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Chapter 1
II P | UrduGeoD | 1:1 | यह ख़त ईसा मसीह के ख़ादिम और रसूल शमौन पतरस की तरफ़ से है। मैं उन सबको लिख रहा हूँ जिन्हें हमारे ख़ुदा और नजातदहिंदा ईसा मसीह की रास्तबाज़ी के वसीले से वही बेशक़ीमत ईमान बख़्शा गया है जो हमें भी मिला। | |
II P | UrduGeoD | 1:2 | ख़ुदा करे कि आप उसे और हमारे ख़ुदावंद ईसा को जानने में तरक़्क़ी करते करते कसरत से फ़ज़ल और सलामती पाते जाएँ। | |
II P | UrduGeoD | 1:3 | अल्लाह ने अपनी इलाही क़ुदरत से हमें वह सब कुछ अता किया है जो ख़ुदातरस ज़िंदगी गुज़ारने के लिए ज़रूरी है। और हमें यह उसे जान लेने से हासिल हुआ है। क्योंकि उसने हमें अपने ज़ाती जलाल और क़ुदरत के ज़रीए बुलाया है। | |
II P | UrduGeoD | 1:4 | इस जलाल और क़ुदरत से उसने हमें वह अज़ीम और बेशक़ीमत चीज़ें दी हैं जिनका वादा उसने किया था। क्योंकि वह चाहता था कि आप इनसे दुनिया की बुरी ख़ाहिशात से पैदा होनेवाले फ़साद से बचकर उस की इलाही ज़ात में शरीक हो जाएँ। | |
II P | UrduGeoD | 1:5 | यह सब कुछ पेशे-नज़र रखकर पूरी लग्न से कोशिश करें कि आपके ईमान से अख़लाक़ पैदा हो जाए, अख़लाक़ से इल्म, | |
II P | UrduGeoD | 1:8 | क्योंकि जितना ही आप इन ख़ूबियों में बढ़ते जाएंगे उतना ही यह आपको इससे महफ़ूज़ रखेंगी कि आप हमारे ख़ुदावंद ईसा मसीह को जानने में सुस्त और बेफल रहें। | |
II P | UrduGeoD | 1:9 | लेकिन जिसमें यह खूबियाँ नहीं हैं उस की नज़र इतनी कमज़ोर है कि वह अंधा है। वह भूल गया है कि उसे उसके गुज़रे गुनाहों से पाक-साफ़ किया गया है। | |
II P | UrduGeoD | 1:10 | चुनाँचे भाइयो, मज़ीद लग्न से अपने बुलावे और चुनाव की तसदीक़ करने में कोशाँ रहें। क्योंकि यह करने से आप गिर जाने से बचेंगे | |
II P | UrduGeoD | 1:11 | और अल्लाह बड़ी ख़ुशी से आपको हमारे ख़ुदावंद और नजातदहिंदा ईसा मसीह की बादशाही में दाख़िल होने की इजाज़त देगा। | |
II P | UrduGeoD | 1:12 | इसलिए मैं हमेशा आपको इन बातों की याद दिलाता रहूँगा, हालाँकि आप इनसे वाक़िफ़ हैं और मज़बूती से उस सच्चाई पर क़ायम हैं जो आपको मिली है। | |
II P | UrduGeoD | 1:13 | बल्कि मैं अपना फ़र्ज़ समझता हूँ कि जितनी और देर मैं जिस्म की इस झोंपड़ी में रहता हूँ आपको इन बातों की याद दिलाने से उभारता रहूँ। | |
II P | UrduGeoD | 1:14 | क्योंकि मुझे मालूम है कि अब मेरी यह झोंपड़ी जल्द ही ढा दी जाएगी। हमारे ख़ुदावंद ईसा मसीह ने भी मुझ पर यह ज़ाहिर किया था। | |
II P | UrduGeoD | 1:15 | लेकिन मैं पूरी कोशिश करूँगा कि मेरे कूच कर जाने के बाद भी आप हर वक़्त इन बातों को याद रख सकें। | |
II P | UrduGeoD | 1:16 | क्योंकि जब हमने आपको अपने और आपके ख़ुदावंद मसीह की क़ुदरत और आमद के बारे में बताया तो हम चालाकी से घड़े क़िस्से-कहानियों पर इनहिसार नहीं कर रहे थे बल्कि हमने यह गवाहों की हैसियत से बताया। क्योंकि हमने अपनी ही आँखों से उस की अज़मत देखी थी। | |
