Chapter 1
| I Pe | UrduGeoD | 1:1 | यह ख़त ईसा मसीह के रसूल पतरस की तरफ़ से है। मैं अल्लाह के चुने हुओं को लिख रहा हूँ, दुनिया के उन मेहमानों को जो पुंतुस, गलतिया, कप्पदुकिया, आसिया और बिथुनिया के सूबों में बिखरे हुए हैं। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:2 | ख़ुदा बाप ने आपको बहुत देर पहले जानकर चुन लिया और उसके रूह ने आपको मख़सूसो-मुक़द्दस कर दिया। नतीजे में आप ईसा मसीह के ताबे और उसके छिड़काए गए ख़ून से पाक-साफ़ हो गए हैं। अल्लाह आपको भरपूर फ़ज़ल और सलामती बख़्शे। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:3 | ख़ुदा हमारे ख़ुदावंद ईसा मसीह के बाप की तारीफ़ हो! अपने अज़ीम रहम से उसने ईसा मसीह को ज़िंदा करने के वसीले से हमें नए सिरे से पैदा किया है। इससे हमें एक ज़िंदा उम्मीद मिली है, | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:4 | एक ऐसी मीरास जो कभी नहीं सड़ेगी, कभी नहीं नापाक हो जाएगी और कभी नहीं मुरझाएगी। क्योंकि यह आसमान पर आपके लिए महफ़ूज़ रखी गई है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:5 | और अल्लाह आपके ईमान के ज़रीए अपनी क़ुदरत से आपकी उस वक़्त तक हिफ़ाज़त करता रहेगा जब तक आपको नजात न मिल जाए, वह नजात जो आख़िरत के दिन सब पर ज़ाहिर होने के लिए तैयार है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:6 | उस वक़्त आप ख़ुशी मनाएँगे, गो फ़िलहाल आपको थोड़ी देर के लिए तरह तरह की आज़माइशों का सामना करके ग़म खाना पड़ता है | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:7 | ताकि आपका ईमान असली साबित हो जाए। क्योंकि जिस तरह आग सोने को आज़माकर ख़ालिस बना देती है उसी तरह आपका ईमान भी आज़माया जा रहा है, हालाँकि यह फ़ानी सोने से कहीं ज़्यादा क़ीमती है। क्योंकि अल्लाह चाहता है कि आपको उस दिन तारीफ़, जलाल और इज़्ज़त मिल जाए जब ईसा मसीह ज़ाहिर होगा। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:8 | उसी को आप प्यार करते हैं अगरचे आपने उसे देखा नहीं, और उसी पर आप ईमान रखते हैं गो वह आपको इस वक़्त नज़र नहीं आता। हाँ, आप दिल में नाक़ाबिले-बयान और जलाली ख़ुशी मनाएँगे, | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:10 | नबी इसी नजात की तलाश और तफ़तीश में लगे रहे, और उन्होंने उस फ़ज़ल की पेशगोई की जो अल्लाह आपको देनेवाला था। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:11 | उन्होंने मालूम करने की कोशिश की कि मसीह का रूह जो उनमें था किस वक़्त या किन हालात के बारे में बात कर रहा था जब उसने मसीह के दुख और बाद के जलाल की पेशगोई की। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:12 | उन पर इतना ज़ाहिर किया गया कि उनकी यह पेशगोइयाँ उनके अपने लिए नहीं थीं, बल्कि आपके लिए। और अब यह सब कुछ आपको उन्हीं के वसीले से पेश किया गया है जिन्होंने आसमान से भेजे गए रूहुल-क़ुद्स के ज़रीए आपको अल्लाह की ख़ुशख़बरी सुनाई है। यह ऐसी बातें हैं जिन पर फ़रिश्ते भी नज़र डालने के आरज़ूमंद हैं। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:13 | चुनाँचे ज़हनी तौर पर कमरबस्ता हो जाएँ। होशमंदी से अपनी पूरी उम्मीद उस फ़ज़ल पर रखें जो आपको ईसा मसीह के ज़ुहूर पर बख़्शा जाएगा। