Chapter 1
Ephe | UrduGeoD | 1:1 | यह ख़त पौलुस की तरफ़ से है, जो अल्लाह की मरज़ी से मसीह ईसा का रसूल है। मैं इफ़िसुस शहर के मुक़द्दसीन को लिख रहा हूँ, उन्हें जो मसीह ईसा में ईमानदार हैं। | |
Ephe | UrduGeoD | 1:3 | ख़ुदा हमारे ख़ुदावंद ईसा मसीह के बाप की हम्दो-सना हो! क्योंकि मसीह में उसने हमें आसमान पर हर रूहानी बरकत से नवाज़ा है। | |
Ephe | UrduGeoD | 1:4 | दुनिया की तख़लीक़ से पेशतर ही उसने मसीह में हमें चुन लिया ताकि हम मुक़द्दस और बेऐब हालत में उसके सामने ज़िंदगी गुज़ारें। यह कितनी अज़ीम मुहब्बत थी! | |
Ephe | UrduGeoD | 1:5 | पहले ही से उसने फ़ैसला कर लिया कि वह हमें मसीह में अपने बेटे-बेटियाँ बना लेगा। यही उस की मरज़ी और ख़ुशी थी | |
Ephe | UrduGeoD | 1:6 | ताकि हम उसके जलाली फ़ज़ल की तमजीद करें, उस मुफ़्त नेमत के लिए जो उसने हमें अपने प्यारे फ़रज़ंद में दे दी। | |
Ephe | UrduGeoD | 1:7 | क्योंकि उसने मसीह के ख़ून से हमारा फ़िद्या देकर हमें आज़ाद और हमारे गुनाहों को मुआफ़ कर दिया है। अल्लाह का यह फ़ज़ल कितना वसी है | |
Ephe | UrduGeoD | 1:9 | अल्लाह ने हम पर अपनी पोशीदा मरज़ी ज़ाहिर कर दी, यानी वह मनसूबा जो उसे पसंद था और जो उसने मसीह में पहले से बना रखा था। | |
Ephe | UrduGeoD | 1:10 | मनसूबा यह है कि जब मुक़र्ररा वक़्त आएगा तो अल्लाह मसीह में तमाम कायनात को जमा कर देगा। उस वक़्त सब कुछ मिलकर मसीह के तहत हो जाएगा, ख़ाह वह आसमान पर हो या ज़मीन पर। | |
Ephe | UrduGeoD | 1:11 | मसीह में हम आसमानी बादशाही के वारिस भी बन गए हैं। अल्लाह ने पहले से हमें इसके लिए मुक़र्रर किया, क्योंकि वह सब कुछ यों सरंजाम देता है कि उस की मरज़ी का इरादा पूरा हो जाए। | |
Ephe | UrduGeoD | 1:12 | और वह चाहता है कि हम उसके जलाल की सताइश का बाइस बनें, हम जिन्होंने पहले से मसीह पर उम्मीद रखी। | |
Ephe | UrduGeoD | 1:13 | आप भी मसीह में हैं, क्योंकि आप सच्चाई का कलाम और अपनी नजात की ख़ुशख़बरी सुनकर ईमान लाए। और अल्लाह ने आप पर भी रूहुल-क़ुद्स की मुहर लगा दी जिसका वादा उसने किया था। | |
Ephe | UrduGeoD | 1:14 | रूहुल-क़ुद्स हमारी मीरास का बयाना है। वह हमें यह ज़मानत देता है कि अल्लाह हमारा जो उस की मिलकियत हैं फ़िद्या देकर हमें पूरी मख़लसी तक पहुँचाएगा। क्योंकि हमारी ज़िंदगी का मक़सद यह है कि उसके जलाल की सताइश की जाए। | |
Ephe | UrduGeoD | 1:15 | भाइयो, मैं ख़ुदावंद ईसा पर आपके ईमान और आपकी तमाम मुक़द्दसीन से मुहब्बत के बारे में सुनकर | |
Ephe | UrduGeoD | 1:16 | आपके लिए ख़ुदा का शुक्र करने से बाज़ नहीं आता बल्कि आपको अपनी दुआओं में याद करता रहता हूँ। | |
Ephe | UrduGeoD | 1:17 | मेरी ख़ास दुआ यह है कि हमारे ख़ुदावंद ईसा मसीह का ख़ुदा और जलाली बाप आपको दानाई और मुकाशफ़ा की रूह दे ताकि आप उसे बेहतर तौर पर जान सकें। | |
Ephe | UrduGeoD | 1:18 | वह करे कि आपके दिलों की आँखें रौशन हो जाएँ। क्योंकि फिर ही आप जान लेंगे कि यह कैसी उम्मीद है जिसके लिए उसने आपको बुलाया है, कि यह जलाली मीरास कैसी दौलत है जो मुक़द्दसीन को हासिल है, | |
Ephe | UrduGeoD | 1:19 | और कि हम ईमान रखनेवालों पर उस की क़ुदरत का इज़हार कितना ज़बरदस्त है। यह वही बेहद क़ुदरत है | |
Ephe | UrduGeoD | 1:21 | वहाँ मसीह हर हुक्मरान, इख़्तियार, क़ुव्वत, हुकूमत, हाँ हर नाम से कहीं सरफ़राज़ है, ख़ाह इस दुनिया में हो या आनेवाली दुनिया में। | |
