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Chapter 1
Acts UrduGeoD 1:1  मुअज़्ज़ज़ थियुफ़िलुस, पहली किताब में मैंने सब कुछ बयान किया जो ईसा ने शुरू से लेकर
Acts UrduGeoD 1:2  उस दिन तक किया और सिखाया, जब उसे आसमान पर उठाया गया। जाने से पहले उसने अपने चुने हुए रसूलों को रूहुल-क़ुद्स की मारिफ़त मज़ीद हिदायात दीं।
Acts UrduGeoD 1:3  अपने दुख उठाने और मौत सहने के बाद उसने अपने आपको ज़ाहिर करके उन्हें बहुत-सी दलीलों से क़ायल किया कि वह वाक़ई ज़िंदा है। वह चालीस दिन के दौरान उन पर ज़ाहिर होता और उन्हें अल्लाह की बादशाही के बारे में बताता रहा।
Acts UrduGeoD 1:4  जब वह अभी उनके साथ था उसने उन्हें हुक्म दिया, “यरूशलम को न छोड़ना बल्कि इस इंतज़ार में यहीं ठहरो कि बाप का वादा पूरा हो जाए, वह वादा जिसके बारे में मैंने तुमको आगाह किया है।
Acts UrduGeoD 1:5  क्योंकि यहया ने तो पानी से बपतिस्मा दिया, लेकिन तुमको थोड़े दिनों के बाद रूहुल-क़ुद्स से बपतिस्मा दिया जाएगा।”
Acts UrduGeoD 1:6  जो वहाँ जमा थे उन्होंने उससे पूछा, “ख़ुदावंद, क्या आप इसी वक़्त इसराईल के लिए उस की बादशाही दुबारा क़ायम करेंगे?”
Acts UrduGeoD 1:7  ईसा ने जवाब दिया, “यह जानना तुम्हारा काम नहीं है बल्कि सिर्फ़ बाप का जो ऐसे औक़ात और तारीखें मुक़र्रर करने का इख़्तियार रखता है।
Acts UrduGeoD 1:8  लेकिन तुम्हें रूहुल-क़ुद्स की क़ुव्वत मिलेगी जो तुम पर नाज़िल होगा। फिर तुम यरूशलम, पूरे यहूदिया और सामरिया बल्कि दुनिया की इंतहा तक मेरे गवाह होगे।”
Acts UrduGeoD 1:9  यह कहकर वह उनके देखते देखते उठा लिया गया। और एक बादल ने उसे उनकी नज़रों से ओझल कर दिया।
Acts UrduGeoD 1:10  वह अभी आसमान की तरफ़ देख ही रहे थे कि अचानक दो आदमी उनके पास आ खड़े हुए। दोनों सफ़ेद लिबास पहने हुए थे।
Acts UrduGeoD 1:11  उन्होंने कहा, “गलील के मर्दो, आप क्यों खड़े आसमान की तरफ़ देख रहे हैं? यही ईसा जिसे आपके पास से आसमान पर उठाया गया है उसी तरह वापस आएगा जिस तरह आपने उसे ऊपर जाते हुए देखा है।”
Acts UrduGeoD 1:12  फिर वह ज़ैतून के पहाड़ से यरूशलम शहर वापस चले गए। (यह पहाड़ शहर से तक़रीबन एक किलोमीटर दूर है।)
Acts UrduGeoD 1:13  वहाँ पहुँचकर वह उस बालाख़ाने में दाख़िल हुए जिसमें वह ठहरे हुए थे, यानी पतरस, यूहन्ना, याक़ूब और अंदरियास, फ़िलिप्पुस और तोमा, बरतुलमाई और मत्ती, याक़ूब बिन हलफ़ई, शमौन मुजाहिद और यहूदाह बिन याक़ूब।
Acts UrduGeoD 1:14  यह सब यकदिल होकर दुआ में लगे रहे। कुछ औरतें, ईसा की माँ मरियम और उसके भाई भी साथ थे।
Acts UrduGeoD 1:15  उन दिनों में पतरस भाइयों में खड़ा हुआ। उस वक़्त तक़रीबन 120 लोग जमा थे। उसने कहा,
Acts UrduGeoD 1:16  “भाइयो, लाज़िम था कि कलामे-मुक़द्दस की वह पेशगोई पूरी हो जो रूहुल-क़ुद्स ने दाऊद की मारिफ़त यहूदाह के बारे में की। यहूदाह उनका राहनुमा बन गया जिन्होंने ईसा को गिरिफ़्तार किया,
Acts UrduGeoD 1:17  गो उसे हममें शुमार किया जाता था और वह इसी ख़िदमत में हमारे साथ शरीक था।”
Acts UrduGeoD 1:18  (जो पैसे यहूदाह को उसके ग़लत काम के लिए मिल गए थे उनसे उसने एक खेत ख़रीद लिया था। वहाँ वह सर के बल गिर गया, उसका पेट फट गया और उस की तमाम अंतड़ियाँ बाहर निकल पडीं।
Acts UrduGeoD 1:19  इसका चर्चा यरूशलम के तमाम बाशिंदों में फैल गया, इसलिए यह खेत उनकी मादरी ज़बान में हक़ल-दमा के नाम से मशहूर हुआ जिसका मतलब है ख़ून का खेत।)
Acts UrduGeoD 1:20  पतरस ने अपनी बात जारी रखी, “यही बात ज़बूर की किताब में लिखी है, ‘उस की रिहाइशगाह सुनसान हो जाए, कोई उसमें आबाद न हो।’ यह भी लिखा है, ‘कोई और उस की ज़िम्मादारी उठाए।’
Acts UrduGeoD 1:21  चुनाँचे अब ज़रूरी है कि हम यहूदाह की जगह किसी और को चुन लें। यह शख़्स उन मर्दों में से एक हो जो उस पूरे वक़्त के दौरान हमारे साथ सफ़र करते रहे जब ख़ुदावंद ईसा हमारे साथ था,
Acts UrduGeoD 1:22  यानी उसके यहया के हाथ से बपतिस्मा लेने से लेकर उस वक़्त तक जब उसे हमारे पास से उठाया गया। लाज़िम है कि उनमें से एक हमारे साथ ईसा के जी उठने का गवाह हो।”
Acts UrduGeoD 1:23  चुनाँचे उन्होंने दो आदमी पेश किए, यूसुफ़ जो बरसब्बा कहलाता था (उसका दूसरा नाम यूसतुस था) और मत्तियाह।
Acts UrduGeoD 1:24  फिर उन्होंने दुआ की, “ऐ ख़ुदावंद, तू हर एक के दिल से वाक़िफ़ है। हम पर ज़ाहिर कर कि तूने इन दोनों में से किस को चुना है
Acts UrduGeoD 1:25  ताकि वह उस ख़िदमत की ज़िम्मादारी उठाए जो यहूदाह छोड़कर वहाँ चला गया जहाँ उसे जाना ही था।”
Acts UrduGeoD 1:26  यह कहकर उन्होंने दोनों का नाम लेकर क़ुरा डाला तो मत्तियाह का नाम निकला। लिहाज़ा उसे भी ग्यारह रसूलों में शामिल कर लिया गया।
Chapter 2
Acts UrduGeoD 2:1  फिर ईदे-पंतिकुस्त का दिन आया। सब एक जगह जमा थे
Acts UrduGeoD 2:2  कि अचानक आसमान से ऐसी आवाज़ आई जैसे शदीद आँधी चल रही हो। पूरा मकान जिसमें वह बैठे थे इस आवाज़ से गूँज उठा।
Acts UrduGeoD 2:3  और उन्हें शोले की लौएँ जैसी नज़र आईं जो अलग अलग होकर उनमें से हर एक पर उतरकर ठहर गईं।
Acts UrduGeoD 2:4  सब रूहुल-क़ुद्स से भर गए और मुख़्तलिफ़ ग़ैरमुल्की ज़बानों में बोलने लगे, हर एक उस ज़बान में जो बोलने की रूहुल-क़ुद्स ने उसे तौफ़ीक़ दी।
Acts UrduGeoD 2:5  उस वक़्त यरूशलम में ऐसे ख़ुदातरस यहूदी ठहरे हुए थे जो आसमान तले की हर क़ौम में से थे।
Acts UrduGeoD 2:6  जब यह आवाज़ सुनाई दी तो एक बड़ा हुजूम जमा हुआ। सब घबरा गए क्योंकि हर एक ने ईमानदारों को अपनी मादरी ज़बान में बोलते सुना।
Acts UrduGeoD 2:7  सख़्त हैरतज़दा होकर वह कहने लगे, “क्या यह सब गलील के रहनेवाले नहीं हैं?
Acts UrduGeoD 2:8  तो फिर यह किस तरह हो सकता है कि हममें से हर एक उन्हें अपनी मादरी ज़बान में बातें करते सुन रहा है
Acts UrduGeoD 2:9  जबकि हमारे ममालिक यह हैं : पारथिया, मादिया, ऐलाम, मसोपुतामिया, यहूदिया, कप्पदुकिया, पुंतुस, आसिया,
Acts UrduGeoD 2:10  फ़रूगिया, पंफ़ीलिया, मिसर और लिबिया का वह इलाक़ा जो कुरेन के इर्दगिर्द है। रोम से भी लोग मौजूद हैं।
Acts UrduGeoD 2:11  यहाँ यहूदी भी हैं और ग़ैरयहूदी नौमुरीद भी, क्रेते के लोग और अरब के बाशिंदे भी। और अब हम सबके सब इनको अपनी अपनी ज़बान में अल्लाह के अज़ीम कामों का ज़िक्र करते सुन रहे हैं।”
Acts UrduGeoD 2:12  सब दंग रह गए। उलझन में पड़कर वह एक दूसरे से पूछने लगे, “इसका क्या मतलब है?”
Acts UrduGeoD 2:13  लेकिन कुछ लोग उनका मज़ाक़ उड़ाकर कहने लगे, “यह बस नई मै पीकर नशे में धुत हो गए हैं।”
Acts UrduGeoD 2:14  फिर पतरस बाक़ी ग्यारह रसूलों समेत खड़ा होकर ऊँची आवाज़ से उनसे मुख़ातिब हुआ, “सुनें, यहूदी भाइयो और यरूशलम के तमाम रहनेवालो! जान लें और ग़ौर से मेरी बात सुन लें!
Acts UrduGeoD 2:15  आपका ख़याल है कि यह लोग नशे में हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। देखें, अभी तो सुबह के नौ बजे का वक़्त है।
Acts UrduGeoD 2:16  अब वह कुछ हो रहा है जिसकी पेशगोई योएल नबी ने की थी,
Acts UrduGeoD 2:17  ‘अल्लाह फ़रमाता है कि आख़िरी दिनों में मैं अपने रूह को तमाम इनसानों पर उंडेल दूँगा। तुम्हारे बेटे-बेटियाँ नबुव्वत करेंगे, तुम्हारे नौजवान रोयाएँ और तुम्हारे बुज़ुर्ग ख़ाब देखेंगे।
Acts UrduGeoD 2:18  उन दिनों में मैं अपने रूह को अपने ख़ादिमों और ख़ादिमाओं पर भी उंडेल दूँगा, और वह नबुव्वत करेंगे।
Acts UrduGeoD 2:19  मैं ऊपर आसमान पर मोजिज़े दिखाऊँगा और नीचे ज़मीन पर इलाही निशान ज़ाहिर करूँगा, ख़ून, आग और धुएँ के बादल।
Acts UrduGeoD 2:20  सूरज तारीक हो जाएगा, चाँद का रंग ख़ून-सा हो जाएगा, और फिर रब का अज़ीम और जलाली दिन आएगा।
Acts UrduGeoD 2:21  उस वक़्त जो भी रब का नाम लेगा नजात पाएगा।’
Acts UrduGeoD 2:22  इसराईल के मर्दो, मेरी बात सुनें! अल्लाह ने आपके सामने ही ईसा नासरी की तसदीक़ की, क्योंकि उसने उसके वसीले से आपके दरमियान अजूबे, मोजिज़े और इलाही निशान दिखाए। आप ख़ुद इस बात से वाक़िफ़ हैं।
Acts UrduGeoD 2:23  लेकिन अल्लाह को पहले ही इल्म था कि क्या होना है, क्योंकि उसने ख़ुद अपनी मरज़ी से मुक़र्रर किया था कि ईसा को दुश्मन के हवाले कर दिया जाए। चुनाँचे आपने बेदीन लोगों के ज़रीए उसे सलीब पर चढ़वाकर क़त्ल किया।
Acts UrduGeoD 2:24  लेकिन अल्लाह ने उसे मौत की अज़ियतनाक गिरिफ़्त से आज़ाद करके ज़िंदा कर दिया, क्योंकि मुमकिन ही नहीं था कि मौत उसे अपने क़ब्ज़े में रखे।
Acts UrduGeoD 2:25  चुनाँचे दाऊद ने उसके बारे में कहा, ‘रब हर वक़्त मेरी आँखों के सामने रहा। वह मेरे दहने हाथ रहता है ताकि मैं न डगमगाऊँ।
Acts UrduGeoD 2:26  इसलिए मेरा दिल शादमान है, और मेरी ज़बान ख़ुशी के नारे लगाती है। हाँ, मेरा बदन पुरउम्मीद ज़िंदगी गुज़ारेगा।
Acts UrduGeoD 2:27  क्योंकि तू मेरी जान को पाताल में नहीं छोड़ेगा, और न अपने मुक़द्दस को गलने-सड़ने की नौबत तक पहुँचने देगा।
Acts UrduGeoD 2:28  तूने मुझे ज़िंदगी की राहों से आगाह कर दिया है, और तू अपने हुज़ूर मुझे ख़ुशी से सरशार करेगा।’
Acts UrduGeoD 2:29  मेरे भाइयो, अगर इजाज़त हो तो मैं आपको दिलेरी से अपने बुज़ुर्ग दाऊद के बारे में कुछ बताऊँ। वह तो फ़ौत होकर दफ़नाया गया और उस की क़ब्र आज तक हमारे दरमियान मौजूद है।
Acts UrduGeoD 2:30  लेकिन वह नबी था और जानता था कि अल्लाह ने क़सम खाकर मुझसे वादा किया है कि वह मेरी औलाद में से एक को मेरे तख़्त पर बिठाएगा।
Acts UrduGeoD 2:31  मज़कूरा आयात में दाऊद मुस्तक़बिल में देखकर मसीह के जी उठने का ज़िक्र कर रहा है, यानी कि न उसे पाताल में छोड़ा गया, न उसका बदन गलने-सड़ने की नौबत तक पहुँचा।
Acts UrduGeoD 2:32  अल्लाह ने इसी ईसा को ज़िंदा कर दिया है और हम सब इसके गवाह हैं।
Acts UrduGeoD 2:33  अब उसे सरफ़राज़ करके ख़ुदा के दहने हाथ बिठाया गया और बाप की तरफ़ से उसे मौऊदा रूहुल-क़ुद्स मिल गया है। इसी को उसने हम पर उंडेल दिया, जिस तरह आप देख और सुन रहे हैं।
Acts UrduGeoD 2:34  दाऊद ख़ुद तो आसमान पर नहीं चढ़ा, तो भी उसने फ़रमाया, ‘रब ने मेरे रब से कहा, मेरे दहने हाथ बैठ
Acts UrduGeoD 2:35  जब तक मैं तेरे दुश्मनों को तेरे पाँवों की चौकी न बना दूँ।’
Acts UrduGeoD 2:36  चुनाँचे पूरा इसराईल यक़ीन जाने कि जिस ईसा को आपने मसलूब किया है उसे ही अल्लाह ने ख़ुदावंद और मसीह बना दिया है।”
Acts UrduGeoD 2:37  पतरस की यह बातें सुनकर लोगों के दिल छिद गए। उन्होंने पतरस और बाक़ी रसूलों से पूछा, “भाइयो, फिर हम क्या करें?”
Acts UrduGeoD 2:38  पतरस ने जवाब दिया, “आपमें से हर एक तौबा करके ईसा के नाम पर बपतिस्मा ले ताकि आपके गुनाह मुआफ़ कर दिए जाएँ। फिर आपको रूहुल-क़ुद्स की नेमत मिल जाएगी।
Acts UrduGeoD 2:39  क्योंकि यह देने का वादा आपसे और आपके बच्चों से किया गया है, बल्कि उनसे भी जो दूर के हैं, उन सबसे जिन्हें रब हमारा ख़ुदा अपने पास बुलाएगा।”
Acts UrduGeoD 2:40  पतरस ने मज़ीद बहुत-सी बातों से उन्हें नसीहत की और समझाया कि “इस टेढ़ी नसल से निकलकर नजात पाएँ।”
Acts UrduGeoD 2:41  जिन्होंने पतरस की बात क़बूल की उनका बपतिस्मा हुआ। यों उस दिन जमात में तक़रीबन 3,000 अफ़राद का इज़ाफ़ा हुआ।
Acts UrduGeoD 2:42  यह ईमानदार रसूलों से तालीम पाने, रिफ़ाक़त रखने और रिफ़ाक़ती खानों और दुआओं में शरीक होते रहे।
Acts UrduGeoD 2:43  सब पर ख़ौफ़ छा गया और रसूलों की तरफ़ से बहुत-से मोजिज़े और इलाही निशान दिखाए गए।
Acts UrduGeoD 2:44  जो भी ईमान लाते थे वह एक जगह जमा होते थे। उनकी हर चीज़ मुश्तरका होती थी।
Acts UrduGeoD 2:45  अपनी मिलकियत और माल फ़रोख़्त करके उन्होंने हर एक को उस की ज़रूरत के मुताबिक़ दिया।
Acts UrduGeoD 2:46  रोज़ाना वह यकदिली से बैतुल-मुक़द्दस में जमा होते रहे। साथ साथ वह मसीह की याद में अपने घरों में रोटी तोड़ते, बड़ी ख़ुशी और सादगी से रिफ़ाक़ती खाना खाते
Acts UrduGeoD 2:47  और अल्लाह की तमजीद करते रहे। उस वक़्त वह तमाम लोगों के मंज़ूरे-नज़र थे। और ख़ुदावंद रोज़ बरोज़ जमात में नजातयाफ़्ता लोगों का इज़ाफ़ा करता रहा।
Chapter 3
Acts UrduGeoD 3:1  एक दोपहर पतरस और यूहन्ना दुआ करने के लिए बैतुल-मुक़द्दस की तरफ़ चल पड़े। तीन बज गए थे।
Acts UrduGeoD 3:2  उस वक़्त लोग एक पैदाइशी लँगड़े को उठाकर वहाँ ला रहे थे। रोज़ाना उसे सहन के उस दरवाज़े के पास लाया जाता था जो ‘ख़ूबसूरत दरवाज़ा’ कहलाता था ताकि वह बैतुल-मुक़द्दस के सहनों में दाख़िल होनेवालों से भीक माँग सके।
Acts UrduGeoD 3:3  पतरस और यूहन्ना बैतुल-मुक़द्दस में दाख़िल होनेवाले थे तो लँगड़ा उनसे भीक माँगने लगा।
Acts UrduGeoD 3:4  पतरस और यूहन्ना ग़ौर से उस की तरफ़ देखने लगे। फिर पतरस ने कहा, “हमारी तरफ़ देखें।”
Acts UrduGeoD 3:5  इस तवक़्क़ो से कि उसे कुछ मिलेगा लँगड़ा उनकी तरफ़ मुतवज्जिह हुआ।
Acts UrduGeoD 3:6  लेकिन पतरस ने कहा, “मेरे पास न तो चाँदी है, न सोना, लेकिन जो कुछ है वह आपको दे देता हूँ। नासरत के ईसा मसीह के नाम से उठें और चलें-फिरें!”
Acts UrduGeoD 3:7  उसने उसका दहना हाथ पकड़कर उसे खड़ा किया। उसी वक़्त लँगड़े के पाँव और टख़ने मज़बूत हो गए।
Acts UrduGeoD 3:8  वह उछलकर खड़ा हुआ और चलने-फिरने लगा। फिर वह चलते, कूदते और अल्लाह की तमजीद करते हुए उनके साथ बैतुल-मुक़द्दस में दाख़िल हुआ।
Acts UrduGeoD 3:9  और तमाम लोगों ने उसे चलते-फिरते और अल्लाह की तमजीद करते हुए देखा।
Acts UrduGeoD 3:10  जब उन्होंने जान लिया कि यह वही आदमी है जो ख़ूबसूरत नामी दरवाज़े पर बैठा भीक माँगा करता था तो वह उस की तबदीली देखकर दंग रह गए।
Acts UrduGeoD 3:11  वह सब दौड़कर सुलेमान के बरामदे में आए जहाँ भीक माँगनेवाला अब तक पतरस और यूहन्ना से लिपटा हुआ था।
Acts UrduGeoD 3:12  यह देखकर पतरस उनसे मुख़ातिब हुआ, “इसराईल के हज़रात, आप यह देखकर क्यों हैरान हैं? आप क्यों घूर घूरकर हमारी तरफ़ देख रहे हैं गोया हमने अपनी ज़ाती ताक़त या दीनदारी के बाइस यह किया है कि यह आदमी चल-फिर सके?
Acts UrduGeoD 3:13  यह हमारे बापदादा के ख़ुदा, इब्राहीम, इसहाक़ और याक़ूब के ख़ुदा की तरफ़ से है जिसने अपने बंदे ईसा को जलाल दिया है। यह वही ईसा है जिसे आपने दुश्मन के हवाले करके पीलातुस के सामने रद्द किया, अगरचे वह उसे रिहा करने का फ़ैसला कर चुका था।
Acts UrduGeoD 3:14  आपने उस क़ुद्दूस और रास्तबाज़ को रद्द करके तक़ाज़ा किया कि पीलातुस उसके एवज़ एक क़ातिल को रिहा करके आपको दे दे।
Acts UrduGeoD 3:15  आपने ज़िंदगी के सरदार को क़त्ल किया, लेकिन अल्लाह ने उसे मुरदों में से ज़िंदा कर दिया। हम इस बात के गवाह हैं।
Acts UrduGeoD 3:16  आप तो इस आदमी से वाक़िफ़ हैं जिसे देख रहे हैं। अब वह ईसा के नाम पर ईमान लाने से बहाल हो गया है, क्योंकि जो ईमान ईसा के ज़रीए मिलता है उसी ने इस आदमी को आपके सामने पूरी सेहतमंदी अता की।
Acts UrduGeoD 3:17  मेरे भाइयो, मैं जानता हूँ कि आप और आपके राहनुमाओं को सहीह इल्म नहीं था, इसलिए आपने ऐसा किया।
Acts UrduGeoD 3:18  लेकिन अल्लाह ने वह कुछ पूरा किया जिसकी पेशगोई उसने तमाम नबियों की मारिफ़त की थी, यानी यह कि उसका मसीह दुख उठाएगा।
Acts UrduGeoD 3:19  अब तौबा करें और अल्लाह की तरफ़ रुजू लाएँ ताकि आपके गुनाहों को मिटाया जाए।
Acts UrduGeoD 3:20  फिर आपको रब के हुज़ूर से ताज़गी के दिन मुयस्सर आएँगे और वह दुबारा ईसा यानी मसीह को भेज देगा जिसे आपके लिए मुक़र्रर किया गया है।
Acts UrduGeoD 3:21  लाज़िम है कि वह उस वक़्त तक आसमान पर रहे जब तक अल्लाह सब कुछ बहाल न कर दे, जिस तरह वह इब्तिदा से अपने मुक़द्दस नबियों की ज़बानी फ़रमाता आया है।
Acts UrduGeoD 3:22  क्योंकि मूसा ने कहा, ‘रब तुम्हारा ख़ुदा तुम्हारे वास्ते तुम्हारे भाइयों में से मुझ जैसे नबी को बरपा करेगा। जो भी बात वह कहे उस की सुनना।
Acts UrduGeoD 3:23  जो नहीं सुनेगा उसे मिटाकर क़ौम से निकाल दिया जाएगा।’
Acts UrduGeoD 3:24  और समुएल से लेकर हर नबी ने इन दिनों की पेशगोई की है।
Acts UrduGeoD 3:25  आप तो इन नबियों की औलाद और उस अहद के वारिस हैं जो अल्लाह ने आपके बापदादा से क़ायम किया था, क्योंकि उसने इब्राहीम से कहा था, ‘तेरी औलाद से दुनिया की तमाम क़ौमें बरकत पाएँगी।’
Acts UrduGeoD 3:26  जब अल्लाह ने अपने बंदे ईसा को बरपा किया तो पहले उसे आपके पास भेज दिया ताकि वह आपमें से हर एक को उस की बुरी राहों से फेरकर बरकत दे।”
Chapter 4
Acts UrduGeoD 4:1  पतरस और यूहन्ना लोगों से बात कर ही रहे थे कि इमाम, बैतुल-मुक़द्दस के पहरेदारों का कप्तान और सदूक़ी उनके पास पहुँचे।
Acts UrduGeoD 4:2  वह नाराज़ थे कि रसूल ईसा के जी उठने की मुनादी करके लोगों को मुरदों में से जी उठने की तालीम दे रहे हैं।
Acts UrduGeoD 4:3  उन्होंने उन्हें गिरिफ़्तार करके अगले दिन तक जेल में डाल दिया, क्योंकि शाम हो चुकी थी।
Acts UrduGeoD 4:4  लेकिन जिन्होंने उनका पैग़ाम सुन लिया था उनमें से बहुत-से लोग ईमान लाए। यों ईमानदारों में मर्दों की तादाद बढ़कर तक़रीबन 5,000 तक पहुँच गई।
Acts UrduGeoD 4:5  अगले दिन यरूशलम में यहूदी अदालते-आलिया के सरदारों, बुज़ुर्गों और शरीअत के उलमा का इजलास मुनअक़िद हुआ।
Acts UrduGeoD 4:6  इमामे-आज़म हन्ना और इसी तरह कायफ़ा, यूहन्ना, सिकंदर और इमामे-आज़म के ख़ानदान के दीगर मर्द भी शामिल थे।
Acts UrduGeoD 4:7  उन्होंने दोनों को अपने दरमियान खड़ा करके पूछा, “तुमने यह काम किस क़ुव्वत और नाम से किया?”
Acts UrduGeoD 4:8  पतरस ने रूहुल-क़ुद्स से मामूर होकर उनसे कहा, “क़ौम के राहनुमाओ और बुज़ुर्गो,
Acts UrduGeoD 4:9  आज हमारी पूछ-गछ की जा रही है कि हमने माज़ूर आदमी पर रहम का इज़हार किसके वसीले से किया कि उसे शफ़ा मिल गई है।
Acts UrduGeoD 4:10  तो फिर आप सब और पूरी क़ौम इसराईल जान ले कि यह नासरत के ईसा मसीह के नाम से हुआ है, जिसे आपने मसलूब किया और जिसे अल्लाह ने मुरदों में से ज़िंदा कर दिया। यह आदमी उसी के वसीले से सेहत पाकर यहाँ आपके सामने खड़ा है।
Acts UrduGeoD 4:11  ईसा वह पत्थर है जिसके बारे में कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, ‘जिस पत्थर को मकान बनानेवालों ने रद्द किया वह कोने का बुनियादी पत्थर बन गया।’ और आप ही ने उसे रद्द कर दिया है।
Acts UrduGeoD 4:12  किसी दूसरे के वसीले से नजात हासिल नहीं होती, क्योंकि आसमान के तले हम इनसानों को कोई और नाम नहीं बख़्शा गया जिसके वसीले से हम नजात पा सकें।”
Acts UrduGeoD 4:13  पतरस और यूहन्ना की बातें सुनकर लोग हैरान हुए क्योंकि वह दिलेरी से बात कर रहे थे अगरचे वह न तो आलिम थे, न उन्होंने शरीअत की ख़ास तालीम पाई थी। साथ साथ सुननेवालों ने यह भी जान लिया कि दोनों ईसा के साथी हैं।
Acts UrduGeoD 4:14  लेकिन चूँकि वह अपनी आँखों से उस आदमी को देख रहे थे जो शफ़ा पाकर उनके साथ खड़ा था इसलिए वह इसके ख़िलाफ़ कोई बात न कर सके।
Acts UrduGeoD 4:15  चुनाँचे उन्होंने उन दोनों को इजलास में से बाहर जाने को कहा और आपस में सलाह-मशवरा करने लगे,
Acts UrduGeoD 4:16  “हम इन लोगों के साथ क्या सुलूक करें? बात वाज़िह है कि उनके ज़रीए एक इलाही निशान दिखाया गया है। इसका यरूशलम के तमाम बाशिंदों को इल्म हुआ है। हम इसका इनकार नहीं कर सकते।
Acts UrduGeoD 4:17  लेकिन लाज़िम है कि उन्हें धमकी देकर हुक्म दें कि वह किसी भी शख़्स से यह नाम लेकर बात न करें, वरना यह मामला क़ौम में मज़ीद फैल जाएगा।”
Acts UrduGeoD 4:18  चुनाँचे उन्होंने दोनों को बुलाकर हुक्म दिया कि वह आइंदा ईसा के नाम से न कभी बोलें और न तालीम दें।
Acts UrduGeoD 4:19  लेकिन पतरस और यूहन्ना ने जवाब में कहा, “आप ख़ुद फ़ैसला कर लें, क्या यह अल्लाह के नज़दीक ठीक है कि हम उस की निसबत आपकी बात मानें?
Acts UrduGeoD 4:20  मुमकिन ही नहीं कि जो कुछ हमने देख और सुन लिया है उसे दूसरों को सुनाने से बाज़ रहें।”
Acts UrduGeoD 4:21  तब इजलास के मेंबरान ने दोनों को मज़ीद धमकियाँ देकर छोड़ दिया। वह फ़ैसला न कर सके कि क्या सज़ा दें, क्योंकि तमाम लोग पतरस और यूहन्ना के इस काम की वजह से अल्लाह की तमजीद कर रहे थे।
Acts UrduGeoD 4:22  क्योंकि जिस आदमी को मोजिज़ाना तौर पर शफ़ा मिली थी वह चालीस साल से ज़्यादा लँगड़ा रहा था।
Acts UrduGeoD 4:23  उनकी रिहाई के बाद पतरस और यूहन्ना अपने साथियों के पास वापस गए और सब कुछ सुनाया जो राहनुमा इमामों और बुज़ुर्गों ने उन्हें बताया था।
Acts UrduGeoD 4:24  यह सुनकर तमाम ईमानदारों ने मिलकर ऊँची आवाज़ से दुआ की, “ऐ आक़ा, तूने आसमानो-ज़मीन और समुंदर को और जो कुछ उनमें है ख़लक़ किया है।
Acts UrduGeoD 4:25  और तूने अपने ख़ादिम हमारे बाप दाऊद के मुँह से रूहुल-क़ुद्स की मारिफ़त कहा, ‘अक़वाम क्यों तैश में आ गई हैं? उम्मतें क्यों बेकार साज़िशें कर रही हैं?
