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MATTHEW
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Chapter 1
Matt UrduGeoD 1:1  ईसा मसीह बिन दाऊद बिन इब्राहीम का नसबनामा :
Matt UrduGeoD 1:2  इब्राहीम इसहाक़ का बाप था, इसहाक़ याक़ूब का बाप और याक़ूब यहूदा और उसके भाइयों का बाप।
Matt UrduGeoD 1:3  यहूदा के दो बेटे फ़ारस और ज़ारह थे (उनकी माँ तमर थी)। फ़ारस हसरोन का बाप और हसरोन राम का बाप था।
Matt UrduGeoD 1:4  राम अम्मीनदाब का बाप, अम्मीनदाब नहसोन का बाप और नहसोन सलमोन का बाप था।
Matt UrduGeoD 1:5  सलमोन बोअज़ का बाप था (बोअज़ की माँ राहब थी)। बोअज़ ओबेद का बाप था (ओबेद की माँ रूत थी)। ओबेद यस्सी का बाप और
Matt UrduGeoD 1:6  यस्सी दाऊद बादशाह का बाप था। दाऊद सुलेमान का बाप था (सुलेमान की माँ पहले ऊरिय्याह की बीवी थी)।
Matt UrduGeoD 1:7  सुलेमान रहुबियाम का बाप, रहुबियाम अबियाह का बाप और अबियाह आसा का बाप था।
Matt UrduGeoD 1:8  आसा यहूसफ़त का बाप, यहूसफ़त यूराम का बाप और यूराम उज़्ज़ियाह का बाप था।
Matt UrduGeoD 1:9  उज़्ज़ियाह यूताम का बाप, यूताम आख़ज़ का बाप और आख़ज़ हिज़क़ियाह का बाप था।
Matt UrduGeoD 1:10  हिज़क़ियाह मनस्सी का बाप, मनस्सी अमून का बाप और अमून यूसियाह का बाप था।
Matt UrduGeoD 1:11  यूसियाह यहूयाकीन और उसके भाइयों का बाप था (यह बाबल की जिलावतनी के दौरान पैदा हुए)।
Matt UrduGeoD 1:12  बाबल की जिलावतनी के बाद यहूयाकीन सियालतियेल का बाप और सियालतियेल ज़रुब्बाबल का बाप था।
Matt UrduGeoD 1:13  ज़रुब्बाबल अबीहूद का बाप, अबीहूद इलियाक़ीम का बाप और इलियाक़ीम आज़ोर का बाप था।
Matt UrduGeoD 1:14  आज़ोर सदोक़ का बाप, सदोक़ अख़ीम का बाप और अख़ीम इलीहूद का बाप था।
Matt UrduGeoD 1:15  इलीहूद इलियज़र का बाप, अलियज़र मत्तान का बाप और मत्तान का बाप याक़ूब था।
Matt UrduGeoD 1:16  याक़ूब मरियम के शौहर यूसुफ़ का बाप था। इस मरियम से ईसा पैदा हुआ, जो मसीह कहलाता है।
Matt UrduGeoD 1:17  यों इब्राहीम से दाऊद तक 14 नसलें हैं, दाऊद से बाबल की जिलावतनी तक 14 नसलें हैं और जिलावतनी से मसीह तक 14 नसलें हैं।
Matt UrduGeoD 1:18  ईसा मसीह की पैदाइश यों हुई : उस वक़्त उस की माँ मरियम की मँगनी यूसुफ़ के साथ हो चुकी थी कि वह रूहुल-क़ुद्स से हामिला पाई गई। अभी उनकी शादी नहीं हुई थी।
Matt UrduGeoD 1:19  उसका मंगेतर यूसुफ़ रास्तबाज़ था, वह अलानिया मरियम को बदनाम नहीं करना चाहता था। इसलिए उसने ख़ामोशी से यह रिश्ता तोड़ने का इरादा कर लिया।
Matt UrduGeoD 1:20  वह इस बात पर अभी ग़ौरो-फ़िकर कर ही रहा था कि रब का फ़रिश्ता ख़ाब में उस पर ज़ाहिर हुआ और फ़रमाया, “यूसुफ़ बिन दाऊद, मरियम से शादी करके उसे अपने घर ले आने से मत डर, क्योंकि पैदा होनेवाला बच्चा रूहुल-क़ुद्स से है।
Matt UrduGeoD 1:21  उसके बेटा होगा और उसका नाम ईसा रखना, क्योंकि वह अपनी क़ौम को उसके गुनाहों से रिहाई देगा।”
Matt UrduGeoD 1:22  यह सब कुछ इसलिए हुआ ताकि रब की वह बात पूरी हो जाए जो उसने अपने नबी की मारिफ़त फ़रमाई थी,
Matt UrduGeoD 1:23  “देखो एक कुँवारी हामिला होगी। उससे बेटा पैदा होगा और वह उसका नाम इम्मानुएल रखेंगे।” (इम्मानुएल का मतलब ‘ख़ुदा हमारे साथ’ है।)
Matt UrduGeoD 1:24  जब यूसुफ़ जाग उठा तो उसने रब के फ़रिश्ते के फ़रमान के मुताबिक़ मरियम से शादी कर ली और उसे अपने घर ले गया।
Matt UrduGeoD 1:25  लेकिन जब तक उसके बेटा पैदा न हुआ वह मरियम से हमबिसतर न हुआ। और यूसुफ़ ने बच्चे का नाम ईसा रखा।
Chapter 2
Matt UrduGeoD 2:1  ईसा हेरोदेस बादशाह के ज़माने में सूबा यहूदिया के शहर बैत-लहम में पैदा हुआ। उन दिनों में कुछ मजूसी आलिम मशरिक़ से आकर यरूशलम पहुँच गए।
Matt UrduGeoD 2:2  उन्होंने पूछा, “यहूदियों का वह बादशाह कहाँ है जो हाल ही में पैदा हुआ है? क्योंकि हमने मशरिक़ में उसका सितारा देखा है और हम उसे सिजदा करने आए हैं।”
Matt UrduGeoD 2:3  यह सुनकर हेरोदेस बादशाह पूरे यरूशलम समेत घबरा गया।
Matt UrduGeoD 2:4  तमाम राहनुमा इमामों और शरीअत के उलमा को जमा करके उसने उनसे दरियाफ़्त किया कि मसीह कहाँ पैदा होगा।
Matt UrduGeoD 2:5  उन्होंने जवाब दिया, “यहूदिया के शहर बैत-लहम में, क्योंकि नबी की मारिफ़त यों लिखा है,
Matt UrduGeoD 2:6  ‘ऐ मुल्के-यहूदिया में वाक़े बैत-लहम, तू यहूदिया के हुक्मरानों में हरगिज़ सबसे छोटा नहीं। क्योंकि तुझमें से एक हुक्मरान निकलेगा जो मेरी क़ौम इसराईल की गल्लाबानी करेगा’।”
Matt UrduGeoD 2:7  इस पर हेरोदेस ने ख़ुफ़िया तौर पर मजूसी आलिमों को बुलाकर तफ़सील से पूछा कि वह सितारा किस वक़्त दिखाई दिया था।
Matt UrduGeoD 2:8  फिर उसने उन्हें बताया, “बैत-लहम जाएँ और तफ़सील से बच्चे का पता लगाएँ। जब आप उसे पा लें तो मुझे इत्तला दें ताकि मैं भी जाकर उसे सिजदा करूँ।”
Matt UrduGeoD 2:9  बादशाह के इन अलफ़ाज़ के बाद वह चले गए। और देखो जो सितारा उन्होंने मशरिक़ में देखा था वह उनके आगे आगे चलता गया और चलते चलते उस मक़ाम के ऊपर ठहर गया जहाँ बच्चा था।
Matt UrduGeoD 2:10  सितारे को देखकर वह बहुत ख़ुश हुए।
Matt UrduGeoD 2:11  वह घर में दाख़िल हुए और बच्चे को माँ के साथ देखकर उन्होंने औंधे मुँह गिरकर उसे सिजदा किया। फिर अपने डिब्बे खोलकर उसे सोने, लुबान और मुर के तोह्फ़े पेश किए।
Matt UrduGeoD 2:12  जब रवानगी का वक़्त आया तो वह यरूशलम से होकर न गए बल्कि एक और रास्ते से अपने मुल्क चले गए, क्योंकि उन्हें ख़ाब में आगाह किया गया था कि हेरोदेस के पास वापस न जाओ।
Matt UrduGeoD 2:13  उनके चले जाने के बाद रब का फ़रिश्ता ख़ाब में यूसुफ़ पर ज़ाहिर हुआ और कहा, “उठ, बच्चे को उस की माँ समेत लेकर मिसर को हिजरत कर जा। जब तक मैं तुझे इत्तला न दूँ वहीं ठहरा रह, क्योंकि हेरोदेस बच्चे को तलाश करेगा ताकि उसे क़त्ल करे।”
Matt UrduGeoD 2:14  यूसुफ़ उठा और उसी रात बच्चे को उस की माँ समेत लेकर मिसर के लिए रवाना हुआ।
Matt UrduGeoD 2:15  वहाँ वह हेरोदेस के इंतक़ाल तक रहा। यों वह बात पूरी हुई जो रब ने नबी की मारिफ़त फ़रमाई थी, “मैंने अपने फ़रज़ंद को मिसर से बुलाया।”
Matt UrduGeoD 2:16  जब हेरोदेस को मालूम हुआ कि मजूसी आलिमों ने मुझे फ़रेब दिया है तो उसे बड़ा तैश आया। उसने अपने फ़ौजियों को बैत-लहम भेजकर उन्हें हुक्म दिया कि बैत-लहम और इर्दगिर्द के इलाक़े के उन तमाम लड़कों को क़त्ल करें जिनकी उम्र दो साल तक हो। क्योंकि उसने मजूसियों से बच्चे की उम्र के बारे में यह मालूम कर लिया था।
Matt UrduGeoD 2:17  यों यरमियाह नबी की पेशगोई पूरी हुई,
Matt UrduGeoD 2:18  “रामा में शोर मच गया है, रोने पीटने और शदीद मातम की आवाज़ें। राख़िल अपने बच्चों के लिए रो रही है और तसल्ली क़बूल नहीं कर रही, क्योंकि वह हलाक हो गए हैं।”
Matt UrduGeoD 2:19  जब हेरोदेस इंतक़ाल कर गया तो रब का फ़रिश्ता ख़ाब में यूसुफ़ पर ज़ाहिर हुआ जो अभी मिसर ही में था।
Matt UrduGeoD 2:20  फ़रिश्ते ने उसे बताया, “उठ, बच्चे को उस की माँ समेत लेकर मुल्के-इसराईल वापस चला जा, क्योंकि जो बच्चे को जान से मारने के दरपै थे वह मर गए हैं।”
Matt UrduGeoD 2:21  चुनाँचे यूसुफ़ उठा और बच्चे और उस की माँ को लेकर मुल्के-इसराईल में लौट आया।
Matt UrduGeoD 2:22  लेकिन जब उसने सुना कि अरख़िलाउस अपने बाप हेरोदेस की जगह यहूदिया में तख़्तनशीन हो गया है तो वह वहाँ जाने से डर गया। फिर ख़ाब में हिदायत पाकर वह गलील के इलाक़े के लिए रवाना हुआ।
Matt UrduGeoD 2:23  वहाँ वह एक शहर में जा बसा जिसका नाम नासरत था। यों नबियों की बात पूरी हुई कि ‘वह नासरी कहलाएगा।’
Chapter 3
Matt UrduGeoD 3:1  उन दिनों में यहया बपतिस्मा देनेवाला आया और यहूदिया के रेगिस्तान में एलान करने लगा,
Matt UrduGeoD 3:2  “तौबा करो, क्योंकि आसमान की बादशाही क़रीब आ गई है।”
Matt UrduGeoD 3:3  यहया वही है जिसके बारे में यसायाह नबी ने फ़रमाया, ‘रेगिस्तान में एक आवाज़ पुकार रही है, रब की राह तैयार करो! उसके रास्ते सीधे बनाओ।’
Matt UrduGeoD 3:4  यहया ऊँटों के बालों का लिबास पहने और कमर पर चमड़े का पटका बाँधे रहता था। ख़ुराक के तौर पर वह टिड्डियाँ और जंगली शहद खाता था।
Matt UrduGeoD 3:5  लोग यरूशलम, पूरे यहूदिया और दरियाए-यरदन के पूरे इलाक़े से निकलकर उसके पास आए।
Matt UrduGeoD 3:6  और अपने गुनाहों को तसलीम करके उन्होंने दरियाए-यरदन में यहया से बपतिस्मा लिया।
Matt UrduGeoD 3:7  बहुत-से फ़रीसी और सदूक़ी भी वहाँ आए जहाँ वह बपतिस्मा दे रहा था। उन्हें देखकर उसने कहा, “ऐ ज़हरीले साँप के बच्चो! किसने तुम्हें आनेवाले ग़ज़ब से बचने की हिदायत की?
Matt UrduGeoD 3:8  अपनी ज़िंदगी से ज़ाहिर करो कि तुमने वाक़ई तौबा की है।
Matt UrduGeoD 3:9  यह ख़याल मत करो कि हम तो बच जाएंगे क्योंकि इब्राहीम हमारा बाप है। मैं तुमको बताता हूँ कि अल्लाह इन पत्थरों से भी इब्राहीम के लिए औलाद पैदा कर सकता है।
Matt UrduGeoD 3:10  अब तो अदालत की कुल्हाड़ी दरख़्तों की जड़ों पर रखी हुई है। हर दरख़्त जो अच्छा फल न लाए काटा और आग में झोंका जाएगा।
Matt UrduGeoD 3:11  मैं तो तुम तौबा करनेवालों को पानी से बपतिस्मा देता हूँ, लेकिन एक आनेवाला है जो मुझसे बड़ा है। मैं उसके जूतों को उठाने के भी लायक़ नहीं। वह तुम्हें रूहुल-क़ुद्स और आग से बपतिस्मा देगा।
Matt UrduGeoD 3:12  वह हाथ में छाज पकड़े हुए अनाज को भूसे से अलग करने के लिए तैयार खड़ा है। वह गाहने की जगह बिलकुल साफ़ करके अनाज को अपने गोदाम में जमा करेगा। लेकिन भूसे को वह ऐसी आग में झोंकेगा जो बुझने की नहीं।”
Matt UrduGeoD 3:13  फिर ईसा गलील से दरियाए-यरदन के किनारे आया ताकि यहया से बपतिस्मा ले।
Matt UrduGeoD 3:14  लेकिन यहया ने उसे रोकने की कोशिश करके कहा, “मुझे तो आपसे बपतिस्मा लेने की ज़रूरत है, तो फिर आप मेरे पास क्यों आए हैं?”
Matt UrduGeoD 3:15  ईसा ने जवाब दिया, “अब होने ही दे, क्योंकि मुनासिब है कि हम यह करते हुए अल्लाह की रास्त मरज़ी पूरी करें।” इस पर यहया मान गया।
Matt UrduGeoD 3:16  बपतिस्मा लेने पर ईसा फ़ौरन पानी से निकला। उसी लमहे आसमान खुल गया और उसने अल्लाह के रूह को देखा जो कबूतर की तरह उतरकर उस पर ठहर गया।
Matt UrduGeoD 3:17  साथ साथ आसमान से एक आवाज़ सुनाई दी, “यह मेरा प्यारा फ़रज़ंद है, इससे मैं ख़ुश हूँ।”
Chapter 4
Matt UrduGeoD 4:1  फिर रूहुल-क़ुद्स ईसा को रेगिस्तान में ले गया ताकि उसे इबलीस से आज़माया जाए।
Matt UrduGeoD 4:2  चालीस दिन और चालीस रात रोज़ा रखने के बाद उसे आख़िरकार भूक लगी।
Matt UrduGeoD 4:3  फिर आज़मानेवाला उसके पास आकर कहने लगा, “अगर तू अल्लाह का फ़रज़ंद है तो इन पत्थरों को हुक्म दे कि रोटी बन जाएँ।”
Matt UrduGeoD 4:4  लेकिन ईसा ने इनकार करके कहा, “हरगिज़ नहीं, क्योंकि कलामे-मुक़द्दस में लिखा है कि इनसान की ज़िंदगी सिर्फ़ रोटी पर मुनहसिर नहीं होती बल्कि हर उस बात पर जो रब के मुँह से निकलती है।”
Matt UrduGeoD 4:5  इस पर इबलीस ने उसे मुक़द्दस शहर यरूशलम ले जाकर बैतुल-मुक़द्दस की सबसे ऊँची जगह पर खड़ा किया और कहा,
Matt UrduGeoD 4:6  “अगर तू अल्लाह का फ़रज़ंद है तो यहाँ से छलाँग लगा दे। क्योंकि कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, ‘वह तेरी ख़ातिर अपने फ़रिश्तों को हुक्म देगा, और वह तुझे अपने हाथों पर उठा लेंगे ताकि तेरे पाँवों को पत्थर से ठेस न लगे’।”
Matt UrduGeoD 4:7  लेकिन ईसा ने जवाब दिया, “कलामे-मुक़द्दस यह भी फ़रमाता है, ‘रब अपने ख़ुदा को न आज़माना’।”
Matt UrduGeoD 4:8  फिर इबलीस ने उसे एक निहायत ऊँचे पहाड़ पर ले जाकर उसे दुनिया के तमाम ममालिक और उनकी शानो-शौकत दिखाई।
Matt UrduGeoD 4:9  वह बोला, “यह सब कुछ मैं तुझे दे दूँगा, शर्त यह है कि तू गिरकर मुझे सिजदा करे।”
Matt UrduGeoD 4:10  लेकिन ईसा ने तीसरी बार इनकार किया और कहा, “इबलीस, दफ़ा हो जा! क्योंकि कलामे-मुक़द्दस में यों लिखा है, ‘रब अपने ख़ुदा को सिजदा कर और सिर्फ़ उसी की इबादत कर’।”
Matt UrduGeoD 4:11  इस पर इबलीस उसे छोड़कर चला गया और फ़रिश्ते आकर उस की ख़िदमत करने लगे।
Matt UrduGeoD 4:12  जब ईसा को ख़बर मिली कि यहया को जेल में डाल दिया गया है तो वह वहाँ से चला गया और गलील में आया।
Matt UrduGeoD 4:13  नासरत को छोड़कर वह झील के किनारे पर वाक़े शहर कफ़र्नहूम में रहने लगा, यानी ज़बूलून और नफ़ताली के इलाक़े में।
Matt UrduGeoD 4:14  यों यसायाह नबी की पेशगोई पूरी हुई,
Matt UrduGeoD 4:15  “ज़बूलून का इलाक़ा, नफ़ताली का इलाक़ा, झील के साथ का रास्ता, दरियाए-यरदन के पार, ग़ैरयहूदियों का गलील :
Matt UrduGeoD 4:16  अंधेरे में बैठी क़ौम ने एक तेज़ रौशनी देखी, मौत के साय में डूबे हुए मुल्क के बाशिंदों पर रौशनी चमकी।”
Matt UrduGeoD 4:17  उस वक़्त से ईसा इस पैग़ाम की मुनादी करने लगा, “तौबा करो, क्योंकि आसमान की बादशाही क़रीब आ गई है।”
Matt UrduGeoD 4:18  एक दिन जब ईसा गलील की झील के किनारे किनारे चल रहा था तो उसने दो भाइयों को देखा—शमौन जो पतरस भी कहलाता था और अंदरियास को। वह पानी में जाल डाल रहे थे, क्योंकि वह माहीगीर थे।
Matt UrduGeoD 4:19  उसने कहा, “आओ, मेरे पीछे हो लो, मैं तुमको आदमगीर बनाऊँगा।”
Matt UrduGeoD 4:20  यह सुनते ही वह अपने जालों को छोड़कर उसके पीछे हो लिए।
Matt UrduGeoD 4:21  आगे जाकर ईसा ने दो और भाइयों को देखा, याक़ूब बिन ज़बदी और उसके भाई यूहन्ना को। वह कश्ती में बैठे अपने बाप ज़बदी के साथ अपने जालों की मरम्मत कर रहे थे। ईसा ने उन्हें बुलाया
Matt UrduGeoD 4:22  तो वह फ़ौरन कश्ती और अपने बाप को छोड़कर उसके पीछे हो लिए।
Matt UrduGeoD 4:23  और ईसा गलील के पूरे इलाक़े में फिरता रहा। जहाँ भी वह जाता वह यहूदी इबादतख़ानों में तालीम देता, बादशाही की ख़ुशख़बरी सुनाता और हर क़िस्म की बीमारी और अलालत से शफ़ा देता था।
Matt UrduGeoD 4:24  उस की ख़बर मुल्के-शाम के कोने कोने तक पहुँच गई, और लोग अपने तमाम मरीज़ों को उसके पास लाने लगे। क़िस्म क़िस्म की बीमारियों तले दबे लोग, ऐसे जो शदीद दर्द का शिकार थे, बदरूहों की गिरिफ़्त में मुब्तला, मिरगीवाले और फ़ालिजज़दा, ग़रज़ जो भी आया ईसा ने उसे शफ़ा बख़्शी।
Matt UrduGeoD 4:25  गलील, दिकपुलिस, यरूशलम, यहूदिया और दरियाए-यरदन के पार के इलाक़े से बड़े बड़े हुजूम उसके पीछे चलते रहे।
Chapter 5
Matt UrduGeoD 5:1  भीड़ को देखकर ईसा पहाड़ पर चढ़कर बैठ गया। उसके शागिर्द उसके पास आए
Matt UrduGeoD 5:2  और वह उन्हें यह तालीम देने लगा :
Matt UrduGeoD 5:3  “मुबारक हैं वह जिनकी रूह ज़रूरतमंद है, क्योंकि आसमान की बादशाही उन्हीं की है।
Matt UrduGeoD 5:4  मुबारक हैं वह जो मातम करते हैं, क्योंकि उन्हें तसल्ली दी जाएगी।
Matt UrduGeoD 5:5  मुबारक हैं वह जो हलीम हैं, क्योंकि वह ज़मीन विरसे में पाएँगे।
Matt UrduGeoD 5:6  मुबारक हैं वह जिन्हें रास्तबाज़ी की भूक और प्यास है, क्योंकि वह सेर हो जाएंगे।
Matt UrduGeoD 5:7  मुबारक हैं वह जो रहमदिल हैं, क्योंकि उन पर रहम किया जाएगा।
Matt UrduGeoD 5:8  मुबारक हैं वह जो ख़ालिस दिल हैं, क्योंकि वह अल्लाह को देखेंगे।
Matt UrduGeoD 5:9  मुबारक हैं वह जो सुलह कराते हैं, क्योंकि वह अल्लाह के फ़रज़ंद कहलाएँगे।
Matt UrduGeoD 5:10  मुबारक हैं वह जिनको रास्तबाज़ होने के सबब से सताया जाता है, क्योंकि उन्हें आसमान की बादशाही विरसे में मिलेगी।
Matt UrduGeoD 5:11  मुबारक हो तुम जब लोग मेरी वजह से तुम्हें लान-तान करते, तुम्हें सताते और तुम्हारे बारे में हर क़िस्म की बुरी और झूटी बात करते हैं।
