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Chapter 1
Lame UrduGeoD 1:1  हाय, अफ़सोस! यरूशलम बेटी कितनी तनहा बैठी है, गो उसमें पहले इतनी रौनक़ थी। जो पहले अक़वाम में अव्वल दर्जा रखती थी वह बेवा बन गई है, जो पहले ममालिक की रानी थी वह ग़ुलामी में आ गई है।
Lame UrduGeoD 1:2  रात को वह रो रोकर गुज़ारती है, उसके गाल आँसुओं से तर रहते हैं। आशिक़ों में से कोई नहीं रहा जो उसे तसल्ली दे। दोस्त सबके सब बेवफ़ा होकर उसके दुश्मन बन गए हैं।
Lame UrduGeoD 1:3  पहले भी यहूदाह बेटी बड़ी मुसीबत में फँसी हुई थी, पहले भी उसे सख़्त मज़दूरी करनी पड़ी। लेकिन अब वह जिलावतन होकर दीगर अक़वाम के बीच में रहती है, अब उसे कहीं भी ऐसी जगह नहीं मिलती जहाँ सुकून से रह सके। क्योंकि जब वह बड़ी तकलीफ़ में मुब्तला थी तो दुश्मन ने उसका ताक़्क़ुब करके उसे घेर लिया।
Lame UrduGeoD 1:4  सिय्यून की राहें मातमज़दा हैं, क्योंकि कोई ईद मनाने के लिए नहीं आता। शहर के तमाम दरवाज़े वीरानो-सुनसान हैं। उसके इमाम आहें भर रहे, उस की कुँवारियाँ ग़म खा रही हैं और उसे ख़ुद शदीद तलख़ी महसूस हो रही है।
Lame UrduGeoD 1:5  उसके मुख़ालिफ़ मालिक बन गए, उसके दुश्मन सुकून से रह रहे हैं। क्योंकि रब ने शहर को उसके मुतअद्दिद गुनाहों का अज्र देकर उसे दुख पहुँचाया है। उसके फ़रज़ंद दुश्मन के आगे आगे चलकर जिलावतन हो गए हैं।
Lame UrduGeoD 1:6  सिय्यून बेटी की तमाम शानो-शौकत जाती रही है। उसके बुज़ुर्ग चरागाह न पानेवाले हिरन हैं जो थकते थकते शिकारियों के आगे आगे भागते हैं।
Lame UrduGeoD 1:7  अब जब यरूशलम मुसीबतज़दा और बेवतन है तो उसे वह क़ीमती चीज़ें याद आती हैं जो उसे क़दीम ज़माने से ही हासिल थीं। क्योंकि जब उस की क़ौम दुश्मन के हाथ में आई तो कोई नहीं था जो उस की मदद करता बल्कि उसके मुख़ालिफ़ तमाशा देखने दौड़े आए, वह उस की तबाही से ख़ुश होकर हँस पड़े।
Lame UrduGeoD 1:8  यरूशलम बेटी से संगीन गुनाह सरज़द हुआ है, इसी लिए वह लान-तान का निशाना बन गई है। जो पहले उस की इज़्ज़त करते थे वह सब उसे हक़ीर जानते हैं, क्योंकि उन्होंने उस की बरहनगी देखी है। अब वह आहें भर भरकर अपना मुँह दूसरी तरफ़ फेर लेती है।
Lame UrduGeoD 1:9  गो उसके दामन में बहुत गंदगी थी, तो भी उसने अपने अंजाम का ख़याल तक न किया। अब वह धड़ाम से गिर गई है, और कोई नहीं है जो उसे तसल्ली दे। “ऐ रब, मेरी मुसीबत का लिहाज़ कर! क्योंकि दुश्मन शेख़ी मार रहा है।”
Lame UrduGeoD 1:10  जो कुछ भी यरूशलम को प्यारा था उस पर दुश्मन ने हाथ डाला है। हत्ता कि उसे देखना पड़ा कि ग़ैरअक़वाम उसके मक़दिस में दाख़िल हो रहे हैं, गो तूने ऐसे लोगों को अपनी जमात में शरीक होने से मना किया था।
Lame UrduGeoD 1:11  तमाम बाशिंदे आहें भर भरकर रोटी की तलाश में रहते हैं। हर एक खाने का कोई न कोई टुकड़ा पाने के लिए अपनी बेशक़ीमत चीज़ें बेच रहा है। ज़हन में एक ही ख़याल है कि अपनी जान को किसी न किसी तरह बचाए। “ऐ रब, मुझ पर नज़र डालकर ध्यान दे कि मेरी कितनी तज़लील हुई है।
Lame UrduGeoD 1:12  ऐ यहाँ से गुज़रनेवालो, क्या यह सब कुछ तुम्हारे नज़दीक बेमानी है? ग़ौर से सोच लो, जो ईज़ा मुझे बरदाश्त करनी पड़ती है क्या वह कहीं और पाई जाती है? हरगिज़ नहीं! यह रब की तरफ़ से है, उसी का सख़्त ग़ज़ब मुझ पर नाज़िल हुआ है।
