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Chapter 1
Dani | UrduGeoD | 1:1 | शाहे-यहूदाह यहूयक़ीम की सलतनत के तीसरे साल में शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र ने यरूशलम आकर उसका मुहासरा किया। | |
Dani | UrduGeoD | 1:2 | उस वक़्त रब ने यहूयक़ीम और अल्लाह के घर का काफ़ी सामान नबूकदनज़्ज़र के हवाले कर दिया। नबूकदनज़्ज़र ने यह चीज़ें मुल्के-बाबल में ले जाकर अपने देवता के मंदिर के ख़ज़ाने में महफ़ूज़ कर दीं। | |
Dani | UrduGeoD | 1:3 | फिर उसने अपने दरबार के आला अफ़सर अश्पनाज़ को हुक्म दिया, “यहूदाह के शाही ख़ानदान और ऊँचे तबक़े के ख़ानदानों की तफ़तीश करो। उनमें से कुछ ऐसे नौजवानों को चुनकर ले आओ | |
Dani | UrduGeoD | 1:4 | जो बेऐब, ख़ूबसूरत, हिकमत के हर लिहाज़ से समझदार, तालीमयाफ़्ता और समझने में तेज़ हों। ग़रज़ यह आदमी शाही महल में ख़िदमत करने के क़ाबिल हों। उन्हें बाबल की ज़बान लिखने और बोलने की तालीम दो।” | |
Dani | UrduGeoD | 1:5 | बादशाह ने मुक़र्रर किया कि रोज़ाना उन्हें शाही बावरचीख़ाने से कितना खाना और मै मिलनी है। तीन साल की तरबियत के बाद उन्हें बादशाह की ख़िदमत के लिए हाज़िर होना था। | |
Dani | UrduGeoD | 1:6 | जब इन नौजवानों को चुना गया तो चार आदमी उनमें शामिल थे जिनके नाम दानियाल, हननियाह, मीसाएल और अज़रियाह थे। | |
Dani | UrduGeoD | 1:7 | दरबार के आला अफ़सर ने उनके नए नाम रखे। दानियाल बेल्तशज़्ज़र में बदल गया, हननियाह सद्रक में, मीसाएल मीसक में और अज़रियाह अबद-नजू में। | |
Dani | UrduGeoD | 1:8 | लेकिन दानियाल ने मुसम्मम इरादा कर लिया कि मैं अपने आपको शाही खाना खाने और शाही मै पीने से नापाक नहीं करूँगा। उसने दरबार के आला अफ़सर से इन चीज़ों से परहेज़ करने की इजाज़त माँगी। | |
Dani | UrduGeoD | 1:9 | अल्लाह ने पहले से इस अफ़सर का दिल नरम कर दिया था, इसलिए वह दानियाल का ख़ास लिहाज़ करता और उस पर मेहरबानी करता था। | |
Dani | UrduGeoD | 1:10 | लेकिन दानियाल की दरख़ास्त सुनकर उसने जवाब दिया, “मुझे अपने आक़ा बादशाह से डर है। उन्हीं ने मुतैयिन किया कि तुम्हें क्या क्या खाना और पीना है। अगर उन्हें पता चले कि तुम दूसरे नौजवानों की निसबत दुबले-पतले और कमज़ोर लगे तो वह मेरा सर क़लम करेंगे।” | |
Dani | UrduGeoD | 1:11 | तब दानियाल ने उस निगरान से बात की जिसे दरबार के आला अफ़सर ने दानियाल, हननियाह, मीसाएल और अज़रियाह पर मुक़र्रर किया था। वह बोला, | |
Dani | UrduGeoD | 1:12 | “ज़रा दस दिन तक अपने ख़ादिमों को आज़माएँ। इतने में हमें खाने के लिए सिर्फ़ साग-पात और पीने के लिए पानी दीजिए। | |
Dani | UrduGeoD | 1:13 | इसके बाद हमारी सूरत का मुक़ाबला उन दीगर नौजवानों के साथ करें जो शाही खाना खाते हैं। फिर ही फ़ैसला करें कि आइंदा अपने ख़ादिमों के साथ कैसा सुलूक करेंगे।” | |
Dani | UrduGeoD | 1:15 | दस दिन के बाद क्या देखता है कि दानियाल और उसके तीन दोस्त शाही खाना खानेवाले दीगर नौजवानों की निसबत कहीं ज़्यादा सेहतमंद और मोटे-ताज़े लग रहे हैं। | |
Dani | UrduGeoD | 1:16 | तब निगरान उनके लिए मुक़र्ररा शाही खाने और मै का इंतज़ाम बंद करके उन्हें सिर्फ़ साग-पात खिलाने लगा। | |
Dani | UrduGeoD | 1:17 | अल्लाह ने इन चार आदमियों को अदब और हिकमत के हर शोबे में इल्म और समझ अता की। नीज़, दानियाल हर क़िस्म की रोया और ख़ाब की ताबीर कर सकता था। | |
Dani | UrduGeoD | 1:18 | मुक़र्ररा तीन साल के बाद दरबार के आला अफ़सर ने तमाम नौजवानों को नबूकदनज़्ज़र के सामने पेश किया। | |
Dani | UrduGeoD | 1:19 | जब बादशाह ने उनसे गुफ़्तगू की तो मालूम हुआ कि दानियाल, हननियाह, मीसाएल और अज़रियाह दूसरों पर सबक़त रखते हैं। चुनाँचे चारों बादशाह के मुलाज़िम बन गए। | |
Dani | UrduGeoD | 1:20 | जब भी किसी मामले में ख़ास हिकमत और समझ दरकार होती तो बादशाह ने देखा कि यह चार नौजवान मशवरा देने में पूरी सलतनत के तमाम क़िस्मत का हाल बतानेवालों और जादूगरों से दस गुना ज़्यादा क़ाबिल हैं। | |
Chapter 2
Dani | UrduGeoD | 2:1 | अपनी हुकूमत के दूसरे साल में नबूकदनज़्ज़र ने ख़ाब देखा। ख़ाब इतना हौलनाक था कि वह घबराकर जाग उठा। | |
Dani | UrduGeoD | 2:2 | उसने हुक्म दिया कि तमाम क़िस्मत का हाल बतानेवाले, जादूगर, अफ़सूँगर और नजूमी मेरे पास आकर ख़ाब का मतलब बताएँ। जब वह हाज़िर हुए | |
Dani | UrduGeoD | 2:3 | तो बादशाह बोला, “मैंने एक ख़ाब देखा है जो मुझे बहुत परेशान कर रहा है। अब मैं उसका मतलब जानना चाहता हूँ।” | |
Dani | UrduGeoD | 2:4 | नुजूमियों ने अरामी ज़बान में जवाब दिया, “बादशाह सलामत अपने ख़ादिमों के सामने यह ख़ाब बयान करें तो हम उस की ताबीर करेंगे।” | |
Dani | UrduGeoD | 2:5 | लेकिन बादशाह बोला, “नहीं, तुम ही मुझे वह कुछ बताओ और उस की ताबीर करो जो मैंने ख़ाब में देखा। अगर तुम यह न कर सको तो मैं हुक्म दूँगा कि तुम्हें टुकड़े टुकड़े कर दिया जाए और तुम्हारे घर कचरे के ढेर हो जाएँ। यह मेरा मुसम्मम इरादा है। | |
Dani | UrduGeoD | 2:6 | लेकिन अगर तुम मुझे वह कुछ बताकर उस की ताबीर करो जो मैंने ख़ाब में देखा तो मैं तुम्हें अच्छे तोह्फ़े और इनाम दूँगा, नीज़ तुम्हारी ख़ास इज़्ज़त करूँगा। अब शुरू करो! मुझे वह कुछ बताओ और उस की ताबीर करो जो मैंने ख़ाब में देखा।” | |
Dani | UrduGeoD | 2:7 | एक बार फिर उन्होंने मिन्नत की, “बादशाह अपने ख़ादिमों के सामने अपना ख़ाब बताएँ तो हम ज़रूर उस की ताबीर करेंगे।” | |
Dani | UrduGeoD | 2:8 | बादशाह ने जवाब दिया, “मुझे साफ़ पता है कि तुम क्या कर रहे हो! तुम सिर्फ़ टाल-मटोल कर रहे हो, क्योंकि तुम समझ गए हो कि मेरा इरादा पक्का है। | |
Dani | UrduGeoD | 2:9 | अगर तुम मुझे ख़ाब न बताओ तो तुम सबको एक ही सज़ा दी जाएगी। क्योंकि तुम सब झूट और ग़लत बातें पेश करने पर मुत्तफ़िक़ हो गए हो, यह उम्मीद रखते हुए कि हालात किसी वक़्त बदल जाएंगे। मुझे ख़ाब बताओ तो मुझे पता चल जाएगा कि तुम मुझे उस की सहीह ताबीर पेश कर सकते हो।” | |
Dani | UrduGeoD | 2:10 | नुजूमियों ने एतराज़ किया, “दुनिया में कोई भी इनसान वह कुछ नहीं कर पाता जो बादशाह माँगते हैं। यह कभी हुआ भी नहीं कि किसी बादशाह ने ऐसी बात किसी क़िस्मत का हाल बतानेवाले, जादूगर या नजूमी से तलब की, ख़ाह बादशाह कितना अज़ीम क्यों न था। | |
Dani | UrduGeoD | 2:11 | जिस चीज़ का तक़ाज़ा बादशाह करते हैं वह हद से ज़्यादा मुश्किल है। सिर्फ़ देवता ही यह बात बादशाह पर ज़ाहिर कर सकते हैं, लेकिन वह तो इनसान के दरमियान रहते नहीं।” | |
Dani | UrduGeoD | 2:12 | यह सुनकर बादशाह आग-बगूला हो गया। बड़े ग़ुस्से में उसने हुक्म दिया कि बाबल के तमाम दानिशमंदों को सज़ाए-मौत दी जाए। | |
Dani | UrduGeoD | 2:13 | फ़रमान सादिर हुआ कि दानिशमंदों को मार डालना है। चुनाँचे दानियाल और उसके दोस्तों को भी तलाश किया गया ताकि उन्हें सज़ाए-मौत दें। | |
Dani | UrduGeoD | 2:14 | शाही मुहाफ़िज़ों का अफ़सर बनाम अरयूक अभी दानिशमंदों को मार डालने के लिए रवाना हुआ कि दानियाल बड़ी हिकमत और मौक़ाशनासी से उससे मुख़ातिब हुआ। | |
Dani | UrduGeoD | 2:15 | उसने अफ़सर से पूछा, “बादशाह ने इतना सख़्त फ़रमान क्यों जारी किया?” अरयूक ने दानियाल को सारा मामला बयान किया। | |
Dani | UrduGeoD | 2:16 | दानियाल फ़ौरन बादशाह के पास गया और उससे दरख़ास्त की, “ज़रा मुझे कुछ मोहलत दीजिए ताकि मैं बादशाह के ख़ाब की ताबीर कर सकूँ।” | |
Dani | UrduGeoD | 2:17 | फिर वह अपने घर वापस गया और अपने दोस्तों हननियाह, मीसाएल और अज़रियाह को तमाम सूरते-हाल सुनाई। | |
Dani | UrduGeoD | 2:18 | वह बोला, “आसमान के ख़ुदा से इल्तिजा करें कि वह मुझ पर रहम करे। मिन्नत करें कि वह मेरे लिए भेद खोले ताकि हम दीगर दानिशमंदों के साथ हलाक न हो जाएँ।” | |
Dani | UrduGeoD | 2:19 | रात के वक़्त दानियाल ने रोया देखी जिसमें उसके लिए भेद खोला गया। तब उसने आसमान के ख़ुदा की हम्दो-सना की, | |
Dani | UrduGeoD | 2:21 | वही औक़ात और ज़माने बदलने देता है। वही बादशाहों को तख़्त पर बिठा देता और उन्हें तख़्त पर से उतार देता है। वही दानिशमंदों को दानाई और समझदारों को समझ अता करता है। | |
Dani | UrduGeoD | 2:22 | वही गहरी और पोशीदा बातें ज़ाहिर करता है। जो कुछ अंधेरे में छुपा रहता है उसका इल्म वह रखता है, क्योंकि वह रौशनी से घिरा रहता है। | |
Dani | UrduGeoD | 2:23 | ऐ मेरे बापदादा के ख़ुदा, मैं तेरी हम्दो-सना करता हूँ! तूने मुझे हिकमत और ताक़त अता की है। जो बात हमने तुझसे माँगी वह तूने हम पर ज़ाहिर की, क्योंकि तूने हम पर बादशाह का ख़ाब ज़ाहिर किया है।” | |
Dani | UrduGeoD | 2:24 | फिर दानियाल अरयूक के पास गया जिसे बादशाह ने बाबल के दानिशमंदों को सज़ाए-मौत देने की ज़िम्मादारी दी थी। उसने उससे दरख़ास्त की, “बाबल के दानिशमंदों को मौत के घाट न उतारें, क्योंकि मैं बादशाह के ख़ाब की ताबीर कर सकता हूँ। मुझे बादशाह के हुज़ूर पहुँचा दें तो मैं उन्हें सब कुछ बता दूँगा।” | |
Dani | UrduGeoD | 2:25 | यह सुनकर अरयूक भागकर दानियाल को बादशाह के हुज़ूर ले गया। वह बोला, “मुझे यहूदाह के जिलावतनों में से एक आदमी मिल गया जो बादशाह को ख़ाब का मतलब बता सकता है।” | |