Acts UrduGeoD 4:26  दुनिया के बादशाह उठ खड़े हुए, हुक्मरान रब और उसके मसीह के ख़िलाफ़ जमा हो गए हैं।’
Acts UrduGeoD 4:27  और वाक़ई यही कुछ इस शहर में हुआ। हेरोदेस अंतिपास, पुंतियुस पीलातुस, ग़ैरयहूदी और यहूदी सब तेरे मुक़द्दस ख़ादिम ईसा के ख़िलाफ़ जमा हुए जिसे तूने मसह किया था।
Acts UrduGeoD 4:28  लेकिन जो कुछ उन्होंने किया वह तूने अपनी क़ुदरत और मरज़ी से पहले ही से मुक़र्रर किया था।
Acts UrduGeoD 4:29  ऐ रब, अब उनकी धमकियों पर ग़ौर कर। अपने ख़ादिमों को अपना कलाम सुनाने की बड़ी दिलेरी अता फ़रमा।
Acts UrduGeoD 4:30  अपनी क़ुदरत का इज़हार कर ताकि हम तेरे मुक़द्दस ख़ादिम ईसा के नाम से शफ़ा, इलाही निशान और मोजिज़े दिखा सकें।”
Acts UrduGeoD 4:31  दुआ के इख़्तिताम पर वह जगह हिल गई जहाँ वह जमा थे। सब रूहुल-क़ुद्स से मामूर हो गए और दिलेरी से अल्लाह का कलाम सुनाने लगे।
Acts UrduGeoD 4:32  ईमानदारों की पूरी जमात यकदिल थी। किसी ने भी अपनी मिलकियत की किसी चीज़ के बारे में नहीं कहा कि यह मेरी है बल्कि उनकी हर चीज़ मुश्तरका थी।
Acts UrduGeoD 4:33  और रसूल बड़े इख़्तियार के साथ ख़ुदावंद ईसा के जी उठने की गवाही देते रहे। अल्लाह की बड़ी मेहरबानी उन सब पर थी।
Acts UrduGeoD 4:34  उनमें से कोई भी ज़रूरतमंद नहीं था, क्योंकि जिसके पास भी ज़मीनें या मकान थे उसने उन्हें फ़रोख़्त करके रक़म
Acts UrduGeoD 4:35  रसूलों के पाँवों में रख दी। यों जमाशुदा पैसों में से हर एक को उतने दिए जाते जितनों की उसे ज़रूरत होती थी।
Acts UrduGeoD 4:36  मसलन यूसुफ़ नामी एक आदमी था जिसका नाम रसूलों ने बरनबास (हौसलाअफ़्ज़ाई का बेटा) रखा था। वह लावी क़बीले से और जज़ीराए-क़ुबरुस का रहनेवाला था।
Acts UrduGeoD 4:37  उसने अपना एक खेत फ़रोख़्त करके पैसे रसूलों के पाँवों में रख दिए।
Chapter 5
Acts UrduGeoD 5:1  एक और आदमी था जिसने अपनी बीवी के साथ मिलकर अपनी कोई ज़मीन बेच दी। उनके नाम हननियाह और सफ़ीरा थे।
Acts UrduGeoD 5:2  लेकिन हननियाह पूरी रक़म रसूलों के पास न लाया बल्कि उसमें से कुछ अपने लिए रख छोड़ा और बाक़ी रसूलों के पाँवों में रख दिया। उस की बीवी भी इस बात से वाक़िफ़ थी।
Acts UrduGeoD 5:3  लेकिन पतरस ने कहा, “हननियाह, इबलीस ने आपके दिल को यों क्यों भर दिया है कि आपने रूहुल-क़ुद्स से झूट बोला है? क्योंकि आपने ज़मीन की रक़म के कुछ पैसे अपने पास रख लिए हैं।
Acts UrduGeoD 5:4  क्या यह ज़मीन फ़रोख़्त करने से पहले आपकी नहीं थी? और उसे बेचकर क्या आप पैसे जैसे चाहते इस्तेमाल नहीं कर सकते थे? आपने क्यों अपने दिल में यह ठान लिया? आपने हमें नहीं बल्कि अल्लाह को धोका दिया है।”
Acts UrduGeoD 5:5  यह सुनते ही हननियाह फ़र्श पर गिरकर मर गया। और तमाम सुननेवालों पर बड़ी दहशत तारी हो गई।
Acts UrduGeoD 5:6  जमात के नौजवानों ने उठकर लाश को कफ़न में लपेट दिया और उसे बाहर ले जाकर दफ़न कर दिया।
Acts UrduGeoD 5:7  तक़रीबन तीन घंटे गुज़र गए तो उस की बीवी अंदर आई। उसे मालूम न था कि शौहर को क्या हुआ है।
Acts UrduGeoD 5:8  पतरस ने उससे पूछा, “मुझे बताएँ, क्या आपको अपनी ज़मीन के लिए इतनी ही रक़म मिली थी?” सफ़ीरा ने जवाब दिया, “जी, इतनी ही रक़म थी।”
Acts UrduGeoD 5:9  पतरस ने कहा, “क्यों आप दोनों रब के रूह को आज़माने पर मुत्तफ़िक़ हुए? देखो, जिन्होंने आपके ख़ाविंद को दफ़नाया है वह दरवाज़े पर खड़े हैं और आपको भी उठाकर बाहर ले जाएंगे।”
Acts UrduGeoD 5:10  उसी लमहे सफ़ीरा पतरस के पाँवों में गिरकर मर गई। नौजवान अंदर आए तो उस की लाश देखकर उसे भी बाहर ले गए और उसके शौहर के पास दफ़न कर दिया।
Acts UrduGeoD 5:11  पूरी जमात बल्कि हर सुननेवाले पर बड़ा ख़ौफ़ तारी हो गया।
Acts UrduGeoD 5:12  रसूलों की मारिफ़त अवाम में बहुत-से इलाही निशान और मोजिज़े ज़ाहिर हुए। उस वक़्त तमाम ईमानदार यकदिली से बैतुल-मुक़द्दस में सुलेमान के बरामदे में जमा हुआ करते थे।
Acts UrduGeoD 5:13  बाक़ी लोग उनसे क़रीबी ताल्लुक़ रखने की जुर्रत नहीं करते थे, अगरचे अवाम उनकी बहुत इज़्ज़त करते थे।
Acts UrduGeoD 5:14  तो भी ख़ुदावंद पर ईमान रखनेवाले मर्दो-ख़वातीन की तादाद बढ़ती गई।
Acts UrduGeoD 5:15  लोग अपने मरीज़ों को चारपाइयों और चटाइयों पर रखकर सड़कों पर लाते थे ताकि जब पतरस वहाँ से गुज़रे तो कम अज़ कम उसका साया किसी न किसी पर पड़ जाए।
Acts UrduGeoD 5:16  बहुत-से लोग यरूशलम के इर्दगिर्द की आबादियों से भी अपने मरीज़ों और बदरूह-गिरिफ़्ता अज़ीज़ों को लाते, और सब शफ़ा पाते थे।
Acts UrduGeoD 5:17  फिर इमामे-आज़म सदूक़ी फ़िरक़े के तमाम साथियों के साथ हरकत में आया। हसद से जलकर
Acts UrduGeoD 5:18  उन्होंने रसूलों को गिरिफ़्तार करके अवामी जेल में डाल दिया।
Acts UrduGeoD 5:19  लेकिन रात को रब का एक फ़रिश्ता क़ैदख़ाने के दरवाज़ों को खोलकर उन्हें बाहर लाया। उसने कहा,
Acts UrduGeoD 5:20  “जाओ, बैतुल-मुक़द्दस में खड़े होकर लोगों को इस नई ज़िंदगी से मुताल्लिक़ सब बातें सुनाओ।”
Acts UrduGeoD 5:21  फ़रिश्ते की सुनकर रसूल सुबह-सवेरे बैतुल-मुक़द्दस में जाकर तालीम देने लगे। अब ऐसा हुआ कि इमामे-आज़म अपने साथियों समेत पहुँचा और यहूदी अदालते-आलिया का इजलास मुनअक़िद किया। इसमें इसराईल के तमाम बुज़ुर्ग शरीक हुए। फिर उन्होंने अपने मुलाज़िमों को क़ैदख़ाने में भेज दिया ताकि रसूलों को लाकर उनके सामने पेश किया जाए।
Acts UrduGeoD 5:22  लेकिन जब वह वहाँ पहुँचे तो पता चला कि रसूल जेल में नहीं हैं। वह वापस आए और कहने लगे,
Acts UrduGeoD 5:23  “जब हम पहुँचे तो जेल बड़ी एहतियात से बंद थी और दरवाज़ों पर पहरेदार खड़े थे। लेकिन जब हम दरवाज़ों को खोलकर अंदर गए तो वहाँ कोई नहीं था!”
Acts UrduGeoD 5:24  यह सुनकर बैतुल-मुक़द्दस के पहरेदारों का कप्तान और राहनुमा इमाम बड़ी उलझन में पड़ गए और सोचने लगे कि अब क्या होगा?
Acts UrduGeoD 5:25  इतने में कोई आकर कहने लगा, “बात सुनें, जिन आदमियों को आपने जेल में डाला था वह बैतुल-मुक़द्दस में खड़े लोगों को तालीम दे रहे हैं।”
Acts UrduGeoD 5:26  तब बैतुल-मुक़द्दस के पहरेदारों का कप्तान अपने मुलाज़िमों के साथ रसूलों के पास गया और उन्हें लाया, लेकिन ज़बरदस्ती नहीं, क्योंकि वह डरते थे कि जमाशुदा लोग उन्हें संगसार न कर दें।
Acts UrduGeoD 5:27  चुनाँचे उन्होंने रसूलों को लाकर इजलास के सामने खड़ा किया। इमामे-आज़म उनसे मुख़ातिब हुआ,
Acts UrduGeoD 5:28  “हमने तो तुमको सख़्ती से मना किया था कि इस आदमी का नाम लेकर तालीम न दो। इसके बरअक्स तुमने न सिर्फ़ अपनी तालीम यरूशलम की हर जगह तक पहुँचा दी है बल्कि हमें इस आदमी की मौत के ज़िम्मादार भी ठहराना चाहते हो।”
Acts UrduGeoD 5:29  पतरस और बाक़ी रसूलों ने जवाब दिया, “लाज़िम है कि हम पहले अल्लाह की सुनें, फिर इनसान की।
Acts UrduGeoD 5:30  हमारे बापदादा के ख़ुदा ने ईसा को ज़िंदा कर दिया, उसी शख़्स को जिसे आपने सलीब पर चढ़वाकर मार डाला था।
Acts UrduGeoD 5:31  अल्लाह ने उसी को हुक्मरान और नजातदहिंदा की हैसियत से सरफ़राज़ करके अपने दहने हाथ बिठा लिया ताकि वह इसराईल को तौबा और गुनाहों की मुआफ़ी का मौक़ा फ़राहम करे।
Acts UrduGeoD 5:32  हम ख़ुद इन बातों के गवाह हैं और रूहुल-क़ुद्स भी, जिसे अल्लाह ने अपने फ़रमाँबरदारों को दे दिया है।”
Acts UrduGeoD 5:33  यह सुनकर अदालत के लोग तैश में आकर उन्हें क़त्ल करना चाहते थे।
Acts UrduGeoD 5:34  लेकिन एक फ़रीसी आलिम इजलास में खड़ा हुआ जिसका नाम जमलियेल था। पूरी क़ौम में वह इज़्ज़तदार था। उसने हुक्म दिया कि रसूलों को थोड़ी देर के लिए इजलास से निकाल दिया जाए।
Acts UrduGeoD 5:35  फिर उसने कहा, “मेरे इसराईली भाइयो, ग़ौर से सोचें कि आप इन आदमियों के साथ क्या करेंगे।
Acts UrduGeoD 5:36  क्योंकि कुछ देर हुई थियूदास उठकर कहने लगा कि मैं कोई ख़ास शख़्स हूँ। तक़रीबन 400 आदमी उसके पीछे लग गए। लेकिन उसे क़त्ल किया गया और उसके पैरोकार बिखर गए। उनकी सरगरमियों से कुछ न हुआ।
Acts UrduGeoD 5:37  इसके बाद मर्दुमशुमारी के दिनों में यहूदाह गलीली उठा। उसने भी काफ़ी लोगों को अपने पैरोकार बनाकर बग़ावत करने पर उकसाया। लेकिन उसे भी मार दिया गया और उसके पैरोकार मुंतशिर हुए।
Acts UrduGeoD 5:38  यह पेशे-नज़र रखकर मेरा मशवरा यह है कि इन लोगों को छोड़ दें, इन्हें जाने दें। अगर इनका इरादा या सरगरमियाँ इनसानी हैं तो सब कुछ ख़ुद बख़ुद ख़त्म हो जाएगा।
Acts UrduGeoD 5:39  लेकिन अगर यह अल्लाह की तरफ़ से है तो आप इन्हें ख़त्म नहीं कर सकेंगे। ऐसा न हो कि आख़िरकार आप अल्लाह ही के ख़िलाफ़ लड़ रहे हों।” हाज़िरीन ने उस की बात मान ली।
Acts UrduGeoD 5:40  उन्होंने रसूलों को बुलाकर उनको कोड़े लगवाए। फिर उन्होंने उन्हें ईसा का नाम लेकर बोलने से मना किया और फिर जाने दिया।
Acts UrduGeoD 5:41  रसूल यहूदी अदालते-आलिया से निकलकर चले गए। यह बात उनके लिए बड़ी ख़ुशी का बाइस थी कि अल्लाह ने हमें इस लायक़ समझा है कि ईसा के नाम की ख़ातिर बेइज़्ज़त हो जाएँ।
Acts UrduGeoD 5:42  इसके बाद भी वह रोज़ाना बैतुल-मुक़द्दस और मुख़्तलिफ़ घरों में जा जाकर सिखाते और इस ख़ुशख़बरी की मुनादी करते रहे कि ईसा ही मसीह है।
Chapter 6
Acts UrduGeoD 6:1  उन दिनों में जब ईसा के शागिर्दों की तादाद बढ़ती गई तो यूनानी ज़बान बोलनेवाले ईमानदार इबरानी बोलनेवाले ईमानदारों के बारे में बुड़बुड़ाने लगे। उन्होंने कहा, “जब रोज़मर्रा का खाना तक़सीम होता है तो हमारी बेवाओं को नज़रंदाज़ किया जाता है।”
Acts UrduGeoD 6:2  तब बारह रसूलों ने शागिर्दों की पूरी जमात को इकट्ठा करके कहा, “यह ठीक नहीं कि हम अल्लाह का कलाम सिखाने की ख़िदमत को छोड़कर खाना तक़सीम करने में मसरूफ़ रहें।
Acts UrduGeoD 6:3  भाइयो, यह बात पेशे-नज़र रखकर अपने में से सात आदमी चुन लें, जिनके नेक किरदार की आप तसदीक़ कर सकते हैं और जो रूहुल-क़ुद्स और हिकमत से मामूर हैं। फिर हम उन्हें खाना तक़सीम करने की यह ज़िम्मादारी देकर
Acts UrduGeoD 6:4  अपना पूरा वक़्त दुआ और कलाम की ख़िदमत में सर्फ़ कर सकेंगे।”
Acts UrduGeoD 6:5  यह बात पूरी जमात को पसंद आई और उन्होंने सात आदमी चुन लिए : स्तिफ़नुस (जो ईमान और रूहुल-क़ुद्स से मामूर था), फ़िलिप्पुस, प्रुख़ुरुस, नीकानोर, तीमोन, परमिनास और अंताकिया का नीकुलाउस। (नीकुलाओस ग़ैरयहूदी था जिसने ईसा पर ईमान लाने से पहले यहूदी मज़हब को अपना लिया था।)
Acts UrduGeoD 6:6  इन सात आदमियों को रसूलों के सामने पेश किया गया तो उन्होंने इन पर हाथ रखकर दुआ की।
Acts UrduGeoD 6:7  यों अल्लाह का पैग़ाम फैलता गया। यरूशलम में ईमानदारों की तादाद निहायत बढ़ती गई और बैतुल-मुक़द्दस के बहुत-से इमाम भी ईमान ले आए।
Acts UrduGeoD 6:8  स्तिफ़नुस अल्लाह के फ़ज़ल और क़ुव्वत से मामूर था और लोगों के दरमियान बड़े बड़े मोजिज़े और इलाही निशान दिखाता था।
Acts UrduGeoD 6:9  एक दिन कुछ यहूदी स्तिफ़नुस से बहस करने लगे। (वह कुरेन, इस्कंदरिया, किलिकिया और सूबा आसिया के रहनेवाले थे और उनके इबादतख़ाने का नाम लिबरतीनियोँ यानी आज़ाद किए गए ग़ुलामों का इबादतख़ाना था।)
Acts UrduGeoD 6:10  लेकिन वह न उस की हिकमत का सामना कर सके, न उस रूह का जो कलाम करते वक़्त उस की मदद करता था।
Acts UrduGeoD 6:11  इसलिए उन्होंने बाज़ आदमियों को यह कहने को उकसाया कि “इसने मूसा और अल्लाह के बारे में कुफ़र बका है। हम ख़ुद इसके गवाह हैं।”
Acts UrduGeoD 6:12  यों आम लोगों, बुज़ुर्गों और शरीअत के उलमा में हलचल मच गई। वह स्तिफ़नुस पर चढ़ आए और उसे घसीटकर यहूदी अदालते-आलिया के पास लाए।
Acts UrduGeoD 6:13  वहाँ उन्होंने झूटे गवाह खड़े किए जिन्होंने कहा, “यह आदमी बैतुल-मुक़द्दस और शरीअत के ख़िलाफ़ बातें करने से बाज़ नहीं आता।
Acts UrduGeoD 6:14  हमने इसके मुँह से सुना है कि ईसा नासरी यह मक़ाम तबाह करेगा और वह रस्मो-रिवाज बदल देगा जो मूसा ने हमारे सुपुर्द किए हैं।”
Acts UrduGeoD 6:15  जब इजलास में बैठे तमाम लोग घूर घूरकर स्तिफ़नुस की तरफ़ देखने लगे तो उसका चेहरा फ़रिश्ते का-सा नज़र आया।
Chapter 7
Acts UrduGeoD 7:1  इमामे-आज़म ने पूछा, “क्या यह सच है?”
Acts UrduGeoD 7:2  स्तिफ़नुस ने जवाब दिया, “भाइयो और बुज़ुर्गो, मेरी बात सुनें। जलाल का ख़ुदा हमारे बाप इब्राहीम पर ज़ाहिर हुआ जब वह अभी मसोपुतामिया में आबाद था। उस वक़्त वह हारान में मुंतक़िल नहीं हुआ था।
Acts UrduGeoD 7:3  अल्लाह ने उससे कहा, ‘अपने वतन और अपनी क़ौम को छोड़कर इस मुल्क में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊँगा।’
Acts UrduGeoD 7:4  चुनाँचे वह कसदियों के मुल्क को छोड़कर हारान में रहने लगा। वहाँ उसका बाप फ़ौत हुआ तो अल्लाह ने उसे इस मुल्क में मुंतक़िल किया जिसमें आप आज तक आबाद हैं।
Acts UrduGeoD 7:5  उस वक़्त अल्लाह ने उसे इस मुल्क में कोई भी मौरूसी ज़मीन न दी थी, एक मुरब्बा फ़ुट तक भी नहीं। लेकिन उसने उससे वादा किया, ‘मैं इस मुल्क को तेरे और तेरी औलाद के क़ब्ज़े में कर दूँगा,’ अगरचे उस वक़्त इब्राहीम के हाँ कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ था।
Acts UrduGeoD 7:6  अल्लाह ने उसे यह भी बताया, ‘तेरी औलाद ऐसे मुल्क में रहेगी जो उसका नहीं होगा। वहाँ वह अजनबी और ग़ुलाम होगी, और उस पर 400 साल तक बहुत ज़ुल्म किया जाएगा।
Acts UrduGeoD 7:7  लेकिन मैं उस क़ौम की अदालत करूँगा जिसने उसे ग़ुलाम बनाया होगा। इसके बाद वह उस मुल्क में से निकलकर इस मक़ाम पर मेरी इबादत करेंगे।’
Acts UrduGeoD 7:8  फिर अल्लाह ने इब्राहीम को ख़तना का अहद दिया। चुनाँचे जब इब्राहीम का बेटा इसहाक़ पैदा हुआ तो बाप ने आठवें दिन उसका ख़तना किया। यह सिलसिला जारी रहा जब इसहाक़ का बेटा याक़ूब पैदा हुआ और याक़ूब के बारह बेटे, हमारे बारह क़बीलों के सरदार।
Acts UrduGeoD 7:9  यह सरदार अपने भाई यूसुफ़ से हसद करने लगे और इसलिए उसे बेच दिया। यों वह ग़ुलाम बनकर मिसर पहुँचा। लेकिन अल्लाह उसके साथ रहा
Acts UrduGeoD 7:10  और उसे उस की तमाम मुसीबतों से रिहाई दी। उसने उसे दानाई अता करके इस क़ाबिल बना दिया कि वह मिसर के बादशाह फ़िरौन का मंज़ूरे-नज़र हो जाए। यों फ़िरौन ने उसे मिसर और अपने पूरे घराने पर हुक्मरान मुक़र्रर किया।
Acts UrduGeoD 7:11  फिर तमाम मिसर और कनान में काल पड़ा। लोग बड़ी मुसीबत में पड़ गए और हमारे बापदादा के पास भी ख़ुराक ख़त्म हो गई।
Acts UrduGeoD 7:12  याक़ूब को पता चला कि मिसर में अब तक अनाज है, इसलिए उसने अपने बेटों को अनाज ख़रीदने को वहाँ भेज दिया।
Acts UrduGeoD 7:13  जब उन्हें दूसरी बार वहाँ जाना पड़ा तो यूसुफ़ ने अपने आपको अपने भाइयों पर ज़ाहिर किया, और फ़िरौन को यूसुफ़ के ख़ानदान के बारे में आगाह किया गया।
Acts UrduGeoD 7:14  इसके बाद यूसुफ़ ने अपने बाप याक़ूब और तमाम रिश्तेदारों को बुला लिया। कुल 75 अफ़राद आए।
Acts UrduGeoD 7:15  यों याक़ूब मिसर पहुँचा। वहाँ वह और हमारे बापदादा मर गए।
Acts UrduGeoD 7:16  उन्हें सिकम में लाकर उस क़ब्र में दफ़नाया गया जो इब्राहीम ने हमोर की औलाद से पैसे देकर ख़रीदी थी।
Acts UrduGeoD 7:17  फिर वह वक़्त क़रीब आ गया जिसका वादा अल्लाह ने इब्राहीम से किया था। मिसर में हमारी क़ौम की तादाद बहुत बढ़ चुकी थी।
Acts UrduGeoD 7:18  लेकिन होते होते एक नया बादशाह तख़्तनशीन हुआ जो यूसुफ़ से नावाक़िफ़ था।
Acts UrduGeoD 7:19  उसने हमारी क़ौम का इस्तेह्साल करके उनसे बदसुलूकी की और उन्हें अपने शीरख़ार बच्चों को ज़ाया करने पर मजबूर किया।
Acts UrduGeoD 7:20  उस वक़्त मूसा पैदा हुआ। वह अल्लाह के नज़दीक ख़ूबसूरत बच्चा था और तीन माह तक अपने बाप के घर में पाला गया।
Acts UrduGeoD 7:21  इसके बाद वालिदैन को उसे छोड़ना पड़ा, लेकिन फ़िरौन की बेटी ने उसे लेपालक बनाकर अपने बेटे के तौर पर पाला।
Acts UrduGeoD 7:22  और मूसा को मिसरियों की हिकमत के हर शोबे में तरबियत मिली। उसे बोलने और अमल करने की ज़बरदस्त क़ाबिलियत हासिल थी।
Acts UrduGeoD 7:23  जब वह चालीस साल का था तो उसे अपनी क़ौम इसराईल के लोगों से मिलने का ख़याल आया।
Acts UrduGeoD 7:24  जब उसने उनके पास जाकर देखा कि एक मिसरी किसी इसराईली पर तशद्दुद कर रहा है तो उसने इसराईली की हिमायत करके मज़लूम का बदला लिया और मिसरी को मार डाला।
Acts UrduGeoD 7:25  उसका ख़याल तो यह था कि मेरे भाइयों को समझ आएगी कि अल्लाह मेरे वसीले से उन्हें रिहाई देगा, लेकिन ऐसा नहीं था।
Acts UrduGeoD 7:26  अगले दिन वह दो इसराईलियों के पास से गुज़रा जो आपस में लड़ रहे थे। उसने सुलह कराने की कोशिश में कहा, ‘मर्दो, आप तो भाई हैं। आप क्यों एक दूसरे से ग़लत सुलूक कर रहे हैं?’
Acts UrduGeoD 7:27  लेकिन जो आदमी दूसरे से बदसुलूकी कर रहा था उसने मूसा को एक तरफ़ धकेलकर कहा, ‘किसने आपको हम पर हुक्मरान और क़ाज़ी मुक़र्रर किया है?
Acts UrduGeoD 7:28  क्या आप मुझे भी क़त्ल करना चाहते हैं जिस तरह कल मिसरी को मार डाला था?’
Acts UrduGeoD 7:29  यह सुनकर मूसा फ़रार होकर मुल्के-मिदियान में अजनबी के तौर पर रहने लगा। वहाँ उसके दो बेटे पैदा हुए।
Acts UrduGeoD 7:30  चालीस साल के बाद एक फ़रिश्ता जलती हुई काँटेदार झाड़ी के शोले में उस पर ज़ाहिर हुआ। उस वक़्त मूसा सीना पहाड़ के क़रीब रेगिस्तान में था।
Acts UrduGeoD 7:31  यह मंज़र देखकर मूसा हैरान हुआ। जब वह उसका मुआयना करने के लिए क़रीब पहुँचा तो रब की आवाज़ सुनाई दी,
Acts UrduGeoD 7:32  ‘मैं तेरे बापदादा का ख़ुदा, इब्राहीम, इसहाक़ और याक़ूब का ख़ुदा हूँ।’ मूसा थरथराने लगा और उस तरफ़ देखने की जुर्रत न की।
Acts UrduGeoD 7:33  फिर रब ने उससे कहा, ‘अपनी जूतियाँ उतार, क्योंकि तू मुक़द्दस ज़मीन पर खड़ा है।
Acts UrduGeoD 7:34  मैंने मिसर में अपनी क़ौम की बुरी हालत देखी और उनकी आहें सुनी हैं, इसलिए उन्हें बचाने के लिए उतर आया हूँ। अब जा, मैं तुझे मिसर भेजता हूँ।’
Acts UrduGeoD 7:35  यों अल्लाह ने उस शख़्स को उनके पास भेज दिया जिसे वह यह कहकर रद्द कर चुके थे कि ‘किसने आपको हम पर हुक्मरान और क़ाज़ी मुक़र्रर किया है?’ जलती हुई काँटेदार झाड़ी में मौजूद फ़रिश्ते की मारिफ़त अल्लाह ने मूसा को उनके पास भेज दिया ताकि वह उनका हुक्मरान और नजातदहिंदा बन जाए।
Acts UrduGeoD 7:36  और वह मोजिज़े और इलाही निशान दिखाकर उन्हें मिसर से निकाल लाया, फिर बहरे-क़ुलज़ुम से गुज़रकर 40 साल के दौरान रेगिस्तान में उनकी राहनुमाई की।
Acts UrduGeoD 7:37  मूसा ने ख़ुद इसराईलियों को बताया, ‘अल्लाह तुम्हारे वास्ते तुम्हारे भाइयों में से मुझ जैसे नबी को बरपा करेगा।’
Acts UrduGeoD 7:38  मूसा रेगिस्तान में क़ौम की जमात में शरीक था। एक तरफ़ वह उस फ़रिश्ते के साथ था जो सीना पहाड़ पर उससे बातें करता था, दूसरी तरफ़ हमारे बापदादा के साथ। फ़रिश्ते से उसे ज़िंदगीबख़्श बातें मिल गईं जो उसे हमारे सुपुर्द करनी थीं।
Acts UrduGeoD 7:39  लेकिन हमारे बापदादा ने उस की सुनने से इनकार करके उसे रद्द कर दिया। दिल ही दिल में वह मिसर की तरफ़ रुजू कर चुके थे।
Acts UrduGeoD 7:40  वह हारून से कहने लगे, ‘आएँ, हमारे लिए देवता बना दें जो हमारे आगे आगे चलते हुए हमारी राहनुमाई करें। क्योंकि क्या मालूम कि उस बंदे मूसा को क्या हुआ है जो हमें मिसर से निकाल लाया।’
Acts UrduGeoD 7:41  उसी वक़्त उन्होंने बछड़े का बुत बनाकर उसे क़ुरबानियाँ पेश कीं और अपने हाथों के काम की ख़ुशी मनाई।
Acts UrduGeoD 7:42  इस पर अल्लाह ने अपना मुँह फेर लिया और उन्हें सितारों की पूजा की गिरिफ़्त में छोड़ दिया, बिलकुल उसी तरह जिस तरह नबियों के सहीफ़े में लिखा है, ‘ऐ इसराईल के घराने, जब तुम रेगिस्तान में घुमते-फिरते थे तो क्या तुमने उन 40 सालों के दौरान कभी मुझे ज़बह और ग़ल्ला की क़ुरबानियाँ पेश कीं?
Acts UrduGeoD 7:43  नहीं, उस वक़्त भी तुम मलिक देवता का ताबूत और रिफ़ान देवता का सितारा उठाए फिरते थे, गो तुमने अपने हाथों से यह बुत पूजा करने के लिए बना लिए थे। इसलिए मैं तुम्हें जिलावतन करके बाबल के पार बसा दूँगा।’
Acts UrduGeoD 7:44  रेगिस्तान में हमारे बापदादा के पास मुलाक़ात का ख़ैमा था। उसे उस नमूने के मुताबिक़ बनाया गया था जो अल्लाह ने मूसा को दिखाया था।
Acts UrduGeoD 7:45  मूसा की मौत के बाद हमारे बापदादा ने उसे विरसे में पाकर अपने साथ ले लिया जब उन्होंने यशुअ की राहनुमाई में इस मुल्क में दाख़िल होकर उस पर क़ब्ज़ा कर लिया। उस वक़्त अल्लाह उसमें आबाद क़ौमों को उनके आगे आगे निकालता गया। यों मुलाक़ात का ख़ैमा दाऊद बादशाह के ज़माने तक मुल्क में रहा।
Acts UrduGeoD 7:46  दाऊद अल्लाह का मंज़ूरे-नज़र था। उसने याक़ूब के ख़ुदा को एक सुकूनतगाह मुहैया करने की इजाज़त माँगी।
Acts UrduGeoD 7:47  लेकिन सुलेमान को उसके लिए मकान बनाने का एज़ाज़ हासिल हुआ।
Acts UrduGeoD 7:48  हक़ीक़त में अल्लाह तआला इनसान के हाथ के बनाए हुए मकानों में नहीं रहता। नबी रब का फ़रमान यों बयान करता है,
Acts UrduGeoD 7:49  ‘आसमान मेरा तख़्त है और ज़मीन मेरे पाँवों की चौकी, तो फिर तुम मेरे लिए किस क़िस्म का घर बनाओगे? वह जगह कहाँ है जहाँ मैं आराम करूँगा?
Acts UrduGeoD 7:50  क्या मेरे हाथ ने यह सब कुछ नहीं बनाया?’
Acts UrduGeoD 7:51  ऐ गरदनकश लोगो! बेशक आपका ख़तना हुआ है जो अल्लाह की क़ौम का ज़ाहिरी निशान है। लेकिन उसका आपके दिलों और कानों पर कुछ भी असर नहीं हुआ। आप अपने बापदादा की तरह हमेशा रूहुल-क़ुद्स की मुख़ालफ़त करते रहते हैं।
Acts UrduGeoD 7:52  क्या कभी कोई नबी था जिसे आपके बापदादा ने न सताया? उन्होंने उन्हें भी क़त्ल किया जिन्होंने रास्तबाज़ मसीह की पेशगोई की, उस शख़्स की जिसे आपने दुश्मनों के हवाले करके मार डाला।
Acts UrduGeoD 7:53  आप ही को फ़रिश्तों के हाथ से अल्लाह की शरीअत हासिल हुई मगर उस पर अमल नहीं किया।”
Acts UrduGeoD 7:54  स्तिफ़नुस की यह बातें सुनकर इजलास के लोग तैश में आकर दाँत पीसने लगे।
Acts UrduGeoD 7:55  लेकिन स्तिफ़नुस रूहुल-क़ुद्स से मामूर अपनी नज़र उठाकर आसमान की तरफ़ तकने लगा। वहाँ उसे अल्लाह का जलाल नज़र आया, और ईसा अल्लाह के दहने हाथ खड़ा था।
Acts UrduGeoD 7:56  उसने कहा, “देखो, मुझे आसमान खुला हुआ दिखाई दे रहा है और इब्ने-आदम अल्लाह के दहने हाथ खड़ा है!”