Lame UrduGeoD 1:13  बुलंदियों से उसने मेरी हड्डियों पर आग नाज़िल करके उन्हें कुचल दिया। उसने मेरे पाँवों के सामने जाल बिछाकर मुझे पीछे हटा दिया। उसी ने मुझे वीरानो-सुनसान करके हमेशा के लिए बीमार कर दिया।
Lame UrduGeoD 1:14  मेरे जरायम का जुआ भारी है। रब के हाथ ने उन्हें एक दूसरे के साथ जोड़कर मेरी गरदन पर रख दिया। अब मेरी ताक़त ख़त्म है, रब ने मुझे उन्हीं के हवाले कर दिया जिनका मुक़ाबला मैं कर ही नहीं सकता।
Lame UrduGeoD 1:15  रब ने मेरे दरमियान के तमाम सूरमाओं को रद्द कर दिया, उसने मेरे ख़िलाफ़ जुलूस निकलवाया जो मेरे जवानों को पाश पाश करे। हाँ, रब ने कुँवारी यहूदाह बेटी को अंगूर का रस निकालने के हौज़ में फेंककर कुचल डाला।
Lame UrduGeoD 1:16  इसलिए मैं रो रही हूँ, मेरी आँखों से आँसू टपकते रहते हैं। क्योंकि क़रीब कोई नहीं है जो मुझे तसल्ली देकर मेरी जान को तरो-ताज़ा करे। मेरे बच्चे तबाह हैं, क्योंकि दुश्मन ग़ालिब आ गया है।”
Lame UrduGeoD 1:17  सिय्यून बेटी अपने हाथ फैलाती है, लेकिन कोई नहीं है जो उसे तसल्ली दे। रब के हुक्म पर याक़ूब के पड़ोसी उसके दुश्मन बन गए हैं। यरूशलम उनके दरमियान घिनौनी चीज़ बन गई है।
Lame UrduGeoD 1:18  “रब हक़-बजानिब है, क्योंकि मैं उसके कलाम से सरकश हुई। ऐ तमाम अक़वाम, सुनो! मेरी ईज़ा पर ग़ौर करो! मेरे नौजवान और कुँवारियाँ जिलावतन हो गए हैं।
Lame UrduGeoD 1:19  मैंने अपने आशिक़ों को बुलाया, लेकिन उन्होंने बेवफ़ा होकर मुझे तर्क कर दिया। अब मेरे इमाम और बुज़ुर्ग अपनी जान बचाने के लिए ख़ुराक ढूँडते ढूँडते शहर में हलाक हो गए हैं।
Lame UrduGeoD 1:20  ऐ रब, मेरी तंगदस्ती पर ध्यान दे! बातिन में मैं तड़प रही हूँ, मेरा दिल तेज़ी से धड़क रहा है, इसलिए कि मैं इतनी ज़्यादा सरकश रही हूँ। बाहर गली में तलवार ने मुझे बच्चों से महरूम कर दिया, घर के अंदर मौत मेरे पीछे पड़ी है।
Lame UrduGeoD 1:21  मेरी आहें तो लोगों तक पहुँचती हैं, लेकिन कोई मुझे तसल्ली देने के लिए नहीं आता। इसके बजाए मेरे तमाम दुश्मन मेरी मुसीबत के बारे में सुनकर बग़लें बजा रहे हैं। वह ख़ुश हैं कि तूने मेरे साथ ऐसा सुलूक किया है। ऐ रब, वह दिन आने दे जिसका एलान तूने किया है ताकि वह भी मेरी तरह की मुसीबत में फँस जाएँ।
Lame UrduGeoD 1:22  उनकी तमाम बुरी हरकतें तेरे सामने आएँ। उनसे यों निपट ले जिस तरह तूने मेरे गुनाहों के जवाब में मुझसे निपट लिया है। क्योंकि आहें भरते भरते मेरा दिल निढाल हो गया है।”
Chapter 2
Lame UrduGeoD 2:1  हाय, रब का क़हर काले बादलों की तरह सिय्यून बेटी पर छा गया है! इसराईल की जो शानो-शौकत पहले आसमान की तरह बुलंद थी उसे अल्लाह ने ख़ाक में मिला दिया है। जब उसका ग़ज़ब नाज़िल हुआ तो उसने अपने घर का भी ख़याल न किया, गो वह उसके पाँवों की चौकी है।
Lame UrduGeoD 2:2  रब ने बेरहमी से याक़ूब की आबादियों को मिटा डाला, क़हर में यहूदाह बेटी के क़िलों को ढा दिया। उसने यहूदाह की सलतनत और बुज़ुर्गों को ख़ाक में मिलाकर उनकी बेहुरमती की है।