Dani | UrduGeoD | 2:26 | तब नबूकदनज़्ज़र ने दानियाल से जो बेल्तशज़्ज़र कहलाता था पूछा, “क्या तुम मुझे वह कुछ बता सकते हो जो मैंने ख़ाब में देखा? क्या तुम उस की ताबीर कर सकते हो?” | |
Dani | UrduGeoD | 2:27 | दानियाल ने जवाब दिया, “जो भेद बादशाह जानना चाहते हैं उसे खोलने की कुंजी किसी भी दानिशमंद, जादूगर, क़िस्मत का हाल बतानेवाले या ग़ैबदान के पास नहीं होती। | |
Dani | UrduGeoD | 2:28 | लेकिन आसमान पर एक ख़ुदा है जो भेदों का मतलब इनसान पर ज़ाहिर कर देता है। उसी ने नबूकदनज़्ज़र बादशाह को दिखाया कि आनेवाले दिनों में क्या कुछ पेश आएगा। सोते वक़्त आपने ख़ाब में रोया देखी। | |
Dani | UrduGeoD | 2:29 | ऐ बादशाह, जब आप पलंग पर लेटे हुए थे तो आपके ज़हन में आनेवाले दिनों के बारे में ख़यालात उभर आए। तब भेदों को खोलनेवाले ख़ुदा ने आप पर ज़ाहिर किया कि आनेवाले दिनों में क्या कुछ पेश आएगा। | |
Dani | UrduGeoD | 2:30 | इस भेद का मतलब मुझ पर ज़ाहिर हुआ है, लेकिन इसलिए नहीं कि मुझे दीगर तमाम दानिशमंदों से ज़्यादा हिकमत हासिल है बल्कि इसलिए कि आपको भेद का मतलब मालूम हो जाए और आप समझ सकें कि आपके ज़हन में क्या कुछ उभर आया है। | |
Dani | UrduGeoD | 2:31 | ऐ बादशाह, रोया में आपने अपने सामने एक बड़ा और लंबा-तड़ंगा मुजस्समा देखा जो तेज़ी से चमक रहा था। शक्लो-सूरत ऐसी थी कि इनसान के रोंगटे खड़े हो जाते थे। | |
Dani | UrduGeoD | 2:33 | और पिंडलियाँ लोहे की थीं। उसके पाँवों का आधा हिस्सा लोहा और आधा हिस्सा पकी हुई मिट्टी था। | |
Dani | UrduGeoD | 2:34 | आप इस मंज़र पर ग़ौर ही कर रहे थे कि अचानक किसी पहाड़ी ढलान से पत्थर का बड़ा टुकड़ा अलग हुआ। यह बग़ैर किसी इनसानी हाथ के हुआ। पत्थर ने धड़ाम से मुजस्समे के लोहे और मिट्टी के पाँवों पर गिरकर दोनों को चूर चूर कर दिया। | |
Dani | UrduGeoD | 2:35 | नतीजे में पूरा मुजस्समा पाश पाश हो गया। जितना भी लोहा, मिट्टी, पीतल, चाँदी और सोना था वह उस भूसे की मानिंद बन गया जो गाहते वक़्त बाक़ी रह जाता है। हवा ने सब कुछ यों उड़ा दिया कि इन चीज़ों का नामो-निशान तक न रहा। लेकिन जिस पत्थर ने मुजस्समे को गिरा दिया वह ज़बरदस्त पहाड़ बनकर इतना बढ़ गया कि पूरी दुनिया उससे भर गई। | |
Dani | UrduGeoD | 2:37 | ऐ बादशाह, आप शहनशाह हैं। आसमान के ख़ुदा ने आपको सलतनत, क़ुव्वत, ताक़त और इज़्ज़त से नवाज़ा है। | |
Dani | UrduGeoD | 2:38 | उसने इनसान को जंगली जानवरों और परिंदों समेत आप ही के हवाले कर दिया है। जहाँ भी वह बसते हैं उसने आपको ही उन पर मुक़र्रर किया है। आप ही मज़कूरा सोने का सर हैं। | |
Dani | UrduGeoD | 2:39 | आपके बाद एक और सलतनत क़ायम हो जाएगी, लेकिन उस की ताक़त आपकी सलतनत से कम होगी। फिर पीतल की एक तीसरी सलतनत वुजूद में आएगी जो पूरी दुनिया पर हुकूमत करेगी। | |
Dani | UrduGeoD | 2:40 | आख़िर में एक चौथी सलतनत आएगी जो लोहे जैसी ताक़तवर होगी। जिस तरह लोहा सब कुछ तोड़कर पाश पाश कर देता है उसी तरह वह दीगर सबको तोड़कर पाश पाश करेगी। | |
Dani | UrduGeoD | 2:41 | आपने देखा कि मुजस्समे के पाँवों और उँगलियों में कुछ लोहा और कुछ पकी हुई मिट्टी थी। इसका मतलब है, इस सलतनत के दो अलग हिस्से होंगे। लेकिन जिस तरह ख़ाब में मिट्टी के साथ लोहा मिलाया गया था उसी तरह चौथी सलतनत में लोहे की कुछ न कुछ ताक़त होगी। | |
Dani | UrduGeoD | 2:42 | ख़ाब में पाँवों की उँगलियों में कुछ लोहा भी था और कुछ मिट्टी भी। इसका मतलब है, चौथी सलतनत का एक हिस्सा ताक़तवर और दूसरा नाज़ुक होगा। | |
Dani | UrduGeoD | 2:43 | लोहे और मिट्टी की मिलावट का मतलब है कि गो लोग आपस में शादी करने से एक दूसरे के साथ मुत्तहिद होने की कोशिश करेंगे तो भी वह एक दूसरे से पैवस्त नहीं रहेंगे, बिलकुल उसी तरह जिस तरह लोहा मिट्टी के साथ पैवस्त नहीं रह सकता। | |
Dani | UrduGeoD | 2:44 | जब यह बादशाह हुकूमत करेंगे, उन्हीं दिनों में आसमान का ख़ुदा एक बादशाही क़ायम करेगा जो न कभी तबाह होगी, न किसी दूसरी क़ौम के हाथ में आएगी। यह बादशाही इन दीगर तमाम सलतनतों को पाश पाश करके ख़त्म करेगी, लेकिन ख़ुद अबद तक क़ायम रहेगी। | |
Dani | UrduGeoD | 2:45 | यही ख़ाब में उस पत्थर का मतलब है जिसने बग़ैर किसी इनसानी हाथ के पहाड़ी ढलान से अलग होकर मुजस्समे के लोहे, पीतल, मिट्टी, चाँदी और सोने को पाश पाश कर दिया। इस तरीक़े से अज़ीम ख़ुदा ने बादशाह पर ज़ाहिर किया है कि मुस्तक़बिल में क्या कुछ पेश आएगा। यह ख़ाब क़ाबिले-एतमाद और उस की ताबीर सहीह है।” | |
Dani | UrduGeoD | 2:46 | यह सुनकर नबूकदनज़्ज़र बादशाह ने औंधे मुँह होकर दानियाल को सिजदा किया और हुक्म दिया कि दानियाल को ग़ल्ला और बख़ूर की क़ुरबानियाँ पेश की जाएँ। | |
Dani | UrduGeoD | 2:47 | दानियाल से उसने कहा, “यक़ीनन, तुम्हारा ख़ुदा ख़ुदाओं का ख़ुदा और बादशाहों का मालिक है। वह वाक़ई भेदों को खोलता है, वरना तुम यह भेद मेरे लिए खोल न पाते।” | |
Dani | UrduGeoD | 2:48 | नबूकदनज़्ज़र ने दानियाल को बड़ा ओहदा और मुतअद्दिद बेशक़ीमत तोह्फ़े दिए। उसने उसे पूरे सूबा बाबल का गवर्नर बना दिया। साथ साथ दानियाल बाबल के तमाम दानिशमंदों पर मुक़र्रर हुआ। | |
Chapter 3
Dani | UrduGeoD | 3:1 | एक दिन नबूकदनज़्ज़र ने सोने का मुजस्समा बनवाया। उस की ऊँचाई 90 फ़ुट और चौड़ाई 9 फ़ुट थी। उसने हुक्म दिया कि बुत को सूबा बाबल के मैदान बनाम दूरा में खड़ा किया जाए। | |
Dani | UrduGeoD | 3:2 | फिर उसने तमाम सूबेदारों, गवर्नरों, मुन्तज़िमों, मुशीरों, ख़ज़ानचियों, जजों, मजिस्ट्रेटों, और सूबों के दीगर तमाम बड़े बड़े सरकारी मुलाज़िमों को पैग़ाम भेजा कि मुजस्समे की मख़सूसियत के लिए आकर जमा हो जाओ। | |
Dani | UrduGeoD | 3:4 | तो शाही नक़ीब ने बुलंद आवाज़ से एलान किया, “ऐ मुख़्तलिफ़ क़ौमों, उम्मतों और ज़बानों के लोगो, सुनो! बादशाह फ़रमाता है, | |
Dani | UrduGeoD | 3:5 | ‘ज्योंही नरसिंगा, शहनाई, संतूर, सरोद, ऊद, बीन और दीगर तमाम साज़ बजेंगे तो लाज़िम है कि सब औंधे मुँह होकर बादशाह के खड़े किए गए सोने के बुत को सिजदा करें। | |
Dani | UrduGeoD | 3:7 | चुनाँचे ज्योंही साज़ बजने लगे तो मुख़्तलिफ़ क़ौमों, उम्मतों और ज़बानों के तमाम लोग मुँह के बल होकर नबूकदनज़्ज़र के खड़े किए गए बुत को सिजदा करने लगे। | |
Dani | UrduGeoD | 3:10 | ऐ बादशाह, आपने फ़रमाया, ‘ज्योंही नरसिंगा, शहनाई, संतूर, सरोद, ऊद, बीन और दीगर तमाम साज़ बजेंगे तो लाज़िम है कि सब औंधे मुँह होकर बादशाह के खड़े किए गए इस सोने के बुत को सिजदा करें। | |
Dani | UrduGeoD | 3:12 | लेकिन कुछ यहूदी आदमी हैं जो आपकी परवा ही नहीं करते, हालाँकि आपने उन्हें सूबा बाबल की इंतज़ामिया पर मुक़र्रर किया था। यह आदमी बनाम सद्रक, मीसक और अबद-नजू न आपके देवताओं की पूजा करते, न सोने के उस बुत की परस्तिश करते हैं जो आपने खड़ा किया है।” | |
Dani | UrduGeoD | 3:13 | यह सुनकर नबूकदनज़्ज़र आपे से बाहर हो गया। उसने सीधा सद्रक, मीसक और अबद-नजू को बुलाया। जब पहुँचे | |
Dani | UrduGeoD | 3:14 | तो बोला, “ऐ सद्रक, मीसक और अबद-नजू, क्या यह सहीह है कि न तुम मेरे देवताओं की पूजा करते, न मेरे खड़े किए गए मुजस्समे की परस्तिश करते हो? | |
Dani | UrduGeoD | 3:15 | मैं तुम्हें एक आख़िरी मौक़ा देता हूँ। साज़ दुबारा बजेंगे तो तुम्हें मुँह के बल होकर मेरे बनवाए हुए मुजस्समे को सिजदा करना है। अगर तुम ऐसा न करो तो तुम्हें सीधा भड़कती भट्टी में फेंका जाएगा। तब कौन-सा ख़ुदा तुम्हें मेरे हाथ से बचा सकेगा?” | |
Dani | UrduGeoD | 3:16 | सद्रक, मीसक और अबद-नजू ने जवाब दिया, “ऐ नबूकदनज़्ज़र, इस मामले में हमें अपना दिफ़ा करने की ज़रूरत नहीं है। | |
Dani | UrduGeoD | 3:17 | जिस ख़ुदा की ख़िदमत हम करते हैं वह हमें बचा सकता है, ख़ाह हमें भड़कती भट्टी में क्यों न फेंका जाए। ऐ बादशाह, वह हमें ज़रूर आपके हाथ से बचाएगा। | |
Dani | UrduGeoD | 3:18 | लेकिन अगर वह हमें न भी बचाए तो भी आपको मालूम हो कि न हम आपके देवताओं की पूजा करेंगे, न आपके खड़े किए गए सोने के मुजस्समे की परस्तिश करेंगे।” | |
Dani | UrduGeoD | 3:19 | यह सुनकर नबूकदनज़्ज़र आग-बगूला हो गया। सद्रक, मीसक और अबद-नजू के सामने उसका चेहरा बिगड़ गया और उसने हुक्म दिया कि भट्टी को मामूल की निसबत सात गुना ज़्यादा गरम किया जाए। | |
Dani | UrduGeoD | 3:20 | फिर उसने कहा कि बेहतरीन फ़ौजियों में से चंद एक सद्रक, मीसक और अबद-नजू को बाँधकर भड़कती भट्टी में फेंक दें। | |
Dani | UrduGeoD | 3:21 | तीनों को बाँधकर भड़कती भट्टी में फेंका गया। उनके चोग़े, पाजामे और टोपियाँ उतारी न गईं। | |
Dani | UrduGeoD | 3:22 | चूँकि बादशाह ने भट्टी को गरम करने पर ख़ास ज़ोर दिया था इसलिए आग इतनी तेज़ हुई कि जो फ़ौजी सद्रक, मीसक और अबद-नजू को लेकर भट्टी के मुँह तक चढ़ गए वह फ़ौरन नज़रे-आतिश हो गए। | |
Dani | UrduGeoD | 3:24 | अचानक नबूकदनज़्ज़र बादशाह चौंक उठा। उसने उछलकर अपने मुशीरों से पूछा, “हमने तो तीन आदमियों को बाँधकर भट्टी में फेंकवाया कि नहीं?” उन्होंने जवाब दिया, “जी, ऐ बादशाह।” | |
