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NEHEMIAH
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Chapter 1
Nehe UrduGeoD 1:1  ज़ैल में नहमियाह बिन हकलियाह की रिपोर्ट दर्ज है। मैं अर्तख़शस्ता बादशाह की हुकूमत के 20वें साल किसलेव के महीने में सोसन के क़िले में था
Nehe UrduGeoD 1:2  कि एक दिन मेरा भाई हनानी मुझसे मिलने आया। उसके साथ यहूदाह के चंद एक आदमी थे। मैंने उनसे पूछा, “जो यहूदी बचकर जिलावतनी से यहूदाह वापस गए हैं उनका क्या हाल है? और यरूशलम शहर का क्या हाल है?”
Nehe UrduGeoD 1:3  उन्होंने जवाब दिया, “जो यहूदी बचकर जिलावतनी से यहूदाह वापस गए हैं उनका बहुत बुरा और ज़िल्लतआमेज़ हाल है। यरूशलम की फ़सील अब तक ज़मीनबोस है, और उसके तमाम दरवाज़े राख हो गए हैं।”
Nehe UrduGeoD 1:4  यह सुनकर मैं बैठकर रोने लगा। कई दिन मैं रोज़ा रखकर मातम करता और आसमान के ख़ुदा से दुआ करता रहा,
Nehe UrduGeoD 1:5  “ऐ रब, आसमान के ख़ुदा, तू कितना अज़ीम और महीब ख़ुदा है! जो तुझे प्यार और तेरे अहकाम की पैरवी करते हैं उनके साथ तू अपना अहद क़ायम रखता और उन पर मेहरबानी करता है।
Nehe UrduGeoD 1:6  मेरी बात सुनकर ध्यान दे कि तेरा ख़ादिम किस तरह तुझसे इलतमास कर रहा है। दिन-रात मैं इसराईलियों के लिए जो तेरे ख़ादिम हैं दुआ करता हूँ। मैं इक़रार करता हूँ कि हमने तेरा गुनाह किया है। इसमें मैं और मेरे बाप का घराना भी शामिल है।
Nehe UrduGeoD 1:7  हमने तेरे ख़िलाफ़ निहायत शरीर क़दम उठाए हैं, क्योंकि जो अहकाम और हिदायात तूने अपने ख़ादिम मूसा को दी थीं हम उनके ताबे न रहे।
Nehe UrduGeoD 1:8  लेकिन अब वह कुछ याद कर जो तूने अपने ख़ादिम को फ़रमाया, ‘अगर तुम बेवफ़ा हो जाओ तो मैं तुम्हें मुख़्तलिफ़ क़ौमों में मुंतशिर कर दूँगा,
Nehe UrduGeoD 1:9  लेकिन अगर तुम मेरे पास वापस आकर दुबारा मेरे अहकाम के ताबे हो जाओ तो मैं तुम्हें तुम्हारे वतन में वापस लाऊँगा, ख़ाह तुम ज़मीन की इंतहा तक क्यों न पहुँच गए हो। मैं तुम्हें उस जगह वापस लाऊँगा जिसे मैंने चुन लिया है ताकि मेरा नाम वहाँ सुकूनत करे।’
Nehe UrduGeoD 1:10  ऐ रब, यह लोग तो तेरे अपने ख़ादिम हैं, तेरी अपनी क़ौम जिसे तूने अपनी अज़ीम क़ुदरत और क़वी हाथ से फ़िद्या देकर छुड़ाया है।
Nehe UrduGeoD 1:11  ऐ रब, अपने ख़ादिम और उन तमाम ख़ादिमों की इलतमास सुन जो पूरे दिल से तेरे नाम का ख़ौफ़ मानते हैं। जब तेरा ख़ादिम आज शहनशाह के पास होगा तो उसे कामयाबी अता कर। बख़्श दे कि वह मुझ पर रहम करे।” मैंने यह इसलिए कहा कि मैं शहनशाह का साक़ी था।
Chapter 2
Nehe UrduGeoD 2:1  चार महीने गुज़र गए। नीसान के महीने के एक दिन जब मैं शहनशाह अर्तख़शस्ता को मै पिला रहा था तो मेरी मायूसी उसे नज़र आई। पहले उसने मुझे कभी उदास नहीं देखा था,
Nehe UrduGeoD 2:2  इसलिए उसने पूछा, “आप इतने ग़मगीन क्यों दिखाई दे रहे हैं? आप बीमार तो नहीं लगते बल्कि कोई बात आपके दिल को तंग कर रही है।” मैं सख़्त घबरा गया
Nehe UrduGeoD 2:3  और कहा, “शहनशाह अबद तक जीता रहे! मैं किस तरह ख़ुश हो सकता हूँ? जिस शहर में मेरे बापदादा को दफ़नाया गया है वह मलबे का ढेर है, और उसके दरवाज़े राख हो गए हैं।”
Nehe UrduGeoD 2:4  शहनशाह ने पूछा, “तो फिर मैं किस तरह आपकी मदद करूँ?” ख़ामोशी से आसमान के ख़ुदा से दुआ करके
Nehe UrduGeoD 2:5  मैंने शहनशाह से कहा, “अगर बात आपको मंज़ूर हो और आप अपने ख़ादिम से ख़ुश हों तो फिर बराहे-करम मुझे यहूदाह के उस शहर भेज दीजिए जिसमें मेरे बापदादा दफ़न हुए हैं ताकि मैं उसे दुबारा तामीर करूँ।”
Nehe UrduGeoD 2:6  उस वक़्त मलिका भी साथ बैठी थी। शहनशाह ने सवाल किया, “सफ़र के लिए कितना वक़्त दरकार है? आप कब तक वापस आ सकते हैं?” मैंने उसे बताया कि मैं कब तक वापस आऊँगा तो वह मुत्तफ़िक़ हुआ।
Nehe UrduGeoD 2:7  फिर मैंने गुज़ारिश की, “अगर बात आपको मंज़ूर हो तो मुझे दरियाए-फ़ुरात के मग़रिबी इलाक़े के गवर्नरों के लिए ख़त दीजिए ताकि वह मुझे अपने इलाक़ों में से गुज़रने दें और मैं सलामती से यहूदाह तक पहुँच सकूँ।
Nehe UrduGeoD 2:8  इसके अलावा शाही जंगलात के निगरान आसफ़ के लिए ख़त लिखवाएँ ताकि वह मुझे लकड़ी दे। जब मैं रब के घर के साथवाले क़िले के दरवाज़े, फ़सील और अपना घर बनाऊँगा तो मुझे शहतीरों की ज़रूरत होगी।” अल्लाह का शफ़ीक़ हाथ मुझ पर था, इसलिए शहनशाह ने मुझे यह ख़त दे दिए।
Nehe UrduGeoD 2:9  शहनशाह ने फ़ौजी अफ़सर और घुड़सवार भी मेरे साथ भेजे। यों रवाना होकर मैं दरियाए-फ़ुरात के मग़रिबी इलाक़े के गवर्नरों के पास पहुँचा और उन्हें शहनशाह के ख़त दिए।
Nehe UrduGeoD 2:10  जब गवर्नर संबल्लत हौरूनी और अम्मोनी अफ़सर तूबियाह को मालूम हुआ कि कोई इसराईलियों की बहबूदी के लिए आ गया है तो वह निहायत नाख़ुश हुए।
Nehe UrduGeoD 2:11  सफ़र करते करते मैं यरूशलम पहुँच गया। तीन दिन के बाद
Nehe UrduGeoD 2:12  मैं रात के वक़्त शहर से निकला। मेरे साथ चंद एक आदमी थे, और हमारे पास सिर्फ़ वही जानवर था जिस पर मैं सवार था। अब तक मैंने किसी को भी उस बोझ के बारे में नहीं बताया था जो मेरे ख़ुदा ने मेरे दिल पर यरूशलम के लिए डाल दिया था।
Nehe UrduGeoD 2:13  चुनाँचे मैं अंधेरे में वादी के दरवाज़े से शहर से निकला और जुनूब की तरफ़ अज़दहे के चश्मे से होकर कचरे के दरवाज़े तक पहुँचा। हर जगह मैंने गिरी हुई फ़सील और भस्म हुए दरवाज़ों का मुआयना किया।
Nehe UrduGeoD 2:14  फिर मैं शिमाल यानी चश्मे के दरवाज़े और शाही तालाब की तरफ़ बढ़ा, लेकिन मलबे की कसरत की वजह से मेरे जानवर को गुज़रने का रास्ता न मिला,
Nehe UrduGeoD 2:15  इसलिए मैं वादीए-क़िदरोन में से गुज़रा। अब तक अंधेरा ही अंधेरा था। वहाँ भी मैं फ़सील का मुआयना करता गया। फिर मैं मुड़ा और वादी के दरवाज़े में से दुबारा शहर में दाख़िल हुआ।
Nehe UrduGeoD 2:16  यरूशलम के अफ़सरों को मालूम नहीं था कि मैं कहाँ गया और क्या कर रहा था। अब तक मैंने न उन्हें और न इमामों या दीगर उन लोगों को अपने मनसूबे से आगाह किया था जिन्हें तामीर का यह काम करना था।
Nehe UrduGeoD 2:17  लेकिन अब मैं उनसे मुख़ातिब हुआ, “आपको ख़ुद हमारी मुसीबत नज़र आती है। यरूशलम मलबे का ढेर बन गया है, और उसके दरवाज़े राख हो गए हैं। आएँ, हम फ़सील को नए सिरे से तामीर करें ताकि हम दूसरों के मज़ाक़ का निशाना न बने रहें।”
Nehe UrduGeoD 2:18  मैंने उन्हें बताया कि अल्लाह का शफ़ीक़ हाथ किस तरह मुझ पर रहा था और कि शहनशाह ने मुझसे किस क़िस्म का वादा किया था। यह सुनकर उन्होंने जवाब दिया, “ठीक है, आएँ हम तामीर का काम शुरू करें!” चुनाँचे वह इस अच्छे काम में लग गए।
Nehe UrduGeoD 2:19  जब संबल्लत हौरूनी, अम्मोनी अफ़सर तूबियाह और जशम अरबी को इसकी ख़बर मिली तो उन्होंने हमारा मज़ाक़ उड़ाकर हिक़ारतआमेज़ लहजे में कहा, “यह तुम लोग क्या कर रहे हो? क्या तुम शहनशाह से ग़द्दारी करना चाहते हो?”
