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DEUTERONOMY
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Chapter 32
Deut UrduGeoD 32:1  ऐ आसमान, मेरी बात पर ग़ौर कर! ऐ ज़मीन, मेरा गीत सुन!
Deut UrduGeoD 32:2  मेरी तालीम बूँदा-बाँदी जैसी हो, मेरी बात शबनम की तरह ज़मीन पर पड़ जाए। वह बारिश की मानिंद हो जो हरियाली पर बरसती है।
Deut UrduGeoD 32:3  मैं रब का नाम पुकारूँगा। हमारे ख़ुदा की अज़मत की तमजीद करो!
Deut UrduGeoD 32:4  वह चटान है, और उसका काम कामिल है। उस की तमाम राहें रास्त हैं। वह वफ़ादार ख़ुदा है जिसमें फ़रेब नहीं है बल्कि जो आदिल और दियानतदार है।
Deut UrduGeoD 32:5  एक टेढ़ी और कजरौ नसल ने उसका गुनाह किया। वह उसके फ़रज़ंद नहीं बल्कि दाग़ साबित हुए हैं।
Deut UrduGeoD 32:6  ऐ मेरी अहमक़ और बेसमझ क़ौम, क्या तुम्हारा रब से ऐसा रवैया ठीक है? वह तो तुम्हारा बाप और ख़ालिक़ है, जिसने तुम्हें बनाया और क़ायम किया।
Deut UrduGeoD 32:7  क़दीम ज़माने को याद करना, माज़ी की नसलों पर तवज्जुह देना। अपने बाप से पूछना तो वह तुझे बता देगा, अपने बुज़ुर्गों से पता करना तो वह तुझे इत्तला देंगे।
Deut UrduGeoD 32:8  जब अल्लाह तआला ने हर क़ौम को उसका अपना अपना मौरूसी इलाक़ा देकर तमाम इनसानों को मुख़्तलिफ़ गुरोहों में अलग कर दिया तो उसने क़ौमों की सरहद्दें इसराईलियों की तादाद के मुताबिक़ मुक़र्रर कीं।
Deut UrduGeoD 32:9  क्योंकि रब का हिस्सा उस की क़ौम है, याक़ूब को उसने मीरास में पाया है।
Deut UrduGeoD 32:10  यह क़ौम उसे रेगिस्तान में मिल गई, वीरानो-सुनसान बयाबान में जहाँ चारों तरफ़ हौलनाक आवाज़ें गूँजती थीं। उसने उसे घेरकर उस की देख-भाल की, उसे अपनी आँख की पुतली की तरह बचाए रखा।
Deut UrduGeoD 32:11  जब उक़ाब अपने बच्चों को उड़ना सिखाता है तो वह उन्हें घोंसले से निकालकर उनके साथ उड़ता है। अगर वह गिर भी जाएँ तो वह हाज़िर है और उनके नीचे अपने परों को फैलाकर उन्हें ज़मीन से टकरा जाने से बचाता है। रब का इसराईल के साथ यही सुलूक था।
Deut UrduGeoD 32:12  रब ने अकेले ही उस की राहनुमाई की। किसी अजनबी माबूद ने शिरकत न की।
Deut UrduGeoD 32:13  उसने उसे रथ पर सवार करके मुल्क की बुलंदियों पर से गुज़रने दिया और उसे खेत का फल खिलाकर उसे चटान से शहद और सख़्त पत्थर से ज़ैतून का तेल मुहैया किया।
Deut UrduGeoD 32:14  उसने उसे गाय की लस्सी और भेड़-बकरी का दूध चीदा भेड़ के बच्चों समेत खिलाया और उसे बसन के मोटे-ताज़े मेंढे, बकरे और बेहतरीन अनाज अता किया। उस वक़्त तू आला अंगूर की उम्दा मै से लुत्फ़अंदोज़ हुआ।
Deut UrduGeoD 32:15  लेकिन जब यसूरून मोटा हो गया तो वह दोलत्तियाँ झाड़ने लगा। जब वह हलक़ तक भरकर तनोमंद और फ़रबा हुआ तो उसने अपने ख़ुदा और ख़ालिक़ को रद्द किया, उसने अपनी नजात की चटान को हक़ीर जाना।
Deut UrduGeoD 32:16  अपने अजनबी माबूदों से उन्होंने उस की ग़ैरत को जोश दिलाया, अपने घिनौने बुतों से उसे ग़ुस्सा दिलाया।
Deut UrduGeoD 32:17  उन्होंने बदरूहों को क़ुरबानियाँ पेश कीं जो ख़ुदा नहीं हैं, ऐसे माबूदों को जिनसे न वह और न उनके बापदादा वाक़िफ़ थे, क्योंकि वह थोड़ी देर पहले वुजूद में आए थे।