Lame UrduGeoD 2:3  ग़ज़बनाक होकर उसने इसराईल की पूरी ताक़त ख़त्म कर दी। फिर जब दुश्मन क़रीब आया तो उसने अपने दहने हाथ को इसराईल की मदद करने से रोक लिया। न सिर्फ़ यह बल्कि वह शोलाज़न आग बन गया जिसने याक़ूब में चारों तरफ़ फैलकर सब कुछ भस्म कर दिया।
Lame UrduGeoD 2:4  अपनी कमान को तानकर वह अपने दहने हाथ से तीर चलाने के लिए उठा। दुश्मन की तरह उसने सब कुछ जो मनमोहन था मौत के घाट उतारा। सिय्यून बेटी का ख़ैमा उसके क़हर के भड़कते कोयलों से भर गया।
Lame UrduGeoD 2:5  रब ने इसराईल का दुश्मन-सा बनकर मुल्क को उसके महलों और क़िलों समेत तबाह कर दिया है। उसी के हाथों यहूदाह बेटी की आहो-ज़ारी में इज़ाफ़ा होता गया।
Lame UrduGeoD 2:6  उसने अपनी सुकूनतगाह को बाग़ की झोंपड़ी की तरह गिरा दिया, उसी मक़ाम को बरबाद कर दिया जहाँ क़ौम उससे मिलने के लिए जमा होती थी। रब के हाथों यों हुआ कि अब सिय्यून की ईदों और सबतों की याद ही नहीं रही। उसके शदीद क़हर ने बादशाह और इमाम दोनों को रद्द कर दिया है।
Lame UrduGeoD 2:7  अपनी क़ुरबानगाह और मक़दिस को मुस्तरद करके रब ने यरूशलम के महलों की दीवारें दुश्मन के हवाले कर दीं। तब रब के घर में भी ईद के दिन का-सा शोर मच गया।
Lame UrduGeoD 2:8  रब ने फ़ैसला किया कि सिय्यून बेटी की फ़सील को गिरा दिया जाए। उसने फ़ीते से दीवारों को नाप नापकर अपने हाथ को न रोका जब तक सब कुछ तबाह न हो गया। तब क़िलाबंदी के पुश्ते और फ़सील मातम करते करते ज़ाया हो गए।
Lame UrduGeoD 2:9  शहर के दरवाज़े ज़मीन में धँस गए, उनके कुंडे टूटकर बेकार हो गए। यरूशलम के बादशाह और राहनुमा दीगर अक़वाम में जिलावतन हो गए हैं। अब न शरीअत रही, न सिय्यून के नबियों को रब की रोया मिलती है।
Lame UrduGeoD 2:10  सिय्यून बेटी के बुज़ुर्ग ख़ामोशी से ज़मीन पर बैठ गए हैं। टाट के लिबास ओढ़कर उन्होंने अपने सरों पर ख़ाक डाल ली है। यरूशलम की कुँवारियाँ भी अपने सरों को झुकाए बैठी हैं।
Lame UrduGeoD 2:11  मेरी आँखें रो रोकर थक गई हैं, शदीद दर्द ने मेरे दिल को बेहाल कर दिया है। क्योंकि मेरी क़ौम नेस्त हो गई है। शहर के चौकों में बच्चे पज़मुरदा हालत में फिर रहे हैं, शीरख़ार बच्चे ग़श खा रहे हैं। यह देखकर मेरा कलेजा फट रहा है।
Lame UrduGeoD 2:12  अपनी माँ से वह पूछते हैं, “रोटी और मै कहाँ है?” लेकिन बेफ़ायदा। वह मौत के घाट उतरनेवाले ज़ख़मी आदमियों की तरह चौकों में भूके मर रहे हैं, उनकी जान माँ की गोद में ही निकल रही है।
Lame UrduGeoD 2:13  ऐ यरूशलम बेटी, मैं किससे तेरा मुवाज़ना करके तेरी हौसलाअफ़्ज़ाई करूँ? ऐ कुँवारी सिय्यून बेटी, मैं किससे तेरा मुक़ाबला करके तुझे तसल्ली दूँ? क्योंकि तुझे समुंदर जैसा वसी नुक़सान पहुँचा है। कौन तुझे शफ़ा दे सकता है?
Lame UrduGeoD 2:14  तेरे नबियों ने तुझे झूटी और बेकार रोयाएँ पेश कीं। उन्होंने तेरा क़ुसूर तुझ पर ज़ाहिर न किया, हालाँकि उन्हें करना चाहिए था ताकि तू इस सज़ा से बच जाती। इसके बजाए उन्होंने तुझे झूट और फ़रेबदेह पैग़ामात सुनाए।
Lame UrduGeoD 2:15  अब तेरे पास से गुज़रनेवाले ताली बजाकर आवाज़े कसते हैं। यरूशलम बेटी को देखकर वह सर हिलाते हुए तौबा तौबा कहते हैं, “क्या यह वह शहर है जो ‘तकमीले-हुस्न’ और ‘तमाम दुनिया की ख़ुशी’ कहलाता था?”
