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I KINGS
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Chapter 1
I Ki UrduGeoD 1:1  दाऊद बादशाह बहुत बूढ़ा हो चुका था। उसे हमेशा सर्दी लगती थी, और उस पर मज़ीद बिस्तर डालने से कोई फ़ायदा न होता था।
I Ki UrduGeoD 1:2  यह देखकर मुलाज़िमों ने बादशाह से कहा, “अगर इजाज़त हो तो हम बादशाह के लिए एक नौजवान कुँवारी ढूँड लें जो आपकी ख़िदमत में हाज़िर रहे और आपकी देख-भाल करे। लड़की आपके साथ लेटकर आपको गरम रखे।”
I Ki UrduGeoD 1:3  चुनाँचे वह पूरे मुल्क में किसी ख़ूबसूरत लड़की की तलाश करने लगे। ढूँडते ढूँडते अबीशाग शूनीमी को चुनकर बादशाह के पास लाया गया।
I Ki UrduGeoD 1:4  अब से वह उस की ख़िदमत में हाज़िर होती और उस की देख-भाल करती रही। लड़की निहायत ख़ूबसूरत थी, लेकिन बादशाह ने कभी उससे सोहबत न की।
I Ki UrduGeoD 1:5  उन दिनों में अदूनियाह बादशाह बनने की साज़िश करने लगा। वह दाऊद की बीवी हज्जीत का बेटा था। यों वह अबीसलूम का सौतेला भाई और उसके मरने पर दाऊद का सबसे बड़ा बेटा था। शक्लो-सूरत के लिहाज़ से लोग उस की बड़ी तारीफ़ किया करते थे, और बचपन से उसके बाप ने उसे कभी नहीं डाँटा था कि तू क्या कर रहा है। अब अदूनियाह अपने आपको लोगों के सामने पेश करके एलान करने लगा, “मैं ही बादशाह बनूँगा।” इस मक़सद के तहत उसने अपने लिए रथ और घोड़े ख़रीदकर 50 आदमियों को रख लिया ताकि वह जहाँ भी जाए उसके आगे आगे चलते रहें।
I Ki UrduGeoD 1:6  उन दिनों में अदूनियाह बादशाह बनने की साज़िश करने लगा। वह दाऊद की बीवी हज्जीत का बेटा था। यों वह अबीसलूम का सौतेला भाई और उसके मरने पर दाऊद का सबसे बड़ा बेटा था। शक्लो-सूरत के लिहाज़ से लोग उस की बड़ी तारीफ़ किया करते थे, और बचपन से उसके बाप ने उसे कभी नहीं डाँटा था कि तू क्या कर रहा है। अब अदूनियाह अपने आपको लोगों के सामने पेश करके एलान करने लगा, “मैं ही बादशाह बनूँगा।” इस मक़सद के तहत उसने अपने लिए रथ और घोड़े ख़रीदकर 50 आदमियों को रख लिया ताकि वह जहाँ भी जाए उसके आगे आगे चलते रहें।
I Ki UrduGeoD 1:7  उसने योआब बिन ज़रूयाह और अबियातर इमाम से बात की तो वह उसके साथी बनकर उस की हिमायत करने के लिए तैयार हुए।
I Ki UrduGeoD 1:8  लेकिन सदोक़ इमाम, बिनायाह बिन यहोयदा और नातन नबी उसके साथ नहीं थे, न सिमई, रेई या दाऊद के मुहाफ़िज़।
I Ki UrduGeoD 1:9  एक दिन अदूनियाह ने ऐन-राजिल चश्मे के क़रीब की चटान ज़ुहलत के पास ज़ियाफ़त की। काफ़ी भेड़-बकरियाँ, गाय-बैल और मोटे-ताज़े बछड़े ज़बह किए गए। अदूनियाह ने बादशाह के तमाम बेटों और यहूदाह के तमाम शाही अफ़सरों को दावत दी थी।
I Ki UrduGeoD 1:10  कुछ लोगों को जान-बूझकर इसमें शामिल नहीं किया गया था। उनमें उसका भाई सुलेमान, नातन नबी, बिनायाह और दाऊद के मुहाफ़िज़ शामिल थे।
I Ki UrduGeoD 1:11  तब नातन सुलेमान की माँ बत-सबा से मिला और बोला, “क्या यह ख़बर आप तक नहीं पहुँची कि हज्जीत के बेटे अदूनियाह ने अपने आपको बादशाह बना लिया है? और हमारे आक़ा दाऊद को इसका इल्म तक नहीं!
I Ki UrduGeoD 1:12  आपकी और आपके बेटे सुलेमान की ज़िंदगी बड़े ख़तरे में है। इसलिए लाज़िम है कि आप मेरे मशवरे पर फ़ौरन अमल करें।
I Ki UrduGeoD 1:13  दाऊद बादशाह के पास जाकर उसे बता देना, ‘ऐ मेरे आक़ा और बादशाह, क्या आपने क़सम खाकर मुझसे वादा नहीं किया था कि तेरा बेटा सुलेमान मेरे बाद तख़्तनशीन होगा? तो फिर अदूनियाह क्यों बादशाह बन गया है?’
I Ki UrduGeoD 1:14  आपकी बादशाह से गुफ़्तगू अभी ख़त्म नहीं होगी कि मैं दाख़िल होकर आपकी बात की तसदीक़ करूँगा।”
I Ki UrduGeoD 1:15  बत-सबा फ़ौरन बादशाह के पास गई जो सोने के कमरे में लेटा हुआ था। उस वक़्त तो वह बहुत उम्ररसीदा हो चुका था, और अबीशाग उस की देख-भाल कर रही थी।
I Ki UrduGeoD 1:16  बत-सबा कमरे में दाख़िल होकर बादशाह के सामने मुँह के बल झुक गई। दाऊद ने पूछा, “क्या बात है?”
I Ki UrduGeoD 1:17  बत-सबा ने कहा, “मेरे आक़ा, आपने तो रब अपने ख़ुदा की क़सम खाकर मुझसे वादा किया था कि तेरा बेटा सुलेमान मेरे बाद तख़्तनशीन होगा।
I Ki UrduGeoD 1:18  लेकिन अब अदूनियाह बादशाह बन बैठा है और मेरे आक़ा और बादशाह को इसका इल्म तक नहीं।
I Ki UrduGeoD 1:19  उसने ज़ियाफ़त के लिए बहुत-से गाय-बैल, मोटे-ताज़े बछड़े और भेड़-बकरियाँ ज़बह करके तमाम शहज़ादों को दावत दी है। अबियातर इमाम और फ़ौज का कमाँडर योआब भी इनमें शामिल हैं, लेकिन आपके ख़ादिम सुलेमान को दावत नहीं मिली।
I Ki UrduGeoD 1:20  ऐ बादशाह मेरे आक़ा, इस वक़्त तमाम इसराईल की आँखें आप पर लगी हैं। सब आपसे यह जानने के लिए तड़पते हैं कि आपके बाद कौन तख़्तनशीन होगा।
I Ki UrduGeoD 1:21  अगर आपने जल्द ही क़दम न उठाया तो आपके कूच कर जाने के फ़ौरन बाद मैं और मेरा बेटा अदूनियाह का निशाना बनकर मुजरिम ठहरेंगे।”
I Ki UrduGeoD 1:22  बत-सबा अभी बादशाह से बात कर ही रही थी कि दाऊद को इत्तला दी गई कि नातन नबी आपसे मिलने आया है। नबी कमरे में दाख़िल होकर बादशाह के सामने औंधे मुँह झुक गया।
I Ki UrduGeoD 1:23  बत-सबा अभी बादशाह से बात कर ही रही थी कि दाऊद को इत्तला दी गई कि नातन नबी आपसे मिलने आया है। नबी कमरे में दाख़िल होकर बादशाह के सामने औंधे मुँह झुक गया।
I Ki UrduGeoD 1:24  फिर उसने कहा, “मेरे आक़ा, लगता है कि आप इस हक़ में हैं कि अदूनियाह आपके बाद तख़्तनशीन हो।
I Ki UrduGeoD 1:25  क्योंकि आज उसने ऐन-राजिल जाकर बहुत-से गाय-बैल, मोटे-ताज़े बछड़े और भेड़-बकरियों को ज़बह किया है। ज़ियाफ़त के लिए उसने तमाम शहज़ादों, तमाम फ़ौजी अफ़सरों और अबियातर इमाम को दावत दी है। इस वक़्त वह उसके साथ खाना खा खाकर और मै पी पीकर नारा लगा रहे हैं, ‘अदूनियाह बादशाह ज़िंदाबाद!’
I Ki UrduGeoD 1:26  कुछ लोगों को जान-बूझकर दावत नहीं दी। उनमें मैं आपका ख़ादिम, सदोक़ इमाम, बिनायाह बिन यहोयदा और आपका ख़ादिम सुलेमान भी शामिल हैं।
I Ki UrduGeoD 1:27  मेरे आक़ा, क्या आपने वाक़ई इसका हुक्म दिया है? क्या आपने अपने ख़ादिमों को इत्तला दिए बग़ैर फ़ैसला किया है कि यह शख़्स बादशाह बनेगा?”
I Ki UrduGeoD 1:28  जवाब में दाऊद ने कहा, “बत-सबा को बुलाएँ!” वह वापस आई और बादशाह के सामने खड़ी हो गई।
I Ki UrduGeoD 1:29  बादशाह बोला, “रब की हयात की क़सम जिसने फ़िद्या देकर मुझे हर मुसीबत से बचाया है,
I Ki UrduGeoD 1:30  आपका बेटा सुलेमान मेरे बाद बादशाह होगा बल्कि आज ही मेरे तख़्त पर बैठ जाएगा। हाँ, आज ही मैं वह वादा पूरा करूँगा जो मैंने रब इसराईल के ख़ुदा की क़सम खाकर आपसे किया था।”
I Ki UrduGeoD 1:31  यह सुनकर बत-सबा औंधे मुँह झुक गई और कहा, “मेरा मालिक दाऊद बादशाह ज़िंदाबाद!”
I Ki UrduGeoD 1:32  फिर दाऊद ने हुक्म दिया, “सदोक़ इमाम, नातन नबी और बिनायाह बिन यहोयदा को बुला लाएँ।” तीनों आए
I Ki UrduGeoD 1:33  तो बादशाह उनसे मुख़ातिब हुआ, “मेरे बेटे सुलेमान को मेरे ख़च्चर पर बिठाएँ। फिर मेरे अफ़सरों को साथ लेकर उसे जैहून चश्मे तक पहुँचा दें।
I Ki UrduGeoD 1:34  वहाँ सदोक़ और नातन उसे मसह करके इसराईल का बादशाह बना दें। नरसिंगे को बजा बजाकर नारा लगाना, ‘सुलेमान बादशाह ज़िंदाबाद!’
I Ki UrduGeoD 1:35  इसके बाद मेरे बेटे के साथ यहाँ वापस आ जाना। वह महल में दाख़िल होकर मेरे तख़्त पर बैठ जाए और मेरी जगह हुकूमत करे, क्योंकि मैंने उसे इसराईल और यहूदाह का हुक्मरान मुक़र्रर किया है।”
I Ki UrduGeoD 1:36  बिनायाह बिन यहोयदा ने जवाब दिया, “आमीन, ऐसा ही हो! रब मेरे आक़ा का ख़ुदा इस फ़ैसले पर अपनी बरकत दे।
I Ki UrduGeoD 1:37  और जिस तरह रब आपके साथ रहा उसी तरह वह सुलेमान के साथ भी हो, बल्कि वह उसके तख़्त को आपके तख़्त से कहीं ज़्यादा सरबुलंद करे!”
I Ki UrduGeoD 1:38  फिर सदोक़ इमाम, नातन नबी, बिनायाह बिन यहोयदा और बादशाह के मुहाफ़िज़ करेतियों और फ़लेतियों ने सुलेमान को बादशाह के ख़च्चर पर बिठाकर उसे जैहून चश्मे तक पहुँचा दिया।
I Ki UrduGeoD 1:39  सदोक़ के पास तेल से भरा मेंढे का वह सींग था जो मुक़द्दस ख़ैमे में पड़ा रहता था। अब उसने यह तेल लेकर सुलेमान को मसह किया। फिर नरसिंगा बजाया गया और लोग मिलकर नारा लगाने लगे, “सुलेमान बादशाह ज़िंदाबाद! सुलेमान बादशाह ज़िंदाबाद!”
I Ki UrduGeoD 1:40  तमाम लोग बाँसरी बजाते और ख़ुशी मनाते हुए सुलेमान के पीछे चलने लगे। जब वह दुबारा यरूशलम में दाख़िल हुआ तो इतना शोर था कि ज़मीन लरज़ उठी।
I Ki UrduGeoD 1:41  लोगों की यह आवाज़ें अदूनियाह और उसके मेहमानों तक भी पहुँच गईं। थोड़ी देर पहले वह खाने से फ़ारिग़ हुए थे। नरसिंगे की आवाज़ सुनकर योआब चौंक उठा और पूछा, “यह क्या है? शहर से इतना शोर क्यों सुनाई दे रहा है?”
I Ki UrduGeoD 1:42  वह अभी यह बात कर ही रहा था कि अबियातर का बेटा यूनतन पहुँच गया। योआब बोला, “हमारे पास आएँ। आप जैसे लायक़ आदमी अच्छी ख़बर लेकर आ रहे होंगे।”
I Ki UrduGeoD 1:43  यूनतन ने जवाब दिया, “अफ़सोस, ऐसा नहीं है। हमारे आक़ा दाऊद बादशाह ने सुलेमान को बादशाह बना दिया है।
I Ki UrduGeoD 1:44  उसने उसे सदोक़ इमाम, नातन नबी, बिनायाह बिन यहोयदा और बादशाह के मुहाफ़िज़ करेतियों और फ़लेतियों के साथ जैहून चश्मे के पास भेज दिया है। सुलेमान बादशाह के ख़च्चर पर सवार था।
I Ki UrduGeoD 1:45  जैहून चश्मे के पास सदोक़ इमाम और नातन नबी ने उसे मसह करके बादशाह बना दिया। फिर वह ख़ुशी मनाते हुए शहर में वापस चले गए। पूरे शहर में हलचल मच गई। यही वह शोर है जो आपको सुनाई दे रहा है।
I Ki UrduGeoD 1:46  अब सुलेमान तख़्त पर बैठ चुका है,
I Ki UrduGeoD 1:47  और दरबारी हमारे आक़ा दाऊद बादशाह को मुबारकबाद देने के लिए उसके पास पहुँच गए हैं। वह कह रहे हैं, ‘आपका ख़ुदा करे कि सुलेमान का नाम आपके नाम से भी ज़्यादा मशहूर हो जाए। उसका तख़्त आपके तख़्त से कहीं ज़्यादा सरबुलंद हो।’ बादशाह ने अपने बिस्तर पर झुककर अल्लाह की परस्तिश की
I Ki UrduGeoD 1:48  और कहा, ‘रब इसराईल के ख़ुदा की तमजीद हो जिसने मेरे बेटों में से एक को मेरी जगह तख़्त पर बिठा दिया है। उसका शुक्र है कि मैं अपनी आँखों से यह देख सका’।”
I Ki UrduGeoD 1:49  यूनतन के मुँह से यह ख़बर सुनकर अदूनियाह के तमाम मेहमान घबरा गए। सब उठकर चारों तरफ़ मुंतशिर हो गए।
I Ki UrduGeoD 1:50  अदूनियाह सुलेमान से ख़ौफ़ खाकर मुक़द्दस ख़ैमे के पास गया और क़ुरबानगाह के सींगों से लिपट गया।
I Ki UrduGeoD 1:51  किसी ने सुलेमान के पास जाकर उसे इत्तला दी, “अदूनियाह को सुलेमान बादशाह से ख़ौफ़ है, इसलिए वह क़ुरबानगाह के सींगों से लिपटे हुए कह रहा है, ‘सुलेमान बादशाह पहले क़सम खाए कि वह मुझे मौत के घाट नहीं उतारेगा’।”
I Ki UrduGeoD 1:52  सुलेमान ने वादा किया, “अगर वह लायक़ साबित हो तो उसका एक बाल भी बीका नहीं होगा। लेकिन जब भी उसमें बदी पाई जाए वह ज़रूर मरेगा।”
I Ki UrduGeoD 1:53  सुलेमान ने अपने लोगों को अदूनियाह के पास भेज दिया ताकि वह उसे बादशाह के पास पहुँचाएँ। अदूनियाह आया और सुलेमान के सामने औंधे मुँह झुक गया। सुलेमान बोला, “अपने घर चले जाओ!”
Chapter 2
I Ki UrduGeoD 2:1  जब दाऊद को महसूस हुआ कि कूच कर जाने का वक़्त क़रीब है तो उसने अपने बेटे सुलेमान को हिदायत की,
I Ki UrduGeoD 2:2  “अब मैं वहाँ जा रहा हूँ जहाँ दुनिया के हर शख़्स को जाना होता है। चुनाँचे मज़बूत हों और मरदानगी दिखाएँ।
I Ki UrduGeoD 2:3  जो कुछ रब आपका ख़ुदा आपसे चाहता है वह करें और उस की राहों पर चलते रहें। अल्लाह की शरीअत में दर्ज हर हुक्म और हिदायत पर पूरे तौर पर अमल करें। फिर जो कुछ भी करेंगे और जहाँ भी जाएंगे आपको कामयाबी नसीब होगी।
I Ki UrduGeoD 2:4  फिर रब मेरे साथ अपना वादा पूरा करेगा। क्योंकि उसने फ़रमाया है, ‘अगर तेरी औलाद अपने चाल-चलन पर ध्यान देकर पूरे दिलो-जान से मेरी वफ़ादार रहे तो इसराईल पर उस की हुकूमत हमेशा तक क़ायम रहेगी।’
I Ki UrduGeoD 2:5  दो एक और बातें भी हैं। आपको ख़ूब मालूम है कि योआब बिन ज़रूयाह ने मेरे साथ कैसा सुलूक किया है। इसराईल के दो कमाँडरों अबिनैर बिन नैर और अमासा बिन यतर को उसने क़त्ल किया। जब जंग नहीं थी उसने जंग का ख़ून बहाकर अपनी पेटी और जूतों को बेक़ुसूर ख़ून से आलूदा कर लिया है।
I Ki UrduGeoD 2:6  उसके साथ वह कुछ करें जो आपको मुनासिब लगे। योआब बूढ़ा तो है, लेकिन ध्यान दें कि वह तबई मौत न मरे।
I Ki UrduGeoD 2:7  ताहम बरज़िल्ली जिलियादी के बेटों पर मेहरबानी करें। वह आपकी मेज़ के मुस्तक़िल मेहमान रहें, क्योंकि उन्होंने मेरे साथ भी ऐसा ही सुलूक किया जब मैंने आपके भाई अबीसलूम की वजह से यरूशलम से हिजरत की।
I Ki UrduGeoD 2:8  बहूरीम के बिनयमीनी सिमई बिन जीरा पर भी ध्यान दें। जिस दिन मैं हिजरत करते हुए महनायम से गुज़र रहा था तो उसने मुझ पर लानतें भेजीं। लेकिन मेरी वापसी पर वह दरियाए-यरदन पर मुझसे मिलने आया और मैंने रब की क़सम खाकर उससे वादा किया कि उसे मौत के घाट नहीं उतारूँगा।
I Ki UrduGeoD 2:9  लेकिन आप उसका जुर्म नज़रंदाज़ न करें बल्कि उस की मुनासिब सज़ा दें। आप दानिशमंद हैं, इसलिए आप ज़रूर सज़ा देने का कोई न कोई तरीक़ा ढूँड निकालेंगे। वह बूढ़ा तो है, लेकिन ध्यान दें कि वह तबई मौत न मरे।”
I Ki UrduGeoD 2:10  फिर दाऊद मरकर अपने बापदादा से जा मिला। उसे यरूशलम के उस हिस्से में दफ़न किया गया जो ‘दाऊद का शहर’ कहलाता है।
I Ki UrduGeoD 2:11  वह कुल 40 साल तक इसराईल का बादशाह रहा, सात साल हबरून में और 33 साल यरूशलम में।
I Ki UrduGeoD 2:12  सुलेमान अपने बाप दाऊद के बाद तख़्तनशीन हुआ। उस की हुकूमत मज़बूती से क़ायम हुई।
I Ki UrduGeoD 2:13  एक दिन दाऊद की बीवी हज्जीत का बेटा अदूनियाह सुलेमान की माँ बत-सबा के पास आया। बत-सबा ने पूछा, “क्या आप अमनपसंद इरादा रखकर आए हैं?” अदूनियाह बोला, “जी,
I Ki UrduGeoD 2:14  बल्कि मेरी आपसे गुज़ारिश है।” बत-सबा ने जवाब दिया, “तो फिर बताएँ!”
I Ki UrduGeoD 2:15  अदूनियाह ने कहा, “आप तो जानती हैं कि असल में बादशाह बनने का हक़ मेरा था। और यह तमाम इसराईल की तवक़्क़ो भी थी। लेकिन अब तो हालात बदल गए हैं। मेरा भाई बादशाह बन गया है, क्योंकि यही रब की मरज़ी थी।
I Ki UrduGeoD 2:16  अब मेरी आपसे दरख़ास्त है। इससे इनकार न करें।” बत-सबा बोली, “बताएँ।”
I Ki UrduGeoD 2:17  अदूनियाह ने कहा, “मैं अबीशाग शूनीमी से शादी करना चाहता हूँ। बराहे-करम सुलेमान बादशाह के सामने मेरी सिफ़ारिश करें ताकि बात बन जाए। अगर आप बात करें तो वह इनकार नहीं करेगा।”
I Ki UrduGeoD 2:18  बत-सबा राज़ी हुई, “चलें, ठीक है। मैं आपका यह मामला बादशाह को पेश करूँगी।”
I Ki UrduGeoD 2:19  चुनाँचे बत-सबा सुलेमान बादशाह के पास गई ताकि उसे अदूनियाह का मामला पेश करे। जब दरबार में पहुँची तो बादशाह उठकर उससे मिलने आया और उसके सामने झुक गया। फिर वह दुबारा तख़्त पर बैठ गया और हुक्म दिया कि माँ के लिए भी तख़्त रखा जाए। बादशाह के दहने हाथ बैठकर
I Ki UrduGeoD 2:20  उसने अपना मामला पेश किया, “मेरी आपसे एक छोटी-सी गुज़ारिश है। इससे इनकार न करें।” बादशाह ने जवाब दिया, “अम्मी, बताएँ अपनी बात, मैं इनकार नहीं करूँगा।”
I Ki UrduGeoD 2:21  बत-सबा बोली, “अपने भाई अदूनियाह को अबीशाग शूनीमी से शादी करने दें।”
I Ki UrduGeoD 2:22  यह सुनकर सुलेमान भड़क उठा, “अदूनियाह की अबीशाग से शादी!! यह कैसी बात है जो आप पेश कर रही हैं? अगर आप यह चाहती हैं तो क्यों न बराहे-रास्त तक़ाज़ा करें कि अदूनियाह मेरी जगह तख़्त पर बैठ जाए। आख़िर वह मेरा बड़ा भाई है, और अबियातर इमाम और योआब बिन ज़रूयाह भी उसका साथ दे रहे हैं।”
I Ki UrduGeoD 2:23  फिर सुलेमान बादशाह ने रब की क़सम खाकर कहा, “इस दरख़ास्त से अदूनियाह ने अपनी मौत पर मुहर लगाई है। अल्लाह मुझे सख़्त सज़ा दे अगर मैं उसे मौत के घाट न उतारूँ।
I Ki UrduGeoD 2:24  रब की क़सम जिसने मेरी तसदीक़ करके मुझे मेरे बाप दाऊद के तख़्त पर बिठा दिया और अपने वादे के मुताबिक़ मेरे लिए घर तामीर किया है, अदूनियाह को आज ही मरना है!”
I Ki UrduGeoD 2:25  फिर सुलेमान बादशाह ने बिनायाह बिन यहोयदा को हुक्म दिया कि वह अदूनियाह को मौत के घाट उतार दे। चुनाँचे वह निकला और उसे मार डाला।
I Ki UrduGeoD 2:26  अबियातर इमाम से बादशाह ने कहा, “अब यहाँ से चले जाएँ। अनतोत में अपने घर में रहें और वहाँ अपनी ज़मीनें सँभालें। गो आप सज़ाए-मौत के लायक़ हैं तो भी मैं इस वक़्त आपको नहीं मार दूँगा, क्योंकि आप मेरे बाप दाऊद के सामने रब क़ादिरे-मुतलक़ के अहद का संदूक़ उठाए हर जगह उनके साथ गए। आप मेरे बाप के तमाम तकलीफ़देह और मुश्किलतरीन लमहात में शरीक रहे हैं।”
I Ki UrduGeoD 2:27  यह कहकर सुलेमान ने अबियातर का रब के हुज़ूर इमाम की ख़िदमत सरंजाम देने का हक़ मनसूख़ कर दिया। यों रब की वह पेशगोई पूरी हुई जो उसने सैला में एली के घराने के बारे में की थी।
I Ki UrduGeoD 2:28  योआब को जल्द ही पता चला कि अदूनियाह और अबियातर से क्या कुछ हुआ है। वह अबीसलूम की साज़िशों में तो शरीक नहीं हुआ था लेकिन बाद में अदूनियाह का साथी बन गया था। इसलिए अब वह भागकर रब के मुक़द्दस ख़ैमे में दाख़िल हुआ और क़ुरबानगाह के सींगों को पकड़ लिया।
I Ki UrduGeoD 2:29  सुलेमान बादशाह को इत्तला दी गई, “योआब भागकर रब के मुक़द्दस ख़ैमे में गया है। अब वह वहाँ क़ुरबानगाह के पास खड़ा है।” यह सुनकर सुलेमान ने बिनायाह बिन यहोयदा को हुक्म दिया, “जाओ, योआब को मार दो!”
I Ki UrduGeoD 2:30  बिनायाह रब के ख़ैमे में जाकर योआब से मुख़ातिब हुआ, “बादशाह फ़रमाता है कि ख़ैमे से निकल आओ!” लेकिन योआब ने जवाब दिया, “नहीं, अगर मरना है तो यहीं मरूँगा।” बिनायाह बादशाह के पास वापस आया और उसे योआब का जवाब सुनाया।
I Ki UrduGeoD 2:31  तब बादशाह ने हुक्म दिया, “चलो, उस की मरज़ी! उसे वहीं मारकर दफ़न कर दो ताकि मैं और मेरे बाप का घराना उन क़त्लों के जवाबदेह न ठहरें जो उसने बिलावजह किए हैं।
I Ki UrduGeoD 2:32  रब उसे उन दो आदमियों के क़त्ल की सज़ा दे जो उससे कहीं ज़्यादा शरीफ़ और अच्छे थे यानी इसराईली फ़ौज का कमाँडर अबिनैर बिन नैर और यहूदाह की फ़ौज का कमाँडर अमासा बिन यतर। योआब ने दोनों को तलवार से मार डाला, हालाँकि मेरे बाप को इसका इल्म नहीं था।
I Ki UrduGeoD 2:33  योआब और उस की औलाद हमेशा तक इन क़त्लों के क़ुसूरवार ठहरें। लेकिन रब दाऊद, उस की औलाद, घराने और तख़्त को हमेशा तक सलामती अता करे।”
I Ki UrduGeoD 2:34  तब बिनायाह ने मुक़द्दस ख़ैमे में जाकर योआब को मार दिया। उसे यहूदाह के बयाबान में उस की अपनी ज़मीन में दफ़ना दिया गया।
I Ki UrduGeoD 2:35  योआब की जगह बादशाह ने बिनायाह बिन यहोयदा को फ़ौज का कमाँडर बना दिया। अबियातर का ओहदा उसने सदोक़ इमाम को दे दिया।
I Ki UrduGeoD 2:36  इसके बाद बादशाह ने सिमई को बुलाकर उसे हुक्म दिया, “यहाँ यरूशलम में अपना घर बनाकर रहना। आइंदा आपको शहर से निकलने की इजाज़त नहीं है, ख़ाह आप कहीं भी जाना चाहें।
I Ki UrduGeoD 2:37  यक़ीन जानें कि ज्योंही आप शहर के दरवाज़े से निकलकर वादीए-क़िदरोन को पार करेंगे तो आपको मार दिया जाएगा। तब आप ख़ुद अपनी मौत के ज़िम्मादार ठहरेंगे।”
I Ki UrduGeoD 2:38  सिमई ने जवाब दिया, “ठीक है, जो कुछ मेरे आक़ा ने फ़रमाया है मैं करूँगा।” सिमई देर तक बादशाह के हुक्म के मुताबिक़ यरूशलम में रहा।
I Ki UrduGeoD 2:39  तीन साल यों ही गुज़र गए। लेकिन एक दिन उसके दो ग़ुलाम भाग गए। चलते चलते वह जात के बादशाह अकीस बिन माका के पास पहुँच गए। किसी ने सिमई को इत्तला दी, “आपके ग़ुलाम जात में ठहरे हुए हैं।”
I Ki UrduGeoD 2:40  वह फ़ौरन अपने गधे पर ज़ीन कसकर ग़ुलामों को ढूँडने के लिए जात में अकीस के पास चला गया। दोनों ग़ुलाम अब तक वहीं थे तो सिमई उन्हें पकड़कर यरूशलम वापस ले आया।
I Ki UrduGeoD 2:41  सुलेमान को ख़बर मिली कि सिमई जात जाकर लौट आया है।
I Ki UrduGeoD 2:42  तब उसने उसे बुलाकर पूछा, “क्या मैंने आपको आगाह करके नहीं कहा था कि यक़ीन जानें कि ज्योंही आप यरूशलम से निकलेंगे आपको मार दिया जाएगा, ख़ाह आप कहीं भी जाना चाहें। और क्या आपने जवाब में रब की क़सम खाकर नहीं कहा था, ‘ठीक है, मैं ऐसा ही करूँगा?’
I Ki UrduGeoD 2:43  लेकिन अब आपने अपनी क़सम तोड़कर मेरे हुक्म की ख़िलाफ़वरज़ी की है। यह आपने क्यों किया है?”
