Chapter 1
| Phil | UrduGeoD | 1:1 | यह ख़त मसीह ईसा के ग़ुलामों पौलुस और तीमुथियुस की तरफ़ से है। मैं फ़िलिप्पी में मौजूद उन तमाम लोगों को लिख रहा हूँ जिन्हें अल्लाह ने मसीह ईसा के ज़रीए मख़सूसो-मुक़द्दस किया है। मैं उनके बुज़ुर्गों और ख़ादिमों को भी लिख रहा हूँ। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:5 | इसलिए कि आप पहले दिन से लेकर आज तक अल्लाह की ख़ुशख़बरी फैलाने में मेरे शरीक रहे हैं। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:6 | और मुझे यक़ीन है कि अल्लाह जिसने आपमें यह अच्छा काम शुरू किया है इसे उस दिन तकमील तक पहुँचाएगा जब मसीह ईसा वापस आएगा। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:7 | और मुनासिब है कि आप सबके बारे में मेरा यही ख़याल हो, क्योंकि आप मुझे अज़ीज़ रखते हैं। हाँ, जब मुझे जेल में डाला गया या मैं अल्लाह की ख़ुशख़बरी का दिफ़ा या उस की तसदीक़ कर रहा था तो आप भी मेरे इस ख़ास फ़ज़ल में शरीक हुए। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:8 | अल्लाह मेरा गवाह है कि मैं कितनी शिद्दत से आप सबका आरज़ूमंद हूँ। हाँ, मैं मसीह की-सी दिली शफ़क़त के साथ आपका ख़ाहिशमंद हूँ। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:9 | और मेरी दुआ है कि आपकी मुहब्बत में इल्मो-इरफ़ान और हर तरह की रूहानी बसीरत का यहाँ तक इज़ाफ़ा हो जाए कि वह बढ़ती बढ़ती दिल से छलक उठे। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:10 | क्योंकि यह ज़रूरी है ताकि आप वह बातें क़बूल करें जो बुनियादी अहमियत की हामिल हैं और आप मसीह की आमद तक बेलौस और बेइलज़ाम ज़िंदगी गुज़ारें। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:11 | और यों आप उस रास्तबाज़ी के फल से भरे रहेंगे जो आपको ईसा मसीह के वसीले से हासिल होती है। फिर आप अपनी ज़िंदगी से अल्लाह को जलाल देंगे और उस की तमजीद करेंगे। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:12 | भाइयो, मैं चाहता हूँ कि यह बात आपके इल्म में हो कि जो कुछ भी मुझ पर गुज़रा है वह हक़ीक़त में अल्लाह की ख़ुशख़बरी के फैलाव का बाइस बन गया है। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:13 | क्योंकि प्रैटोरियुम के तमाम अफ़राद और बाक़ी सबको मालूम हो गया है कि मैं मसीह की ख़ातिर क़ैदी हूँ। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:14 | और मेरे क़ैद में होने की वजह से ख़ुदावंद में ज़्यादातर भाइयों का एतमाद इतना बढ़ गया है कि वह मज़ीद दिलेरी के साथ बिलाख़ौफ़ अल्लाह का कलाम सुनाते हैं। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:15 | बेशक बाज़ तो हसद और मुख़ालफ़त के बाइस मसीह की मुनादी कर रहे हैं, लेकिन बाक़ियों की नीयत अच्छी है, | |
