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SONG OF SOLOMON
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Chapter 1
Song UrduGeoD 1:1  सुलेमान की ग़ज़लुल-ग़ज़लात।
Song UrduGeoD 1:2  वह मुझे अपने मुँह से बोसे दे, क्योंकि तेरी मुहब्बत मै से कहीं ज़्यादा राहतबख़्श है।
Song UrduGeoD 1:3  तेरी इत्र की ख़ुशबू कितनी मनमोहन है, तेरा नाम छिड़का गया महकदार तेल ही है। इसलिए कुँवारियाँ तुझे प्यार करती हैं।
Song UrduGeoD 1:4  आ, मुझे खींचकर अपने साथ ले जा! आ, हम दौड़कर चले जाएँ! बादशाह मुझे अपने कमरों में ले जाए, और हम बाग़ बाग़ होकर तेरी ख़ुशी मनाएँ। हम मै की निसबत तेरे प्यार की ज़्यादा तारीफ़ करें। मुनासिब है कि लोग तुझसे मुहब्बत करें।
Song UrduGeoD 1:5  ऐ यरूशलम की बेटियो, मैं स्याहफ़ाम लेकिन मनमोहन हूँ, मैं क़ीदार के ख़ैमों जैसी, सुलेमान के ख़ैमों के परदों जैसी ख़ूबसूरत हूँ।
Song UrduGeoD 1:6  इसलिए मुझे हक़ीर न जानो कि मैं स्याहफ़ाम हूँ, कि मेरी जिल्द धूप से झुलस गई है। मेरे सगे भाई मुझसे नाराज़ थे, इसलिए उन्होंने मुझे अंगूर के बाग़ों की देख-भाल करने की ज़िम्मादारी दी, अंगूर के अपने ज़ाती बाग़ की देख-भाल मैं कर न सकी।
Song UrduGeoD 1:7  ऐ तू जो मेरी जान का प्यारा है, मुझे बता कि भेड़-बकरियाँ कहाँ चरा रहा है? तू उन्हें दोपहर के वक़्त कहाँ आराम करने बिठाता है? मैं क्यों निक़ाबपोश की तरह तेरे साथियों के रेवड़ों के पास ठहरी रहूँ?
Song UrduGeoD 1:8  क्या तू नहीं जानती, तू जो औरतों में सबसे ख़ूबसूरत है? फिर घर से निकलकर खोज लगा कि मेरी भेड़-बकरियाँ किस तरफ़ चली गई हैं, अपने मेमनों को गल्लाबानों के ख़ैमों के पास चरा।
Song UrduGeoD 1:9  मेरी महबूबा, मैं तुझे किस चीज़ से तशबीह दूँ? तू फ़िरौन का शानदार रथ खींचनेवाली घोड़ी है!
Song UrduGeoD 1:10  तेरे गाल बालियों से कितने आरास्ता, तेरी गरदन मोती के गुलूबंद से कितनी दिलफ़रेब लगती है।
Song UrduGeoD 1:11  हम तेरे लिए सोने का ऐसा हार बनवा लेंगे जिसमें चाँदी के मोती लगे होंगे।
Song UrduGeoD 1:12  जितनी देर बादशाह ज़ियाफ़त में शरीक था मेरे बालछड़ की ख़ुशबू चारों तरफ़ फैलती रही।
Song UrduGeoD 1:13  मेरा महबूब गोया मुर की डिबिया है, जो मेरी छातियों के दरमियान पड़ी रहती है।
Song UrduGeoD 1:14  मेरा महबूब मेरे लिए मेहँदी के फूलों का गुच्छा है, जो ऐन-जदी के अंगूर के बाग़ों से लाया गया है।
Song UrduGeoD 1:15  मेरी महबूबा, तू कितनी ख़ूबसूरत है, कितनी हसीन! तेरी आँखें कबूतर ही हैं।
Song UrduGeoD 1:16  मेरे महबूब, तू कितना ख़ूबसूरत है, कितना दिलरुबा! सायादार हरियाली हमारा बिस्तर
Song UrduGeoD 1:17  और देवदार के दरख़्त हमारे घर के शहतीर हैं। जूनीपर के दरख़्त तख़्तों का काम देते हैं।
Chapter 2
Song UrduGeoD 2:1  मैं मैदाने-शारून का फूल और वादियों की सोसन हूँ।
