Chapter 1
| Hose | UrduGeoD | 1:1 | ज़ैल में रब का वह कलाम दर्ज है जो उन दिनों में होसेअ बिन बैरी पर नाज़िल हुआ जब उज़्ज़ियाह, यूताम, आख़ज़ और हिज़क़ियाह यहूदाह के बादशाह और यरुबियाम बिन युआस इसराईल का बादशाह था। | |
| Hose | UrduGeoD | 1:2 | जब रब पहली बार होसेअ से हमकलाम हुआ तो उसने हुक्म दिया, “जा, ज़िनाकार औरत से शादी कर और ज़िनाकार बच्चे पैदा कर, क्योंकि मुल्क रब की पैरवी छोड़कर मुसलसल ज़िना करता रहता है।” | |
| Hose | UrduGeoD | 1:3 | चुनाँचे होसेअ की जुमर बिंत दिबलायम से शादी हुई। उसका पाँव भारी हुआ, और बेटा पैदा हुआ। | |
| Hose | UrduGeoD | 1:4 | तब रब ने होसेअ से कहा, “उसका नाम यज़्रएल रखना। क्योंकि जल्द ही मैं याहू के ख़ानदान को यज़्रएल में उस क़त्लो-ग़ारत की सज़ा दूँगा जो उससे सरज़द हुई। साथ साथ मैं इसराईली बादशाही को भी ख़त्म करूँगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 1:6 | इसके बाद जुमर दुबारा उम्मीद से हुई। इस बार बेटी पैदा हुई। रब ने होसेअ से कहा, “इसका नाम लोरुहामा यानी ‘जिस पर रहम न हुआ हो’ रखना, क्योंकि आइंदा मैं इसराईलियों पर रहम नहीं करूँगा बल्कि वह मेरे रहम से सरासर महरूम रहेंगे। | |
| Hose | UrduGeoD | 1:7 | लेकिन यहूदाह के बाशिंदों पर मैं रहम करके उन्हें छुटकारा दूँगा। मैं उन्हें कमान, तलवार, जंग के हथियारों, घोड़ों या घुड़सवारों की मारिफ़त छुटकारा नहीं दूँगा बल्कि मैं जो रब उनका ख़ुदा हूँ ख़ुद ही उन्हें नजात दूँगा।” | |
| Hose | UrduGeoD | 1:9 | तब रब ने फ़रमाया, “इसका नाम लोअम्मी यानी ‘मेरी क़ौम नहीं’ रखना। क्योंकि तुम मेरी क़ौम नहीं, और मैं तुम्हारा ख़ुदा नहीं हूँगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 1:10 | लेकिन वह वक़्त आएगा जब इसराईली समुंदर की रेत जैसे बेशुमार होंगे। न उनकी पैमाइश की जा सकेगी, न उन्हें गिना जा सकेगा। तब जहाँ उनसे कहा गया कि ‘तुम मेरी क़ौम नहीं’ वहाँ वह ‘ज़िंदा ख़ुदा के फ़रज़ंद’ कहलाएँगे। | |
Chapter 2
| Hose | UrduGeoD | 2:1 | उस वक़्त अपने भाइयों का नाम अम्मी यानी ‘मेरी क़ौम’ और अपनी बहनों का नाम रुहामा यानी ‘जिस पर रहम किया गया हो’ रखो। | |
| Hose | UrduGeoD | 2:2 | अपनी माँ इसराईल पर इलज़ाम लगाओ, हाँ उस पर इलज़ाम लगाओ! क्योंकि न वह मेरी बीवी है, न मैं उसका शौहर हूँ। वह अपने चेहरे से और अपनी छातियों के दरमियान से ज़िनाकारी के निशान दूर करे, | |
| Hose | UrduGeoD | 2:3 | वरना मैं उसके कपड़े उतारकर उसे उस नंगी हालत में छोड़ूँगा जिसमें वह पैदा हुई। मैं होने दूँगा कि वह रेगिस्तान और झुलसती ज़मीन में तबदील हो जाए, कि वह प्यास के मारे मर जाए। | |
| Hose | UrduGeoD | 2:5 | उनकी माँ ने ज़िना किया, उन्हें जन्म देनेवाली ने शर्मनाक हरकतें की हैं। वह बोली, ‘मैं अपने आशिक़ों के पीछे भाग जाऊँगी। आख़िर मेरी रोटी, पानी, ऊन, कतान, तेल और पीने की चीज़ें वही मुहैया करते हैं।’ | |
| Hose | UrduGeoD | 2:6 | इसलिए जहाँ भी वह चलना चाहे वहाँ मैं उसे काँटेदार झाड़ियों से रोक दूँगा, मैं ऐसी दीवार खड़ी करूँगा कि उसे रास्ते का पता न चले। | |
| Hose | UrduGeoD | 2:7 | वह अपने आशिक़ों का पीछा करते करते थक जाएगी और कभी उन तक पहुँचेगी नहीं, वह उनका खोज लगाती रहेगी लेकिन उन्हें पाएगी नहीं। फिर वह बोलेगी, ‘मैं अपने पहले शौहर के पास वापस जाऊँ, क्योंकि उस वक़्त मेरा हाल आज की निसबत कहीं बेहतर था।’ | |
| Hose | UrduGeoD | 2:8 | लेकिन वह यह बात जानने के लिए तैयार नहीं कि उसे अल्लाह ही की तरफ़ से सब कुछ मुहैया हुआ है। मैं ही ने उसे वह अनाज, मै, तेल और कसरत की सोना-चाँदी दे दी जो लोगों ने बाल देवता को पेश की। | |
| Hose | UrduGeoD | 2:9 | इसलिए मैं अपने अनाज और अपने अंगूर को फ़सल की कटाई से पहले पहले वापस लूँगा। जो ऊन और कतान मैं उसे देता रहा ताकि उस की बरहनगी नज़र न आए उसे मैं उससे छीन लूँगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 2:10 | उसके आशिक़ों के देखते देखते मैं उसके सारे कपड़े उतारूँगा, और कोई उसे मेरे हाथ से नहीं बचाएगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 2:11 | मैं उस की तमाम ख़ुशियाँ बंद कर दूँगा। न कोई ईद, न नए चाँद का तहवार, न सबत का दिन या बाक़ी कोई मुक़र्ररा जशन मनाया जाएगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 2:12 | मैं उसके अंगूर और अंजीर के बाग़ों को तबाह करूँगा, उन चीज़ों को जिनके बारे में उसने कहा, ‘यह मुझे आशिक़ों की ख़िदमत करने के एवज़ मिल गई हैं।’ मैं यह बाग़ जंगल बनने दूँगा, और जंगली जानवर उनका फल खाएँगे। | |
| Hose | UrduGeoD | 2:13 | रब फ़रमाता है कि मैं उसे उन दिनों की सज़ा दूँगा जब उसने बाल के बुतों को बख़ूर की क़ुरबानियाँ पेश कीं। उस वक़्त वह अपने आपको बालियों और ज़ेवरात से सजाकर अपने आशिक़ों के पीछे भाग गई। मुझे वह भूल गई। | |