Dani | UrduGeoD | 3:25 | वह बोला, “तो फिर यह क्या है? मुझे चार आदमी आग में इधर उधर फिरते हुए नज़र आ रहे हैं। न वह बँधे हुए हैं, न उन्हें नुक़सान पहुँच रहा है। चौथा आदमी देवताओं का बेटा-सा लग रहा है।” | |
Dani | UrduGeoD | 3:26 | नबूकदनज़्ज़र जलती हुई भट्टी के मुँह के क़रीब गया और पुकारा, “ऐ सद्रक, मीसक और अबद-नजू, ऐ अल्लाह तआला के बंदो, निकल आओ! इधर आओ।” तब सद्रक, मीसक और अबद-नजू आग से निकल आए। | |
Dani | UrduGeoD | 3:27 | सूबेदार, गवर्नर, मुन्तज़िम और शाही मुशीर उनके गिर्द जमा हुए तो देखा कि आग ने उनके जिस्मों को नुक़सान नहीं पहुँचाया। बालों में से एक भी झुलस नहीं गया था, न उनके लिबास आग से मुतअस्सिर हुए थे। आग और धुएँ की बू तक नहीं थी। | |
Dani | UrduGeoD | 3:28 | तब नबूकदनज़्ज़र बोला, “सद्रक, मीसक और अबद-नजू के ख़ुदा की तमजीद हो जिसने अपने फ़रिश्ते को भेजकर अपने बंदों को बचाया। उन्होंने उस पर भरोसा रखकर बादशाह के हुक्म की नाफ़रमानी की। अपने ख़ुदा के सिवा किसी और की ख़िदमत या परस्तिश करने से पहले वह अपनी जान को देने के लिए तैयार थे। | |
Dani | UrduGeoD | 3:29 | चुनाँचे मेरा हुक्म सुनो! सद्रक, मीसक और अबद-नजू के ख़ुदा के ख़िलाफ़ कुफ़र बकना तमाम क़ौमों, उम्मतों और ज़बानों के अफ़राद के लिए सख़्त मना है। जो भी ऐसा करे उसे टुकड़े टुकड़े कर दिया जाएगा और उसके घर को कचरे का ढेर बनाया जाएगा। क्योंकि कोई भी देवता इस तरह नहीं बचा सकता।” | |
Chapter 4
Dani | UrduGeoD | 4:1 | नबूकदनज़्ज़र दुनिया की तमाम क़ौमों, उम्मतों और ज़बानों के अफ़राद को ज़ैल का पैग़ाम भेजता है, सबकी सलामती हो! | |
Dani | UrduGeoD | 4:2 | मैंने सबको उन इलाही निशानात और मोजिज़ात से आगाह करने का फ़ैसला किया है जो अल्लाह तआला ने मेरे लिए किए हैं। | |
Dani | UrduGeoD | 4:3 | उसके निशान कितने अज़ीम, उसके मोजिज़ात कितने ज़बरदस्त हैं! उस की बादशाही अबदी है, उस की सलतनत नसल-दर-नसल क़ायम रहती है। | |
Dani | UrduGeoD | 4:5 | लेकिन एक दिन मैं एक ख़ाब देखकर बहुत घबरा गया। मैं पलंग पर लेटा हुआ था कि इतनी हौलनाक बातें और रोयाएँ मेरे सामने से गुज़रीं कि मैं डर गया। | |
Dani | UrduGeoD | 4:6 | तब मैंने हुक्म दिया कि बाबल के तमाम दानिशमंद मेरे पास आएँ ताकि मेरे लिए ख़ाब की ताबीर करें। | |
Dani | UrduGeoD | 4:7 | क़िस्मत का हाल बतानेवाले, जादूगर, नजूमी और ग़ैबदान पहुँचे तो मैंने उन्हें अपना ख़ाब बयान किया, लेकिन वह उस की ताबीर करने में नाकाम रहे। | |
Dani | UrduGeoD | 4:8 | आख़िरकार दानियाल मेरे हुज़ूर आया जिसका नाम बेल्तशज़्ज़र रखा गया है (मेरे देवता का नाम बेल है)। दानियाल में मुक़द्दस देवताओं की रूह है। उसे भी मैंने अपना ख़ाब सुनाया। | |
Dani | UrduGeoD | 4:9 | मैं बोला, “ऐ बेल्तशज़्ज़र, तुम जादूगरों के सरदार हो, और मैं जानता हूँ कि मुक़द्दस देवताओं की रूह तुममें है। कोई भी भेद तुम्हारे लिए इतना मुश्किल नहीं है कि तुम उसे खोल न सको। अब मेरा ख़ाब सुनकर उस की ताबीर करो! | |
Dani | UrduGeoD | 4:10 | पलंग पर लेटे हुए मैंने रोया में देखा कि दुनिया के बीच में निहायत लंबा-सा दरख़्त लगा है। | |
Dani | UrduGeoD | 4:11 | यह दरख़्त इतना ऊँचा और तनावर होता गया कि आख़िरकार उस की चोटी आसमान तक पहुँच गई और वह दुनिया की इंतहा तक नज़र आया। | |
Dani | UrduGeoD | 4:12 | उसके पत्ते ख़ूबसूरत थे, और वह बहुत फल लाता था। उसके साय में जंगली जानवर पनाह लेते, उस की शाख़ों में परिंदे बसेरा करते थे। हर इनसानो-हैवान को उससे ख़ुराक मिलती थी। | |
Dani | UrduGeoD | 4:14 | उसने बड़े ज़ोर से आवाज़ दी, ‘दरख़्त को काट डालो! उस की शाख़ें तोड़ दो, उसके पत्ते झाड़ दो, उसका फल बिखेर दो! जानवर उसके साय में से निकलकर भाग जाएँ, परिंदे उस की शाख़ों से उड़ जाएँ। | |
Dani | UrduGeoD | 4:15 | लेकिन उसका मुढ जड़ों समेत ज़मीन में रहने दो। उसे लोहे और पीतल की ज़ंजीरों में जकड़कर खुले मैदान की घास में छोड़ दो। वहाँ उसे आसमान की ओस तर करे, और जानवरों के साथ ज़मीन की घास ही उसको नसीब हो। | |
Dani | UrduGeoD | 4:17 | क्योंकि मुक़द्दस फ़रिश्तों ने फ़तवा दिया है कि ऐसा ही हो ताकि इनसान जान ले कि अल्लाह तआला का इख़्तियार इनसानी सलतनतों पर है। वह अपनी ही मरज़ी से लोगों को उन पर मुक़र्रर करता है, ख़ाह वह कितने ज़लील क्यों न हों।’ | |
Dani | UrduGeoD | 4:18 | मैं, नबूकदनज़्ज़र ने ख़ाब में यह कुछ देखा। ऐ बेल्तशज़्ज़र, अब मुझे इसकी ताबीर पेश करो। मेरी सलतनत के तमाम दानिशमंद इसमें नाकाम रहे हैं। लेकिन तुम यह कर पाओगे, क्योंकि तुममें मुक़द्दस देवताओं की रूह है।” | |
Dani | UrduGeoD | 4:19 | तब बेल्तशज़्ज़र यानी दानियाल के रोंगटे खड़े हो गए, और जो ख़यालात उभर आए उनसे उस पर काफ़ी देर तक सख़्त दहशत तारी रही। आख़िरकार बादशाह बोला, “ऐ बेल्तशज़्ज़र, ख़ाब और उसका मतलब तुझे इतना दहशतज़दा न करे।” बेल्तशज़्ज़र ने जवाब दिया, “मेरे आक़ा, काश ख़ाब की बातें आपके दुश्मनों और मुख़ालिफ़ों को पेश आएँ! | |
Dani | UrduGeoD | 4:20 | आपने एक दरख़्त देखा जो इतना ऊँचा और तनावर हो गया कि उस की चोटी आसमान तक पहुँची और वह पूरी दुनिया को नज़र आया। | |
Dani | UrduGeoD | 4:21 | उसके पत्ते ख़ूबसूरत थे, और वह बहुत-सा फल लाता था। उसके साय में जंगली जानवर पनाह लेते, उस की शाख़ों में परिंदे बसेरा करते थे। हर इनसानो-हैवान को उससे ख़ुराक मिलती थी। | |
Dani | UrduGeoD | 4:22 | ऐ बादशाह, आप ही यह दरख़्त हैं! आप ही बड़े और ताक़तवर हो गए हैं बल्कि आपकी अज़मत बढ़ते बढ़ते आसमान से बातें करने लगी, आपकी सलतनत दुनिया की इंतहा तक फैल गई है। | |
Dani | UrduGeoD | 4:23 | ऐ बादशाह, इसके बाद आपने एक मुक़द्दस फ़रिश्ते को देखा जो आसमान से उतरकर बोला, दरख़्त को काट डालो! उसे तबाह करो, लेकिन उसका मुढ जड़ों समेत ज़मीन में रहने दो। उसे लोहे और पीतल की ज़ंजीरों में जकड़कर खुले मैदान की घास में छोड़ दो। वहाँ उसे आसमान की ओस तर करे, और जानवरों के साथ ज़मीन की घास ही उसको नसीब हो। सात साल यों ही गुज़र जाएँ। | |
Dani | UrduGeoD | 4:24 | ऐ बादशाह, इसका मतलब यह है, अल्लाह तआला ने मेरे आक़ा बादशाह के बारे में फ़ैसला किया है | |
Dani | UrduGeoD | 4:25 | कि आपको इनसानी संगत से निकालकर भगाया जाएगा। तब आप जंगली जानवरों के साथ रहकर बैलों की तरह घास चरेंगे और आसमान की ओस से तर हो जाएंगे। सात साल यों ही गुज़रेंगे। फिर आख़िरकार आप इक़रार करेंगे कि अल्लाह तआला का इनसानी सलतनतों पर इख़्तियार है, वह अपनी ही मरज़ी से लोगों को उन पर मुक़र्रर करता है। | |
Dani | UrduGeoD | 4:26 | लेकिन ख़ाब में यह भी कहा गया कि दरख़्त के मुढ को जड़ों समेत ज़मीन में छोड़ा जाए। इसका मतलब है कि आपकी सलतनत ताहम क़ायम रहेगी। जब आप एतराफ़ करेंगे कि तमाम इख़्तियार आसमान के हाथ में है तो आपको सलतनत वापस मिलेगी। | |
Dani | UrduGeoD | 4:27 | ऐ बादशाह, अब मेहरबानी से मेरा मशवरा क़बूल फ़रमाएँ। इनसाफ़ करके और मज़लूमों पर करम फ़रमाकर अपने गुनाहों को दूर करें। शायद ऐसा करने से आपकी ख़ुशहाली क़ायम रहे।” | |
Dani | UrduGeoD | 4:30 | तब वह कहने लगा, “लो, यह अज़ीम शहर देखो जो मैंने अपनी रिहाइश के लिए तामीर किया है! यह सब कुछ मैंने अपनी ही ज़बरदस्त क़ुव्वत से बना लिया है ताकि मेरी शानो-शौकत मज़ीद बढ़ती जाए।” | |
Dani | UrduGeoD | 4:31 | बादशाह यह बात बोल ही रहा था कि आसमान से आवाज़ सुनाई दी, “ऐ नबूकदनज़्ज़र बादशाह, सुन! सलतनत तुझसे छीन ली गई है। | |
Dani | UrduGeoD | 4:32 | तुझे इनसानी संगत से निकालकर भगाया जाएगा, और तू जंगली जानवरों के साथ रहकर बैल की तरह घास चरेगा। सात साल यों ही गुज़र जाएंगे। फिर आख़िरकार तू इक़रार करेगा कि अल्लाह तआला का इनसानी सलतनतों पर इख़्तियार है, वह अपनी ही मरज़ी से लोगों को उन पर मुक़र्रर करता है।” | |
Dani | UrduGeoD | 4:33 | ज्योंही आवाज़ बंद हुई तो ऐसा ही हुआ। नबूकदनज़्ज़र को इनसानी संगत से निकालकर भगाया गया, और वह बैलों की तरह घास चरने लगा। उसका जिस्म आसमान की ओस से तर होता रहा। होते होते उसके बाल उक़ाब के परों जितने लंबे और उसके नाख़ुन परिंदे के चंगुल की मानिंद हुए। | |
Dani | UrduGeoD | 4:34 | लेकिन सात साल गुज़रने के बाद मैं, नबूकदनज़्ज़र अपनी आँखों को आसमान की तरफ़ उठाकर दुबारा होश में आया। तब मैंने अल्लाह तआला की तमजीद की, मैंने उस की हम्दो-सना की जो हमेशा तक ज़िंदा है। उस की हुकूमत अबदी है, उस की सलतनत नसल-दर-नसल क़ायम रहती है। | |
Dani | UrduGeoD | 4:35 | उस की निसबत दुनिया के तमाम बाशिंदे सिफ़र के बराबर हैं। वह आसमानी फ़ौज और दुनिया के बाशिंदों के साथ जो जी चाहे करता है। उसे कुछ करने से कोई नहीं रोक सकता, कोई उससे जवाब तलब करके पूछ नहीं सकता, “तूने क्या किया?” | |
Dani | UrduGeoD | 4:36 | ज्योंही मैं दुबारा होश में आया तो मुझे पहली शाही इज़्ज़त और शानो-शौकत भी अज़ सरे-नौ हासिल हुई। मेरे मुशीर और शुरफ़ा दुबारा मेरे सामने हाज़िर हुए, और मुझे दुबारा तख़्त पर बिठाया गया। पहले की निसबत मेरी अज़मत में इज़ाफ़ा हुआ। | |
Chapter 5
Dani | UrduGeoD | 5:1 | एक दिन बेलशज़्ज़र बादशाह अपने बड़ों के हज़ार अफ़राद के लिए ज़बरदस्त ज़ियाफ़त करके उनके साथ मै पीने लगा। | |