Nehe UrduGeoD 2:20  मैंने जवाब दिया, “आसमान का ख़ुदा हमें कामयाबी अता करेगा। हम जो उसके ख़ादिम हैं तामीर का काम शुरू करेंगे। जहाँ तक यरूशलम का ताल्लुक़ है, न आज और न माज़ी में आपका कभी कोई हिस्सा या हक़ था।”
Chapter 3
Nehe UrduGeoD 3:1  इमामे-आज़म इलियासिब बाक़ी इमामों के साथ मिलकर तामीरी काम में लग गया। उन्होंने भेड़ के दरवाज़े को नए सिरे से बना दिया और उसे मख़सूस करके उसके किवाड़ लगा दिए। उन्होंने फ़सील के साथवाले हिस्से को भी मिया बुर्ज और हननेल के बुर्ज तक बनाकर मख़सूस किया।
Nehe UrduGeoD 3:2  यरीहू के आदमियों ने फ़सील के अगले हिस्से को खड़ा किया जबकि ज़क्कूर बिन इमरी ने उनके हिस्से से मुलहिक़ हिस्से को तामीर किया।
Nehe UrduGeoD 3:3  मछली का दरवाज़ा सनाआह के ख़ानदान की ज़िम्मादारी थी। उसे शहतीरों से बनाकर उन्होंने किवाड़, चटख़नियाँ और कुंडे लगा दिए।
Nehe UrduGeoD 3:4  अगले हिस्से की मरम्मत मरीमोत बिन ऊरियाह बिन हक़्क़ूज़ ने की। अगला हिस्सा मसुल्लाम बिन बरकियाह बिन मशेज़बेल की ज़िम्मादारी थी। सदोक़ बिन बाना ने अगले हिस्से को तामीर किया।
Nehe UrduGeoD 3:5  अगला हिस्सा तक़ुअ के बाशिंदों ने बनाया। लेकिन शहर के बड़े लोग अपने बुज़ुर्गों के तहत काम करने के लिए तैयार न थे।
Nehe UrduGeoD 3:6  यसाना का दरवाज़ा योयदा बिन फ़ासिह और मसुल्लाम बिन बसूदियाह की ज़िम्मादारी थी। उसे शहतीरों से बनाकर उन्होंने किवाड़, चटख़नियाँ और कुंडे लगा दिए।
Nehe UrduGeoD 3:7  अगला हिस्सा मलतियाह जिबऊनी और यदून मरूनोती ने खड़ा किया। यह लोग जिबऊन और मिसफ़ाह के थे, वही मिसफ़ाह जहाँ दरियाए-फ़ुरात के मग़रिबी इलाक़े के गवर्नर का दारुल-हुकूमत था।
Nehe UrduGeoD 3:8  अगले हिस्से की मरम्मत एक सुनार बनाम उज़्ज़ियेल बिन हरहियाह के हाथ में थी। अगले हिस्से पर एक इत्रसाज़ बनाम हननियाह मुक़र्रर था। इन लोगों ने फ़सील की मरम्मत ‘मोटी दीवार’ तक की।
Nehe UrduGeoD 3:9  अगले हिस्से को रिफ़ायाह बिन हूर ने खड़ा किया। यह आदमी ज़िले यरूशलम के आधे हिस्से का अफ़सर था।
Nehe UrduGeoD 3:10  यदायाह बिन हरूमफ़ ने अगले हिस्से की मरम्मत की जो उसके घर के मुक़ाबिल था। अगले हिस्से को हत्तूश बिन हसब्नियाह ने तामीर किया।
Nehe UrduGeoD 3:11  अगले हिस्से को तनूरों के बुर्ज तक मलकियाह बिन हारिम और हस्सूब बिन पख़त-मोआब ने खड़ा किया।
Nehe UrduGeoD 3:12  अगला हिस्सा सल्लूम बिन हल्लूहेश की ज़िम्मादारी थी। यह आदमी ज़िले यरूशलम के दूसरे आधे हिस्से का अफ़सर था। उस की बेटियों ने उस की मदद की।
Nehe UrduGeoD 3:13  हनून ने ज़नूह के बाशिंदों समेत वादी के दरवाज़े को तामीर किया। शहतीरों से उसे बनाकर उन्होंने किवाड़, चटख़नियाँ और कुंडे लगाए। इसके अलावा उन्होंने फ़सील को वहाँ से कचरे के दरवाज़े तक खड़ा किया। इस हिस्से का फ़ासला तक़रीबन 1,500 फ़ुट यानी आधा किलोमीटर था।
Nehe UrduGeoD 3:14  कचरे का दरवाज़ा मलकियाह बिन रैकाब की ज़िम्मादारी थी। यह आदमी ज़िले बैत-करम का अफ़सर था। उसने उसे बनाकर किवाड़, चटख़नियाँ और कुंडे लगाए।
Nehe UrduGeoD 3:15  चश्मे के दरवाज़े की तामीर सल्लून बिन कुलहोज़ा के हाथ में थी जो ज़िले मिसफ़ाह का अफ़सर था। उसने दरवाज़े पर छत बनाकर उसके किवाड़, चटख़नियाँ और कुंडे लगा दिए। साथ साथ उसने फ़सील के उस हिस्से की मरम्मत की जो शाही बाग़ के पासवाले तालाब से गुज़रता है। यह वही तालाब है जिसमें पानी नाले के ज़रीए पहुँचता है। सल्लून ने फ़सील को उस सीढ़ी तक तामीर किया जो यरूशलम के उस हिस्से से उतरती है जो ‘दाऊद का शहर’ कहलाता है।
Nehe UrduGeoD 3:16  अगला हिस्सा नहमियाह बिन अज़बुक़ की ज़िम्मादारी थी जो ज़िले बैत-सूर के आधे हिस्से का अफ़सर था। फ़सील का यह हिस्सा दाऊद बादशाह के क़ब्रिस्तान के मुक़ाबिल था और मसनूई तालाब और सूरमाओं के कमरों पर ख़त्म हुआ।
Nehe UrduGeoD 3:17  ज़ैल के लावियों ने अगले हिस्सों को खड़ा किया : पहले रहूम बिन बानी का हिस्सा था। ज़िले क़ईला के आधे हिस्से के अफ़सर हसबियाह ने अगले हिस्से की मरम्मत की।
Nehe UrduGeoD 3:18  अगले हिस्से को लावियों ने बिन्नूई बिन हनदाद के ज़ेरे-निगरानी खड़ा किया जो ज़िले क़ईला के दूसरे आधे हिस्से पर मुक़र्रर था।
Nehe UrduGeoD 3:19  अगला हिस्सा मिसफ़ाह के सरदार अज़र बिन यशुअ की ज़िम्मादारी थी। यह हिस्सा फ़सील के उस मोड़ पर था जहाँ रास्ता असलाख़ाने की तरफ़ चढ़ता है।
Nehe UrduGeoD 3:20  अगले हिस्से को बारूक बिन ज़ब्बी ने बड़ी मेहनत से तामीर किया। यह हिस्सा फ़सील के मोड़ से शुरू होकर इमामे-आज़म इलियासिब के घर के दरवाज़े पर ख़त्म हुआ।
Nehe UrduGeoD 3:21  अगला हिस्सा मरीमोत बिन ऊरियाह बिन हक़्क़ूज़ की ज़िम्मादारी थी और इलियासिब के घर के दरवाज़े से शुरू होकर उसके कोने पर ख़त्म हुआ।
Nehe UrduGeoD 3:22  ज़ैल के हिस्से उन इमामों ने तामीर किए जो शहर के गिर्दो-नवाह में रहते थे।
Nehe UrduGeoD 3:23  अगले हिस्से की तामीर बिनयमीन और हस्सूब के ज़ेरे-निगरानी थी। यह हिस्सा उनके घरों के सामने था। अज़रियाह बिन मासियाह बिन अननियाह ने अगले हिस्से की मरम्मत की। यह हिस्सा उसके घर के पास ही था।
Nehe UrduGeoD 3:24  अगला हिस्सा बिन्नूई बिन हनदाद की ज़िम्मादारी थी। यह अज़रियाह के घर से शुरू हुआ और मुड़ते मुड़ते कोने पर ख़त्म हुआ।
Nehe UrduGeoD 3:25  अगला हिस्सा फ़ालाल बिन ऊज़ी की ज़िम्मादारी थी। यह हिस्सा मोड़ से शुरू हुआ, और ऊपर का जो बुर्ज शाही महल से उस जगह निकलता है जहाँ मुहाफ़िज़ों का सहन है वह भी इसमें शामिल था। अगला हिस्सा फ़िदायाह बिन परऊस
Nehe UrduGeoD 3:26  और ओफ़ल पहाड़ी पर रहनेवाले रब के घर के ख़िदमतगारों के ज़िम्मे था। यह हिस्सा पानी के दरवाज़े और वहाँ से निकले हुए बुर्ज पर ख़त्म हुआ।
Nehe UrduGeoD 3:27  अगला हिस्सा इस बुर्ज से लेकर ओफ़ल पहाड़ी की दीवार तक था। तक़ुअ के बाशिंदों ने उसे तामीर किया।
Nehe UrduGeoD 3:28  घोड़े के दरवाज़े से आगे इमामों ने फ़सील की मरम्मत की। हर एक ने अपने घर के सामने का हिस्सा खड़ा किया।
Nehe UrduGeoD 3:29  उनके बाद सदोक़ बिन इम्मेर का हिस्सा आया। यह भी उसके घर के मुक़ाबिल था। अगला हिस्सा समायाह बिन सकनियाह ने खड़ा किया। यह आदमी मशरिक़ी दरवाज़े का पहरेदार था।
Nehe UrduGeoD 3:30  अगला हिस्सा हननियाह बिन सलमियाह और सलफ़ के छटे बेटे हनून के ज़िम्मे था। अगला हिस्सा मसुल्लाम बिन बरकियाह ने तामीर किया जो उसके घर के मुक़ाबिल था।
Nehe UrduGeoD 3:31  एक सुनार बनाम मलकियाह ने अगले हिस्से की मरम्मत की। यह हिस्सा रब के घर के ख़िदमतगारों और ताजिरों के उस मकान पर ख़त्म हुआ जो पहरे के दरवाज़े के सामने था। फ़सील के कोने पर वाक़े बालाखाना भी इसमें शामिल था।
Nehe UrduGeoD 3:32  आख़िरी हिस्सा भेड़ के दरवाज़े पर ख़त्म हुआ। सुनारों और ताजिरों ने उसे खड़ा किया।
Chapter 4
Nehe UrduGeoD 4:1  जब संबल्लत को पता चला कि हम फ़सील को दुबारा तामीर कर रहे हैं तो वह आग-बगूला हो गया। हमारा मज़ाक़ उड़ा उड़ाकर
Nehe UrduGeoD 4:2  उसने अपने हमख़िदमत अफ़सरों और सामरिया के फ़ौजियों की मौजूदगी में कहा, “यह ज़ईफ़ यहूदी क्या कर रहे हैं? क्या यह वाक़ई यरूशलम की क़िलाबंदी करना चाहते हैं? क्या यह समझते हैं कि चंद एक क़ुरबानियाँ पेश करके हम फ़सील को आज ही खड़ा करेंगे? वह इन जले हुए पत्थरों और मलबे के इस ढेर से किस तरह नई दीवार बना सकते हैं?”
Nehe UrduGeoD 4:3  अम्मोनी अफ़सर तूबियाह उसके साथ खड़ा था। वह बोला, “उन्हें करने दो! दीवार इतनी कमज़ोर होगी कि अगर लोमड़ी भी उस पर छलाँग लगाए तो गिर जाएगी।”
Nehe UrduGeoD 4:4  ऐ हमारे ख़ुदा, हमारी सुन, क्योंकि लोग हमें हक़ीर जानते हैं। जिन बातों से उन्होंने हमें ज़लील किया है वह उनकी ज़िल्लत का बाइस बन जाएँ। बख़्श दे कि लोग उन्हें लूट लें और उन्हें क़ैद करके जिलावतन कर दें।
Nehe UrduGeoD 4:5  उनका क़ुसूर नज़रंदाज़ न कर बल्कि उनके गुनाह तुझे याद रहें। क्योंकि उन्होंने फ़सील को तामीर करनेवालों को ज़लील करने से तुझे तैश दिलाया है।
Nehe UrduGeoD 4:6  मुख़ालफ़त के बावुजूद हम फ़सील की मरम्मत करते रहे, और होते होते पूरी दीवार की आधी ऊँचाई खड़ी हुई, क्योंकि लोग पूरी लग्न से काम कर रहे थे।
Nehe UrduGeoD 4:7  जब संबल्लत, तूबियाह, अरबों, अम्मोनियों और अशदूद के बाशिंदों को इत्तला मिली कि यरूशलम की फ़सील की तामीर में तरक़्क़ी हो रही है बल्कि जो हिस्से अब तक खड़े न हो सके थे वह भी बंद होने लगे हैं तो वह बड़े ग़ुस्से में आ गए।
Nehe UrduGeoD 4:8  सब मुत्तहिद होकर यरूशलम पर हमला करने और उसमें गड़बड़ पैदा करने की साज़िशें करने लगे।
Nehe UrduGeoD 4:9  लेकिन हमने अपने ख़ुदा से इलतमास करके पहरेदार लगाए जो हमें दिन-रात उनसे बचाए रखें।
Nehe UrduGeoD 4:10  उस वक़्त यहूदाह के लोग कराहने लगे, “मज़दूरों की ताक़त ख़त्म हो रही है, और अभी तक मलबे के बड़े ढेर बाक़ी हैं। फ़सील को बनाना हमारे बस की बात नहीं है।”
Nehe UrduGeoD 4:11  दूसरी तरफ़ दुश्मन कह रहे थे, “हम अचानक उन पर टूट पड़ेंगे। उनको उस वक़्त पता चलेगा जब हम उनके बीच में होंगे। तब हम उन्हें मार देंगे और काम रुक जाएगा।”
Nehe UrduGeoD 4:12  जो यहूदी उनके क़रीब रहते थे वह बार बार हमारे पास आकर हमें इत्तला देते रहे, “दुश्मन चारों तरफ़ से आप पर हमला करने के लिए तैयार खड़ा है।”
Nehe UrduGeoD 4:13  तब मैंने लोगों को फ़सील के पीछे एक जगह खड़ा कर दिया जहाँ दीवार सबसे नीची थी, और वह तलवारों, नेज़ों और कमानों से लैस अपने ख़ानदानों के मुताबिक़ खुले मैदान में खड़े हो गए।
Nehe UrduGeoD 4:14  लोगों का जायज़ा लेकर मैं खड़ा हुआ और कहने लगा, “उनसे मत डरें! रब को याद करें जो अज़ीम और महीब है। ज़हन में रखें कि हम अपने भाइयों, बेटों बेटियों, बीवियों और घरों के लिए लड़ रहे हैं।”
Nehe UrduGeoD 4:15  जब हमारे दुश्मनों को मालूम हुआ कि उनकी साज़िशों की ख़बर हम तक पहुँच गई है और कि अल्लाह ने उनके मनसूबे को नाकाम होने दिया तो हम सब अपनी अपनी जगह पर दुबारा तामीर के काम में लग गए।
Nehe UrduGeoD 4:16  लेकिन उस दिन से मेरे जवानों का सिर्फ़ आधा हिस्सा तामीरी काम में लगा रहा। बाक़ी लोग नेज़ों, ढालों, कमानों और ज़िरा-बकतर से लैस पहरा देते रहे। अफ़सर यहूदाह के उन तमाम लोगों के पीछे खड़े रहे
Nehe UrduGeoD 4:17  जो दीवार को तामीर कर रहे थे। सामान उठानेवाले एक हाथ से हथियार पकड़े काम करते थे।
Nehe UrduGeoD 4:18  और जो भी दीवार को खड़ा कर रहा था उस की तलवार कमर में बँधी रहती थी। जिस आदमी को तुरम बजाकर ख़तरे का एलान करना था वह हमेशा मेरे साथ रहा।
Nehe UrduGeoD 4:19  मैंने शुरफ़ा, बुज़ुर्गों और बाक़ी लोगों से कहा, “यह काम बहुत ही बड़ा और वसी है, इसलिए हम एक दूसरे से दूर और बिखरे हुए काम कर रहे हैं।
Nehe UrduGeoD 4:20  ज्योंही आपको तुरम की आवाज़ सुनाई दे तो भागकर आवाज़ की तरफ़ चले आएँ। हमारा ख़ुदा हमारे लिए लड़ेगा!”