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:14 | आप अल्लाह के ताबेफ़रमान फ़रज़ंद हैं, इसलिए उन बुरी ख़ाहिशात को अपनी ज़िंदगी में जगह न दें जो आप जाहिल होते वक़्त रखते थे। वरना वह आपकी ज़िंदगी को अपने साँचे में ढाल लेंगी। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:15 | इसके बजाए अल्लाह की मानिंद बनें जिसने आपको बुलाया है। जिस तरह वह क़ुद्दूस है उसी तरह आप भी हर वक़्त मुक़द्दस ज़िंदगी गुज़ारें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:16 | क्योंकि कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, “अपने आपको मख़सूसो-मुक़द्दस रखो क्योंकि मैं मुक़द्दस हूँ।” | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:17 | और याद रखें कि आसमानी बाप जिससे आप दुआ करते हैं जानिबदारी नहीं करता बल्कि आपके अमल के मुताबिक़ आपका फ़ैसला करेगा। चुनाँचे जब तक आप इस दुनिया के मेहमान रहेंगे ख़ुदा के ख़ौफ़ में ज़िंदगी गुज़ारें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:18 | क्योंकि आप ख़ुद जानते हैं कि आपको बापदादा की बेमानी ज़िंदगी से छुड़ाने के लिए क्या फ़िद्या दिया गया। यह सोने या चाँदी जैसी फ़ानी चीज़ नहीं थी | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:19 | बल्कि मसीह का क़ीमती ख़ून था। उसी को बेनुक़्स और बेदाग़ लेले की हैसियत से हमारे लिए क़ुरबान किया गया। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:20 | उसे दुनिया की तख़लीक़ से पेशतर चुना गया, लेकिन इन आख़िरी दिनों में आपकी ख़ातिर ज़ाहिर किया गया। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:21 | और उसके वसीले से आप अल्लाह पर ईमान रखते हैं जिसने उसे मुरदों में से ज़िंदा करके इज़्ज़तो-जलाल दिया ताकि आपका ईमान और उम्मीद अल्लाह पर हो। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:22 | सच्चाई के ताबे हो जाने से आपको मख़सूसो-मुक़द्दस कर दिया गया और आपके दिलों में भाइयों के लिए बेरिया मुहब्बत डाली गई है। चुनाँचे अब एक दूसरे को ख़ुलूसदिली और लग्न से प्यार करते रहें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:23 | क्योंकि आपकी नए सिरे से पैदाइश हुई है। और यह किसी फ़ानी बीज का फल नहीं है बल्कि अल्लाह के लाफ़ानी, ज़िंदा और क़ायम रहनेवाले कलाम का फल है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 1:24 | यों कलामे-मुक़द्दस फ़रमाता है, “तमाम इनसान घास ही हैं, उनकी तमाम शानो-शौकत जंगली फूल की मानिंद है। घास तो मुरझा जाती और फूल गिर जाता है, | |
Chapter 2
| I Pe | UrduGeoD | 2:1 | चुनाँचे अपनी ज़िंदगी से तमाम तरह की बुराई, धोकेबाज़ी, रियाकारी, हसद और बुहतान निकालें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:2 | चूँकि आप नौमौलूद बच्चे हैं इसलिए ख़ालिस रूहानी दूध पीने के आरज़ूमंद रहें, क्योंकि इसे पीने से ही आप बढ़ते बढ़ते नजात की नौबत तक पहुँचेंगे। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:4 | ख़ुदावंद के पास आएँ, उस ज़िंदा पत्थर के पास जिसे इनसानों ने रद्द किया है, लेकिन जो अल्लाह के नज़दीक चुनीदा और क़ीमती है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:5 | और आप भी ज़िंदा पत्थर हैं जिनको अल्लाह अपने रूहानी मक़दिस को तामीर करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है। न सिर्फ़ यह बल्कि आप उसके मख़सूसो-मुक़द्दस इमाम हैं। ईसा मसीह के वसीले से आप ऐसी रूहानी क़ुरबानियाँ पेश कर रहे हैं जो अल्लाह को पसंद हैं। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:6 | क्योंकि कलामे-मुक़द्दस फ़रमाता है, “देखो, मैं सिय्यून में एक पत्थर रख देता हूँ, कोने का एक चुनीदा और क़ीमती पत्थर। जो उस पर ईमान लाएगा उसे शरमिंदा नहीं किया जाएगा।” | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:7 | यह पत्थर आपके नज़दीक जो ईमान रखते हैं बेशक़ीमत है। लेकिन जो ईमान नहीं लाए उन्होंने उसे रद्द किया। “जिस पत्थर को मकान बनानेवालों ने रद्द किया वह कोने का बुनियादी पत्थर बन गया।” | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:8 | नीज़ वह एक ऐसा पत्थर है “जो ठोकर का बाइस बनेगा, एक चटान जो ठेस लगने का सबब होगी।” वह इसलिए ठोकर खाते हैं क्योंकि वह कलामे-मुक़द्दस के ताबे नहीं होते। यही कुछ अल्लाह की उनके लिए मरज़ी थी। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:9 | लेकिन आप अल्लाह की चुनी हुई नसल हैं, आप आसमानी बादशाह के इमाम और उस की मख़सूसो-मुक़द्दस क़ौम हैं। आप उस की मिलकियत बन गए हैं ताकि अल्लाह के क़वी कामों का एलान करें, क्योंकि वह आपको तारीकी से अपनी हैरतअंगेज़ रौशनी में लाया है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:10 | एक वक़्त था जब आप उस की क़ौम नहीं थे, लेकिन अब आप अल्लाह की क़ौम हैं। पहले आप पर रहम नहीं हुआ था, लेकिन अब अल्लाह ने आप पर अपने रहम का इज़हार किया है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:11 | अज़ीज़ो, आप इस दुनिया में अजनबी और मेहमान हैं। इसलिए मैं आपको ताकीद करता हूँ कि आप जिस्मानी ख़ाहिशात का इनकार करें। क्योंकि यह आपकी जान से लड़ती हैं। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:12 | ग़ैरईमानदारों के दरमियान रहते हुए इतनी अच्छी ज़िंदगी गुज़ारें कि गो वह आप पर ग़लत काम करने की तोहमत भी लगाएँ तो भी उन्हें आपके नेक काम नज़र आएँ और उन्हें अल्लाह की आमद के दिन उस की तमजीद करनी पड़े। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:13 | ख़ुदावंद की ख़ातिर हर इनसानी इख़्तियार के ताबे रहें, ख़ाह बादशाह हो जो सबसे आला इख़्तियार रखनेवाला है, | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:14 | ख़ाह उसके वज़ीर जिन्हें उसने इसलिए मुक़र्रर किया है कि वह ग़लत काम करनेवालों को सज़ा और अच्छा काम करनेवालों को शाबाश दें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:15 | क्योंकि अल्लाह की मरज़ी है कि आप अच्छा काम करने से नासमझ लोगों की जाहिल बातों को बंद करें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:16 | आप आज़ाद हैं, इसलिए आज़ादाना ज़िंदगी गुज़ारें। लेकिन अपनी आज़ादी को ग़लत काम छुपाने के लिए इस्तेमाल न करें, क्योंकि आप अल्लाह के ख़ादिम हैं। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:17 | हर एक का मुनासिब एहतराम करें, अपने बहन-भाइयों से मुहब्बत रखें, ख़ुदा का ख़ौफ़ मानें, बादशाह का एहतराम करें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:18 | ऐ ग़ुलामो, हर लिहाज़ से अपने मालिकों का एहतराम करके उनके ताबे रहें। और यह सुलूक न सिर्फ़ उनके साथ हो जो नेक और नरमदिल हैं बल्कि उनके साथ भी जो ज़ालिम हैं। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:19 | क्योंकि अगर कोई अल्लाह की मरज़ी का ख़याल करके बेइनसाफ़ तकलीफ़ का ग़म सब्र से बरदाश्त करे तो यह अल्लाह का फ़ज़ल है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:20 | बेशक इसमें फ़ख़र की कोई बात नहीं अगर आप सब्र से पिटाई की वह सज़ा बरदाश्त करें जो आपको ग़लत काम करने की वजह से मिली हो। लेकिन अगर आपको अच्छा काम करने की वजह से दुख सहना पड़े और आप यह सज़ा सब्र से बरदाश्त करें तो यह अल्लाह का फ़ज़ल है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:21 | आपको इसी के लिए बुलाया गया है। क्योंकि मसीह ने आपकी ख़ातिर दुख सहने में आपके लिए एक नमूना छोड़ा है। और वह चाहता है कि आप उसके नक़्शे-क़दम पर चलें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:23 | जब लोगों ने उसे गालियाँ दीं तो उसने जवाब में गालियाँ न दीं। जब उसे दुख सहना पड़ा तो उसने किसी को धमकी न दी बल्कि उसने अपने आपको अल्लाह के हवाले कर दिया जो इनसाफ़ से अदालत करता है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 2:24 | मसीह ख़ुद अपने बदन पर हमारे गुनाहों को सलीब पर ले गया ताकि हम गुनाहों के एतबार से मर जाएँ और यों हमारा गुनाह से ताल्लुक़ ख़त्म हो जाए। अब वह चाहता है कि हम रास्तबाज़ी की ज़िंदगी गुज़ारें। क्योंकि आपको उसी के ज़ख़मों के वसीले से शफ़ा मिली है। | |
Chapter 3
| I Pe | UrduGeoD | 3:1 | इसी तरह आप बीवियों को भी अपने अपने शौहर के ताबे रहना है। क्योंकि इस तरह वह जो ईमान नहीं रखते अपनी बीवी के चाल-चलन से जीते जा सकते हैं। कुछ कहने की ज़रूरत नहीं रहेगी | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:2 | क्योंकि वह देखेंगे कि आप कितनी पाकीज़गी से ख़ुदा के ख़ौफ़ में ज़िंदगी गुज़ारती हैं। | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:3 | इसकी फ़िकर मत करना कि आप ज़ाहिरी तौर पर आरास्ता हों, मसलन खास तौर-तरीक़ों से गुंधे हुए बालों से या सोने के ज़ेवर और शानदार लिबास पहनने से। | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:4 | इसके बजाए इसकी फ़िकर करें कि आपकी बातिनी शख़्सियत आरास्ता हो। क्योंकि जो रूह नरमदिली और सुकून के लाफ़ानी ज़ेवरों से सजी हुई है वही अल्लाह के नज़दीक बेशक़ीमत है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:5 | माज़ी में अल्लाह पर उम्मीद रखनेवाली मुक़द्दस ख़वातीन भी इसी तरह अपना सिंगार किया करती थीं। यों वह अपने शौहरों के ताबे रहीं, | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:6 | सारा की तरह जो अपने शौहर इब्राहीम को आक़ा कहकर उस की मानती थी। आप तो सारा की बेटियाँ बन गई हैं। चुनाँचे नेक काम करें और