| Hose | UrduGeoD | 2:14 | चुनाँचे अब मैं उसे मनाने की कोशिश करूँगा, उसे रेगिस्तान में ले जाकर उससे नरमी से बात करूँगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 2:15 | फिर मैं उसे वहाँ से होकर उसके अंगूर के बाग़ वापस करूँगा और वादीए-अकूर को उम्मीद के दरवाज़े में बदल दूँगा। उस वक़्त वह ख़ुशी से मेरे पीछे होकर वहाँ चलेगी, बिलकुल उसी तरह जिस तरह जवानी में करती थी जब मेरे पीछे होकर मिसर से निकल आई।” | |
| Hose | UrduGeoD | 2:16 | रब फ़रमाता है, “उस दिन तू मुझे पुकारते वक़्त ‘ऐ मेरे बाल’ नहीं कहेगी बल्कि ‘ऐ मेरे ख़ाविंद।’ | |
| Hose | UrduGeoD | 2:17 | मैं बाल देवताओं के नाम तेरे मुँह से निकाल दूँगा, और तू आइंदा उनके नामों का ज़िक्र तक नहीं करेगी। | |
| Hose | UrduGeoD | 2:18 | उस दिन मैं जंगली जानवरों, परिंदों और रेंगनेवाले जानदारों के साथ अहद बाँधूँगा ताकि वह इसराईल को नुक़सान न पहुँचाएँ। कमान और तलवार को तोड़कर मैं जंग का ख़तरा मुल्क से दूर कर दूँगा। सब आरामो-सुकून से ज़िंदगी गुज़ारेंगे। | |
| Hose | UrduGeoD | 2:19 | मैं तेरे साथ अबदी रिश्ता बाँधूँगा, ऐसा रिश्ता जो रास्ती, इनसाफ़, फ़ज़ल और रहम पर मबनी होगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 2:20 | हाँ, जो रिश्ता मैं तेरे साथ बाँधूँगा उस की बुनियाद वफ़ादारी होगी। तब तू रब को जान लेगी।” | |
| Hose | UrduGeoD | 2:21 | रब फ़रमाता है, “उस दिन मैं सुनूँगा। मैं आसमान की सुनकर बादल पैदा करूँगा, आसमान ज़मीन की सुनकर बारिश बरसाएगा, | |
| Hose | UrduGeoD | 2:22 | ज़मीन अनाज, अंगूर और ज़ैतून की सुनकर उन्हें तक़वियत देगी, और यह चीज़ें मैदाने-यज़्रएल की सुनकर कसरत से पैदा हो जाएँगी। | |
Chapter 3
| Hose | UrduGeoD | 3:1 | रब मुझसे हमकलाम हुआ, “जा, अपनी बीवी को दुबारा प्यार कर, हालाँकि उसका आशिक़ है जिससे उसने ज़िना किया है। उसे यों प्यार कर जिस तरह रब इसराईलियों को प्यार करता है, हालाँकि उनका रुख़ दीगर माबूदों की तरफ़ है और उन्हें उन्हीं की अंगूर की टिक्कियाँ पसंद हैं।” | |
| Hose | UrduGeoD | 3:3 | मैंने उससे कहा, “अब तुझे बड़े अरसे तक मेरे साथ रहना है। इतने में न ज़िना कर, न किसी आदमी से सोहबत रख। मैं भी बड़ी देर तक तुझसे हमबिसतर नहीं हूँगा।” | |
| Hose | UrduGeoD | 3:4 | इसराईल का यही हाल होगा। बड़ी देर तक न उनका बादशाह होगा, न राहनुमा, न क़ुरबानी का इंतज़ाम, न यादगार पत्थर, न इमाम का बालापोश। उनके पास बुत तक भी नहीं होंगे। | |
Chapter 4
| Hose | UrduGeoD | 4:1 | ऐ इसराईलियो, रब का कलाम सुनो! क्योंकि रब का मुल्क के बाशिंदों से मुक़दमा है। “इलज़ाम यह है कि मुल्क में न वफ़ादारी, न मेहरबानी और न अल्लाह का इरफ़ान है। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:2 | कोसना, झूट बोलना, चोरी और ज़िना करना आम हो गया है। रोज़ बरोज़ क़त्लो-ग़ारत की नई ख़बरें मिलती रहती हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:3 | इसी लिए मुल्क में काल है और उसके तमाम बाशिंदे पज़मुरदा हो गए हैं। जंगली जानवर, परिंदे और मछलियाँ भी फ़ना हो रही हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:4 | लेकिन बिलावजह किसी पर इलज़ाम मत लगाना, न ख़ाहमख़ाह किसी की तंबीह करो! ऐ इमामो, मैं तुम्हीं पर इलज़ाम लगाता हूँ। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:5 | ऐ इमाम, दिन के वक़्त तू ठोकर खाकर गिरेगा, और रात के वक़्त नबी गिरकर तेरे साथ पड़ा रहेगा। मैं तेरी माँ को भी तबाह करूँगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:6 | अफ़सोस, मेरी क़ौम इसलिए तबाह हो रही है कि वह सहीह इल्म नहीं रखती। और क्या अजब जब तुम इमामों ने यह इल्म रद्द कर दिया है। अब मैं तुम्हें भी रद्द करता हूँ। आइंदा तुम इमाम की ख़िदमत अदा नहीं करोगे। चूँकि तुम अपने ख़ुदा की शरीअत भूल गए हो इसलिए मैं तुम्हारी औलाद को भी भूल जाऊँगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:7 | इमामों की तादाद जितनी बढ़ती गई उतना ही वह मेरा गुनाह करते गए। उन्होंने अपनी इज़्ज़त ऐसी चीज़ के एवज़ छोड़ दी जो रुसवाई का बाइस है। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:8 | मेरी क़ौम के गुनाह उनकी ख़ुराक हैं, और वह इस लालच में रहते हैं कि लोगों का क़ुसूर मज़ीद बढ़ जाए। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:9 | चुनाँचे इमामों और क़ौम के साथ एक जैसा सुलूक किया जाएगा। दोनों को मैं उनके चाल-चलन की सज़ा दूँगा, दोनों को उनकी हरकतों का अज्र दूँगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:10 | खाना तो वह खाएँगे लेकिन सेर नहीं होंगे। ज़िना भी करते रहेंगे, लेकिन बेफ़ायदा। इससे उनकी तादाद नहीं बढ़ेगी। क्योंकि उन्होंने रब का ख़याल करना छोड़ दिया है। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:12 | मेरी क़ौम लकड़ी से दरियाफ़्त करती है कि क्या करना है, और उस की लाठी उसे हिदायत देती है। क्योंकि ज़िनाकारी की रूह ने उन्हें भटका दिया है, ज़िना करते करते वह अपने ख़ुदा से कहीं दूर हो गए हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:13 | वह पहाड़ों की चोटियों पर अपने जानवरों को क़ुरबान करते हैं और पहाड़ियों पर चढ़कर बलूत, सफ़ेदा या किसी और दरख़्त के ख़ुशगवार साय में बख़ूर की क़ुरबानियाँ पेश करते हैं। इसी लिए तुम्हारी बेटियाँ इसमतफ़रोश बन गई हैं, और तुम्हारी बहुएँ ज़िना करती हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:14 | लेकिन मैं उन्हें उनकी इसमतफ़रोशी और ज़िनाकारी की सज़ा क्यों दूँ जबकि तुम मर्द कसबियों से सोहबत रखते और देवताओं की ख़िदमत में इसमतफ़रोशी करनेवाली औरतों के साथ क़ुरबानियाँ चढ़ाते हो? ऐसी हरकतों से नासमझ क़ौम तबाह हो रही है। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:15 | ऐ इसराईल, तू इसमतफ़रोश है, लेकिन यहूदाह ख़बरदार रहे कि वह इस जुर्म में मुलव्वस न हो जाए। इसराईल के शहरों जिलजाल और बैत-आवन की क़ुरबानगाहों के पास मत जाना। ऐसी जगहों पर रब का नाम लेकर उस की हयात की क़सम खाना मना है। | |
| Hose | UrduGeoD | 4:16 | इसराईल तो ज़िद्दी गाय की तरह अड़ गया है। तो फिर रब उन्हें किस तरह सब्ज़ाज़ार में भेड़ के बच्चों की तरह चरा सकता है? | |
| Hose | UrduGeoD | 4:18 | यह लोग शराब की महफ़िल से फ़ारिग़ होकर ज़िनाकारी में लग जाते हैं। वह नाजायज़ मुहब्बत करते करते कभी नहीं थकते। लेकिन इसका अज्र उनकी अपनी बेइज़्ज़ती है। | |
Chapter 5
| Hose | UrduGeoD | 5:1 | ऐ इमामो, सुनो मेरी बात! ऐ इसराईल के घराने, तवज्जुह दे! ऐ शाही ख़ानदान, मेरे पैग़ाम पर ग़ौर कर! तुम पर फ़ैसला है, क्योंकि अपनी बुतपरस्ती से तुमने मिसफ़ाह में फंदा लगा दिया, तबूर पहाड़ पर जाल बिछा दिया | |
| Hose | UrduGeoD | 5:3 | मैं तो इसराईल को ख़ूब जानता हूँ, वह मुझसे छुपा नहीं रह सकता। इसराईल अब इसमतफ़रोश बन गया है, वह नापाक है। | |
| Hose | UrduGeoD | 5:4 | उनकी बुरी हरकतें उन्हें उनके ख़ुदा के पास वापस आने नहीं देतीं। क्योंकि उनके अंदर ज़िनाकारी की रूह है, और वह रब को नहीं जानते। | |
| Hose | UrduGeoD | 5:5 | इसराईल का तकब्बुर उसके ख़िलाफ़ गवाही देता है, और वह अपने क़ुसूर के बाइस गिर जाएगा। यहूदाह भी उसके साथ गिर जाएगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 5:6 | तब वह अपनी भेड़-बकरियों और गाय-बैलों को लेकर रब को तलाश करेंगे, लेकिन बेफ़ायदा। वह उसे पा नहीं सकेंगे, क्योंकि वह उन्हें छोड़कर चला गया है। | |
| Hose | UrduGeoD | 5:7 | उन्होंने रब से बेवफ़ा होकर नाजायज़ औलाद पैदा की है। अब नया चाँद उन्हें उनकी मौरूसी ज़मीनों समेत हड़प कर लेगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 5:8 | जिबिया में नरसिंगा फूँको, रामा में तुरम बजाओ! बैत-आवन में जंग के नारे बुलंद करो। ऐ बिनयमीन, दुश्मन तेरे पीछे पड़ गया है! | |
| Hose | UrduGeoD | 5:9 | जिस दिन मैं सज़ा दूँगा उस दिन इसराईल वीरानो-सुनसान हो जाएगा। ध्यान दो कि मैंने इसराईली क़बीलों के बारे में क़ाबिले-एतमाद बातें बताई हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 5:10 | यहूदाह के राहनुमा उन जैसे बन गए हैं जो नाजायज़ तौर पर अपनी ज़मीन की हुदूद बढ़ा देते हैं। जवाब में मैं अपना ग़ज़ब मूसलाधार बारिश की तरह उन पर नाज़िल करूँगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 5:11 | इसराईल पर इसलिए ज़ुल्म हो रहा है और उसका हक़ मारा जा रहा है कि वह बेमानी बुतों के पीछे भागने पर तुला हुआ है। | |
| Hose | UrduGeoD | 5:13 | इसराईल ने अपनी बीमारी देखी और यहूदाह ने अपने नासूर पर ग़ौर किया। तब इसराईल ने असूर की तरफ़ रुजू किया और असूर के अज़ीम बादशाह को पैग़ाम भेजकर उससे मदद माँगी। लेकिन वह तुम्हें शफ़ा नहीं दे सकता, वह तुम्हारे नासूर का इलाज नहीं कर सकता। | |
| Hose | UrduGeoD | 5:14 | क्योंकि मैं शेरबबर की तरह इसराईल पर टूट पड़ूँगा और जवान शेरबबर की तरह यहूदाह पर झपट पड़ूँगा। मैं उन्हें फाड़कर अपने साथ घसीट ले जाऊँगा, और कोई उन्हें नहीं बचाएगा। | |
Chapter 6
| Hose | UrduGeoD | 6:1 | उस वक़्त वह कहेंगे, “आओ, हम रब के पास वापस चलें। क्योंकि उसी ने हमें फाड़ा, और वही हमें शफ़ा भी देगा। उसी ने हमारी पिटाई की, और वही हमारी मरहम-पट्टी भी करेगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 6:2 | दो दिन के बाद वह हमें नए सिरे से ज़िंदा करेगा और तीसरे दिन हमें दुबारा उठा खड़ा करेगा ताकि हम उसके हुज़ूर ज़िंदगी गुज़ारें। | |