Nehe UrduGeoD 4:21  हम पौ फटने से लेकर उस वक़्त तक काम में मसरूफ़ रहते जब तक सितारे नज़र न आते, और हर वक़्त आदमियों का आधा हिस्सा नेज़े पकड़े पहरा देता था।
Nehe UrduGeoD 4:22  उस वक़्त मैंने सबको यह हुक्म भी दिया, “हर आदमी अपने मददगारों के साथ रात का वक़्त यरूशलम में गुज़ारे। फिर आप रात के वक़्त पहरादारी में भी मदद करेंगे और दिन के वक़्त तामीरी काम में भी।”
Nehe UrduGeoD 4:23  उन तमाम दिनों के दौरान न मैं, न मेरे भाइयों, न मेरे जवानों और न मेरे पहरेदारों ने कभी अपने कपड़े उतारे। नीज़, हर एक अपना हथियार पकड़े रहा।
Chapter 5
Nehe UrduGeoD 5:1  कुछ देर बाद कुछ मर्दो-ख़वातीन मेरे पास आकर अपने यहूदी भाइयों की शिकायत करने लगे।
Nehe UrduGeoD 5:2  बाज़ ने कहा, “हमारे बहुत ज़्यादा बेटे-बेटियाँ हैं, इसलिए हमें मज़ीद अनाज मिलना चाहिए, वरना हम ज़िंदा नहीं रहेंगे।”
Nehe UrduGeoD 5:3  दूसरों ने शिकायत की, “काल के दौरान हमें अपने खेतों, अंगूर के बाग़ों और घरों को गिरवी रखना पड़ा ताकि अनाज मिल जाए।”
Nehe UrduGeoD 5:4  कुछ और बोले, “हमें अपने खेतों और अंगूर के बाग़ों पर बादशाह का टैक्स अदा करने के लिए उधार लेना पड़ा।
Nehe UrduGeoD 5:5  हम भी दूसरों की तरह यहूदी क़ौम के हैं, और हमारे बच्चे उनसे कम हैसियत नहीं रखते। तो भी हमें अपने बच्चों को ग़ुलामी में बेचना पड़ता है ताकि गुज़ारा हो सके। हमारी कुछ बेटियाँ लौंडियाँ बन चुकी हैं। लेकिन हम ख़ुद बेबस हैं, क्योंकि हमारे खेत और अंगूर के बाग़ दूसरों के क़ब्ज़े में हैं।”
Nehe UrduGeoD 5:6  उनका वावैला और शिकायतें सुनकर मुझे बड़ा ग़ुस्सा आया।
Nehe UrduGeoD 5:7  बहुत सोच-बिचार के बाद मैंने शुरफ़ा और अफ़सरों पर इलज़ाम लगाया, “आप अपने हमवतन भाइयों से ग़ैरमुनासिब सूद ले रहे हैं!” मैंने उनसे निपटने के लिए एक बड़ी जमात इकट्ठी करके
Nehe UrduGeoD 5:8  कहा, “हमारे कई हमवतन भाइयों को ग़ैरयहूदियों को बेचा गया था। जहाँ तक मुमकिन था हमने उन्हें वापस ख़रीदकर आज़ाद करने की कोशिश की। और अब आप ख़ुद अपने हमवतन भाइयों को बेच रहे हैं। क्या हम अब उन्हें दुबारा वापस ख़रीदें?” वह ख़ामोश रहे और कोई जवाब न दे सके।
Nehe UrduGeoD 5:9  मैंने बात जारी रखी, “आपका यह सुलूक ठीक नहीं। आपको हमारे ख़ुदा का ख़ौफ़ मानकर ज़िंदगी गुज़ारना चाहिए ताकि हम अपने ग़ैरयहूदी दुश्मनों की लान-तान का निशाना न बनें।
Nehe UrduGeoD 5:10  मैं, मेरे भाइयों और मुलाज़िमों ने भी दूसरों को उधार के तौर पर पैसे और अनाज दिया है। लेकिन आएँ, हम उनसे सूद न लें!
Nehe UrduGeoD 5:11  आज ही अपने क़र्ज़दारों को उनके खेत, घर और अंगूर और ज़ैतून के बाग़ वापस कर दें। जितना सूद आपने लगाया था उसे भी वापस कर दें, ख़ाह उसे पैसों, अनाज, ताज़ा मै या ज़ैतून के तेल की सूरत में अदा करना हो।”
Nehe UrduGeoD 5:12  उन्होंने जवाब दिया, “हम उसे वापस कर देंगे और आइंदा उनसे कुछ नहीं माँगेंगे। जो कुछ आपने कहा वह हम करेंगे।” तब मैंने इमामों को अपने पास बुलाया ताकि शुरफ़ा और बुज़ुर्ग उनकी मौजूदगी में कस्म खाएँ कि हम ऐसा ही करेंगे।
Nehe UrduGeoD 5:13  फिर मैंने अपने लिबास की तहें झाड़ झाड़कर कहा, “जो भी अपनी क़सम तोड़े उसे अल्लाह इसी तरह झाड़कर उसके घर और मिलकियत से महरूम कर दे!” तमाम जमाशुदा लोग बोले, “आमीन, ऐसा ही हो!” और रब की तारीफ़ करने लगे। सबने अपने वादे पूरे किए।
Nehe UrduGeoD 5:14  मैं कुल बारह साल सूबा यहूदाह का गवर्नर रहा यानी अर्तख़शस्ता बादशाह की हुकूमत के 20वें साल से उसके 32वें साल तक। इस पूरे अरसे में न मैंने और न मेरे भाइयों ने वह आमदनी ली जो हमारे लिए मुक़र्रर की गई थी।
Nehe UrduGeoD 5:15  असल में माज़ी के गवर्नरों ने क़ौम पर बड़ा बोझ डाल दिया था। उन्होंने रिआया से न सिर्फ़ रोटी और मै बल्कि फ़ी दिन चाँदी के 40 सिक्के भी लिए थे। उनके अफ़सरों ने भी आम लोगों से ग़लत फ़ायदा उठाया था। लेकिन चूँकि मैं अल्लाह का ख़ौफ़ मानता था, इसलिए मैंने उनसे ऐसा सुलूक न किया।
Nehe UrduGeoD 5:16  मेरी पूरी ताक़त फ़सील की तकमील में सर्फ़ हुई, और मेरे तमाम मुलाज़िम भी इस काम में शरीक रहे। हममें से किसी ने भी ज़मीन न ख़रीदी।
Nehe UrduGeoD 5:17  मैंने कुछ न माँगा हालाँकि मुझे रोज़ाना यहूदाह के 150 अफ़सरों की मेहमान-नवाज़ी करनी पड़ती थी। उनमें वह तमाम मेहमान शामिल नहीं हैं जो गाहे बगाहे पड़ोसी ममालिक से आते रहे।
Nehe UrduGeoD 5:18  रोज़ाना एक बैल, छः बेहतरीन भेड़-बकरियाँ और बहुत-से परिंदे मेरे लिए ज़बह करके तैयार किए जाते, और दस दस दिन के बाद हमें कई क़िस्म की बहुत-सी मै ख़रीदनी पड़ती थी। इन अख़राजात के बावुजूद मैंने गवर्नर के लिए मुक़र्ररा वज़ीफ़ा न माँगा, क्योंकि क़ौम पर बोझ वैसे भी बहुत ज़्यादा था।
Nehe UrduGeoD 5:19  ऐ मेरे ख़ुदा, जो कुछ मैंने इस क़ौम के लिए किया है उसके बाइस मुझ पर मेहरबानी कर।
Chapter 6
Nehe UrduGeoD 6:1  संबल्लत, तूबियाह, जशम अरबी और हमारे बाक़ी दुश्मनों को पता चला कि मैंने फ़सील को तकमील तक पहुँचाया है और दीवार में कहीं भी ख़ाली जगह नज़र नहीं आती। सिर्फ़ दरवाज़ों के किवाड़ अब तक लगाए नहीं गए थे।
Nehe UrduGeoD 6:2  तब संबल्लत और जशम ने मुझे पैग़ाम भेजा, “हम वादीए-ओनू के शहर कफ़ीरीम में आपसे मिलना चाहते हैं।” लेकिन मुझे मालूम था कि वह मुझे नुक़सान पहुँचाना चाहते हैं।
Nehe UrduGeoD 6:3  इसलिए मैंने क़ासिदों के हाथ जवाब भेजा, “मैं इस वक़्त एक बड़ा काम तकमील तक पहुँचा रहा हूँ, इसलिए मैं आ नहीं सकता। अगर मैं आपसे मिलने आऊँ तो पूरा काम रुक जाएगा।”
Nehe UrduGeoD 6:4  चार दफ़ा उन्होंने मुझे यही पैग़ाम भेजा और हर बार मैंने वही जवाब दिया।
Nehe UrduGeoD 6:5  पाँचवें मरतबा जब संबल्लत ने अपने मुलाज़िम को मेरे पास भेजा तो उसके हाथ में एक खुला ख़त था।
Nehe UrduGeoD 6:6  ख़त में लिखा था, “पड़ोसी ममालिक में अफ़वाह फैल गई है कि आप और बाक़ी यहूदी बग़ावत की तैयारियाँ कर रहे हैं। जशम ने इस बात की तसदीक़ की है। लोग कहते हैं कि इसी वजह से आप फ़सील बना रहे हैं। इन रिपोर्टों के मुताबिक़ आप उनके बादशाह बनेंगे।
Nehe UrduGeoD 6:7  कहा जाता है कि आपने नबियों को मुक़र्रर किया है जो यरूशलम में एलान करें कि आप यहूदाह के बादशाह हैं। बेशक ऐसी अफ़वाहें शहनशाह तक भी पहुँचेंगी। इसलिए आएँ, हम मिलकर एक दूसरे से मशवरा करें कि क्या करना चाहिए।”
Nehe UrduGeoD 6:8  मैंने उसे जवाब भेजा, “जो कुछ आप कह रहे हैं वह झूट ही झूट है। कुछ नहीं हो रहा, बल्कि आपने फ़रज़ी कहानी घड़ ली है!”
Nehe UrduGeoD 6:9  असल में दुश्मन हमें डराना चाहते थे। उन्होंने सोचा, “अगर हम ऐसी बातें कहें तो वह हिम्मत हारकर काम से बाज़ आएँगे।” लेकिन अब मैंने ज़्यादा अज़म के साथ काम जारी रखा।
Nehe UrduGeoD 6:10  एक दिन मैं समायाह बिन दिलायाह बिन महेतबेल से मिलने गया जो ताला लगाकर घर में बैठा था। उसने मुझसे कहा, “आएँ, हम अल्लाह के घर में जमा हो जाएँ और दरवाज़ों को अपने पीछे बंद करके कुंडी लगाएँ। क्योंकि लोग इसी रात आपको क़त्ल करने के लिए आएँगे।”
Nehe UrduGeoD 6:11  मैंने एतराज़ किया, “क्या यह ठीक है कि मुझ जैसा आदमी भाग जाए? या क्या मुझ जैसा शख़्स जो इमाम नहीं है रब के घर में दाख़िल होकर ज़िंदा रह सकता है? हरगिज़ नहीं! मैं ऐसा नहीं करूँगा!”