Lame UrduGeoD 2:16  तेरे तमाम दुश्मन मुँह पसारकर तेरे ख़िलाफ़ बातें करते हैं। वह आवाज़े कसते और दाँत पीसते हुए कहते हैं, “हमने उसे हड़प कर लिया है। लो, वह दिन आ गया है जिसके इंतज़ार में हम रहे। आख़िरकार वह पहुँच गया, आख़िरकार हमने अपनी आँखों से उसे देख लिया है।”
Lame UrduGeoD 2:17  अब रब ने अपनी मरज़ी पूरी की है। अब उसने सब कुछ पूरा किया है जो बड़ी देर से फ़रमाता आया है। बेरहमी से उसने तुझे ख़ाक में मिला दिया। उसी ने होने दिया कि दुश्मन तुझ पर शादियाना बजाता, कि तेरे मुख़ालिफ़ों की ताक़त तुझ पर ग़ालिब आ गई है।
Lame UrduGeoD 2:18  लोगों के दिल रब को पुकारते हैं। ऐ सिय्यून बेटी की फ़सील, तेरे आँसू दिन-रात बहते बहते नदी बन जाएँ। न इससे बाज़ आ, न अपनी आँखों को रोने से रुकने दे!
Lame UrduGeoD 2:19  उठ, रात के हर पहर की इब्तिदा में आहो-ज़ारी कर! अपने दिल की हर बात पानी की तरह रब के हुज़ूर उंडेल दे। अपने हाथों को उस की तरफ़ उठाकर अपने बच्चों की जानों के लिए इल्तिजा कर जो इस वक़्त गली गली में भूके मर रहे हैं।
Lame UrduGeoD 2:20  ऐ रब, ध्यान से देख कि तूने किससे ऐसा सुलूक किया है। क्या यह औरतें अपने पेट का फल, अपने लाडले बच्चों को खाएँ? क्या रब के मक़दिस में ही इमाम और नबी को मार डाला जाए?
Lame UrduGeoD 2:21  लड़कों और बुज़ुर्गों की लाशें मिलकर गलियों में पड़ी हैं। मेरे जवान लड़के-लड़कियाँ तलवार की ज़द में आकर गिर गए हैं। जब तेरा ग़ज़ब नाज़िल हुआ तो तूने उन्हें मार डाला, बेरहमी से उन्हें मौत के घाट उतार दिया।
Lame UrduGeoD 2:22  जिनसे मैं दहशत खाता था उन्हें तूने बुलाया। जिस तरह बड़ी ईदों के मौक़े पर हुजूम शहर में जमा होते हैं उसी तरह दुश्मन चारों तरफ़ से मुझ पर टूट पड़े। जब रब का ग़ज़ब नाज़िल हुआ तो न कोई बचा, न कोई बाक़ी रह गया। जिन्हें मैंने पाला और जो मेरे ज़ेरे-निगरानी परवान चढ़े उन्हें दुश्मन ने हलाक कर दिया।
Chapter 3
Lame UrduGeoD 3:1  हाय, मुझे कितना दुख उठाना पड़ा! और यह सब कुछ इसलिए हो रहा है कि रब का ग़ज़ब मुझ पर नाज़िल हुआ है, उसी की लाठी मुझे तरबियत दे रही है।
Lame UrduGeoD 3:2  उसने मुझे हाँक हाँककर तारीकी में चलने दिया, कहीं भी रौशनी नज़र नहीं आई।
Lame UrduGeoD 3:3  रोज़ाना वह बार बार अपना हाथ मेरे ख़िलाफ़ उठाता रहता है।
Lame UrduGeoD 3:4  उसने मेरे जिस्म और जिल्द को सड़ने दिया, मेरी हड्डियों को तोड़ डाला।
Lame UrduGeoD 3:5  मुझे घेरकर उसने ज़हर और सख़्त मुसीबत की दीवार मेरे इर्दगिर्द खड़ी कर दी।
Lame UrduGeoD 3:6  उसने मुझे तारीकी में बसाया। अब मैं उनकी मानिंद हूँ जो बड़ी देर से क़ब्र में पड़े हैं।
Lame UrduGeoD 3:7  उसने मुझे पीतल की भारी ज़ंजीरों में जकड़कर मेरे इर्दगिर्द ऐसी दीवारें खड़ी कीं जिनसे मैं निकल नहीं सकता।
Lame UrduGeoD 3:8  ख़ाह मैं मदद के लिए कितनी चीख़ें क्यों न मारूँ वह मेरी इल्तिजाएँ अपने हुज़ूर पहुँचने नहीं देता।
Lame UrduGeoD 3:9  जहाँ भी मैं चलना चाहूँ वहाँ उसने तराशे पत्थरों की मज़बूत दीवार से मुझे रोक लिया। मेरे तमाम रास्ते भूलभुलय्याँ बन गए हैं।