| Hose | UrduGeoD | 6:3 | आओ, हम उसे जान लें, हम पूरी जिद्दो-जहद के साथ रब को जानने के लिए कोशाँ रहें। वह ज़रूर हम पर ज़ाहिर होगा। यह उतना यक़ीनी है जितना सूरज का रोज़ाना तुलू होना यक़ीनी है। जिस तरह मौसमे-बहार की तेज़ बारिश ज़मीन को सेराब करती है उसी तरह अल्लाह भी हमारे पास आएगा।” | |
| Hose | UrduGeoD | 6:4 | “ऐ इसराईल, मैं तेरे साथ क्या करूँ? ऐ यहूदाह, मैं तेरे साथ क्या करूँ? तुम्हारी मुहब्बत सुबह की धुंध जैसी आरिज़ी है। धूप में ओस की तरह वह जल्द ही काफ़ूर हो जाती है। | |
| Hose | UrduGeoD | 6:5 | इसी लिए मैंने अपने नबियों की मारिफ़त तुम्हें पटख़ दिया, अपने मुँह के अलफ़ाज़ से तुम्हें मार डाला है। मेरे इनसाफ़ का नूर सूरज की तरह ही तुलू होता है। | |
| Hose | UrduGeoD | 6:6 | क्योंकि मैं क़ुरबानी नहीं बल्कि रहम पसंद करता हूँ, भस्म होनेवाली क़ुरबानियों की निसबत मुझे यह पसंद है कि तुम अल्लाह को जान लो। | |
| Hose | UrduGeoD | 6:9 | इमामों के जत्थे डाकुओं की मानिंद बन गए हैं। क्योंकि वह सिकम को पहुँचानेवाले रास्ते पर मुसाफ़िरों की ताक लगाकर उन्हें क़त्ल करते हैं। हाँ, वह शर्मनाक हरकतों से गुरेज़ नहीं करते। | |
| Hose | UrduGeoD | 6:10 | मैंने इसराईल में ऐसी बातें देखी हैं जिनसे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। क्योंकि इसराईल ज़िना करता है, वह अपने आपको नापाक करता है। | |
Chapter 7
| Hose | UrduGeoD | 7:1 | इसराईल को शफ़ा देना चाहता हूँ तो इसराईल का क़ुसूर और सामरिया की बुराई साफ़ ज़ाहिर हो जाती है। क्योंकि फ़रेब देना उनका पेशा ही बन गया है। चोर घरों में नक़ब लगाते जबकि बाहर गली में डाकुओं के जत्थे लोगों को लूट लेते हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:2 | लेकिन वह ख़याल नहीं करते कि मुझे उनकी तमाम बुरी हरकतों की याद रहती है। वह नहीं समझते कि अब वह अपने ग़लत कामों से घिरे रहते हैं, कि यह गुनाह हर वक़्त मुझे नज़र आते हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:3 | अपनी बुराई से वह बादशाह को ख़ुश रखते हैं, उनके झूट से बुज़ुर्ग लुत्फ़अंदोज़ होते हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:4 | सबके सब ज़िनाकार हैं। वह उस तपते तनूर की मानिंद हैं जो इतना गरम है कि नानबाई को उसे मज़ीद छेड़ने की ज़रूरत नहीं। अगर वह आटा गूँधकर उसके ख़मीर होने तक इंतज़ार भी करे तो भी तनूर इतना गरम रहता है कि रोटी पक जाएगी। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:5 | हमारे बादशाह के जशन पर राहनुमा मै पी पीकर मस्त हो जाते हैं, और वह कुफ़र बकनेवालों से हाथ मिलाता है। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:6 | यह लोग क़रीब आकर ताक में बैठ जाते हैं जबकि उनके दिल तनूर की तरह तपते हैं। पूरी रात को उनका ग़ुस्सा सोया रहता है, लेकिन सुबह के वक़्त वह बेदार होकर शोलाज़न आग की तरह दहकने लगता है। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:7 | सब तनूर की तरह तपते तपते अपने राहनुमाओं को हड़प कर लेते हैं। उनके तमाम बादशाह गिर जाते हैं, और एक भी मुझे नहीं पुकारता। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:8 | इसराईल दीगर अक़वाम के साथ मिलकर एक हो गया है। अब वह उस रोटी की मानिंद है जो तवे पर सिर्फ़ एक तरफ़ से पक गई है, दूसरी तरफ़ से कच्ची ही है। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:9 | ग़ैरमुल्की उस की ताक़त खा खाकर उसे कमज़ोर कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उसे पता नहीं चला। उसके बाल सफ़ेद हो गए हैं, लेकिन अभी तक उसे मालूम नहीं हुआ। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:10 | इसराईल का तकब्बुर उसके ख़िलाफ़ गवाही देता है। तो भी न वह रब अपने ख़ुदा के पास वापस आ जाता, न उसे तलाश करता है। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:11 | इसराईल नासमझ कबूतर की मानिंद है जिसे आसानी से वरग़लाया जा सकता है। पहले वह मिसर को मदद के लिए बुलाता, फिर असूर के पास भाग जाता है। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:12 | लेकिन ज्योंही वह कभी इधर कभी इधर दौड़ेंगे तो मैं उन पर अपना जाल डालूँगा, उन्हें उड़ते हुए परिंदों की तरह नीचे उतारूँगा। मैं उनकी यों तादीब करूँगा जिस तरह उनकी जमात को आगाह किया गया है। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:13 | उन पर अफ़सोस, क्योंकि वह मुझसे भाग गए हैं। उन पर तबाही आए, क्योंकि वह मुझसे सरकश हो गए हैं। मैं फ़िद्या देकर उन्हें छुड़ाना चाहता था, लेकिन जवाब में वह मेरे बारे में झूट बोलते हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:14 | वह ख़ुलूसदिली से मुझसे इल्तिजा नहीं करते। वह बिस्तर पर लेटे लेटे ‘हाय हाय’ करते और ग़ल्ला और अंगूर को हासिल करने के लिए अपने आपको ज़ख़मी करते हैं। लेकिन मुझसे वह दूर रहते हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 7:15 | मैं ही ने उन्हें तरबियत दी, मैं ही ने उन्हें तक़वियत दी, लेकिन वह मेरे ख़िलाफ़ बुरे मनसूबे बाँधते हैं। | |
