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Chapter 1
John UrduGeoD 1:1  इब्तिदा में कलाम था। कलाम अल्लाह के साथ था और कलाम अल्लाह था।
John UrduGeoD 1:2  यही इब्तिदा में अल्लाह के साथ था।
John UrduGeoD 1:3  सब कुछ कलाम के वसीले से पैदा हुआ। मख़लूक़ात की एक भी चीज़ उसके बग़ैर पैदा नहीं हुई।
John UrduGeoD 1:4  उसमें ज़िंदगी थी, और यह ज़िंदगी इनसानों का नूर थी।
John UrduGeoD 1:5  यह नूर तारीकी में चमकता है, और तारीकी ने उस पर क़ाबू न पाया।
John UrduGeoD 1:6  एक दिन अल्लाह ने अपना पैग़ंबर भेज दिया, एक आदमी जिसका नाम यहया था।
John UrduGeoD 1:7  वह नूर की गवाही देने के लिए आया। मक़सद यह था कि लोग उस की गवाही की बिना पर ईमान लाएँ।
John UrduGeoD 1:8  वह ख़ुद तो नूर न था बल्कि उसे सिर्फ़ नूर की गवाही देनी थी।
John UrduGeoD 1:9  हक़ीक़ी नूर जो हर शख़्स को रौशन करता है दुनिया में आने को था।
John UrduGeoD 1:10  गो कलाम दुनिया में था और दुनिया उसके वसीले से पैदा हुई तो भी दुनिया ने उसे न पहचाना।
John UrduGeoD 1:11  वह उसमें आया जो उसका अपना था, लेकिन उसके अपनों ने उसे क़बूल न किया।
John UrduGeoD 1:12  तो भी कुछ उसे क़बूल करके उसके नाम पर ईमान लाए। उन्हें उसने अल्लाह के फ़रज़ंद बनने का हक़ बख़्श दिया,
John UrduGeoD 1:13  ऐसे फ़रज़ंद जो न फ़ितरी तौर पर, न किसी इनसान के मनसूबे के तहत पैदा हुए बल्कि अल्लाह से।
John UrduGeoD 1:14  कलाम इनसान बनकर हमारे दरमियान रिहाइशपज़ीर हुआ और हमने उसके जलाल का मुशाहदा किया। वह फ़ज़ल और सच्चाई से मामूर था और उसका जलाल बाप के इकलौते फ़रज़ंद का-सा था।
John UrduGeoD 1:15  यहया उसके बारे में गवाही देकर पुकार उठा, “यह वही है जिसके बारे में मैंने कहा, एक मेरे बाद आनेवाला है जो मुझसे बड़ा है, क्योंकि वह मुझसे पहले था।”
John UrduGeoD 1:16  उस की कसरत से हम सबने फ़ज़ल पर फ़ज़ल पाया।
John UrduGeoD 1:17  क्योंकि शरीअत मूसा की मारिफ़त दी गई, लेकिन अल्लाह का फ़ज़ल और सच्चाई ईसा मसीह के वसीले से क़ायम हुई।
John UrduGeoD 1:18  किसी ने कभी भी अल्लाह को नहीं देखा। लेकिन इकलौता फ़रज़ंद जो अल्लाह की गोद में है उसी ने अल्लाह को हम पर ज़ाहिर किया है।
John UrduGeoD 1:19  यह यहया की गवाही है जब यरूशलम के यहूदियों ने इमामों और लावियों को उसके पास भेजकर पूछा, “आप कौन हैं?”
John UrduGeoD 1:20  उसने इनकार न किया बल्कि साफ़ तसलीम किया, “मैं मसीह नहीं हूँ।”
John UrduGeoD 1:21  उन्होंने पूछा, “तो फिर आप कौन हैं? क्या आप इलियास हैं?” उसने जवाब दिया, “नहीं, मैं वह नहीं हूँ।” उन्होंने सवाल किया, “क्या आप आनेवाला नबी हैं?” उसने कहा, “नहीं।”
John UrduGeoD 1:22  “तो फिर हमें बताएँ कि आप कौन हैं? जिन्होंने हमें भेजा है उन्हें हमें कोई न कोई जवाब देना है। आप ख़ुद अपने बारे में क्या कहते हैं?”
John UrduGeoD 1:23  यहया ने यसायाह नबी का हवाला देकर जवाब दिया, “मैं रेगिस्तान में वह आवाज़ हूँ जो पुकार रही है, रब का रास्ता सीधा बनाओ।”
John UrduGeoD 1:24  भेजे गए लोग फ़रीसी फ़िरक़े से ताल्लुक़ रखते थे।
John UrduGeoD 1:25  उन्होंने पूछा, “अगर आप न मसीह हैं, न इलियास या आनेवाला नबी तो फिर आप बपतिस्मा क्यों दे रहे हैं?”
John UrduGeoD 1:26  यहया ने जवाब दिया, “मैं तो पानी से बपतिस्मा देता हूँ, लेकिन तुम्हारे दरमियान ही एक खड़ा है जिसको तुम नहीं जानते।
John UrduGeoD 1:27  वही मेरे बाद आनेवाला है और मैं उसके जूतों के तसमे भी खोलने के लायक़ नहीं।”
John UrduGeoD 1:28  यह यरदन के पार बैत-अनियाह में हुआ जहाँ यहया बपतिस्मा दे रहा था।
John UrduGeoD 1:29  अगले दिन यहया ने ईसा को अपने पास आते देखा। उसने कहा, “देखो, यह अल्लाह का लेला है जो दुनिया का गुनाह उठा ले जाता है।
John UrduGeoD 1:30  यह वही है जिसके बारे में मैंने कहा, ‘एक मेरे बाद आनेवाला है जो मुझसे बड़ा है, क्योंकि वह मुझसे पहले था।’
John UrduGeoD 1:31  मैं तो उसे नहीं जानता था, लेकिन मैं इसलिए आकर पानी से बपतिस्मा देने लगा ताकि वह इसराईल पर ज़ाहिर हो जाए।”
John UrduGeoD 1:32  और यहया ने यह गवाही दी, “मैंने देखा कि रूहुल-क़ुद्स कबूतर की तरह आसमान पर से उतरकर उस पर ठहर गया।
John UrduGeoD 1:33  मैं तो उसे नहीं जानता था, लेकिन जब अल्लाह ने मुझे बपतिस्मा देने के लिए भेजा तो उसने मुझे बताया, ‘तू देखेगा कि रूहुल-क़ुद्स उतरकर किसी पर ठहर जाएगा। यह वही होगा जो रूहुल-क़ुद्स से बपतिस्मा देगा।’
John UrduGeoD 1:34  अब मैंने देखा है और गवाही देता हूँ कि यह अल्लाह का फ़रज़ंद है।”
John UrduGeoD 1:35  अगले दिन यहया दुबारा वहीं खड़ा था। उसके दो शागिर्द साथ थे।
John UrduGeoD 1:36  उसने ईसा को वहाँ से गुज़रते हुए देखा तो कहा, “देखो, यह अल्लाह का लेला है!”
John UrduGeoD 1:37  उस की यह बात सुनकर उसके दो शागिर्द ईसा के पीछे हो लिए।
John UrduGeoD 1:38  ईसा ने मुड़कर देखा कि यह मेरे पीछे चल रहे हैं तो उसने पूछा, “तुम क्या चाहते हो?” उन्होंने कहा, “उस्ताद, आप कहाँ ठहरे हुए हैं?”
John UrduGeoD 1:39  उसने जवाब दिया, “आओ, ख़ुद देख लो।” चुनाँचे वह उसके साथ गए। उन्होंने वह जगह देखी जहाँ वह ठहरा हुआ था और दिन के बाक़ी वक़्त उसके पास रहे। शाम के तक़रीबन चार बज गए थे।
John UrduGeoD 1:40  शमौन पतरस का भाई अंदरियास उन दो शागिर्दों में से एक था जो यहया की बात सुनकर ईसा के पीछे हो लिए थे।
John UrduGeoD 1:41  अब उस की पहली मुलाक़ात उसके अपने भाई शमौन से हुई। उसने उसे बताया, “हमें मसीह मिल गया है।” (मसीह का मतलब ‘मसह किया हुआ शख़्स’ है।)
John UrduGeoD 1:42  फिर वह उसे ईसा के पास ले गया। उसे देखकर ईसा ने कहा, “तू यूहन्ना का बेटा शमौन है। तू कैफ़ा कहलाएगा।” (इसका यूनानी तरजुमा पतरस यानी पत्थर है।)
John UrduGeoD 1:43  अगले दिन ईसा ने गलील जाने का इरादा किया। फ़िलिप्पुस से मिला तो उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।”
John UrduGeoD 1:44  अंदरियास और पतरस की तरह फ़िलिप्पुस का वतनी शहर बैत-सैदा था।
John UrduGeoD 1:45  फ़िलिप्पुस नतनेल से मिला, और उसने उससे कहा, “हमें वही शख़्स मिल गया जिसका ज़िक्र मूसा ने तौरेत और नबियों ने अपने सहीफ़ों में किया है। उसका नाम ईसा बिन यूसुफ़ है और वह नासरत का रहनेवाला है।”
John UrduGeoD 1:46  नतनेल ने कहा, “नासरत? क्या नासरत से कोई अच्छी चीज़ निकल सकती है?” फ़िलिप्पुस ने जवाब दिया, “आ और ख़ुद देख ले।”
John UrduGeoD 1:47  जब ईसा ने नतनेल को आते देखा तो उसने कहा, “लो, यह सच्चा इसराईली है जिसमें मकर नहीं।”
John UrduGeoD 1:48  नतनेल ने पूछा, “आप मुझे कहाँ से जानते हैं?” ईसा ने जवाब दिया, “इससे पहले कि फ़िलिप्पुस ने तुझे बुलाया मैंने तुझे देखा। तू अंजीर के दरख़्त के साय में था।”
John UrduGeoD 1:49  नतनेल ने कहा, “उस्ताद, आप अल्लाह के फ़रज़ंद हैं, आप इसराईल के बादशाह हैं।”
John UrduGeoD 1:50  ईसा ने उससे पूछा, “अच्छा, मेरी यह बात सुनकर कि मैंने तुझे अंजीर के दरख़्त के साय में देखा तू ईमान लाया है? तू इससे कहीं बड़ी बातें देखेगा।”
John UrduGeoD 1:51  उसने बात जारी रखी, “मैं तुमको सच बताता हूँ कि तुम आसमान को खुला और अल्लाह के फ़रिश्तों को ऊपर चढ़ते और इब्ने-आदम पर उतरते देखोगे।”
Chapter 2
John UrduGeoD 2:1  तीसरे दिन गलील के गाँव क़ाना में एक शादी हुई। ईसा की माँ वहाँ थी
John UrduGeoD 2:2  और ईसा और उसके शागिर्दों को भी दावत दी गई थी।
John UrduGeoD 2:3  मै ख़त्म हो गई तो ईसा की माँ ने उससे कहा, “उनके पास मै नहीं रही।”
John UrduGeoD 2:4  ईसा ने जवाब दिया, “ऐ ख़ातून, मेरा आपसे क्या वास्ता? मेरा वक़्त अभी नहीं आया।”
John UrduGeoD 2:5  लेकिन उस की माँ ने नौकरों को बताया, “जो कुछ वह तुमको बताए वह करो।”
John UrduGeoD 2:6  वहाँ पत्थर के छः मटके पड़े थे जिन्हें यहूदी दीनी ग़ुस्ल के लिए इस्तेमाल करते थे। हर एक में तक़रीबन 100 लिटर की गुंजाइश थी।
John UrduGeoD 2:7  ईसा ने नौकरों से कहा, “मटकों को पानी से भर दो।” चुनाँचे उन्होंने उन्हें लबालब भर दिया।
John UrduGeoD 2:8  फिर उसने कहा, “अब कुछ निकालकर ज़ियाफ़त का इंतज़ाम चलानेवाले के पास ले जाओ।” उन्होंने ऐसा ही किया।
John UrduGeoD 2:9  ज्योंही ज़ियाफ़त का इंतज़ाम चलानेवाले ने वह पानी चखा जो मै में बदल गया था तो उसने दूल्हे को बुलाया। (उसे मालूम न था कि यह कहाँ से आई है, अगरचे उन नौकरों को पता था जो उसे निकालकर लाए थे।)
John UrduGeoD 2:10  उसने कहा, “हर मेज़बान पहले अच्छी क़िस्म की मै पीने के लिए पेश करता है। फिर जब लोगों को नशा चढ़ने लगे तो वह निसबतन घटिया क़िस्म की मै पिलाने लगता है। लेकिन आपने अच्छी मै अब तक रख छोड़ी है।”
John UrduGeoD 2:11  यों ईसा ने गलील के क़ाना में यह पहला इलाही निशान दिखाकर अपने जलाल का इज़हार किया। यह देखकर उसके शागिर्द उस पर ईमान लाए।
John UrduGeoD 2:12  इसके बाद वह अपनी माँ, अपने भाइयों और अपने शागिर्दों के साथ कफ़र्नहूम को चला गया। वहाँ वह थोड़े दिन रहे।
John UrduGeoD 2:13  जब यहूदी ईदे-फ़सह क़रीब आ गई तो ईसा यरूशलम चला गया।
John UrduGeoD 2:14  बैतुल-मुक़द्दस में जाकर उसने देखा कि कई लोग उसमें गाय-बैल, भेड़ें और कबूतर बेच रहे हैं। दूसरे मेज़ पर बैठे ग़ैरमुल्की सिक्के बैतुल-मुक़द्दस के सिक्कों में बदल रहे हैं।
John UrduGeoD 2:15  फिर ईसा ने रस्सियों का कोड़ा बनाकर सबको बैतुल-मुक़द्दस से निकाल दिया। उसने भेड़ों और गाय-बैलों को बाहर हाँक दिया, पैसे बदलनेवालों के सिक्के बिखेर दिए और उनकी मेज़ें उलट दीं।
John UrduGeoD 2:16  कबूतर बेचनेवालों को उसने कहा, “इसे ले जाओ। मेरे बाप के घर को मंडी में मत बदलो।”
John UrduGeoD 2:17  यह देखकर ईसा के शागिर्दों को कलामे-मुक़द्दस का यह हवाला याद आया कि “तेरे घर की ग़ैरत मुझे खा जाएगी।”
John UrduGeoD 2:18  यहूदियों ने जवाब में पूछा, “आप हमें क्या इलाही निशान दिखा सकते हैं ताकि हमें यक़ीन आए कि आपको यह करने का इख़्तियार है?”
John UrduGeoD 2:19  ईसा ने जवाब दिया, “इस मक़दिस को ढा दो तो मैं इसे तीन दिन के अंदर दुबारा तामीर कर दूँगा।”
John UrduGeoD 2:20  यहूदियों ने कहा, “बैतुल-मुक़द्दस को तामीर करने में 46 साल लग गए थे और आप उसे तीन दिन में तामीर करना चाहते हैं?”
John UrduGeoD 2:21  लेकिन जब ईसा ने “इस मक़दिस” के अलफ़ाज़ इस्तेमाल किए तो इसका मतलब उसका अपना बदन था।
John UrduGeoD 2:22  उसके मुरदों में से जी उठने के बाद उसके शागिर्दों को उस की यह बात याद आई। फिर वह कलामे-मुक़द्दस और उन बातों पर ईमान लाए जो ईसा ने की थीं।
John UrduGeoD 2:23  जब ईसा फ़सह की ईद के लिए यरूशलम में था तो बहुत-से लोग उसके पेशकरदा इलाही निशानों को देखकर उसके नाम पर ईमान लाने लगे।
John UrduGeoD 2:24  लेकिन उसको उन पर एतमाद नहीं था, क्योंकि वह सबको जानता था।
John UrduGeoD 2:25  और उसे इनसान के बारे में किसी की गवाही की ज़रूरत नहीं थी, क्योंकि वह जानता था कि इनसान के अंदर क्या कुछ है।
Chapter 3
John UrduGeoD 3:1  फ़रीसी फ़िरक़े का एक आदमी बनाम नीकुदेमुस था जो यहूदी अदालते-आलिया का रुकन था।
John UrduGeoD 3:2  वह रात के वक़्त ईसा के पास आया और कहा, “उस्ताद, हम जानते हैं कि आप ऐसे उस्ताद हैं जो अल्लाह की तरफ़ से आए हैं, क्योंकि जो इलाही निशान आप दिखाते हैं वह सिर्फ़ ऐसा शख़्स ही दिखा सकता है जिसके साथ अल्लाह हो।”
John UrduGeoD 3:3  ईसा ने जवाब दिया, “मैं तुझे सच बताता हूँ, सिर्फ़ वह शख़्स अल्लाह की बादशाही को देख सकता है जो नए सिरे से पैदा हुआ हो।”
John UrduGeoD 3:4  नीकुदेमुस ने एतराज़ किया, “क्या मतलब? बूढ़ा आदमी किस तरह नए सिरे से पैदा हो सकता है? क्या वह दुबारा अपनी माँ के पेट में जाकर पैदा हो सकता है?”
John UrduGeoD 3:5  ईसा ने जवाब दिया, “मैं तुझे सच बताता हूँ, सिर्फ़ वह शख़्स अल्लाह की बादशाही में दाख़िल हो सकता है जो पानी और रूह से पैदा हुआ हो।
John UrduGeoD 3:6  जो कुछ जिस्म से पैदा होता है वह जिस्मानी है, लेकिन जो रूह से पैदा होता है वह रूहानी है।
John UrduGeoD 3:7  इसलिए तू ताज्जुब न कर कि मैं कहता हूँ, ‘तुम्हें नए सिरे से पैदा होना ज़रूर है।’
John UrduGeoD 3:8  हवा जहाँ चाहे चलती है। तू उस की आवाज़ तो सुनता है, लेकिन यह नहीं जानता कि कहाँ से आती और कहाँ को जाती है। यही हालत हर उस शख़्स की है जो रूह से पैदा हुआ है।”
John UrduGeoD 3:9  नीकुदेमुस ने पूछा, “यह किस तरह हो सकता है?”
John UrduGeoD 3:10  ईसा ने जवाब दिया, “तू तो इसराईल का उस्ताद है। क्या इसके बावुजूद भी यह बातें नहीं समझता?
John UrduGeoD 3:11  मैं तुझको सच बताता हूँ, हम वह कुछ बयान करते हैं जो हम जानते हैं और उस की गवाही देते हैं जो हमने ख़ुद देखा है। तो भी तुम लोग हमारी गवाही क़बूल नहीं करते।
John UrduGeoD 3:12  मैंने तुमको दुनियावी बातें सुनाई हैं और तुम उन पर ईमान नहीं रखते। तो फिर तुम क्योंकर ईमान लाओगे अगर तुम्हें आसमानी बातों के बारे में बताऊँ?
John UrduGeoD 3:13  आसमान पर कोई नहीं चढ़ा सिवाए इब्ने-आदम के, जो आसमान से उतरा है।
John UrduGeoD 3:14  और जिस तरह मूसा ने रेगिस्तान में साँप को लकड़ी पर लटकाकर ऊँचा कर दिया उसी तरह ज़रूर है कि इब्ने-आदम को भी ऊँचे पर चढ़ाया जाए,
John UrduGeoD 3:15  ताकि हर एक को जो उस पर ईमान लाएगा अबदी ज़िंदगी मिल जाए।
John UrduGeoD 3:16  क्योंकि अल्लाह ने दुनिया से इतनी मुहब्बत रखी कि उसने अपने इकलौते फ़रज़ंद को बख़्श दिया, ताकि जो भी उस पर ईमान लाए हलाक न हो बल्कि अबदी ज़िंदगी पाए।
John UrduGeoD 3:17  क्योंकि अल्लाह ने अपने फ़रज़ंद को इसलिए दुनिया में नहीं भेजा कि वह दुनिया को मुजरिम ठहराए बल्कि इसलिए कि वह उसे नजात दे।
John UrduGeoD 3:18  जो भी उस पर ईमान लाया है उसे मुजरिम नहीं क़रार दिया जाएगा, लेकिन जो ईमान नहीं रखता उसे मुजरिम ठहराया जा चुका है। वजह यह है कि वह अल्लाह के इकलौते फ़रज़ंद के नाम पर ईमान नहीं लाया।
John UrduGeoD 3:19  और लोगों को मुजरिम ठहराने का सबब यह है कि गो अल्लाह का नूर इस दुनिया में आया, लेकिन लोगों ने नूर की निसबत अंधेरे को ज़्यादा प्यार किया, क्योंकि उनके काम बुरे थे।
John UrduGeoD 3:20  जो भी ग़लत काम करता है वह नूर से दुश्मनी रखता है और उसके क़रीब नहीं आता ताकि उसके बुरे कामों का पोल न खुल जाए।
John UrduGeoD 3:21  लेकिन जो सच्चा काम करता है वह नूर के पास आता है ताकि ज़ाहिर हो जाए कि उसके काम अल्लाह के वसीले से हुए हैं।”
John UrduGeoD 3:22  इसके बाद ईसा अपने शागिर्दों के साथ यहूदिया के इलाक़े में गया। वहाँ वह कुछ देर के लिए उनके साथ ठहरा और लोगों को बपतिस्मा देने लगा।
John UrduGeoD 3:23  उस वक़्त यहया भी शालेम के क़रीब वाक़े मक़ाम ऐनोन में बपतिस्मा दे रहा था, क्योंकि वहाँ पानी बहुत था। उस जगह पर लोग बपतिस्मा लेने के लिए आते रहे।
John UrduGeoD 3:24  (यहया को अब तक जेल में नहीं डाला गया था।)
John UrduGeoD 3:25  एक दिन यहया के शागिर्दों का किसी यहूदी के साथ मुबाहसा छिड़ गया। ज़ेरे-ग़ौर मज़मून दीनी ग़ुस्ल था।
John UrduGeoD 3:26  वह यहया के पास आए और कहने लगे, “उस्ताद, जिस आदमी से आपकी दरियाए-यरदन के पार मुलाक़ात हुई और जिसके बारे में आपने गवाही दी कि वह मसीह है, वह भी लोगों को बपतिस्मा दे रहा है। अब सब लोग उसी के पास जा रहे हैं।”
John UrduGeoD 3:27  यहया ने जवाब दिया, “हर एक को सिर्फ़ वह कुछ मिलता है जो उसे आसमान से दिया जाता है।
John UrduGeoD 3:28  तुम ख़ुद इसके गवाह हो कि मैंने कहा, ‘मैं मसीह नहीं हूँ बल्कि मुझे उसके आगे आगे भेजा गया है।’
John UrduGeoD 3:29  दूल्हा ही दुलहन से शादी करता है, और दुलहन उसी की है। उसका दोस्त सिर्फ़ साथ खड़ा होता है। और दूल्हे की आवाज़ सुन सुनकर दोस्त की ख़ुशी की इंतहा नहीं होती। मैं भी ऐसा ही दोस्त हूँ जिसकी ख़ुशी पूरी हो गई है।
John UrduGeoD 3:30  लाज़िम है कि वह बढ़ता जाए जबकि मैं घटता जाऊँ।
John UrduGeoD 3:31  जो आसमान पर से आया है उसका इख़्तियार सब पर है। जो दुनिया से है उसका ताल्लुक़ दुनिया से ही है और वह दुनियावी बातें करता है। लेकिन जो आसमान पर से आया है उसका इख़्तियार सब पर है।
John UrduGeoD 3:32  जो कुछ उसने ख़ुद देखा और सुना है उसी की गवाही देता है। तो भी कोई उस की गवाही को क़बूल नहीं करता।
John UrduGeoD 3:33  लेकिन जिसने उसे क़बूल किया उसने इसकी तसदीक़ की है कि अल्लाह सच्चा है।
John UrduGeoD 3:34  जिसे अल्लाह ने भेजा है वह अल्लाह की बातें सुनाता है, क्योंकि अल्लाह अपना रूह नाप-तोलकर नहीं देता।
John UrduGeoD 3:35  बाप अपने फ़रज़ंद को प्यार करता है, और उसने सब कुछ उसके सुपुर्द कर दिया है।
John UrduGeoD 3:36  चुनाँचे जो अल्लाह के फ़रज़ंद पर ईमान लाता है अबदी ज़िंदगी उस की है। लेकिन जो फ़रज़ंद को रद्द करे वह इस ज़िंदगी को नहीं देखेगा बल्कि अल्लाह का ग़ज़ब उस पर ठहरा रहेगा।”
Chapter 4
John UrduGeoD 4:1  फ़रीसियों को इत्तला मिली कि ईसा यहया की निसबत ज़्यादा शागिर्द बना रहा और लोगों को बपतिस्मा दे रहा है,
John UrduGeoD 4:2  हालाँकि वह ख़ुद बपतिस्मा नहीं देता था बल्कि उसके शागिर्द।
John UrduGeoD 4:3  जब ख़ुदावंद ईसा को यह बात मालूम हुई तो वह यहूदिया को छोड़कर गलील को वापस चला गया।
John UrduGeoD 4:4  वहाँ पहुँचने के लिए उसे सामरिया में से गुज़रना था।
John UrduGeoD 4:5  चलते चलते वह एक शहर के पास पहुँच गया जिसका नाम सूख़ार था। यह उस ज़मीन के क़रीब था जो याक़ूब ने अपने बेटे यूसुफ़ को दी थी।
John UrduGeoD 4:6  वहाँ याक़ूब का कुआँ था। ईसा सफ़र से थक गया था, इसलिए वह कुएँ पर बैठ गया। दोपहर के तक़रीबन बारह बज गए थे।
John UrduGeoD 4:7  एक सामरी औरत पानी भरने आई। ईसा ने उससे कहा, “मुझे ज़रा पानी पिला।”
John UrduGeoD 4:8  (उसके शागिर्द खाना ख़रीदने के लिए शहर गए हुए थे।)
John UrduGeoD 4:9  सामरी औरत ने ताज्जुब किया, क्योंकि यहूदी सामरियों के साथ ताल्लुक़ रखने से इनकार करते हैं। उसने कहा, “आप तो यहूदी हैं, और मैं सामरी औरत हूँ। आप किस तरह मुझसे पानी पिलाने की दरख़ास्त कर सकते हैं?”