| Phil | UrduGeoD | 1:16 | क्योंकि वह जानते हैं कि मैं अल्लाह की ख़ुशख़बरी के दिफ़ा की वजह से यहाँ पड़ा हूँ। इसलिए वह मुहब्बत की रूह में तबलीग़ करते हैं। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:17 | इसके मुक़ाबले में दूसरे ख़ुलूसदिली से मसीह के बारे में पैग़ाम नहीं सुनाते बल्कि ख़ुदग़रज़ी से। यह समझते हैं कि हम इस तरह पौलुस की गिरिफ़्तारी को मज़ीद तकलीफ़देह बना सकते हैं। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:18 | लेकिन इससे क्या फ़रक़ पड़ता है! अहम बात तो यह है कि मसीह की मुनादी हर तरह से की जा रही है, ख़ाह मुनाद की नीयत पुरख़ुलूस हो या न। और इस वजह से मैं ख़ुश हूँ। और ख़ुश रहूँगा भी, | |
| Phil | UrduGeoD | 1:19 | क्योंकि मैं जानता हूँ कि यह मेरे लिए रिहाई का बाइस बनेगा, इसलिए कि आप मेरे लिए दुआ कर रहे हैं और ईसा मसीह का रूह मेरी हिमायत कर रहा है। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:20 | हाँ, यह मेरी पूरी तवक़्क़ो और उम्मीद है। मैं यह भी जानता हूँ कि मुझे किसी भी बात में शरमिंदा नहीं किया जाएगा बल्कि जैसा माज़ी में हमेशा हुआ अब भी मुझे बड़ी दिलेरी से मसीह को जलाल देने का फ़ज़ल मिलेगा, ख़ाह मैं ज़िंदा रहूँ या मर जाऊँ। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:22 | अगर मैं ज़िंदा रहूँ तो इसका फ़ायदा यह होगा कि मैं मेहनत करके मज़ीद फल ला सकूँगा। चुनाँचे मैं नहीं कह सकता कि क्या बेहतर है। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:23 | मैं बड़ी कश-म-कश में रहता हूँ। एक तरफ़ मैं कूच करके मसीह के पास होने की आरज़ू रखता हूँ, क्योंकि यह मेरे लिए सबसे बेहतर होता। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:25 | और चूँकि मुझे इस ज़रूरत का यक़ीन है, इसलिए मैं जानता हूँ कि मैं ज़िंदा रहकर दुबारा आप सबके साथ रहूँगा ताकि आप तरक़्क़ी करें और ईमान में ख़ुश रहें। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:26 | हाँ, मेरे आपके पास वापस आने से आप मेरे सबब से मसीह ईसा पर हद से ज़्यादा फ़ख़र करेंगे। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:27 | लेकिन आप हर सूरत में मसीह की ख़ुशख़बरी और आसमान के शहरियों के लायक़ ज़िंदगी गुज़ारें। फिर ख़ाह मैं आकर आपको देखूँ, ख़ाह ग़ैरमौजूदगी में आपके बारे में सुनूँ, मुझे मालूम होगा कि आप एक रूह में क़ायम हैं, आप मिलकर यकदिली से उस ईमान के लिए जाँफ़िशानी कर रहे हैं जो अल्लाह की ख़ुशख़बरी से पैदा हुआ है, | |
| Phil | UrduGeoD | 1:28 | और आप किसी सूरत में अपने मुख़ालिफ़ों से दहशत नहीं खाते। यह उनके लिए एक निशान होगा कि वह हलाक हो जाएंगे जबकि आपको नजात हासिल होगी, और वह भी अल्लाह से। | |
| Phil | UrduGeoD | 1:29 | क्योंकि आपको न सिर्फ़ मसीह पर ईमान लाने का फ़ज़ल हासिल हुआ है बल्कि उस की ख़ातिर दुख उठाने का भी। | |
Chapter 2
| Phil | UrduGeoD | 2:1 | क्या आपके दरमियान मसीह में हौसलाअफ़्ज़ाई, मुहब्बत की तसल्ली, रूहुल-क़ुद्स की रिफ़ाक़त, नरमदिली और रहमत पाई जाती है? | |