II P | UrduGeoD | 1:17 | हम मौजूद थे जब उसे ख़ुदा बाप से इज़्ज़तो-जलाल मिला, जब एक आवाज़ ने अल्लाह की पुरजलाल शान से आकर कहा, “यह मेरा प्यारा फ़रज़ंद है जिससे मैं ख़ुश हूँ।” | |
II P | UrduGeoD | 1:19 | इस तजरबे की बिना पर हमारा नबियों के पैग़ाम पर एतमाद ज़्यादा मज़बूत है। आप अच्छा करेंगे अगर इस पर ख़ूब ध्यान दें। क्योंकि यह किसी तारीक जगह में रौशनी की मानिंद है जो उस वक़्त तक चमकती रहेगी जब तक पौ फटकर सुबह का सितारा आपके दिलों में तुलू न हो जाए। | |
II P | UrduGeoD | 1:20 | सबसे बढ़कर आपको यह समझने की ज़रूरत है कि कलामे-मुक़द्दस की कोई भी पेशगोई नबी की अपनी ही तफ़सीर से पैदा नहीं होती। | |
Chapter 2
II P | UrduGeoD | 2:1 | लेकिन जिस तरह माज़ी में इसराईल क़ौम में झूटे नबी भी थे, उसी तरह आपमें से भी झूटे उस्ताद खड़े हो जाएंगे। यह ख़ुदा की जमातों में मोहलक तालीमात फैलाएँगे बल्कि अपने मालिक को जानने से इनकार भी करेंगे जिसने उन्हें ख़रीद लिया था। ऐसी हरकतों से यह जल्द ही अपने आप पर हलाकत लाएँगे। | |
II P | UrduGeoD | 2:2 | बहुत-से लोग उनकी ऐयाश हरकतों की पैरवी करेंगे, और इस वजह से दूसरे सच्चाई की राह पर कुफ़र बकेंगे। | |
II P | UrduGeoD | 2:3 | लालच के सबब से यह उस्ताद आपको फ़रज़ी कहानियाँ सुनाकर आपकी लूट-खसोट करेंगे। लेकिन अल्लाह ने बड़ी देर से उन्हें मुजरिम ठहराया, और उसका फ़ैसला सुस्तरफ़्तार नहीं है। हाँ, उनका मुंसिफ़ ऊँघ नहीं रहा बल्कि उन्हें हलाक करने के लिए तैयार खड़ा है। | |
II P | UrduGeoD | 2:4 | देखें, अल्लाह ने उन फ़रिश्तों को बचने न दिया जिन्होंने गुनाह किया बल्कि उन्हें तारीकी की ज़ंजीरों में बाँधकर जहन्नुम में डाल दिया जहाँ वह अदालत के दिन तक महफ़ूज़ रहेंगे। | |
II P | UrduGeoD | 2:5 | इसी तरह उसने क़दीम दुनिया को बचने न दिया बल्कि उसके बेदीन बाशिंदों पर सैलाब को आने दिया। उसने सिर्फ़ रास्तबाज़ी के पैग़ंबर नूह को सात और जानों समेत बचाया। | |
II P | UrduGeoD | 2:6 | और उसने सदूम और अमूरा के शहरों को मुजरिम क़रार देकर राख कर दिया। यों अल्लाह ने उन्हें इबरत बनाकर दिखाया कि बेदीनों के साथ क्या कुछ किया जाएगा। | |
II P | UrduGeoD | 2:7 | साथ साथ उसने लूत को बचाया जो रास्तबाज़ था और बेउसूल लोगों के गंदे चाल-चलन देख देखकर पिसता रहा। | |
II P | UrduGeoD | 2:8 | क्योंकि यह रास्तबाज़ आदमी उनके दरमियान बसता था, और उस की रास्तबाज़ जान रोज़ बरोज़ उनकी शरीर हरकतें देख और सुनकर सख़्त अज़ाब में फँसी रही। | |
II P | UrduGeoD | 2:9 | यों ज़ाहिर है कि रब दीनदार लोगों को आज़माइश से बचाना और बेदीनों को अदालत के दिन तक सज़ा के तहत रखना जानता है, | |
II P | UrduGeoD | 2:10 | ख़ासकर उन्हें जो अपने जिस्म की गंदी ख़ाहिशात के पीछे लगे रहते और ख़ुदावंद के इख़्तियार को हक़ीर जानते हैं। यह लोग गुस्ताख़ और मग़रूर हैं और जलाली हस्तियों पर कुफ़र बकने से नहीं डरते। | |