Matt UrduGeoD 5:12  ख़ुशी मनाओ और बाग़ बाग़ हो जाओ, तुमको आसमान पर बड़ा अज्र मिलेगा। क्योंकि इसी तरह उन्होंने तुमसे पहले नबियों को भी ईज़ा पहुँचाई थी।
Matt UrduGeoD 5:13  तुम दुनिया का नमक हो। लेकिन अगर नमक का ज़ायक़ा जाता रहे तो फिर उसे क्योंकर दुबारा नमकीन किया जा सकता है? वह किसी भी काम का नहीं रहा बल्कि बाहर फेंका जाएगा जहाँ वह लोगों के पाँवों तले रौंदा जाएगा।
Matt UrduGeoD 5:14  तुम दुनिया की रौशनी हो। पहाड़ पर वाक़े शहर की तरह तुमको छुपाया नहीं जा सकता।
Matt UrduGeoD 5:15  जब कोई चराग़ जलाता है तो वह उसे बरतन के नीचे नहीं रखता बल्कि शमादान पर रख देता है जहाँ से वह घर के तमाम अफ़राद को रौशनी देता है।
Matt UrduGeoD 5:16  इसी तरह तुम्हारी रौशनी भी लोगों के सामने चमके ताकि वह तुम्हारे नेक काम देखकर तुम्हारे आसमानी बाप को जलाल दें।
Matt UrduGeoD 5:17  यह न समझो कि मैं मूसवी शरीअत और नबियों की बातों को मनसूख़ करने आया हूँ। मनसूख़ करने नहीं बल्कि उनकी तकमील करने आया हूँ।
Matt UrduGeoD 5:18  मैं तुमको सच बताता हूँ, जब तक आसमानो-ज़मीन क़ायम रहेंगे तब तक शरीअत भी क़ायम रहेगी—न उसका कोई हरफ़, न उसका कोई ज़ेर या ज़बर मनसूख़ होगा जब तक सब कुछ पूरा न हो जाए।
Matt UrduGeoD 5:19  जो इन सबसे छोटे अहकाम में से एक को भी मनसूख़ करे और लोगों को ऐसा करना सिखाए उसे आसमान की बादशाही में सबसे छोटा क़रार दिया जाएगा। इसके मुक़ाबले में जो इन अहकाम पर अमल करके इन्हें सिखाता है उसे आसमान की बादशाही में बड़ा क़रार दिया जाएगा।
Matt UrduGeoD 5:20  क्योंकि मैं तुमको बताता हूँ कि अगर तुम्हारी रास्तबाज़ी शरीअत के उलमा और फ़रीसियों की रास्तबाज़ी से ज़्यादा नहीं तो तुम आसमान की बादशाही में दाख़िल होने के लायक़ नहीं।
Matt UrduGeoD 5:21  तुमने सुना है कि बापदादा को फ़रमाया गया, ‘क़त्ल न करना। और जो क़त्ल करे उसे अदालत में जवाब देना होगा।’
Matt UrduGeoD 5:22  लेकिन मैं तुमको बताता हूँ कि जो भी अपने भाई पर ग़ुस्सा करे उसे अदालत में जवाब देना होगा। इसी तरह जो अपने भाई को ‘अहमक़’ कहे उसे यहूदी अदालते-आलिया में जवाब देना होगा। और जो उसको ‘बेवुक़ूफ़!’ कहे वह जहन्नुम की आग में फेंके जाने के लायक़ ठहरेगा।
Matt UrduGeoD 5:23  लिहाज़ा अगर तुझे बैतुल-मुक़द्दस में क़ुरबानी पेश करते वक़्त याद आए कि तेरे भाई को तुझसे कोई शिकायत है
Matt UrduGeoD 5:24  तो अपनी क़ुरबानी को वहीं क़ुरबानगाह के सामने ही छोड़कर अपने भाई के पास चला जा। पहले उससे सुलह कर और फिर वापस आकर अल्लाह को अपनी क़ुरबानी पेश कर।
Matt UrduGeoD 5:25  फ़र्ज़ करो कि किसी ने तुझ पर मुक़दमा चलाया है। अगर ऐसा हो तो कचहरी में दाख़िल होने से पहले पहले जल्दी से झगड़ा ख़त्म कर। ऐसा न हो कि वह तुझे जज के हवाले करे, जज तुझे पुलिस अफ़सर के हवाले करे और नतीजे में तुझको जेल में डाला जाए।
Matt UrduGeoD 5:26  मैं तुझे सच बताता हूँ, वहाँ से तू उस वक़्त तक नहीं निकल पाएगा जब तक जुर्माने की पूरी पूरी रक़म अदा न कर दे।
Matt UrduGeoD 5:27  तुमने यह हुक्म सुन लिया है कि ‘ज़िना न करना।’
Matt UrduGeoD 5:28  लेकिन मैं तुम्हें बताता हूँ, जो किसी औरत को बुरी ख़ाहिश से देखता है वह अपने दिल में उसके साथ ज़िना कर चुका है।
Matt UrduGeoD 5:29  अगर तेरी दाईं आँख तुझे गुनाह करने पर उकसाए तो उसे निकालकर फेंक दे। इससे पहले कि तेरे पूरे जिस्म को जहन्नुम में डाला जाए बेहतर यह है कि तेरा एक ही अज़ु जाता रहे।
Matt UrduGeoD 5:30  और अगर तेरा दहना हाथ तुझे गुनाह करने पर उकसाए तो उसे काटकर फेंक दे। इससे पहले कि तेरा पूरा जिस्म जहन्नुम में जाए बेहतर यह है कि तेरा एक ही अज़ु जाता रहे।
Matt UrduGeoD 5:31  यह भी फ़रमाया गया है, ‘जो भी अपनी बीवी को तलाक़ दे वह उसे तलाक़नामा लिख दे।’
Matt UrduGeoD 5:32  लेकिन मैं तुमको बताता हूँ कि अगर किसी की बीवी ने ज़िना न किया हो तो भी शौहर उसे तलाक़ दे तो वह उससे ज़िना कराता है। और जो तलाक़शुदा औरत से शादी करे वह ज़िना करता है।
Matt UrduGeoD 5:33  तुमने यह भी सुना है कि बापदादा को फ़रमाया गया, ‘झूटी क़सम मत खाना बल्कि जो वादे तूने रब से क़सम खाकर किए हों उन्हें पूरा करना।’
Matt UrduGeoD 5:34  लेकिन मैं तुम्हें बताता हूँ, क़सम बिलकुल न खाना। न ‘आसमान की क़सम’ क्योंकि आसमान अल्लाह का तख़्त है,
Matt UrduGeoD 5:35  न ‘ज़मीन की’ क्योंकि ज़मीन उसके पाँवों की चौकी है। ‘यरूशलम की क़सम’ भी न खाना क्योंकि यरूशलम अज़ीम बादशाह का शहर है।
Matt UrduGeoD 5:36  यहाँ तक कि अपने सर की क़सम भी न खाना, क्योंकि तू अपना एक बाल भी काला या सफ़ेद नहीं कर सकता।
Matt UrduGeoD 5:37  सिर्फ़ इतना ही कहना, ‘जी हाँ’ या ‘जी नहीं।’ अगर इससे ज़्यादा कहो तो यह इबलीस की तरफ़ से है।
Matt UrduGeoD 5:38  तुमने सुना है कि यह फ़रमाया गया है, ‘आँख के बदले आँख, दाँत के बदले दाँत।’
Matt UrduGeoD 5:39  लेकिन मैं तुमको बताता हूँ कि बदकार का मुक़ाबला मत करना। अगर कोई तेरे दहने गाल पर थप्पड़ मारे तो उसे दूसरा गाल भी पेश कर दे।
Matt UrduGeoD 5:40  अगर कोई तेरी क़मीस लेने के लिए तुझ पर मुक़दमा करना चाहे तो उसे अपनी चादर भी दे देना।
Matt UrduGeoD 5:41  अगर कोई तुझको उसका सामान उठाकर एक किलोमीटर जाने पर मजबूर करे तो उसके साथ दो किलोमीटर चला जाना।
Matt UrduGeoD 5:42  जो तुझसे कुछ माँगे उसे दे देना और जो तुझसे क़र्ज़ लेना चाहे उससे इनकार न करना।
Matt UrduGeoD 5:43  तुमने सुना है कि फ़रमाया गया है, ‘अपने पड़ोसी से मुहब्बत रखना और अपने दुश्मन से नफ़रत करना।’
Matt UrduGeoD 5:44  लेकिन मैं तुमको बताता हूँ, अपने दुश्मनों से मुहब्बत रखो और उनके लिए दुआ करो जो तुमको सताते हैं।
Matt UrduGeoD 5:45  फिर तुम अपने आसमानी बाप के फ़रज़ंद ठहरोगे, क्योंकि वह अपना सूरज सब पर तुलू होने देता है, ख़ाह वह अच्छे हों या बुरे। और वह सब पर बारिश बरसने देता है, ख़ाह वह रास्तबाज़ हों या नारास्त।
Matt UrduGeoD 5:46  अगर तुम सिर्फ़ उन्हीं से मुहब्बत करो जो तुमसे करते हैं तो तुमको क्या अज्र मिलेगा? टैक्स लेनेवाले भी तो ऐसा ही करते हैं।
Matt UrduGeoD 5:47  और अगर तुम सिर्फ़ अपने भाइयों के लिए सलामती की दुआ करो तो कौन-सी ख़ास बात करते हो? ग़ैरयहूदी भी तो ऐसा ही करते हैं।
Matt UrduGeoD 5:48  चुनाँचे वैसे ही कामिल हो जैसा तुम्हारा आसमानी बाप कामिल है।
Chapter 6
Matt UrduGeoD 6:1  ख़बरदार! अपने नेक काम लोगों के सामने दिखावे के लिए न करो, वरना तुमको अपने आसमानी बाप से कोई अज्र नहीं मिलेगा।
Matt UrduGeoD 6:2  चुनाँचे ख़ैरात देते वक़्त रियाकारों की तरह न कर जो इबादतख़ानों और गलियों में बिगुल बजाकर इसका एलान करते हैं ताकि लोग उनकी इज़्ज़त करें। मैं तुमको सच बताता हूँ, जितना अज्र उन्हें मिलना था उन्हें मिल चुका है।
Matt UrduGeoD 6:3  इसके बजाए जब तू ख़ैरात दे तो तेरे दाएँ हाथ को पता न चले कि बायाँ हाथ क्या कर रहा है।
Matt UrduGeoD 6:4  तेरी ख़ैरात यों पोशीदगी में दी जाए तो तेरा बाप जो पोशीदा बातें देखता है तुझे इसका मुआवज़ा देगा।
Matt UrduGeoD 6:5  दुआ करते वक़्त रियाकारों की तरह न करना जो इबादतख़ानों और चौकों में जाकर दुआ करना पसंद करते हैं, जहाँ सब उन्हें देख सकें। मैं तुमको सच बताता हूँ, जितना अज्र उन्हें मिलना था उन्हें मिल चुका है।
Matt UrduGeoD 6:6  इसके बजाए जब तू दुआ करता है तो अंदर के कमरे में जाकर दरवाज़ा बंद कर और फिर अपने बाप से दुआ कर जो पोशीदगी में है। फिर तेरा बाप जो पोशीदा बातें देखता है तुझे इसका मुआवज़ा देगा।
Matt UrduGeoD 6:7  दुआ करते वक़्त ग़ैरयहूदियों की तरह तवील और बेमानी बातें न दोहराते रहो। वह समझते हैं कि हमारी बहुत-सी बातों के सबब से हमारी सुनी जाएगी।
Matt UrduGeoD 6:8  उनकी मानिंद न बनो, क्योंकि तुम्हारा बाप पहले से तुम्हारी ज़रूरियात से वाक़िफ़ है,
Matt UrduGeoD 6:9  बल्कि यों दुआ किया करो, ऐ हमारे आसमानी बाप, तेरा नाम मुक़द्दस माना जाए।
Matt UrduGeoD 6:10  तेरी बादशाही आए। तेरी मरज़ी जिस तरह आसमान में पूरी होती है ज़मीन पर भी पूरी हो।
Matt UrduGeoD 6:11  हमारी रोज़ की रोटी आज हमें दे।
Matt UrduGeoD 6:12  हमारे गुनाहों को मुआफ़ कर जिस तरह हमने उन्हें मुआफ़ किया जिन्होंने हमारा गुनाह किया है।
Matt UrduGeoD 6:13  और हमें आज़माइश में न पड़ने दे बल्कि हमें इबलीस से बचाए रख। [क्योंकि बादशाही, क़ुदरत और जलाल अबद तक तेरे ही हैं।]
Matt UrduGeoD 6:14  क्योंकि जब तुम लोगों के गुनाह मुआफ़ करोगे तो तुम्हारा आसमानी बाप भी तुमको मुआफ़ करेगा।
Matt UrduGeoD 6:15  लेकिन अगर तुम उन्हें मुआफ़ न करो तो तुम्हारा बाप भी तुम्हारे गुनाह मुआफ़ नहीं करेगा।
Matt UrduGeoD 6:16  रोज़ा रखते वक़्त रियाकारों की तरह मुँह लटकाए न फिरो, क्योंकि वह ऐसा रूप भरते हैं ताकि लोगों को मालूम हो जाए कि वह रोज़ा से हैं। मैं तुमको सच बताता हूँ, जितना अज्र उन्हें मिलना था उन्हें मिल चुका है।
Matt UrduGeoD 6:17  ऐसा मत करना बल्कि रोज़े के वक़्त अपने बालों में तेल डाल और अपना मुँह धो।
Matt UrduGeoD 6:18  फिर लोगों को मालूम नहीं होगा कि तू रोज़ा से है बल्कि सिर्फ़ तेरे बाप को जो पोशीदगी में है। और तेरा बाप जो पोशीदा बातें देखता है तुझे इसका मुआवज़ा देगा।
Matt UrduGeoD 6:19  इस दुनिया में अपने लिए ख़ज़ाने जमा न करो, जहाँ कीड़ा और ज़ंग उन्हें खा जाते और चोर नक़ब लगाकर चुरा लेते हैं।
Matt UrduGeoD 6:20  इसके बजाए अपने ख़ज़ाने आसमान पर जमा करो जहाँ कीड़ा और ज़ंग उन्हें तबाह नहीं कर सकते, न चोर नक़ब लगाकर चुरा सकते हैं।
Matt UrduGeoD 6:21  क्योंकि जहाँ तेरा ख़ज़ाना है वहीं तेरा दिल भी लगा रहेगा।
Matt UrduGeoD 6:22  बदन का चराग़ आँख है। अगर तेरी आँख ठीक हो तो फिर तेरा पूरा बदन रौशन होगा।
Matt UrduGeoD 6:23  लेकिन अगर तेरी आँख ख़राब हो तो तेरा पूरा बदन अंधेरा ही अंधेरा होगा। और अगर तेरे अंदर की रौशनी तारीकी हो तो यह तारीकी कितनी शदीद होगी!
Matt UrduGeoD 6:24  कोई भी दो मालिकों की ख़िदमत नहीं कर सकता। या तो वह एक से नफ़रत करके दूसरे से मुहब्बत रखेगा या एक से लिपटकर दूसरे को हक़ीर जानेगा। तुम एक ही वक़्त में अल्लाह और दौलत की ख़िदमत नहीं कर सकते।
Matt UrduGeoD 6:25  इसलिए मैं तुम्हें बताता हूँ, अपनी ज़िंदगी की ज़रूरियात पूरी करने के लिए परेशान न रहो कि हाय, मैं क्या खाऊँ और क्या पियूँ। और जिस्म के लिए फ़िकरमंद न रहो कि हाय, मैं क्या पहनूँ। क्या ज़िंदगी खाने-पीने से अहम नहीं है? और क्या जिस्म पोशाक से ज़्यादा अहमियत नहीं रखता?
Matt UrduGeoD 6:26  परिंदों पर ग़ौर करो। न वह बीज बोते, न फ़सलें काटकर उन्हें गोदाम में जमा करते हैं। तुम्हारा आसमानी बाप ख़ुद उन्हें खाना खिलाता है। क्या तुम्हारी उनकी निसबत ज़्यादा क़दरो-क़ीमत नहीं है?
Matt UrduGeoD 6:27  क्या तुममें से कोई फ़िकर करते करते अपनी ज़िंदगी में एक लमहे का भी इज़ाफ़ा कर सकता है?
Matt UrduGeoD 6:28  और तुम अपने कपड़ों के लिए क्यों फ़िकरमंद होते हो? ग़ौर करो कि सोसन के फूल किस तरह उगते हैं। न वह मेहनत करते, न कातते हैं।
Matt UrduGeoD 6:29  लेकिन मैं तुम्हें बताता हूँ कि सुलेमान बादशाह अपनी पूरी शानो-शौकत के बावुजूद ऐसे शानदार कपड़ों से मुलब्बस नहीं था जैसे उनमें से एक।
Matt UrduGeoD 6:30  अगर अल्लाह उस घास को जो आज मैदान में है और कल आग में झोंकी जाएगी ऐसा शानदार लिबास पहनाता है तो ऐ कमएतक़ादो, वह तुमको पहनाने के लिए क्या कुछ नहीं करेगा?
Matt UrduGeoD 6:31  चुनाँचे परेशानी के आलम में फ़िकर करते करते यह न कहते रहो, ‘हम क्या खाएँ? हम क्या पिएँ? हम क्या पहनें?’
Matt UrduGeoD 6:32  क्योंकि जो ईमान नहीं रखते वही इन तमाम चीज़ों के पीछे भागते रहते हैं जबकि तुम्हारे आसमानी बाप को पहले से मालूम है कि तुमको इन तमाम चीज़ों की ज़रूरत है।
Matt UrduGeoD 6:33  पहले अल्लाह की बादशाही और उस की रास्तबाज़ी की तलाश में रहो। फिर यह तमाम चीज़ें भी तुमको मिल जाएँगी।
Matt UrduGeoD 6:34  इसलिए कल के बारे में फ़िकर करते करते परेशान न हो क्योंकि कल का दिन अपने लिए आप फ़िकर कर लेगा। हर दिन की अपनी मुसीबतें काफ़ी हैं।
Chapter 7
Matt UrduGeoD 7:1  दूसरों की अदालत मत करना, वरना तुम्हारी अदालत भी की जाएगी।
Matt UrduGeoD 7:2  क्योंकि जितनी सख़्ती से तुम दूसरों का फ़ैसला करते हो उतनी सख़्ती से तुम्हारा भी फ़ैसला किया जाएगा। और जिस पैमाने से तुम नापते हो उसी पैमाने से तुम भी नापे जाओगे।
Matt UrduGeoD 7:3  तू क्यों ग़ौर से अपने भाई की आँख में पड़े तिनके पर नज़र करता है जबकि तुझे वह शहतीर नज़र नहीं आता जो तेरी अपनी आँख में है?
Matt UrduGeoD 7:4  तू क्योंकर अपने भाई से कह सकता है, ‘ठहरो, मुझे तुम्हारी आँख में पड़ा तिनका निकालने दो,’ जबकि तेरी अपनी आँख में शहतीर है।
Matt UrduGeoD 7:5  रियाकार! पहले अपनी आँख के शहतीर को निकाल। तब ही तुझे भाई का तिनका साफ़ नज़र आएगा और तू उसे अच्छी तरह से देखकर निकाल सकेगा।
Matt UrduGeoD 7:6  कुत्तों को मुक़द्दस ख़ुराक मत खिलाना और सुअरों के आगे अपने मोती न फेंकना। ऐसा न हो कि वह उन्हें पाँवों तले रौंदें और मुड़कर तुमको फाड़ डालें।
Matt UrduGeoD 7:7  माँगते रहो तो तुमको दिया जाएगा। ढूँडते रहो तो तुमको मिल जाएगा। खटखटाते रहो तो तुम्हारे लिए दरवाज़ा खोल दिया जाएगा।
Matt UrduGeoD 7:8  क्योंकि जो भी माँगता है वह पाता है, जो ढूँडता है उसे मिलता है, और जो खटखटाता है उसके लिए दरवाज़ा खोल दिया जाता है।
Matt UrduGeoD 7:9  तुममें से कौन अपने बेटे को पत्थर देगा अगर वह रोटी माँगे?
Matt UrduGeoD 7:10  या कौन उसे साँप देगा अगर वह मछली माँगे? कोई नहीं!
Matt UrduGeoD 7:11  जब तुम बुरे होने के बावुजूद इतने समझदार हो कि अपने बच्चों को अच्छी चीज़ें दे सकते हो तो फिर कितनी ज़्यादा यक़ीनी बात है कि तुम्हारा आसमानी बाप माँगनेवालों को अच्छी चीज़ें देगा।
Matt UrduGeoD 7:12  हर बात में दूसरों के साथ वही सुलूक करो जो तुम चाहते हो कि वह तुम्हारे साथ करें। क्योंकि यही शरीअत और नबियों की तालीमात का लुब्बे-लुबाब है।
Matt UrduGeoD 7:13  तंग दरवाज़े से दाख़िल हो, क्योंकि हलाकत की तरफ़ ले जानेवाला रास्ता कुशादा और उसका दरवाज़ा चौड़ा है। बहुत-से लोग उसमें दाख़िल हो जाते हैं।
Matt UrduGeoD 7:14  लेकिन ज़िंदगी की तरफ़ ले जानेवाला रास्ता तंग है और उसका दरवाज़ा छोटा। कम ही लोग उसे पाते हैं।
Matt UrduGeoD 7:15  झूटे नबियों से ख़बरदार रहो! गो वह भेड़ों का भेस बदलकर तुम्हारे पास आते हैं, लेकिन अंदर से वह ग़ारतगर भेड़िये होते हैं।
Matt UrduGeoD 7:16  उनका फल देखकर तुम उन्हें पहचान लोगे। क्या ख़ारदार झाड़ियों से अंगूर तोड़े जाते हैं या ऊँटकटारों से अंजीर? हरगिज़ नहीं।
Matt UrduGeoD 7:17  इसी तरह अच्छा दरख़्त अच्छा फल लाता है और ख़राब दरख़्त ख़राब फल।
Matt UrduGeoD 7:18  न अच्छा दरख़्त ख़राब फल ला सकता है, न ख़राब दरख़्त अच्छा फल।
Matt UrduGeoD 7:19  जो भी दरख़्त अच्छा फल नहीं लाता उसे काटकर आग में झोंका जाता है।
Matt UrduGeoD 7:20  यों तुम उनका फल देखकर उन्हें पहचान लोगे।
Matt UrduGeoD 7:21  जो मुझे ‘ख़ुदावंद, ख़ुदावंद’ कहते हैं उनमें से सब आसमान की बादशाही में दाख़िल न होंगे बल्कि सिर्फ़ वह जो मेरे आसमानी बाप की मरज़ी पर अमल करते हैं।
Matt UrduGeoD 7:22  अदालत के दिन बहुत-से लोग मुझसे कहेंगे, ‘ऐ ख़ुदावंद, ख़ुदावंद! क्या हमने तेरे ही नाम में नबुव्वत नहीं की, तेरे ही नाम से बदरूहें नहीं निकालीं, तेरे ही नाम से मोजिज़े नहीं किए?’