Acts UrduGeoD 7:57  यह सुनते ही उन्होंने चीख़ चीख़कर हाथों से अपने कानों को बंद कर लिया और मिलकर उस पर झपट पड़े।
Acts UrduGeoD 7:58  फिर वह उसे शहर से निकालकर संगसार करने लगे। और जिन लोगों ने उसके ख़िलाफ़ गवाही दी थी उन्होंने अपनी चादरें उतारकर एक जवान आदमी के पाँवों में रख दीं। उस आदमी का नाम साऊल था।
Acts UrduGeoD 7:59  जब वह स्तिफ़नुस को संगसार कर रहे थे तो उसने दुआ करके कहा, “ऐ ख़ुदावंद ईसा, मेरी रूह को क़बूल कर।”
Acts UrduGeoD 7:60  फिर घुटने टेककर उसने ऊँची आवाज़ से कहा, “ऐ ख़ुदावंद, उन्हें इस गुनाह के ज़िम्मादार न ठहरा।” यह कहकर वह इंतक़ाल कर गया।
Chapter 8
Acts UrduGeoD 8:1  और साऊल को भी स्तिफ़नुस का क़त्ल मंज़ूर था। उस दिन यरूशलम में मौजूद जमात सख़्त ईज़ारसानी की ज़द में आ गई। इसलिए सिवाए रसूलों के तमाम ईमानदार यहूदिया और सामरिया के इलाक़ों में तित्तर-बित्तर हो गए।
Acts UrduGeoD 8:2  कुछ ख़ुदातरस आदमियों ने स्तिफ़नुस को दफ़न करके रो रोकर उसका मातम किया।
Acts UrduGeoD 8:3  लेकिन साऊल ईसा की जमात को तबाह करने पर तुला हुआ था। उसने घर घर जाकर ईमानदार मर्दो-ख़वातीन को निकाल दिया और उन्हें घसीटकर क़ैदख़ाने में डलवा दिया।
Acts UrduGeoD 8:4  जो ईमानदार बिखर गए थे वह जगह जगह जाकर अल्लाह की ख़ुशख़बरी सुनाते फिरे।
Acts UrduGeoD 8:5  इस तरह फ़िलिप्पुस सामरिया के किसी शहर को गया और वहाँ के लोगों को मसीह के बारे में बताया।
Acts UrduGeoD 8:6  जो कुछ भी फ़िलिप्पुस ने कहा और जो भी इलाही निशान उसने दिखाए, उस पर सुननेवाले हुजूम ने यकदिल होकर तवज्जुह दी।
Acts UrduGeoD 8:7  बहुत-से लोगों में से बदरूहें ज़ोरदार चीख़ें मार मारकर निकल गईं, और बहुत-से मफ़लूजों और लँगड़ों को शफ़ा मिल गई।
Acts UrduGeoD 8:8  यों उस शहर में बड़ी शादमानी फैल गई।
Acts UrduGeoD 8:9  वहाँ काफ़ी अरसे से एक आदमी रहता था जिसका नाम शमौन था। वह जादूगर था और उसके हैरतअंगेज़ काम से सामरिया के लोग बहुत मुतअस्सिर थे। उसका अपना दावा था कि मैं कोई ख़ास शख़्स हूँ।
Acts UrduGeoD 8:10  इसलिए सब लोग छोटे से लेकर बड़े तक उस पर ख़ास तवज्जुह देते थे। उनका कहना था, ‘यह आदमी वह इलाही क़ुव्वत है जो अज़ीम कहलाती है।’
Acts UrduGeoD 8:11  वह इसलिए उसके पीछे लग गए थे कि उसने उन्हें बड़ी देर से अपने हैरतअंगेज़ कामों से मुतअस्सिर कर रखा था।
Acts UrduGeoD 8:12  लेकिन अब लोग फ़िलिप्पुस की अल्लाह की बादशाही और ईसा के नाम के बारे में ख़ुशख़बरी पर ईमान ले आए, और मर्दो-ख़वातीन ने बपतिस्मा लिया।
Acts UrduGeoD 8:13  ख़ुद शमौन ने भी ईमान लाकर बपतिस्मा लिया और फ़िलिप्पुस के साथ रहा। जब उसने वह बड़े इलाही निशान और मोजिज़े देखे जो फ़िलिप्पुस के हाथ से ज़ाहिर हुए तो वह हक्का-बक्का रह गया।
Acts UrduGeoD 8:14  जब यरूशलम में रसूलों ने सुना कि सामरिया ने अल्लाह का कलाम क़बूल कर लिया है तो उन्होंने पतरस और यूहन्ना को उनके पास भेज दिया।
Acts UrduGeoD 8:15  वहाँ पहुँचकर उन्होंने उनके लिए दुआ की कि उन्हें रूहुल-क़ुद्स मिल जाए,
Acts UrduGeoD 8:16  क्योंकि अभी रूहुल-क़ुद्स उन पर नाज़िल नहीं हुआ था बल्कि उन्हें सिर्फ़ ख़ुदावंद ईसा के नाम में बपतिस्मा दिया गया था।
Acts UrduGeoD 8:17  अब जब पतरस और यूहन्ना ने अपने हाथ उन पर रखे तो उन्हें रूहुल-क़ुद्स मिल गया।
Acts UrduGeoD 8:18  शमौन ने देखा कि जब रसूल लोगों पर हाथ रखते हैं तो उनको रूहुल-क़ुद्स मिलता है। इसलिए उसने उन्हें पैसे पेश करके
Acts UrduGeoD 8:19  कहा, “मुझे भी यह इख़्तियार दे दें कि जिस पर मैं हाथ रखूँ उसे रूहुल-क़ुद्स मिल जाए।”
Acts UrduGeoD 8:20  लेकिन पतरस ने जवाब दिया, “आपके पैसे आपके साथ ग़ारत हो जाएँ, क्योंकि आपने सोचा कि अल्लाह की नेमत पैसों से ख़रीदी जा सकती है।
Acts UrduGeoD 8:21  इस ख़िदमत में आपका कोई हिस्सा नहीं है, क्योंकि आपका दिल अल्लाह के सामने ख़ालिस नहीं है।
Acts UrduGeoD 8:22  अपनी इस शरारत से तौबा करके ख़ुदावंद से दुआ करें। शायद वह आपको इस इरादे की मुआफ़ी दे जो आपने दिल में रखा है।
Acts UrduGeoD 8:23  क्योंकि मैं देखता हूँ कि आप कड़वे पित से भरे और नारास्ती के बंधन में जकड़े हुए हैं।”
Acts UrduGeoD 8:24  शमौन ने कहा, “फिर ख़ुदावंद से मेरे लिए दुआ करें कि आपकी मज़कूरा मुसीबतों में से मुझ पर कोई न आए।”
Acts UrduGeoD 8:25  ख़ुदावंद के कलाम की गवाही देने और उस की मुनादी करने के बाद पतरस और यूहन्ना वापस यरूशलम के लिए रवाना हुए। रास्ते में उन्होंने सामरिया के बहुत-से देहातों में अल्लाह की ख़ुशख़बरी सुनाई।
Acts UrduGeoD 8:26  एक दिन रब के फ़रिश्ते ने फ़िलिप्पुस से कहा, “उठकर जुनूब की तरफ़ उस राह पर जा जो रेगिस्तान में से गुज़रकर यरूशलम से ग़ज़्ज़ा को जाती है।”
Acts UrduGeoD 8:27  फ़िलिप्पुस उठकर रवाना हुआ। चलते चलते उस की मुलाक़ात एथोपिया की मलिका कंदाके के एक ख़्वाजासरा से हुई। मलिका के पूरे ख़ज़ाने पर मुक़र्रर यह दरबारी इबादत करने के लिए यरूशलम गया था
Acts UrduGeoD 8:28  और अब अपने मुल्क में वापस जा रहा था। उस वक़्त वह रथ में सवार यसायाह नबी की किताब की तिलावत कर रहा था।
Acts UrduGeoD 8:29  रूहुल-क़ुद्स ने फ़िलिप्पुस से कहा, “उसके पास जाकर रथ के साथ हो ले।”
Acts UrduGeoD 8:30  फ़िलिप्पुस दौड़कर रथ के पास पहुँचा तो सुना कि वह यसायाह नबी की किताब की तिलावत कर रहा है। उसने पूछा, “क्या आपको उस सबकी समझ आती है जो आप पढ़ रहे हैं?”
Acts UrduGeoD 8:31  दरबारी ने जवाब दिया, “मैं क्योंकर समझूँ जब तक कोई मेरी राहनुमाई न करे?” और उसने फ़िलिप्पुस को रथ में सवार होने की दावत दी।
Acts UrduGeoD 8:32  कलामे-मुक़द्दस का जो हवाला वह पढ़ रहा था यह था, ‘उसे भेड़ की तरह ज़बह करने के लिए ले गए। जिस तरह लेला बाल कतरनेवाले के सामने ख़ामोश रहता है, उसी तरह उसने अपना मुँह न खोला।
Acts UrduGeoD 8:33  उस की तज़लील की गई और उसे इनसाफ़ न मिला। कौन उस की नसल बयान कर सकता है? क्योंकि उस की जान दुनिया से छीन ली गई।’
Acts UrduGeoD 8:34  दरबारी ने फ़िलिप्पुस से पूछा, “मेहरबानी करके मुझे बता दीजिए कि नबी यहाँ किसका ज़िक्र कर रहा है, अपना या किसी और का?”
Acts UrduGeoD 8:35  जवाब में फ़िलिप्पुस ने कलामे-मुक़द्दस के इसी हवाले से शुरू करके उसे ईसा के बारे में ख़ुशख़बरी सुनाई।
Acts UrduGeoD 8:36  सड़क पर सफ़र करते करते वह एक जगह से गुज़रे जहाँ पानी था। ख़्वाजासरा ने कहा, “देखें, यहाँ पानी है। अब मुझे बपतिस्मा लेने से कौन-सी चीज़ रोक सकती है?”
Acts UrduGeoD 8:37  [फ़िलिप्पुस ने कहा, “अगर आप पूरे दिल से ईमान लाएँ तो ले सकते हैं।” उसने जवाब दिया, “मैं ईमान रखता हूँ कि ईसा मसीह अल्लाह का फ़रज़ंद है।”]
Acts UrduGeoD 8:38  उसने रथ को रोकने का हुक्म दिया। दोनों पानी में उतर गए और फ़िलिप्पुस ने उसे बपतिस्मा दिया।
Acts UrduGeoD 8:39  जब वह पानी से निकल आए तो ख़ुदावंद का रूह फ़िलिप्पुस को उठा ले गया। इसके बाद ख़्वाजासरा ने उसे फिर कभी न देखा, लेकिन उसने ख़ुशी मनाते हुए अपना सफ़र जारी रखा।
Acts UrduGeoD 8:40  इतने में फ़िलिप्पुस को अशदूद शहर में पाया गया। वह वहाँ और क़ैसरिया तक के तमाम शहरों में से गुज़रकर अल्लाह की ख़ुशख़बरी सुनाता गया।
Chapter 9
Acts UrduGeoD 9:1  अब तक साऊल ख़ुदावंद के शागिर्दों को धमकाने और क़त्ल करने के दरपै था। उसने इमामे-आज़म के पास जाकर
Acts UrduGeoD 9:2  उससे गुज़ारिश की कि “मुझे दमिश्क़ में यहूदी इबादतख़ानों के लिए सिफ़ारिशी ख़त लिखकर दें ताकि वह मेरे साथ तावुन करें। क्योंकि मैं वहाँ मसीह की राह पर चलनेवालों को ख़ाह वह मर्द हों या ख़वातीन ढूँडकर और बाँधकर यरूशलम लाना चाहता हूँ।”
Acts UrduGeoD 9:3  वह इस मक़सद से सफ़र करके दमिश्क़ के क़रीब पहुँचा ही था कि अचानक आसमान की तरफ़ से एक तेज़ रौशनी उसके गिर्द चमकी।
Acts UrduGeoD 9:4  वह ज़मीन पर गिर पड़ा तो एक आवाज़ सुनाई दी, “साऊल, साऊल, तू मुझे क्यों सताता है?”
Acts UrduGeoD 9:5  उसने पूछा, “ख़ुदावंद, आप कौन हैं?” आवाज़ ने जवाब दिया, “मैं ईसा हूँ जिसे तू सताता है।
Acts UrduGeoD 9:6  अब उठकर शहर में जा। वहाँ तुझे बताया जाएगा कि तुझे क्या करना है।”
Acts UrduGeoD 9:7  साऊल के पास खड़े हमसफ़र दम बख़ुद रह गए। आवाज़ तो वह सुन रहे थे, लेकिन उन्हें कोई नज़र न आया।
Acts UrduGeoD 9:8  साऊल ज़मीन पर से उठा, लेकिन जब उसने अपनी आँखें खोलीं तो मालूम हुआ कि वह अंधा है। चुनाँचे उसके साथी उसका हाथ पकड़कर उसे दमिश्क़ ले गए।
Acts UrduGeoD 9:9  वहाँ तीन दिन के दौरान वह अंधा रहा। इतने में उसने न कुछ खाया, न पिया।
Acts UrduGeoD 9:10  उस वक़्त दमिश्क़ में ईसा का एक शागिर्द रहता था जिसका नाम हननियाह था। अब ख़ुदावंद रोया में उससे हमकलाम हुआ, “हननियाह!” उसने जवाब दिया, “जी ख़ुदावंद, मैं हाज़िर हूँ।”
Acts UrduGeoD 9:11  ख़ुदावंद ने फ़रमाया, “उठ, उस गली में जा जो ‘सीधी’ कहलाती है। वहाँ यहूदाह के घर में तरसुस के एक आदमी का पता करना जिसका नाम साऊल है। क्योंकि देख, वह दुआ कर रहा है।
Acts UrduGeoD 9:12  और रोया में उसने देख लिया है कि एक आदमी बनाम हननियाह मेरे पास आकर अपने हाथ मुझ पर रखेगा। इससे मेरी आँखें बहाल हो जाएँगी।”
Acts UrduGeoD 9:13  हननियाह ने एतराज़ किया, “ऐ ख़ुदावंद, मैंने बहुत-से लोगों से उस शख़्स की शरीर हरकतों के बारे में सुना है। यरूशलम में उसने तेरे मुक़द्दसों के साथ बहुत ज़्यादती की है।
Acts UrduGeoD 9:14  अब उसे राहनुमा इमामों से इख़्तियार मिल गया है कि यहाँ भी हर एक को गिरिफ़्तार करे जो तेरी इबादत करता है।”
Acts UrduGeoD 9:15  लेकिन ख़ुदावंद ने कहा, “जा, यह आदमी मेरा चुना हुआ वसीला है जो मेरा नाम ग़ैरयहूदियों, बादशाहों और इसराईलियों तक पहुँचाएगा।
Acts UrduGeoD 9:16  और मैं उसे दिखा दूँगा कि उसे मेरे नाम की ख़ातिर कितना दुख उठाना पड़ेगा।”
Acts UrduGeoD 9:17  चुनाँचे हननियाह मज़कूरा घर के पास गया, उसमें दाख़िल हुआ और अपने हाथ साऊल पर रख दिए। उसने कहा, “साऊल भाई, ख़ुदावंद ईसा जो आप पर ज़ाहिर हुआ जब आप यहाँ आ रहे थे उसी ने मुझे भेजा है ताकि आप दुबारा देख पाएँ और रूहुल-क़ुद्स से मामूर हो जाएँ।”
Acts UrduGeoD 9:18  यह कहते ही छिलकों जैसी कोई चीज़ साऊल की आँखों पर से गिरी और वह दुबारा देखने लगा। उसने उठकर बपतिस्मा लिया,
Acts UrduGeoD 9:19  फिर कुछ खाना खाकर नए सिरे से तक़वियत पाई। साऊल कई दिन शागिर्दों के साथ दमिश्क़ में रहा।
Acts UrduGeoD 9:20  उसी वक़्त वह सीधा यहूदी इबादतख़ानों में जाकर एलान करने लगा कि ईसा अल्लाह का फ़रज़ंद है।
Acts UrduGeoD 9:21  और जिसने भी उसे सुना वह हैरान रह गया और पूछा, “क्या यह वह आदमी नहीं जो यरूशलम में ईसा की इबादत करनेवालों को हलाक कर रहा था? और क्या वह इस मक़सद से यहाँ नहीं आया कि ऐसे लोगों को बाँधकर राहनुमा इमामों के पास ले जाए?”
Acts UrduGeoD 9:22  लेकिन साऊल रोज़ बरोज़ ज़ोर पकड़ता गया, और चूँकि उसने साबित किया कि ईसा वादा किया हुआ मसीह है इसलिए दमिश्क़ में आबाद यहूदी उलझन में पड़ गए।
Acts UrduGeoD 9:23  चुनाँचे काफ़ी दिनों के बाद उन्होंने मिलकर उसे क़त्ल करने का मनसूबा बनाया।
Acts UrduGeoD 9:24  लेकिन साऊल को पता चल गया। यहूदी दिन-रात शहर के दरवाज़ों की पहरादारी करते रहे ताकि उसे क़त्ल करें,
Acts UrduGeoD 9:25  इसलिए उसके शागिर्दों ने उसे रात के वक़्त टोकरे में बिठाकर शहर की चारदीवारी के एक सूराख़ में से उतार दिया।
Acts UrduGeoD 9:26  साऊल यरूशलम वापस चला गया। वहाँ उसने शागिर्दों से राबिता करने की कोशिश की, लेकिन सब उससे डरते थे, क्योंकि उन्हें यक़ीन नहीं आया था कि वह वाक़ई ईसा का शागिर्द बन गया है।
Acts UrduGeoD 9:27  फिर बरनबास उसे रसूलों के पास ले आया। उसने उन्हें साऊल के बारे में सब कुछ बताया, कि उसने दमिश्क़ की तरफ़ सफ़र करते वक़्त रास्ते में ख़ुदावंद को देखा, कि ख़ुदावंद उससे हमकलाम हुआ था और उसने दमिश्क़ में दिलेरी से ईसा के नाम से बात की थी।
Acts UrduGeoD 9:28  चुनाँचे साऊल उनके साथ रहकर आज़ादी से यरूशलम में फिरने और दिलेरी से ख़ुदावंद ईसा के नाम से कलाम करने लगा।
Acts UrduGeoD 9:29  उसने यूनानी ज़बान बोलनेवाले यहूदियों से भी मुख़ातिब होकर बहस की, लेकिन जवाब में वह उसे क़त्ल करने की कोशिश करने लगे।
Acts UrduGeoD 9:30  जब भाइयों को मालूम हुआ तो उन्होंने उसे क़ैसरिया पहुँचा दिया और जहाज़ में बिठाकर तरसुस के लिए रवाना कर दिया।
Acts UrduGeoD 9:31  इस पर यहूदिया, गलील और सामरिया के पूरे इलाक़े में फैली हुई जमात को अमनो-अमान हासिल हुआ। रूहुल-क़ुद्स की हिमायत से उस की तामीरो-तक़वियत हुई, वह ख़ुदा का ख़ौफ़ मानकर चलती रही और तादाद में भी बढ़ती गई।
Acts UrduGeoD 9:32  एक दिन जब पतरस जगह जगह सफ़र कर रहा था तो वह लुद्दा में आबाद मुक़द्दसों के पास भी आया।
Acts UrduGeoD 9:33  वहाँ उस की मुलाक़ात एक आदमी बनाम ऐनियास से हुई। ऐनियास मफ़लूज था। वह आठ साल से बिस्तर से उठ न सका था।
Acts UrduGeoD 9:34  पतरस ने उससे कहा, “ऐनियास, ईसा मसीह आपको शफ़ा देता है। उठकर अपना बिस्तर समेट लें।” ऐनियास फ़ौरन उठ खड़ा हुआ।
Acts UrduGeoD 9:35  जब लुद्दा और मैदानी इलाक़े शारून के तमाम रहनेवालों ने उसे देखा तो उन्होंने ख़ुदावंद की तरफ़ रुजू किया।
Acts UrduGeoD 9:36  याफ़ा में एक औरत थी जो शागिर्द थी और नेक काम करने और ख़ैरात देने में बहुत आगे थी। उसका नाम तबीता (ग़ज़ाला) था।
Acts UrduGeoD 9:37  उन्हीं दिनों में वह बीमार होकर फ़ौत हो गई। लोगों ने उसे ग़ुस्ल देकर बालाख़ाने में रख दिया।
Acts UrduGeoD 9:38  लुद्दा याफ़ा के क़रीब है, इसलिए जब शागिर्दों ने सुना कि पतरस लुद्दा में है तो उन्होंने उसके पास दो आदमियों को भेजकर इलतमास की, “सीधे हमारे पास आएँ और देर न करें।”
Acts UrduGeoD 9:39  पतरस उठकर उनके साथ चला गया। वहाँ पहुँचकर लोग उसे बालाख़ाने में ले गए। तमाम बेवाओं ने उसे घेर लिया और रोते चिल्लाते वह सारी क़मीसें और बाक़ी लिबास दिखाने लगीं जो तबीता ने उनके लिए बनाए थे जब वह अभी ज़िंदा थी।
Acts UrduGeoD 9:40  लेकिन पतरस ने उन सबको कमरे से निकाल दिया और घुटने टेककर दुआ की। फिर लाश की तरफ़ मुड़कर उसने कहा, “तबीता, उठें!” औरत ने अपनी आँखें खोल दीं। पतरस को देखकर वह बैठ गई।
Acts UrduGeoD 9:41  पतरस ने उसका हाथ पकड़ लिया और उठने में उस की मदद की। फिर उसने मुक़द्दसों और बेवाओं को बुलाकर तबीता को ज़िंदा उनके सुपुर्द किया।
Acts UrduGeoD 9:42  यह वाक़िया पूरे याफ़ा में मशहूर हुआ, और बहुत-से लोग ख़ुदावंद ईसा पर ईमान लाए।
Acts UrduGeoD 9:43  पतरस काफ़ी दिनों तक याफ़ा में रहा। वहाँ वह चमड़ा रंगनेवाले एक आदमी के घर ठहरा जिसका नाम शमौन था।
Chapter 10
Acts UrduGeoD 10:1  क़ैसरिया में एक रोमी अफ़सर रहता था जिसका नाम कुरनेलियुस था। वह उस पलटन के सौ फ़ौजियों पर मुक़र्रर था जो इतालवी कहलाती थी।
Acts UrduGeoD 10:2  कुरनेलियुस अपने पूरे घराने समेत दीनदार और ख़ुदातरस था। वह फ़ैयाज़ी से ख़ैरात देता और मुतवातिर दुआ में लगा रहता था।
Acts UrduGeoD 10:3  एक दिन उसने तीन बजे दोपहर के वक़्त रोया देखी। उसमें उसने साफ़ तौर पर अल्लाह का एक फ़रिश्ता देखा जो उसके पास आया और कहा, “कुरनेलियुस!”
Acts UrduGeoD 10:4  वह घबरा गया और उसे ग़ौर से देखते हुए कहा, “मेरे आक़ा, फ़रमाएँ।” फ़रिश्ते ने कहा, “तुम्हारी दुआओं और ख़ैरात की क़ुरबानी अल्लाह के हुज़ूर पहुँच गई है और मंज़ूर है।
Acts UrduGeoD 10:5  अब कुछ आदमी याफ़ा भेज दो। वहाँ एक आदमी बनाम शमौन है जो पतरस कहलाता है। उसे बुलाकर ले आओ।
Acts UrduGeoD 10:6  पतरस एक चमड़ा रंगनेवाले का मेहमान है जिसका नाम शमौन है। उसका घर समुंदर के क़रीब वाक़े है।”
Acts UrduGeoD 10:7  ज्योंही फ़रिश्ता चला गया कुरनेलियुस ने दो नौकरों और अपने ख़िदमतगार फ़ौजियों में से एक ख़ुदातरस आदमी को बुलाया।
Acts UrduGeoD 10:8  सब कुछ सुनाकर उसने उन्हें याफ़ा भेज दिया।
Acts UrduGeoD 10:9  अगले दिन पतरस दोपहर तक़रीबन बारह बजे दुआ करने के लिए छत पर चढ़ गया। उस वक़्त कुरनेलियुस के भेजे हुए आदमी याफ़ा शहर के क़रीब पहुँच गए थे।
Acts UrduGeoD 10:10  पतरस को भूक लगी और वह कुछ खाना चाहता था। जब उसके लिए खाना तैयार किया जा रहा था तो वह वज्द की हालत में आ गया।
Acts UrduGeoD 10:11  उसने देखा कि आसमान खुल गया है और एक चीज़ ज़मीन पर उतर रही है, कतान की बड़ी चादर जैसी जो अपने चार कोनों से नीचे उतारी जा रही है।
Acts UrduGeoD 10:12  चादर में तमाम क़िस्म के जानवर हैं : चार पाँव रखनेवाले, रेंगनेवाले और परिंदे।
Acts UrduGeoD 10:13  फिर एक आवाज़ उससे मुख़ातिब हुई, “उठ, पतरस। कुछ ज़बह करके खा!”
Acts UrduGeoD 10:14  पतरस ने एतराज़ किया, “हरगिज़ नहीं ख़ुदावंद, मैंने कभी भी हराम या नापाक खाना नहीं खाया।”
Acts UrduGeoD 10:15  लेकिन यह आवाज़ दुबारा उससे हमकलाम हुई, “जो कुछ अल्लाह ने पाक कर दिया है उसे नापाक क़रार न दे।”
Acts UrduGeoD 10:16  यही कुछ तीन मरतबा हुआ, फिर चादर को अचानक आसमान पर वापस उठा लिया गया।
Acts UrduGeoD 10:17  पतरस बड़ी उलझन में पड़ गया। वह अभी सोच रहा था कि इस रोया का क्या मतलब है तो कुरनेलियुस के भेजे हुए आदमी शमौन के घर का पता करके उसके गेट पर पहुँच गए।
Acts UrduGeoD 10:18  आवाज़ देकर उन्होंने पूछा, “क्या शमौन जो पतरस कहलाता है आपके मेहमान हैं?”
Acts UrduGeoD 10:19  पतरस अभी रोया पर ग़ौर कर ही रहा था कि रूहुल-क़ुद्स उससे हमकलाम हुआ, “शमौन, तीन मर्द तेरी तलाश में हैं।
Acts UrduGeoD 10:20  उठ और छत से उतरकर उनके साथ चला जा। मत झिजकना, क्योंकि मैं ही ने उन्हें तेरे पास भेजा है।”
Acts UrduGeoD 10:21  चुनाँचे पतरस उन आदमियों के पास गया और उनसे कहा, “मैं वही हूँ जिसे आप ढूँड रहे हैं। आप क्यों मेरे पास आए हैं?”
Acts UrduGeoD 10:22  उन्होंने जवाब दिया, “हम सौ फ़ौजियों पर मुक़र्रर अफ़सर कुरनेलियुस के घर से आए हैं। वह इनसाफ़परवर और ख़ुदातरस आदमी हैं। पूरी यहूदी क़ौम इसकी तसदीक़ कर सकती है। एक मुक़द्दस फ़रिश्ते ने उन्हें हिदायत दी कि वह आपको अपने घर बुलाकर आपका पैग़ाम सुनें।”
Acts UrduGeoD 10:23  यह सुनकर पतरस उन्हें अंदर ले गया और उनकी मेहमान-नवाज़ी की। अगले दिन वह उठकर उनके साथ रवाना हुआ। याफ़ा के कुछ भाई भी साथ गए।
Acts UrduGeoD 10:24  एक दिन के बाद वह क़ैसरिया पहुँच गया। कुरनेलियुस उनके इंतज़ार में था। उसने अपने रिश्तेदारों और क़रीबी दोस्तों को भी अपने घर जमा कर रखा था।
Acts UrduGeoD 10:25  जब पतरस घर में दाख़िल हुआ तो कुरनेलियुस ने उसके सामने गिरकर उसे सिजदा किया।
Acts UrduGeoD 10:26  लेकिन पतरस ने उसे उठाकर कहा, “उठें। मैं भी इनसान ही हूँ।”
Acts UrduGeoD 10:27  और उससे बातें करते करते वह अंदर गया और देखा कि बहुत-से लोग जमा हो गए हैं।
Acts UrduGeoD 10:28  उसने उनसे कहा, “आप जानते हैं कि किसी यहूदी के लिए किसी ग़ैरयहूदी से रिफ़ाक़त रखना या उसके घर में जाना मना है। लेकिन अल्लाह ने मुझे दिखाया है कि मैं किसी को भी हराम या नापाक क़रार न दूँ।
Acts UrduGeoD 10:29  इस वजह से जब मुझे बुलाया गया तो मैं एतराज़ किए बग़ैर चला आया। अब मुझे बता दीजिए कि आपने मुझे क्यों बुलाया है?”
Acts UrduGeoD 10:30  कुरनेलियुस ने जवाब दिया, “चार दिन की बात है कि मैं इसी वक़्त दोपहर तीन बजे दुआ कर रहा था। अचानक एक आदमी मेरे सामने आ खड़ा हुआ। उसके कपड़े चमक रहे थे।
Acts UrduGeoD 10:31  उसने कहा, ‘कुरनेलियुस, अल्लाह ने तुम्हारी दुआ सुन ली और तुम्हारी ख़ैरात का ख़याल किया है।
Acts UrduGeoD 10:32  अब किसी को याफ़ा भेजकर शमौन को बुला लो जो पतरस कहलाता है। वह चमड़ा रंगनेवाले शमौन का मेहमान है। शमौन का घर समुंदर के क़रीब वाक़े है।’
Acts UrduGeoD 10:33  यह सुनते ही मैंने अपने लोगों को आपको बुलाने के लिए भेज दिया। अच्छा हुआ कि आप आ गए हैं। अब हम सब अल्लाह के हुज़ूर हाज़िर हैं ताकि वह कुछ सुनें जो रब ने आपको हमें बताने को कहा है।”
Acts UrduGeoD 10:34  फिर पतरस बोल उठा, “अब मैं समझ गया हूँ कि अल्लाह वाक़ई जानिबदार नहीं,
Acts UrduGeoD 10:35  बल्कि हर किसी को क़बूल करता है जो उसका ख़ौफ़ मानता और रास्त काम करता है।
Acts UrduGeoD 10:36  आप अल्लाह की उस ख़ुशख़बरी से वाक़िफ़ हैं जो उसने इसराईलियों को भेजी, यह ख़ुशख़बरी कि ईसा मसीह के वसीले से सलामती आई है। ईसा मसीह सबका ख़ुदावंद है।
Acts UrduGeoD 10:37  आपको वह कुछ मालूम है जो गलील से शुरू होकर यहूदिया के पूरे इलाक़े में हुआ यानी उस बपतिस्मे के बाद जिसकी मुनादी यहया ने की।
Acts UrduGeoD 10:38  और आप जानते हैं कि अल्लाह ने ईसा नासरी को रूहुल-क़ुद्स और क़ुव्वत से मसह किया और कि इस पर उसने जगह जगह जाकर नेक काम किया और इबलीस के दबे हुए तमाम लोगों को शफ़ा दी, क्योंकि अल्लाह उसके साथ था।
Acts UrduGeoD 10:39  जो कुछ भी उसने मुल्के-यहूद और यरूशलम में किया, उसके गवाह हम ख़ुद हैं। गो लोगों ने उसे लकड़ी पर लटकाकर क़त्ल कर दिया
Acts UrduGeoD 10:40  लेकिन अल्लाह ने तीसरे दिन उसे मुरदों में से ज़िंदा किया और उसे लोगों पर ज़ाहिर किया।
Acts UrduGeoD 10:41  वह पूरी क़ौम पर तो ज़ाहिर नहीं हुआ बल्कि हम पर जिनको अल्लाह ने पहले से चुन लिया था ताकि हम उसके गवाह हों। हमने उसके जी उठने के बाद उसके साथ खाने-पीने की रिफ़ाक़त भी रखी।
Acts UrduGeoD 10:42  उस वक़्त उसने हमें हुक्म दिया कि मुनादी करके क़ौम को गवाही दो कि ईसा वही है जिसे अल्लाह ने ज़िंदों और मुरदों पर मुंसिफ़ मुक़र्रर किया है।
Acts UrduGeoD 10:43  तमाम नबी उस की गवाही देते हैं कि जो भी उस पर ईमान लाए उसे उसके नाम के वसीले से गुनाहों की मुआफ़ी मिल जाएगी।”
Acts UrduGeoD 10:44  पतरस अभी यह बात कर ही रहा था कि तमाम सुननेवालों पर रूहुल-क़ूदस नाज़िल हुआ।
Acts UrduGeoD 10:45  जो यहूदी ईमानदार पतरस के साथ आए थे वह हक्का-बक्का रह गए कि रूहुल-क़ुद्स की नेमत ग़ैरयहूदियों पर भी उंडेली गई है,
Acts UrduGeoD 10:46  क्योंकि उन्होंने देखा कि वह ग़ैरज़बानें बोल रहे और अल्लाह की तमजीद कर रहे हैं। तब पतरस ने कहा,
Acts UrduGeoD 10:47  “अब कौन इनको बपतिस्मा लेने से रोक सकता है? इन्हें तो हमारी तरह रूहुल-क़ुद्स हासिल हुआ है।”
Acts UrduGeoD 10:48  और उसने हुक्म दिया कि उन्हें ईसा मसीह के नाम से बपतिस्मा दिया जाए। इसके बाद उन्होंने पतरस से गुज़ारिश की कि कुछ दिन हमारे पास ठहरें।
Chapter 11
Acts UrduGeoD 11:1  यह ख़बर रसूलों और यहूदिया के बाक़ी भाइयों तक पहुँची कि ग़ैरयहूदियों ने भी अल्लाह का कलाम क़बूल किया है।
Acts UrduGeoD 11:2  चुनाँचे जब पतरस यरूशलम वापस आया तो यहूदी ईमानदार उस पर एतराज़ करने लगे,
Acts UrduGeoD 11:3  “आप ग़ैरयहूदियों के घर में गए और उनके साथ खाना भी खाया।”
Acts UrduGeoD 11:4  फिर पतरस ने उनके सामने तरतीब से सब कुछ बयान किया जो हुआ था।
Acts UrduGeoD 11:5  “मैं याफ़ा शहर में दुआ कर रहा था कि वज्द की हालत में आकर रोया देखी। आसमान से एक चीज़ ज़मीन पर उतर रही है, कतान की बड़ी चादर जैसी जो अपने चारों कोनों से उतारी जा रही है। उतरती उतरती वह मुझ तक पहुँच गई।
Acts UrduGeoD 11:6  जब मैंने ग़ौर से देखा तो पता चला कि उसमें तमाम क़िस्म के जानवर हैं : चार पाँववाले, रेंगनेवाले और परिंदे।
Acts UrduGeoD 11:7  फिर एक आवाज़ मुझसे मुख़ातिब हुई, ‘पतरस, उठ! कुछ ज़बह करके खा!’