John UrduGeoD 4:10  ईसा ने जवाब दिया, “अगर तू उस बख़्शिश से वाक़िफ़ होती जो अल्लाह तुझको देना चाहता है और तू उसे जानती जो तुझसे पानी माँग रहा है तो तू उससे माँगती और वह तुझे ज़िंदगी का पानी देता।”
John UrduGeoD 4:11  ख़ातून ने कहा, “ख़ुदावंद, आपके पास तो बालटी नहीं है और यह कुआँ गहरा है। आपको ज़िंदगी का यह पानी कहाँ से मिला?
John UrduGeoD 4:12  क्या आप हमारे बाप याक़ूब से बड़े हैं जिसने हमें यह कुआँ दिया और जो ख़ुद भी अपने बेटों और रेवड़ों समेत उसके पानी से लुत्फ़अंदोज़ हुआ?”
John UrduGeoD 4:13  ईसा ने जवाब दिया, “जो भी इस पानी में से पिए उसे दुबारा प्यास लगेगी।
John UrduGeoD 4:14  लेकिन जिसे मैं पानी पिला दूँ उसे बाद में कभी भी प्यास नहीं लगेगी। बल्कि जो पानी मैं उसे दूँगा वह उसमें एक चश्मा बन जाएगा जिससे पानी फूटकर अबदी ज़िंदगी मुहैया करेगा।”
John UrduGeoD 4:15  औरत ने उससे कहा, “ख़ुदावंद, मुझे यह पानी पिला दें। फिर मुझे कभी भी प्यास नहीं लगेगी और मुझे बार बार यहाँ आकर पानी भरना नहीं पड़ेगा।”
John UrduGeoD 4:16  ईसा ने कहा, “जा, अपने ख़ाविंद को बुला ला।”
John UrduGeoD 4:17  औरत ने जवाब दिया, “मेरा कोई ख़ाविंद नहीं है।” ईसा ने कहा, “तूने सहीह कहा कि मेरा ख़ाविंद नहीं है,
John UrduGeoD 4:18  क्योंकि तेरी शादी पाँच मर्दों से हो चुकी है और जिस आदमी के साथ तू अब रह रही है वह तेरा शौहर नहीं है। तेरी बात बिलकुल दुरुस्त है।”
John UrduGeoD 4:19  औरत ने कहा, “ख़ुदावंद, मैं देखती हूँ कि आप नबी हैं।
John UrduGeoD 4:20  हमारे बापदादा तो इसी पहाड़ पर इबादत करते थे जबकि आप यहूदी लोग इसरार करते हैं कि यरूशलम वह मरकज़ है जहाँ हमें इबादत करनी है।”
John UrduGeoD 4:21  ईसा ने जवाब दिया, “ऐ ख़ातून, यक़ीन जान कि वह वक़्त आएगा जब तुम न तो इस पहाड़ पर बाप की इबादत करोगे, न यरूशलम में।
John UrduGeoD 4:22  तुम सामरी उस की परस्तिश करते हो जिसे नहीं जानते। इसके मुक़ाबले में हम उस की परस्तिश करते हैं जिसे जानते हैं, क्योंकि नजात यहूदियों में से है।
John UrduGeoD 4:23  लेकिन वह वक़्त आ रहा है बल्कि पहुँच चुका है जब हक़ीक़ी परस्तार रूह और सच्चाई से बाप की परस्तिश करेंगे, क्योंकि बाप ऐसे ही परस्तार चाहता है।
John UrduGeoD 4:24  अल्लाह रूह है, इसलिए लाज़िम है कि उसके परस्तार रूह और सच्चाई से उस की परस्तिश करें।”
John UrduGeoD 4:25  औरत ने उससे कहा, “मुझे मालूम है कि मसीह यानी मसह किया हुआ शख़्स आ रहा है। जब वह आएगा तो हमें सब कुछ बता देगा।”
John UrduGeoD 4:26  इस पर ईसा ने उसे बताया, “मैं ही मसीह हूँ जो तेरे साथ बात कर रहा हूँ।”
John UrduGeoD 4:27  उसी लमहे शागिर्द पहुँच गए। उन्होंने जब देखा कि ईसा एक औरत से बात कर रहा है तो ताज्जुब किया। लेकिन किसी ने पूछने की जुर्रत न की कि “आप क्या चाहते हैं?” या “आप इस औरत से क्यों बातें कर रहे हैं?”
John UrduGeoD 4:28  औरत अपना घड़ा छोड़कर शहर में चली गई और वहाँ लोगों से कहने लगी,
John UrduGeoD 4:29  “आओ, एक आदमी को देखो जिसने मुझे सब कुछ बता दिया है जो मैंने किया है। वह मसीह तो नहीं है?”
John UrduGeoD 4:30  चुनाँचे वह शहर से निकलकर ईसा के पास आए।
John UrduGeoD 4:31  इतने में शागिर्द ज़ोर देकर ईसा से कहने लगे, “उस्ताद, कुछ खाना खा लें।”
John UrduGeoD 4:32  लेकिन उसने जवाब दिया, “मेरे पास खाने की ऐसी चीज़ है जिससे तुम वाक़िफ़ नहीं हो।”
John UrduGeoD 4:33  शागिर्द आपस में कहने लगे, “क्या कोई उसके पास खाना लेकर आया?”
John UrduGeoD 4:34  लेकिन ईसा ने उनसे कहा, “मेरा खाना यह है कि उस की मरज़ी पूरी करूँ जिसने मुझे भेजा है और उसका काम तकमील तक पहुँचाऊँ।
John UrduGeoD 4:35  तुम तो ख़ुद कहते हो, ‘मज़ीद चार महीने तक फ़सल पक जाएगी।’ लेकिन मैं तुमको बताता हूँ, अपनी नज़र उठाकर खेतों पर ग़ौर करो। फ़सल पक गई है और कटाई के लिए तैयार है।
John UrduGeoD 4:36  फ़सल की कटाई शुरू हो चुकी है। कटाई करनेवाले को मज़दूरी मिल रही है और वह फ़सल को अबदी ज़िंदगी के लिए जमा कर रहा है ताकि बीज बोनेवाला और कटाई करनेवाला दोनों मिलकर ख़ुशी मना सकें।
John UrduGeoD 4:37  यों यह कहावत दुरुस्त साबित हो जाती है कि ‘एक बीज बोता और दूसरा फ़सल काटता है।’
John UrduGeoD 4:38  मैंने तुमको उस फ़सल की कटाई करने के लिए भेज दिया है जिसे तैयार करने के लिए तुमने मेहनत नहीं की। औरों ने ख़ूब मेहनत की है और तुम इससे फ़ायदा उठाकर फ़सल जमा कर सकते हो।”
John UrduGeoD 4:39  उस शहर के बहुत-से सामरी ईसा पर ईमान लाए। वजह यह थी कि उस औरत ने उसके बारे में यह गवाही दी थी, “उसने मुझे सब कुछ बता दिया जो मैंने किया है।”
John UrduGeoD 4:40  जब वह उसके पास आए तो उन्होंने मिन्नत की, “हमारे पास ठहरें।” चुनाँचे वह दो दिन वहाँ रहा।
John UrduGeoD 4:41  और उस की बातें सुनकर मज़ीद बहुत-से लोग ईमान लाए।
John UrduGeoD 4:42  उन्होंने औरत से कहा, “अब हम तेरी बातों की बिना पर ईमान नहीं रखते बल्कि इसलिए कि हमने ख़ुद सुन और जान लिया है कि वाक़ई दुनिया का नजातदहिंदा यही है।”
John UrduGeoD 4:43  वहाँ दो दिन गुज़ारने के बाद ईसा गलील को चला गया।
John UrduGeoD 4:44  उसने ख़ुद गवाही देकर कहा था कि नबी की उसके अपने वतन में इज़्ज़त नहीं होती।
John UrduGeoD 4:45  अब जब वह गलील पहुँचा तो मक़ामी लोगों ने उसे ख़ुशआमदीद कहा, क्योंकि वह फ़सह की ईद मनाने के लिए यरूशलम आए थे और उन्होंने सब कुछ देखा जो ईसा ने वहाँ किया था।
John UrduGeoD 4:46  फिर वह दुबारा क़ाना में आया जहाँ उसने पानी को मै में बदल दिया था। उस इलाक़े में एक शाही अफ़सर था जिसका बेटा कफ़र्नहूम में बीमार पड़ा था।
John UrduGeoD 4:47  जब उसे इत्तला मिली कि ईसा यहूदिया से गलील पहुँच गया है तो वह उसके पास गया और गुज़ारिश की, “क़ाना से मेरे पास आकर मेरे बेटे को शफ़ा दें, क्योंकि वह मरने को है।”
John UrduGeoD 4:48  ईसा ने उससे कहा, “जब तक तुम लोग इलाही निशान और मोजिज़े नहीं देखते ईमान नहीं लाते।”
John UrduGeoD 4:49  शाही अफ़सर ने कहा, “ख़ुदावंद आएँ, इससे पहले कि मेरा लड़का मर जाए।”
John UrduGeoD 4:50  ईसा ने जवाब दिया, “जा, तेरा बेटा ज़िंदा रहेगा।” आदमी ईसा की बात पर ईमान लाया और अपने घर चला गया।
John UrduGeoD 4:51  वह अभी रास्ते में था कि उसके नौकर उससे मिले। उन्होंने उसे इत्तला दी कि बेटा ज़िंदा है।
John UrduGeoD 4:52  उसने उनसे पूछ-गछ की कि उस की तबियत किस वक़्त से बेहतर होने लगी थी। उन्होंने जवाब दिया, “बुख़ार कल दोपहर एक बजे उतर गया।”
John UrduGeoD 4:53  फिर बाप ने जान लिया कि उसी वक़्त ईसा ने उसे बताया था, “तुम्हारा बेटा ज़िंदा रहेगा।” और वह अपने पूरे घराने समेत उस पर ईमान लाया।
John UrduGeoD 4:54  यों ईसा ने अपना दूसरा इलाही निशान उस वक़्त दिखाया जब वह यहूदिया से गलील में आया था।
Chapter 5
John UrduGeoD 5:1  कुछ देर के बाद ईसा किसी यहूदी ईद के मौक़े पर यरूशलम गया।
John UrduGeoD 5:2  शहर में एक हौज़ था जिसका नाम अरामी ज़बान में बैत-हसदा था। उसके पाँच बड़े बरामदे थे और वह शहर के उस दरवाज़े के क़रीब था जिसका नाम ‘भेड़ों का दरवाज़ा’ है।
John UrduGeoD 5:3  इन बरामदों में बेशुमार माज़ूर लोग पड़े रहते थे। यह अंधे, लँगड़े और मफ़लूज पानी के हिलने के इंतज़ार में रहते थे।
John UrduGeoD 5:4  [क्योंकि गाहे बगाहे रब का फ़रिश्ता उतरकर पानी को हिला देता था। जो भी उस वक़्त उसमें पहले दाख़िल हो जाता उसे शफ़ा मिल जाती थी ख़ाह उस की बीमारी कोई भी क्यों न होती।]
John UrduGeoD 5:5  मरीज़ों में से एक आदमी 38 साल से माज़ूर था।
John UrduGeoD 5:6  जब ईसा ने उसे वहाँ पड़ा देखा और उसे मालूम हुआ कि यह इतनी देर से इस हालत में है तो उसने पूछा, “क्या तू तनदुरुस्त होना चाहता है?”
John UrduGeoD 5:7  उसने जवाब दिया, “ख़ुदावंद, यह मुश्किल है। मेरा कोई साथी नहीं जो मुझे उठाकर पानी में जब उसे हिलाया जाता है ले जाए। इसलिए मेरे वहाँ पहुँचने में इतनी देर लग जाती है कि कोई और मुझसे पहले पानी में उतर जाता है।”
John UrduGeoD 5:8  ईसा ने कहा, “उठ, अपना बिस्तर उठाकर चल-फिर!”
John UrduGeoD 5:9  वह आदमी फ़ौरन बहाल हो गया। उसने अपना बिस्तर उठाया और चलने-फिरने लगा। यह वाक़िया सबत के दिन हुआ।
John UrduGeoD 5:10  इसलिए यहूदियों ने शफ़ायाब आदमी को बताया, “आज सबत का दिन है। आज बिस्तर उठाना मना है।”
John UrduGeoD 5:11  लेकिन उसने जवाब दिया, “जिस आदमी ने मुझे शफ़ा दी उसने मुझे बताया, ‘अपना बिस्तर उठाकर चल-फिर’।”
John UrduGeoD 5:12  उन्होंने सवाल किया, “वह कौन है जिसने तुझे यह कुछ बताया?”
John UrduGeoD 5:13  लेकिन शफ़ायाब आदमी को मालूम न था, क्योंकि ईसा हुजूम के सबब से चुपके से वहाँ से चला गया था।
John UrduGeoD 5:14  बाद में ईसा उसे बैतुल-मुक़द्दस में मिला। उसने कहा, “अब तू बहाल हो गया है। फिर गुनाह न करना, ऐसा न हो कि तेरा हाल पहले से भी बदतर हो जाए।”
John UrduGeoD 5:15  उस आदमी ने उसे छोड़कर यहूदियों को इत्तला दी, “ईसा ने मुझे शफ़ा दी।”
John UrduGeoD 5:16  इस पर यहूदी उसको सताने लगे, क्योंकि उसने उस आदमी को सबत के दिन बहाल किया था।
John UrduGeoD 5:17  लेकिन ईसा ने उन्हें जवाब दिया, “मेरा बाप आज तक काम करता आया है, और मैं भी ऐसा करता हूँ।”
John UrduGeoD 5:18  यह सुनकर यहूदी उसे क़त्ल करने की मज़ीद कोशिश करने लगे, क्योंकि उसने न सिर्फ़ सबत के दिन को मनसूख़ क़रार दिया था बल्कि अल्लाह को अपना बाप कहकर अपने आपको अल्लाह के बराबर ठहराया था।
John UrduGeoD 5:19  ईसा ने उन्हें जवाब दिया, “मैं तुमको सच बताता हूँ कि फ़रज़ंद अपनी मरज़ी से कुछ नहीं कर सकता। वह सिर्फ़ वह कुछ करता है जो वह बाप को करते देखता है। जो कुछ बाप करता है वही फ़रज़ंद भी करता है,
John UrduGeoD 5:20  क्योंकि बाप फ़रज़ंद को प्यार करता और उसे सब कुछ दिखाता है जो वह ख़ुद करता है। हाँ, वह फ़रज़ंद को इनसे भी अज़ीम काम दिखाएगा। फिर तुम और भी ज़्यादा हैरतज़दा होगे।
John UrduGeoD 5:21  क्योंकि जिस तरह बाप मुरदों को ज़िंदा करता है उसी तरह फ़रज़ंद भी जिन्हें चाहता है ज़िंदा कर देता है।
John UrduGeoD 5:22  और बाप किसी की भी अदालत नहीं करता बल्कि उसने अदालत का पूरा इंतज़ाम फ़रज़ंद के सुपुर्द कर दिया है
John UrduGeoD 5:23  ताकि सब उसी तरह फ़रज़ंद की इज़्ज़त करें जिस तरह वह बाप की इज़्ज़त करते हैं। जो फ़रज़ंद की इज़्ज़त नहीं करता वह बाप की भी इज़्ज़त नहीं करता जिसने उसे भेजा है।
John UrduGeoD 5:24  मैं तुमको सच बताता हूँ, जो भी मेरी बात सुनकर उस पर ईमान लाता है जिसने मुझे भेजा है अबदी ज़िंदगी उस की है। उसे मुजरिम नहीं ठहराया जाएगा बल्कि वह मौत की गिरिफ़्त से निकलकर ज़िंदगी में दाख़िल हो गया है।
John UrduGeoD 5:25  मैं तुमको सच बताता हूँ कि एक वक़्त आनेवाला है बल्कि आ चुका है जब मुरदे अल्लाह के फ़रज़ंद की आवाज़ सुनेंगे। और जितने सुनेंगे वह ज़िंदा हो जाएंगे।
John UrduGeoD 5:26  क्योंकि जिस तरह बाप ज़िंदगी का मंबा है उसी तरह उसने अपने फ़रज़ंद को ज़िंदगी का मंबा बना दिया है।
John UrduGeoD 5:27  साथ साथ उसने उसे अदालत करने का इख़्तियार भी दे दिया है, क्योंकि वह इब्ने-आदम है।
John UrduGeoD 5:28  यह सुनकर ताज्जुब न करो क्योंकि एक वक़्त आ रहा है जब तमाम मुरदे उस की आवाज़ सुनकर
John UrduGeoD 5:29  क़ब्रों में से निकल आएँगे। जिन्होंने नेक काम किया वह जी उठकर ज़िंदगी पाएँगे जबकि जिन्होंने बुरा काम किया वह जी तो उठेंगे लेकिन उनकी अदालत की जाएगी।
John UrduGeoD 5:30  मैं अपनी मरज़ी से कुछ नहीं कर सकता बल्कि जो कुछ बाप से सुनता हूँ उसके मुताबिक़ अदालत करता हूँ। और मेरी अदालत रास्त है क्योंकि मैं अपनी मरज़ी करने की कोशिश नहीं करता बल्कि उसी की जिसने मुझे भेजा है।
John UrduGeoD 5:31  अगर मैं ख़ुद अपने बारे में गवाही देता तो मेरी गवाही मोतबर न होती।
John UrduGeoD 5:32  लेकिन एक और है जो मेरे बारे में गवाही दे रहा है और मैं जानता हूँ कि मेरे बारे में उस की गवाही सच्ची और मोतबर है।
John UrduGeoD 5:33  तुमने पता करने के लिए अपने लोगों को यहया के पास भेजा है और उसने हक़ीक़त की तसदीक़ की है।
John UrduGeoD 5:34  बेशक मुझे किसी इनसानी गवाह की ज़रूरत नहीं है, लेकिन मैं यह इसलिए बता रहा हूँ ताकि तुमको नजात मिल जाए।
John UrduGeoD 5:35  यहया एक जलता हुआ चराग़ था जो रौशनी देता था, और कुछ देर के लिए तुमने उस की रौशनी में ख़ुशी मनाना पसंद किया।
John UrduGeoD 5:36  लेकिन मेरे पास एक और गवाह है जो यहया की निसबत ज़्यादा अहम है यानी वह काम जो बाप ने मुझे मुकम्मल करने के लिए दे दिया। यही काम जो मैं कर रहा हूँ मेरे बारे में गवाही देता है कि बाप ने मुझे भेजा है।
John UrduGeoD 5:37  इसके अलावा बाप ने ख़ुद जिसने मुझे भेजा है मेरे बारे में गवाही दी है। अफ़सोस, तुमने कभी उस की आवाज़ नहीं सुनी, न उस की शक्लो-सूरत देखी,
John UrduGeoD 5:38  और उसका कलाम तुम्हारे अंदर नहीं रहता, क्योंकि तुम उस पर ईमान नहीं रखते जिसे उसने भेजा है।
John UrduGeoD 5:39  तुम अपने सहीफ़ों में ढूँडते रहते हो क्योंकि समझते हो कि उनसे तुम्हें अबदी ज़िंदगी हासिल है। लेकिन यही मेरे बारे में गवाही देते हैं!
John UrduGeoD 5:40  तो भी तुम ज़िंदगी पाने के लिए मेरे पास आना नहीं चाहते।
John UrduGeoD 5:41  मैं इनसानों से इज़्ज़त नहीं चाहता,
John UrduGeoD 5:42  लेकिन मैं तुमको जानता हूँ कि तुममें अल्लाह की मुहब्बत नहीं।
John UrduGeoD 5:43  अगरचे मैं अपने बाप के नाम में आया हूँ तो भी तुम मुझे क़बूल नहीं करते। इसके मुक़ाबले में अगर कोई अपने नाम में आएगा तो तुम उसे क़बूल करोगे।
John UrduGeoD 5:44  कोई अजब नहीं कि तुम ईमान नहीं ला सकते। क्योंकि तुम एक दूसरे से इज़्ज़त चाहते हो जबकि तुम वह इज़्ज़त पाने की कोशिश ही नहीं करते जो वाहिद ख़ुदा से मिलती है।
John UrduGeoD 5:45  लेकिन यह न समझो कि मैं बाप के सामने तुम पर इलज़ाम लगाऊँगा। एक और है जो तुम पर इलज़ाम लगा रहा है यानी मूसा, जिससे तुम उम्मीद रखते हो।
John UrduGeoD 5:46  अगर तुम वाक़ई मूसा पर ईमान रखते तो ज़रूर मुझ पर भी ईमान रखते, क्योंकि उसने मेरे ही बारे में लिखा।
John UrduGeoD 5:47  लेकिन चूँकि तुम वह कुछ नहीं मानते जो उसने लिखा है तो मेरी बातें क्योंकर मान सकते हो!”
Chapter 6
John UrduGeoD 6:1  इसके बाद ईसा ने गलील की झील को पार किया। (झील का दूसरा नाम तिबरियास था।)
John UrduGeoD 6:2  एक बड़ा हुजूम उसके पीछे लग गया था, क्योंकि उसने इलाही निशान दिखाकर मरीज़ों को शफ़ा दी थी और लोगों ने इसका मुशाहदा किया था।
John UrduGeoD 6:3  फिर ईसा पहाड़ पर चढ़कर अपने शागिर्दों के साथ बैठ गया।
John UrduGeoD 6:4  (यहूदी ईदे-फ़सह क़रीब आ गई थी।)
John UrduGeoD 6:5  वहाँ बैठे ईसा ने अपनी नज़र उठाई तो देखा कि एक बड़ा हुजूम पहुँच रहा है। उसने फ़िलिप्पुस से पूछा, “हम कहाँ से खाना ख़रीदें ताकि उन्हें खिलाएँ?”
John UrduGeoD 6:6  (यह उसने फ़िलिप्पुस को आज़माने के लिए कहा। ख़ुद तो वह जानता था कि क्या करेगा।)
John UrduGeoD 6:7  फ़िलिप्पुस ने जवाब दिया, “अगर हर एक को सिर्फ़ थोड़ा-सा मिले तो भी चाँदी के 200 सिक्के काफ़ी नहीं होंगे।”
John UrduGeoD 6:8  फिर शमौन पतरस का भाई अंदरियास बोल उठा,
John UrduGeoD 6:9  “यहाँ एक लड़का है जिसके पास जौ की पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ हैं। मगर इतने लोगों में यह क्या हैं!”
John UrduGeoD 6:10  ईसा ने कहा, “लोगों को बिठा दो।” उस जगह बहुत घास थी। चुनाँचे सब बैठ गए। (सिर्फ़ मर्दों की तादाद 5,000 थी।)
John UrduGeoD 6:11  ईसा ने रोटियाँ लेकर शुक्रगुज़ारी की दुआ की और उन्हें बैठे हुए लोगों में तक़सीम करवाया। यही कुछ उसने मछलियों के साथ भी किया। और सबने जी भरकर रोटी खाई।
John UrduGeoD 6:12  जब सब सेर हो गए तो ईसा ने शागिर्दों को बताया, “अब बचे हुए टुकड़े जमा करो ताकि कुछ ज़ाया न हो जाए।”
John UrduGeoD 6:13  जब उन्होंने बचा हुआ खाना इकट्ठा किया तो जौ की पाँच रोटियों के टुकड़ों से बारह टोकरे भर गए।
John UrduGeoD 6:14  जब लोगों ने ईसा को यह इलाही निशान दिखाते देखा तो उन्होंने कहा, “यक़ीनन यह वही नबी है जिसे दुनिया में आना था।”
John UrduGeoD 6:15  ईसा को मालूम हुआ कि वह आकर उसे ज़बरदस्ती बादशाह बनाना चाहते हैं, इसलिए वह दुबारा उनसे अलग होकर अकेला ही किसी पहाड़ पर चढ़ गया।
John UrduGeoD 6:16  शाम को शागिर्द झील के पास गए
John UrduGeoD 6:17  और कश्ती पर सवार होकर झील के पार शहर कफ़र्नहूम के लिए रवाना हुए। अंधेरा हो चुका था और ईसा अब तक उनके पास वापस नहीं आया था।
John UrduGeoD 6:18  तेज़ हवा के बाइस झील में लहरें उठने लगीं।
John UrduGeoD 6:19  कश्ती को खेते खेते शागिर्द चार या पाँच किलोमीटर का सफ़र तय कर चुके थे कि अचानक ईसा नज़र आया। वह पानी पर चलता हुआ कश्ती की तरफ़ बढ़ रहा था। शागिर्द दहशतज़दा हो गए।
John UrduGeoD 6:20  लेकिन उसने उनसे कहा, “मैं ही हूँ। ख़ौफ़ न करो।”
John UrduGeoD 6:21  वह उसे कश्ती में बिठाने पर आमादा हुए। और कश्ती उसी लमहे उस जगह पहुँच गई जहाँ वह जाना चाहते थे।
John UrduGeoD 6:22  हुजूम तो झील के पार रह गया था। अगले दिन लोगों को पता चला कि शागिर्द एक ही कश्ती लेकर चले गए हैं और कि उस वक़्त ईसा कश्ती में नहीं था।
John UrduGeoD 6:23  फिर कुछ कश्तियाँ तिबरियास से उस मक़ाम के क़रीब पहुँचीं जहाँ ख़ुदावंद ईसा ने रोटी के लिए शुक्रगुज़ारी की दुआ करके उसे लोगों को खिलाया था।
John UrduGeoD 6:24  जब लोगों ने देखा कि न ईसा और न उसके शागिर्द वहाँ हैं तो वह कश्तियों पर सवार होकर ईसा को ढूँडते ढूँडते कफ़र्नहूम पहुँचे।
John UrduGeoD 6:25  जब उन्होंने उसे झील के पार पाया तो पूछा, “उस्ताद, आप किस तरह यहाँ पहुँच गए?”