Matt UrduGeoD 7:23  उस वक़्त मैं उनसे साफ़ साफ़ कह दूँगा, ‘मेरी कभी तुमसे जान पहचान न थी। ऐ बदकारो! मेरे सामने से चले जाओ।’
Matt UrduGeoD 7:24  लिहाज़ा जो भी मेरी यह बातें सुनकर उन पर अमल करता है वह उस समझदार आदमी की मानिंद है जिसने अपने मकान की बुनियाद चटान पर रखी।
Matt UrduGeoD 7:25  बारिश होने लगी, सैलाब आया और आँधी मकान को झँझोड़ने लगी। लेकिन वह न गिरा, क्योंकि उस की बुनियाद चटान पर रखी गई थी।
Matt UrduGeoD 7:26  लेकिन जो भी मेरी यह बातें सुनकर उन पर अमल नहीं करता वह उस अहमक़ की मानिंद है जिसने अपना मकान सहीह बुनियाद डाले बग़ैर रेत पर तामीर किया।
Matt UrduGeoD 7:27  जब बारिश होने लगी, सैलाब आया और आँधी मकान को झँझोड़ने लगी तो यह मकान धड़ाम से गिर गया।”
Matt UrduGeoD 7:28  जब ईसा ने यह बातें ख़त्म कर लीं तो लोग उस की तालीम सुनकर हक्का-बक्का रह गए,
Matt UrduGeoD 7:29  क्योंकि वह उनके उलमा की तरह नहीं बल्कि इख़्तियार के साथ सिखाता था।
Chapter 8
Matt UrduGeoD 8:1  ईसा पहाड़ से उतरा तो बड़ी भीड़ उसके पीछे चलने लगी।
Matt UrduGeoD 8:2  फिर एक आदमी उसके पास आया जो कोढ़ का मरीज़ था। मुँह के बल गिरकर उसने कहा, “ख़ुदावंद, अगर आप चाहें तो मुझे पाक-साफ़ कर सकते हैं।”
Matt UrduGeoD 8:3  ईसा ने अपना हाथ बढ़ाकर उसे छुआ और कहा, “मैं चाहता हूँ, पाक-साफ़ हो जा।” इस पर वह फ़ौरन उस बीमारी से पाक-साफ़ हो गया।
Matt UrduGeoD 8:4  ईसा ने उससे कहा, “ख़बरदार! यह बात किसी को न बताना बल्कि बैतुल-मुक़द्दस में इमाम के पास जा ताकि वह तेरा मुआयना करे। अपने साथ वह क़ुरबानी ले जा जिसका तक़ाज़ा मूसा की शरीअत उनसे करती है जिन्हें कोढ़ से शफ़ा मिली है। यों अलानिया तसदीक़ हो जाएगी कि तू वाक़ई पाक-साफ़ हो गया है।”
Matt UrduGeoD 8:5  जब ईसा कफ़र्नहूम में दाख़िल हुआ तो सौ फ़ौजियों पर मुक़र्रर एक अफ़सर उसके पास आकर उस की मिन्नत करने लगा,
Matt UrduGeoD 8:6  “ख़ुदावंद, मेरा ग़ुलाम मफ़लूज हालत में घर में पड़ा है, और उसे शदीद दर्द हो रहा है।”
Matt UrduGeoD 8:7  ईसा ने उससे कहा, “मैं आकर उसे शफ़ा दूँगा।”
Matt UrduGeoD 8:8  अफ़सर ने जवाब दिया, “नहीं ख़ुदावंद, मैं इस लायक़ नहीं कि आप मेरे घर जाएँ। बस यहीं से हुक्म करें तो मेरा ग़ुलाम शफ़ा पा जाएगा।
Matt UrduGeoD 8:9  क्योंकि मुझे ख़ुद आला अफ़सरों के हुक्म पर चलना पड़ता है और मेरे मातहत भी फ़ौजी हैं। एक को कहता हूँ, ‘जा!’ तो वह जाता है और दूसरे को ‘आ!’ तो वह आता है। इसी तरह मैं अपने नौकर को हुक्म देता हूँ, ‘यह कर’ तो वह करता है।”
Matt UrduGeoD 8:10  यह सुनकर ईसा निहायत हैरान हुआ। उसने मुड़कर अपने पीछे आनेवालों से कहा, “मैं तुमको सच बताता हूँ, मैंने इसराईल में भी इस क़िस्म का ईमान नहीं पाया।
Matt UrduGeoD 8:11  मैं तुम्हें बताता हूँ, बहुत-से लोग मशरिक़ और मग़रिब से आकर इब्राहीम, इसहाक़ और याक़ूब के साथ आसमान की बादशाही की ज़ियाफ़त में शरीक होंगे।
Matt UrduGeoD 8:12  लेकिन बादशाही के असल वारिसों को निकालकर अंधेरे में डाल दिया जाएगा, उस जगह जहाँ लोग रोते और दाँत पीसते रहेंगे।”
Matt UrduGeoD 8:13  फिर ईसा अफ़सर से मुख़ातिब हुआ, “जा, तेरे साथ वैसा ही हो जैसा तेरा ईमान है।” और अफ़सर के ग़ुलाम को उसी घड़ी शफ़ा मिल गई।
Matt UrduGeoD 8:14  ईसा पतरस के घर में आया। वहाँ उसने पतरस की सास को बिस्तर पर पड़े देखा। उसे बुख़ार था।
Matt UrduGeoD 8:15  उसने उसका हाथ छू लिया तो बुख़ार उतर गया और वह उठकर उस की ख़िदमत करने लगी।
Matt UrduGeoD 8:16  शाम हुई तो बदरूहों की गिरिफ़्त में पड़े बहुत-से लोगों को ईसा के पास लाया गया। उसने बदरूहों को हुक्म देकर निकाल दिया और तमाम मरीज़ों को शफ़ा दी।
Matt UrduGeoD 8:17  यों यसायाह नबी की यह पेशगोई पूरी हुई कि “उसने हमारी कमज़ोरियाँ ले लीं और हमारी बीमारियाँ उठा लीं।”
Matt UrduGeoD 8:18  जब ईसा ने अपने गिर्द बड़ा हुजूम देखा तो उसने शागिर्दों को झील पार करने का हुक्म दिया।
Matt UrduGeoD 8:19  रवाना होने से पहले शरीअत का एक आलिम उसके पास आकर कहने लगा, “उस्ताद, जहाँ भी आप जाएंगे मैं आपके पीछे चलता रहूँगा।”
Matt UrduGeoD 8:20  ईसा ने जवाब दिया, “लोमड़ियाँ अपने भटों में और परिंदे अपने घोंसलों में आराम कर सकते हैं, लेकिन इब्ने-आदम के पास सर रखकर आराम करने की कोई जगह नहीं।”
Matt UrduGeoD 8:21  किसी और शागिर्द ने उससे कहा, “ख़ुदावंद, मुझे पहले जाकर अपने बाप को दफ़न करने की इजाज़त दें।”
Matt UrduGeoD 8:22  लेकिन ईसा ने उसे बताया, “मेरे पीछे हो ले और मुरदों को अपने मुरदे दफ़न करने दे।”
Matt UrduGeoD 8:23  फिर वह कश्ती पर सवार हुआ और उसके पीछे उसके शागिर्द भी।
Matt UrduGeoD 8:24  अचानक झील पर सख़्त आँधी चलने लगी और कश्ती लहरों में डूबने लगी। लेकिन ईसा सो रहा था।
Matt UrduGeoD 8:25  शागिर्द उसके पास गए और उसे जगाकर कहने लगे, “ख़ुदावंद, हमें बचा, हम तबाह हो रहे हैं!”
Matt UrduGeoD 8:26  उसने जवाब दिया, “ऐ कमएतक़ादो! घबराते क्यों हो?” खड़े होकर उसने आँधी और मौजों को डाँटा तो लहरें बिलकुल साकित हो गईं।
Matt UrduGeoD 8:27  शागिर्द हैरान होकर कहने लगे, “यह किस क़िस्म का शख़्स है? हवा और झील भी उसका हुक्म मानती हैं।”
Matt UrduGeoD 8:28  वह झील के पार गदरीनियों के इलाक़े में पहुँचे तो बदरूह-गिरिफ़्ता दो आदमी क़ब्रों में से निकलकर ईसा को मिले। वह इतने ख़तरनाक थे कि वहाँ से कोई गुज़र नहीं सकता था।
Matt UrduGeoD 8:29  चीख़ें मार मारकर उन्होंने कहा, “अल्लाह के फ़रज़ंद, हमारा आपके साथ क्या वास्ता? क्या आप हमें मुक़र्ररा वक़्त से पहले अज़ाब में डालने आए हैं?”
Matt UrduGeoD 8:30  कुछ फ़ासले पर सुअरों का बड़ा ग़ोल चर रहा था।
Matt UrduGeoD 8:31  बदरूहों ने ईसा से इल्तिजा की, “अगर आप हमें निकालते हैं तो सुअरों के उस ग़ोल में भेज दें।”
Matt UrduGeoD 8:32  ईसा ने उन्हें हुक्म दिया, “जाओ।” बदरूहें निकलकर सुअरों में जा घुसीं। इस पर पूरे का पूरा ग़ोल भाग भागकर पहाड़ी की ढलान पर से उतरा और झील में झपटकर डूब मरा।
Matt UrduGeoD 8:33  यह देखकर सुअरों के गल्लाबान भाग गए। शहर में जाकर उन्होंने लोगों को सब कुछ सुनाया और वह भी जो बदरूह-गिरिफ़्ता आदमियों के साथ हुआ था।
Matt UrduGeoD 8:34  फिर पूरा शहर निकलकर ईसा को मिलने आया। उसे देखकर उन्होंने उस की मिन्नत की कि हमारे इलाक़े से चले जाएँ।
Chapter 9
Matt UrduGeoD 9:1  कश्ती में बैठकर ईसा ने झील को पार किया और अपने शहर पहुँच गया।
Matt UrduGeoD 9:2  वहाँ एक मफ़लूज आदमी को चारपाई पर डालकर उसके पास लाया गया। उनका ईमान देखकर ईसा ने कहा, “बेटा, हौसला रख। तेरे गुनाह मुआफ़ कर दिए गए हैं।”
Matt UrduGeoD 9:3  यह सुनकर शरीअत के कुछ उलमा दिल में कहने लगे, “यह कुफ़र बक रहा है!”
Matt UrduGeoD 9:4  ईसा ने जान लिया कि यह क्या सोच रहे हैं, इसलिए उसने उनसे पूछा,
Matt UrduGeoD 9:5  “तुम दिल में बुरी बातें क्यों सोच रहे हो? क्या मफ़लूज से यह कहना ज़्यादा आसान है कि ‘तेरे गुनाह मुआफ़ कर दिए गए हैं’ या यह कि ‘उठ और चल-फिर?’
Matt UrduGeoD 9:6  लेकिन मैं तुमको दिखाता हूँ कि इब्ने-आदम को वाक़ई दुनिया में गुनाह मुआफ़ करने का इख़्तियार है।” यह कहकर वह मफ़लूज से मुख़ातिब हुआ, “उठ, अपनी चारपाई उठाकर घर चला जा।”
Matt UrduGeoD 9:7  वह आदमी खड़ा हुआ और अपने घर चला गया।
Matt UrduGeoD 9:8  यह देखकर हुजूम पर अल्लाह का ख़ौफ़ तारी हो गया और वह अल्लाह की तमजीद करने लगे कि उसने इनसान को इस क़िस्म का इख़्तियार दिया है।
Matt UrduGeoD 9:9  आगे जाकर ईसा ने एक आदमी को देखा जो टैक्स लेनेवालों की चौकी पर बैठा था। उसका नाम मत्ती था। ईसा ने उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।” और मत्ती उठकर उसके पीछे हो लिया।
Matt UrduGeoD 9:10  बाद में ईसा मत्ती के घर में खाना खा रहा था। बहुत-से टैक्स लेनेवाले और गुनाहगार भी आकर ईसा और उसके शागिर्दों के साथ खाने में शरीक हुए।
Matt UrduGeoD 9:11  यह देखकर फ़रीसियों ने उसके शागिर्दों से पूछा, “आपका उस्ताद टैक्स लेनेवालों और गुनाहगारों के साथ क्यों खाता है?”
Matt UrduGeoD 9:12  यह सुनकर ईसा ने कहा, “सेहतमंदों को डाक्टर की ज़रूरत नहीं होती बल्कि मरीज़ों को।
Matt UrduGeoD 9:13  पहले जाओ और कलामे-मुक़द्दस की इस बात का मतलब जान लो कि ‘मैं क़ुरबानी नहीं बल्कि रहम पसंद करता हूँ।’ क्योंकि मैं रास्तबाज़ों को नहीं बल्कि गुनाहगारों को बुलाने आया हूँ।”
Matt UrduGeoD 9:14  फिर यहया के शागिर्द उसके पास आए और पूछा, “आपके शागिर्द रोज़ा क्यों नहीं रखते जबकि हम और फ़रीसी रोज़ा रखते हैं?”
Matt UrduGeoD 9:15  ईसा ने जवाब दिया, “शादी के मेहमान किस तरह मातम कर सकते हैं जब तक दूल्हा उनके दरमियान है? लेकिन एक दिन आएगा जब दूल्हा उनसे ले लिया जाएगा। उस वक़्त वह ज़रूर रोज़ा रखेंगे।
Matt UrduGeoD 9:16  कोई भी नए कपड़े का टुकड़ा किसी पुराने लिबास में नहीं लगाता। अगर वह ऐसा करे तो नया टुकड़ा बाद में सुकड़कर पुराने लिबास से अलग हो जाएगा। यों पुराने लिबास की फटी हुई जगह पहले की निसबत ज़्यादा ख़राब हो जाएगी।
Matt UrduGeoD 9:17  इसी तरह अंगूर का ताज़ा रस पुरानी और बे-लचक मशकों में नहीं डाला जाता। अगर ऐसा किया जाए तो पुरानी मशकें पैदा होनेवाली गैस के बाइस फट जाएँगी। नतीजे में मै और मशकें दोनों ज़ाया हो जाएँगी। इसलिए अंगूर का ताज़ा रस नई मशकों में डाला जाता है जो लचकदार होती हैं। यों रस और मशकें दोनों ही महफ़ूज़ रहते हैं।”
Matt UrduGeoD 9:18  ईसा अभी यह बयान कर रहा था कि एक यहूदी राहनुमा ने गिरकर उसे सिजदा किया और कहा, “मेरी बेटी अभी अभी मरी है। लेकिन आकर अपना हाथ उस पर रखें तो वह दुबारा ज़िंदा हो जाएगी।”
Matt UrduGeoD 9:19  ईसा उठकर अपने शागिर्दों समेत उसके साथ हो लिया।
Matt UrduGeoD 9:20  चलते चलते एक औरत ने पीछे से आकर ईसा के लिबास का किनारा छुआ। यह औरत बारह साल से ख़ून बहने की मरीज़ा थी
Matt UrduGeoD 9:21  और वह सोच रही थी, “अगर मैं सिर्फ़ उसके लिबास को ही छू लूँ तो शफ़ा पा लूँगी।”
Matt UrduGeoD 9:22  ईसा ने मुड़कर उसे देखा और कहा, “बेटी, हौसला रख! तेरे ईमान ने तुझे बचा लिया है।” और औरत को उसी वक़्त शफ़ा मिल गई।
Matt UrduGeoD 9:23  फिर ईसा राहनुमा के घर में दाख़िल हुआ। बाँसरी बजानेवाले और बहुत-से लोग पहुँच चुके थे और बहुत शोर-शराबा था। यह देखकर
Matt UrduGeoD 9:24  ईसा ने कहा, “निकल जाओ! लड़की मर नहीं गई बल्कि सो रही है।” लोग हँसकर उसका मज़ाक़ उड़ाने लगे।
Matt UrduGeoD 9:25  लेकिन जब सबको निकाल दिया गया तो वह अंदर गया। उसने लड़की का हाथ पकड़ा तो वह उठ खड़ी हुई।
Matt UrduGeoD 9:26  इस मोजिज़े की ख़बर उस पूरे इलाक़े में फैल गई।
Matt UrduGeoD 9:27  जब ईसा वहाँ से रवाना हुआ तो दो अंधे उसके पीछे चलकर चिल्लाने लगे, “इब्ने-दाऊद, हम पर रहम करें।”
Matt UrduGeoD 9:28  जब ईसा किसी के घर में दाख़िल हुआ तो वह उसके पास आए। ईसा ने उनसे पूछा, “क्या तुम्हारा ईमान है कि मैं यह कर सकता हूँ?” उन्होंने जवाब दिया, “जी, ख़ुदावंद।”
Matt UrduGeoD 9:29  फिर उसने उनकी आँखें छूकर कहा, “तुम्हारे साथ तुम्हारे ईमान के मुताबिक़ हो जाए।”
Matt UrduGeoD 9:30  उनकी आँखें बहाल हो गईं और ईसा ने सख़्ती से उन्हें कहा, “ख़बरदार, किसी को भी इसका पता न चले!”
Matt UrduGeoD 9:31  लेकिन वह निकलकर पूरे इलाक़े में उस की ख़बर फैलाने लगे।
Matt UrduGeoD 9:32  जब वह निकल रहे थे तो एक गूँगा आदमी ईसा के पास लाया गया जो किसी बदरूह के क़ब्ज़े में था।
Matt UrduGeoD 9:33  जब बदरूह को निकाला गया तो गूँगा बोलने लगा। हुजूम हैरान रह गया। उन्होंने कहा, “ऐसा काम इसराईल में कभी नहीं देखा गया।”
Matt UrduGeoD 9:34  लेकिन फ़रीसियों ने कहा, “वह बदरूहों के सरदार ही की मदद से बदरूहों को निकालता है।”
Matt UrduGeoD 9:35  और ईसा सफ़र करते करते तमाम शहरों और गाँवों में से गुज़रा। जहाँ भी वह पहुँचा वहाँ उसने उनके इबादतख़ानों में तालीम दी, बादशाही की ख़ुशख़बरी सुनाई और हर क़िस्म के मरज़ और अलालत से शफ़ा दी।
Matt UrduGeoD 9:36  हुजूम को देखकर उसे उन पर बड़ा तरस आया, क्योंकि वह पिसे हुए और बेबस थे, ऐसी भेड़ों की तरह जिनका चरवाहा न हो।
Matt UrduGeoD 9:37  उसने अपने शागिर्दों से कहा, “फ़सल बहुत है, लेकिन मज़दूर कम।
Matt UrduGeoD 9:38  इसलिए फ़सल के मालिक से गुज़ारिश करो कि वह अपनी फ़सल काटने के लिए मज़ीद मज़दूर भेज दे।”
Chapter 10
Matt UrduGeoD 10:1  फिर ईसा ने अपने बारह रसूलों को बुलाकर उन्हें नापाक रूहें निकालने और हर क़िस्म के मरज़ और अलालत से शफ़ा देने का इख़्तियार दिया।
Matt UrduGeoD 10:2  बारह रसूलों के नाम यह हैं : पहला शमौन जो पतरस भी कहलाता है, फिर उसका भाई अंदरियास, याक़ूब बिन ज़बदी और उसका भाई यूहन्ना,
Matt UrduGeoD 10:3  फ़िलिप्पुस, बरतुलमाई, तोमा, मत्ती (जो टैक्स लेनेवाला था), याक़ूब बिन हलफ़ई, तद्दी,
Matt UrduGeoD 10:4  शमौन मुजाहिद और यहूदाह इस्करियोती जिसने बाद में उसे दुश्मनों के हवाले कर दिया।
Matt UrduGeoD 10:5  इन बारह मर्दों को ईसा ने भेज दिया। साथ साथ उसने उन्हें हिदायत दी, “ग़ैरयहूदी आबादियों में न जाना, न किसी सामरी शहर में,
Matt UrduGeoD 10:6  बल्कि सिर्फ़ इसराईल की खोई हुई भेड़ों के पास।
Matt UrduGeoD 10:7  और चलते चलते मुनादी करते जाओ कि ‘आसमान की बादशाही क़रीब आ चुकी है।’
Matt UrduGeoD 10:8  बीमारों को शफ़ा दो, मुरदों को ज़िंदा करो, कोढ़ियों को पाक-साफ़ करो, बदरूहों को निकालो। तुमको मुफ़्त में मिला है, मुफ़्त में ही बाँटना।
Matt UrduGeoD 10:9  अपने कमरबंद में पैसे न रखना—न सोने, न चाँदी और न ताँबे के सिक्के।
Matt UrduGeoD 10:10  न सफ़र के लिए बैग हो, न एक से ज़्यादा सूट, न जूते, न लाठी। क्योंकि मज़दूर अपनी रोज़ी का हक़दार है।
Matt UrduGeoD 10:11  जिस शहर या गाँव में दाख़िल होते हो उसमें किसी लायक़ शख़्स का पता करो और रवाना होते वक़्त तक उसी के घर में ठहरो।
Matt UrduGeoD 10:12  घर में दाख़िल होते वक़्त उसे दुआए-ख़ैर दो।
Matt UrduGeoD 10:13  अगर वह घर इस लायक़ होगा तो जो सलामती तुमने उसके लिए माँगी है वह उस पर आकर ठहरी रहेगी। अगर नहीं तो यह सलामती तुम्हारे पास लौट आएगी।
Matt UrduGeoD 10:14  अगर कोई घराना या शहर तुमको क़बूल न करे, न तुम्हारी सुने तो रवाना होते वक़्त उस जगह की गर्द अपने पाँवों से झाड़ देना।
Matt UrduGeoD 10:15  मैं तुम्हें सच बताता हूँ, अदालत के दिन उस शहर की निसबत सदूम और अमूरा के इलाक़े का हाल ज़्यादा क़ाबिले-बरदाश्त होगा।
Matt UrduGeoD 10:16  देखो, मैं तुम भेड़ों को भेड़ियों में भेज रहा हूँ। इसलिए साँपों की तरह होशियार और कबूतरों की तरह मासूम बनो।
Matt UrduGeoD 10:17  लोगों से ख़बरदार रहो, क्योंकि वह तुमको मक़ामी अदालतों के हवाले करके अपने इबादतख़ानों में कोड़े लगवाएँगे।
Matt UrduGeoD 10:18  मेरी ख़ातिर तुम्हें हुक्मरानों और बादशाहों के सामने पेश किया जाएगा और यों तुमको उन्हें और ग़ैरयहूदियों को गवाही देने का मौक़ा मिलेगा।
Matt UrduGeoD 10:19  जब वह तुम्हें गिरिफ़्तार करेंगे तो यह सोचते सोचते परेशान न हो जाना कि मैं क्या कहूँ या किस तरह बात करूँ। उस वक़्त तुमको बताया जाएगा कि क्या कहना है,
Matt UrduGeoD 10:20  क्योंकि तुम ख़ुद बात नहीं करोगे बल्कि तुम्हारे बाप का रूह तुम्हारी मारिफ़त बोलेगा।
Matt UrduGeoD 10:21  भाई अपने भाई को और बाप अपने बच्चे को मौत के हवाले करेगा। बच्चे अपने वालिदैन के ख़िलाफ़ खड़े होकर उन्हें क़त्ल करवाएँगे।
Matt UrduGeoD 10:22  सब तुमसे नफ़रत करेंगे, इसलिए कि तुम मेरे पैरोकार हो। लेकिन जो आख़िर तक क़ायम रहेगा उसे नजात मिलेगी।
Matt UrduGeoD 10:23  जब वह एक शहर में तुम्हें सताएँगे तो किसी दूसरे शहर को हिजरत कर जाना। मैं तुमको सच बताता हूँ कि इब्ने-आदम की आमद तक तुम इसराईल के तमाम शहरों तक नहीं पहुँच पाओगे।
Matt UrduGeoD 10:24  शागिर्द अपने उस्ताद से बड़ा नहीं होता, न ग़ुलाम अपने मालिक से।
Matt UrduGeoD 10:25  शागिर्द को इस पर इकतिफ़ा करना है कि वह अपने उस्ताद की मानिंद हो, और इसी तरह ग़ुलाम को कि वह अपने मालिक की मानिंद हो। घराने के सरपरस्त को अगर बदरूहों का सरदार बाल-ज़बूल क़रार दिया गया है तो उसके घरवालों को क्या कुछ न कहा जाएगा।
Matt UrduGeoD 10:26  उनसे मत डरना, क्योंकि जो कुछ अभी छुपा हुआ है उसे आख़िर में ज़ाहिर किया जाएगा, और जो कुछ भी इस वक़्त पोशीदा है उसका राज़ आख़िर में खुल जाएगा।
Matt UrduGeoD 10:27  जो कुछ मैं तुम्हें अंधेरे में सुना रहा हूँ उसे रोज़े-रौशन में सुना देना। और जो कुछ आहिस्ता आहिस्ता तुम्हारे कान में बताया गया है उसका छतों से एलान करो।
Matt UrduGeoD 10:28  उनसे ख़ौफ़ मत खाना जो तुम्हारी रूह को नहीं बल्कि सिर्फ़ तुम्हारे जिस्म को क़त्ल कर सकते हैं। अल्लाह से डरो जो रूह और जिस्म दोनों को जहन्नुम में डालकर हलाक कर सकता है।
Matt UrduGeoD 10:29  क्या चिड़ियों का जोड़ा कम पैसों में नहीं बिकता? ताहम उनमें से एक भी तुम्हारे बाप की इजाज़त के बग़ैर ज़मीन पर नहीं गिर सकती।
Matt UrduGeoD 10:30  न सिर्फ़ यह बल्कि तुम्हारे सर के सब बाल भी गिने हुए हैं।
Matt UrduGeoD 10:31  लिहाज़ा मत डरो। तुम्हारी क़दरो-क़ीमत बहुत-सी चिड़ियों से कहीं ज़्यादा है।
Matt UrduGeoD 10:32  जो भी लोगों के सामने मेरा इक़रार करे उसका इक़रार मैं ख़ुद भी अपने आसमानी बाप के सामने करूँगा।
Matt UrduGeoD 10:33  लेकिन जो भी लोगों के सामने मेरा इनकार करे उसका मैं भी अपने आसमानी बाप के सामने इनकार करूँगा।
Matt UrduGeoD 10:34  यह मत समझो कि मैं दुनिया में सुलह-सलामती क़ायम करने आया हूँ। मैं सुलह-सलामती नहीं बल्कि तलवार चलवाने आया हूँ।
Matt UrduGeoD 10:35  मैं बेटे को उसके बाप के ख़िलाफ़ खड़ा करने आया हूँ, बेटी को उस की माँ के ख़िलाफ़ और बहू को उस की सास के ख़िलाफ़।
Matt UrduGeoD 10:36  इनसान के दुश्मन उसके अपने घरवाले होंगे।
Matt UrduGeoD 10:37  जो अपने बाप या माँ को मुझसे ज़्यादा प्यार करे वह मेरे लायक़ नहीं। जो अपने बेटे या बेटी को मुझसे ज़्यादा प्यार करे वह मेरे लायक़ नहीं।
Matt UrduGeoD 10:38  जो अपनी सलीब उठाकर मेरे पीछे न हो ले वह मेरे लायक़ नहीं।
Matt UrduGeoD 10:39  जो भी अपनी जान को बचाए वह उसे खो देगा, लेकिन जो अपनी जान को मेरी ख़ातिर खो दे वह उसे पाएगा।
Matt UrduGeoD 10:40  जो तुम्हें क़बूल करे वह मुझे क़बूल करता है, और जो मुझे क़बूल करता है वह उसको क़बूल करता है जिसने मुझे भेजा है।
Matt UrduGeoD 10:41  जो किसी नबी को क़बूल करे उसे नबी का-सा अज्र मिलेगा। और जो किसी रास्तबाज़ शख़्स को उस की रास्तबाज़ी के सबब से क़बूल करे उसे रास्तबाज़ शख़्स का-सा अज्र मिलेगा।
Matt UrduGeoD 10:42  मैं तुमको सच बताता हूँ कि जो इन छोटों में से किसी एक को मेरा शागिर्द होने के बाइस ठंडे पानी का गलास भी पिलाए उसका अज्र क़ायम रहेगा।”
Chapter 11
Matt UrduGeoD 11:1  अपने शागिर्दों को यह हिदायात देने के बाद ईसा उनके शहरों में तालीम देने और मुनादी करने के लिए रवाना हुआ।
Matt UrduGeoD 11:2  यहया ने जो उस वक़्त जेल में था सुना कि ईसा क्या क्या कर रहा है। इस पर उसने अपने शागिर्दों को उसके पास भेज दिया
Matt UrduGeoD 11:3  ताकि वह उससे पूछें, “क्या आप वही हैं जिसे आना है या हम किसी और के इंतज़ार में रहें?”