Chapter 8
| Hose | UrduGeoD | 8:1 | नरसिंगा बजाओ! दुश्मन उक़ाब की तरह रब के घर पर झपट्टा मारने को है। क्योंकि लोगों ने मेरे अहद को तोड़कर मेरी शरीअत की ख़िलाफ़वरज़ी की है। | |
| Hose | UrduGeoD | 8:2 | बेशक वह मदद के लिए चीख़ते-चिल्लाते हैं, ‘ऐ हमारे ख़ुदा, हम तो तुझे जानते हैं, हम तो इसराईल हैं।’ | |
| Hose | UrduGeoD | 8:3 | लेकिन हक़ीक़त में इसराईल ने वह कुछ मुस्तरद कर दिया है जो अच्छा है। चुनाँचे दुश्मन उसका ताक़्क़ुब करे! | |
| Hose | UrduGeoD | 8:4 | उन्होंने मेरी मरज़ी पूछे बग़ैर अपने बादशाह मुक़र्रर किए, मेरी मंज़ूरी के बग़ैर अपने राहनुमाओं को चुन लिया है। अपने सोने-चाँदी से अपने लिए बुत बनाकर वह अपनी तबाही अपने सर पर लाए हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 8:5 | ऐ सामरिया, मैंने तेरे बछड़े को रद्द कर दिया है! मेरा ग़ज़ब तेरे बाशिंदों पर नाज़िल होनेवाला है, क्योंकि वह पाक-साफ़ हो जाने के क़ाबिल ही नहीं! यह हालत कब तक जारी रहेगी? | |
| Hose | UrduGeoD | 8:6 | ऐ इसराईल, जिस बछड़े की पूजा तू करता है उसे दस्तकार ही ने बनाया है। सामरिया का बछड़ा ख़ुदा नहीं है बल्कि पाश पाश हो जाएगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 8:7 | वह हवा का बीज बो रहे हैं और आँधी की फ़सल काटेंगे। अनाज की फ़सल तैयार है, लेकिन बालियाँ कहीं नज़र नहीं आतीं। इससे आटा मिलने का इमकान ही नहीं। और अगर थोड़ा-बहुत गंदुम मिले भी तो ग़ैरमुल्की उसे हड़प कर लेंगे। | |
| Hose | UrduGeoD | 8:8 | हाँ, तमाम इसराईल को हड़प कर लिया गया है। अब वह क़ौमों में ऐसा बरतन बन गया है जो कोई पसंद नहीं करता। | |
| Hose | UrduGeoD | 8:9 | क्योंकि उसके लोग असूर के पास चले गए हैं। जंगली गधा तो अकेला रहता है, लेकिन इसराईल अपने आशिक़ को तोह्फ़े देकर ख़ुश रखने पर तुला रहता है। | |
| Hose | UrduGeoD | 8:10 | लेकिन ख़ाह वह दीगर क़ौमों में कितने तोह्फ़े क्यों न तक़सीम करें अब मैं उन्हें सज़ा देने के लिए जमा करूँगा। जल्द ही वह शहनशाह के बोझ तले पेचो-ताब खाने लगेंगे। | |
| Hose | UrduGeoD | 8:11 | गो इसराईल ने गुनाहों को दूर करने के लिए मुतअद्दिद क़ुरबानगाहें तामीर कीं, लेकिन वह उसके लिए गुनाह का बाइस बन गई हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 8:12 | ख़ाह मैं अपने अहकाम को इसराईलियों के लिए हज़ारों दफ़ा क्यों न क़लमबंद करता, तो भी फ़रक़ न पड़ता, वह समझते कि यह अहकाम अजनबी हैं, यह हम पर लागू नहीं होते। | |
| Hose | UrduGeoD | 8:13 | गो वह मुझे क़ुरबानियाँ पेश करके उनका गोश्त खाते हैं, लेकिन मैं, रब इनसे ख़ुश नहीं होता बल्कि उनके गुनाहों को याद करके उन्हें सज़ा दूँगा। तब उन्हें दुबारा मिसर जाना पड़ेगा। | |
Chapter 9
| Hose | UrduGeoD | 9:1 | ऐ इसराईल, ख़ुशी न मना, दीगर अक़वाम की तरह शादियाना मत बजा। क्योंकि तू ज़िना करते करते अपने ख़ुदा से दूर होता जा रहा है। जहाँ भी लोग गंदुम गाहते हैं वहाँ तू जाकर अपनी इसमतफ़रोशी के पैसे जमा करता है, यही कुछ तुझे प्यारा है। | |
| Hose | UrduGeoD | 9:2 | इसलिए आइंदा गंदुम गाहने और अंगूर का रस निकालने की जगहें उन्हें ख़ुराक मुहैया नहीं करेंगी, और अंगूर की फ़सल उन्हें रस मुहैया नहीं करेगी। | |
| Hose | UrduGeoD | 9:3 | इसराईली रब के मुल्क में नहीं रहेंगे बल्कि उन्हें मिसर वापस जाना पड़ेगा, उन्हें असूर में नापाक चीज़ें खानी पड़ेंगी। | |
| Hose | UrduGeoD | 9:4 | वहाँ वह रब को न मै की और न ज़बह की क़ुरबानियाँ पेश कर सकेंगे। उनकी रोटी मातम करनेवालों की रोटी जैसी होगी यानी जो भी उसे खाए वह नापाक हो जाएगा। हाँ, उनका खाना सिर्फ़ उनकी अपनी भूक मिटाने के लिए होगा, और वह रब के घर में नहीं आएगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 9:6 | जो तबाहशुदा मुल्क से निकलेंगे उन्हें मिसर इकट्ठा करेगा, उन्हें मेंफ़िस दफ़नाएगा। ख़ुदरौ पौदे उनकी क़ीमती चाँदी पर क़ब्ज़ा करेंगे, काँटेदार झाड़ियाँ उनके घरों पर छा जाएँगी। | |
| Hose | UrduGeoD | 9:7 | सज़ा के दिन आ गए हैं, हिसाब-किताब के दिन पहुँच गए हैं। इसराईल यह बात जान ले। तुम कहते हो, “यह नबी अहमक़ है, रूह का यह बंदा पागल है।” क्योंकि जितना संगीन तुम्हारा गुनाह है उतने ही ज़ोर से तुम मेरी मुख़ालफ़त करते हो। | |
| Hose | UrduGeoD | 9:8 | नबी मेरे ख़ुदा की तरफ़ से इसराईल का पहरेदार बनाया गया है। लेकिन जहाँ भी वह जाए वहाँ उसे फँसाने के फंदे लगाए गए हैं, बल्कि उसे उसके ख़ुदा के घर में भी सताया जाता है। | |
