JOHN
Chapter 1
John | UrduGeoD | 1:3 | सब कुछ कलाम के वसीले से पैदा हुआ। मख़लूक़ात की एक भी चीज़ उसके बग़ैर पैदा नहीं हुई। | |
John | UrduGeoD | 1:7 | वह नूर की गवाही देने के लिए आया। मक़सद यह था कि लोग उस की गवाही की बिना पर ईमान लाएँ। | |
John | UrduGeoD | 1:10 | गो कलाम दुनिया में था और दुनिया उसके वसीले से पैदा हुई तो भी दुनिया ने उसे न पहचाना। | |
John | UrduGeoD | 1:12 | तो भी कुछ उसे क़बूल करके उसके नाम पर ईमान लाए। उन्हें उसने अल्लाह के फ़रज़ंद बनने का हक़ बख़्श दिया, | |
John | UrduGeoD | 1:13 | ऐसे फ़रज़ंद जो न फ़ितरी तौर पर, न किसी इनसान के मनसूबे के तहत पैदा हुए बल्कि अल्लाह से। | |
John | UrduGeoD | 1:14 | कलाम इनसान बनकर हमारे दरमियान रिहाइशपज़ीर हुआ और हमने उसके जलाल का मुशाहदा किया। वह फ़ज़ल और सच्चाई से मामूर था और उसका जलाल बाप के इकलौते फ़रज़ंद का-सा था। | |
John | UrduGeoD | 1:15 | यहया उसके बारे में गवाही देकर पुकार उठा, “यह वही है जिसके बारे में मैंने कहा, एक मेरे बाद आनेवाला है जो मुझसे बड़ा है, क्योंकि वह मुझसे पहले था।” | |
John | UrduGeoD | 1:17 | क्योंकि शरीअत मूसा की मारिफ़त दी गई, लेकिन अल्लाह का फ़ज़ल और सच्चाई ईसा मसीह के वसीले से क़ायम हुई। | |
John | UrduGeoD | 1:18 | किसी ने कभी भी अल्लाह को नहीं देखा। लेकिन इकलौता फ़रज़ंद जो अल्लाह की गोद में है उसी ने अल्लाह को हम पर ज़ाहिर किया है। | |
John | UrduGeoD | 1:19 | यह यहया की गवाही है जब यरूशलम के यहूदियों ने इमामों और लावियों को उसके पास भेजकर पूछा, “आप कौन हैं?” | |
John | UrduGeoD | 1:21 | उन्होंने पूछा, “तो फिर आप कौन हैं? क्या आप इलियास हैं?” उसने जवाब दिया, “नहीं, मैं वह नहीं हूँ।” उन्होंने सवाल किया, “क्या आप आनेवाला नबी हैं?” उसने कहा, “नहीं।” | |
John | UrduGeoD | 1:22 | “तो फिर हमें बताएँ कि आप कौन हैं? जिन्होंने हमें भेजा है उन्हें हमें कोई न कोई जवाब देना है। आप ख़ुद अपने बारे में क्या कहते हैं?” | |
John | UrduGeoD | 1:23 | यहया ने यसायाह नबी का हवाला देकर जवाब दिया, “मैं रेगिस्तान में वह आवाज़ हूँ जो पुकार रही है, रब का रास्ता सीधा बनाओ।” | |
John | UrduGeoD | 1:25 | उन्होंने पूछा, “अगर आप न मसीह हैं, न इलियास या आनेवाला नबी तो फिर आप बपतिस्मा क्यों दे रहे हैं?” | |
John | UrduGeoD | 1:26 | यहया ने जवाब दिया, “मैं तो पानी से बपतिस्मा देता हूँ, लेकिन तुम्हारे दरमियान ही एक खड़ा है जिसको तुम नहीं जानते। | |
John | UrduGeoD | 1:29 | अगले दिन यहया ने ईसा को अपने पास आते देखा। उसने कहा, “देखो, यह अल्लाह का लेला है जो दुनिया का गुनाह उठा ले जाता है। | |