Matt UrduGeoD 11:4  ईसा ने जवाब दिया, “यहया के पास वापस जाकर उसे सब कुछ बता देना जो तुमने देखा और सुना है।
Matt UrduGeoD 11:5  ‘अंधे देखते, लँगड़े चलते-फिरते हैं, कोढ़ियों को पाक-साफ़ किया जाता है, बहरे सुनते हैं, मुरदों को ज़िंदा किया जाता है और ग़रीबों को अल्लाह की ख़ुशख़बरी सुनाई जाती है।’
Matt UrduGeoD 11:6  मुबारक है वह जो मेरे सबब से ठोकर खाकर बरगश्ता नहीं होता।”
Matt UrduGeoD 11:7  यहया के यह शागिर्द चले गए तो ईसा हुजूम से यहया के बारे में बात करने लगा, “तुम रेगिस्तान में क्या देखने गए थे? एक सरकंडा जो हवा के हर झोंके से हिलता है? बेशक नहीं।
Matt UrduGeoD 11:8  या क्या वहाँ जाकर ऐसे आदमी की तवक़्क़ो कर रहे थे जो नफ़ीस और मुलायम लिबास पहने हुए है? नहीं, जो शानदार कपड़े पहनते हैं वह शाही महलों में पाए जाते हैं।
Matt UrduGeoD 11:9  तो फिर तुम क्या देखने गए थे? एक नबी को? बिलकुल सहीह, बल्कि मैं तुमको बताता हूँ कि वह नबी से भी बड़ा है।
Matt UrduGeoD 11:10  उसी के बारे में कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, ‘देख, मैं अपने पैग़ंबर को तेरे आगे आगे भेज देता हूँ जो तेरे सामने रास्ता तैयार करेगा।’
Matt UrduGeoD 11:11  मैं तुमको सच बताता हूँ कि इस दुनिया में पैदा होनेवाला कोई भी शख़्स यहया से बड़ा नहीं है। तो भी आसमान की बादशाही में दाख़िल होनेवाला सबसे छोटा शख़्स उससे बड़ा है।
Matt UrduGeoD 11:12  यहया बपतिस्मा देनेवाले की ख़िदमत से लेकर आज तक आसमान की बादशाही पर ज़बरदस्ती की जा रही है, और ज़बरदस्त उसे छीन रहे हैं।
Matt UrduGeoD 11:13  क्योंकि तमाम नबी और तौरेत ने यहया के दौर तक इसके बारे में पेशगोई की है।
Matt UrduGeoD 11:14  और अगर तुम यह मानने के लिए तैयार हो तो मानो कि वह इलियास नबी है जिसे आना था।
Matt UrduGeoD 11:15  जो सुन सकता है वह सुन ले!
Matt UrduGeoD 11:16  मैं इस नसल को किससे तशबीह दूँ? वह उन बच्चों की मानिंद हैं जो बाज़ार में बैठे खेल रहे हैं। उनमें से कुछ ऊँची आवाज़ से दूसरे बच्चों से शिकायत कर रहे हैं,
Matt UrduGeoD 11:17  ‘हमने बाँसरी बजाई तो तुम न नाचे। फिर हमने नोहा के गीत गाए, लेकिन तुमने छाती पीटकर मातम न किया।’
Matt UrduGeoD 11:18  देखो, यहया आया और न खाया, न पिया। यह देखकर लोग कहते हैं कि उसमें बदरूह है।
Matt UrduGeoD 11:19  फिर इब्ने-आदम खाता और पीता हुआ आया। अब कहते हैं, ‘देखो यह कैसा पेटू और शराबी है। और वह टैक्स लेनेवालों और गुनाहगारों का दोस्त भी है।’ लेकिन हिकमत अपने आमाल से ही सहीह साबित हुई है।”
Matt UrduGeoD 11:20  फिर ईसा उन शहरों को डाँटने लगा जिनमें उसने ज़्यादा मोजिज़े किए थे, क्योंकि उन्होंने तौबा नहीं की थी।
Matt UrduGeoD 11:21  “ऐ ख़ुराज़ीन, तुझ पर अफ़सोस! बैत-सैदा, तुझ पर अफ़सोस! अगर सूर और सैदा में वह मोजिज़े किए गए होते जो तुममें हुए तो वहाँ के लोग कब के टाट ओढ़कर और सर पर राख डालकर तौबा कर चुके होते।
Matt UrduGeoD 11:22  जी हाँ, अदालत के दिन तुम्हारी निसबत सूर और सैदा का हाल ज़्यादा क़ाबिले-बरदाश्त होगा।
Matt UrduGeoD 11:23  और ऐ कफ़र्नहूम, क्या तुझे आसमान तक सरफ़राज़ किया जाएगा? हरगिज़ नहीं, बल्कि तू उतरता उतरता पाताल तक पहुँचेगा। अगर सदूम में वह मोजिज़े किए गए होते जो तुझमें हुए हैं तो वह आज तक क़ायम रहता।
Matt UrduGeoD 11:24  हाँ, अदालत के दिन तेरी निसबत सदूम का हाल ज़्यादा क़ाबिले-बरदाश्त होगा।”
Matt UrduGeoD 11:25  उस वक़्त ईसा ने कहा, “ऐ बाप, आसमानो-ज़मीन के मालिक! मैं तेरी तमजीद करता हूँ कि तूने यह बातें दानाओं और अक़्लमंदों से छुपाकर छोटे बच्चों पर ज़ाहिर कर दी हैं।
Matt UrduGeoD 11:26  हाँ मेरे बाप, यही तुझे पसंद आया।
Matt UrduGeoD 11:27  मेरे बाप ने सब कुछ मेरे सुपुर्द कर दिया है। कोई भी फ़रज़ंद को नहीं जानता सिवाए बाप के। और कोई बाप को नहीं जानता सिवाए फ़रज़ंद के और उन लोगों के जिन पर फ़रज़ंद बाप को ज़ाहिर करना चाहता है।
Matt UrduGeoD 11:28  ऐ थकेमाँदे और बोझ तले दबे हुए लोगो, सब मेरे पास आओ! मैं तुमको आराम दूँगा।
Matt UrduGeoD 11:29  मेरा जुआ अपने ऊपर उठाकर मुझसे सीखो, क्योंकि मैं हलीम और नरमदिल हूँ। यों करने से तुम्हारी जानें आराम पाएँगी,
Matt UrduGeoD 11:30  क्योंकि मेरा जुआ मुलायम और मेरा बोझ हलका है।”
Chapter 12
Matt UrduGeoD 12:1  उन दिनों में ईसा अनाज के खेतों में से गुज़र रहा था। सबत का दिन था। चलते चलते उसके शागिर्दों को भूक लगी और वह अनाज की बालें तोड़ तोड़कर खाने लगे।
Matt UrduGeoD 12:2  यह देखकर फ़रीसियों ने ईसा से शिकायत की, “देखो, आपके शागिर्द ऐसा काम कर रहे हैं जो सबत के दिन मना है।”
Matt UrduGeoD 12:3  ईसा ने जवाब दिया, “क्या तुमने नहीं पढ़ा कि दाऊद ने क्या किया जब उसे और उसके साथियों को भूक लगी?
Matt UrduGeoD 12:4  वह अल्लाह के घर में दाख़िल हुआ और अपने साथियों समेत रब के लिए मख़सूसशुदा रोटियाँ खाईं, अगरचे उन्हें इसकी इजाज़त नहीं थी बल्कि सिर्फ़ इमामों को?
Matt UrduGeoD 12:5  या क्या तुमने तौरेत में नहीं पढ़ा कि गो इमाम सबत के दिन बैतुल-मुक़द्दस में ख़िदमत करते हुए आराम करने का हुक्म तोड़ते हैं तो भी वह बेइलज़ाम ठहरते हैं?
Matt UrduGeoD 12:6  मैं तुम्हें बताता हूँ कि यहाँ वह है जो बैतुल-मुक़द्दस से अफ़ज़ल है।
Matt UrduGeoD 12:7  कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, ‘मैं क़ुरबानी नहीं बल्कि रहम पसंद करता हूँ।’ अगर तुम इसका मतलब समझते तो बेक़ुसूरों को मुजरिम न ठहराते।
Matt UrduGeoD 12:8  क्योंकि इब्ने-आदम सबत का मालिक है।”
Matt UrduGeoD 12:9  वहाँ से चलते चलते वह उनके इबादतख़ाने में दाख़िल हुआ।
Matt UrduGeoD 12:10  उसमें एक आदमी था जिसका हाथ सूखा हुआ था। लोग ईसा पर इलज़ाम लगाने का कोई बहाना तलाश कर रहे थे, इसलिए उन्होंने उससे पूछा, “क्या शरीअत सबत के दिन शफ़ा देने की इजाज़त देती है?”
Matt UrduGeoD 12:11  ईसा ने जवाब दिया, “अगर तुममें से किसी की भेड़ सबत के दिन गढ़े में गिर जाए तो क्या उसे नहीं निकालोगे?
Matt UrduGeoD 12:12  और भेड़ की निसबत इनसान की कितनी ज़्यादा क़दरो-क़ीमत है! ग़रज़ शरीअत नेक काम करने की इजाज़त देती है।”
Matt UrduGeoD 12:13  फिर उसने उस आदमी से जिसका हाथ सूखा हुआ था कहा, “अपना हाथ आगे बढ़ा।” उसने ऐसा किया तो उसका हाथ दूसरे हाथ की मानिंद तनदुरुस्त हो गया।
Matt UrduGeoD 12:14  इस पर फ़रीसी निकलकर आपस में ईसा को क़त्ल करने की साज़िशें करने लगे।
Matt UrduGeoD 12:15  जब ईसा ने यह जान लिया तो वह वहाँ से चला गया। बहुत-से लोग उसके पीछे चल रहे थे। उसने उनके तमाम मरीज़ों को शफ़ा देकर
Matt UrduGeoD 12:16  उन्हें ताकीद की, “किसी को मेरे बारे में न बताओ।”
Matt UrduGeoD 12:17  यों यसायाह नबी की यह पेशगोई पूरी हुई,
Matt UrduGeoD 12:18  ‘देखो, मेरा ख़ादिम जिसे मैंने चुन लिया है, मेरा प्यारा जो मुझे पसंद है। मैं अपने रूह को उस पर डालूँगा, और वह अक़वाम में इनसाफ़ का एलान करेगा।
Matt UrduGeoD 12:19  वह न तो झगड़ेगा, न चिल्लाएगा। गलियों में उस की आवाज़ सुनाई नहीं देगी।
Matt UrduGeoD 12:20  न वह कुचले हुए सरकंडे को तोड़ेगा, न बुझती हुई बत्ती को बुझाएगा जब तक वह इनसाफ़ को ग़लबा न बख़्शे।
Matt UrduGeoD 12:21  उसी के नाम से क़ौमें उम्मीद रखेंगी।’
Matt UrduGeoD 12:22  फिर एक आदमी को ईसा के पास लाया गया जो बदरूह की गिरिफ़्त में था। वह अंधा और गूँगा था। ईसा ने उसे शफ़ा दी तो गूँगा बोलने और देखने लगा।
Matt UrduGeoD 12:23  हुजूम के तमाम लोग हक्का-बक्का रह गए और पूछने लगे, “क्या यह इब्ने-दाऊद नहीं?”
Matt UrduGeoD 12:24  लेकिन जब फ़रीसियों ने यह सुना तो उन्होंने कहा, “यह सिर्फ़ बदरूहों के सरदार बाल-ज़बूल की मारिफ़त बदरूहों को निकालता है।”
Matt UrduGeoD 12:25  उनके यह ख़यालात जानकर ईसा ने उनसे कहा, “जिस बादशाही में फूट पड़ जाए वह तबाह हो जाएगी। और जिस शहर या घराने की ऐसी हालत हो वह भी क़ायम नहीं रह सकता।
Matt UrduGeoD 12:26  इसी तरह अगर इबलीस अपने आपको निकाले तो फिर उसमें फूट पड़ गई है। इस सूरत में उस की बादशाही किस तरह क़ायम रह सकती है?
Matt UrduGeoD 12:27  और अगर मैं बदरूहों को बाल-ज़बूल की मदद से निकालता हूँ तो तुम्हारे बेटे उन्हें किसके ज़रीए निकालते हैं? चुनाँचे वही इस बात में तुम्हारे मुंसिफ़ होंगे।
Matt UrduGeoD 12:28  लेकिन अगर मैं अल्लाह के रूह की मारिफ़त बदरूहों को निकाल देता हूँ तो फिर अल्लाह की बादशाही तुम्हारे पास पहुँच चुकी है।
Matt UrduGeoD 12:29  किसी ज़ोरावर आदमी के घर में घुसकर उसका मालो-असबाब लूटना किस तरह मुमकिन है जब तक कि उसे बाँधा न जाए? फिर ही उसे लूटा जा सकता है।
Matt UrduGeoD 12:30  जो मेरे साथ नहीं वह मेरे ख़िलाफ़ है और जो मेरे साथ जमा नहीं करता वह बिखेरता है।
Matt UrduGeoD 12:31  ग़रज़ मैं तुमको बताता हूँ कि इनसान का हर गुनाह और कुफ़र मुआफ़ किया जा सकेगा सिवाए रूहुल-क़ुद्स के ख़िलाफ़ कुफ़र बकने के। इसे मुआफ़ नहीं किया जाएगा।
Matt UrduGeoD 12:32  जो इब्ने-आदम के ख़िलाफ़ बात करे उसे मुआफ़ किया जा सकेगा, लेकिन जो रूहुल-क़ुद्स के ख़िलाफ़ बात करे उसे न इस जहान में और न आनेवाले जहान में मुआफ़ किया जाएगा।
Matt UrduGeoD 12:33  अच्छे फल के लिए अच्छे दरख़्त की ज़रूरत होती है। ख़राब दरख़्त से ख़राब फल मिलता है। दरख़्त उसके फल से ही पहचाना जाता है।
Matt UrduGeoD 12:34  ऐ साँप के बच्चो! तुम जो बुरे हो किस तरह अच्छी बातें कर सकते हो? क्योंकि जिस चीज़ से दिल लबरेज़ होता है वह छलककर ज़बान पर आ जाती है।
Matt UrduGeoD 12:35  अच्छा शख़्स अपने दिल के अच्छे ख़ज़ाने से अच्छी चीज़ें निकालता है जबकि बुरा शख़्स अपने बुरे ख़ज़ाने से बुरी चीज़ें।
Matt UrduGeoD 12:36  मैं तुमको बताता हूँ कि क़ियामत के दिन लोगों को बेपरवाई से की गई हर बात का हिसाब देना पड़ेगा।
Matt UrduGeoD 12:37  तुम्हारी अपनी बातों की बिना पर तुमको रास्त या नारास्त ठहराया जाएगा।”
Matt UrduGeoD 12:38  फिर शरीअत के कुछ उलमा और फ़रीसियों ने ईसा से बात की, “उस्ताद, हम आपकी तरफ़ से इलाही निशान देखना चाहते हैं।”
Matt UrduGeoD 12:39  उसने जवाब दिया, “सिर्फ़ शरीर और ज़िनाकार नसल इलाही निशान का तक़ाज़ा करती है। लेकिन उसे कोई भी इलाही निशान पेश नहीं किया जाएगा सिवाए यूनुस नबी के निशान के।
Matt UrduGeoD 12:40  क्योंकि जिस तरह यूनुस तीन दिन और तीन रात मछली के पेट में रहा उसी तरह इब्ने-आदम भी तीन दिन और तीन रात ज़मीन की गोद में पड़ा रहेगा।
Matt UrduGeoD 12:41  क़ियामत के दिन नीनवा के बाशिंदे इस नसल के साथ खड़े होकर इसे मुजरिम ठहराएँगे। क्योंकि यूनुस के एलान पर उन्होंने तौबा की थी जबकि यहाँ वह है जो यूनुस से भी बड़ा है।
Matt UrduGeoD 12:42  उस दिन जुनूबी मुल्क सबा की मलिका भी इस नसल के साथ खड़ी होकर इसे मुजरिम क़रार देगी। क्योंकि वह दूर-दराज़ मुल्क से सुलेमान की हिकमत सुनने के लिए आई थी जबकि यहाँ वह है जो सुलेमान से भी बड़ा है।
Matt UrduGeoD 12:43  जब कोई बदरूह किसी शख़्स से निकलती है तो वह वीरान इलाक़ों में से गुज़रती हुई आराम की जगह तलाश करती है। लेकिन जब उसे कोई ऐसा मक़ाम नहीं मिलता
Matt UrduGeoD 12:44  तो वह कहती है, ‘मैं अपने उस घर में वापस चली जाऊँगी जिसमें से निकली थी।’ वह वापस आकर देखती है कि घर ख़ाली है और किसी ने झाड़ू देकर सब कुछ सलीक़े से रख दिया है।
Matt UrduGeoD 12:45  फिर वह जाकर सात और बदरूहें ढूँड लाती है जो उससे बदतर होती हैं, और वह सब उस शख़्स में घुसकर रहने लगती हैं। चुनाँचे अब उस आदमी की हालत पहले की निसबत ज़्यादा बुरी हो जाती है। इस शरीर नसल का भी यही हाल होगा।”
Matt UrduGeoD 12:46  ईसा अभी हुजूम से बात कर ही रहा था कि उस की माँ और भाई बाहर खड़े उससे बात करने की कोशिश करने लगे।
Matt UrduGeoD 12:47  किसी ने ईसा से कहा, “आपकी माँ और भाई बाहर खड़े हैं और आपसे बात करना चाहते हैं।”
Matt UrduGeoD 12:48  ईसा ने पूछा, “कौन है मेरी माँ और कौन हैं मेरे भाई?”
Matt UrduGeoD 12:49  फिर अपने हाथ से शागिर्दों की तरफ़ इशारा करके उसने कहा, “देखो, यह मेरी माँ और मेरे भाई हैं।
Matt UrduGeoD 12:50  क्योंकि जो भी मेरे आसमानी बाप की मरज़ी पूरी करता है वह मेरा भाई, मेरी बहन और मेरी माँ है।”
Chapter 13
Matt UrduGeoD 13:1  उसी दिन ईसा घर से निकलकर झील के किनारे बैठ गया।
Matt UrduGeoD 13:2  इतना बड़ा हुजूम उसके गिर्द जमा हो गया कि आख़िरकार वह एक कश्ती में बैठ गया जबकि लोग किनारे पर खड़े रहे।
Matt UrduGeoD 13:3  फिर उसने उन्हें बहुत-सी बातें तमसीलों में सुनाईं। “एक किसान बीज बोने के लिए निकला।
Matt UrduGeoD 13:4  जब बीज इधर उधर बिखर गया तो कुछ दाने रास्ते पर गिरे और परिंदों ने आकर उन्हें चुग लिया।
Matt UrduGeoD 13:5  कुछ पथरीली ज़मीन पर गिरे जहाँ मिट्टी की कमी थी। वह जल्द उग आए क्योंकि मिट्टी गहरी नहीं थी।
Matt UrduGeoD 13:6  लेकिन जब सूरज निकला तो पौदे झुलस गए और चूँकि वह जड़ न पकड़ सके इसलिए सूख गए।
Matt UrduGeoD 13:7  कुछ ख़ुदरौ काँटेदार पौदों के दरमियान भी गिरे। वहाँ वह उगने तो लगे, लेकिन ख़ुदरौ पौदों ने साथ साथ बढ़कर उन्हें फलने फूलने न दिया। चुनाँचे वह भी ख़त्म हो गए।
Matt UrduGeoD 13:8  लेकिन ऐसे दाने भी थे जो ज़रख़ेज़ ज़मीन में गिरे और बढ़ते बढ़ते तीस गुना, साठ गुना बल्कि सौ गुना तक ज़्यादा फल लाए।
Matt UrduGeoD 13:9  जो सुन सकता है वह सुन ले!”
Matt UrduGeoD 13:10  शागिर्द उसके पास आकर पूछने लगे, “आप लोगों से तमसीलों में बात क्यों करते हैं?”