| Hose | UrduGeoD | 9:9 | उनसे निहायत ही ख़राब काम सरज़द हुआ है, ऐसा शरीर काम जैसा जिबिया के बाशिंदों से हुआ था। अल्लाह उनका क़ुसूर याद करके उनके गुनाहों की मुनासिब सज़ा देगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 9:10 | रब फ़रमाता है, “जब मेरा इसराईल से पहला वास्ता पड़ा तो रेगिस्तान में अंगूर जैसा लग रहा था। तुम्हारे बापदादा अंजीर के दरख़्त पर लगे पहले पकनेवाले फल जैसे नज़र आए। लेकिन बाल-फ़ग़ूर के पास पहुँचते ही उन्होंने अपने आपको उस शर्मनाक बुत के लिए मख़सूस कर लिया। तब वह अपने आशिक़ जैसे मकरूह हो गए। | |
| Hose | UrduGeoD | 9:11 | अब इसराईल की शानो-शौकत परिंदे की तरह उड़कर ग़ायब हो जाएगी। आइंदा न कोई उम्मीद से होगी, न बच्चा जनेगी। | |
| Hose | UrduGeoD | 9:12 | अगर वह अपने बच्चों को परवान चढ़ने तक पालें भी तो भी मैं उन्हें बेऔलाद कर दूँगा। एक भी नहीं रहेगा। उन पर अफ़सोस जब मैं उनसे दूर हो जाऊँगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 9:13 | पहले जब मैंने इसराईल पर नज़र डाली तो वह सूर की मानिंद शानदार था, उसे शादाब जगह पर पौदे की तरह लगाया गया था। लेकिन अब उसे अपनी औलाद को बाहर लाकर क़ातिल के हवाले करना पड़ेगा।” | |
| Hose | UrduGeoD | 9:14 | ऐ रब, उन्हें दे! क्या दे? होने दे कि उनके बच्चे पेट में ज़ाया हो जाएँ, कि औरतें दूध न पिला सकें। | |
| Hose | UrduGeoD | 9:15 | रब फ़रमाता है, “जब उनकी तमाम बेदीनी जिलजाल में ज़ाहिर हुई तो मैंने उनसे नफ़रत की। उनकी बुरी हरकतों की वजह से मैं उन्हें अपने घर से निकाल दूँगा। आइंदा मैं उन्हें प्यार नहीं करूँगा। उनके तमाम राहनुमा सरकश हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 9:16 | इसराईल को मारा गया, लोगों की जड़ सूख गई है, और वह फल नहीं ला सकते। उनके बच्चे पैदा हो भी जाएँ तो मैं उनकी क़ीमती औलाद को मार डालूँगा।” | |
Chapter 10
| Hose | UrduGeoD | 10:1 | इसराईल अंगूर की फलती-फूलती बेल था जो काफ़ी फल लाती रही। लेकिन जितना उसका फल बढ़ता गया उतना ही वह बुतों के लिए क़ुरबानगाहें बनाता गया। जितना उसका मुल्क तरक़्क़ी करता गया उतना ही वह देवताओं के मख़सूस सतूनों को सजाता गया। | |
| Hose | UrduGeoD | 10:2 | लोग दोदिले हैं, और अब उन्हें उनके क़ुसूर का अज्र भुगतना पड़ेगा। रब उनकी क़ुरबानगाहों को गिरा देगा, उनके सतूनों को मिसमार करेगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 10:3 | जल्द ही वह कहेंगे, “हम इसलिए बादशाह से महरूम हैं कि हमने रब का ख़ौफ़ न माना। लेकिन अगर बादशाह होता भी तो वह हमारे लिए क्या कर सकता?” | |
| Hose | UrduGeoD | 10:4 | वह बड़ी बातें करते, झूटी क़समें खाते और ख़ाली अहद बाँधते हैं। उनका इनसाफ़ उन ज़हरीले ख़ुदरौ पौदों की मानिंद है जो बीज के लिए तैयारशुदा ज़मीन से फूट निकलते हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 10:5 | सामरिया के बाशिंदे परेशान हैं कि बैत-आवन में बछड़े के बुत के साथ क्या किया जाएगा। उसके परस्तार उस पर मातम करेंगे, उसके पुजारी उस की शानो-शौकत याद करके वावैला करेंगे, क्योंकि वह उनसे छिनकर परदेस में ले जाया जाएगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 10:6 | हाँ, बछड़े को मुल्के-असूर में ले जाकर शहनशाह को ख़राज के तौर पर पेश किया जाएगा। इसराईल की रुसवाई हो जाएगी, वह अपने मनसूबे के बाइस शरमिंदा हो जाएगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 10:8 | बैत-आवन की वह ऊँची जगहें तबाह हो जाएँगी जहाँ इसराईल गुनाह करता रहा है। उनकी क़ुरबानगाहों पर काँटेदार झाड़ियाँ और ऊँटकटारे छा जाएंगे। तब लोग पहाड़ों से कहेंगे, “हमें छुपा लो!” और पहाड़ियों को “हम पर गिर पड़ो!” | |
| Hose | UrduGeoD | 10:9 | रब फ़रमाता है, “ऐ इसराईल, जिबिया के वाक़िये से लेकर आज तक तू गुनाह करता आया है, लोग वहीं के वहीं रह गए हैं। क्या मुनासिब नहीं कि जिबिया में जंग उन पर टूट पड़े जो इतने शरीर हैं? | |
| Hose | UrduGeoD | 10:10 | अब मैं अपनी मरज़ी से उनकी तादीब करूँगा। अक़वाम उनके ख़िलाफ़ जमा हो जाएँगी जब उन्हें उनके दुगने क़ुसूर के लिए ज़ंजीरों में जकड़ लिया जाएगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 10:11 | इसराईल जवान गाय था जिसे गंदुम गाहने की तरबियत दी गई थी और जो शौक़ से यह काम करती थी। तब मैंने उसके ख़ूबसूरत गले पर जुआ रखकर उसे जोत लिया। यहूदाह को हल खींचना और याक़ूब को ज़मीन पर सुहागा फेरना था। | |
| Hose | UrduGeoD | 10:12 | मैंने फ़रमाया, ‘इनसाफ़ का बीज बोकर शफ़क़त की फ़सल काटो। जिस ज़मीन पर हल कभी नहीं चलाया गया उस पर ठीक तरह हल चलाओ! जब तक रब को तलाश करने का मौक़ा है उसे तलाश करो, और जब तक वह आकर तुम पर इनसाफ़ की बारिश न बरसाए उसे ढूँडो।’ | |
| Hose | UrduGeoD | 10:13 | लेकिन जवाब में तुमने हल चलाकर बेदीनी का बीज बोया, तुमने बुराई की फ़सल काटकर फ़रेब का फल खाया है। चूँकि तूने अपनी राह और अपने सूरमाओं की बड़ी तादाद पर भरोसा रखा है | |