John UrduGeoD 6:26  ईसा ने जवाब दिया, “मैं तुमको सच बताता हूँ, तुम मुझे इसलिए नहीं ढूँड रहे कि इलाही निशान देखे हैं बल्कि इसलिए कि तुमने जी भरकर रोटी खाई है।
John UrduGeoD 6:27  ऐसी ख़ुराक के लिए जिद्दो-जहद न करो जो गल-सड़ जाती है, बल्कि ऐसी के लिए जो अबदी ज़िंदगी तक क़ायम रहती है और जो इब्ने-आदम तुमको देगा, क्योंकि ख़ुदा बाप ने उस पर अपनी तसदीक़ की मुहर लगाई है।”
John UrduGeoD 6:28  इस पर उन्होंने पूछा, “हमें क्या करना चाहिए ताकि अल्लाह का मतलूबा काम करें?”
John UrduGeoD 6:29  ईसा ने जवाब दिया, “अल्लाह का काम यह है कि तुम उस पर ईमान लाओ जिसे उसने भेजा है।”
John UrduGeoD 6:30  उन्होंने कहा, “तो फिर आप क्या इलाही निशान दिखाएँगे जिसे देखकर हम आप पर ईमान लाएँ? आप क्या काम सरंजाम देंगे?
John UrduGeoD 6:31  हमारे बापदादा ने तो रेगिस्तान में मन खाया। चुनाँचे कलामे-मुक़द्दस में लिखा है कि मूसा ने उन्हें आसमान से रोटी खिलाई।”
John UrduGeoD 6:32  ईसा ने जवाब दिया, “मैं तुमको सच बताता हूँ कि ख़ुद मूसा ने तुमको आसमान से रोटी नहीं खिलाई बल्कि मेरे बाप ने। वही तुमको आसमान से हक़ीक़ी रोटी देता है।
John UrduGeoD 6:33  क्योंकि अल्लाह की रोटी वह शख़्स है जो आसमान पर से उतरकर दुनिया को ज़िंदगी बख़्शता है।”
John UrduGeoD 6:34  उन्होंने कहा, “ख़ुदावंद, हमें यह रोटी हर वक़्त दिया करें।”
John UrduGeoD 6:35  जवाब में ईसा ने कहा, “मैं ही ज़िंदगी की रोटी हूँ। जो मेरे पास आए उसे फिर कभी भूक नहीं लगेगी। और जो मुझ पर ईमान लाए उसे फिर कभी प्यास नहीं लगेगी।
John UrduGeoD 6:36  लेकिन जिस तरह मैं तुमको बता चुका हूँ, तुमने मुझे देखा और फिर भी ईमान नहीं लाए।
John UrduGeoD 6:37  जितने भी बाप ने मुझे दिए हैं वह मेरे पास आएँगे और जो भी मेरे पास आएगा उसे मैं हरगिज़ निकाल न दूँगा।
John UrduGeoD 6:38  क्योंकि मैं अपनी मरज़ी पूरी करने के लिए आसमान से नहीं उतरा बल्कि उस की जिसने मुझे भेजा है।
John UrduGeoD 6:39  और जिसने मुझे भेजा उस की मरज़ी यह है कि जितने भी उसने मुझे दिए हैं उनमें से मैं एक को भी खो न दूँ बल्कि सबको क़ियामत के दिन मुरदों में से फिर ज़िंदा करूँ।
John UrduGeoD 6:40  क्योंकि मेरे बाप की मरज़ी यही है कि जो भी फ़रज़ंद को देखकर उस पर ईमान लाए उसे अबदी ज़िंदगी हासिल हो। ऐसे शख़्स को मैं क़ियामत के दिन मुरदों में से फिर ज़िंदा करूँगा।”
John UrduGeoD 6:41  यह सुनकर यहूदी इसलिए बुड़बुड़ाने लगे कि उसने कहा था, “मैं ही वह रोटी हूँ जो आसमान पर से उतर आई है।”
John UrduGeoD 6:42  उन्होंने एतराज़ किया, “क्या यह ईसा बिन यूसुफ़ नहीं, जिसके बाप और माँ से हम वाक़िफ़ हैं? वह क्योंकर कह सकता है कि ‘मैं आसमान से उतरा हूँ’?”
John UrduGeoD 6:43  ईसा ने जवाब में कहा, “आपस में मत बुड़बुड़ाओ।
John UrduGeoD 6:44  सिर्फ़ वह शख़्स मेरे पास आ सकता है जिसे बाप जिसने मुझे भेजा है मेरे पास खींच लाया है। ऐसे शख़्स को मैं क़ियामत के दिन मुरदों में से फिर ज़िंदा करूँगा।
John UrduGeoD 6:45  नबियों के सहीफ़ों में लिखा है, ‘सब अल्लाह से तालीम पाएँगे।’ जो भी अल्लाह की सुनकर उससे सीखता है वह मेरे पास आ जाता है।
John UrduGeoD 6:46  इसका मतलब यह नहीं कि किसी ने कभी बाप को देखा। सिर्फ़ एक ही ने बाप को देखा है, वही जो अल्लाह की तरफ़ से है।
John UrduGeoD 6:47  मैं तुमको सच बताता हूँ कि जो ईमान रखता है उसे अबदी ज़िंदगी हासिल है।
John UrduGeoD 6:48  ज़िंदगी की रोटी मैं हूँ।
John UrduGeoD 6:49  तुम्हारे बापदादा रेगिस्तान में मन खाते रहे, तो भी वह मर गए।
John UrduGeoD 6:50  लेकिन यहाँ आसमान से उतरनेवाली ऐसी रोटी है जिसे खाकर इनसान नहीं मरता।
John UrduGeoD 6:51  मैं ही ज़िंदगी की वह रोटी हूँ जो आसमान से उतर आई है। जो इस रोटी से खाए वह अबद तक ज़िंदा रहेगा। और यह रोटी मेरा गोश्त है जो मैं दुनिया को ज़िंदगी मुहैया करने की ख़ातिर पेश करूँगा।”
John UrduGeoD 6:52  यहूदी बड़ी सरगरमी से एक दूसरे से बहस करने लगे, “यह आदमी हमें किस तरह अपना गोश्त खिला सकता है?”
John UrduGeoD 6:53  ईसा ने उनसे कहा, “मैं तुमको सच बताता हूँ कि सिर्फ़ इब्ने-आदम का गोश्त खाने और उसका ख़ून पीने ही से तुममें ज़िंदगी होगी।
John UrduGeoD 6:54  जो मेरा गोश्त खाए और मेरा ख़ून पिए अबदी ज़िंदगी उस की है और मैं उसे क़ियामत के दिन मुरदों में से फिर ज़िंदा करूँगा।
John UrduGeoD 6:55  क्योंकि मेरा गोश्त हक़ीक़ी ख़ुराक और मेरा ख़ून हक़ीक़ी पीने की चीज़ है।
John UrduGeoD 6:56  जो मेरा गोश्त खाता और मेरा ख़ून पीता है वह मुझमें क़ायम रहता है और मैं उसमें।
John UrduGeoD 6:57  मैं उस ज़िंदा बाप की वजह से ज़िंदा हूँ जिसने मुझे भेजा। इसी तरह जो मुझे खाता है वह मेरी ही वजह से ज़िंदा रहेगा।
John UrduGeoD 6:58  यही वह रोटी है जो आसमान से उतरी है। तुम्हारे बापदादा मन खाने के बावुजूद मर गए, लेकिन जो यह रोटी खाएगा वह अबद तक ज़िंदा रहेगा।”
John UrduGeoD 6:59  ईसा ने यह बातें उस वक़्त कीं जब वह कफ़र्नहूम में यहूदी इबादतख़ाने में तालीम दे रहा था।
John UrduGeoD 6:60  यह सुनकर उसके बहुत-से शागिर्दों ने कहा, “यह बातें ना-गवार हैं। कौन इन्हें सुन सकता है!”
John UrduGeoD 6:61  ईसा को मालूम था कि मेरे शागिर्द मेरे बारे में बुड़बुड़ा रहे हैं, इसलिए उसने कहा, “क्या तुमको इन बातों से ठेस लगी है?
John UrduGeoD 6:62  तो फिर तुम क्या सोचोगे जब इब्ने-आदम को ऊपर जाते देखोगे जहाँ वह पहले था?
John UrduGeoD 6:63  अल्लाह का रूह ही ज़िंदा करता है जबकि जिस्मानी ताक़त का कोई फ़ायदा नहीं होता। जो बातें मैंने तुमको बताई हैं वह रूह और ज़िंदगी हैं।
John UrduGeoD 6:64  लेकिन तुममें से कुछ हैं जो ईमान नहीं रखते।” (ईसा तो शुरू से ही जानता था कि कौन कौन ईमान नहीं रखते और कौन मुझे दुश्मन के हवाले करेगा।)
John UrduGeoD 6:65  फिर उसने कहा, “इसलिए मैंने तुमको बताया कि सिर्फ़ वह शख़्स मेरे पास आ सकता है जिसे बाप की तरफ़ से यह तौफ़ीक़ मिले।”
John UrduGeoD 6:66  उस वक़्त से उसके बहुत-से शागिर्द उलटे पाँव फिर गए और आइंदा को उसके साथ न चले।
John UrduGeoD 6:67  तब ईसा ने बारह शागिर्दों से पूछा, “क्या तुम भी चले जाना चाहते हो?”
John UrduGeoD 6:68  शमौन पतरस ने जवाब दिया, “ख़ुदावंद, हम किसके पास जाएँ? अबदी ज़िंदगी की बातें तो आप ही के पास हैं।
John UrduGeoD 6:69  और हमने ईमान लाकर जान लिया है कि आप अल्लाह के क़ुद्दूस हैं।”
John UrduGeoD 6:70  जवाब में ईसा ने कहा, “क्या मैंने तुम बारह को नहीं चुना? तो भी तुममें से एक शख़्स शैतान है।”
John UrduGeoD 6:71  (वह शमौन इस्करियोती के बेटे यहूदाह की तरफ़ इशारा कर रहा था जो बारह शागिर्दों में से एक था और जिसने बाद में उसे दुश्मन के हवाले कर दिया।)
Chapter 7
John UrduGeoD 7:1  इसके बाद ईसा ने गलील के इलाक़े में इधर उधर सफ़र किया। वह यहूदिया में फिरना नहीं चाहता था क्योंकि वहाँ के यहूदी उसे क़त्ल करने का मौक़ा ढूँड रहे थे।
John UrduGeoD 7:2  लेकिन जब यहूदी ईद बनाम झोंपड़ियों की ईद क़रीब आई
John UrduGeoD 7:3  तो उसके भाइयों ने उससे कहा, “यह जगह छोड़कर यहूदिया चला जा ताकि तेरे पैरोकार भी वह मोजिज़े देख लें जो तू करता है।
John UrduGeoD 7:4  जो शख़्स चाहता है कि अवाम उसे जाने वह पोशीदगी में काम नहीं करता। अगर तू इस क़िस्म का मोजिज़ाना काम करता है तो अपने आपको दुनिया पर ज़ाहिर कर।”
John UrduGeoD 7:5  (असल में ईसा के भाई भी उस पर ईमान नहीं रखते थे।)
John UrduGeoD 7:6  ईसा ने उन्हें बताया, “अभी वह वक़्त नहीं आया जो मेरे लिए मौज़ूँ है। लेकिन तुम जा सकते हो, तुम्हारे लिए हर वक़्त मौज़ूँ है।
John UrduGeoD 7:7  दुनिया तुमसे दुश्मनी नहीं रख सकती। लेकिन मुझसे वह दुश्मनी रखती है, क्योंकि मैं उसके बारे में यह गवाही देता हूँ कि उसके काम बुरे हैं।
John UrduGeoD 7:8  तुम ख़ुद ईद पर जाओ। मैं नहीं जाऊँगा, क्योंकि अभी वह वक़्त नहीं आया जो मेरे लिए मौज़ूँ है।”
John UrduGeoD 7:9  यह कहकर वह गलील में ठहरा रहा।
John UrduGeoD 7:10  लेकिन बाद में, जब उसके भाई ईद पर जा चुके थे तो वह भी गया, अगरचे अलानिया नहीं बल्कि ख़ुफ़िया तौर पर।
John UrduGeoD 7:11  यहूदी ईद के मौक़े पर उसे तलाश कर रहे थे। वह पूछते रहे, “वह आदमी कहाँ है?”
John UrduGeoD 7:12  हुजूम में से कई लोग ईसा के बारे में बुड़बुड़ा रहे थे। बाज़ ने कहा, “वह अच्छा बंदा है।” लेकिन दूसरों ने एतराज़ किया, “नहीं, वह अवाम को बहकाता है।”
John UrduGeoD 7:13  लेकिन किसी ने भी उसके बारे में खुलकर बात न की, क्योंकि वह यहूदियों से डरते थे।
John UrduGeoD 7:14  ईद का आधा हिस्सा गुज़र चुका था जब ईसा बैतुल-मुक़द्दस में जाकर तालीम देने लगा।
John UrduGeoD 7:15  उसे सुनकर यहूदी हैरतज़दा हुए और कहा, “यह आदमी किस तरह इतना इल्म रखता है हालाँकि इसने कहीं से भी तालीम हासिल नहीं की!”
John UrduGeoD 7:16  ईसा ने जवाब दिया, “जो तालीम मैं देता हूँ वह मेरी अपनी नहीं बल्कि उस की है जिसने मुझे भेजा।
John UrduGeoD 7:17  जो उस की मरज़ी पूरी करने के लिए तैयार है वह जान लेगा कि मेरी तालीम अल्लाह की तरफ़ से है या कि मेरी अपनी तरफ़ से।
John UrduGeoD 7:18  जो अपनी तरफ़ से बोलता है वह अपनी ही इज़्ज़त चाहता है। लेकिन जो अपने भेजनेवाले की इज़्ज़तो-जलाल बढ़ाने की कोशिश करता है वह सच्चा है और उसमें नारास्ती नहीं है।
John UrduGeoD 7:19  क्या मूसा ने तुमको शरीअत नहीं दी? तो फिर तुम मुझे क़त्ल करने की कोशिश क्यों कर रहे हो?”
John UrduGeoD 7:20  हुजूम ने जवाब दिया, “तुम किसी बदरूह की गिरिफ़्त में हो। कौन तुम्हें क़त्ल करने की कोशिश कर रहा है?”
John UrduGeoD 7:21  ईसा ने उनसे कहा, “मैंने सबत के दिन एक ही मोजिज़ा किया और तुम सब हैरतज़दा हुए।
John UrduGeoD 7:22  लेकिन तुम भी सबत के दिन काम करते हो। तुम उस दिन अपने बच्चों का ख़तना करवाते हो। और यह रस्म मूसा की शरीअत के मुताबिक़ ही है, अगरचे यह मूसा से नहीं बल्कि हमारे बापदादा इब्राहीम, इसहाक़ और याक़ूब से शुरू हुई।
John UrduGeoD 7:23  क्योंकि शरीअत के मुताबिक़ लाज़िम है कि बच्चे का ख़तना आठवें दिन करवाया जाए, और अगर यह दिन सबत हो तो तुम फिर भी अपने बच्चे का ख़तना करवाते हो ताकि शरीअत की ख़िलाफ़वरज़ी न हो जाए। तो फिर तुम मुझसे क्यों नाराज़ हो कि मैंने सबत के दिन एक आदमी के पूरे जिस्म को शफ़ा दी?
John UrduGeoD 7:24  ज़ाहिरी सूरत की बिना पर फ़ैसला न करो बल्कि बातिनी हालत पहचानकर मुंसिफ़ाना फ़ैसला करो।”
John UrduGeoD 7:25  उस वक़्त यरूशलम के कुछ रहनेवाले कहने लगे, “क्या यह वह आदमी नहीं है जिसे लोग क़त्ल करने की कोशिश कर रहे हैं?
John UrduGeoD 7:26  ताहम वह यहाँ खुलकर बात कर रहा है और कोई भी उसे रोकने की कोशिश नहीं कर रहा। क्या हमारे राहनुमाओं ने हक़ीक़त में जान लिया है कि यह मसीह है?
John UrduGeoD 7:27  लेकिन जब मसीह आएगा तो किसी को भी मालूम नहीं होगा कि वह कहाँ से है। यह आदमी फ़रक़ है। हम तो जानते हैं कि यह कहाँ से है।”
John UrduGeoD 7:28  ईसा बैतुल-मुक़द्दस में तालीम दे रहा था। अब वह पुकार उठा, “तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहाँ से हूँ। लेकिन मैं अपनी तरफ़ से नहीं आया। जिसने मुझे भेजा है वह सच्चा है और उसे तुम नहीं जानते।
John UrduGeoD 7:29  लेकिन मैं उसे जानता हूँ, क्योंकि मैं उस की तरफ़ से हूँ और उसने मुझे भेजा है।”
John UrduGeoD 7:30  तब उन्होंने उसे गिरिफ़्तार करने की कोशिश की। लेकिन कोई भी उसको हाथ न लगा सका, क्योंकि अभी उसका वक़्त नहीं आया था।
John UrduGeoD 7:31  तो भी हुजूम के कई लोग उस पर ईमान लाए, क्योंकि उन्होंने कहा, “जब मसीह आएगा तो क्या वह इस आदमी से ज़्यादा इलाही निशान दिखाएगा?”
John UrduGeoD 7:32  फ़रीसियों ने देखा कि हुजूम में इस क़िस्म की बातें धीमी धीमी आवाज़ के साथ फैल रही हैं। चुनाँचे उन्होंने राहनुमा इमामों के साथ मिलकर बैतुल-मुक़द्दस के पहरेदार ईसा को गिरिफ़्तार करने के लिए भेजे।
John UrduGeoD 7:33  लेकिन ईसा ने कहा, “मैं सिर्फ़ थोड़ी देर और तुम्हारे साथ रहूँगा, फिर मैं उसके पास वापस चला जाऊँगा जिसने मुझे भेजा है।
John UrduGeoD 7:34  उस वक़्त तुम मुझे ढूँडोगे, मगर नहीं पाओगे, क्योंकि जहाँ मैं हूँ वहाँ तुम नहीं आ सकते।”
John UrduGeoD 7:35  यहूदी आपस में कहने लगे, “यह कहाँ जाना चाहता है जहाँ हम उसे नहीं पा सकेंगे? क्या वह बैरूने-मुल्क जाना चाहता है, वहाँ जहाँ हमारे लोग यूनानियों में बिखरी हालत में रहते हैं? क्या वह यूनानियों को तालीम देना चाहता है?
John UrduGeoD 7:36  मतलब क्या है जब वह कहता है, ‘तुम मुझे ढूँडोगे मगर नहीं पाओगे’ और ‘जहाँ मैं हूँ वहाँ तुम नहीं आ सकते’।”
John UrduGeoD 7:37  ईद के आख़िरी दिन जो सबसे अहम है ईसा खड़ा हुआ और ऊँची आवाज़ से पुकार उठा, “जो प्यासा हो वह मेरे पास आए,
John UrduGeoD 7:38  और जो मुझ पर ईमान लाए वह पिए। कलामे-मुक़द्दस के मुताबिक़ ‘उसके अंदर से ज़िंदगी के पानी की नहरें बह निकलेंगी’।”
John UrduGeoD 7:39  (‘ज़िंदगी के पानी’ से वह रूहुल-क़ुद्स की तरफ़ इशारा कर रहा था जो उनको हासिल होता है जो ईसा पर ईमान लाते हैं। लेकिन वह उस वक़्त तक नाज़िल नहीं हुआ था, क्योंकि ईसा अब तक अपने जलाल को न पहुँचा था।)
John UrduGeoD 7:40  ईसा की यह बातें सुनकर हुजूम के कुछ लोगों ने कहा, “यह आदमी वाक़ई वह नबी है जिसके इंतज़ार में हम हैं।”
John UrduGeoD 7:41  दूसरों ने कहा, “यह मसीह है।” लेकिन बाज़ ने एतराज़ किया, “मसीह गलील से किस तरह आ सकता है!
John UrduGeoD 7:42  पाक कलाम तो बयान करता है कि मसीह दाऊद के ख़ानदान और बैत-लहम से आएगा, उस गाँव से जहाँ दाऊद बादशाह पैदा हुआ।”
John UrduGeoD 7:43  यों ईसा की वजह से लोगों में फूट पड़ गई।
John UrduGeoD 7:44  कुछ तो उसे गिरिफ़्तार करना चाहते थे, लेकिन कोई भी उसको हाथ न लगा सका।
John UrduGeoD 7:45  इतने में बैतुल-मुक़द्दस के पहरेदार राहनुमा इमामों और फ़रीसियों के पास वापस आए। वह ईसा को लेकर नहीं आए थे, इसलिए राहनुमाओं ने पूछा, “तुम उसे क्यों नहीं लाए?”
John UrduGeoD 7:46  पहरेदारों ने जवाब दिया, “किसी ने कभी इस आदमी की तरह बात नहीं की।”
John UrduGeoD 7:47  फ़रीसियों ने तंज़न कहा, “क्या तुमको भी बहका दिया गया है?
John UrduGeoD 7:48  क्या राहनुमाओं या फ़रीसियों में कोई है जो उस पर ईमान लाया हो? कोई भी नहीं!
John UrduGeoD 7:49  लेकिन शरीअत से नावाक़िफ़ यह हुजूम लानती है!”
John UrduGeoD 7:50  इन राहनुमाओं में नीकुदेमुस भी शामिल था जो कुछ देर पहले ईसा के पास गया था। अब वह बोल उठा,
John UrduGeoD 7:51  “क्या हमारी शरीअत किसी पर यों फ़ैसला देने की इजाज़त देती है? नहीं, लाज़िम है कि उसे पहले अदालत में पेश किया जाए ताकि मालूम हो जाए कि उससे क्या कुछ सरज़द हुआ है।”
John UrduGeoD 7:52  दूसरों ने एतराज़ किया, “क्या तुम भी गलील के रहनेवाले हो? कलामे-मुक़द्दस में तफ़तीश करके ख़ुद देख लो कि गलील से कोई नबी नहीं आएगा।”
John UrduGeoD 7:53  यह कहकर हर एक अपने अपने घर चला गया।
Chapter 8
John UrduGeoD 8:1  ईसा ख़ुद ज़ैतून के पहाड़ पर चला गया।
John UrduGeoD 8:2  अगले दिन पौ फटते वक़्त वह दुबारा बैतुल-मुक़द्दस में आया। वहाँ सब लोग उसके गिर्द जमा हुए और वह बैठकर उन्हें तालीम देने लगा।
John UrduGeoD 8:3  इस दौरान शरीअत के उलमा और फ़रीसी एक औरत को लेकर आए जिसे ज़िना करते वक़्त पकड़ा गया था। उसे बीच में खड़ा करके
John UrduGeoD 8:4  उन्होंने ईसा से कहा, “उस्ताद, इस औरत को ज़िना करते वक़्त पकड़ा गया है।
John UrduGeoD 8:5  मूसा ने शरीअत में हमें हुक्म दिया है कि ऐसे लोगों को संगसार करना है। आप क्या कहते हैं?”