Lame UrduGeoD 3:10  अल्लाह रीछ की तरह मेरी घात में बैठ गया, शेरबबर की तरह मेरी ताक लगाए छुप गया।
Lame UrduGeoD 3:11  उसने मुझे सहीह रास्ते से भटका दिया, फिर मुझे फाड़कर बेसहारा छोड़ दिया।
Lame UrduGeoD 3:12  अपनी कमान को तानकर उसने मुझे अपने तीरों का निशाना बनाया।
Lame UrduGeoD 3:13  उसके तीरों ने मेरे गुरदों को चीर डाला।
Lame UrduGeoD 3:14  मैं अपनी पूरी क़ौम के लिए मज़ाक़ का निशाना बन गया हूँ। वह पूरे दिन अपने गीतों में मुझे लान-तान करते हैं।
Lame UrduGeoD 3:15  अल्लाह ने मुझे कड़वे ज़हर से सेर किया, मुझे ना-गवार तलख़ी का प्याला पिलाया।
Lame UrduGeoD 3:16  उसने मेरे दाँतों को बजरी चबाने दी, मुझे कुचलकर ख़ाक में मिला दिया।
Lame UrduGeoD 3:17  मेरी जान से सुकून छीन लिया गया, अब मैं ख़ुशहाली का मज़ा भूल ही गया हूँ।
Lame UrduGeoD 3:18  चुनाँचे मैं बोला, “मेरी शान और रब पर से मेरी उम्मीद जाती रही है।”
Lame UrduGeoD 3:19  मेरी तकलीफ़देह और बेवतन हालत का ख़याल कड़वे ज़हर की मानिंद है।
Lame UrduGeoD 3:20  तो भी मेरी जान को उस की याद आती रहती है, सोचते सोचते वह मेरे अंदर दब जाती है।
Lame UrduGeoD 3:21  लेकिन मुझे एक बात की उम्मीद रही है, और यही मैं बार बार ज़हन में लाता हूँ,
Lame UrduGeoD 3:22  रब की मेहरबानी है कि हम नेस्तो-नाबूद नहीं हुए। क्योंकि उस की शफ़क़त कभी ख़त्म नहीं होती
Lame UrduGeoD 3:23  बल्कि हर सुबह अज़ सरे-नौ हम पर चमक उठती है। ऐ मेरे आक़ा, तेरी वफ़ादारी अज़ीम है।
Lame UrduGeoD 3:24  मेरी जान कहती है, “रब मेरा मौरूसी हिस्सा है, इसलिए मैं उसके इंतज़ार में रहूँगी।”
Lame UrduGeoD 3:25  क्योंकि रब उन पर मेहरबान है जो उस पर उम्मीद रखकर उसके तालिब रहते हैं।
Lame UrduGeoD 3:26  चुनाँचे अच्छा है कि हम ख़ामोशी से रब की नजात के इंतज़ार में रहें।
Lame UrduGeoD 3:27  अच्छा है कि इनसान जवानी में अल्लाह का जुआ उठाए फिरे।
Lame UrduGeoD 3:28  जब जुआ उस की गरदन पर रखा जाए तो वह चुपके से तनहाई में बैठ जाए।
Lame UrduGeoD 3:29  वह ख़ाक में औंधे मुँह हो जाए, शायद अभी तक उम्मीद हो।
Lame UrduGeoD 3:30  वह मारनेवाले को अपना गाल पेश करे, चुपके से हर तरह की रुसवाई बरदाश्त करे।
Lame UrduGeoD 3:31  क्योंकि रब इनसान को हमेशा तक रद्द नहीं करता।
Lame UrduGeoD 3:32  उस की शफ़क़त इतनी अज़ीम है कि गो वह कभी इनसान को दुख पहुँचाए तो भी वह आख़िरकार उस पर दुबारा रहम करता है।
Lame UrduGeoD 3:33  क्योंकि वह इनसान को दबाने और ग़म पहुँचाने में ख़ुशी महसूस नहीं करता।
Lame UrduGeoD 3:34  मुल्क में तमाम क़ैदियों को पाँवों तले कुचला जा रहा है।
Lame UrduGeoD 3:35  अल्लाह तआला के देखते देखते इनसान की हक़तलफ़ी की जा रही है,
Lame UrduGeoD 3:36  अदालत में लोगों का हक़ मारा जा रहा है। लेकिन रब को यह सब कुछ नज़र आता है।
Lame UrduGeoD 3:37  कौन कुछ करवा सकता है अगर रब ने इसका हुक्म न दिया हो?
Lame UrduGeoD 3:38  आफ़तें और अच्छी चीज़ें दोनों अल्लाह तआला के फ़रमान पर वुजूद में आती हैं।
Lame UrduGeoD 3:39  तो फिर इनसानों में से कौन अपने गुनाहों की सज़ा पाने पर शिकायत करे?