| Phil | UrduGeoD | 2:2 | अगर ऐसा है तो मेरी ख़ुशी इसमें पूरी करें कि आप एक जैसी सोच रखें और एक जैसी मुहब्बत रखें, एक जान और एक ज़हन हो जाएँ। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:3 | ख़ुदग़रज़ न हों, न बातिल इज़्ज़त के पीछे पड़ें बल्कि फ़रोतनी से दूसरों को अपने से बेहतर समझें। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:6 | वह जो अल्लाह की सूरत पर था नहीं समझता था कि मेरा अल्लाह के बराबर होना कोई ऐसी चीज़ है जिसके साथ ज़बरदस्ती चिमटे रहने की ज़रूरत है। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:7 | नहीं, उसने अपने आपको इससे महरूम करके ग़ुलाम की सूरत अपनाई और इनसानों की मानिंद बन गया। शक्लो-सूरत में वह इनसान पाया गया। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:9 | इसलिए अल्लाह ने उसे सबसे आला मक़ाम पर सरफ़राज़ कर दिया और उसे वह नाम बख़्शा जो हर नाम से आला है, | |
| Phil | UrduGeoD | 2:10 | ताकि ईसा के इस नाम के सामने हर घुटना झुके, ख़ाह वह घुटना आसमान पर, ज़मीन पर या इसके नीचे हो, | |
| Phil | UrduGeoD | 2:12 | मेरे अज़ीज़ो, जब मैं आपके पास था तो आप हमेशा फ़रमाँबरदार रहे। अब जब मैं ग़ैरहाज़िर हूँ तो इसकी कहीं ज़्यादा ज़रूरत है। चुनाँचे डरते और काँपते हुए जाँफ़िशानी करते रहें ताकि आपकी नजात तकमील तक पहुँचे। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:13 | क्योंकि ख़ुदा ही आपमें वह कुछ करने की ख़ाहिश पैदा करता है जो उसे पसंद है, और वही आपको यह पूरा करने की ताक़त देता है। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:15 | ताकि आप बेइलज़ाम और पाक होकर अल्लाह के बेदाग़ फ़रज़ंद साबित हो जाएँ, ऐसे लोग जो एक टेढ़ी और उलटी नसल के दरमियान ही आसमान के सितारों की तरह चमकते-दमकते | |
| Phil | UrduGeoD | 2:16 | और ज़िंदगी का कलाम थामे रखते हैं। फिर मैं मसीह की आमद के दिन फ़ख़र कर सकूँगा कि न मैं रायगाँ दौड़ा, न बेफ़ायदा जिद्दो-जहद की। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:17 | देखें, जो ख़िदमत आप ईमान से सरंजाम दे रहे हैं वह एक ऐसी क़ुरबानी है जो अल्लाह को पसंद है। ख़ुदा करे कि जो दुख मैं उठा रहा हूँ वह मै की उस नज़र की मानिंद हो जो बैतुल-मुक़द्दस में क़ुरबानी पर उंडेली जाती है। अगर मेरी नज़र वाक़ई आपकी क़ुरबानी यों मुकम्मल करे तो मैं ख़ुश हूँ और आपके साथ ख़ुशी मनाता हूँ। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:19 | मुझे उम्मीद है कि अगर ख़ुदावंद ईसा ने चाहा तो मैं जल्द ही तीमुथियुस को आपके पास भेज दूँगा ताकि आपके बारे में ख़बर पाकर मेरा हौसला भी बढ़ जाए। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:20 | क्योंकि मेरे पास कोई और नहीं जिसकी सोच बिलकुल मेरी जैसी है और जो इतनी ख़ुलूसदिली से आपकी फ़िकर करे। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:21 | दूसरे सब अपने मफ़ाद की तलाश में रहते हैं और वह कुछ नज़रंदाज़ करते हैं जो ईसा मसीह का काम बढ़ाता है। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:22 | लेकिन आपको तो मालूम है कि तीमुथियुस क़ाबिले-एतमाद साबित हुआ, कि उसने मेरा बेटा बनकर मेरे साथ अल्लाह की ख़ुशख़बरी फैलाने की ख़िदमत सरंजाम दी। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:23 | चुनाँचे उम्मीद है कि ज्योंही मुझे पता चले कि मेरा क्या बनेगा मैं उसे आपके पास भेज दूँगा। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:25 | लेकिन मैंने ज़रूरी समझा कि इतने में इपफ़्रुदितुस को आपके पास वापस भेज दूँ जिसे आपने क़ासिद के तौर पर मेरी ज़रूरियात पूरी करने के लिए मेरे पास भेज दिया था। वह मेरा सच्चा भाई, हमख़िदमत और साथी सिपाही साबित हुआ। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:26 | मैं उसे इसलिए भेज रहा हूँ क्योंकि वह आप सबका निहायत आरज़ूमंद है और इसलिए बेचैन है कि आपको उसके बीमार होने की ख़बर मिल गई थी। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:27 | और वह था भी बीमार बल्कि मरने को था। लेकिन अल्लाह ने उस पर रहम किया, और न सिर्फ़ उस पर बल्कि मुझ पर भी ताकि मेरे दुख में इज़ाफ़ा न हो जाए। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:28 | इसलिए मैं उसे और जल्दी से आपके पास भेजूँगा ताकि आप उसे देखकर ख़ुश हो जाएँ और मेरी परेशानी भी दूर हो जाए। | |
| Phil | UrduGeoD | 2:29 | चुनाँचे ख़ुदावंद में बड़ी ख़ुशी से उसका इस्तक़बाल करें। उस जैसे लोगों की इज़्ज़त करें, | |
Chapter 3
| Phil | UrduGeoD | 3:1 | मेरे भाइयो, जो कुछ भी हो, ख़ुदावंद में ख़ुश रहें। मैं आपको यह बात बताते रहने से कभी थकता नहीं, क्योंकि ऐसा करने से आप महफ़ूज़ रहते हैं। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:2 | कुत्तों से ख़बरदार! उन शरीर मज़दूरों से होशियार रहना जो जिस्म की काँट-छाँट यानी ख़तना करवाते हैं। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:3 | क्योंकि हम ही हक़ीक़ी ख़तना के पैरोकार हैं, हम ही हैं जो अल्लाह के रूह में परस्तिश करते, मसीह ईसा पर फ़ख़र करते और इनसानी ख़ूबियों पर भरोसा नहीं करते। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:4 | बात यह नहीं कि मेरा अपनी इनसानी ख़ूबियों पर भरोसा करने का कोई जवाज़ न होता। जब दूसरे अपनी इनसानी ख़ूबियों पर फ़ख़र करते हैं तो मैं उनकी निसबत ज़्यादा कर सकता हूँ। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:5 | मेरा ख़तना हुआ जब मैं अभी आठ दिन का बच्चा था। मैं इसराईल क़ौम के क़बीले बिनयमीन का हूँ, ऐसा इबरानी जिसके वालिदैन भी इबरानी थे। मैं फ़रीसियों का मेंबर था जो यहूदी शरीअत के कटर पैरोकार हैं। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:6 | मैं इतना सरगरम था कि मसीह की जमातों को ईज़ा पहुँचाई। हाँ, मैं शरीअत पर अमल करने में रास्तबाज़ और बेइलज़ाम था। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:7 | उस वक़्त यह सब कुछ मेरे नज़दीक नफ़ा का बाइस था, लेकिन अब मैं इसे मसीह में होने के बाइस नुक़सान ही समझता हूँ। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:8 | हाँ, बल्कि मैं सब कुछ इस अज़ीमतरीन बात के सबब से नुक़सान समझता हूँ कि मैं अपने ख़ुदावंद मसीह ईसा को जानता हूँ। उसी की ख़ातिर मुझे तमाम चीज़ों का नुक़सान पहुँचा है। मैं उन्हें कूड़ा ही समझता हूँ ताकि मसीह को हासिल करूँ | |