John UrduGeoD 8:6  इस सवाल से वह उसे फँसाना चाहते थे ताकि उस पर इलज़ाम लगाने का कोई बहाना उनके हाथ आ जाए। लेकिन ईसा झुक गया और अपनी उँगली से ज़मीन पर लिखने लगा।
John UrduGeoD 8:7  जब वह उससे जवाब का तक़ाज़ा करते रहे तो वह खड़ा होकर उनसे मुख़ातिब हुआ, “तुममें से जिसने कभी गुनाह नहीं किया, वह पहला पत्थर मारे।”
John UrduGeoD 8:8  फिर वह दुबारा झुककर ज़मीन पर लिखने लगा।
John UrduGeoD 8:9  यह जवाब सुनकर इलज़ाम लगानेवाले यके बाद दीगरे वहाँ से खिसक गए, पहले बुज़ुर्ग, फिर बाक़ी सब। आख़िरकार ईसा और दरमियान में खड़ी वह औरत अकेले रह गए।
John UrduGeoD 8:10  फिर उसने खड़े होकर कहा, “ऐ औरत, वह सब कहाँ गए? क्या किसी ने तुझ पर फ़तवा नहीं लगाया?”
John UrduGeoD 8:11  औरत ने जवाब दिया, “नहीं ख़ुदावंद।” ईसा ने कहा, “मैं भी तुझ पर फ़तवा नहीं लगाता। जा, आइंदा गुनाह न करना।”
John UrduGeoD 8:12  फिर ईसा दुबारा लोगों से मुख़ातिब हुआ, “दुनिया का नूर मैं हूँ। जो मेरी पैरवी करे वह तारीकी में नहीं चलेगा, क्योंकि उसे ज़िंदगी का नूर हासिल होगा।”
John UrduGeoD 8:13  फ़रीसियों ने एतराज़ किया, “आप तो अपने बारे में गवाही दे रहे हैं। ऐसी गवाही मोतबर नहीं होती।”
John UrduGeoD 8:14  ईसा ने जवाब दिया, “अगरचे मैं अपने बारे में ही गवाही दे रहा हूँ तो भी वह मोतबर है। क्योंकि मैं जानता हूँ कि मैं कहाँ से आया हूँ और कहाँ को जा रहा हूँ। लेकिन तुमको तो मालूम नहीं कि मैं कहाँ से आया हूँ और कहाँ जा रहा हूँ।
John UrduGeoD 8:15  तुम इनसानी सोच के मुताबिक़ लोगों का फ़ैसला करते हो, लेकिन मैं किसी का भी फ़ैसला नहीं करता।
John UrduGeoD 8:16  और अगर फ़ैसला करूँ भी तो मेरा फ़ैसला दुरुस्त है, क्योंकि मैं अकेला नहीं हूँ। बाप जिसने मुझे भेजा है मेरे साथ है।
John UrduGeoD 8:17  तुम्हारी शरीअत में लिखा है कि दो आदमियों की गवाही मोतबर है।
John UrduGeoD 8:18  मैं ख़ुद अपने बारे में गवाही देता हूँ जबकि दूसरा गवाह बाप है जिसने मुझे भेजा।”
John UrduGeoD 8:19  उन्होंने पूछा, “आपका बाप कहाँ है?” ईसा ने जवाब दिया, “तुम न मुझे जानते हो, न मेरे बाप को। अगर तुम मुझे जानते तो फिर मेरे बाप को भी जानते।”
John UrduGeoD 8:20  ईसा ने यह बातें उस वक़्त कीं जब वह उस जगह के क़रीब तालीम दे रहा था जहाँ लोग अपना हदिया डालते थे। लेकिन किसी ने उसे गिरिफ़्तार न किया क्योंकि अभी उसका वक़्त नहीं आया था।
John UrduGeoD 8:21  एक और बार ईसा उनसे मुख़ातिब हुआ, “मैं जा रहा हूँ और तुम मुझे ढूँड ढूँडकर अपने गुनाहों में मर जाओगे। जहाँ मैं जा रहा हूँ वहाँ तुम नहीं पहुँच सकते।”
John UrduGeoD 8:22  यहूदियों ने पूछा, “क्या वह ख़ुदकुशी करना चाहता है? क्या वह इसी वजह से कहता है, ‘जहाँ मैं जा रहा हूँ वहाँ तुम नहीं पहुँच सकते’?”
John UrduGeoD 8:23  ईसा ने अपनी बात जारी रखी, “तुम नीचे से हो जबकि मैं ऊपर से हूँ। तुम इस दुनिया के हो जबकि मैं इस दुनिया का नहीं हूँ।
John UrduGeoD 8:24  मैं तुमको बता चुका हूँ कि तुम अपने गुनाहों में मर जाओगे। क्योंकि अगर तुम ईमान नहीं लाते कि मैं वही हूँ तो तुम यक़ीनन अपने गुनाहों में मर जाओगे।”
John UrduGeoD 8:25  उन्होंने सवाल किया, “आप कौन हैं?” ईसा ने जवाब दिया, “मैं वही हूँ जो मैं शुरू से ही बताता आया हूँ।
John UrduGeoD 8:26  मैं तुम्हारे बारे में बहुत कुछ कह सकता हूँ। बहुत-सी ऐसी बातें हैं जिनकी बिना पर मैं तुमको मुजरिम ठहरा सकता हूँ। लेकिन जिसने मुझे भेजा है वही सच्चा और मोतबर है और मैं दुनिया को सिर्फ़ वह कुछ सुनाता हूँ जो मैंने उससे सुना है।”
John UrduGeoD 8:27  सुननेवाले न समझे कि ईसा बाप का ज़िक्र कर रहा है।
John UrduGeoD 8:28  चुनाँचे उसने कहा, “जब तुम इब्ने-आदम को ऊँचे पर चढ़ाओगे तब ही तुम जान लोगे कि मैं वही हूँ, कि मैं अपनी तरफ़ से कुछ नहीं करता बल्कि सिर्फ़ वही सुनाता हूँ जो बाप ने मुझे सिखाया है।
John UrduGeoD 8:29  और जिसने मुझे भेजा है वह मेरे साथ है। उसने मुझे अकेला नहीं छोड़ा, क्योंकि मैं हर वक़्त वही कुछ करता हूँ जो उसे पसंद आता है।”
John UrduGeoD 8:30  यह बातें सुनकर बहुत-से लोग उस पर ईमान लाए।
John UrduGeoD 8:31  जो यहूदी उसका यक़ीन करते थे ईसा अब उनसे हमकलाम हुआ, “अगर तुम मेरी तालीम के ताबे रहोगे तब ही तुम मेरे सच्चे शागिर्द होगे।
John UrduGeoD 8:32  फिर तुम सच्चाई को जान लोगे और सच्चाई तुमको आज़ाद कर देगी।”
John UrduGeoD 8:33  उन्होंने एतराज़ किया, “हम तो इब्राहीम की औलाद हैं, हम कभी भी किसी के ग़ुलाम नहीं रहे। फिर आप किस तरह कह सकते हैं कि हम आज़ाद हो जाएंगे?”
John UrduGeoD 8:34  ईसा ने जवाब दिया, “मैं तुमको सच बताता हूँ कि जो भी गुनाह करता है वह गुनाह का ग़ुलाम है।
John UrduGeoD 8:35  ग़ुलाम तो आरिज़ी तौर पर घर में रहता है, लेकिन मालिक का बेटा हमेशा तक।
John UrduGeoD 8:36  इसलिए अगर फ़रज़ंद तुमको आज़ाद करे तो तुम हक़ीक़तन आज़ाद होगे।
John UrduGeoD 8:37  मुझे मालूम है कि तुम इब्राहीम की औलाद हो। लेकिन तुम मुझे क़त्ल करने के दरपै हो, क्योंकि तुम्हारे अंदर मेरे पैग़ाम के लिए गुंजाइश नहीं है।
John UrduGeoD 8:38  मैं तुमको वही कुछ बताता हूँ जो मैंने बाप के हाँ देखा है, जबकि तुम वही कुछ सुनाते हो जो तुमने अपने बाप से सुना है।”
John UrduGeoD 8:39  उन्होंने कहा, “हमारा बाप इब्राहीम है।” ईसा ने जवाब दिया, “अगर तुम इब्राहीम की औलाद होते तो तुम उसके नमूने पर चलते।
John UrduGeoD 8:40  इसके बजाए तुम मुझे क़त्ल करने की तलाश में हो, इसलिए कि मैंने तुमको वही सच्चाई सुनाई है जो मैंने अल्लाह के हुज़ूर सुनी है। इब्राहीम ने कभी भी इस क़िस्म का काम न किया।
John UrduGeoD 8:41  नहीं, तुम अपने बाप का काम कर रहे हो।” उन्होंने एतराज़ किया, “हम हरामज़ादे नहीं हैं। अल्लाह ही हमारा वाहिद बाप है।”
John UrduGeoD 8:42  ईसा ने उनसे कहा, “अगर अल्लाह तुम्हारा बाप होता तो तुम मुझसे मुहब्बत रखते, क्योंकि मैं अल्लाह में से निकल आया हूँ। मैं अपनी तरफ़ से नहीं आया बल्कि उसी ने मुझे भेजा है।
John UrduGeoD 8:43  तुम मेरी ज़बान क्यों नहीं समझते? इसलिए कि तुम मेरी बात सुन नहीं सकते।
John UrduGeoD 8:44  तुम अपने बाप इबलीस से हो और अपने बाप की ख़ाहिशों पर अमल करने के ख़ाहाँ रहते हो। वह शुरू ही से क़ातिल है और सच्चाई पर क़ायम न रहा, क्योंकि उसमें सच्चाई है नहीं। जब वह झूट बोलता है तो यह फ़ितरी बात है, क्योंकि वह झूट बोलनेवाला और झूट का बाप है।
John UrduGeoD 8:45  लेकिन मैं सच्ची बातें सुनाता हूँ और यही वजह है कि तुमको मुझ पर यक़ीन नहीं आता।
John UrduGeoD 8:46  क्या तुममें से कोई साबित कर सकता है कि मुझसे कोई गुनाह सरज़द हुआ है? मैं तो तुमको हक़ीक़त बता रहा हूँ। फिर तुमको मुझ पर यक़ीन क्यों नहीं आता?
John UrduGeoD 8:47  जो अल्लाह से है वह अल्लाह की बातें सुनता है। तुम यह इसलिए नहीं सुनते कि तुम अल्लाह से नहीं हो।”
John UrduGeoD 8:48  यहूदियों ने जवाब दिया, “क्या हमने ठीक नहीं कहा कि तुम सामरी हो और किसी बदरूह के क़ब्ज़े में हो?”
John UrduGeoD 8:49  ईसा ने कहा, “मैं बदरूह के क़ब्ज़े में नहीं हूँ बल्कि अपने बाप की इज़्ज़त करता हूँ जबकि तुम मेरी बेइज़्ज़ती करते हो।
John UrduGeoD 8:50  मैं ख़ुद अपनी इज़्ज़त का ख़ाहाँ नहीं हूँ। लेकिन एक है जो मेरी इज़्ज़त और जलाल का ख़याल रखता और इनसाफ़ करता है।
John UrduGeoD 8:51  मैं तुमको सच बताता हूँ कि जो भी मेरे कलाम पर अमल करता रहे वह मौत को कभी नहीं देखेगा।”
John UrduGeoD 8:52  यह सुनकर लोगों ने कहा, “अब हमें पता चल गया है कि तुम किसी बदरूह के क़ब्ज़े में हो। इब्राहीम और नबी सब इंतक़ाल कर गए जबकि तुम दावा करते हो, ‘जो भी मेरे कलाम पर अमल करता रहे वह मौत का मज़ा कभी नहीं चखेगा।’
John UrduGeoD 8:53  क्या तुम हमारे बाप इब्राहीम से बड़े हो? वह मर गया, और नबी भी मर गए। तुम अपने आपको क्या समझते हो?”
John UrduGeoD 8:54  ईसा ने जवाब दिया, “अगर मैं अपनी इज़्ज़त और जलाल बढ़ाता तो मेरा जलाल बातिल होता। लेकिन मेरा बाप ही मेरी इज़्ज़तो-जलाल बढ़ाता है, वही जिसके बारे में तुम दावा करते हो कि ‘वह हमारा ख़ुदा है।’
John UrduGeoD 8:55  लेकिन हक़ीक़त में तुमने उसे नहीं जाना जबकि मैं उसे जानता हूँ। अगर मैं कहता कि मैं उसे नहीं जानता तो मैं तुम्हारी तरह झूटा होता। लेकिन मैं उसे जानता और उसके कलाम पर अमल करता हूँ।
John UrduGeoD 8:56  तुम्हारे बाप इब्राहीम ने ख़ुशी मनाई जब उसे मालूम हुआ कि वह मेरी आमद का दिन देखेगा, और वह उसे देखकर मसरूर हुआ।”
John UrduGeoD 8:57  यहूदियों ने एतराज़ किया, “तुम्हारी उम्र तो अभी पचास साल भी नहीं, तो फिर तुम किस तरह कह सकते हो कि तुमने इब्राहीम को देखा है?”
John UrduGeoD 8:58  ईसा ने उनसे कहा, “मैं तुमको सच बताता हूँ, इब्राहीम की पैदाइश से पेशतर ‘मैं हूँ’।”
John UrduGeoD 8:59  इस पर लोग उसे संगसार करने के लिए पत्थर उठाने लगे। लेकिन ईसा ग़ायब होकर बैतुल-मुक़द्दस से निकल गया।
Chapter 9
John UrduGeoD 9:1  चलते चलते ईसा ने एक आदमी को देखा जो पैदाइश का अंधा था।
John UrduGeoD 9:2  उसके शागिर्दों ने उससे पूछा, “उस्ताद, यह आदमी अंधा क्यों पैदा हुआ? क्या इसका कोई गुनाह है या इसके वालिदैन का?”
John UrduGeoD 9:3  ईसा ने जवाब दिया, “न इसका कोई गुनाह है और न इसके वालिदैन का। यह इसलिए हुआ कि इसकी ज़िंदगी में अल्लाह का काम ज़ाहिर हो जाए।
John UrduGeoD 9:4  अभी दिन है। लाज़िम है कि हम जितनी देर तक दिन है उसका काम करते रहें जिसने मुझे भेजा है। क्योंकि रात आनेवाली है, उस वक़्त कोई काम नहीं कर सकेगा।
John UrduGeoD 9:5  लेकिन जितनी देर तक मैं दुनिया में हूँ उतनी देर तक मैं दुनिया का नूर हूँ।”
John UrduGeoD 9:6  यह कहकर उसने ज़मीन पर थूककर मिट्टी सानी और उस की आँखों पर लगा दी।
John UrduGeoD 9:7  उसने उससे कहा, “जा, शिलोख़ के हौज़ में नहा ले।” (शिलोख़ का मतलब ‘भेजा हुआ’ है।) अंधे ने जाकर नहा लिया। जब वापस आया तो वह देख सकता था।
John UrduGeoD 9:8  उसके हमसाय और वह जिन्होंने पहले उसे भीक माँगते देखा था पूछने लगे, “क्या यह वही नहीं जो बैठा भीक माँगा करता था?”
John UrduGeoD 9:9  बाज़ ने कहा, “हाँ, वही है।” औरों ने इनकार किया, “नहीं, यह सिर्फ़ उसका हमशक्ल है।” लेकिन आदमी ने ख़ुद इसरार किया, “मैं वही हूँ।”
John UrduGeoD 9:10  उन्होंने उससे सवाल किया, “तेरी आँखें किस तरह बहाल हुईं?”
John UrduGeoD 9:11  उसने जवाब दिया, “वह आदमी जो ईसा कहलाता है उसने मिट्टी सानकर मेरी आँखों पर लगा दी। फिर उसने मुझे कहा, ‘शिलोख़ के हौज़ पर जा और नहा ले।’ मैं वहाँ गया और नहाते ही मेरी आँखें बहाल हो गईं।”
John UrduGeoD 9:12  उन्होंने पूछा, “वह कहाँ है?” उसने जवाब दिया, “मुझे नहीं मालूम।”
John UrduGeoD 9:13  तब वह शफ़ायाब अंधे को फ़रीसियों के पास ले गए।
John UrduGeoD 9:14  जिस दिन ईसा ने मिट्टी सानकर उस की आँखों को बहाल किया था वह सबत का दिन था।
John UrduGeoD 9:15  इसलिए फ़रीसियों ने भी उससे पूछ-गछ की कि उसे किस तरह बसारत मिल गई। आदमी ने जवाब दिया, “उसने मेरी आँखों पर मिट्टी लगा दी, फिर मैंने नहा लिया और अब देख सकता हूँ।”
John UrduGeoD 9:16  फ़रीसियों में से बाज़ ने कहा, “यह शख़्स अल्लाह की तरफ़ से नहीं है, क्योंकि सबत के दिन काम करता है।” दूसरों ने एतराज़ किया, “गुनाहगार इस क़िस्म के इलाही निशान किस तरह दिखा सकता है?” यों उनमें फूट पड़ गई।
John UrduGeoD 9:17  फिर वह दुबारा उस आदमी से मुख़ातिब हुए जो पहले अंधा था, “तू ख़ुद इसके बारे में क्या कहता है? उसने तो तेरी ही आँखों को बहाल किया है।” उसने जवाब दिया, “वह नबी है।”
John UrduGeoD 9:18  यहूदियों को यक़ीन नहीं आ रहा था कि वह वाक़ई अंधा था और फिर बहाल हो गया है। इसलिए उन्होंने उसके वालिदैन को बुलाया।
John UrduGeoD 9:19  उन्होंने उनसे पूछा, “क्या यह तुम्हारा बेटा है, वही जिसके बारे में तुम कहते हो कि वह अंधा पैदा हुआ था? अब यह किस तरह देख सकता है?”
John UrduGeoD 9:20  उसके वालिदैन ने जवाब दिया, “हम जानते हैं कि यह हमारा बेटा है और कि यह पैदा होते वक़्त अंधा था।
John UrduGeoD 9:21  लेकिन हमें मालूम नहीं कि अब यह किस तरह देख सकता है या कि किसने इसकी आँखों को बहाल किया है। इससे ख़ुद पता करें, यह बालिग़ है। यह ख़ुद अपने बारे में बता सकता है।”
John UrduGeoD 9:22  उसके वालिदैन ने यह इसलिए कहा कि वह यहूदियों से डरते थे। क्योंकि वह फ़ैसला कर चुके थे कि जो भी ईसा को मसीह क़रार दे उसे यहूदी जमात से निकाल दिया जाए।
John UrduGeoD 9:23  यही वजह थी कि उसके वालिदैन ने कहा था, “यह बालिग़ है, इससे ख़ुद पूछ लें।”
John UrduGeoD 9:24  एक बार फिर उन्होंने शफ़ायाब अंधे को बुलाया, “अल्लाह को जलाल दे, हम तो जानते हैं कि यह आदमी गुनाहगार है।”
John UrduGeoD 9:25  आदमी ने जवाब दिया, “मुझे क्या पता है कि वह गुनाहगार है या नहीं, लेकिन एक बात मैं जानता हूँ, पहले मैं अंधा था, और अब मैं देख सकता हूँ!”
John UrduGeoD 9:26  फिर उन्होंने उससे सवाल किया, “उसने तेरे साथ क्या किया? उसने किस तरह तेरी आँखों को बहाल कर दिया?”
John UrduGeoD 9:27  उसने जवाब दिया, “मैं पहले भी आपको बता चुका हूँ और आपने सुना नहीं। क्या आप भी उसके शागिर्द बनना चाहते हैं?”
John UrduGeoD 9:28  इस पर उन्होंने उसे बुरा-भला कहा, “तू ही उसका शागिर्द है, हम तो मूसा के शागिर्द हैं।
John UrduGeoD 9:29  हम तो जानते हैं कि अल्लाह ने मूसा से बात की है, लेकिन इसके बारे में हम यह भी नहीं जानते कि वह कहाँ से आया है।”
John UrduGeoD 9:30  आदमी ने जवाब दिया, “अजीब बात है, उसने मेरी आँखों को शफ़ा दी है और फिर भी आप नहीं जानते कि वह कहाँ से है।
John UrduGeoD 9:31  हम जानते हैं कि अल्लाह गुनाहगारों की नहीं सुनता। वह तो उस की सुनता है जो उसका ख़ौफ़ मानता और उस की मरज़ी के मुताबिक़ चलता है।
John UrduGeoD 9:32  इब्तिदा ही से यह बात सुनने में नहीं आई कि किसी ने पैदाइशी अंधे की आँखों को बहाल कर दिया हो।
John UrduGeoD 9:33  अगर यह आदमी अल्लाह की तरफ़ से न होता तो कुछ न कर सकता।”
John UrduGeoD 9:34  जवाब में उन्होंने उसे बताया, “तू जो गुनाहआलूदा हालत में पैदा हुआ है क्या तू हमारा उस्ताद बनना चाहता है?” यह कहकर उन्होंने उसे जमात में से निकाल दिया।
John UrduGeoD 9:35  जब ईसा को पता चला कि उसे निकाल दिया गया है तो वह उसको मिला और पूछा, “क्या तू इब्ने-आदम पर ईमान रखता है?”
John UrduGeoD 9:36  उसने कहा, “ख़ुदावंद, वह कौन है? मुझे बताएँ ताकि मैं उस पर ईमान लाऊँ।”
John UrduGeoD 9:37  ईसा ने जवाब दिया, “तूने उसे देख लिया है बल्कि वह तुझसे बात कर रहा है।”
John UrduGeoD 9:38  उसने कहा, “ख़ुदावंद, मैं ईमान रखता हूँ” और उसे सिजदा किया।
John UrduGeoD 9:39  ईसा ने कहा, “मैं अदालत करने के लिए इस दुनिया में आया हूँ, इसलिए कि अंधे देखें और देखनेवाले अंधे हो जाएँ।”
John UrduGeoD 9:40  कुछ फ़रीसी जो साथ खड़े थे यह कुछ सुनकर पूछने लगे, “अच्छा, हम भी अंधे हैं?”
John UrduGeoD 9:41  ईसा ने उनसे कहा, “अगर तुम अंधे होते तो तुम क़ुसूरवार न ठहरते। लेकिन अब चूँकि तुम दावा करते हो कि हम देख सकते हैं इसलिए तुम्हारा गुनाह क़ायम रहता है।
Chapter 10
John UrduGeoD 10:1  मैं तुमको सच बताता हूँ कि जो दरवाज़े से भेड़ों के बाड़े में दाख़िल नहीं होता बल्कि फलाँगकर अंदर घुस आता है वह चोर और डाकू है।
John UrduGeoD 10:2  लेकिन जो दरवाज़े से दाख़िल होता है वह भेड़ों का चरवाहा है।
John UrduGeoD 10:3  चौकीदार उसके लिए दरवाज़ा खोल देता है और भेड़ें उस की आवाज़ सुनती हैं। वह अपनी हर एक भेड़ का नाम लेकर उन्हें बुलाता और बाहर ले जाता है।
John UrduGeoD 10:4  अपने पूरे गल्ले को बाहर निकालने के बाद वह उनके आगे आगे चलने लगता है और भेड़ें उसके पीछे पीछे चल पड़ती हैं, क्योंकि वह उस की आवाज़ पहचानती हैं।
John UrduGeoD 10:5  लेकिन वह किसी अजनबी के पीछे नहीं चलेंगी बल्कि उससे भाग जाएँगी, क्योंकि वह उस की आवाज़ नहीं पहचानतीं।”
John UrduGeoD 10:6  ईसा ने उन्हें यह तमसील पेश की, लेकिन वह न समझे कि वह उन्हें क्या बताना चाहता है।
John UrduGeoD 10:7  इसलिए ईसा दुबारा इस पर बात करने लगा, “मैं तुमको सच बताता हूँ कि भेड़ों के लिए दरवाज़ा मैं हूँ।
John UrduGeoD 10:8  जितने भी मुझसे पहले आए वह चोर और डाकू हैं। लेकिन भेड़ों ने उनकी न सुनी।
John UrduGeoD 10:9  मैं ही दरवाज़ा हूँ। जो भी मेरे ज़रीए अंदर आए उसे नजात मिलेगी। वह आता जाता और हरी चरागाहें पाता रहेगा।
John UrduGeoD 10:10  चोर तो सिर्फ़ चोरी करने, ज़बह करने और तबाह करने आता है। लेकिन मैं इसलिए आया हूँ कि वह ज़िंदगी पाएँ, बल्कि कसरत की ज़िंदगी पाएँ।
John UrduGeoD 10:11  अच्छा चरवाहा मैं हूँ। अच्छा चरवाहा अपनी भेड़ों के लिए अपनी जान देता है।
John UrduGeoD 10:12  मज़दूर चरवाहे का किरदार अदा नहीं करता, क्योंकि भेड़ें उस की अपनी नहीं होतीं। इसलिए ज्योंही कोई भेड़िया आता है तो मज़दूर उसे देखते ही भेड़ों को छोड़कर भाग जाता है। नतीजे में भेड़िया कुछ भेड़ें पकड़ लेता और बाक़ियों को मुंतशिर कर देता है।
John UrduGeoD 10:13  वजह यह है कि वह मज़दूर ही है और भेड़ों की फ़िकर नहीं करता।
John UrduGeoD 10:14  अच्छा चरवाहा मैं हूँ। मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ और वह मुझे जानती हैं,
John UrduGeoD 10:15  बिलकुल उसी तरह जिस तरह बाप मुझे जानता है और मैं बाप को जानता हूँ। और मैं भेड़ों के लिए अपनी जान देता हूँ।
John UrduGeoD 10:16  मेरी और भी भेड़ें हैं जो इस बाड़े में नहीं हैं। लाज़िम है कि उन्हें भी ले आऊँ। वह भी मेरी आवाज़ सुनेंगी। फिर एक ही गल्ला और एक ही गल्लाबान होगा।
John UrduGeoD 10:17  मेरा बाप मुझे इसलिए प्यार करता है कि मैं अपनी जान देता हूँ ताकि उसे फिर ले लूँ।
John UrduGeoD 10:18  कोई मेरी जान मुझसे छीन नहीं सकता बल्कि मैं उसे अपनी मरज़ी से दे देता हूँ। मुझे उसे देने का इख़्तियार है और उसे वापस लेने का भी। यह हुक्म मुझे अपने बाप की तरफ़ से मिला है।”
John UrduGeoD 10:19  इन बातों पर यहूदियों में दुबारा फूट पड़ गई।
John UrduGeoD 10:20  बहुतों ने कहा, “यह बदरूह की गिरिफ़्त में है, यह दीवाना है। इसकी क्यों सुनें!”
