NUMBERS
Chapter 15
Numb | UrduGeoD | 15:3 | तो जलनेवाली क़ुरबानियाँ यों पेश करना : अगर तुम अपने गाय-बैलों या भेड़-बकरियों में से ऐसी क़ुरबानी पेश करना चाहो जिसकी ख़ुशबू रब को पसंद हो तो साथ साथ डेढ़ किलोग्राम बेहतरीन मैदा भी पेश करो जो एक लिटर ज़ैतून के तेल के साथ मिलाया गया हो। इसमें कोई फ़रक़ नहीं कि यह भस्म होनेवाली क़ुरबानी, मन्नत की क़ुरबानी, दिली ख़ुशी की क़ुरबानी या किसी ईद की क़ुरबानी हो। | |
Numb | UrduGeoD | 15:4 | तो जलनेवाली क़ुरबानियाँ यों पेश करना : अगर तुम अपने गाय-बैलों या भेड़-बकरियों में से ऐसी क़ुरबानी पेश करना चाहो जिसकी ख़ुशबू रब को पसंद हो तो साथ साथ डेढ़ किलोग्राम बेहतरीन मैदा भी पेश करो जो एक लिटर ज़ैतून के तेल के साथ मिलाया गया हो। इसमें कोई फ़रक़ नहीं कि यह भस्म होनेवाली क़ुरबानी, मन्नत की क़ुरबानी, दिली ख़ुशी की क़ुरबानी या किसी ईद की क़ुरबानी हो। | |
Numb | UrduGeoD | 15:6 | जब मेंढा क़ुरबान किया जाए तो 3 किलोग्राम बेहतरीन मैदा भी साथ पेश करना जो सवा लिटर तेल के साथ मिलाया गया हो। | |
Numb | UrduGeoD | 15:7 | सवा लिटर मै भी मै की नज़र के तौर पर पेश की जाए। ऐसी क़ुरबानी की ख़ुशबू रब को पसंद आएगी। | |
Numb | UrduGeoD | 15:8 | अगर तू रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानी, मन्नत की क़ुरबानी या सलामती की क़ुरबानी के तौर पर जवान बैल पेश करना चाहे | |
Numb | UrduGeoD | 15:9 | तो उसके साथ साढ़े 4 किलोग्राम बेहतरीन मैदा भी पेश करना जो दो लिटर तेल के साथ मिलाया गया हो। | |
Numb | UrduGeoD | 15:10 | दो लिटर मै भी मै की नज़र के तौर पर पेश की जाए। ऐसी क़ुरबानी की ख़ुशबू रब को पसंद है। | |
Numb | UrduGeoD | 15:11 | लाज़िम है कि जब भी किसी गाय, बैल, भेड़, मेंढे, बकरी या बकरे को चढ़ाया जाए तो ऐसा ही किया जाए। | |
Numb | UrduGeoD | 15:12 | अगर एक से ज़ायद जानवरों को क़ुरबान करना है तो हर एक के लिए मुक़र्ररा ग़ल्ला और मै की नज़रें भी साथ ही पेश की जाएँ। | |
Numb | UrduGeoD | 15:13 | लाज़िम है कि हर देसी इसराईली जलनेवाली क़ुरबानियाँ पेश करते वक़्त ऐसा ही करे। फिर उनकी ख़ुशबू रब को पसंद आएगी। | |
Numb | UrduGeoD | 15:14 | यह भी लाज़िम है कि इसराईल में आरिज़ी या मुस्तक़िल तौर पर रहनेवाले परदेसी इन उसूलों के मुताबिक़ अपनी क़ुरबानियाँ चढ़ाएँ। फिर उनकी ख़ुशबू रब को पसंद आएगी। | |
Numb | UrduGeoD | 15:15 | मुल्के-कनान में रहनेवाले तमाम लोगों के लिए पाबंदियाँ एक जैसी हैं, ख़ाह वह देसी हों या परदेसी, क्योंकि रब की नज़र में परदेसी तुम्हारे बराबर है। यह तुम्हारे और तुम्हारी औलाद के लिए दायमी उसूल है। | |
Numb | UrduGeoD | 15:18 | “इसराईलियों को बताना कि जब तुम उस मुल्क में दाख़िल होगे जिसमें मैं तुम्हें ले जा रहा हूँ | |
Numb | UrduGeoD | 15:19 | और वहाँ की पैदावार खाओगे तो पहले उसका एक हिस्सा उठानेवाली क़ुरबानी के तौर पर रब को पेश करना। | |
Numb | UrduGeoD | 15:20 | फ़सल के पहले ख़ालिस आटे में से मेरे लिए एक रोटी बनाकर उठानेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करो। वह गाहने की जगह की तरफ़ से रब के लिए उठानेवाली क़ुरबानी होगी। | |