I Ki UrduGeoD 2:44  फिर बादशाह ने कहा, “आप ख़ूब जानते हैं कि आपने मेरे बाप दाऊद के साथ कितना बुरा सुलूक किया। अब रब आपको इसकी सज़ा देगा।
I Ki UrduGeoD 2:45  लेकिन सुलेमान बादशाह को वह बरकत देता रहेगा, और दाऊद का तख़्त रब के हुज़ूर अबद तक क़ायम रहेगा।”
I Ki UrduGeoD 2:46  फिर बादशाह ने बिनायाह बिन यहोयदा को हुक्म दिया कि वह सिमई को मार दे। बिनायाह ने उसे बाहर ले जाकर तलवार से मार दिया। यों सुलेमान की इसराईल पर हुकूमत मज़बूत हो गई।
Chapter 3
I Ki UrduGeoD 3:1  सुलेमान फ़िरौन की बेटी से शादी करके मिसरी बादशाह का दामाद बन गया। शुरू में उस की बीवी शहर के उस हिस्से में रहती थी जो ‘दाऊद का शहर’ कहलाता था। क्योंकि उस वक़्त नया महल, रब का घर और शहर की फ़सील ज़ेरे-तामीर थे।
I Ki UrduGeoD 3:2  उन दिनों में रब के नाम का घर तामीर नहीं हुआ था, इसलिए इसराईली अपनी क़ुरबानियाँ मुख़्तलिफ़ ऊँची जगहों पर चढ़ाते थे।
I Ki UrduGeoD 3:3  सुलेमान रब से प्यार करता था और इसलिए अपने बाप दाऊद की तमाम हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारता था। लेकिन वह भी जानवरों की अपनी क़ुरबानियाँ और बख़ूर ऐसे ही मक़ामों पर रब को पेश करता था।
I Ki UrduGeoD 3:4  एक दिन बादशाह जिबऊन गया और वहाँ भस्म होनेवाली 1,000 क़ुरबानियाँ चढ़ाईं, क्योंकि उस शहर की ऊँची जगह क़ुरबानियाँ चढ़ाने का सबसे अहम मरकज़ थी।
I Ki UrduGeoD 3:5  जब वह वहाँ ठहरा हुआ था तो रब ख़ाब में उस पर ज़ाहिर हुआ और फ़रमाया, “तेरा दिल क्या चाहता है? मुझे बता दे तो मैं तेरी ख़ाहिश पूरी करूँगा।”
I Ki UrduGeoD 3:6  सुलेमान ने जवाब दिया, “तू मेरे बाप दाऊद पर बड़ी मेहरबानी कर चुका है। वजह यह थी कि तेरा ख़ादिम वफ़ादारी, इनसाफ़ और ख़ुलूसदिली से तेरे हुज़ूर चलता रहा। तेरी उस पर मेहरबानी आज तक जारी रही है, क्योंकि तूने उसका बेटा उस की जगह तख़्तनशीन कर दिया है।
I Ki UrduGeoD 3:7  ऐ रब मेरे ख़ुदा, तूने अपने ख़ादिम को मेरे बाप दाऊद की जगह तख़्त पर बिठा दिया है। लेकिन मैं अभी छोटा बच्चा हूँ जिसे अपनी ज़िम्मादारियाँ सहीह तौर पर सँभालने का तजरबा नहीं हुआ।
I Ki UrduGeoD 3:8  तो भी तेरे ख़ादिम को तेरी चुनी हुई क़ौम के बीच में खड़ा किया गया है, इतनी अज़ीम क़ौम के दरमियान कि उसे गिना नहीं जा सकता।
I Ki UrduGeoD 3:9  चुनाँचे मुझे सुननेवाला दिल अता फ़रमा ताकि मैं तेरी क़ौम का इनसाफ़ करूँ और सहीह और ग़लत बातों में इम्तियाज़ कर सकूँ। क्योंकि कौन तेरी इस अज़ीम क़ौम का इनसाफ़ कर सकता है?”
I Ki UrduGeoD 3:10  सुलेमान की यह दरख़ास्त रब को पसंद आई,
I Ki UrduGeoD 3:11  इसलिए उसने जवाब दिया, “मैं ख़ुश हूँ कि तूने न उम्र की दराज़ी, न दौलत और न अपने दुश्मनों की हलाकत बल्कि इम्तियाज़ करने की सलाहियत माँगी है ताकि सुनकर इनसाफ़ कर सके।
I Ki UrduGeoD 3:12  इसलिए मैं तेरी दरख़ास्त पूरी करके तुझे इतना दानिशमंद और समझदार बना दूँगा कि उतना न माज़ी में कोई था, न मुस्तक़बिल में कभी कोई होगा।
I Ki UrduGeoD 3:13  बल्कि तुझे वह कुछ भी दे दूँगा जो तूने नहीं माँगा, यानी दौलत और इज़्ज़त। तेरे जीते-जी कोई और बादशाह तेरे बराबर नहीं पाया जाएगा।
I Ki UrduGeoD 3:14  अगर तू मेरी राहों पर चलता रहे और अपने बाप दाऊद की तरह मेरे अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारे तो फिर मैं तेरी उम्र दराज़ करूँगा।”
I Ki UrduGeoD 3:15  सुलेमान जाग उठा तो मालूम हुआ कि मैंने ख़ाब देखा है। वह यरूशलम को वापस चला गया और रब के अहद के संदूक़ के सामने खड़ा हुआ। वहाँ उसने भस्म होनेवाली और सलामती की क़ुरबानियाँ पेश कीं, फिर बड़ी ज़ियाफ़त की जिसमें तमाम दरबारी शरीक हुए।
I Ki UrduGeoD 3:16  एक दिन दो कसबियाँ बादशाह के पास आईं।
I Ki UrduGeoD 3:17  एक बात करने लगी, “मेरे आक़ा, हम दोनों एक ही घर में बसती हैं। कुछ देर पहले इसकी मौजूदगी में घर में मेरे बच्चा पैदा हुआ।
I Ki UrduGeoD 3:18  दो दिन के बाद इसके भी बचा हुआ। हम अकेली ही थीं, हमारे सिवा घर में कोई और नहीं था।
I Ki UrduGeoD 3:19  एक रात को मेरी साथी का बच्चा मर गया। माँ ने सोते में करवटें बदलते बदलते अपने बच्चे को दबा दिया था।
I Ki UrduGeoD 3:20  रातों रात इसे मालूम हुआ कि बेटा मर गया है। मैं अभी गहरी नींद सो रही थी। यह देखकर इसने मेरे बच्चे को उठाया और अपने मुरदे बेटे को मेरी गोद में रख दिया। फिर वह मेरे बेटे के साथ सो गई।
I Ki UrduGeoD 3:21  सुबह के वक़्त जब मैं अपने बेटे को दूध पिलाने के लिए उठी तो देखा कि उससे जान निकल गई है। लेकिन जब दिन मज़ीद चढ़ा और मैं ग़ौर से उसे देख सकी तो क्या देखती हूँ कि यह वह बच्चा नहीं है जिसे मैंने जन्म दिया है!”
I Ki UrduGeoD 3:22  दूसरी औरत ने उस की बात काटकर कहा, “हरगिज़ नहीं! यह झूट है। मेरा बेटा ज़िंदा है और तेरा तो मर गया है।” पहली औरत चीख़ उठी, “कभी भी नहीं! ज़िंदा बच्चा मेरा और मुरदा बच्चा तेरा है।” ऐसी बातें करते करते दोनों बादशाह के सामने झगड़ती रहीं।
I Ki UrduGeoD 3:23  फिर बादशाह बोला, “सीधी-सी बात यह है कि दोनों ही दावा करती हैं कि ज़िंदा बच्चा मेरा है और मुरदा बच्चा दूसरी का है।
I Ki UrduGeoD 3:24  ठीक है, फिर मेरे पास तलवार ले आएँ!” उसके पास तलवार लाई गई।
I Ki UrduGeoD 3:25  तब उसने हुक्म दिया, “ज़िंदा बच्चे को बराबर के दो हिस्सों में काटकर हर औरत को एक एक हिस्सा दे दें।”
I Ki UrduGeoD 3:26  यह सुनकर बच्चे की हक़ीक़ी माँ ने जिसका दिल अपने बेटे के लिए तड़पता था बादशाह से इलतमास की, “नहीं मेरे आक़ा, उसे मत मारें! बराहे-करम उसे इसी को दे दीजिए।” लेकिन दूसरी औरत बोली, “ठीक है, उसे काट दें। अगर यह मेरा नहीं होगा तो कम अज़ कम तेरा भी नहीं होगा।”
I Ki UrduGeoD 3:27  यह देखकर बादशाह ने हुक्म दिया, “रुकें! बच्चे पर तलवार मत चलाएँ बल्कि उसे पहली औरत को दे दें जो चाहती है कि ज़िंदा रहे। वही उस की माँ है।”
I Ki UrduGeoD 3:28  जल्द ही सुलेमान के इस फ़ैसले की ख़बर पूरे मुल्क में फैल गई, और लोगों पर बादशाह का ख़ौफ़ छा गया, क्योंकि उन्होंने जान लिया कि अल्लाह ने उसे इनसाफ़ करने की ख़ास हिकमत अता की है।
Chapter 4
I Ki UrduGeoD 4:1  अब सुलेमान पूरे इसराईल पर हुकूमत करता था।
I Ki UrduGeoD 4:2  यह उसके आला अफ़सर थे : इमामे-आज़म : अज़रियाह बिन सदोक़,
I Ki UrduGeoD 4:3  मीरमुंशी : सीसा के बेटे इलीहूरिफ़ और अख़ियाह, बादशाह का मुशीरे-ख़ास : यहूसफ़त बिन अख़ीलूद,
I Ki UrduGeoD 4:4  फ़ौज का कमाँडर : बिनायाह बिन यहोयदा, इमाम : सदोक़ और अबियातर,
I Ki UrduGeoD 4:5  ज़िलों पर मुक़र्रर अफ़सरों का सरदार : अज़रियाह बिन नातन, बादशाह का क़रीबी मुशीर : इमाम ज़बूद बिन नातन,
I Ki UrduGeoD 4:6  महल का इंचार्ज : अख़ीसर, बेगारियों का इंचार्ज : अदूनीराम बिन अबदा
I Ki UrduGeoD 4:7  सुलेमान ने मुल्के-इसराईल को बारह ज़िलों में तक़सीम करके हर ज़िले पर एक अफ़सर मुक़र्रर किया था। इन अफ़सरों की एक ज़िम्मादारी यह थी कि दरबार की ज़रूरियात पूरी करें। हर अफ़सर को साल में एक माह की ज़रूरियात पूरी करनी थीं।
I Ki UrduGeoD 4:8  दर्जे-ज़ैल इन अफ़सरों और उनके इलाक़ों की फ़हरिस्त है। बिन-हूर : इफ़राईम का पहाड़ी इलाक़ा,
I Ki UrduGeoD 4:9  बिन-दिक़र : मक़स, सालबीम, बैत-शम्स और ऐलोन-बैत-हनान,
I Ki UrduGeoD 4:10  बिन-हसद : अरुब्बोत, सोका और हिफ़र का इलाक़ा,
I Ki UrduGeoD 4:11  सुलेमान की बेटी ताफ़त का शौहर बिन-अबीनदाब : साहिली शहर दोर का पहाड़ी इलाक़ा,
I Ki UrduGeoD 4:12  बाना बिन अख़ीलूद : तानक, मजिद्दो और उस बैत-शान का पूरा इलाक़ा जो ज़रतान के पड़ोस में यज़्रएल के नीचे वाक़े है, नीज़ बैत-शान से लेकर अबील-महूला तक का पूरा इलाक़ा बशमूल युक़मियाम,
I Ki UrduGeoD 4:13  बिन-जबर : जिलियाद में रामात का इलाक़ा बशमूल याईर बिन मनस्सी की बस्तियाँ, फिर बसन में अरजूब का इलाक़ा। इसमें 60 ऐसे फ़सीलदार शहर शामिल थे जिनके दरवाज़ों पर पीतल के कुंडे लगे थे,
I Ki UrduGeoD 4:14  अख़ी-नदाब बिन इद्दू : महनायम,
I Ki UrduGeoD 4:15  सुलेमान की बेटी बासमत का शौहर अख़ीमाज़ : नफ़ताली का क़बायली इलाक़ा,
I Ki UrduGeoD 4:16  बाना बिन हूसी : आशर का क़बायली इलाक़ा और बालोत,
I Ki UrduGeoD 4:17  यहूसफ़त बिन फ़रूह : इशकार का क़बायली इलाक़ा,
I Ki UrduGeoD 4:18  सिमई बिन ऐला : बिनयमीन का क़बायली इलाक़ा,
I Ki UrduGeoD 4:19  जबर बिन ऊरी जिलियाद का वह इलाक़ा जिस पर पहले अमोरी बादशाह सीहोन और बसन के बादशाह ओज की हुकूमत थी। इस पूरे इलाक़े पर सिर्फ़ यही एक अफ़सर मुक़र्रर था।
I Ki UrduGeoD 4:20  उस ज़माने में इसराईल और यहूदाह के लोग साहिल की रेत की मानिंद बेशुमार थे। लोगों को खाने और पीने की सब चीज़ें दस्तयाब थीं, और वह ख़ुश थे।
I Ki UrduGeoD 4:21  सुलेमान दरियाए-फ़ुरात से लेकर फ़िलिस्तियों के इलाक़े और मिसरी सरहद तक तमाम ममालिक पर हुकूमत करता था। उसके जीते-जी यह ममालिक उसके ताबे रहे और उसे ख़राज देते थे।
I Ki UrduGeoD 4:22  सुलेमान के दरबार की रोज़ाना ज़रूरियात यह थीं : तक़रीबन 5,000 किलोग्राम बारीक मैदा, तक़रीबन 10,000 किलोग्राम आम मैदा,
I Ki UrduGeoD 4:23  10 मोटे-ताज़े बैल, चरागाहों में पले हुए 20 आम बैल, 100 भेड़-बकरियाँ, और इसके अलावा हिरन, ग़ज़ाल, मृग और मुख़्तलिफ़ क़िस्म के मोटे-ताज़े मुरग़।
I Ki UrduGeoD 4:24  जितने ममालिक दरियाए-फ़ुरात के मग़रिब में थे उन सब पर सुलेमान की हुकूमत थी, यानी तिफ़सह से लेकर ग़ज़्ज़ा तक। किसी भी पड़ोसी मुल्क से उसका झगड़ा नहीं था, बल्कि सबके साथ सुलह थी।
I Ki UrduGeoD 4:25  उसके जीते-जी पूरे यहूदाह और इसराईल में सुलह-सलामती रही। शिमाल में दान से लेकर जुनूब में बैर-सबा तक हर एक सलामती से अंगूर की अपनी बेल और अंजीर के अपने दरख़्त के साय में बैठ सकता था।
I Ki UrduGeoD 4:26  अपने रथों के घोड़ों के लिए सुलेमान ने 4,000 थान बनवाए। उसके 12,000 घोड़े थे।
I Ki UrduGeoD 4:27  बारह ज़िलों पर मुक़र्रर अफ़सर बाक़ायदगी से सुलेमान बादशाह और उसके दरबार की ज़रूरियात पूरी करते रहे। हर एक को साल में एक माह के लिए सब कुछ मुहैया करना था। उनकी मेहनत की वजह से दरबार में कोई कमी न हुई।
I Ki UrduGeoD 4:28  बादशाह की हिदायत के मुताबिक़ वह रथों के घोड़ों और दूसरे घोड़ों के लिए दरकार जौ और भूसा बराहे-रास्त उनके थानों तक पहुँचाते थे।
I Ki UrduGeoD 4:29  अल्लाह ने सुलेमान को बहुत ज़्यादा हिकमत और समझ अता की। उसे साहिल की रेत जैसा वसी इल्म हासिल हुआ।
I Ki UrduGeoD 4:30  उस की हिकमत इसराईल के मशरिक़ में रहनेवाले और मिसर के आलिमों से कहीं ज़्यादा थी।
I Ki UrduGeoD 4:31  इस लिहाज़ से कोई भी उसके बराबर नहीं था। वह ऐतान इज़राही और महोल के बेटों हैमान, कलकूल और दरदा पर भी सबक़त ले गया था। उस की शोहरत इर्दगिर्द के तमाम ममालिक में फैल गई।
I Ki UrduGeoD 4:32  उसने 3,000 कहावतें और 1,005 गीत लिख दिए।
I Ki UrduGeoD 4:33  वह तफ़सील से मुख़्तलिफ़ क़िस्म के पौदों के बारे में बात कर सकता था, लुबनान में देवदार के बड़े दरख़्त से लेकर छोटे पौदे ज़ूफ़ा तक जो दीवार की दराड़ों में उगता है। वह महारत से चौपाइयों, परिंदों, रेंगनेवाले जानवरों और मछलियों की तफ़सीलात भी बयान कर सकता था।
I Ki UrduGeoD 4:34  चुनाँचे तमाम ममालिक के बादशाहों ने अपने सफ़ीरों को सुलेमान के पास भेज दिया ताकि उस की हिकमत सुनें।
Chapter 5
I Ki UrduGeoD 5:1  सूर का बादशाह हीराम हमेशा दाऊद का अच्छा दोस्त रहा था। जब उसे ख़बर मिली कि दाऊद के बाद सुलेमान को मसह करके बादशाह बनाया गया है तो उसने अपने सफ़ीरों को उसे मुबारकबाद देने के लिए भेज दिया।
I Ki UrduGeoD 5:2  तब सुलेमान ने हीराम को पैग़ाम भेजा,
I Ki UrduGeoD 5:3  “आप जानते हैं कि मेरे बाप दाऊद रब अपने ख़ुदा के नाम के लिए घर तामीर करना चाहते थे। लेकिन यह उनके बस की बात नहीं थी, क्योंकि उनके जीते-जी इर्दगिर्द के ममालिक उनसे जंग करते रहे। गो रब ने दाऊद को तमाम दुश्मनों पर फ़तह बख़्शी थी, लेकिन लड़ते लड़ते वह रब का घर न बना सके।
I Ki UrduGeoD 5:4  अब हालात फ़रक़ हैं : रब मेरे ख़ुदा ने मुझे पूरा सुकून अता किया है। चारों तरफ़ न कोई मुख़ालिफ़ नज़र आता है, न कोई ख़तरा।
I Ki UrduGeoD 5:5  इसलिए मैं रब अपने ख़ुदा के नाम के लिए घर तामीर करना चाहता हूँ। क्योंकि मेरे बाप दाऊद के जीते-जी रब ने उनसे वादा किया था, ‘तेरे जिस बेटे को मैं तेरे बाद तख़्त पर बिठाऊँगा वही मेरे नाम के लिए घर बनाएगा।’
I Ki UrduGeoD 5:6  अब गुज़ारिश है कि आपके लकड़हारे लुबनान में मेरे लिए देवदार के दरख़्त काट दें। मेरे लोग उनके साथ मिलकर काम करेंगे। आपके लोगों की मज़दूरी मैं ही अदा करूँगा। जो कुछ भी आप कहेंगे मैं उन्हें दूँगा। आप तो ख़ूब जानते हैं कि हमारे हाँ सैदा के लकड़हारों जैसे माहिर नहीं हैं।”
I Ki UrduGeoD 5:7  जब हीराम को सुलेमान का पैग़ाम मिला तो वह बहुत ख़ुश होकर बोल उठा, “आज रब की हम्द हो जिसने दाऊद को इस बड़ी क़ौम पर हुकूमत करने के लिए इतना दानिशमंद बेटा अता किया है!”
I Ki UrduGeoD 5:8  सुलेमान को हीराम ने जवाब भेजा, “मुझे आपका पैग़ाम मिल गया है, और मैं आपकी ज़रूर मदद करूँगा। देवदार और जूनीपर की जितनी लकड़ी आपको चाहिए वह मैं आपके पास पहुँचा दूँगा।
I Ki UrduGeoD 5:9  मेरे लोग दरख़्तों के तने लुबनान के पहाड़ी इलाक़े से नीचे साहिल तक लाएँगे जहाँ हम उनके बेड़े बाँधकर समुंदर पर उस जगह पहुँचा देंगे जो आप मुक़र्रर करेंगे। वहाँ हम तनों के रस्से खोल देंगे, और आप उन्हें ले जा सकेंगे। मुआवज़े में आप मुझे इतनी ख़ुराक मुहैया करें कि मेरे दरबार की ज़रूरियात पूरी हो जाएँ।”
I Ki UrduGeoD 5:10  चुनाँचे हीराम ने सुलेमान को देवदार और जूनीपर की उतनी लकड़ी मुहैया की जितनी उसे ज़रूरत थी।
I Ki UrduGeoD 5:11  मुआवज़े में सुलेमान उसे सालाना तक़रीबन 32,50,000 किलोग्राम गंदुम और तक़रीबन 4,40,000 लिटर ज़ैतून का तेल भेजता रहा।
I Ki UrduGeoD 5:12  इसके अलावा सुलेमान और हीराम ने आपस में सुलह का मुआहदा किया। यों रब ने सुलेमान को हिकमत अता की जिस तरह उसने उससे वादा किया था।
I Ki UrduGeoD 5:13  सुलेमान बादशाह ने लुबनान में यह काम करने के लिए इसराईल में से 30,000 आदमियों की बेगार पर भरती की। उसने अदूनीराम को उन पर मुक़र्रर किया। हर माह वह बारी बारी 10,000 अफ़राद को लुबनान में भेजता रहा। यों हर मज़दूर एक माह लुबनान में और दो माह घर में रहता।
I Ki UrduGeoD 5:14  सुलेमान बादशाह ने लुबनान में यह काम करने के लिए इसराईल में से 30,000 आदमियों की बेगार पर भरती की। उसने अदूनीराम को उन पर मुक़र्रर किया। हर माह वह बारी बारी 10,000 अफ़राद को लुबनान में भेजता रहा। यों हर मज़दूर एक माह लुबनान में और दो माह घर में रहता।
I Ki UrduGeoD 5:15  सुलेमान ने 80,000 आदमियों को कानों में लगाया ताकि वह पत्थर निकालें। 70,000 अफ़राद यह पत्थर यरूशलम लाते थे।
I Ki UrduGeoD 5:16  उन लोगों पर 3,300 निगरान मुक़र्रर थे।
I Ki UrduGeoD 5:17  बादशाह के हुक्म पर वह कानों से बेहतरीन पत्थर के बड़े बड़े टुकड़े निकाल लाए और उन्हें तराशकर रब के घर की बुनियाद के लिए तैयार किया।
I Ki UrduGeoD 5:18  जबल के कारीगरों ने सुलेमान और हीराम के कारीगरों की मदद की। उन्होंने मिलकर पत्थर के बड़े बड़े टुकड़े और लकड़ी को तराशकर रब के घर की तामीर के लिए तैयार किया।
Chapter 6
I Ki UrduGeoD 6:1  सुलेमान ने अपनी हुकूमत के चौथे साल के दूसरे महीने ज़ीब में रब के घर की तामीर शुरू की। इसराईल को मिसर से निकले 480 साल गुज़र चुके थे।
I Ki UrduGeoD 6:2  इमारत की लंबाई 90 फ़ुट, चौड़ाई 30 फ़ुट और ऊँचाई 45 फ़ुट थी।
I Ki UrduGeoD 6:3  सामने एक बरामदा बनाया गया जो इमारत जितना चौड़ा यानी 30 फ़ुट और आगे की तरफ़ 15 फ़ुट लंबा था।
I Ki UrduGeoD 6:4  इमारत की दीवारों में खिड़कियाँ थीं जिन पर जंगले लगे थे।
I Ki UrduGeoD 6:5  इमारत से बाहर आकर सुलेमान ने दाएँ बाएँ की दीवारों और पिछली दीवार के साथ एक ढाँचा खड़ा किया जिसकी तीन मनज़िलें थीं और जिसमें मुख़्तलिफ़ कमरे थे।
I Ki UrduGeoD 6:6  निचली मनज़िल की अंदर की चौड़ाई साढ़े 7 फ़ुट, दरमियानी मनज़िल की 9 फ़ुट और ऊपर की मनज़िल की साढ़े 10 फ़ुट थी। वजह यह थी कि रब के घर की बैरूनी दीवार की मोटाई मनज़िल बमनज़िल कम होती गई। इस तरीक़े से बैरूनी ढाँचे की दूसरी और तीसरी मनज़िल के शहतीरों के लिए रब के घर की दीवार में सूराख़ बनाने की ज़रूरत नहीं थी बल्कि उन्हें दीवार पर ही रखा गया। यानी दरमियानी मनज़िल की इमारतवाली दीवार निचली की दीवार की निसबत कम मोटी और ऊपरवाली मनज़िल की इमारतवाली दीवार दरमियानी मनज़िल की दीवार की निसबत कम मोटी थी। यों इस ढाँचे की छतों के शहतीरों को इमारत की दीवार तोड़कर उसमें लगाने की ज़रूरत नहीं थी बल्कि उन्हें इमारत की दीवार पर ही रखा गया।
I Ki UrduGeoD 6:7  जो पत्थर रब के घर की तामीर के लिए इस्तेमाल हुए उन्हें पत्थर की कान के अंदर ही तराशकर तैयार किया गया। इसलिए जब उन्हें ज़ेरे-तामीर इमारत के पास लाकर जोड़ा गया तो न हथौड़ों, न छैनी न लोहे के किसी और औज़ार की आवाज़ सुनाई दी।
I Ki UrduGeoD 6:8  इस ढाँचे में दाख़िल होने के लिए इमारत की दहनी दीवार में दरवाज़ा बनाया गया। वहाँ से एक सीढ़ी परस्तार को दरमियानी और ऊपर की मनज़िल तक पहुँचाती थी।
I Ki UrduGeoD 6:9  यों सुलेमान ने इमारत को तकमील तक पहुँचाया। छत को देवदार के शहतीरों और तख़्तों से बनाया गया।
I Ki UrduGeoD 6:10  जो ढाँचा इमारत के तीनों तरफ़ खड़ा किया गया उसे देवदार के शहतीरों से इमारत की बाहरवाली दीवार के साथ जोड़ा गया। उस की तीनों मनज़िलों की ऊँचाई साढ़े सात सात फ़ुट थी।
I Ki UrduGeoD 6:11  एक दिन रब सुलेमान से हमकलाम हुआ,
I Ki UrduGeoD 6:12  “जहाँ तक मेरी सुकूनतगाह का ताल्लुक़ है जो तू मेरे लिए बना रहा है, अगर तू मेरे तमाम अहकाम और हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारे तो मैं तेरे लिए वह कुछ करूँगा जिसका वादा मैंने तेरे बाप दाऊद से किया है।
I Ki UrduGeoD 6:13  तब मैं इसराईल के दरमियान रहूँगा और अपनी क़ौम को कभी तर्क नहीं करूँगा।”
I Ki UrduGeoD 6:14  जब इमारत की दीवारें और छत मुकम्मल हुईं
I Ki UrduGeoD 6:15  तो अंदरूनी दीवारों पर फ़र्श से लेकर छत तक देवदार के तख़्ते लगाए गए। फ़र्श पर जूनीपर के तख़्ते लगाए गए।
I Ki UrduGeoD 6:16  अब तक इमारत का एक ही कमरा था, लेकिन अब उसने देवदार के तख़्तों से फ़र्श से लेकर छत तक दीवार खड़ी करके पिछले हिस्से में अलग कमरा बना दिया जिसकी लंबाई 30 फ़ुट थी। यह मुक़द्दसतरीन कमरा बन गया।
I Ki UrduGeoD 6:17  जो हिस्सा सामने रह गया उसे मुक़द्दस कमरा मुक़र्रर किया गया। उस की लंबाई 60 फ़ुट थी।
I Ki UrduGeoD 6:18  इमारत की तमाम अंदरूनी दीवारों पर देवदार के तख़्ते यों लगे थे कि कहीं भी पत्थर नज़र न आया। तख़्तों पर तूँबे और फूल कंदा किए गए थे।
I Ki UrduGeoD 6:19  पिछले कमरे में रब के अहद का संदूक़ रखना था।
I Ki UrduGeoD 6:20  इस कमरे की लंबाई 30 फ़ुट, चौड़ाई 30 फ़ुट और ऊँचाई 30 फ़ुट थी। सुलेमान ने इसकी तमाम दीवारों और फ़र्श पर ख़ालिस सोना चढ़ाया। मुक़द्दसतरीन कमरे के सामने देवदार की क़ुरबानगाह थी। उस पर भी सोना मँढा गया
I Ki UrduGeoD 6:21  बल्कि इमारत के सामनेवाले कमरे की दीवारों, छत और फ़र्श पर भी सोना मँढा गया। मुक़द्दसतरीन कमरे के दरवाज़े पर सोने की ज़ंजीरें लगाई गईं।
I Ki UrduGeoD 6:22  चुनाँचे इमारत की तमाम अंदरूनी दीवारों, छत और फ़र्श पर सोना मँढा गया, और इसी तरह मुक़द्दसतरीन कमरे के सामने की क़ुरबानगाह पर भी।
I Ki UrduGeoD 6:23  फिर सुलेमान ने ज़ैतून की लकड़ी से दो करूबी फ़रिश्ते बनवाए जिन्हें मुक़द्दसतरीन कमरे में रखा गया। इन मुजस्समों का क़द 15 फ़ुट था।
I Ki UrduGeoD 6:24  दोनों शक्लो-सूरत में एक जैसे थे। हर एक के दो पर थे, और हर पर की लंबाई साढ़े सात सात फ़ुट थी। चुनाँचे एक पर के सिरे से दूसरे पर के सिरे तक का फ़ासला 15 फ़ुट था।
I Ki UrduGeoD 6:25  दोनों शक्लो-सूरत में एक जैसे थे। हर एक के दो पर थे, और हर पर की लंबाई साढ़े सात सात फ़ुट थी। चुनाँचे एक पर के सिरे से दूसरे पर के सिरे तक का फ़ासला 15 फ़ुट था।
I Ki UrduGeoD 6:26  हर एक का क़द 15 फ़ुट था।
I Ki UrduGeoD 6:27  उन्हें मुक़द्दसतरीन कमरे में यों एक दूसरे के साथ खड़ा किया गया कि हर फ़रिश्ते का एक पर दूसरे के पर से लगता जबकि दाईं और बाईं तरफ़ हर एक का दूसरा पर दीवार के साथ लगता था।
I Ki UrduGeoD 6:28  इन फ़रिश्तों पर भी सोना मँढा गया।
I Ki UrduGeoD 6:29  मुक़द्दस और मुक़द्दसतरीन कमरों की दीवारों पर करूबी फ़रिश्ते, खजूर के दरख़्त और फूल कंदा किए गए।
I Ki UrduGeoD 6:30  दोनों कमरों के फ़र्श पर भी सोना मँढा गया।
I Ki UrduGeoD 6:31  सुलेमान ने मुक़द्दसतरीन कमरे का दरवाज़ा ज़ैतून की लकड़ी से बनवाया। उसके दो किवाड़ थे, और चौखट की लकड़ी के पाँच कोने थे।
I Ki UrduGeoD 6:32  दरवाज़े के किवाड़ों पर करूबी फ़रिश्ते, खजूर के दरख़्त और फूल कंदा किए गए। इन किवाड़ों पर भी फ़रिश्तों और खजूर के दरख़्तों समेत सोना मँढा गया।
I Ki UrduGeoD 6:33  सुलेमान ने इमारत में दाख़िल होनेवाले दरवाज़े के लिए भी ज़ैतून की लकड़ी से चौखट बनवाई, लेकिन उस की लकड़ी के चार कोने थे।