Acts UrduGeoD 11:8  मैंने एतराज़ किया, ‘हरगिज़ नहीं, ख़ुदावंद, मैंने कभी भी हराम या नापाक खाना नहीं खाया।’
Acts UrduGeoD 11:9  लेकिन यह आवाज़ दुबारा मुझसे हमकलाम हुई, ‘जो कुछ अल्लाह ने पाक कर दिया है उसे नापाक क़रार न दे।’
Acts UrduGeoD 11:10  तीन मरतबा ऐसा हुआ, फिर चादर को जानवरों समेत वापस आसमान पर उठा लिया गया।
Acts UrduGeoD 11:11  उसी वक़्त तीन आदमी उस घर के सामने रुक गए जहाँ मैं ठहरा हुआ था। उन्हें क़ैसरिया से मेरे पास भेजा गया था।
Acts UrduGeoD 11:12  रूहुल-क़ुद्स ने मुझे बताया कि मैं बग़ैर झिजके उनके साथ चला जाऊँ। यह मेरे छः भाई भी मेरे साथ गए। हम रवाना होकर उस आदमी के घर में दाख़िल हुए जिसने मुझे बुलाया था।
Acts UrduGeoD 11:13  उसने हमें बताया कि एक फ़रिश्ता घर में उस पर ज़ाहिर हुआ था जिसने उसे कहा था, ‘किसी को याफ़ा भेजकर शमौन को बुला लो जो पतरस कहलाता है।
Acts UrduGeoD 11:14  उसके पास वह पैग़ाम है जिसके ज़रीए तुम अपने पूरे घराने समेत नजात पाओगे।’
Acts UrduGeoD 11:15  जब मैं वहाँ बोलने लगा तो रूहुल-क़ुद्स उन पर नाज़िल हुआ, बिलकुल उसी तरह जिस तरह वह शुरू में हम पर हुआ था।
Acts UrduGeoD 11:16  फिर मुझे वह बात याद आई जो ख़ुदावंद ने कही थी, ‘यहया ने तुमको पानी से बपतिस्मा दिया, लेकिन तुम्हें रूहुल-क़ुद्स से बपतिस्मा दिया जाएगा।’
Acts UrduGeoD 11:17  अल्लाह ने उन्हें वही नेमत दी जो उसने हमें भी दी थी जो ख़ुदावंद ईसा मसीह पर ईमान लाए थे। तो फिर मैं कौन था कि अल्लाह को रोकता?”
Acts UrduGeoD 11:18  पतरस की यह बातें सुनकर यरूशलम के ईमानदार एतराज़ करने से बाज़ आए और अल्लाह की तमजीद करने लगे। उन्होंने कहा, “तो इसका मतलब है कि अल्लाह ने ग़ैरयहूदियों को भी तौबा करने और अबदी ज़िंदगी पाने का मौक़ा दिया है।”
Acts UrduGeoD 11:19  जो ईमानदार स्तिफ़नुस की मौत के बाद की ईज़ारसानी से बिखर गए थे वह फ़ेनीके, क़ुबरुस और अंताकिया तक पहुँच गए। जहाँ भी वह जाते वहाँ अल्लाह का पैग़ाम सुनाते अलबत्ता सिर्फ़ यहूदियों को।
Acts UrduGeoD 11:20  लेकिन उनमें से कुरेन और क़ुबरुस के कुछ आदमी अंताकिया शहर जाकर यूनानियों को भी ख़ुदावंद ईसा के बारे में ख़ुशख़बरी सुनाने लगे।
Acts UrduGeoD 11:21  ख़ुदावंद की क़ुदरत उनके साथ थी, और बहुत-से लोगों ने ईमान लाकर ख़ुदावंद की तरफ़ रुजू किया।
Acts UrduGeoD 11:22  इसकी ख़बर यरूशलम की जमात तक पहुँच गई तो उन्होंने बरनबास को अंताकिया भेज दिया।
Acts UrduGeoD 11:23  जब वह वहाँ पहुँचा और देखा कि अल्लाह के फ़ज़ल से क्या कुछ हुआ है तो वह ख़ुश हुआ। उसने उन सबकी हौसलाअफ़्ज़ाई की कि वह पूरी लग्न से ख़ुदावंद के साथ लिपटे रहें।
Acts UrduGeoD 11:24  बरनबास नेक आदमी था जो रूहुल-क़ुद्स और ईमान से मामूर था। चुनाँचे उस वक़्त बहुत-से लोग ख़ुदावंद की जमात में शामिल हुए।
Acts UrduGeoD 11:25  इसके बाद वह साऊल की तलाश में तरसुस चला गया।
Acts UrduGeoD 11:26  जब उसे मिला तो वह उसे अंताकिया ले आया। वहाँ वह दोनों एक पूरे साल तक जमात में शामिल होते और बहुत-से लोगों को सिखाते रहे। अंताकिया पहला मक़ाम था जहाँ ईमानदार मसीही कहलाने लगे।
Acts UrduGeoD 11:27  उन दिनों कुछ नबी यरूशलम से आकर अंताकिया पहुँच गए।
Acts UrduGeoD 11:28  एक का नाम अगबुस था। वह खड़ा हुआ और रूहुल-क़ुद्स की मारिफ़त पेशगोई की कि रोम की पूरी ममलकत में सख़्त काल पड़ेगा। (यह बात उस वक़्त पूरी हुई जब शहनशाह क्लौदियुस की हुकूमत थी।)
Acts UrduGeoD 11:29  अगबुस की बात सुनकर अंताकिया के शागिर्दों ने फ़ैसला किया कि हममें से हर एक अपनी माली गुंजाइश के मुताबिक़ कुछ दे ताकि उसे यहूदिया में रहनेवाले भाइयों की इमदाद के लिए भेजा जा सके।
Acts UrduGeoD 11:30  उन्होंने अपने इस हदिये को बरनबास और साऊल के सुपुर्द करके वहाँ के बुज़ुर्गों को भेज दिया।
Chapter 12
Acts UrduGeoD 12:1  उन दिनों में बादशाह हेरोदेस अग्रिप्पा जमात के कुछ ईमानदारों को गिरिफ़्तार करके उनसे बदसुलूकी करने लगा।
Acts UrduGeoD 12:2  इस सिलसिले में उसने याक़ूब रसूल (यूहन्ना के भाई) को तलवार से क़त्ल करवाया।
Acts UrduGeoD 12:3  जब उसने देखा कि यह हरकत यहूदियों को पसंद आई है तो उसने पतरस को भी गिरिफ़्तार कर लिया। उस वक़्त बेख़मीरी रोटी की ईद मनाई जा रही थी।
Acts UrduGeoD 12:4  उसने उसे जेल में डालकर चार दस्तों के हवाले कर दिया कि उस की पहरादारी करें (हर दस्ते में चार फ़ौजी थे)। ख़याल था कि ईद के बाद ही पतरस को अवाम के सामने खड़ा करके उस की अदालत की जाए।
Acts UrduGeoD 12:5  यों पतरस क़ैदख़ाने में रहा। लेकिन ईमानदारों की जमात लगातार उसके लिए दुआ करती रही।
Acts UrduGeoD 12:6  फिर अदालत का दिन क़रीब आ गया। पतरस रात के वक़्त सो रहा था। अगले दिन हेरोदेस उसे पेश करना चाहता था। पतरस दो फ़ौजियों के दरमियान लेटा हुआ था जो दो ज़ंजीरों से उसके साथ बँधे हुए थे। दीगर फ़ौजी दरवाज़े के सामने पहरा दे रहे थे।
Acts UrduGeoD 12:7  अचानक एक तेज़ रौशनी कोठड़ी में चमक उठी और रब का एक फ़रिश्ता पतरस के सामने आ खड़ा हुआ। उसने उसके पहलू को झटका देकर उसे जगा दिया और कहा, “जल्दी करो! उठो!” तब पतरस की कलाइयों पर की ज़ंजीरें गिर गईं।
Acts UrduGeoD 12:8  फिर फ़रिश्ते ने उसे बताया, “अपने कपड़े और जूते पहन लो।” पतरस ने ऐसा ही किया। फ़रिश्ते ने कहा, “अब अपनी चादर ओढ़कर मेरे पीछे हो लो।”
Acts UrduGeoD 12:9  चुनाँचे पतरस कोठड़ी से निकलकर फ़रिश्ते के पीछे हो लिया अगरचे उसे अब तक समझ नहीं आई थी कि जो कुछ हो रहा है हक़ीक़ी है। उसका ख़याल था कि मैं रोया देख रहा हूँ।
Acts UrduGeoD 12:10  दोनों पहले पहरे से गुज़र गए, फिर दूसरे से और यों शहर में पहुँचानेवाले लोहे के गेट के पास आए। यह ख़ुद बख़ुद खुल गया और वह दोनों निकलकर एक गली में चलने लगे। चलते चलते फ़रिश्ते ने अचानक पतरस को छोड़ दिया।
Acts UrduGeoD 12:11  फिर पतरस होश में आ गया। उसने कहा, “वाक़ई, ख़ुदावंद ने अपने फ़रिश्ते को मेरे पास भेजकर मुझे हेरोदेस के हाथ से बचाया है। अब यहूदी क़ौम की तवक़्क़ो पूरी नहीं होगी।”
Acts UrduGeoD 12:12  जब यह बात उसे समझ आई तो वह यूहन्ना मरक़ुस की माँ मरियम के घर चला गया। वहाँ बहुत-से अफ़राद जमा होकर दुआ कर रहे थे।
Acts UrduGeoD 12:13  पतरस ने गेट खटखटाया तो एक नौकरानी देखने के लिए आई। उसका नाम रुदी था।
Acts UrduGeoD 12:14  जब उसने पतरस की आवाज़ पहचान ली तो वह ख़ुशी के मारे गेट को खोलने के बजाए दौड़कर अंदर चली गई और बताया, “पतरस गेट पर खड़े हैं!”
Acts UrduGeoD 12:15  हाज़िरीन ने कहा, “होश में आओ!” लेकिन वह अपनी बात पर अड़ी रही। फिर उन्होंने कहा, “यह उसका फ़रिश्ता होगा।”
Acts UrduGeoD 12:16  अब तक पतरस बाहर खड़ा खटखटा रहा था। चुनाँचे उन्होंने गेट को खोल दिया। पतरस को देखकर वह हैरान रह गए।
Acts UrduGeoD 12:17  लेकिन उसने अपने हाथ से ख़ामोश रहने का इशारा किया और उन्हें सारा वाक़िया सुनाया कि ख़ुदावंद मुझे किस तरह जेल से निकाल लाया है। “याक़ूब और बाक़ी भाइयों को भी यह बताना,” यह कहकर वह कहीं और चला गया।
Acts UrduGeoD 12:18  अगली सुबह जेल के फ़ौजियों में बड़ी हलचल मच गई कि पतरस का क्या हुआ है।
Acts UrduGeoD 12:19  जब हेरोदेस ने उसे ढूँडा और न पाया तो उसने पहरेदारों का बयान लेकर उन्हें सज़ाए-मौत दे दी। इसके बाद वह यहूदिया से चला गया और क़ैसरिया में रहने लगा।
Acts UrduGeoD 12:20  उस वक़्त वह सूर और सैदा के बाशिंदों से निहायत नाराज़ था। इसलिए दोनों शहरों के नुमाइंदे मिलकर सुलह की दरख़ास्त करने के लिए उसके पास आए। वजह यह थी कि उनकी ख़ुराक हेरोदेस के मुल्क से हासिल होती थी। उन्होंने बादशाह के महल के इंचार्ज ब्लस्तुस को इस पर आमादा किया कि वह उनकी मदद करे
Acts UrduGeoD 12:21  और बादशाह से मिलने का दिन मुक़र्रर किया। जब वह दिन आया तो हेरोदेस अपना शाही लिबास पहनकर तख़्त पर बैठ गया और एक अलानिया तक़रीर की।
Acts UrduGeoD 12:22  अवाम ने नारे लगा लगाकर पुकारा, “यह अल्लाह की आवाज़ है, इनसान की नहीं।”
Acts UrduGeoD 12:23  वह अभी यह कह रहे थे कि रब के फ़रिश्ते ने हेरोदेस को मारा, क्योंकि उसने लोगों की परस्तिश क़बूल करके अल्लाह को जलाल नहीं दिया था। वह बीमार हुआ और कीड़ों ने उसके जिस्म को खा खाकर ख़त्म कर दिया। इसी हालत में वह मर गया।
Acts UrduGeoD 12:24  लेकिन अल्लाह का कलाम बढ़ता और फैलता गया।
Acts UrduGeoD 12:25  इतने में बरनबास और साऊल अंताकिया का हदिया लेकर यरूशलम पहुँच चुके थे। उन्होंने पैसे वहाँ के बुज़ुर्गों के सुपुर्द कर दिए और फिर यूहन्ना मरक़ुस को साथ लेकर वापस चले गए।
Chapter 13
Acts UrduGeoD 13:1  अंताकिया की जमात में कई नबी और उस्ताद थे : बरनबास, शमौन जो काला कहलाता था, लूकियुस कुरेनी, मनाहेम जिसने बादशाह हेरोदेस अंतिपास के साथ परवरिश पाई थी और साऊल।
Acts UrduGeoD 13:2  एक दिन जब वह रोज़ा रखकर ख़ुदावंद की परस्तिश कर रहे थे तो रूहुल-क़ुद्स उनसे हमकलाम हुआ, “बरनबास और साऊल को उस ख़ास काम के लिए अलग करो जिसके लिए मैंने उन्हें बुलाया है।”
Acts UrduGeoD 13:3  इस पर उन्होंने मज़ीद रोज़े रखे और दुआ की, फिर उन पर अपने हाथ रखकर उन्हें रुख़सत कर दिया।
Acts UrduGeoD 13:4  यों बरनबास और साऊल को रूहुल-क़ुद्स की तरफ़ से भेजा गया। पहले वह साहिली शहर सलूकिया गए और वहाँ जहाज़ में बैठकर जज़ीराए-क़ुबरुस के लिए रवाना हुए।
Acts UrduGeoD 13:5  जब वह सलमीस शहर पहुँचे तो उन्होंने यहूदियों के इबादतख़ानों में जाकर अल्लाह का कलाम सुनाया। यूहन्ना मरक़ुस मददगार के तौर पर उनके साथ था।
Acts UrduGeoD 13:6  पूरे जज़ीरे में से सफ़र करते करते वह पाफ़ुस शहर तक पहुँच गए। वहाँ उनकी मुलाक़ात एक यहूदी जादूगर से हुई जिसका नाम बर-ईसा था। वह झूटा नबी था
Acts UrduGeoD 13:7  और जज़ीरे के गवर्नर सिरगियुस पौलुस की ख़िदमत के लिए हाज़िर रहता था। सिरगियुस एक समझदार आदमी था। उसने बरनबास और साऊल को अपने पास बुला लिया क्योंकि वह अल्लाह का कलाम सुनने का ख़ाहिशमंद था।
Acts UrduGeoD 13:8  लेकिन जादूगर इलीमास (बर-ईसा का दूसरा नाम) ने उनकी मुख़ालफ़त करके गवर्नर को ईमान से बाज़ रखने की कोशिश की।
Acts UrduGeoD 13:9  फिर साऊल जो पौलुस भी कहलाता है रूहुल-क़ुद्स से मामूर हुआ और ग़ौर से उस की तरफ़ देखने लगा।
Acts UrduGeoD 13:10  उसने कहा, “इबलीस के फ़रज़ंद! तू हर क़िस्म के धोके और बदी से भरा हुआ है और हर इनसाफ़ का दुश्मन है। क्या तू ख़ुदावंद की सीधी राहों को बिगाड़ने की कोशिश से बाज़ न आएगा?
Acts UrduGeoD 13:11  अब ख़ुदावंद तुझे सज़ा देगा। तू अंधा होकर कुछ देर के लिए सूरज की रौशनी नहीं देखेगा।” उसी लमहे धुंध और तारीकी जादूगर पर छा गई और वह टटोल टटोलकर किसी को तलाश करने लगा जो उस की राहनुमाई करे।
Acts UrduGeoD 13:12  यह माजरा देखकर गवर्नर ईमान लाया, क्योंकि ख़ुदावंद की तालीम ने उसे हैरतज़दा कर दिया था।
Acts UrduGeoD 13:13  फिर पौलुस और उसके साथी जहाज़ पर सवार हुए और पाफ़ुस से रवाना होकर पिरगा शहर पहुँच गए जो पंफ़ीलिया में है। वहाँ यूहन्ना मरक़ुस उन्हें छोड़कर यरूशलम वापस चला गया।
Acts UrduGeoD 13:14  लेकिन पौलुस और बरनबास आगे निकलकर पिसिदिया में वाक़े शहर अंताकिया पहुँचे जहाँ वह सबत के दिन यहूदी इबादतख़ाने में जाकर बैठ गए।
Acts UrduGeoD 13:15  तौरेत और नबियों के सहीफ़ों की तिलावत के बाद इबादतख़ाने के राहनुमाओं ने उन्हें कहला भेजा, “भाइयो, अगर आपके पास लोगों के लिए कोई नसीहत की बात है तो उसे पेश करें।”
Acts UrduGeoD 13:16  पौलुस खड़ा हुआ और हाथ का इशारा करके बोलने लगा, “इसराईल के मर्दो और ख़ुदातरस ग़ैरयहूदियो, मेरी बात सुनें!
Acts UrduGeoD 13:17  इस क़ौम इसराईल के ख़ुदा ने हमारे बापदादा को चुनकर उन्हें मिसर में ही ताक़तवर बना दिया जहाँ वह अजनबी थे। फिर वह उन्हें बड़ी क़ुदरत के साथ वहाँ से निकाल लाया।
Acts UrduGeoD 13:18  जब वह रेगिस्तान में फिर रहे थे तो वह चालीस साल तक उन्हें बरदाश्त करता रहा।
Acts UrduGeoD 13:19  इसके बाद उसने मुल्के-कनान में सात क़ौमों को तबाह करके उनकी ज़मीन इसराईल को विरसे में दी।
Acts UrduGeoD 13:20  इतने में तक़रीबन 450 साल गुज़र गए। यशुअ की मौत पर अल्लाह ने उन्हें समुएल नबी के दौर तक क़ाज़ी दिए ताकि उनकी राहनुमाई करें।
Acts UrduGeoD 13:21  फिर इनसे तंग आकर उन्होंने बादशाह माँगा, इसलिए उसने उन्हें साऊल बिन क़ीस दे दिया जो बिनयमीन के क़बीले का था। साऊल चालीस साल तक उनका बादशाह रहा,
Acts UrduGeoD 13:22  फिर अल्लाह ने उसे हटाकर दाऊद को तख़्त पर बिठा दिया। दाऊद वही आदमी है जिसके बारे में अल्लाह ने गवाही दी, ‘मैंने दाऊद बिन यस्सी में एक ऐसा आदमी पाया है जो मेरी सोच रखता है। जो कुछ भी मैं चाहता हूँ उसे वह करेगा।’
Acts UrduGeoD 13:23  इसी बादशाह की औलाद में से ईसा निकला जिसका वादा अल्लाह कर चुका था और जिसे उसने इसराईल को नजात देने के लिए भेज दिया।
Acts UrduGeoD 13:24  उसके आने से पेशतर यहया बपतिस्मा देनेवाले ने एलान किया कि इसराईल की पूरी क़ौम को तौबा करके बपतिस्मा लेने की ज़रूरत है।
Acts UrduGeoD 13:25  अपनी ख़िदमत के इख़्तिताम पर उसने कहा, ‘तुम्हारे नज़दीक मैं कौन हूँ? मैं वह नहीं हूँ जो तुम समझते हो। लेकिन मेरे बाद वह आ रहा है जिसके जूतों के तसमे मैं खोलने के लायक़ भी नहीं हूँ।’
Acts UrduGeoD 13:26  भाइयो, इब्राहीम के फ़रज़ंदो और ख़ुदा का ख़ौफ़ माननेवाले ग़ैरयहूदियो! नजात का पैग़ाम हमें ही भेज दिया गया है।
Acts UrduGeoD 13:27  यरूशलम के रहनेवालों और उनके राहनुमाओं ने ईसा को न पहचाना बल्कि उसे मुजरिम ठहराया। यों उनकी मारिफ़त नबियों की वह पेशगोइयाँ पूरी हुईं जिनकी तिलावत हर सबत को की जाती है।
Acts UrduGeoD 13:28  और अगरचे उन्हें सज़ाए-मौत देने की वजह न मिली तो भी उन्होंने पीलातुस से गुज़ारिश की कि वह उसे सज़ाए-मौत दे।
Acts UrduGeoD 13:29  जब उनकी मारिफ़त ईसा के बारे में तमाम पेशगोइयाँ पूरी हुईं तो उन्होंने उसे सलीब से उतारकर क़ब्र में रख दिया।
Acts UrduGeoD 13:30  लेकिन अल्लाह ने उसे मुरदों में से ज़िंदा कर दिया
Acts UrduGeoD 13:31  और वह बहुत दिनों तक अपने उन पैरोकारों पर ज़ाहिर होता रहा जो उसके साथ गलील से यरूशलम आए थे। यह अब हमारी क़ौम के सामने उसके गवाह हैं।
Acts UrduGeoD 13:32  और अब हम आपको यह ख़ुशख़बरी सुनाने आए हैं कि जो वादा अल्लाह ने हमारे बापदादा के साथ किया,
Acts UrduGeoD 13:33  उसे उसने ईसा को ज़िंदा करके हमारे लिए जो उनकी औलाद हैं पूरा कर दिया है। यों दूसरे ज़बूर में लिखा है, ‘तू मेरा फ़रज़ंद है, आज मैं तेरा बाप बन गया हूँ।’
Acts UrduGeoD 13:34  इस हक़ीक़त का ज़िक्र भी कलामे-मुक़द्दस में किया गया है कि अल्लाह उसे मुरदों में से ज़िंदा करके कभी गलने-सड़ने नहीं देगा : ‘मैं तुम्हें उन मुक़द्दस और अनमिट मेहरबानियों से नवाज़ूँगा जिनका वादा दाऊद से किया था।’
Acts UrduGeoD 13:35  यह बात एक और हवाले में पेश की गई है, ‘तू अपने मुक़द्दस को गलने-सड़ने की नौबत तक पहुँचने नहीं देगा।’
Acts UrduGeoD 13:36  इस हवाले का ताल्लुक़ दाऊद के साथ नहीं है, क्योंकि दाऊद अपने ज़माने में अल्लाह की मरज़ी की ख़िदमत करने के बाद फ़ौत होकर अपने बापदादा से जा मिला। उस की लाश गलकर ख़त्म हो गई।
Acts UrduGeoD 13:37  बल्कि यह हवाला किसी और का ज़िक्र करता है, उसका जिसे अल्लाह ने ज़िंदा कर दिया और जिसका जिस्म गलने-सड़ने से दोचार न हुआ।
Acts UrduGeoD 13:38  भाइयो, अब मेरी यह बात जान लें, हम इसकी मुनादी करने आए हैं कि आपको इस शख़्स ईसा के वसीले से अपने गुनाहों की मुआफ़ी मिलती है। मूसा की शरीअत आपको किसी तरह भी रास्तबाज़ क़रार नहीं दे सकती थी,
Acts UrduGeoD 13:39  लेकिन अब जो भी ईसा पर ईमान लाए उसे हर लिहाज़ से रास्तबाज़ क़रार दिया जाता है।
Acts UrduGeoD 13:40  इसलिए ख़बरदार! ऐसा न हो कि वह बात आप पर पूरी उतरे जो नबियों के सहीफ़ों में लिखी है,
Acts UrduGeoD 13:41  ‘ग़ौर करो, मज़ाक़ उड़ानेवालो! हैरतज़दा होकर हलाक हो जाओ। क्योंकि मैं तुम्हारे जीते-जी एक ऐसा काम करूँगा जिसकी जब ख़बर सुनोगे तो तुम्हें यक़ीन नहीं आएगा’।”
Acts UrduGeoD 13:42  जब पौलुस और बरनबास इबादतख़ाने से निकलने लगे तो लोगों ने उनसे गुज़ारिश की, “अगले सबत हमें इन बातों के बारे में मज़ीद कुछ बताएँ।”
Acts UrduGeoD 13:43  इबादत के बाद बहुत-से यहूदी और यहूदी ईमान के नौमुरीद पौलुस और बरनबास के पीछे हो लिए, और दोनों ने उनसे बात करके उनकी हौसलाअफ़्ज़ाई की कि अल्लाह के फ़ज़ल पर क़ायम रहें।
Acts UrduGeoD 13:44  अगले सबत के दिन तक़रीबन तमाम शहर ख़ुदावंद का कलाम सुनने को जमा हुआ।
Acts UrduGeoD 13:45  लेकिन जब यहूदियों ने हुजूम को देखा तो वह हसद से जल गए और पौलुस की बातों की तरदीद करके कुफ़र बकने लगे।
Acts UrduGeoD 13:46  इस पर पौलुस और बरनबास ने उनसे साफ़ साफ़ कह दिया, “लाज़िम था कि अल्लाह का कलाम पहले आपको सुनाया जाए। लेकिन चूँकि आप उसे मुस्तरद करके अपने आपको अबदी ज़िंदगी के लायक़ नहीं समझते इसलिए हम अब ग़ैरयहूदियों की तरफ़ रुख़ करते हैं।
Acts UrduGeoD 13:47  क्योंकि ख़ुदावंद ने हमें यही हुक्म दिया जब उसने फ़रमाया, ‘मैंने तुझे दीगर अक़वाम की रौशनी बना दी है ताकि तू मेरी नजात को दुनिया की इंतहा तक पहुँचाए’।”
Acts UrduGeoD 13:48  यह सुनकर ग़ैरयहूदी ख़ुश हुए और ख़ुदावंद के कलाम की तमजीद करने लगे। और जितने अबदी ज़िंदगी के लिए मुक़र्रर किए गए थे वह ईमान लाए।
Acts UrduGeoD 13:49  यों ख़ुदावंद का कलाम पूरे इलाक़े में फैल गया।
Acts UrduGeoD 13:50  फिर यहूदियों ने शहर के लीडरों और यहूदी ईमान रखनेवाली कुछ बारसूख ग़ैरयहूदी ख़वातीन को उकसाकर लोगों को पौलुस और बरनबास को सताने पर उभारा। आख़िरकार उन्हें शहर की सरहद्दों से निकाल दिया गया।
Acts UrduGeoD 13:51  इस पर वह उनके ख़िलाफ़ गवाही के तौर पर अपने जूतों से गर्द झाड़कर आगे बढ़े और इकुनियुम शहर पहुँच गए।
Acts UrduGeoD 13:52  और अंताकिया के शागिर्द ख़ुशी और रूहुल-क़ुद्स से भरे रहे।
Chapter 14
Acts UrduGeoD 14:1  इकुनियुम में पौलुस और बरनबास यहूदी इबादतख़ाने में जाकर इतने इख़्तियार से बोले कि यहूदियों और ग़ैरयहूदियों की बड़ी तादाद ईमान ले आई।
Acts UrduGeoD 14:2  लेकिन जिन यहूदियों ने ईमान लाने से इनकार किया उन्होंने ग़ैरयहूदियों को उकसाकर भाइयों के बारे में उनके ख़यालात ख़राब कर दिए।
Acts UrduGeoD 14:3  तो भी रसूल काफ़ी देर तक वहाँ ठहरे। उन्होंने दिलेरी से ख़ुदावंद के बारे में तालीम दी और ख़ुदावंद ने अपने फ़ज़ल के पैग़ाम की तसदीक़ की। उसने उनके हाथों इलाही निशान और मोजिज़े रूनुमा होने दिए।
Acts UrduGeoD 14:4  लेकिन शहर में आबाद लोग दो गुरोहों में बट गए। कुछ यहूदियों के हक़ में थे और कुछ रसूलों के हक़ में।
Acts UrduGeoD 14:5  फिर कुछ ग़ैरयहूदियों और यहूदियों में जोश आ गया। उन्होंने अपने लीडरों समेत फ़ैसला किया कि हम पौलुस और बरनबास की तज़लील करके उन्हें संगसार करेंगे।
Acts UrduGeoD 14:6  लेकिन जब रसूलों को पता चला तो वह हिजरत करके लुकाउनिया के शहरों लुस्तरा, दिरबे और इर्दगिर्द के इलाक़े में
Acts UrduGeoD 14:7  अल्लाह की ख़ुशख़बरी सुनाते रहे।
Acts UrduGeoD 14:8  लुस्तरा में पौलुस और बरनबास की मुलाक़ात एक आदमी से हुई जिसके पाँवों में ताक़त नहीं थी। वह पैदाइश ही से लँगड़ा था और कभी भी चल-फिर न सका था। वह वहाँ बैठा
Acts UrduGeoD 14:9  उनकी बातें सुन रहा था कि पौलुस ने ग़ौर से उस की तरफ़ देखा। उसने जान लिया कि उस आदमी में रिहाई पाने के लायक़ ईमान है।
Acts UrduGeoD 14:10  इसलिए वह ऊँची आवाज़ से बोला, “अपने पाँवों पर खड़े हो जाएँ!” वह उछलकर खड़ा हुआ और चलने-फिरने लगा।
Acts UrduGeoD 14:11  पौलुस का यह काम देखकर हुजूम अपनी मक़ामी ज़बान में चिल्ला उठा, “इन आदमियों की शक्ल में देवता हमारे पास उतर आए हैं।”
Acts UrduGeoD 14:12  उन्होंने बरनबास को यूनानी देवता ज़ियूस क़रार दिया और पौलुस को देवता हिरमेस, क्योंकि कलाम सुनाने की ख़िदमत ज़्यादातर वह अंजाम देता था।
Acts UrduGeoD 14:13  इस पर शहर से बाहर वाक़े ज़ियूस के मंदिर का पुजारी शहर के दरवाज़े पर बैल और फूलों के हार ले आया और हुजूम के साथ क़ुरबानियाँ चढ़ाने की तैयारियाँ करने लगा।
Acts UrduGeoD 14:14  यह सुनकर बरनबास और साऊल रसूल अपने कपड़ों को फाड़कर हुजूम में जा घुसे और चिल्लाने लगे,
Acts UrduGeoD 14:15  “मर्दो, यह आप क्या कर रहे हैं? हम भी आप जैसे इनसान हैं। हम तो आपको अल्लाह की यह ख़ुशख़बरी सुनाने आए हैं कि आप इन बेकार चीज़ों को छोड़कर ज़िंदा ख़ुदा की तरफ़ रुजू फ़रमाएँ जिसने आसमानो-ज़मीन, समुंदर और जो कुछ उनमें है पैदा किया है।
Acts UrduGeoD 14:16  माज़ी में उसने तमाम ग़ैरयहूदी क़ौमों को खुला छोड़ दिया था कि वह अपनी अपनी राह पर चलें।
Acts UrduGeoD 14:17  तो भी उसने ऐसी चीज़ें आपके पास रहने दी हैं जो उस की गवाही देती हैं। उस की मेहरबानी इससे ज़ाहिर होती है कि वह आपको बारिश भेजकर हर मौसम की फ़सलें मुहैया करता है और आप सेर होकर ख़ुशी से भर जाते हैं।”
Acts UrduGeoD 14:18  इन अलफ़ाज़ के बावुजूद पौलुस और बरनबास ने बड़ी मुश्किल से हुजूम को उन्हें क़ुरबानियाँ चढ़ाने से रोका।
Acts UrduGeoD 14:19  फिर कुछ यहूदी पिसिदिया के अंताकिया और इकुनियुम से वहाँ आए और हुजूम को अपनी तरफ़ मायल किया। उन्होंने पौलुस को संगसार किया और शहर से बाहर घसीटकर ले गए। उनका ख़याल था कि वह मर गया है,
Acts UrduGeoD 14:20  लेकिन जब शागिर्द उसके गिर्द जमा हुए तो वह उठकर शहर की तरफ़ वापस चल पड़ा। अगले दिन वह बरनबास समेत दिरबे चला गया।
Acts UrduGeoD 14:21  दिरबे में उन्होंने अल्लाह की ख़ुशख़बरी सुनाकर बहुत-से शागिर्द बनाए। फिर वह मुड़कर लुस्तरा, इकुनियुम और पिसिदिया के अंताकिया वापस आए।
Acts UrduGeoD 14:22  हर जगह उन्होंने शागिर्दों के दिल मज़बूत करके उनकी हौसलाअफ़्ज़ाई की कि वह ईमान में साबितक़दम रहें। उन्होंने कहा, “लाज़िम है कि हम बहुत-सी मुसीबतों में से गुज़रकर अल्लाह की बादशाही में दाख़िल हों।”
Acts UrduGeoD 14:23  पौलुस और बरनबास ने हर जमात में बुज़ुर्ग भी मुक़र्रर किए। उन्होंने रोज़े रखकर दुआ की और उन्हें उस ख़ुदावंद के सुपुर्द किया जिस पर वह ईमान लाए थे।
Acts UrduGeoD 14:24  यों पिसिदिया के इलाक़े में से सफ़र करते करते वह पंफ़ीलिया पहुँचे।
Acts UrduGeoD 14:25  उन्होंने पिरगा में कलामे-मुक़द्दस सुनाया और फिर उतरकर अत्तलिया पहुँचे।
Acts UrduGeoD 14:26  वहाँ से वह जहाज़ में बैठकर शाम के शहर अंताकिया के लिए रवाना हुए, उस शहर के लिए जहाँ ईमानदारों ने उन्हें इस तबलीग़ी सफ़र के लिए अल्लाह के फ़ज़ल के सुपुर्द किया था। यों उन्होंने अपनी इस ख़िदमत को पूरा किया।
Acts UrduGeoD 14:27  अंताकिया पहुँचकर उन्होंने ईमानदारों को जमा करके उन तमाम कामों का बयान किया जो अल्लाह ने उनके वसीले से किए थे। साथ साथ उन्होंने यह भी बताया कि अल्लाह ने किस तरह ग़ैरयहूदियों के लिए भी ईमान का दरवाज़ा खोल दिया है।
Acts UrduGeoD 14:28  और वह काफ़ी देर तक वहाँ के शागिर्दों के पास ठहरे रहे।
Chapter 15
Acts UrduGeoD 15:1  उस वक़्त कुछ आदमी यहूदिया से आकर शाम के अंताकिया में भाइयों को यह तालीम देने लगे, “लाज़िम है कि आपका मूसा की शरीअत के मुताबिक़ ख़तना किया जाए, वरना आप नजात नहीं पा सकेंगे।”
Acts UrduGeoD 15:2  इससे उनके और बरनबास और पौलुस के दरमियान नाइत्तफ़ाक़ी पैदा हो गई और दोनों उनके साथ ख़ूब बहस-मुबाहसा करने लगे। आख़िरकार जमात ने पौलुस और बरनबास को मुक़र्रर किया कि वह चंद एक और मक़ामी ईमानदारों के साथ यरूशलम जाएँ और वहाँ के रसूलों और बुज़ुर्गों को यह मामला पेश करें।
Acts UrduGeoD 15:3  चुनाँचे जमात ने उन्हें रवाना किया और वह फ़ेनीके और सामरिया में से गुज़रे। रास्ते में उन्होंने मक़ामी ईमानदारों को तफ़सील से बताया कि ग़ैरयहूदी किस तरह ख़ुदावंद की तरफ़ रुजू ला रहे हैं। यह सुनकर तमाम भाई निहायत ख़ुश हुए।
Acts UrduGeoD 15:4  जब वह यरूशलम पहुँच गए तो जमात ने अपने रसूलों और बुज़ुर्गों समेत उनका इस्तक़बाल किया। फिर पौलुस और बरनबास ने सब कुछ बयान किया जो उनकी मारिफ़त हुआ था।
Acts UrduGeoD 15:5  यह सुनकर कुछ ईमानदार खड़े हुए जो फ़रीसी फ़िरक़े में से थे। उन्होंने कहा, “लाज़िम है कि ग़ैरयहूदियों का ख़तना किया जाए और उन्हें हुक्म दिया जाए कि वह मूसा की शरीअत के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारें।”
Acts UrduGeoD 15:6  रसूल और बुज़ुर्ग इस मामले पर ग़ौर करने के लिए जमा हुए।
Acts UrduGeoD 15:7  बहुत बहस-मुबाहसा के बाद पतरस खड़ा हुआ और कहा, “भाइयो, आप जानते हैं कि अल्लाह ने बहुत देर हुई आपमें से मुझे चुन लिया कि ग़ैरयहूदियों को अल्लाह की ख़ुशख़बरी सुनाऊँ ताकि वह ईमान लाएँ।
Acts UrduGeoD 15:8  और अल्लाह ने जो दिलों को जानता है इस बात की तसदीक़ की है, क्योंकि उसने उन्हें वही रूहुल-क़ुद्स बख़्शा है जो उसने हमें भी दिया था।
Acts UrduGeoD 15:9  उसने हममें और उनमें कोई भी फ़रक़ न रखा बल्कि ईमान से उनके दिलों को भी पाक कर दिया।
Acts UrduGeoD 15:10  चुनाँचे आप अल्लाह को इसमें क्यों आज़मा रहे हैं कि आप ग़ैरयहूदी शागिर्दों की गरदन पर एक ऐसा जुआ रखना चाहते हैं जो न हम और न हमारे बापदादा उठा सकते थे?