Lame UrduGeoD 3:40  आओ, हम अपने चाल-चलन का जायज़ा लें, उसे अच्छी तरह जाँचकर रब के पास वापस आएँ।
Lame UrduGeoD 3:41  हम अपने दिल को हाथों समेत आसमान की तरफ़ मायल करें जहाँ अल्लाह है।
Lame UrduGeoD 3:42  हम इक़रार करें, “हम बेवफ़ा होकर सरकश हो गए हैं, और तूने हमें मुआफ़ नहीं किया।
Lame UrduGeoD 3:43  तू अपने क़हर के परदे के पीछे छुपकर हमारा ताक़्क़ुब करने लगा, बेरहमी से हमें मारता गया।
Lame UrduGeoD 3:44  तू बादल में यों छुप गया है कि कोई भी दुआ तुझ तक नहीं पहुँच सकती।
Lame UrduGeoD 3:45  तूने हमें अक़वाम के दरमियान कूड़ा-करकट बना दिया।
Lame UrduGeoD 3:46  हमारे तमाम दुश्मन हमें ताने देते हैं।
Lame UrduGeoD 3:47  दहशत और गढ़े हमारे नसीब में हैं, हम धड़ाम से गिरकर तबाह हो गए हैं।”
Lame UrduGeoD 3:48  आँसू मेरी आँखों से टपक टपककर नदियाँ बन गए हैं, मैं इसलिए रो रहा हूँ कि मेरी क़ौम तबाह हो गई है।
Lame UrduGeoD 3:49  मेरे आँसू रुक नहीं सकते बल्कि उस वक़्त तक जारी रहेंगे
Lame UrduGeoD 3:50  जब तक रब आसमान से झाँककर मुझ पर ध्यान न दे।
Lame UrduGeoD 3:51  अपने शहर की औरतों से दुश्मन का सुलूक देखकर मेरा दिल छलनी हो रहा है।
Lame UrduGeoD 3:52  जो बिलावजह मेरे दुश्मन हैं उन्होंने परिंदे की तरह मेरा शिकार किया।
Lame UrduGeoD 3:53  उन्होंने मुझे जान से मारने के लिए गढ़े में डालकर मुझ पर पत्थर फेंक दिए।
Lame UrduGeoD 3:54  सैलाब मुझ पर आया, और मेरा सर पानी में डूब गया। मैं बोला, “मेरी ज़िंदगी का धागा कट गया है।”
Lame UrduGeoD 3:55  ऐ रब, जब मैं गढ़े की गहराइयों में था तो मैंने तेरे नाम को पुकारा।
Lame UrduGeoD 3:56  मैंने इल्तिजा की, “अपना कान बंद न रख बल्कि मेरी आहें और चीख़ें सुन!” और तूने मेरी सुनी।
Lame UrduGeoD 3:57  जब मैंने तुझे पुकारा तो तूने क़रीब आकर फ़रमाया, “ख़ौफ़ न खा।”
Lame UrduGeoD 3:58  ऐ रब, तू अदालत में मेरे हक़ में मुक़दमा लड़ा, बल्कि तूने मेरी जान का एवज़ाना भी दिया।
Lame UrduGeoD 3:59  ऐ रब, जो ज़ुल्म मुझ पर हुआ वह तुझे साफ़ नज़र आता है। अब मेरा इनसाफ़ कर!
Lame UrduGeoD 3:60  तूने उनकी तमाम कीनापरवरी पर तवज्जुह दी है। जितनी भी साज़िशें उन्होंने मेरे ख़िलाफ़ की हैं उनसे तू वाक़िफ़ है।
Lame UrduGeoD 3:61  ऐ रब, उनकी लान-तान, उनके मेरे ख़िलाफ़ तमाम मनसूबे तेरे कान तक पहुँच गए हैं।
Lame UrduGeoD 3:62  जो कुछ मेरे मुख़ालिफ़ पूरा दिन मेरे ख़िलाफ़ फुसफुसाते और बुड़बुड़ाते हैं उससे तू ख़ूब आश्ना है।
Lame UrduGeoD 3:63  देख कि यह क्या करते हैं! ख़ाह बैठे या खड़े हों, हर वक़्त वह अपने गीतों में मुझे अपने मज़ाक़ का निशाना बनाते हैं।
Lame UrduGeoD 3:64  ऐ रब, उन्हें उनकी हरकतों का मुनासिब अज्र दे!
Lame UrduGeoD 3:65  उनके ज़हनों को कुंद कर, तेरी लानत उन पर आ पड़े!
Lame UrduGeoD 3:66  उन पर अपना पूरा ग़ज़ब नाज़िल कर! जब तक वह तेरे आसमान के नीचे से ग़ायब न हो जाएँ उनका ताक़्क़ुब करता रह!