I Ki UrduGeoD 6:34  इस दरवाज़े के दो किवाड़ जूनीपर की लकड़ी के बने हुए थे। दोनों किवाड़ दीवार तक घूम सकते थे।
I Ki UrduGeoD 6:35  इन किवाड़ों पर भी करूबी फ़रिश्ते, खजूर के दरख़्त और फूल कंदा किए गए थे। फिर उन पर सोना यों मँढा गया कि वह अच्छी तरह इन बेल-बूटों के साथ लग गया।
I Ki UrduGeoD 6:36  इमारत के सामने एक अंदरूनी सहन बनाया गया जिसकी चारदीवारी यों तामीर हुई कि पत्थर के हर तीन रद्दों के बाद देवदार के शहतीरों का एक रद्दा लगाया गया।
I Ki UrduGeoD 6:37  रब के घर की बुनियाद सुलेमान की हुकूमत के चौथे साल के दूसरे महीने ज़ीब में डाली गई,
I Ki UrduGeoD 6:38  और उस की हुकूमत के ग्यारहवें साल के आठवें महीने बूल में इमारत मुकम्मल हुई। सब कुछ नक़्शे के ऐन मुताबिक़ बना। इस काम पर कुल सात साल लग गए।
Chapter 7
I Ki UrduGeoD 7:1  जो महल सुलेमान ने बनवाया वह 13 साल के बाद मुकम्मल हुआ।
I Ki UrduGeoD 7:2  उस की एक इमारत का नाम ‘लुबनान का जंगल’ था। इमारत की लंबाई 150 फ़ुट, चौड़ाई 75 फ़ुट और ऊँचाई 45 फ़ुट थी। निचली मनज़िल एक बड़ा हाल था जिसके देवदार की लकड़ी के 45 सतून थे। पंद्रह पंद्रह सतूनों को तीन क़तारों में खड़ा किया गया था। सतूनों पर शहतीर थे जिन पर दूसरी मनज़िल के फ़र्श के लिए देवदार के तख़्ते लगाए गए थे। दूसरी मनज़िल के मुख़्तलिफ़ कमरे थे, और छत भी देवदार की लकड़ी से बनाई गई थी।
I Ki UrduGeoD 7:3  उस की एक इमारत का नाम ‘लुबनान का जंगल’ था। इमारत की लंबाई 150 फ़ुट, चौड़ाई 75 फ़ुट और ऊँचाई 45 फ़ुट थी। निचली मनज़िल एक बड़ा हाल था जिसके देवदार की लकड़ी के 45 सतून थे। पंद्रह पंद्रह सतूनों को तीन क़तारों में खड़ा किया गया था। सतूनों पर शहतीर थे जिन पर दूसरी मनज़िल के फ़र्श के लिए देवदार के तख़्ते लगाए गए थे। दूसरी मनज़िल के मुख़्तलिफ़ कमरे थे, और छत भी देवदार की लकड़ी से बनाई गई थी।
I Ki UrduGeoD 7:4  हाल की दोनों लंबी दीवारों में तीन तीन खिड़कियाँ थीं, और एक दीवार की खिड़कियाँ दूसरी दीवार की खिड़कियों के बिलकुल मुक़ाबिल थीं।
I Ki UrduGeoD 7:5  इन दीवारों के तीन तीन दरवाज़े भी एक दूसरे के मुक़ाबिल थे। उनकी चौखटों की लकड़ी के चार चार कोने थे।
I Ki UrduGeoD 7:6  इसके अलावा सुलेमान ने सतूनों का हाल बनवाया जिसकी लंबाई 75 फ़ुट और चौड़ाई 45 फ़ुट थी। हाल के सामने सतूनों का बरामदा था।
I Ki UrduGeoD 7:7  उसने दीवान भी तामीर किया जो दीवाने-अदल कहलाता था। उसमें उसका तख़्त था, और वहाँ वह लोगों की अदालत करता था। दीवान की चारों दीवारों पर फ़र्श से लेकर छत तक देवदार के तख़्ते लगे हुए थे।
I Ki UrduGeoD 7:8  दीवान के पीछे सहन था जिसमें बादशाह का रिहाइशी महल था। महल का डिज़ायन दीवान जैसा था। उस की मिसरी बीवी फ़िरौन की बेटी का महल भी डिज़ायन में दीवान से मुताबिक़त रखता था।
I Ki UrduGeoD 7:9  यह तमाम इमारतें बुनियादों से लेकर छत तक और बाहर से लेकर बड़े सहन तक आला क़िस्म के पत्थरों से बनी हुई थीं, ऐसे पत्थरों से जो चारों तरफ़ आरी से नाप के ऐन मुताबिक़ काटे गए थे।
I Ki UrduGeoD 7:10  बुनियादों के लिए उम्दा क़िस्म के बड़े बड़े पत्थर इस्तेमाल हुए। बाज़ की लंबाई 12 और बाज़ की 15 फ़ुट थी।
I Ki UrduGeoD 7:11  इन पर आला क़िस्म के पत्थरों की दीवारें खड़ी की गईं। दीवारों में देवदार के शहतीर भी लगाए गए।
I Ki UrduGeoD 7:12  बड़े सहन की चारदीवारी यों बनाई गई कि पत्थरों के हर तीन रद्दों के बाद देवदार के शहतीरों का एक रद्दा लगाया गया था। जो अंदरूनी सहन रब के घर के इर्दगिर्द था उस की चारदीवारी भी इसी तरह ही बनाई गई, और इसी तरह रब के घर के बरामदे की दीवारें भी।
I Ki UrduGeoD 7:13  फिर सुलेमान बादशाह ने सूर के एक आदमी को बुलाया जिसका नाम हीराम था।
I Ki UrduGeoD 7:14  उस की माँ इसराईली क़बीले नफ़ताली की बेवा थी जबकि उसका बाप सूर का रहनेवाला और पीतल का कारीगर था। हीराम बड़ी हिकमत, समझदारी और महारत से पीतल की हर चीज़ बना सकता था। इस क़िस्म का काम करने के लिए वह सुलेमान बादशाह के पास आया।
I Ki UrduGeoD 7:15  पहले उसने पीतल के दो सतून ढाल दिए। हर सतून की ऊँचाई 27 फ़ुट और घेरा 18 फ़ुट था।
I Ki UrduGeoD 7:16  फिर उसने हर सतून के लिए पीतल का बालाई हिस्सा ढाल दिया जिसकी ऊँचाई साढ़े 7 फ़ुट थी।
I Ki UrduGeoD 7:17  हर बालाई हिस्से को एक दूसरे के साथ ख़ूबसूरती से मिलाई गई सात ज़ंजीरों से आरास्ता किया गया।
I Ki UrduGeoD 7:18  इन ज़ंजीरों के ऊपर हीराम ने हर बालाई हिस्से को पीतल के 200 अनारों से सजाया जो दो क़तारों में लगाए गए। फिर बालाई हिस्से सतूनों पर लगाए गए। बालाई हिस्सों की सोसन के फूल की-सी शक्ल थी, और यह फूल 6 फ़ुट ऊँचे थे।
I Ki UrduGeoD 7:19  इन ज़ंजीरों के ऊपर हीराम ने हर बालाई हिस्से को पीतल के 200 अनारों से सजाया जो दो क़तारों में लगाए गए। फिर बालाई हिस्से सतूनों पर लगाए गए। बालाई हिस्सों की सोसन के फूल की-सी शक्ल थी, और यह फूल 6 फ़ुट ऊँचे थे।
I Ki UrduGeoD 7:20  इन ज़ंजीरों के ऊपर हीराम ने हर बालाई हिस्से को पीतल के 200 अनारों से सजाया जो दो क़तारों में लगाए गए। फिर बालाई हिस्से सतूनों पर लगाए गए। बालाई हिस्सों की सोसन के फूल की-सी शक्ल थी, और यह फूल 6 फ़ुट ऊँचे थे।
I Ki UrduGeoD 7:21  हीराम ने दोनों सतून रब के घर के बरामदे के सामने खड़े किए। दहने हाथ के सतून का नाम उसने ‘यकीन’ और बाएँ हाथ के सतून का नाम ‘बोअज़’ रखा।
I Ki UrduGeoD 7:22  बालाई हिस्से सोसन-नुमा थे। चुनाँचे काम मुकम्मल हुआ।
I Ki UrduGeoD 7:23  इसके बाद हीराम ने पीतल का बड़ा गोल हौज़ ढाल दिया जिसका नाम ‘समुंदर’ रखा गया। उस की ऊँचाई साढ़े 7 फ़ुट, उसका मुँह 15 फ़ुट चौड़ा और उसका घेरा तक़रीबन 45 फ़ुट था।
I Ki UrduGeoD 7:24  हौज़ के किनारे के नीचे तूँबों की दो क़तारें थीं। फ़ी फ़ुट तक़रीबन 6 तूँबे थे। तूँबे और हौज़ मिलकर ढाले गए थे।
I Ki UrduGeoD 7:25  हौज़ को बैलों के 12 मुजस्समों पर रखा गया। तीन बैलों का रुख़ शिमाल की तरफ़, तीन का रुख़ मग़रिब की तरफ़, तीन का रुख़ जुनूब की तरफ़ और तीन का रुख़ मशरिक़ की तरफ़ था। उनके पिछले हिस्से हौज़ की तरफ़ थे, और हौज़ उनके कंधों पर पड़ा था।
I Ki UrduGeoD 7:26  हौज़ का किनारा प्याले बल्कि सोसन के फूल की तरह बाहर की तरफ़ मुड़ा हुआ था। उस की दीवार तक़रीबन तीन इंच मोटी थी, और हौज़ में पानी के तक़रीबन 44,000 लिटर समा जाते थे।
I Ki UrduGeoD 7:27  फिर हीराम ने पानी के बासन उठाने के लिए पीतल की हथगाड़ियाँ बनाईं। हर गाड़ी की लंबाई 6 फ़ुट, चौड़ाई 6 फ़ुट और ऊँचाई साढ़े 4 फ़ुट थी।
I Ki UrduGeoD 7:28  हर गाड़ी का ऊपर का हिस्सा सरियों से मज़बूत किया गया फ़्रेम था।
I Ki UrduGeoD 7:29  फ़्रेम के बैरूनी पहलू शेरबबरों, बैलों और करूबी फ़रिश्तों से सजे हुए थे। शेरों और बैलों के ऊपर और नीचे पीतल के सेहरे लगे हुए थे।
I Ki UrduGeoD 7:30  हर गाड़ी के चार पहिये और दो धुरे थे। यह भी पीतल के थे। चारों कोनों पर पीतल के ऐसे टुकड़े लगे थे जिन पर बासन रखे जाते थे। यह टुकड़े भी सेहरों से सजे हुए थे।
I Ki UrduGeoD 7:31  फ़्रेम के अंदर जिस जगह बासन को रखा जाता था वह गोल थी। उस की ऊँचाई डेढ़ फ़ुट थी, और उसका मुँह सवा दो फ़ुट चौड़ा था। उसके बैरूनी पहलू पर चीज़ें कंदा की गई थीं। गाड़ी का फ़्रेम गोल नहीं बल्कि चौरस था।
I Ki UrduGeoD 7:32  गाड़ी के फ़्रेम के नीचे मज़कूरा चार पहिये थे जो धुरों से जुड़े थे। धुरे फ़्रेम के साथ ही ढल गए थे। हर पहिया सवा दो फ़ुट चौड़ा था।
I Ki UrduGeoD 7:33  पहिये रथों के पहियों की मानिंद थे। उनके धुरे, किनारे, तार और नाभें सबके सब पीतल से ढाले गए थे।
I Ki UrduGeoD 7:34  गाड़ियों के चार कोनों पर दस्ते लगे थे जो फ़्रेम के साथ मिलकर ढाले गए थे।
I Ki UrduGeoD 7:35  हर गाड़ी के ऊपर का किनारा नौ इंच ऊँचा था। कोनों पर लगे दस्ते और फ़्रेम के पहलू हर जगह करूबी फ़रिश्तों, शेरबबरों और खजूर के दरख़्तों से सजे हुए थे। चारों तरफ़ सेहरे भी कंदा किए गए।
I Ki UrduGeoD 7:36  हर गाड़ी के ऊपर का किनारा नौ इंच ऊँचा था। कोनों पर लगे दस्ते और फ़्रेम के पहलू हर जगह करूबी फ़रिश्तों, शेरबबरों और खजूर के दरख़्तों से सजे हुए थे। चारों तरफ़ सेहरे भी कंदा किए गए।
I Ki UrduGeoD 7:37  हीराम ने दसों गाड़ियों को एक ही साँचे में ढाला, इसलिए सब एक जैसी थीं।
I Ki UrduGeoD 7:38  हीराम ने हर गाड़ी के लिए पीतल का बासन ढाल दिया। हर बासन 6 फ़ुट चौड़ा था, और उसमें 880 लिटर पानी समा जाता था।
I Ki UrduGeoD 7:39  उसने पाँच गाड़ियाँ रब के घर के दाएँ हाथ और पाँच उसके बाएँ हाथ खड़ी कीं। हौज़ बनाम समुंदर को उसने रब के घर के जुनूब-मशरिक़ में रख दिया।
I Ki UrduGeoD 7:40  हीराम ने बासन, बेलचे और छिड़काव के कटोरे भी बनाए। यों उसने रब के घर में वह सारा काम मुकम्मल किया जिसके लिए सुलेमान बादशाह ने उसे बुलाया था। उसने ज़ैल की चीज़ें बनाईं :
I Ki UrduGeoD 7:41  दो सतून, सतूनों पर लगे प्यालानुमा बालाई हिस्से, बालाई हिस्सों पर लगी ज़ंजीरों का डिज़ायन,
I Ki UrduGeoD 7:42  ज़ंजीरों के ऊपर लगे अनार (फ़ी बालाई हिस्सा 200 अदद),
I Ki UrduGeoD 7:43  10 हथगाड़ियाँ, इन पर के पानी के 10 बासन,
I Ki UrduGeoD 7:44  हौज़ बनाम समुंदर, इसे उठानेवाले बैल के 12 मुजस्समे,
I Ki UrduGeoD 7:45  बालटियाँ, बेलचे और छिड़काव के कटोरे। यह तमाम सामान जो हीराम ने सुलेमान के हुक्म पर रब के घर के लिए बनाया पीतल से ढालकर पालिश किया गया था।
I Ki UrduGeoD 7:46  बादशाह ने उसे वादीए-यरदन में सुक्कात और ज़रतान के दरमियान ढलवाया। वहाँ एक फ़ौंडरी थी जहाँ हीराम ने गारे के साँचे बनाकर हर चीज़ ढाल दी।
I Ki UrduGeoD 7:47  इस सामान के लिए सुलेमान बादशाह ने इतना ज़्यादा पीतल इस्तेमाल किया कि उसका कुल वज़न मालूम न हो सका।
I Ki UrduGeoD 7:48  रब के घर के अंदर के लिए सुलेमान ने दर्जे-ज़ैल सामान बनवाया : सोने की क़ुरबानगाह, सोने की वह मेज़ जिस पर रब के लिए मख़सूस रोटियाँ पड़ी रहती थीं,
I Ki UrduGeoD 7:49  ख़ालिस सोने के 10 शमादान जो मुक़द्दसतरीन कमरे के सामने रखे गए, पाँच दरवाज़े के दहने हाथ और पाँच उसके बाएँ हाथ, सोने के वह फूल जिनसे शमादान आरास्ता थे, सोने के चराग़ और बत्ती को बुझाने के औज़ार,
I Ki UrduGeoD 7:50  ख़ालिस सोने के बासन, चराग़ को कतरने के औज़ार, छिड़काव के कटोरे और प्याले, जलते हुए कोयले के लिए ख़ालिस सोने के बरतन, मुक़द्दसतरीन कमरे और बड़े हाल के दरवाज़ों के क़ब्ज़े।
I Ki UrduGeoD 7:51  रब के घर की तकमील पर सुलेमान बादशाह ने वह सोना-चाँदी और बाक़ी तमाम क़ीमती चीज़ें रब के घर के ख़ज़ानों में रखवा दीं जो उसके बाप दाऊद ने रब के लिए मख़सूस की थीं।
Chapter 8
I Ki UrduGeoD 8:1  फिर सुलेमान ने इसराईल के तमाम बुज़ुर्गों और क़बीलों और कुंबों के तमाम सरपरस्तों को अपने पास यरूशलम में बुलाया, क्योंकि रब के अहद का संदूक़ अब तक यरूशलम के उस हिस्से में था जो ‘दाऊद का शहर’ या सिय्यून कहलाता है। सुलेमान चाहता था कि क़ौम के नुमाइंदे हाज़िर हों जब संदूक़ को वहाँ से रब के घर में पहुँचाया जाए।
I Ki UrduGeoD 8:2  चुनाँचे इसराईल के तमाम मर्द साल के सातवें महीने इतानीम में सुलेमान बादशाह के पास यरूशलम में जमा हुए। इसी महीने में झोंपड़ियों की ईद मनाई जाती थी।
I Ki UrduGeoD 8:3  जब सब जमा हुए तो इमाम रब के संदूक़ को उठाकर
I Ki UrduGeoD 8:4  रब के घर में लाए। लावियों के साथ मिलकर उन्होंने मुलाक़ात के ख़ैमे को भी उसके तमाम मुक़द्दस सामान समेत रब के घर में पहुँचाया।
I Ki UrduGeoD 8:5  वहाँ संदूक़ के सामने सुलेमान बादशाह और बाक़ी तमाम जमा हुए इसराईलियों ने इतनी भेड़-बकरियाँ और गाय-बैल क़ुरबान किए कि उनकी तादाद गिनी नहीं जा सकती थी।
I Ki UrduGeoD 8:6  इमामों ने रब के अहद का संदूक़ पिछले यानी मुक़द्दसतरीन कमरे में लाकर करूबी फ़रिश्तों के परों के नीचे रख दिया।
I Ki UrduGeoD 8:7  फ़रिश्तों के पर पूरे संदूक़ पर उस की उठाने की लकड़ियों समेत फैले रहे।
I Ki UrduGeoD 8:8  तो भी उठाने की यह लकड़ियाँ इतनी लंबी थीं कि उनके सिरे सामनेवाले यानी मुक़द्दस कमरे से नज़र आते थे। लेकिन वह बाहर से देखे नहीं जा सकते थे। आज तक वह वहीं मौजूद हैं।
I Ki UrduGeoD 8:9  संदूक़ में सिर्फ़ पत्थर की वह दो तख़्तियाँ थीं जिनको मूसा ने होरिब यानी कोहे-सीना के दामन में उसमें रख दिया था, उस वक़्त जब रब ने मिसर से निकले हुए इसराईलियों के साथ अहद बाँधा था।
I Ki UrduGeoD 8:10  जब इमाम मुक़द्दस कमरे से निकलकर सहन में आए तो रब का घर एक बादल से भर गया। इमाम अपनी ख़िदमत अंजाम न दे सके, क्योंकि रब का घर उसके जलाल के बादल से मामूर हो गया था।
I Ki UrduGeoD 8:11  जब इमाम मुक़द्दस कमरे से निकलकर सहन में आए तो रब का घर एक बादल से भर गया। इमाम अपनी ख़िदमत अंजाम न दे सके, क्योंकि रब का घर उसके जलाल के बादल से मामूर हो गया था।
I Ki UrduGeoD 8:12  यह देखकर सुलेमान ने दुआ की, “रब ने फ़रमाया है कि मैं घने बादल के अंधेरे में रहूँगा।
I Ki UrduGeoD 8:13  यक़ीनन मैंने तेरे लिए अज़ीम सुकूनतगाह बनाई है, एक मक़ाम जो तेरी अबदी सुकूनत के लायक़ है।”
I Ki UrduGeoD 8:14  फिर बादशाह ने मुड़कर रब के घर के सामने खड़ी इसराईल की पूरी जमात की तरफ़ रुख़ किया। उसने उन्हें बरकत देकर कहा,
I Ki UrduGeoD 8:15  “रब इसराईल के ख़ुदा की तारीफ़ हो जिसने वह वादा पूरा किया है जो उसने मेरे बाप दाऊद से किया था। क्योंकि उसने फ़रमाया,
I Ki UrduGeoD 8:16  ‘जिस दिन मैं अपनी क़ौम इसराईल को मिसर से निकाल लाया उस दिन से लेकर आज तक मैंने कभी न फ़रमाया कि इसराईली क़बीलों के किसी शहर में मेरे नाम की ताज़ीम में घर बनाया जाए। लेकिन मैंने दाऊद को अपनी क़ौम इसराईल का बादशाह बनाया है।’
I Ki UrduGeoD 8:17  मेरे बाप दाऊद की बड़ी ख़ाहिश थी कि रब इसराईल के ख़ुदा के नाम की ताज़ीम में घर बनाए।
I Ki UrduGeoD 8:18  लेकिन रब ने एतराज़ किया, ‘मैं ख़ुश हूँ कि तू मेरे नाम की ताज़ीम में घर तामीर करना चाहता है,
I Ki UrduGeoD 8:19  लेकिन तू नहीं बल्कि तेरा बेटा ही उसे बनाएगा।’
I Ki UrduGeoD 8:20  और वाक़ई, रब ने अपना वादा पूरा किया है। मैं रब के वादे के ऐन मुताबिक़ अपने बाप दाऊद की जगह इसराईल का बादशाह बनकर तख़्त पर बैठ गया हूँ। और अब मैंने रब इसराईल के ख़ुदा के नाम की ताज़ीम में घर भी बनाया है।
I Ki UrduGeoD 8:21  उसमें मैंने उस संदूक़ के लिए मक़ाम तैयार कर रखा है जिसमें शरीअत की तख़्तियाँ पड़ी हैं, उस अहद की तख़्तियाँ जो रब ने हमारे बापदादा से मिसर से निकालते वक़्त बाँधा था।”
I Ki UrduGeoD 8:22  फिर सुलेमान इसराईल की पूरी जमात के देखते देखते रब की क़ुरबानगाह के सामने खड़ा हुआ। उसने अपने हाथ आसमान की तरफ़ उठाकर
I Ki UrduGeoD 8:23  दुआ की, “ऐ रब इसराईल के ख़ुदा, तुझ जैसा कोई ख़ुदा नहीं है, न आसमान और न ज़मीन पर। तू अपना वह अहद क़ायम रखता है जिसे तूने अपनी क़ौम के साथ बाँधा है और अपनी मेहरबानी उन सब पर ज़ाहिर करता है जो पूरे दिल से तेरी राह पर चलते हैं।
I Ki UrduGeoD 8:24  तूने अपने ख़ादिम दाऊद से किया हुआ वादा पूरा किया है। जो बात तूने अपने मुँह से मेरे बाप से की वह तूने अपने हाथ से आज ही पूरी की है।
I Ki UrduGeoD 8:25  ऐ रब इसराईल के ख़ुदा, अब अपनी दूसरी बात भी पूरी कर जो तूने अपने ख़ादिम दाऊद से की थी। क्योंकि तूने मेरे बाप से वादा किया था, ‘अगर तेरी औलाद तेरी तरह अपने चाल-चलन पर ध्यान देकर मेरे हुज़ूर चलती रहे तो इसराईल पर उस की हुकूमत हमेशा तक क़ायम रहेगी।’
I Ki UrduGeoD 8:26  ऐ इसराईल के ख़ुदा, अब बराहे-करम अपना यह वादा पूरा कर जो तूने अपने ख़ादिम मेरे बाप दाऊद से किया है।
I Ki UrduGeoD 8:27  लेकिन क्या अल्लाह वाक़ई ज़मीन पर सुकूनत करेगा? नहीं, तू तो बुलंदतरीन आसमान में भी समा नहीं सकता! तो फिर यह मकान जो मैंने बनाया है किस तरह तेरी सुकूनतगाह बन सकता है?
I Ki UrduGeoD 8:28  ऐ रब मेरे ख़ुदा, तो भी अपने ख़ादिम की दुआ और इल्तिजा सुन जब मैं आज तेरे हुज़ूर पुकारते हुए इलतमास करता हूँ
I Ki UrduGeoD 8:29  कि बराहे-करम दिन-रात इस इमारत की निगरानी कर! क्योंकि यह वह जगह है जिसके बारे में तूने ख़ुद फ़रमाया, ‘यहाँ मेरा नाम सुकूनत करेगा।’ चुनाँचे अपने ख़ादिम की गुज़ारिश सुन जो मैं इस मक़ाम की तरफ़ रुख़ किए हुए करता हूँ।
I Ki UrduGeoD 8:30  जब हम इस मक़ाम की तरफ़ रुख़ करके दुआ करें तो अपने ख़ादिम और अपनी क़ौम की इल्तिजा सुन। आसमान पर अपने तख़्त से हमारी सुन। और जब सुनेगा तो हमारे गुनाहों को मुआफ़ कर!
I Ki UrduGeoD 8:31  अगर किसी पर इलज़ाम लगाया जाए और उसे यहाँ तेरी क़ुरबानगाह के सामने लाया जाए ताकि हलफ़ उठाकर वादा करे कि मैं बेक़ुसूर हूँ
I Ki UrduGeoD 8:32  तो बराहे-करम आसमान पर से सुनकर अपने ख़ादिमों का इनसाफ़ कर। क़ुसूरवार को मुजरिम ठहराकर उसके अपने सर पर वह कुछ आने दे जो उससे सरज़द हुआ है, और बेक़ुसूर को बेइलज़ाम क़रार देकर उस की रास्तबाज़ी का बदला दे।
I Ki UrduGeoD 8:33  हो सकता है किसी वक़्त तेरी क़ौम इसराईल तेरा गुनाह करे और नतीजे में दुश्मन के सामने शिकस्त खाए। अगर इसराईली आख़िरकार तेरे पास लौट आएँ और तेरे नाम की तमजीद करके यहाँ इस घर में तुझसे दुआ और इलतमास करें
I Ki UrduGeoD 8:34  तो आसमान पर से उनकी फ़रियाद सुन लेना। अपनी क़ौम इसराईल का गुनाह मुआफ़ करके उन्हें दुबारा उस मुल्क में वापस लाना जो तूने उनके बापदादा को दे दिया था।
I Ki UrduGeoD 8:35  हो सकता है इसराईली तेरा इतना संगीन गुनाह करें कि काल पड़े और बड़ी देर तक बारिश न बरसे। अगर वह आख़िरकार इस घर की तरफ़ रुख़ करके तेरे नाम की तमजीद करें और तेरी सज़ा के बाइस अपना गुनाह छोड़कर लौट आएँ
I Ki UrduGeoD 8:36  तो आसमान पर से उनकी फ़रियाद सुन लेना। अपने ख़ादिमों और अपनी क़ौम इसराईल को मुआफ़ कर, क्योंकि तू ही उन्हें अच्छी राह की तालीम देता है। तब उस मुल्क पर दुबारा बारिश बरसा दे जो तूने अपनी क़ौम को मीरास में दे दिया है।
I Ki UrduGeoD 8:37  हो सकता है इसराईल में काल पड़ जाए, अनाज की फ़सल किसी बीमारी, फफूँदी, टिड्डियों या कीड़ों से मुतअस्सिर हो जाए, या दुश्मन किसी शहर का मुहासरा करे। जो भी मुसीबत या बीमारी हो,
I Ki UrduGeoD 8:38  अगर कोई इसराईली या तेरी पूरी क़ौम उसका सबब जानकर अपने हाथों को इस घर की तरफ़ बढ़ाए और तुझसे इलतमास करे
I Ki UrduGeoD 8:39  तो आसमान पर अपने तख़्त से उनकी फ़रियाद सुन लेना। उन्हें मुआफ़ करके वह कुछ कर जो ज़रूरी है। हर एक को उस की तमाम हरकतों का बदला दे, क्योंकि सिर्फ़ तू ही हर इनसान के दिल को जानता है।
I Ki UrduGeoD 8:40  फिर जितनी देर वह उस मुल्क में ज़िंदगी गुज़ारेंगे जो तूने हमारे बापदादा को दिया था उतनी देर वह तेरा ख़ौफ़ मानेंगे।
I Ki UrduGeoD 8:41  आइंदा परदेसी भी तेरे नाम के सबब से दूर-दराज़ ममालिक से आएँगे। अगरचे वह तेरी क़ौम इसराईल के नहीं होंगे
I Ki UrduGeoD 8:42  तो भी वह तेरे अज़ीम नाम, तेरी बड़ी क़ुदरत और तेरे ज़बरदस्त कामों के बारे में सुनकर आएँगे और इस घर की तरफ़ रुख़ करके दुआ करेंगे।
I Ki UrduGeoD 8:43  तब आसमान पर से उनकी फ़रियाद सुन लेना। जो भी दरख़ास्त वह पेश करें वह पूरी करना ताकि दुनिया की तमाम अक़वाम तेरा नाम जानकर तेरी क़ौम इसराईल की तरह ही तेरा ख़ौफ़ मानें और जान लें कि जो इमारत मैंने तामीर की है उस पर तेरे ही नाम का ठप्पा लगा है।
I Ki UrduGeoD 8:44  हो सकता है तेरी क़ौम के मर्द तेरी हिदायत के मुताबिक़ अपने दुश्मन से लड़ने के लिए निकलें। अगर वह तेरे चुने हुए शहर और उस इमारत की तरफ़ रुख़ करके दुआ करें जो मैंने तेरे नाम के लिए तामीर की है
I Ki UrduGeoD 8:45  तो आसमान पर से उनकी दुआ और इलतमास सुनकर उनके हक़ में इनसाफ़ क़ायम रखना।
I Ki UrduGeoD 8:46  हो सकता है वह तेरा गुनाह करें, ऐसी हरकतें तो हम सबसे सरज़द होती रहती हैं, और नतीजे में तू नाराज़ होकर उन्हें दुश्मन के हवाले कर दे जो उन्हें क़ैद करके अपने किसी दूर-दराज़ या क़रीबी मुल्क में ले जाए।
I Ki UrduGeoD 8:47  शायद वह जिलावतनी में तौबा करके दुबारा तेरी तरफ़ रुजू करें और तुझसे इलतमास करें, ‘हमने गुनाह किया है, हमसे ग़लती हुई है, हमने बेदीन हरकतें की हैं।’
I Ki UrduGeoD 8:48  अगर वह ऐसा करके दुश्मन के मुल्क में अपने पूरे दिलो-जान से दुबारा तेरी तरफ़ रुजू करें और तेरी तरफ़ से बापदादा को दिए गए मुल्क, तेरे चुने हुए शहर और उस इमारत की तरफ़ रुख़ करके दुआ करें जो मैंने तेरे नाम के लिए तामीर की है
I Ki UrduGeoD 8:49  तो आसमान पर अपने तख़्त से उनकी दुआ और इलतमास सुन लेना। उनके हक़ में इनसाफ़ क़ायम करना,
I Ki UrduGeoD 8:50  और अपनी क़ौम के गुनाहों को मुआफ़ कर देना। जिस भी जुर्म से उन्होंने तेरा गुनाह किया है वह मुआफ़ कर देना। बख़्श दे कि उन्हें गिरिफ़्तार करनेवाले उन पर रहम करें।
I Ki UrduGeoD 8:51  क्योंकि यह तेरी ही क़ौम के अफ़राद हैं, तेरी ही मीरास जिसे तू मिसर के भड़कते भट्टे से निकाल लाया।
I Ki UrduGeoD 8:52  ऐ अल्लाह, तेरी आँखें मेरी इल्तिजाओं और तेरी क़ौम इसराईल की फ़रियादों के लिए खुली रहें। जब भी वह मदद के लिए तुझे पुकारें तो उनकी सुन लेना!