Matt UrduGeoD 13:11  उसने जवाब दिया, “तुमको तो आसमान की बादशाही के भेद समझने की लियाक़त दी गई है, लेकिन उन्हें यह लियाक़त नहीं दी गई।
Matt UrduGeoD 13:12  जिसके पास कुछ है उसे और दिया जाएगा और उसके पास कसरत की चीज़ें होंगी। लेकिन जिसके पास कुछ नहीं है उससे वह भी छीन लिया जाएगा जो उसके पास है।
Matt UrduGeoD 13:13  इसलिए मैं तमसीलों में उनसे बात करता हूँ। क्योंकि वह देखते हुए कुछ नहीं देखते, वह सुनते हुए कुछ नहीं सुनते और कुछ नहीं समझते।
Matt UrduGeoD 13:14  उनमें यसायाह नबी की यह पेशगोई पूरी हो रही है : ‘तुम अपने कानों से सुनोगे मगर कुछ नहीं समझोगे, तुम अपनी आँखों से देखोगे मगर कुछ नहीं जानोगे।
Matt UrduGeoD 13:15  क्योंकि इस क़ौम का दिल बेहिस हो गया है। वह मुश्किल से अपने कानों से सुनते हैं, उन्होंने अपनी आँखों को बंद कर रखा है, ऐसा न हो कि वह अपनी आँखों से देखें, अपने कानों से सुनें, अपने दिल से समझें, मेरी तरफ़ रुजू करें और मैं उन्हें शफ़ा दूँ।’
Matt UrduGeoD 13:16  लेकिन तुम्हारी आँखें मुबारक हैं क्योंकि वह देख सकती हैं और तुम्हारे कान मुबारक हैं क्योंकि वह सुन सकते हैं।
Matt UrduGeoD 13:17  मैं तुमको सच बताता हूँ कि जो कुछ तुम देख रहे हो बहुत-से नबी और रास्तबाज़ इसे देख न पाए अगरचे वह इसके आरज़ूमंद थे। और जो कुछ तुम सुन रहे हो इसे वह सुनने न पाए, अगरचे वह इसके ख़ाहिशमंद थे।
Matt UrduGeoD 13:18  अब सुनो कि बीज बोनेवाले की तमसील का मतलब क्या है।
Matt UrduGeoD 13:19  रास्ते पर गिरे हुए दाने वह लोग हैं जो बादशाही का कलाम सुनते तो हैं, लेकिन उसे समझते नहीं। फिर इबलीस आकर वह कलाम छीन लेता है जो उनके दिलों में बोया गया है।
Matt UrduGeoD 13:20  पथरीली ज़मीन पर गिरे हुए दाने वह लोग हैं जो कलाम सुनते ही उसे ख़ुशी से क़बूल तो कर लेते हैं,
Matt UrduGeoD 13:21  लेकिन वह जड़ नहीं पकड़ते और इसलिए ज़्यादा देर तक क़ायम नहीं रहते। ज्योंही वह कलाम पर ईमान लाने के बाइस किसी मुसीबत या ईज़ारसानी से दोचार हो जाएँ तो वह बरगश्ता हो जाते हैं।
Matt UrduGeoD 13:22  ख़ुदरौ काँटेदार पौदों के दरमियान गिरे हुए दाने वह लोग हैं जो कलाम सुनते तो हैं, लेकिन फिर रोज़मर्रा की परेशानियाँ और दौलत का फ़रेब कलाम को फलने फूलने नहीं देता। नतीजे में वह फल लाने तक नहीं पहुँचता।
Matt UrduGeoD 13:23  इसके मुक़ाबले में ज़रख़ेज़ ज़मीन में गिरे हुए दाने वह लोग हैं जो कलाम को सुनकर उसे समझ लेते और बढ़ते बढ़ते तीस गुना, साठ गुना बल्कि सौ गुना तक फल लाते हैं।”
Matt UrduGeoD 13:24  ईसा ने उन्हें एक और तमसील सुनाई। “आसमान की बादशाही उस किसान से मुताबिक़त रखती है जिसने अपने खेत में अच्छा बीज बो दिया।
Matt UrduGeoD 13:25  लेकिन जब लोग सो रहे थे तो उसके दुश्मन ने आकर अनाज के पौदों के दरमियान ख़ुदरौ पौदों का बीज बो दिया। फिर वह चला गया।
Matt UrduGeoD 13:26  जब अनाज फूट निकला और फ़सल पकने लगी तो ख़ुदरौ पौदे भी नज़र आए।
Matt UrduGeoD 13:27  नौकर मालिक के पास आए और कहने लगे, ‘जनाब, क्या आपने अपने खेत में अच्छा बीज नहीं बोया था? तो फिर यह ख़ुदरौ पौदे कहाँ से आ गए हैं?’
Matt UrduGeoD 13:28  उसने जवाब दिया, ‘किसी दुश्मन ने यह कर दिया है।’ नौकरों ने पूछा, ‘क्या हम जाकर उन्हें उखाड़ें?’
Matt UrduGeoD 13:29  ‘नहीं,’ उसने कहा। ‘ऐसा न हो कि ख़ुदरौ पौदों के साथ साथ तुम अनाज के पौदे भी उखाड़ डालो।
Matt UrduGeoD 13:30  उन्हें फ़सल की कटाई तक मिलकर बढ़ने दो। उस वक़्त मैं फ़सल की कटाई करनेवालों से कहूँगा कि पहले ख़ुदरौ पौदों को चुन लो और उन्हें जलाने के लिए गठों में बाँध लो। फिर ही अनाज को जमा करके गोदाम में लाओ’।”
Matt UrduGeoD 13:31  ईसा ने उन्हें एक और तमसील सुनाई। “आसमान की बादशाही राई के दाने की मानिंद है जो किसी ने लेकर अपने खेत में बो दिया।
Matt UrduGeoD 13:32  गो यह बीजों में सबसे छोटा दाना है, लेकिन बढ़ते बढ़ते यह सब्ज़ियों में सबसे बड़ा हो जाता है। बल्कि यह दरख़्त-सा बन जाता है और परिंदे आकर उस की शाख़ों में घोंसले बना लेते हैं।”
Matt UrduGeoD 13:33  उसने उन्हें एक और तमसील भी सुनाई। “आसमान की बादशाही ख़मीर की मानिंद है जो किसी औरत ने लेकर तक़रीबन 27 किलोग्राम आटे में मिला दिया। गो वह उसमें छुप गया तो भी होते होते पूरे गुंधे हुए आटे को ख़मीर बना दिया।”
Matt UrduGeoD 13:34  ईसा ने यह तमाम बातें हुजूम के सामने तमसीलों की सूरत में कीं। तमसील के बग़ैर उसने उनसे बात ही नहीं की।
Matt UrduGeoD 13:35  यों नबी की यह पेशगोई पूरी हुई कि “मैं तमसीलों में बात करूँगा, मैं दुनिया की तख़लीक़ से लेकर आज तक छुपी हुई बातें बयान करूँगा।”
Matt UrduGeoD 13:36  फिर ईसा हुजूम को रुख़सत करके घर के अंदर चला गया। उसके शागिर्द उसके पास आकर कहने लगे, “खेत में ख़ुदरौ पौदों की तमसील का मतलब हमें समझाएँ।”
Matt UrduGeoD 13:37  उसने जवाब दिया, “अच्छा बीज बोनेवाला इब्ने-आदम है।
Matt UrduGeoD 13:38  खेत दुनिया है जबकि अच्छे बीज से मुराद बादशाही के फ़रज़ंद हैं। ख़ुदरौ पौदे इबलीस के फ़रज़ंद हैं
Matt UrduGeoD 13:39  और उन्हें बोनेवाला दुश्मन इबलीस है। फ़सल की कटाई का मतलब दुनिया का इख़्तिताम है जबकि फ़सल की कटाई करनेवाले फ़रिश्ते हैं।
Matt UrduGeoD 13:40  जिस तरह तमसील में ख़ुदरौ पौदे उखाड़े जाते और आग में जलाए जाते हैं उसी तरह दुनिया के इख़्तिताम पर भी किया जाएगा।
Matt UrduGeoD 13:41  इब्ने-आदम अपने फ़रिश्तों को भेज देगा, और वह उस की बादशाही से बरगश्तगी का हर सबब और शरीअत की ख़िलाफ़वरज़ी करनेवाले हर शख़्स को निकालते जाएंगे।
Matt UrduGeoD 13:42  वह उन्हें भड़कती भट्टी में फेंक देंगे जहाँ लोग रोते और दाँत पीसते रहेंगे।
Matt UrduGeoD 13:43  फिर रास्तबाज़ अपने बाप की बादशाही में सूरज की तरह चमकेंगे। जो सुन सकता है वह सुन ले!
Matt UrduGeoD 13:44  आसमान की बादशाही खेत में छुपे ख़ज़ाने की मानिंद है। जब किसी आदमी को उसके बारे में मालूम हुआ तो उसने उसे दुबारा छुपा दिया। फिर वह ख़ुशी के मारे चला गया, अपनी तमाम मिलकियत फ़रोख़्त कर दी और उस खेत को ख़रीद लिया।
Matt UrduGeoD 13:45  नीज़, आसमान की बादशाही ऐसे सौदागर की मानिंद है जो अच्छे मोतियों की तलाश में था।
Matt UrduGeoD 13:46  जब उसे एक निहायत क़ीमती मोती के बारे में मालूम हुआ तो वह चला गया, अपनी तमाम मिलकियत फ़रोख़्त कर दी और उस मोती को ख़रीद लिया।
Matt UrduGeoD 13:47  आसमान की बादशाही जाल की मानिंद भी है। उसे झील में डाला गया तो हर क़िस्म की मछलियाँ पकड़ी गईं।
Matt UrduGeoD 13:48  जब वह भर गया तो मछेरों ने उसे किनारे पर खींच लिया। फिर उन्होंने बैठकर क़ाबिले-इस्तेमाल मछलियाँ चुनकर टोकरियों में डाल दीं और नाक़ाबिले-इस्तेमाल मछलियाँ फेंक दीं।
Matt UrduGeoD 13:49  दुनिया के इख़्तिताम पर ऐसा ही होगा। फ़रिश्ते आएँगे और बुरे लोगों को रास्तबाज़ों से अलग करके
Matt UrduGeoD 13:50  उन्हें भड़कती भट्टी में फेंक देंगे जहाँ लोग रोते और दाँत पीसते रहेंगे।”
Matt UrduGeoD 13:51  ईसा ने पूछा, “क्या तुमको इन तमाम बातों की समझ आ गई है?” “जी,” शागिर्दों ने जवाब दिया।
Matt UrduGeoD 13:52  उसने उनसे कहा, “इसलिए शरीअत का हर आलिम जो आसमान की बादशाही में शागिर्द बन गया है ऐसे मालिके-मकान की मानिंद है जो अपने ख़ज़ाने से नए और पुराने जवाहर निकालता है।”
Matt UrduGeoD 13:53  यह तमसीलें सुनाने के बाद ईसा वहाँ से चला गया।
Matt UrduGeoD 13:54  अपने वतनी शहर नासरत पहुँचकर वह इबादतख़ाने में लोगों को तालीम देने लगा। उस की बातें सुनकर वह हैरतज़दा हुए। उन्होंने पूछा, “उसे यह हिकमत और मोजिज़े करने की यह क़ुदरत कहाँ से हासिल हुई है?
Matt UrduGeoD 13:55  क्या यह बढ़ई का बेटा नहीं है? क्या उस की माँ का नाम मरियम नहीं है, और क्या उसके भाई याक़ूब, यूसुफ़, शमौन और यहूदा नहीं हैं?
Matt UrduGeoD 13:56  क्या उस की बहनें हमारे साथ नहीं रहतीं? तो फिर उसे यह सब कुछ कहाँ से मिल गया?”
Matt UrduGeoD 13:57  यों वह उससे ठोकर खाकर उसे क़बूल करने से क़ासिर रहे। ईसा ने उनसे कहा, “नबी की इज़्ज़त हर जगह की जाती है सिवाए उसके वतनी शहर और उसके अपने ख़ानदान के।”
Matt UrduGeoD 13:58  और उनके ईमान की कमी के बाइस उसने वहाँ ज़्यादा मोजिज़े न किए।
Chapter 14
Matt UrduGeoD 14:1  उस वक़्त गलील के हुक्मरान हेरोदेस अंतिपास को ईसा के बारे में इत्तला मिली।
Matt UrduGeoD 14:2  इस पर उसने अपने दरबारियों से कहा, “यह यहया बपतिस्मा देनेवाला है जो मुरदों में से जी उठा है, इसलिए उस की मोजिज़ाना ताक़तें इसमें नज़र आती हैं।”
Matt UrduGeoD 14:3  वजह यह थी कि हेरोदेस ने यहया को गिरिफ़्तार करके जेल में डाला था। यह हेरोदियास की ख़ातिर हुआ था जो पहले हेरोदेस के भाई फ़िलिप्पुस की बीवी थी।
Matt UrduGeoD 14:4  यहया ने हेरोदेस को बताया था, “हेरोदियास से तेरी शादी नाजायज़ है।”
Matt UrduGeoD 14:5  हेरोदेस यहया को क़त्ल करना चाहता था, लेकिन अवाम से डरता था क्योंकि वह उसे नबी समझते थे।
Matt UrduGeoD 14:6  हेरोदेस की सालगिरह के मौक़े पर हेरोदियास की बेटी उनके सामने नाची। हेरोदेस को उसका नाचना इतना पसंद आया
Matt UrduGeoD 14:7  कि उसने क़सम खाकर उससे वादा किया, “जो भी तू माँगेगी मैं तुझे दूँगा।”
Matt UrduGeoD 14:8  अपनी माँ के सिखाने पर बेटी ने कहा, “मुझे यहया बपतिस्मा देनेवाले का सर ट्रे में मँगवा दें।”
Matt UrduGeoD 14:9  यह सुनकर बादशाह को दुख हुआ। लेकिन अपनी क़समों और मेहमानों की मौजूदगी की वजह से उसने उसे देने का हुक्म दे दिया।
Matt UrduGeoD 14:10  चुनाँचे यहया का सर क़लम कर दिया गया।
Matt UrduGeoD 14:11  फिर ट्रे में रखकर अंदर लाया गया और लड़की को दे दिया गया। लड़की उसे अपनी माँ के पास ले गई।
Matt UrduGeoD 14:12  बाद में यहया के शागिर्द आए और उस की लाश लेकर उसे दफ़नाया। फिर वह ईसा के पास गए और उसे इत्तला दी।
Matt UrduGeoD 14:13  यह ख़बर सुनकर ईसा लोगों से अलग होकर कश्ती पर सवार हुआ और किसी वीरान जगह चला गया। लेकिन हुजूम को उस की ख़बर मिली। लोग पैदल चलकर शहरों से निकल आए और उसके पीछे लग गए।
Matt UrduGeoD 14:14  जब ईसा ने कश्ती पर से उतरकर बड़े हुजूम को देखा तो उसे लोगों पर बड़ा तरस आया। वहीं उसने उनके मरीज़ों को शफ़ा दी।
Matt UrduGeoD 14:15  जब दिन ढलने लगा तो उसके शागिर्द उसके पास आए और कहा, “यह जगह वीरान है और दिन ढलने लगा है। इनको रुख़सत कर दें ताकि यह इर्दगिर्द के देहातों में जाकर खाने के लिए कुछ ख़रीद लें।”
Matt UrduGeoD 14:16  ईसा ने जवाब दिया, “इन्हें जाने की ज़रूरत नहीं, तुम ख़ुद इन्हें खाने को दो।”
Matt UrduGeoD 14:17  उन्होंने जवाब दिया, “हमारे पास सिर्फ़ पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ हैं।”
Matt UrduGeoD 14:18  उसने कहा, “उन्हें यहाँ मेरे पास ले आओ,”
Matt UrduGeoD 14:19  और लोगों को घास पर बैठने का हुक्म दिया। ईसा ने उन पाँच रोटियों और दो मछलियों को लेकर आसमान की तरफ़ देखा और शुक्रगुज़ारी की दुआ की। फिर उसने रोटियों को तोड़ तोड़कर शागिर्दों को दिया, और शागिर्दों ने यह रोटियाँ लोगों में तक़सीम कर दीं।
Matt UrduGeoD 14:20  सबने जी भरकर खाया। जब शागिर्दों ने बचे हुए टुकड़े जमा किए तो बारह टोकरे भर गए।
Matt UrduGeoD 14:21  ख़वातीन और बच्चों के अलावा खानेवाले तक़रीबन 5,000 मर्द थे।
Matt UrduGeoD 14:22  इसके ऐन बाद ईसा ने शागिर्दों को मजबूर किया कि वह कश्ती पर सवार होकर आगे निकलें और झील के पार चले जाएँ। इतने में वह हुजूम को रुख़सत करना चाहता था।
Matt UrduGeoD 14:23  उन्हें ख़ैरबाद कहने के बाद वह दुआ करने के लिए अकेला पहाड़ पर चढ़ गया। शाम के वक़्त वह वहाँ अकेला था
Matt UrduGeoD 14:24  जबकि कश्ती किनारे से काफ़ी दूर हो गई थी। लहरें कश्ती को बहुत तंग कर रही थीं क्योंकि हवा उसके ख़िलाफ़ चल रही थी।
Matt UrduGeoD 14:25  तक़रीबन तीन बजे रात के वक़्त ईसा पानी पर चलते हुए उनके पास आया।
Matt UrduGeoD 14:26  जब शागिर्दों ने उसे झील की सतह पर चलते हुए देखा तो उन्होंने दहशत खाई। “यह कोई भूत है,” उन्होंने कहा और डर के मारे चीख़ें मारने लगे।
Matt UrduGeoD 14:27  लेकिन ईसा फ़ौरन उनसे मुख़ातिब होकर बोला, “हौसला रखो! मैं ही हूँ। मत घबराओ।”
Matt UrduGeoD 14:28  इस पर पतरस बोल उठा, “ख़ुदावंद, अगर आप ही हैं तो मुझे पानी पर अपने पास आने का हुक्म दें।”
Matt UrduGeoD 14:29  ईसा ने जवाब दिया, “आ।” पतरस कश्ती पर से उतरकर पानी पर चलते चलते ईसा की तरफ़ बढ़ने लगा।
Matt UrduGeoD 14:30  लेकिन जब उसने तेज़ हवा पर ग़ौर किया तो वह घबरा गया और डूबने लगा। वह चिल्ला उठा, “ख़ुदावंद, मुझे बचाएँ!”
Matt UrduGeoD 14:31  ईसा ने फ़ौरन अपना हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ लिया। उसने कहा, “ऐ कमएतक़ाद! तू शक में क्यों पड़ गया था?”
Matt UrduGeoD 14:32  दोनों कश्ती पर सवार हुए तो हवा थम गई।
Matt UrduGeoD 14:33  फिर कश्ती में मौजूद शागिर्दों ने उसे सिजदा करके कहा, “यक़ीनन आप अल्लाह के फ़रज़ंद हैं!”
Matt UrduGeoD 14:34  झील को पार करके वह गन्नेसरत शहर के पास पहुँच गए।
Matt UrduGeoD 14:35  जब उस जगह के लोगों ने ईसा को पहचान लिया तो उन्होंने इर्दगिर्द के पूरे इलाक़े में इसकी ख़बर फैलाई। उन्होंने अपने तमाम मरीज़ों को उसके पास लाकर
Matt UrduGeoD 14:36  उससे मिन्नत की कि वह उन्हें सिर्फ़ अपने लिबास के दामन को छूने दे। और जिसने भी उसे छुआ उसे शफ़ा मिली।
Chapter 15
Matt UrduGeoD 15:1  फिर कुछ फ़रीसी और शरीअत के आलिम यरूशलम से आकर ईसा से पूछने लगे,
Matt UrduGeoD 15:2  “आपके शागिर्द बापदादा की रिवायत क्यों तोड़ते हैं? क्योंकि वह हाथ धोए बग़ैर रोटी खाते हैं।”
Matt UrduGeoD 15:3  ईसा ने जवाब दिया, “और तुम अपनी रिवायात की ख़ातिर अल्लाह का हुक्म क्यों तोड़ते हो?
Matt UrduGeoD 15:4  क्योंकि अल्लाह ने फ़रमाया, ‘अपने बाप और अपनी माँ की इज़्ज़त करना’ और ‘जो अपने बाप या माँ पर लानत करे उसे सज़ाए-मौत दी जाए।’
Matt UrduGeoD 15:5  लेकिन जब कोई अपने वालिदैन से कहे, ‘मैं आपकी मदद नहीं कर सकता, क्योंकि मैंने मन्नत मानी है कि जो कुछ मुझे आपको देना था वह अल्लाह के लिए वक़्फ़ है’ तो तुम इसे जायज़ क़रार देते हो।
Matt UrduGeoD 15:6  यों तुम कहते हो कि उसे अपने माँ-बाप की इज़्ज़त करने की ज़रूरत नहीं है। और इसी तरह तुम अल्लाह के कलाम को अपनी रिवायत की ख़ातिर मनसूख़ कर लेते हो।
Matt UrduGeoD 15:7  रियाकारो! यसायाह नबी ने तुम्हारे बारे में क्या ख़ूब नबुव्वत की है,
Matt UrduGeoD 15:8  ‘यह क़ौम अपने होंटों से तो मेरा एहतराम करती है लेकिन उसका दिल मुझसे दूर है।
Matt UrduGeoD 15:9  वह मेरी परस्तिश करते तो हैं, लेकिन बेफ़ायदा। क्योंकि वह सिर्फ़ इनसान ही के अहकाम सिखाते हैं’।”
Matt UrduGeoD 15:10  फिर ईसा ने हुजूम को अपने पास बुलाकर कहा, “सब मेरी बात सुनो और इसे समझने की कोशिश करो।
Matt UrduGeoD 15:11  कोई ऐसी चीज़ है नहीं जो इनसान के मुँह में दाख़िल होकर उसे नापाक कर सके, बल्कि जो कुछ इनसान के मुँह से निकलता है वही उसे नापाक कर देता है।”
Matt UrduGeoD 15:12  इस पर शागिर्दों ने उसके पास आकर पूछा, “क्या आपको मालूम है कि फ़रीसी यह बात सुनकर नाराज़ हुए हैं?”
Matt UrduGeoD 15:13  उसने जवाब दिया, “जो भी पौदा मेरे आसमानी बाप ने नहीं लगाया उसे जड़ से उखाड़ा जाएगा।
Matt UrduGeoD 15:14  उन्हें छोड़ दो, वह अंधे राह दिखानेवाले हैं। अगर एक अंधा दूसरे अंधे की राहनुमाई करे तो दोनों गढ़े में गिर जाएंगे।”
Matt UrduGeoD 15:15  पतरस बोल उठा, “इस तमसील का मतलब हमें बताएँ।”
Matt UrduGeoD 15:16  ईसा ने कहा, “क्या तुम अभी तक इतने नासमझ हो?
Matt UrduGeoD 15:17  क्या तुम नहीं समझ सकते कि जो कुछ इनसान के मुँह में दाख़िल हो जाता है वह उसके मेदे में जाता है और वहाँ से निकलकर जाए-ज़रूरत में?