किसी भी चीज़ से न डरें, ख़ाह वह कितनी ही डरावनी क्यों न हो। | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:7 | इस तरह लाज़िम है कि आप जो शौहर हैं समझ के साथ अपनी बीवियों के साथ ज़िंदगी गुज़ारें, यह जानकर कि यह आपकी निसबत कमज़ोर हैं। उनकी इज़्ज़त करें, क्योंकि यह भी आपके साथ ज़िंदगी के फ़ज़ल की वारिस हैं। ऐसा न हो कि इसमें बेपरवाई करने से आपकी दुआइया ज़िंदगी में रुकावट पैदा हो जाए। | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:8 | आख़िर में एक और बात, आप सब एक ही सोच रखें और एक दूसरे से ताल्लुक़ात में हमदर्दी, प्यार, रहम और हलीमी का इज़हार करें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:9 | किसी के ग़लत काम के जवाब में ग़लत काम मत करना, न किसी की गालियों के जवाब में गाली देना। इसके बजाए जवाब में ऐसे शख़्स को बरकत दें, क्योंकि अल्लाह ने आपको भी इसलिए बुलाया है कि आप उस की बरकत विरासत में पाएँ। | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:10 | कलामे-मुक़द्दस यों फ़रमाता है, “कौन मज़े से ज़िंदगी गुज़ारना और अच्छे दिन देखना चाहता है? वह अपनी ज़बान को शरीर बातें करने से रोके और अपने होंटों को झूट बोलने से। | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:12 | क्योंकि रब की आँखें रास्तबाज़ों पर लगी रहती हैं, और उसके कान उनकी दुआओं की तरफ़ मायल हैं। लेकिन रब का चेहरा उनके ख़िलाफ़ है जो ग़लत काम करते हैं।” | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:14 | लेकिन अगर आपको रास्त काम करने की वजह से दुख भी उठाना पड़े तो आप मुबारक हैं। उनकी धमकियों से मत डरना और मत घबराना | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:15 | बल्कि अपने दिलों में ख़ुदावंद मसीह को मख़सूसो-मुक़द्दस जानें। और जो भी आपसे आपकी मसीह पर उम्मीद के बारे में पूछे हर वक़्त उसे जवाब देने के लिए तैयार रहें। लेकिन नरमदिली से और ख़ुदा के ख़ौफ़ के साथ जवाब दें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:16 | साथ साथ आपका ज़मीर साफ़ हो। फिर जो लोग आपके मसीह में अच्छे चाल-चलन के बारे में ग़लत बातें कर रहे हैं उन्हें अपनी तोहमत पर शर्म आएगी। | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:17 | याद रहे कि ग़लत काम करने की वजह से दुख सहने की निसबत बेहतर यह है कि हम नेक काम करने की वजह से तकलीफ़ उठाएँ, बशर्तेकि यह अल्लाह की मरज़ी हो। | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:18 | क्योंकि मसीह ने हमारे गुनाहों को मिटाने की ख़ातिर एक बार सदा के लिए मौत सही। हाँ, जो रास्तबाज़ है उसने यह नारास्तों के लिए किया ताकि आपको अल्लाह के पास पहुँचाए। उसे बदन के एतबार से सज़ाए-मौत दी गई, लेकिन रूह के एतबार से उसे ज़िंदा कर दिया गया। | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:20 | यह उनकी रूहें थीं जो उन दिनों में नाफ़रमान थे जब नूह अपनी कश्ती बना रहा था। उस वक़्त अल्लाह सब्र से इंतज़ार करता रहा, लेकिन आख़िरकार सिर्फ़ चंद एक लोग यानी आठ अफ़राद पानी में से गुज़रकर बच निकले। | |