Nehe UrduGeoD 6:12  मैंने जान लिया कि समायाह की यह बात अल्लाह की तरफ़ से नहीं है। संबल्लत और तूबियाह ने उसे रिश्वत दी थी, इसी लिए उसने मेरे बारे में ऐसी पेशगोई की थी।
Nehe UrduGeoD 6:13  इससे वह मुझे डराकर गुनाह करने पर उकसाना चाहते थे ताकि वह मेरी बदनामी करके मुझे मज़ाक़ का निशाना बना सकें।
Nehe UrduGeoD 6:14  ऐ मेरे ख़ुदा, तूबियाह और संबल्लत की यह बुरी हरकतें मत भूलना! नौअदियाह नबिया और बाक़ी उन नबियों को याद रख जिन्होंने मुझे डराने की कोशिश की है।
Nehe UrduGeoD 6:15  फ़सील इलूल के महीने के 25वें दिन यानी 52 दिनों में मुकम्मल हुई।
Nehe UrduGeoD 6:16  जब हमारे दुश्मनों को यह ख़बर मिली तो पड़ोसी ममालिक सहम गए, और वह एहसासे-कमतरी का शिकार हो गए। उन्होंने जान लिया कि अल्लाह ने ख़ुद यह काम तकमील तक पहुँचाया है।
Nehe UrduGeoD 6:17  उन 52 दिनों के दौरान यहूदाह के शुरफ़ा तूबियाह को ख़त भेजते रहे और उससे जवाब मिलते रहे थे।
Nehe UrduGeoD 6:18  असल में यहूदाह के बहुत-से लोगों ने क़सम खाकर उस की मदद करने का वादा किया था। वजह यह थी कि वह सकनियाह बिन अरख़ का दामाद था, और उसके बेटे यूहनान की शादी मसुल्लाम बिन बरकियाह की बेटी से हुई थी।
Nehe UrduGeoD 6:19  तूबियाह के यह मददगार मेरे सामने उसके नेक कामों की तारीफ़ करते रहे और साथ साथ मेरी हर बात उसे बताते रहे। फिर तूबियाह मुझे ख़त भेजता ताकि मैं डरकर काम से बाज़ आऊँ।
Chapter 7
Nehe UrduGeoD 7:1  फ़सील की तकमील पर मैंने दरवाज़ों के किवाड़ लगवाए। फिर रब के घर के दरबान, गुलूकार और ख़िदमतगुज़ार लावी मुक़र्रर किए गए।
Nehe UrduGeoD 7:2  मैंने दो आदमियों को यरूशलम के हुक्मरान बनाया। एक मेरा भाई हनानी और दूसरा क़िले का कमाँडर हननियाह था। हननियाह को मैंने इसलिए चुन लिया कि वह वफ़ादार था और अकसर लोगों की निसबत अल्लाह का ज़्यादा ख़ौफ़ मानता था।
Nehe UrduGeoD 7:3  मैंने दोनों से कहा, “यरूशलम के दरवाज़े दोपहर के वक़्त जब धूप की शिद्दत है खुले न रहें, और पहरा देते वक़्त भी उन्हें बंद करके कुंडे लगाएँ। यरूशलम के आदमियों को पहरादारी के लिए मुक़र्रर करें जिनमें से कुछ फ़सील पर और कुछ अपने घरों के सामने ही पहरा दें।”
Nehe UrduGeoD 7:4  गो यरूशलम शहर बड़ा और वसी था, लेकिन उसमें आबादी थोड़ी थी। ढाए गए मकान अब तक दुबारा तामीर नहीं हुए थे।
Nehe UrduGeoD 7:5  चुनाँचे मेरे ख़ुदा ने मेरे दिल को शुरफ़ा, अफ़सरों और अवाम को इकट्ठा करने की तहरीक दी ताकि ख़ानदानों की रजिस्ट्री तैयार करूँ। इस सिलसिले में मुझे एक किताब मिल गई जिसमें उन लोगों की फ़हरिस्त दर्ज थी जो हमसे पहले जिलावतनी से वापस आए थे। उसमें लिखा था,
Nehe UrduGeoD 7:6  “ज़ैल में यहूदाह के उन लोगों की फ़हरिस्त है जो जिलावतनी से वापस आए। बाबल का बादशाह नबूकदनज़्ज़र उन्हें क़ैद करके बाबल ले गया था, लेकिन अब वह यरूशलम और यहूदाह के उन शहरों में फिर जा बसे जहाँ पहले रहते थे।
Nehe UrduGeoD 7:7  उनके राहनुमा ज़रुब्बाबल, यशुअ, नहमियाह, अज़रियाह, रामियाह, नहमानी, मर्दकी, बिलशान, मिस्फ़रत, बिगवई, नहूम और बाना थे। ज़ैल की फ़हरिस्त में वापस आए हुए ख़ानदानों के मर्द बयान किए गए हैं।
Nehe UrduGeoD 7:8  परऊस का ख़ानदान : 2,172,
Nehe UrduGeoD 7:9  सफ़तियाह का ख़ानदान : 372,
Nehe UrduGeoD 7:11  पख़त-मोआब का ख़ानदान यानी यशुअ और योआब की औलाद : 2,818,
Nehe UrduGeoD 7:12  ऐलाम का ख़ानदान : 1,254,
Nehe UrduGeoD 7:13  ज़त्तू का ख़ानदान : 845,
Nehe UrduGeoD 7:14  ज़क्की का ख़ानदान : 760,
Nehe UrduGeoD 7:15  बिन्नूई का ख़ानदान : 648,
Nehe UrduGeoD 7:17  अज़जाद का ख़ानदान : 2,322,
Nehe UrduGeoD 7:18  अदूनिक़ाम का ख़ानदान : 667,
Nehe UrduGeoD 7:19  बिगवई का ख़ानदान : 2,067,
Nehe UrduGeoD 7:21  अतीर का ख़ानदान यानी हिज़क़ियाह की औलाद : 98,
Nehe UrduGeoD 7:22  हाशूम का ख़ानदान : 328,
Nehe UrduGeoD 7:24  ख़ारिफ़ का ख़ानदान : 112,
Nehe UrduGeoD 7:25  जिबऊन का ख़ानदान : 95,
Nehe UrduGeoD 7:26  बैत-लहम और नतूफ़ा के बाशिंदे : 188,
Nehe UrduGeoD 7:27  अनतोत के बाशिंदे : 128,
Nehe UrduGeoD 7:28  बैत-अज़मावत के बाशिंदे : 42,
Nehe UrduGeoD 7:29  क़िरियत-यारीम, कफ़ीरा और बैरोत के बाशिंदे : 743,
Nehe UrduGeoD 7:30  रामा और जिबा के बाशिंदे : 621,
Nehe UrduGeoD 7:31  मिकमास के बाशिंदे : 122,
Nehe UrduGeoD 7:32  बैतेल और अई के बाशिंदे : 123,
Nehe UrduGeoD 7:33  दूसरे नबू के बाशिंदे : 52,
Nehe UrduGeoD 7:34  दूसरे ऐलाम के बाशिंदे : 1,254,
Nehe UrduGeoD 7:35  हारिम के बाशिंदे : 320,
Nehe UrduGeoD 7:36  यरीहू के बाशिंदे : 345,
Nehe UrduGeoD 7:37  लूद, हादीद और ओनू के बाशिंदे : 721,
Nehe UrduGeoD 7:38  सनाआह के बाशिंदे : 3,930।
Nehe UrduGeoD 7:39  ज़ैल के इमाम जिलावतनी से वापस आए। यदायाह का ख़ानदान जो यशुअ की नसल का था : 973,
Nehe UrduGeoD 7:40  इम्मेर का ख़ानदान : 1,052,
Nehe UrduGeoD 7:41  फ़शहूर का ख़ानदान : 1,247,
Nehe UrduGeoD 7:42  हारिम का ख़ानदान : 1,017।
Nehe UrduGeoD 7:43  ज़ैल के लावी जिलावतनी से वापस आए। यशुअ और क़दमियेल का ख़ानदान यानी हूदावियाह की औलाद : 74,
Nehe UrduGeoD 7:44  गुलूकार : आसफ़ के ख़ानदान के 148 आदमी,
Nehe UrduGeoD 7:45  रब के घर के दरबान : सल्लूम, अतीर, तलमून, अक़्क़ूब, ख़तीता और सोबी के ख़ानदानों के 138 आदमी।
Nehe UrduGeoD 7:46  रब के घर के ख़िदमतगारों के दर्जे-ज़ैल ख़ानदान जिलावतनी से वापस आए। ज़ीहा, हसूफ़ा, तब्बाओत,
Nehe UrduGeoD 7:48  लिबाना, हजाबा, शलमी,
Nehe UrduGeoD 7:50  रियायाह, रज़ीन, नक़ूदा,
Nehe UrduGeoD 7:51  जज़्ज़ाम, उज़्ज़ा, फ़ासिह,
Nehe UrduGeoD 7:52  बसी, मऊनीम, नफ़ूसीम,
Nehe UrduGeoD 7:53  बक़बूक़, हक़ूफ़ा, हरहूर,
Nehe UrduGeoD 7:54  बज़लूत, महीदा, हर्शा,
Nehe UrduGeoD 7:55  बरक़ूस, सीसरा, तामह,
Nehe UrduGeoD 7:56  नज़ियाह और ख़तीफ़ा।
Nehe UrduGeoD 7:57  सुलेमान के ख़ादिमों के दर्जे-ज़ैल ख़ानदान जिलावतनी से वापस आए। सूती, सूफ़िरत, फ़रूदा,
Nehe UrduGeoD 7:58  याला, दरक़ून, जिद्देल,
Nehe UrduGeoD 7:59  सफ़तियाह, ख़त्तील, फ़ूकिरत-ज़बायम और अमून।
Nehe UrduGeoD 7:60  रब के घर के ख़िदमतगारों और सुलेमान के ख़ादिमों के ख़ानदानों में से वापस आए हुए मर्दों की तादाद 392 थी।
Nehe UrduGeoD 7:61  वापस आए हुए ख़ानदानों में से दिलायाह, तूबियाह और नक़ूदा के 642 मर्द साबित न कर सके कि इसराईल की औलाद हैं, गो वह तल-मिलह, तल-हर्शा, करूब, अद्दून और इम्मेर के रहनेवाले थे।
Nehe UrduGeoD 7:62  वापस आए हुए ख़ानदानों में से दिलायाह, तूबियाह और नक़ूदा के 642 मर्द साबित न कर सके कि इसराईल की औलाद हैं, गो वह तल-मिलह, तल-हर्शा, करूब, अद्दून और इम्मेर के रहनेवाले थे।
Nehe UrduGeoD 7:63  हबायाह, हक़्क़ूज़ और बरज़िल्ली के ख़ानदानों के कुछ इमाम भी वापस आए, लेकिन उन्हें रब के घर में ख़िदमत करने की इजाज़त न मिली। क्योंकि गो उन्होंने नसबनामे में अपने नाम तलाश किए लेकिन उनका कहीं ज़िक्र न मिला, इसलिए उन्हें नापाक क़रार दिया गया। (बरज़िल्ली के ख़ानदान के बानी ने बरज़िल्ली जिलियादी की बेटी से शादी करके अपने सुसर का नाम अपना लिया था।)
Nehe UrduGeoD 7:64  हबायाह, हक़्क़ूज़ और बरज़िल्ली के ख़ानदानों के कुछ इमाम भी वापस आए, लेकिन उन्हें रब के घर में ख़िदमत करने की इजाज़त न मिली। क्योंकि गो उन्होंने नसबनामे में अपने नाम तलाश किए लेकिन उनका कहीं ज़िक्र न मिला, इसलिए उन्हें नापाक क़रार दिया गया। (बरज़िल्ली के ख़ानदान के बानी ने बरज़िल्ली जिलियादी की बेटी से शादी करके अपने सुसर का नाम अपना लिया था।)
Nehe UrduGeoD 7:65  यहूदाह के गवर्नर ने हुक्म दिया कि इन तीन ख़ानदानों के इमाम फ़िलहाल क़ुरबानियों का वह हिस्सा खाने में शरीक न हों जो इमामों के लिए मुक़र्रर है। जब दुबारा इमामे-आज़म मुक़र्रर किया जाए तो वही ऊरीम और तुम्मीम नामी क़ुरा डालकर मामला हल करे।
Nehe UrduGeoD 7:66  कुल 42,360 इसराईली अपने वतन लौट आए,
Nehe UrduGeoD 7:67  नीज़ उनके 7,337 ग़ुलाम और लौंडियाँ और 245 गुलूकार जिनमें मर्दो-ख़वातीन शामिल थे।
Nehe UrduGeoD 7:68  इसराईलियों के पास 736 घोड़े, 245 ख़च्चर,
Nehe UrduGeoD 7:70  कुछ ख़ानदानी सरपरस्तों ने रब के घर की तामीरे-नौ के लिए अपनी ख़ुशी से हदिये दिए। गवर्नर ने सोने के 1,000 सिक्के, 50 कटोरे और इमामों के 530 लिबास दिए।
Nehe UrduGeoD 7:71  कुछ ख़ानदानी सरपरस्तों ने ख़ज़ाने में सोने के 20,000 सिक्के और चाँदी के 1,200 किलोग्राम डाल दिए।
Nehe UrduGeoD 7:72  बाक़ी लोगों ने सोने के 20,000 सिक्के, चाँदी के 1,100 किलोग्राम और इमामों के 67 लिबास अता किए।
Nehe UrduGeoD 7:73  इमाम, लावी, रब के घर के दरबान और ख़िदमतगार, गुलूकार और अवाम के कुछ लोग अपनी अपनी आबाई आबादियों में दुबारा जा बसे। यों तमाम इसराईली दुबारा अपने अपने शहरों में रहने लगे।” सातवें महीने यानी अक्तूबर में जब इसराईली अपने अपने शहरों में दुबारा आबाद हो गए थे
Chapter 8
Nehe UrduGeoD 8:1  तो सब लोग मिलकर पानी के दरवाज़े के चौक में जमा हो गए। उन्होंने शरीअत के आलिम अज़रा से दरख़ास्त की कि वह शरीअत ले आएँ जो रब ने मूसा की मारिफ़त इसराईली क़ौम को दे दी थी।
Nehe UrduGeoD 8:2  चुनाँचे अज़रा ने हाज़िरीन के सामने शरीअत की तिलावत की। सातवें महीने का पहला दिन था। न सिर्फ़ मर्द बल्कि औरतें और शरीअत की बातें समझने के क़ाबिल तमाम बच्चे भी जमा हुए थे।
Nehe UrduGeoD 8:3  सुबह-सवेरे से लेकर दोपहर तक अज़रा पानी के दरवाज़े के चौक में पढ़ता रहा, और तमाम जमात ध्यान से शरीअत की बातें सुनती रही।
Nehe UrduGeoD 8:4  अज़रा लकड़ी के एक चबूतरे पर खड़ा था जो ख़ासकर इस मौक़े के लिए बनाया गया था। उसके दाएँ हाथ मत्तितियाह, समा, अनायाह, ऊरियाह, ख़िलक़ियाह और मासियाह खड़े थे। उसके बाएँ हाथ फ़िदायाह, मीसाएल, मलकियाह, हाशूम, हस्बद्दाना, ज़करियाह और मसुल्लाम खड़े थे।
Nehe UrduGeoD 8:5  चूँकि अज़रा ऊँची जगह पर खड़ा था इसलिए वह सबको नज़र आया। चुनाँचे जब उसने किताब को खोल दिया तो सब लोग खड़े हो गए।
Nehe UrduGeoD 8:6  अज़रा ने रब अज़ीम ख़ुदा की सताइश की, और सबने अपने हाथ उठाकर जवाब में कहा, “आमीन, आमीन।” फिर उन्होंने झुककर रब को सिजदा किया।
Nehe UrduGeoD 8:7  कुछ लावी हाज़िर थे जिन्होंने लोगों के लिए शरीअत की तशरीह की। उनके नाम यशुअ, बानी, सरिबियाह, यमीन, अक़्क़ूब, सब्बती, हूदियाह, मासियाह, क़लीता, अज़रियाह, यूज़बद, हनान और फ़िलायाह थे। हाज़िरीन अब तक खड़े थे।
