँ, हर सुबह मुझे सज़ा दी जाती है।
Psal UrduGeoD 73:15  अगर मैं कहता, “मैं भी उनकी तरह बोलूँगा,” तो तेरे फ़रज़ंदों की नसल से ग़द्दारी करता।
Psal UrduGeoD 73:16  मैं सोच-बिचार में पड़ गया ताकि बात समझूँ, लेकिन सोचते सोचते थक गया, अज़ियत में सिर्फ़ इज़ाफ़ा हुआ।
Psal UrduGeoD 73:17  तब मैं अल्लाह के मक़दिस में दाख़िल होकर समझ गया कि उनका अंजाम क्या होगा।
Psal UrduGeoD 73:18  यक़ीनन तू उन्हें फिसलनी जगह पर रखेगा, उन्हें फ़रेब में फँसाकर ज़मीन पर पटख़ देगा।
Psal UrduGeoD 73:19  अचानक ही वह तबाह हो जाएंगे, दहशतनाक मुसीबत में फँसकर मुकम्मल तौर पर फ़ना हो जाएंगे।
Psal UrduGeoD 73:20  ऐ रब, जिस तरह ख़ाब जाग उठते वक़्त ग़ैरहक़ीक़ी साबित होता है उसी तरह तू उठते वक़्त उन्हें वहम क़रार देकर हक़ीर जानेगा।
Psal UrduGeoD 73:21  जब मेरे दिल में तलख़ी पैदा हुई और मेरे बातिन में सख़्त दर्द था
Psal UrduGeoD 73:22  तो मैं अहमक़ था। मैं कुछ नहीं समझता था बल्कि तेरे सामने मवेशी की मानिंद था।
Psal UrduGeoD 73:23  तो भी मैं हमेशा तेरे साथ लिपटा रहूँगा, क्योंकि तू मेरा दहना हाथ थामे रखता है।
Psal UrduGeoD 73:24  तू अपने मशवरे से मेरी क़ियादत करके आख़िर में इज़्ज़त के साथ मेरा ख़ैरमक़्दम करेगा।
Psal UrduGeoD 73:25  जब तू मेरे साथ है तो मुझे आसमान पर क्या कमी होगी? जब तू मेरे साथ है तो मैं ज़मीन की कोई भी चीज़ नहीं चाहूँगा।
Psal UrduGeoD 73:26  ख़ाह मेरा जिस्म और मेरा दिल जवाब दे जाएँ, लेकिन अल्लाह हमेशा तक मेरे दिल की चटान और मेरी मीरास है।
Psal UrduGeoD 73:27  यक़ीनन जो तुझसे दूर हैं वह हलाक हो जाएंगे, जो तुझसे बेवफ़ा हैं उन्हें तू तबाह कर देगा।
Psal UrduGeoD 73:28  लेकिन मेरे लिए अल्लाह की क़ुरबत सब कुछ है। मैंने रब क़ादिरे-मुतलक़ को अपनी पनाहगाह बनाया है, और मैं लोगों को तेरे तमाम काम सुनाऊँगा।