Dani | UrduGeoD | 5:2 | नशे में उसने हुक्म दिया, “सोने-चाँदी के जो प्याले मेरे बाप नबूकदनज़्ज़र ने यरूशलम में वाक़े अल्लाह के घर से छीन लिए थे वह मेरे पास ले आओ ताकि मैं अपने बड़ों, बीवियों और दाश्ताओं के साथ उनसे मै पी लूँ।” | |
Dani | UrduGeoD | 5:3 | चुनाँचे यरूशलम में वाक़े अल्लाह के घर से लूटे हुए प्याले उसके पास लाए गए, और सब उनसे मै पी कर | |
Dani | UrduGeoD | 5:5 | उसी लमहे शाही महल के हाल में इनसानी हाथ की उँगलियाँ नज़र आईं जो शमादान के मुक़ाबिल दीवार के पलस्तर पर कुछ लिखने लगीं। जब बादशाह ने हाथ को लिखते हुए देखा | |
Dani | UrduGeoD | 5:6 | तो उसका चेहरा डर के मारे फ़क़ हो गया। उस की कमर के जोड़ ढीले पड़ गए, और उसके घुटने एक दूसरे से टकराने लगे। | |
Dani | UrduGeoD | 5:7 | वह ज़ोर से चीख़ा, “जादूगरों, नुजूमियों और ग़ैबदानों को बुलाओ!” बाबल के दानिशमंद पहुँचे तो वह बोला, “जो भी लिखे हुए अलफ़ाज़ पढ़कर मुझे उनका मतलब बता सके उसे अरग़वानी रंग का लिबास पहनाया जाएगा। उसके गले में सोने की ज़ंजीर पहनाई जाएगी, और हुकूमत में सिर्फ़ दो लोग उससे बड़े होंगे।” | |
Dani | UrduGeoD | 5:8 | बादशाह के दानिशमंद क़रीब आए, लेकिन न वह लिखे हुए अलफ़ाज़ पढ़ सके, न उनका मतलब बादशाह को बता सके। | |
Dani | UrduGeoD | 5:9 | तब बेलशज़्ज़र बादशाह निहायत परेशान हुआ, और उसका चेहरा मज़ीद माँद पड़ गया। उसके शुरफ़ा भी सख़्त परेशान हो गए। | |
Dani | UrduGeoD | 5:10 | बादशाह और शुरफ़ा की बातें मलिका तक पहुँच गईं तो वह ज़ियाफ़त के हाल में दाख़िल हुई। कहने लगी, “बादशाह अबद तक जीते रहें! घबराने या माँद पड़ने की क्या ज़रूरत है? | |
Dani | UrduGeoD | 5:11 | आपकी बादशाही में एक आदमी है जिसमें मुक़द्दस देवताओं की रूह है। आपके बाप के दौरे-हुकूमत में साबित हुआ कि वह देवताओं की-सी बसीरत, फ़हम और हिकमत का मालिक है। आपके बाप नबूकदनज़्ज़र बादशाह ने उसे क़िस्मत का हाल बतानेवालों, जादूगरों, नुजूमियों और ग़ैबदानों पर मुक़र्रर किया था, | |
Dani | UrduGeoD | 5:12 | क्योंकि उसमें ग़ैरमामूली ज़िहानत, इल्म और समझ पाई जाती है। वह ख़ाबों की ताबीर करने और पहेलियाँ और पेचीदा मसले हल करने में माहिर साबित हुआ है। आदमी का नाम दानियाल है, गो बादशाह ने उसका नाम बेल्तशज़्ज़र रखा था। मेरा मशवरा है कि आप उसे बुलाएँ, क्योंकि वह आपको ज़रूर लिखे हुए अलफ़ाज़ का मतलब बताएगा।” | |
Dani | UrduGeoD | 5:13 | यह सुनकर बादशाह ने दानियाल को फ़ौरन बुला लिया। जब पहुँचा तो बादशाह उससे मुख़ातिब हुआ, “क्या तुम वह दानियाल हो जिसे मेरे बाप नबूकदनज़्ज़र बादशाह यहूदाह के जिलावतनों के साथ यहूदाह से यहाँ लाए थे? | |
Dani | UrduGeoD | 5:14 | सुना है कि देवताओं की रूह तुममें है, कि तुम बसीरत, फ़हम और ग़ैरमामूली हिकमत के मालिक हो। | |
Dani | UrduGeoD | 5:15 | दानिशमंदों और नुजूमियों को मेरे सामने लाया गया है ताकि दीवार पर लिखे हुए अलफ़ाज़ पढ़कर मुझे उनका मतलब बताएँ, लेकिन वह नाकाम रहे हैं। | |
Dani | UrduGeoD | 5:16 | अब मुझे बताया गया कि तुम ख़ाबों की ताबीर और पेचीदा मसलों को हल करने में माहिर हो। अगर तुम यह अलफ़ाज़ पढ़कर मुझे इनका मतलब बता सको तो तुम्हें अरग़वानी रंग का लिबास पहनाया जाएगा। तुम्हारे गले में सोने की ज़ंजीर पहनाई जाएगी, और हुकूमत में सिर्फ़ दो लोग तुमसे बड़े होंगे।” | |
Dani | UrduGeoD | 5:17 | दानियाल ने जवाब दिया, “मुझे अज्र न दें, अपने तोह्फ़े किसी और को दीजिए। मैं बादशाह को यह अलफ़ाज़ और इनका मतलब वैसे ही बता दूँगा। | |
Dani | UrduGeoD | 5:18 | ऐ बादशाह, जो सलतनत, अज़मत और शानो-शौकत आपके बाप नबूकदनज़्ज़र को हासिल थी वह अल्लाह तआला से मिली थी। | |
Dani | UrduGeoD | 5:19 | उसी ने उन्हें वह अज़मत अता की थी जिसके बाइस तमाम क़ौमों, उम्मतों और ज़बानों के अफ़राद उनसे डरते और उनके सामने काँपते थे। जिसे वह मार डालना चाहते थे उसे मारा गया, जिसे वह ज़िंदा छोड़ना चाहते थे वह ज़िंदा रहा। जिसे वह सरफ़राज़ करना चाहते थे वह सरफ़राज़ हुआ और जिसे पस्त करना चाहते थे वह पस्त हुआ। | |
Dani | UrduGeoD | 5:20 | लेकिन वह फूलकर हद से ज़्यादा मग़रूर हो गए, इसलिए उन्हें तख़्त से उतारा गया, और वह अपनी क़दरो-मनज़िलत खो बैठे। | |
Dani | UrduGeoD | 5:21 | उन्हें इनसानी संगत से निकालकर भगाया गया, और उनका दिल जानवर के दिल की मानिंद बन गया। उनका रहन-सहन जंगली गधों के साथ था, और वह बैलों की तरह घास चरने लगे। उनका जिस्म आसमान की ओस से तर रहता था। यह हालत उस वक़्त तक रही जब तक कि उन्होंने इक़रार न किया कि अल्लाह तआला का इनसानी सलतनतों पर इख़्तियार है, वह अपनी ही मरज़ी से लोगों को उन पर मुक़र्रर करता है। | |
Dani | UrduGeoD | 5:22 | ऐ बेलशज़्ज़र बादशाह, गो आप उनके बेटे हैं और इस बात का इल्म रखते हैं तो भी आप फ़रोतन न रहे | |
Dani | UrduGeoD | 5:23 | बल्कि आसमान के मालिक के ख़िलाफ़ उठ खड़े हो गए हैं। आपने हुक्म दिया कि उसके घर के प्याले आपके हुज़ूर लाए जाएँ, और आपने अपने बड़ों, बीवियों और दाश्ताओं के साथ उन्हें मै पीने के लिए इस्तेमाल किया। साथ साथ आपने अपने देवताओं की तमजीद की गो वह चाँदी, सोने, पीतल, लोहे, लकड़ी और पत्थर के बुत ही हैं। न वह देख सकते, न सुन या समझ सकते हैं। लेकिन जिस ख़ुदा के हाथ में आपकी जान और आपकी तमाम राहें हैं उसका एहतराम आपने नहीं किया। | |
Dani | UrduGeoD | 5:26 | ‘मिने’ का मतलब ‘गिना हुआ’ है। यानी आपकी सलतनत के दिन गिने हुए हैं, अल्लाह ने उन्हें इख़्तिताम तक पहुँचाया है। | |
Dani | UrduGeoD | 5:27 | ‘तक़ेल’ का मतलब ‘तोला हुआ’ है। यानी अल्लाह ने आपको तोलकर मालूम किया है कि आपका वज़न कम है। | |
Dani | UrduGeoD | 5:28 | ‘फ़रसीन’ का मतलब ‘तक़सीम हुआ’ है। यानी आपकी बादशाही को मादियों और फ़ारसियों में तक़सीम किया जाएगा।” | |
Dani | UrduGeoD | 5:29 | दानियाल ख़ामोश हुआ तो बेलशज़्ज़र ने हुक्म दिया कि उसे अरग़वानी रंग का लिबास पहनाया जाए और उसके गले में सोने की ज़ंजीर पहनाई जाए। साथ साथ एलान किया गया कि अब से हुकूमत में सिर्फ़ दो आदमी दानियाल से बड़े हैं। | |
Chapter 6
Dani | UrduGeoD | 6:2 | उन पर तीन वज़ीर मुक़र्रर थे जिनमें से एक दानियाल था। गवर्नर उनके सामने जवाबदेह थे ताकि बादशाह को नुक़सान न पहुँचे। | |
Dani | UrduGeoD | 6:3 | जल्द ही पता चला कि दानियाल दूसरे वज़ीरों और सूबेदारों पर सबक़त रखता था, क्योंकि वह ग़ैरमामूली ज़िहानत का मालिक था। नतीजतन बादशाह ने उसे पूरी सलतनत पर मुक़र्रर करने का इरादा किया। | |
Dani | UrduGeoD | 6:4 | जब दीगर वज़ीरों और सूबेदारों को यह बात मालूम हुई तो वह दानियाल पर इलज़ाम लगाने का बहाना ढूँडने लगे। लेकिन वह अपनी ज़िम्मादारियों को निभाने में इतना क़ाबिले-एतमाद था कि वह नाकाम रहे। क्योंकि न वह रिश्वतखोर था, न किसी काम में सुस्त। | |
Dani | UrduGeoD | 6:5 | आख़िरकार वह आदमी आपस में कहने लगे, “इस तरीक़े से हमें दानियाल पर इलज़ाम लगाने का मौक़ा नहीं मिलेगा। लेकिन एक बात है जो इलज़ाम का बाइस बन सकती है यानी उसके ख़ुदा की शरीअत।” | |
Dani | UrduGeoD | 6:6 | तब वह गुरोह की सूरत में बादशाह के सामने हाज़िर हुए और कहने लगे, “दारा बादशाह अबद तक जीते रहें! | |
Dani | UrduGeoD | 6:7 | सलतनत के तमाम वज़ीर, गवर्नर, सूबेदार, मुशीर और मुन्तज़िम आपस में मशवरा करके मुत्तफ़िक़ हुए हैं कि अगले 30 दिन के दौरान सबको सिर्फ़ बादशाह से दुआ करनी चाहिए। बादशाह एक फ़रमान सादिर करें कि जो भी किसी और माबूद या इनसान से इल्तिजा करे उसे शेरों की माँद में फेंका जाएगा। ध्यान देना चाहिए कि सब ही इस पर अमल करें। | |
Dani | UrduGeoD | 6:8 | ऐ बादशाह, गुज़ारिश है कि आप यह फ़रमान ज़रूर सादिर करें बल्कि लिखकर उस की तसदीक़ भी करें ताकि उसे तबदील न किया जा सके। तब वह मादियों और फ़ारसियों के क़वानीन का हिस्सा बनकर मनसूख़ नहीं किया जा सकेगा।” | |
Dani | UrduGeoD | 6:10 | जब दानियाल को मालूम हुआ कि फ़रमान सादिर हुआ है तो वह सीधा अपने घर में चला गया। छत पर एक कमरा था जिसकी खुली खिड़कियों का रुख़ यरूशलम की तरफ़ था। इस कमरे में दानियाल रोज़ाना तीन बार अपने घुटने टेककर दुआ और अपने ख़ुदा की सताइश करता था। अब भी उसने यह सिलसिला जारी रखा। | |
Dani | UrduGeoD | 6:11 | ज्योंही दानियाल अपने ख़ुदा से दुआ और इल्तिजा कर रहा था तो उसके दुश्मनों ने गुरोह की सूरत में घर में घुसकर उसे यह करते हुए पाया। | |
Dani | UrduGeoD | 6:12 | तब वह बादशाह के पास गए और उसे शाही फ़रमान की याद दिलाई, “क्या आपने फ़रमान सादिर नहीं किया था कि अगले 30 दिन के दौरान सबको सिर्फ़ बादशाह से दुआ करनी है, और जो किसी और माबूद या इनसान से इल्तिजा करे उसे शेरों की माँद में फेंका जाएगा?” बादशाह ने जवाब दिया, “जी, यह फ़रमान क़ायम है बल्कि मादियों और फ़ारसियों के क़वानीन का हिस्सा है जो मनसूख़ नहीं किया जा सकता।” | |
Dani | UrduGeoD | 6:13 | उन्होंने कहा, “ऐ बादशाह, दानियाल जो यहूदाह के जिलावतनों में से है न आपकी परवा करता, न उस फ़रमान की जिसकी आपने लिखकर तसदीक़ की। अभी तक वह रोज़ाना तीन बार अपने ख़ुदा से दुआ करता है।” | |