I Ki UrduGeoD 8:53  क्योंकि तू, ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़ ने इसराईल को दुनिया की तमाम क़ौमों से अलग करके अपनी ख़ास मिलकियत बना लिया है। हमारे बापदादा को मिसर से निकालते वक़्त तूने मूसा की मारिफ़त इस हक़ीक़त का एलान किया।”
I Ki UrduGeoD 8:54  इस दुआ के बाद सुलेमान खड़ा हुआ, क्योंकि दुआ के दौरान उसने रब की क़ुरबानगाह के सामने अपने घुटने टेके और अपने हाथ आसमान की तरफ़ उठाए हुए थे।
I Ki UrduGeoD 8:55  अब वह इसराईल की पूरी जमात के सामने खड़ा हुआ और बुलंद आवाज़ से उसे बरकत दी,
I Ki UrduGeoD 8:56  “रब की तमजीद हो जिसने अपने वादे के ऐन मुताबिक़ अपनी क़ौम इसराईल को आरामो-सुकून फ़राहम किया है। जितने भी ख़ूबसूरत वादे उसने अपने ख़ादिम मूसा की मारिफ़त किए हैं वह सबके सब पूरे हो गए हैं।
I Ki UrduGeoD 8:57  जिस तरह रब हमारा ख़ुदा हमारे बापदादा के साथ था उसी तरह वह हमारे साथ भी रहे। न वह हमें छोड़े, न तर्क करे
I Ki UrduGeoD 8:58  बल्कि हमारे दिलों को अपनी तरफ़ मायल करे ताकि हम उस की तमाम राहों पर चलें और उन तमाम अहकाम और हिदायात के ताबे रहें जो उसने हमारे बापदादा को दी हैं।
I Ki UrduGeoD 8:59  रब के हुज़ूर मेरी यह फ़रियाद दिन-रात रब हमारे ख़ुदा के क़रीब रहे ताकि वह मेरा और अपनी क़ौम का इनसाफ़ क़ायम रखे और हमारी रोज़ाना ज़रूरियात पूरी करे।
I Ki UrduGeoD 8:60  तब तमाम अक़वाम जान लेंगी कि रब ही ख़ुदा है और कि उसके सिवा कोई और माबूद नहीं है।
I Ki UrduGeoD 8:61  लेकिन लाज़िम है कि आप रब हमारे ख़ुदा के पूरे दिल से वफ़ादार रहें। हमेशा उस की हिदायात और अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारें, बिलकुल उसी तरह जिस तरह आप आज कर रहे हैं।”
I Ki UrduGeoD 8:62  फिर बादशाह और तमाम इसराईल ने रब के हुज़ूर क़ुरबानियाँ पेश करके रब के घर को मख़सूस किया। इस सिलसिले में सुलेमान ने 22,000 गाय-बैलों और 1,20,000 भेड़-बकरियों को सलामती की क़ुरबानियों के तौर पर ज़बह किया।
I Ki UrduGeoD 8:63  फिर बादशाह और तमाम इसराईल ने रब के हुज़ूर क़ुरबानियाँ पेश करके रब के घर को मख़सूस किया। इस सिलसिले में सुलेमान ने 22,000 गाय-बैलों और 1,20,000 भेड़-बकरियों को सलामती की क़ुरबानियों के तौर पर ज़बह किया।
I Ki UrduGeoD 8:64  उसी दिन बादशाह ने सहन का दरमियानी हिस्सा क़ुरबानियाँ चढ़ाने के लिए मख़सूस किया। वजह यह थी कि पीतल की क़ुरबानगाह इतनी क़ुरबानियाँ पेश करने के लिए छोटी थी, क्योंकि भस्म होनेवाली क़ुरबानियों और ग़ल्ला की नज़रों की तादाद बहुत ज़्यादा थी। इसके अलावा सलामती की बेशुमार क़ुरबानियों की चरबी को भी जलाना था।
I Ki UrduGeoD 8:65  ईद 14 दिन तक मनाई गई। पहले हफ़ते में सुलेमान और तमाम इसराईल ने रब के घर की मख़सूसियत मनाई और दूसरे हफ़ते में झोंपड़ियों की ईद। बहुत ज़्यादा लोग शरीक हुए। वह दूर-दराज़ इलाक़ों से यरूशलम आए थे, शिमाल में लबो-हमात से लेकर जुनूब में उस वादी तक जो मिसर की सरहद थी।
I Ki UrduGeoD 8:66  दो हफ़तों के बाद सुलेमान ने इसराईलियों को रुख़सत किया। बादशाह को बरकत देकर वह अपने अपने घर चले गए। सब शादमान और दिल से ख़ुश थे कि रब ने अपने ख़ादिम दाऊद और अपनी क़ौम इसराईल पर इतनी मेहरबानी की है।
Chapter 9
I Ki UrduGeoD 9:1  चुनाँचे सुलेमान ने रब के घर और शाही महल को तकमील तक पहुँचाया। जो कुछ भी उसने ठान लिया था वह पूरा हुआ।
I Ki UrduGeoD 9:2  उस वक़्त रब दुबारा उस पर ज़ाहिर हुआ, उस तरह जिस तरह वह जिबऊन में उस पर ज़ाहिर हुआ था।
I Ki UrduGeoD 9:3  उसने सुलेमान से कहा, “जो दुआ और इल्तिजा तूने मेरे हुज़ूर की उसे मैंने सुनकर इस इमारत को जो तूने बनाई है अपने लिए मख़सूसो-मुक़द्दस कर लिया है। उसमें मैं अपना नाम अबद तक क़ायम रखूँगा। मेरी आँखें और दिल अबद तक वहाँ हाज़िर रहेंगे।
I Ki UrduGeoD 9:4  जहाँ तक तेरा ताल्लुक़ है, अपने बाप दाऊद की तरह दियानतदारी और रास्ती से मेरे हुज़ूर चलता रह। क्योंकि अगर तू मेरे तमाम अहकाम और हिदायात की पैरवी करता रहे
I Ki UrduGeoD 9:5  तो मैं तेरी इसराईल पर हुकूमत हमेशा तक क़ायम रखूँगा। फिर मेरा वह वादा क़ायम रहेगा जो मैंने तेरे बाप दाऊद से किया था कि इसराईल पर तेरी औलाद की हुकूमत हमेशा तक क़ायम रहेगी।
I Ki UrduGeoD 9:6  लेकिन ख़बरदार! अगर तू या तेरी औलाद मुझसे दूर होकर मेरे दिए गए अहकाम और हिदायात के ताबे न रहे बल्कि दीगर माबूदों की तरफ़ रुजू करके उनकी ख़िदमत और परस्तिश करे
I Ki UrduGeoD 9:7  तो मैं इसराईल को उस मुल्क में से मिटा दूँगा जो मैंने उनको दे दिया था। न सिर्फ़ यह बल्कि मैं इस घर को भी रद्द कर दूँगा जो मैंने अपने नाम के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस कर लिया है। उस वक़्त इसराईल तमाम अक़वाम में मज़ाक़ और लान-तान का निशाना बन जाएगा।
I Ki UrduGeoD 9:8  इस शानदार घर की बुरी हालत देखकर यहाँ से गुज़रनेवाले तमाम लोगों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे, और वह अपनी हिक़ारत का इज़हार करके पूछेंगे, ‘रब ने इस मुल्क और इस घर से ऐसा सुलूक क्यों किया?’
I Ki UrduGeoD 9:9  तब लोग जवाब देंगे, ‘इसलिए कि गो रब उनका ख़ुदा उनके बापदादा को मिसर से निकालकर यहाँ लाया तो भी यह लोग उसे तर्क करके दीगर माबूदों से चिमट गए हैं। चूँकि वह उनकी परस्तिश और ख़िदमत करने से बाज़ न आए इसलिए रब ने उन्हें इस सारी मुसीबत में डाल दिया है’।”
I Ki UrduGeoD 9:10  रब के घर और शाही महल को तामीर करने में 20 साल सर्फ़ हुए थे।
I Ki UrduGeoD 9:11  उस दौरान सूर का बादशाह हीराम सुलेमान को देवदार और जूनीपर की उतनी लकड़ी और उतना सोना भेजता रहा जितना सुलेमान चाहता था। जब इमारतें तकमील तक पहुँच गईं तो सुलेमान ने हीराम को मुआवज़े में गलील के 20 शहर दे दिए।
I Ki UrduGeoD 9:12  लेकिन जब हीराम उनका मुआयना करने के लिए सूर से गलील आया तो वह उसे पसंद न आए।
I Ki UrduGeoD 9:13  उसने सवाल किया, “मेरे भाई, यह कैसे शहर हैं जो आपने मुझे दिए हैं?” और उसने उस इलाक़े का नाम काबूल यानी ‘कुछ भी नहीं’ रखा। यह नाम आज तक रायज है।
I Ki UrduGeoD 9:14  बात यह थी कि हीराम ने इसराईल के बादशाह को तक़रीबन 4,000 किलोग्राम सोना भेजा था।
I Ki UrduGeoD 9:15  सुलेमान ने अपने तामीरी काम के लिए बेगारी लगाए। ऐसे ही लोगों की मदद से उसने न सिर्फ़ रब का घर, अपना महल, इर्दगिर्द के चबूतरे और यरूशलम की फ़सील बनवाई बल्कि तीनों शहर हसूर, मजिद्दो और जज़र को भी।
I Ki UrduGeoD 9:16  जज़र शहर पर मिसर के बादशाह फ़िरौन ने हमला करके क़ब्ज़ा कर लिया था। उसके कनानी बाशिंदों को क़त्ल करके उसने पूरे शहर को जला दिया था। जब सुलेमान की फ़िरौन की बेटी से शादी हुई तो मिसरी बादशाह ने जहेज़ के तौर पर उसे यह इलाक़ा दे दिया।
I Ki UrduGeoD 9:17  अब सुलेमान ने जज़र का शहर दुबारा तामीर किया। इसके अलावा उसने नशेबी बैत-हौरून,
I Ki UrduGeoD 9:18  बालात और रेगिस्तान के शहर तदमूर में बहुत-सा तामीरी काम कराया।
I Ki UrduGeoD 9:19  सुलेमान ने अपने गोदामों के लिए और अपने रथों और घोड़ों को रखने के लिए भी शहर बनवाए। जो कुछ भी वह यरूशलम, लुबनान या अपनी सलतनत की किसी और जगह बनवाना चाहता था वह उसने बनवाया।
I Ki UrduGeoD 9:20  जिन आदमियों की सुलेमान ने बेगार पर भरती की वह इसराईली नहीं थे बल्कि अमोरी, हित्ती, फ़रिज़्ज़ी, हिव्वी और यबूसी यानी कनान के पहले बाशिंदों की वह औलाद थे जो बाक़ी रह गए थे। मुल्क पर क़ब्ज़ा करते वक़्त इसराईली इन क़ौमों को पूरे तौर पर मिटा न सके, और आज तक इनकी औलाद को इसराईल के लिए बेगार में काम करना पड़ता है।
I Ki UrduGeoD 9:21  जिन आदमियों की सुलेमान ने बेगार पर भरती की वह इसराईली नहीं थे बल्कि अमोरी, हित्ती, फ़रिज़्ज़ी, हिव्वी और यबूसी यानी कनान के पहले बाशिंदों की वह औलाद थे जो बाक़ी रह गए थे। मुल्क पर क़ब्ज़ा करते वक़्त इसराईली इन क़ौमों को पूरे तौर पर मिटा न सके, और आज तक इनकी औलाद को इसराईल के लिए बेगार में काम करना पड़ता है।
I Ki UrduGeoD 9:22  लेकिन सुलेमान ने इसराईलियों में से किसी को भी ऐसे काम करने पर मजबूर न किया बल्कि वह उसके फ़ौजी, सरकारी अफ़सर, फ़ौज के अफ़सर और रथों के फ़ौजी बन गए, और उन्हें उसके रथों और घोड़ों पर मुक़र्रर किया गया।
I Ki UrduGeoD 9:23  सुलेमान के तामीरी काम पर भी 550 इसराईली मुक़र्रर थे जो ज़िलों पर मुक़र्रर अफ़सरों के ताबे थे। यह लोग तामीरी काम करनेवालों की निगरानी करते थे।
I Ki UrduGeoD 9:24  जब फ़िरौन की बेटी यरूशलम के पुराने हिस्से बनाम ‘दाऊद का शहर’ से उस महल में मुंतक़िल हुई जो सुलेमान ने उसके लिए तामीर किया था तो वह इर्दगिर्द के चबूतरे बनवाने लगा।
I Ki UrduGeoD 9:25  सुलेमान साल में तीन बार रब को भस्म होनेवाली और सलामती की क़ुरबानियाँ पेश करता था। वह उन्हें रब के घर की उस क़ुरबानगाह पर चढ़ाता था जो उसने रब के लिए बनवाई थी। साथ साथ वह बख़ूर भी जलाता था। यों उसने रब के घर को तकमील तक पहुँचाया।
I Ki UrduGeoD 9:26  इसके अलावा सुलेमान बादशाह ने बहरी जहाज़ों का बेड़ा भी बनवाया। इस काम का मरकज़ ऐलात के क़रीब शहर अस्यून-जाबर था। यह बंदरगाह मुल्के-अदोम में बहरे-क़ुलज़ुम के साहिल पर है।
I Ki UrduGeoD 9:27  हीराम बादशाह ने उसे तजरबाकार मल्लाह भेजे ताकि वह सुलेमान के आदमियों के साथ मिलकर जहाज़ों को चलाएँ।
I Ki UrduGeoD 9:28  उन्होंने ओफ़ीर तक सफ़र किया और वहाँ से तक़रीबन 14,000 किलोग्राम सोना सुलेमान के पास ले आए।
Chapter 10
I Ki UrduGeoD 10:1  सुलेमान की शोहरत सबा की मलिका तक पहुँच गई। जब उसने उसके बारे में सुना और यह भी कि उसने रब के नाम के लिए क्या कुछ किया है तो वह सुलेमान से मिलने के लिए रवाना हुई ताकि उसे मुश्किल पहेलियाँ पेश करके उस की दानिशमंदी जाँच ले।
I Ki UrduGeoD 10:2  वह निहायत बड़े क़ाफ़िले के साथ यरूशलम पहुँची जिसके ऊँट बलसान, कसरत के सोने और क़ीमती जवाहर से लदे हुए थे। मलिका की सुलेमान से मुलाक़ात हुई तो उसने उससे वह तमाम मुश्किल सवालात पूछे जो उसके ज़हन में थे।
I Ki UrduGeoD 10:3  सुलेमान उसके हर सवाल का जवाब दे सका। कोई भी बात इतनी पेचीदा नहीं थी कि बादशाह उसका मतलब मलिका को बता न सकता।
I Ki UrduGeoD 10:4  सबा की मलिका सुलेमान की वसी हिकमत और उसके नए महल से बहुत मुतअस्सिर हुई।
I Ki UrduGeoD 10:5  उसने बादशाह की मेज़ों पर के मुख़्तलिफ़ खाने देखे और यह कि उसके अफ़सर किस तरतीब से उस पर बिठाए जाते थे। उसने बैरों की ख़िदमत, उनकी शानदार वरदियों और साक़ियों पर भी ग़ौर किया। जब उसने इन बातों के अलावा भस्म होनेवाली वह क़ुरबानियाँ भी देखीं जो सुलेमान रब के घर में चढ़ाता था तो मलिका हक्का-बक्का रह गई।
I Ki UrduGeoD 10:6  वह बोल उठी, “वाक़ई, जो कुछ मैंने अपने मुल्क में आपके शाहकारों और हिकमत के बारे में सुना था वह दुरुस्त है।
I Ki UrduGeoD 10:7  जब तक मैंने ख़ुद आकर यह सब कुछ अपनी आँखों से न देखा मुझे यक़ीन नहीं आता था। बल्कि हक़ीक़त में मुझे आपके बारे में आधा भी नहीं बताया गया था। आपकी हिकमत और दौलत उन रिपोर्टों से कहीं ज़्यादा है जो मुझ तक पहुँची थीं।
I Ki UrduGeoD 10:8  आपके लोग कितने मुबारक हैं! आपके अफ़सर कितने मुबारक हैं जो मुसलसल आपके सामने खड़े रहते और आपकी दानिश भरी बातें सुनते हैं!
I Ki UrduGeoD 10:9  रब आपके ख़ुदा की तमजीद हो जिसने आपको पसंद करके इसराईल के तख़्त पर बिठाया है। रब इसराईल से अबदी मुहब्बत रखता है, इसी लिए उसने आपको बादशाह बना दिया है ताकि इनसाफ़ और रास्तबाज़ी क़ायम रखें।”
I Ki UrduGeoD 10:10  फिर मलिका ने सुलेमान को तक़रीबन 4,000 किलोग्राम सोना, बहुत ज़्यादा बलसान और जवाहर दिए। बाद में कभी भी उतना बलसान इसराईल में नहीं लाया गया जितना उस वक़्त सबा की मलिका लाई।
I Ki UrduGeoD 10:11  हीराम के जहाज़ ओफ़ीर से न सिर्फ़ सोना लाए बल्कि उन्होंने क़ीमती लकड़ी और जवाहर भी बड़ी मिक़दार में इसराईल तक पहुँचाए।
I Ki UrduGeoD 10:12  जितनी क़ीमती लकड़ी उन दिनों में दरामद हुई उतनी आज तक कभी यहूदाह में नहीं लाई गई। इस लकड़ी से बादशाह ने रब के घर और अपने महल के लिए कटहरे बनवाए। यह मौसीक़ारों के सरोद और सितार बनाने के लिए भी इस्तेमाल हुई।
I Ki UrduGeoD 10:13  सुलेमान बादशाह ने अपनी तरफ़ से सबा की मलिका को बहुत-से तोह्फ़े दिए। नीज़, जो कुछ भी मलिका चाहती थी या उसने माँगा वह उसे दिया गया। फिर वह अपने नौकर-चाकरों और अफ़सरों के हमराह अपने वतन वापस चली गई।
I Ki UrduGeoD 10:14  जो सोना सुलेमान को सालाना मिलता था उसका वज़न तक़रीबन 23,000 किलोग्राम था।
I Ki UrduGeoD 10:15  इसमें वह टैक्स शामिल नहीं थे जो उसे सौदागरों, ताजिरों, अरब बादशाहों और ज़िलों के अफ़सरों से मिलते थे।
I Ki UrduGeoD 10:16  सुलेमान बादशाह ने 200 बड़ी और 300 छोटी ढालें बनवाईं। उन पर सोना मँढा गया। हर बड़ी ढाल के लिए तक़रीबन 7 किलोग्राम सोना इस्तेमाल हुआ और हर छोटी ढाल के लिए तक़रीबन साढ़े 3 किलोग्राम। सुलेमान ने उन्हें ‘लुबनान का जंगल’ नामी महल में महफ़ूज़ रखा।
I Ki UrduGeoD 10:17  सुलेमान बादशाह ने 200 बड़ी और 300 छोटी ढालें बनवाईं। उन पर सोना मँढा गया। हर बड़ी ढाल के लिए तक़रीबन 7 किलोग्राम सोना इस्तेमाल हुआ और हर छोटी ढाल के लिए तक़रीबन साढ़े 3 किलोग्राम। सुलेमान ने उन्हें ‘लुबनान का जंगल’ नामी महल में महफ़ूज़ रखा।
I Ki UrduGeoD 10:18  इनके अलावा बादशाह ने हाथीदाँत से आरास्ता एक बड़ा तख़्त बनवाया जिस पर ख़ालिस सोना चढ़ाया गया।
I Ki UrduGeoD 10:19  तख़्त की पुश्त का ऊपर का हिस्सा गोल था, और उसके हर बाज़ू के साथ शेरबबर का मुजस्समा था। तख़्त कुछ ऊँचा था, और बादशाह छः पाएवाली सीढ़ी पर चढ़कर उस पर बैठता था। दाईं और बाईं तरफ़ हर पाए पर शेरबबर का मुजस्समा था। इस क़िस्म का तख़्त किसी और सलतनत में नहीं पाया जाता था।
I Ki UrduGeoD 10:20  तख़्त की पुश्त का ऊपर का हिस्सा गोल था, और उसके हर बाज़ू के साथ शेरबबर का मुजस्समा था। तख़्त कुछ ऊँचा था, और बादशाह छः पाएवाली सीढ़ी पर चढ़कर उस पर बैठता था। दाईं और बाईं तरफ़ हर पाए पर शेरबबर का मुजस्समा था। इस क़िस्म का तख़्त किसी और सलतनत में नहीं पाया जाता था।
I Ki UrduGeoD 10:21  सुलेमान के तमाम प्याले सोने के थे, बल्कि ‘लुबनान का जंगल’ नामी महल में तमाम बरतन ख़ालिस सोने के थे। कोई भी चीज़ चाँदी की नहीं थी, क्योंकि सुलेमान के ज़माने में चाँदी की कोई क़दर नहीं थी।
I Ki UrduGeoD 10:22  बादशाह के अपने बहरी जहाज़ थे जो हीराम के जहाज़ों के साथ मिलकर मुख़्तलिफ़ जगहों पर जाते थे। हर तीन साल के बाद वह सोने-चाँदी, हाथीदाँत, बंदरों और मोरों से लदे हुए वापस आते थे।
I Ki UrduGeoD 10:23  सुलेमान की दौलत और हिकमत दुनिया के तमाम बादशाहों से कहीं ज़्यादा थी।
I Ki UrduGeoD 10:24  पूरी दुनिया उससे मिलने की कोशिश करती रही ताकि वह हिकमत सुन ले जो अल्लाह ने उसके दिल में डाल दी थी।
I Ki UrduGeoD 10:25  साल बसाल जो भी सुलेमान के दरबार में आता वह कोई न कोई तोह्फ़ा लाता। यों उसे सोने-चाँदी के बरतन, क़ीमती लिबास, हथियार, बलसान, घोड़े और ख़च्चर मिलते रहे।
I Ki UrduGeoD 10:26  सुलेमान के 1,400 रथ और 12,000 घोड़े थे। कुछ उसने रथों के लिए मख़सूस किए गए शहरों में और कुछ यरूशलम में अपने पास रखे।
I Ki UrduGeoD 10:27  बादशाह की सरगरमियों के बाइस चाँदी पत्थर जैसी आम हो गई और देवदार की क़ीमती लकड़ी यहूदाह के मग़रिब के नशेबी पहाड़ी इलाक़े की अंजीर-तूत की सस्ती लकड़ी जैसी आम हो गई।
I Ki UrduGeoD 10:28  बादशाह अपने घोड़े मिसर और क़ुए यानी किलिकिया से दरामद करता था। उसके ताजिर इन जगहों पर जाकर उन्हें ख़रीद लाते थे।
I Ki UrduGeoD 10:29  बादशाह के रथ मिसर से दरामद होते थे। हर रथ की क़ीमत चाँदी के 600 सिक्के और हर घोड़े की क़ीमत चाँदी के 150 सिक्के थी। सुलेमान के ताजिर यह घोड़े बरामद करते हुए तमाम हित्ती और अरामी बादशाहों तक भी पहुँचाते थे।
Chapter 11
I Ki UrduGeoD 11:1  लेकिन सुलेमान बहुत-सी ग़ैरमुल्की ख़वातीन से मुहब्बत करता था। फ़िरौन की बेटी के अलावा उस की शादी मोआबी, अम्मोनी, अदोमी, सैदानी और हित्ती औरतों से हुई।
I Ki UrduGeoD 11:2  इन क़ौमों के बारे में रब ने इसराईलियों को हुक्म दिया था, “न तुम इनके घरों में जाओ और न यह तुम्हारे घरों में आएँ, वरना यह तुम्हारे दिल अपने देवताओं की तरफ़ मायल कर देंगे।” तो भी सुलेमान बड़े प्यार से अपनी इन बीवियों से लिपटा रहा।
I Ki UrduGeoD 11:3  उस की शाही ख़ानदानों से ताल्लुक़ रखनेवाली 700 बीवियाँ और 300 दाश्ताएँ थीं। इन औरतों ने आख़िरकार उसका दिल रब से दूर कर दिया।
I Ki UrduGeoD 11:4  जब वह बूढ़ा हो गया तो उन्होंने उसका दिल दीगर माबूदों की तरफ़ मायल कर दिया। यों वह बुढ़ापे में अपने बाप दाऊद की तरह पूरे दिल से रब का वफ़ादार न रहा
I Ki UrduGeoD 11:5  बल्कि सैदानियों की देवी अस्तारात और अम्मोनियों के देवता मिलकूम की पूजा करने लगा।
I Ki UrduGeoD 11:6  ग़रज़ उसने ऐसा काम किया जो रब को नापसंद था। वह वफ़ादारी न रही जिससे उसके बाप दाऊद ने रब की ख़िदमत की थी।
I Ki UrduGeoD 11:7  यरूशलम के मशरिक़ में सुलेमान ने एक पहाड़ी पर दो मंदिर बनाए, एक मोआब के घिनौने देवता कमोस के लिए और एक अम्मोन के घिनौने देवता मलिक यानी मिलकूम के लिए।
I Ki UrduGeoD 11:8  ऐसे मंदिर उसने अपनी तमाम ग़ैरमुल्की बीवियों के लिए तामीर किए ताकि वह अपने देवताओं को बख़ूर और ज़बह की क़ुरबानियाँ पेश कर सकें।
I Ki UrduGeoD 11:9  रब को सुलेमान पर बड़ा ग़ुस्सा आया, क्योंकि वह इसराईल के ख़ुदा से दूर हो गया था, हालाँकि रब उस पर दो बार ज़ाहिर हुआ था।
I Ki UrduGeoD 11:10  गो उसने उसे दीगर माबूदों की पूजा करने से साफ़ मना किया था तो भी सुलेमान ने उसका हुक्म न माना।
I Ki UrduGeoD 11:11  इसलिए रब ने उससे कहा, “चूँकि तू मेरे अहद और अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी नहीं गुज़ारता, इसलिए मैं बादशाही को तुझसे छीनकर तेरे किसी अफ़सर को दूँगा। यह बात यक़ीनी है।
I Ki UrduGeoD 11:12  लेकिन तेरे बाप दाऊद की ख़ातिर मैं यह तेरे जीते-जी नहीं करूँगा बल्कि बादशाही को तेरे बेटे ही से छीनूँगा।
I Ki UrduGeoD 11:13  और मैं पूरी ममलकत उसके हाथ से नहीं लूँगा बल्कि अपने ख़ादिम दाऊद और अपने चुने हुए शहर यरूशलम की ख़ातिर उसके लिए एक क़बीला छोड़ दूँगा।”
I Ki UrduGeoD 11:14  फिर रब ने अदोम के शाही ख़ानदान में से एक आदमी बनाम हदद को बरपा किया जो सुलेमान का सख़्त मुख़ालिफ़ बन गया।
I Ki UrduGeoD 11:15  वह यों सुलेमान का दुश्मन बन गया कि चंद साल पहले जब दाऊद ने अदोम को शिकस्त दी तो उसका फ़ौजी कमाँडर योआब मैदाने-जंग में पड़ी तमाम इसराईली लाशों को दफ़नाने के लिए अदोम आया। जहाँ भी गया वहाँ उसने हर अदोमी मर्द को मार डाला।
I Ki UrduGeoD 11:16  वह छः माह तक अपने फ़ौजियों के साथ हर जगह फिरा और तमाम अदोमी मर्दों को मारता गया।
I Ki UrduGeoD 11:17  हदद उस वक़्त बच गया और अपने बाप के चंद एक सरकारी अफ़सरों के साथ फ़रार होकर मिसर में पनाह ले सका।
I Ki UrduGeoD 11:18  रास्ते में उन्हें दश्ते-फ़ारान के मुल्के-मिदियान से गुज़रना पड़ा। वहाँ वह मज़ीद कुछ आदमियों को जमा कर सके और सफ़र करते करते मिसर पहुँच गए। हदद मिसर के बादशाह फ़िरौन के पास गया तो उसने उसे घर, कुछ ज़मीन और ख़ुराक मुहैया की।
I Ki UrduGeoD 11:19  हदद फ़िरौन को इतना पसंद आया कि उसने उस की शादी अपनी बीवी मलिका तह्फ़नीस की बहन के साथ कराई।
I Ki UrduGeoD 11:20  इस बहन के बेटा पैदा हुआ जिसका नाम जनूबत रखा गया। तह्फ़नीस ने उसे शाही महल में पाला जहाँ वह फ़िरौन के बेटों के साथ परवान चढ़ा।
I Ki UrduGeoD 11:21  एक दिन हदद को ख़बर मिली कि दाऊद और उसका कमाँडर योआब फ़ौत हो गए हैं। तब उसने फ़िरौन से इजाज़त माँगी, “मैं अपने मुल्क लौट जाना चाहता हूँ, बराहे-करम मुझे जाने दें।”
I Ki UrduGeoD 11:22  फ़िरौन ने एतराज़ किया, “यहाँ क्या कमी है कि तुम अपने मुल्क वापस जाना चाहते हो?” हदद ने जवाब दिया, “मैं किसी भी चीज़ से महरूम नहीं रहा, लेकिन फिर भी मुझे जाने दीजिए।”
I Ki UrduGeoD 11:23  अल्लाह ने एक और आदमी को भी सुलेमान के ख़िलाफ़ बरपा किया। उसका नाम रज़ून बिन इलियदा था। पहले वह ज़ोबाह के बादशाह हददअज़र की ख़िदमत अंजाम देता था, लेकिन एक दिन उसने अपने मालिक से भागकर
I Ki UrduGeoD 11:24  कुछ आदमियों को अपने गिर्द जमा किया और डाकुओं के जत्थे का सरग़ना बन गया। जब दाऊद ने ज़ोबाह को शिकस्त दे दी तो रज़ून अपने आदमियों के साथ दमिश्क़ गया और वहाँ आबाद होकर अपनी हुकूमत क़ायम कर ली।
I Ki UrduGeoD 11:25  होते होते वह पूरे शाम का हुक्मरान बन गया। वह इसराईलियों से नफ़रत करता था और सुलेमान के जीते-जी इसराईल का ख़ास दुश्मन बना रहा। हदद की तरह वह भी इसराईल को तंग करता रहा।
I Ki UrduGeoD 11:26  सुलेमान का एक सरकारी अफ़सर भी उसके ख़िलाफ़ उठ खड़ा हुआ। उसका नाम यरुबियाम बिन नबात था, और वह इफ़राईम के शहर सरीदा का था। उस की माँ सरुआ बेवा थी।
I Ki UrduGeoD 11:27  जब यरुबियाम बाग़ी हुआ तो उन दिनों में सुलेमान इर्दगिर्द के चबूतरे और फ़सील का आख़िरी हिस्सा तामीर कर रहा था।
I Ki UrduGeoD 11:28  उसने देखा कि यरुबियाम माहिर और मेहनती जवान है, इसलिए उसने उसे इफ़राईम और मनस्सी के क़बीलों के तमाम बेगार में काम करनेवालों पर मुक़र्रर किया।
I Ki UrduGeoD 11:29  एक दिन यरुबियाम शहर से निकल रहा था तो उस की मुलाक़ात सैला के नबी अख़ियाह से हुई। अख़ियाह नई चादर ओढ़े फिर रहा था। खुले मैदान में जहाँ कोई और नज़र न आया
I Ki UrduGeoD 11:30  अख़ियाह ने अपनी चादर को पकड़कर बारह टुकड़ों में फाड़ लिया
I Ki UrduGeoD 11:31  और यरुबियाम से कहा, “चादर के दस टुकड़े अपने पास रखें! क्योंकि रब इसराईल का ख़ुदा फ़रमाता है, इस वक़्त मैं इसराईल की बादशाही को सुलेमान से छीननेवाला हूँ। जब ऐसा होगा तो मैं उसके दस क़बीले तेरे हवाले कर दूँगा।
I Ki UrduGeoD 11:32  एक ही क़बीला उसके पास रहेगा, और यह भी सिर्फ़ उसके बाप दाऊद और उस शहर की ख़ातिर जिसे मैंने तमाम क़बीलों में से चुन लिया है।
I Ki UrduGeoD 11:33  इस तरह मैं सुलेमान को सज़ा दूँगा, क्योंकि वह और उसके लोग मुझे तर्क करके सैदानियों की देवी अस्तारात की, मोआबियों के देवता कमोस की और अम्मोनियों के देवता मिलकूम की पूजा करने लगे हैं। वह मेरी राहों पर नहीं चलते बल्कि वही कुछ करते हैं जो मुझे बिलकुल नापसंद है। जिस तरह दाऊद मेरे अहकाम और हिदायात की पैरवी करता था उस तरह उसका बेटा नहीं करता।
I Ki UrduGeoD 11:34  लेकिन मैं इस वक़्त पूरी बादशाही सुलेमान के हाथ से नहीं छीनूँगा। अपने ख़ादिम दाऊद की ख़ातिर जिसे मैंने चुन लिया और जो मेरे अहकाम और हिदायात के ताबे रहा मैं सुलेमान के जीते-जी यह नहीं करूँगा। वह ख़ुद बादशाह रहेगा,
I Ki UrduGeoD 11:35  लेकिन उसके बेटे से मैं बादशाही छीनकर दस क़बीले तेरे हवाले कर दूँगा।
I Ki UrduGeoD 11:36  सिर्फ़ एक क़बीला सुलेमान के बेटे के सुपुर्द रहेगा ताकि मेरे ख़ादिम दाऊद का चराग़ हमेशा मेरे हुज़ूर यरूशलम में जलता रहे, उस शहर में जो मैंने अपने नाम की सुकूनत के लिए चुन लिया है।
I Ki UrduGeoD 11:37  लेकिन तुझे, ऐ यरुबियाम, मैं इसराईल पर बादशाह बना दूँगा। जो कुछ भी तेरा जी चाहता है उस पर तू हुकूमत करेगा।
I Ki UrduGeoD 11:38  उस वक़्त अगर तू मेरे ख़ादिम दाऊद की तरह मेरी हर बात मानेगा, मेरी राहों पर चलेगा और मेरे अहकाम और हिदायात के ताबे रहकर वह कुछ करेगा जो मुझे पसंद है तो फिर मैं तेरे साथ रहूँगा। फिर मैं तेरा शाही ख़ानदान उतना ही क़ायमो-दायम कर दूँगा जितना मैंने दाऊद का किया है, और इसराईल तेरे ही हवाले रहेगा।
I Ki UrduGeoD 11:39  यों मैं सुलेमान के गुनाह के बाइस दाऊद की औलाद को सज़ा दूँगा, अगरचे यह अबदी सज़ा नहीं होगी।”
I Ki UrduGeoD 11:40  इसके बाद सुलेमान ने यरुबियाम को मरवाने की कोशिश की, लेकिन यरुबियाम ने फ़रार होकर मिसर के बादशाह सीसक़ के पास पनाह ली। वहाँ वह सुलेमान की मौत तक रहा।
I Ki UrduGeoD 11:41  सुलेमान की ज़िंदगी और हिकमत के बारे में मज़ीद बातें ‘सुलेमान के आमाल’ की किताब में बयान की गई हैं।
I Ki UrduGeoD 11:42  सुलेमान 40 साल पूरे इसराईल पर हुकूमत करता रहा। उसका दारुल-हुकूमत यरूशलम था।
I Ki UrduGeoD 11:43  जब वह मरकर अपने बापदादा से जा मिला तो उसे यरूशलम के उस हिस्से में दफ़न किया गया जो ‘दाऊद का शहर’ कहलाता है। फिर उसका बेटा रहुबियाम तख़्तनशीन हुआ।
Chapter 12
I Ki UrduGeoD 12:1  रहुबियाम सिकम गया, क्योंकि वहाँ तमाम इसराईली उसे बादशाह मुक़र्रर करने के लिए जमा हो गए थे।
I Ki UrduGeoD 12:2  यरुबियाम बिन नबात यह ख़बर सुनते ही मिसर से जहाँ उसने सुलेमान बादशाह से भागकर पनाह ली थी इसराईल वापस आया।
I Ki UrduGeoD 12:3  इसराईलियों ने उसे बुलाया ताकि उसके साथ सिकम जाएँ। जब पहुँचा तो इसराईल की पूरी जमात यरुबियाम के साथ मिलकर रहुबियाम से मिलने गई। उन्होंने बादशाह से कहा,
I Ki UrduGeoD 12:4  “जो जुआ आपके बाप ने हम पर डाल दिया था उसे उठाना मुश्किल था, और जो वक़्त और पैसे हमें बादशाह की ख़िदमत में सर्फ़ करने थे वह नाक़ाबिले-बरदाश्त थे। अब दोनों को कम कर दें। फिर हम ख़ुशी से आपकी ख़िदमत करेंगे।”
I Ki UrduGeoD 12:5  रहुबियाम ने जवाब दिया, “मुझे तीन दिन की मोहलत दें, फिर दुबारा मेरे पास आएँ।” चुनाँचे लोग चले गए।
I Ki UrduGeoD 12:6  फिर रहुबियाम बादशाह ने उन बुज़ुर्गों से मशवरा किया जो सुलेमान के जीते-जी बादशाह की ख़िदमत करते रहे थे। उसने पूछा, “आपका क्या ख़याल है? मैं इन लोगों को क्या जवाब दूँ?”