Matt UrduGeoD 15:18  लेकिन जो कुछ इनसान के मुँह से निकलता है वह दिल से आता है। वही इनसान को नापाक करता है।
Matt UrduGeoD 15:19  दिल ही से बुरे ख़यालात, क़त्लो-ग़ारत, ज़िनाकारी, हरामकारी, चोरी, झूटी गवाही और बुहतान निकलते हैं।
Matt UrduGeoD 15:20  यही कुछ इनसान को नापाक कर देता है, लेकिन हाथ धोए बग़ैर खाना खाने से वह नापाक नहीं होता।”
Matt UrduGeoD 15:21  फिर ईसा गलील से रवाना होकर शिमाल में सूर और सैदा के इलाक़े में आया।
Matt UrduGeoD 15:22  इस इलाक़े की एक कनानी ख़ातून उसके पास आकर चिल्लाने लगी, “ख़ुदावंद, इब्ने-दाऊद, मुझ पर रहम करें। एक बदरूह मेरी बेटी को बहुत सताती है।”
Matt UrduGeoD 15:23  लेकिन ईसा ने जवाब में एक लफ़्ज़ भी न कहा। इस पर उसके शागिर्द उसके पास आकर उससे गुज़ारिश करने लगे, “उसे फ़ारिग़ कर दें, क्योंकि वह हमारे पीछे पीछे चीख़ती-चिल्लाती है।”
Matt UrduGeoD 15:24  ईसा ने जवाब दिया, “मुझे सिर्फ़ इसराईल की खोई हुई भेड़ों के पास भेजा गया है।”
Matt UrduGeoD 15:25  औरत उसके पास आकर मुँह के बल झुक गई और कहा, “ख़ुदावंद, मेरी मदद करें!”
Matt UrduGeoD 15:26  उसने उसे बताया, “यह मुनासिब नहीं कि बच्चों से खाना लेकर कुत्तों के सामने फेंक दिया जाए।”
Matt UrduGeoD 15:27  उसने जवाब दिया, “जी ख़ुदावंद, लेकिन कुत्ते भी वह टुकड़े खाते हैं जो उनके मालिक की मेज़ पर से फ़र्श पर गिर जाते हैं।”
Matt UrduGeoD 15:28  ईसा ने कहा, “ऐ औरत, तेरा ईमान बड़ा है। तेरी दरख़ास्त पूरी हो जाए।” उसी लमहे औरत की बेटी को शफ़ा मिल गई।
Matt UrduGeoD 15:29  फिर ईसा वहाँ से रवाना होकर गलील की झील के किनारे पहुँच गया। वहाँ वह पहाड़ पर चढ़कर बैठ गया।
Matt UrduGeoD 15:30  लोगों की बड़ी तादाद उसके पास आई। वह अपने लँगड़े, अंधे, मफ़लूज, गूँगे और कई और क़िस्म के मरीज़ भी साथ ले आए। उन्होंने उन्हें ईसा के सामने रखा तो उसने उन्हें शफ़ा दी।
Matt UrduGeoD 15:31  हुजूम हैरतज़दा हो गया। क्योंकि गूँगे बोल रहे थे, अपाहजों के आज़ा बहाल हो गए, लँगड़े चलने और अंधे देखने लगे थे। यह देखकर भीड़ ने इसराईल के ख़ुदा की तमजीद की।
Matt UrduGeoD 15:32  फिर ईसा ने अपने शागिर्दों को बुलाकर उनसे कहा, “मुझे इन लोगों पर तरस आता है। इन्हें मेरे साथ ठहरे तीन दिन हो चुके हैं और इनके पास खाने की कोई चीज़ नहीं है। लेकिन मैं इन्हें इस भूकी हालत में रुख़सत नहीं करना चाहता। ऐसा न हो कि वह रास्ते में थककर चूर हो जाएँ।”
Matt UrduGeoD 15:33  उसके शागिर्दों ने जवाब दिया, “इस वीरान इलाक़े में कहाँ से इतना खाना मिल सकेगा कि यह लोग खाकर सेर हो जाएँ?”
Matt UrduGeoD 15:34  ईसा ने पूछा, “तुम्हारे पास कितनी रोटियाँ हैं?” उन्होंने जवाब दिया, “सात, और चंद एक छोटी मछलियाँ।”
Matt UrduGeoD 15:35  ईसा ने हुजूम को ज़मीन पर बैठने को कहा।
Matt UrduGeoD 15:36  फिर सात रोटियों और मछलियों को लेकर उसने शुक्रगुज़ारी की दुआ की और उन्हें तोड़ तोड़कर अपने शागिर्दों को तक़सीम करने के लिए दे दिया।
Matt UrduGeoD 15:37  सबने जी भरकर खाया। बाद में जब खाने के बचे हुए टुकड़े जमा किए गए तो सात बड़े टोकरे भर गए।
Matt UrduGeoD 15:38  ख़वातीन और बच्चों के अलावा खानेवाले 4,000 मर्द थे।
Matt UrduGeoD 15:39  फिर ईसा लोगों को रुख़सत करके कश्ती पर सवार हुआ और मगदन के इलाक़े में चला गया।
Chapter 16
Matt UrduGeoD 16:1  एक दिन फ़रीसी और सदूक़ी ईसा के पास आए। उसे परखने के लिए उन्होंने मुतालबा किया कि वह उन्हें आसमान की तरफ़ से कोई इलाही निशान दिखाए ताकि उसका इख़्तियार साबित हो जाए।
Matt UrduGeoD 16:2  लेकिन उसने जवाब दिया, “शाम को तुम कहते हो, ‘कल मौसम साफ़ होगा क्योंकि आसमान सुर्ख़ नज़र आता है।’
Matt UrduGeoD 16:3  और सुबह के वक़्त कहते हो, ‘आज तूफ़ान होगा क्योंकि आसमान सुर्ख़ है और बादल छाए हुए हैं।’ ग़रज़ तुम आसमान की हालत पर ग़ौर करके सहीह नतीजा निकाल लेते हो, लेकिन ज़मानों की अलामतों पर ग़ौर करके सहीह नतीजे तक पहुँचना तुम्हारे बस की बात नहीं है।
Matt UrduGeoD 16:4  सिर्फ़ शरीर और ज़िनाकार नसल इलाही निशान का तक़ाज़ा करती है। लेकिन उसे कोई भी इलाही निशान पेश नहीं किया जाएगा सिवाए यूनुस नबी के निशान के।” यह कहकर ईसा उन्हें छोड़कर चला गया।
Matt UrduGeoD 16:5  झील को पार करते वक़्त शागिर्द अपने साथ खाना लाना भूल गए थे।
Matt UrduGeoD 16:6  ईसा ने उनसे कहा, “ख़बरदार, फ़रीसियों और सदूक़ियों के ख़मीर से होशियार रहना।”
Matt UrduGeoD 16:7  शागिर्द आपस में बहस करने लगे, “वह इसलिए कह रहे होंगे कि हम खाना साथ नहीं लाए।”
Matt UrduGeoD 16:8  ईसा को मालूम हुआ कि वह क्या सोच रहे हैं। उसने कहा, “तुम आपस में क्यों बहस कर रहे हो कि हमारे पास रोटी नहीं है?
Matt UrduGeoD 16:9  क्या तुम अभी तक नहीं समझते? क्या तुम्हें याद नहीं कि मैंने पाँच रोटियाँ लेकर 5,000 आदमियों को खाना खिला दिया और कि तुमने बचे हुए टुकड़ों के कितने टोकरे उठाए थे?
Matt UrduGeoD 16:10  या क्या तुम भूल गए हो कि मैंने सात रोटियाँ लेकर 4,000 आदमियों को खाना खिलाया और कि तुमने बचे हुए टुकड़ों के कितने टोकरे उठाए थे?
Matt UrduGeoD 16:11  तुम क्यों नहीं समझते कि मैं तुमसे खाने की बात नहीं कर रहा? सुनो मेरी बात! फ़रीसियों और सदूक़ियों के ख़मीर से होशियार रहो!”
Matt UrduGeoD 16:12  फिर उन्हें समझ आई कि ईसा उन्हें रोटी के ख़मीर से आगाह नहीं कर रहा था बल्कि फ़रीसियों और सदूक़ियों की तालीम से।
Matt UrduGeoD 16:13  जब ईसा क़ैसरिया-फ़िलिप्पी के इलाक़े में पहुँचा तो उसने शागिर्दों से पूछा, “इब्ने-आदम लोगों के नज़दीक कौन है?”
Matt UrduGeoD 16:14  उन्होंने जवाब दिया, “कुछ कहते हैं यहया बपतिस्मा देनेवाला, कुछ यह कि आप इलियास नबी हैं। कुछ यह भी कहते हैं कि यरमियाह या नबियों में से एक।”
Matt UrduGeoD 16:15  उसने पूछा, “लेकिन तुम्हारे नज़दीक मैं कौन हूँ?”
Matt UrduGeoD 16:16  पतरस ने जवाब दिया, “आप ज़िंदा ख़ुदा के फ़रज़ंद मसीह हैं।”
Matt UrduGeoD 16:17  ईसा ने कहा, “शमौन बिन यूनुस, तू मुबारक है, क्योंकि किसी इनसान ने तुझ पर यह ज़ाहिर नहीं किया बल्कि मेरे आसमानी बाप ने।
Matt UrduGeoD 16:18  मैं तुझे यह भी बताता हूँ कि तू पतरस यानी पत्थर है, और इसी पत्थर पर मैं अपनी जमात को तामीर करूँगा, ऐसी जमात जिस पर पाताल के दरवाज़े भी ग़ालिब नहीं आएँगे।
Matt UrduGeoD 16:19  मैं तुझे आसमान की बादशाही की कुंजियाँ दे दूँगा। जो कुछ तू ज़मीन पर बाँधेगा वह आसमान पर भी बँधेगा। और जो कुछ तू ज़मीन पर खोलेगा वह आसमान पर भी खुलेगा।”
Matt UrduGeoD 16:20  फिर ईसा ने अपने शागिर्दों को हुक्म दिया, “किसी को भी न बताओ कि मैं मसीह हूँ।”
Matt UrduGeoD 16:21  उस वक़्त से ईसा अपने शागिर्दों पर वाज़िह करने लगा, “लाज़िम है कि मैं यरूशलम जाकर क़ौम के बुज़ुर्गों, राहनुमा इमामों और शरीअत के उलमा के हाथों बहुत दुख उठाऊँ। मुझे क़त्ल किया जाएगा, लेकिन तीसरे दिन मैं जी उठूँगा।”
Matt UrduGeoD 16:22  इस पर पतरस उसे एक तरफ़ ले जाकर समझाने लगा। “ऐ ख़ुदावंद, अल्लाह न करे कि यह कभी भी आपके साथ हो।”
Matt UrduGeoD 16:23  ईसा ने मुड़कर पतरस से कहा, “शैतान, मेरे सामने से हट जा! तू मेरे लिए ठोकर का बाइस है, क्योंकि तू अल्लाह की सोच नहीं रखता बल्कि इनसान की।”
Matt UrduGeoD 16:24  फिर ईसा ने अपने शागिर्दों से कहा, “जो मेरे पीछे आना चाहे वह अपने आपका इनकार करे और अपनी सलीब उठाकर मेरे पीछे हो ले।
Matt UrduGeoD 16:25  क्योंकि जो अपनी जान को बचाए रखना चाहे वह उसे खो देगा। लेकिन जो मेरी ख़ातिर अपनी जान खो दे वही उसे पा लेगा।
Matt UrduGeoD 16:26  क्या फ़ायदा है अगर किसी को पूरी दुनिया हासिल हो जाए, लेकिन वह अपनी जान से महरूम हो जाए? इनसान अपनी जान के बदले क्या दे सकता है?
Matt UrduGeoD 16:27  क्योंकि इब्ने-आदम अपने बाप के जलाल में अपने फ़रिश्तों के साथ आएगा, और उस वक़्त वह हर एक को उसके काम का बदला देगा।
Matt UrduGeoD 16:28  मैं तुम्हें सच बताता हूँ, यहाँ कुछ ऐसे लोग खड़े हैं जो मरने से पहले ही इब्ने-आदम को उस की बादशाही में आते हुए देखेंगे।”
Chapter 17
Matt UrduGeoD 17:1  छः दिन के बाद ईसा सिर्फ़ पतरस, याक़ूब और यूहन्ना को अपने साथ लेकर ऊँचे पहाड़ पर चढ़ गया।
Matt UrduGeoD 17:2  वहाँ उस की शक्लो-सूरत उनके सामने बदल गई। उसका चेहरा सूरज की तरह चमकने लगा, और उसके कपड़े नूर की मानिंद सफ़ेद हो गए।
Matt UrduGeoD 17:3  अचानक इलियास और मूसा ज़ाहिर हुए और ईसा से बातें करने लगे।
Matt UrduGeoD 17:4  पतरस बोल उठा, “ख़ुदावंद, कितनी अच्छी बात है कि हम यहाँ हैं। अगर आप चाहें तो मैं तीन झोंपड़ियाँ बनाऊँगा, एक आपके लिए, एक मूसा के लिए और एक इलियास के लिए।”
Matt UrduGeoD 17:5  वह अभी बात कर ही रहा था कि एक चमकदार बादल आकर उन पर छा गया और बादल में से एक आवाज़ सुनाई दी, “यह मेरा प्यारा फ़रज़ंद है, जिससे मैं ख़ुश हूँ। इसकी सुनो।”
Matt UrduGeoD 17:6  यह सुनकर शागिर्द दहशत खाकर औंधे मुँह गिर गए।
Matt UrduGeoD 17:7  लेकिन ईसा ने आकर उन्हें छुआ। उसने कहा, “उठो, मत डरो।”
Matt UrduGeoD 17:8  जब उन्होंने नज़र उठाई तो ईसा के सिवा किसी को न देखा।
Matt UrduGeoD 17:9  वह पहाड़ से उतरने लगे तो ईसा ने उन्हें हुक्म दिया, “जो कुछ तुमने देखा है उसे उस वक़्त तक किसी को न बताना जब तक कि इब्ने-आदम मुरदों में से जी न उठे।”
Matt UrduGeoD 17:10  शागिर्दों ने उससे पूछा, “शरीअत के उलमा क्यों कहते हैं कि मसीह की आमद से पहले इलियास का आना ज़रूरी है?”
Matt UrduGeoD 17:11  ईसा ने जवाब दिया, “इलियास तो ज़रूर सब कुछ बहाल करने के लिए आएगा।
Matt UrduGeoD 17:12  लेकिन मैं तुमको बताता हूँ कि इलियास तो आ चुका है और उन्होंने उसे नहीं पहचाना बल्कि उसके साथ जो चाहा किया। इसी तरह इब्ने-आदम भी उनके हाथों दुख उठाएगा।”
Matt UrduGeoD 17:13  फिर शागिर्दों को समझ आई कि वह उनके साथ यहया बपतिस्मा देनेवाले की बात कर रहा था।
Matt UrduGeoD 17:14  जब वह नीचे हुजूम के पास पहुँचे तो एक आदमी ने ईसा के सामने आकर घुटने टेके
Matt UrduGeoD 17:15  और कहा, “ख़ुदावंद, मेरे बेटे पर रहम करें, उसे मिरगी के दौरे पड़ते हैं और उसे शदीद तकलीफ़ उठानी पड़ती है। कई बार वह आग या पानी में गिर जाता है।
Matt UrduGeoD 17:16  मैं उसे आपके शागिर्दों के पास लाया था, लेकिन वह उसे शफ़ा न दे सके।”
Matt UrduGeoD 17:17  ईसा ने जवाब दिया, “ईमान से ख़ाली और टेढ़ी नसल! मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूँ, कब तक तुम्हें बरदाश्त करूँ? लड़के को मेरे पास ले आओ।”
Matt UrduGeoD 17:18  ईसा ने बदरूह को डाँटा, तो वह लड़के में से निकल गई। उसी लमहे उसे शफ़ा मिल गई।
Matt UrduGeoD 17:19  बाद में शागिर्दों ने अलहदगी में ईसा के पास आकर पूछा, “हम बदरूह को क्यों न निकाल सके?”
Matt UrduGeoD 17:20  उसने जवाब दिया, “अपने ईमान की कमी के सबब से। मैं तुम्हें सच बताता हूँ, अगर तुम्हारा ईमान राई के दाने के बराबर भी हो तो फिर तुम इस पहाड़ को कह सकोगे, ‘इधर से उधर खिसक जा,’ तो वह खिसक जाएगा। और तुम्हारे लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं होगा।
Matt UrduGeoD 17:21  [लेकिन इस क़िस्म की बदरूह दुआ और रोज़े के बग़ैर नहीं निकलती।]”
Matt UrduGeoD 17:22  जब वह गलील में जमा हुए तो ईसा ने उन्हें बताया, “इब्ने-आदम को आदमियों के हवाले कर दिया जाएगा।
Matt UrduGeoD 17:23  वह उसे क़त्ल करेंगे, लेकिन तीन दिन के बाद वह जी उठेगा।” यह सुनकर शागिर्द निहायत ग़मगीन हुए।
Matt UrduGeoD 17:24  वह कफ़र्नहूम पहुँचे तो बैतुल-मुक़द्दस का टैक्स जमा करनेवाले पतरस के पास आकर पूछने लगे, “क्या आपका उस्ताद बैतुल-मुक़द्दस का टैक्स अदा नहीं करता?”
Matt UrduGeoD 17:25  “जी, वह करता है,” पतरस ने जवाब दिया। वह घर में आया तो ईसा पहले ही बोलने लगा, “क्या ख़याल है शमौन, दुनिया के बादशाह किनसे ड्यूटी और टैक्स लेते हैं, अपने फ़रज़ंदों से या अजनबियों से?”
Matt UrduGeoD 17:26  पतरस ने जवाब दिया, “अजनबियों से।” ईसा बोला “तो फिर उनके फ़रज़ंद टैक्स देने से बरी हुए।
Matt UrduGeoD 17:27  लेकिन हम उन्हें नाराज़ नहीं करना चाहते। इसलिए झील पर जाकर उसमें डोरी डाल देना। जो मछली तू पहले पकड़ेगा उसका मुँह खोलना तो उसमें से चाँदी का सिक्का निकलेगा। उसे लेकर उन्हें मेरे और अपने लिए अदा कर दे।”
Chapter 18
Matt UrduGeoD 18:1  उस वक़्त शागिर्द ईसा के पास आकर पूछने लगे, “आसमान की बादशाही में कौन सबसे बड़ा है?”
Matt UrduGeoD 18:2  जवाब में ईसा ने एक छोटे बच्चे को बुलाकर उनके दरमियान खड़ा किया
Matt UrduGeoD 18:3  और कहा, “मैं तुमको सच बताता हूँ अगर तुम बदलकर छोटे बच्चों की मानिंद न बनो तो तुम कभी आसमान की बादशाही में दाख़िल नहीं होगे।
Matt UrduGeoD 18:4  इसलिए जो भी अपने आपको इस बच्चे की तरह छोटा बनाएगा वह आसमान में सबसे बड़ा होगा।
Matt UrduGeoD 18:5  और जो भी मेरे नाम में इस जैसे छोटे बच्चे को क़बूल करे वह मुझे क़बूल करता है।
Matt UrduGeoD 18:6  लेकिन जो कोई इन छोटों में से किसी को गुनाह करने पर उकसाए उसके लिए बेहतर है कि उसके गले में बड़ी चक्की का पाट बाँधकर उसे समुंदर की गहराइयों में डुबो दिया जाए।
Matt UrduGeoD 18:7  दुनिया पर उन चीज़ों की वजह से अफ़सोस जो गुनाह करने पर उकसाती हैं। लाज़िम है कि ऐसी आज़माइशें आएँ, लेकिन उस शख़्स पर अफ़सोस जिसकी मारिफ़त वह आएँ।
Matt UrduGeoD 18:8  अगर तेरा हाथ या पाँव तुझे गुनाह करने पर उकसाए तो उसे काटकर फेंक देना। इससे पहले कि तुझे दो हाथों या दो पाँवों समेत जहन्नुम की अबदी आग में फेंका जाए, बेहतर यह है कि एक हाथ या पाँव से महरूम होकर अबदी ज़िंदगी में दाख़िल हो।
Matt UrduGeoD 18:9  और अगर तेरी आँख तुझे गुनाह करने पर उकसाए तो उसे निकालकर फेंक देना। इससे पहले कि तुझे दो आँखों समेत जहन्नुम की आग में फेंका जाए बेहतर यह है कि एक आँख से महरूम होकर अबदी ज़िंदगी में दाख़िल हो।
Matt UrduGeoD 18:10  ख़बरदार! तुम इन छोटों में से किसी को भी हक़ीर न जानना। क्योंकि मैं तुमको बताता हूँ कि आसमान पर इनके फ़रिश्ते हर वक़्त मेरे बाप के चेहरे को देखते रहते हैं।
Matt UrduGeoD 18:11  [क्योंकि इब्ने-आदम खोए हुओं को ढूँडने और नजात देने आया है।]
Matt UrduGeoD 18:12  तुम्हारा क्या ख़याल है? अगर किसी आदमी की 100 भेड़ें हों और एक भटककर गुम हो जाए तो वह क्या करेगा? क्या वह बाक़ी 99 भेड़ें पहाड़ी इलाक़े में छोड़कर भटकी हुई भेड़ को ढूँडने नहीं जाएगा?
Matt UrduGeoD 18:13  और मैं तुमको सच बताता हूँ कि भटकी हुई भेड़ के मिलने पर वह उसके बारे में उन बाक़ी 99 भेड़ों की निसबत कहीं ज़्यादा ख़ुशी मनाएगा जो भटकी नहीं।
Matt UrduGeoD 18:14  बिलकुल इसी तरह आसमान पर तुम्हारा बाप नहीं चाहता कि इन छोटों में से एक भी हलाक हो जाए।
Matt UrduGeoD 18:15  अगर तेरे भाई ने तेरा गुनाह किया हो तो अकेले उसके पास जाकर उस पर उसका गुनाह ज़ाहिर कर। अगर वह तेरी बात माने तो तूने अपने भाई को जीत लिया।
Matt UrduGeoD 18:16  लेकिन अगर वह न माने तो एक या दो और लोगों को अपने साथ ले जा ताकि तुम्हारी हर बात की दो या तीन गवाहों से तसदीक़ हो जाए।
Matt UrduGeoD 18:17  अगर वह उनकी बात भी न माने तो जमात को बता देना। और अगर वह जमात की भी न माने तो उसके साथ ग़ैरईमानदार या टैक्स लेनेवाले का-सा सुलूक कर।
Matt UrduGeoD 18:18  मैं तुमको सच बताता हूँ कि जो कुछ भी तुम ज़मीन पर बान्धोगे आसमान पर भी बँधेगा, और जो कुछ ज़मीन पर खोलोगे आसमान पर भी खुलेगा।
Matt UrduGeoD 18:19  मैं तुमको यह भी बताता हूँ कि अगर तुममें से दो शख़्स किसी बात को माँगने पर मुत्तफ़िक़ हो जाएँ तो मेरा आसमानी बाप तुमको बख़्शेगा।
Matt UrduGeoD 18:20  क्योंकि जहाँ भी दो या तीन अफ़राद मेरे नाम में जमा हो जाएँ वहाँ मैं उनके दरमियान हूँगा।”
Matt UrduGeoD 18:21  फिर पतरस ने ईसा के पास आकर पूछा, “ख़ुदावंद, जब मेरा भाई मेरा गुनाह करे तो मैं कितनी बार उसे मुआफ़ करूँ? सात बार तक?”
Matt UrduGeoD 18:22  ईसा ने जवाब दिया, “मैं तुझे बताता हूँ, सात बार नहीं बल्कि 77 बार।
Matt UrduGeoD 18:23  इसलिए आसमान की बादशाही एक बादशाह की मानिंद है जो अपने नौकरों के कर्ज़ों का हिसाब-किताब करना चाहता था।
Matt UrduGeoD 18:24  हिसाब-किताब शुरू करते वक़्त एक आदमी उसके सामने पेश किया गया जो अरबों के हिसाब से उसका क़र्ज़दार था।
Matt UrduGeoD 18:25  वह यह रक़म अदा न कर सका, इसलिए उसके मालिक ने यह क़र्ज़ वसूल करने के लिए हुक्म दिया कि उसे बाल-बच्चों और तमाम मिलकियत समेत फ़रोख़्त कर दिया जाए।
Matt UrduGeoD 18:26  यह सुनकर नौकर मुँह के बल गिरा और मिन्नत करने लगा, ‘मुझे मोहलत दें, मैं पूरी रक़म अदा कर दूँगा।’
Matt UrduGeoD 18:27  बादशाह को उस पर तरस आया। उसने उसका क़र्ज़ मुआफ़ करके उसे जाने दिया।
Matt UrduGeoD 18:28  लेकिन जब यही नौकर बाहर निकला तो एक हमख़िदमत मिला जो उसका चंद हज़ार रूपों का क़र्ज़दार था। उसे पकड़कर वह उसका गला दबाकर कहने लगा, ‘अपना क़र्ज़ अदा कर!’
