JOB
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Chapter 22
Job | UrduGeoD | 22:2 | “क्या अल्लाह इनसान से फ़ायदा उठा सकता है? हरगिज़ नहीं! उसके लिए दानिशमंद भी फ़ायदे का बाइस नहीं। | |
Job | UrduGeoD | 22:3 | अगर तू रास्तबाज़ हो भी तो क्या वह इससे अपने लिए नफ़ा उठा सकता है? हरगिज़ नहीं! अगर तू बेइलज़ाम ज़िंदगी गुज़ारे तो क्या उसे कुछ हासिल होता है? | |
Job | UrduGeoD | 22:4 | अल्लाह तुझे तेरी ख़ुदातरस ज़िंदगी के सबब से मलामत नहीं कर रहा। यह न सोच कि वह इसी लिए अदालत में तुझसे जवाब तलब कर रहा है। | |
Job | UrduGeoD | 22:6 | जब तेरे भाइयों ने तुझसे क़र्ज़ लिया तो तूने बिलावजह वह चीज़ें अपना ली होंगी जो उन्होंने तुझे ज़मानत के तौर पर दी थीं, तूने उन्हें उनके कपड़ों से महरूम कर दिया होगा। | |
Job | UrduGeoD | 22:7 | तूने थकेमाँदों को पानी पिलाने से और भूके मरनेवालों को खाना खिलाने से इनकार किया होगा। | |
Job | UrduGeoD | 22:8 | बेशक तेरा रवैया इस ख़याल पर मबनी था कि पूरा मुल्क ताक़तवरों की मिलकियत है, कि सिर्फ़ बड़े लोग उसमें रह सकते हैं। | |
Job | UrduGeoD | 22:11 | यही वजह है कि तुझ पर ऐसा अंधेरा छा गया है कि तू देख नहीं सकता, कि सैलाब ने तुझे डुबो दिया है। | |
Job | UrduGeoD | 22:12 | क्या अल्लाह आसमान की बुलंदियों पर नहीं होता? वह तो सितारों पर नज़र डालता है, ख़ाह वह कितने ही ऊँचे क्यों न हों। | |
Job | UrduGeoD | 22:13 | तो भी तू कहता है, ‘अल्लाह क्या जानता है? क्या वह काले बादलों में से देखकर अदालत कर सकता है? | |
Job | UrduGeoD | 22:14 | वह घने बादलों में छुपा रहता है, इसलिए जब वह आसमान के गुंबद पर चलता है तो उसे कुछ नज़र नहीं आता।’ | |
Job | UrduGeoD | 22:16 | वह तो अपने मुक़र्ररा वक़्त से पहले ही सुकड़ गए, उनकी बुनियादें सैलाब से ही उड़ा ली गईं। | |
Job | UrduGeoD | 22:17 | उन्होंने अल्लाह से कहा, ‘हमसे दूर हो जा,’ और ‘क़ादिरे-मुतलक़ हमारे लिए क्या कुछ कर सकता है?’ | |
Job | UrduGeoD | 22:18 | लेकिन अल्लाह ही ने उनके घरों को भरपूर ख़ुशहाली से नवाज़ा, गो बेदीनों के बुरे मनसूबे उससे दूर ही दूर रहते हैं। | |
Job | UrduGeoD | 22:23 | अगर तू क़ादिरे-मुतलक़ के पास वापस आए तो बहाल हो जाएगा, और तेरे ख़ैमे से बदी दूर ही रहेगी। | |
Job | UrduGeoD | 22:28 | जो कुछ भी तू करने का इरादा रखे उसमें तुझे कामयाबी होगी, तेरी राहों पर रौशनी चमकेगी। | |
Job | UrduGeoD | 22:29 | क्योंकि जो शेख़ी बघारता है उसे अल्लाह पस्त करता जबकि जो पस्तहाल है उसे वह नजात देता है। | |