Song UrduGeoD 2:2  लड़कियों के दरमियान मेरी महबूबा काँटेदार पौदों में सोसन की मानिंद है।
Song UrduGeoD 2:3  जवान आदमियों में मेरा महबूब जंगल में सेब के दरख़्त की मानिंद है। मैं उसके साय में बैठने की कितनी आरज़ूमंद हूँ, उसका फल मुझे कितना मीठा लगता है।
Song UrduGeoD 2:4  वह मुझे मैकदे में लाया है, मेरे ऊपर उसका झंडा मुहब्बत है।
Song UrduGeoD 2:5  किशमिश की टिक्कियों से मुझे तरो-ताज़ा करो, सेबों से मुझे तक़वियत दो, क्योंकि मैं इश्क़ के मारे बीमार हो गई हूँ।
Song UrduGeoD 2:6  उसका बायाँ बाज़ू मेरे सर के नीचे होता और दहना बाज़ू मुझे गले लगाता है।
Song UrduGeoD 2:7  ऐ यरूशलम की बेटियो, ग़ज़ालों और खुले मैदान की हिरनियों की क़सम खाओ कि जब तक मुहब्बत ख़ुद न चाहे तुम उसे न जगाओगी, न बेदार करोगी।
Song UrduGeoD 2:8  सुनो, मेरा महबूब आ रहा है। वह देखो, वह पहाड़ों पर फलाँगता और टीलों पर से उछलता-कूदता आ रहा है।
Song UrduGeoD 2:9  मेरा महबूब ग़ज़ाल या जवान हिरन की मानिंद है। अब वह हमारे घर की दीवार के सामने रुककर खिड़कियों में से झाँक रहा, जंगले में से तक रहा है।
Song UrduGeoD 2:10  वह मुझसे कहता है, “ऐ मेरी ख़ूबसूरत महबूबा, उठकर मेरे साथ चल!
Song UrduGeoD 2:11  देख, सर्दियों का मौसम गुज़र गया है, बारिशें भी ख़त्म हो गई हैं।
Song UrduGeoD 2:12  ज़मीन से फूल फूट निकले हैं और गीत का वक़्त आ गया है, कबूतरों की ग़ूँ ग़ूँ हमारे मुल्क में सुनाई देती है।
Song UrduGeoD 2:13  अंजीर के दरख़्तों पर पहली फ़सल का फल पक रहा है, और अंगूर की बेलों के फूल ख़ुशबू फैला रहे हैं। चुनाँचे आ मेरी हसीन महबूबा, उठकर आ जा!
Song UrduGeoD 2:14  ऐ मेरी कबूतरी, चटान की दराड़ों में छुपी न रह, पहाड़ी पत्थरों में पोशीदा न रह बल्कि मुझे अपनी शक्ल दिखा, मुझे अपनी आवाज़ सुनने दे, क्योंकि तेरी आवाज़ शीरीं, तेरी शक्ल ख़ूबसूरत है।”
Song UrduGeoD 2:15  हमारे लिए लोमड़ियों को पकड़ लो, उन छोटी लोमड़ियों को जो अंगूर के बाग़ों को तबाह करती हैं। क्योंकि हमारी बेलों से फूल फूट निकले हैं।
Song UrduGeoD 2:16  मेरा महबूब मेरा ही है, और मैं उसी की हूँ, उसी की जो सोसनों में चरता है।
Song UrduGeoD 2:17  ऐ मेरे महबूब, इससे पहले कि शाम की हवा चले और साय लंबे होकर फ़रार हो जाएँ ग़ज़ाल या जवान हिरन की तरह संगलाख़ पहाड़ों का रुख़ कर!
Chapter 3
Song UrduGeoD 3:1  रात को जब मैं बिस्तर पर लेटी थी तो मैंने उसे ढूँडा जो मेरी जान का प्यारा है, मैंने उसे ढूँडा लेकिन न पाया।
Song UrduGeoD 3:2  मैं बोली, “अब मैं उठकर शहर में घूमती, उस की गलियों और चौकों में फिरकर उसे तलाश करती हूँ जो मेरी जान का प्यारा है।” मैं ढूँडती रही लेकिन वह न मिला।
Song UrduGeoD 3:3  जो चौकीदार शहर में गश्त करते हैं उन्होंने मुझे देखा। मैंने पूछा, “क्या आपने उसे देखा है जो मेरी जान का प्यारा है?”