Acts UrduGeoD 15:11  देखें, हम तो ईमान रखते हैं कि हम सब एक ही तरीक़े यानी ख़ुदावंद ईसा के फ़ज़ल ही से नजात पाते हैं।”
Acts UrduGeoD 15:12  तमाम लोग चुप रहे तो पौलुस और बरनबास उन्हें उन इलाही निशानों और मोजिज़ों के बारे में बताने लगे जो अल्लाह ने उनकी मारिफ़त ग़ैरयहूदियों के दरमियान किए थे।
Acts UrduGeoD 15:13  जब उनकी बात ख़त्म हुई तो याक़ूब ने कहा, “भाइयो, मेरी बात सुनें!
Acts UrduGeoD 15:14  शमौन ने बयान किया है कि अल्लाह ने किस तरह पहला क़दम उठाकर ग़ैरयहूदियों पर अपनी फ़िकरमंदी का इज़हार किया और उनमें से अपने लिए एक क़ौम चुन ली।
Acts UrduGeoD 15:15  और यह बात नबियों की पेशगोइयों के भी मुताबिक़ है। चुनाँचे लिखा है,
Acts UrduGeoD 15:16  ‘इसके बाद मैं वापस आकर दाऊद के तबाहशुदा घर को नए सिरे से तामीर करूँगा, मैं उसके खंडरात दुबारा तामीर करके बहाल करूँगा
Acts UrduGeoD 15:17  ताकि लोगों का बचा-खुचा हिस्सा और वह तमाम क़ौमें मुझे ढूँडें जिन पर मेरे नाम का ठप्पा लगा है। यह रब का फ़रमान है, और वह यह करेगा भी’
Acts UrduGeoD 15:18  बल्कि यह उसे अज़ल से मालूम है।
Acts UrduGeoD 15:19  यही पेशे-नज़र रखकर मेरी राय यह है कि हम उन ग़ैरयहूदियों को जो अल्लाह की तरफ़ रुजू कर रहे हैं ग़ैरज़रूरी तकलीफ़ न दें।
Acts UrduGeoD 15:20  इसके बजाए बेहतर यह है कि हम उन्हें लिखकर हिदायत दें कि वह इन चीज़ों से परहेज़ करें : ऐसे खानों से जो बुतों को पेश किए जाने से नापाक हैं, ज़िनाकारी से, ऐसे जानवरों का गोश्त खाने से जिन्हें गला घूँटकर मार दिया गया हो और ख़ून खाने से।
Acts UrduGeoD 15:21  क्योंकि मूसवी शरीअत की मुनादी करनेवाले कई नसलों से हर शहर में रह रहे हैं। जिस शहर में भी जाएँ हर सबत के दिन शरीअत की तिलावत की जाती है।”
Acts UrduGeoD 15:22  फिर रसूलों और बुज़ुर्गों ने पूरी जमात समेत फ़ैसला किया कि हम अपने में से कुछ आदमी चुनकर पौलुस और बरनबास के हमराह शाम के शहर अंताकिया भेज दें। दो को चुना गया जो भाइयों में राहनुमा थे, यहूदाह बरसब्बा और सीलास।
Acts UrduGeoD 15:23  उनके हाथ उन्होंने यह ख़त भेजा, “यरूशलम के रसूलों और बुज़ुर्गों की तरफ़ से जो आपके भाई हैं। अज़ीज़ ग़ैरयहूदी भाइयो जो अंताकिया, शाम और किलिकिया में रहते हैं, अस्सलामु अलैकुम!
Acts UrduGeoD 15:24  सुना है कि हममें से कुछ लोगों ने आपके पास आकर आपको परेशान करके बेचैन कर दिया है, हालाँकि हमने उन्हें नहीं भेजा था।
Acts UrduGeoD 15:25  इसलिए हम सब इस पर मुत्तफ़िक़ हुए कि कुछ आदमियों को चुनकर अपने प्यारे भाइयों बरनबास और पौलुस के हमराह आपके पास भेजें।
Acts UrduGeoD 15:26  बरनबास और पौलुस ऐसे लोग हैं जिन्होंने हमारे ख़ुदावंद ईसा मसीह की ख़ातिर अपनी जान ख़तरे में डाल दी है।
Acts UrduGeoD 15:27  उनके साथी यहूदाह और सीलास हैं जिनको हमने इसलिए भेजा कि वह ज़बानी भी उन बातों की तसदीक़ करें जो हमने लिखी हैं।
Acts UrduGeoD 15:28  हम और रूहुल-क़ुद्स इस पर मुत्तफ़िक़ हुए हैं कि आप पर सिवाए इन ज़रूरी बातों के कोई बोझ न डालें :
Acts UrduGeoD 15:29  बुतों को पेश किया गया खाना मत खाना, ख़ून मत खाना, ऐसे जानवरों का गोश्त मत खाना जो गला घूँटकर मार दिए गए हों। इसके अलावा ज़िनाकारी न करें। इन चीज़ों से बाज़ रहेंगे तो अच्छा करेंगे। ख़ुदा हाफ़िज़।”
Acts UrduGeoD 15:30  पौलुस, बरनबास और उनके साथी रुख़सत होकर अंताकिया चले गए। वहाँ पहुँचकर उन्होंने जमात इकट्ठी करके उसे ख़त दे दिया।
Acts UrduGeoD 15:31  उसे पढ़कर ईमानदार उसके हौसलाअफ़्ज़ा पैग़ाम पर ख़ुश हुए।
Acts UrduGeoD 15:32  यहूदाह और सीलास ने भी जो ख़ुद नबी थे भाइयों की हौसलाअफ़्ज़ाई और मज़बूती के लिए काफ़ी बातें कीं।
Acts UrduGeoD 15:33  वह कुछ देर के लिए वहाँ ठहरे, फिर मक़ामी भाइयों ने उन्हें सलामती से अलविदा कहा ताकि वह भेजनेवालों के पास वापस जा सकें।
Acts UrduGeoD 15:34  [लेकिन सीलास को वहाँ ठहरना अच्छा लगा।]
Acts UrduGeoD 15:35  पौलुस और बरनबास ख़ुद कुछ और देर अंताकिया में रहे। वहाँ वह बहुत-से और लोगों के साथ ख़ुदावंद के कलाम की तालीम देते और उस की मुनादी करते रहे।
Acts UrduGeoD 15:36  कुछ दिनों के बाद पौलुस ने बरनबास से कहा, “आओ, हम मुड़कर उन तमाम शहरों में जाएँ जहाँ हमने ख़ुदावंद के कलाम की मुनादी की है और वहाँ के भाइयों से मुलाक़ात करके उनका हाल मालूम करें।”
Acts UrduGeoD 15:37  बरनबास मुत्तफ़िक़ होकर यूहन्ना मरक़ुस को साथ ले जाना चाहता था,
Acts UrduGeoD 15:38  लेकिन पौलुस ने इसरार किया कि वह साथ न जाए, क्योंकि यूहन्ना मरक़ुस पहले दौरे के दौरान ही पंफ़ीलिया में उन्हें छोड़कर उनके साथ ख़िदमत करने से बाज़ आया था।
Acts UrduGeoD 15:39  इससे उनमें इतना सख़्त इख़्तिलाफ़ पैदा हुआ कि वह एक दूसरे से जुदा हो गए। बरनबास यूहन्ना मरक़ुस को साथ लेकर जहाज़ में बैठ गया और क़ुबरुस चला गया,
Acts UrduGeoD 15:40  जबकि पौलुस ने सीलास को ख़िदमत के लिए चुन लिया। मक़ामी भाइयों ने उन्हें ख़ुदावंद के फ़ज़ल के सुपुर्द किया और वह रवाना हुए।
Acts UrduGeoD 15:41  यों पौलुस जमातों को मज़बूत करते करते शाम और किलिकिया में से गुज़रा।
Chapter 16
Acts UrduGeoD 16:1  चलते चलते वह दिरबे पहुँचा, फिर लुस्तरा। वहाँ एक शागिर्द बनाम तीमुथियुस रहता था। उस की यहूदी माँ ईमान लाई थी जबकि बाप यूनानी था।
Acts UrduGeoD 16:2  लुस्तरा और इकुनियुम के भाइयों ने उस की अच्छी रिपोर्ट दी,
Acts UrduGeoD 16:3  इसलिए पौलुस उसे सफ़र पर अपने साथ ले जाना चाहता था। उस इलाक़े के यहूदियों का लिहाज़ करके उसने तीमुथियुस का ख़तना करवाया, क्योंकि सब लोग इससे वाक़िफ़ थे कि उसका बाप यूनानी है।
Acts UrduGeoD 16:4  फिर शहर बशहर जाकर उन्होंने मक़ामी जमातों को यरूशलम के रसूलों और बुज़ुर्गों के वह फ़ैसले पहुँचाए जिनके मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारनी थी।
Acts UrduGeoD 16:5  यों जमातें ईमान में मज़बूत हुईं और तादाद में रोज़ बरोज़ बढ़ती गईं।
Acts UrduGeoD 16:6  रूहुल-क़ुद्स ने उन्हें सूबा आसिया में कलामे-मुक़द्दस की मुनादी करने से रोक लिया, इसलिए वह फ़रूगिया और गलतिया के इलाक़े में से गुज़रे।
Acts UrduGeoD 16:7  मूसिया के क़रीब आकर उन्होंने शिमाल की तरफ़ सूबा बिथुनिया में दाख़िल होने की कोशिश की। लेकिन ईसा के रूह ने उन्हें वहाँ भी जाने न दिया,
Acts UrduGeoD 16:8  इसलिए वह मूसिया में से गुज़रकर बंदरगाह त्रोआस पहुँचे।
Acts UrduGeoD 16:9  वहाँ पौलुस ने रात के वक़्त रोया देखी जिसमें शिमाली यूनान में वाक़े सूबा मकिदुनिया का एक आदमी खड़ा उससे इलतमास कर रहा था, “समुंदर को पार करके मकिदुनिया आएँ और हमारी मदद करें!”
Acts UrduGeoD 16:10  ज्योंही उसने यह रोया देखी हम मकिदुनिया जाने की तैयारियाँ करने लगे। क्योंकि हमने रोया से यह नतीजा निकाला कि अल्लाह ने हमें उस इलाक़े के लोगों को ख़ुशख़बरी सुनाने के लिए बुलाया है।
Acts UrduGeoD 16:11  हम त्रोआस में जहाज़ पर सवार होकर सीधे जज़ीराए-समुतराके के लिए रवाना हुए। फिर अगले दिन आगे निकलकर नयापुलिस पहुँचे।
Acts UrduGeoD 16:12  वहाँ जहाज़ से उतरकर हम फ़िलिप्पी चले गए, जो सूबा मकिदुनिया के उस ज़िले का सदर शहर था और रोमी नौआबादी था। इस शहर में हम कुछ दिन ठहरे।
Acts UrduGeoD 16:13  सबत के दिन हम शहर से निकलकर दरिया के किनारे गए, जहाँ हमारी तवक़्क़ो थी कि यहूदी दुआ के लिए जमा होंगे। वहाँ हम बैठकर कुछ ख़वातीन से बात करने लगे जो इकट्ठी हुई थीं।
Acts UrduGeoD 16:14  उनमें से थुआतीरा शहर की एक औरत थी जिसका नाम लुदिया था। उसका पेशा क़ीमती अरग़वानी रंग के कपड़े की तिजारत था और वह अल्लाह की परस्तिश करनेवाली ग़ैरयहूदी थी। ख़ुदावंद ने उसके दिल को खोल दिया, और उसने पौलुस की बातों पर तवज्जुह दी।
Acts UrduGeoD 16:15  उसके और उसके घरवालों के बपतिस्मा लेने के बाद उसने हमें अपने घर में ठहरने की दावत दी। उसने कहा, “अगर आप समझते हैं कि मैं वाक़ई ख़ुदावंद पर ईमान लाई हूँ तो मेरे घर आकर ठहरें।” यों उसने हमें मजबूर किया।
Acts UrduGeoD 16:16  एक दिन हम दुआ की जगह की तरफ़ जा रहे थे कि हमारी मुलाक़ात एक लौंडी से हुई जो एक बदरूह के ज़रीए लोगों की क़िस्मत का हाल बताती थी। इससे वह अपने मालिकों के लिए बहुत-से पैसे कमाती थी।
Acts UrduGeoD 16:17  वह पौलुस और हमारे पीछे पड़कर चीख़ चीख़कर कहने लगी, “यह आदमी अल्लाह तआला के ख़ादिम हैं जो आपको नजात की राह बताने आए हैं।”
Acts UrduGeoD 16:18  यह सिलसिला रोज़ बरोज़ जारी रहा। आख़िरकार पौलुस तंग आकर मुड़ा और बदरूह से कहा, “मैं तुझे ईसा मसीह के नाम से हुक्म देता हूँ कि लड़की में से निकल जा!” उसी लमहे वह निकल गई।
Acts UrduGeoD 16:19  उसके मालिकों को मालूम हुआ कि पैसे कमाने की उम्मीद जाती रही तो वह पौलुस और सीलास को पकड़कर चौक में बैठे इक़तिदार रखनेवालों के सामने घसीट ले गए।
Acts UrduGeoD 16:20  उन्हें मजिस्ट्रेटों के सामने पेश करके वह चिल्लाने लगे, “यह आदमी हमारे शहर में हलचल पैदा कर रहे हैं। यह यहूदी हैं
Acts UrduGeoD 16:21  और ऐसे रस्मो-रिवाज का प्रचार कर रहे हैं जिन्हें क़बूल करना और अदा करना हम रोमियों के लिए जायज़ नहीं।”
Acts UrduGeoD 16:22  हुजूम भी आ मिला और पौलुस और सीलास के ख़िलाफ़ बातें करने लगा। इस पर मजिस्ट्रेटों ने हुक्म दिया कि उनके कपड़े उतारे और उन्हें लाठी से मारा जाए।
Acts UrduGeoD 16:23  उन्होंने उनकी ख़ूब पिटाई करवाकर उन्हें क़ैदख़ाने में डाल दिया और दारोग़े से कहा कि एहतियात से उनकी पहरादारी करो।
Acts UrduGeoD 16:24  चुनाँचे उसने उन्हें जेल के सबसे अंदरूनी हिस्से में ले जाकर उनके पाँव काठ में डाल दिए।
Acts UrduGeoD 16:25  अब ऐसा हुआ कि पौलुस और सीलास आधी रात के क़रीब दुआ कर रहे और अल्लाह की तमजीद के गीत गा रहे थे और बाक़ी क़ैदी सुन रहे थे।
Acts UrduGeoD 16:26  अचानक बड़ा ज़लज़ला आया और क़ैदख़ाने की पूरी इमारत बुनियादों तक हिल गई। फ़ौरन तमाम दरवाज़े खुल गए और तमाम क़ैदियों की ज़ंजीरें खुल गईं।
Acts UrduGeoD 16:27  दारोग़ा जाग उठा। जब उसने देखा कि जेल के दरवाज़े खुले हैं तो वह अपनी तलवार निकालकर ख़ुदकुशी करने लगा, क्योंकि ऐसा लग रहा था कि क़ैदी फ़रार हो गए हैं।
Acts UrduGeoD 16:28  लेकिन पौलुस चिल्ला उठा, “मत करें! अपने आपको नुक़सान न पहुँचाएँ। हम सब यहीं हैं।”
Acts UrduGeoD 16:29  दारोग़े ने चराग़ मँगवा लिया और भागकर अंदर आया। लरज़ते लरज़ते वह पौलुस और सीलास के सामने गिर गया।
Acts UrduGeoD 16:30  फिर उन्हें बाहर ले जाकर उसने पूछा, “साहबो, मुझे नजात पाने के लिए क्या करना है?”
Acts UrduGeoD 16:31  उन्होंने जवाब दिया, “ख़ुदावंद ईसा पर ईमान लाएँ तो आप और आपके घराने को नजात मिलेगी।”
Acts UrduGeoD 16:32  फिर उन्होंने उसे और उसके तमाम घरवालों को ख़ुदावंद का कलाम सुनाया।
Acts UrduGeoD 16:33  और रात की उसी घड़ी दारोग़े ने उन्हें ले जाकर उनके ज़ख़मों को धोया। इसके बाद उसका और उसके सारे घरवालों का बपतिस्मा हुआ।
Acts UrduGeoD 16:34  फिर उसने उन्हें अपने घर में लाकर खाना खिलाया। अल्लाह पर ईमान लाने के बाइस उसने और उसके तमाम घरवालों ने बड़ी ख़ुशी मनाई।
Acts UrduGeoD 16:35  जब दिन चढ़ा तो मजिस्ट्रेटों ने अपने अफ़सरों को दारोग़े के पास भिजवा दिया कि वह पौलुस और सीलास को रिहा करे।
Acts UrduGeoD 16:36  चुनाँचे दारोग़े ने पौलुस को उनका पैग़ाम पहुँचा दिया, “मजिस्ट्रेटों ने हुक्म दिया है कि आप और सीलास को रिहा कर दिया जाए। अब निकलकर सलामती से चले जाएँ।”
Acts UrduGeoD 16:37  लेकिन पौलुस ने एतराज़ किया। उसने उनसे कहा, “उन्होंने हमें अवाम के सामने ही और अदालत में पेश किए बग़ैर मारकर जेल में डाल दिया है हालाँकि हम रोमी शहरी हैं। और अब वह हमें चुपके से निकालना चाहते हैं? हरगिज़ नहीं! अब वह ख़ुद आएँ और हमें बाहर ले जाएँ।”
Acts UrduGeoD 16:38  अफ़सरों ने मजिस्ट्रेटों को यह ख़बर पहुँचाई। जब उन्हें मालूम हुआ कि पौलुस और सीलास रोमी शहरी हैं तो वह घबरा गए।
Acts UrduGeoD 16:39  वह ख़ुद उन्हें समझाने के लिए आए और जेल से बाहर लाकर गुज़ारिश की कि शहर को छोड़ दें।
Acts UrduGeoD 16:40  चुनाँचे पौलुस और सीलास जेल से निकल आए। लेकिन पहले वह लुदिया के घर गए जहाँ वह भाइयों से मिले और उनकी हौसलाअफ़्ज़ाई की। फिर वह चले गए।
Chapter 17
Acts UrduGeoD 17:1  अंफ़िपुलिस और अपुल्लोनिया से होकर पौलुस और सीलास थिस्सलुनीके शहर पहुँच गए जहाँ यहूदी इबादतख़ाना था।
Acts UrduGeoD 17:2  अपनी आदत के मुताबिक़ पौलुस उसमें गया और लगातार तीन सबतों के दौरान कलामे-मुक़द्दस से दलायल दे देकर यहूदियों को क़ायल करने की कोशिश करता रहा।
Acts UrduGeoD 17:3  उसने कलामे-मुक़द्दस की तशरीह करके साबित किया कि मसीह का दुख उठाना और मुरदों में से जी उठना लाज़िम था। उसने कहा, “जिस ईसा की मैं ख़बर दे रहा हूँ, वही मसीह है।”
Acts UrduGeoD 17:4  यहूदियों में से कुछ क़ायल होकर पौलुस और सीलास से वाबस्ता हो गए, जिनमें ख़ुदातरस यूनानियों की बड़ी तादाद और बारसूख ख़वातीन भी शरीक थीं।
Acts UrduGeoD 17:5  यह देखकर बाक़ी यहूदी हसद करने लगे। उन्होंने गलियों में आवारा फिरनेवाले कुछ शरीर आदमी इकट्ठे करके जुलूस निकाला और शहर में हलचल मचा दी। फिर यासोन के घर पर हमला करके उन्होंने पौलुस और सीलास को ढूँडा ताकि उन्हें अवामी इजलास के सामने पेश करें।
Acts UrduGeoD 17:6  लेकिन वह वहाँ नहीं थे, इसलिए वह यासोन और चंद एक और ईमानदार भाइयों को शहर के मजिस्ट्रेटों के सामने लाए। उन्होंने चीख़कर कहा, “यह लोग पूरी दुनिया में गड़बड़ पैदा कर रहे हैं और अब यहाँ भी आ गए हैं।
Acts UrduGeoD 17:7  यासोन ने उन्हें अपने घर में ठहराया है। यह सब शहनशाह के अहकाम की ख़िलाफ़वरज़ी कर रहे हैं, क्योंकि यह किसी और को बादशाह मानते हैं जिसका नाम ईसा है।”
Acts UrduGeoD 17:8  इस तरह की बातों से उन्होंने हुजूम और मजिस्ट्रेटों में बड़ा हंगामा पैदा किया।
Acts UrduGeoD 17:9  चुनाँचे मजिस्ट्रेटों ने यासोन और दूसरों से ज़मानत ली और फिर उन्हें छोड़ दिया।
Acts UrduGeoD 17:10  उसी रात भाइयों ने पौलुस और सीलास को बेरिया भेज दिया। वहाँ पहुँचकर वह यहूदी इबादतख़ाने में गए।
Acts UrduGeoD 17:11  यह लोग थिस्सलुनीके के यहूदियों की निसबत ज़्यादा खुले ज़हन के थे। यह बड़े शौक़ से पौलुस और सीलास की बातें सुनते और रोज़ बरोज़ कलामे-मुक़द्दस की तफ़तीश करते रहे कि क्या वाक़ई ऐसा है जैसा हमें बताया जा रहा है?
Acts UrduGeoD 17:12  नतीजे में इनमें से बहुत-से यहूदी ईमान लाए और साथ साथ बहुत-सी बारसूख यूनानी ख़वातीन और मर्द भी।
Acts UrduGeoD 17:13  लेकिन फिर थिस्सलुनीके के यहूदियों को यह ख़बर मिली कि पौलुस बेरिया में अल्लाह का कलाम सुना रहा है। वह वहाँ भी पहुँचे और लोगों को उकसाकर हलचल मचा दी।
Acts UrduGeoD 17:14  इस पर भाइयों ने पौलुस को फ़ौरन साहिल पर भेज दिया, लेकिन सीलास और तीमुथियुस बेरिया में पीछे रह गए।
Acts UrduGeoD 17:15  जो आदमी पौलुस को साहिल तक पहुँचाने आए थे वह उसके साथ अथेने तक गए। वहाँ वह उसे छोड़कर वापस चले गए। उनके हाथ पौलुस ने सीलास और तीमुथियुस को ख़बर भेजी कि जितनी जल्दी हो सके बेरिया को छोड़कर मेरे पास आ जाएँ।
Acts UrduGeoD 17:16  अथेने शहर में सीलास और तीमुथियुस का इंतज़ार करते करते पौलुस बड़े जोश में आ गया, क्योंकि उसने देखा कि पूरा शहर बुतों से भरा हुआ है।
Acts UrduGeoD 17:17  वह यहूदी इबादतख़ाने में जाकर यहूदियों और ख़ुदातरस ग़ैरयहूदियों से बहस करने लगा। साथ साथ वह रोज़ाना चौक में भी जाकर वहाँ पर मौजूद लोगों से गुफ़्तगू करता रहा।
Acts UrduGeoD 17:18  इपिकूरी और स्तोयकी फ़लसफ़ी भी उससे बहस करने लगे। जब पौलुस ने उन्हें ईसा और उसके जी उठने की ख़ुशख़बरी सुनाई तो बाज़ ने पूछा, “यह बकवासी इन बातों से क्या कहना चाहता है जो इसने इधर उधर से चुनकर जोड़ दी हैं?” दूसरों ने कहा, “लगता है कि वह अजनबी देवताओं की ख़बर दे रहा है।”
Acts UrduGeoD 17:19  वह उसे साथ लेकर शहर की मजलिसे-शूरा में गए जो अरियोपगुस नामी पहाड़ी पर मुनअक़िद होती थी। उन्होंने दरख़ास्त की, “क्या हमें मालूम हो सकता है कि आप कौन-सी नई तालीम पेश कर रहे हैं?