Dani | UrduGeoD | 6:14 | यह सुनकर बादशाह को बड़ी दिक़्क़त महसूस हुई। पूरा दिन वह सोचता रहा कि मैं दानियाल को किस तरह बचाऊँ। सूरज के ग़ुरूब होने तक वह उसे छुड़ाने के लिए कोशाँ रहा। | |
Dani | UrduGeoD | 6:15 | लेकिन आख़िरकार वह आदमी गुरोह की सूरत में दुबारा बादशाह के हुज़ूर आए और कहने लगे, “बादशाह को याद रहे कि मादियों और फ़ारसियों के क़वानीन के मुताबिक़ जो भी फ़रमान बादशाह सादिर करे उसे तबदील नहीं किया जा सकता।” | |
Dani | UrduGeoD | 6:16 | चुनाँचे बादशाह ने हुक्म दिया कि दानियाल को पकड़कर शेरों की माँद में फेंका जाए। ऐसा ही हुआ। बादशाह बोला, “ऐ दानियाल, जिस ख़ुदा की इबादत तुम बिलानाग़ा करते आए हो वह तुम्हें बचाए।” | |
Dani | UrduGeoD | 6:17 | फिर माँद के मुँह पर पत्थर रखा गया, और बादशाह ने अपनी मुहर और अपने बड़ों की मुहरें उस पर लगाईं ताकि कोई भी उसे खोलकर दानियाल की मदद न करे। | |
Dani | UrduGeoD | 6:18 | इसके बाद बादशाह शाही महल में वापस चला गया और पूरी रात रोज़ा रखे हुए गुज़ारी। न कुछ उसका दिल बहलाने के लिए उसके पास लाया गया, न उसे नींद आई। | |
Dani | UrduGeoD | 6:20 | उसके क़रीब पहुँचकर बादशाह ने ग़मगीन आवाज़ से पुकारा, “ऐ ज़िंदा ख़ुदा के बंदे दानियाल, क्या तुम्हारे ख़ुदा जिसकी तुम बिलानाग़ा इबादत करते रहे हो तुम्हें शेरों से बचा सका?” | |
Dani | UrduGeoD | 6:22 | मेरे ख़ुदा ने अपने फ़रिश्ते को भेज दिया जिसने शेरों के मुँह को बंद किए रखा। उन्होंने मुझे कोई भी नुक़सान न पहुँचाया, क्योंकि अल्लाह के सामने मैं बेक़ुसूर हूँ। बादशाह सलामत के ख़िलाफ़ भी मुझसे जुर्म नहीं हुआ।” | |
Dani | UrduGeoD | 6:23 | यह सुनकर बादशाह आपे में न समाया। उसने दानियाल को माँद से निकालने का हुक्म दिया। जब उसे खींचकर निकाला गया तो मालूम हुआ कि उसे कोई भी नुक़सान नहीं पहुँचा। यों उसे अल्लाह पर भरोसा रखने का अज्र मिला। | |
Dani | UrduGeoD | 6:24 | लेकिन जिन आदमियों ने दानियाल पर इलज़ाम लगाया था उनका बुरा अंजाम हुआ। बादशाह के हुक्म पर उन्हें उनके बाल-बच्चों समेत शेरों की माँद में फेंका गया। माँद के फ़र्श पर गिरने से पहले ही शेर उन पर झपट पड़े और उन्हें फाड़कर उनकी हड्डियों को चबा लिया। | |
Dani | UrduGeoD | 6:25 | फिर दारा बादशाह ने सलतनत की तमाम क़ौमों, उम्मतों और अहले-ज़बान को ज़ैल का पैग़ाम भेजा, “सबकी सलामती हो! | |
Dani | UrduGeoD | 6:26 | मेरा फ़रमान सुनो! लाज़िम है कि मेरी सलतनत की हर जगह लोग दानियाल के ख़ुदा के सामने थरथराएँ और उसका ख़ौफ़ मानें। क्योंकि वह ज़िंदा ख़ुदा और अबद तक क़ायम है। न कभी उस की बादशाही तबाह, न उस की हुकूमत ख़त्म होगी। | |
Dani | UrduGeoD | 6:27 | वही बचाता और नजात देता है, वही आसमानो-ज़मीन पर इलाही निशान और मोजिज़े दिखाता है। उसी ने दानियाल को शेरों के क़ब्ज़े से बचाया।” | |
Chapter 7
Dani | UrduGeoD | 7:1 | शाहे-बाबल बेलशज़्ज़र की हुकूमत के पहले साल में दानियाल ने ख़ाब में रोया देखी। जाग उठने पर उसने वह कुछ क़लमबंद कर लिया जो ख़ाब में देखा था। ज़ैल में इसका बयान है, | |
Dani | UrduGeoD | 7:2 | रात के वक़्त मैं, दानियाल ने रोया में देखा कि आसमान की चारों हवाएँ ज़ोर से बड़े समुंदर को मुतलातिम कर रही हैं। | |
Dani | UrduGeoD | 7:4 | पहला जानवर शेरबबर जैसा था, लेकिन उसके उक़ाब के पर थे। मेरे देखते ही उसके परों को नोच लिया गया और उसे उठाकर इनसान की तरह पिछले दो पैरों पर खड़ा किया गया। उसे इनसान का दिल भी मिल गया। | |
Dani | UrduGeoD | 7:5 | दूसरा जानवर रीछ जैसा था। उसका एक पहलू खड़ा किया गया था, और वह अपने दाँतों में तीन पसलियाँ पकड़े हुए था। उसे बताया गया, “उठ, जी भरकर गोश्त खा ले!” | |
Dani | UrduGeoD | 7:6 | फिर मैंने तीसरे जानवर को देखा। वह चीते जैसा था, लेकिन उसके चार सर थे। उसे हुकूमत करने का इख़्तियार दिया गया। | |
Dani | UrduGeoD | 7:7 | इसके बाद रात की रोया में एक चौथा जानवर नज़र आया जो डरावना, हौलनाक और निहायत ही ताक़तवर था। अपने लोहे के बड़े बड़े दाँतों से वह सब कुछ खाता और चूर चूर करता था। जो कुछ बच जाता उसे वह पाँवों तले रौंद देता था। यह जानवर दीगर जानवरों से मुख़्तलिफ़ था। उसके दस सींग थे। | |
Dani | UrduGeoD | 7:8 | मैं सींगों पर ग़ौर ही कर रहा था कि एक और छोटा-सा सींग उनके दरमियान से निकल आया। पहले दस सींगों में से तीन को नोच लिया गया ताकि उसे जगह मिल जाए। छोटे सींग पर इनसानी आँखें थीं, और उसका मुँह बड़ी बड़ी बातें करता था। | |
Dani | UrduGeoD | 7:9 | मैं देख ही रहा था कि तख़्त लगाए गए और क़दीमुल-ऐयाम बैठ गया। उसका लिबास बर्फ़ जैसा सफ़ेद और उसके बाल ख़ालिस ऊन की मानिंद थे। जिस तख़्त पर वह बैठा था वह आग की तरह भड़क रहा था, और उस पर शोलाज़न पहिये लगे थे। | |
Dani | UrduGeoD | 7:10 | उसके सामने से आग की नहर बहकर निकल रही थी। बेशुमार हस्तियाँ उस की ख़िदमत के लिए खड़ी थीं। लोग अदालत के लिए बैठ गए, और किताबें खोली गईं। | |
Dani | UrduGeoD | 7:11 | मैंने ग़ौर किया कि छोटा सींग बड़ी बड़ी बातें कर रहा है। मैं देखता रहा तो चौथे जानवर को क़त्ल किया गया। उसका जिस्म तबाह हुआ और भड़कती आग में फेंका गया। | |
Dani | UrduGeoD | 7:12 | दीगर तीन जानवरों की हुकूमत उनसे छीन ली गई, लेकिन उन्हें कुछ देर के लिए ज़िंदा रहने की इजाज़त दी गई। | |
Dani | UrduGeoD | 7:13 | रात की रोया में मैंने यह भी देखा कि आसमान के बादलों के साथ साथ कोई आ रहा है जो इब्ने-आदम-सा लग रहा है। जब क़दीमुल-ऐयाम के क़रीब पहुँचा तो उसके हुज़ूर लाया गया। | |
Dani | UrduGeoD | 7:14 | उसे सलतनत, इज़्ज़त और बादशाही दी गई, और हर क़ौम, उम्मत और ज़बान के अफ़राद ने उस की परस्तिश की। उस की हुकूमत अबदी है और कभी ख़त्म नहीं होगी। उस की बादशाही कभी तबाह नहीं होगी। | |
Dani | UrduGeoD | 7:16 | इसलिए मैंने वहाँ खड़े किसी के पास जाकर उससे गुज़ारिश की कि वह मुझे इन तमाम बातों का मतलब बताए। उसने मुझे इनका मतलब बताया, | |
Dani | UrduGeoD | 7:18 | लेकिन अल्लाह तआला के मुक़द्दसीन को हक़ीक़ी बादशाही मिलेगी, वह बादशाही जो अबद तक हासिल रहेगी।” | |
Dani | UrduGeoD | 7:19 | मैं चौथे जानवर के बारे में मज़ीद जानना चाहता था, उस जानवर के बारे में जो दीगर जानवरों से इतना मुख़्तलिफ़ और इतना हौलनाक था। क्योंकि उसके दाँत लोहे और पंजे पीतल के थे, और वह सब कुछ खाता और चूर चूर करता था। जो बच जाता उसे वह पाँवों तले रौंद देता था। | |
Dani | UrduGeoD | 7:20 | मैं उसके सर के दस सींगों और उनमें से निकले हुए छोटे सींग के बारे में भी मज़ीद जानना चाहता था। क्योंकि छोटे सींग के निकलने पर दस सींगों में से तीन निकलकर गिर गए, और यह सींग बढ़कर साथवाले सींगों से कहीं बड़ा नज़र आया। उस की आँखें थीं, और उसका मुँह बड़ी बड़ी बातें करता था। | |
Dani | UrduGeoD | 7:22 | लेकिन फिर क़दीमुल-ऐयाम आ पहुँचा और अल्लाह तआला के मुक़द्दसीन के लिए इनसाफ़ क़ायम किया। फिर वह वक़्त आया जब मुक़द्दसीन को बादशाही हासिल हुई। | |
Dani | UrduGeoD | 7:23 | जिससे मैंने रोया का मतलब पूछा था उसने कहा, “चौथे जानवर से मुराद ज़मीन पर एक चौथी बादशाही है जो दीगर तमाम बादशाहियों से मुख़्तलिफ़ होगी। वह तमाम दुनिया को खा जाएगी, उसे रौंदकर चूर चूर कर देगी। | |
Dani | UrduGeoD | 7:24 | दस सींगों से मुराद दस बादशाह हैं जो इस बादशाही से निकल आएँगे। उनके बाद एक और बादशाह आएगा जो गुज़रे बादशाहों से मुख़्तलिफ़ होगा और तीन बादशाहों को ख़ाक में मिला देगा। | |
Dani | UrduGeoD | 7:25 | वह अल्लाह तआला के ख़िलाफ़ कुफ़र बकेगा, और मुक़द्दसीन उसके तहत पिसते रहेंगे, यहाँ तक कि वह ईदों के मुक़र्ररा औक़ात और शरीअत को तबदील करने की कोशिश करेगा। मुक़द्दसीन को एक अरसे, दो अरसों और आधे अरसे के लिए उसके हवाले किया जाएगा। | |
Dani | UrduGeoD | 7:26 | लेकिन फिर लोग उस की अदालत के लिए बैठ जाएंगे। उस की हुकूमत उससे छीन ली जाएगी, और वह मुकम्मल तौर पर तबाह हो जाएगी। | |
Dani | UrduGeoD | 7:27 | तब आसमान तले की तमाम सलतनतों की बादशाहत, सलतनत और अज़मत अल्लाह तआला की मुक़द्दस क़ौम के हवाले कर दी जाएगी। अल्लाह तआला की बादशाही अबदी होगी, और तमाम हुक्मरान उस की ख़िदमत करके उसके ताबे रहेंगे।” | |
Chapter 8
Dani | UrduGeoD | 8:1 | बेलशज़्ज़र बादशाह के दौरे-हुकूमत के तीसरे साल में मैं, दानियाल ने एक और रोया देखी। | |
Dani | UrduGeoD | 8:3 | जब मैंने अपनी निगाह उठाई तो किनारे पर मेरे सामने ही एक मेंढा खड़ा था। उसके दो बड़े सींग थे जिनमें से एक ज़्यादा बड़ा था। लेकिन वह दूसरे के बाद ही बड़ा हो गया था। | |
Dani | UrduGeoD | 8:4 | मेरी नज़रों के सामने मेंढा मग़रिब, शिमाल और जुनूब की तरफ़ सींग मारने लगा। न कोई जानवर उसका मुक़ाबला कर सका, न कोई उसके क़ाबू से बचा सका। जो जी चाहे करता था और होते होते बहुत बड़ा हो गया। | |
Dani | UrduGeoD | 8:5 | मैं उस पर ग़ौर ही कर रहा था कि अचानक मग़रिब से आते हुए एक बकरा दिखाई दिया। उस की आँखों के दरमियान ज़बरदस्त सींग था, और वह ज़मीन को छुए बग़ैर चल रहा था। पूरी दुनिया को उबूर करके | |
Dani | UrduGeoD | 8:6 | वह दो सींगोंवाले उस मेंढे के पास पहुँच गया जो मैंने नहर के किनारे खड़ा देखा था। बड़े तैश में आकर वह उस पर टूट पड़ा। | |