Song UrduGeoD 3:4  आगे निकलते ही मुझे वह मिल गया जो मेरी जान का प्यारा है। मैंने उसे पकड़ लिया। अब मैं उसे नहीं छोड़ूँगी जब तक उसे अपनी माँ के घर में न ले जाऊँ, उसके कमरे में न पहुँचाऊँ जिसने मुझे जन्म दिया था।
Song UrduGeoD 3:5  ऐ यरूशलम की बेटियो, ग़ज़ालों और खुले मैदान की हिरनियों की क़सम खाओ कि जब तक मुहब्बत ख़ुद न चाहे तुम उसे न जगाओगी, न बेदार करोगी।
Song UrduGeoD 3:6  यह कौन है जो धुएँ के सतून की तरह सीधा हमारे पास चला आ रहा है? उससे चारों तरफ़ मुर, बख़ूर और ताजिर की तमाम ख़ुशबुएँ फैल रही हैं।
Song UrduGeoD 3:7  यह तो सुलेमान की पालकी है जो इसराईल के 60 पहलवानों से घिरी हुई है।
Song UrduGeoD 3:8  सब तलवार से लैस और तजरबाकार फ़ौजी हैं। हर एक ने अपनी तलवार को रात के हौलनाक ख़तरों का सामना करने के लिए तैयार कर रखा है।
Song UrduGeoD 3:9  सुलेमान बादशाह ने ख़ुद यह पालकी लुबनान के देवदार की लकड़ी से बनवाई।
Song UrduGeoD 3:10  उसने उसके पाए चाँदी से, पुश्त सोने से, और निशस्त अरग़वानी रंग के कपड़े से बनवाई। यरूशलम की बेटियों ने बड़े प्यार से उसका अंदरूनी हिस्सा मुरस्साकारी से आरास्ता किया है।
Song UrduGeoD 3:11  ऐ सिय्यून की बेटियो, निकल आओ और सुलेमान बादशाह को देखो। उसके सर पर वह ताज है जो उस की माँ ने उस की शादी के दिन उसके सर पर पहनाया, उस दिन जब उसका दिल बाग़ बाग़ हुआ।
Chapter 4
Song UrduGeoD 4:1  मेरी महबूबा, तू कितनी ख़ूबसूरत, कितनी हसीन है! निक़ाब के पीछे तेरी आँखों की झलक कबूतरों की मानिंद है। तेरे बाल उन बकरियों की मानिंद हैं जो उछलती-कूदती कोहे-जिलियाद से उतरती हैं।
Song UrduGeoD 4:2  तेरे दाँत अभी अभी कतरी और नहलाई हुई भेड़ों जैसे सफ़ेद हैं। हर दाँत का जुड़वाँ है, एक भी गुम नहीं हुआ।
Song UrduGeoD 4:3  तेरे होंट क़िरमिज़ी रंग का डोरा हैं, तेरा मुँह कितना प्यारा है। निक़ाब के पीछे तेरे गालों की झलक अनार के टुकड़ों की मानिंद दिखाई देती है।
Song UrduGeoD 4:4  तेरी गरदन दाऊद के बुर्ज जैसी दिलरुबा है। जिस तरह इस गोल और मज़बूत बुर्ज से पहलवानों की हज़ार ढालें लटकी हैं उस तरह तेरी गरदन भी ज़ेवरात से आरास्ता है।
Song UrduGeoD 4:5  तेरी छातियाँ सोसनों में चरनेवाले ग़ज़ाल के जुड़वाँ बच्चों की मानिंद हैं।
Song UrduGeoD 4:6  इससे पहले कि शाम की हवा चले और साय लंबे होकर फ़रार हो जाएँ मैं मुर के पहाड़ और बख़ूर की पहाड़ी के पास चलूँगा।