John UrduGeoD 10:21  लेकिन औरों ने कहा, “यह ऐसी बातें नहीं हैं जो बदरूह-गिरिफ़्ता शख़्स कर सके। क्या बदरूहें अंधों की आँखें बहाल कर सकती हैं?”
John UrduGeoD 10:22  सर्दियों का मौसम था और ईसा बैतुल-मुक़द्दस की मख़सूसियत की ईद बनाम हनूका के दौरान यरूशलम में था।
John UrduGeoD 10:23  वह बैतुल-मुक़द्दस के उस बरामदे में फिर रहा था जिसका नाम सुलेमान का बरामदा था।
John UrduGeoD 10:24  यहूदी उसे घेरकर कहने लगे, “आप हमें कब तक उलझन में रखेंगे? अगर आप मसीह हैं तो हमें साफ़ साफ़ बता दें।”
John UrduGeoD 10:25  ईसा ने जवाब दिया, “मैं तुमको बता चुका हूँ, लेकिन तुमको यक़ीन नहीं आया। जो काम मैं अपने बाप के नाम से करता हूँ वह मेरे गवाह हैं।
John UrduGeoD 10:26  लेकिन तुम ईमान नहीं रखते क्योंकि तुम मेरी भेड़ें नहीं हो।
John UrduGeoD 10:27  मेरी भेड़ें मेरी आवाज़ सुनती हैं। मैं उन्हें जानता हूँ और वह मेरे पीछे चलती हैं।
John UrduGeoD 10:28  मैं उन्हें अबदी ज़िंदगी देता हूँ, इसलिए वह कभी हलाक नहीं होंगी। कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा,
John UrduGeoD 10:29  क्योंकि मेरे बाप ने उन्हें मेरे सुपुर्द किया है और वही सबसे बड़ा है। कोई उन्हें बाप के हाथ से छीन नहीं सकता।
John UrduGeoD 10:30  मैं और बाप एक हैं।”
John UrduGeoD 10:31  यह सुनकर यहूदी दुबारा पत्थर उठाने लगे ताकि ईसा को संगसार करें।
John UrduGeoD 10:32  उसने उनसे कहा, “मैंने तुम्हें बाप की तरफ़ से कई इलाही निशान दिखाए हैं। तुम मुझे इनमें से किस निशान की वजह से संगसार कर रहे हो?”
John UrduGeoD 10:33  यहूदियों ने जवाब दिया, “हम तुमको किसी अच्छे काम की वजह से संगसार नहीं कर रहे बल्कि कुफ़र बकने की वजह से। तुम जो सिर्फ़ इनसान हो अल्लाह होने का दावा करते हो।”
John UrduGeoD 10:34  ईसा ने कहा, “क्या यह तुम्हारी शरीअत में नहीं लिखा है कि अल्लाह ने फ़रमाया, ‘तुम ख़ुदा हो’?
John UrduGeoD 10:35  उन्हें ‘ख़ुदा’ कहा गया जिन तक अल्लाह का यह पैग़ाम पहुँचाया गया। और हम जानते हैं कि कलामे-मुक़द्दस को मनसूख़ नहीं किया जा सकता।
John UrduGeoD 10:36  तो फिर तुम कुफ़र बकने की बात क्यों करते हो जब मैं कहता हूँ कि मैं अल्लाह का फ़रज़ंद हूँ? आख़िर बाप ने ख़ुद मुझे मख़सूस करके दुनिया में भेजा है।
John UrduGeoD 10:37  अगर मैं अपने बाप के काम न करूँ तो मेरी बात न मानो।
John UrduGeoD 10:38  लेकिन अगर उसके काम करूँ तो बेशक मेरी बात न मानो, लेकिन कम अज़ कम उन कामों की गवाही तो मानो। फिर तुम जान लोगे और समझ जाओगे कि बाप मुझमें है और मैं बाप में हूँ।”
John UrduGeoD 10:39  एक बार फिर उन्होंने उसे गिरिफ़्तार करने की कोशिश की, लेकिन वह उनके हाथ से निकल गया।
John UrduGeoD 10:40  फिर ईसा दुबारा दरियाए-यरदन के पार उस जगह चला गया जहाँ यहया शुरू में बपतिस्मा दिया करता था। वहाँ वह कुछ देर ठहरा।
John UrduGeoD 10:41  बहुत-से लोग उसके पास आते रहे। उन्होंने कहा, “यहया ने कभी कोई इलाही निशान न दिखाया, लेकिन जो कुछ उसने इसके बारे में बयान किया, वह बिलकुल सहीह निकला।”
John UrduGeoD 10:42  और वहाँ बहुत-से लोग ईसा पर ईमान लाए।
Chapter 11
John UrduGeoD 11:1  उन दिनों में एक आदमी बीमार पड़ गया जिसका नाम लाज़र था। वह अपनी बहनों मरियम और मर्था के साथ बैत-अनियाह में रहता था।
John UrduGeoD 11:2  यह वही मरियम थी जिसने बाद में ख़ुदावंद पर ख़ुशबू उंडेलकर उसके पाँव अपने बालों से ख़ुश्क किए थे। उसी का भाई लाज़र बीमार था।
John UrduGeoD 11:3  चुनाँचे बहनों ने ईसा को इत्तला दी, “ख़ुदावंद, जिसे आप प्यार करते हैं वह बीमार है।”
John UrduGeoD 11:4  जब ईसा को यह ख़बर मिली तो उसने कहा, “इस बीमारी का अंजाम मौत नहीं है, बल्कि यह अल्लाह के जलाल के वास्ते हुआ है, ताकि इससे अल्लाह के फ़रज़ंद को जलाल मिले।”
John UrduGeoD 11:5  ईसा मर्था, मरियम और लाज़र से मुहब्बत रखता था।
John UrduGeoD 11:6  तो भी वह लाज़र के बारे में इत्तला मिलने के बाद दो दिन और वहीं ठहरा।
John UrduGeoD 11:7  फिर उसने अपने शागिर्दों से बात की, “आओ, हम दुबारा यहूदिया चले जाएँ।”
John UrduGeoD 11:8  शागिर्दों ने एतराज़ किया, “उस्ताद, अभी अभी वहाँ के यहूदी आपको संगसार करने की कोशिश कर रहे थे, फिर भी आप वापस जाना चाहते हैं?”
John UrduGeoD 11:9  ईसा ने जवाब दिया, “क्या दिन में रौशनी के बारह घंटे नहीं होते? जो शख़्स दिन के वक़्त चलता-फिरता है वह किसी भी चीज़ से नहीं टकराएगा, क्योंकि वह इस दुनिया की रौशनी के ज़रीए देख सकता है।
John UrduGeoD 11:10  लेकिन जो रात के वक़्त चलता है वह चीज़ों से टकरा जाता है, क्योंकि उसके पास रौशनी नहीं है।”
John UrduGeoD 11:11  फिर उसने कहा, “हमारा दोस्त लाज़र सो गया है। लेकिन मैं जाकर उसे जगा दूँगा।”
John UrduGeoD 11:12  शागिर्दों ने कहा, “ख़ुदावंद, अगर वह सो रहा है तो वह बच जाएगा।”
John UrduGeoD 11:13  उनका ख़याल था कि ईसा लाज़र की फ़ितरी नींद का ज़िक्र कर रहा है जबकि हक़ीक़त में वह उस की मौत की तरफ़ इशारा कर रहा था।
John UrduGeoD 11:14  इसलिए उसने उन्हें साफ़ बता दिया, “लाज़र वफ़ात पा गया है।
John UrduGeoD 11:15  और तुम्हारी ख़ातिर मैं ख़ुश हूँ कि मैं उसके मरते वक़्त वहाँ नहीं था, क्योंकि अब तुम ईमान लाओगे। आओ, हम उसके पास जाएँ।”
John UrduGeoD 11:16  तोमा ने जिसका लक़ब जुड़वाँ था अपने साथी शागिर्दों से कहा, “चलो, हम भी वहाँ जाकर उसके साथ मर जाएँ।”
John UrduGeoD 11:17  वहाँ पहुँचकर ईसा को मालूम हुआ कि लाज़र को क़ब्र में रखे चार दिन हो गए हैं।
John UrduGeoD 11:18  बैत-अनियाह का यरूशलम से फ़ासला तीन किलोमीटर से कम था,
John UrduGeoD 11:19  और बहुत-से यहूदी मर्था और मरियम को उनके भाई के बारे में तसल्ली देने के लिए आए हुए थे।
John UrduGeoD 11:20  यह सुनकर कि ईसा आ रहा है मर्था उसे मिलने गई। लेकिन मरियम घर में बैठी रही।
John UrduGeoD 11:21  मर्था ने कहा, “ख़ुदावंद, अगर आप यहाँ होते तो मेरा भाई न मरता।
John UrduGeoD 11:22  लेकिन मैं जानती हूँ कि अब भी अल्लाह आपको जो भी माँगेंगे देगा।”
John UrduGeoD 11:23  ईसा ने उसे बताया, “तेरा भाई जी उठेगा।”
John UrduGeoD 11:24  मर्था ने जवाब दिया, “जी, मुझे मालूम है कि वह क़ियामत के दिन जी उठेगा, जब सब जी उठेंगे।”
John UrduGeoD 11:25  ईसा ने उसे बताया, “क़ियामत और ज़िंदगी तो मैं हूँ। जो मुझ पर ईमान रखे वह ज़िंदा रहेगा, चाहे वह मर भी जाए।
John UrduGeoD 11:26  और जो ज़िंदा है और मुझ पर ईमान रखता है वह कभी नहीं मरेगा। मर्था, क्या तुझे इस बात का यक़ीन है?”
John UrduGeoD 11:27  मर्था ने जवाब दिया, “जी ख़ुदावंद, मैं ईमान रखती हूँ कि आप ख़ुदा के फ़रज़ंद मसीह हैं, जिसे दुनिया में आना था।”
John UrduGeoD 11:28  यह कहकर मर्था वापस चली गई और चुपके से मरियम को बुलाया, “उस्ताद आ गए हैं, वह तुझे बुला रहे हैं।”
John UrduGeoD 11:29  यह सुनते ही मरियम उठकर ईसा के पास गई।
John UrduGeoD 11:30  वह अभी गाँव के बाहर उसी जगह ठहरा था जहाँ उस की मुलाक़ात मर्था से हुई थी।
John UrduGeoD 11:31  जो यहूदी घर में मरियम के साथ बैठे उसे तसल्ली दे रहे थे, जब उन्होंने देखा कि वह जल्दी से उठकर निकल गई है तो वह उसके पीछे हो लिए। क्योंकि वह समझ रहे थे कि वह मातम करने के लिए अपने भाई की क़ब्र पर जा रही है।
John UrduGeoD 11:32  मरियम ईसा के पास पहुँच गई। उसे देखते ही वह उसके पाँवों में गिर गई और कहने लगी, “ख़ुदावंद, अगर आप यहाँ होते तो मेरा भाई न मरता।”
John UrduGeoD 11:33  जब ईसा ने मरियम और उसके साथियों को रोते देखा तो उसे बड़ी रंजिश हुई। मुज़तरिब हालत में
John UrduGeoD 11:34  उसने पूछा, “तुमने उसे कहाँ रखा है?” उन्होंने जवाब दिया, “आएँ ख़ुदावंद, और देख लें।”
John UrduGeoD 11:36  यहूदियों ने कहा, “देखो, वह उसे कितना अज़ीज़ था।”
John UrduGeoD 11:37  लेकिन उनमें से बाज़ ने कहा, “इस आदमी ने अंधे को शफ़ा दी। क्या यह लाज़र को मरने से नहीं बचा सकता था?”
John UrduGeoD 11:38  फिर ईसा दुबारा निहायत रंजीदा होकर क़ब्र पर आया। क़ब्र एक ग़ार थी जिसके मुँह पर पत्थर रखा गया था।
John UrduGeoD 11:39  ईसा ने कहा, “पत्थर को हटा दो।” लेकिन मरहूम की बहन मर्था ने एतराज़ किया, “ख़ुदावंद, बदबू आएगी, क्योंकि उसे यहाँ पड़े चार दिन हो गए हैं।”
John UrduGeoD 11:40  ईसा ने उससे कहा, “क्या मैंने तुझे नहीं बताया कि अगर तू ईमान रखे तो अल्लाह का जलाल देखेगी?”
John UrduGeoD 11:41  चुनाँचे उन्होंने पत्थर को हटा दिया। फिर ईसा ने अपनी नज़र उठाकर कहा, “ऐ बाप, मैं तेरा शुक्र करता हूँ कि तूने मेरी सुन ली है।
John UrduGeoD 11:42  मैं तो जानता हूँ कि तू हमेशा मेरी सुनता है। लेकिन मैंने यह बात पास खड़े लोगों की ख़ातिर की, ताकि वह ईमान लाएँ कि तूने मुझे भेजा है।”
John UrduGeoD 11:43  फिर ईसा ज़ोर से पुकार उठा, “लाज़र, निकल आ!”
John UrduGeoD 11:44  और मुरदा निकल आया। अभी तक उसके हाथ और पाँव पट्टियों से बँधे हुए थे जबकि उसका चेहरा कपड़े में लिपटा हुआ था। ईसा ने उनसे कहा, “इसके कफ़न को खोलकर इसे जाने दो।”
John UrduGeoD 11:45  उन यहूदियों में से जो मरियम के पास आए थे बहुत-से ईसा पर ईमान लाए जब उन्होंने वह देखा जो उसने किया।
John UrduGeoD 11:46  लेकिन बाज़ फ़रीसियों के पास गए और उन्हें बताया कि ईसा ने क्या किया है।
John UrduGeoD 11:47  तब राहनुमा इमामों और फ़रीसियों ने यहूदी अदालते-आलिया का इजलास मुनअक़िद किया। उन्होंने एक दूसरे से पूछा, “हम क्या कर रहे हैं? यह आदमी बहुत-से इलाही निशान दिखा रहा है।
John UrduGeoD 11:48  अगर हम उसे खुला छोड़ें तो आख़िरकार सब उस पर ईमान ले आएँगे। फिर रोमी आकर हमारे बैतुल-मुक़द्दस और हमारे मुल्क को तबाह कर देंगे।”
John UrduGeoD 11:49  उनमें से एक कायफ़ा था जो उस साल इमामे-आज़म था। उसने कहा, “आप कुछ नहीं समझते
John UrduGeoD 11:50  और इसका ख़याल भी नहीं करते कि इससे पहले कि पूरी क़ौम हलाक हो जाए बेहतर यह है कि एक आदमी उम्मत के लिए मर जाए।”
John UrduGeoD 11:51  उसने यह बात अपनी तरफ़ से नहीं की थी। उस साल के इमामे-आज़म की हैसियत से ही उसने यह पेशगोई की कि ईसा यहूदी क़ौम के लिए मरेगा।
John UrduGeoD 11:52  और न सिर्फ़ इसके लिए बल्कि अल्लाह के बिखरे हुए फ़रज़ंदों को जमा करके एक करने के लिए भी।
John UrduGeoD 11:53  उस दिन से उन्होंने ईसा को क़त्ल करने का इरादा कर लिया।
John UrduGeoD 11:54  इसलिए उसने अब से अलानिया यहूदियों के दरमियान वक़्त न गुज़ारा, बल्कि उस जगह को छोड़कर रेगिस्तान के क़रीब एक इलाक़े में गया। वहाँ वह अपने शागिर्दों समेत एक गाँव बनाम इफ़राईम में रहने लगा।
John UrduGeoD 11:55  फिर यहूदियों की ईदे-फ़सह क़रीब आ गई। देहात से बहुत-से लोग अपने आपको पाक करवाने के लिए ईद से पहले पहले यरूशलम पहुँचे।
John UrduGeoD 11:56  वहाँ वह ईसा का पता करते और बैतुल-मुक़द्दस में खड़े आपस में बात करते रहे, “क्या ख़याल है? क्या वह तहवार पर नहीं आएगा?”
John UrduGeoD 11:57  लेकिन राहनुमा इमामों और फ़रीसियों ने हुक्म दिया था, “अगर किसी को मालूम हो जाए कि ईसा कहाँ है तो वह इत्तला दे ताकि हम उसे गिरिफ़्तार कर लें।”
Chapter 12
John UrduGeoD 12:1  फ़सह की ईद में अभी छः दिन बाक़ी थे कि ईसा बैत-अनियाह पहुँचा। यह वह जगह थी जहाँ उस लाज़र का घर था जिसे ईसा ने मुरदों में से ज़िंदा किया था।
John UrduGeoD 12:2  वहाँ उसके लिए एक ख़ास खाना बनाया गया। मर्था खानेवालों की ख़िदमत कर रही थी जबकि लाज़र ईसा और बाक़ी मेहमानों के साथ खाने में शरीक था।
John UrduGeoD 12:3  फिर मरियम ने आधा लिटर ख़ालिस जटामासी का निहायत क़ीमती इत्र लेकर ईसा के पाँवों पर उंडेल दिया और उन्हें अपने बालों से पोंछकर ख़ुश्क किया। ख़ुशबू पूरे घर में फैल गई।
John UrduGeoD 12:4  लेकिन ईसा के शागिर्द यहूदाह इस्करियोती ने एतराज़ किया (बाद में उसी ने ईसा को दुश्मन के हवाले कर दिया)। उसने कहा,
John UrduGeoD 12:5  “इस इत्र की क़ीमत चाँदी के 300 सिक्के थी। इसे क्यों नहीं बेचा गया ताकि इसके पैसे ग़रीबों को दिए जाते?”
John UrduGeoD 12:6  उसने यह बात इसलिए नहीं की कि उसे ग़रीबों की फ़िकर थी। असल में वह चोर था। वह शागिर्दों का ख़ज़ानची था और जमाशुदा पैसों में से बददियानती करता रहता था।
John UrduGeoD 12:7  लेकिन ईसा ने कहा, “उसे छोड़ दे! उसने मेरी तदफ़ीन की तैयारी के लिए यह किया है।
John UrduGeoD 12:8  ग़रीब तो हमेशा तुम्हारे पास रहेंगे, लेकिन मैं हमेशा तुम्हारे पास नहीं रहूँगा।”
John UrduGeoD 12:9  इतने में यहूदियों की बड़ी तादाद को मालूम हुआ कि ईसा वहाँ है। वह न सिर्फ़ ईसा से मिलने के लिए आए बल्कि लाज़र से भी जिसे उसने मुरदों में से ज़िंदा किया था।
John UrduGeoD 12:10  इसलिए राहनुमा इमामों ने लाज़र को भी क़त्ल करने का मनसूबा बनाया।
John UrduGeoD 12:11  क्योंकि उस की वजह से बहुत-से यहूदी उनमें से चले गए और ईसा पर ईमान ले आए थे।
John UrduGeoD 12:12  अगले दिन ईद के लिए आए हुए लोगों को पता चला कि ईसा यरूशलम आ रहा है। एक बड़ा हुजूम
John UrduGeoD 12:13  खजूर की डालियाँ पकड़े शहर से निकलकर उससे मिलने आया। चलते चलते वह चिल्लाकर नारे लगा रहे थे, “होशाना! मुबारक है वह जो रब के नाम से आता है! इसराईल का बादशाह मुबारक है!”
John UrduGeoD 12:14  ईसा को कहीं से एक जवान गधा मिल गया और वह उस पर बैठ गया, जिस तरह कलामे-मुक़द्दस में लिखा है,
John UrduGeoD 12:15  “ऐ सिय्यून बेटी, मत डर! देख, तेरा बादशाह गधे के बच्चे पर सवार आ रहा है।”
John UrduGeoD 12:16  उस वक़्त उसके शागिर्दों को इस बात की समझ न आई। लेकिन बाद में जब ईसा अपने जलाल को पहुँचा तो उन्हें याद आया कि लोगों ने उसके साथ यह कुछ किया था और वह समझ गए कि कलामे-मुक़द्दस में इसका ज़िक्र भी है।
John UrduGeoD 12:17  जो हुजूम उस वक़्त ईसा के साथ था जब उसने लाज़र को मुरदों में से ज़िंदा किया था, वह दूसरों को इसके बारे में बताता रहा था।
John UrduGeoD 12:18  इसी वजह से इतने लोग ईसा से मिलने के लिए आए थे, उन्होंने उसके इस इलाही निशान के बारे में सुना था।
John UrduGeoD 12:19  यह देखकर फ़रीसी आपस में कहने लगे, “आप देख रहे हैं कि बात नहीं बन रही। देखो, तमाम दुनिया उसके पीछे हो ली है।”
John UrduGeoD 12:20  कुछ यूनानी भी उनमें थे जो फ़सह की ईद के मौक़े पर परस्तिश करने के लिए आए हुए थे।
John UrduGeoD 12:21  अब वह फ़िलिप्पुस से मिलने आए जो गलील के बैत-सैदा से था। उन्होंने कहा, “जनाब, हम ईसा से मिलना चाहते हैं।”
John UrduGeoD 12:22  फ़िलिप्पुस ने अंदरियास को यह बात बताई और फिर वह मिलकर ईसा के पास गए और उसे यह ख़बर पहुँचाई।
John UrduGeoD 12:23  लेकिन ईसा ने जवाब दिया, “अब वक़्त आ गया है कि इब्ने-आदम को जलाल मिले।
John UrduGeoD 12:24  मैं तुमको सच बताता हूँ कि जब तक गंदुम का दाना ज़मीन में गिरकर मर न जाए वह अकेला ही रहता है। लेकिन जब वह मर जाता है तो बहुत-सा फल लाता है।
John UrduGeoD 12:25  जो अपनी जान को प्यार करता है वह उसे खो देगा, और जो इस दुनिया में अपनी जान से दुश्मनी रखता है वह उसे अबद तक महफ़ूज़ रखेगा।
John UrduGeoD 12:26  अगर कोई मेरी ख़िदमत करना चाहे तो वह मेरे पीछे हो ले, क्योंकि जहाँ मैं हूँ वहाँ मेरा ख़ादिम भी होगा। और जो मेरी ख़िदमत करे मेरा बाप उस की इज़्ज़त करेगा।
John UrduGeoD 12:27  अब मेरा दिल मुज़तरिब है। मैं क्या कहूँ? क्या मैं कहूँ, ‘ऐ बाप, मुझे इस वक़्त से बचाए रख’? नहीं, मैं तो इसी लिए आया हूँ।
John UrduGeoD 12:28  ऐ बाप, अपने नाम को जलाल दे।” तब आसमान से एक आवाज़ सुनाई दी, “मैं उसे जलाल दे चुका हूँ और दुबारा भी जलाल दूँगा।”
John UrduGeoD 12:29  हुजूम के जो लोग वहाँ खड़े थे उन्होंने यह सुनकर कहा, “बादल गरज रहे हैं।” औरों ने ख़याल पेश किया, “कोई फ़रिश्ता उससे हमकलाम हुआ है।”
John UrduGeoD 12:30  ईसा ने उन्हें बताया, “यह आवाज़ मेरे वास्ते नहीं बल्कि तुम्हारे वास्ते थी।
John UrduGeoD 12:31  अब दुनिया की अदालत करने का वक़्त आ गया है, अब दुनिया के हुक्मरान को निकाल दिया जाएगा।
John UrduGeoD 12:32  और मैं ख़ुद ज़मीन से ऊँचे पर चढ़ाए जाने के बाद सबको अपने पास खींच लूँगा।”
John UrduGeoD 12:33  इन अलफ़ाज़ से उसने इस तरफ़ इशारा किया कि वह किस तरह की मौत मरेगा।
John UrduGeoD 12:34  हुजूम बोल उठा, “कलामे-मुक़द्दस से हमने सुना है कि मसीह अबद तक क़ायम रहेगा। तो फिर आपकी यह कैसी बात है कि इब्ने-आदम को ऊँचे पर चढ़ाया जाना है? आख़िर इब्ने-आदम है कौन?”