Nehe UrduGeoD 8:8  शरीअत की तिलावत के साथ साथ मज़कूरा लावी क़दम बक़दम उस की तशरीह यों करते गए कि लोग उसे अच्छी तरह समझ सके।
Nehe UrduGeoD 8:9  शरीअत की बातें सुन सुनकर वह रोने लगे। लेकिन नहमियाह गवर्नर, शरीअत के आलिम अज़रा इमाम और शरीअत की तशरीह करनेवाले लावियों ने उन्हें तसल्ली देकर कहा, “उदास न हों और मत रोएँ! आज रब आपके ख़ुदा के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस ईद है।
Nehe UrduGeoD 8:10  अब जाएँ, उम्दा खाना खाकर और पीने की मीठी चीज़ें पीकर ख़ुशी मनाएँ। जो अपने लिए कुछ तैयार न कर सकें उन्हें अपनी ख़ुशी में शरीक करें। यह दिन हमारे रब के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस है। उदास न हों, क्योंकि रब की ख़ुशी आपकी पनाहगाह है।”
Nehe UrduGeoD 8:11  लावियों ने भी तमाम लोगों को सुकून दिलाकर कहा, “उदास न हों, क्योंकि यह दिन रब के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस है।”
Nehe UrduGeoD 8:12  फिर सब अपने अपने घर चले गए। वहाँ उन्होंने बड़ी ख़ुशी से खा-पीकर जशन मनाया। साथ साथ उन्होंने दूसरों को भी अपनी ख़ुशी में शरीक किया। उनकी बड़ी ख़ुशी का सबब यह था कि अब उन्हें उन बातों की समझ आई थी जो उन्हें सुनाई गई थीं।
Nehe UrduGeoD 8:13  अगले दिन ख़ानदानी सरपरस्त, इमाम और लावी दुबारा शरीअत के आलिम अज़रा के पास जमा हुए ताकि शरीअत की मज़ीद तालीम पाएँ।
Nehe UrduGeoD 8:14  जब वह शरीअत का मुतालआ कर रहे थे तो उन्हें पता चला कि रब ने मूसा की मारिफ़त हुक्म दिया था कि इसराईली सातवें महीने की ईद के दौरान झोंपड़ियों में रहें।
Nehe UrduGeoD 8:15  चुनाँचे उन्होंने यरूशलम और बाक़ी तमाम शहरों में एलान किया, “पहाड़ों पर से ज़ैतून, आस, खजूर और बाक़ी सायादार दरख़्तों की शाख़ें तोड़कर अपने घर ले जाएँ। वहाँ उनसे झोंपड़ियाँ बनाएँ, जिस तरह शरीअत ने हिदायत दी है।”
Nehe UrduGeoD 8:16  लोगों ने ऐसा ही किया। वह घरों से निकले और दरख़्तों की शाख़ें तोड़कर ले आए। उनसे उन्होंने अपने घरों की छतों पर और सहनों में झोंपड़ियाँ बना लीं। बाज़ ने अपनी झोंपड़ियों को रब के घर के सहनों, पानी के दरवाज़े के चौक और इफ़राईम के दरवाज़े के चौक में भी बनाया।
Nehe UrduGeoD 8:17  जितने भी जिलावतनी से वापस आए थे वह सब झोंपड़ियाँ बनाकर उनमें रहने लगे। यशुअ बिन नून के ज़माने से लेकर उस वक़्त तक यह ईद इस तरह नहीं मनाई गई थी। सब निहायत ही ख़ुश थे।
Nehe UrduGeoD 8:18  ईद के हर दिन अज़रा ने अल्लाह की शरीअत की तिलावत की। सात दिन इसराईलियों ने ईद मनाई, और आठवें दिन सब लोग इजतिमा के लिए इकट्ठे हुए, बिलकुल उन हिदायात के मुताबिक़ जो शरीअत में दी गई हैं।
Chapter 9
Nehe UrduGeoD 9:1  उसी महीने के 24वें दिन इसराईली रोज़ा रखने के लिए जमा हुए। टाट के लिबास पहने हुए और सर पर ख़ाक डालकर वह यरूशलम आए।
Nehe UrduGeoD 9:2  अब वह तमाम ग़ैरयहूदियों से अलग होकर उन गुनाहों का इक़रार करने के लिए हाज़िर हुए जो उनसे और उनके बापदादा से सरज़द हुए थे।
Nehe UrduGeoD 9:3  तीन घंटे वह खड़े रहे, और उस दौरान रब उनके ख़ुदा की शरीअत की तिलावत की गई। फिर वह रब अपने ख़ुदा के सामने मुँह के बल झुककर मज़ीद तीन घंटे अपने गुनाहों का इक़रार करते रहे।
Nehe UrduGeoD 9:4  यशुअ, बानी, क़दमियेल, सबनियाह, बुन्नी, सरिबियाह, बानी और कनानी जो लावी थे एक चबूतरे पर खड़े हुए और बुलंद आवाज़ से रब अपने ख़ुदा से दुआ की।
Nehe UrduGeoD 9:5  फिर यशुअ, क़दमियेल, बानी, हसब्नियाह, सरिबियाह, हूदियाह, सबनियाह और फ़तहियाह जो लावी थे बोल उठे, “खड़े होकर रब अपने ख़ुदा की जो अज़ल से अबद तक है सताइश करें!” उन्होंने दुआ की, “तेरे जलाली नाम की तमजीद हो, जो हर मुबारकबादी और तारीफ़ से कहीं बढ़कर है।
Nehe UrduGeoD 9:6  ऐ रब, तू ही वाहिद ख़ुदा है! तूने आसमान को एक सिरे से दूसरे सिरे तक उसके लशकर समेत ख़लक़ किया। ज़मीन और जो कुछ उस पर है, समुंदर और जो कुछ उसमें है सब कुछ तू ही ने बनाया है। तूने सबको ज़िंदगी बख़्शी है, और आसमानी लशकर तुझे सिजदा करता है।
Nehe UrduGeoD 9:7  तू ही रब और वह ख़ुदा है जिसने अब्राम को चुन लिया और कसदियों के शहर ऊर से बाहर लाकर इब्राहीम का नाम रखा।
Nehe UrduGeoD 9:8  तूने उसका दिल वफ़ादार पाया और उससे अहद बाँधकर वादा किया, ‘मैं तेरी औलाद को कनानियों, हित्तियों, अमोरियों, फ़रिज़्ज़ियों, यबूसियों और जिरजासियों का मुल्क अता करूँगा।’ और तू अपने वादे पर पूरा उतरा, क्योंकि तू क़ाबिले-एतमाद और आदिल है।
Nehe UrduGeoD 9:9  तूने हमारे बापदादा के मिसर में बुरे हाल पर ध्यान दिया, और बहरे-क़ुलज़ुम के किनारे पर मदद के लिए उनकी चीख़ें सुनीं।
Nehe UrduGeoD 9:10  तूने इलाही निशानों और मोजिज़ों से फ़िरौन, उसके अफ़सरों और उसके मुल्क की क़ौम को सज़ा दी, क्योंकि तू जानता था कि मिसरी हमारे बापदादा से कैसा गुस्ताखाना सुलूक करते रहे हैं। यों तेरा नाम मशहूर हुआ और आज तक याद रहा है।
Nehe UrduGeoD 9:11  क़ौम के देखते देखते तूने समुंदर को दो हिस्सों में तक़सीम कर दिया, और वह ख़ुश्क ज़मीन पर चलकर उसमें से गुज़र सके। लेकिन उनका ताक़्क़ुब करनेवालों को तूने मुतलातिम पानी में फेंक दिया, और वह पत्थरों की तरह समुंदर की गहराइयों में डूब गए।
Nehe UrduGeoD 9:12  दिन के वक़्त तूने बादल के सतून से और रात के वक़्त आग के सतून से अपनी क़ौम की राहनुमाई की। यों वह रास्ता अंधेरे में भी रौशन रहा जिस पर उन्हें चलना था।
Nehe UrduGeoD 9:13  तू कोहे-सीना पर उतर आया और आसमान से उनसे हमकलाम हुआ। तूने उन्हें साफ़ हिदायात और क़ाबिले-एतमाद अहकाम दिए, ऐसे क़वायद जो अच्छे हैं।
Nehe UrduGeoD 9:14  तूने उन्हें सबत के दिन के बारे में आगाह किया, उस दिन के बारे में जो तेरे लिए मख़सूसो-मुक़द्दस है। अपने ख़ादिम मूसा की मारिफ़त तूने उन्हें अहकाम और हिदायात दीं।
Nehe UrduGeoD 9:15  जब वह भूके थे तो तूने उन्हें आसमान से रोटी खिलाई, और जब प्यासे थे तो तूने उन्हें चटान से पानी पिलाया। तूने हुक्म दिया, ‘जाओ, मुल्क में दाख़िल होकर उस पर क़ब्ज़ा कर लो, क्योंकि मैंने हाथ उठाकर क़सम खाई है कि तुम्हें यह मुल्क दूँगा।’
Nehe UrduGeoD 9:16  अफ़सोस, हमारे बापदादा मग़रूर और ज़िद्दी हो गए। वह तेरे अहकाम के ताबे न रहे।
Nehe UrduGeoD 9:17  उन्होंने तेरी सुनने से इनकार किया और वह मोजिज़ात याद न रखे जो तूने उनके दरमियान किए थे। वह यहाँ तक अड़ गए कि उन्होंने एक राहनुमा को मुक़र्रर किया जो उन्हें मिसर की ग़ुलामी में वापस ले जाए। लेकिन तू मुआफ़ करनेवाला ख़ुदा है जो मेहरबान और रहीम, तहम्मुल और शफ़क़त से भरपूर है। तूने उन्हें तर्क न किया,
Nehe UrduGeoD 9:18  उस वक़्त भी नहीं जब उन्होंने अपने लिए सोने का बछड़ा ढालकर कहा, ‘यह तेरा ख़ुदा है जो तुझे मिसर से निकाल लाया।’ इस क़िस्म का संजीदा कुफ़र वह बकते रहे।
Nehe UrduGeoD 9:19  लेकिन तू बहुत रहमदिल है, इसलिए तूने उन्हें रेगिस्तान में न छोड़ा। दिन के वक़्त बादल का सतून उनकी राहनुमाई करता रहा, और रात के वक़्त आग का सतून वह रास्ता रौशन करता रहा जिस पर उन्हें चलना था।
Nehe UrduGeoD 9:20  न सिर्फ़ यह बल्कि तूने उन्हें अपना नेक रूह अता किया जो उन्हें तालीम दे। जब उन्हें भूक और प्यास थी तो तू उन्हें मन खिलाने और पानी पिलाने से बाज़ न आया।
Nehe UrduGeoD 9:21  चालीस साल वह रेगिस्तान में फिरते रहे, और उस पूरे अरसे में तू उनकी ज़रूरियात को पूरा करता रहा। उन्हें कोई भी कमी नहीं थी। न उनके कपड़े घिसकर फटे और न उनके पाँव सूजे।
Nehe UrduGeoD 9:22  तूने ममालिक और क़ौमें उनके हवाले कर दीं, मुख़्तलिफ़ इलाक़े यके बाद दीगरे उनके क़ब्ज़े में आए। यों वह सीहोन बादशाह के मुल्क हसबोन और ओज बादशाह के मुल्क बसन पर फ़तह पा सके।
Nehe UrduGeoD 9:23  उनकी औलाद तेरी मरज़ी से आसमान पर के सितारों जैसी बेशुमार हुई, और तू उन्हें उस मुल्क में लाया जिसका वादा तूने उनके बापदादा से किया था।
Nehe UrduGeoD 9:24  वह मुल्क में दाख़िल होकर उसके मालिक बन गए। तूने कनान के बाशिंदों को उनके आगे आगे ज़ेर कर दिया। मुल्क के बादशाह और क़ौमें उनके क़ब्ज़े में आ गईं, और वह अपनी मरज़ी के मुताबिक़ उनसे निपट सके।
Nehe UrduGeoD 9:25  क़िलाबंद शहर और ज़रख़ेज़ ज़मीनें तेरी क़ौम के क़ाबू में आ गईं, नीज़ हर क़िस्म की अच्छी चीज़ों से भरे घर, तैयारशुदा हौज़, अंगूर के बाग़ और कसरत के ज़ैतून और दीगर फलदार दरख़्त। वह जी भरकर खाना खाकर मोटे हो गए और तेरी बरकतों से लुत्फ़अंदोज़ होते रहे।
Nehe UrduGeoD 9:26  इसके बावुजूद वह ताबे न रहे बल्कि सरकश हुए। उन्होंने अपना मुँह तेरी शरीअत से फेर लिया। और जब तेरे नबी उन्हें समझा समझाकर तेरे पास वापस लाना चाहते थे तो उन्होंने बड़े कुफ़र बककर उन्हें क़त्ल कर दिया।
Nehe UrduGeoD 9:27  यह देखकर तूने उन्हें उनके दुश्मनों के हवाले कर दिया जो उन्हें तंग करते रहे। जब वह मुसीबत में फँस गए तो वह चीख़ें मार मारकर तुझसे फ़रियाद करने लगे। और तूने आसमान पर से उनकी सुनी। बड़ा तरस खाकर तूने उनके पास ऐसे लोगों को भेज दिया जिन्होंने उन्हें दुश्मनों के हाथ से छुड़ाया।
Nehe UrduGeoD 9:28  लेकिन ज्योंही इसराईलियों को सुकून मिलता वह दुबारा ऐसी हरकतें करने लगते जो तुझे नापसंद थीं। नतीजे में तू उन्हें दुबारा उनके दुश्मनों के हाथ में छोड़ देता। जब वह उनकी हुकूमत के तहत पिसने लगते तो वह एक बार फिर चिल्ला चिल्लाकर तुझसे इलतमास करने लगते। इस बार भी तू आसमान पर से उनकी सुनता। हाँ, तू इतना रहमदिल है कि तू उन्हें बार बार छुटकारा देता रहा!
Nehe UrduGeoD 9:29  तू उन्हें समझाता रहा ताकि वह दुबारा तेरी शरीअत की तरफ़ रुजू करें, लेकिन वह मग़रूर थे और तेरे अहकाम के ताबे न हुए। उन्होंने तेरी हिदायात की ख़िलाफ़वरज़ी की, हालाँकि इन्हीं पर चलने से इनसान को ज़िंदगी हासिल होती है। लेकिन उन्होंने परवा न की बल्कि अपना मुँह तुझसे फेरकर अड़ गए और सुनने के लिए तैयार न हुए।
Nehe UrduGeoD 9:30  उनकी हरकतों के बावुजूद तू बहुत सालों तक सब्र करता रहा। तेरा रूह उन्हें नबियों के ज़रीए समझाता रहा, लेकिन उन्होंने ध्यान न दिया। तब तूने उन्हें ग़ैरक़ौमों के हवाले कर दिया।
Nehe UrduGeoD 9:31  ताहम तेरा रहम से भरा दिल उन्हें तर्क करके तबाह नहीं करना चाहता था। तू कितना मेहरबान और रहीम ख़ुदा है!