Acts UrduGeoD 17:20  आप तो हमें अजीबो-ग़रीब बातें सुना रहे हैं। अब हम उनका सहीह मतलब जानना चाहते हैं।”
Acts UrduGeoD 17:21  (बात यह थी कि अथेने के तमाम बाशिंदे शहर में रहनेवाले परदेसियों समेत अपना पूरा वक़्त इसमें सर्फ़ करते थे कि ताज़ा ताज़ा ख़यालात सुनें या सुनाएँ।)
Acts UrduGeoD 17:22  पौलुस मजलिस में खड़ा हुआ और कहा, “अथेने के हज़रात, मैं देखता हूँ कि आप हर लिहाज़ से बहुत मज़हबी लोग हैं।
Acts UrduGeoD 17:23  क्योंकि जब मैं शहर में से गुज़र रहा था तो उन चीज़ों पर ग़ौर किया जिनकी पूजा आप करते हैं। चलते चलते मैंने एक ऐसी क़ुरबानगाह भी देखी जिस पर लिखा था, ‘नामालूम ख़ुदा की क़ुरबानगाह।’ अब मैं आपको उस ख़ुदा की ख़बर देता हूँ जिसकी पूजा आप करते तो हैं मगर आप उसे जानते नहीं।
Acts UrduGeoD 17:24  यह वह ख़ुदा है जिसने दुनिया और उसमें मौजूद हर चीज़ की तख़लीक़ की। वह आसमानो-ज़मीन का मालिक है, इसलिए वह इनसानी हाथों के बनाए हुए मंदिरों में सुकूनत नहीं करता।
Acts UrduGeoD 17:25  और इनसानी हाथ उस की ख़िदमत नहीं कर सकते, क्योंकि उसे कोई भी चीज़ दरकार नहीं होती। इसके बजाए वही सबको ज़िंदगी और साँस मुहैया करके उनकी तमाम ज़रूरियात पूरी करता है।
Acts UrduGeoD 17:26  उसी ने एक शख़्स को ख़लक़ किया ताकि दुनिया की तमाम क़ौमें उससे निकलकर पूरी दुनिया में फैल जाएँ। उसने हर क़ौम के औक़ात और सरहद्दें भी मुक़र्रर कीं।
Acts UrduGeoD 17:27  मक़सद यह था कि वह ख़ुदा को तलाश करें। उम्मीद यह थी कि वह टटोल टटोलकर उसे पाएँ, अगरचे वह हममें से किसी से दूर नहीं होता।
Acts UrduGeoD 17:28  क्योंकि उसमें हम जीते, हरकत करते और वुजूद रखते हैं। आपके अपने कुछ शायरों ने भी फ़रमाया है, ‘हम भी उसके फ़रज़ंद हैं।’
Acts UrduGeoD 17:29  अब चूँकि हम अल्लाह के फ़रज़ंद हैं इसलिए हमारा उसके बारे में तसव्वुर यह नहीं होना चाहिए कि वह सोने, चाँदी या पत्थर का कोई मुजस्समा हो जो इनसान की महारत और डिज़ायन से बनाया गया हो।
Acts UrduGeoD 17:30  माज़ी में ख़ुदा ने इस क़िस्म की जहालत को नज़रंदाज़ किया, लेकिन अब वह हर जगह के लोगों को तौबा का हुक्म देता है।
Acts UrduGeoD 17:31  क्योंकि उसने एक दिन मुक़र्रर किया है जब वह इनसाफ़ से दुनिया की अदालत करेगा। और वह यह अदालत एक शख़्स की मारिफ़त करेगा जिसको वह मुतैयिन कर चुका है और जिसकी तसदीक़ उसने इससे की है कि उसने उसे मुरदों में से ज़िंदा कर दिया है।”
Acts UrduGeoD 17:32  मुरदों की क़ियामत का ज़िक्र सुनकर बाज़ ने पौलुस का मज़ाक़ उड़ाया। लेकिन बाज़ ने कहा, “हम किसी और वक़्त इसके बारे में आपसे मज़ीद सुनना चाहते हैं।”
Acts UrduGeoD 17:33  फिर पौलुस मजलिस से निकलकर चला गया।
Acts UrduGeoD 17:34  कुछ लोग उससे वाबस्ता होकर ईमान ले आए। उनमें से मजलिसे-शूरा का मेंबर दियोनीसियुस था और एक औरत बनाम दमरिस। कुछ और भी थे।
Chapter 18
Acts UrduGeoD 18:1  इसके बाद पौलुस अथेने को छोड़कर कुरिंथुस शहर आया।
Acts UrduGeoD 18:2  वहाँ उस की मुलाक़ात एक यहूदी से हुई जिसका नाम अकविला था। वह पुंतुस का रहनेवाला था और थोड़ी देर पहले अपनी बीवी प्रिसकिल्ला समेत इटली से आया था। वजह यह थी कि शहनशाह क्लौदियुस ने हुक्म सादिर किया था कि तमाम यहूदी रोम को छोड़कर चले जाएँ। उन लोगों के पास पौलुस गया
Acts UrduGeoD 18:3  और चूँकि उनका पेशा भी ख़ैमे सिलाई करना था इसलिए वह उनके घर ठहरकर रोज़ी कमाने लगा।
Acts UrduGeoD 18:4  साथ साथ उसने हर सबत को यहूदी इबादतख़ाने में तालीम देकर यहूदियों और यूनानियों को क़ायल करने की कोशिश की।
Acts UrduGeoD 18:5  जब सीलास और तीमुथियुस मकिदुनिया से आए तो पौलुस अपना पूरा वक़्त कलाम सुनाने में सर्फ़ करने लगा। उसने यहूदियों को गवाही दी कि ईसा कलामे-मुक़द्दस में बयान किया गया मसीह है।
Acts UrduGeoD 18:6  लेकिन जब वह उस की मुख़ालफ़त करके उस की तज़लील करने लगे तो उसने एहतजाज में अपने कपड़ों से गर्द झाड़कर कहा, “आप ख़ुद अपनी हलाकत के ज़िम्मादार हैं, मैं बेक़ुसूर हूँ। अब से मैं ग़ैरयहूदियों के पास जाया करूँगा।”
Acts UrduGeoD 18:7  फिर वह वहाँ से निकलकर इबादतख़ाने के साथवाले घर में गया। वहाँ तितुस यूसतुस रहता था जो यहूदी नहीं था, लेकिन ख़ुदा का ख़ौफ़ मानता था।
Acts UrduGeoD 18:8  और क्रिसपुस जो इबादतख़ाने का राहनुमा था अपने घराने समेत ख़ुदावंद पर ईमान लाया। कुरिंथुस के बहुत सारे और लोगों ने भी जब पौलुस की बातें सुनीं तो ईमान लाए और बपतिस्मा लिया।
Acts UrduGeoD 18:9  एक रात ख़ुदावंद रोया में पौलुस से हमकलाम हुआ, “मत डर! कलाम करता जा और ख़ामोश न हो,
Acts UrduGeoD 18:10  क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ। कोई हमला करके तुझे नुक़सान नहीं पहुँचाएगा, क्योंकि इस शहर में मेरे बहुत-से लोग हैं।”
Acts UrduGeoD 18:11  फिर पौलुस मज़ीद डेढ़ साल वहाँ ठहरकर लोगों को अल्लाह का कलाम सिखाता रहा।
Acts UrduGeoD 18:12  उन दिनों में जब गल्लियो सूबा अख़या का गवर्नर था तो यहूदी मुत्तहिद होकर पौलुस के ख़िलाफ़ जमा हुए और उसे अदालत में गल्लियो के सामने लाए।
Acts UrduGeoD 18:13  उन्होंने कहा, “यह आदमी लोगों को ऐसे तरीक़े से अल्लाह की इबादत करने पर उकसा रहा है जो हमारी शरीअत के ख़िलाफ़ है।”
Acts UrduGeoD 18:14  पौलुस जवाब में कुछ कहने को था कि गल्लियो ख़ुद यहूदियों से मुख़ातिब हुआ, “सुनें, यहूदी मर्दो! अगर आपका इलज़ाम कोई नाइनसाफ़ी या संगीन जुर्म होता तो आपकी बात क़ाबिले-बरदाश्त होती।
Acts UrduGeoD 18:15  लेकिन आपका झगड़ा मज़हबी तालीम, नामों और आपकी यहूदी शरीअत से ताल्लुक़ रखता है, इसलिए उसे ख़ुद हल करें। मैं इस मामले में फ़ैसला करने के लिए तैयार नहीं हूँ।”
Acts UrduGeoD 18:16  यह कहकर उसने उन्हें अदालत से भगा दिया।
Acts UrduGeoD 18:17  इस पर हुजूम ने यहूदी इबादतख़ाने के राहनुमा सोसथिनेस को पकड़कर अदालत के सामने उस की पिटाई की। लेकिन गल्लियो ने परवा न की।
Acts UrduGeoD 18:18  इसके बाद भी पौलुस बहुत दिन कुरिंथुस में रहा। फिर भाइयों को ख़ैरबाद कहकर वह क़रीब के शहर किंख़रिया गया जहाँ उसने किसी मन्नत के पूरे होने पर अपने सर के बाल मुँडवा दिए। इसके बाद वह प्रिसकिल्ला और अकविला के साथ जहाज़ पर सवार होकर मुल्के-शाम के लिए रवाना हुआ।
Acts UrduGeoD 18:19  पहले वह इफ़िसुस पहुँचे जहाँ पौलुस ने प्रिसकिल्ला और अकविला को छोड़ दिया। वहाँ भी उसने यहूदी इबादतख़ाने में जाकर यहूदियों से बहस की।
Acts UrduGeoD 18:20  उन्होंने उससे दरख़ास्त की कि मज़ीद वक़्त उनके साथ गुज़ारे, लेकिन उसने इनकार किया
Acts UrduGeoD 18:21  और उन्हें ख़ैरबाद कहकर कहा, “अगर अल्लाह की मरज़ी हो तो मैं आपके पास वापस आऊँगा।” फिर वह जहाज़ पर सवार होकर इफ़िसुस से रवाना हुआ।
Acts UrduGeoD 18:22  सफ़र करते करते वह क़ैसरिया पहुँच गया, जहाँ से वह यरूशलम जाकर मक़ामी जमात से मिला। इसके बाद वह अंताकिया वापस चला गया
Acts UrduGeoD 18:23  जहाँ वह कुछ देर ठहरा। फिर आगे निकलकर वह गलतिया और फ़रूगिया के इलाक़े में से गुज़रते हुए वहाँ के तमाम ईमानदारों को मज़बूत करता गया।
Acts UrduGeoD 18:24  इतने में एक फ़सीह यहूदी जिसे कलामे-मुक़द्दस का ज़बरदस्त इल्म था इफ़िसुस पहुँच गया था। उसका नाम अपुल्लोस था। वह मिसर के शहर इस्कंदरिया का रहनेवाला था।
Acts UrduGeoD 18:25  उसे ख़ुदावंद की राह के बारे में तालीम दी गई थी और वह बड़ी सरगरमी से लोगों को ईसा के बारे में सिखाता रहा। उस की यह तालीम सहीह थी अगरचे वह अभी तक सिर्फ़ यहया का बपतिस्मा जानता था।
Acts UrduGeoD 18:26  इफ़िसुस के यहूदी इबादतख़ाने में वह बड़ी दिलेरी से कलाम करने लगा। यह सुनकर प्रिसकिल्ला और अकविला ने उसे एक तरफ़ ले जाकर उसके सामने अल्लाह की राह को मज़ीद तफ़सील से बयान किया।
Acts UrduGeoD 18:27  अपुल्लोस सूबा अख़या जाने का ख़याल रखता था तो इफ़िसुस के भाइयों ने उस की हौसलाअफ़्ज़ाई की। उन्होंने वहाँ के शागिर्दों को ख़त लिखा कि वह उसका इस्तक़बाल करें। जब वह वहाँ पहुँचा तो उनके लिए बड़ी मदद का बाइस बना जो अल्लाह के फ़ज़ल से ईमान लाए थे,
Acts UrduGeoD 18:28  क्योंकि वह अलानिया मुबाहसों में ज़बरदस्त दलायल से यहूदियों पर ग़ालिब आया और कलामे-मुक़द्दस से साबित किया कि ईसा मसीह है।
Chapter 19
Acts UrduGeoD 19:1  जब अपुल्लोस कुरिंथुस में ठहरा हुआ था तो पौलुस एशियाए-कूचक के अंदरूनी इलाक़े में से सफ़र करते करते साहिली शहर इफ़िसुस में आया। वहाँ उसे कुछ शागिर्द मिले
Acts UrduGeoD 19:2  जिनसे उसने पूछा, “क्या आपको ईमान लाते वक़्त रूहुल-क़ुद्स मिला?” उन्होंने जवाब दिया, “नहीं, हमने तो रूहुल-क़ुद्स का ज़िक्र तक नहीं सुना।”
Acts UrduGeoD 19:3  उसने पूछा, “तो आपको कौन-सा बपतिस्मा दिया गया?” उन्होंने जवाब दिया, “यहया का।”
Acts UrduGeoD 19:4  पौलुस ने कहा, “यहया ने बपतिस्मा दिया जब लोगों ने तौबा की। लेकिन उसने ख़ुद उन्हें बताया, ‘मेरे बाद आनेवाले पर ईमान लाओ, यानी ईसा पर’।”
Acts UrduGeoD 19:5  यह सुनकर उन्होंने ख़ुदावंद ईसा के नाम पर बपतिस्मा लिया।
Acts UrduGeoD 19:6  और जब पौलुस ने अपने हाथ उन पर रखे तो उन पर रूहुल-क़ूदस नाज़िल हुआ, और वह ग़ैरज़बानें बोलने और नबुव्वत करने लगे।
Acts UrduGeoD 19:7  इन आदमियों की कुल तादाद तक़रीबन बारह थी।
Acts UrduGeoD 19:8  पौलुस यहूदी इबादतख़ाने में गया और तीन महीने के दौरान यहूदियों से दिलेरी से बात करता रहा। उनके साथ बहस करके उसने उन्हें अल्लाह की बादशाही के बारे में क़ायल करने की कोशिश की।
Acts UrduGeoD 19:9  लेकिन कुछ अड़ गए। वह अल्लाह के ताबे न हुए बल्कि अवाम के सामने ही अल्लाह की राह को बुरा-भला कहने लगे। इस पर पौलुस ने उन्हें छोड़ दिया। शागिर्दों को भी अलग करके वह उनके साथ तुरन्नुस के लैक्चर हाल में जमा हुआ करता था जहाँ वह रोज़ाना उन्हें तालीम देता रहा।
Acts UrduGeoD 19:10  यह सिलसिला दो साल तक जारी रहा। यों सूबा आसिया के तमाम लोगों को ख़ुदावंद का कलाम सुनने का मौक़ा मिला, ख़ाह वह यहूदी थे या यूनानी।
Acts UrduGeoD 19:11  अल्लाह ने पौलुस की मारिफ़त ग़ैरमामूली मोजिज़े किए,
Acts UrduGeoD 19:12  यहाँ तक कि जब रूमाल या एप्रन उसके बदन से लगाने के बाद मरीज़ों पर रखे जाते तो उनकी बीमारियाँ जाती रहतीं और बदरूहें निकल जातीं।
Acts UrduGeoD 19:13  वहाँ कुछ ऐसे यहूदी भी थे जो जगह जगह जाकर बदरूहें निकालते थे। अब वह बदरूहों के बंधन में फँसे लोगों पर ख़ुदावंद ईसा का नाम इस्तेमाल करने की कोशिश करके कहने लगे, “मैं तुझे उस ईसा के नाम से निकलने का हुक्म देता हूँ जिसकी मुनादी पौलुस करता है।”
Acts UrduGeoD 19:14  एक यहूदी राहनुमा इमाम बनाम स्किवा के सात बेटे ऐसा करते थे।
Acts UrduGeoD 19:15  लेकिन एक दफ़ा जब यही कोशिश कर रहे थे तो बदरूह ने जवाब दिया, “ईसा को तो मैं जानती हूँ और पौलुस को भी, लेकिन तुम कौन हो?”
Acts UrduGeoD 19:16  फिर वह आदमी जिसमें बदरूह थी उन पर झपटकर सब पर ग़ालिब आ गया। उसका उन पर इतना सख़्त हमला हुआ कि वह नंगे और ज़ख़मी हालत में भागकर उस घर से निकल गए।
Acts UrduGeoD 19:17  इस वाकिए की ख़बर इफ़िसुस के तमाम रहनेवाले यहूदियों और यूनानियों में फैल गई। उन पर ख़ौफ़ तारी हुआ और ख़ुदावंद ईसा के नाम की ताज़ीम हुई।
Acts UrduGeoD 19:18  जो ईमान लाए थे उनमें से बहुतेरों ने आकर अलानिया अपने गुनाहों का इक़रार किया।
Acts UrduGeoD 19:19  जादूगरी करनेवालों की बड़ी तादाद ने अपनी जादूमंत्र की किताबें इकट्ठी करके अवाम के सामने जला दीं। पूरी किताबों का हिसाब किया गया तो उनकी कुल रक़म चाँदी के पचास हज़ार सिक्के थी।
Acts UrduGeoD 19:20  यों ख़ुदावंद का कलाम ज़बरदस्त तरीक़े से बढ़ता और ज़ोर पकड़ता गया।
Acts UrduGeoD 19:21  इन वाक़ियात के बाद पौलुस ने मकिदुनिया और अख़या में से गुज़रकर यरूशलम जाने का फ़ैसला किया। उसने कहा, “इसके बाद लाज़िम है कि मैं रोम भी जाऊँ।”
Acts UrduGeoD 19:22  उसने अपने दो मददगारों तीमुथियुस और इरास्तुस को आगे मकिदुनिया भेज दिया जबकि वह ख़ुद मज़ीद कुछ देर के लिए सूबा आसिया में ठहरा रहा।
Acts UrduGeoD 19:23  तक़रीबन उस वक़्त अल्लाह की राह एक शदीद हंगामे का बाइस हो गई।
Acts UrduGeoD 19:24  यह यों हुआ, इफ़िसुस में एक चाँदी की अशया बनानेवाला रहता था जिसका नाम देमेतरियुस था। वह चाँदी से अरतमिस देवी के मंदिर बनवाता था, और उसके काम से दस्तकारों का कारोबार ख़ूब चलता था।
Acts UrduGeoD 19:25  अब उसने इस काम से ताल्लुक़ रखनेवाले दीगर दस्तकारों को जमा करके उनसे कहा, “हज़रात, आपको मालूम है कि हमारी दौलत इस कारोबार पर मुनहसिर है।
Acts UrduGeoD 19:26  आपने यह भी देख और सुन लिया है कि इस आदमी पौलुस ने न सिर्फ़ इफ़िसुस बल्कि तक़रीबन पूरे सूबा आसिया में बहुत-से लोगों को भटकाकर क़ायल कर लिया है कि हाथों के बने देवता हक़ीक़त में देवता नहीं होते।
Acts UrduGeoD 19:27  न सिर्फ़ यह ख़तरा है कि हमारे कारोबार की बदनामी हो बल्कि यह भी कि अज़ीम देवी अरतमिस के मंदिर का असरो-रसूख़ जाता रहेगा, कि अरतमिस ख़ुद जिसकी पूजा सूबा आसिया और पूरी दुनिया में की जाती है अपनी अज़मत खो बैठे।”
Acts UrduGeoD 19:28  यह सुनकर वह तैश में आकर चीख़ने-चिल्लाने लगे, “इफ़िसियों की अरतमिस देवी अज़ीम है!”
Acts UrduGeoD 19:29  पूरे शहर में हलचल मच गई। लोगों ने पौलुस के मकिदुनी हमसफ़र गयुस और अरिस्तरख़ुस को पकड़ लिया और मिलकर तमाशागाह में दौड़े आए।
Acts UrduGeoD 19:30  यह देखकर पौलुस भी अवाम के इस इजलास में जाना चाहता था, लेकिन शागिर्दों ने उसे रोक लिया।
Acts UrduGeoD 19:31  इसी तरह उसके कुछ दोस्तों ने भी जो सूबा आसिया के अफ़सर थे उसे ख़बर भेजकर मिन्नत की कि वह न जाए।
Acts UrduGeoD 19:32  इजलास में बड़ी अफ़रा-तफ़री थी। कुछ यह चीख़ रहे थे, कुछ वह। ज़्यादातर लोग जमा होने की वजह जानते भी न थे।
Acts UrduGeoD 19:33  यहूदियों ने सिकंदर को आगे कर दिया। साथ साथ हुजूम के कुछ लोग उसे हिदायात देते रहे। उसने हाथ से ख़ामोश हो जाने का इशारा किया ताकि वह इजलास के सामने अपना दिफ़ा करे।
Acts UrduGeoD 19:34  लेकिन जब उन्होंने जान लिया कि वह यहूदी है तो वह तक़रीबन दो घंटों तक चिल्लाकर नारा लगाते रहे, “इफ़िसुस की अरतमिस देवी अज़ीम है!”
Acts UrduGeoD 19:35  आख़िरकार बलदिया का चीफ़ सैक्रटरी उन्हें ख़ामोश कराने में कामयाब हुआ। फिर उसने कहा, “इफ़िसुस के हज़रात, किस को मालूम नहीं कि इफ़िसुस अज़ीम अरतमिस देवी के मंदिर का मुहाफ़िज़ है! पूरी दुनिया जानती है कि हम उसके उस मुजस्समे के निगरान हैं जो आसमान से गिरकर हमारे पास पहुँच गया।
Acts UrduGeoD 19:36  यह हक़ीक़त तो नाक़ाबिले-इनकार है। चुनाँचे लाज़िम है कि आप चुप-चाप रहें और जल्दबाज़ी न करें।
Acts UrduGeoD 19:37  आप यह आदमी यहाँ लाए हैं हालाँकि न तो वह मंदिरों को लूटनेवाले हैं, न उन्होंने देवी की बेहुरमती की है।
Acts UrduGeoD 19:38  अगर देमेतरियुस और उसके साथवाले दस्तकारों का किसी पर इलज़ाम है तो इसके लिए कचहरियाँ और गवर्नर होते हैं। वहाँ जाकर वह एक दूसरे से मुक़दमा लड़ें।
Acts UrduGeoD 19:39  अगर आप मज़ीद कोई मामला पेश करना चाहते हैं तो उसे हल करने के लिए क़ानूनी मजलिस होती है।
Acts UrduGeoD 19:40  अब हम इस ख़तरे में हैं कि आज के वाक़ियात के बाइस हम पर फ़साद का इलज़ाम लगाया जाएगा। क्योंकि जब हमसे पूछा जाएगा तो हम इस क़िस्म के बेतरतीब और नाजायज़ इजतिमा का कोई जवाज़ पेश नहीं कर सकेंगे।”
Acts UrduGeoD 19:41  यह कहकर उसने इजलास को बरख़ास्त कर दिया।
Chapter 20
Acts UrduGeoD 20:1  जब शहर में अफ़रा-तफ़री ख़त्म हुई तो पौलुस ने शागिर्दों को बुलाकर उनकी हौसलाअफ़्ज़ाई की। फिर वह उन्हें ख़ैरबाद कहकर मकिदुनिया के लिए रवाना हुआ।
Acts UrduGeoD 20:2  वहाँ पहुँचकर उसने जगह बजगह जाकर बहुत-सी बातों से ईमानदारों की हौसलाअफ़्ज़ाई की। यों चलते चलते वह यूनान पहुँच गया
Acts UrduGeoD 20:3  जहाँ वह तीन माह तक ठहरा। वह मुल्के-शाम के लिए जहाज़ पर सवार होनेवाला था कि पता चला कि यहूदियों ने उसके ख़िलाफ़ साज़िश की है। इस पर उसने मकिदुनिया से होकर वापस जाने का फ़ैसला किया।
Acts UrduGeoD 20:4  उसके कई हमसफ़र थे : बेरिया से पुरुस का बेटा सोपतरुस, थिस्सलुनीके से अरिस्तरख़ुस और सिकुंदुस, दिरबे से गयुस, तीमुथियुस और सूबा आसिया से तुख़िकुस और त्रुफ़िमुस।
Acts UrduGeoD 20:5  यह आदमी आगे निकलकर त्रोआस चले गए जहाँ उन्होंने हमारा इंतज़ार किया।
Acts UrduGeoD 20:6  बेख़मीरी रोटी की ईद के बाद हम फ़िलिप्पी के क़रीब जहाज़ पर सवार हुए और पाँच दिन के बाद उनके पास त्रोआस पहुँच गए। वहाँ हम सात दिन रहे।
Acts UrduGeoD 20:7  इतवार को हम अशाए-रब्बानी मनाने के लिए जमा हुए। पौलुस लोगों से बात करने लगा और चूँकि वह अगले दिन रवाना होनेवाला था इसलिए वह आधी रात तक बोलता रहा।
Acts UrduGeoD 20:8  ऊपर की मनज़िल में जिस कमरे में हम जमा थे वहाँ बहुत-से चराग़ जल रहे थे।
Acts UrduGeoD 20:9  एक जवान खिड़की की दहलीज़ पर बैठा था। उसका नाम यूतिख़ुस था। ज्यों-ज्यों पौलुस की बातें लंबी होती जा रही थीं उस पर नींद ग़ालिब आती जा रही थी। आख़िरकार वह गहरी नींद में तीसरी मनज़िल से ज़मीन पर गिर गया। जब लोगों ने नीचे पहुँचकर उसे ज़मीन पर से उठाया तो वह जान-बहक़ हो चुका था।
Acts UrduGeoD 20:10  लेकिन पौलुस उतरकर उस पर झुक गया और उसे अपने बाज़ुओं में ले लिया। उसने कहा, “मत घबराएँ, वह ज़िंदा है।”
Acts UrduGeoD 20:11  फिर वह वापस ऊपर आ गया, अशाए-रब्बानी मनाई और खाना खाया। उसने अपनी बातें पौ फटने तक जारी रखीं, फिर रवाना हुआ।
Acts UrduGeoD 20:12  और उन्होंने जवान को ज़िंदा हालत में वहाँ से लेकर बहुत तसल्ली पाई।
Acts UrduGeoD 20:13  हम आगे निकलकर अस्सुस के लिए जहाज़ पर सवार हुए। ख़ुद पौलुस ने इंतज़ाम करवाया था कि वह पैदल जाकर अस्सुस में हमारे जहाज़ पर आएगा।
Acts UrduGeoD 20:14  वहाँ वह हमसे मिला और हम उसे जहाज़ पर लाकर मतुलेने पहुँचे।
Acts UrduGeoD 20:15  अगले दिन हम ख़ियुस के जज़ीरे से गुज़रे। उससे अगले दिन हम सामुस के जज़ीरे के क़रीब आए। इसके बाद के दिन हम मीलेतुस पहुँच गए।
Acts UrduGeoD 20:16  पौलुस पहले से फ़ैसला कर चुका था कि मैं इफ़िसुस में नहीं ठहरूँगा बल्कि आगे निकलूँगा, क्योंकि वह जल्दी में था। वह जहाँ तक मुमकिन था पंतिकुस्त की ईद से पहले पहले यरूशलम पहुँचना चाहता था।
Acts UrduGeoD 20:17  मीलेतुस से पौलुस ने इफ़िसुस की जमात के बुज़ुर्गों को बुला लिया।
Acts UrduGeoD 20:18  जब वह पहुँचे तो उसने उनसे कहा, “आप जानते हैं कि मैं सूबा आसिया में पहला क़दम उठाने से लेकर पूरा वक़्त आपके साथ किस तरह रहा।
Acts UrduGeoD 20:19  मैंने बड़ी इंकिसारी से ख़ुदावंद की ख़िदमत की है। मुझे बहुत आँसू बहाने पड़े और यहूदियों की साज़िशों से मुझ पर बहुत आज़माइशें आईं।
Acts UrduGeoD 20:20  मैंने आपके फ़ायदे की कोई भी बात आपसे छुपाए न रखी बल्कि आपको अलानिया और घर घर जाकर तालीम देता रहा।
Acts UrduGeoD 20:21  मैंने यहूदियों को यूनानियों समेत गवाही दी कि उन्हें तौबा करके अल्लाह की तरफ़ रुजू करने और हमारे ख़ुदावंद ईसा पर ईमान लाने की ज़रूरत है।
Acts UrduGeoD 20:22  और अब मैं रूहुल-क़ुद्स से बँधा हुआ यरूशलम जा रहा हूँ। मैं नहीं जानता कि मेरे साथ क्या कुछ होगा,
Acts UrduGeoD 20:23  लेकिन इतना मुझे मालूम है कि रूहुल-क़ुद्स मुझे शहर बशहर इस बात से आगाह कर रहा है कि मुझे क़ैद और मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा।
Acts UrduGeoD 20:24  ख़ैर, मैं अपनी ज़िंदगी को किसी तरह भी अहम नहीं समझता। अहम बात सिर्फ़ यह है कि मैं अपना वह मिशन और ज़िम्मादारी पूरी करूँ जो ख़ुदावंद ईसा ने मेरे सुपुर्द की है। और वह ज़िम्मादारी यह है कि मैं लोगों को गवाही देकर यह ख़ुशख़बरी सुनाऊँ कि अल्लाह ने अपने फ़ज़ल से उनके लिए क्या कुछ किया है।
Acts UrduGeoD 20:25  और अब मैं जानता हूँ कि आप सब जिन्हें मैंने अल्लाह की बादशाही का पैग़ाम सुना दिया है मुझे इसके बाद कभी नहीं देखेंगे।
Acts UrduGeoD 20:26  इसलिए मैं आज ही आपको बताता हूँ कि अगर आपमें से कोई भी हलाक हो जाए तो मैं बेक़ुसूर हूँ,
Acts UrduGeoD 20:27  क्योंकि मैं आपको अल्लाह की पूरी मरज़ी बताने से न झिजका।
Acts UrduGeoD 20:28  चुनाँचे ख़बरदार रहकर अपना और उस पूरे गल्ले का ख़याल रखना जिस पर रूहुल-क़ूदस ने आपको मुक़र्रर किया है। निगरानों और चरवाहों की हैसियत से अल्लाह की जमात की ख़िदमत करें, उस जमात की जिसे उसने अपने ही फ़रज़ंद के ख़ून से हासिल किया है।
Acts UrduGeoD 20:29  मुझे मालूम है कि मेरे जाने के बाद वहशी भेड़िये आपमें घुस आएँगे जो गल्ले को नहीं छोड़ेंगे।
Acts UrduGeoD 20:30  आपके दरमियान से भी आदमी उठकर सच्चाई को तोड़-मरोड़कर बयान करेंगे ताकि शागिर्दों को अपने पीछे लगा लें।
Acts UrduGeoD 20:31  इसलिए जागते रहें! यह बात ज़हन में रखें कि मैं तीन साल के दौरान दिन-रात हर एक को समझाने से बाज़ न आया। मेरे आँसुओं को याद रखें जो मैंने आपके लिए बहाए हैं।
Acts UrduGeoD 20:32  और अब मैं आपको अल्लाह और उसके फ़ज़ल के कलाम के सुपुर्द करता हूँ। यही कलाम आपकी तामीर करके आपको वह मीरास मुहैया करने के क़ाबिल है जो अल्लाह तमाम मुक़द्दस किए गए लोगों को देता है।
Acts UrduGeoD 20:33  मैंने किसी के भी सोने, चाँदी या कपड़ों का लालच न किया।
Acts UrduGeoD 20:34  आप ख़ुद जानते हैं कि मैंने अपने इन हाथों से काम करके न सिर्फ़ अपनी बल्कि अपने साथियों की ज़रूरियात भी पूरी कीं।
Acts UrduGeoD 20:35  अपने हर काम में मैं आपको दिखाता रहा कि लाज़िम है कि हम इस क़िस्म की मेहनत करके कमज़ोरों की मदद करें। क्योंकि हमारे सामने ख़ुदावंद ईसा के यह अलफ़ाज़ होने चाहिएँ कि देना लेने से मुबारक है।”
Acts UrduGeoD 20:36  यह सब कुछ कहकर पौलुस ने घुटने टेककर उन सबके साथ दुआ की।
Acts UrduGeoD 20:37  सब ख़ूब रोए और उसको गले लगा लगाकर बोसे दिए।
Acts UrduGeoD 20:38  उन्हें ख़ासकर पौलुस की इस बात से तकलीफ़ हुई कि ‘आप इसके बाद मुझे कभी नहीं देखेंगे।’ फिर वह उसके साथ जहाज़ तक गए।
Chapter 21
Acts UrduGeoD 21:1  मुश्किल से इफ़िसुस के बुज़ुर्गों से अलग होकर हम रवाना हुए और सीधे जज़ीराए-कोस पहुँच गए। अगले दिन हम रुदुस आए और वहाँ से पतरा पहुँचे।
Acts UrduGeoD 21:2  पतरा में फ़ेनीके के लिए जहाज़ मिल गया तो हम उस पर सवार होकर रवाना हुए।
Acts UrduGeoD 21:3  जब क़ुबरुस दूर से नज़र आया तो हम उसके जुनूब में से गुज़रकर शाम के शहर सूर पहुँच गए जहाँ जहाज़ को अपना सामान उतारना था।
Acts UrduGeoD 21:4  जहाज़ से उतरकर हमने मक़ामी शागिर्दों को तलाश किया और सात दिन उनके साथ ठहरे। उन ईमानदारों ने रूहुल-क़ुद्स की हिदायत से पौलुस को समझाने की कोशिश की कि वह यरूशलम न जाए।
Acts UrduGeoD 21:5  जब हम एक हफ़ते के बाद जहाज़ पर वापस चले गए तो पूरी जमात बाल-बच्चों समेत हमारे साथ शहर से निकलकर साहिल तक आई। वहीं हमने घुटने टेककर दुआ की
Acts UrduGeoD 21:6  और एक दूसरे को अलविदा कहा। फिर हम दुबारा जहाज़ पर सवार हुए जबकि वह अपने घरों को लौट गए।
Acts UrduGeoD 21:7  सूर से अपना सफ़र जारी रखकर हम पतुलिमयिस पहुँचे जहाँ हमने मक़ामी ईमानदारों को सलाम किया और एक दिन उनके साथ गुज़ारा।
Acts UrduGeoD 21:8  अगले दिन हम रवाना होकर क़ैसरिया पहुँच गए। वहाँ हम फ़िलिप्पुस के घर ठहरे। यह वही फ़िलिप्पुस था जो अल्लाह की ख़ुशख़बरी का मुनाद था और जिसे इब्तिदाई दिनों में यरूशलम में खाना तक़सीम करने के लिए छः और आदमियों के साथ मुक़र्रर किया गया था।
Acts UrduGeoD 21:9  उस की चार ग़ैरशादीशुदा बेटियाँ थीं जो नबुव्वत की नेमत रखती थीं।
Acts UrduGeoD 21:10  कई दिन गुज़र गए तो यहूदिया से एक नबी आया जिसका नाम अगबुस था।
Acts UrduGeoD 21:11  जब वह हमसे मिलने आया तो उसने पौलुस की पेटी लेकर अपने पाँवों और हाथों को बाँध लिया और कहा, “रूहुल-क़ुद्स फ़रमाता है कि यरूशलम में यहूदी इस पेटी के मालिक को यों बाँधकर ग़ैरयहूदियों के हवाले करेंगे।”
Acts UrduGeoD 21:12  यह सुनकर हमने मक़ामी ईमानदारों समेत पौलुस को समझाने की ख़ूब कोशिश की कि वह यरूशलम न जाए।
Acts UrduGeoD 21:13  लेकिन उसने जवाब दिया, “आप क्यों रोते और मेरा दिल तोड़ते हैं? देखें, मैं ख़ुदावंद ईसा के नाम की ख़ातिर यरूशलम में न सिर्फ़ बाँधे जाने बल्कि उसके लिए अपनी जान तक देने को तैयार हूँ।”
Acts UrduGeoD 21:14  हम उसे क़ायल न कर सके, इसलिए हम यह कहते हुए ख़ामोश हो गए कि “ख़ुदावंद की मरज़ी पूरी हो।”
Acts UrduGeoD 21:15  इसके बाद हम तैयारियाँ करके यरूशलम चले गए।
Acts UrduGeoD 21:16  क़ैसरिया के कुछ शागिर्द भी हमारे साथ चले और हमें मनासोन के घर पहुँचा दिया जहाँ हमें ठहरना था। मनासोन क़ुबरुस का था और जमात के इब्तिदाई दिनों में ईमान लाया था।
Acts UrduGeoD 21:17  जब हम यरूशलम पहुँचे तो मक़ामी भाइयों ने गरमजोशी से हमारा इस्तक़बाल किया।
Acts UrduGeoD 21:18  अगले दिन पौलुस हमारे साथ याक़ूब से मिलने गया। तमाम मक़ामी बुज़ुर्ग भी हाज़िर हुए।
Acts UrduGeoD 21:19  उन्हें सलाम करके पौलुस ने तफ़सील से बयान किया कि अल्लाह ने उस की ख़िदमत की मारिफ़त ग़ैरयहूदियों में क्या किया था।
Acts UrduGeoD 21:20  यह सुनकर उन्होंने अल्लाह की तमजीद की। फिर उन्होंने कहा, “भाई, आपको मालूम है कि हज़ारों यहूदी ईमान लाए हैं। और सब बड़ी सरगरमी से शरीअत पर अमल करते हैं।
Acts UrduGeoD 21:21  उन्हें आपके बारे में ख़बर दी गई है कि आप ग़ैरयहूदियों के दरमियान रहनेवाले यहूदियों को तालीम देते हैं कि वह मूसा की शरीअत को छोड़कर न अपने बच्चों का ख़तना करवाएँ और न हमारे रस्मो-रिवाज के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारें।
Acts UrduGeoD 21:22  अब हम क्या करें? वह तो ज़रूर सुनेंगे कि आप यहाँ आ गए हैं।
Acts UrduGeoD 21:23  इसलिए हम चाहते हैं कि आप यह करें : हमारे पास चार मर्द हैं जिन्होंने मन्नत मानकर उसे पूरा कर लिया है।
Acts UrduGeoD 21:24  अब उन्हें साथ लेकर उनकी तहारत की रुसूमात में शरीक हो जाएँ। उनके अख़राजात भी आप बरदाश्त करें ताकि वह अपने सरों को मुँडवा सकें। फिर सब जान लेंगे कि जो कुछ आपके बारे में कहा जाता है वह झूट है और कि आप भी शरीअत के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं।
Acts UrduGeoD 21:25  जहाँ तक ग़ैरयहूदी ईमानदारों की बात है हम उन्हें अपना फ़ैसला ख़त के ज़रीए भेज चुके हैं कि वह इन चीज़ों से परहेज़ करें : बुतों को पेश किया गया खाना, ख़ून, ऐसे जानवरों का गोश्त जिन्हें गला घूँटकर मार दिया गया हो और ज़िनाकारी।”
Acts UrduGeoD 21:26  चुनाँचे अगले दिन पौलुस उन आदमियों को साथ लेकर उनकी तहारत की रुसूमात में शरीक हुआ। फिर वह बैतुल-मुक़द्दस में उस दिन का एलान करने गया जब तहारत के दिन पूरे हो जाएंगे और उन सबके लिए क़ुरबानी पेश की जाएगी।
Acts UrduGeoD 21:27  इस रस्म के लिए मुक़र्ररा सात दिन ख़त्म होने को थे कि सूबा आसिया के कुछ यहूदियों ने पौलुस को बैतुल-मुक़द्दस में देखा। उन्होंने पूरे हुजूम में हलचल मचाकर उसे पकड़ लिया
Acts UrduGeoD 21:28  और चीख़ने लगे, “इसराईल के हज़रात, हमारी मदद करें! यह वही आदमी है जो हर जगह तमाम लोगों को हमारी क़ौम, हमारी शरीअत और इस मक़ाम के ख़िलाफ़ तालीम देता है। न सिर्फ़ यह बल्कि इसने बैतुल-मुक़द्दस में ग़ैरयहूदियों को लाकर इस मुक़द्दस जगह की बेहुरमती भी की है।”
Acts UrduGeoD 21:29  (यह आख़िरी बात उन्होंने इसलिए की क्योंकि उन्होंने शहर में इफ़िसुस के ग़ैरयहूदी त्रुफ़िमुस को पौलुस के साथ देखा और ख़याल किया था कि वह उसे बैतुल-मुक़द्दस में लाया है।)
Acts UrduGeoD 21:30  पूरे शहर में हंगामा बरपा हुआ और लोग चारों तरफ़ से दौड़कर आए। पौलुस को पकड़कर उन्होंने उसे बैतुल-मुक़द्दस से बाहर घसीट लिया। ज्योंही वह निकल गए बैतुल-मुक़द्दस के सहन के दरवाज़ों को बंद कर दिया गया।
Acts UrduGeoD 21:31  वह उसे मार डालने की कोशिश कर रहे थे कि रोमी पलटन के कमाँडर को ख़बर मिल गई, “पूरे यरूशलम में हलचल मच गई है।”
Acts UrduGeoD 21:32  यह सुनते ही उसने अपने फ़ौजियों और अफ़सरों को इकट्ठा किया और दौड़कर उनके साथ हुजूम के पास उतर गया। जब हुजूम ने कमाँडर और उसके फ़ौजियों को देखा तो वह पौलुस की पिटाई करने से रुक गया।
Acts UrduGeoD 21:33  कमाँडर ने नज़दीक आकर उसे गिरिफ़्तार किया और दो ज़ंजीरों से बाँधने का हुक्म दिया। फिर उसने पूछा, “यह कौन है? इसने क्या किया है?”