Song UrduGeoD 4:7  मेरी महबूबा, तेरा हुस्न कामिल है, तुझमें कोई नुक़्स नहीं है।
Song UrduGeoD 4:8  आ मेरी दुलहन, लुबनान से मेरे साथ आ! हम कोहे-अमाना की चोटी से, सनीर और हरमून की चोटियों से उतरें, शेरों की माँदों और चीतों के पहाड़ों से उतरें।
Song UrduGeoD 4:9  मेरी बहन, मेरी दुलहन, तूने मेरा दिल चुरा लिया है, अपनी आँखों की एक ही नज़र से, अपने गुलूबंद के एक ही जौहर से तूने मेरा दिल चुरा लिया है।
Song UrduGeoD 4:10  मेरी बहन, मेरी दुलहन, तेरी मुहब्बत कितनी मनमोहन है! तेरा प्यार मै से कहीं ज़्यादा पसंदीदा है। बलसान की कोई भी ख़ुशबू तेरी महक का मुक़ाबला नहीं कर सकती।
Song UrduGeoD 4:11  मेरी दुलहन, जिस तरह शहद छत्ते से टपकता है उसी तरह तेरे होंटों से मिठास टपकती है। दूध और शहद तेरी ज़बान तले रहते हैं। तेरे कपड़ों की ख़ुशबू सूँघकर लुबनान की ख़ुशबू याद आती है।
Song UrduGeoD 4:12  मेरी बहन, मेरी दुलहन, तू एक बाग़ है जिसकी चारदीवारी किसी और को अंदर आने नहीं देती, एक बंद किया गया चश्मा जिस पर मुहर लगी है।
Song UrduGeoD 4:13  बाग़ में अनार के दरख़्त लगे हैं जिन पर लज़ीज़ फल पक रहा है। मेहँदी के पौदे भी उग रहे हैं।
Song UrduGeoD 4:14  बालछड़, ज़ाफ़रान, ख़ुशबूदार बेद, दारचीनी, बख़ूर की हर क़िस्म का दरख़्त, मुर, ऊद और हर क़िस्म का बलसान बाग़ में फलता-फूलता है।
Song UrduGeoD 4:15  तू बाग़ का उबलता चश्मा है, एक ऐसा मंबा जिसका ताज़ा पानी लुबनान से बहकर आता है।
Song UrduGeoD 4:16  ऐ शिमाली हवा, जाग उठ! ऐ जुनूबी हवा, आ! मेरे बाग़ में से गुज़र जा ताकि वहाँ से चारों तरफ़ बलसान की ख़ुशबू फैल जाए। मेरा महबूब अपने बाग़ में आकर उसके लज़ीज़ फलों से खाए।
Chapter 5
Song UrduGeoD 5:1  मेरी बहन, मेरी दुलहन, अब मैं अपने बाग़ में दाख़िल हो गया हूँ। मैंने अपना मुर अपने बलसान समेत चुन लिया, अपना छत्ता शहद समेत खा लिया, अपनी मै अपने दूध समेत पी ली है। खाओ, मेरे दोस्तो, खाओ और पियो, मुहब्बत से सरशार हो जाओ!
Song UrduGeoD 5:2  मैं सो रही थी, लेकिन मेरा दिल बेदार रहा। सुन! मेरा महबूब दस्तक दे रहा है, “ऐ मेरी बहन, मेरी साथी, मेरे लिए दरवाज़ा खोल दे! ऐ मेरी कबूतरी, मेरी कामिल साथी, मेरा सर ओस से तर हो गया है, मेरी ज़ुल्फ़ें रात की शबनम से भीग गई हैं।”
Song UrduGeoD 5:3  “मैं अपना लिबास उतार चुकी हूँ, अब मैं किस तरह उसे दुबारा पहन लूँ? मैं अपने पाँव धो चुकी हूँ, अब मैं उन्हें किस तरह दुबारा मैला करूँ?”