| I Pe | UrduGeoD | 3:21 | यह पानी उस बपतिस्मे की तरफ़ इशारा है जो इस वक़्त आपको नजात दिलाता है। इससे जिस्म की गंदगी दूर नहीं की जाती बल्कि बपतिस्मा लेते वक़्त हम अल्लाह से अर्ज़ करते हैं कि वह हमारा ज़मीर पाक-साफ़ कर दे। फिर यह आपको ईसा मसीह के जी उठने से नजात दिलाता है। | |
Chapter 4
| I Pe | UrduGeoD | 4:1 | अब चूँकि मसीह ने जिस्मानी तौर पर दुख उठाया इसलिए आप भी अपने आपको उस की-सी सोच से लैस करें। क्योंकि जिसने मसीह की ख़ातिर जिस्मानी तौर पर दुख सह लिया है उसने गुनाह से निपट लिया है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:2 | नतीजे में वह ज़मीन पर अपनी बाक़ी ज़िंदगी इनसान की बुरी ख़ाहिशात पूरी करने में नहीं गुज़ारेगा बल्कि अल्लाह की मरज़ी पूरी करने में। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:3 | माज़ी में आपने काफ़ी वक़्त वह कुछ करने में गुज़ारा जो ग़ैरईमानदार पसंद करते हैं यानी ऐयाशी, शहवतपरस्ती, नशाबाज़ी, शराबनोशी, रंगरलियों, नाच-रंग और घिनौनी बुतपरस्ती में। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:4 | अब आपके ग़ैरईमानदार दोस्त ताज्जुब करते हैं कि आप उनके साथ मिलकर ऐयाशी के इस तेज़ धारे में छलाँग नहीं लगाते। इसलिए वह आप पर कुफ़र बकते हैं। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:5 | लेकिन उन्हें अल्लाह को जवाब देना पड़ेगा जो ज़िंदों और मुरदों की अदालत करने के लिए तैयार खड़ा है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:6 | यही वजह है कि अल्लाह की ख़ुशख़बरी उन्हें भी सुनाई गई जो अब मुरदा हैं। मक़सद यह था कि वह अल्लाह के सामने रूह में ज़िंदगी गुज़ार सकें अगरचे इनसानी लिहाज़ से उनके जिस्म की अदालत की गई है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:7 | तमाम चीज़ों का ख़ातमा क़रीब आ गया है। चुनाँचे दुआ करने के लिए चुस्त और होशमंद रहें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:8 | सबसे ज़रूरी बात यह है कि आप एक दूसरे से लगातार मुहब्बत रखें, क्योंकि मुहब्बत गुनाहों की बड़ी तादाद पर परदा डाल देती है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:10 | अल्लाह अपना फ़ज़ल मुख़्तलिफ़ नेमतों से ज़ाहिर करता है। फ़ज़ल का यह इंतज़ाम वफ़ादारी से चलाते हुए एक दूसरे की ख़िदमत करें, हर एक उस नेमत से जो उसे मिली है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:11 | अगर कोई बोले तो अल्लाह के-से अलफ़ाज़ के साथ बोले। अगर कोई ख़िदमत करे तो उस ताक़त के ज़रीए जो अल्लाह उसे मुहैया करता है, क्योंकि इस तरह ही अल्लाह को ईसा मसीह के वसीले से जलाल दिया जाएगा। अज़ल से अबद तक जलाल और क़ुदरत उसी की हो! आमीन। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:12 | अज़ीज़ो, ईज़ारसानी की उस आग पर ताज्जुब न करें जो आपको आज़माने के लिए आप पर आन पड़ी है। यह मत सोचना कि मेरे साथ कैसी ग़ैरमामूली बात हो रही है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:13 | बल्कि ख़ुशी मनाएँ कि आप मसीह के दुखों में शरीक हो रहे हैं। क्योंकि फिर आप उस वक़्त भी ख़ुशी मनाएँगे जब मसीह का जलाल ज़ाहिर होगा। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:14 | अगर लोग इसलिए आपकी बेइज़्ज़ती करते हैं कि आप मसीह के पैरोकार हैं तो आप मुबारक हैं। क्योंकि इसका मतलब है कि अल्लाह का जलाली रूह आप पर ठहरा हुआ है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:15 | अगर आपमें से किसी को दुख उठाना पड़े तो यह इसलिए नहीं होना चाहिए कि आप क़ातिल, चोर, मुजरिम या फ़सादी हैं। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:16 | लेकिन अगर आपको मसीह के पैरोकार होने की वजह से दुख उठाना पड़े तो न शर्माएँ बल्कि मसीह के नाम में अल्लाह की हम्दो-सना करें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 4:17 | क्योंकि अब वक़्त आ गया है कि अल्लाह की अदालत शुरू हो जाए, और पहले उसके घरवालों की अदालत की जाएगी। अगर ऐसा है तो फिर इसका अंजाम उनके लिए क्या होगा जो अल्लाह की ख़ुशख़बरी के ताबे नहीं हैं? | |
Chapter 5
| I Pe | UrduGeoD | 5:1 | अब मैं आपको जो जमातों के बुज़ुर्ग हैं नसीहत करना चाहता हूँ। मैं ख़ुद भी बुज़ुर्ग हूँ बल्कि मसीह के दुखों का गवाह भी हूँ, और मैं आपके साथ उस आनेवाले जलाल में शरीक हो जाऊँगा जो ज़ाहिर हो जाएगा। इस हैसियत से मैं आपसे अपील करता हूँ, | |
| I Pe | UrduGeoD | 5:2 | गल्लाबान होते हुए अल्लाह के उस गल्ले की देख-भाल करें जो आपके सुपुर्द किया गया है। यह ख़िदमत मजबूरन न करें बल्कि ख़ुशी से, क्योंकि यह अल्लाह की मरज़ी है। लालच के बग़ैर पूरी लग्न से यह ख़िदमत सरंजाम दें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 5:3 | जिन्हें आपके सुपुर्द किया गया है उन पर हुकूमत मत करना बल्कि गल्ले के लिए अच्छा नमूना बनें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 5:5 | इसी तरह लाज़िम है कि आप जो जवान हैं बुज़ुर्गों के ताबे रहें। सब इंकिसारी का लिबास पहनकर एक दूसरे की ख़िदमत करें, क्योंकि अल्लाह मग़रूरों का मुक़ाबला करता लेकिन फ़रोतनों पर मेहरबानी करता है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 5:6 | चुनाँचे अल्लाह के क़ादिर हाथ के नीचे झुक जाएँ ताकि वह मौज़ूँ वक़्त पर आपको सरफ़राज़ करे। | |
| I Pe | UrduGeoD | 5:8 | होशमंद रहें, जागते रहें। आपका दुश्मन इबलीस गरजते हुए शेरबबर की तरह घुमता-फिरता और किसी को हड़प कर लेने की तलाश में रहता है। | |
| I Pe | UrduGeoD | 5:9 | ईमान में मज़बूत रहकर उसका मुक़ाबला करें। आपको तो मालूम है कि पूरी दुनिया में आपके भाई इसी क़िस्म का दुख उठा रहे हैं। | |
| I Pe | UrduGeoD | 5:10 | लेकिन आपको ज़्यादा देर के लिए दुख उठाना नहीं पड़ेगा। क्योंकि हर तरह के फ़ज़ल का ख़ुदा जिसने आपको मसीह में अपने अबदी जलाल में शरीक होने के लिए बुलाया है वह ख़ुद आपको कामिलियत तक पहुँचाएगा, मज़बूत बनाएगा, तक़वियत देगा और एक ठोस बुनियाद पर खड़ा करेगा। | |
| I Pe | UrduGeoD | 5:12 | मैं आपको यह मुख़तसर ख़त सिलवानुस की मदद से लिख रहा हूँ जिसे मैं वफ़ादार भाई समझता हूँ। मैं इससे आपकी हौसलाअफ़्ज़ाई और इसकी तसदीक़ करना चाहता हूँ कि यही अल्लाह का हक़ीक़ी फ़ज़ल है। इस पर क़ायम रहें। | |
| I Pe | UrduGeoD | 5:13 | बाबल में जो जमात अल्लाह ने आपकी तरह चुनी है वह आपको सलाम कहती है, और इसी तरह मेरा बेटा मरक़ुस भी। | |