I Ki UrduGeoD 12:7  बुज़ुर्गों ने जवाब दिया, “हमारा मशवरा है कि इस वक़्त उनका ख़ादिम बनकर उनकी ख़िदमत करें और उन्हें नरम जवाब दें। अगर आप ऐसा करें तो वह हमेशा आपके वफ़ादार ख़ादिम बने रहेंगे।”
I Ki UrduGeoD 12:8  लेकिन रहुबियाम ने बुज़ुर्गों का मशवरा रद्द करके उस की ख़िदमत में हाज़िर उन जवानों से मशवरा किया जो उसके साथ परवान चढ़े थे।
I Ki UrduGeoD 12:9  उसने पूछा, “मैं इस क़ौम को क्या जवाब दूँ? यह तक़ाज़ा कर रहे हैं कि मैं वह जुआ हलका कर दूँ जो मेरे बाप ने उन पर डाल दिया।”
I Ki UrduGeoD 12:10  जो जवान उसके साथ परवान चढ़े थे उन्होंने कहा, “अच्छा, यह लोग तक़ाज़ा कर रहे हैं कि आपके बाप का जुआ हलका किया जाए? उन्हें बता देना, ‘मेरी छोटी उँगली मेरे बाप की कमर से ज़्यादा मोटी है!
I Ki UrduGeoD 12:11  बेशक जो जुआ उसने आप पर डाल दिया उसे उठाना मुश्किल था, लेकिन मेरा जुआ और भी भारी होगा। जहाँ मेरे बाप ने आपको कोड़े लगाए वहाँ मैं आपकी बिच्छुओं से तादीब करूँगा’!”
I Ki UrduGeoD 12:12  तीन दिन के बाद जब यरुबियाम तमाम इसराईलियों के साथ रहुबियाम का फ़ैसला सुनने के लिए वापस आया
I Ki UrduGeoD 12:13  तो बादशाह ने उन्हें सख़्त जवाब दिया। बुज़ुर्गों का मशवरा रद्द करके
I Ki UrduGeoD 12:14  उसने उन्हें जवानों का जवाब दिया, “बेशक जो जुआ मेरे बाप ने आप पर डाल दिया उसे उठाना मुश्किल था, लेकिन मेरा जुआ और भी भारी होगा। जहाँ मेरे बाप ने आपको कोड़े लगाए वहाँ मैं आपकी बिच्छुओं से तादीब करूँगा!”
I Ki UrduGeoD 12:15  यों रब की मरज़ी पूरी हुई कि रहुबियाम लोगों की बात नहीं मानेगा। क्योंकि अब रब की वह पेशगोई पूरी हुई जो सैला के नबी अख़ियाह ने यरुबियाम बिन नबात को बताई थी।
I Ki UrduGeoD 12:16  जब इसराईलियों ने देखा कि बादशाह हमारी बात सुनने के लिए तैयार नहीं है तो उन्होंने उससे कहा, “न हमें दाऊद से मीरास में कुछ मिलेगा, न यस्सी के बेटे से कुछ मिलने की उम्मीद है। ऐ इसराईल, सब अपने अपने घर वापस चलें! ऐ दाऊद, अब अपना घर ख़ुद सँभाल लो!” यह कहकर वह सब चले गए।
I Ki UrduGeoD 12:17  सिर्फ़ यहूदाह के क़बीले के शहरों में रहनेवाले इसराईली रहुबियाम के तहत रहे।
I Ki UrduGeoD 12:18  फिर रहुबियाम बादशाह ने बेगारियों पर मुक़र्रर अफ़सर अदूनीराम को शिमाली क़बीलों के पास भेज दिया, लेकिन उसे देखकर तमाम लोगों ने उसे संगसार किया। तब रहुबियाम जल्दी से अपने रथ पर सवार हुआ और भागकर यरूशलम पहुँच गया।
I Ki UrduGeoD 12:19  यों इसराईल के शिमाली क़बीले दाऊद के शाही घराने से अलग हो गए और आज तक उस की हुकूमत नहीं मानते।
I Ki UrduGeoD 12:20  जब ख़बर शिमाली इसराईल में फैली कि यरुबियाम मिसर से वापस आ गया है तो लोगों ने क़ौमी इजलास मुनअक़िद करके उसे बुलाया और वहाँ उसे अपना बादशाह बना लिया। सिर्फ़ यहूदाह का क़बीला रहुबियाम और उसके घराने का वफ़ादार रहा।
I Ki UrduGeoD 12:21  जब रहुबियाम यरूशलम पहुँचा तो उसने यहूदाह और बिनयमीन के क़बीलों के चीदा चीदा फ़ौजियों को इसराईल से जंग करने के लिए बुलाया। 1,80,000 मर्द जमा हुए ताकि रहुबियाम बिन सुलेमान के लिए इसराईल पर दुबारा क़ाबू पाएँ।
I Ki UrduGeoD 12:22  लेकिन ऐन उस वक़्त मर्दे-ख़ुदा समायाह को अल्लाह की तरफ़ से पैग़ाम मिला,
I Ki UrduGeoD 12:23  “यहूदाह के बादशाह रहुबियाम बिन सुलेमान, यहूदाह और बिनयमीन के तमाम अफ़राद और बाक़ी लोगों को इत्तला दे,
I Ki UrduGeoD 12:24  ‘रब फ़रमाता है कि अपने इसराईली भाइयों से जंग मत करना। हर एक अपने अपने घर वापस चला जाए, क्योंकि जो कुछ हुआ है वह मेरे हुक्म पर हुआ है’।” तब वह रब की सुनकर अपने अपने घर वापस चले गए।
I Ki UrduGeoD 12:25  यरुबियाम इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े के शहर सिकम को मज़बूत करके वहाँ आबाद हुआ। बाद में उसने फ़नुएल शहर की भी क़िलाबंदी की और वहाँ मुंतक़िल हुआ।
I Ki UrduGeoD 12:26  लेकिन दिल में अंदेशा रहा कि कहीं इसराईल दुबारा दाऊद के घराने के हाथ में न आ जाए।
I Ki UrduGeoD 12:27  उसने सोचा, “लोग बाक़ायदगी से यरूशलम आते-जाते हैं ताकि वहाँ रब के घर में अपनी क़ुरबानियाँ पेश करें। अगर यह सिलसिला तोड़ा न जाए तो आहिस्ता आहिस्ता उनके दिल दुबारा यहूदाह के बादशाह रहुबियाम की तरफ़ मायल हो जाएंगे। आख़िरकार वह मुझे क़त्ल करके रहुबियाम को अपना बादशाह बना लेंगे।”
I Ki UrduGeoD 12:28  अपने अफ़सरों के मशवरे पर उसने सोने के दो बछड़े बनवाए। लोगों के सामने उसने एलान किया, “हर क़ुरबानी के लिए यरूशलम जाना मुश्किल है! ऐ इसराईल देख, यह तेरे देवता हैं जो तुझे मिसर से निकाल लाए।”
I Ki UrduGeoD 12:29  एक बुत उसने जुनूबी शहर बैतेल में खड़ा किया और दूसरा शिमाली शहर दान में।
I Ki UrduGeoD 12:30  यों यरुबियाम ने इसराईलियों को गुनाह करने पर उकसाया। लोग दान तक सफ़र किया करते थे ताकि वहाँ के बुत की पूजा करें।
I Ki UrduGeoD 12:31  इसके अलावा यरुबियाम ने बहुत-सी ऊँची जगहों पर मंदिर बनवाए। उन्हें सँभालने के लिए उसने ऐसे लोग मुक़र्रर किए जो लावी के क़बीले के नहीं बल्कि आम लोग थे।
I Ki UrduGeoD 12:32  उसने एक नई ईद भी रायज की जो यहूदाह में मनानेवाली झोंपड़ियों की ईद की मानिंद थी। यह ईद आठवें माह के पंद्रहवें दिन मनाई जाती थी। बैतेल में उसने ख़ुद क़ुरबानगाह पर जाकर अपने बनवाए हुए बछड़ों को क़ुरबानियाँ पेश कीं, और वहीं उसने अपने उन मंदिरों के इमामों को मुक़र्रर किया जो उसने ऊँची जगहों पर तामीर किए थे।
I Ki UrduGeoD 12:33  चुनाँचे यरुबियाम के मुक़र्ररकरदा दिन यानी आठवें महीने के पंद्रहवें दिन इसराईलियों ने बैतेल में ईद मनाई। तमाम मेहमानों के सामने यरुबियाम क़ुरबानगाह पर चढ़ गया ताकि क़ुरबानियाँ पेश करे।
Chapter 13
I Ki UrduGeoD 13:1  वह अभी क़ुरबानगाह के पास खड़ा अपनी क़ुरबानियाँ पेश करना ही चाहता था कि एक मर्दे-ख़ुदा आन पहुँचा। रब ने उसे यहूदाह से बैतेल भेज दिया था।
I Ki UrduGeoD 13:2  बुलंद आवाज़ से वह क़ुरबानगाह से मुख़ातिब हुआ, “ऐ क़ुरबानगाह! ऐ क़ुरबानगाह! रब फ़रमाता है, ‘दाऊद के घराने से बेटा पैदा होगा जिसका नाम यूसियाह होगा। तुझ पर वह उन इमामों को क़ुरबान कर देगा जो ऊँची जगहों के मंदिरों में ख़िदमत करते और यहाँ क़ुरबानियाँ पेश करने के लिए आते हैं। तुझ पर इनसानों की हड्डियाँ जलाई जाएँगी’।”
I Ki UrduGeoD 13:3  फिर मर्दे-ख़ुदा ने इलाही निशान भी पेश किया। उसने एलान किया, “एक निशान साबित करेगा कि रब मेरी मारिफ़त बात कर रहा है! यह क़ुरबानगाह फट जाएगी, और इस पर मौजूद चरबी मिली राख ज़मीन पर बिखर जाएगी।”
I Ki UrduGeoD 13:4  यरुबियाम बादशाह अब तक क़ुरबानगाह के पास खड़ा था। जब उसने बैतेल की क़ुरबानगाह के ख़िलाफ़ मर्दे-ख़ुदा की बात सुनी तो वह हाथ से उस की तरफ़ इशारा करके गरजा, “उसे पकड़ो!” लेकिन ज्योंही बादशाह ने अपना हाथ बढ़ाया वह सूख गया, और वह उसे वापस न खींच सका।
I Ki UrduGeoD 13:5  उसी लमहे क़ुरबानगाह फट गई और उस पर मौजूद राख ज़मीन पर बिखर गई। बिलकुल वही कुछ हुआ जिसका एलान मर्दे-ख़ुदा ने रब की तरफ़ से किया था।
I Ki UrduGeoD 13:6  तब बादशाह इलतमास करने लगा, “रब अपने ख़ुदा का ग़ुस्सा ठंडा करके मेरे लिए दुआ करें ताकि मेरा हाथ बहाल हो जाए।” मर्दे-ख़ुदा ने उस की शफ़ाअत की तो यरुबियाम का हाथ फ़ौरन बहाल हो गया।
I Ki UrduGeoD 13:7  तब यरुबियाम बादशाह ने मर्दे-ख़ुदा को दावत दी, “आएँ, मेरे घर में खाना खाकर ताज़ादम हो जाएँ। मैं आपको तोह्फ़ा भी दूँगा।”
I Ki UrduGeoD 13:8  लेकिन उसने इनकार किया, “मैं आपके पास नहीं आऊँगा, चाहे आप मुझे अपनी मिलकियत का आधा हिस्सा क्यों न दें। मैं यहाँ न रोटी खाऊँगा, न कुछ पियूँगा।
I Ki UrduGeoD 13:9  क्योंकि रब ने मुझे हुक्म दिया है, ‘रास्ते में न कुछ खा और न कुछ पी। और वापस जाते वक़्त वह रास्ता न ले जिस पर से तू बैतेल पहुँचा है’।”
I Ki UrduGeoD 13:10  यह कहकर वह फ़रक़ रास्ता इख़्तियार करके अपने घर के लिए रवाना हुआ।
I Ki UrduGeoD 13:11  बैतेल में एक बूढ़ा नबी रहता था। जब उसके बेटे उस दिन घर वापस आए तो उन्होंने उसे सब कुछ कह सुनाया जो मर्दे-ख़ुदा ने बैतेल में किया और यरुबियाम बादशाह को बताया था।
I Ki UrduGeoD 13:12  बाप ने पूछा, “वह किस तरफ़ गया?” बेटों ने उसे वह रास्ता बताया जो यहूदाह के मर्दे-ख़ुदा ने लिया था।
I Ki UrduGeoD 13:13  बाप ने हुक्म दिया, “मेरे गधे पर जल्दी से ज़ीन कसो!” बेटों ने ऐसा किया तो वह उस पर बैठकर
I Ki UrduGeoD 13:14  मर्दे-ख़ुदा को ढूँडने गया। चलते चलते मर्दे-ख़ुदा बलूत के दरख़्त के साय में बैठा नज़र आया। बुज़ुर्ग ने पूछा, “क्या आप वही मर्दे-ख़ुदा हैं जो यहूदाह से बैतेल आए थे?” उसने जवाब दिया, “जी, मैं वही हूँ।”
I Ki UrduGeoD 13:15  बुज़ुर्ग नबी ने उसे दावत दी, “आएँ, मेरे साथ। मैं घर में आपको कुछ खाना खिलाता हूँ।”
I Ki UrduGeoD 13:16  लेकिन मर्दे-ख़ुदा ने इनकार किया, “नहीं, न मैं आपके साथ वापस जा सकता हूँ, न मुझे यहाँ खाने-पीने की इजाज़त है।
I Ki UrduGeoD 13:17  क्योंकि रब ने मुझे हुक्म दिया, ‘रास्ते में न कुछ खा और न कुछ पी। और वापस जाते वक़्त वह रास्ता न ले जिस पर से तू बैतेल पहुँचा है’।”
I Ki UrduGeoD 13:18  बुज़ुर्ग नबी ने एतराज़ किया, “मैं भी आप जैसा नबी हूँ! एक फ़रिश्ते ने मुझे रब का नया पैग़ाम पहुँचाकर कहा, ‘उसे अपने साथ घर ले जाकर रोटी खिला और पानी पिला’।” बुज़ुर्ग झूट बोल रहा था,
I Ki UrduGeoD 13:19  लेकिन मर्दे-ख़ुदा उसके साथ वापस गया और उसके घर में कुछ खाया और पिया।
I Ki UrduGeoD 13:20  वह अभी वहाँ बैठे खाना खा रहे थे कि बुज़ुर्ग पर रब का कलाम नाज़िल हुआ।
I Ki UrduGeoD 13:21  उसने बुलंद आवाज़ से यहूदाह के मर्दे-ख़ुदा से कहा, “रब फ़रमाता है, ‘तूने रब के कलाम की ख़िलाफ़वरज़ी की है! जो हुक्म रब तेरे ख़ुदा ने तुझे दिया था वह तूने नज़रंदाज़ किया है।
I Ki UrduGeoD 13:22  गो उसने फ़रमाया था कि यहाँ न कुछ खा और न कुछ पी तो भी तूने वापस आकर यहाँ रोटी खाई और पानी पिया है। इसलिए मरते वक़्त तुझे तेरे बापदादा की क़ब्र में दफ़नाया नहीं जाएगा’।”
I Ki UrduGeoD 13:23  खाने के बाद बुज़ुर्ग के गधे पर ज़ीन कसा गया और मर्दे-ख़ुदा को उस पर बिठाया गया।
I Ki UrduGeoD 13:24  वह दुबारा रवाना हुआ तो रास्ते में एक शेरबबर ने उस पर हमला करके उसे मार डाला। लेकिन उसने लाश को न छेड़ा बल्कि वह वहीं रास्ते में पड़ी रही जबकि गधा और शेर दोनों ही उसके पास खड़े रहे।
I Ki UrduGeoD 13:25  कुछ लोग वहाँ से गुज़रे। जब उन्होंने लाश को रास्ते में पड़े और शेरबबर को उसके पास खड़े देखा तो उन्होंने बैतेल जहाँ बुज़ुर्ग नबी रहता था आकर लोगों को इत्तला दी।
I Ki UrduGeoD 13:26  जब बुज़ुर्ग को ख़बर मिली तो उसने कहा, “वही मर्दे-ख़ुदा है जिसने रब के फ़रमान की ख़िलाफ़वरज़ी की। अब वह कुछ हुआ है जो रब ने उसे फ़रमाया था यानी उसने उसे शेरबबर के हवाले कर दिया ताकि वह उसे फाड़कर मार डाले।”
I Ki UrduGeoD 13:27  बुज़ुर्ग ने अपने बेटों को गधे पर ज़ीन कसने का हुक्म दिया,
I Ki UrduGeoD 13:28  और वह उस पर बैठकर रवाना हुआ। जब वहाँ पहुँचा तो देखा कि लाश अब तक रास्ते में पड़ी है और गधा और शेर दोनों ही उसके पास खड़े हैं। शेरबबर ने न लाश को छेड़ा और न गधे को फाड़ा था।
I Ki UrduGeoD 13:29  बुज़ुर्ग नबी ने लाश को उठाकर अपने गधे पर रखा और उसे बैतेल लाया ताकि उसका मातम करके उसे वहाँ दफ़नाए।
I Ki UrduGeoD 13:30  उसने लाश को अपनी ख़ानदानी क़ब्र में दफ़न किया, और लोगों ने “हाय, मेरे भाई” कहकर उसका मातम किया।
I Ki UrduGeoD 13:31  जनाज़े के बाद बुज़ुर्ग नबी ने अपने बेटों से कहा, “जब मैं कूच कर जाऊँगा तो मुझे मर्दे-ख़ुदा की क़ब्र में दफ़नाना। मेरी हड्डियों को उस की हड्डियों के पास ही रखें।
I Ki UrduGeoD 13:32  क्योंकि जो बातें उसने रब के हुक्म पर बैतेल की क़ुरबानगाह और सामरिया के शहरों की ऊँची जगहों के मंदिरों के बारे में की हैं वह यक़ीनन पूरी हो जाएँगी।”
I Ki UrduGeoD 13:33  इन वाक़ियात के बावुजूद यरुबियाम अपनी शरीर हरकतों से बाज़ न आया। आम लोगों को इमाम बनाने का सिलसिला जारी रहा। जो कोई भी इमाम बनना चाहता उसे वह ऊँची जगहों के मंदिरों में ख़िदमत करने के लिए मख़सूस करता था।
I Ki UrduGeoD 13:34  यरुबियाम के घराने के इस संगीन गुनाह की वजह से वह आख़िरकार तबाह हुआ और रूए-ज़मीन पर से मिट गया।
Chapter 14
I Ki UrduGeoD 14:1  एक दिन यरुबियाम का बेटा अबियाह बहुत बीमार हुआ।
I Ki UrduGeoD 14:2  तब यरुबियाम ने अपनी बीवी से कहा, “जाकर अपना भेस बदलें ताकि कोई न पहचाने कि आप मेरी बीवी हैं। फिर सैला जाएँ। वहाँ अख़ियाह नबी रहता है जिसने मुझे इत्तला दी थी कि मैं इस क़ौम का बादशाह बन जाऊँगा।
I Ki UrduGeoD 14:3  उसके पास दस रोटियाँ, कुछ बिस्कुट और शहद का मरतबान ले जाएँ। वह आदमी आपको ज़रूर बता देगा कि लड़के के साथ क्या हो जाएगा।”
I Ki UrduGeoD 14:4  चुनाँचे यरुबियाम की बीवी अपना भेस बदलकर रवाना हुई और चलते चलते सैला में अख़ियाह के घर पहुँच गई। अख़ियाह उम्ररसीदा होने के बाइस देख नहीं सकता था।
I Ki UrduGeoD 14:5  लेकिन रब ने उसे आगाह कर दिया, “यरुबियाम की बीवी तुझसे मिलने आ रही है ताकि अपने बीमार बेटे के बारे में मालूमात हासिल करे। लेकिन वह अपना भेस बदलकर आएगी ताकि उसे पहचाना न जाए।” फिर रब ने नबी को बताया कि उसे क्या जवाब देना है।
I Ki UrduGeoD 14:6  जब अख़ियाह ने औरत के क़दमों की आहट सुनी तो बोला, “यरुबियाम की बीवी, अंदर आएँ! रूप भरने की क्या ज़रूरत? मुझे आपको बुरी ख़बर पहुँचानी है।
I Ki UrduGeoD 14:7  जाएँ, यरुबियाम को रब इसराईल के ख़ुदा की तरफ़ से पैग़ाम दें, ‘मैंने तुझे लोगों में से चुनकर खड़ा किया और अपनी क़ौम इसराईल पर बादशाह बना दिया।
I Ki UrduGeoD 14:8  मैंने बादशाही को दाऊद के घराने से छीनकर तुझे दे दिया। लेकिन अफ़सोस, तू मेरे ख़ादिम दाऊद की तरह ज़िंदगी नहीं गुज़ारता जो मेरे अहकाम के ताबे रहकर पूरे दिल से मेरी पैरवी करता रहा और हमेशा वह कुछ करता था जो मुझे पसंद था।
I Ki UrduGeoD 14:9  जो तुझसे पहले थे उनकी निसबत तूने कहीं ज़्यादा बदी की, क्योंकि तूने बुत ढालकर अपने लिए दीगर माबूद बनाए हैं और यों मुझे तैश दिलाया। चूँकि तूने अपना मुँह मुझसे फेर लिया
I Ki UrduGeoD 14:10  इसलिए मैं तेरे ख़ानदान को मुसीबत में डाल दूँगा। इसराईल में मैं यरुबियाम के तमाम मर्दों को हलाक कर दूँगा, ख़ाह वह बच्चे हों या बालिग़। जिस तरह गोबर को झाड़ू देकर दूर किया जाता है उसी तरह यरुबियाम के घराने का नामो-निशान मिट जाएगा।
I Ki UrduGeoD 14:11  तुममें से जो शहर में मरेंगे उन्हें कुत्ते खा जाएंगे, और जो खुले मैदान में मरेंगे उन्हें परिंदे चट कर जाएंगे। क्योंकि यह रब का फ़रमान है’।”
I Ki UrduGeoD 14:12  फिर अख़ियाह ने यरुबियाम की बीवी से कहा, “आप अपने घर वापस चली जाएँ। ज्योंही आप शहर में दाख़िल होंगी लड़का फ़ौत हो जाएगा।
I Ki UrduGeoD 14:13  पूरा इसराईल उसका मातम करके उसे दफ़न करेगा। वह आपके ख़ानदान का वाहिद फ़रद होगा जिसे सहीह तौर से दफ़नाया जाएगा। क्योंकि रब इसराईल के ख़ुदा ने सिर्फ़ उसी में कुछ पाया जो उसे पसंद था।
I Ki UrduGeoD 14:14  रब इसराईल पर एक बादशाह मुक़र्रर करेगा जो यरुबियाम के ख़ानदान को हलाक करेगा। आज ही से यह सिलसिला शुरू हो जाएगा।
I Ki UrduGeoD 14:15  रब इसराईल को भी सज़ा देगा, क्योंकि वह यसीरत देवी के खंबे बनाकर उनकी पूजा करते हैं। चूँकि वह रब को तैश दिलाते रहे हैं, इसलिए वह उन्हें मारेगा, और वह पानी में सरकंडे की तरह हिल जाएंगे। रब उन्हें इस अच्छे मुल्क से उखाड़कर दरियाए-फ़ुरात के पार मुंतशिर कर देगा।
I Ki UrduGeoD 14:16  यों वह इसराईल को उन गुनाहों के बाइस तर्क करेगा जो यरुबियाम ने किए और इसराईल को करने पर उकसाया है।”
I Ki UrduGeoD 14:17  यरुबियाम की बीवी तिरज़ा में अपने घर वापस चली गई। और घर के दरवाज़े में दाख़िल होते ही उसका बेटा मर गया।
I Ki UrduGeoD 14:18  तमाम इसराईल ने उसे दफ़नाकर उसका मातम किया। सब कुछ वैसे हुआ जैसे रब ने अपने ख़ादिम अख़ियाह नबी की मारिफ़त फ़रमाया था।
I Ki UrduGeoD 14:19  बाक़ी जो कुछ यरुबियाम की ज़िंदगी के बारे में लिखा है वह ‘शाहाने-इसराईल की तारीख़’ की किताब में दर्ज है। उस किताब में पढ़ा जा सकता है कि वह किस तरह हुकूमत करता था और उसने कौन कौन-सी जंगें कीं।
I Ki UrduGeoD 14:20  यरुबियाम 22 साल बादशाह रहा। जब वह मरकर अपने बापदादा से जा मिला तो उसका बेटा नदब तख़्तनशीन हुआ।
I Ki UrduGeoD 14:21  यहूदाह में रहुबियाम बिन सुलेमान हुकूमत करता था। उस की माँ नामा अम्मोनी थी। 41 साल की उम्र में वह तख़्तनशीन हुआ और 17 साल बादशाह रहा। उसका दारुल-हुकूमत यरूशलम था, वह शहर जिसे रब ने तमाम इसराईली क़बीलों में से चुन लिया ताकि उसमें अपना नाम क़ायम करे।
I Ki UrduGeoD 14:22  लेकिन यहूदाह के बाशिंदे भी ऐसी हरकतें करते थे जो रब को नापसंद थीं। अपने गुनाहों से वह उसे तैश दिलाते रहे, क्योंकि उनके यह गुनाह उनके बापदादा के गुनाहों से कहीं ज़्यादा संगीन थे।
I Ki UrduGeoD 14:23  उन्होंने भी ऊँची जगहों पर मंदिर बनाए। हर ऊँची पहाड़ी पर और हर घने दरख़्त के साय में उन्होंने मख़सूस पत्थर या यसीरत देवी के खंबे खड़े किए,
I Ki UrduGeoD 14:24  यहाँ तक कि मंदिरों में जिस्मफ़रोश मर्द और औरतें थे। ग़रज़, उन्होंने उन क़ौमों के तमाम घिनौने रस्मो-रिवाज अपना लिए जिनको रब ने इसराईलियों के आगे आगे निकाल दिया था।
I Ki UrduGeoD 14:25  रहुबियाम बादशाह की हुकूमत के पाँचवें साल में मिसर के बादशाह सीसक़ ने यरूशलम पर हमला करके
I Ki UrduGeoD 14:26  रब के घर और शाही महल के तमाम ख़ज़ाने लूट लिए। सोने की वह ढालें भी छीन ली गईं जो सुलेमान ने बनवाई थीं।
I Ki UrduGeoD 14:27  इनकी जगह रहुबियाम ने पीतल की ढालें बनवाईं और उन्हें उन मुहाफ़िज़ों के अफ़सरों के सुपुर्द किया जो शाही महल के दरवाज़े की पहरादारी करते थे।
I Ki UrduGeoD 14:28  जब भी बादशाह रब के घर में जाता तब मुहाफ़िज़ यह ढालें उठाकर साथ ले जाते। इसके बाद वह उन्हें पहरेदारों के कमरे में वापस ले जाते थे।