Deut UrduGeoD 32:18  तू वह चटान भूल गया जिसने तुझे पैदा किया, वही ख़ुदा जिसने तुझे जन्म दिया।
Deut UrduGeoD 32:19  रब ने यह देखकर उन्हें रद्द किया, क्योंकि वह अपने बेटे-बेटियों से नाराज़ था।
Deut UrduGeoD 32:20  उसने कहा, “मैं अपना चेहरा उनसे छुपा लूँगा। फिर पता लगेगा कि मेरे बग़ैर उनका क्या अंजाम होता है। क्योंकि वह सरासर बिगड़ गए हैं, उनमें वफ़ादारी पाई नहीं जाती।
Deut UrduGeoD 32:21  उन्होंने उस की परस्तिश से जो ख़ुदा नहीं है मेरी ग़ैरत को जोश दिलाया, अपने बेकार बुतों से मुझे ग़ुस्सा दिलाया है। चुनाँचे मैं ख़ुद ही उन्हें ग़ैरत दिलाऊँगा, एक ऐसी क़ौम के ज़रीए जो हक़ीक़त में क़ौम नहीं है। एक नादान क़ौम के ज़रीए मैं उन्हें ग़ुस्सा दिलाऊँगा।
Deut UrduGeoD 32:22  क्योंकि मेरे ग़ुस्से से आग भड़क उठी है जो पाताल की तह तक पहुँचेगी और ज़मीन और उस की पैदावार हड़प करके पहाड़ों की बुनियादों को जला देगी।
Deut UrduGeoD 32:23  मैं उन पर मुसीबत पर मुसीबत आने दूँगा और अपने तमाम तीर उन पर चलाऊँगा।
Deut UrduGeoD 32:24  भूक के मारे उनकी ताक़त जाती रहेगी, और वह बुख़ार और वबाई अमराज़ का लुक़मा बनेंगे। मैं उनके ख़िलाफ़ फाड़नेवाले जानवर और ज़हरीले साँप भेज दूँगा।
Deut UrduGeoD 32:25  बाहर तलवार उन्हें बेऔलाद कर देगी, और घर में दहशत फैल जाएगी। शीरख़ार बच्चे, नौजवान लड़के-लड़कियाँ और बुज़ुर्ग सब उस की गिरिफ़्त में आ जाएंगे।
Deut UrduGeoD 32:26  मुझे कहना चाहिए था कि मैं उन्हें चकनाचूर करके इनसानों में से उनका नामो-निशान मिटा दूँगा।
Deut UrduGeoD 32:27  लेकिन अंदेशा था कि दुश्मन ग़लत मतलब निकालकर कहे, ‘हम ख़ुद उन पर ग़ालिब आए, इसमें रब का हाथ नहीं है’।”
Deut UrduGeoD 32:28  क्योंकि यह क़ौम बेसमझ और हिकमत से ख़ाली है।
Deut UrduGeoD 32:29  काश वह दानिशमंद होकर यह बात समझें! काश वह जान लें कि उनका क्या अंजाम है।
Deut UrduGeoD 32:30  क्योंकि दुश्मन का एक आदमी किस तरह हज़ार इसराईलियों का ताक़्क़ुब कर सकता है? उसके दो मर्द किस तरह दस हज़ार इसराईलियों को भगा सकते हैं? वजह सिर्फ़ यह है कि उनकी चटान ने उन्हें दुश्मन के हाथ बेच दिया। रब ने ख़ुद उन्हें दुश्मन के क़ब्ज़े में कर दिया।
Deut UrduGeoD 32:31  हमारे दुश्मन ख़ुद मानते हैं कि इसराईल की चटान हमारी चटान जैसी नहीं है।
Deut UrduGeoD 32:32  उनकी बेल तो सदूम की बेल और अमूरा के बाग़ से है, उनके अंगूर ज़हरीले और उनके गुच्छे कड़वे हैं।
Deut UrduGeoD 32:33  उनकी मै साँपों का मोहलक ज़हर है।
Deut UrduGeoD 32:34  रब फ़रमाता है, “क्या मैंने इन बातों पर मुहर लगाकर उन्हें अपने ख़ज़ाने में महफ़ूज़ नहीं रखा?
Deut UrduGeoD 32:35  इंतक़ाम लेना मेरा ही काम है, मैं ही बदला लूँगा। एक वक़्त आएगा कि उनका पाँव फिसलेगा। क्योंकि उनकी तबाही का दिन क़रीब है, उनका अंजाम जल्द ही आनेवाला है।”
Deut UrduGeoD 32:36  यक़ीनन रब अपनी क़ौम का इनसाफ़ करेगा। वह अपने ख़ादिमों पर तरस खाएगा जब देखेगा कि उनकी ताक़त जाती रही है और कोई नहीं बचा।
Deut UrduGeoD 32:37  उस वक़्त वह पूछेगा, “अब उनके देवता कहाँ हैं, वह चटान जिसकी पनाह उन्होंने ली?