Chapter 4
Lame UrduGeoD 4:1  हाय, सोने की आबो-ताब न रही, ख़ालिस सोना भी माँद पड़ गया है। मक़दिस के जवाहर तमाम गलियों में बिखरे पड़े हैं।
Lame UrduGeoD 4:2  पहले तो सिय्यून के गिराँक़दर फ़रज़ंद ख़ालिस सोने जैसे क़ीमती थे, लेकिन अब वह गोया मिट्टी के बरतन समझे जाते हैं जो आम कुम्हार ने बनाए हैं।
Lame UrduGeoD 4:3  गो गीदड़ भी अपने बच्चों को दूध पिलाते हैं, लेकिन मेरी क़ौम रेगिस्तान में रहनेवाले उक़ाबी उल्लू जैसी ज़ालिम हो गई है।
Lame UrduGeoD 4:4  शीरख़ार बच्चे की ज़बान प्यास के मारे तालू से चिपक गई है। छोटे बच्चे भूक के मारे रोटी माँगते हैं, लेकिन खिलानेवाला कोई नहीं है।
Lame UrduGeoD 4:5  जो पहले लज़ीज़ खाना खाते थे वह अब गलियों में तबाह हो रहे हैं। जो पहले अरग़वानी रंग के शानदार कपड़े पहनते थे वह अब कूड़े-करकट में लोट-पोट हो रहे हैं।
Lame UrduGeoD 4:6  मेरी क़ौम से सदूम की निसबत कहीं ज़्यादा संगीन गुनाह सरज़द हुआ है। और सदूम का क़ुसूर इतना संगीन था कि वह एक ही लमहे में तबाह हुआ। किसी ने भी मुदाख़लत न की।
Lame UrduGeoD 4:7  सिय्यून के रईस कितने शानदार थे! जिल्द बर्फ़ जैसी निखरी, दूध जैसी सफ़ेद थी। रुख़सार मूँगे की तरह गुलाबी, शक्लो-सूरत संगे-लाजवर्द जैसी चमकदार थी।
Lame UrduGeoD 4:8  लेकिन अब वह कोयले जैसे काले नज़र आते हैं। जब गलियों में घूमते हैं तो उन्हें पहचाना नहीं जाता। उनकी हड्डियों पर की जिल्द सुकड़कर लकड़ी की तरह सूखी हुई है।
Lame UrduGeoD 4:9  जो तलवार से हलाक हुए उनका हाल उनसे बेहतर था जो भूके मर गए। क्योंकि खेतों से ख़ुराक न मिलने पर वह घुल घुलकर मर गए।
Lame UrduGeoD 4:10  जब मेरी क़ौम तबाह हुई तो इतना सख़्त काल पड़ गया कि नरमदिल माओं ने भी अपने बच्चों को पकाकर खा लिया।
Lame UrduGeoD 4:11  रब ने अपना पूरा ग़ज़ब सिय्यून पर नाज़िल किया, उसे अपने शदीद क़हर का निशाना बनाया। उसने यरूशलम में इतनी ज़बरदस्त आग लगाई कि वह बुनियादों तक भस्म हो गया।
Lame UrduGeoD 4:12  अब दुश्मन यरूशलम के दरवाज़ों में दाख़िल हुए हैं, हालाँकि दुनिया के तमाम बादशाह बल्कि सब लोग समझते थे कि यह मुमकिन ही नहीं।
Lame UrduGeoD 4:13  लेकिन यह सब कुछ उसके नबियों और इमामों के सबब से हुआ जिन्होंने शहर ही में रास्तबाज़ों की ख़ूनरेज़ी की।
Lame UrduGeoD 4:14  अब यही लोग अंधों की तरह गलियों में टटोल टटोलकर फिरते हैं। वह ख़ून से इतने आलूदा हैं कि सब लोग उनके कपड़ों से लगने से गुरेज़ करते हैं।
Lame UrduGeoD 4:15  उन्हें देखकर लोग गरजते हैं, “हटो, तुम नापाक हो! भाग जाओ, दफ़ा हो जाओ, हमें हाथ मत लगाना!” फिर जब वह दीगर अक़वाम में जाकर इधर उधर फिरने लगते हैं तो वहाँ के लोग भी कहते हैं कि यह मज़ीद यहाँ न ठहरें।
Lame UrduGeoD 4:16  रब ने ख़ुद उन्हें मुंतशिर कर दिया, अब से वह उनका ख़याल नहीं करेगा। अब न इमामों की इज़्ज़त होती है, न बुज़ुर्गों पर मेहरबानी की जाती है।
Lame UrduGeoD 4:17  हम चारों तरफ़ आँख दौड़ाते रहे, लेकिन बेफ़ायदा, कोई मदद न मिली। देखते देखते हमारी नज़र धुँधला गई। क्योंकि हम अपने बुर्जों पर खड़े एक ऐसी क़ौम के इंतज़ार में रहे जो हमारी मदद कर ही नहीं सकती थी।
Lame UrduGeoD 4:18  हम अपने चौकों में जा न सके, क्योंकि वहाँ दुश्मन हमारी ताक में बैठा था। हमारा ख़ातमा क़रीब आया, हमारा मुक़र्ररा वक़्त इख़्तितामपज़ीर हुआ, हमारा अंजाम आ पहुँचा।