Ephe | UrduGeoD | 1:22 | अल्लाह ने सब कुछ उसके पाँवों के नीचे करके उसे सबका सर बना दिया। यह उसने अपनी जमात की ख़ातिर किया | |
Chapter 2
Ephe | UrduGeoD | 2:2 | क्योंकि पहले आप इनमें फँसे हुए इस दुनिया के तौर-तरीक़ों के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारते थे। आप हवा की कुव्वतों के सरदार के ताबे थे, उस रूह के जो इस वक़्त उनमें सरगरमे-अमल है जो अल्लाह के नाफ़रमान हैं। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:3 | पहले तो हम भी सब उनमें ज़िंदगी गुज़ारते थे। हम भी अपनी पुरानी फ़ितरत की शहवतें, मरज़ी और सोच पूरी करने की कोशिश करते रहे। दूसरों की तरह हम पर भी फ़ितरी तौर पर अल्लाह का ग़ज़ब नाज़िल होना था। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:5 | कि अगरचे हम अपने गुनाहों में मुरदा थे तो भी उसने हमें मसीह के साथ ज़िंदा कर दिया। हाँ, आपको अल्लाह के फ़ज़ल ही से नजात मिली है। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:6 | जब हम मसीह ईसा पर ईमान लाए तो उसने हमें मसीह के साथ ज़िंदा करके आसमान पर बिठा दिया। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:7 | ईसा मसीह में हम पर मेहरबानी करने से अल्लाह आनेवाले ज़मानों में अपने फ़ज़ल की लामहदूद दौलत दिखाना चाहता था। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:8 | क्योंकि यह उसका फ़ज़ल ही है कि आपको ईमान लाने पर नजात मिली है। यह आपकी तरफ़ से नहीं है बल्कि अल्लाह की बख़्शिश है। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:9 | और यह नजात हमें अपने किसी काम के नतीजे में नहीं मिली, इसलिए कोई अपने आप पर फ़ख़र नहीं कर सकता। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:10 | हाँ, हम उसी की मख़लूक़ हैं जिन्हें उसने मसीह में नेक काम करने के लिए ख़लक़ किया है। और यह काम उसने पहले से हमारे लिए तैयार कर रखे हैं, क्योंकि वह चाहता है कि हम उन्हें सरंजाम देते हुए ज़िंदगी गुज़ारें। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:11 | यह बात ज़हन में रखें कि माज़ी में आप क्या थे। यहूदी सिर्फ़ अपने लिए लफ़्ज़ मख़तून इस्तेमाल करते थे अगरचे वह अपना ख़तना सिर्फ़ इनसानी हाथों से करवाते हैं। आपको जो ग़ैरयहूदी हैं वह नामख़तून क़रार देते थे। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:12 | उस वक़्त आप मसीह के बग़ैर ही चलते थे। आप इसराईल क़ौम के शहरी न बन सके और जो वादे अल्लाह ने अहदों के ज़रीए अपनी क़ौम से किए थे वह आपके लिए नहीं थे। इस दुनिया में आपकी कोई उम्मीद नहीं थी, आप अल्लाह के बग़ैर ही ज़िंदगी गुज़ारते थे। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:13 | लेकिन अब आप मसीह में हैं। पहले आप दूर थे, लेकिन अब आपको मसीह के ख़ून के वसीले से क़रीब लाया गया है। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:14 | क्योंकि मसीह हमारी सुलह है और उसी ने यहूदियों और ग़ैरयहूदियों को मिलाकर एक क़ौम बना दिया है। अपने जिस्म को क़ुरबान करके उसने वह दीवार गिरा दी जिसने उन्हें अलग करके एक दूसरे के दुश्मन बना रखा था। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:15 | उसने शरीअत को उसके अहकाम और ज़वाबित समेत मनसूख़ कर दिया ताकि दोनों गुरोहों को मिलाकर एक नया इनसान ख़लक़ करे, ऐसा इनसान जो उसमें एक हो और सुलह-सलामती के साथ ज़िंदगी गुज़ारे। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:16 | अपनी सलीबी मौत से उसने दोनों गुरोहों को एक बदन में मिलाकर उनकी अल्लाह के साथ सुलह कराई। हाँ, उसने अपने आपमें यह दुश्मनी ख़त्म कर दी। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:17 | उसने आकर दोनों गुरोहों को सुलह-सलामती की ख़ुशख़बरी सुनाई, आप ग़ैरयहूदियों को जो अल्लाह से दूर थे और आप यहूदियों को भी जो उसके क़रीब थे। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:19 | नतीजे में अब आप परदेसी और अजनबी नहीं रहे बल्कि मुक़द्दसीन के हमवतन और अल्लाह के घराने के हैं। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:20 | आपको रसूलों और नबियों की बुनियाद पर तामीर किया गया है जिसके कोने का बुनियादी पत्थर मसीह ईसा ख़ुद है। | |
Ephe | UrduGeoD | 2:21 | उसमें पूरी इमारत जुड़ जाती और बढ़ती बढ़ती ख़ुदावंद में अल्लाह का मुक़द्दस घर बन जाती है। | |
Chapter 3
Ephe | UrduGeoD | 3:1 | इस वजह से मैं पौलुस जो आप ग़ैरयहूदियों की ख़ातिर मसीह ईसा का क़ैदी हूँ अल्लाह से दुआ करता हूँ। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:2 | आपने तो सुन लिया है कि मुझे आपमें अल्लाह के फ़ज़ल का इंतज़ाम चलाने की ख़ास ज़िम्मादारी दी गई है। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:3 | जिस तरह मैंने पहले ही मुख़तसर तौर पर लिखा है, अल्लाह ने ख़ुद मुझ पर यह राज़ ज़ाहिर कर दिया। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:4 | जब आप वह पढ़ेंगे जो मैंने लिखा तो आप जान लेंगे कि मुझे मसीह के राज़ के बारे में क्या क्या समझ आई है। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:5 | गुज़रे ज़मानों में अल्लाह ने यह बात ज़ाहिर नहीं की, लेकिन अब उसने इसे रूहुल-क़ुद्स के ज़रीए अपने मुक़द्दस रसूलों और नबियों पर ज़ाहिर कर दिया। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:6 | और अल्लाह का राज़ यह है कि उस की ख़ुशख़बरी के ज़रीए ग़ैरयहूदी इसराईल के साथ आसमानी बादशाही के वारिस, एक ही बदन के आज़ा और उसी वादे में शरीक हैं जो अल्लाह ने मसीह ईसा में किया है। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:7 | मैं अल्लाह के मुफ़्त फ़ज़ल और उस की क़ुदरत के इज़हार से ख़ुशख़बरी का ख़ादिम बन गया। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:8 | अगरचे मैं अल्लाह के तमाम मुक़द्दसीन से कमतर हूँ तो भी उसने मुझे यह फ़ज़ल बख़्शा कि मैं ग़ैरयहूदियों को उस लामहदूद दौलत की ख़ुशख़बरी सुनाऊँ जो मसीह में दस्तयाब है। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:9 | यही मेरी ज़िम्मादारी बन गई कि मैं सब पर उस राज़ का इंतज़ाम ज़ाहिर करूँ जो गुज़रे ज़मानों में सब चीज़ों के ख़ालिक़ ख़ुदा में पोशीदा रहा। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:10 | क्योंकि अल्लाह चाहता था कि अब मसीह की जमात ही आसमानी हुक्मरानों और कुव्वतों को अल्लाह की वसी हिकमत के बारे में इल्म पहुँचाए। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:11 | यही उसका अज़ली मनसूबा था जो उसने हमारे ख़ुदावंद मसीह ईसा के वसीले से तकमील तक पहुँचाया। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:12 | उसमें और उस पर ईमान रखकर हम पूरी आज़ादी और एतमाद के साथ अल्लाह के हुज़ूर आ सकते हैं। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:13 | इसलिए मेरी आपसे गुज़ारिश है कि आप मेरी मुसीबतें देखकर बेदिल न हो जाएँ। यह मैं आपकी ख़ातिर बरदाश्त कर रहा हूँ, और यह आपकी इज़्ज़त का बाइस हैं। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:16 | मेरी दुआ है कि वह अपने जलाल की दौलत के मुवाफ़िक़ यह बख़्शे कि आप उसके रूह के वसीले से बातिनी तौर पर ज़बरदस्त तक़वियत पाएँ, | |