| Hose | UrduGeoD | 10:14 | इसलिए तेरी क़ौम में जंग का शोर मचेगा, तेरे तमाम क़िले ख़ाक में मिलाए जाएंगे। शलमन के बैत-अरबेल पर हमले के-से हालात होंगे जिसने उस शहर को ज़मीनबोस करके माओं को बच्चों समेत ज़मीन पर पटख़ दिया। | |
Chapter 11
| Hose | UrduGeoD | 11:1 | रब फ़रमाता है, “इसराईल अभी लड़का था जब मैंने उसे प्यार किया, जब मैंने अपने बेटे को मिसर से बुलाया। | |
| Hose | UrduGeoD | 11:2 | लेकिन बाद में जितना ही मैं उन्हें बुलाता रहा उतना ही वह मुझसे दूर होते गए। वह बाल देवताओं के लिए जानवर चढ़ाने, बुतों के लिए बख़ूर जलाने लगे। | |
| Hose | UrduGeoD | 11:3 | मैंने ख़ुद इसराईल को चलने की तरबियत दी, बार बार उन्हें गोद में उठाकर लिए फिरा। लेकिन वह न समझे कि मैं ही उन्हें शफ़ा देनेवाला हूँ। | |
| Hose | UrduGeoD | 11:4 | मैं उन्हें खींचता रहा, लेकिन ऐसे रस्सों से नहीं जो इनसान बरदाश्त न कर सके बल्कि शफ़क़त भरे रस्सों से। मैंने उनके गले पर का जुआ हलका कर दिया और नरमी से उन्हें ख़ुराक खिलाई। | |
| Hose | UrduGeoD | 11:5 | क्या उन्हें मुल्के-मिसर वापस नहीं जाना पड़ेगा? बल्कि असूर ही उनका बादशाह बनेगा, इसलिए कि वह मेरे पास वापस आने के लिए तैयार नहीं। | |
| Hose | UrduGeoD | 11:6 | तलवार उनके शहरों में घूम घूमकर ग़ैबदानों को हलाक करेगी और लोगों को उनके ग़लत मशवरों के सबब से खाती जाएगी। | |
| Hose | UrduGeoD | 11:7 | लेकिन मेरी क़ौम मुझे तर्क करने पर तुली हुई है। जब उसे ऊपर अल्लाह की तरफ़ देखने को कहा जाए तो उसमें से कोई भी उस तरफ़ रुजू नहीं करता। | |
| Hose | UrduGeoD | 11:8 | ऐ इसराईल, मैं तुझे किस तरह छोड़ सकता हूँ? मैं तुझे किस तरह दुश्मन के हवाले कर सकता, किस तरह अदमा की तरह दूसरों के क़ब्ज़े में छोड़ सकता, किस तरह ज़बोईम की तरह तबाह कर सकता हूँ? मेरा इरादा सरासर बदल गया है, मैं तुझ पर शफ़क़त करने के लिए बेचैन हूँ। | |
| Hose | UrduGeoD | 11:9 | न मैं अपना सख़्त ग़ज़ब नाज़िल करूँगा, न दुबारा इसराईल को बरबाद करूँगा। क्योंकि मैं इनसान नहीं बल्कि ख़ुदा हूँ, वह क़ुद्दूस जो तेरे दरमियान सुकूनत करता है। मैं ग़ज़ब में नहीं आऊँगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 11:10 | उस वक़्त वह रब के पीछे ही चलेंगे। तब वह शेरबबर की तरह दहाड़ेगा। और जब दहाड़ेगा तो उसके फ़रज़ंद मग़रिब से लरज़ते हुए वापस आएँगे। | |
| Hose | UrduGeoD | 11:11 | वह परिंदों की तरह फड़फड़ाते हुए मिसर से आएँगे, थरथराते कबूतरों की तरह असूर से लौटेंगे। फिर मैं उन्हें उनके घरों में बसा दूँगा। यह मेरा, रब का फ़रमान है। | |
Chapter 12
| Hose | UrduGeoD | 12:1 | इसराईल हवा चरने की कोशिश कर रहा है, पूरा दिन वह मशरिक़ी लू के पीछे भागता रहता है। उसके झूट और ज़ुल्म में इज़ाफ़ा होता जा रहा है। असूर से अहद बाँधने के साथ साथ वह मिसर को भी ज़ैतून का तेल भेज देता है। | |
| Hose | UrduGeoD | 12:2 | रब अदालत में यहूदाह से भी लड़ेगा। वह याक़ूब को उसके चाल-चलन की सज़ा, उसके आमाल का मुनासिब अज्र देगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 12:3 | क्योंकि माँ के पेट में ही उसने अपने भाई की एड़ी पकड़कर उसे धोका दिया। जब बालिग़ हुआ तो अल्लाह से लड़ा | |
| Hose | UrduGeoD | 12:4 | बल्कि फ़रिश्ते से लड़ते लड़ते उस पर ग़ालिब आया। फिर उसने रोते रोते उससे इल्तिजा की कि मुझ पर रहम कर। बाद में याक़ूब ने अल्लाह को बैतेल में पाया, और वहाँ ख़ुदा उससे हमकलाम हुआ। | |
| Hose | UrduGeoD | 12:6 | “अपने ख़ुदा के पास वापस आकर रहम और इनसाफ़ क़ायम रख! कभी अपने ख़ुदा पर उम्मीद रखने से बाज़ न आ।” | |
| Hose | UrduGeoD | 12:7 | इसराईल ताजिर है जिसके हाथ में ग़लत तराज़ू है और जिसे लोगों से नाजायज़ फ़ायदा उठाने का बड़ा शौक़ है। | |
| Hose | UrduGeoD | 12:8 | वह कहता है, “मैं अमीर हो गया हूँ, मैंने कसरत की दौलत पाई है। कोई साबित नहीं कर सकेगा कि मुझसे यह तमाम मिलकियत हासिल करने में कोई क़ुसूर या गुनाह सरज़द हुआ है।” | |
| Hose | UrduGeoD | 12:9 | “लेकिन मैं, रब जो मिसर से तुझे निकालते वक़्त आज तक तेरा ख़ुदा हूँ मैं यह नज़रंदाज़ नहीं करूँगा। मैं तुझे दुबारा ख़ैमों में बसने दूँगा। यों होगा जिस तरह उन पहले दिनों में हुआ जब इसराईली मेरी परस्तिश करने के लिए रेगिस्तान में जमा होते थे। | |
| Hose | UrduGeoD | 12:10 | मैं बार बार नबियों की मारिफ़त तुमसे हमकलाम हुआ, मैंने उन्हें मुतअद्दिद रोयाएँ दिखाईं और उनके ज़रीए तुम्हें तमसीलें सुनाईं।” | |
| Hose | UrduGeoD | 12:11 | क्या जिलियाद बेदीन है? उसके लोग नाकारा ही हैं! जिलजाल में लोगों ने साँड क़ुरबान किए हैं, इसलिए उनकी क़ुरबानगाहें मलबे के ढेर बन जाएँगी। वह बीज बोने के लिए तैयारशुदा खेत के किनारे पर लगे पत्थर के ढेर जैसी बनेंगी। | |
