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Chapter 105
Psal | UrduGeoD | 105:5 | जो मोजिज़े उसने किए उन्हें याद करो। उसके इलाही निशान और उसके मुँह के फ़ैसले दोहराते रहो। | |
Psal | UrduGeoD | 105:6 | तुम जो उसके ख़ादिम इब्राहीम की औलाद और याक़ूब के फ़रज़ंद हो, जो उसके बरगुज़ीदा लोग हो, तुम्हें सब कुछ याद रहे! | |
Psal | UrduGeoD | 105:8 | वह हमेशा अपने अहद का ख़याल रखता है, उस कलाम का जो उसने हज़ार पुश्तों के लिए फ़रमाया था। | |
Psal | UrduGeoD | 105:9 | यह वह अहद है जो उसने इब्राहीम से बाँधा, वह वादा जो उसने क़सम खाकर इसहाक़ से किया था। | |
Psal | UrduGeoD | 105:10 | उसने उसे याक़ूब के लिए क़ायम किया ताकि वह उसके मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारे, उसने तसदीक़ की कि यह मेरा इसराईल से अबदी अहद है। | |
Psal | UrduGeoD | 105:11 | साथ साथ उसने फ़रमाया, “मैं तुझे मुल्के-कनान दूँगा। यह तेरी मीरास का हिस्सा होगा।” | |
Psal | UrduGeoD | 105:14 | लेकिन अल्लाह ने उन पर किसी को ज़ुल्म करने न दिया, और उनकी ख़ातिर उसने बादशाहों को डाँटा, | |
Psal | UrduGeoD | 105:16 | फिर अल्लाह ने मुल्के-कनान में काल पड़ने दिया और ख़ुराक का हर ज़ख़ीरा ख़त्म किया। | |
Psal | UrduGeoD | 105:17 | लेकिन उसने उनके आगे आगे एक आदमी को मिसर भेजा यानी यूसुफ़ को जो ग़ुलाम बनकर फ़रोख़्त हुआ। | |
Psal | UrduGeoD | 105:19 | जब तक वह कुछ पूरा न हुआ जिसकी पेशगोई यूसुफ़ ने की थी, जब तक रब के फ़रमान ने उस की तसदीक़ न की। | |
Psal | UrduGeoD | 105:20 | तब मिसरी बादशाह ने अपने बंदों को भेजकर उसे रिहाई दी, क़ौमों के हुक्मरान ने उसे आज़ाद किया। | |
Psal | UrduGeoD | 105:22 | यूसुफ़ को फ़िरौन के रईसों को अपनी मरज़ी के मुताबिक़ चलाने और मिसरी बुज़ुर्गों को हिकमत की तालीम देने की ज़िम्मादारी भी दी गई। | |
Psal | UrduGeoD | 105:23 | फिर याक़ूब का ख़ानदान मिसर आया, और इसराईल हाम के मुल्क में अजनबी की हैसियत से बसने लगा। | |
Psal | UrduGeoD | 105:24 | वहाँ अल्लाह ने अपनी क़ौम को बहुत फलने फूलने दिया, उसने उसे उसके दुश्मनों से ज़्यादा ताक़तवर बना दिया। | |
Psal | UrduGeoD | 105:25 | साथ साथ उसने मिसरियों का रवैया बदल दिया, तो वह उस की क़ौम इसराईल से नफ़रत करके रब के ख़ादिमों से चालाकियाँ करने लगे। | |
Psal | UrduGeoD | 105:27 | मुल्के-हाम में आकर उन्होंने उनके दरमियान अल्लाह के इलाही निशान और मोजिज़े दिखाए। | |
Psal | UrduGeoD | 105:28 | अल्लाह के हुक्म पर मिसर पर तारीकी छा गई, मुल्क में अंधेरा हो गया। लेकिन उन्होंने उसके फ़रमान न माने। | |
Psal | UrduGeoD | 105:30 | मिसर के मुल्क पर मेंढकों के ग़ोल छा गए जो उनके हुक्मरानों के अंदरूनी कमरों तक पहुँच गए। | |
Psal | UrduGeoD | 105:33 | उसने उनकी अंगूर की बेलें और अंजीर के दरख़्त तबाह कर दिए, उनके इलाक़े के दरख़्त तोड़ डाले। | |
Psal | UrduGeoD | 105:36 | फिर अल्लाह ने मिसर में तमाम पहलौठों को मार डाला, उनकी मरदानगी का पहला फल तमाम हुआ। | |
Psal | UrduGeoD | 105:37 | इसके बाद वह इसराईल को चाँदी और सोने से नवाज़कर मिसर से निकाल लाया। उस वक़्त उसके क़बीलों में ठोकर खानेवाला एक भी नहीं था। | |
Psal | UrduGeoD | 105:39 | दिन को अल्लाह ने उनके ऊपर बादल कम्बल की तरह बिछा दिया, रात को आग मुहैया की ताकि रौशनी हो। | |
Psal | UrduGeoD | 105:41 | उसने चटान को चाक किया तो पानी फूट निकला, और रेगिस्तान में पानी की नदियाँ बहने लगीं। | |
Psal | UrduGeoD | 105:42 | क्योंकि उसने उस मुक़द्दस वादे का ख़याल रखा जो उसने अपने ख़ादिम इब्राहीम से किया था। | |
Psal | UrduGeoD | 105:43 | चुनाँचे वह अपनी चुनी हुई क़ौम को मिसर से निकाल लाया, और वह ख़ुशी और शादमानी के नारे लगाकर निकल आए। | |
Psal | UrduGeoD | 105:44 | उसने उन्हें दीगर अक़वाम के ममालिक दिए, और उन्होंने दीगर उम्मतों की मेहनत के फल पर क़ब्ज़ा किया। | |