I Ki UrduGeoD 14:29  बाक़ी जो कुछ रहुबियाम बादशाह की हुकूमत के दौरान हुआ और जो कुछ उसने किया वह ‘शाहाने-यहूदाह की तारीख़’ की किताब में दर्ज है।
I Ki UrduGeoD 14:30  दोनों बादशाहों रहुबियाम और यरुबियाम के जीते-जी उनके दरमियान जंग जारी रही।
I Ki UrduGeoD 14:31  जब रहुबियाम मरकर अपने बापदादा से जा मिला तो उसे यरूशलम के उस हिस्से में जो ‘दाऊद का शहर’ कहलाता है ख़ानदानी क़ब्र में दफ़नाया गया। उस की माँ नामा अम्मोनी थी। फिर रहुबियाम का बेटा अबियाह तख़्तनशीन हुआ।
Chapter 15
I Ki UrduGeoD 15:1  अबियाह इसराईल के बादशाह यरुबियाम बिन नबात की हुकूमत के 18वें साल में यहूदाह का बादशाह बना।
I Ki UrduGeoD 15:2  वह तीन साल बादशाह रहा, और उसका दारुल-हुकूमत यरूशलम था। उस की माँ माका बिंत अबीसलूम थी।
I Ki UrduGeoD 15:3  अबियाह से वही गुनाह सरज़द हुए जो उसके बाप ने किए थे, और वह पूरे दिल से रब अपने ख़ुदा का वफ़ादार न रहा। गो वह इसमें अपने परदादा दाऊद से फ़रक़ था
I Ki UrduGeoD 15:4  तो भी रब उसके ख़ुदा ने अबियाह का यरूशलम में चराग़ जलने दिया। दाऊद की ख़ातिर उसने उसे जा-नशीन अता किया और यरूशलम को क़ायम रखा,
I Ki UrduGeoD 15:5  क्योंकि दाऊद ने वह कुछ किया था जो रब को पसंद था। जीते-जी वह रब के अहकाम के ताबे रहा, सिवाए उस जुर्म के जब उसने ऊरियाह हित्ती के सिलसिले में ग़लत क़दम उठाए थे।
I Ki UrduGeoD 15:6  रहुबियाम और यरुबियाम के दरमियान की जंग अबियाह की हुकूमत के दौरान भी जारी रही।
I Ki UrduGeoD 15:7  बाक़ी जो कुछ अबियाह की हुकूमत के दौरान हुआ और जो कुछ उसने किया वह ‘शाहाने-यहूदाह की तारीख़’ की किताब में दर्ज है।
I Ki UrduGeoD 15:8  जब वह मरकर अपने बापदादा से जा मिला तो उसे यरूशलम के उस हिस्से में दफ़न किया गया जो ‘दाऊद का शहर’ कहलाता है। फिर उसका बेटा आसा तख़्तनशीन हुआ।
I Ki UrduGeoD 15:9  आसा इसराईल के बादशाह यरुबियाम के 20वें साल में यहूदाह का बादशाह बन गया।
I Ki UrduGeoD 15:10  उस की हुकूमत का दौरानिया 41 साल था, और उसका दारुल-हुकूमत यरूशलम था। माँ का नाम माका था, और वह अबीसलूम की बेटी थी।
I Ki UrduGeoD 15:11  अपने परदादा दाऊद की तरह आसा भी वह कुछ करता रहा जो रब को पसंद था।
I Ki UrduGeoD 15:12  उसने उन जिस्मफ़रोश मर्दों और औरतों को निकाल दिया जो मंदिरों में नाम-निहाद ख़िदमत करते थे और उन तमाम बुतों को तबाह कर दिया जो उसके बापदादा ने बनाए थे।
I Ki UrduGeoD 15:13  और गो उस की माँ बादशाह की माँ होने के बाइस बहुत असरो-रसूख़ रखती थी, ताहम आसा ने यह ओहदा ख़त्म कर दिया जब माँ ने यसीरत देवी का घिनौना खंबा बनवा लिया। आसा ने यह बुत कटवाकर वादीए-क़िदरोन में जला दिया।
I Ki UrduGeoD 15:14  अफ़सोस कि उसने ऊँची जगहों के मंदिरों को दूर न किया। तो भी आसा जीते-जी पूरे दिल से रब का वफ़ादार रहा।
I Ki UrduGeoD 15:15  सोना-चाँदी और बाक़ी जितनी चीज़ें उसके बाप और उसने रब के लिए मख़सूस की थीं उन सबको वह रब के घर में लाया।
I Ki UrduGeoD 15:16  यहूदाह के बादशाह आसा और इसराईल के बादशाह बाशा के दरमियान ज़िंदगी-भर जंग जारी रही।
I Ki UrduGeoD 15:17  एक दिन बाशा बादशाह ने यहूदाह पर हमला करके रामा शहर की क़िलाबंदी की। मक़सद यह था कि न कोई यहूदाह के मुल्क में दाख़िल हो सके, न कोई वहाँ से निकल सके।
I Ki UrduGeoD 15:18  जवाब में आसा ने शाम के बादशाह बिन-हदद के पास वफ़द भेजा। बिन-हदद का बाप ताबरिम्मोन बिन हज़यून था, और उसका दारुल-हुकूमत दमिश्क़ था। आसा ने रब के घर और शाही महल के ख़ज़ानों का तमाम बचा हुआ सोना और चाँदी वफ़द के सुपुर्द करके दमिश्क़ के बादशाह को पैग़ाम भेजा,
I Ki UrduGeoD 15:19  “मेरा आपके साथ अहद है जिस तरह मेरे बाप का आपके बाप के साथ अहद था। गुज़ारिश है कि आप सोने-चाँदी का यह तोह्फ़ा क़बूल करके इसराईल के बादशाह बाशा के साथ अपना अहद मनसूख़ कर दें ताकि वह मेरे मुल्क से निकल जाए।”
I Ki UrduGeoD 15:20  बिन-हदद मुत्तफ़िक़ हुआ। उसने अपने फ़ौजी अफ़सरों को इसराईल के शहरों पर हमला करने के लिए भेज दिया तो उन्होंने ऐय्यून, दान, अबील-बैत-माका, तमाम किन्नरत और नफ़ताली पर क़ब्ज़ा कर लिया।
I Ki UrduGeoD 15:21  जब बाशा को इसकी ख़बर मिली तो वह रामा की क़िलाबंदी करने से बाज़ आया और तिरज़ा वापस चला गया।
I Ki UrduGeoD 15:22  फिर आसा बादशाह ने यहूदाह के तमाम मर्दों की भरती करके उन्हें रामा भेज दिया ताकि वह उन तमाम पत्थरों और शहतीरों को उठाकर ले जाएँ जिनसे बाशा बादशाह रामा की क़िलाबंदी करना चाहता था। तमाम मर्दों को वहाँ जाना पड़ा, एक को भी छुट्टी न मिली। इस सामान से आसा ने बिनयमीन के शहर जिबा और मिसफ़ाह की क़िलाबंदी की।
I Ki UrduGeoD 15:23  बाक़ी जो कुछ आसा की हुकूमत के दौरान हुआ और जो कुछ उसने किया वह ‘शाहाने-यहूदाह की तारीख़’ की किताब में दर्ज है। उसमें उस की कामयाबियों और उसके तामीर किए गए शहरों का ज़िक्र है। बुढ़ापे में उसके पाँवों को बीमारी लग गई।
I Ki UrduGeoD 15:24  जब वह मरकर अपने बापदादा से जा मिला तो उसे यरूशलम के उस हिस्से में जो ‘दाऊद का शहर’ कहलाता है ख़ानदानी क़ब्र में दफ़नाया गया। फिर उसका बेटा यहूसफ़त उस की जगह तख़्तनशीन हुआ।
I Ki UrduGeoD 15:25  नदब बिन यरुबियाम यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के दूसरे साल में इसराईल का बादशाह बना। उस की हुकूमत का दौरानिया दो साल था।
I Ki UrduGeoD 15:26  उसका तर्ज़े-ज़िंदगी रब को पसंद नहीं था, क्योंकि वह अपने बाप के नमूने पर चलता रहा। जो बदी यरुबियाम ने इसराईल को करने पर उकसाया था उससे नदब भी दूर न हुआ।
I Ki UrduGeoD 15:27  एक दिन जब नदब इसराईली फ़ौज के साथ फ़िलिस्ती शहर जिब्बतून का मुहासरा किए हुए था तो इशकार के क़बीले के बाशा बिन अख़ियाह ने उसके ख़िलाफ़ साज़िश करके उसे मार डाला और ख़ुद इसराईल का बादशाह बन गया। यह यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के तीसरे साल में हुआ।
I Ki UrduGeoD 15:28  एक दिन जब नदब इसराईली फ़ौज के साथ फ़िलिस्ती शहर जिब्बतून का मुहासरा किए हुए था तो इशकार के क़बीले के बाशा बिन अख़ियाह ने उसके ख़िलाफ़ साज़िश करके उसे मार डाला और ख़ुद इसराईल का बादशाह बन गया। यह यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के तीसरे साल में हुआ।
I Ki UrduGeoD 15:29  तख़्त पर बैठते ही बाशा ने यरुबियाम के पूरे ख़ानदान को मरवा दिया। उसने एक को भी ज़िंदा न छोड़ा। यों वह बात पूरी हुई जो रब ने सैला के रहनेवाले अपने ख़ादिम अख़ियाह की मारिफ़त फ़रमाई थी।
I Ki UrduGeoD 15:30  क्योंकि जो गुनाह यरुबियाम ने किए और इसराईल को करने पर उकसाया था उनसे उसने रब इसराईल के ख़ुदा को तैश दिलाया था।
I Ki UrduGeoD 15:31  बाक़ी जो कुछ नदब की हुकूमत के दौरान हुआ और जो कुछ उसने किया वह ‘शाहाने-इसराईल की तारीख़’ की किताब में दर्ज है।
I Ki UrduGeoD 15:32  बाशा बिन अख़ियाह यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के तीसरे साल में इसराईल का बादशाह बना। उस की हुकूमत का दौरानिया 24 साल था, और उसका दारुल-हुकूमत तिरज़ा रहा। उसके और यहूदाह के बादशाह आसा के दरमियान ज़िंदगी-भर जंग जारी रही।
I Ki UrduGeoD 15:33  बाशा बिन अख़ियाह यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के तीसरे साल में इसराईल का बादशाह बना। उस की हुकूमत का दौरानिया 24 साल था, और उसका दारुल-हुकूमत तिरज़ा रहा। उसके और यहूदाह के बादशाह आसा के दरमियान ज़िंदगी-भर जंग जारी रही।
I Ki UrduGeoD 15:34  लेकिन वह भी ऐसा काम करता था जो रब को नापसंद था, क्योंकि उसने यरुबियाम के नमूने पर चलकर वह गुनाह जारी रखे जो करने पर यरुबियाम ने इसराईल को उकसाया था।
Chapter 16
I Ki UrduGeoD 16:1  एक दिन रब ने याहू बिन हनानी को बाशा के पास भेजकर फ़रमाया,
I Ki UrduGeoD 16:2  “पहले तू कुछ नहीं था, लेकिन मैंने तुझे ख़ाक में से उठाकर अपनी क़ौम इसराईल का हुक्मरान बना दिया। तो भी तूने यरुबियाम के नमूने पर चलकर मेरी क़ौम इसराईल को गुनाह करने पर उकसाया और मुझे तैश दिलाया है।
I Ki UrduGeoD 16:3  इसलिए मैं तेरे घराने के साथ वही कुछ करूँगा जो यरुबियाम बिन नबात के घराने के साथ किया था। बाशा की पूरी नसल हलाक हो जाएगी।
I Ki UrduGeoD 16:4  ख़ानदान के जो अफ़राद शहर में मरेंगे उन्हें कुत्ते खा जाएंगे, और जो खुले मैदान में मरेंगे उन्हें परिंदे चट कर जाएंगे।”
I Ki UrduGeoD 16:5  बाक़ी जो कुछ बाशा की हुकूमत के दौरान हुआ, जो कुछ उसने किया और जो कामयाबियाँ उसे हासिल हुईं वह ‘शाहाने-इसराईल की तारीख़’ की किताब में दर्ज हैं।
I Ki UrduGeoD 16:6  जब वह मरकर अपने बापदादा से जा मिला तो उसे तिरज़ा में दफ़न किया गया। फिर उसका बेटा ऐला तख़्तनशीन हुआ।
I Ki UrduGeoD 16:7  रब की सज़ा का जो पैग़ाम हनानी के बेटे याहू नबी ने बाशा और उसके ख़ानदान को सुनाया उस की दो वुजूहात थीं। पहले, बाशा ने यरुबियाम के ख़ानदान की तरह वह कुछ किया जो रब को नापसंद था और उसे तैश दिलाया। दूसरे, उसने यरुबियाम के पूरे ख़ानदान को हलाक कर दिया था।
I Ki UrduGeoD 16:8  ऐला बिन बाशा यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के 26वें साल में इसराईल का बादशाह बना। उस की हुकूमत के दो साल के दौरान उसका दारुल-हुकूमत तिरज़ा रहा।
I Ki UrduGeoD 16:9  ऐला का एक अफ़सर बनाम ज़िमरी था। ज़िमरी रथों के आधे हिस्से पर मुक़र्रर था। अब वह बादशाह के ख़िलाफ़ साज़िशें करने लगा। एक दिन ऐला तिरज़ा में महल के इंचार्ज अरज़ा के घर में बैठा मै पी रहा था। जब नशे में धुत हुआ
I Ki UrduGeoD 16:10  तो ज़िमरी ने अंदर जाकर उसे मार डाला। फिर वह ख़ुद तख़्त पर बैठ गया। यह यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के 27वें साल में हुआ।
I Ki UrduGeoD 16:11  तख़्त पर बैठते ही ज़िमरी ने बाशा के पूरे ख़ानदान को हलाक कर दिया। उसने किसी भी मर्द को ज़िंदा न छोड़ा, ख़ाह वह दूर का रिश्तेदार था, ख़ाह दोस्त।
I Ki UrduGeoD 16:12  यों वही कुछ हुआ जो रब ने याहू नबी की मारिफ़त बाशा को फ़रमाया था।
I Ki UrduGeoD 16:13  क्योंकि बाशा और उसके बेटे ऐला से संगीन गुनाह सरज़द हुए थे, और साथ साथ उन्होंने इसराईल को भी यह करने पर उकसाया था। अपने बातिल देवताओं से उन्होंने रब इसराईल के ख़ुदा को तैश दिलाया था।
I Ki UrduGeoD 16:14  बाक़ी जो कुछ ऐला की हुकूमत के दौरान हुआ और जो कुछ उसने किया वह ‘शाहाने-इसराईल की तारीख़’ की किताब में दर्ज है।
I Ki UrduGeoD 16:15  ज़िमरी यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के 27वें साल में इसराईल का बादशाह बना। लेकिन तिरज़ा में उस की हुकूमत सिर्फ़ सात दिन तक क़ायम रही। उस वक़्त इसराईली फ़ौज फ़िलिस्ती शहर जिब्बतून का मुहासरा कर रही थी।
I Ki UrduGeoD 16:16  जब फ़ौज में ख़बर फैल गई कि ज़िमरी ने बादशाह के ख़िलाफ़ साज़िश करके उसे क़त्ल किया है तो तमाम इसराईलियों ने लशकरगाह में आकर उसी दिन अपने कमाँडर उमरी को बादशाह बना दिया।
I Ki UrduGeoD 16:17  तब उमरी तमाम फ़ौजियों के साथ जिब्बतून को छोड़कर तिरज़ा का मुहासरा करने लगा।
I Ki UrduGeoD 16:18  जब ज़िमरी को पता चला कि शहर दूसरों के क़ब्ज़े में आ गया है तो उसने महल के बुर्ज में जाकर उसे आग लगाई। यों वह जलकर मर गया।
I Ki UrduGeoD 16:19  इस तरह उसे भी मुनासिब सज़ा मिल गई, क्योंकि उसने भी वह कुछ किया था जो रब को नापसंद था। यरुबियाम के नमूने पर चलकर उसने वह तमाम गुनाह किए जो यरुबियाम ने किए और इसराईल को करने पर उकसाया था।
I Ki UrduGeoD 16:20  जो कुछ ज़िमरी की हुकूमत के दौरान हुआ और जो साज़िशें उसने कीं वह ‘शाहाने-इसराईल की तारीख़’ की किताब में दर्ज हैं।
I Ki UrduGeoD 16:21  ज़िमरी की मौत के बाद इसराईली दो फ़िरक़ों में बट गए। एक फ़िरक़ा तिबनी बिन जीनत को बादशाह बनाना चाहता था, दूसरा उमरी को।
I Ki UrduGeoD 16:22  लेकिन उमरी का फ़िरक़ा तिबनी के फ़िरक़े की निसबत ज़्यादा ताक़तवर निकला। चुनाँचे तिबनी मर गया और उमरी पूरी क़ौम पर बादशाह बन गया।
I Ki UrduGeoD 16:23  उमरी यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के 31वें साल में इसराईल का बादशाह बना। उस की हुकूमत का दौरानिया 12 साल था। पहले छः साल दारुल-हुकूमत तिरज़ा रहा।
I Ki UrduGeoD 16:24  इसके बाद उसने एक आदमी बनाम समर को चाँदी के 6,000 सिक्के देकर उससे सामरिया पहाड़ी ख़रीद ली और वहाँ अपना नया दारुल-हुकूमत तामीर किया। पहले मालिक समर की याद में उसने शहर का नाम सामरिया रखा।
I Ki UrduGeoD 16:25  लेकिन उमरी ने भी वही कुछ किया जो रब को नापसंद था, बल्कि उसने माज़ी के बादशाहों की निसबत ज़्यादा बदी की।
I Ki UrduGeoD 16:26  उसने यरुबियाम बिन नबात के नमूने पर चलकर वह तमाम गुनाह किए जो यरुबियाम ने किए और इसराईल को करने पर उकसाया था। नतीजे में इसराईली रब अपने ख़ुदा को अपने बातिल देवताओं से तैश दिलाते रहे।
I Ki UrduGeoD 16:27  बाक़ी जो कुछ उमरी की हुकूमत के दौरान हुआ, जो कुछ उसने किया और जो कामयाबियाँ उसे हासिल हुईं वह ‘शाहाने-इसराईल की तारीख़’ की किताब में बयान की गई हैं।
I Ki UrduGeoD 16:28  जब उमरी मरकर अपने बापदादा से जा मिला तो उसे सामरिया में दफ़नाया गया। फिर उसका बेटा अख़ियब तख़्तनशीन हुआ।
I Ki UrduGeoD 16:29  अख़ियब बिन उमरी यहूदाह के बादशाह आसा के 38वें साल में इसराईल का बादशाह बना। उस की हुकूमत का दौरानिया 22 साल था, और उसका दारुल-हुकूमत सामरिया रहा।
I Ki UrduGeoD 16:30  अख़ियब ने भी ऐसे काम किए जो रब को नापसंद थे, बल्कि माज़ी के बादशाहों की निसबत उसके गुनाह ज़्यादा संगीन थे।
I Ki UrduGeoD 16:31  यरुबियाम के नमूने पर चलना उसके लिए काफ़ी नहीं था बल्कि उसने इससे बढ़कर सैदा के बादशाह इतबाल की बेटी ईज़बिल से शादी भी की। नतीजे में वह उसके देवता बाल के सामने झुककर उस की पूजा करने लगा।
I Ki UrduGeoD 16:32  सामरिया में उसने बाल का मंदिर तामीर किया और देवता के लिए क़ुरबानगाह बनाकर उसमें रख दिया।
I Ki UrduGeoD 16:33  अख़ियब ने यसीरत देवी का बुत भी बनवा दिया। यों उसने अपने घिनौने कामों से माज़ी के तमाम इसराईली बादशाहों की निसबत कहीं ज़्यादा रब इसराईल के ख़ुदा को तैश दिलाया।
I Ki UrduGeoD 16:34  अख़ियब की हुकूमत के दौरान बैतेल के रहनेवाले हियेल ने यरीहू शहर को नए सिरे से तामीर किया। जब उस की बुनियाद रखी गई तो उसका सबसे बड़ा बेटा अबीराम मर गया, और जब उसने शहर के दरवाज़े लगा दिए तो उसके सबसे छोटे बेटे सजूब को अपनी जान देनी पड़ी। यों रब की वह बात पूरी हुई जो उसने यशुअ बिन नून की मारिफ़त फ़रमाई थी।
Chapter 17
I Ki UrduGeoD 17:1  एक दिन इलियास नबी ने जो जिलियाद के शहर तिशबी का था अख़ियब बादशाह से कहा, “रब इसराईल के ख़ुदा की क़सम जिसकी ख़िदमत मैं करता हूँ, आनेवाले सालों में न ओस, न बारिश पड़ेगी जब तक मैं न कहूँ।”
I Ki UrduGeoD 17:2  फिर रब ने इलियास से कहा,
I Ki UrduGeoD 17:3  “यहाँ से चला जा! मशरिक़ की तरफ़ सफ़र करके वादीए-करीत में छुप जा जिसकी नदी दरियाए-यरदन में बहती है।
I Ki UrduGeoD 17:4  पानी तू नदी से पी सकता है, और मैंने कौवों को तुझे वहाँ खाना खिलाने का हुक्म दिया है।”
I Ki UrduGeoD 17:5  इलियास रब की सुनकर रवाना हुआ और वादीए-करीत में रहने लगा जिसकी नदी दरियाए-यरदन में बहती है।
I Ki UrduGeoD 17:6  सुबहो-शाम कौवे उसे रोटी और गोश्त पहुँचाते रहे, और पानी वह नदी से पीता था।
I Ki UrduGeoD 17:7  इस पूरे अरसे में बारिश न हुई, इसलिए नदी आहिस्ता आहिस्ता सूख गई। जब उसका पानी बिलकुल ख़त्म हो गया
I Ki UrduGeoD 17:8  तो रब दुबारा इलियास से हमकलाम हुआ,
I Ki UrduGeoD 17:9  “यहाँ से रवाना होकर सैदा के शहर सारपत में जा बस। मैंने वहाँ की एक बेवा को तुझे खाना खिलाने का हुक्म दिया है।”
I Ki UrduGeoD 17:10  चुनाँचे इलियास सारपत के लिए रवाना हुआ। सफ़र करते करते वह शहर के दरवाज़े के पास पहुँच गया। वहाँ एक बेवा जलाने के लिए लकड़ियाँ चुनकर जमा कर रही थी। उसे बुलाकर इलियास ने कहा, “ज़रा किसी बरतन में पानी भरकर मुझे थोड़ा-सा पिलाएँ।”
I Ki UrduGeoD 17:11  वह अभी पानी लाने जा रही थी कि इलियास ने उसके पीछे आवाज़ देकर कहा, “मेरे लिए रोटी का टुकड़ा भी लाना!”
I Ki UrduGeoD 17:12  यह सुनकर बेवा रुक गई और बोली, “रब आपके ख़ुदा की क़सम, मेरे पास कुछ नहीं है। बस, एक बरतन में मुट्ठी-भर मैदा और दूसरे में थोड़ा-सा तेल रह गया है। अब मैं जलाने के लिए चंद एक लकड़ियाँ चुन रही हूँ ताकि अपने और अपने बेटे के लिए आख़िरी खाना पकाऊँ। इसके बाद हमारी मौत यक़ीनी है।”
I Ki UrduGeoD 17:13  इलियास ने उसे तसल्ली दी, “डरें मत! बेशक वह कुछ करें जो आपने कहा है। लेकिन पहले मेरे लिए छोटी-सी रोटी बनाकर मेरे पास ले आएँ। फिर जो बाक़ी रह गया हो उससे अपने और अपने बेटे के लिए रोटी बनाएँ।
I Ki UrduGeoD 17:14  क्योंकि रब इसराईल का ख़ुदा फ़रमाता है, ‘जब तक रब बारिश बरसने न दे तब तक मैदे और तेल के बरतन ख़ाली नहीं होंगे’।”
I Ki UrduGeoD 17:15  औरत ने जाकर वैसा ही किया जैसा इलियास ने उसे कहा था। वाक़ई मैदा और तेल कभी ख़त्म न हुआ। रोज़ बरोज़ इलियास, बेवा और उसके बेटे के लिए खाना दस्तयाब रहा। सब कुछ वैसा ही हुआ जैसा रब ने इलियास की मारिफ़त फ़रमाया था।
I Ki UrduGeoD 17:16  औरत ने जाकर वैसा ही किया जैसा इलियास ने उसे कहा था। वाक़ई मैदा और तेल कभी ख़त्म न हुआ। रोज़ बरोज़ इलियास, बेवा और उसके बेटे के लिए खाना दस्तयाब रहा। सब कुछ वैसा ही हुआ जैसा रब ने इलियास की मारिफ़त फ़रमाया था।
I Ki UrduGeoD 17:17  एक दिन बेवा का बेटा बीमार हो गया। उस की तबियत बहुत ख़राब हुई, और होते होते उस की जान निकल गई।
I Ki UrduGeoD 17:18  तब बेवा इलियास से शिकायत करने लगी, “मर्दे-ख़ुदा, मेरा आपके साथ क्या वास्ता? आप तो सिर्फ़ इस मक़सद से यहाँ आए हैं कि रब को मेरे गुनाह की याद दिलाकर मेरे बेटे को मार डालें!”
I Ki UrduGeoD 17:19  इलियास ने जवाब में कहा, “अपने बेटे को मुझे दे दें।” वह लड़के को औरत की गोद में से उठाकर छत पर अपने कमरे में ले गया और वहाँ उसे चारपाई पर रखकर
I Ki UrduGeoD 17:20  दुआ करने लगा, “ऐ रब मेरे ख़ुदा, तूने इस बेवा को जिसका मेहमान मैं हूँ ऐसी मुसीबत में क्यों डाल दिया है? तूने उसके बेटे को मरने क्यों दिया?”