Ephe | UrduGeoD | 3:17 | कि मसीह ईमान के ज़रीए आपके दिलों में सुकूनत करे। हाँ, मेरी दुआ है कि आप मुहब्बत में जड़ पकड़ें और इस बुनियाद पर ज़िंदगी यों गुज़ारें | |
Ephe | UrduGeoD | 3:18 | कि आप बाक़ी तमाम मुक़द्दसीन के साथ यह समझने के क़ाबिल बन जाएँ कि मसीह की मुहब्बत कितनी चौड़ी, कितनी लंबी, कितनी ऊँची और कितनी गहरी है। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:19 | ख़ुदा करे कि आप मसीह की यह मुहब्बत जान लें जो हर इल्म से कहीं अफ़ज़ल है और यों अल्लाह की पूरी मामूरी से भर जाएँ। | |
Ephe | UrduGeoD | 3:20 | अल्लाह की तमजीद हो जो अपनी उस क़ुदरत के मुवाफ़िक़ जो हममें काम कर रही है ऐसा ज़बरदस्त काम कर सकता है जो हमारी हर सोच और दुआ से कहीं बाहर है। | |
Chapter 4
Ephe | UrduGeoD | 4:1 | चुनाँचे मैं जो ख़ुदावंद में क़ैदी हूँ आपको ताकीद करता हूँ कि उस ज़िंदगी के मुताबिक़ चलें जिसके लिए ख़ुदा ने आपको बुलाया है। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:2 | हर वक़्त हलीम और नरमदिल रहें, सब्र से काम लें और एक दूसरे से मुहब्बत रखकर उसे बरदाश्त करें। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:6 | एक ख़ुदा है, जो सबका वाहिद बाप है। वह सबका मालिक है, सबके ज़रीए काम करता है और सबमें मौजूद है। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:7 | अब हम सबको अल्लाह का फ़ज़ल बख़्शा गया। लेकिन मसीह हर एक को मुख़्तलिफ़ पैमाने से यह फ़ज़ल अता करता है। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:8 | इसलिए कलामे-मुक़द्दस फ़रमाता है, “उसने बुलंदी पर चढ़कर क़ैदियों का हुजूम गिरिफ़्तार कर लिया और आदमियों को तोह्फ़े दिए।” | |
Ephe | UrduGeoD | 4:9 | अब ग़ौर करें कि चढ़ने का ज़िक्र किया गया है। इसका मतलब है कि पहले वह ज़मीन की गहराइयों में उतरा। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:10 | जो उतरा वह वही है जो तमाम आसमानों से ऊँचा चढ़ गया ताकि तमाम कायनात को अपने आपसे मामूर करे। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:11 | उसी ने अपनी जमात को तरह तरह के ख़ादिमों से नवाज़ा। बाज़ रसूल, बाज़ नबी, बाज़ मुबश्शिर, बाज़ चरवाहे और बाज़ उस्ताद हैं। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:12 | इनका मक़सद यह है कि मुक़द्दसीन को ख़िदमत करने के लिए तैयार किया जाए और यों मसीह के बदन की तामीरो-तरक़्क़ी हो जाए। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:13 | इस तरीक़े से हम सब ईमान और अल्लाह के फ़रज़ंद की पहचान में एक होकर बालिग़ हो जाएंगे, और हम मिलकर मसीह की मामूरी और बलूग़त को मुनअकिस करेंगे। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:14 | फिर हम बच्चे नहीं रहेंगे, और तालीम के हर एक झोंके से उछलते फिरते नहीं रहेंगे जब लोग अपनी चालाकी और धोकेबाज़ी से हमें अपने जालों में फँसाने की कोशिश करेंगे। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:15 | इसके बजाए हम मुहब्बत की रूह में सच्ची बात करके हर लिहाज़ से मसीह की तरफ़ बढ़ते जाएंगे जो हमारा सर है। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:16 | वही नसों के ज़रीए पूरे बदन के मुख़्तलिफ़ हिस्सों को एक दूसरे के साथ जोड़कर मुत्तहिद कर देता है। हर हिस्सा अपनी ताक़त के मुवाफ़िक़ काम करता है, और यों पूरा बदन मुहब्बत की रूह में बढ़ता और अपनी तामीर करता रहता है। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:17 | पस मैं ख़ुदावंद के नाम में आपको आगाह करता हूँ कि अब से ग़ैरईमानदारों की तरह ज़िंदगी न गुज़ारें जिनकी सोच बेकार है | |
Ephe | UrduGeoD | 4:18 | और जिनकी समझ अंधेरे की गिरिफ़्त में है। उनका उस ज़िंदगी में कोई हिस्सा नहीं जो अल्लाह देता है, क्योंकि वह जाहिल हैं और उनके दिल सख़्त हो गए हैं। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:19 | बेहिस होकर उन्होंने अपने आपको ऐयाशी के हवाले कर दिया। यों वह न बुझनेवाली प्यास के साथ हर क़िस्म की नापाक हरकतें करते हैं। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:21 | आपने तो उसके बारे में सुन लिया है, और उसमें होकर आपको वह सच्चाई सिखाई गई जो ईसा में है। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:22 | चुनाँचे अपने पुराने इनसान को उसके पुराने चाल-चलन समेत उतार देना, क्योंकि वह अपनी धोकेबाज़ शहवतों से बिगड़ता जा रहा है। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:24 | और नए इनसान को पहन लें जो यों बनाया गया है कि वह हक़ीक़ी रास्तबाज़ी और क़ुद्दूसियत में अल्लाह के मुशाबेह है। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:25 | इसलिए हर शख़्स झूट से बाज़ रहकर दूसरों से सच बात करे, क्योंकि हम सब एक ही बदन के आज़ा हैं। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:26 | ग़ुस्से में आते वक़्त गुनाह मत करना। आपका ग़ुस्सा सूरज के ग़ुरूब होने तक ठंडा हो जाए, | |
Ephe | UrduGeoD | 4:28 | चोर अब से चोरी न करे बल्कि ख़ूब मेहनत-मशक़्क़त करके अपने हाथों से अच्छा काम करे। हाँ, वह इतना कमाए कि ज़रूरतमंदों को भी कुछ दे सके। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:29 | कोई भी बुरी बात आपके मुँह से न निकले बल्कि सिर्फ़ ऐसी बातें जो दूसरों की ज़रूरियात के मुताबिक़ उनकी तामीर करें। यों सुननेवालों को बरकत मिलेगी। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:30 | अल्लाह के मुक़द्दस रूह को दुख न पहुँचाना, क्योंकि उसी से अल्लाह ने आप पर मुहर लगाकर यह ज़मानत दे दी है कि आप उसी के हैं और नजात के दिन बच जाएंगे। | |
Ephe | UrduGeoD | 4:31 | तमाम तरह की तलख़ी, तैश, ग़ुस्से, शोर-शराबा, गाली-गलोच बल्कि हर क़िस्म के बुरे रवय्ये से बाज़ आएँ। | |
Chapter 5
Ephe | UrduGeoD | 5:2 | मुहब्बत की रूह में ज़िंदगी यों गुज़ारें जैसे मसीह ने गुज़ारी। क्योंकि उसने हमसे मुहब्बत रखकर अपने आपको हमारे लिए अल्लाह के हुज़ूर क़ुरबान कर दिया और यों ऐसी क़ुरबानी बन गया जिसकी ख़ुशबू अल्लाह को पसंद आई। | |
Ephe | UrduGeoD | 5:3 | आपके दरमियान ज़िनाकारी, हर तरह की नापाकी या लालच का ज़िक्र तक न हो, क्योंकि यह अल्लाह के मुक़द्दसीन के लिए मुनासिब नहीं है। | |