Nehe UrduGeoD 9:32  ऐ हमारे ख़ुदा, ऐ अज़ीम, क़वी और महीब ख़ुदा जो अपना अहद और अपनी शफ़क़त क़ायम रखता है, इस वक़्त हमारी मुसीबत पर ध्यान दे और उसे कम न समझ! क्योंकि हमारे बादशाह, बुज़ुर्ग, इमाम और नबी बल्कि हमारे बापदादा और पूरी क़ौम असूरी बादशाहों के पहले हमलों से लेकर आज तक सख़्त मुसीबत बरदाश्त करते रहे हैं।
Nehe UrduGeoD 9:33  हक़ीक़त तो यह है कि जो भी मुसीबत हम पर आई है उसमें तू रास्त साबित हुआ है। तू वफ़ादार रहा है, गो हम क़ुसूरवार ठहरे हैं।
Nehe UrduGeoD 9:34  हमारे बादशाह और बुज़ुर्ग, हमारे इमाम और बापदादा, उन सबने तेरी शरीअत की पैरवी न की। जो अहकाम और तंबीह तूने उन्हें दी उस पर उन्होंने ध्यान ही न दिया।
Nehe UrduGeoD 9:35  तूने उन्हें उनकी अपनी बादशाही, कसरत की अच्छी चीज़ों और एक वसी और ज़रख़ेज़ मुल्क से नवाज़ा था। तो भी वह तेरी ख़िदमत करने के लिए तैयार न थे और अपनी ग़लत राहों से बाज़ न आए।
Nehe UrduGeoD 9:36  इसका अंजाम यह हुआ है कि आज हम उस मुल्क में ग़ुलाम हैं जो तूने हमारे बापदादा को अता किया था ताकि वह उस की पैदावार और दौलत से लुत्फ़अंदोज़ हो जाएँ।
Nehe UrduGeoD 9:37  मुल्क की वाफ़िर पैदावार उन बादशाहों तक पहुँचती है जिन्हें तूने हमारे गुनाहों की वजह से हम पर मुक़र्रर किया है। अब वही हम पर और हमारे मवेशियों पर हुकूमत करते हैं। उन्हीं की मरज़ी चलती है। चुनाँचे हम बड़ी मुसीबत में फँसे हैं।
Nehe UrduGeoD 9:38  यह तमाम बातें मद्दे-नज़र रखकर हम अहद बाँधकर उसे क़लमबंद कर रहे हैं। हमारे बुज़ुर्ग, लावी और इमाम दस्तख़त करके अहदनामे पर मुहर लगा रहे हैं।”
Chapter 10
Nehe UrduGeoD 10:1  ज़ैल के लोगों ने दस्तख़त किए। गवर्नर नहमियाह बिन हकलियाह, सिदक़ियाह,
Nehe UrduGeoD 10:2  सिरायाह, अज़रियाह, यरमियाह,
Nehe UrduGeoD 10:3  फ़शहूर, अमरियाह, मलकियाह,
Nehe UrduGeoD 10:4  हत्तूश, सबनियाह, मल्लूक,
Nehe UrduGeoD 10:5  हारिम, मरीमोत, अबदियाह,
Nehe UrduGeoD 10:6  दानियाल, जिन्नतून, बारूक,
Nehe UrduGeoD 10:7  मसुल्लाम, अबियाह, मियामीन,
Nehe UrduGeoD 10:8  माज़ियाह, बिलजी और समायाह। सिरायाह से लेकर समायाह तक इमाम थे।
Nehe UrduGeoD 10:9  फिर ज़ैल के लावियों ने दस्तख़त किए। यशुअ बिन अज़नियाह, हनदाद के ख़ानदान का बिन्नूई, क़दमियेल,
Nehe UrduGeoD 10:10  उनके भाई सबनियाह, हूदियाह, क़लीता, फ़िलायाह, हनान,
Nehe UrduGeoD 10:11  मीका, रहोब, हसबियाह,
Nehe UrduGeoD 10:12  ज़क्कूर, सरिबियाह, सबनियाह,
Nehe UrduGeoD 10:13  हूदियाह, बानी और बनीनू।
Nehe UrduGeoD 10:14  इनके बाद ज़ैल के क़ौमी बुज़ुर्गों ने दस्तख़त किए। परऊस, पख़त-मोआब, ऐलाम, ज़त्तू, बानी
Nehe UrduGeoD 10:15  बुन्नी, अज़जाद, बबी,
Nehe UrduGeoD 10:16  अदूनियाह, बिगवई, अदीन,
Nehe UrduGeoD 10:17  अतीर, हिज़क़ियाह, अज़्ज़ूर,
Nehe UrduGeoD 10:18  हूदियाह, हाशूम, बज़ी,
Nehe UrduGeoD 10:19  ख़ारिफ़, अनतोत, नेबी,
Nehe UrduGeoD 10:20  मगफ़ियास, मसुल्लाम, हिज़ीर
Nehe UrduGeoD 10:21  मशेज़बेल, सदोक़, यद्दू,
Nehe UrduGeoD 10:22  फ़लतियाह, हनान, अनायाह,
Nehe UrduGeoD 10:23  होसेअ, हननियाह, हस्सूब,
Nehe UrduGeoD 10:24  हल्लूहेश, फ़िलहा, सोबेक़,
Nehe UrduGeoD 10:25  रहूम, हसब्नाह, मासियाह,
Nehe UrduGeoD 10:26  अख़ियाह, हनान, अनान,
Nehe UrduGeoD 10:27  मल्लूक, हारिम और बाना।
Nehe UrduGeoD 10:28  क़ौम के बाक़ी लोग भी अहद में शरीक हुए यानी बाक़ी इमाम, लावी, रब के घर के दरबान और ख़िदमतगार, गुलूकार, नीज़ सब जो ग़ैरयहूदी क़ौमों से अलग हो गए थे ताकि रब की शरीअत की पैरवी करें। उनकी बीवियाँ और वह बेटे-बेटियाँ भी शरीक हुए जो अहद को समझ सकते थे।
Nehe UrduGeoD 10:29  अपने बुज़ुर्ग भाइयों के साथ मिलकर उन्होंने क़सम खाकर वादा किया, “हम उस शरीअत की पैरवी करेंगे जो अल्लाह ने हमें अपने ख़ादिम मूसा की मारिफ़त दी है। हम एहतियात से रब अपने आक़ा के तमाम अहकाम और हिदायात पर अमल करेंगे।”
Nehe UrduGeoD 10:30  नीज़, उन्होंने क़सम खाकर वादा किया, “हम अपने बेटे-बेटियों की शादी ग़ैरयहूदियों से नहीं कराएँगे।
Nehe UrduGeoD 10:31  जब ग़ैरयहूदी हमें सबत के दिन या रब के लिए मख़सूस किसी और दिन अनाज या कोई और माल बेचने की कोशिश करें तो हम कुछ नहीं ख़रीदेंगे। हर सातवें साल हम ज़मीन की खेतीबाड़ी नहीं करेंगे और तमाम कर्ज़े मनसूख़ करेंगे।
Nehe UrduGeoD 10:32  हम सालाना रब के घर की ख़िदमत के लिए चाँदी का छोटा सिक्का देंगे। इस ख़िदमत में ज़ैल की चीज़ें शामिल हैं :
Nehe UrduGeoD 10:33  अल्लाह के लिए मख़सूस रोटी, ग़ल्ला की नज़र और भस्म होनेवाली वह क़ुरबानियाँ जो रोज़ाना पेश की जाती हैं, सबत के दिन, नए चाँद की ईद और बाक़ी ईदों पर पेश की जानेवाली क़ुरबानियाँ, ख़ास मुक़द्दस क़ुरबानियाँ, इसराईल का कफ़्फ़ारा देनेवाली गुनाह की क़ुरबानियाँ, और हमारे ख़ुदा के घर का हर काम।
Nehe UrduGeoD 10:34  हमने क़ुरा डालकर मुक़र्रर किया है कि इमामों, लावियों और बाक़ी क़ौम के कौन कौन-से ख़ानदान साल में किन किन मुक़र्ररा मौक़ों पर रब के घर में लकड़ी पहुँचाएँ। यह लकड़ी हमारे ख़ुदा की क़ुरबानगाह पर क़ुरबानियाँ जलाने के लिए इस्तेमाल की जाएगी, जिस तरह शरीअत में लिखा है।
Nehe UrduGeoD 10:35  हम सालाना अपने खेतों और दरख़्तों का पहला फल रब के घर में पहुँचाएँगे।
Nehe UrduGeoD 10:36  जिस तरह शरीअत में दर्ज है, हम अपने पहलौठों को रब के घर में लाकर अल्लाह के लिए मख़सूस करेंगे। गाय-बैलों और भेड़-बकरियों के पहले बच्चे हम ख़िदमतगुज़ार इमामों को क़ुरबान करने के लिए देंगे।
Nehe UrduGeoD 10:37  उन्हें हम साल के पहले ग़ल्ला से गूँधा हुआ आटा, अपने दरख़्तों का पहला फल, अपनी नई मै और ज़ैतून के नए तेल का पहला हिस्सा देकर रब के घर के गोदामों में पहुँचाएँगे। देहात में हम लावियों को अपनी फ़सलों का दसवाँ हिस्सा देंगे, क्योंकि वही देहात में यह हिस्सा जमा करते हैं।
Nehe UrduGeoD 10:38  दसवाँ हिस्सा मिलते वक़्त कोई इमाम यानी हारून के ख़ानदान का कोई मर्द लावियों के साथ होगा, और लावी माल का दसवाँ हिस्सा हमारे ख़ुदा के घर के गोदामों में पहुँचाएँगे।
Nehe UrduGeoD 10:39  आम लोग और लावी वहाँ ग़ल्ला, नई मै और ज़ैतून का तेल लाएँगे। इन कमरों में मक़दिस की ख़िदमत के लिए दरकार तमाम सामान महफ़ूज़ रखा जाएगा। इसके अलावा वहाँ इमामों, दरबानों और गुलूकारों के कमरे होंगे। हम अपने ख़ुदा के घर में तमाम फ़रायज़ सरंजाम देने में ग़फ़लत नहीं बरतेंगे।”
Chapter 11
Nehe UrduGeoD 11:1  क़ौम के बुज़ुर्ग यरूशलम में आबाद हुए थे। फ़ैसला किया गया कि बाक़ी लोगों के हर दसवें ख़ानदान को मुक़द्दस शहर यरूशलम में बसना है। यह ख़ानदान क़ुरा डालकर मुक़र्रर किए गए। बाक़ी ख़ानदानों को उनकी मक़ामी जगहों में रहने की इजाज़त थी।
Nehe UrduGeoD 11:2  लेकिन जितने लोग अपनी ख़ुशी से यरूशलम जा बसे उन्हें दूसरों ने मुबारकबाद दी।
Nehe UrduGeoD 11:3  ज़ैल में सूबे के उन बुज़ुर्गों की फ़हरिस्त है जो यरूशलम में आबाद हुए। (अकसर लोग यहूदाह के बाक़ी शहरों और देहात में अपनी मौरूसी ज़मीन पर बसते थे। इनमें आम इसराईली, इमाम, लावी, रब के घर के ख़िदमतगार और सुलेमान के ख़ादिमों की औलाद शामिल थे।
Nehe UrduGeoD 11:4  लेकिन यहूदाह और बिनयमीन के चंद एक लोग यरूशलम में जा बसे।) यहूदाह का क़बीला : फ़ारस के ख़ानदान का अतायाह बिन उज़्ज़ियाह बिन ज़करियाह बिन अमरियाह बिन सफ़तियाह बिन महललेल,
Nehe UrduGeoD 11:5  सिलोनी के ख़ानदान का मासियाह बिन बारूक बिन कुलहोज़ा बिन हज़ायाह बिन अदायाह बिन यूयारीब बिन ज़करियाह।
Nehe UrduGeoD 11:6  फ़ारस के ख़ानदान के 468 असरो-रसूख़ रखनेवाले आदमी अपने ख़ानदानों समेत यरूशलम में रिहाइशपज़ीर थे।
Nehe UrduGeoD 11:7  बिनयमीन का क़बीला : सल्लू बिन मसुल्लाम बिन योएद बिन फ़िदायाह बिन क़ौलायाह बिन मासियाह बिन ईतियेल बिन यसायाह।
Nehe UrduGeoD 11:8  सल्लू के साथ जब्बी और सल्ली थे। कुल 928 आदमी थे।
Nehe UrduGeoD 11:9  इन पर योएल बिन ज़िकरी मुक़र्रर था जबकि यहूदाह बिन सनुआह शहर की इंतज़ामिया में दूसरे नंबर पर आता था।
Nehe UrduGeoD 11:10  यरूशलम में ज़ैल के इमाम रहते थे। यदायाह, यूयारीब, यकीन
Nehe UrduGeoD 11:11  और सिरायाह बिन ख़िलक़ियाह बिन मसुल्लाम बिन सदोक़ बिन मिरायोत बिन अख़ीतूब। सिरायाह अल्लाह के घर का मुन्तज़िम था।
Nehe UrduGeoD 11:12  इन इमामों के 822 भाई रब के घर में ख़िदमत करते थे। नीज़, अदायाह बिन यरोहाम बिन फ़िललियाह बिन अमसी बिन ज़करियाह बिन फ़शहूर बिन मलकियाह।
Nehe UrduGeoD 11:13  उसके साथ 242 भाई थे जो अपने अपने ख़ानदानों के सरपरस्त थे। इनके अलावा अमश्सी बिन अज़रेल बिन अख़ज़ी बिन मसिल्लमोत बिन इम्मेर।
Nehe UrduGeoD 11:14  उसके साथ 128 असरो-रसूख़ रखनेवाले भाई थे। ज़बदियेल बिन हज्जदूलीम उनका इंचार्ज था।