II P | UrduGeoD | 2:11 | इसके मुक़ाबले में फ़रिश्ते भी जो कहीं ज़्यादा ताक़तवर और क़वी हैं रब के हुज़ूर ऐसी हस्तियों पर बुहतान और इलज़ामात लगाने की जुर्रत नहीं करते। | |
II P | UrduGeoD | 2:12 | लेकिन यह झूटे उस्ताद बेअक़्ल जानवरों की मानिंद हैं, जो फ़ितरी तौर पर इसलिए पैदा हुए हैं कि उन्हें पकड़ा और ख़त्म किया जाए। जो कुछ वह नहीं समझते उस पर वह कुफ़र बकते हैं। और जंगली जानवरों की तरह वह भी हलाक हो जाएंगे। | |
II P | UrduGeoD | 2:13 | यों जो नुक़सान उन्होंने दूसरों को पहुँचाया वही उन्हें ख़ुद भुगतना पड़ेगा। उनके नज़दीक लुत्फ़ उठाने से मुराद यह है कि दिन के वक़्त खुलकर ऐश करें। वह दाग़ और धब्बे हैं जो आपकी ज़ियाफ़तों में शरीक होकर अपनी दग़ाबाज़ियों की रंगरलियाँ मनाते हैं। | |
II P | UrduGeoD | 2:14 | उनकी आँखें हर वक़्त किसी बदकार औरत से ज़िना करने की तलाश में रहती हैं और गुनाह करने से कभी नहीं रुकतीं। वह कमज़ोर लोगों को ग़लत काम करने के लिए उकसाते और लालच करने में माहिर हैं। उन पर अल्लाह की लानत! | |
II P | UrduGeoD | 2:15 | वह सहीह राह से हटकर आवारा फिर रहे और बिलाम बिन बओर के नक़्शे-क़दम पर चल रहे हैं, क्योंकि बिलाम ने पैसों के लालच में ग़लत काम किया। | |
II P | UrduGeoD | 2:16 | लेकिन गधी ने उसे इस गुनाह के सबब से डाँटा। इस जानवर ने जो बोलने के क़ाबिल नहीं था इनसान की-सी आवाज़ में बात की और नबी को उस की दीवानगी से रोक दिया। | |
II P | UrduGeoD | 2:17 | यह लोग सूखे हुए चश्मे और आँधी से धकेले हुए बादल हैं। इनकी तक़दीर अंधेरे का तारीकतरीन हिस्सा है। | |
II P | UrduGeoD | 2:18 | यह मग़रूर बातें करते हैं जिनके पीछे कुछ नहीं है और ग़ैरअख़लाक़ी जिस्मानी शहवतों से ऐसे लोगों को उकसाते हैं जो हाल ही में धोके की ज़िंदगी गुज़ारनेवालों में से बच निकले हैं। | |
II P | UrduGeoD | 2:19 | यह उन्हें आज़ाद करने का वादा करते हैं जबकि ख़ुद बदकारी के ग़ुलाम हैं। क्योंकि इनसान उसी का ग़ुलाम है जो उस पर ग़ालिब आ गया है। | |
II P | UrduGeoD | 2:20 | और जो हमारे ख़ुदावंद और नजातदहिंदा ईसा मसीह को जान लेने से इस दुनिया की आलूदगी से बच निकलते हैं, लेकिन बाद में एक बार फिर इसमें फँसकर मग़लूब हो जाते हैं उनका अंजाम पहले की निसबत ज़्यादा बुरा हो जाता है। | |
II P | UrduGeoD | 2:21 | हाँ, जिन लोगों ने रास्तबाज़ी की राह को जान लिया, लेकिन बाद में उस मुक़द्दस हुक्म से मुँह फेर लिया जो उनके हवाले किया गया था, उनके लिए बेहतर होता कि वह इस राह से कभी वाक़िफ़ न होते। | |
Chapter 3
II P | UrduGeoD | 3:1 | अज़ीज़ो, यह अब दूसरा ख़त है जो मैंने आपको लिख दिया है। दोनों ख़तों में मैंने कई बातों की याद दिलाकर आपके ज़हनों में पाक सोच उभारने की कोशिश की। | |
II P | UrduGeoD | 3:2 | मैं चाहता हूँ कि आप वह कुछ याद रखें जिसकी पेशगोई मुक़द्दस नबियों ने की थी और साथ साथ हमारे ख़ुदावंद और नजातदहिंदा का वह हुक्म भी जो आपको अपने रसूलों की मारिफ़त मिला। | |