Ephe | UrduGeoD | 5:4 | इसी तरह शर्मनाक, अहमक़ाना या गंदी बातें भी ठीक नहीं। इनकी जगह शुक्रगुज़ारी होनी चाहिए। | |
Ephe | UrduGeoD | 5:5 | क्योंकि यक़ीन जानें कि ज़िनाकार, नापाक या लालची मसीह और अल्लाह की बादशाही में मीरास नहीं पाएँगे (लालच तो एक क़िस्म की बुतपरस्ती है)। | |
Ephe | UrduGeoD | 5:6 | कोई आपको बेमानी अलफ़ाज़ से धोका न दे। ऐसी ही बातों की वजह से अल्लाह का ग़ज़ब उन पर जो नाफ़रमान हैं नाज़िल होता है। | |
Ephe | UrduGeoD | 5:8 | क्योंकि पहले आप तारीकी थे, लेकिन अब आप ख़ुदावंद में रौशनी हैं। रौशनी के फ़रज़ंद की तरह ज़िंदगी गुज़ारें, | |
Ephe | UrduGeoD | 5:14 | क्योंकि जो रौशनी में लाया जाता है वह रौशन हो जाता है। इसलिए कहा जाता है, “ऐ सोनेवाले, जाग उठ! मुरदों में से जी उठ, तो मसीह तुझ पर चमकेगा।” | |
Ephe | UrduGeoD | 5:15 | चुनाँचे बड़ी एहतियात से इस पर ध्यान दें कि आप ज़िंदगी किस तरह गुज़ारते हैं—बेसमझ या समझदार लोगों की तरह। | |
Ephe | UrduGeoD | 5:18 | शराब में मत्वाले न हो जाएँ, क्योंकि इसका अंजाम ऐयाशी है। इसके बजाए रूहुल-क़ुद्स से मामूर होते जाएँ। | |
Ephe | UrduGeoD | 5:19 | ज़बूरों, हम्दो-सना और रूहानी गीतों से एक दूसरे की हौसलाअफ़्ज़ाई करें। अपने दिलों में ख़ुदावंद के लिए गीत गाएँ और नग़मासराई करें। | |
Ephe | UrduGeoD | 5:20 | हाँ, हर वक़्त हमारे ख़ुदावंद ईसा मसीह के नाम में हर चीज़ के लिए ख़ुदा बाप का शुक्र करें। | |
Ephe | UrduGeoD | 5:23 | क्योंकि शौहर वैसे ही अपनी बीवी का सर है जैसे मसीह अपनी जमात का। हाँ, जमात मसीह का बदन है जिसे उसने नजात दी है। | |
Ephe | UrduGeoD | 5:25 | शौहरो, अपनी बीवियों से मुहब्बत रखें, बिलकुल उसी तरह जिस तरह मसीह ने अपनी जमात से मुहब्बत रखकर अपने आपको उसके लिए क़ुरबान किया | |
Ephe | UrduGeoD | 5:26 | ताकि उसे अल्लाह के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस करे। उसने उसे कलामे-पाक से धोकर पाक-साफ़ कर दिया | |
Ephe | UrduGeoD | 5:27 | ताकि अपने आपको एक ऐसी जमात पेश करे जो जलाली, मुक़द्दस और बेइलज़ाम हो, जिसमें न कोई दाग़ हो, न कोई झुर्री, न किसी और क़िस्म का नुक़्स। | |
Ephe | UrduGeoD | 5:28 | शौहरों का फ़र्ज़ है कि वह अपनी बीवियों से ऐसी ही मुहब्बत रखें। हाँ, वह उनसे वैसी मुहब्बत रखें जैसी अपने जिस्म से रखते हैं। क्योंकि जो अपनी बीवी से मुहब्बत रखता है वह अपने आपसे ही मुहब्बत रखता है। | |
Ephe | UrduGeoD | 5:29 | आख़िर कोई भी अपने जिस्म से नफ़रत नहीं करता बल्कि उसे ख़ुराक मुहैया करता और पालता है। मसीह भी अपनी जमात के लिए यही कुछ करता है। | |
Ephe | UrduGeoD | 5:31 | कलामे-मुक़द्दस में भी लिखा है, “इसलिए मर्द अपने माँ-बाप को छोड़कर अपनी बीवी के साथ पैवस्त हो जाता है। वह दोनों एक हो जाते हैं।” | |
Chapter 6
Ephe | UrduGeoD | 6:1 | बच्चो, ख़ुदावंद में अपने माँ-बाप के ताबे रहें, क्योंकि यही रास्तबाज़ी का तक़ाज़ा है। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:2 | कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, “अपने बाप और अपनी माँ की इज़्ज़त करना।” यह पहला हुक्म है जिसके साथ एक वादा भी किया गया है, | |