I Ki UrduGeoD 17:21  वह तीन बार लाश पर दराज़ हुआ और साथ साथ रब से इलतमास करता रहा, “ऐ रब मेरे ख़ुदा, बराहे-करम बच्चे की जान को उसमें वापस आने दे!”
I Ki UrduGeoD 17:22  रब ने इलियास की सुनी, और लड़के की जान उसमें वापस आई।
I Ki UrduGeoD 17:23  इलियास उसे उठाकर नीचे ले आया और उसे उस की माँ को वापस देकर बोला, “देखें, आपका बेटा ज़िंदा है!”
I Ki UrduGeoD 17:24  औरत ने जवाब दिया, “अब मैंने जान लिया है कि आप अल्लाह के पैग़ंबर हैं और कि जो कुछ आप रब की तरफ़ से बोलते हैं वह सच है।”
Chapter 18
I Ki UrduGeoD 18:1  बहुत दिन गुज़र गए। फिर काल के तीसरे साल में रब इलियास से हमकलाम हुआ, “अब जाकर अपने आपको अख़ियब के सामने पेश कर। मैं बारिश का सिलसिला दुबारा शुरू कर दूँगा।”
I Ki UrduGeoD 18:2  चुनाँचे इलियास अख़ियब से मिलने के लिए इसराईल चला गया। उस वक़्त सामरिया काल की सख़्त गिरिफ़्त में था,
I Ki UrduGeoD 18:3  इसलिए अख़ियब ने महल के इंचार्ज अबदियाह को बुलाया। (अबदियाह रब का ख़ौफ़ मानता था।
I Ki UrduGeoD 18:4  जब ईज़बिल ने रब के तमाम नबियों को क़त्ल करने की कोशिश की थी तो अबदियाह ने 100 नबियों को दो ग़ारों में छुपा दिया था। हर ग़ार में 50 नबी रहते थे, और अबदियाह उन्हें खाने-पीने की चीज़ें पहुँचाता रहता था।)
I Ki UrduGeoD 18:5  अब अख़ियब ने अबदियाह को हुक्म दिया, “पूरे मुल्क में से गुज़रकर तमाम चश्मों और वादियों का मुआयना करें। शायद कहीं कुछ घास मिल जाए जो हम अपने घोड़ों और ख़च्चरों को खिलाकर उन्हें बचा सकें। ऐसा न हो कि हमें खाने की क़िल्लत के बाइस कुछ जानवरों को ज़बह करना पड़े।”
I Ki UrduGeoD 18:6  उन्होंने मुक़र्रर किया कि अख़ियब कहाँ जाएगा और अबदियाह कहाँ, फिर दोनों एक दूसरे से अलग हो गए।
I Ki UrduGeoD 18:7  चलते चलते अबदियाह को अचानक इलियास उस की तरफ़ आते हुए नज़र आया। जब अबदियाह ने उसे पहचाना तो वह मुँह के बल झुककर बोला, “मेरे आक़ा इलियास, क्या आप ही हैं?”
I Ki UrduGeoD 18:8  इलियास ने जवाब दिया, “जी, मैं ही हूँ। जाएँ, अपने मालिक को इत्तला दें कि इलियास आ गया है।”
I Ki UrduGeoD 18:9  अबदियाह ने एतराज़ किया, “मुझसे क्या ग़लती हुई है कि आप मुझे अख़ियब से मरवाना चाहते हैं?
I Ki UrduGeoD 18:10  रब आपके ख़ुदा की क़सम, बादशाह ने अपने बंदों को हर क़ौम और मुल्क में भेज दिया है ताकि आपको ढूँड निकालें। और जहाँ जवाब मिला कि इलियास यहाँ नहीं है वहाँ लोगों को क़सम खानी पड़ी कि हम इलियास का खोज लगाने में नाकाम रहे हैं।
I Ki UrduGeoD 18:11  और अब आप चाहते हैं कि मैं बादशाह के पास जाकर उसे बताऊँ कि इलियास यहाँ है?
I Ki UrduGeoD 18:12  ऐन मुमकिन है कि जब मैं आपको छोड़कर चला जाऊँ तो रब का रूह आपको उठाकर किसी नामालूम जगह ले जाए। अगर बादशाह मेरी यह इत्तला सुनकर यहाँ आए और आपको न पाए तो मुझे मार डालेगा। याद रहे कि मैं जवानी से लेकर आज तक रब का ख़ौफ़ मानता आया हूँ।
I Ki UrduGeoD 18:13  क्या मेरे आक़ा तक यह ख़बर नहीं पहुँची कि जब ईज़बिल रब के नबियों को क़त्ल कर रही थी तो मैंने क्या किया? मैं दो ग़ारों में पचास पचास नबियों को छुपाकर उन्हें खाने-पीने की चीज़ें पहुँचाता रहा।
I Ki UrduGeoD 18:14  और अब आप चाहते हैं कि मैं अख़ियब के पास जाकर उसे इत्तला दूँ कि इलियास यहाँ आ गया है? वह मुझे ज़रूर मार डालेगा।”
I Ki UrduGeoD 18:15  इलियास ने कहा, “रब्बुल-अफ़वाज की हयात की क़सम जिसकी ख़िदमत मैं करता हूँ, आज मैं अपने आपको ज़रूर बादशाह को पेश करूँगा।”
I Ki UrduGeoD 18:16  तब अबदियाह चला गया और बादशाह को इलियास की ख़बर पहुँचाई। यह सुनकर अख़ियब इलियास से मिलने के लिए आया।
I Ki UrduGeoD 18:17  इलियास को देखते ही अख़ियब बोला, “ऐ इसराईल को मुसीबत में डालनेवाले, क्या आप वापस आ गए हैं?”
I Ki UrduGeoD 18:18  इलियास ने एतराज़ किया, “मैं तो इसराईल के लिए मुसीबत का बाइस नहीं बना बल्कि आप और आपके बाप का घराना। आप रब के अहकाम छोड़कर बाल के बुतों के पीछे लग गए हैं।
I Ki UrduGeoD 18:19  अब मैं आपको चैलेंज देता हूँ, तमाम इसराईल को बुलाकर करमिल पहाड़ पर जमा करें। साथ साथ बाल देवता के 450 नबियों को और ईज़बिल की मेज़ पर शरीक होनेवाले यसीरत देवी के 400 नबियों को भी बुलाएँ।”
I Ki UrduGeoD 18:20  अख़ियब मान गया। उसने तमाम इसराईलियों और नबियों को बुलाया। जब वह करमिल पहाड़ पर जमा हो गए
I Ki UrduGeoD 18:21  तो इलियास उनके सामने जा खड़ा हुआ और कहा, “आप कब तक कभी इस तरफ़, कभी उस तरफ़ लँगड़ाते रहेंगे? अगर रब ख़ुदा है तो सिर्फ़ उसी की पैरवी करें, लेकिन अगर बाल वाहिद ख़ुदा है तो उसी के पीछे लग जाएँ।” लोग ख़ामोश रहे।
I Ki UrduGeoD 18:22  इलियास ने बात जारी रखी, “रब के नबियों में से सिर्फ़ मैं ही बाक़ी रह गया हूँ। दूसरी तरफ़ बाल देवता के यह 450 नबी खड़े हैं।
I Ki UrduGeoD 18:23  अब दो बैल ले आएँ। बाल के नबी एक को पसंद करें और फिर उसे टुकड़े टुकड़े करके अपनी क़ुरबानगाह की लकड़ियों पर रख दें। लेकिन वह लकड़ियों को आग न लगाएँ। मैं दूसरे बैल को तैयार करके अपनी क़ुरबानगाह की लकड़ियों पर रख दूँगा। लेकिन मैं भी उन्हें आग नहीं लगाऊँगा।
I Ki UrduGeoD 18:24  फिर आप अपने देवता का नाम पुकारें जबकि मैं रब का नाम पुकारूँगा। जो माबूद क़ुरबानी को जलाकर जवाब देगा वही ख़ुदा है।” तमाम लोग बोले, “आप ठीक कहते हैं।”
I Ki UrduGeoD 18:25  फिर इलियास ने बाल के नबियों से कहा, “शुरू करें, क्योंकि आप बहुत हैं। एक बैल को चुनकर उसे तैयार करें। लेकिन उसे आग मत लगाना बल्कि अपने देवता का नाम पुकारें ताकि वह आग भेज दे।”
I Ki UrduGeoD 18:26  उन्होंने बैलों में से एक को चुनकर उसे तैयार किया, फिर बाल का नाम पुकारने लगे। सुबह से लेकर दोपहर तक वह मुसलसल चीख़ते-चिल्लाते रहे, “ऐ बाल, हमारी सुन!” साथ साथ वह उस क़ुरबानगाह के इर्दगिर्द नाचते रहे जो उन्होंने बनाई थी। लेकिन न कोई आवाज़ सुनाई दी, न किसी ने जवाब दिया।
I Ki UrduGeoD 18:27  दोपहर के वक़्त इलियास उनका मज़ाक़ उड़ाने लगा, “ज़्यादा ऊँची आवाज़ से बोलें! शायद वह सोचों में ग़रक़ हो या अपनी हाजत रफ़ा करने के लिए एक तरफ़ गया हो। यह भी हो सकता है कि वह कहीं सफ़र कर रहा हो। या शायद वह गहरी नींद सो गया हो और उसे जगाने की ज़रूरत है।”
I Ki UrduGeoD 18:28  तब वह मज़ीद ऊँची आवाज़ से चीख़ने-चिल्लाने लगे। मामूल के मुताबिक़ वह छुरियों और नेज़ों से अपने आपको ज़ख़मी करने लगे, यहाँ तक कि ख़ून बहने लगा।
I Ki UrduGeoD 18:29  दोपहर गुज़र गई, और वह शाम के उस वक़्त तक वज्द में रहे जब ग़ल्ला की नज़र पेश की जाती है। लेकिन कोई आवाज़ न सुनाई दी। न किसी ने जवाब दिया, न उनके तमाशे पर तवज्जुह दी।
I Ki UrduGeoD 18:30  फिर इलियास इसराईलियों से मुख़ातिब हुआ, “आएँ, सब यहाँ मेरे पास आएँ!” सब क़रीब आए। वहाँ रब की एक क़ुरबानगाह थी जो गिराई गई थी। अब इलियास ने वह दुबारा खड़ी की।
I Ki UrduGeoD 18:31  उसने याक़ूब से निकले हर क़बीले के लिए एक एक पत्थर चुन लिया। (बाद में रब ने याक़ूब का नाम इसराईल रखा था)।
I Ki UrduGeoD 18:32  इन बारह पत्थरों को लेकर इलियास ने रब के नाम की ताज़ीम में क़ुरबानगाह बनाई। इसके इर्दगिर्द उसने इतना चौड़ा गढ़ा खोदा कि उसमें तक़रीबन 15 लिटर पानी समा सकता था।
I Ki UrduGeoD 18:33  फिर उसने क़ुरबानगाह पर लकड़ियों का ढेर लगाया और बैल को टुकड़े टुकड़े करके लकड़ियों पर रख दिया। इसके बाद उसने हुक्म दिया, “चार घड़े पानी से भरकर क़ुरबानी और लकड़ियों पर उंडेल दें!”
I Ki UrduGeoD 18:34  जब उन्होंने ऐसा किया तो उसने दुबारा ऐसा करने का हुक्म दिया, फिर तीसरी बार।
I Ki UrduGeoD 18:35  आख़िरकार इतना पानी था कि उसने चारों तरफ़ क़ुरबानगाह से टपककर गढ़े को भर दिया।
I Ki UrduGeoD 18:36  शाम के वक़्त जब ग़ल्ला की नज़र पेश की जाती है इलियास ने क़ुरबानगाह के पास जाकर बुलंद आवाज़ से दुआ की, “ऐ रब, ऐ इब्राहीम, इसहाक़ और इसराईल के ख़ुदा, आज लोगों पर ज़ाहिर कर कि इसराईल में तू ही ख़ुदा है और कि मैं तेरा ख़ादिम हूँ। साबित कर कि मैंने यह सब कुछ तेरे हुक्म के मुताबिक़ किया है।
I Ki UrduGeoD 18:37  ऐ रब, मेरी दुआ सुन! मेरी सुन ताकि यह लोग जान लें कि तू, ऐ रब, ख़ुदा है और कि तू ही उनके दिलों को दुबारा अपनी तरफ़ मायल कर रहा है।”
I Ki UrduGeoD 18:38  अचानक आसमान से रब की आग नाज़िल हुई। आग ने न सिर्फ़ क़ुरबानी और लकड़ी को भस्म कर दिया बल्कि क़ुरबानगाह के पत्थरों और उसके नीचे की मिट्टी को भी। गढ़े में पानी भी एकदम सूख गया।
I Ki UrduGeoD 18:39  यह देखकर इसराईली औंधे मुँह गिरकर पुकारने लगे, “रब ही ख़ुदा है! रब ही ख़ुदा है!”
I Ki UrduGeoD 18:40  फिर इलियास ने उन्हें हुक्म दिया, “बाल के नबियों को पकड़ लें। एक भी बचने न पाए!” लोगों ने उन्हें पकड़ लिया तो इलियास उन्हें नीचे वादीए-क़ैसोन में ले गया और वहाँ सबको मौत के घाट उतार दिया।
I Ki UrduGeoD 18:41  फिर इलियास ने अख़ियब से कहा, “अब जाकर कुछ खाएँ और पिएँ, क्योंकि मूसलाधार बारिश का शोर सुनाई दे रहा है।”
I Ki UrduGeoD 18:42  चुनाँचे अख़ियब खाने-पीने के लिए चला गया जबकि इलियास करमिल पहाड़ की चोटी पर चढ़ गया। वहाँ उसने झुककर अपने सर को दोनों घुटनों के बीच में छुपा लिया।
I Ki UrduGeoD 18:43  अपने नौकर को उसने हुक्म दिया, “जाओ, समुंदर की तरफ़ देखो।” नौकर गया और समुंदर की तरफ़ देखा, फिर वापस आकर इलियास को इत्तला दी, “कुछ भी नज़र नहीं आता।” लेकिन इलियास ने उसे दुबारा देखने के लिए भेज दिया। इस दफ़ा भी कुछ मालूम न हो सका। सात बार इलियास ने नौकर को देखने के लिए भेजा।
I Ki UrduGeoD 18:44  आख़िरकार जब नौकर सातवीं दफ़ा गया तो उसने वापस आकर इत्तला दी, “एक छोटा-सा बादल समुंदर में से निकलकर ऊपर चढ़ रहा है। वह आदमी के हाथ के बराबर है।” तब इलियास ने हुक्म दिया, “जाओ, अख़ियब को इत्तला दो, ‘घोड़ों को फ़ौरन रथ में जोतकर घर चले जाएँ, वरना बारिश आपको रोक लेगी’।”
I Ki UrduGeoD 18:45  नौकर इत्तला देने चला गया तो जल्द ही आँधी आई, आसमान पर काले काले बादल छा गए और मूसलाधार बारिश बरसने लगी। अख़ियब जल्दी से रथ पर सवार होकर यज़्रएल के लिए रवाना हो गया।
I Ki UrduGeoD 18:46  उस वक़्त रब ने इलियास को ख़ास ताक़त दी। सफ़र के लिए कमरबस्ता होकर वह अख़ियब के रथ के आगे आगे दौड़कर उससे पहले यज़्रएल पहुँच गया।
Chapter 19
I Ki UrduGeoD 19:1  अख़ियब ने ईज़बिल को सब कुछ सुनाया जो इलियास ने कहा था, यह भी कि उसने बाल के नबियों को किस तरह तलवार से मार दिया था।
I Ki UrduGeoD 19:2  तब ईज़बिल ने क़ासिद को इलियास के पास भेजकर उसे इत्तला दी, “देवता मुझे सख़्त सज़ा दें अगर मैं कल इस वक़्त तक आपको उन नबियों की-सी सज़ा न दूँ।”
I Ki UrduGeoD 19:3  इलियास सख़्त डर गया और अपनी जान बचाने के लिए भाग गया। चलते चलते वह यहूदाह के शहर बैर-सबा तक पहुँच गया। वहाँ वह अपने नौकर को छोड़कर
I Ki UrduGeoD 19:4  आगे रेगिस्तान में जा निकला। एक दिन के सफ़र के बाद वह सींक की झाड़ी के पास पहुँच गया और उसके साय में बैठकर दुआ करने लगा, “ऐ रब, मुझे मरने दे। बस अब काफ़ी है। मेरी जान ले ले, क्योंकि मैं अपने बापदादा से बेहतर नहीं हूँ।”
I Ki UrduGeoD 19:5  फिर वह झाड़ी के साय में लेटकर सो गया। अचानक एक फ़रिश्ते ने उसे छूकर कहा, “उठ, खाना खा ले!”
I Ki UrduGeoD 19:6  जब उसने अपनी आँखें खोलीं तो देखा कि सिरहाने के क़रीब कोयलों पर बनाई गई रोटी और पानी की सुराही पड़ी है। उसने रोटी खाई, पानी पिया और दुबारा सो गया।
I Ki UrduGeoD 19:7  लेकिन रब का फ़रिश्ता एक बार फिर आया और उसे हाथ लगाकर कहा, “उठ, खाना खा ले, वरना आगे का लंबा सफ़र तेरे बस की बात नहीं होगी।”
I Ki UrduGeoD 19:8  तब इलियास ने उठकर दुबारा खाना खाया और पानी पिया। इस ख़ुराक ने उसे इतनी तक़वियत दी कि वह चालीस दिन और चालीस रात सफ़र करते करते अल्लाह के पहाड़ होरिब यानी सीना तक पहुँच गया।
I Ki UrduGeoD 19:9  वहाँ वह रात गुज़ारने के लिए एक ग़ार में चला गया। ग़ार में रब उससे हमकलाम हुआ। उसने पूछा, “इलियास, तू यहाँ क्या कर रहा है?”
I Ki UrduGeoD 19:10  इलियास ने जवाब दिया, “मैंने रब, आसमानी लशकरों के ख़ुदा की ख़िदमत करने की सिर-तोड़ कोशिश की है, क्योंकि इसराईलियों ने तेरे अहद को तर्क कर दिया है। उन्होंने तेरी क़ुरबानगाहों को गिराकर तेरे नबियों को तलवार से क़त्ल कर दिया है। मैं अकेला ही बचा हूँ, और वह मुझे भी मार डालने के दरपै हैं।”
I Ki UrduGeoD 19:11  जवाब में रब ने फ़रमाया, “ग़ार से निकलकर पहाड़ पर रब के सामने खड़ा हो जा!” फिर रब वहाँ से गुज़रा। उसके आगे आगे बड़ी और ज़बरदस्त आँधी आई जिसने पहाड़ों को चीरकर चटानों को टुकड़े टुकड़े कर दिया। लेकिन रब आँधी में नहीं था।
I Ki UrduGeoD 19:12  इसके बाद ज़लज़ला आया, लेकिन रब ज़लज़ले में नहीं था।
I Ki UrduGeoD 19:13  ज़लज़ले के बाद भड़कती हुई आग वहाँ से गुज़री, लेकिन रब आग में भी नहीं था। फिर नरम हवा की धीमी धीमी आवाज़ सुनाई दी। यह आवाज़ सुनकर इलियास ने अपने चेहरे को चादर से ढाँप लिया और निकलकर ग़ार के मुँह पर खड़ा हो गया। एक आवाज़ उससे मुख़ातिब हुई, “इलियास, तू यहाँ क्या कर रहा है?”
I Ki UrduGeoD 19:14  इलियास ने जवाब दिया, “मैंने रब, आसमानी लशकरों के ख़ुदा की ख़िदमत करने की सिर-तोड़ कोशिश की है, क्योंकि इसराईलियों ने तेरे अहद को तर्क कर दिया है। उन्होंने तेरी क़ुरबानगाहों को गिराकर तेरे नबियों को तलवार से क़त्ल कर दिया है। मैं अकेला ही बचा हूँ, और वह मुझे भी मार डालने के दरपै हैं।”
I Ki UrduGeoD 19:15  रब ने जवाब में कहा, “रेगिस्तान में उस रास्ते से होकर वापस जा जिसने तुझे यहाँ पहुँचाया है। फिर दमिश्क़ चला जा। वहाँ हज़ाएल को तेल से मसह करके शाम का बादशाह क़रार दे।
I Ki UrduGeoD 19:16  इसी तरह याहू बिन निमसी को मसह करके इसराईल का बादशाह क़रार दे और अबील-महूला के रहनेवाले इलीशा बिन साफ़त को मसह करके अपना जा-नशीन मुक़र्रर कर।
I Ki UrduGeoD 19:17  जो हज़ाएल की तलवार से बच जाएगा उसे याहू मार देगा, और जो याहू की तलवार से बच जाएगा उसे इलीशा मार देगा।
I Ki UrduGeoD 19:18  लेकिन मैंने अपने लिए इसराईल में 7,000 अफ़राद को बचा लिया है, उन तमाम लोगों को जो अब तक न बाल देवता के सामने झुके, न उसके बुत को बोसा दिया है।”
I Ki UrduGeoD 19:19  इलियास वहाँ से चला गया। इसराईल में वापस आकर उसे इलीशा बिन साफ़त मिला जो बैलों की बारह जोड़ियों की मदद से हल चला रहा था। ख़ुद वह बारहवीं जोड़ी के साथ चल रहा था। इलियास ने उसके पास आकर अपनी चादर उसके कंधों पर डाल दी और रुके बग़ैर आगे निकल गया।
I Ki UrduGeoD 19:20  इलीशा फ़ौरन अपने बैलों को छोड़कर इलियास के पीछे भागा। उसने कहा, “पहले मुझे अपने माँ-बाप को बोसा देकर ख़ैरबाद कहने दीजिए। फिर मैं आपके पीछे हो लूँगा।” इलियास ने जवाब दिया, “चलें, वापस जाएँ। लेकिन वह कुछ याद रहे जो मैंने आपके साथ किया है।”
I Ki UrduGeoD 19:21  तब इलीशा वापस चला गया। बैलों की एक जोड़ी को लेकर उसने दोनों को ज़बह किया। हल चलाने का सामान उसने गोश्त पकाने के लिए जला दिया। जब गोश्त तैयार था तो उसने उसे लोगों में तक़सीम करके उन्हें खिला दिया। इसके बाद इलीशा इलियास के पीछे होकर उस की ख़िदमत करने लगा।
Chapter 20
I Ki UrduGeoD 20:1  एक दिन शाम के बादशाह बिन-हदद ने अपनी पूरी फ़ौज को जमा किया। 32 इत्तहादी बादशाह भी अपने रथों और घोड़ों को लेकर आए। इस बड़ी फ़ौज के साथ बिन-हदद ने सामरिया का मुहासरा करके इसराईल से जंग का एलान किया।
I Ki UrduGeoD 20:2  उसने अपने क़ासिदों को शहर में भेजकर इसराईल के बादशाह अख़ियब को इत्तला दी,
I Ki UrduGeoD 20:3  “अब से आपका सोना, चाँदी, ख़वातीन और बेटे मेरे ही हैं।”
I Ki UrduGeoD 20:4  इसराईल के बादशाह ने जवाब दिया, “मेरे आक़ा और बादशाह, आपकी मरज़ी। मैं और जो कुछ मेरा है आपकी मिलकियत है।”
I Ki UrduGeoD 20:5  थोड़ी देर के बाद क़ासिद बिन-हदद की नई ख़बर लेकर आए, “मैंने आपसे सोने, चाँदी, ख़वातीन और बेटों का तक़ाज़ा किया है।
I Ki UrduGeoD 20:6  अब ग़ौर करें! कल इस वक़्त मैं अपने मुलाज़िमों को आपके पास भेज दूँगा, और वह आपके महल और आपके अफ़सरों के घरों की तलाशी लेंगे। जो कुछ भी आपको प्यारा है उसे वह ले जाएंगे।”
I Ki UrduGeoD 20:7  तब अख़ियब बादशाह ने मुल्क के तमाम बुज़ुर्गों को बुलाकर उनसे बात की, “देखें यह आदमी कितना बुरा इरादा रखता है। जब उसने मेरी ख़वातीन, बेटों, सोने और चाँदी का तक़ाज़ा किया तो मैंने इनकार न किया।”
I Ki UrduGeoD 20:8  बुज़ुर्गों और बाक़ी लोगों ने मिलकर मशवरा दिया, “उस की न सुनें, और जो कुछ वह माँगता है उस पर राज़ी न हो जाएँ।”
I Ki UrduGeoD 20:9  चुनाँचे बादशाह ने क़ासिदों से कहा, “मेरे आक़ा बादशाह को जवाब देना, जो कुछ आपने पहली मरतबा माँग लिया वह मैं आपको देने के लिए तैयार हूँ, लेकिन यह आख़िरी तक़ाज़ा मैं पूरा नहीं कर सकता।” जब क़ासिदों ने बिन-हदद को यह ख़बर पहुँचाई
I Ki UrduGeoD 20:10  तो उसने अख़ियब को फ़ौरन ख़बर भेज दी, “देवता मुझे सख़्त सज़ा दें अगर मैं सामरिया को नेस्तो-नाबूद न कर दूँ। इतना भी नहीं रहेगा कि मेरा हर फ़ौजी मुट्ठी-भर ख़ाक अपने साथ वापस ले जा सके!”
I Ki UrduGeoD 20:11  इसराईल के बादशाह ने क़ासिदों को जवाब दिया, “उसे बता देना कि जो अभी जंग की तैयारियाँ कर रहा है वह फ़तह के नारे न लगाए।”
I Ki UrduGeoD 20:12  जब बिन-हदद को यह इत्तला मिली तो वह लशकरगाह में अपने इत्तहादी बादशाहों के साथ मै पी रहा था। उसने अपने अफ़सरों को हुक्म दिया, “हमला करने के लिए तैयारियाँ करो!” चुनाँचे वह शहर पर हमला करने की तैयारियाँ करने लगे।
I Ki UrduGeoD 20:13  इस दौरान एक नबी अख़ियब बादशाह के पास आया और कहा, “रब फ़रमाता है, ‘क्या तुझे दुश्मन की यह बड़ी फ़ौज नज़र आ रही है? तो भी मैं इसे आज ही तेरे हवाले कर दूँगा। तब तू जान लेगा कि मैं ही रब हूँ’।”
I Ki UrduGeoD 20:14  अख़ियब ने सवाल किया, “रब यह किसके वसीले से करेगा?” नबी ने जवाब दिया, “रब फ़रमाता है कि ज़िलों पर मुक़र्रर अफ़सरों के जवान यह फ़तह पाएँगे।” बादशाह ने मज़ीद पूछा, “लड़ाई में कौन पहला क़दम उठाए?” नबी ने कहा, “तू ही।”
I Ki UrduGeoD 20:15  चुनाँचे अख़ियब ने ज़िलों पर मुक़र्रर अफ़सरों के जवानों को बुलाया। 232 अफ़राद थे। फिर उसने बाक़ी इसराईलियों को जमा किया। 7,000 अफ़राद थे।
I Ki UrduGeoD 20:16  दोपहर को वह लड़ने के लिए निकले। ज़िलों पर मुक़र्रर अफ़सरों के जवान सबसे आगे थे। बिन-हदद और 32 इत्तहादी बादशाह लशकरगाह में बैठे नशे में धुत मै पी रहे थे कि अचानक शहर का जायज़ा लेने के लिए बिन-हदद के भेजे गए सिपाही अंदर आए और कहने लगे, “सामरिया से आदमी निकल रहे हैं।”
I Ki UrduGeoD 20:17  दोपहर को वह लड़ने के लिए निकले। ज़िलों पर मुक़र्रर अफ़सरों के जवान सबसे आगे थे। बिन-हदद और 32 इत्तहादी बादशाह लशकरगाह में बैठे नशे में धुत मै पी रहे थे कि अचानक शहर का जायज़ा लेने के लिए बिन-हदद के भेजे गए सिपाही अंदर आए और कहने लगे, “सामरिया से आदमी निकल रहे हैं।”
I Ki UrduGeoD 20:18  बिन-हदद ने हुक्म दिया, “हर सूरत में उन्हें ज़िंदा पकड़ें, ख़ाह वह अमनपसंद इरादा रखते हों या न।”
I Ki UrduGeoD 20:19  लेकिन उन्हें यह करने का मौक़ा न मिला, क्योंकि इसराईल के ज़िलों पर मुक़र्रर अफ़सरों और बाक़ी फ़ौजियों ने शहर से निकल कर
I Ki UrduGeoD 20:20  फ़ौरन उन पर हमला कर दिया। और जिस भी दुश्मन का मुक़ाबला हुआ उसे मारा गया। तब शाम की पूरी फ़ौज भाग गई। इसराईलियों ने उनका ताक़्क़ुब किया, लेकिन शाम का बादशाह बिन-हदद घोड़े पर सवार होकर चंद एक घुड़सवारों के साथ बच निकला।
I Ki UrduGeoD 20:21  उस वक़्त इसराईल का बादशाह जंग के लिए निकला और घोड़ों और रथों को तबाह करके अरामियों को ज़बरदस्त शिकस्त दी।
I Ki UrduGeoD 20:22  बाद में मज़कूरा नबी दुबारा इसराईल के बादशाह के पास आया। वह बोला, “अब मज़बूत होकर बड़े ध्यान से सोचें कि आनेवाले दिनों में क्या क्या तैयारियाँ करनी चाहिएँ, क्योंकि अगले बहार के मौसम में शाम का बादशाह दुबारा आप पर हमला करेगा।”
I Ki UrduGeoD 20:23  शाम के बादशाह को भी मशवरा दिया गया। उसके बड़े अफ़सरों ने ख़याल पेश किया, “इसराईलियों के देवता पहाड़ी देवता हैं, इसलिए वह हम पर ग़ालिब आ गए हैं। लेकिन अगर हम मैदानी इलाक़े में उनसे लड़ें तो हर सूरत में जीतेंगे।
I Ki UrduGeoD 20:24  लेकिन हमारा एक और मशवरा भी है। 32 बादशाहों को हटाकर उनकी जगह अपने अफ़सरों को मुक़र्रर करें।
I Ki UrduGeoD 20:25  फिर एक नई फ़ौज तैयार करें जो तबाहशुदा पुरानी फ़ौज जैसी ताक़तवर हो। उसके उतने ही रथ और घोड़े हों जितने पहले थे। फिर जब हम मैदानी इलाक़े में उनसे लड़ेंगे तो उन पर ज़रूर ग़ालिब आएँगे।” बादशाह उनकी बात मानकर तैयारियाँ करने लगा।
I Ki UrduGeoD 20:26  जब बहार का मौसम आया तो वह शाम के फ़ौजियों को जमा करके इसराईल से लड़ने के लिए अफ़ीक़ शहर गया।
I Ki UrduGeoD 20:27  इसराईली फ़ौज भी लड़ने के लिए जमा हुई। खाने-पीने की अशया का बंदोबस्त किया गया, और वह दुश्मन से लड़ने के लिए निकले। जब वहाँ पहुँचे तो उन्होंने अपने ख़ैमों को दो जगहों पर लगाया। यह दो गुरोह शाम की वसी फ़ौज के मुक़ाबले में बकरियों के दो छोटे रेवड़ों जैसे लग रहे थे, क्योंकि पूरा मैदान शाम के फ़ौजियों से भरा था।
I Ki UrduGeoD 20:28  फिर मर्दे-ख़ुदा ने अख़ियब के पास आकर कहा, “रब फ़रमाता है, ‘शाम के लोग ख़याल करते हैं कि रब पहाड़ी देवता है इसलिए मैदानी इलाक़े में नाकाम रहेगा। चुनाँचे मैं उनकी ज़बरदस्त फ़ौज को तेरे हवाले कर दूँगा। तब तू जान लेगा कि मैं ही रब हूँ’।”
I Ki UrduGeoD 20:29  सात दिन तक दोनों फ़ौजें एक दूसरे के मुक़ाबिल सफ़आरा रहीं। सातवें दिन लड़ाई का आग़ाज़ हुआ। इसराईली इस मरतबा भी शाम की फ़ौज पर ग़ालिब आए। उस दिन उन्होंने उनके एक लाख प्यादा फ़ौजियों को मार दिया।
I Ki UrduGeoD 20:30  बाक़ी फ़रार होकर अफ़ीक़ शहर में घुस गए। तक़रीबन 27,000 आदमी थे। लेकिन अचानक शहर की फ़सील उन पर गिर गई, तो वह भी हलाक हो गए। बिन-हदद बादशाह भी अफ़ीक़ में फ़रार हुआ था। अब वह कभी इस कमरे में, कभी उसमें खिसककर छुपने की कोशिश कर रहा था।
I Ki UrduGeoD 20:31  फिर उसके अफ़सरों ने उसे मशवरा दिया, “सुना है कि इसराईल के बादशाह नरमदिल होते हैं। क्यों न हम टाट ओढ़कर और अपनी गरदनों में रस्से डालकर इसराईल के बादशाह के पास जाएँ? शायद वह आपको ज़िंदा छोड़ दे।”
I Ki UrduGeoD 20:32  चुनाँचे बिन-हदद के अफ़सर टाट ओढ़कर और अपनी गरदनों में रस्से डालकर इसराईल के बादशाह के पास आए। उन्होंने कहा, “आपका ख़ादिम बिन-हदद गुज़ारिश करता है कि मुझे ज़िंदा छोड़ दें।” अख़ियब ने सवाल किया, “क्या वह अब तक ज़िंदा है? वह तो मेरा भाई है!”