Song UrduGeoD 5:4  मेरे महबूब ने अपना हाथ दीवार के सूराख़ में से अंदर डाल दिया। तब मेरा दिल तड़प उठा।
Song UrduGeoD 5:5  मैं उठी ताकि अपने महबूब के लिए दरवाज़ा खोलूँ। मेरे हाथ मुर से, मेरी उँगलियाँ मुर की ख़ुशबू से टपक रही थीं जब मैं कुंडी खोलने आई।
Song UrduGeoD 5:6  मैंने अपने महबूब के लिए दरवाज़ा खोल दिया, लेकिन वह मुड़कर चला गया था। मुझे सख़्त सदमा हुआ। मैंने उसे तलाश किया लेकिन न मिला। मैंने उसे आवाज़ दी, लेकिन जवाब न मिला।
Song UrduGeoD 5:7  जो चौकीदार शहर में गश्त करते हैं उनसे मेरा वास्ता पड़ा, उन्होंने मेरी पिटाई करके मुझे ज़ख़मी कर दिया। फ़सील के चौकीदारों ने मेरी चादर भी छीन ली।
Song UrduGeoD 5:8  ऐ यरूशलम की बेटियो, क़सम खाओ कि अगर मेरा महबूब मिला तो उसे इत्तला दोगी, मैं मुहब्बत के मारे बीमार हो गई हूँ।
Song UrduGeoD 5:9  तू जो औरतों में सबसे हसीन है, हमें बता, तेरे महबूब की क्या ख़ासियत है जो दूसरों में नहीं है? तेरा महबूब दूसरों से किस तरह सबक़त रखता है कि तू हमें ऐसी क़सम खिलाना चाहती है?
Song UrduGeoD 5:10  मेरे महबूब की जिल्द गुलाबी और सफ़ेद है। हज़ारों के साथ उसका मुक़ाबला करो तो उसका आला किरदार नुमायाँ तौर पर नज़र आएगा।
Song UrduGeoD 5:11  उसका सर ख़ालिस सोने का है, उसके बाल खजूर के फूलदार गुच्छों की मानिंद और कौवे की तरह स्याह हैं।
Song UrduGeoD 5:12  उस की आँखें नदियों के किनारे के कबूतरों की मानिंद हैं, जो दूध में नहलाए और कसरत के पानी के पास बैठे हैं।
Song UrduGeoD 5:13  उसके गाल बलसान की क्यारी की मानिंद, उसके होंट मुर से टपकते सोसन के फूलों जैसे हैं।
Song UrduGeoD 5:14  उसके बाज़ू सोने की सलाखें हैं जिनमें पुखराज जड़े हुए हैं, उसका जिस्म हाथीदाँत का शाहकार है जिसमें संगे-लाजवर्द के पत्थर लगे हैं।
Song UrduGeoD 5:15  उस की रानें मरमर के सतून हैं जो ख़ालिस सोने के पाइयों पर लगे हैं। उसका हुलिया लुबनान और देवदार के दरख़्तों जैसा उम्दा है।
Song UrduGeoD 5:16  उसका मुँह मिठास ही है, ग़रज़ वह हर लिहाज़ से पसंदीदा है। ऐ यरूशलम की बेटियो, यह है मेरा महबूब, मेरा दोस्त।
Chapter 6
Song UrduGeoD 6:1  ऐ तू जो औरतों में सबसे ख़ूबसूरत है, तेरा महबूब किधर चला गया है? उसने कौन-सी सिम्त इख़्तियार की ताकि हम तेरे साथ उसका खोज लगाएँ?
Song UrduGeoD 6:2  मेरा महबूब यहाँ से उतरकर अपने बाग़ में चला गया है, वह बलसान की क्यारियों के पास गया है ताकि बाग़ों में चरे और सोसन के फूल चुने।
Song UrduGeoD 6:3  मैं अपने महबूब की ही हूँ, और वह मेरा ही है, वह जो सोसनों में चरता है।
Song UrduGeoD 6:4  मेरी महबूबा, तू तिरज़ा शहर जैसी हसीन, यरूशलम जैसी ख़ूबसूरत और अलमबरदार दस्तों जैसी रोबदार है।
Song UrduGeoD 6:5  अपनी नज़रों को मुझसे हटा ले, क्योंकि वह मुझमें उलझन पैदा कर रही हैं। तेरे बाल उन बकरियों की मानिंद हैं जो उछलती-कूदती कोहे-जिलियाद से उतरती हैं।
Song UrduGeoD 6:6  तेरे दाँत अभी अभी नहलाई हुई भेड़ों जैसे सफ़ेद हैं। हर दाँत का जुड़वाँ है, एक भी गुम नहीं हुआ।
Song UrduGeoD 6:7  निक़ाब के पीछे तेरे गालों की झलक अनार के टुकड़ों की मानिंद दिखाई देती है।
Song UrduGeoD 6:8  गो बादशाह की 60 बीवियाँ, 80 दाश्ताएँ और बेशुमार कुँवारियाँ हों
Song UrduGeoD 6:9  लेकिन मेरी कबूतरी, मेरी कामिल साथी लासानी है। वह अपनी माँ की वाहिद बेटी है, जिसने उसे जन्म दिया उस की पाक लाडली है। बेटियों ने उसे देखकर उसे मुबारक कहा, रानियों और दाश्ताओं ने उस की तारीफ़ की,
Song UrduGeoD 6:10  “यह कौन है जो तुलूए-सुबह की तरह चमक उठी, जो चाँद जैसी ख़ूबसूरत, आफ़ताब जैसी पाक और अलमबरदार दस्तों जैसी रोबदार है?”