Ephe | UrduGeoD | 6:4 | ऐ वालिदो, अपने बच्चों से ऐसा सुलूक मत करें कि वह ग़ुस्से हो जाएँ बल्कि उन्हें ख़ुदावंद की तरफ़ से तरबियत और हिदायत देकर पालें। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:5 | ग़ुलामो, डरते और काँपते हुए अपने इनसानी मालिकों के ताबे रहें। ख़ुलूसदिली से उनकी ख़िदमत यों करें जैसे मसीह की। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:6 | न सिर्फ़ उनके सामने ही और उन्हें ख़ुश रखने के लिए ख़िदमत करें बल्कि मसीह के ग़ुलामों की हैसियत से जो पूरी लग्न से अल्लाह की मरज़ी पूरी करना चाहते हैं। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:7 | ख़ुशी से ख़िदमत करें, इस तरह जैसा कि आप न सिर्फ़ इनसानों की बल्कि ख़ुदावंद की ख़िदमत कर रहे हों। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:8 | आप तो जानते हैं कि जो भी अच्छा काम हमने किया उसका अज्र ख़ुदावंद देगा, ख़ाह हम ग़ुलाम हों या आज़ाद। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:9 | और मालिको, आप भी अपने ग़ुलामों से ऐसा ही सुलूक करें। उन्हें धमकियाँ न दें। आपको तो मालूम है कि आसमान पर आपका भी मालिक है और कि वह जानिबदार नहीं होता। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:12 | क्योंकि हमारी जंग इनसान के साथ नहीं है बल्कि हुक्मरानों और इख़्तियारवालों के साथ, इस तारीक दुनिया के हाकिमों के साथ और आसमानी दुनिया की शैतानी कुव्वतों के साथ है। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:13 | चुनाँचे अल्लाह का पूरा ज़िरा-बकतर पहन लें ताकि आप मुसीबत के दिन इबलीस के हमलों का सामना कर सकें बल्कि सब कुछ सरंजाम देने के बाद क़ायम रह सकें। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:14 | अब यों खड़े हो जाएँ कि आपकी कमर में सच्चाई का पटका बँधा हुआ हो, आपके सीने पर रास्तबाज़ी का सीनाबंद लगा हो | |
Ephe | UrduGeoD | 6:15 | और आपके पाँवों में ऐसे जूते हों जो सुलह-सलामती की ख़ुशख़बरी सुनाने के लिए तैयार रहें। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:16 | इसके अलावा ईमान की ढाल भी उठाए रखें, क्योंकि इससे आप इबलीस के जलते हुए तीर बुझा सकते हैं। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:17 | अपने सर पर नजात का ख़ोद पहनकर हाथ में रूह की तलवार जो अल्लाह का कलाम है थामे रखें। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:18 | और हर मौक़े पर रूह में हर तरह की दुआ और मिन्नत करते रहें। जागते और साबितक़दमी से तमाम मुक़द्दसीन के लिए दुआ करते रहें। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:19 | मेरे लिए भी दुआ करें कि जब भी मैं अपना मुँह खोलूँ अल्लाह मुझे ऐसे अलफ़ाज़ अता करे कि पूरी दिलेरी से उस की ख़ुशख़बरी का राज़ सुना सकूँ। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:20 | क्योंकि मैं इसी पैग़ाम की ख़ातिर क़ैदी, हाँ ज़ंजीरों में जकड़ा हुआ मसीह का एलची हूँ। दुआ करें कि मैं मसीह में उतनी दिलेरी से यह पैग़ाम सुनाऊँ जितना मुझे करना चाहिए। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:21 | आप मेरे हाल और काम के बारे में भी जानना चाहेंगे। ख़ुदावंद में हमारा अज़ीज़ भाई और वफ़ादार ख़ादिम तुख़िकुस आपको यह सब कुछ बता देगा। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:22 | मैंने उसे इसी लिए आपके पास भेज दिया कि आपको हमारे हाल का पता चले और आपको तसल्ली मिले। | |
Ephe | UrduGeoD | 6:23 | ख़ुदा बाप और ख़ुदावंद ईसा मसीह आप भाइयों को सलामती और ईमान के साथ मुहब्बत अता करें। | |