Lame UrduGeoD 4:19  जिस तरह आसमान पर मँडलानेवाला उक़ाब एकदम शिकार पर झपट पड़ता है उसी तरह हमारा ताक़्क़ुब करनेवाले हम पर टूट पड़े, और वह भी कहीं ज़्यादा तेज़ी से। वह पहाड़ों पर हमारे पीछे पीछे भागे और रेगिस्तान में हमारी घात में रहे।
Lame UrduGeoD 4:20  हमारा बादशाह भी उनके गढ़ों में फँस गया। जो हमारी जान था और जिसे रब ने मसह करके चुन लिया था उसे भी पकड़ लिया गया, गो हमने सोचा था कि उसके साय में बसकर अक़वाम के दरमियान महफ़ूज़ रहेंगे।
Lame UrduGeoD 4:21  ऐ अदोम बेटी, बेशक शादियाना बजा! बेशक मुल्के-ऊज़ में रहकर ख़ुशी मना! लेकिन ख़बरदार, अल्लाह के ग़ज़ब का प्याला तुझे भी पिलाया जाएगा। तब तू उसे पी पीकर मस्त हो जाएगी और नशे में अपने कपड़े उतारकर बरहना फिरेगी।
Lame UrduGeoD 4:22  ऐ सिय्यून बेटी, तेरी सज़ा का वक़्त पूरा हो गया है। अब से रब तुझे क़ैदी बनाकर जिलावतन नहीं करेगा। लेकिन ऐ अदोम बेटी, वह तुझे तेरे क़ुसूर का पूरा अज्र देगा, वह तेरे गुनाहों पर से परदा उठा लेगा।
Chapter 5
Lame UrduGeoD 5:1  ऐ रब, याद कर कि हमारे साथ क्या कुछ हुआ! ग़ौर कर कि हमारी कैसी रुसवाई हुई है।
Lame UrduGeoD 5:2  हमारी मौरूसी मिलकियत परदेसियों के हवाले की गई, हमारे घर अजनबियों के हाथ में आ गए हैं।
Lame UrduGeoD 5:3  हम वालिदों से महरूम होकर यतीम हो गए हैं, हमारी माएँ बेवाओं की तरह ग़ैरमहफ़ूज़ हैं।
Lame UrduGeoD 5:4  ख़ाह पीने का पानी हो या लकड़ी, हर चीज़ की पूरी क़ीमत अदा करनी पड़ती है, हालाँकि यह हमारी अपनी ही चीज़ें थीं।
Lame UrduGeoD 5:5  हमारा ताक़्क़ुब करनेवाले हमारे सर पर चढ़ आए हैं, और हम थक गए हैं। कहीं भी सुकून नहीं मिलता।
Lame UrduGeoD 5:6  हमने अपने आपको मिसर और असूर के हवाले कर दिया ताकि रोटी मिल जाए और भूके न मरें।
Lame UrduGeoD 5:7  हमारे बापदादा ने गुनाह किया, लेकिन वह कूच कर गए हैं। अब हम ही उनकी सज़ा भुगत रहे हैं।
Lame UrduGeoD 5:8  ग़ुलाम हम पर हुकूमत करते हैं, और कोई नहीं है जो हमें उनके हाथ से बचाए।
Lame UrduGeoD 5:9  हम अपनी जान को ख़तरे में डालकर रोज़ी कमाते हैं, क्योंकि बयाबान में तलवार हमारी ताक में बैठी रहती है।
Lame UrduGeoD 5:10  भूक के मारे हमारी जिल्द तनूर जैसी गरम होकर चुरमुर हो गई है।
Lame UrduGeoD 5:11  सिय्यून में औरतों की इसमतदरी, यहूदाह के शहरों में कुँवारियों की बेहुरमती हुई है।
Lame UrduGeoD 5:12  दुश्मन ने रईसों को फाँसी देकर बुज़ुर्गों की बेइज़्ज़ती की है।
Lame UrduGeoD 5:13  नौजवानों को चक्की का पाट उठाए फिरना है, लड़के लकड़ी के बोझ तले डगमगाकर गिर जाते हैं।
Lame UrduGeoD 5:14  अब बुज़ुर्ग शहर के दरवाज़े से और जवान अपने साज़ों से बाज़ रहते हैं।
Lame UrduGeoD 5:15  ख़ुशी हमारे दिलों से जाती रही है, हमारा लोकनाच आहो-ज़ारी में बदल गया है।
Lame UrduGeoD 5:16  ताज हमारे सर पर से गिर गया है। हम पर अफ़सोस, हमसे गुनाह सरज़द हुआ है।
Lame UrduGeoD 5:17  इसी लिए हमारा दिल निढाल हो गया, हमारी नज़र धुँधला गई है।
Lame UrduGeoD 5:18  क्योंकि कोहे-सिय्यून तबाह हुआ है, लोमड़ियाँ उस की गलियों में फिरती हैं।
Lame UrduGeoD 5:19  ऐ रब, तेरा राज अबदी है, तेरा तख़्त पुश्त-दर-पुश्त क़ायम रहता है।
Lame UrduGeoD 5:20  तू हमें हमेशा तक क्यों भूलना चाहता है? तूने हमें इतनी देर तक क्यों तर्क किए रखा है?
Lame UrduGeoD 5:21  ऐ रब, हमें अपने पास वापस ला ताकि हम वापस आ सकें। हमें बहाल कर ताकि हमारा हाल पहले की तरह हो।
Lame UrduGeoD 5:22  या क्या तूने हमें हतमी तौर पर मुस्तरद कर दिया है? क्या तेरा हम पर ग़ुस्सा हद से ज़्यादा बढ़ गया है?।