Song UrduGeoD 6:11  मैं अख़रोट के बाग़ में उतर आया ताकि वादी में फूटनेवाले पौदों का मुआयना करूँ। मैं यह भी मालूम करना चाहता था कि क्या अंगूर की कोंपलें निकल आई या अनार के फूल लग गए हैं।
Song UrduGeoD 6:12  लेकिन चलते चलते न जाने क्या हुआ, मेरी आरज़ू ने मुझे मेरी शरीफ़ क़ौम के रथों के पास पहुँचाया।
Song UrduGeoD 6:13  ऐ शूलम्मीत, लौट आ, लौट आ! मुड़कर लौट आ ताकि हम तुझ पर नज़र करें। तुम शूलम्मीत को क्यों देखना चाहती हो? हम लशकरगाह का लोकनाच देखना चाहती हैं!
Chapter 7
Song UrduGeoD 7:1  ऐ रईस की बेटी, जूतों में चलने का तेरा अंदाज़ कितना मनमोहन है! तेरी ख़ुशवज़ा रानें माहिर कारीगर के ज़ेवरात की मानिंद हैं।
Song UrduGeoD 7:2  तेरी नाफ़ प्याला है जो मै से कभी नहीं महरूम रहती। तेरा जिस्म गंदुम का ढेर है जिसका इहाता सोसन के फूलों से किया गया है।
Song UrduGeoD 7:3  तेरी छातियाँ ग़ज़ाल के जुड़वाँ बच्चों की मानिंद हैं।
Song UrduGeoD 7:4  तेरी गरदन हाथीदाँत का मीनार, तेरी आँखें हसबोन शहर के तालाब हैं, वह जो बत-रब्बीम के दरवाज़े के पास हैं। तेरी नाक मीनारे-लुबनान की मानिंद है जिसका मुँह दमिश्क़ की तरफ़ है।
Song UrduGeoD 7:5  तेरा सर कोहे-करमिल की मानिंद है, तेरे खुले बाल अरग़वान की तरह क़ीमती और दिलकश हैं। बादशाह तेरी ज़ुल्फ़ों की ज़ंजीरों में जकड़ा रहता है।
Song UrduGeoD 7:6  ऐ ख़ुशियों से लबरेज़ मुहब्बत, तू कितनी हसीन है, कितनी दिलरुबा!
Song UrduGeoD 7:7  तेरा क़दो-क़ामत खजूर के दरख़्त सा, तेरी छातियाँ अंगूर के गुच्छों जैसी हैं।
Song UrduGeoD 7:8  मैं बोला, “मैं खजूर के दरख़्त पर चढ़कर उसके फूलदार गुच्छों पर हाथ लगाऊँगा।” तेरी छातियाँ अंगूर के गुच्छों की मानिंद हों, तेरे साँस की ख़ुशबू सेबों की ख़ुशबू जैसी हो।
Song UrduGeoD 7:9  तेरा मुँह बेहतरीन मै हो, ऐसी मै जो सीधी मेरे महबूब के मुँह में जाकर नरमी से होंटों और दाँतों में से गुज़र जाए।
Song UrduGeoD 7:10  मैं अपने महबूब की ही हूँ, और वह मुझे चाहता है।
Song UrduGeoD 7:11  आ, मेरे महबूब, हम शहर से निकलकर देहात में रात गुज़ारें।
Song UrduGeoD 7:12  आ, हम सुबह-सवेरे अंगूर के बाग़ों में जाकर मालूम करें कि क्या बेलों से कोंपलें निकल आई हैं और फूल लगे हैं, कि क्या अनार के दरख़्त खिल रहे हैं। वहाँ मैं तुझ पर अपनी मुहब्बत का इज़हार करूँगी।
Song UrduGeoD 7:13  मर्दुमगयाह की ख़ुशबू फैल रही, और हमारे दरवाज़े पर हर क़िस्म का लज़ीज़ फल है, नई फ़सल का भी और गुज़री का भी। क्योंकि मैंने यह चीज़ें तेरे लिए, अपने महबूब के लिए महफ़ूज़ रखी हैं।