John UrduGeoD 12:35  ईसा ने जवाब दिया, “नूर थोड़ी देर और तुम्हारे पास रहेगा। जितनी देर वह मौजूद है इस नूर में चलते रहो ताकि तारीकी तुम पर छा न जाए। जो अंधेरे में चलता है उसे नहीं मालूम कि वह कहाँ जा रहा है।
John UrduGeoD 12:36  नूर के तुम्हारे पास से चले जाने से पहले पहले उस पर ईमान लाओ ताकि तुम नूर के फ़रज़ंद बन जाओ।” यह कहने के बाद ईसा चला गया और ग़ायब हो गया।
John UrduGeoD 12:37  अगरचे ईसा ने यह तमाम इलाही निशान उनके सामने ही दिखाए तो भी वह उस पर ईमान न लाए।
John UrduGeoD 12:38  यों यसायाह नबी की पेशगोई पूरी हुई, “ऐ रब, कौन हमारे पैग़ाम पर ईमान लाया? और रब की क़ुदरत किस पर ज़ाहिर हुई?”
John UrduGeoD 12:39  चुनाँचे वह ईमान न ला सके, जिस तरह यसायाह नबी ने कहीं और फ़रमाया है,
John UrduGeoD 12:40  “अल्लाह ने उनकी आँखों को अंधा और उनके दिल को बेहिस कर दिया है, ऐसा न हो कि वह अपनी आँखों से देखें, अपने दिल से समझें, मेरी तरफ़ रुजू करें और मैं उन्हें शफ़ा दूँ।”
John UrduGeoD 12:41  यसायाह ने यह इसलिए फ़रमाया क्योंकि उसने ईसा का जलाल देखकर उसके बारे में बात की।
John UrduGeoD 12:42  तो भी बहुत-से लोग ईसा पर ईमान रखते थे। उनमें कुछ राहनुमा भी शामिल थे। लेकिन वह इसका अलानिया इक़रार नहीं करते थे, क्योंकि वह डरते थे कि फ़रीसी हमें यहूदी जमात से ख़ारिज कर देंगे।
John UrduGeoD 12:43  असल में वह अल्लाह की इज़्ज़त की निसबत इनसान की इज़्ज़त को ज़्यादा अज़ीज़ रखते थे।
John UrduGeoD 12:44  फिर ईसा पुकार उठा, “जो मुझ पर ईमान रखता है वह न सिर्फ़ मुझ पर बल्कि उस पर ईमान रखता है जिसने मुझे भेजा है।
John UrduGeoD 12:45  और जो मुझे देखता है वह उसे देखता है जिसने मुझे भेजा है।
John UrduGeoD 12:46  मैं नूर की हैसियत से इस दुनिया में आया हूँ ताकि जो भी मुझ पर ईमान लाए वह तारीकी में न रहे।
John UrduGeoD 12:47  जो मेरी बातें सुनकर उन पर अमल नहीं करता मैं उस की अदालत नहीं करूँगा, क्योंकि मैं दुनिया की अदालत करने के लिए नहीं आया बल्कि उसे नजात देने के लिए।
John UrduGeoD 12:48  तो भी एक है जो उस की अदालत करता है। जो मुझे रद्द करके मेरी बातें क़बूल नहीं करता मेरा पेश किया गया कलाम ही क़ियामत के दिन उस की अदालत करेगा।
John UrduGeoD 12:49  क्योंकि जो कुछ मैंने बयान किया है वह मेरी तरफ़ से नहीं है। मेरे भेजनेवाले बाप ही ने मुझे हुक्म दिया कि क्या कहना और क्या सुनाना है।
John UrduGeoD 12:50  और मैं जानता हूँ कि उसका हुक्म अबदी ज़िंदगी तक पहुँचाता है। चुनाँचे जो कुछ मैं सुनाता हूँ वही कुछ है जो बाप ने मुझे बताया है।”
Chapter 13
John UrduGeoD 13:1  फ़सह की ईद अब शुरू होनेवाली थी। ईसा जानता था कि वह वक़्त आ गया है कि मुझे इस दुनिया को छोड़कर बाप के पास जाना है। गो उसने हमेशा दुनिया में अपने लोगों से मुहब्बत रखी थी, लेकिन अब उसने आख़िरी हद तक उन पर अपनी मुहब्बत का इज़हार किया।
John UrduGeoD 13:2  फिर शाम का खाना तैयार हुआ। उस वक़्त इबलीस शमौन इस्करियोती के बेटे यहूदाह के दिल में ईसा को दुश्मन के हवाले करने का इरादा डाल चुका था।
John UrduGeoD 13:3  ईसा जानता था कि बाप ने सब कुछ मेरे सुपुर्द कर दिया है और कि मैं अल्लाह में से निकल आया और अब उसके पास वापस जा रहा हूँ।
John UrduGeoD 13:4  चुनाँचे उसने दस्तरख़ान से उठकर अपना लिबास उतार दिया और कमर पर तौलिया बाँध लिया।
John UrduGeoD 13:5  फिर वह बासन में पानी डालकर शागिर्दों के पाँव धोने और बँधे हुए तौलिये से पोंछकर ख़ुश्क करने लगा।
John UrduGeoD 13:6  जब पतरस की बारी आई तो उसने कहा, “ख़ुदावंद, आप मेरे पाँव धोना चाहते हैं?”
John UrduGeoD 13:7  ईसा ने जवाब दिया, “इस वक़्त तू नहीं समझता कि मैं क्या कर रहा हूँ, लेकिन बाद में यह तेरी समझ में आ जाएगा।”
John UrduGeoD 13:8  पतरस ने एतराज़ किया, “मैं कभी भी आपको मेरे पाँव धोने नहीं दूँगा!” ईसा ने जवाब दिया, “अगर मैं तुझे न धोऊँ तो मेरे साथ तेरा कोई हिस्सा नहीं होगा।”
John UrduGeoD 13:9  यह सुनकर पतरस ने कहा, “तो फिर ख़ुदावंद, न सिर्फ़ मेरे पाँवों बल्कि मेरे हाथों और सर को भी धोएँ!”
John UrduGeoD 13:10  ईसा ने जवाब दिया, “जिस शख़्स ने नहा लिया है उसे सिर्फ़ अपने पाँवों को धोने की ज़रूरत होती है, क्योंकि वह पूरे तौर पर पाक-साफ़ है। तुम पाक-साफ़ हो, लेकिन सबके सब नहीं।”
John UrduGeoD 13:11  (ईसा को मालूम था कि कौन उसे दुश्मन के हवाले करेगा। इसलिए उसने कहा कि सबके सब पाक-साफ़ नहीं हैं।)
John UrduGeoD 13:12  उन सबके पाँव धोने के बाद ईसा दुबारा अपना लिबास पहनकर बैठ गया। उसने सवाल किया, “क्या तुम समझते हो कि मैंने तुम्हारे लिए क्या किया है?
John UrduGeoD 13:13  तुम मुझे ‘उस्ताद’ और ‘ख़ुदावंद’ कहकर मुख़ातिब करते हो और यह सहीह है, क्योंकि मैं यही कुछ हूँ।
John UrduGeoD 13:14  मैं, तुम्हारे ख़ुदावंद और उस्ताद ने तुम्हारे पाँव धोए। इसलिए अब तुम्हारा फ़र्ज़ भी है कि एक दूसरे के पाँव धोया करो।
John UrduGeoD 13:15  मैंने तुमको एक नमूना दिया है ताकि तुम भी वही करो जो मैंने तुम्हारे साथ किया है।
John UrduGeoD 13:16  मैं तुमको सच बताता हूँ कि ग़ुलाम अपने मालिक से बड़ा नहीं होता, न पैग़ंबर अपने भेजनेवाले से।
John UrduGeoD 13:17  अगर तुम यह जानते हो तो इस पर अमल भी करो, फिर ही तुम मुबारक होगे।
John UrduGeoD 13:18  मैं तुम सबकी बात नहीं कर रहा। जिन्हें मैंने चुन लिया है उन्हें मैं जानता हूँ। लेकिन कलामे-मुक़द्दस की उस बात का पूरा होना ज़रूर है, ‘जो मेरी रोटी खाता है उसने मुझ पर लात उठाई है।’
John UrduGeoD 13:19  मैं तुमको इससे पहले कि वह पेश आए यह अभी बता रहा हूँ, ताकि जब वह पेश आए तो तुम ईमान लाओ कि मैं वही हूँ।
John UrduGeoD 13:20  मैं तुमको सच बताता हूँ कि जो शख़्स उसे क़बूल करता है जिसे मैंने भेजा है वह मुझे क़बूल करता है। और जो मुझे क़बूल करता है वह उसे क़बूल करता है जिसने मुझे भेजा है।”
John UrduGeoD 13:21  इन अलफ़ाज़ के बाद ईसा निहायत मुज़तरिब हुआ और कहा, “मैं तुमको सच बताता हूँ कि तुममें से एक मुझे दुश्मन के हवाले कर देगा।”
John UrduGeoD 13:22  शागिर्द उलझन में एक दूसरे को देखकर सोचने लगे कि ईसा किसकी बात कर रहा है।
John UrduGeoD 13:23  एक शागिर्द जिसे ईसा प्यार करता था उसके क़रीबतरीन बैठा था।
John UrduGeoD 13:24  पतरस ने उसे इशारा किया कि वह उससे दरियाफ़्त करे कि वह किसकी बात कर रहा है।
John UrduGeoD 13:25  उस शागिर्द ने ईसा की तरफ़ सर झुकाकर पूछा, “ख़ुदावंद, यह कौन है?”
John UrduGeoD 13:26  ईसा ने जवाब दिया, “जिसे मैं रोटी का लुक़मा शोर्ब में डुबोकर दूँ, वही है।” फिर लुक़मे को डुबोकर उसने शमौन इस्करियोती के बेटे यहूदाह को दे दिया।
John UrduGeoD 13:27  ज्योंही यहूदाह ने यह लुक़मा ले लिया इबलीस उसमें समा गया। ईसा ने उसे बताया, “जो कुछ करना है वह जल्दी से कर ले।”
John UrduGeoD 13:28  लेकिन मेज़ पर बैठे लोगों में से किसी को मालूम न हुआ कि ईसा ने यह क्यों कहा।
John UrduGeoD 13:29  बाज़ का ख़याल था कि चूँकि यहूदाह ख़ज़ानची था इसलिए वह उसे बता रहा है कि ईद के लिए दरकार चीज़ें ख़रीद ले या ग़रीबों में कुछ तक़सीम कर दे।
John UrduGeoD 13:30  चुनाँचे ईसा से यह लुक़मा लेते ही यहूदाह बाहर निकल गया। रात का वक़्त था।
John UrduGeoD 13:31  यहूदाह के चले जाने के बाद ईसा ने कहा, “अब इब्ने-आदम ने जलाल पाया और अल्लाह ने उसमें जलाल पाया है।
John UrduGeoD 13:32  हाँ, चूँकि अल्लाह को उसमें जलाल मिल गया है इसलिए अल्लाह अपने में फ़रज़ंद को जलाल देगा। और वह यह जलाल फ़ौरन देगा।
John UrduGeoD 13:33  मेरे बच्चो, मैं थोड़ी देर और तुम्हारे पास ठहरूँगा। तुम मुझे तलाश करोगे, और जो कुछ मैं यहूदियों को बता चुका हूँ वह अब तुमको भी बताता हूँ, जहाँ मैं जा रहा हूँ वहाँ तुम नहीं आ सकते।
John UrduGeoD 13:34  मैं तुमको एक नया हुक्म देता हूँ, यह कि एक दूसरे से मुहब्बत रखो। जिस तरह मैंने तुमसे मुहब्बत रखी उसी तरह तुम भी एक दूसरे से मुहब्बत करो।
John UrduGeoD 13:35  अगर तुम एक दूसरे से मुहब्बत रखोगे तो सब जान लेंगे कि तुम मेरे शागिर्द हो।”
John UrduGeoD 13:36  पतरस ने पूछा, “ख़ुदावंद, आप कहाँ जा रहे हैं?” ईसा ने जवाब दिया, “जहाँ मैं जा रहा हूँ वहाँ तू मेरे पीछे नहीं आ सकता। लेकिन बाद में तू मेरे पीछे आ जाएगा।”
John UrduGeoD 13:37  पतरस ने सवाल किया, “ख़ुदावंद, मैं आपके पीछे अभी क्यों नहीं जा सकता? मैं आपके लिए अपनी जान तक देने को तैयार हूँ।”
John UrduGeoD 13:38  लेकिन ईसा ने जवाब दिया, “तू मेरे लिए अपनी जान देना चाहता है? मैं तुझे सच बताता हूँ कि मुरग़ के बाँग देने से पहले पहले तू तीन मरतबा मुझे जानने से इनकार कर चुका होगा।
Chapter 14
John UrduGeoD 14:1  तुम्हारा दिल न घबराए। तुम अल्लाह पर ईमान रखते हो, मुझ पर भी ईमान रखो।
John UrduGeoD 14:2  मेरे बाप के घर में बेशुमार मकान हैं। अगर ऐसा न होता तो क्या मैं तुमको बताता कि मैं तुम्हारे लिए जगह तैयार करने के लिए वहाँ जा रहा हूँ?
John UrduGeoD 14:3  और अगर मैं जाकर तुम्हारे लिए जगह तैयार करूँ तो वापस आकर तुमको अपने साथ ले जाऊँगा ताकि जहाँ मैं हूँ वहाँ तुम भी हो।
John UrduGeoD 14:4  और जहाँ मैं जा रहा हूँ उस की राह तुम जानते हो।”
John UrduGeoD 14:5  तोमा बोल उठा, “ख़ुदावंद, हमें मालूम नहीं कि आप कहाँ जा रहे हैं। तो फिर हम उस की राह किस तरह जानें?”
John UrduGeoD 14:6  ईसा ने जवाब दिया, “राह और हक़ और ज़िंदगी मैं हूँ। कोई मेरे वसीले के बग़ैर बाप के पास नहीं आ सकता।
John UrduGeoD 14:7  अगर तुमने मुझे जान लिया है तो इसका मतलब है कि तुम मेरे बाप को भी जान लोगे। और अब से ऐसा है भी। तुम उसे जानते हो और तुमने उसको देख लिया है।”
John UrduGeoD 14:8  फ़िलिप्पुस ने कहा, “ऐ ख़ुदावंद, बाप को हमें दिखाएँ। बस यही हमारे लिए काफ़ी है।”
John UrduGeoD 14:9  ईसा ने जवाब दिया, “फ़िलिप्पुस, मैं इतनी देर से तुम्हारे साथ हूँ, क्या इसके बावुजूद तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा उसने बाप को देखा है। तो फिर तू क्योंकर कहता है, ‘बाप को हमें दिखाएँ’?
John UrduGeoD 14:10  क्या तू ईमान नहीं रखता कि मैं बाप में हूँ और बाप मुझमें है? जो बातें में तुमको बताता हूँ वह मेरी नहीं बल्कि मुझमें रहनेवाले बाप की तरफ़ से हैं। वही अपना काम कर रहा है।
John UrduGeoD 14:11  मेरी बात का यक़ीन करो कि मैं बाप में हूँ और बाप मुझमें है। या कम अज़ कम उन कामों की बिना पर यक़ीन करो जो मैंने किए हैं।
John UrduGeoD 14:12  मैं तुमको सच बताता हूँ कि जो मुझ पर ईमान रखे वह वही कुछ करेगा जो मैं करता हूँ। न सिर्फ़ यह बल्कि वह इनसे भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं बाप के पास जा रहा हूँ।
John UrduGeoD 14:13  और जो कुछ तुम मेरे नाम में माँगो मैं दूँगा ताकि बाप को फ़रज़ंद में जलाल मिल जाए।
John UrduGeoD 14:14  जो कुछ तुम मेरे नाम में मुझसे चाहो वह मैं करूँगा।
John UrduGeoD 14:15  अगर तुम मुझे प्यार करते हो तो मेरे अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारोगे।
John UrduGeoD 14:16  और मैं बाप से गुज़ारिश करूँगा तो वह तुमको एक और मददगार देगा जो अबद तक तुम्हारे साथ रहेगा
John UrduGeoD 14:17  यानी सच्चाई का रूह, जिसे दुनिया पा नहीं सकती, क्योंकि वह न तो उसे देखती न जानती है। लेकिन तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है और आइंदा तुम्हारे अंदर रहेगा।
John UrduGeoD 14:18  मैं तुमको यतीम छोड़कर नहीं जाऊँगा बल्कि तुम्हारे पास वापस आऊँगा।
John UrduGeoD 14:19  थोड़ी देर के बाद दुनिया मुझे नहीं देखेगी, लेकिन तुम मुझे देखते रहोगे। चूँकि मैं ज़िंदा हूँ इसलिए तुम भी ज़िंदा रहोगे।
John UrduGeoD 14:20  जब वह दिन आएगा तो तुम जान लोगे कि मैं अपने बाप में हूँ, तुम मुझमें हो और मैं तुममें।
John UrduGeoD 14:21  जिसके पास मेरे अहकाम हैं और जो उनके मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारता है, वही मुझे प्यार करता है। और जो मुझे प्यार करता है उसे मेरा बाप प्यार करेगा। मैं भी उसे प्यार करूँगा और अपने आपको उस पर ज़ाहिर करूँगा।”
John UrduGeoD 14:22  यहूदाह (यहूदाह इस्करियोती नहीं) ने पूछा, “ख़ुदावंद, क्या वजह है कि आप अपने आपको सिर्फ़ हम पर ज़ाहिर करेंगे और दुनिया पर नहीं?”
John UrduGeoD 14:23  ईसा ने जवाब दिया, “अगर कोई मुझे प्यार करे तो वह मेरे कलाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारेगा। मेरा बाप ऐसे शख़्स को प्यार करेगा और हम उसके पास आकर उसके साथ सुकूनत करेंगे।
John UrduGeoD 14:24  जो मुझसे मुहब्बत नहीं करता वह मेरी बातों के मुताबिक़ ज़िंदगी नहीं गुज़ारता। और जो कलाम तुम मुझसे सुनते हो वह मेरा अपना कलाम नहीं है बल्कि बाप का है जिसने मुझे भेजा है।
John UrduGeoD 14:25  यह सब कुछ मैंने तुम्हारे साथ रहते हुए तुमको बताया है।
John UrduGeoD 14:26  लेकिन बाद में रूहुल-क़ुद्स, जिसे बाप मेरे नाम से भेजेगा तुमको सब कुछ सिखाएगा। यह मददगार तुमको हर बात की याद दिलाएगा जो मैंने तुमको बताई है।
John UrduGeoD 14:27  मैं तुम्हारे पास सलामती छोड़े जाता हूँ, अपनी ही सलामती तुमको दे देता हूँ। और मैं इसे यों नहीं देता जिस तरह दुनिया देती है। तुम्हारा दिल न घबराए और न डरे।
John UrduGeoD 14:28  तुमने मुझसे सुन लिया है कि ‘मैं जा रहा हूँ और तुम्हारे पास वापस आऊँगा।’ अगर तुम मुझसे मुहब्बत रखते तो तुम इस बात पर ख़ुश होते कि मैं बाप के पास जा रहा हूँ, क्योंकि बाप मुझसे बड़ा है।
John UrduGeoD 14:29  मैंने तुमको पहले से बता दिया है, इससे पेशतर कि यह हो, ताकि जब पेश आए तो तुम ईमान लाओ।
John UrduGeoD 14:30  अब से मैं तुमसे ज़्यादा बातें नहीं करूँगा, क्योंकि इस दुनिया का हुक्मरान आ रहा है। उसे मुझ पर कोई क़ाबू नहीं है,
John UrduGeoD 14:31  लेकिन दुनिया यह जान ले कि मैं बाप को प्यार करता हूँ और वही कुछ करता हूँ जिसका हुक्म वह मुझे देता है। अब उठो, हम यहाँ से चलें।
Chapter 15
John UrduGeoD 15:1  मैं अंगूर की हक़ीक़ी बेल हूँ और मेरा बाप माली है।
John UrduGeoD 15:2  वह मेरी हर शाख़ को जो फल नहीं लाती काटकर फेंक देता है। लेकिन जो शाख़ फल लाती है उस की वह काँट-छाँट करता है ताकि ज़्यादा फल लाए।
John UrduGeoD 15:3  उस कलाम के ज़रीए जो मैंने तुमको सुनाया है तुम तो पाक-साफ़ हो चुके हो।
John UrduGeoD 15:4  मुझमें क़ायम रहो तो मैं भी तुममें क़ायम रहूँगा। जो शाख़ बेल से कट गई है वह फल नहीं ला सकती। बिलकुल इसी तरह तुम भी अगर तुम मुझमें क़ायम नहीं रहते फल नहीं ला सकते।
John UrduGeoD 15:5  मैं ही अंगूर की बेल हूँ, और तुम उस की शाख़ें हो। जो मुझमें क़ायम रहता है और मैं उसमें वह बहुत-सा फल लाता है, क्योंकि मुझसे अलग होकर तुम कुछ नहीं कर सकते।
John UrduGeoD 15:6  जो मुझमें क़ायम नहीं रहता और न मैं उसमें उसे बेफ़ायदा शाख़ की तरह बाहर फेंक दिया जाता है। ऐसी शाख़ें सूख जाती हैं और लोग उनका ढेर लगाकर उन्हें आग में झोंक देते हैं जहाँ वह जल जाती हैं।
John UrduGeoD 15:7  अगर तुम मुझमें क़ायम रहो और मैं तुममें तो जो जी चाहे माँगो, वह तुमको दिया जाएगा।
John UrduGeoD 15:8  जब तुम बहुत-सा फल लाते और यों मेरे शागिर्द साबित होते हो तो इससे मेरे बाप को जलाल मिलता है।
John UrduGeoD 15:9  जिस तरह बाप ने मुझसे मुहब्बत रखी है उसी तरह मैंने तुमसे भी मुहब्बत रखी है। अब मेरी मुहब्बत में क़ायम रहो।
John UrduGeoD 15:10  जब तुम मेरे अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारते हो तो तुम मेरी मुहब्बत में क़ायम रहते हो। मैं भी इसी तरह अपने बाप के अहकाम के मुताबिक़ चलता हूँ और यों उस की मुहब्बत में क़ायम रहता हूँ।
John UrduGeoD 15:11  मैंने तुमको यह इसलिए बताया है ताकि मेरी ख़ुशी तुममें हो बल्कि तुम्हारा दिल ख़ुशी से भरकर छलक उठे।
John UrduGeoD 15:12  मेरा हुक्म यह है कि एक दूसरे को वैसे प्यार करो जैसे मैंने तुमको प्यार किया है।
John UrduGeoD 15:13  इससे बड़ी मुहब्बत है नहीं कि कोई अपने दोस्तों के लिए अपनी जान दे दे।
John UrduGeoD 15:14  तुम मेरे दोस्त हो अगर तुम वह कुछ करो जो मैं तुमको बताता हूँ।
John UrduGeoD 15:15  अब से मैं नहीं कहता कि तुम ग़ुलाम हो, क्योंकि ग़ुलाम नहीं जानता कि उसका मालिक क्या करता है। इसके बजाए मैंने कहा है कि तुम दोस्त हो, क्योंकि मैंने तुमको सब कुछ बताया है जो मैंने अपने बाप से सुना है।
John UrduGeoD 15:16  तुमने मुझे नहीं चुना बल्कि मैंने तुमको चुन लिया है। मैंने तुमको मुक़र्रर किया कि जाकर फल लाओ, ऐसा फल जो क़ायम रहे। फिर बाप तुमको वह कुछ देगा जो तुम मेरे नाम में माँगोगे।
John UrduGeoD 15:17  मेरा हुक्म यही है कि एक दूसरे से मुहब्बत रखो।
John UrduGeoD 15:18  अगर दुनिया तुमसे दुश्मनी रखे तो यह बात ज़हन में रखो कि उसने तुमसे पहले मुझसे दुश्मनी रखी है।
John UrduGeoD 15:19  अगर तुम दुनिया के होते तो दुनिया तुमको अपना समझकर प्यार करती। लेकिन तुम दुनिया के नहीं हो। मैंने तुमको दुनिया से अलग करके चुन लिया है। इसलिए दुनिया तुमसे दुश्मनी रखती है।
John UrduGeoD 15:20  वह बात याद करो जो मैंने तुमको बताई कि ग़ुलाम अपने मालिक से बड़ा नहीं होता। अगर उन्होंने मुझे सताया है तो तुम्हें भी सताएँगे। और अगर उन्होंने मेरे कलाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी तो वह तुम्हारी बातों पर भी अमल करेंगे।
John UrduGeoD 15:21  लेकिन तुम्हारे साथ जो कुछ भी करेंगे, मेरे नाम की वजह से करेंगे, क्योंकि वह उसे नहीं जानते जिसने मुझे भेजा है।
John UrduGeoD 15:22  अगर मैं आया न होता और उनसे बात न की होती तो वह क़ुसूरवार न ठहरते। लेकिन अब उनके गुनाह का कोई भी उज़्र बाक़ी नहीं रहा।
John UrduGeoD 15:23  जो मुझसे दुश्मनी रखता है वह मेरे बाप से भी दुश्मनी रखता है।
John UrduGeoD 15:24  अगर मैंने उनके दरमियान ऐसा काम न किया होता जो किसी और ने नहीं किया तो वह क़ुसूरवार न ठहरते। लेकिन अब उन्होंने सब कुछ देखा है और फिर भी मुझसे और मेरे बाप से दुश्मनी रखी है।
John UrduGeoD 15:25  और ऐसा होना भी था ताकि कलामे-मुक़द्दस की यह पेशगोई पूरी हो जाए कि ‘उन्होंने बिलावजह मुझसे कीना रखा है।’
John UrduGeoD 15:26  जब वह मददगार आएगा जिसे मैं बाप की तरफ़ से तुम्हारे पास भेजूँगा तो वह मेरे बारे में गवाही देगा। वह सच्चाई का रूह है जो बाप में से निकलता है।
John UrduGeoD 15:27  तुमको भी मेरे बारे में गवाही देना है, क्योंकि तुम इब्तिदा से मेरे साथ रहे हो।
Chapter 16
John UrduGeoD 16:1  मैंने तुमको यह इसलिए बताया है ताकि तुम गुमराह न हो जाओ।
John UrduGeoD 16:2  वह तुमको यहूदी जमातों से निकाल देंगे, बल्कि वह वक़्त भी आनेवाला है कि जो भी तुमको मार डालेगा वह समझेगा, ‘मैंने अल्लाह की ख़िदमत की है।’
John UrduGeoD 16:3  वह इस क़िस्म की हरकतें इसलिए करेंगे कि उन्होंने न बाप को जाना है, न मुझे।
John UrduGeoD 16:4  मैंने तुमको यह बातें इसलिए बताई हैं कि जब उनका वक़्त आ जाए तो तुमको याद आए कि मैंने तुम्हें आगाह कर दिया था। मैंने अब तक तुमको यह नहीं बताया क्योंकि मैं तुम्हारे साथ था।
John UrduGeoD 16:5  लेकिन अब मैं उसके पास जा रहा हूँ जिसने मुझे भेजा है। तो भी तुममें से कोई मुझसे नहीं पूछता, ‘आप कहाँ जा रहे हैं?’