II P | UrduGeoD | 3:3 | अव्वल आपको यह बात समझने की ज़रूरत है कि इन आख़िरी दिनों में ऐसे लोग आएँगे जो मज़ाक़ उड़ाकर अपनी शहवतों के क़ब्ज़े में रहेंगे। | |
II P | UrduGeoD | 3:4 | वह पूछेंगे, “ईसा ने आने का वादा तो किया, लेकिन वह कहाँ है? हमारे बापदादा तो मर चुके हैं, और दुनिया की तख़लीक़ से लेकर आज तक सब कुछ वैसे का वैसा ही है।” | |
II P | UrduGeoD | 3:5 | लेकिन यह लोग नज़रंदाज़ करते हैं कि क़दीम ज़माने में अल्लाह के हुक्म पर आसमानों की तख़लीक़ हुई और ज़मीन पानी में से और पानी के ज़रीए वुजूद में आई। | |
II P | UrduGeoD | 3:7 | और अल्लाह के इसी हुक्म ने मौजूदा आसमान और ज़मीन को आग के लिए महफ़ूज़ कर रखा है, उस दिन के लिए जब बेदीन लोगों की अदालत की जाएगी और वह हलाक हो जाएंगे। | |
II P | UrduGeoD | 3:8 | लेकिन मेरे अज़ीज़ो, एक बात आपसे पोशीदा न रहे। ख़ुदावंद के नज़दीक एक दिन हज़ार साल के बराबर है और हज़ार साल एक दिन के बराबर। | |
II P | UrduGeoD | 3:9 | ख़ुदावंद अपना वादा पूरा करने में देर नहीं करता जिस तरह कुछ लोग समझते हैं बल्कि वह तो आपकी ख़ातिर सब्र कर रहा है। क्योंकि वह नहीं चाहता कि कोई हलाक हो जाए बल्कि यह कि सब तौबा की नौबत तक पहुँचें। | |
II P | UrduGeoD | 3:10 | लेकिन ख़ुदावंद का दिन चोर की तरह आएगा। आसमान बड़े शोर के साथ ख़त्म हो जाएंगे, अजरामे-फ़लकी आग में पिघल जाएंगे और ज़मीन उसके कामों समेत ज़ाहिर होकर अदालत में पेश की जाएगी। | |
II P | UrduGeoD | 3:11 | अब सोचें, अगर सब कुछ इस तरह ख़त्म हो जाएगा तो फिर आप किस क़िस्म के लोग होने चाहिएँ? आपको मुक़द्दस और ख़ुदातरस ज़िंदगी गुज़ारते हुए | |
II P | UrduGeoD | 3:12 | अल्लाह के दिन की राह देखनी चाहिए। हाँ, आपको यह कोशिश करनी चाहिए कि वह दिन जल्दी आए जब आसमान जल जाएंगे और अजरामे-फ़लकी आग में पिघल जाएंगे। | |
II P | UrduGeoD | 3:13 | लेकिन हम उन नए आसमानों और नई ज़मीन के इंतज़ार में हैं जिनका वादा अल्लाह ने किया है। और वहाँ रास्ती सुकूनत करेगी। | |
II P | UrduGeoD | 3:14 | चुनाँचे अज़ीज़ो, चूँकि आप इस इंतज़ार में हैं इसलिए पूरी लग्न के साथ कोशाँ रहें कि आप अल्लाह के नज़दीक बेदाग़ और बेइलज़ाम ठहरें और आपकी उसके साथ सुलह हो। | |
II P | UrduGeoD | 3:15 | याद रखें कि हमारे ख़ुदावंद का सब्र लोगों को नजात पाने का मौक़ा देता है। हमारे अज़ीज़ भाई पौलुस ने भी उस हिकमत के मुताबिक़ जो अल्लाह ने उसे अता की है आपको यही कुछ लिखा है। | |
II P | UrduGeoD | 3:16 | वह यही कुछ अपने तमाम ख़तों में लिखता है जब वह इस मज़मून का ज़िक्र करता है। उसके ख़तों में कुछ ऐसी बातें हैं जो समझने में मुश्किल हैं और जिन्हें जाहिल और कमज़ोर लोग तोड़-मरोड़कर बयान करते हैं, बिलकुल उसी तरह जिस तरह वह बाक़ी सहीफ़ों के साथ भी करते हैं। लेकिन इससे वह अपने आपको ही हलाक कर रहे हैं। | |
II P | UrduGeoD | 3:17 | मेरे अज़ीज़ो, मैं आपको वक़्त से पहले इन बातों से आगाह कर रहा हूँ। इसलिए ख़बरदार रहें ताकि बेउसूल लोगों की ग़लत सोच आपको बहकाकर आपको महफ़ूज़ मक़ाम से हटा न दे। | |