John | UrduGeoD | 1:30 | यह वही है जिसके बारे में मैंने कहा, ‘एक मेरे बाद आनेवाला है जो मुझसे बड़ा है, क्योंकि वह मुझसे पहले था।’ | |
John | UrduGeoD | 1:31 | मैं तो उसे नहीं जानता था, लेकिन मैं इसलिए आकर पानी से बपतिस्मा देने लगा ताकि वह इसराईल पर ज़ाहिर हो जाए।” | |
John | UrduGeoD | 1:32 | और यहया ने यह गवाही दी, “मैंने देखा कि रूहुल-क़ुद्स कबूतर की तरह आसमान पर से उतरकर उस पर ठहर गया। | |
John | UrduGeoD | 1:33 | मैं तो उसे नहीं जानता था, लेकिन जब अल्लाह ने मुझे बपतिस्मा देने के लिए भेजा तो उसने मुझे बताया, ‘तू देखेगा कि रूहुल-क़ुद्स उतरकर किसी पर ठहर जाएगा। यह वही होगा जो रूहुल-क़ुद्स से बपतिस्मा देगा।’ | |
John | UrduGeoD | 1:38 | ईसा ने मुड़कर देखा कि यह मेरे पीछे चल रहे हैं तो उसने पूछा, “तुम क्या चाहते हो?” उन्होंने कहा, “उस्ताद, आप कहाँ ठहरे हुए हैं?” | |
John | UrduGeoD | 1:39 | उसने जवाब दिया, “आओ, ख़ुद देख लो।” चुनाँचे वह उसके साथ गए। उन्होंने वह जगह देखी जहाँ वह ठहरा हुआ था और दिन के बाक़ी वक़्त उसके पास रहे। शाम के तक़रीबन चार बज गए थे। | |
John | UrduGeoD | 1:40 | शमौन पतरस का भाई अंदरियास उन दो शागिर्दों में से एक था जो यहया की बात सुनकर ईसा के पीछे हो लिए थे। | |
John | UrduGeoD | 1:41 | अब उस की पहली मुलाक़ात उसके अपने भाई शमौन से हुई। उसने उसे बताया, “हमें मसीह मिल गया है।” (मसीह का मतलब ‘मसह किया हुआ शख़्स’ है।) | |
John | UrduGeoD | 1:42 | फिर वह उसे ईसा के पास ले गया। उसे देखकर ईसा ने कहा, “तू यूहन्ना का बेटा शमौन है। तू कैफ़ा कहलाएगा।” (इसका यूनानी तरजुमा पतरस यानी पत्थर है।) | |
John | UrduGeoD | 1:43 | अगले दिन ईसा ने गलील जाने का इरादा किया। फ़िलिप्पुस से मिला तो उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।” | |
John | UrduGeoD | 1:45 | फ़िलिप्पुस नतनेल से मिला, और उसने उससे कहा, “हमें वही शख़्स मिल गया जिसका ज़िक्र मूसा ने तौरेत और नबियों ने अपने सहीफ़ों में किया है। उसका नाम ईसा बिन यूसुफ़ है और वह नासरत का रहनेवाला है।” | |
John | UrduGeoD | 1:46 | नतनेल ने कहा, “नासरत? क्या नासरत से कोई अच्छी चीज़ निकल सकती है?” फ़िलिप्पुस ने जवाब दिया, “आ और ख़ुद देख ले।” | |
John | UrduGeoD | 1:47 | जब ईसा ने नतनेल को आते देखा तो उसने कहा, “लो, यह सच्चा इसराईली है जिसमें मकर नहीं।” | |
John | UrduGeoD | 1:48 | नतनेल ने पूछा, “आप मुझे कहाँ से जानते हैं?” ईसा ने जवाब दिया, “इससे पहले कि फ़िलिप्पुस ने तुझे बुलाया मैंने तुझे देखा। तू अंजीर के दरख़्त के साय में था।” | |
John | UrduGeoD | 1:50 | ईसा ने उससे पूछा, “अच्छा, मेरी यह बात सुनकर कि मैंने तुझे अंजीर के दरख़्त के साय में देखा तू ईमान लाया है? तू इससे कहीं बड़ी बातें देखेगा।” | |