Nehe UrduGeoD 11:15  ज़ैल के लावी यरूशलम में रिहाइशपज़ीर थे। समायाह बिन हस्सूब बिन अज़रीक़ाम बिन हसबियाह बिन बुन्नी,
Nehe UrduGeoD 11:16  नीज़ सब्बती और यूज़बद जो अल्लाह के घर से बाहर के काम पर मुक़र्रर थे,
Nehe UrduGeoD 11:17  नीज़ शुक्रगुज़ारी का राहनुमा मत्तनियाह बिन मीका बिन ज़बदी बिन आसफ़ था जो दुआ करते वक़्त हम्दो-सना की राहनुमाई करता था, नीज़ उसका मददगार मत्तनियाह का भाई बक़बूक़ियाह, और आख़िर में अबदा बिन सम्मुअ बिन जलाल बिन यदूतून।
Nehe UrduGeoD 11:18  लावियों के कुल 284 मर्द मुक़द्दस शहर में रहते थे।
Nehe UrduGeoD 11:19  रब के घर के दरबानों के दर्जे-ज़ैल मर्द यरूशलम में रहते थे। अक़्क़ूब और तलमून अपने भाइयों समेत दरवाज़ों के पहरेदार थे। कुल 172 मर्द थे।
Nehe UrduGeoD 11:20  क़ौम के बाक़ी लोग, इमाम और लावी यरूशलम से बाहर यहूदाह के दूसरे शहरों में आबाद थे। हर एक अपनी आबाई ज़मीन पर रहता था।
Nehe UrduGeoD 11:21  रब के घर के ख़िदमतगार ओफ़ल पहाड़ी पर बसते थे। ज़ीहा और जिसफ़ा उन पर मुक़र्रर थे।
Nehe UrduGeoD 11:22  यरूशलम में रहनेवाले लावियों का निगरान उज़्ज़ी बिन बानी बिन हसबियाह बिन मत्तनियाह बिन मीका था। वह आसफ़ के ख़ानदान का था, उस ख़ानदान का जिसके गुलूकार अल्लाह के घर में ख़िदमत करते थे।
Nehe UrduGeoD 11:23  बादशाह ने मुक़र्रर किया था कि आसफ़ के ख़ानदान के किन किन आदमियों को किस किस दिन रब के घर में गीत गाने की ख़िदमत करनी है।
Nehe UrduGeoD 11:24  फ़तहियाह बिन मशेज़बेल इसराईली मामलों में फ़ारस के बादशाह की नुमाइंदगी करता था। वह ज़ारह बिन यहूदाह के ख़ानदान का था।
Nehe UrduGeoD 11:25  यहूदाह के क़बीले के अफ़राद ज़ैल के शहरों में आबाद थे। क़िरियत-अरबा, दीबोन और क़बज़ियेल गिर्दो-नवाह की आबादियों समेत,
Nehe UrduGeoD 11:26  यशुअ, मोलादा, बैत-फ़लत,
Nehe UrduGeoD 11:27  हसार-सुआल, बैर-सबा गिर्दो-नवाह की आबादियों समेत,
Nehe UrduGeoD 11:28  सिक़लाज, मकूनाह गिर्दो-नवाह की आबादियों समेत,
Nehe UrduGeoD 11:29  ऐन-रिम्मोन, सुरआ, यरमूत,
Nehe UrduGeoD 11:30  ज़नूह, अदुल्लाम गिर्दो-नवाह की हवेलियों समेत, लकीस गिर्दो-नवाह के खेतों समेत और अज़ीक़ा गिर्दो-नवाह की आबादियों समेत। ग़रज़, वह जुनूब में बैर-सबा से लेकर शिमाल में वादीए-हिन्नूम तक आबाद थे।
Nehe UrduGeoD 11:31  बिनयमीन के क़बीले की रिहाइश ज़ैल के मक़ामों में थी। जिबा, मिकमास, ऐयाह, बैतेल गिर्दो-नवाह की आबादियों समेत,
Nehe UrduGeoD 11:32  अनतोत, नोब, अननियाह,
Nehe UrduGeoD 11:33  हसूर, रामा, जित्तैम,
Nehe UrduGeoD 11:34  हादीद, ज़बोईम, नबल्लात,
Nehe UrduGeoD 11:35  लूद, ओनू और कारीगरों की वादी।
Nehe UrduGeoD 11:36  लावी क़बीले के कुछ ख़ानदान जो पहले यहूदाह में रहते थे अब बिनयमीन के क़बायली इलाक़े में आबाद हुए।
Chapter 12
Nehe UrduGeoD 12:1  दर्जे-ज़ैल उन इमामों और लावियों की फ़हरिस्त है जो ज़रुब्बाबल बिन सियालतियेल और यशुअ के साथ जिलावतनी से वापस आए। इमाम : सिरायाह, यरमियाह, अज़रा,
Nehe UrduGeoD 12:2  अमरियाह, मल्लूक, हत्तूश,
Nehe UrduGeoD 12:3  सकनियाह, रहूम, मरीमोत,
Nehe UrduGeoD 12:4  इद्दू, जिन्नतून, अबियाह,
Nehe UrduGeoD 12:5  मियामीन, मुअदियाह, बिलजा,
Nehe UrduGeoD 12:6  समायाह, यूयारीब, यदायाह,
Nehe UrduGeoD 12:7  सल्लू, अमूक़, ख़िलक़ियाह, और यदायाह। यह यशुअ के ज़माने में इमामों और उनके भाइयों के राहनुमा थे।
Nehe UrduGeoD 12:8  लावी : यशुअ, बिन्नूई, क़दमियेल, सरिबियाह, यहूदाह और मत्तनियाह। मत्तनियाह अपने भाइयों के साथ रब के घर में हम्दो-सना के गीत गाने में राहनुमाई करता था।
Nehe UrduGeoD 12:9  बक़बूक़ियाह और उन्नी अपने भाइयों के साथ इबादत के दौरान उनके मुक़ाबिल खड़े होते थे।
Nehe UrduGeoD 12:10  इमामे-आज़म यशुअ की औलाद : यशुअ यूयक़ीम का बाप था, यूयक़ीम इलियासिब का, इलियासिब योयदा का,
Nehe UrduGeoD 12:11  योयदा यूनतन का, यूनतन यद्दू का।
Nehe UrduGeoD 12:12  जब यूयक़ीम इमामे-आज़म था तो ज़ैल के इमाम अपने ख़ानदानों के सरपरस्त थे। सिरायाह के ख़ानदान का मिरायाह, यरमियाह के ख़ानदान का हननियाह,
Nehe UrduGeoD 12:13  अज़रा के ख़ानदान का मसुल्लाम, अमरियाह के ख़ानदान का यूहनान,
Nehe UrduGeoD 12:14  मल्लूक के ख़ानदान का यूनतन, सबनियाह के ख़ानदान का यूसुफ़,
Nehe UrduGeoD 12:15  हारिम के ख़ानदान का अदना, मिरायोत के ख़ानदान का ख़िलक़ी,
Nehe UrduGeoD 12:16  इद्दू के ख़ानदान का ज़करियाह, जिन्नतून के ख़ानदान का मसुल्लाम,
Nehe UrduGeoD 12:17  अबियाह के ख़ानदान का ज़िकरी, मिन्यमीन के ख़ानदान का एक आदमी, मुअदियाह के ख़ानदान का फ़िलती,
Nehe UrduGeoD 12:18  बिलजा के ख़ानदान का सम्मुअ, समायाह के ख़ानदान का यहूनतन,
Nehe UrduGeoD 12:19  यूयारीब के ख़ानदान का मत्तनी, यदायाह के ख़ानदान का उज़्ज़ी,
Nehe UrduGeoD 12:20  सल्ली के ख़ानदान का क़ल्ली, अमूक़ के ख़ानदान का इबर,
Nehe UrduGeoD 12:21  ख़िलक़ियाह के ख़ानदान का हसबियाह, यदायाह के ख़ानदान का नतनियेल।
Nehe UrduGeoD 12:22  जब इलियासिब, योयदा, यूहनान और यद्दू इमामे-आज़म थे तो लावी के सरपरस्तों की फ़हरिस्त तैयार की गई और इसी तरह फ़ारस के बादशाह दारा के ज़माने में इमामों के ख़ानदानी सरपरस्तों की फ़हरिस्त।
Nehe UrduGeoD 12:23  लावी के ख़ानदानी सरपरस्तों के नाम इमामे-आज़म यूहनान बिन इलियासिब के ज़माने तक तारीख़ की किताब में दर्ज किए गए।
Nehe UrduGeoD 12:24  लावी के ख़ानदानी सरपरस्त हसबियाह, सरिबियाह, यशुअ, बिन्नूई और क़दमियेल ख़िदमत के उन गुरोहों की राहनुमाई करते थे जो रब के घर में हम्दो-सना के गीत गाते थे। उनके मुक़ाबिल मत्तनियाह, बक़बूक़ियाह और अबदियाह अपने गुरोहों के साथ खड़े होते थे। गीत गाते वक़्त कभी यह गुरोह और कभी उसके मुक़ाबिल का गुरोह गाता था। सब कुछ उस तरतीब से हुआ जो मर्दे-ख़ुदा दाऊद ने मुक़र्रर की थी। मसुल्लाम, तलमून और अक़्क़ूब दरबान थे जो रब के घर के दरवाज़ों के साथ वाक़े गोदामों की पहरादारी करते थे।
Nehe UrduGeoD 12:25  लावी के ख़ानदानी सरपरस्त हसबियाह, सरिबियाह, यशुअ, बिन्नूई और क़दमियेल ख़िदमत के उन गुरोहों की राहनुमाई करते थे जो रब के घर में हम्दो-सना के गीत गाते थे। उनके मुक़ाबिल मत्तनियाह, बक़बूक़ियाह और अबदियाह अपने गुरोहों के साथ खड़े होते थे। गीत गाते वक़्त कभी यह गुरोह और कभी उसके मुक़ाबिल का गुरोह गाता था। सब कुछ उस तरतीब से हुआ जो मर्दे-ख़ुदा दाऊद ने मुक़र्रर की थी। मसुल्लाम, तलमून और अक़्क़ूब दरबान थे जो रब के घर के दरवाज़ों के साथ वाक़े गोदामों की पहरादारी करते थे।
Nehe UrduGeoD 12:26  यह आदमी इमामे-आज़म यूयक़ीम बिन यशुअ बिन यूसदक़, नहमियाह गवर्नर और शरीअत के आलिम अज़रा इमाम के ज़माने में अपनी ख़िदमत सरंजाम देते थे।
Nehe UrduGeoD 12:27  फ़सील की मख़सूसियत के लिए पूरे मुल्क के लावियों को यरूशलम बुलाया गया ताकि वह ख़ुशी मनाने में मदद करके हम्दो-सना के गीत गाएँ और झाँझ, सितार और सरोद बजाएँ।
Nehe UrduGeoD 12:28  गुलूकार यरूशलम के गिर्दो-नवाह से, नतूफ़ातियों के देहात,
Nehe UrduGeoD 12:29  बैत-जिलजाल और जिबा और अज़मावत के इलाक़े से आए। क्योंकि गुलूकारों ने अपनी अपनी आबादियाँ यरूशलम के इर्दगिर्द बनाई थीं।
Nehe UrduGeoD 12:30  पहले इमामों और लावियों ने अपने आपको जशन के लिए पाक-साफ़ किया, फिर उन्होंने आम लोगों, दरवाज़ों और फ़सील को भी पाक-साफ़ कर दिया।
Nehe UrduGeoD 12:31  इसके बाद मैंने यहूदाह के क़बीले के बुज़ुर्गों को फ़सील पर चढ़ने दिया और गुलूकारों को शुक्रगुज़ारी के दो बड़े गुरोहों में तक़सीम किया। पहला गुरोह फ़सील पर चलते चलते जुनूब में वाक़े कचरे के दरवाज़े की तरफ़ बढ़ गया।
Nehe UrduGeoD 12:32  इन गुलूकारों के पीछे हूसायाह यहूदाह के आधे बुज़ुर्गों के साथ चला
Nehe UrduGeoD 12:33  जबकि इनके पीछे अज़रियाह, अज़रा, मसुल्लाम,
Nehe UrduGeoD 12:34  यहूदाह, बिनयमीन, समायाह और यरमियाह चले।
Nehe UrduGeoD 12:35  आख़िरी गुरोह इमाम थे जो तुरम बजाते रहे। इनके पीछे ज़ैल के मौसीक़ार आए : ज़करियाह बिन यूनतन बिन समायाह बिन मत्तनियाह बिन मीकायाह बिन ज़क्कूर बिन आसफ़
Nehe UrduGeoD 12:36  और उसके भाई समायाह, अज़रेल, मिलली, जिलली, माई, नतनियेल, यहूदाह और हनानी। यह आदमी मर्दे-ख़ुदा दाऊद के साज़ बजाते रहे। शरीअत के आलिम अज़रा ने जुलूस की राहनुमाई की।
Nehe UrduGeoD 12:37  चश्मे के दरवाज़े के पास आकर वह सीधे उस सीढ़ी पर चढ़ गए जो यरूशलम के उस हिस्से तक पहुँचाती है जो ‘दाऊद का शहर’ कहलाता है। फिर दाऊद के महल के पीछे से गुज़रकर वह शहर के मग़रिब में वाक़े पानी के दरवाज़े तक पहुँच गए।
Nehe UrduGeoD 12:38  शुक्रगुज़ारी का दूसरा गुरोह फ़सील पर चलते चलते शिमाल में वाक़े तनूरों के बुर्ज और ‘मोटी दीवार’ की तरफ़ बढ़ गया, और मैं बाक़ी लोगों के साथ उसके पीछे हो लिया।