Chapter 8
Song UrduGeoD 8:1  काश तू मेरा सगा भाई होता, तब अगर बाहर तुझसे मुलाक़ात होती तो मैं तुझे बोसा देती और कोई न होता जो यह देखकर मुझे हक़ीर जानता।
Song UrduGeoD 8:2  मैं तेरी राहनुमाई करके तुझे अपनी माँ के घर में ले जाती, उसके घर में जिसने मुझे तालीम दी। वहाँ मैं तुझे मसालेदार मै और अपने अनारों का रस पिलाती।
Song UrduGeoD 8:3  उसका बायाँ बाज़ू मेरे सर के नीचे होता और दायाँ बाज़ू मुझे गले लगाता है।
Song UrduGeoD 8:4  ऐ यरूशलम की बेटियो, क़सम खाओ कि जब तक मुहब्बत ख़ुद न चाहे तुम उसे न जगाओगी, न बेदार करोगी।
Song UrduGeoD 8:5  यह कौन है जो अपने महबूब का सहारा लेकर रेगिस्तान से चढ़ी आ रही है? सेब के दरख़्त तले मैंने तुझे जगा दिया, वहाँ जहाँ तेरी माँ ने तुझे जन्म दिया, जहाँ उसने दर्दे-ज़ह में मुब्तला होकर तुझे पैदा किया।
Song UrduGeoD 8:6  मुझे मुहर की तरह अपने दिल पर, अपने बाज़ू पर लगाए रख! क्योंकि मुहब्बत मौत जैसी ताक़तवर, और उस की सरगरमी पाताल जैसी बे-लचक है। वह दहकती आग, रब का भड़कता शोला है।
Song UrduGeoD 8:7  पानी का बड़ा सैलाब भी मुहब्बत को बुझा नहीं सकता, बड़े दरिया भी उसे बहाकर ले जा नहीं सकते। और अगर कोई मुहब्बत को पाने के लिए अपने घर की तमाम दौलत पेश भी करे तो भी उसे जवाब में हक़ीर ही जाना जाएगा।
Song UrduGeoD 8:8  हमारी छोटी बहन की छातियाँ नहीं हैं। हम अपनी बहन के लिए क्या करें अगर कोई उससे रिश्ता बाँधने आए?
Song UrduGeoD 8:9  अगर वह दीवार हो तो हम उस पर चाँदी का क़िलाबंद इंतज़ाम बनाएँगे। अगर वह दरवाज़ा हो तो हम उसे देवदार के तख़्ते से महफ़ूज़ रखेंगे।
Song UrduGeoD 8:10  मैं दीवार हूँ, और मेरी छातियाँ मज़बूत मीनार हैं। अब मैं उस की नज़र में ऐसी ख़ातून बन गई हूँ जिसे सलामती हासिल हुई है।
Song UrduGeoD 8:11  बाल-हामून में सुलेमान का अंगूर का बाग़ था। इस बाग़ को उसने पहरेदारों के हवाले कर दिया। हर एक को उस की फ़सल के लिए चाँदी के हज़ार सिक्के देने थे।
Song UrduGeoD 8:12  लेकिन मेरा अपना अंगूर का बाग़ मेरे सामने ही मौजूद है। ऐ सुलेमान, चाँदी के हज़ार सिक्के तेरे लिए हैं, और 200 सिक्के उनके लिए जो उस की फ़सल की पहरादारी करते हैं।
Song UrduGeoD 8:13  ऐ बाग़ में बसनेवाली, मेरे साथी तेरी आवाज़ पर तवज्जुह दे रहे हैं। मुझे ही अपनी आवाज़ सुनने दे।
Song UrduGeoD 8:14  ऐ मेरे महबूब, ग़ज़ाल या जवान हिरन की तरह बलसान के पहाड़ों की जानिब भाग जा!।