Matt UrduGeoD 18:29  दूसरा नौकर गिरकर मिन्नत करने लगा, ‘मुझे मोहलत दें, मैं आपको सारी रक़म अदा कर दूँगा।’
Matt UrduGeoD 18:30  लेकिन वह इसके लिए तैयार न हुआ, बल्कि जाकर उसे उस वक़्त तक जेल में डलवाया जब तक वह पूरी रक़म अदा न कर दे।
Matt UrduGeoD 18:31  जब बाक़ी नौकरों ने यह देखा तो उन्हें शदीद दुख हुआ और उन्होंने अपने मालिक के पास जाकर सब कुछ बता दिया जो हुआ था।
Matt UrduGeoD 18:32  इस पर मालिक ने उस नौकर को अपने पास बुला लिया और कहा, ‘शरीर नौकर! जब तूने मेरी मिन्नत की तो मैंने तेरा पूरा क़र्ज़ मुआफ़ कर दिया।
Matt UrduGeoD 18:33  क्या लाज़िम न था कि तू भी अपने साथी नौकर पर उतना रहम करता जितना मैंने तुझ पर किया था?’
Matt UrduGeoD 18:34  ग़ुस्से में मालिक ने उसे जेल के अफ़सरों के हवाले कर दिया ताकि उस पर उस वक़्त तक तशद्दुद किया जाए जब तक वह क़र्ज़ की पूरी रक़म अदा न कर दे।
Matt UrduGeoD 18:35  मेरा आसमानी बाप तुममें से हर एक के साथ भी ऐसा ही करेगा अगर तुमने अपने भाई को पूरे दिल से मुआफ़ न किया।”
Chapter 19
Matt UrduGeoD 19:1  यह कहने के बाद ईसा गलील को छोड़कर यहूदिया में दरियाए-यरदन के पार चला गया।
Matt UrduGeoD 19:2  बड़ा हुजूम उसके पीछे हो लिया और उसने उन्हें वहाँ शफ़ा दी।
Matt UrduGeoD 19:3  कुछ फ़रीसी आए और उसे फँसाने की ग़रज़ से सवाल किया, “क्या जायज़ है कि मर्द अपनी बीवी को किसी भी वजह से तलाक़ दे?”
Matt UrduGeoD 19:4  ईसा ने जवाब दिया, “क्या तुमने कलामे-मुक़द्दस में नहीं पढ़ा कि इब्तिदा में ख़ालिक़ ने उन्हें मर्द और औरत बनाया?
Matt UrduGeoD 19:5  और उसने फ़रमाया, ‘इसलिए मर्द अपने माँ-बाप को छोड़कर अपनी बीवी के साथ पैवस्त हो जाता है। वह दोनों एक हो जाते हैं।’
Matt UrduGeoD 19:6  यों वह कलामे-मुक़द्दस के मुताबिक़ दो नहीं रहते बल्कि एक हो जाते हैं। जिसे अल्लाह ने जोड़ा है उसे इनसान जुदा न करे।”
Matt UrduGeoD 19:7  उन्होंने एतराज़ किया, “तो फिर मूसा ने यह क्यों फ़रमाया कि आदमी तलाक़नामा लिखकर बीवी को रुख़सत कर दे?”
Matt UrduGeoD 19:8  ईसा ने जवाब दिया, “मूसा ने तुम्हारी सख़्तदिली की वजह से तुमको अपनी बीवी को तलाक़ देने की इजाज़त दी। लेकिन इब्तिदा में ऐसा न था।
Matt UrduGeoD 19:9  मैं तुम्हें बताता हूँ, जो अपनी बीवी को जिसने ज़िना न किया हो तलाक़ दे और किसी और से शादी करे, वह ज़िना करता है।”
Matt UrduGeoD 19:10  शागिर्दों ने उससे कहा, “अगर शौहर और बीवी का आपस का ताल्लुक़ ऐसा है तो शादी न करना बेहतर है।”
Matt UrduGeoD 19:11  ईसा ने जवाब दिया, “हर कोई यह बात समझ नहीं सकता बल्कि सिर्फ़ वह जिसे इस क़ाबिल बना दिया गया हो।
Matt UrduGeoD 19:12  क्योंकि कुछ पैदाइश ही से शादी करने के क़ाबिल नहीं होते, बाज़ को दूसरों ने यों बनाया है और बाज़ ने आसमान की बादशाही की ख़ातिर शादी करने से इनकार किया है। लिहाज़ा जो यह समझ सके वह समझ ले।”
Matt UrduGeoD 19:13  एक दिन छोटे बच्चों को ईसा के पास लाया गया ताकि वह उन पर अपने हाथ रखकर दुआ करे। लेकिन शागिर्दों ने लानेवालों को मलामत की।
Matt UrduGeoD 19:14  यह देखकर ईसा ने कहा, “बच्चों को मेरे पास आने दो और उन्हें न रोको, क्योंकि आसमान की बादशाही इन जैसे लोगों को हासिल है।”
Matt UrduGeoD 19:15  उसने उन पर अपने हाथ रखे और फिर वहाँ से चला गया।
Matt UrduGeoD 19:16  फिर एक आदमी ईसा के पास आया। उसने कहा, “उस्ताद, में कौन-सा नेक काम करूँ ताकि अबदी ज़िंदगी मिल जाए?”
Matt UrduGeoD 19:17  ईसा ने जवाब दिया, “तू मुझे नेकी के बारे में क्यों पूछ रहा है? सिर्फ़ एक ही नेक है। लेकिन अगर तू अबदी ज़िंदगी में दाख़िल होना चाहता है तो अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ार।”
Matt UrduGeoD 19:18  आदमी ने पूछा, “कौन-से अहकाम?” ईसा ने जवाब दिया, “क़त्ल न करना, ज़िना न करना, चोरी न करना, झूटी गवाही न देना,
Matt UrduGeoD 19:19  अपने बाप और अपनी माँ की इज़्ज़त करना और अपने पड़ोसी से वैसी मुहब्बत रखना जैसी तू अपने आपसे रखता है।”
Matt UrduGeoD 19:20  जवान आदमी ने जवाब दिया, “मैंने इन तमाम अहकाम की पैरवी की है, अब क्या रह गया है?”
Matt UrduGeoD 19:21  ईसा ने उसे बताया, “अगर तू कामिल होना चाहता है तो जा और अपनी पूरी जायदाद फ़रोख़्त करके पैसे ग़रीबों में तक़सीम कर दे। फिर तेरे लिए आसमान पर ख़ज़ाना जमा हो जाएगा। इसके बाद आकर मेरे पीछे हो ले।”
Matt UrduGeoD 19:22  यह सुनकर नौजवान मायूस होकर चला गया, क्योंकि वह निहायत दौलतमंद था।
Matt UrduGeoD 19:23  इस पर ईसा ने अपने शागिर्दों से कहा, “मैं तुमको सच बताता हूँ कि दौलतमंद के लिए आसमान की बादशाही में दाख़िल होना मुश्किल है।
Matt UrduGeoD 19:24  मैं यह दुबारा कहता हूँ, अमीर के आसमान की बादशाही में दाख़िल होने की निसबत ज़्यादा आसान यह है कि ऊँट सूई के नाके में से गुज़र जाए।”
Matt UrduGeoD 19:25  यह सुनकर शागिर्द निहायत हैरतज़दा हुए और पूछने लगे, “फिर किस को नजात हासिल हो सकती है?”
Matt UrduGeoD 19:26  ईसा ने ग़ौर से उनकी तरफ़ देखकर जवाब दिया, “यह इनसान के लिए तो नामुमकिन है, लेकिन अल्लाह के लिए सब कुछ मुमकिन है।”
Matt UrduGeoD 19:27  फिर पतरस बोल उठा, “हम तो अपना सब कुछ छोड़कर आपके पीछे हो लिए हैं। हमें क्या मिलेगा?”
Matt UrduGeoD 19:28  ईसा ने उनसे कहा, “मैं तुमको सच बताता हूँ, दुनिया की नई तख़लीक़ पर जब इब्ने-आदम अपने जलाली तख़्त पर बैठेगा तो तुम भी जिन्होंने मेरी पैरवी की है बारह तख़्तों पर बैठकर इसराईल के बारह क़बीलों की अदालत करोगे।
Matt UrduGeoD 19:29  और जिसने भी मेरी ख़ातिर अपने घरों, भाइयों, बहनों, बाप, माँ, बच्चों या खेतों को छोड़ दिया है उसे सौ गुना ज़्यादा मिल जाएगा और मीरास में अबदी ज़िंदगी पाएगा।
Matt UrduGeoD 19:30  लेकिन बहुत-से लोग जो अब अव्वल हैं उस वक़्त आख़िर होंगे और जो अब आख़िर हैं वह अव्वल होंगे।
Chapter 20
Matt UrduGeoD 20:1  क्योंकि आसमान की बादशाही उस ज़मीनदार से मुताबिक़त रखती है जो एक दिन सुबह-सवेरे निकला ताकि अपने अंगूर के बाग़ के लिए मज़दूर ढूँडे।
Matt UrduGeoD 20:2  वह उनसे दिहाड़ी के लिए चाँदी का एक सिक्का देने पर मुत्तफ़िक़ हुआ और उन्हें अपने अंगूर के बाग़ में भेज दिया।
Matt UrduGeoD 20:3  नौ बजे वह दुबारा निकला तो देखा कि कुछ लोग अभी तक मंडी में फ़ारिग़ बैठे हैं।
Matt UrduGeoD 20:4  उसने उनसे कहा, ‘तुम भी जाकर मेरे अंगूर के बाग़ में काम करो। मैं तुम्हें मुनासिब उजरत दूँगा।’
Matt UrduGeoD 20:5  चुनाँचे वह काम करने के लिए चले गए। बारह बजे और तीन बजे दोपहर के वक़्त भी वह निकला और इस तरह के फ़ारिग़ मज़दूरों को काम पर लगाया।
Matt UrduGeoD 20:6  फिर शाम के पाँच बज गए। वह निकला तो देखा कि अभी तक कुछ लोग फ़ारिग़ बैठे हैं। उसने उनसे पूछा, ‘तुम क्यों पूरा दिन फ़ारिग़ बैठे रहे हो?’
Matt UrduGeoD 20:7  उन्होंने जवाब दिया, ‘इसलिए कि किसी ने हमें काम पर नहीं लगाया।’ उसने उनसे कहा, ‘तुम भी जाकर मेरे अंगूर के बाग़ में काम करो।’
Matt UrduGeoD 20:8  दिन ढल गया तो ज़मीनदार ने अपने अफ़सर को बताया, ‘मज़दूरों को बुलाकर उन्हें मज़दूरी दे दे, आख़िर में आनेवालों से शुरू करके पहले आनेवालों तक।’
Matt UrduGeoD 20:9  जो मज़दूर पाँच बजे आए थे उन्हें चाँदी का एक एक सिक्का मिल गया।
Matt UrduGeoD 20:10  इसलिए जब वह आए जो पहले काम पर लगाए गए थे तो उन्होंने ज़्यादा मिलने की तवक़्क़ो की। लेकिन उन्हें भी चाँदी का एक एक सिक्का मिला।
Matt UrduGeoD 20:11  इस पर वह ज़मीनदार के ख़िलाफ़ बुड़बुड़ाने लगे,
Matt UrduGeoD 20:12  ‘यह आदमी जिन्हें आख़िर में लगाया गया उन्होंने सिर्फ़ एक घंटा काम किया। तो भी आपने उन्हें हमारे बराबर की मज़दूरी दी हालाँकि हमें दिन का पूरा बोझ और धूप की शिद्दत बरदाश्त करनी पड़ी।’
Matt UrduGeoD 20:13  लेकिन ज़मीनदार ने उनमें से एक से बात की, ‘यार, मैंने ग़लत काम नहीं किया। क्या तू चाँदी के एक सिक्के के लिए मज़दूरी करने पर मुत्तफ़िक़ न हुआ था?
Matt UrduGeoD 20:14  अपने पैसे लेकर चला जा। मैं आख़िर में काम पर लगनेवालों को उतना ही देना चाहता हूँ जितना तुझे।
Matt UrduGeoD 20:15  क्या मेरा हक़ नहीं कि मैं जैसा चाहूँ अपने पैसे ख़र्च करूँ? या क्या तू इसलिए हसद करता है कि मैं फ़ैयाज़दिल हूँ?’
Matt UrduGeoD 20:16  यों अव्वल आख़िर में आएँगे और जो आख़िरी हैं वह अव्वल हो जाएंगे।”
Matt UrduGeoD 20:17  अब जब ईसा यरूशलम की तरफ़ बढ़ रहा था तो बारह शागिर्दों को एक तरफ़ ले जाकर उसने उनसे कहा,
Matt UrduGeoD 20:18  “हम यरूशलम की तरफ़ बढ़ रहे हैं। वहाँ इब्ने-आदम को राहनुमा इमामों और शरीअत के उलमा के हवाले कर दिया जाएगा। वह उस पर सज़ाए-मौत का फ़तवा देकर
Matt UrduGeoD 20:19  उसे ग़ैरयहूदियों के हवाले कर देंगे ताकि वह उसका मज़ाक़ उड़ाएँ, उसको कोड़े मारें और उसे मसलूब करें। लेकिन तीसरे दिन वह जी उठेगा।”
Matt UrduGeoD 20:20  फिर ज़बदी के बेटों याक़ूब और यूहन्ना की माँ अपने बेटों को साथ लेकर ईसा के पास आई और सिजदा करके कहा, “आपसे एक गुज़ारिश है।”
Matt UrduGeoD 20:21  ईसा ने पूछा, “तू क्या चाहती है?” उसने जवाब दिया, “अपनी बादशाही में मेरे इन बेटों में से एक को अपने दाएँ हाथ बैठने दें और दूसरे को बाएँ हाथ।”
Matt UrduGeoD 20:22  ईसा ने कहा, “तुमको नहीं मालूम कि क्या माँग रहे हो। क्या तुम वह प्याला पी सकते हो जो मैं पीने को हूँ?” “जी, हम पी सकते हैं,” उन्होंने जवाब दिया।
Matt UrduGeoD 20:23  फिर ईसा ने उनसे कहा, “तुम मेरा प्याला तो ज़रूर पियोगे, लेकिन यह फ़ैसला करना मेरा काम नहीं कि कौन मेरे दाएँ हाथ बैठेगा और कौन बाएँ हाथ। मेरे बाप ने यह मक़ाम उन्हीं के लिए तैयार किया है जिनको उसने ख़ुद मुक़र्रर किया है।”
Matt UrduGeoD 20:24  जब बाक़ी दस शागिर्दों ने यह सुना तो उन्हें याक़ूब और यूहन्ना पर ग़ुस्सा आया।
Matt UrduGeoD 20:25  इस पर ईसा ने उन सबको बुलाकर कहा, “तुम जानते हो कि क़ौमों के हुक्मरान अपनी रिआया पर रोब डालते हैं और उनके बड़े अफ़सर उन पर अपने इख़्तियार का ग़लत इस्तेमाल करते हैं।
Matt UrduGeoD 20:26  लेकिन तुम्हारे दरमियान ऐसा नहीं है। जो तुममें बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा ख़ादिम बने
Matt UrduGeoD 20:27  और जो तुममें अव्वल होना चाहे वह तुम्हारा ग़ुलाम बने।
Matt UrduGeoD 20:28  क्योंकि इब्ने-आदम भी इसलिए नहीं आया कि ख़िदमत ले बल्कि इसलिए कि ख़िदमत करे और अपनी जान फ़िद्या के तौर पर देकर बहुतों को छुड़ाए।”
Matt UrduGeoD 20:29  जब वह यरीहू शहर से निकलने लगे तो एक बड़ा हुजूम उनके पीछे चल रहा था।
Matt UrduGeoD 20:30  दो अंधे रास्ते के किनारे बैठे थे। जब उन्होंने सुना कि ईसा गुज़र रहा है तो वह चिल्लाने लगे, “ख़ुदावंद, इब्ने-दाऊद, हम पर रहम करें।”
Matt UrduGeoD 20:31  हुजूम ने उन्हें डाँटकर कहा, “ख़ामोश!” लेकिन वह और भी ऊँची आवाज़ से पुकारते रहे, “ख़ुदावंद, इब्ने-दाऊद, हम पर रहम करें।”
Matt UrduGeoD 20:32  ईसा रुक गया। उसने उन्हें अपने पास बुलाया और पूछा, “तुम क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिए करूँ?”
Matt UrduGeoD 20:33  उन्होंने जवाब दिया, “ख़ुदावंद, यह कि हम देख सकें।”
Matt UrduGeoD 20:34  ईसा को उन पर तरस आया। उसने उनकी आँखों को छुआ तो वह फ़ौरन बहाल हो गईं। फिर वह उसके पीछे चलने लगे।
Chapter 21
Matt UrduGeoD 21:1  वह यरूशलम के क़रीब बैत-फ़गे पहुँचे। यह गाँव ज़ैतून के पहाड़ पर वाक़े था। ईसा ने दो शागिर्दों को भेजा
Matt UrduGeoD 21:2  और कहा, “सामनेवाले गाँव में जाओ। वहाँ तुमको फ़ौरन एक गधी नज़र आएगी जो अपने बच्चे के साथ बँधी हुई होगी। उन्हें खोलकर यहाँ ले आओ।
Matt UrduGeoD 21:3  अगर कोई यह देखकर तुमसे कुछ कहे तो उसे बता देना, ‘ख़ुदावंद को इनकी ज़रूरत है।’ यह सुनकर वह फ़ौरन इन्हें भेज देगा।”
Matt UrduGeoD 21:4  यों नबी की यह पेशगोई पूरी हुई,
Matt UrduGeoD 21:5  ‘सिय्यून बेटी को बता देना, देख, तेरा बादशाह तेरे पास आ रहा है। वह हलीम है और गधे पर, हाँ गधी के बच्चे पर सवार है।’
Matt UrduGeoD 21:6  दोनों शागिर्द चले गए। उन्होंने वैसा ही किया जैसा ईसा ने उन्हें बताया था।
Matt UrduGeoD 21:7  वह गधी को बच्चे समेत ले आए और अपने कपड़े उन पर रख दिए। फिर ईसा उन पर बैठ गया।
Matt UrduGeoD 21:8  जब वह चल पड़ा तो बहुत ज़्यादा लोगों ने उसके आगे आगे रास्ते में अपने कपड़े बिछा दिए। बाज़ ने शाख़ें भी उसके आगे आगे रास्ते में बिछा दीं जो उन्होंने दरख़्तों से काट ली थीं।
Matt UrduGeoD 21:9  लोग ईसा के आगे और पीछे चल रहे थे और चिल्लाकर यह नारे लगा रहे थे, “इब्ने-दाऊद को होशाना! मुबारक है वह जो रब के नाम से आता है। आसमान की बुलंदियों पर होशाना।”
Matt UrduGeoD 21:10  जब ईसा यरूशलम में दाख़िल हुआ तो पूरा शहर हिल गया। सबने पूछा, “यह कौन है?”
Matt UrduGeoD 21:11  हुजूम ने जवाब दिया, “यह ईसा है, वह नबी जो गलील के नासरत से है।”
Matt UrduGeoD 21:12  और ईसा बैतुल-मुक़द्दस में जाकर उन सबको निकालने लगा जो वहाँ क़ुरबानियों के लिए दरकार चीज़ों की ख़रीदो-फ़रोख़्त कर रहे थे। उसने सिक्कों का तबादला करनेवालों की मेज़ें और कबूतर बेचनेवालों की कुरसियाँ उलट दीं
Matt UrduGeoD 21:13  और उनसे कहा, “कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, ‘मेरा घर दुआ का घर कहलाएगा।’ लेकिन तुमने उसे डाकुओं के अड्डे में बदल दिया है।”
Matt UrduGeoD 21:14  अंधे और लँगड़े बैतुल-मुक़द्दस में उसके पास आए और उसने उन्हें शफ़ा दी।
Matt UrduGeoD 21:15  लेकिन राहनुमा इमाम और शरीअत के उलमा नाराज़ हुए जब उन्होंने उसके हैरतअंगेज़ काम देखे और यह कि बच्चे बैतुल-मुक़द्दस में “इब्ने-दाऊद को होशाना” चिल्ला रहे हैं।
Matt UrduGeoD 21:16  उन्होंने उससे पूछा, “क्या आप सुन रहे हैं कि यह बच्चे क्या कह रहे हैं?” “जी,” ईसा ने जवाब दिया, “क्या तुमने कलामे-मुक़द्दस में कभी नहीं पढ़ा कि ‘तूने छोटे बच्चों और शीरख़ारों की ज़बान को तैयार किया है ताकि वह तेरी तमजीद करें’?”
Matt UrduGeoD 21:17  फिर वह उन्हें छोड़कर शहर से निकला और बैत-अनियाह पहुँचा जहाँ उसने रात गुज़ारी।
Matt UrduGeoD 21:18  अगले दिन सुबह-सवेरे जब वह यरूशलम लौट रहा था तो ईसा को भूक लगी।
Matt UrduGeoD 21:19  रास्ते के क़रीब अंजीर का एक दरख़्त देखकर वह उसके पास गया। लेकिन जब वह वहाँ पहुँचा तो देखा कि फल नहीं लगा बल्कि सिर्फ़ पत्ते ही पत्ते हैं। इस पर उसने दरख़्त से कहा, “अब से कभी भी तुझमें फल न लगे!” दरख़्त फ़ौरन सूख गया।
Matt UrduGeoD 21:20  यह देखकर शागिर्द हैरान हुए और कहा, “अंजीर का दरख़्त इतनी जल्दी से किस तरह सूख गया?”
Matt UrduGeoD 21:21  ईसा ने जवाब दिया, “मैं तुमको सच बताता हूँ, अगर तुम शक न करो बल्कि ईमान रखो तो फिर तुम न सिर्फ़ ऐसा काम कर सकोगे बल्कि इससे भी बड़ा। तुम इस पहाड़ से कहोगे, ‘उठ, अपने आपको समुंदर में गिरा दे’ तो यह हो जाएगा।
Matt UrduGeoD 21:22  अगर तुम ईमान रखो तो जो कुछ भी तुम दुआ में माँगोगे वह तुमको मिल जाएगा।”
Matt UrduGeoD 21:23  ईसा बैतुल-मुक़द्दस में दाख़िल होकर तालीम देने लगा। इतने में राहनुमा इमाम और क़ौम के बुज़ुर्ग उसके पास आए और पूछा, “आप यह सब कुछ किस इख़्तियार से कर रहे हैं? किसने आपको यह इख़्तियार दिया है?”
Matt UrduGeoD 21:24  ईसा ने जवाब दिया, “मेरा भी तुमसे एक सवाल है। इसका जवाब दो तो फिर तुमको बता दूँगा कि मैं यह किस इख़्तियार से कर रहा हूँ।
Matt UrduGeoD 21:25  मुझे बताओ कि यहया का बपतिस्मा कहाँ से था—क्या वह आसमानी था या इनसानी?” वह आपस में बहस करने लगे, “अगर हम कहें ‘आसमानी’ तो वह पूछेगा, ‘तो फिर तुम उस पर ईमान क्यों न लाए?’