Nehe UrduGeoD 12:39  हम इफ़राईम के दरवाज़े, यसाना के दरवाज़े, मछली के दरवाज़े, हननेल के बुर्ज, मिया बुर्ज और भेड़ के दरवाज़े से होकर मुहाफ़िज़ों के दरवाज़े तक पहुँच गए जहाँ हम रुक गए।
Nehe UrduGeoD 12:40  फिर शुक्रगुज़ारी के दोनों गुरोह रब के घर के पास खड़े हो गए। मैं भी बुज़ुर्गों के आधे हिस्से
Nehe UrduGeoD 12:41  और ज़ैल के तुरम बजानेवाले इमामों के साथ रब के घर के सहन में खड़ा हुआ : इलियाक़ीम, मासियाह, मिन्यमीन, मीकायाह, इलियूऐनी, ज़करियाह और हननियाह।
Nehe UrduGeoD 12:42  मासियाह, समायाह, इलियज़र, उज़्ज़ी, यूहनान, मलकियाह, ऐलाम और अज़र भी हमारे साथ थे। गुलूकार इज़्रख़ियाह की राहनुमाई में हम्दो-सना के गीत गाते रहे।
Nehe UrduGeoD 12:43  उस दिन ज़बह की बड़ी बड़ी क़ुरबानियाँ पेश की गईं, क्योंकि अल्लाह ने हम सबको बाल-बच्चों समेत बड़ी ख़ुशी दिलाई थी। ख़ुशियों का इतना शोर मच गया कि उस की आवाज़ दूर-दराज़ इलाक़ों तक पहुँच गई।
Nehe UrduGeoD 12:44  उस वक़्त कुछ आदमियों को उन गोदामों के निगरान बनाया गया जिनमें हदिये, फ़सलों का पहला फल और पैदावार का दसवाँ हिस्सा महफ़ूज़ रखा जाता था। उनमें शहरों की फ़सलों का वह हिस्सा जमा करना था जो शरीअत ने इमामों और लावियों के लिए मुक़र्रर किया था। क्योंकि यहूदाह के बाशिंदे ख़िदमत करनेवाले इमामों और लावियों से ख़ुश थे
Nehe UrduGeoD 12:45  जो अपने ख़ुदा की ख़िदमत तहारत के रस्मो-रिवाज समेत अच्छी तरह अंजाम देते थे। रब के घर के गुलूकार और दरबान भी दाऊद और उसके बेटे सुलेमान की हिदायात के मुताबिक़ ही ख़िदमत करते थे।
Nehe UrduGeoD 12:46  क्योंकि दाऊद और आसफ़ के ज़माने से ही गुलूकारों के लीडर अल्लाह की हम्दो-सना के गीतों में राहनुमाई करते थे।
Nehe UrduGeoD 12:47  चुनाँचे ज़रुब्बाबल और नहमियाह के दिनों में तमाम इसराईल रब के घर के गुलूकारों और दरबानों की रोज़ाना ज़रूरियात पूरी करता था। लावियों को वह हिस्सा दिया जाता जो उनके लिए मख़सूस था, और लावी उसमें से इमामों को वह हिस्सा दिया करते थे जो उनके लिए मख़सूस था।
Chapter 13
Nehe UrduGeoD 13:1  उस दिन क़ौम के सामने मूसा की शरीअत की तिलावत की गई। पढ़ते पढ़ते मालूम हुआ कि अम्मोनियों और मोआबियों को कभी भी अल्लाह की क़ौम में शरीक होने की इजाज़त नहीं।
Nehe UrduGeoD 13:2  वजह यह है कि इन क़ौमों ने मिसर से निकलते वक़्त इसराईलियों को खाना खिलाने और पानी पिलाने से इनकार किया था। न सिर्फ़ यह बल्कि उन्होंने बिलाम को पैसे दिए थे ताकि वह इसराईली क़ौम पर लानत भेजे, अगरचे हमारे ख़ुदा ने लानत को बरकत में तबदील किया।
Nehe UrduGeoD 13:3  जब हाज़िरीन ने यह हुक्म सुना तो उन्होंने तमाम ग़ैरयहूदियों को जमात से ख़ारिज कर दिया।
Nehe UrduGeoD 13:4  इस वाक़िये से पहले रब के घर के गोदामों पर मुक़र्रर इमाम इलियासिब ने अपने रिश्तेदार तूबियाह
Nehe UrduGeoD 13:5  के लिए एक बड़ा कमरा ख़ाली कर दिया था जिसमें पहले ग़ल्ला की नज़रें, बख़ूर और कुछ आलात रखे जाते थे। नीज़, ग़ल्ला, नई मै और ज़ैतून के तेल का जो दसवाँ हिस्सा लावियों, गुलूकारों और दरबानों के लिए मुक़र्रर था वह भी उस कमरे में रखा जाता था और साथ साथ इमामों के लिए मुक़र्रर हिस्सा भी।
Nehe UrduGeoD 13:6  उस वक़्त मैं यरूशलम में नहीं था, क्योंकि बाबल के बादशाह अर्तख़शस्ता की हुकूमत के 32वें साल में मैं उसके दरबार में वापस आ गया था। कुछ देर बाद मैं शहनशाह से इजाज़त लेकर दुबारा यरूशलम के लिए रवाना हुआ।
Nehe UrduGeoD 13:7  वहाँ पहुँचकर मुझे पता चला कि इलियासिब ने कितनी बुरी हरकत की है, कि उसने अपने रिश्तेदार तूबियाह के लिए रब के घर के सहन में कमरा ख़ाली कर दिया है।
Nehe UrduGeoD 13:8  यह बात मुझे निहायत ही बुरी लगी, और मैंने तूबियाह का सारा सामान कमरे से निकालकर फेंक दिया।
Nehe UrduGeoD 13:9  फिर मैंने हुक्म दिया कि कमरे नए सिरे से पाक-साफ़ कर दिए जाएँ। जब ऐसा हुआ तो मैंने रब के घर का सामान, ग़ल्ला की नज़रें और बख़ूर दुबारा वहाँ रख दिया।
Nehe UrduGeoD 13:10  मुझे यह भी मालूम हुआ कि लावी और गुलूकार रब के घर में अपनी ख़िदमत को छोड़कर अपने खेतों में काम कर रहे हैं। वजह यह थी कि उन्हें वह हिस्सा नहीं मिल रहा था जो उनका हक़ था।
Nehe UrduGeoD 13:11  तब मैंने ज़िम्मादार अफ़सरों को झिड़ककर कहा, “आप अल्लाह के घर का इंतज़ाम इतनी बेपरवाई से क्यों चला रहे हैं?” मैंने लावियों और गुलूकारों को वापस बुलाकर दुबारा उनकी ज़िम्मादारियों पर लगाया।
Nehe UrduGeoD 13:12  यह देखकर तमाम यहूदाह ग़ल्ला, नई मै और ज़ैतून के तेल का दसवाँ हिस्सा गोदामों में लाने लगा।
Nehe UrduGeoD 13:13  गोदामों की निगरानी मैंने सलमियाह इमाम, सदोक़ मुंशी और फ़िदायाह लावी के सुपुर्द करके हनान बिन ज़क्कूर बिन मत्तनियाह को उनका मददगार मुक़र्रर किया, क्योंकि चारों को क़ाबिले-एतमाद समझा जाता था। उन्हीं को इमामों और लावियों में उनके मुक़र्ररा हिस्से तक़सीम करने की ज़िम्मादारी दी गई।
Nehe UrduGeoD 13:14  ऐ मेरे ख़ुदा, इस काम के बाइस मुझे याद कर! वह सब कुछ न भूल जो मैंने वफ़ादारी से अपने ख़ुदा के घर और उसके इंतज़ाम के लिए किया है।
Nehe UrduGeoD 13:15  उस वक़्त मैंने यहूदाह में कुछ लोगों को देखा जो सबत के दिन अंगूर का रस निचोड़कर मै बना रहे थे। दूसरे ग़ल्ला लाकर मै, अंगूर, अंजीर और दीगर मुख़्तलिफ़ क़िस्म की पैदावार के साथ गधों पर लाद रहे और यरूशलम पहुँचा रहे थे। यह सब कुछ सबत के दिन हो रहा था। मैंने उन्हें तंबीह की कि सबत के दिन ख़ुराक फ़रोख़्त न करना।
Nehe UrduGeoD 13:16  सूर के कुछ आदमी भी जो यरूशलम में रहते थे सबत के दिन मछली और दीगर कई चीज़ें यरूशलम में लाकर यहूदाह के लोगों को बेचते थे।
Nehe UrduGeoD 13:17  यह देखकर मैंने यहूदाह के शुरफ़ा को डाँटकर कहा, “यह कितनी बुरी बात है! आप तो सबत के दिन की बेहुरमती कर रहे हैं।
Nehe UrduGeoD 13:18  जब आपके बापदादा ने ऐसा किया तो अल्लाह यह सारी आफ़त हम पर और इस शहर पर लाया। अब आप सबत के दिन की बेहुरमती करने से अल्लाह का इसराईल पर ग़ज़ब मज़ीद बढ़ा रहे हैं।”
Nehe UrduGeoD 13:19  मैंने हुक्म दिया कि जुमे को यरूशलम के दरवाज़े शाम के उस वक़्त बंद किए जाएँ जब दरवाज़े सायों में डूब जाएँ, और कि वह सबत के पूरे दिन बंद रहें। सबत के इख़्तिताम तक उन्हें खोलने की इजाज़त नहीं थी। मैंने अपने कुछ लोगों को दरवाज़ों पर खड़ा भी किया ताकि कोई भी अपना सामान सबत के दिन शहर में न लाए।
Nehe UrduGeoD 13:20  यह देखकर ताजिरों और बेचनेवालों ने कई मरतबा सबत की रात शहर से बाहर गुज़ारी और वहाँ अपना माल बेचने की कोशिश की।
Nehe UrduGeoD 13:21  तब मैंने उन्हें तंबीह की, “आप सबत की रात क्यों फ़सील के पास गुज़ारते हैं? अगर आप दुबारा ऐसा करें तो आपको हवालाए-पुलिस किया जाएगा।” उस वक़्त से वह सबत के दिन आने से बाज़ आए।
Nehe UrduGeoD 13:22  लावियों को मैंने हुक्म दिया कि अपने आपको पाक-साफ़ करके शहर के दरवाज़ों की पहरादारी करें ताकि अब से सबत का दिन मख़सूसो-मुक़द्दस रहे। ऐ मेरे ख़ुदा, मुझे इस नेकी के बाइस याद करके अपनी अज़ीम शफ़क़त के मुताबिक़ मुझ पर मेहरबानी कर।
Nehe UrduGeoD 13:23  उस वक़्त मुझे यह भी मालूम हुआ कि बहुत-से यहूदी मर्दों की शादी अशदूद, अम्मोन और मोआब की औरतों से हुई है।
Nehe UrduGeoD 13:24  उनके आधे बच्चे सिर्फ़ अशदूद की ज़बान या कोई और ग़ैरमुल्की ज़बान बोल लेते थे। हमारी ज़बान से वह नावाक़िफ़ ही थे।
Nehe UrduGeoD 13:25  तब मैंने उन्हें झिड़का और उन पर लानत भेजी। बाज़ एक के बाल नोच नोचकर मैंने उनकी पिटाई की। मैंने उन्हें अल्लाह की क़सम खिलाने पर मजबूर किया कि हम अपने बेटे-बेटियों की शादी ग़ैरमुल्कियों से नहीं कराएँगे।
Nehe UrduGeoD 13:26  मैंने कहा, “इसराईल के बादशाह सुलेमान को याद करें। ऐसी ही शादियों ने उसे गुनाह करने पर उकसाया। उस वक़्त उसके बराबर कोई बादशाह नहीं था। अल्लाह उसे प्यार करता था और उसे पूरे इसराईल का बादशाह बनाया। लेकिन उसे भी ग़ैरमुल्की बीवियों की तरफ़ से गुनाह करने पर उकसाया गया।
Nehe UrduGeoD 13:27  अब आपके बारे में भी यही कुछ सुनना पड़ता है! आपसे भी यही बड़ा गुनाह सरज़द हो रहा है। ग़ैरमुल्की औरतों से शादी करने से आप हमारे ख़ुदा से बेवफ़ा हो गए हैं!”
Nehe UrduGeoD 13:28  इमामे-आज़म इलियासिब के बेटे योयदा के एक बेटे की शादी संबल्लत हौरूनी की बेटी से हुई थी, इसलिए मैंने बेटे को यरूशलम से भगा दिया।
Nehe UrduGeoD 13:29  ऐ मेरे ख़ुदा, उन्हें याद कर, क्योंकि उन्होंने इमाम के ओहदे और इमामों और लावियों के अहद की बेहुरमती की है।
Nehe UrduGeoD 13:30  चुनाँचे मैंने इमामों और लावियों को हर ग़ैरमुल्की चीज़ से पाक-साफ़ करके उन्हें उनकी ख़िदमत और मुख़्तलिफ़ ज़िम्मादारियों के लिए हिदायात दीं।
Nehe UrduGeoD 13:31  नीज़, मैंने ध्यान दिया कि फ़सल की पहली पैदावार और क़ुरबानियों को जलाने की लकड़ी वक़्त पर रब के घर में पहुँचाई जाए। ऐ मेरे ख़ुदा, मुझे याद करके मुझ पर मेहरबानी कर!।