| Hose | UrduGeoD | 12:12 | याक़ूब को भागकर मुल्के-अराम में पनाह लेनी पड़ी। वहाँ वह बीवी मिलने के लिए मुलाज़िम बन गया, औरत के बाइस उसने भेड़-बकरियों की गल्लाबानी की। | |
| Hose | UrduGeoD | 12:13 | लेकिन बाद में रब नबी की मारिफ़त इसराईल को मिसर से निकाल लाया और नबी के ज़रीए उस की गल्लाबानी की। | |
Chapter 13
| Hose | UrduGeoD | 13:1 | पहले जब इसराईल ने बात की तो लोग काँप उठे, क्योंकि मुल्के-इसराईल में वह सरफ़राज़ था। लेकिन फिर वह बाल की बुतपरस्ती में मुलव्वस होकर हलाक हुआ। | |
| Hose | UrduGeoD | 13:2 | अब वह अपने गुनाहों में बहुत इज़ाफ़ा कर रहे हैं। वह अपनी चाँदी लेकर महारत से बुत ढाल लेते हैं। फिर दस्तकारों के हाथ से बने इन बुतों के बारे में कहा जाता है, “जो बछड़े के बुतों को चूमना चाहे वह किसी इनसान को क़ुरबान करे!” | |
| Hose | UrduGeoD | 13:3 | इसलिए वह सुबह-सवेरे की धुंध जैसे आरिज़ी और धूप में जल्द ही ख़त्म होनेवाली ओस की मानिंद होंगे। वह गाहते वक़्त गंदुम से अलग होनेवाले भूसे की मानिंद हवा में उड़ जाएंगे, घर में से निकलनेवाले धुएँ की तरह ज़ाया हो जाएंगे। | |
| Hose | UrduGeoD | 13:4 | “लेकिन मैं, रब तुझे मिसर से निकालते वक़्त से लेकर आज तक तेरा ख़ुदा हूँ। तुझे मेरे सिवा किसी और को ख़ुदा नहीं जानना है। मेरे सिवा और कोई नजातदहिंदा नहीं है। | |
| Hose | UrduGeoD | 13:6 | वहाँ उन्हें अच्छी ख़ुराक मिली। लेकिन जब वह जी भरकर खा सके और सेर हुए तो मग़रूर होकर मुझे भूल गए। | |
| Hose | UrduGeoD | 13:7 | यह देखकर मैं उनके लिए शेरबबर बन गया हूँ। अब मैं चीते की तरह रास्ते के किनारे उनकी ताक में बैठूँगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 13:8 | उस रीछनी की तरह जिसके बच्चों को छीन लिया गया हो मैं उन पर झपट्टा मारकर उनकी अंतड़ियों को फाड़ निकालूँगा। मैं उन्हें शेरबबर की तरह हड़प कर लूँगा, और जंगली जानवर उन्हें टुकड़े टुकड़े कर देंगे। | |
| Hose | UrduGeoD | 13:9 | ऐ इसराईल, तू इसलिए तबाह हो गया है कि तू मेरे ख़िलाफ़ है, उसके ख़िलाफ़ जो तेरी मदद कर सकता है। | |
| Hose | UrduGeoD | 13:10 | अब तेरा बादशाह कहाँ है कि वह तेरे तमाम शहरों में आकर तुझे छुटकारा दे? अब तेरे राहनुमा किधर हैं जिनसे तूने कहा था, ‘मुझे बादशाह और राहनुमा दे दे।’ | |
| Hose | UrduGeoD | 13:12 | इसराईल का क़ुसूर लपेटकर गोदाम में रखा गया है, उसके गुनाह हिसाब-किताब के लिए महफ़ूज़ रखे गए हैं। | |
| Hose | UrduGeoD | 13:13 | दर्दे-ज़ह शुरू हो गया है, लेकिन वह नासमझ बच्चा है। वह माँ के पेट से निकलना नहीं चाहता। | |
| Hose | UrduGeoD | 13:14 | मैं फ़िद्या देकर उन्हें पाताल से क्यों रिहा करूँ? मैं उन्हें मौत की गिरिफ़्त से क्यों छुड़ाऊँ? ऐ मौत, तेरे काँटे कहाँ रहे? ऐ पाताल, तेरा डंक कहाँ रहा? उसे काम में ला, क्योंकि मैं तरस नहीं खाऊँगा। | |
| Hose | UrduGeoD | 13:15 | ख़ाह वह अपने भाइयों के दरमियान फलता-फूलता क्यों न हो तो भी रब की तरफ़ से मशरिक़ी लू उस पर चलेगी। और जब रेगिस्तान से आएगी तो इसराईल के कुएँ और चश्मे ख़ुश्क हो जाएंगे। हर ख़ज़ाना, हर क़ीमती चीज़ लूट का माल बन जाएगी। | |
Chapter 14
| Hose | UrduGeoD | 14:1 | ऐ इसराईल, तौबा करके रब अपने ख़ुदा के पास वापस आ! क्योंकि तेरा क़ुसूर तेरे ज़वाल का सबब बन गया है। | |
| Hose | UrduGeoD | 14:2 | अपने गुनाहों का इक़रार करते हुए रब के पास वापस आओ। उससे कहो, “हमारे तमाम गुनाहों को मुआफ़ करके हमें मेहरबानी से क़बूल फ़रमा ताकि हम अपने होंटों से तेरी तारीफ़ करके तुझे मुनासिब क़ुरबानी अदा कर सकें। | |
| Hose | UrduGeoD | 14:3 | असूर हमें न बचाए। आइंदा न हम घोड़ों पर सवार हो जाएंगे, न कहेंगे कि हमारे हाथों की चीज़ें हमारा ख़ुदा हैं। क्योंकि तू ही यतीम पर रहम करता है।” | |
| Hose | UrduGeoD | 14:4 | तब रब फ़रमाएगा, “मैं उनकी बेवफ़ाई के असरात ख़त्म करके उन्हें शफ़ा दूँगा, हाँ मैं उन्हें खुले दिल से प्यार करूँगा, क्योंकि मेरा उन पर ग़ज़ब ठंडा हो गया है। | |
| Hose | UrduGeoD | 14:5 | इसराईल के लिए मैं शबनम की मानिंद हूँगा। तब वह सोसन की मानिंद फूल निकालेगा, लुबनान के देवदार के दरख़्त की तरह जड़ पकड़ेगा, | |
| Hose | UrduGeoD | 14:6 | उस की कोंपलें फूट निकलेंगी, और शाख़ें बनकर फैलती जाएँगी। उस की शान ज़ैतून के दरख़्त की मानिंद होगी, उस की ख़ुशबू लुबनान के देवदार के दरख़्त की ख़ुशबू की तरह फैल जाएगी। | |
| Hose | UrduGeoD | 14:7 | लोग दुबारा उसके साय में जा बसेंगे। वहाँ वह अनाज की तरह फलें-फूलेंगे, अंगूर के-से फूल निकालेंगे। दूसरे उनकी यों तारीफ़ करेंगे जिस तरह लुबनान की उम्दा मै की। | |
| Hose | UrduGeoD | 14:8 | तब इसराईल कहेगा, ‘मेरा बुतों से क्या वास्ता?’ मैं ही तेरी सुनकर तेरी देख-भाल करूँगा। मैं जूनीपर का सायादार दरख़्त हूँ, और तू मुझसे ही फल पाएगा।” | |