I Ki UrduGeoD 20:33  जब बिन-हदद के अफ़सरों ने जान लिया कि अख़ियब का रुझान किस तरफ़ है तो उन्होंने जल्दी से इसकी तसदीक़ की, “जी, बिन-हदद आपका भाई है!” अख़ियब ने हुक्म दिया, “जाकर उसे बुला लाएँ।” तब बिन-हदद निकल आया, और अख़ियब ने उसे अपने रथ पर सवार होने की दावत दी।
I Ki UrduGeoD 20:34  बिन-हदद ने अख़ियब से कहा, “मैं आपको वह तमाम शहर वापस कर देता हूँ जो मेरे बाप ने आपके बाप से छीन लिए थे। आप हमारे दारुल-हुकूमत दमिश्क़ में तिजारती मराकिज़ भी क़ायम कर सकते हैं, जिस तरह मेरे बाप ने पहले सामरिया में किया था।” अख़ियब बोला, “ठीक है। इसके बदले में मैं आपको रिहा कर दूँगा।” उन्होंने मुआहदा किया, फिर अख़ियब ने शाम के बादशाह को रिहा कर दिया।
I Ki UrduGeoD 20:35  उस वक़्त रब ने नबियों में से एक को हिदायत की, “जाकर अपने साथी को कह दे कि वह तुझे मारे।” नबी ने ऐसा किया, लेकिन साथी ने इनकार किया।
I Ki UrduGeoD 20:36  फिर नबी बोला, “चूँकि आपने रब की नहीं सुनी, इसलिए ज्योंही आप मुझसे चले जाएंगे शेरबबर आपको फाड़ डालेगा।” और ऐसा ही हुआ। जब साथी वहाँ से निकला तो शेरबबर ने उस पर हमला करके उसे फाड़ डाला।
I Ki UrduGeoD 20:37  नबी की मुलाक़ात किसी और से हुई तो उसने उससे भी कहा, “मेहरबानी करके मुझे मारें!” उस आदमी ने नबी को मार मारकर ज़ख़मी कर दिया।
I Ki UrduGeoD 20:38  तब नबी ने अपनी आँखों पर पट्टी बाँधी ताकि उसे पहचाना न जाए, फिर रास्ते के किनारे पर अख़ियब बादशाह के इंतज़ार में खड़ा हो गया।
I Ki UrduGeoD 20:39  जब बादशाह वहाँ से गुज़रा तो नबी चिल्लाकर उससे मुख़ातिब हुआ, “जनाब, मैं मैदाने-जंग में लड़ रहा था कि अचानक किसी आदमी ने मेरे पास आकर अपने क़ैदी को मेरे हवाले कर दिया। उसने कहा, ‘इसकी निगरानी करना। अगर यह किसी भी वजह से भाग जाए तो आपको उस की जान के एवज़ अपनी जान देनी पड़ेगी या आपको एक मन चाँदी अदा करनी पड़ेगी।’
I Ki UrduGeoD 20:40  लेकिन मैं इधर उधर मसरूफ़ रहा, और इतने में क़ैदी ग़ायब हो गया।” अख़ियब बादशाह ने जवाब दिया, “आपने ख़ुद अपने बारे में फ़ैसला दिया है। अब आपको इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा।”
I Ki UrduGeoD 20:41  फिर नबी ने जल्दी से पट्टी को अपनी आँखों पर से उतार दिया, और बादशाह ने पहचान लिया कि यह नबियों में से एक है।
I Ki UrduGeoD 20:42  नबी ने कहा, “रब फ़रमाता है, ‘मैंने मुक़र्रर किया था कि बिन-हदद को मेरे लिए मख़सूस करके हलाक करना है, लेकिन तूने उसे रिहा कर दिया है। अब उस की जगह तू ही मरेगा, और उस की क़ौम की जगह तेरी क़ौम को नुक़सान पहुँचेगा’।”
I Ki UrduGeoD 20:43  इसराईल का बादशाह बड़े ग़ुस्से और बदमिज़ाजी के आलम में सामरिया में अपने महल में चला गया।
Chapter 21
I Ki UrduGeoD 21:1  इसके बाद एक और क़ाबिले-ज़िक्र बात हुई। यज़्रएल में सामरिया के बादशाह अख़ियब का एक महल था। महल की ज़मीन के साथ साथ अंगूर का बाग़ था। मालिक का नाम नबोत था।
I Ki UrduGeoD 21:2  एक दिन अख़ियब ने नबोत से बात की, “अंगूर का आपका बाग़ मेरे महल के क़रीब ही है। उसे मुझे दे दें, क्योंकि मैं उसमें सब्ज़ियाँ लगाना चाहता हूँ। मुआवज़े में मैं आपको उससे अच्छा अंगूर का बाग़ दे दूँगा। लेकिन अगर आप पैसे को तरजीह दें तो आपको उस की पूरी रक़म अदा कर दूँगा।”
I Ki UrduGeoD 21:3  लेकिन नबोत ने जवाब दिया, “अल्लाह न करे कि मैं आपको वह मौरूसी ज़मीन दूँ जो मेरे बापदादा ने मेरे सुपुर्द की है!”
I Ki UrduGeoD 21:4  अख़ियब बड़े ग़ुस्से में अपने घर वापस चला गया। वह बेज़ार था कि नबोत अपने बापदादा की मौरूसी ज़मीन बेचना नहीं चाहता। वह पलंग पर लेट गया और अपना मुँह दीवार की तरफ़ करके खाना खाने से इनकार किया।
I Ki UrduGeoD 21:5  उस की बीवी ईज़बिल उसके पास आई और पूछने लगी, “क्या बात है? आप क्यों इतने बेज़ार हैं कि खाना भी नहीं खाना चाहते?”
I Ki UrduGeoD 21:6  अख़ियब ने जवाब दिया, “यज़्रएल का रहनेवाला नबोत मुझे अंगूर का बाग़ नहीं देना चाहता। गो मैं उसे पैसे देना चाहता था बल्कि उसे इसकी जगह कोई और बाग़ देने के लिए तैयार था तो भी वह बज़िद रहा।”
I Ki UrduGeoD 21:7  ईज़बिल बोली, “क्या आप इसराईल के बादशाह हैं कि नहीं? अब उठें! खाएँ, पिएँ और अपना दिल बहलाएँ। मैं ही आपको नबोत यज़्रएली का अंगूर का बाग़ दिला दूँगी।”
I Ki UrduGeoD 21:8  उसने अख़ियब के नाम से ख़ुतूत लिखकर उन पर बादशाह की मुहर लगाई और उन्हें नबोत के शहर के बुज़ुर्गों और शुरफ़ा को भेज दिया।
I Ki UrduGeoD 21:9  ख़तों में ज़ैल की ख़बर लिखी थी, “शहर में एलान करें कि एक दिन का रोज़ा रखा जाए। जब लोग उस दिन जमा हो जाएंगे तो नबोत को लोगों के सामने इज़्ज़त की कुरसी पर बिठा दें।
I Ki UrduGeoD 21:10  लेकिन उसके मुक़ाबिल दो बदमाशों को बिठा देना। इजतिमा के दौरान यह आदमी सबके सामने नबोत पर इलज़ाम लगाएँ, ‘इस शख़्स ने अल्लाह और बादशाह पर लानत भेजी है! हम इसके गवाह हैं।’ फिर उसे शहर से बाहर ले जाकर संगसार करें।”
I Ki UrduGeoD 21:11  यज़्रएल के बुज़ुर्गों और शुरफ़ा ने ऐसा ही किया।
I Ki UrduGeoD 21:12  उन्होंने रोज़े के दिन का एलान किया। जब लोग मुक़र्ररा दिन जमा हुए तो नबोत को लोगों के सामने इज़्ज़त की कुरसी पर बिठा दिया गया।
I Ki UrduGeoD 21:13  फिर दो बदमाश आए और उसके मुक़ाबिल बैठ गए। इजतिमा के दौरान यह आदमी सबके सामने नबोत पर इलज़ाम लगाने लगे, “इस शख़्स ने अल्लाह और बादशाह पर लानत भेजी है! हम इसके गवाह हैं।” तब नबोत को शहर से बाहर ले जाकर संगसार कर दिया गया।
I Ki UrduGeoD 21:14  फिर शहर के बुज़ुर्गों ने ईज़बिल को इत्तला दी, “नबोत मर गया है, उसे संगसार किया गया है।”
I Ki UrduGeoD 21:15  यह ख़बर मिलते ही ईज़बिल ने अख़ियब से बात की, “जाएँ, नबोत यज़्रएली के उस बाग़ पर क़ब्ज़ा करें जो वह आपको बेचने से इनकार कर रहा था। अब वह आदमी ज़िंदा नहीं रहा बल्कि मर गया है।”
I Ki UrduGeoD 21:16  यह सुनकर अख़ियब फ़ौरन नबोत के अंगूर के बाग़ पर क़ब्ज़ा करने के लिए रवाना हुआ।
I Ki UrduGeoD 21:17  तब रब इलियास तिशबी से हमकलाम हुआ,
I Ki UrduGeoD 21:18  “इसराईल के बादशाह अख़ियब से जो सामरिया में रहता है मिलने जा। इस वक़्त वह नबोत के अंगूर के बाग़ में है, क्योंकि वह उस पर क़ब्ज़ा करने के लिए वहाँ पहुँचा है।
I Ki UrduGeoD 21:19  उसे बता देना, ‘रब फ़रमाता है कि तूने एक आदमी को बिलावजह क़त्ल करके उस की मिलकियत पर क़ब्ज़ा कर लिया है। रब फ़रमाता है कि जहाँ कुत्तों ने नबोत का ख़ून चाटा है वहाँ वह तेरा ख़ून भी चाटेंगे’।”
I Ki UrduGeoD 21:20  जब इलियास अख़ियब के पास पहुँचा तो बादशाह बोला, “मेरे दुश्मन, क्या आपने मुझे ढूँड निकाला है?” इलियास ने जवाब दिया, “जी, मैंने आपको ढूँड निकाला है, क्योंकि आपने अपने आपको बदी के हाथ में बेचकर ऐसा काम किया है जो रब को नापसंद है।
I Ki UrduGeoD 21:21  अब सुनें रब का फ़रमान, ‘मैं तुझे यों मुसीबत में डाल दूँगा कि तेरा नामो-निशान तक नहीं रहेगा। मैं इसराईल में से तेरे ख़ानदान के हर मर्द को मिटा दूँगा, ख़ाह वह बालिग़ हो या बच्चा।
I Ki UrduGeoD 21:22  तूने मुझे बड़ा तैश दिलाया और इसराईल को गुनाह करने पर उकसाया है। इसलिए मेरा तेरे घराने के साथ वही सुलूक होगा जो मैंने यरुबियाम बिन नबात और बाशा बिन अख़ियाह के साथ किया है।’
I Ki UrduGeoD 21:23  ईज़बिल पर भी रब की सज़ा आएगी। रब फ़रमाता है, ‘कुत्ते यज़्रएल की फ़सील के पास ईज़बिल को खा जाएंगे।
I Ki UrduGeoD 21:24  अख़ियब के ख़ानदान में से जो शहर में मरेंगे उन्हें कुत्ते खा जाएंगे, और जो खुले मैदान में मरेंगे उन्हें परिंदे चट कर जाएंगे’।”
I Ki UrduGeoD 21:25  और यह हक़ीक़त है कि अख़ियब जैसा ख़राब शख़्स कोई नहीं था। क्योंकि ईज़बिल के उकसाने पर उसने अपने आपको बदी के हाथ में बेचकर ऐसा काम किया जो रब को नापसंद था।
I Ki UrduGeoD 21:26  सबसे घिनौनी बात यह थी कि वह बुतों के पीछे लगा रहा, बिलकुल उन अमोरियों की तरह जिन्हें रब ने इसराईल से निकाल दिया था।
I Ki UrduGeoD 21:27  जब अख़ियब ने इलियास की यह बातें सुनीं तो उसने अपने कपड़े फाड़कर टाट ओढ़ लिया। रोज़ा रखकर वह ग़मगीन हालत में फिरता रहा। टाट उसने सोते वक़्त भी न उतारा।
I Ki UrduGeoD 21:28  तब रब दुबारा इलियास तिशबी से हमकलाम हुआ,
I Ki UrduGeoD 21:29  “क्या तूने ग़ौर किया है कि अख़ियब ने अपने आपको मेरे सामने कितना पस्त कर दिया है? चूँकि उसने अपनी आजिज़ी का इज़हार किया है इसलिए मैं उसके जीते-जी उसके ख़ानदान को मज़कूरा मुसीबत में नहीं डालूँगा बल्कि उस वक़्त जब उसका बेटा तख़्त पर बैठेगा।”
Chapter 22
I Ki UrduGeoD 22:1  तीन साल तक शाम और इसराईल के दरमियान सुलह रही।
I Ki UrduGeoD 22:2  तीसरे साल यहूदाह का बादशाह यहूसफ़त इसराईल के बादशाह अख़ियब से मिलने गया।
I Ki UrduGeoD 22:3  उस वक़्त इसराईल के बादशाह ने अपने अफ़सरों से बात की, “देखें, रामात-जिलियाद हमारा ही शहर है। तो फिर हम क्यों कुछ नहीं कर रहे? हमें उसे शाम के बादशाह के क़ब्ज़े से छुड़वाना चाहिए।”
I Ki UrduGeoD 22:4  उसने यहूसफ़त से सवाल किया, “क्या आप मेरे साथ रामात-जिलियाद जाएंगे ताकि उस पर क़ब्ज़ा करें?” यहूसफ़त ने जवाब दिया, “जी ज़रूर। हम तो भाई हैं। मेरी क़ौम को अपनी क़ौम और मेरे घोड़ों को अपने घोड़े समझें!
I Ki UrduGeoD 22:5  लेकिन मेहरबानी करके पहले रब की मरज़ी मालूम कर लें।”
I Ki UrduGeoD 22:6  इसराईल के बादशाह ने तक़रीबन 400 नबियों को बुलाकर उनसे पूछा, “क्या मैं रामात-जिलियाद पर हमला करूँ या इस इरादे से बाज़ रहूँ?” नबियों ने जवाब दिया, “जी करें, क्योंकि रब उसे बादशाह के हवाले कर देगा।”
I Ki UrduGeoD 22:7  लेकिन यहूसफ़त मुतमइन न हुआ। उसने पूछा, “क्या यहाँ रब का कोई नबी नहीं जिससे हम दरियाफ़्त कर सकें?”
I Ki UrduGeoD 22:8  इसराईल का बादशाह बोला, “हाँ, एक तो है जिसके ज़रीए हम रब की मरज़ी मालूम कर सकते हैं। लेकिन मैं उससे नफ़रत करता हूँ, क्योंकि वह मेरे बारे में कभी भी अच्छी पेशगोई नहीं करता। वह हमेशा बुरी पेशगोइयाँ सुनाता है। उसका नाम मीकायाह बिन इमला है।” यहूसफ़त ने एतराज़ किया, “बादशाह ऐसी बात न कहे!”
I Ki UrduGeoD 22:9  तब इसराईल के बादशाह ने किसी मुलाज़िम को बुलाकर हुक्म दिया, “मीकायाह बिन इमला को फ़ौरन हमारे पास पहुँचा देना!”
I Ki UrduGeoD 22:10  अख़ियब और यहूसफ़त अपने शाही लिबास पहने हुए सामरिया के दरवाज़े के क़रीब अपने अपने तख़्त पर बैठे थे। यह ऐसी खुली जगह थी जहाँ अनाज गाहा जाता था। तमाम 400 नबी वहाँ उनके सामने अपनी पेशगोइयाँ पेश कर रहे थे।
I Ki UrduGeoD 22:11  एक नबी बनाम सिदक़ियाह बिन कनाना ने अपने लिए लोहे के सींग बनाकर एलान किया, “रब फ़रमाता है कि इन सींगों से तू शाम के फ़ौजियों को मार मारकर हलाक कर देगा।”
I Ki UrduGeoD 22:12  दूसरे नबी भी इस क़िस्म की पेशगोइयाँ कर रहे थे, “रामात-जिलियाद पर हमला करें, क्योंकि आप ज़रूर कामयाब हो जाएंगे। रब शहर को आपके हवाले कर देगा।”
I Ki UrduGeoD 22:13  जिस मुलाज़िम को मीकायाह को बुलाने के लिए भेजा गया था उसने रास्ते में उसे समझाया, “देखें, बाक़ी तमाम नबी मिलकर कह रहे हैं कि बादशाह को कामयाबी हासिल होगी। आप भी ऐसी ही बातें करें, आप भी फ़तह की पेशगोई करें!”
I Ki UrduGeoD 22:14  लेकिन मीकायाह ने एतराज़ किया, “रब की हयात की क़सम, मैं बादशाह को सिर्फ़ वही कुछ बताऊँगा जो रब मुझे फ़रमाएगा।”
I Ki UrduGeoD 22:15  जब मीकायाह अख़ियब के सामने खड़ा हुआ तो बादशाह ने पूछा, “मीकायाह, क्या हम रामात-जिलियाद पर हमला करें या मैं इस इरादे से बाज़ रहूँ?” मीकायाह ने जवाब दिया, “उस पर हमला करें, क्योंकि रब शहर को आपके हवाले करके आपको कामयाबी बख़्शेगा।”
I Ki UrduGeoD 22:16  बादशाह नाराज़ हुआ, “मुझे कितनी दफ़ा आपको समझाना पड़ेगा कि आप क़सम खाकर मुझे रब के नाम में सिर्फ़ वह कुछ सुनाएँ जो हक़ीक़त है।”
I Ki UrduGeoD 22:17  तब मीकायाह ने जवाब में कहा, “मुझे तमाम इसराईल गल्लाबान से महरूम भेड़-बकरियों की तरह पहाड़ों पर बिखरा हुआ नज़र आया। फिर रब मुझसे हमकलाम हुआ, ‘इनका कोई मालिक नहीं है। हर एक सलामती से अपने घर वापस चला जाए’।”
I Ki UrduGeoD 22:18  इसराईल के बादशाह ने यहूसफ़त से कहा, “लो, क्या मैंने आपको नहीं बताया था कि यह शख़्स हमेशा मेरे बारे में बुरी पेशगोइयाँ करता है?”
I Ki UrduGeoD 22:19  लेकिन मीकायाह ने अपनी बात जारी रखी, “रब का फ़रमान सुनें! मैंने रब को उसके तख़्त पर बैठे देखा। आसमान की पूरी फ़ौज उसके दाएँ और बाएँ हाथ खड़ी थी।
I Ki UrduGeoD 22:20  रब ने पूछा, ‘कौन अख़ियब को रामात-जिलियाद पर हमला करने पर उकसाएगा ताकि वह वहाँ जाकर मर जाए?’ एक ने यह मशवरा दिया, दूसरे ने वह।
I Ki UrduGeoD 22:21  आख़िरकार एक रूह रब के सामने खड़ी हुई और कहने लगी, ‘मैं उसे उकसाऊँगी।’
I Ki UrduGeoD 22:22  रब ने सवाल किया, ‘किस तरह?’ रूह ने जवाब दिया, ‘मैं निकलकर उसके तमाम नबियों पर यों क़ाबू पाऊँगी कि वह झूट ही बोलेंगे।’ रब ने फ़रमाया, ‘तू कामयाब होगी। जा और यों ही कर!’
I Ki UrduGeoD 22:23  ऐ बादशाह, रब ने आप पर आफ़त लाने का फ़ैसला कर लिया है, इसलिए उसने झूटी रूह को आपके इन तमाम नबियों के मुँह में डाल दिया है।”
I Ki UrduGeoD 22:24  तब सिदक़ियाह बिन कनाना ने आगे बढ़कर मीकायाह के मुँह पर थप्पड़ मारा और बोला, “रब का रूह किस तरह मुझसे निकल गया ताकि तुझसे बात करे?”
I Ki UrduGeoD 22:25  मीकायाह ने जवाब दिया, “जिस दिन आप कभी इस कमरे में, कभी उसमें खिसककर छुपने की कोशिश करेंगे उस दिन आपको पता चलेगा।”
I Ki UrduGeoD 22:26  तब अख़ियब बादशाह ने हुक्म दिया, “मीकायाह को शहर पर मुक़र्रर अफ़सर अमून और मेरे बेटे युआस के पास वापस भेज दो!
I Ki UrduGeoD 22:27  उन्हें बता देना, ‘इस आदमी को जेल में डालकर मेरे सहीह-सलामत वापस आने तक कम से कम रोटी और पानी दिया करें’।”
I Ki UrduGeoD 22:28  मीकायाह बोला, “अगर आप सहीह-सलामत वापस आएँ तो मतलब होगा कि रब ने मेरी मारिफ़त बात नहीं की।” फिर वह साथ खड़े लोगों से मुख़ातिब हुआ, “तमाम लोग ध्यान दें!”
I Ki UrduGeoD 22:29  इसके बाद इसराईल का बादशाह अख़ियब और यहूदाह का बादशाह यहूसफ़त मिलकर रामात-जिलियाद पर हमला करने के लिए रवाना हुए।
I Ki UrduGeoD 22:30  जंग से पहले अख़ियब ने यहूसफ़त से कहा, “मैं अपना भेस बदलकर मैदाने-जंग में जाऊँगा। लेकिन आप अपना शाही लिबास न उतारें।” चुनाँचे इसराईल का बादशाह अपना भेस बदलकर मैदाने-जंग में आया।
I Ki UrduGeoD 22:31  शाम के बादशाह ने रथों पर मुक़र्रर अपने 32 अफ़सरों को हुक्म दिया था, “सिर्फ़ और सिर्फ़ बादशाह पर हमला करें। किसी और से मत लड़ना, ख़ाह वह छोटा हो या बड़ा।”
I Ki UrduGeoD 22:32  जब लड़ाई छिड़ गई तो रथों के अफ़सर यहूसफ़त पर टूट पड़े, क्योंकि उन्होंने कहा, “यक़ीनन यही इसराईल का बादशाह है!” लेकिन जब यहूसफ़त मदद के लिए चिल्ला उठा
I Ki UrduGeoD 22:33  तो दुश्मनों को मालूम हुआ कि यह अख़ियब बादशाह नहीं है, और वह उसका ताक़्क़ुब करने से बाज़ आए।
I Ki UrduGeoD 22:34  लेकिन किसी ने ख़ास निशाना बाँधे बग़ैर अपना तीर चलाया तो वह अख़ियब को ऐसी जगह जा लगा जहाँ ज़िरा-बकतर का जोड़ था। बादशाह ने अपने रथबान को हुक्म दिया, “रथ को मोड़कर मुझे मैदाने-जंग से बाहर ले जाओ! मुझे चोट लग गई है।”
I Ki UrduGeoD 22:35  लेकिन चूँकि उस पूरे दिन शदीद क़िस्म की लड़ाई जारी रही, इसलिए बादशाह अपने रथ में टेक लगाकर दुश्मन के मुक़ाबिल खड़ा रहा। ख़ून ज़ख़म से रथ के फ़र्श पर टपकता रहा, और शाम के वक़्त अख़ियब मर गया।
I Ki UrduGeoD 22:36  जब सूरज ग़ुरूब होने लगा तो इसराईली फ़ौज में बुलंद आवाज़ से एलान किया गया, “हर एक अपने शहर और अपने इलाक़े में वापस चला जाए!”
I Ki UrduGeoD 22:37  बादशाह की मौत के बाद उस की लाश को सामरिया लाकर दफ़नाया गया।
I Ki UrduGeoD 22:38  शाही रथ को सामरिया के एक तालाब के पास लाया गया जहाँ कसबियों की नहाने की जगह थी। वहाँ उसे धोया गया। कुत्ते भी आकर ख़ून को चाटने लगे। यों रब का फ़रमान पूरा हुआ।
I Ki UrduGeoD 22:39  बाक़ी जो कुछ अख़ियब की हुकूमत के दौरान हुआ वह ‘शाहाने-इसराईल की तारीख़’ की किताब में दर्ज है। उसमें बादशाह का तामीरकरदा हाथीदाँत का महल और वह शहर बयान किए गए हैं जिनकी क़िलाबंदी उसने की।
I Ki UrduGeoD 22:40  जब वह मरकर अपने बापदादा से जा मिला तो उसका बेटा अख़ज़ियाह तख़्तनशीन हुआ।
I Ki UrduGeoD 22:41  आसा का बेटा यहूसफ़त इसराईल के बादशाह अख़ियब की हुकूमत के चौथे साल में यहूदाह का बादशाह बना।
I Ki UrduGeoD 22:42  उस वक़्त उस की उम्र 35 साल थी। उसका दारुल-हुकूमत यरूशलम रहा, और उस की हुकूमत का दौरानिया 25 साल था। माँ का नाम अज़ूबा बिंत सिलही था।
I Ki UrduGeoD 22:43  वह हर काम में अपने बाप आसा के नमूने पर चलता और वह कुछ करता रहा जो रब को पसंद था। लेकिन उसने भी ऊँचे मक़ामों के मंदिरों को ख़त्म न किया। ऐसी जगहों पर जानवरों को क़ुरबान करने और बख़ूर जलाने का इंतज़ाम जारी रहा।
I Ki UrduGeoD 22:44  यहूसफ़त और इसराईल के बादशाह के दरमियान सुलह क़ायम रही।
I Ki UrduGeoD 22:45  बाक़ी जो कुछ यहूसफ़त की हुकूमत के दौरान हुआ वह ‘शाहाने-यहूदाह की तारीख़’ की किताब में दर्ज है। उस की कामयाबियाँ और जंगें सब उसमें बयान की गई हैं।
I Ki UrduGeoD 22:46  जो जिस्मफ़रोश मर्द और औरतें आसा के ज़माने में बच गए थे उन्हें यहूसफ़त ने मुल्क में से मिटा दिया।
I Ki UrduGeoD 22:47  उस वक़्त मुल्के-अदोम का बादशाह न था बल्कि यहूदाह का एक अफ़सर उस पर हुक्मरानी करता था।
I Ki UrduGeoD 22:48  यहूसफ़त ने बहरी जहाज़ों का बेड़ा बनवाया ताकि वह तिजारत करके ओफ़ीर से सोना लाएँ। लेकिन वह कभी इस्तेमाल न हुए बल्कि अपनी ही बंदरगाह अस्यून-जाबर में तबाह हो गए।
I Ki UrduGeoD 22:49  तबाह होने से पहले इसराईल के बादशाह अख़ज़ियाह बिन अख़ियब ने यहूसफ़त से दरख़ास्त की थी कि इसराईल के कुछ लोग जहाज़ों पर साथ चलें। लेकिन यहूसफ़त ने इनकार किया था।
I Ki UrduGeoD 22:50  जब यहूसफ़त मरकर अपने बापदादा से जा मिला तो उसे यरूशलम के हिस्से में जो ‘दाऊद का शहर’ कहलाता है ख़ानदानी क़ब्र में दफ़नाया गया। फिर उसका बेटा यहूराम तख़्तनशीन हुआ।
I Ki UrduGeoD 22:51  अख़ियब का बेटा अख़ज़ियाह यहूदाह के बादशाह यहूसफ़त की हुकूमत के 17वें साल में इसराईल का बादशाह बना। वह दो साल तक इसराईल पर हुक्मरान रहा। सामरिया उसका दारुल-हुकूमत था।
I Ki UrduGeoD 22:52  जो कुछ उसने किया वह रब को नापसंद था, क्योंकि वह अपने माँ-बाप और यरुबियाम बिन नबात के नमूने पर चलता रहा, उसी यरुबियाम के नमूने पर जिसने इसराईल को गुनाह करने पर उकसाया था।
I Ki UrduGeoD 22:53  अपने बाप की तरह बाल देवता की ख़िदमत और पूजा करने से उसने रब, इसराईल के ख़ुदा को तैश दिलाया।