Numb | UrduGeoD | 15:21 | अपनी फ़सल के पहले ख़ालिस आटे में से यह क़ुरबानी पेश किया करो। यह उसूल हमेशा तक लागू रहे। | |
Numb | UrduGeoD | 15:22 | हो सकता है कि ग़ैरइरादी तौर पर तुमसे ग़लती हुई है और तुमने उन अहकाम पर पूरे तौर पर अमल नहीं किया जो रब मूसा को दे चुका है | |
Numb | UrduGeoD | 15:24 | अगर जमात इस बात से नावाक़िफ़ थी और ग़ैरइरादी तौर पर उससे ग़लती हुई तो फिर पूरी जमात एक जवान बैल भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करे। साथ ही वह मुक़र्ररा ग़ल्ला और मै की नज़रें भी पेश करे। इसकी ख़ुशबू रब को पसंद होगी। इसके अलावा जमात गुनाह की क़ुरबानी के लिए एक बकरा पेश करे। | |
Numb | UrduGeoD | 15:25 | इमाम इसराईल की पूरी जमात का कफ़्फ़ारा दे तो उन्हें मुआफ़ी मिलेगी, क्योंकि उनका गुनाह ग़ैरइरादी था और उन्होंने रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानी और गुनाह की क़ुरबानी पेश की है। | |
Numb | UrduGeoD | 15:26 | इसराईलियों की पूरी जमात को परदेसियों समेत मुआफ़ी मिलेगी, क्योंकि गुनाह ग़ैरइरादी था। | |
Numb | UrduGeoD | 15:27 | अगर सिर्फ़ एक शख़्स से ग़ैरइरादी तौर पर गुनाह हुआ हो तो गुनाह की क़ुरबानी के लिए वह एक यकसाला बकरी पेश करे। | |
Numb | UrduGeoD | 15:28 | इमाम रब के सामने उस शख़्स का कफ़्फ़ारा दे। जब कफ़्फ़ारा दे दिया गया तो उसे मुआफ़ी हासिल होगी। | |
Numb | UrduGeoD | 15:29 | यही उसूल परदेसी पर भी लागू है। अगर उससे ग़ैरइरादी तौर पर गुनाह हुआ हो तो वह मुआफ़ी हासिल करने के लिए वही कुछ करे जो इसराईली को करना होता है। | |
Numb | UrduGeoD | 15:30 | लेकिन अगर कोई देसी या परदेसी जान-बूझकर गुनाह करता है तो ऐसा शख़्स रब की इहानत करता है, इसलिए लाज़िम है कि उसे उस की क़ौम में से मिटाया जाए। | |
Numb | UrduGeoD | 15:31 | उसने रब का कलाम हक़ीर जानकर उसके अहकाम तोड़ डाले हैं, इसलिए उसे ज़रूर क़ौम में से मिटाया जाए। वह अपने गुनाह का ज़िम्मादार है।” | |
Numb | UrduGeoD | 15:32 | जब इसराईली रेगिस्तान में से गुज़र रहे थे तो एक आदमी को पकड़ा गया जो हफ़ते के दिन लकड़ियाँ जमा कर रहा था। | |
Numb | UrduGeoD | 15:34 | चूँकि साफ़ मालूम नहीं था कि उसके साथ क्या किया जाए इसलिए उन्होंने उसे गिरिफ़्तार कर लिया। | |
Numb | UrduGeoD | 15:35 | फिर रब ने मूसा से कहा, “इस आदमी को ज़रूर सज़ाए-मौत दी जाए। पूरी जमात उसे ख़ैमागाह के बाहर ले जाकर संगसार करे।” | |
Numb | UrduGeoD | 15:36 | चुनाँचे जमात ने उसे ख़ैमागाह के बाहर ले जाकर संगसार किया, जिस तरह रब ने मूसा को हुक्म दिया था। | |
Numb | UrduGeoD | 15:38 | “इसराईलियों को बताना कि तुम और तुम्हारे बाद की नसलें अपने लिबास के किनारों पर फुँदने लगाएँ। हर फुँदना एक क़िरमिज़ी डोरी से लिबास के साथ लगा हो। | |
Numb | UrduGeoD | 15:39 | इन फुँदनों को देखकर तुम्हें रब के तमाम अहकाम याद रहेंगे और तुम उन पर अमल करोगे। फिर तुम अपने दिलों और आँखों की ग़लत ख़ाहिशों के पीछे नहीं पड़ोगे बल्कि ज़िनाकारी से दूर रहोगे। | |
Numb | UrduGeoD | 15:40 | फिर तुम मेरे अहकाम को याद करके उन पर अमल करोगे और अपने ख़ुदा के सामने मख़सूसो-मुक़द्दस रहोगे। | |