Acts UrduGeoD 21:34  हुजूम में से बाज़ कुछ चिल्लाए और बाज़ कुछ। कमाँडर कोई यक़ीनी बात मालूम न कर सका, क्योंकि अफ़रा-तफ़री और शोर-शराबा बहुत था। इसलिए उसने हुक्म दिया कि पौलुस को क़िले में ले जाया जाए।
Acts UrduGeoD 21:35  वह क़िले की सीढ़ी तक पहुँच तो गए, लेकिन फिर हुजूम इतना बेकाबू हो गया कि फ़ौजियों को उसे अपने कंधों पर उठाकर चलना पड़ा।
Acts UrduGeoD 21:36  लोग उनके पीछे पीछे चलते और चीख़ते-चिल्लाते रहे, “उसे मार डालो! उसे मार डालो!”
Acts UrduGeoD 21:37  वह पौलुस को क़िले में ले जा रहे थे कि उसने कमाँडर से पूछा, “क्या आपसे एक बात करने की इजाज़त है?” कमाँडर ने कहा, “अच्छा, आप यूनानी बोल लेते हैं?
Acts UrduGeoD 21:38  तो क्या आप वही मिसरी नहीं हैं जो कुछ देर पहले हुकूमत के ख़िलाफ़ उठकर चार हज़ार दहशतगरदों को रेगिस्तान में लाया था?”
Acts UrduGeoD 21:39  पौलुस ने जवाब दिया, “मैं यहूदी और किलिकिया के मरकज़ी शहर तरसुस का शहरी हूँ। मेहरबानी करके मुझे लोगों से बात करने दें।”
Acts UrduGeoD 21:40  कमाँडर मान गया और पौलुस ने सीढ़ी पर खड़े होकर हाथ से इशारा किया। जब सब ख़ामोश हो गए तो पौलुस अरामी ज़बान में उनसे मुख़ातिब हुआ,
Chapter 22
Acts UrduGeoD 22:1  “भाइयो और बुज़ुर्गो, मेरी बात सुनें कि मैं अपने दिफ़ा में कुछ बताऊँ।”
Acts UrduGeoD 22:2  जब उन्होंने सुना कि वह अरामी ज़बान में बोल रहा है तो वह मज़ीद ख़ामोश हो गए। पौलुस ने अपनी बात जारी रखी।
Acts UrduGeoD 22:3  “मैं यहूदी हूँ और किलिकिया के शहर तरसुस में पैदा हुआ। लेकिन मैंने इसी शहर यरूशलम में परवरिश पाई और जमलियेल के ज़ेरे-निगरानी तालीम हासिल की। उन्होंने मुझे तफ़सील और एहतियात से हमारे बापदादा की शरीअत सिखाई। उस वक़्त मैं भी आपकी तरह अल्लाह के लिए सरगरम था।
Acts UrduGeoD 22:4  इसलिए मैंने इस नई राह के पैरोकारों का पीछा किया और मर्दों और ख़वातीन को गिरिफ़्तार करके जेल में डलवा दिया यहाँ तक कि मरवा भी दिया।
Acts UrduGeoD 22:5  इमामे-आज़म और यहूदी अदालते-आलिया के मेंबरान इस बात की तसदीक़ कर सकते हैं। उन्हीं से मुझे दमिश्क़ में रहनेवाले यहूदी भाइयों के लिए सिफ़ारिशी ख़त मिल गए ताकि मैं वहाँ भी जाकर इस नए फ़िरक़े के लोगों को गिरिफ़्तार करके सज़ा देने के लिए यरूशलम लाऊँ।
Acts UrduGeoD 22:6  मैं इस मक़सद के लिए दमिश्क़ के क़रीब पहुँच गया था कि अचानक आसमान की तरफ़ से एक तेज़ रौशनी मेरे गिर्द चमकी।
Acts UrduGeoD 22:7  मैं ज़मीन पर गिर पड़ा तो एक आवाज़ सुनाई दी, ‘साऊल, साऊल, तू मुझे क्यों सताता है?’
Acts UrduGeoD 22:8  मैंने पूछा, ‘ख़ुदावंद, आप कौन हैं?’ आवाज़ ने जवाब दिया, ‘मैं ईसा नासरी हूँ जिसे तू सताता है।’
Acts UrduGeoD 22:9  मेरे हमसफ़रों ने रौशनी को तो देखा, लेकिन मुझसे मुख़ातिब होनेवाले की आवाज़ न सुनी।
Acts UrduGeoD 22:10  मैंने पूछा, ‘ख़ुदावंद, मैं क्या करूँ?’ ख़ुदावंद ने जवाब दिया, ‘उठकर दमिश्क़ में जा। वहाँ तुझे वह सारा काम बताया जाएगा जो अल्लाह तेरे ज़िम्मे लगाने का इरादा रखता है।’
Acts UrduGeoD 22:11  रौशनी की तेज़ी ने मुझे अंधा कर दिया था, इसलिए मेरे साथी मेरा हाथ पकड़कर मुझे दमिश्क़ ले गए।
Acts UrduGeoD 22:12  वहाँ एक आदमी रहता था जिसका नाम हननियाह था। वह शरीअत का कटर पैरोकार था और वहाँ के रहनेवाले यहूदियों में नेकनाम।
Acts UrduGeoD 22:13  वह आया और मेरे पास खड़े होकर कहा, ‘साऊल भाई, दुबारा बीना हो जाएँ!’ उसी लमहे मैं उसे देख सका।
Acts UrduGeoD 22:14  फिर उसने कहा, ‘हमारे बापदादा के ख़ुदा ने आपको इस मक़सद के लिए चुन लिया है कि आप उस की मरज़ी जानकर उसके रास्त ख़ादिम को देखें और उसके अपने मुँह से उस की आवाज़ सुनें।
Acts UrduGeoD 22:15  जो कुछ आपने देख और सुन लिया है उस की गवाही आप तमाम लोगों को देंगे।
Acts UrduGeoD 22:16  चुनाँचे आप क्यों देर कर रहे हैं? उठें और उसके नाम में बपतिस्मा लें ताकि आपके गुनाह धुल जाएँ।’
Acts UrduGeoD 22:17  जब मैं यरूशलम वापस आया तो मैं एक दिन बैतुल-मुक़द्दस में गया। वहाँ दुआ करते करते मैं वज्द की हालत में आ गया
Acts UrduGeoD 22:18  और ख़ुदावंद को देखा। उसने फ़रमाया, ‘जल्दी कर! यरूशलम को फ़ौरन छोड़ दे क्योंकि लोग मेरे बारे में तेरी गवाही को क़बूल नहीं करेंगे।’
Acts UrduGeoD 22:19  मैंने एतराज़ किया, ‘ऐ ख़ुदावंद, वह तो जानते हैं कि मैंने जगह बजगह इबादतख़ाने में जाकर तुझ पर ईमान रखनेवालों को गिरिफ़्तार किया और उनकी पिटाई करवाई।
Acts UrduGeoD 22:20  और उस वक़्त भी जब तेरे शहीद स्तिफ़नुस को क़त्ल किया जा रहा था मैं साथ खड़ा था। मैं राज़ी था और उन लोगों के कपड़ों की निगरानी कर रहा था जो उसे संगसार कर रहे थे।’
Acts UrduGeoD 22:21  लेकिन ख़ुदावंद ने कहा, ‘जा, क्योंकि मैं तुझे दूर-दराज़ इलाक़ों में ग़ैरयहूदियों के पास भेज दूँगा’।”
Acts UrduGeoD 22:22  यहाँ तक हुजूम पौलुस की बातें सुनता रहा। लेकिन अब वह चिल्ला उठे, “इसे हटा दो! इसे जान से मार दो! यह ज़िंदा रहने के लायक़ नहीं!”
Acts UrduGeoD 22:23  वह चीख़ें मार मारकर अपनी चादरें उतारने और हवा में गर्द उड़ाने लगे।
Acts UrduGeoD 22:24  इस पर कमाँडर ने हुक्म दिया कि पौलुस को क़िले में ले जाया जाए और कोड़े लगाकर उस की पूछ-गछ की जाए। क्योंकि वह मालूम करना चाहता था कि लोग किस वजह से पौलुस के ख़िलाफ़ यों चीख़ें मार रहे हैं।
Acts UrduGeoD 22:25  जब वह उसे कोड़े लगाने के लिए लेकर जा रहे थे तो पौलुस ने साथ खड़े अफ़सर से कहा, “क्या आपके लिए जायज़ है कि एक रोमी शहरी के कोड़े लगवाएँ और वह भी अदालत में पेश किए बग़ैर?”
Acts UrduGeoD 22:26  अफ़सर ने जब यह सुना तो कमाँडर के पास जाकर उसे इत्तला दी, “आप क्या करने को हैं? यह आदमी तो रोमी शहरी है!”
Acts UrduGeoD 22:27  कमाँडर पौलुस के पास आया और पूछा, “मुझे सहीह बताएँ, क्या आप रोमी शहरी हैं?” पौलुस ने जवाब दिया, “जी हाँ।”
Acts UrduGeoD 22:28  कमाँडर ने कहा, “मैं तो बड़ी रक़म देकर शहरी बना हूँ।” पौलुस ने जवाब दिया, “लेकिन मैं तो पैदाइशी शहरी हूँ।”
Acts UrduGeoD 22:29  यह सुनते ही वह फ़ौजी जो उस की पूछ-गछ करने को थे पीछे हट गए। कमाँडर ख़ुद घबरा गया कि मैंने एक रोमी शहरी को ज़ंजीरों में जकड़ रखा है।
Acts UrduGeoD 22:30  अगले दिन कमाँडर साफ़ मालूम करना चाहता था कि यहूदी पौलुस पर क्यों इलज़ाम लगा रहे हैं। इसलिए उसने राहनुमा इमामों और यहूदी अदालते-आलिया के तमाम मेंबरान का इजलास मुनअक़िद करने का हुक्म दिया। फिर पौलुस को आज़ाद करके क़िले से नीचे लाया और उनके सामने खड़ा किया।
Chapter 23
Acts UrduGeoD 23:1  पौलुस ने ग़ौर से अदालते-आलिया के मेंबरान की तरफ़ देखकर कहा, “भाइयो, आज तक मैंने साफ़ ज़मीर के साथ अल्लाह के सामने ज़िंदगी गुज़ारी है।”
Acts UrduGeoD 23:2  इस पर इमामे-आज़म हननियाह ने पौलुस के क़रीब खड़े लोगों से कहा कि वह उसके मुँह पर थप्पड़ मारें।
Acts UrduGeoD 23:3  पौलुस ने उससे कहा, “मक्कार! अल्लाह तुमको ही मारेगा, क्योंकि तुम यहाँ बैठे शरीअत के मुताबिक़ मेरा फ़ैसला करना चाहते हो जबकि मुझे मारने का हुक्म देकर ख़ुद शरीअत की ख़िलाफ़वरज़ी कर रहे हो!”
Acts UrduGeoD 23:4  पौलुस के क़रीब खड़े आदमियों ने कहा, “तुम अल्लाह के इमामे-आज़म को बुरा कहने की जुर्रत क्योंकर करते हो?”
Acts UrduGeoD 23:5  पौलुस ने जवाब दिया, “भाइयो, मुझे मालूम न था कि वह इमामे-आज़म हैं, वरना ऐसे अलफ़ाज़ इस्तेमाल न करता। क्योंकि कलामे-मुक़द्दस में लिखा है कि अपनी क़ौम के हाकिमों को बुरा-भला मत कहना।”
Acts UrduGeoD 23:6  पौलुस को इल्म था कि अदालते-आलिया के कुछ लोग सदूक़ी हैं जबकि दीगर फ़रीसी हैं। इसलिए वह इजलास में पुकार उठा, “भाइयो, मैं फ़रीसी बल्कि फ़रीसी का बेटा भी हूँ। मुझे इसलिए अदालत में पेश किया गया है कि मैं मुरदों में से जी उठने की उम्मीद रखता हूँ।”
Acts UrduGeoD 23:7  इस बात से फ़रीसी और सदूक़ी एक दूसरे से झगड़ने लगे और इजलास के अफ़राद दो गुरोहों में बट गए।
Acts UrduGeoD 23:8  वजह यह थी कि सदूक़ी नहीं मानते कि हम जी उठेंगे। वह फ़रिश्तों और रूहों का भी इनकार करते हैं। इसके मुक़ाबले में फ़रीसी यह सब कुछ मानते हैं।
Acts UrduGeoD 23:9  होते होते बड़ा शोर मच गया। फ़रीसी फ़िरक़े के कुछ आलिम खड़े होकर जोश से बहस करने लगे, “हमें इस आदमी में कोई ग़लती नज़र नहीं आती, शायद कोई रूह या फ़रिश्ता इससे हमकलाम हुआ हो।”
Acts UrduGeoD 23:10  झगड़े ने इतना ज़ोर पकड़ा कि कमाँडर डर गया, क्योंकि ख़तरा था कि वह पौलुस के टुकड़े कर डालें। इसलिए उसने अपने फ़ौजियों को हुक्म दिया कि वह उतरें और पौलुस को यहूदियों के बीच में से छीनकर क़िले में वापस लाएँ।
Acts UrduGeoD 23:11  उसी रात ख़ुदावंद पौलुस के पास आ खड़ा हुआ और कहा, “हौसला रख, क्योंकि जिस तरह तूने यरूशलम में मेरे बारे में गवाही दी है लाज़िम है कि इसी तरह रोम शहर में भी गवाही दे।”
Acts UrduGeoD 23:12  अगले दिन कुछ यहूदियों ने साज़िश करके क़सम खाई, “हम न तो कुछ खाएँगे, न पिएँगे जब तक पौलुस को क़त्ल न कर लें।”
Acts UrduGeoD 23:13  चालीस से ज़्यादा मर्दों ने इस साज़िश में हिस्सा लिया।
Acts UrduGeoD 23:14  वह राहनुमा इमामों और बुज़ुर्गों के पास गए और कहा, “हमने पक्की क़सम खाई है कि कुछ नहीं खाएँगे जब तक पौलुस को क़त्ल न कर लें।
Acts UrduGeoD 23:15  अब ज़रा यहूदी अदालते-आलिया के साथ मिलकर कमाँडर से गुज़ारिश करें कि वह उसे दुबारा आपके पास लाएँ। बहाना यह पेश करें कि आप मज़ीद तफ़सील से उसके मामले का जायज़ा लेना चाहते हैं। जब उसे लाया जाएगा तो हम उसके यहाँ पहुँचने से पहले पहले उसे मार डालने के लिए तैयार होंगे।”
Acts UrduGeoD 23:16  लेकिन पौलुस के भानजे को इस बात का पता चल गया। उसने क़िले में जाकर पौलुस को इत्तला दी।
Acts UrduGeoD 23:17  इस पर पौलुस ने रोमी अफ़सरों में से एक को बुलाकर कहा, “इस जवान को कमाँडर के पास ले जाएँ। इसके पास उनके लिए ख़बर है।”
Acts UrduGeoD 23:18  अफ़सर भानजे को कमाँडर के पास ले गया और कहा, “क़ैदी पौलुस ने मुझे बुलाकर मुझसे गुज़ारिश की कि इस नौजवान को आपके पास ले आऊँ। उसके पास आपके लिए ख़बर है।”
Acts UrduGeoD 23:19  कमाँडर नौजवान का हाथ पकड़कर दूसरों से अलग हो गया। फिर उसने पूछा, “क्या ख़बर है जो आप मुझे बताना चाहते हैं?”
Acts UrduGeoD 23:20  उसने जवाब दिया, “यहूदी आपसे दरख़ास्त करने पर मुत्तफ़िक़ हो गए हैं कि आप कल पौलुस को दुबारा यहूदी अदालते-आलिया के सामने लाएँ। बहाना यह होगा कि वह और ज़्यादा तफ़सील से उसके बारे में मालूमात हासिल करना चाहते हैं।
Acts UrduGeoD 23:21  लेकिन उनकी बात न मानें, क्योंकि उनमें से चालीस से ज़्यादा आदमी उस की ताक में बैठे हैं। उन्होंने क़सम खाई है कि हम न कुछ खाएँगे न पिएँगे जब तक उसे क़त्ल न कर लें। वह अभी तैयार बैठे हैं और सिर्फ़ इस इंतज़ार में हैं कि आप उनकी बात मानें।”
Acts UrduGeoD 23:22  कमाँडर ने नौजवान को रुख़सत करके कहा, “जो कुछ आपने मुझे बता दिया है उसका किसी से ज़िक्र न करना।”
Acts UrduGeoD 23:23  फिर कमाँडर ने अपने अफ़सरों में से दो को बुलाया जो सौ सौ फ़ौजियों पर मुक़र्रर थे। उसने हुक्म दिया, “दो सौ फ़ौजी, सत्तर घुड़सवार और दो सौ नेज़ाबाज़ तैयार करें। उन्हें आज रात को नौ बजे क़ैसरिया जाना है।
Acts UrduGeoD 23:24  पौलुस के लिए भी घोड़े तैयार रखना ताकि वह सहीह-सलामत गवर्नर के पास पहुँचे।”
Acts UrduGeoD 23:25  फिर उसने यह ख़त लिखा,
Acts UrduGeoD 23:26  “अज़ : क्लौदियुस लूसियास मुअज़्ज़ज़ गवर्नर फ़ेलिक्स को सलाम।
Acts UrduGeoD 23:27  यहूदी इस आदमी को पकड़कर क़त्ल करने को थे। मुझे पता चला कि यह रोमी शहरी है, इसलिए मैंने अपने दस्तों के साथ आकर इसे निकालकर बचा लिया।
Acts UrduGeoD 23:28  मैं मालूम करना चाहता था कि वह क्यों इस पर इलज़ाम लगा रहे हैं, इसलिए मैं उतरकर इसे उनकी अदालते-आलिया के सामने लाया।
Acts UrduGeoD 23:29  मुझे मालूम हुआ कि उनका इलज़ाम उनकी शरीअत से ताल्लुक़ रखता है। लेकिन इसने ऐसा कुछ नहीं किया जिसकी बिना पर यह जेल में डालने या सज़ाए-मौत के लायक़ हो।
Acts UrduGeoD 23:30  फिर मुझे इत्तला दी गई कि इस आदमी को क़त्ल करने की साज़िश की गई है, इसलिए मैंने इसे फ़ौरन आपके पास भेज दिया। मैंने इलज़ाम लगानेवालों को भी हुक्म दिया कि वह इस पर अपना इलज़ाम आपको ही पेश करें।”
Acts UrduGeoD 23:31  फ़ौजियों ने उसी रात कमाँडर का हुक्म पूरा किया। पौलुस को साथ लेकर वह अंतीपतरिस तक पहुँच गए।
Acts UrduGeoD 23:32  अगले दिन प्यादे क़िले को वापस चले जबकि घुड़सवारों ने पौलुस को लेकर सफ़र जारी रखा।
Acts UrduGeoD 23:33  क़ैसरिया पहुँचकर उन्होंने पौलुस को ख़त समेत गवर्नर फ़ेलिक्स के सामने पेश किया।
Acts UrduGeoD 23:34  उसने ख़त पढ़ लिया और फिर पौलुस से पूछा, “आप किस सूबे के हैं?” पौलुस ने कहा, “किलिकिया का।”
Acts UrduGeoD 23:35  इस पर गवर्नर ने कहा, “मैं आपकी समाअत उस वक़्त करूँगा जब आप पर इलज़ाम लगानेवाले पहुँचेंगे।” और उसने हुक्म दिया कि हेरोदेस के महल में पौलुस की पहरादारी की जाए।
Chapter 24
Acts UrduGeoD 24:1  पाँच दिन के बाद इमामे-आज़म हननियाह, कुछ यहूदी बुज़ुर्ग और एक वकील बनाम तिरतुल्लुस क़ैसरिया आए ताकि गवर्नर के सामने पौलुस पर अपना इलज़ाम पेश करें।
Acts UrduGeoD 24:2  पौलुस को बुलाया गया तो तिरतुल्लुस ने फ़ेलिक्स को यहूदियों का इलज़ाम पेश किया, “आपके ज़ेरे-हुकूमत हमें बड़ा अमनो-अमान हासिल है, और आपकी दूरअंदेशी से इस मुल्क में बहुत तरक़्क़ी हुई है।
Acts UrduGeoD 24:3  मुअज़्ज़ज़ फ़ेलिक्स, इन तमाम बातों के लिए हम आपके ख़ास ममनून हैं।
Acts UrduGeoD 24:4  लेकिन मैं नहीं चाहता कि आप मेरी बातों से हद से ज़्यादा थक जाएँ। अर्ज़ सिर्फ़ यह है कि आप हम पर मेहरबानी का इज़हार करके एक लमहे के लिए हमारे मामले पर तवज्जुह दें।
Acts UrduGeoD 24:5  हमने इस आदमी को अवाम दुश्मन पाया है जो पूरी दुनिया के यहूदियों में फ़साद पैदा करता रहता है। यह नासरी फ़िरक़े का एक सरग़ना है
Acts UrduGeoD 24:6  और हमारे बैतुल-मुक़द्दस की बेहुरमती करने की कोशिश कर रहा था जब हमने इसे पकड़ा [ताकि अपनी शरीअत के मुताबिक़ इस पर मुक़दमा चलाएँ।
Acts UrduGeoD 24:7  मगर लूसियास कमाँडर आकर इसे ज़बरदस्ती हमसे छीनकर ले गया और हुक्म दिया कि इसके मुद्दई आपके पास हाज़िर हों।]
Acts UrduGeoD 24:8  इसकी पूछ-गछ करके आप ख़ुद हमारे इलज़ामात की तसदीक़ करा सकते हैं।”
Acts UrduGeoD 24:9  फिर बाक़ी यहूदियों ने उस की हाँ में हाँ मिलाकर कहा कि यह वाक़ई ऐसा ही है।
Acts UrduGeoD 24:10  गवर्नर ने इशारा किया कि पौलुस अपनी बात पेश करे। उसने जवाब में कहा, “मैं जानता हूँ कि आप कई सालों से इस क़ौम के जज मुक़र्रर हैं, इसलिए ख़ुशी से आपको अपना दिफ़ा पेश करता हूँ।
Acts UrduGeoD 24:11  आप ख़ुद मालूम कर सकते हैं कि मुझे यरूशलम गए सिर्फ़ बारह दिन हुए हैं। जाने का मक़सद इबादत में शरीक होना था।
Acts UrduGeoD 24:12  वहाँ न मैंने बैतुल-मुक़द्दस में किसी से बहस-मुबाहसा किया, न शहर के किसी इबादतख़ाने में या किसी और जगह हलचल मचाई। इन लोगों ने भी मेरी कोई ऐसी हरकत नहीं देखी।
Acts UrduGeoD 24:13  जो इलज़ाम यह मुझ पर लगा रहे हैं उसका कोई भी सबूत पेश नहीं कर सकते।
Acts UrduGeoD 24:14  बेशक मैं तसलीम करता हूँ कि मैं उसी राह पर चलता हूँ जिसे यह बिदअत क़रार देते हैं। लेकिन मैं अपने बापदादा के ख़ुदा की परस्तिश करता हूँ। जो कुछ भी शरीअत और नबियों के सहीफ़ों में लिखा है उसे मैं मानता हूँ।
Acts UrduGeoD 24:15  और मैं अल्लाह पर वही उम्मीद रखता हूँ जो यह भी रखते हैं, कि क़ियामत का एक दिन होगा जब वह रास्तबाज़ों और नारास्तों को मुरदों में से ज़िंदा कर देगा।
Acts UrduGeoD 24:16  इसलिए मेरी पूरी कोशिश यही होती है कि हर वक़्त मेरा ज़मीर अल्लाह और इनसान के सामने साफ़ हो।
Acts UrduGeoD 24:17  कई सालों के बाद मैं यरूशलम वापस आया। मेरे पास क़ौम के ग़रीबों के लिए ख़ैरात थी और मैं बैतुल-मुक़द्दस में क़ुरबानियाँ भी पेश करना चाहता था।
Acts UrduGeoD 24:18  मुझ पर इलज़ाम लगानेवालों ने मुझे बैतुल-मुक़द्दस में देखा जब मैं तहारत की रुसूमात अदा कर रहा था। उस वक़्त न कोई हुजूम था, न फ़साद।
Acts UrduGeoD 24:19  लेकिन सूबा आसिया के कुछ यहूदी वहाँ थे। अगर उन्हें मेरे ख़िलाफ़ कोई शिकायत है तो उन्हें ही यहाँ हाज़िर होकर मुझ पर इलज़ाम लगाना चाहिए।
Acts UrduGeoD 24:20  या यह लोग ख़ुद बताएँ कि जब मैं यहूदी अदालते-आलिया के सामने खड़ा था तो उन्होंने मेरा क्या जुर्म मालूम किया।
Acts UrduGeoD 24:21  सिर्फ़ यह एक जुर्म हो सकता है कि मैंने उस वक़्त उनके हुज़ूर पुकारकर यह बात बयान की, ‘आज मुझ पर इसलिए इलज़ाम लगाया जा रहा है कि मैं ईमान रखता हूँ कि मुरदे जी उठेंगे’।”
Acts UrduGeoD 24:22  फ़ेलिक्स ने जो ईसा की राह से ख़ूब वाक़िफ़ था मुक़दमा मुलतवी कर दिया। उसने कहा, “जब कमाँडर लूसियास आएँगे फिर मैं फ़ैसला दूँगा।”
Acts UrduGeoD 24:23  उसने पौलुस पर मुक़र्रर अफ़सर को हुक्म दिया कि वह उस की पहरादारी तो करे लेकिन उसे कुछ सहूलियात भी दे और उसके अज़ीज़ों को उससे मिलने और उस की ख़िदमत करने से न रोके।
Acts UrduGeoD 24:24  कुछ दिनों के बाद फ़ेलिक्स अपनी अहलिया द्रूसिल्ला के हमराह वापस आया। द्रूसिल्ला यहूदी थी। पौलुस को बुलाकर उन्होंने ईसा पर ईमान के बारे में उस की बातें सुनीं।
Acts UrduGeoD 24:25  लेकिन जब रास्तबाज़ी, ज़ब्ते-नफ़स और आनेवाली अदालत के मज़ामीन छिड़ गए तो फ़ेलिक्स ने घबराकर उस की बात काटी, “फ़िलहाल काफ़ी है। अब इजाज़त है, जब मेरे पास वक़्त होगा मैं आपको बुला लूँगा।”
Acts UrduGeoD 24:26  साथ साथ वह यह उम्मीद भी रखता था कि पौलुस रिश्वत देगा, इसलिए वह कई बार उसे बुलाकर उससे बात करता रहा।
Acts UrduGeoD 24:27  दो साल गुज़र गए तो फ़ेलिक्स की जगह पुरकियुस फ़ेस्तुस आ गया। ताहम उसने पौलुस को क़ैदख़ाने में छोड़ दिया, क्योंकि वह यहूदियों के साथ रिआयत बरतना चाहता था।
Chapter 25
Acts UrduGeoD 25:1  क़ैसरिया पहुँचने के तीन दिन बाद फ़ेस्तुस यरूशलम चला गया।
Acts UrduGeoD 25:2  वहाँ राहनुमा इमामों और बाक़ी यहूदी राहनुमाओं ने उसके सामने पौलुस पर अपने इलज़ामात पेश किए। उन्होंने बड़े ज़ोर से
Acts UrduGeoD 25:3  मिन्नत की कि वह उनकी रिआयत करके पौलुस को यरूशलम मुंतक़िल करे। वजह यह थी कि वह घात में बैठकर रास्ते में पौलुस को क़त्ल करना चाहते थे।
Acts UrduGeoD 25:4  लेकिन फ़ेस्तुस ने जवाब दिया, “पौलुस को क़ैसरिया में रखा गया है और मैं ख़ुद वहाँ जाने को हूँ।
Acts UrduGeoD 25:5  अगर उससे कोई जुर्म सरज़द हुआ है तो आपके कुछ राहनुमा मेरे साथ वहाँ जाकर उस पर इलज़ाम लगाएँ।”
Acts UrduGeoD 25:6  फ़ेस्तुस ने मज़ीद आठ दस दिन उनके साथ गुज़ारे, फिर क़ैसरिया चला गया। अगले दिन वह अदालत करने के लिए बैठा और पौलुस को लाने का हुक्म दिया।
Acts UrduGeoD 25:7  जब पौलुस पहुँचा तो यरूशलम से आए हुए यहूदी उसके इर्दगिर्द खड़े हुए और उस पर कई संजीदा इलज़ामात लगाए, लेकिन वह कोई भी बात साबित न कर सके।
Acts UrduGeoD 25:8  पौलुस ने अपना दिफ़ा करके कहा, “मुझसे न यहूदी शरीअत, न बैतुल-मुक़द्दस और न शहनशाह के ख़िलाफ़ जुर्म सरज़द हुआ है।”
Acts UrduGeoD 25:9  लेकिन फ़ेस्तुस यहूदियों के साथ रिआयत बरतना चाहता था, इसलिए उसने पूछा, “क्या आप यरूशलम जाकर वहाँ की अदालत में मेरे सामने पेश किए जाने के लिए तैयार हैं?”
Acts UrduGeoD 25:10  पौलुस ने जवाब दिया, “मैं शहनशाह की रोमी अदालत में खड़ा हूँ और लाज़िम है कि यहीं मेरा फ़ैसला किया जाए। आप भी इससे ख़ूब वाक़िफ़ हैं कि मैंने यहूदियों से कोई नाइनसाफ़ी नहीं की।
Acts UrduGeoD 25:11  अगर मुझसे कोई ऐसा काम सरज़द हुआ हो जो सज़ाए-मौत के लायक़ हो तो मैं मरने से इनकार नहीं करूँगा। लेकिन अगर बेक़ुसूर हूँ तो किसी को भी मुझे इन आदमियों के हवाले करने का हक़ नहीं है। मैं शहनशाह से अपील करता हूँ!”