Dani | UrduGeoD | 8:7 | मैंने देखा कि वह मेंढे के पहलू से टकरा गया। बड़े ग़ुस्से में उसने उसे यों मारा कि मेंढे के दोनों सींग टुकड़े टुकड़े हो गए। इस बेबस हालत में मेंढा उसका मुक़ाबला न कर सका। बकरे ने उसे ज़मीन पर पटख़कर पाँवों तले कुचल दिया। कोई नहीं था जो मेंढे को बकरे के क़ाबू से बचाए। | |
Dani | UrduGeoD | 8:8 | बकरा निहायत ताक़तवर हो गया। लेकिन ताक़त के उरूज पर ही उसका बड़ा सींग टूट गया, और उस की जगह मज़ीद चार ज़बरदस्त सींग निकल आए जिनका रुख़ आसमान की चार सिम्तों की तरफ़ था। | |
Dani | UrduGeoD | 8:9 | उनके एक सींग में से एक और सींग निकल आया जो इब्तिदा में छोटा था। लेकिन वह जुनूब, मशरिक़ और ख़ूबसूरत मुल्क इसराईल की तरफ़ बढ़ते बढ़ते बहुत ताक़तवर हो गया। | |
Dani | UrduGeoD | 8:10 | फिर वह आसमानी फ़ौज तक बढ़ गया। वहाँ उसने कुछ फ़ौजियों और सितारों को ज़मीन पर फेंककर पाँवों तले कुचल दिया। | |
Dani | UrduGeoD | 8:11 | वह बढ़ते बढ़ते आसमानी फ़ौज के कमाँडर तक भी पहुँच गया और उसे उन क़ुरबानियों से महरूम कर दिया जो उसे रोज़ाना पेश की जाती थीं। साथ साथ सींग ने उसके मक़दिस के मक़ाम को तबाह कर दिया। | |
Dani | UrduGeoD | 8:12 | उस की फ़ौज से रोज़ाना की क़ुरबानियों की बेहुरमती हुई, और सींग ने सच्चाई को ज़मीन पर पटख़ दिया। जो कुछ भी उसने किया उसमें वह कामयाब रहा। | |
Dani | UrduGeoD | 8:13 | फिर मैंने दो मुक़द्दस हस्तियों को आपस में बात करते हुए सुना। एक ने पूछा, “इस रोया में पेश किए गए हालात कब तक क़ायम रहेंगे, यानी जो कुछ रोज़ाना की क़ुरबानियों के साथ हो रहा है, यह तबाहकुन बेहुरमती और यह बात कि मक़दिस को पामाल किया जा रहा है?” | |
Dani | UrduGeoD | 8:14 | दूसरे ने जवाब में मुझे बताया, “हालात 2,300 शामों और सुबहों तक यों ही रहेंगे। इसके बाद मक़दिस को नए सिरे से मख़सूसो-मुक़द्दस किया जाएगा।” | |
Dani | UrduGeoD | 8:15 | मैं देखे हुए वाक़ियात को समझने की कोशिश कर ही रहा था कि कोई मेरे सामने खड़ा हुआ जो मर्द जैसा लग रहा था। | |
Dani | UrduGeoD | 8:16 | साथ साथ मैंने नहर ऊलाई की तरफ़ से किसी शख़्स की आवाज़ सुनी जिसने कहा, “ऐ जिबराईल, इस आदमी को रोया का मतलब बता दे।” | |
Dani | UrduGeoD | 8:17 | फ़रिश्ता मेरे क़रीब आया तो मैं सख़्त घबराकर मुँह के बल गिर गया। लेकिन वह बोला, “ऐ आदमज़ाद, जान ले कि इस रोया का ताल्लुक़ आख़िरी ज़माने से है।” | |
Dani | UrduGeoD | 8:18 | जब वह मुझसे बात कर रहा था तो मैं मदहोश हालत में मुँह के बल पड़ा रहा। अब फ़रिश्ते ने मुझे छूकर पाँवों पर खड़ा किया। | |
Dani | UrduGeoD | 8:19 | वह बोला, “मैं तुझे समझा देता हूँ कि उस आख़िरी ज़माने में क्या कुछ पेश आएगा जब अल्लाह का ग़ज़ब नाज़िल होगा। क्योंकि रोया का ताल्लुक़ आख़िरी ज़माने से है। | |
Dani | UrduGeoD | 8:20 | दो सींगों के जिस मेंढे को तूने देखा वह मादी और फ़ारस के बादशाहों की नुमाइंदगी करता है। | |
Dani | UrduGeoD | 8:21 | लंबे बालों का बकरा यूनान का बादशाह है। उस की आँखों के दरमियान लगा बड़ा सींग यूनानी शहनशाही का पहला बादशाह है। | |
Dani | UrduGeoD | 8:22 | तूने देखा कि यह सींग टूट गया और उस की जगह चार सींग निकल आए। इसका मतलब है कि पहली बादशाही से चार और निकल आएँगी। लेकिन चारों की ताक़त पहली की निसबत कम होगी। | |
Dani | UrduGeoD | 8:23 | उनकी हुकूमत के आख़िरी ऐयाम में बेवफ़ाओं की बदकिरदारी उरूज तक पहुँच गई होगी। उस वक़्त एक गुस्ताख़ और साज़िश का माहिर बादशाह तख़्त पर बैठेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 8:24 | वह बहुत ताक़तवर हो जाएगा, लेकिन यह उस की अपनी ताक़त नहीं होगी। वह हैरतअंगेज़ बरबादी का बाइस बनेगा, और जो कुछ भी करेगा उसमें कामयाब होगा। वह ज़ोरावरों और मुक़द्दस क़ौम को तबाह करेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 8:25 | अपनी समझ और फ़रेब के ज़रीए वह कामयाब रहेगा। तब वह मुतकब्बिर हो जाएगा। जब लोग अपने आपको महफ़ूज़ समझेंगे तो वह उन्हें मौत के घाट उतारेगा। आख़िरकार वह हुक्मरानों के हुक्मरान के ख़िलाफ़ भी उठेगा। लेकिन वह पाश पाश हो जाएगा, अलबत्ता इनसानी हाथ से नहीं। | |
Dani | UrduGeoD | 8:26 | ऐ दानियाल, शामों और सुबहों के बारे में जो रोया तुझ पर ज़ाहिर हुई वह सच्ची है। लेकिन फ़िलहाल उसे पोशीदा रख, क्योंकि यह वाक़ियात अभी पेश नहीं आएँगे बल्कि बहुत दिनों के गुज़र जाने के बाद ही।” | |
Chapter 9
Dani | UrduGeoD | 9:2 | की हुकूमत के पहले साल में मैं, दानियाल ने पाक नविश्तों की तहक़ीक़ की। मैंने ख़ासकर उस पर ग़ौर किया जो रब ने यरमियाह नबी की मारिफ़त फ़रमाया था। उसके मुताबिक़ यरूशलम की तबाहशुदा हालत 70 साल तक क़ायम रहेगी। | |
Dani | UrduGeoD | 9:3 | चुनाँचे मैंने रब अपने ख़ुदा की तरफ़ रुजू किया ताकि अपनी दुआ और इल्तिजाओं से उस की मरज़ी दरियाफ़्त करूँ। साथ साथ मैंने रोज़ा रखा, टाट का लिबास ओढ़ लिया और अपने सर पर राख डाल ली। | |
Dani | UrduGeoD | 9:4 | मैंने रब अपने ख़ुदा से दुआ करके इक़रार किया, “ऐ रब, तू कितना अज़ीम और महीब ख़ुदा है! जो भी तुझे प्यार करता और तेरे अहकाम के ताबे रहता है उसके साथ तू अपना अहद क़ायम रखता और उस पर मेहरबानी करता है। | |
Dani | UrduGeoD | 9:5 | लेकिन हमने गुनाह और बदी की है। हम बेदीन और बाग़ी होकर तेरे अहकाम और हिदायात से भटक गए हैं। | |
Dani | UrduGeoD | 9:6 | हमने नबियों की नहीं सुनी, हालाँकि तेरे ख़ादिम तेरा नाम लेकर हमारे बादशाहों, बुज़ुर्गों, बापदादा बल्कि मुल्क के तमाम बाशिंदों से मुख़ातिब हुए। | |
Dani | UrduGeoD | 9:7 | ऐ रब, तू हक़-बजानिब है जबकि इस दिन हम सब शर्मसार हैं, ख़ाह यहूदाह, यरूशलम या इसराईल के हों, ख़ाह क़रीब या उन तमाम दूर-दराज़ ममालिक में रहते हों जहाँ तूने हमें हमारी बेवफ़ाई के सबब से मुंतशिर कर दिया है। क्योंकि हम तेरे ही साथ बेवफ़ा रहे हैं। | |
Dani | UrduGeoD | 9:8 | ऐ रब, हम अपने बादशाहों, बुज़ुर्गों और बापदादा समेत बहुत शर्मसार हैं, क्योंकि हमने तेरा ही गुनाह किया है। | |
Dani | UrduGeoD | 9:10 | न हम रब अपने ख़ुदा के ताबे रहे, न उसके उन अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी जो उसने हमें अपने ख़ादिमों यानी नबियों की मारिफ़त दिए थे। | |
Dani | UrduGeoD | 9:11 | तमाम इसराईल तेरी शरीअत की ख़िलाफ़वरज़ी करके सहीह राह से भटक गया है, कोई तेरी सुनने के लिए तैयार नहीं था। अल्लाह के ख़ादिम मूसा ने शरीअत में क़सम खाकर लानतें भेजी थीं, और अब यह लानतें हम पर नाज़िल हुई हैं, इसलिए कि हमने तेरा गुनाह किया। | |
Dani | UrduGeoD | 9:12 | जो कुछ तूने हमारे और हमारे हुक्मरानों के ख़िलाफ़ फ़रमाया था वह पूरा हुआ, और हम पर बड़ी आफ़त आई। आसमान तले कहीं भी ऐसी मुसीबत नहीं आई जिस तरह यरूशलम को पेश आई है। | |
Dani | UrduGeoD | 9:13 | मूसा की शरीअत में मज़कूर हर वह लानत हम पर नाज़िल हुई जो नाफ़रमानों पर भेजी गई है। तो भी न हमने अपने गुनाहों को छोड़ा, न तेरी सच्चाई पर ध्यान दिया, हालाँकि इससे हम रब अपने ख़ुदा का ग़ज़ब ठंडा कर सकते थे। | |
Dani | UrduGeoD | 9:14 | इसी लिए रब हम पर आफ़त लाने से न झिजका। क्योंकि जो कुछ भी रब हमारा ख़ुदा करता है उसमें वह हक़-बजानिब होता है। लेकिन हमने उस की न सुनी। | |
Dani | UrduGeoD | 9:15 | ऐ रब हमारे ख़ुदा, तू बड़ी क़ुदरत का इज़हार करके अपनी क़ौम को मिसर से निकाल लाया। यों तेरे नाम को वह इज़्ज़तो-जलाल मिला जो आज तक क़ायम रहा है। इसके बावुजूद हमने गुनाह किया, हमसे बेदीन हरकतें सरज़द हुई हैं। | |
Dani | UrduGeoD | 9:16 | ऐ रब, तू अपने मुंसिफ़ाना कामों में वफ़ादार रहा है! अब भी इसका लिहाज़ कर और अपने सख़्त ग़ज़ब को अपने शहर और मुक़द्दस पहाड़ यरूशलम से दूर कर! यरूशलम और तेरी क़ौम गिर्दो-नवाह की क़ौमों के लिए मज़ाक़ का निशाना बन गई है, गो हम मानते हैं कि यह हमारे गुनाहों और हमारे बापदादा की ख़ताओं की वजह से हो रहा है। | |
Dani | UrduGeoD | 9:17 | ऐ हमारे ख़ुदा, अब अपने ख़ादिम की दुआओं और इल्तिजाओं को सुन! ऐ रब, अपनी ही ख़ातिर अपने तबाहशुदा मक़दिस पर अपने चेहरे का मेहरबान नूर चमका। | |
Dani | UrduGeoD | 9:18 | ऐ मेरे ख़ुदा, कान लगाकर मेरी सुन! अपनी आँखें खोल! उस शहर के खंडरात पर नज़र कर जिस पर तेरे ही नाम का ठप्पा लगा है। हम इसलिए तुझसे इल्तिजाएँ नहीं कर रहे कि हम रास्तबाज़ हैं बल्कि इसलिए कि तू निहायत मेहरबान है। | |
Dani | UrduGeoD | 9:19 | ऐ रब, हमारी सुन! ऐ रब, हमें मुआफ़ कर! ऐ मेरे ख़ुदा, अपनी ख़ातिर देर न कर, क्योंकि तेरे शहर और क़ौम पर तेरे ही नाम का ठप्पा लगा है।” | |
Dani | UrduGeoD | 9:20 | यों मैं दुआ करता और अपने और अपनी क़ौम इसराईल के गुनाहों का इक़रार करता गया। मैं ख़ासकर अपने ख़ुदा के मुक़द्दस पहाड़ यरूशलम के लिए रब अपने ख़ुदा के हुज़ूर फ़रियाद कर रहा था। | |
Dani | UrduGeoD | 9:21 | मैं दुआ कर ही रहा था कि जिबराईल जिसे मैंने दूसरी रोया में देखा था मेरे पास आ पहुँचा। रब के घर में शाम की क़ुरबानी पेश करने का वक़्त था। मैं बहुत ही थक गया था। | |