John UrduGeoD 16:6  इसके बजाए तुम्हारे दिल ग़मज़दा हैं कि मैंने तुमको ऐसी बातें बताई हैं।
John UrduGeoD 16:7  लेकिन मैं तुमको सच बताता हूँ कि तुम्हारे लिए फ़ायदामंद है कि मैं जा रहा हूँ। अगर मैं न जाऊँ तो मददगार तुम्हारे पास नहीं आएगा। लेकिन अगर मैं जाऊँ तो मैं उसे तुम्हारे पास भेज दूँगा।
John UrduGeoD 16:8  और जब वह आएगा तो गुनाह, रास्तबाज़ी और अदालत के बारे में दुनिया की ग़लती को बेनिक़ाब करके यह ज़ाहिर करेगा :
John UrduGeoD 16:9  गुनाह के बारे में यह कि लोग मुझ पर ईमान नहीं रखते,
John UrduGeoD 16:10  रास्तबाज़ी के बारे में यह कि मैं बाप के पास जा रहा हूँ और तुम मुझे अब से नहीं देखोगे,
John UrduGeoD 16:11  और अदालत के बारे में यह कि इस दुनिया के हुक्मरान की अदालत हो चुकी है।
John UrduGeoD 16:12  मुझे तुमको मज़ीद बहुत कुछ बताना है, लेकिन इस वक़्त तुम उसे बरदाश्त नहीं कर सकते।
John UrduGeoD 16:13  जब सच्चाई का रूह आएगा तो वह पूरी सच्चाई की तरफ़ तुम्हारी राहनुमाई करेगा। वह अपनी मरज़ी से बात नहीं करेगा बल्कि सिर्फ़ वही कुछ कहेगा जो वह ख़ुद सुनेगा। वही तुमको मुस्तक़बिल के बारे में भी बताएगा।
John UrduGeoD 16:14  और वह इसमें मुझे जलाल देगा कि वह तुमको वही कुछ सुनाएगा जो उसे मुझसे मिला होगा।
John UrduGeoD 16:15  जो कुछ भी बाप का है वह मेरा है। इसलिए मैंने कहा, ‘रूह तुमको वही कुछ सुनाएगा जो उसे मुझसे मिला होगा।’
John UrduGeoD 16:16  थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे। फिर थोड़ी देर के बाद तुम मुझे दुबारा देख लोगे।”
John UrduGeoD 16:17  उसके कुछ शागिर्द आपस में बात करने लगे, “ईसा के यह कहने से क्या मुराद है कि ‘थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे, फिर थोड़ी देर के बाद मुझे दुबारा देख लोगे’? और इसका क्या मतलब है, ‘मैं बाप के पास जा रहा हूँ’?”
John UrduGeoD 16:18  और वह सोचते रहे, “यह किस क़िस्म की ‘थोड़ी देर’ है जिसका ज़िक्र वह कर रहे हैं? हम उनकी बात नहीं समझते।”
John UrduGeoD 16:19  ईसा ने जान लिया कि वह मुझसे इसके बारे में सवाल करना चाहते हैं। इसलिए उसने कहा, “क्या तुम एक दूसरे से पूछ रहे हो कि मेरी इस बात का क्या मतलब है कि ‘थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे, फिर थोड़ी देर के बाद मुझे दुबारा देख लोगे’?
John UrduGeoD 16:20  मैं तुमको सच बताता हूँ कि तुम रो रोकर मातम करोगे जबकि दुनिया ख़ुश होगी। तुम ग़म करोगे, लेकिन तुम्हारा ग़म ख़ुशी में बदल जाएगा।
John UrduGeoD 16:21  जब किसी औरत के बच्चा पैदा होनेवाला होता है तो उसे ग़म और तकलीफ़ होती है क्योंकि उसका वक़्त आ गया है। लेकिन ज्योंही बच्चा पैदा हो जाता है तो माँ ख़ुशी के मारे कि एक इनसान दुनिया में आ गया है अपनी तमाम मुसीबत भूल जाती है।
John UrduGeoD 16:22  यही तुम्हारी हालत है। क्योंकि अब तुम ग़मज़दा हो, लेकिन मैं तुमसे दुबारा मिलूँगा। उस वक़्त तुमको ख़ुशी होगी, ऐसी ख़ुशी जो तुमसे कोई छीन न लेगा।
John UrduGeoD 16:23  उस दिन तुम मुझसे कुछ नहीं पूछोगे। मैं तुमको सच बताता हूँ कि जो कुछ तुम मेरे नाम में बाप से माँगोगे वह तुमको देगा।
John UrduGeoD 16:24  अब तक तुमने मेरे नाम में कुछ नहीं माँगा। माँगो तो तुमको मिलेगा। फिर तुम्हारी ख़ुशी पूरी हो जाएगी।
John UrduGeoD 16:25  मैंने तुमको यह तमसीलों में बताया है। लेकिन एक दिन आएगा जब मैं ऐसा नहीं करूँगा। उस वक़्त मैं तमसीलों में बात नहीं करूँगा बल्कि तुमको बाप के बारे में साफ़ साफ़ बता दूँगा।
John UrduGeoD 16:26  उस दिन तुम मेरा नाम लेकर माँगोगे। मेरे कहने का मतलब यह नहीं कि मैं ही तुम्हारी ख़ातिर बाप से दरख़ास्त करूँगा।
John UrduGeoD 16:27  क्योंकि बाप ख़ुद तुमको प्यार करता है, इसलिए कि तुमने मुझे प्यार किया है और ईमान लाए हो कि मैं अल्लाह में से निकल आया हूँ।
John UrduGeoD 16:28  मैं बाप में से निकलकर दुनिया में आया हूँ। और अब मैं दुनिया को छोड़कर बाप के पास वापस जाता हूँ।”
John UrduGeoD 16:29  इस पर उसके शागिर्दों ने कहा, “अब आप तमसीलों में नहीं बल्कि साफ़ साफ़ बात कर रहे हैं।
John UrduGeoD 16:30  अब हमें समझ आई है कि आप सब कुछ जानते हैं और कि इसकी ज़रूरत नहीं कि कोई आपकी पूछ-गछ करे। इसलिए हम ईमान रखते हैं कि आप अल्लाह में से निकलकर आए हैं।”
John UrduGeoD 16:31  ईसा ने जवाब दिया, “अब तुम ईमान रखते हो?
John UrduGeoD 16:32  देखो, वह वक़्त आ रहा है बल्कि आ चुका है जब तुम तित्तर-बित्तर हो जाओगे। मुझे अकेला छोड़कर हर एक अपने घर चला जाएगा। तो भी मैं अकेला नहीं हूँगा क्योंकि बाप मेरे साथ है।
John UrduGeoD 16:33  मैंने तुमको इसलिए यह बात बताई ताकि तुम मुझमें सलामती पाओ। दुनिया में तुम मुसीबत में फँसे रहते हो। लेकिन हौसला रखो, मैं दुनिया पर ग़ालिब आया हूँ।”
Chapter 17
John UrduGeoD 17:1  यह कहकर ईसा ने अपनी नज़र आसमान की तरफ़ उठाई और दुआ की, “ऐ बाप, वक़्त आ गया है। अपने फ़रज़ंद को जलाल दे ताकि फ़रज़ंद तुझे जलाल दे।
John UrduGeoD 17:2  क्योंकि तूने उसे तमाम इनसानों पर इख़्तियार दिया है ताकि वह उन सबको अबदी ज़िंदगी दे जो तूने उसे दिए हैं।
John UrduGeoD 17:3  और अबदी ज़िंदगी यह है कि वह तुझे जान लें जो वाहिद और सच्चा ख़ुदा है और ईसा मसीह को भी जान लें जिसे तूने भेजा है।
John UrduGeoD 17:4  मैंने तुझे ज़मीन पर जलाल दिया और उस काम की तकमील की जिसकी ज़िम्मादारी तूने मुझे दी थी।
John UrduGeoD 17:5  और अब मुझे अपने हुज़ूर जलाल दे, ऐ बाप, वही जलाल जो मैं दुनिया की तख़लीक़ से पेशतर तेरे हुज़ूर रखता था।
John UrduGeoD 17:6  मैंने तेरा नाम उन लोगों पर ज़ाहिर किया जिन्हें तूने दुनिया से अलग करके मुझे दिया है। वह तेरे ही थे। तूने उन्हें मुझे दिया और उन्होंने तेरे कलाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी है।
John UrduGeoD 17:7  अब उन्होंने जान लिया है कि जो कुछ भी तूने मुझे दिया है वह तेरी तरफ़ से है।
John UrduGeoD 17:8  क्योंकि जो बातें तूने मुझे दीं मैंने उन्हें दी हैं। नतीजे में उन्होंने यह बातें क़बूल करके हक़ीक़ी तौर पर जान लिया कि मैं तुझमें से निकलकर आया हूँ। साथ साथ वह ईमान भी लाए कि तूने मुझे भेजा है।
John UrduGeoD 17:9  मैं उनके लिए दुआ करता हूँ, दुनिया के लिए नहीं बल्कि उनके लिए जिन्हें तूने मुझे दिया है, क्योंकि वह तेरे ही हैं।
John UrduGeoD 17:10  जो भी मेरा है वह तेरा है और जो तेरा है वह मेरा है। चुनाँचे मुझे उनमें जलाल मिला है।
John UrduGeoD 17:11  अब से मैं दुनिया में नहीं हूँगा। लेकिन यह दुनिया में रह गए हैं जबकि मैं तेरे पास आ रहा हूँ। क़ुद्दूस बाप, अपने नाम में उन्हें महफ़ूज़ रख, उस नाम में जो तूने मुझे दिया है, ताकि वह एक हों जैसे हम एक हैं।
John UrduGeoD 17:12  जितनी देर मैं उनके साथ रहा मैंने उन्हें तेरे नाम में महफ़ूज़ रखा, उसी नाम में जो तूने मुझे दिया था। मैंने यों उनकी निगहबानी की कि उनमें से एक भी हलाक नहीं हुआ सिवाए हलाकत के फ़रज़ंद के। यों कलाम की पेशगोई पूरी हुई।
John UrduGeoD 17:13  अब तो मैं तेरे पास आ रहा हूँ। लेकिन मैं दुनिया में होते हुए यह बयान कर रहा हूँ ताकि उनके दिल मेरी ख़ुशी से भरकर छलक उठें।
John UrduGeoD 17:14  मैंने उन्हें तेरा कलाम दिया है और दुनिया ने उनसे दुश्मनी रखी, क्योंकि यह दुनिया के नहीं हैं, जिस तरह मैं भी दुनिया का नहीं हूँ।
John UrduGeoD 17:15  मेरी दुआ यह नहीं है कि तू उन्हें दुनिया से उठा ले बल्कि यह कि उन्हें इबलीस से महफ़ूज़ रखे।
John UrduGeoD 17:16  वह दुनिया के नहीं हैं जिस तरह मैं भी दुनिया का नहीं हूँ।
John UrduGeoD 17:17  उन्हें सच्चाई के वसीले से मख़सूसो-मुक़द्दस कर। तेरा कलाम ही सच्चाई है।
John UrduGeoD 17:18  जिस तरह तूने मुझे दुनिया में भेजा है उसी तरह मैंने भी उन्हें दुनिया में भेजा है।
John UrduGeoD 17:19  उनकी ख़ातिर मैं अपने आपको मख़सूस करता हूँ, ताकि उन्हें भी सच्चाई के वसीले से मख़सूसो-मुक़द्दस किया जाए।
John UrduGeoD 17:20  मेरी दुआ न सिर्फ़ इन्हीं के लिए है, बल्कि उन सबके लिए भी जो इनका पैग़ाम सुनकर मुझ पर ईमान लाएँगे
John UrduGeoD 17:21  ताकि सब एक हों। जिस तरह तू ऐ बाप, मुझमें है और मैं तुझमें हूँ उसी तरह वह भी हममें हों ताकि दुनिया यक़ीन करे कि तूने मुझे भेजा है।
John UrduGeoD 17:22  मैंने उन्हें वह जलाल दिया है जो तूने मुझे दिया है ताकि वह एक हों जिस तरह हम एक हैं,
John UrduGeoD 17:23  मैं उनमें और तू मुझमें। वह कामिल तौर पर एक हों ताकि दुनिया जान ले कि तूने मुझे भेजा और कि तूने उनसे मुहब्बत रखी है जिस तरह मुझसे रखी है।
John UrduGeoD 17:24  ऐ बाप, मैं चाहता हूँ कि जो तूने मुझे दिए हैं वह भी मेरे साथ हों, वहाँ जहाँ मैं हूँ, कि वह मेरे जलाल को देखें, वह जलाल जो तूने इसलिए मुझे दिया है कि तूने मुझे दुनिया की तख़लीक़ से पेशतर प्यार किया है।
John UrduGeoD 17:25  ऐ रास्त बाप, दुनिया तुझे नहीं जानती, लेकिन मैं तुझे जानता हूँ। और यह शागिर्द जानते हैं कि तूने मुझे भेजा है।
John UrduGeoD 17:26  मैंने तेरा नाम उन पर ज़ाहिर किया और इसे ज़ाहिर करता रहूँगा ताकि तेरी मुझसे मुहब्बत उनमें हो और मैं उनमें हूँ।”
Chapter 18
John UrduGeoD 18:1  यह कहकर ईसा अपने शागिर्दों के साथ निकला और वादीए-क़िदरोन को पार करके एक बाग़ में दाख़िल हुआ।
John UrduGeoD 18:2  यहूदाह जो उसे दुश्मन के हवाले करनेवाला था वह भी इस जगह से वाक़िफ़ था, क्योंकि ईसा वहाँ अपने शागिर्दों के साथ जाया करता था।
John UrduGeoD 18:3  राहनुमा इमामों और फ़रीसियों ने यहूदाह को रोमी फ़ौजियों का दस्ता और बैतुल-मुक़द्दस के कुछ पहरेदार दिए थे। अब यह मशालें, लालटैन और हथियार लिए बाग़ में पहुँचे।
John UrduGeoD 18:4  ईसा को मालूम था कि उसे क्या पेश आएगा। चुनाँचे उसने निकलकर उनसे पूछा, “तुम किस को ढूँड रहे हो?”
John UrduGeoD 18:5  उन्होंने जवाब दिया, “ईसा नासरी को।” ईसा ने उन्हें बताया, “मैं ही हूँ।” यहूदाह जो उसे दुश्मन के हवाले करना चाहता था, वह भी उनके साथ खड़ा था।
John UrduGeoD 18:6  जब ईसा ने एलान किया, “मैं ही हूँ,” तो सब पीछे हटकर ज़मीन पर गिर पड़े।
John UrduGeoD 18:7  एक और बार ईसा ने उनसे सवाल किया, “तुम किस को ढूँड रहे हो?” उन्होंने जवाब दिया, “ईसा नासरी को।”
John UrduGeoD 18:8  उसने कहा, “मैं तुमको बता चुका हूँ कि मैं ही हूँ। अगर तुम मुझे ढूँड रहे हो तो इनको जाने दो।”
John UrduGeoD 18:9  यों उस की यह बात पूरी हुई, “मैंने उनमें से जो तूने मुझे दिए हैं एक को भी नहीं खोया।”
John UrduGeoD 18:10  शमौन पतरस के पास तलवार थी। अब उसने उसे मियान से निकालकर इमामे-आज़म के ग़ुलाम का दहना कान उड़ा दिया (ग़ुलाम का नाम मलख़ुस था)।
John UrduGeoD 18:11  लेकिन ईसा ने पतरस से कहा, “तलवार को मियान में रख। क्या मैं वह प्याला न पियूँ जो बाप ने मुझे दिया है?”
John UrduGeoD 18:12  फिर फ़ौजी दस्ते, उनके अफ़सर और बैतुल-मुक़द्दस के यहूदी पहरेदारों ने ईसा को गिरिफ़्तार करके बाँध लिया।
John UrduGeoD 18:13  पहले वह उसे हन्ना के पास ले गए। हन्ना उस साल के इमामे-आज़म कायफ़ा का सुसर था।
John UrduGeoD 18:14  कायफ़ा ही ने यहूदियों को यह मशवरा दिया था कि बेहतर यह है कि एक ही आदमी उम्मत के लिए मर जाए।
John UrduGeoD 18:15  शमौन पतरस किसी और शागिर्द के साथ ईसा के पीछे हो लिया था। यह दूसरा शागिर्द इमामे-आज़म का जाननेवाला था, इसलिए वह ईसा के साथ इमामे-आज़म के सहन में दाख़िल हुआ।
John UrduGeoD 18:16  पतरस बाहर दरवाज़े पर खड़ा रहा। फिर इमामे-आज़म का जाननेवाला शागिर्द दुबारा निकल आया। उसने गेट की निगरानी करनेवाली औरत से बात की तो उसे पतरस को अपने साथ अंदर ले जाने की इजाज़त मिली।
John UrduGeoD 18:17  उस औरत ने पतरस से पूछा, “तुम भी इस आदमी के शागिर्द हो कि नहीं?” उसने जवाब दिया, “नहीं, मैं नहीं हूँ।”
John UrduGeoD 18:18  ठंड थी, इसलिए ग़ुलामों और पहरेदारों ने लकड़ी के कोयलों से आग जलाई। अब वह उसके पास खड़े ताप रहे थे। पतरस भी उनके साथ खड़ा ताप रहा था।
John UrduGeoD 18:19  इतने में इमामे-आज़म ईसा की पूछ-गछ करके उसके शागिर्दों और तालीम के बारे में तफ़तीश करने लगा।
John UrduGeoD 18:20  ईसा ने जवाब में कहा, “मैंने दुनिया में खुलकर बात की है। मैं हमेशा यहूदी इबादतख़ानों और बैतुल-मुक़द्दस में तालीम देता रहा, वहाँ जहाँ तमाम यहूदी जमा हुआ करते हैं। पोशीदगी में तो मैंने कुछ नहीं कहा।
John UrduGeoD 18:21  आप मुझसे क्यों पूछ रहे हैं? उनसे दरियाफ़्त करें जिन्होंने मेरी बातें सुनी हैं। उनको मालूम है कि मैंने क्या कुछ कहा है।”
John UrduGeoD 18:22  इस पर साथ खड़े बैतुल-मुक़द्दस के पहरेदारों में से एक ने ईसा के मुँह पर थप्पड़ मारकर कहा, “क्या यह इमामे-आज़म से बात करने का तरीक़ा है जब वह तुमसे कुछ पूछे?”
John UrduGeoD 18:23  ईसा ने जवाब दिया, “अगर मैंने बुरी बात की है तो साबित कर। लेकिन अगर सच कहा, तो तूने मुझे क्यों मारा?”
John UrduGeoD 18:24  फिर हन्ना ने ईसा को बँधी हुई हालत में इमामे-आज़म कायफ़ा के पास भेज दिया।
John UrduGeoD 18:25  शमौन पतरस अब तक आग के पास खड़ा ताप रहा था। इतने में दूसरे उससे पूछने लगे, “तुम भी उसके शागिर्द हो कि नहीं?” लेकिन पतरस ने इनकार किया, “नहीं, मैं नहीं हूँ।”
John UrduGeoD 18:26  फिर इमामे-आज़म का एक ग़ुलाम बोल उठा जो उस आदमी का रिश्तेदार था जिसका कान पतरस ने उड़ा दिया था, “क्या मैंने तुमको बाग़ में उसके साथ नहीं देखा था?”
John UrduGeoD 18:27  पतरस ने एक बार फिर इनकार किया, और इनकार करते ही मुरग़ की बाँग सुनाई दी।
John UrduGeoD 18:28  फिर यहूदी ईसा को कायफ़ा से लेकर रोमी गवर्नर के महल बनाम प्रैटोरियुम के पास पहुँच गए। अब सुबह हो चुकी थी और चूँकि यहूदी फ़सह की ईद के खाने में शरीक होना चाहते थे, इसलिए वह महल में दाख़िल न हुए, वरना वह नापाक हो जाते।
John UrduGeoD 18:29  चुनाँचे पीलातुस निकलकर उनके पास आया और पूछा, “तुम इस आदमी पर क्या इलज़ाम लगा रहे हो?”
John UrduGeoD 18:30  उन्होंने जवाब दिया, “अगर यह मुजरिम न होता तो हम इसे आपके हवाले न करते।”
John UrduGeoD 18:31  पीलातुस ने कहा, “फिर इसे ले जाओ और अपनी शरई अदालतों में पेश करो।” लेकिन यहूदियों ने एतराज़ किया, “हमें किसी को सज़ाए-मौत देने की इजाज़त नहीं।”
John UrduGeoD 18:32  ईसा ने इस तरफ़ इशारा किया था कि वह किस तरह मरेगा और अब उस की यह बात पूरी हुई।
John UrduGeoD 18:33  तब पीलातुस फिर अपने महल में गया। वहाँ से उसने ईसा को बुलाया और उससे पूछा, “क्या तुम यहूदियों के बादशाह हो?”
John UrduGeoD 18:34  ईसा ने पूछा, “क्या आप अपनी तरफ़ से यह सवाल कर रहे हैं, या औरों ने आपको मेरे बारे में बताया है?”
John UrduGeoD 18:35  पीलातुस ने जवाब दिया, “क्या मैं यहूदी हूँ? तुम्हारी अपनी क़ौम और राहनुमा इमामों ही ने तुम्हें मेरे हवाले किया है। तुमसे क्या कुछ सरज़द हुआ है?”
John UrduGeoD 18:36  ईसा ने कहा, “मेरी बादशाही इस दुनिया की नहीं है। अगर वह इस दुनिया की होती तो मेरे ख़ादिम सख़्त जिद्दो-जहद करते ताकि मुझे यहूदियों के हवाले न किया जाता। लेकिन ऐसा नहीं है। अब मेरी बादशाही यहाँ की नहीं है।”
John UrduGeoD 18:37  पीलातुस ने कहा, “तो फिर तुम वाक़ई बादशाह हो?” ईसा ने जवाब दिया, “आप सहीह कहते हैं, मैं बादशाह हूँ। मैं इसी मक़सद के लिए पैदा होकर दुनिया में आया कि सच्चाई की गवाही दूँ। जो भी सच्चाई की तरफ़ से है वह मेरी सुनता है।”
John UrduGeoD 18:38  पीलातुस ने पूछा, “सच्चाई क्या है?” फिर वह दुबारा निकलकर यहूदियों के पास गया। उसने एलान किया, “मुझे उसे मुजरिम ठहराने की कोई वजह नहीं मिली।
John UrduGeoD 18:39  लेकिन तुम्हारी एक रस्म है जिसके मुताबिक़ मुझे ईदे-फ़सह के मौक़े पर तुम्हारे लिए एक क़ैदी को रिहा करना है। क्या तुम चाहते हो कि मैं ‘यहूदियों के बादशाह’ को रिहा कर दूँ?”