| Phil | UrduGeoD | 3:9 | और उसमें पाया जाऊँ। लेकिन मैं इस नौबत तक अपनी उस रास्तबाज़ी के ज़रीए नहीं पहुँच सकता जो शरीअत के ताबे रहने से हासिल होती है। इसके लिए वह रास्तबाज़ी ज़रूरी है जो मसीह पर ईमान लाने से मिलती है, जो अल्लाह की तरफ़ से है और जो ईमान पर मबनी होती है। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:10 | हाँ, मैं सब कुछ कूड़ा ही समझता हूँ ताकि मसीह को, उसके जी उठने की क़ुदरत और उसके दुखों में शरीक होने का फ़ज़ल जान लूँ। यों मैं उस की मौत का हमशक्ल बनता जा रहा हूँ, | |
| Phil | UrduGeoD | 3:12 | मतलब यह नहीं कि मैं यह सब कुछ हासिल कर चुका या कामिल हो चुका हूँ। लेकिन मैं मनज़िले-मक़सूद की तरफ़ दौड़ा हुआ जाता हूँ ताकि वह कुछ पकड़ लूँ जिसके लिए मसीह ईसा ने मुझे पकड़ लिया है। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:13 | भाइयो, में अपने बारे में यह ख़याल नहीं करता कि मैं इसे हासिल कर चुका हूँ। लेकिन मैं इस एक ही बात पर ध्यान देता हूँ, जो कुछ मेरे पीछे है वह मैं भूलकर सख़्त तगो-दौ के साथ उस तरफ़ बढ़ता हूँ जो आगे पड़ा है। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:14 | मैं सीधा मनज़िले-मक़सूद की तरफ़ दौड़ा हुआ जाता हूँ ताकि वह इनाम हासिल करूँ जिसके लिए अल्लाह ने मुझे मसीह ईसा में आसमान पर बुलाया है। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:15 | चुनाँचे हममें से जितने कामिल हैं आएँ, हम ऐसी सोच रखें। और अगर आप किसी बात में फ़रक़ सोचते हैं तो अल्लाह आप पर यह भी ज़ाहिर करेगा। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:17 | भाइयो, मिलकर मेरे नक़्शे-क़दम पर चलें। और उन पर ख़ूब ध्यान दें जो हमारे नमूने पर चलते हैं। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:18 | क्योंकि जिस तरह मैंने आपको कई बार बताया है और अब रो रोकर बता रहा हूँ, बहुत-से लोग अपने चाल-चलन से ज़ाहिर करते हैं कि वह मसीह की सलीब के दुश्मन हैं। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:19 | ऐसे लोगों का अंजाम हलाकत है। खाने-पीने की पाबंदियाँ और ख़तने पर फ़ख़र उनका ख़ुदा बन गया है। हाँ, वह सिर्फ़ दुनियावी सोच रखते हैं। | |
| Phil | UrduGeoD | 3:20 | लेकिन हम आसमान के शहरी हैं, और हम शिद्दत से इस इंतज़ार में हैं कि हमारा नजातदहिंदा और ख़ुदावंद ईसा मसीह वहीं से आए। | |
Chapter 4
| Phil | UrduGeoD | 4:1 | चुनाँचे मेरे प्यारे भाइयो, जिनका आरज़ूमंद मैं हूँ और जो मेरी मुसर्रत का बाइस और मेरा ताज हैं, ख़ुदावंद में साबितक़दम रहें। अज़ीज़ो, | |
| Phil | UrduGeoD | 4:3 | हाँ मेरे हमख़िदमत भाई, मेरी आपसे गुज़ारिश है कि आप उनकी मदद करें। क्योंकि वह अल्लाह की ख़ुशख़बरी फैलाने की जिद्दो-जहद में मेरे साथ ख़िदमत करती रही हैं, उस मुक़ाबले में जिसमें क्लेमेंस और मेरे वह बाक़ी मददगार भी शरीक थे जिनके नाम किताबे-हयात में दर्ज हैं। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:6 | अपनी किसी भी फ़िकर में उलझकर परेशान न हो जाएँ बल्कि हर हालत में दुआ और इल्तिजा करके अपनी दरख़ास्तें अल्लाह के सामने पेश करें। ध्यान रखें कि आप यह शुक्रगुज़ारी की रूह में करें। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:7 | फिर अल्लाह की सलामती जो समझ से बाहर है आपके दिलों और ख़यालात को मसीह ईसा में महफ़ूज़ रखेगी। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:8 | भाइयो, एक आख़िरी बात, जो कुछ सच्चा है, जो कुछ शरीफ़ है, जो कुछ रास्त है, जो कुछ मुक़द्दस है, जो कुछ पसंदीदा है, जो कुछ उम्दा है, ग़रज़, अगर कोई अख़लाक़ी या क़ाबिले-तारीफ़ बात हो तो उसका ख़याल रखें। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:9 | जो कुछ आपने मेरे वसीले से सीख लिया, हासिल कर लिया, सुन लिया या देख लिया है उस पर अमल करें। फिर सलामती का ख़ुदा आपके साथ होगा। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:10 | मैं ख़ुदावंद में निहायत ही ख़ुश हुआ कि अब आख़िरकार आपकी मेरे लिए फ़िकरमंदी दुबारा जाग उठी है। हाँ, मुझे पता है कि आप पहले भी फ़िकरमंद थे, लेकिन आपको इसका इज़हार करने का मौक़ा नहीं मिला था। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:11 | मैं यह अपनी किसी ज़रूरत की वजह से नहीं कह रहा, क्योंकि मैंने हर हालत में ख़ुश रहने का राज़ सीख लिया है। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:12 | मुझे दबाए जाने का तजरबा हुआ है और हर चीज़ कसरत से मुयस्सर होने का भी। मुझे हर हालत से ख़ूब वाक़िफ़ किया गया है, सेर होने से और भूका रहने से भी, हर चीज़ कसरत से मुयस्सर होने से और ज़रूरतमंद होने से भी। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:15 | आप जो फ़िलिप्पी के रहनेवाले हैं ख़ुद जानते हैं कि उस वक़्त जब मसीह की मुनादी का काम आपके इलाक़े में शुरू हुआ था और मैं सूबा मकिदुनिया से निकल आया था तो सिर्फ़ आपकी जमात पूरे हिसाब-किताब के साथ पैसे देकर मेरी ख़िदमत में शरीक हुई। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:16 | उस वक़्त भी जब मैं थिस्सलुनीके शहर में था आपने कई बार मेरी ज़रूरियात पूरी करने के लिए कुछ भेज दिया। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:17 | कहने का मतलब यह नहीं कि मैं आपसे कुछ पाना चाहता हूँ, बल्कि मेरी शदीद ख़ाहिश यह है कि आपके देने से आप ही को अल्लाह से कसरत का सूद मिल जाए। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:18 | यही मेरी रसीद है। मैंने पूरी रक़म वसूल पाई है बल्कि अब मेरे पास ज़रूरत से ज़्यादा है। जब से मुझे इपफ़्रुदितुस के हाथ आपका हदिया मिल गया है मेरे पास बहुत कुछ है। यह ख़ुशबूदार और क़ाबिले-क़बूल क़ुरबानी अल्लाह को पसंदीदा है। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:19 | जवाब में मेरा ख़ुदा अपनी उस जलाली दौलत के मुवाफ़िक़ जो मसीह ईसा में है आपकी तमाम ज़रूरियात पूरी करे। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:21 | तमाम मक़ामी मुक़द्दसीन को मसीह ईसा में मेरा सलाम देना। जो भाई मेरे साथ हैं वह आपको सलाम कहते हैं। | |
| Phil | UrduGeoD | 4:22 | यहाँ के तमाम मुक़द्दसीन आपको सलाम कहते हैं, ख़ासकर शहनशाह के घराने के भाई और बहनें। | |