Acts UrduGeoD 25:12  यह सुनकर फ़ेस्तुस ने अपनी कौंसल से मशवरा करके कहा, “आपने शहनशाह से अपील की है, इसलिए आप शहनशाह ही के पास जाएंगे।”
Acts UrduGeoD 25:13  कुछ दिन गुज़र गए तो अग्रिप्पा बादशाह अपनी बहन बिरनीके के साथ फ़ेस्तुस से मिलने आया।
Acts UrduGeoD 25:14  वह कई दिन वहाँ ठहरे रहे। इतने में फ़ेस्तुस ने पौलुस के मामले पर बादशाह के साथ बात की। उसने कहा, “यहाँ एक क़ैदी है जिसे फ़ेलिक्स छोड़कर चला गया है।
Acts UrduGeoD 25:15  जब मैं यरूशलम गया तो राहनुमा इमामों और यहूदी बुज़ुर्गों ने उस पर इलज़ामात लगाकर उसे मुजरिम क़रार देने का तक़ाज़ा किया।
Acts UrduGeoD 25:16  मैंने उन्हें जवाब दिया, ‘रोमी क़ानून किसी को अदालत में पेश किए बग़ैर मुजरिम क़रार नहीं देता। लाज़िम है कि उसे पहले इलज़ाम लगानेवालों का सामना करने का मौक़ा दिया जाए ताकि अपना दिफ़ा कर सके।’
Acts UrduGeoD 25:17  जब उस पर इलज़ाम लगानेवाले यहाँ पहुँचे तो मैंने ताख़ीर न की। मैंने अगले ही दिन अदालत मुनअक़िद करके पौलुस को पेश करने का हुक्म दिया।
Acts UrduGeoD 25:18  लेकिन जब उसके मुख़ालिफ़ इलज़ाम लगाने के लिए खड़े हुए तो वह ऐसे जुर्म नहीं थे जिनकी तवक़्क़ो मैं कर रहा था।
Acts UrduGeoD 25:19  उनका उसके साथ कोई और झगड़ा था जो उनके अपने मज़हब और एक मुरदा आदमी बनाम ईसा से ताल्लुक़ रखता है। इस ईसा के बारे में पौलुस दावा करता है कि वह ज़िंदा है।
Acts UrduGeoD 25:20  मैं उलझन में पड़ गया क्योंकि मुझे मालूम नहीं था कि किस तरह इस मामले का सहीह जायज़ा लूँ। चुनाँचे मैंने पूछा, ‘क्या आप यरूशलम जाकर वहाँ अदालत में पेश किए जाने के लिए तैयार हैं?’
Acts UrduGeoD 25:21  लेकिन पौलुस ने अपील की, ‘शहनशाह ही मेरा फ़ैसला करे।’ फिर मैंने हुक्म दिया कि उसे उस वक़्त तक क़ैद में रखा जाए जब तक उसे शहनशाह के पास भेजने का इंतज़ाम न करवा सकूँ।”
Acts UrduGeoD 25:22  अग्रिप्पा ने फ़ेस्तुस से कहा, “मैं भी उस शख़्स को सुनना चाहता हूँ।” उसने जवाब दिया, “कल ही आप उसको सुन लेंगे।”
Acts UrduGeoD 25:23  अगले दिन अग्रिप्पा और बिरनीके बड़ी धूमधाम के साथ आए और बड़े फ़ौजी अफ़सरों और शहर के नामवर आदमियों के साथ दीवाने-आम में दाख़िल हुए। फ़ेस्तुस के हुक्म पर पौलुस को अंदर लाया गया।
Acts UrduGeoD 25:24  फ़ेस्तुस ने कहा, “अग्रिप्पा बादशाह और तमाम ख़वातीनो-हज़रात! आप यहाँ एक आदमी को देखते हैं जिसके बारे में तमाम यहूदी ख़ाह वह यरूशलम के रहनेवाले हों, ख़ाह यहाँ के, शोर मचाकर सज़ाए-मौत का तक़ाज़ा कर रहे हैं।
Acts UrduGeoD 25:25  मेरी दानिस्त में तो इसने कोई ऐसा काम नहीं किया जो सज़ाए-मौत के लायक़ हो। लेकिन इसने शहनशाह से अपील की है, इसलिए मैंने इसे रोम भेजने का फ़ैसला किया है।
Acts UrduGeoD 25:26  लेकिन मैं शहनशाह को क्या लिख दूँ? क्योंकि इस पर कोई साफ़ इलज़ाम नहीं लगाया गया। इसलिए मैं इसे आप सबके सामने लाया हूँ, ख़ासकर अग्रिप्पा बादशाह आपके सामने, ताकि आप इसकी तफ़तीश करें और मैं कुछ लिख सकूँ।
Acts UrduGeoD 25:27  क्योंकि मुझे बेतुकी-सी बात लग रही है कि हम एक क़ैदी को रोम भेजें जिस पर अब तक साफ़ इलज़ामात नहीं लगाए गए हैं।”
Chapter 26
Acts UrduGeoD 26:1  अग्रिप्पा ने पौलुस से कहा, “आपको अपने दिफ़ा में बोलने की इजाज़त है।” पौलुस ने हाथ से इशारा करके अपने दिफ़ा में बोलने का आग़ाज़ किया,
Acts UrduGeoD 26:2  “अग्रिप्पा बादशाह, मैं अपने आपको ख़ुशनसीब समझता हूँ कि आज आप ही मेरा यह दिफ़ाई बयान सुन रहे हैं जो मुझे यहूदियों के तमाम इलज़ामात के जवाब में देना पड़ रहा है।
Acts UrduGeoD 26:3  ख़ासकर इसलिए कि आप यहूदियों के रस्मो-रिवाज और तनाज़ों से वाक़िफ़ हैं। मेरी अर्ज़ है कि आप सब्र से मेरी बात सुनें।
Acts UrduGeoD 26:4  तमाम यहूदी जानते हैं कि मैंने जवानी से लेकर अब तक अपनी क़ौम बल्कि यरूशलम में किस तरह ज़िंदगी गुज़ारी।
Acts UrduGeoD 26:5  वह मुझे बड़ी देर से जानते हैं और अगर चाहें तो इसकी गवाही भी दे सकते हैं कि मैं फ़रीसी की ज़िंदगी गुज़ारता था, हमारे मज़हब के उसी फ़िरक़े की जो सबसे कटर है।
Acts UrduGeoD 26:6  और आज मेरी अदालत इस वजह से की जा रही है कि मैं उस वादे पर उम्मीद रखता हूँ जो अल्लाह ने हमारे बापदादा से किया।
Acts UrduGeoD 26:7  हक़ीक़त में यह वही उम्मीद है जिसकी वजह से हमारे बारह क़बीले दिन-रात और बड़ी लग्न से अल्लाह की इबादत करते रहते हैं और जिसकी तकमील के लिए वह तड़पते हैं। तो भी ऐ बादशाह, यह लोग मुझ पर यह उम्मीद रखने का इलज़ाम लगा रहे हैं।
Acts UrduGeoD 26:8  लेकिन आप सबको यह ख़याल क्यों नाक़ाबिले-यक़ीन लगता है कि अल्लाह मुरदों को ज़िंदा कर देता है?
Acts UrduGeoD 26:9  पहले मैं भी समझता था कि हर मुमकिन तरीक़े से ईसा नासरी की मुख़ालफ़त करना मेरा फ़र्ज़ है।
Acts UrduGeoD 26:10  और यह मैंने यरूशलम में किया भी। राहनुमा इमामों से इख़्तियार लेकर मैंने वहाँ के बहुत-से मुक़द्दसों को जेल में डलवा दिया। और जब कभी उन्हें सज़ाए-मौत देने का फ़ैसला करना था तो मैंने भी इस हक़ में वोट दिया।
Acts UrduGeoD 26:11  मैं तमाम इबादतख़ानों में गया और बहुत दफ़ा उन्हें सज़ा दिलाकर ईसा के बारे में कुफ़र बकने पर मजबूर करने की कोशिश करता रहा। मैं इतने तैश में आ गया था कि उनकी ईज़ारसानी की ग़रज़ से बैरूने-मुल्क भी गया।
Acts UrduGeoD 26:12  एक दिन मैं राहनुमा इमामों से इख़्तियार और इजाज़तनामा लेकर दमिश्क़ जा रहा था।
Acts UrduGeoD 26:13  दोपहर तक़रीबन बारह बजे मैं सड़क पर चल रहा था कि एक रौशनी देखी जो सूरज से ज़्यादा तेज़ थी। वह आसमान से आकर मेरे और मेरे हमसफ़रों के गिर्दागिर्द चमकी।
Acts UrduGeoD 26:14  हम सब ज़मीन पर गिर गए और मैंने अरामी ज़बान में एक आवाज़ सुनी, ‘साऊल, साऊल, तू मुझे क्यों सताता है? यों मेरे आँकुस के ख़िलाफ़ पाँव मारना तेरे लिए ही दुश्वारी का बाइस है।’
Acts UrduGeoD 26:15  मैंने पूछा, ‘ख़ुदावंद, आप कौन हैं?’ ख़ुदावंद ने जवाब दिया, ‘मैं ईसा हूँ, वही जिसे तू सताता है।
Acts UrduGeoD 26:16  लेकिन अब उठकर खड़ा हो जा, क्योंकि मैं तुझे अपना ख़ादिम और गवाह मुक़र्रर करने के लिए तुझ पर ज़ाहिर हुआ हूँ। जो कुछ तूने देखा है उस की तुझे गवाही देनी है और उस की भी जो मैं आइंदा तुझ पर ज़ाहिर करूँगा।
Acts UrduGeoD 26:17  मैं तुझे तेरी अपनी क़ौम से बचाए रखूँगा और उन ग़ैरयहूदी क़ौमों से भी जिनके पास तुझे भेजूँगा।
Acts UrduGeoD 26:18  तू उनकी आँखों को खोल देगा ताकि वह तारीकी और इबलीस के इख़्तियार से नूर और अल्लाह की तरफ़ रुजू करें। फिर उनके गुनाहों को मुआफ़ कर दिया जाएगा और वह उनके साथ आसमानी मीरास में शरीक होंगे जो मुझ पर ईमान लाने से मुक़द्दस किए गए हैं।’
Acts UrduGeoD 26:19  ऐ अग्रिप्पा बादशाह, जब मैंने यह सुना तो मैंने इस आसमानी रोया की नाफ़रमानी न की
Acts UrduGeoD 26:20  बल्कि इस बात की मुनादी की कि लोग तौबा करके अल्लाह की तरफ़ रुजू करें और अपने अमल से अपनी तबदीली का इज़हार भी करें। मैंने इसकी तबलीग़ पहले दमिश्क़ में की, फिर यरूशलम और पूरे यहूदिया में और इसके बाद ग़ैरयहूदी क़ौमों में भी।
Acts UrduGeoD 26:21  इसी वजह से यहूदियों ने मुझे बैतुल-मुक़द्दस में पकड़कर क़त्ल करने की कोशिश की।
Acts UrduGeoD 26:22  लेकिन अल्लाह ने आज तक मेरी मदद की है, इसलिए मैं यहाँ खड़ा होकर छोटों और बड़ों को अपनी गवाही दे सकता हूँ। जो कुछ मैं सुनाता हूँ वह वही कुछ है जो मूसा और नबियों ने कहा है,
Acts UrduGeoD 26:23  कि मसीह दुख उठाकर पहला शख़्स होगा जो मुरदों में से जी उठेगा और कि वह यों अपनी क़ौम और ग़ैरयहूदियों के सामने अल्लाह के नूर का प्रचार करेगा।”
Acts UrduGeoD 26:24  अचानक फ़ेस्तुस पौलुस की बात काटकर चिल्ला उठा, “पौलुस, होश में आओ! इल्म की ज़्यादती ने तुम्हें दीवाना कर दिया है।”
Acts UrduGeoD 26:25  पौलुस ने जवाब दिया, “मुअज़्ज़ज़ फ़ेस्तुस, मैं दीवाना नहीं हूँ। मेरी यह बातें हक़ीक़ी और माक़ूल हैं।
Acts UrduGeoD 26:26  बादशाह सलामत इनसे वाक़िफ़ हैं, इसलिए मैं उनसे खुलकर बात कर सकता हूँ। मुझे यक़ीन है कि यह सब कुछ उनसे छुपा नहीं रहा, क्योंकि यह पोशीदगी में या किसी कोने में नहीं हुआ।
Acts UrduGeoD 26:27  ऐ अग्रिप्पा बादशाह, क्या आप नबियों पर ईमान रखते हैं? बल्कि मैं जानता हूँ कि आप उन पर ईमान रखते हैं।”
Acts UrduGeoD 26:28  अग्रिप्पा ने कहा, “आप तो बड़ी जल्दी से मुझे क़ायल करके मसीही बनाना चाहते हैं।”
Acts UrduGeoD 26:29  पौलुस ने जवाब दिया, “जल्द या बदेर मैं अल्लाह से दुआ करता हूँ कि न सिर्फ़ आप बल्कि तमाम हाज़िरीन मेरी मानिंद बन जाएँ, सिवाए मेरी ज़ंजीरों के।”
Acts UrduGeoD 26:30  फिर बादशाह, गवर्नर, बिरनीके और बाक़ी सब उठकर चले गए।
Acts UrduGeoD 26:31  वहाँ से निकलकर वह एक दूसरे से बात करने लगे। सब इस पर मुत्तफ़िक़ थे कि “इस आदमी ने कुछ नहीं किया जो सज़ाए-मौत या क़ैद के लायक़ हो।”
Acts UrduGeoD 26:32  और अग्रिप्पा ने फ़ेस्तुस से कहा, “अगर इसने शहनशाह से अपील न की होती तो इसे रिहा किया जा सकता था।”
Chapter 27
Acts UrduGeoD 27:1  जब हमारा इटली के लिए सफ़र मुतैयिन किया गया तो पौलुस को चंद एक और क़ैदियों समेत एक रोमी अफ़सर के हवाले किया गया जिसका नाम यूलियुस था जो शाही पलटन पर मुक़र्रर था।
Acts UrduGeoD 27:2  अरिस्तरख़ुस भी हमारे साथ था। वह थिस्सलुनीके शहर का मकिदुनी आदमी था। हम अद्रमित्तियुम शहर के एक जहाज़ पर सवार हुए जिसे सूबा आसिया की चंद बंदरगाहों को जाना था।
Acts UrduGeoD 27:3  अगले दिन हम सैदा पहुँचे तो यूलियुस ने मेहरबानी करके पौलुस को शहर में उसके दोस्तों के पास जाने की इजाज़त दी ताकि वह उस की ज़रूरियात पूरी कर सकें।
Acts UrduGeoD 27:4  जब हम वहाँ से रवाना हुए तो मुख़ालिफ़ हवाओं की वजह से जज़ीराए-क़ुबरुस और सूबा आसिया के दरमियान से गुज़रे।
Acts UrduGeoD 27:5  फिर खुले समुंदर पर चलते चलते हम किलिकिया और पंफ़ीलिया के समुंदर से गुज़रकर सूबा लूकिया के शहर मूरा पहुँचे।
Acts UrduGeoD 27:6  वहाँ क़ैदियों पर मुक़र्रर अफ़सर को पता चला कि इस्कंदरिया का एक मिसरी जहाज़ इटली जा रहा है। उस पर उसने हमें सवार किया।
Acts UrduGeoD 27:7  कई दिन हम आहिस्ता आहिस्ता चले और बड़ी मुश्किल से कनिदुस के क़रीब पहुँचे। लेकिन मुख़ालिफ़ हवा की वजह से हमने जज़ीराए-क्रेते की तरफ़ रुख़ किया और सलमोने शहर के क़रीब से गुज़रकर क्रेते की आड़ में सफ़र किया।
Acts UrduGeoD 27:8  लेकिन वहाँ हम साहिल के साथ साथ चलते हुए बड़ी मुश्किल से एक जगह पहुँचे जिसका नाम ‘हसीन- बंदर’ था। शहर लसया उसके क़रीब वाक़े था।
Acts UrduGeoD 27:9  बहुत वक़्त ज़ाया हो गया था और अब बहरी सफ़र ख़तरनाक भी हो चुका था, क्योंकि कफ़्फ़ारा का दिन (तक़रीबन नवंबर के शुरू में) गुज़र चुका था। इसलिए पौलुस ने उन्हें आगाह किया,
Acts UrduGeoD 27:10  “हज़रात, मुझे पता है कि आगे जाकर हम पर बड़ी मुसीबत आएगी। हमें जहाज़, मालो-असबाब और जानों का नुक़सान उठाना पड़ेगा।”
Acts UrduGeoD 27:11  लेकिन क़ैदियों पर मुक़र्रर रोमी अफ़सर ने उस की बात नज़रंदाज़ करके जहाज़ के नाख़ुदा और मालिक की बात मानी।
Acts UrduGeoD 27:12  चूँकि ‘हसीन- बंदर’ में जहाज़ को सर्दियों के मौसम के लिए रखना मुश्किल था इसलिए अकसर लोग आगे फ़ेनिक्स तक पहुँचकर सर्दियों का मौसम गुज़ारना चाहते थे। क्योंकि फ़ेनिक्स जज़ीराए-क्रेते की अच्छी बंदरगाह थी जो सिर्फ़ जुनूब-मग़रिब और शिमाल-मग़रिब की तरफ़ खुली थी।
Acts UrduGeoD 27:13  चुनाँचे एक दिन जब जुनूब की सिम्त से हलकी-सी हवा चलने लगी तो मल्लाहों ने सोचा कि हमारा इरादा पूरा हो गया है। वह लंगर उठाकर क्रेते के साहिल के साथ साथ चलने लगे।
Acts UrduGeoD 27:14  लेकिन थोड़ी ही देर के बाद मौसम बदल गया और उन पर जज़ीरे की तरफ़ से एक तूफ़ानी हवा टूट पड़ी जो बादे-शिमाल-मशरिक़ी कहलाती है।
Acts UrduGeoD 27:15  जहाज़ हवा के क़ाबू में आ गया और हवा की तरफ़ रुख़ न कर सका, इसलिए हमने हार मानकर जहाज़ को हवा के साथ साथ चलने दिया।
Acts UrduGeoD 27:16  जब हम एक छोटे जज़ीरा बनाम कौदा की आड़ में से गुज़रने लगे तो हमने बड़ी मुश्किल से बचाव-कश्ती को जहाज़ पर उठाकर महफ़ूज़ रखा। (अब तक वह रस्से से जहाज़ के साथ खींची जा रही थी।)
Acts UrduGeoD 27:17  फिर मल्लाहों ने जहाज़ के ढाँचे को ज़्यादा मज़बूत बनाने की ख़ातिर उसके इर्दगिर्द रस्से बाँधे। ख़ौफ़ यह था कि जहाज़ शिमाली अफ़्रीक़ा के क़रीब पड़े चोरबालू में धँस जाए। (इन रेतों का नाम सूरतिस था।) इससे बचने के लिए उन्होंने लंगर डाल दिया ताकि जहाज़ कुछ आहिस्ता चले। यों जहाज़ हवा के साथ चलते चलते आगे बढ़ा।
Acts UrduGeoD 27:18  अगले दिन भी तूफ़ान जहाज़ को इतनी शिद्दत से झँझोड़ रहा था कि मल्लाह मालो-असबाब को समुंदर में फेंकने लगे।
Acts UrduGeoD 27:19  तीसरे दिन उन्होंने अपने ही हाथों से जहाज़ चलाने का कुछ सामान समुंदर में फेंक दिया।
Acts UrduGeoD 27:20  तूफ़ान की शिद्दत बहुत दिनों के बाद भी ख़त्म न हुई। न सूरज और न सितारे नज़र आए यहाँ तक कि आख़िरकार हमारे बचने की हर उम्मीद जाती रही।
Acts UrduGeoD 27:21  काफ़ी देर से दिल नहीं चाहता था कि खाना खाया जाए। आख़िरकार पौलुस ने लोगों के बीच में खड़े होकर कहा, “हज़रात, बेहतर होता कि आप मेरी बात मानकर क्रेते से रवाना न होते। फिर आप इस मुसीबत और ख़सारे से बच जाते।
Acts UrduGeoD 27:22  लेकिन अब मैं आपको नसीहत करता हूँ कि हौसला रखें। आपमें से एक भी नहीं मरेगा। सिर्फ़ जहाज़ तबाह हो जाएगा।
Acts UrduGeoD 27:23  क्योंकि पिछली रात एक फ़रिश्ता मेरे पास आ खड़ा हुआ, उसी ख़ुदा का फ़रिश्ता जिसका मैं बंदा हूँ और जिसकी इबादत मैं करता हूँ।
Acts UrduGeoD 27:24  उसने कहा, ‘पौलुस, मत डर। लाज़िम है कि तुझे शहनशाह के सामने पेश किया जाए। और अल्लाह अपनी मेहरबानी से तेरे वास्ते तमाम हमसफ़रों की जानें भी बचाए रखेगा।’
Acts UrduGeoD 27:25  इसलिए हौसला रखें, क्योंकि मेरा अल्लाह पर ईमान है कि ऐसा ही होगा जिस तरह उसने फ़रमाया है।
Acts UrduGeoD 27:26  लेकिन जहाज़ को किसी जज़ीरे के साहिल पर चढ़ जाना है।”
Acts UrduGeoD 27:27  तूफ़ान की चौधवीं रात जहाज़ बहीराए-अदरिया पर बहे चला जा रहा था कि तक़रीबन आधी रात को मल्लाहों ने महसूस किया कि साहिल नज़दीक आ रहा है।
Acts UrduGeoD 27:28  पानी की गहराई की पैमाइश करके उन्हें मालूम हुआ कि वह 120 फ़ुट थी। थोड़ी देर के बाद उस की गहराई 90 फ़ुट हो चुकी थी।
Acts UrduGeoD 27:29  वह डर गए, क्योंकि उन्होंने अंदाज़ा लगाया कि ख़तरा है कि हम साहिल पर पड़ी चटानों से टकरा जाएँ। इसलिए उन्होंने जहाज़ के पिछले हिस्से से चार लंगर डालकर दुआ की कि दिन जल्दी से चढ़ जाए।
Acts UrduGeoD 27:30  उस वक़्त मल्लाहों ने जहाज़ से फ़रार होने की कोशिश की। उन्होंने यह बहाना बनाकर कि हम जहाज़ के सामने से भी लंगर डालना चाहते हैं बचाव-कश्ती पानी में उतरने दी।
Acts UrduGeoD 27:31  इस पर पौलुस ने क़ैदियों पर मुक़र्रर अफ़सर और फ़ौजियों से कहा, “अगर यह आदमी जहाज़ पर न रहें तो आप सब मर जाएंगे।”
Acts UrduGeoD 27:32  चुनाँचे उन्होंने बचाव-कश्ती के रस्से को काटकर उसे खुला छोड़ दिया।
Acts UrduGeoD 27:33  पौ फटनेवाली थी कि पौलुस ने सबको समझाया कि वह कुछ खा लें। उसने कहा, “आपने चौदह दिन से इज़तिराब की हालत में रहकर कुछ नहीं खाया।
Acts UrduGeoD 27:34  अब मेहरबानी करके कुछ खा लें। यह आपके बचाव के लिए ज़रूरी है, क्योंकि आप न सिर्फ़ बच जाएंगे बल्कि आपका एक बाल भी बीका नहीं होगा।”
Acts UrduGeoD 27:35  यह कहकर उसने कुछ रोटी ली और उन सबके सामने अल्लाह से शुक्रगुज़ारी की दुआ की। फिर उसे तोड़कर खाने लगा।
Acts UrduGeoD 27:36  इससे दूसरों की हौसलाअफ़्ज़ाई हुई और उन्होंने भी कुछ खाना खाया।
Acts UrduGeoD 27:37  जहाज़ पर हम 276 अफ़राद थे।
Acts UrduGeoD 27:38  जब सब सेर हो गए तो गंदुम को भी समुंदर में फेंका गया ताकि जहाज़ और हलका हो जाए।
Acts UrduGeoD 27:39  जब दिन चढ़ गया तो मल्लाहों ने साहिली इलाक़े को न पहचाना। लेकिन एक ख़लीज नज़र आई जिसका साहिल अच्छा था। उन्हें ख़याल आया कि शायद हम जहाज़ को वहाँ ख़ुश्की पर चढ़ा सकें।
Acts UrduGeoD 27:40  चुनाँचे उन्होंने लंगरों के रस्से काटकर उन्हें समुंदर में छोड़ दिया। फिर उन्होंने वह रस्से खोल दिए जिनसे पतवार बँधे होते थे और सामनेवाले बादबान को चढ़ाकर हवा के ज़ोर से साहिल की तरफ़ रुख़ किया।
Acts UrduGeoD 27:41  लेकिन चलते चलते जहाज़ एक चोरबालू से टकराकर उस पर चढ़ गया। जहाज़ का माथा धँस गया यहाँ तक कि वह हिल भी न सका जबकि उसका पिछला हिस्सा मौजों की टक्करों से टुकड़े टुकड़े होने लगा।
Acts UrduGeoD 27:42  फ़ौजी क़ैदियों को क़त्ल करना चाहते थे ताकि वह जहाज़ से तैरकर फ़रार न हो सकें।
Acts UrduGeoD 27:43  लेकिन उन पर मुक़र्रर अफ़सर पौलुस को बचाना चाहता था, इसलिए उसने उन्हें ऐसा करने न दिया। उसने हुक्म दिया कि पहले वह सब जो तैर सकते हैं पानी में छलाँग लगाकर किनारे तक पहुँचें।
Acts UrduGeoD 27:44  बाक़ियों को तख़्तों या जहाज़ के किसी टुकड़े को पकड़कर पहुँचना था। यों सब सहीह-सलामत साहिल तक पहुँचे।
Chapter 28
Acts UrduGeoD 28:1  तूफ़ान से बचने पर हमें मालूम हुआ कि जज़ीरे का नाम मिलिते है।
Acts UrduGeoD 28:2  मक़ामी लोगों ने हमें ग़ैरमामूली मेहरबानी दिखाई। उन्होंने आग जलाकर हमारा इस्तक़बाल किया, क्योंकि बारिश शुरू हो चुकी थी और ठंड थी।
Acts UrduGeoD 28:3  पौलुस ने भी लकड़ी का ढेर जमा किया। लेकिन ज्योंही उसने उसे आग में फेंका एक ज़हरीला साँप आग की तपिश से भागकर निकल आया और पौलुस के हाथ से चिमटकर उसे डस लिया।
Acts UrduGeoD 28:4  मक़ामी लोगों ने साँप को पौलुस के हाथ से लगे देखा तो एक दूसरे से कहने लगे, “यह आदमी ज़रूर क़ातिल होगा। गो यह समुंदर से बच गया, लेकिन इनसाफ़ की देवी इसे जीने नहीं देती।”
Acts UrduGeoD 28:5  लेकिन पौलुस ने साँप को झटककर आग में फेंक दिया, और साँप का कोई बुरा असर उस पर न हुआ।
Acts UrduGeoD 28:6  लोग इस इंतज़ार में रहे कि वह सूज जाए या अचानक गिर पड़े, लेकिन काफ़ी देर के बाद भी कुछ न हुआ। इस पर उन्होंने अपना ख़याल बदलकर उसे देवता क़रार दिया।
Acts UrduGeoD 28:7  क़रीब ही जज़ीरे के सबसे बड़े आदमी की ज़मीनें थीं। उसका नाम पुबलियुस था। उसने अपने घर में हमारा इस्तक़बाल किया और तीन दिन तक हमारी ख़ूब मेहमान-नवाज़ी की।
Acts UrduGeoD 28:8  उसका बाप बीमार पड़ा था, वह बुख़ार और पेचिश के मरज़ में मुब्तला था। पौलुस उसके कमरे में गया, उसके लिए दुआ की और अपने हाथ उस पर रख दिए। इस पर मरीज़ को शफ़ा मिली।
Acts UrduGeoD 28:9  जब यह हुआ तो जज़ीरे के बाक़ी तमाम मरीज़ों ने पौलुस के पास आकर शफ़ा पाई।
Acts UrduGeoD 28:10  नतीजे में उन्होंने कई तरह से हमारी इज़्ज़त की। और जब रवाना होने का वक़्त आ गया तो उन्होंने हमें वह सब कुछ मुहैया किया जो सफ़र के लिए दरकार था।
Acts UrduGeoD 28:11  जज़ीरे पर तीन माह गुज़र गए। फिर हम एक जहाज़ पर सवार हुए जो सर्दियों के मौसम के लिए वहाँ ठहर गया था। यह जहाज़ इस्कंदरिया का था और उसके माथे पर जुड़वाँ देवताओं ‘कास्टर’ और ‘पोल्लुक्स’ की मूरत नसब थी। हम वहाँ से रुख़सत होकर
Acts UrduGeoD 28:12  सुरकूसा शहर पहुँचे। तीन दिन के बाद
Acts UrduGeoD 28:13  हम वहाँ से रेगियुम शहर गए जहाँ हम सिर्फ़ एक दिन ठहरे। फिर जुनूब से हवा उठी, इसलिए हम अगले दिन पुतियोली पहुँचे।
Acts UrduGeoD 28:14  इस शहर में हमारी मुलाक़ात कुछ भाइयों से हुई। उन्होंने हमें अपने पास एक हफ़ता रहने की दावत दी। यों हम रोम पहुँच गए।
Acts UrduGeoD 28:15  रोम के भाइयों ने हमारे बारे में सुन रखा था, और कुछ हमारा इस्तक़बाल करने के लिए क़सबा बनाम अप्पियुस के चौक तक आए जबकि कुछ सिर्फ़ ‘तीन-सराय’ तक आ सके। उन्हें देखकर पौलुस ने अल्लाह का शुक्र किया और नया हौसला पाया।
Acts UrduGeoD 28:16  हमारे रोम में पहुँचने पर पौलुस को अपने किराए के मकान में रहने की इजाज़त मिली, गो एक फ़ौजी उस की पहरादारी करने के लिए उसके साथ रहा।
Acts UrduGeoD 28:17  तीन दिन गुज़र गए तो पौलुस ने यहूदी राहनुमाओं को बुलाया। जब वह जमा हुए तो उसने उनसे कहा, “भाइयो, मुझे यरूशलम में गिरिफ़्तार करके रोमियों के हवाले कर दिया गया हालाँकि मैंने अपनी क़ौम या अपने बापदादा के रस्मो-रिवाज के ख़िलाफ़ कुछ नहीं किया था।
Acts UrduGeoD 28:18  रोमी मेरा जायज़ा लेकर मुझे रिहा करना चाहते थे, क्योंकि उन्हें मुझे सज़ाए-मौत देने का कोई सबब न मिला था।
Acts UrduGeoD 28:19  लेकिन यहूदियों ने एतराज़ किया और यों मुझे शहनशाह से अपील करने पर मजबूर कर दिया गया, गो मेरा यह इरादा नहीं है कि मैं अपनी क़ौम पर कोई इलज़ाम लगाऊँ।
Acts UrduGeoD 28:20  मैंने इसलिए आपको बुलाया ताकि आपसे मिलूँ और गुफ़्तगू करूँ। मैं उस शख़्स की ख़ातिर इन ज़ंजीरों से जकड़ा हुआ हूँ जिसके आने की उम्मीद इसराईल रखता है।”
Acts UrduGeoD 28:21  यहूदियों ने उसे जवाब दिया, “हमें यहूदिया से आपके बारे में कोई भी ख़त नहीं मिला। और जितने भाई वहाँ से आए हैं उनमें से एक ने भी आपके बारे में न तो कोई मनफ़ी रिपोर्ट दी न कोई बुरी बात बताई।
Acts UrduGeoD 28:22  लेकिन हम आपसे सुनना चाहते हैं कि आपके ख़यालात क्या हैं, क्योंकि हम इतना जानते हैं कि हर जगह लोग इस फ़िरक़े के ख़िलाफ़ बातें कर रहे हैं।”
Acts UrduGeoD 28:23  चुनाँचे उन्होंने मिलने का एक दिन मुक़र्रर किया। जब यहूदी दुबारा उस जगह आए जहाँ पौलुस रहता था तो उनकी तादाद बहुत ज़्यादा थी। सुबह से लेकर शाम तक उसने अल्लाह की बादशाही बयान की और उस की गवाही दी। उसने उन्हें मूसा की शरीअत और नबियों के हवालाजात पेश कर करके ईसा के बारे में क़ायल करने की कोशिश की।
Acts UrduGeoD 28:24  कुछ तो क़ायल हो गए, लेकिन बाक़ी ईमान न लाए।
Acts UrduGeoD 28:25  उनमें नाइत्तफ़ाक़ी पैदा हुई तो वह चले गए। जब वह जाने लगे तो पौलुस ने उनसे कहा, “रूहुल-क़ुद्स ने यसायाह नबी की मारिफ़त आपके बापदादा से ठीक कहा कि
Acts UrduGeoD 28:26  जा, इस क़ौम को बता, ‘तुम अपने कानों से सुनोगे मगर कुछ नहीं समझोगे, तुम अपनी आँखों से देखोगे मगर कुछ नहीं जानोगे।
Acts UrduGeoD 28:27  क्योंकि इस क़ौम का दिल बेहिस हो गया है। वह मुश्किल से अपने कानों से सुनते हैं, उन्होंने अपनी आँखों को बंद कर रखा है, ऐसा न हो कि वह अपनी आँखों से देखें, अपने कानों से सुनें, अपने दिल से समझें, मेरी तरफ़ रुजू करें और मैं उन्हें शफ़ा दूँ’।”
Acts UrduGeoD 28:28  पौलुस ने अपनी बात इन अलफ़ाज़ से ख़त्म की, “अब जान लें कि अल्लाह की तरफ़ से यह नजात ग़ैरयहूदियों को भी पेश की गई है और वह सुनेंगे भी!”
Acts UrduGeoD 28:29  [जब उसने यह कहा तो यहूदी आपस में बहस-मुबाहसा करते हुए चले गए।]
Acts UrduGeoD 28:30  पौलुस पूरे दो साल अपने किराए के घर में रहा। जो भी उसके पास आया उसका उसने इस्तक़बाल करके
Acts UrduGeoD 28:31  दिलेरी से अल्लाह की बादशाही की मुनादी की और ख़ुदावंद ईसा मसीह की तालीम दी। और किसी ने मुदाख़लत न की।