John UrduGeoD 18:40  लेकिन जवाब में लोग चिल्लाने लगे, “नहीं, इसको नहीं बल्कि बर-अब्बा को।” (बर-अब्बा डाकू था।)
Chapter 19
John UrduGeoD 19:1  फिर पीलातुस ने ईसा को कोड़े लगवाए।
John UrduGeoD 19:2  फ़ौजियों ने काँटेदार टहनियों का एक ताज बनाकर उसके सर पर रख दिया। उन्होंने उसे अरग़वानी रंग का लिबास भी पहनाया।
John UrduGeoD 19:3  फिर उसके सामने आकर वह कहते, “ऐ यहूदियों के बादशाह, आदाब!” और उसे थप्पड़ मारते थे।
John UrduGeoD 19:4  एक बार फिर पीलातुस निकल आया और यहूदियों से बात करने लगा, “देखो, मैं इसे तुम्हारे पास बाहर ला रहा हूँ ताकि तुम जान लो कि मुझे इसे मुजरिम ठहराने की कोई वजह नहीं मिली।”
John UrduGeoD 19:5  फिर ईसा काँटेदार ताज और अरग़वानी रंग का लिबास पहने बाहर आया। पीलातुस ने उनसे कहा, “लो यह है वह आदमी।”
John UrduGeoD 19:6  उसे देखते ही राहनुमा इमाम और उनके मुलाज़िम चीख़ने लगे, “इसे मसलूब करें, इसे मसलूब करें!” पीलातुस ने उनसे कहा, “तुम ही इसे ले जाकर मसलूब करो। क्योंकि मुझे इसे मुजरिम ठहराने की कोई वजह नहीं मिली।”
John UrduGeoD 19:7  यहूदियों ने इसरार किया, “हमारे पास शरीअत है और इस शरीअत के मुताबिक़ लाज़िम है कि वह मारा जाए। क्योंकि इसने अपने आपको अल्लाह का फ़रज़ंद क़रार दिया है।”
John UrduGeoD 19:8  यह सुनकर पीलातुस मज़ीद डर गया।
John UrduGeoD 19:9  दुबारा महल में जाकर ईसा से पूछा, “तुम कहाँ से आए हो?” लेकिन ईसा ख़ामोश रहा।
John UrduGeoD 19:10  पीलातुस ने उससे कहा, “अच्छा, तुम मेरे साथ बात नहीं करते? क्या तुम्हें मालूम नहीं कि मुझे तुम्हें रिहा करने और मसलूब करने का इख़्तियार है?”
John UrduGeoD 19:11  ईसा ने जवाब दिया, “आपको मुझ पर इख़्तियार न होता अगर वह आपको ऊपर से न दिया गया होता। इस वजह से उस शख़्स से ज़्यादा संगीन गुनाह हुआ है जिसने मुझे दुश्मन के हवाले कर दिया है।”
John UrduGeoD 19:12  इसके बाद पीलातुस ने उसे आज़ाद करने की कोशिश की। लेकिन यहूदी चीख़ चीख़कर कहने लगे, “अगर आप इसे रिहा करें तो आप रोमी शहनशाह क़ैसर के दोस्त साबित नहीं होंगे। जो भी बादशाह होने का दावा करे वह शहनशाह की मुख़ालफ़त करता है।”
John UrduGeoD 19:13  इस तरह की बातें सुनकर पीलातुस ईसा को बाहर ले आया। फिर वह जज की कुरसी पर बैठ गया। उस जगह का नाम “पच्चीकारी” था। (अरामी ज़बान में वह गब्बता कहलाती थी।)
John UrduGeoD 19:14  अब दोपहर के तक़रीबन बारह बज गए थे। उस दिन ईद के लिए तैयारियाँ की जाती थीं, क्योंकि अगले दिन ईद का आग़ाज़ था। पीलातुस बोल उठा, “लो, तुम्हारा बादशाह!”
John UrduGeoD 19:15  लेकिन वह चिल्लाते रहे, “ले जाएँ इसे, ले जाएँ! इसे मसलूब करें!” पीलातुस ने सवाल किया, “क्या मैं तुम्हारे बादशाह को सलीब पर चढ़ाऊँ?” राहनुमा इमामों ने जवाब दिया, “सिवाए शहनशाह के हमारा कोई बादशाह नहीं है।”
John UrduGeoD 19:16  फिर पीलातुस ने ईसा को उनके हवाले कर दिया ताकि उसे मसलूब किया जाए। चुनाँचे वह ईसा को लेकर चले गए।
John UrduGeoD 19:17  वह अपनी सलीब उठाए शहर से निकला और उस जगह पहुँचा जिसका नाम खोपड़ी (अरामी ज़बान में गुलगुता) था।
John UrduGeoD 19:18  वहाँ उन्होंने उसे सलीब पर चढ़ा दिया। साथ साथ उन्होंने उसके बाएँ और दाएँ हाथ दो और आदमियों को मसलूब किया।
John UrduGeoD 19:19  पीलातुस ने एक तख़्ती बनवाकर उसे ईसा की सलीब पर लगवा दिया। तख़्ती पर लिखा था, ‘ईसा नासरी, यहूदियों का बादशाह।’
John UrduGeoD 19:20  बहुत-से यहूदियों ने यह पढ़ लिया, क्योंकि मसलूबियत का मक़ाम शहर के क़रीब था और यह जुमला अरामी, लातीनी और यूनानी ज़बानों में लिखा था।
John UrduGeoD 19:21  यह देखकर यहूदियों के राहनुमा इमामों ने एतराज़ किया, “‘यहूदियों का बादशाह’ न लिखें बल्कि यह कि ‘इस आदमी ने यहूदियों का बादशाह होने का दावा किया’।”
John UrduGeoD 19:22  पीलातुस ने जवाब दिया, “जो कुछ मैंने लिख दिया सो लिख दिया।”
John UrduGeoD 19:23  ईसा को सलीब पर चढ़ाने के बाद फ़ौजियों ने उसके कपड़े लेकर चार हिस्सों में बाँट लिए, हर फ़ौजी के लिए एक हिस्सा। लेकिन चोग़ा बेजोड़ था। वह ऊपर से लेकर नीचे तक बुना हुआ एक ही टुकड़े का था।
John UrduGeoD 19:24  इसलिए फ़ौजियों ने कहा, “आओ, इसे फाड़कर तक़सीम न करें बल्कि इस पर क़ुरा डालें।” यों कलामे-मुक़द्दस की यह पेशगोई पूरी हुई, “उन्होंने आपस में मेरे कपड़े बाँट लिए और मेरे लिबास पर क़ुरा डाला।” फ़ौजियों ने यही कुछ किया।
John UrduGeoD 19:25  कुछ ख़वातीन भी ईसा की सलीब के क़रीब खड़ी थीं : उस की माँ, उस की ख़ाला, क्लोपास की बीवी मरियम और मरियम मग्दलीनी।
John UrduGeoD 19:26  जब ईसा ने अपनी माँ को उस शागिर्द के साथ खड़े देखा जो उसे प्यारा था तो उसने कहा, “ऐ ख़ातून, देखें आपका बेटा यह है।”
John UrduGeoD 19:27  और उस शागिर्द से उसने कहा, “देख, तेरी माँ यह है।” उस वक़्त से उस शागिर्द ने ईसा की माँ को अपने घर रखा।
John UrduGeoD 19:28  इसके बाद जब ईसा ने जान लिया कि मेरा मिशन तकमील तक पहुँच चुका है तो उसने कहा, “मुझे प्यास लगी है।” (इससे भी कलामे-मुक़द्दस की एक पेशगोई पूरी हुई।)
John UrduGeoD 19:29  क़रीब मै के सिरके से भरा बरतन पड़ा था। उन्होंने एक इस्पंज सिरके में डुबोकर उसे ज़ूफ़े की शाख़ पर लगा दिया और उठाकर ईसा के मुँह तक पहुँचाया।
John UrduGeoD 19:30  यह सिरका पीने के बाद ईसा बोल उठा, “काम मुकम्मल हो गया है।” और सर झुकाकर उसने अपनी जान अल्लाह के सुपुर्द कर दी।
John UrduGeoD 19:31  फ़सह की तैयारी का दिन था और अगले दिन ईद का आग़ाज़ और एक ख़ास सबत था। इसलिए यहूदी नहीं चाहते थे कि मसलूब हुई लाशें अगले दिन तक सलीबों पर लटकी रहें। चुनाँचे उन्होंने पीलातुस से गुज़ारिश की कि वह उनकी टाँगें तुड़वाकर उन्हें सलीबों से उतारने दे।
John UrduGeoD 19:32  तब फ़ौजियों ने आकर ईसा के साथ मसलूब किए जानेवाले आदमियों की टाँगें तोड़ दीं, पहले एक की फिर दूसरे की।
John UrduGeoD 19:33  जब वह ईसा के पास आए तो उन्होंने देखा कि वह फ़ौत हो चुका है, इसलिए उन्होंने उस की टाँगें न तोड़ीं।
John UrduGeoD 19:34  इसके बजाए एक ने नेज़े से ईसा का पहलू छेद दिया। ज़ख़म से फ़ौरन ख़ून और पानी बह निकला।
John UrduGeoD 19:35  (जिसने यह देखा है उसने गवाही दी है और उस की गवाही सच्ची है। वह जानता है कि वह हक़ीक़त बयान कर रहा है और उस की गवाही का मक़सद यह है कि आप भी ईमान लाएँ।)
John UrduGeoD 19:36  यह यों हुआ ताकि कलामे-मुक़द्दस की यह पेशगोई पूरी हो जाए, “उस की एक हड्डी भी तोड़ी नहीं जाएगी।”
John UrduGeoD 19:37  कलामे-मुक़द्दस में यह भी लिखा है, “वह उस पर नज़र डालेंगे जिसे उन्होंने छेदा है।”
John UrduGeoD 19:38  बाद में अरिमतियाह के रहनेवाले यूसुफ़ ने पीलातुस से ईसा की लाश उतारने की इजाज़त माँगी। (यूसुफ़ ईसा का ख़ुफ़िया शागिर्द था, क्योंकि वह यहूदियों से डरता था।) इसकी इजाज़त मिलने पर वह आया और लाश को उतार लिया।
John UrduGeoD 19:39  नीकुदेमुस भी साथ था, वह आदमी जो गुज़रे दिनों में रात के वक़्त ईसा से मिलने आया था। नीकुदेमुस अपने साथ मुर और ऊद की तक़रीबन 34 किलोग्राम ख़ुशबू लेकर आया था।
John UrduGeoD 19:40  यहूदी जनाज़े की रुसूमात के मुताबिक़ उन्होंने लाश पर ख़ुशबू लगाकर उसे पट्टियों से लपेट दिया।
John UrduGeoD 19:41  सलीबों के क़रीब एक बाग़ था और बाग़ में एक नई क़ब्र थी जो अब तक इस्तेमाल नहीं की गई थी।
John UrduGeoD 19:42  उसके क़रीब होने के सबब से उन्होंने ईसा को उसमें रख दिया, क्योंकि फ़सह की तैयारी का दिन था और अगले दिन ईद का आग़ाज़ था।
Chapter 20
John UrduGeoD 20:1  हफ़ते का दिन गुज़र गया तो इतवार को मरियम मग्दलीनी सुबह-सवेरे क़ब्र के पास आई। अभी अंधेरा था। वहाँ पहुँचकर उसने देखा कि क़ब्र के मुँह पर का पत्थर एक तरफ़ हटाया गया है।
John UrduGeoD 20:2  मरियम दौड़कर शमौन पतरस और ईसा को प्यारे शागिर्द के पास आई। उसने इत्तला दी, “वह ख़ुदावंद को क़ब्र से ले गए हैं, और हमें मालूम नहीं कि उन्होंने उसे कहाँ रख दिया है।”
John UrduGeoD 20:3  तब पतरस दूसरे शागिर्द समेत क़ब्र की तरफ़ चल पड़ा।
John UrduGeoD 20:4  दोनों दौड़ रहे थे, लेकिन दूसरा शागिर्द ज़्यादा तेज़रफ़्तार था। वह पहले क़ब्र पर पहुँच गया।
John UrduGeoD 20:5  उसने झुककर अंदर झाँका तो कफ़न की पट्टियाँ वहाँ पड़ी नज़र आईं। लेकिन वह अंदर न गया।
John UrduGeoD 20:6  फिर शमौन पतरस उसके पीछे पहुँचकर क़ब्र में दाख़िल हुआ। उसने भी देखा कि कफ़न की पट्टियाँ वहाँ पड़ी हैं
John UrduGeoD 20:7  और साथ वह कपड़ा भी जिसमें ईसा का सर लिपटा हुआ था। यह कपड़ा तह किया गया था और पट्टियों से अलग पड़ा था।
John UrduGeoD 20:8  फिर दूसरा शागिर्द जो पहले पहुँच गया था, वह भी दाख़िल हुआ। जब उसने यह देखा तो वह ईमान लाया।
John UrduGeoD 20:9  (लेकिन अब भी वह कलामे-मुक़द्दस की यह पेशगोई नहीं समझते थे कि उसे मुरदों में से जी उठना है।)
John UrduGeoD 20:10  फिर दोनों शागिर्द घर वापस चले गए।
John UrduGeoD 20:11  लेकिन मरियम रो रोकर क़ब्र के सामने खड़ी रही। और रोते हुए उसने झुककर क़ब्र में झाँका
John UrduGeoD 20:12  तो क्या देखती है कि दो फ़रिश्ते सफ़ेद लिबास पहने हुए वहाँ बैठे हैं जहाँ पहले ईसा की लाश पड़ी थी, एक उसके सिरहाने और दूसरा वहाँ जहाँ पहले उसके पाँव थे।
John UrduGeoD 20:13  उन्होंने मरियम से पूछा, “ऐ ख़ातून, तू क्यों रो रही है?” उसने कहा, “वह मेरे ख़ुदावंद को ले गए हैं, और मालूम नहीं कि उन्होंने उसे कहाँ रख दिया है।”
John UrduGeoD 20:14  फिर उसने पीछे मुड़कर ईसा को वहाँ खड़े देखा, लेकिन उसने उसे न पहचाना।
John UrduGeoD 20:15  ईसा ने पूछा, “ऐ ख़ातून, तू क्यों रो रही है, किस को ढूँड रही है?” यह सोचकर कि वह माली है उसने कहा, “जनाब, अगर आप उसे ले गए हैं तो मुझे बता दें कि उसे कहाँ रख दिया है ताकि उसे ले जाऊँ।”
John UrduGeoD 20:16  ईसा ने उससे कहा, “मरियम!” वह उस की तरफ़ मुड़ी और बोल उठी, “रब्ब्बूनी!” (इसका मतलब अरामी ज़बान में उस्ताद है।)
John UrduGeoD 20:17  ईसा ने कहा, “मेरे साथ चिमटी न रह, क्योंकि अभी मैं ऊपर, बाप के पास नहीं गया। लेकिन भाइयों के पास जा और उन्हें बता, ‘मैं अपने बाप और तुम्हारे बाप के पास वापस जा रहा हूँ, अपने ख़ुदा और तुम्हारे ख़ुदा के पास’।”
John UrduGeoD 20:18  चुनाँचे मरियम मग्दलीनी शागिर्दों के पास गई और उन्हें इत्तला दी, “मैंने ख़ुदावंद को देखा है और उसने मुझसे यह बातें कहीं।”
John UrduGeoD 20:19  उस इतवार की शाम को शागिर्द जमा थे। उन्होंने दरवाज़ों पर ताले लगा दिए थे क्योंकि वह यहूदियों से डरते थे। अचानक ईसा उनके दरमियान आ खड़ा हुआ और कहा, “तुम्हारी सलामती हो,”
John UrduGeoD 20:20  और उन्हें अपने हाथों और पहलू को दिखाया। ख़ुदावंद को देखकर वह निहायत ख़ुश हुए।
John UrduGeoD 20:21  ईसा ने दुबारा कहा, “तुम्हारी सलामती हो! जिस तरह बाप ने मुझे भेजा उसी तरह मैं तुमको भेज रहा हूँ।”
John UrduGeoD 20:22  फिर उन पर फूँककर उसने फ़रमाया, “रूहुल-क़ुद्स को पा लो।
John UrduGeoD 20:23  अगर तुम किसी के गुनाहों को मुआफ़ करो तो वह मुआफ़ किए जाएंगे। और अगर तुम उन्हें मुआफ़ न करो तो वह मुआफ़ नहीं किए जाएंगे।”
John UrduGeoD 20:24  बारह शागिर्दों में से तोमा जिसका लक़ब जुड़वाँ था ईसा के आने पर मौजूद न था।
John UrduGeoD 20:25  चुनाँचे दूसरे शागिर्दों ने उसे बताया, “हमने ख़ुदावंद को देखा है!” लेकिन तोमा ने कहा, “मुझे यक़ीन नहीं आता। पहले मुझे उसके हाथों में कीलों के निशान नज़र आएँ और मैं उनमें अपनी उँगली डालूँ, पहले मैं अपने हाथ को उसके पहलू के ज़ख़म में डालूँ। फिर ही मुझे यक़ीन आएगा।”
John UrduGeoD 20:26  एक हफ़ता गुज़र गया। शागिर्द दुबारा मकान में जमा थे। इस मरतबा तोमा भी साथ था। अगरचे दरवाज़ों पर ताले लगे थे फिर भी ईसा उनके दरमियान आकर खड़ा हुआ। उसने कहा, “तुम्हारी सलामती हो!”
John UrduGeoD 20:27  फिर वह तोमा से मुख़ातिब हुआ, “अपनी उँगली को मेरे हाथों और अपने हाथ को मेरे पहलू के ज़ख़म में डाल और बेएतक़ाद न हो बल्कि ईमान रख।”
John UrduGeoD 20:28  तोमा ने जवाब में उससे कहा, “ऐ मेरे ख़ुदावंद! ऐ मेरे ख़ुदा!”
John UrduGeoD 20:29  फिर ईसा ने उसे बताया, “क्या तू इसलिए ईमान लाया है कि तूने मुझे देखा है? मुबारक हैं वह जो मुझे देखे बग़ैर मुझ पर ईमान लाते हैं।”
John UrduGeoD 20:30  ईसा ने अपने शागिर्दों की मौजूदगी में मज़ीद बहुत-से ऐसे इलाही निशान दिखाए जो इस किताब में दर्ज नहीं हैं।
John UrduGeoD 20:31  लेकिन जितने दर्ज हैं उनका मक़सद यह है कि आप ईमान लाएँ कि ईसा ही मसीह यानी अल्लाह का फ़रज़ंद है और आपको इस ईमान के वसीले से उसके नाम से ज़िंदगी हासिल हो।
Chapter 21
John UrduGeoD 21:1  इसके बाद ईसा एक बार फिर अपने शागिर्दों पर ज़ाहिर हुआ जब वह तिबरियास यानी गलील की झील पर थे। यह यों हुआ।
John UrduGeoD 21:2  कुछ शागिर्द शमौन पतरस के साथ जमा थे, तोमा जो जुड़वाँ कहलाता था, नतनेल जो गलील के क़ाना से था, ज़बदी के दो बेटे और मज़ीद दो शागिर्द।
John UrduGeoD 21:3  शमौन पतरस ने कहा, “मैं मछली पकड़ने जा रहा हूँ।” दूसरों ने कहा, “हम भी साथ जाएंगे।” चुनाँचे वह निकलकर कश्ती पर सवार हुए। लेकिन उस पूरी रात एक भी मछली हाथ न आई।
John UrduGeoD 21:4  सुबह-सवेरे ईसा झील के किनारे पर आ खड़ा हुआ। लेकिन शागिर्दों को मालूम नहीं था कि वह ईसा ही है।
John UrduGeoD 21:5  उसने उनसे पूछा, “बच्चो, क्या तुम्हें खाने के लिए कुछ मिल गया?” उन्होंने जवाब दिया, “नहीं।”
John UrduGeoD 21:6  उसने कहा, “अपना जाल कश्ती के दाएँ हाथ डालो, फिर तुमको कुछ मिलेगा।” उन्होंने ऐसा किया तो मछलियों की इतनी बड़ी तादाद थी कि वह जाल कश्ती तक न ला सके।
John UrduGeoD 21:7  इस पर ख़ुदावंद के प्यारे शागिर्द ने पतरस से कहा, “यह तो ख़ुदावंद है।” यह सुनते ही कि ख़ुदावंद है शमौन पतरस अपनी चादर ओढ़कर पानी में कूद पड़ा (उसने चादर को काम करने के लिए उतार लिया था।)
John UrduGeoD 21:8  दूसरे शागिर्द कश्ती पर सवार उसके पीछे आए। वह किनारे से ज़्यादा दूर नहीं थे, तक़रीबन सौ मीटर के फ़ासले पर थे। इसलिए वह मछलियों से भरे जाल को पानी में खींच खींचकर ख़ुश्की तक लाए।
John UrduGeoD 21:9  जब वह कश्ती से उतरे तो देखा कि लकड़ी के कोयलों की आग पर मछलियाँ भुनी जा रही हैं और साथ रोटी भी है।
John UrduGeoD 21:10  ईसा ने उनसे कहा, “उन मछलियों में से कुछ ले आओ जो तुमने अभी पकड़ी हैं।”
John UrduGeoD 21:11  शमौन पतरस कश्ती पर गया और जाल को ख़ुश्की पर घसीट लाया। यह जाल 153 बड़ी मछलियों से भरा हुआ था, तो भी वह न फटा।
John UrduGeoD 21:12  ईसा ने उनसे कहा, “आओ, नाश्ता कर लो।” किसी भी शागिर्द ने सवाल करने की जुर्रत न की कि “आप कौन हैं?” क्योंकि वह तो जानते थे कि यह ख़ुदावंद ही है।
John UrduGeoD 21:13  फिर ईसा आया और रोटी लेकर उन्हें दी और इसी तरह मछली भी उन्हें खिलाई।
John UrduGeoD 21:14  ईसा के जी उठने के बाद यह तीसरी बार थी कि वह अपने शागिर्दों पर ज़ाहिर हुआ।
John UrduGeoD 21:15  नाश्ते के बाद ईसा शमौन पतरस से मुख़ातिब हुआ, “यूहन्ना के बेटे शमौन, क्या तू इनकी निसबत मुझसे ज़्यादा मुहब्बत करता है?” उसने जवाब दिया, “जी ख़ुदावंद, आप तो जानते हैं कि मैं आपको प्यार करता हूँ।” ईसा बोला, “फिर मेरे लेलों को चरा।”
John UrduGeoD 21:16  तब ईसा ने एक और मरतबा पूछा, “शमौन यूहन्ना के बेटे, क्या तू मुझसे मुहब्बत करता है?” उसने जवाब दिया, “जी ख़ुदावंद, आप तो जानते हैं कि मैं आपको प्यार करता हूँ।” ईसा बोला, “फिर मेरी भेड़ों की गल्लाबानी कर।”
John UrduGeoD 21:17  तीसरी बार ईसा ने उससे पूछा, “शमौन यूहन्ना के बेटे, क्या तू मुझे प्यार करता है?” तीसरी दफ़ा यह सवाल सुनने से पतरस को बड़ा दुख हुआ। उसने कहा, “ख़ुदावंद, आपको सब कुछ मालूम है। आप तो जानते हैं कि मैं आपको प्यार करता हूँ।” ईसा ने उससे कहा, “मेरी भेड़ों को चरा।
John UrduGeoD 21:18  मैं तुझे सच बताता हूँ कि जब तू जवान था तो तू ख़ुद अपनी कमर बाँधकर जहाँ जी चाहता घुमता-फिरता था। लेकिन जब तू बूढ़ा होगा तो तू अपने हाथों को आगे बढ़ाएगा और कोई और तेरी कमर बाँधकर तुझे ले जाएगा जहाँ तेरा दिल नहीं करेगा।”
John UrduGeoD 21:19  (ईसा की यह बात इस तरफ़ इशारा था कि पतरस किस क़िस्म की मौत से अल्लाह को जलाल देगा।) फिर उसने उसे बताया, “मेरे पीछे चल।”
John UrduGeoD 21:20  पतरस ने मुड़कर देखा कि जो शागिर्द ईसा को प्यारा था वह उनके पीछे चल रहा है। यह वही शागिर्द था जिसने शाम के खाने के दौरान ईसा की तरफ़ सर झुकाकर पूछा था, “ख़ुदावंद, कौन आपको दुश्मन के हवाले करेगा?”
John UrduGeoD 21:21  अब उसे देखकर पतरस ने सवाल किया, “ख़ुदावंद, इसके साथ क्या होगा?”
John UrduGeoD 21:22  ईसा ने जवाब दिया, “अगर मैं चाहूँ कि यह मेरे वापस आने तक ज़िंदा रहे तो तुझे क्या? बस तू मेरे पीछे चलता रह।”
John UrduGeoD 21:23  नतीजे में भाइयों में यह ख़याल फैल गया कि यह शागिर्द नहीं मरेगा। लेकिन ईसा ने यह बात नहीं की थी। उसने सिर्फ़ यह कहा था, “अगर मैं चाहूँ कि यह मेरे वापस आने तक ज़िंदा रहे तो तुझे क्या?”
John UrduGeoD 21:24  यह वह शागिर्द है जिसने इन बातों की गवाही देकर इन्हें क़लमबंद कर दिया है। और हम जानते हैं कि उस की गवाही सच्ची है।
John UrduGeoD 21:25  ईसा ने इसके अलावा भी बहुत कुछ किया। अगर उसका हर काम क़लमबंद किया जाता तो मेरे ख़याल में पूरी दुनिया में यह किताबें रखने की गुंजाइश न होती।