Dani | UrduGeoD | 9:23 | ज्योंही तू दुआ करने लगा तो अल्लाह ने जवाब दिया, क्योंकि तू उस की नज़र में गिराँक़दर है। मैं तुझे यह जवाब सुनाने आया हूँ। अब ध्यान से रोया को समझ ले! | |
Dani | UrduGeoD | 9:24 | तेरी क़ौम और तेरे मुक़द्दस शहर के लिए 70 हफ़ते मुक़र्रर किए गए हैं ताकि उतने में जरायम और गुनाहों का सिलसिला ख़त्म किया जाए, क़ुसूर का कफ़्फ़ारा दिया जाए, अबदी रास्ती क़ायम की जाए, रोया और पेशगोई की तसदीक़ की जाए और मुक़द्दसतरीन जगह को मसह करके मख़सूसो-मुक़द्दस किया जाए। | |
Dani | UrduGeoD | 9:25 | अब जान ले और समझ ले कि यरूशलम को दुबारा तामीर करने का हुक्म दिया जाएगा, लेकिन मज़ीद सात हफ़ते गुज़रेंगे, फिर ही अल्लाह एक हुक्मरान को इस काम के लिए चुनकर मसह करेगा। तब शहर को 62 हफ़तों के अंदर चौकों और ख़ंदक़ों समेत नए सिरे से तामीर किया जाएगा, गो इस दौरान वह काफ़ी मुसीबत से दोचार होगा। | |
Dani | UrduGeoD | 9:26 | इन 62 हफ़तों के बाद अल्लाह के मसह किए गए बंदे को क़त्ल किया जाएगा, और उसके पास कुछ भी नहीं होगा। उस वक़्त एक और हुक्मरान की क़ौम आकर शहर और मक़दिस को तबाह करेगी। इख़्तिताम सैलाब की सूरत में आएगा, और आख़िर तक जंग जारी रहेगी, ऐसी तबाही होगी जिसका फ़ैसला हो चुका है। | |
Dani | UrduGeoD | 9:27 | एक हफ़ते तक यह हुक्मरान मुतअद्दिद लोगों को एक अहद के तहत रहने पर मजबूर करेगा। इस हफ़ते के बीच में वह ज़बह और ग़ल्ला की क़ुरबानियों का इंतज़ाम बंद करेगा और मक़दिस के एक तरफ़ वह कुछ खड़ा करेगा जो बेहुरमती और तबाही का बाइस है। लेकिन तबाह करनेवाले का ख़ातमा भी मुक़र्रर किया गया है, और आख़िरकार वह भी तबाह हो जाएगा।” | |
Chapter 10
Dani | UrduGeoD | 10:1 | फ़ारस के बादशाह ख़ोरस की हुकूमत के तीसरे साल में बेल्तशज़्ज़र यानी दानियाल पर एक बात ज़ाहिर हुई जो यक़ीनी है और जिसका ताल्लुक़ एक बड़ी मुसीबत से है। उसे रोया में इस पैग़ाम की समझ हासिल हुई। | |
Dani | UrduGeoD | 10:3 | न मैंने उम्दा खाना खाया, न गोश्त या मै मेरे होंटों तक पहुँची। तीन पूरे हफ़ते मैंने हर ख़ुशबूदार तेल से परहेज़ किया। | |
Dani | UrduGeoD | 10:5 | मैंने निगाह उठाई तो क्या देखता हूँ कि मेरे सामने कतान से मुलब्बस आदमी खड़ा है जिसकी कमर में ख़ालिस सोने का पटका बँधा हुआ है। | |
Dani | UrduGeoD | 10:6 | उसका जिस्म पुखराज जैसा था, उसका चेहरा आसमानी बिजली की तरह चमक रहा था, और उस की आँखें भड़कती मशालों की मानिंद थीं। उसके बाज़ू और पाँव पालिश किए हुए पीतल की तरह दमक रहे थे। बोलते वक़्त यों लग रहा था कि बड़ा हुजूम शोर मचा रहा है। | |
Dani | UrduGeoD | 10:7 | सिर्फ़ मैं, दानियाल ने यह रोया देखी। मेरे साथियों ने उसे न देखा। तो भी अचानक उन पर इतनी दहशत तारी हुई कि वह भागकर छुप गए। | |
Dani | UrduGeoD | 10:8 | चुनाँचे मैं अकेला ही रह गया। लेकिन यह अज़ीम रोया देखकर मेरी सारी ताक़त जाती रही। मेरे चेहरे का रंग माँद पड़ गया और मैं बेबस हुआ। | |
Dani | UrduGeoD | 10:9 | फिर वह बोलने लगा। उसे सुनते ही मैं मुँह के बल गिरकर मदहोश हालत में ज़मीन पर पड़ा रहा। | |
Dani | UrduGeoD | 10:10 | तब एक हाथ ने मुझे छूकर हिलाया। उस की मदद से मैं अपने हाथों और घुटनों के बल हो सका। | |
Dani | UrduGeoD | 10:11 | वह आदमी बोला, “ऐ दानियाल, तू अल्लाह के नज़दीक बहुत गिराँक़दर है! जो बातें मैं तुझसे करूँगा उन पर ग़ौर कर। खड़ा हो जा, क्योंकि इस वक़्त मुझे तेरे ही पास भेजा गया है।” तब मैं थरथराते हुए खड़ा हो गया। | |
Dani | UrduGeoD | 10:12 | उसने अपनी बात जारी रखी, “ऐ दानियाल, मत डरना! जब से तूने समझ हासिल करने और अपने ख़ुदा के सामने झुकने का पूरा इरादा कर रखा है, उसी दिन से तेरी सुनी गई है। मैं तेरी दुआओं के जवाब में आ गया हूँ। | |
Dani | UrduGeoD | 10:13 | लेकिन फ़ारसी बादशाही का सरदार 21 दिन तक मेरे रास्ते में खड़ा रहा। फिर मीकाएल जो अल्लाह के सरदार फ़रिश्तों में से एक है मेरी मदद करने आया, और मेरी जान फ़ारसी बादशाही के उस सरदार के साथ लड़ने से छूट गई। | |
Dani | UrduGeoD | 10:14 | मैं तुझे वह कुछ सुनाने को आया हूँ जो आख़िरी दिनों में तेरी क़ौम को पेश आएगा। क्योंकि रोया का ताल्लुक़ आनेवाले वक़्त से है।” | |
Dani | UrduGeoD | 10:15 | जब वह मेरे साथ यह बातें कर रहा था तो मैं ख़ामोशी से नीचे ज़मीन की तरफ़ देखता रहा। | |
Dani | UrduGeoD | 10:16 | फिर जो आदमी-सा लग रहा था उसने मेरे होंटों को छू दिया, और मैं मुँह खोलकर बोलने लगा। मैंने अपने सामने खड़े फ़रिश्ते से कहा, “ऐ मेरे आक़ा, यह रोया देखकर मैं दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत की तरह पेचो-ताब खाने लगा हूँ। मेरी ताक़त जाती रही है। | |
Dani | UrduGeoD | 10:17 | ऐ मेरे आक़ा, आपका ख़ादिम किस तरह आपसे बात कर सकता है? मेरी ताक़त तो जवाब दे गई है, साँस लेना भी मुश्किल हो गया है।” | |
Dani | UrduGeoD | 10:19 | और बोला, “ऐ तू जो अल्लाह की नज़र में गिराँक़दर है, मत डरना! तेरी सलामती हो। हौसला रख, मज़बूत हो जा!” ज्योंही उसने मुझसे बात की मुझे तक़वियत मिली, और मैं बोला, “अब मेरे आक़ा बात करें, क्योंकि आपने मुझे तक़वियत दी है।” | |
Dani | UrduGeoD | 10:20 | उसने कहा, “क्या तू मेरे आने का मक़सद जानता है? जल्द ही मैं दुबारा फ़ारस के सरदार से लड़ने चला जाऊँगा। और उससे निपटने के बाद यूनान का सरदार आएगा। | |
Chapter 11
Dani | UrduGeoD | 11:1 | मादी बादशाह दारा की हुकूमत के पहले साल से ही मैं मीकाएल के साथ खड़ा रहा हूँ ताकि उसको सहारा दूँ और उस की हिफ़ाज़त करूँ।) | |
Dani | UrduGeoD | 11:2 | अब मैं तुझे वह कुछ बताता हूँ जो यक़ीनन पेश आएगा। फ़ारस में मज़ीद तीन बादशाह तख़्त पर बैठेंगे। इसके बाद एक चौथा आदमी बादशाह बनेगा जो तमाम दूसरों से कहीं ज़्यादा दौलतमंद होगा। जब वह दौलत के बाइस ताक़तवर हो जाएगा तो वह यूनानी ममलकत से लड़ने के लिए सब कुछ जमा करेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:3 | फिर एक ज़ोरावर बादशाह बरपा हो जाएगा जो बड़ी क़ुव्वत से हुकूमत करेगा और जो जी चाहे करेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:4 | लेकिन ज्योंही वह बरपा हो जाए उस की सलतनत टुकड़े टुकड़े होकर एक शिमाली, एक जुनूबी, एक मग़रिबी और एक मशरिक़ी हिस्से में तक़सीम हो जाएगी। न यह चार हिस्से पहली सलतनत जितने ताक़तवर होंगे, न बादशाह की औलाद तख़्त पर बैठेगी, क्योंकि उस की सलतनत जड़ से उखाड़कर दूसरों को दी जाएगी। | |
Dani | UrduGeoD | 11:5 | जुनूबी मुल्क का बादशाह तक़वियत पाएगा, लेकिन उसका एक अफ़सर कहीं ज़्यादा ताक़तवर हो जाएगा, उस की हुकूमत कहीं ज़्यादा मज़बूत होगी। | |
Dani | UrduGeoD | 11:6 | चंद साल के बाद दोनों सलतनतें मुत्तहिद हो जाएँगी। अहद को मज़बूत करने के लिए जुनूबी बादशाह की बेटी की शादी शिमाली बादशाह से कराई जाएगी। लेकिन न बेटी कामयाब होगी, न उसका शौहर और न उस की ताक़त क़ायम रहेगी। उन दिनों में उसे उसके साथियों, बाप और शौहर समेत दुश्मन के हवाले किया जाएगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:7 | बेटी की जगह उसका एक रिश्तेदार खड़ा हो जाएगा जो शिमाली बादशाह की फ़ौज पर हमला करके उसके क़िले में घुस आएगा। वह उनसे निपटकर फ़तह पाएगा | |
Dani | UrduGeoD | 11:8 | और उनके ढाले हुए बुतों को सोने-चाँदी की क़ीमती चीज़ों समेत छीनकर मिसर ले जाएगा। वह कुछ साल तक शिमाली बादशाह को नहीं छेड़ेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:9 | फिर शिमाली बादशाह जुनूबी बादशाह के मुल्क में घुस आएगा, लेकिन उसे अपने मुल्क में वापस जाना पड़ेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:10 | इसके बाद उसके बेटे जंग की तैयारियाँ करके बड़ी बड़ी फ़ौजें जमा करेंगे। उनमें से एक जुनूबी बादशाह की तरफ़ बढ़कर सैलाब की तरह जुनूबी मुल्क पर आएगी और लड़ते लड़ते उसके क़िले तक पहुँचेगी। | |
Dani | UrduGeoD | 11:11 | फिर जुनूबी बादशाह तैश में आकर शिमाली बादशाह से लड़ने के लिए निकलेगा। शिमाली बादशाह जवाब में बड़ी फ़ौज खड़ी करेगा, लेकिन वह शिकस्त खा कर | |
Dani | UrduGeoD | 11:12 | तबाह हो जाएगी। तब जुनूबी बादशाह का दिल ग़ुरूर से भर जाएगा, और वह बेशुमार अफ़राद को मौत के घाट उतारेगा। तो भी वह ताक़तवर नहीं रहेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:13 | क्योंकि शिमाली बादशाह एक और फ़ौज जमा करेगा जो पहली की निसबत कहीं ज़्यादा बड़ी होगी। चंद साल के बाद वह इस बड़ी और हथियारों से लैस फ़ौज के साथ जुनूबी बादशाह से लड़ने आएगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:14 | उस वक़्त बहुत-से लोग जुनूबी बादशाह के ख़िलाफ़ उठ खड़े होंगे। तेरी क़ौम के बेदीन लोग भी उसके ख़िलाफ़ खड़े हो जाएंगे और यों रोया को पूरा करेंगे। लेकिन वह ठोकर खाकर गिर जाएंगे। | |
Dani | UrduGeoD | 11:15 | फिर शिमाली बादशाह आकर एक क़िलाबंद शहर का मुहासरा करेगा। वह पुश्ता बनाकर शहर पर क़ब्ज़ा कर लेगा। जुनूब की फ़ौजें उसे रोक नहीं सकेंगी, उनके बेहतरीन दस्ते भी बेबस होकर उसका सामना नहीं कर सकेंगे। | |