Deut UrduGeoD 32:38  वह देवता कहाँ हैं जिन्होंने उनके बेहतरीन जानवर खाए और उनकी मै की नज़रें पी लीं। वह तुम्हारी मदद के लिए उठें और तुम्हें पनाह दें।
Deut UrduGeoD 32:39  अब जान लो कि मैं और सिर्फ़ मैं ख़ुदा हूँ। मेरे सिवा कोई और ख़ुदा नहीं है। मैं ही हलाक करता और मैं ही ज़िंदा कर देता हूँ। मैं ही ज़ख़मी करता और मैं ही शफ़ा देता हूँ। कोई मेरे हाथ से नहीं बचा सकता।
Deut UrduGeoD 32:40  मैं अपना हाथ आसमान की तरफ़ उठाकर एलान करता हूँ कि मेरी अबदी हयात की क़सम,
Deut UrduGeoD 32:41  जब मैं अपनी चमकती हुई तलवार को तेज़ करके अदालत के लिए पकड़ लूँगा तो अपने मुख़ालिफ़ों से इंतक़ाम और अपने नफ़रत करनेवालों से बदला लूँगा।
Deut UrduGeoD 32:42  मेरे तीर ख़ून पी पीकर नशे में धुत हो जाएंगे, मेरी तलवार मक़तूलों और क़ैदियों के ख़ून और दुश्मन के सरदारों के सरों से सेर हो जाएगी।”
Deut UrduGeoD 32:43  ऐ दीगर क़ौमो, उस की उम्मत के साथ ख़ुशी मनाओ! क्योंकि वह अपने ख़ादिमों के ख़ून का इंतक़ाम लेगा। वह अपने मुख़ालिफ़ों से बदला लेकर अपने मुल्क और क़ौम का कफ़्फ़ारा देगा।
Deut UrduGeoD 32:44  मूसा और यशुअ बिन नून ने आकर इसराईलियों को यह पूरा गीत सुनाया।
Deut UrduGeoD 32:45  फिर मूसा ने उनसे कहा, “आज मैंने तुम्हें इन तमाम बातों से आगाह किया है। लाज़िम है कि वह तुम्हारे दिलों में बैठ जाएँ। अपनी औलाद को भी हुक्म दो कि एहतियात से इस शरीअत की तमाम बातों पर अमल करे।
Deut UrduGeoD 32:46  फिर मूसा ने उनसे कहा, “आज मैंने तुम्हें इन तमाम बातों से आगाह किया है। लाज़िम है कि वह तुम्हारे दिलों में बैठ जाएँ। अपनी औलाद को भी हुक्म दो कि एहतियात से इस शरीअत की तमाम बातों पर अमल करे।
Deut UrduGeoD 32:47  यह ख़ाली बातें नहीं बल्कि तुम्हारी ज़िंदगी का सरचश्मा हैं। इनके मुताबिक़ चलने के बाइस तुम देर तक उस मुल्क में जीते रहोगे जिस पर तुम दरियाए-यरदन को पार करके क़ब्ज़ा करनेवाले हो।”
Deut UrduGeoD 32:48  उसी दिन रब ने मूसा से कहा,
Deut UrduGeoD 32:49  “पहाड़ी सिलसिले अबारीम के पहाड़ नबू पर चढ़ जा जो यरीहू के सामने लेकिन यरदन के मशरिक़ी किनारे पर यानी मोआब के मुल्क में है। वहाँ से कनान पर नज़र डाल, उस मुल्क पर जो मैं इसराईलियों को दे रहा हूँ।
Deut UrduGeoD 32:50  इसके बाद तू वहाँ मरकर अपने बापदादा से जा मिलेगा, बिलकुल उसी तरह जिस तरह तेरा भाई हारून होर पहाड़ पर मरकर अपने बापदादा से जा मिला है।
Deut UrduGeoD 32:51  क्योंकि तुम दोनों इसराईलियों के रूबरू बेवफ़ा हुए। जब तुम दश्ते-सीन में क़ादिस के क़रीब थे और मरीबा के चश्मे पर इसराईलियों के सामने खड़े थे तो तुमने मेरी क़ुद्दूसियत क़ायम न रखी।
Deut UrduGeoD 32:52  इस सबब से तू वह मुल्क सिर्फ़ दूर से देखेगा जो मैं इसराईलियों को दे रहा हूँ। तू ख़ुद उसमें दाख़िल नहीं होगा।”