Chapter 1
| I Jo | UrduGeoD | 1:1 | हम आपको उस की मुनादी करते हैं जो इब्तिदा से था, जिसे हमने अपने कानों से सुना, अपनी आँखों से देखा, जिसका मुशाहदा हमने किया और जिसे हमने अपने हाथों से छुआ। वही ज़िंदगी का कलाम है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 1:2 | वह जो ख़ुद ज़िंदगी था ज़ाहिर हुआ, हमने उसे देखा। और अब हम गवाही देकर आपको उस अबदी ज़िंदगी की मुनादी करते हैं जो ख़ुदा बाप के पास थी और हम पर ज़ाहिर हुई है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 1:3 | हम आपको वह कुछ सुनाते हैं जो हमने ख़ुद देख और सुन लिया है ताकि आप भी हमारी रिफ़ाक़त में शरीक हो जाएँ। और हमारी रिफ़ाक़त ख़ुदा बाप और उसके फ़रज़ंद ईसा मसीह के साथ है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 1:5 | जो पैग़ाम हमने उससे सुना और आपको सुना रहे हैं वह यह है, अल्लाह नूर है और उसमें तारीकी है ही नहीं। | |
| I Jo | UrduGeoD | 1:6 | जब हम तारीकी में चलते हुए अल्लाह के साथ रिफ़ाक़त रखने का दावा करते हैं तो हम झूट बोल रहे और सच्चाई के मुताबिक़ ज़िंदगी नहीं गुज़ार रहे। | |
| I Jo | UrduGeoD | 1:7 | लेकिन जब हम नूर में चलते हैं, बिलकुल उसी तरह जिस तरह अल्लाह नूर में है, तो फिर हम एक दूसरे के साथ रिफ़ाक़त रखते हैं और उसके फ़रज़ंद ईसा का ख़ून हमें तमाम गुनाहों से पाक-साफ़ कर देता है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 1:8 | अगर हम गुनाह से पाक होने का दावा करें तो हम अपने आपको फ़रेब देते हैं और हममें सच्चाई नहीं है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 1:9 | लेकिन अगर हम अपने गुनाहों का इक़रार करें तो वह वफ़ादार और रास्त साबित होगा। वह हमारे गुनाहों को मुआफ़ करके हमें तमाम नारास्ती से पाक-साफ़ करेगा। | |
Chapter 2
| I Jo | UrduGeoD | 2:1 | मेरे बच्चो, मैं आपको यह इसलिए लिख रहा हूँ कि आप गुनाह न करें। लेकिन अगर कोई गुनाह करे तो एक है जो ख़ुदा बाप के सामने हमारी शफ़ाअत करता है, ईसा मसीह जो रास्त है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:2 | वही हमारे गुनाहों का कफ़्फ़ारा देनेवाली क़ुरबानी है, और न सिर्फ़ हमारे गुनाहों का बल्कि पूरी दुनिया के गुनाहों का भी। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:4 | जो कहता है, “मैं उसे जानता हूँ” लेकिन उसके अहकाम पर अमल नहीं करता वह झूटा है और सच्चाई उसमें नहीं है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:5 | लेकिन जो उसके कलाम की पैरवी करता है उसमें अल्लाह की मुहब्बत हक़ीक़तन तकमील तक पहुँच गई है। इससे हमें पता चलता है कि हम उसमें हैं। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:6 | जो कहता है कि वह उसमें क़ायम है उसके लिए लाज़िम है कि वह यों चले जिस तरह ईसा चलता था। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:7 | अज़ीज़ो, मैं आपको कोई नया हुक्म नहीं लिख रहा, बल्कि वही पुराना हुक्म जो आपको शुरू से मिला है। यह पुराना हुक्म वही पैग़ाम है जो आपने सुन लिया है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:8 | लेकिन दूसरी तरफ़ से यह हुक्म नया भी है, और इसकी सच्चाई मसीह और आपमें ज़ाहिर हुई है। क्योंकि तारीकी ख़त्म होनेवाली है और हक़ीक़ी रौशनी चमकने लग गई है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:10 | जो अपने भाई से मुहब्बत रखता है वह नूर में रहता है और उसमें कोई भी चीज़ नहीं पाई जाती जो ठोकर का बाइस बन सके। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:11 | लेकिन जो अपने भाई से नफ़रत करता है वह तारीकी ही में है और अंधेरे में चलता-फिरता है। उसको यह नहीं मालूम कि वह कहाँ जा रहा है, क्योंकि तारीकी ने उसे अंधा कर रखा है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:12 | प्यारे बच्चो, मैं आपको इसलिए लिख रहा हूँ कि आपके गुनाहों को उसके नाम की ख़ातिर मुआफ़ कर दिया गया है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:13 | वालिदो, मैं आपको इसलिए लिख रहा हूँ कि आपने उसे जान लिया है जो इब्तिदा ही से है। जवान मर्दो, मैं आपको इसलिए लिख रहा हूँ कि आप इबलीस पर ग़ालिब आ गए हैं। बच्चो, मैं आपको इसलिए लिख रहा हूँ कि आपने बाप को जान लिया है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:14 | वालिदो, मैं आपको इसलिए लिख रहा हूँ कि आपने उसे जान लिया है जो इब्तिदा ही से है। जवान मर्दो, मैं आपको इसलिए लिख रहा हूँ कि आप मज़बूत हैं। अल्लाह का कलाम आपमें बसता है और आप इबलीस पर ग़ालिब आ गए हैं। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:15 | दुनिया को प्यार मत करना, न किसी चीज़ को जो दुनिया में है। अगर कोई दुनिया को प्यार करे तो ख़ुदा बाप की मुहब्बत उसमें नहीं है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:16 | क्योंकि जो भी चीज़ दुनिया में है वह बाप की तरफ़ से नहीं बल्कि दुनिया की तरफ़ से है, ख़ाह वह जिस्म की बुरी ख़ाहिशात, आँखों का लालच या अपनी मिलकियत पर फ़ख़र हो। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:17 | दुनिया और उस की वह चीज़ें जो इनसान चाहता है ख़त्म हो रही हैं, लेकिन जो अल्लाह की मरज़ी पूरी करता है वह अबद तक जीता रहेगा। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:18 | बच्चो, अब आख़िरी घड़ी आ पहुँची है। आपने ख़ुद सुन लिया है कि मुख़ालिफ़े-मसीह आ रहा है, और हक़ीक़तन बहुत-से ऐसे मुख़ालिफ़े-मसीह आ चुके हैं। इससे हमें पता चलता है कि आख़िरी घड़ी आ गई है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:19 | यह लोग हममें से निकले तो हैं, लेकिन हक़ीक़त में हममें से नहीं थे। क्योंकि अगर वह हममें से होते तो वह हमारे साथ ही रहते। लेकिन हमें छोड़ने से ज़ाहिर हुआ कि सब हममें से नहीं हैं। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:20 | लेकिन आप फ़रक़ हैं। आपको उससे जो क़ुद्दूस है रूह का मसह मिल गया है, और आप पूरी सच्चाई को जानते हैं। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:21 | मैं आपको इसलिए नहीं लिख रहा कि आप सच्चाई को नहीं जानते बल्कि इसलिए कि आप सच्चाई जानते हैं और कि कोई भी झूट सच्चाई की तरफ़ से नहीं आ सकता। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:22 | कौन झूटा है? वह जो ईसा के मसीह होने का इनकार करता है। मुख़ालिफ़े-मसीह ऐसा शख़्स है। वह बाप और फ़रज़ंद का इनकार करता है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:23 | जो फ़रज़ंद का इनकार करता है उसके पास बाप भी नहीं है, और जो फ़रज़ंद का इक़रार करता है उसके पास बाप भी है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:24 | चुनाँचे लाज़िम है कि जो कुछ आपने इब्तिदा से सुना वह आपमें रहे। अगर वह आपमें रहे तो आप भी फ़रज़ंद और बाप में रहेंगे। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:26 | मैं आपको यह उनके बारे में लिख रहा हूँ जो आपको सहीह राह से हटाने की कोशिश कर रहे हैं। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:27 | लेकिन आपको उससे रूह का मसह मिल गया है। वह आपके अंदर बसता है, इसलिए आपको इसकी ज़रूरत ही नहीं कि कोई आपको तालीम दे। क्योंकि मसीह का रूह आपको सब बातों के बारे में तालीम देता है और जो कुछ भी वह सिखाता है वह सच है, झूट नहीं। चुनाँचे जिस तरह उसने आपको तालीम दी है, उसी तरह मसीह में रहें। | |
| I Jo | UrduGeoD | 2:28 | और अब प्यारे बच्चो, उसमें क़ायम रहें ताकि उसके ज़ाहिर होने पर हम पूरे एतमाद के साथ उसके सामने खड़े हो सकें और उस की आमद पर शरमिंदा न होना पड़े। | |
Chapter 3
| I Jo | UrduGeoD | 3:1 | ध्यान दें कि बाप ने हमसे कितनी मुहब्बत की है, यहाँ तक कि हम अल्लाह के फ़रज़ंद कहलाते हैं। और हम वाक़ई हैं भी। इसलिए दुनिया हमें नहीं जानती। वह तो उसे भी नहीं जानती। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:2 | अज़ीज़ो, अब हम अल्लाह के फ़रज़ंद हैं, और जो कुछ हम होंगे वह अभी तक ज़ाहिर नहीं हुआ है। लेकिन इतना हम जानते हैं कि जब वह ज़ाहिर हो जाएगा तो हम उस की मानिंद होंगे। क्योंकि हम उसका मुशाहदा वैसे ही करेंगे जैसा वह है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:3 | जो भी मसीह में यह उम्मीद रखता है वह अपने आपको पाक-साफ़ रखता है, वैसे ही जैसा मसीह ख़ुद है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:4 | जो गुनाह करता है वह शरीअत की ख़िलाफ़वरज़ी करता है। हाँ, गुनाह शरीअत की ख़िलाफ़वरज़ी ही है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:5 | लेकिन आप जानते हैं कि ईसा हमारे गुनाहों को उठा ले जाने के लिए ज़ाहिर हुआ। और उसमें गुनाह नहीं है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:6 | जो उसमें क़ायम रहता है वह गुनाह नहीं करता। और जो गुनाह करता रहता है न तो उसने उसे देखा है, न उसे जाना है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:7 | प्यारे बच्चो, किसी को इजाज़त न दें कि वह आपको सहीह राह से हटा दे। जो रास्त काम करता है वह रास्तबाज़, हाँ मसीह जैसा रास्तबाज़ है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:8 | जो गुनाह करता है वह इबलीस से है, क्योंकि इबलीस शुरू ही से गुनाह करता आया है। अल्लाह का फ़रज़ंद इसी लिए ज़ाहिर हुआ कि इबलीस का काम तबाह करे। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:9 | जो भी अल्लाह से पैदा होकर उसका फ़रज़ंद बन गया है वह गुनाह नहीं करेगा, क्योंकि अल्लाह की फ़ितरत उसमें रहती है। वह गुनाह कर ही नहीं सकता क्योंकि वह अल्लाह से पैदा होकर उसका फ़रज़ंद बन गया है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:10 | इससे पता चलता है कि अल्लाह के फ़रज़ंद कौन हैं और इबलीस के फ़रज़ंद कौन : जो रास्त काम नहीं करता, न अपने भाई से मुहब्बत रखता है, वह अल्लाह का फ़रज़ंद नहीं है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:11 | क्योंकि यही वह पैग़ाम है जो आपने शुरू से सुन रखा है, कि हमें एक दूसरे से मुहब्बत रखना है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:12 | क़ाबील की तरह न हों, जो इबलीस का था और जिसने अपने भाई को क़त्ल किया। और उसने उसको क़त्ल क्यों किया? इसलिए कि उसका काम बुरा था जबकि भाई का काम रास्त था। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:14 | हम तो जानते हैं कि हम मौत से निकलकर ज़िंदगी में दाख़िल हो गए हैं। हम यह इसलिए जानते हैं कि हम अपने भाइयों से मुहब्बत रखते हैं। जो मुहब्बत नहीं रखता वह अब तक मौत की हालत में है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:15 | जो भी अपने भाई से नफ़रत रखता है वह क़ातिल है। और आप जानते हैं कि जो क़ातिल है उसमें अबदी ज़िंदगी नहीं रहती। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:16 | इससे ही हमने मुहब्बत को जाना है कि मसीह ने हमारी ख़ातिर अपनी जान दे दी। और हमारा भी फ़र्ज़ यही है कि अपने भाइयों की ख़ातिर अपनी जान दें। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:17 | अगर किसी के माली हालात ठीक हों और वह अपने भाई की ज़रूरतमंद हालत को देखकर रहम न करे तो उसमें अल्लाह की मुहब्बत किस तरह क़ायम रह सकती है? | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:18 | प्यारे बच्चो, आएँ हम अलफ़ाज़ और बातों से मुहब्बत का इज़हार न करें बल्कि हमारी मुहब्बत अमली और हक़ीक़ी हो। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:19 | ग़रज़ इससे हम जान लेते हैं कि हम सच्चाई की तरफ़ से हैं, और यों ही हम अपने दिल को तसल्ली दे सकते हैं | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:20 | जब वह हमें मुजरिम ठहराता है। क्योंकि अल्लाह हमारे दिल से बड़ा है और सब कुछ जानता है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:21 | और अज़ीज़ो, जब हमारा दिल हमें मुजरिम नहीं ठहराता तो हम पूरे एतमाद के साथ अल्लाह के हुज़ूर आ सकते हैं | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:22 | और वह कुछ पाते हैं जो उससे माँगते हैं। क्योंकि हम उसके अहकाम पर चलते हैं और वही कुछ करते हैं जो उसे पसंद है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 3:23 | और उसका यह हुक्म है कि हम उसके फ़रज़ंद ईसा मसीह के नाम पर ईमान लाकर एक दूसरे से मुहब्बत रखें, जिस तरह मसीह ने हमें हुक्म दिया था। | |
Chapter 4
| I Jo | UrduGeoD | 4:1 | अज़ीज़ो, हर एक रूह का यक़ीन मत करना बल्कि रूहों को परखकर मालूम करें कि वह अल्लाह से हैं या नहीं, क्योंकि मुतअद्दिद झूटे नबी दुनिया में निकले हैं। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:2 | इससे आप अल्लाह के रूह को पहचान लेते हैं : जो भी रूह इसका एतराफ़ करती है कि ईसा मसीह मुजस्सम होकर आया है वह अल्लाह से है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:3 | लेकिन जो भी रूह ईसा के बारे में यह तसलीम न करे वह अल्लाह से नहीं है। यह मुख़ालिफ़े-मसीह की रूह है जिसके बारे में आपको ख़बर मिली कि वह आनेवाला है बल्कि इस वक़्त दुनिया में आ चुका है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:4 | लेकिन आप प्यारे बच्चो, अल्लाह से हैं और उन पर ग़ालिब आ गए हैं। क्योंकि जो आपमें है वह उससे बड़ा है जो दुनिया में है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:6 | हम तो अल्लाह से हैं और जो अल्लाह को जानता है वह हमारी सुनता है। लेकिन जो अल्लाह से नहीं है वह हमारी नहीं सुनता। यों हम सच्चाई की रूह और फ़रेब देनेवाली रूह में इम्तियाज़ कर सकते हैं। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:7 | अज़ीज़ो, आएँ हम एक दूसरे से मुहब्बत रखें। क्योंकि मुहब्बत अल्लाह की तरफ़ से है, और जो मुहब्बत रखता है वह अल्लाह से पैदा होकर उसका फ़रज़ंद बन गया है और अल्लाह को जानता है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:9 | इसमें अल्लाह की मुहब्बत हमारे दरमियान ज़ाहिर हुई कि उसने अपने इकलौते फ़रज़ंद को दुनिया में भेज दिया ताकि हम उसके ज़रीए जिएँ। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:10 | यही मुहब्बत है, यह नहीं कि हमने अल्लाह से मुहब्बत की बल्कि यह कि उसने हमसे मुहब्बत करके अपने फ़रज़ंद को भेज दिया ताकि वह हमारे गुनाहों को मिटाने के लिए कफ़्फ़ारा दे। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:11 | अज़ीज़ो, चूँकि अल्लाह ने हमें इतना प्यार किया इसलिए लाज़िम है कि हम भी एक दूसरे को प्यार करें। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:12 | किसी ने भी अल्लाह को नहीं देखा। लेकिन जब हम एक दूसरे को प्यार करते हैं तो अल्लाह हमारे अंदर बसता है और उस की मुहब्बत हमारे अंदर तकमील पाती है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:13 | हम किस तरह जान लेते हैं कि हम उसमें रहते हैं और वह हममें? इस तरह कि उसने हमें अपना रूह बख़्श दिया है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:14 | और हमने यह बात देख ली और इसकी गवाही देते हैं कि ख़ुदा बाप ने अपने फ़रज़ंद को दुनिया का नजातदहिंदा बनने के लिए भेज दिया है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:15 | अगर कोई इक़रार करे कि ईसा अल्लाह का फ़रज़ंद है तो अल्लाह उसमें रहता है और वह अल्लाह में। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:16 | और ख़ुद हमने वह मुहब्बत जान ली है और उस पर ईमान लाए हैं जो अल्लाह हमसे रखता है। अल्लाह मुहब्बत ही है। जो भी मुहब्बत में क़ायम रहता है वह अल्लाह में रहता है और अल्लाह उसमें। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:17 | इसी तरह मुहब्बत हमारे दरमियान तकमील तक पहुँचती है, और यों हम अदालत के दिन पूरे एतमाद के साथ खड़े हो सकेंगे, क्योंकि जैसे वह है वैसे ही हम भी इस दुनिया में हैं। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:18 | मुहब्बत में ख़ौफ़ नहीं होता बल्कि कामिल मुहब्बत ख़ौफ़ को भगा देती है, क्योंकि ख़ौफ़ के पीछे सज़ा का डर है। जो डरता है उस की मुहब्बत तकमील तक नहीं पहुँची। | |
| I Jo | UrduGeoD | 4:20 | अगर कोई कहे, “मैं अल्लाह से मुहब्बत रखता हूँ” लेकिन अपने भाई से नफ़रत करे तो वह झूटा है। क्योंकि जो अपने भाई से जिसे उसने देखा है मुहब्बत नहीं रखता वह किस तरह अल्लाह से मुहब्बत रख सकता है जिसे उसने नहीं देखा? | |
Chapter 5
| I Jo | UrduGeoD | 5:1 | जो भी ईमान रखता है कि ईसा ही मसीह है वह अल्लाह से पैदा होकर उसका फ़रज़ंद बन गया है। और जो बाप से मुहब्बत रखता है वह उसके फ़रज़ंद से भी मुहब्बत रखता है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:2 | हम किस तरह जान लेते हैं कि हम अल्लाह के फ़रज़ंद से मुहब्बत रखते हैं? इससे कि हम अल्लाह से मुहब्बत रखते और उसके अहकाम पर अमल करते हैं। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:3 | क्योंकि अल्लाह से मुहब्बत से मुराद यह है कि हम उसके अहकाम पर अमल करें। और उसके अहकाम हमारे लिए बोझ का बाइस नहीं हैं, | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:4 | क्योंकि जो भी अल्लाह से पैदा होकर उसका फ़रज़ंद बन गया है वह दुनिया पर ग़ालिब आ जाता है। और हम यह फ़तह अपने ईमान के ज़रीए पाते हैं। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:5 | कौन दुनिया पर ग़ालिब आ सकता है? सिर्फ़ वह जो ईमान रखता है कि ईसा अल्लाह का फ़रज़ंद है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:6 | ईसा मसीह वह है जो अपने बपतिस्मे के पानी और अपनी मौत के ख़ून के ज़रीए ज़ाहिर हुआ, न सिर्फ़ पानी के ज़रीए बल्कि पानी और ख़ून दोनों ही के ज़रीए। और रूहुल-क़ुद्स जो सच्चाई है इसकी गवाही देता है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:9 | हम तो इनसान की गवाही क़बूल करते हैं, लेकिन अल्लाह की गवाही इससे कहीं अफ़ज़ल है। और अल्लाह की गवाही यह है कि उसने अपने फ़रज़ंद की तसदीक़ की है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:10 | जो अल्लाह के फ़रज़ंद पर ईमान रखता है उसके दिल में यह गवाही है। और जो अल्लाह पर ईमान नहीं रखता उसने उसे झूटा क़रार दिया है। क्योंकि उसने वह गवाही न मानी जो अल्लाह ने अपने फ़रज़ंद के बारे में दी। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:11 | और गवाही यह है, अल्लाह ने हमें अबदी ज़िंदगी अता की है, और यह ज़िंदगी उसके फ़रज़ंद में है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:12 | जिसके पास फ़रज़ंद है उसके पास ज़िंदगी है, और जिसके पास अल्लाह का फ़रज़ंद नहीं है उसके पास ज़िंदगी भी नहीं है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:13 | मैं आपको जो अल्लाह के फ़रज़ंद के नाम पर ईमान रखते हैं इसलिए लिख रहा हूँ कि आप जान लें कि आपको अबदी ज़िंदगी हासिल है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:14 | हमारा अल्लाह पर यह एतमाद है कि जब भी हम उस की मरज़ी के मुताबिक़ कुछ माँगते हैं तो वह हमारी सुनता है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:15 | और चूँकि हम जानते हैं कि जब माँगते हैं तो वह हमारी सुनता है इसलिए हम यह इल्म भी रखते हैं कि हमें वह कुछ हासिल भी है जो हमने उससे माँगा था। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:16 | अगर कोई अपने भाई को ऐसा गुनाह करते देखे जिसका अंजाम मौत न हो तो वह दुआ करे, और अल्लाह उसे ज़िंदगी अता करेगा। मैं उन गुनाहों की बात कर रहा हूँ जिनका अंजाम मौत नहीं। लेकिन एक ऐसा गुनाह भी है जिसका अंजाम मौत है। मैं नहीं कह रहा कि ऐसे शख़्स के लिए दुआ की जाए जिससे ऐसा गुनाह सरज़द हुआ हो। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:18 | हम जानते हैं कि जो अल्लाह से पैदा होकर उसका फ़रज़ंद बन गया है वह गुनाह करता नहीं रहता, क्योंकि अल्लाह का फ़रज़ंद ऐसे शख़्स को महफ़ूज़ रखता है और इबलीस उसे नुक़सान नहीं पहुँचा सकता। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:19 | हम जानते हैं कि हम अल्लाह के फ़रज़ंद हैं और कि तमाम दुनिया इबलीस के क़ब्ज़े में है। | |
| I Jo | UrduGeoD | 5:20 | हम जानते हैं कि अल्लाह का फ़रज़ंद आ गया है और हमें समझ अता की है ताकि हम उसे जान लें जो हक़ीक़ी है। और हम उसमें हैं जो हक़ीक़ी है यानी उसके फ़रज़ंद ईसा मसीह में। वही हक़ीक़ी ख़ुदा और अबदी ज़िंदगी है। | |