Dani | UrduGeoD | 11:16 | हमलाआवर बादशाह जो जी चाहे करेगा, और कोई उसका सामना नहीं कर सकेगा। उस वक़्त वह ख़ूबसूरत मुल्क इसराईल में टिक जाएगा और उसे तबाह करने का इख़्तियार रखेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:17 | तब वह अपनी पूरी सलतनत पर क़ाबू पाने का मनसूबा बाँधेगा। इस ज़िम्न में वह जुनूबी बादशाह के साथ अहद बाँधकर उससे अपनी बेटी की शादी कराएगा ताकि जुनूबी मुल्क को तबाह करे, लेकिन बेफ़ायदा। मनसूबा नाकाम हो जाएगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:18 | इसके बाद वह साहिली इलाक़ों की तरफ़ रुख़ करेगा। उनमें से वह बहुतों पर क़ब्ज़ा भी करेगा, लेकिन आख़िरकार एक हुक्मरान उसके गुस्ताखाना रवय्ये का ख़ातमा करेगा, और उसे शरमिंदा होकर पीछे हटना पड़ेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:19 | फिर शिमाली बादशाह अपने मुल्क के क़िलों के पास वापस आएगा, लेकिन इतने में ठोकर खाकर गिर जाएगा। तब उसका नामो-निशान तक नहीं रहेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:20 | उस की जगह एक बादशाह बरपा हो जाएगा जो अपने अफ़सर को शानदार मुल्क इसराईल में भेजेगा ताकि वहाँ से गुज़रकर लोगों से टैक्स ले। लेकिन थोड़े दिनों के बाद वह तबाह हो जाएगा। न वह किसी झगड़े के सबब से हलाक होगा, न किसी जंग में। | |
Dani | UrduGeoD | 11:21 | उस की जगह एक क़ाबिले-मज़म्मत आदमी खड़ा हो जाएगा। वह तख़्त के लिए मुक़र्रर नहीं हुआ होगा बल्कि ग़ैरमुतवक़्क़े तौर पर आकर साज़िशों के वसीले से बादशाह बनेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:22 | मुख़ालिफ़ फ़ौजें उस पर टूट पड़ेंगी, लेकिन वह सैलाब की तरह उन पर आकर उन्हें बहा ले जाएगा। वह और अहद का एक रईस तबाह हो जाएंगे। | |
Dani | UrduGeoD | 11:23 | क्योंकि उसके साथ अहद बाँधने के बाद वह उसे फ़रेब देगा और सिर्फ़ थोड़े ही अफ़राद के ज़रीए इक़तिदार हासिल कर लेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:24 | वह ग़ैरमुतवक़्क़े तौर पर दौलतमंद सूबों में घुसकर वह कुछ करेगा जो न उसके बाप और न उसके बापदादा से कभी सरज़द हुआ होगा। लूटा हुआ माल और मिलकियत वह अपने लोगों में तक़सीम करेगा। वह क़िलाबंद शहरों पर क़ब्ज़ा करने के मनसूबे भी बाँधेगा, लेकिन सिर्फ़ महदूद अरसे के लिए। | |
Dani | UrduGeoD | 11:25 | फिर वह हिम्मत बाँधकर और पूरा ज़ोर लगाकर बड़ी फ़ौज के साथ जुनूबी बादशाह से लड़ने जाएगा। जवाब में जुनूबी बादशाह एक बड़ी और निहायत ही ताक़तवर फ़ौज को लड़ने के लिए तैयार करेगा। तो भी वह शिमाली बादशाह का सामना नहीं कर पाएगा, इसलिए कि उसके ख़िलाफ़ साज़िशें कामयाब हो जाएँगी। | |
Dani | UrduGeoD | 11:26 | उस की रोटी खानेवाले ही उसे तबाह करेंगे। तब उस की फ़ौज मुंतशिर हो जाएगी, और बहुत-से अफ़राद मैदाने-जंग में खेत आएँगे। | |
Dani | UrduGeoD | 11:27 | दोनों बादशाह मुज़ाकरात के लिए एक ही मेज़ पर बैठ जाएंगे। वहाँ दोनों झूट बोलते हुए एक दूसरे को नुक़सान पहुँचाने के लिए कोशाँ रहेंगे। लेकिन किसी को कामयाबी हासिल नहीं होगी, क्योंकि मुक़र्ररा आख़िरी वक़्त अभी नहीं आना है। | |
Dani | UrduGeoD | 11:28 | शिमाली बादशाह बड़ी दौलत के साथ अपने मुल्क में वापस चला जाएगा। रास्ते में वह मुक़द्दस अहद की क़ौम इसराईल पर ध्यान देकर उसे नुक़सान पहुँचाएगा, फिर अपने वतन वापस जाएगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:29 | मुक़र्ररा वक़्त पर वह दुबारा जुनूबी मुल्क में घुस आएगा, लेकिन पहले की निसबत इस बार नतीजा फ़रक़ होगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:30 | क्योंकि कित्तीम के बहरी जहाज़ उस की मुख़ालफ़त करेंगे, और वह हौसला हारेगा। तब वह मुड़कर मुक़द्दस अहद की क़ौम पर अपना पूरा ग़ुस्सा उतारेगा। जो मुक़द्दस अहद को तर्क करेंगे उन पर वह मेहरबानी करेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:31 | उसके फ़ौजी आकर क़िलाबंद मक़दिस की बेहुरमती करेंगे। वह रोज़ाना की क़ुरबानियों का इंतज़ाम बंद करके तबाही का मकरूह बुत खड़ा करेंगे। | |
Dani | UrduGeoD | 11:32 | जो यहूदी पहले से अहद की ख़िलाफ़वरज़ी कर रहे होंगे उन्हें वह चिकनी-चुपड़ी बातों से मुरतद हो जाने पर आमादा करेगा। लेकिन जो लोग अपने ख़ुदा को जानते हैं वह मज़बूत रहकर उस की मुख़ालफ़त करेंगे। | |
Dani | UrduGeoD | 11:33 | क़ौम के समझदार बहुतों को सहीह राह की तालीम देंगे। लेकिन कुछ अरसे के लिए वह तलवार, आग, क़ैद और लूट-मार के बाइस डाँवाँडोल रहेंगे। | |
Dani | UrduGeoD | 11:34 | उस वक़्त उन्हें थोड़ी-बहुत मदद हासिल तो होगी, लेकिन बहुत-से ऐसे लोग उनके साथ मिल जाएंगे जो मुख़लिस नहीं होंगे। | |
Dani | UrduGeoD | 11:35 | समझदारों में से कुछ डाँवाँडोल हो जाएंगे ताकि लोगों को आज़माकर आख़िरी वक़्त तक ख़ालिस और पाक-साफ़ किया जाए। क्योंकि मुक़र्ररा वक़्त कुछ देर के बाद आएगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:36 | बादशाह जो जी चाहे करेगा। वह सरफ़राज़ होकर अपने आपको तमाम माबूदों से अज़ीम क़रार देगा। ख़ुदाओं के ख़ुदा के ख़िलाफ़ वह नाक़ाबिले-बयान कुफ़र बकेगा। उसे कामयाबी भी हासिल होगी, लेकिन सिर्फ़ उस वक़्त तक जब तक इलाही ग़ज़ब ठंडा न हो जाए। क्योंकि जो कुछ मुक़र्रर हुआ है उसे पूरा होना है। | |
Dani | UrduGeoD | 11:37 | बादशाह न अपने बापदादा के देवताओं की परवा करेगा, न औरतों के अज़ीज़ देवता की, न किसी और की। क्योंकि वह अपने आपको सब पर सरफ़राज़ करेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:38 | इन देवताओं के बजाए वह क़िलों के देवता की पूजा करेगा जिससे उसके बापदादा वाक़िफ़ ही नहीं थे। वह सोने-चाँदी, जवाहरात और क़ीमती तोह्फ़ों से देवता का एहतराम करेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:39 | चुनाँचे वह अजनबी माबूद की मदद से मज़बूत क़िलों पर हमला करेगा। जो उस की हुकूमत मानें उनकी वह बड़ी इज़्ज़त करेगा, इन्हें बहुतों पर मुक़र्रर करेगा और उनमें अज्र के तौर पर ज़मीन तक़सीम करेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:40 | लेकिन फिर आख़िरी वक़्त आएगा। जुनूबी बादशाह जंग में उससे टकराएगा, तो जवाब में शिमाली बादशाह रथ, घुड़सवार और मुतअद्दिद बहरी जहाज़ लेकर उस पर टूट पड़ेगा। तब वह बहुत-से मुल्कों में घुस आएगा और सैलाब की तरह सब कुछ ग़रक़ करके आगे बढ़ेगा। | |
Dani | UrduGeoD | 11:41 | इस दौरान वह ख़ूबसूरत मुल्क इसराईल में भी घुस आएगा। बहुत-से ममालिक शिकस्त खाएँगे, लेकिन अदोम और मोआब अम्मोन के मरकज़ी हिस्से समेत बच जाएंगे। | |
Dani | UrduGeoD | 11:43 | शिमाली बादशाह मिसर की सोने-चाँदी और बाक़ी दौलत पर क़ब्ज़ा करेगा, और लिबिया और एथोपिया भी उसके नक़्शे-क़दम पर चलेंगे। | |
Dani | UrduGeoD | 11:44 | लेकिन फिर मशरिक़ और शिमाल की तरफ़ से अफ़वाहें उसे सदमा पहुँचाएँगी, और वह बड़े तैश में आकर बहुतों को तबाह और हलाक करने के लिए निकलेगा। | |
Chapter 12
Dani | UrduGeoD | 12:1 | उस वक़्त फ़रिश्तों का अज़ीम सरदार मीकाएल उठ खड़ा होगा, वह जो तेरी क़ौम की शफ़ाअत करता है। मुसीबत का ऐसा वक़्त होगा कि क़ौमों के पैदा होने से लेकर उस वक़्त तक नहीं हुआ होगा। लेकिन साथ साथ तेरी क़ौम को नजात मिलेगी। जिसका भी नाम अल्लाह की किताब में दर्ज है वह नजात पाएगा। | |
Dani | UrduGeoD | 12:2 | तब ख़ाक में सोए हुए मुतअद्दिद लोग जाग उठेंगे, कुछ अबदी ज़िंदगी पाने के लिए और कुछ अबदी रुसवाई और घिन का निशाना बनने के लिए। | |
Dani | UrduGeoD | 12:3 | जो समझदार हैं वह आसमान की आबो-ताब की मानिंद चमकेंगे, और जो बहुतों को रास्त राह पर लाए हैं वह हमेशा तक सितारों की तरह जगमगाएँगे। | |
Dani | UrduGeoD | 12:4 | लेकिन तू, ऐ दानियाल, इन बातों को छुपाए रख! इस किताब पर आख़िरी वक़्त तक मुहर लगा दे! बहुत लोग इधर उधर घूमते फिरेंगे, और इल्म में इज़ाफ़ा होता जाएगा।” | |
Dani | UrduGeoD | 12:5 | फिर मैं, दानियाल ने दरिया के पास दो आदमियों को देखा। एक इस किनारे पर खड़ा था जबकि दूसरा दूसरे किनारे पर। | |
Dani | UrduGeoD | 12:6 | कतान से मुलब्बस आदमी बहते हुए पानी के ऊपर था। किनारों पर खड़े आदमियों में से एक ने उससे पूछा, “इन हैरतअंगेज़ बातों की तकमील तक मज़ीद कितनी देर लगेगी?” | |
Dani | UrduGeoD | 12:7 | कतान से मुलब्बस आदमी ने दोनों हाथ आसमान की तरफ़ उठाए और अबद तक ज़िंदा ख़ुदा की क़सम खाकर बोला, “पहले एक अरसा, फिर दो अरसे, फिर आधा अरसा गुज़रेगा। पहले मुक़द्दस क़ौम की ताक़त को पाश पाश करने का सिलसिला इख़्तिताम पर पहुँचना है। इसके बाद ही यह तमाम बातें तकमील तक पहुँचेंगी।” | |
Dani | UrduGeoD | 12:8 | गो मैंने उस की यह बात सुनी, लेकिन वह मेरी समझ में न आई। चुनाँचे मैंने पूछा, “मेरे आक़ा, इन तमाम बातों का क्या अंजाम होगा?” | |
Dani | UrduGeoD | 12:9 | वह बोला, “ऐ दानियाल, अब चला जा! क्योंकि इन बातों को आख़िरी वक़्त तक छुपाए रखना है। उस वक़्त तक इन पर मुहर लगी रहेगी। | |
Dani | UrduGeoD | 12:10 | बहुतों को आज़माकर पाक-साफ़ और ख़ालिस किया जाएगा। लेकिन बेदीन बेदीन ही रहेंगे। कोई भी बेदीन यह नहीं समझेगा, लेकिन समझदारों को समझ आएगी। | |
Dani | UrduGeoD | 12:11 | जिस वक़्त से रोज़ाना की क़ुरबानी का इंतज़ाम बंद किया जाएगा और तबाही के मकरूह बुत को मक़दिस में खड़ा किया जाएगा उस वक़्त से 1,290 दिन गुज़रेंगे। | |