Matt UrduGeoD 21:26  लेकिन हम कैसे कह सकते हैं कि वह इनसानी था? हम तो आम लोगों से डरते हैं, क्योंकि वह सब मानते हैं कि यहया नबी था।”
Matt UrduGeoD 21:27  चुनाँचे उन्होंने जवाब दिया, “हम नहीं जानते।” ईसा ने कहा, “फिर मैं भी तुमको नहीं बताता कि मैं यह सब कुछ किस इख़्तियार से कर रहा हूँ।
Matt UrduGeoD 21:28  तुम्हारा क्या ख़याल है? एक आदमी के दो बेटे थे। बाप बड़े बेटे के पास गया और कहा, ‘बेटा, आज अंगूर के बाग़ में जाकर काम कर।’
Matt UrduGeoD 21:29  बेटे ने जवाब दिया, ‘मैं जाना नहीं चाहता,’ लेकिन बाद में उसने अपना ख़याल बदल लिया और बाग़ में चला गया।
Matt UrduGeoD 21:30  इतने में बाप छोटे बेटे के पास भी गया और उसे बाग़ में जाने को कहा। ‘जी जनाब, मैं जाऊँगा,’ छोटे बेटे ने कहा। लेकिन वह न गया।
Matt UrduGeoD 21:31  अब मुझे बताओ कि किस बेटे ने अपने बाप की मरज़ी पूरी की?” “पहले बेटे ने,” उन्होंने जवाब दिया। ईसा ने कहा, “मैं तुमको सच बताता हूँ कि टैक्स लेनेवाले और कसबियाँ तुमसे पहले अल्लाह की बादशाही में दाख़िल हो रहे हैं।
Matt UrduGeoD 21:32  क्योंकि यहया तुमको रास्तबाज़ी की राह दिखाने आया और तुम उस पर ईमान न लाए। लेकिन टैक्स लेनेवाले और कसबियाँ उस पर ईमान लाए। और यह देखकर भी तुमने अपना ख़याल न बदला और उस पर ईमान न लाए।
Matt UrduGeoD 21:33  एक और तमसील सुनो। एक ज़मीनदार था जिसने अंगूर का बाग़ लगाया। उसने उस की चारदीवारी बनाई, अंगूरों का रस निकालने के लिए एक गढ़े की खुदाई की और पहरेदारों के लिए बुर्ज तामीर किया। फिर वह उसे मुज़ारेओं के सुपुर्द करके बैरूने-मुल्क चला गया।
Matt UrduGeoD 21:34  जब अंगूर को तोड़ने का वक़्त क़रीब आ गया तो उसने अपने नौकरों को मुज़ारेओं के पास भेज दिया ताकि वह उनसे मालिक का हिस्सा वसूल करें।
Matt UrduGeoD 21:35  लेकिन मुज़ारेओं ने उसके नौकरों को पकड़ लिया। उन्होंने एक की पिटाई की, दूसरे को क़त्ल किया और तीसरे को संगसार किया।
Matt UrduGeoD 21:36  फिर मालिक ने मज़ीद नौकरों को उनके पास भेज दिया जो पहले की निसबत ज़्यादा थे। लेकिन मुज़ारेओं ने उनके साथ भी वही सुलूक किया।
Matt UrduGeoD 21:37  आख़िरकार ज़मीनदार ने अपने बेटे को उनके पास भेजा। उसने कहा, ‘आख़िर मेरे बेटे का तो लिहाज़ करेंगे।’
Matt UrduGeoD 21:38  लेकिन बेटे को देखकर मुज़ारे एक दूसरे से कहने लगे, ‘यह ज़मीन का वारिस है। आओ, हम इसे क़त्ल करके उस की मीरास पर क़ब्ज़ा कर लें।’
Matt UrduGeoD 21:39  उन्होंने उसे पकड़कर बाग़ से बाहर फेंक दिया और क़त्ल किया।”
Matt UrduGeoD 21:40  ईसा ने पूछा, “अब बताओ, बाग़ का मालिक जब आएगा तो उन मुज़ारेओं के साथ क्या करेगा?”
Matt UrduGeoD 21:41  उन्होंने जवाब दिया, “वह उन्हें बुरी तरह तबाह करेगा और बाग़ को दूसरों के सुपुर्द कर देगा, ऐसे मुज़ारेओं के सुपुर्द जो वक़्त पर उसे फ़सल का उसका हिस्सा देंगे।”
Matt UrduGeoD 21:42  ईसा ने उनसे कहा, “क्या तुमने कभी कलाम का यह हवाला नहीं पढ़ा, ‘जिस पत्थर को मकान बनानेवालों ने रद्द किया, वह कोने का बुनियादी पत्थर बन गया। यह रब ने किया और देखने में कितना हैरतअंगेज़ है’?
Matt UrduGeoD 21:43  इसलिए मैं तुम्हें बताता हूँ कि अल्लाह की बादशाही तुमसे ले ली जाएगी और एक ऐसी क़ौम को दी जाएगी जो इसके मुताबिक़ फल लाएगी।
Matt UrduGeoD 21:44  जो इस पत्थर पर गिरेगा वह टुकड़े टुकड़े हो जाएगा, जबकि जिस पर वह ख़ुद गिरेगा उसे वह पीस डालेगा।”
Matt UrduGeoD 21:45  ईसा की तमसीलें सुनकर राहनुमा इमाम और फ़रीसी समझ गए कि वह हमारे बारे में बात कर रहा है।
Matt UrduGeoD 21:46  उन्होंने ईसा को गिरिफ़्तार करने की कोशिश की, लेकिन वह अवाम से डरते थे क्योंकि वह समझते थे कि ईसा नबी है।
Chapter 22
Matt UrduGeoD 22:1  ईसा ने एक बार फिर तमसीलों में उनसे बात की।
Matt UrduGeoD 22:2  “आसमान की बादशाही एक बादशाह से मुताबिक़त रखती है जिसने अपने बेटे की शादी की ज़ियाफ़त की तैयारियाँ करवाईं।
Matt UrduGeoD 22:3  जब ज़ियाफ़त का वक़्त आ गया तो उसने अपने नौकरों को मेहमानों के पास यह इत्तला देने के लिए भेजा कि वह आएँ, लेकिन वह आना नहीं चाहते थे।
Matt UrduGeoD 22:4  फिर उसने मज़ीद कुछ नौकरों को भेजकर कहा, ‘मेहमानों को बताना कि मैंने अपना खाना तैयार कर रखा है। बैलों और मोटे-ताज़े बछड़ों को ज़बह किया गया है,
Matt UrduGeoD 22:5  सब कुछ तैयार है। आएँ, ज़ियाफ़त में शरीक हो जाएँ।’ लेकिन मेहमानों ने परवा न की बल्कि अपने मुख़्तलिफ़ कामों में लग गए। एक अपने खेत को चला गया, दूसरा अपने कारोबार में मसरूफ़ हो गया।
Matt UrduGeoD 22:6  बाक़ियों ने बादशाह के नौकरों को पकड़ लिया और उनसे बुरा सुलूक करके उन्हें क़त्ल किया।
Matt UrduGeoD 22:7  बादशाह बड़े तैश में आ गया। उसने अपनी फ़ौज को भेजकर क़ातिलों को तबाह कर दिया और उनका शहर जला दिया।
Matt UrduGeoD 22:8  फिर उसने अपने नौकरों से कहा, ‘शादी की ज़ियाफ़त तो तैयार है, लेकिन जिन मेहमानों को मैंने दावत दी थी वह आने के लायक़ नहीं थे।
Matt UrduGeoD 22:9  अब वहाँ जाओ जहाँ सड़कें शहर से निकलती हैं और जिससे भी मुलाक़ात हो जाए उसे ज़ियाफ़त के लिए दावत दे देना।’
Matt UrduGeoD 22:10  चुनाँचे नौकर सड़कों पर निकले और जिससे भी मुलाक़ात हुई उसे लाए, ख़ाह वह अच्छा था या बुरा। यों शादी हाल मेहमानों से भर गया।
Matt UrduGeoD 22:11  लेकिन जब बादशाह मेहमानों से मिलने के लिए अंदर आया तो उसे एक आदमी नज़र आया जिसने शादी के लिए मुनासिब कपड़े नहीं पहने थे।
Matt UrduGeoD 22:12  बादशाह ने पूछा, ‘दोस्त, तुम शादी का लिबास पहने बग़ैर अंदर किस तरह आए?’ वह आदमी कोई जवाब न दे सका।
Matt UrduGeoD 22:13  फिर बादशाह ने अपने दरबारियों को हुक्म दिया, ‘इसके हाथ और पाँव बाँधकर इसे बाहर तारीकी में फेंक दो, वहाँ जहाँ लोग रोते और दाँत पीसते रहेंगे।’
Matt UrduGeoD 22:14  क्योंकि बुलाए हुए तो बहुत हैं, लेकिन चुने हुए कम।”
Matt UrduGeoD 22:15  फिर फ़रीसियों ने जाकर आपस में मशवरा किया कि हम ईसा को किस तरह ऐसी बात करने के लिए उभारें जिससे उसे पकड़ा जा सके।
Matt UrduGeoD 22:16  इस मक़सद के तहत उन्होंने अपने शागिर्दों को हेरोदेस के पैरोकारों समेत ईसा के पास भेजा। उन्होंने कहा, “उस्ताद, हम जानते हैं कि आप सच्चे हैं और दियानतदारी से अल्लाह की राह की तालीम देते हैं। आप किसी की परवा नहीं करते क्योंकि आप ग़ैरजानिबदार हैं।
Matt UrduGeoD 22:17  अब हमें अपनी राय बताएँ। क्या रोमी शहनशाह को टैक्स देना जायज़ है या नाजायज़?”
Matt UrduGeoD 22:18  लेकिन ईसा ने उनकी बुरी नीयत पहचान ली। उसने कहा, “रियाकारो, तुम मुझे क्यों फँसाना चाहते हो?
Matt UrduGeoD 22:19  मुझे वह सिक्का दिखाओ जो टैक्स अदा करने के लिए इस्तेमाल होता है।” वह उसके पास चाँदी का एक रोमी सिक्का ले आए
Matt UrduGeoD 22:20  तो उसने पूछा, “किसकी सूरत और नाम इस पर कंदा है?”
Matt UrduGeoD 22:21  उन्होंने जवाब दिया, “शहनशाह का।” उसने कहा, “तो जो शहनशाह का है शहनशाह को दो और जो अल्लाह का है अल्लाह को।”
Matt UrduGeoD 22:22  उसका यह जवाब सुनकर वह हक्का-बक्का रह गए और उसे छोड़कर चले गए।
Matt UrduGeoD 22:23  उस दिन सदूक़ी ईसा के पास आए। सदूक़ी नहीं मानते कि रोज़े-क़ियामत मुरदे जी उठेंगे। उन्होंने ईसा से एक सवाल किया।
Matt UrduGeoD 22:24  “उस्ताद, मूसा ने हमें हुक्म दिया कि अगर कोई शादीशुदा आदमी बेऔलाद मर जाए और उसका भाई हो तो भाई का फ़र्ज़ है कि वह बेवा से शादी करके अपने भाई के लिए औलाद पैदा करे।
Matt UrduGeoD 22:25  अब फ़र्ज़ करें कि हमारे दरमियान सात भाई थे। पहले ने शादी की, लेकिन बेऔलाद फ़ौत हुआ। इसलिए दूसरे भाई ने बेवा से शादी की।
Matt UrduGeoD 22:26  लेकिन वह भी बेऔलाद मर गया। फिर तीसरे भाई ने उससे शादी की। यह सिलसिला सातवें भाई तक जारी रहा। यके बाद दीगरे हर भाई बेवा से शादी करने के बाद मर गया।
Matt UrduGeoD 22:27  आख़िर में बेवा भी फ़ौत हो गई।
Matt UrduGeoD 22:28  अब बताएँ कि क़ियामत के दिन वह किसकी बीवी होगी? क्योंकि सात के सात भाइयों ने उससे शादी की थी।”
Matt UrduGeoD 22:29  ईसा ने जवाब दिया, “तुम इसलिए ग़लती पर हो कि न तुम कलामे-मुक़द्दस से वाक़िफ़ हो, न अल्लाह की क़ुदरत से।
Matt UrduGeoD 22:30  क्योंकि क़ियामत के दिन लोग न शादी करेंगे न उनकी शादी कराई जाएगी बल्कि वह आसमान पर फ़रिश्तों की मानिंद होंगे।
Matt UrduGeoD 22:31  रही यह बात कि मुरदे जी उठेंगे, क्या तुमने वह बात नहीं पढ़ी जो अल्लाह ने तुमसे कही?
Matt UrduGeoD 22:32  उसने फ़रमाया, ‘मैं इब्राहीम का ख़ुदा, इसहाक़ का ख़ुदा और याक़ूब का ख़ुदा हूँ,’ हालाँकि उस वक़्त तीनों काफ़ी अरसे से मर चुके थे। इसका मतलब है कि यह हक़ीक़त में ज़िंदा हैं। क्योंकि अल्लाह मुरदों का नहीं बल्कि ज़िंदों का ख़ुदा है।”
Matt UrduGeoD 22:33  यह सुनकर हुजूम उस की तालीम के बाइस हैरान रह गया।
Matt UrduGeoD 22:34  जब फ़रीसियों ने सुना कि ईसा ने सदूक़ियों को लाजवाब कर दिया है तो वह जमा हुए।
Matt UrduGeoD 22:35  उनमें से एक ने जो शरीअत का आलिम था उसे फँसाने के लिए सवाल किया,
Matt UrduGeoD 22:36  “उस्ताद, शरीअत में सबसे बड़ा हुक्म कौन-सा है?”
Matt UrduGeoD 22:37  ईसा ने जवाब दिया, “‘रब अपने ख़ुदा से अपने पूरे दिल, अपनी पूरी जान और अपने पूरे ज़हन से प्यार करना।’
Matt UrduGeoD 22:38  यह अव्वल और सबसे बड़ा हुक्म है।
Matt UrduGeoD 22:39  और दूसरा हुक्म इसके बराबर यह है, ‘अपने पड़ोसी से वैसी मुहब्बत रखना जैसी तू अपने आपसे रखता है।’
Matt UrduGeoD 22:40  तमाम शरीअत और नबियों की तालीमात इन दो अहकाम पर मबनी हैं।”
Matt UrduGeoD 22:41  जब फ़रीसी इकट्ठे थे तो ईसा ने उनसे पूछा,
Matt UrduGeoD 22:42  “तुम्हारा मसीह के बारे में क्या ख़याल है? वह किसका फ़रज़ंद है?” उन्होंने जवाब दिया, “वह दाऊद का फ़रज़ंद है।”
Matt UrduGeoD 22:43  ईसा ने कहा, “तो फिर दाऊद रूहुल-क़ुद्स की मारिफ़त उसे किस तरह ‘रब’ कहता है? क्योंकि वह फ़रमाता है,
Matt UrduGeoD 22:44  ‘रब ने मेरे रब से कहा, मेरे दहने हाथ बैठ, जब तक मैं तेरे दुश्मनों को तेरे पाँवों के नीचे न कर दूँ।’
Matt UrduGeoD 22:45  दाऊद तो ख़ुद मसीह को रब कहता है। तो फिर वह किस तरह उसका फ़रज़ंद हो सकता है?”
Matt UrduGeoD 22:46  कोई भी जवाब न दे सका, और उस दिन से किसी ने भी उससे मज़ीद कुछ पूछने की जुर्रत न की।
Chapter 23
Matt UrduGeoD 23:1  फिर ईसा हुजूम और अपने शागिर्दों से मुख़ातिब हुआ,
Matt UrduGeoD 23:2  “शरीअत के उलमा और फ़रीसी मूसा की कुरसी पर बैठे हैं।
Matt UrduGeoD 23:3  चुनाँचे जो कुछ वह तुमको बताते हैं वह करो और उसके मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारो। लेकिन जो कुछ वह करते हैं वह न करो, क्योंकि वह ख़ुद अपनी तालीम के मुताबिक़ ज़िंदगी नहीं गुज़ारते।
Matt UrduGeoD 23:4  वह भारी गठड़ियाँ बाँध बाँधकर लोगों के कंधों पर रख देते हैं, लेकिन ख़ुद उन्हें उठाने के लिए एक उँगली तक हिलाने को तैयार नहीं होते।
Matt UrduGeoD 23:5  जो भी करते हैं दिखावे के लिए करते हैं। जो तावीज़ वह अपने बाज़ुओं और पेशानियों पर बाँधते और जो फुँदने अपने लिबास से लगाते हैं वह ख़ास बड़े होते हैं।
Matt UrduGeoD 23:6  उनकी बस एक ही ख़ाहिश होती है कि ज़ियाफ़तों और इबादतख़ानों में इज़्ज़त की कुरसियों पर बैठ जाएँ।
Matt UrduGeoD 23:7  जब लोग बाज़ारों में सलाम करके उनकी इज़्ज़त करते और ‘उस्ताद’ कहकर उनसे बात करते हैं तो फिर वह ख़ुश हो जाते हैं।
Matt UrduGeoD 23:8  लेकिन तुमको उस्ताद नहीं कहलाना चाहिए, क्योंकि तुम्हारा सिर्फ़ एक ही उस्ताद है जबकि तुम सब भाई हो।
Matt UrduGeoD 23:9  और दुनिया में किसी को ‘बाप’ कहकर उससे बात न करो, क्योंकि तुम्हारा एक ही बाप है और वह आसमान पर है।
Matt UrduGeoD 23:10  हादी न कहलाना क्योंकि तुम्हारा सिर्फ़ एक ही हादी है यानी अल-मसीह।
Matt UrduGeoD 23:11  तुममें से सबसे बड़ा शख़्स तुम्हारा ख़ादिम होगा।
Matt UrduGeoD 23:12  क्योंकि जो भी अपने आपको सरफ़राज़ करेगा उसे पस्त किया जाएगा और जो अपने आपको पस्त करेगा उसे सरफ़राज़ किया जाएगा।
Matt UrduGeoD 23:13  शरीअत के आलिमो और फ़रीसियो, तुम पर अफ़सोस! रियाकारो! तुम लोगों के सामने आसमान की बादशाही पर ताला लगाते हो। न तुम ख़ुद दाख़िल होते हो, न उन्हें दाख़िल होने देते हो जो अंदर जाना चाहते हैं।
Matt UrduGeoD 23:14  [शरीअत के आलिमो और फ़रीसियो, तुम पर अफ़सोस! रियाकारो! तुम बेवाओं के घरों पर क़ब्ज़ा कर लेते और दिखावे के लिए लंबी लंबी नमाज़ पढ़ते हो। इसलिए तुम्हें ज़्यादा सज़ा मिलेगी।]
Matt UrduGeoD 23:15  शरीअत के आलिमो और फ़रीसियो, तुम पर अफ़सोस! रियाकारो! तुम एक नौमुरीद बनाने की ख़ातिर ख़ुश्की और तरी के लंबे सफ़र करते हो। और जब इसमें कामयाब हो जाते हो तो तुम उस शख़्स को अपनी निसबत जहन्नुम का दुगना शरीर फ़रज़ंद बना देते हो।
Matt UrduGeoD 23:16  अंधे राहनुमाओ, तुम पर अफ़सोस! तुम कहते हो, ‘अगर कोई बैतुल-मुक़द्दस की क़सम खाए तो ज़रूरी नहीं कि वह उसे पूरा करे। लेकिन अगर वह बैतुल-मुक़द्दस के सोने की क़सम खाए तो लाज़िम है कि उसे पूरा करे।’
Matt UrduGeoD 23:17  अंधे अहमक़ो! ज़्यादा अहम किया है, सोना या बैतुल-मुक़द्दस जो सोने को मख़सूसो-मुक़द्दस बनाता है?
Matt UrduGeoD 23:18  तुम यह भी कहते हो, ‘अगर कोई क़ुरबानगाह की क़सम खाए तो ज़रूरी नहीं कि वह उसे पूरा करे। लेकिन अगर वह क़ुरबानगाह पर पड़े हदिये की क़सम खाए तो लाज़िम है कि वह उसे पूरा करे।’
Matt UrduGeoD 23:19  अंधो! ज़्यादा अहम किया है, हदिया या क़ुरबानगाह जो हदिये को मख़सूसो-मुक़द्दस बनाती है?
Matt UrduGeoD 23:20  ग़रज़, जो क़ुरबानगाह की क़सम खाता है वह उन तमाम चीज़ों की क़सम भी खाता है जो उस पर पड़ी हैं।
Matt UrduGeoD 23:21  और जो बैतुल-मुक़द्दस की क़सम खाता है वह उस की भी क़सम खाता है जो उसमें सुकूनत करता है।
Matt UrduGeoD 23:22  और जो आसमान की क़सम खाता है वह अल्लाह के तख़्त की और उस पर बैठनेवाले की क़सम भी खाता है।
Matt UrduGeoD 23:23  शरीअत के आलिमो और फ़रीसियो, तुम पर अफ़सोस! रियाकारो! गो तुम बड़ी एहतियात से पौदीने, अजवायन और ज़ीरे का दसवाँ हिस्सा हदिये के लिए मख़सूस करते हो, लेकिन तुमने शरीअत की ज़्यादा अहम बातों को नज़रंदाज़ कर दिया है यानी इनसाफ़, रहम और वफ़ादारी को। लाज़िम है कि तुम यह काम भी करो और पहला भी न छोड़ो।
Matt UrduGeoD 23:24  अंधे राहनुमाओ! तुम अपने मशरूब छानते हो ताकि ग़लती से मच्छर न पी लिया जाए, लेकिन साथ साथ ऊँट को निगल लेते हो।
Matt UrduGeoD 23:25  शरीअत के आलिमो और फ़रीसियो, तुम पर अफ़सोस! रियाकारो! तुम बाहर से हर प्याले और बरतन की सफ़ाई करते हो, लेकिन अंदर से वह लूट-मार और ऐशपरस्ती से भरे होते हैं।
Matt UrduGeoD 23:26  अंधे फ़रीसियो, पहले अंदर से प्याले और बरतन की सफ़ाई करो, और फिर वह बाहर से भी पाक-साफ़ हो जाएंगे।
Matt UrduGeoD 23:27  शरीअत के आलिमो और फ़रीसियो, तुम पर अफ़सोस! रियाकारो! तुम ऐसी क़ब्रों से मुताबिक़त रखते हो जिन पर सफेदी की गई हो। गो वह बाहर से दिलकश नज़र आती हैं, लेकिन अंदर से वह मुरदों की हड्डियों और हर क़िस्म की नापाकी से भरी होती हैं।
Matt UrduGeoD 23:28  तुम भी बाहर से रास्तबाज़ दिखाई देते हो जबकि अंदर से तुम रियाकारी और बेदीनी से मामूर होते हो।
Matt UrduGeoD 23:29  शरीअत के आलिमो और फ़रीसियो, तुम पर अफ़सोस! रियाकारो! तुम नबियों के लिए क़ब्रें तामीर करते और रास्तबाज़ों के मज़ार सजाते हो।
Matt UrduGeoD 23:30  और तुम कहते हो, ‘अगर हम अपने बापदादा के ज़माने में ज़िंदा होते तो नबियों को क़त्ल करने में शरीक न होते।’
Matt UrduGeoD 23:31  लेकिन यह कहने से तुम अपने ख़िलाफ़ गवाही देते हो कि तुम नबियों के क़ातिलों की औलाद हो।
Matt UrduGeoD 23:32  अब जाओ, वह काम मुकम्मल करो जो तुम्हारे बापदादा ने अधूरा छोड़ दिया था।
Matt UrduGeoD 23:33  साँपो, ज़हरीले साँपों के बच्चो! तुम किस तरह जहन्नुम की सज़ा से बच पाओगे?
Matt UrduGeoD 23:34  इसलिए मैं नबियों, दानिशमंदों और शरीअत के आलिमों को तुम्हारे पास भेज देता हूँ। उनमें से बाज़ को तुम क़त्ल और मसलूब करोगे और बाज़ को अपने इबादतख़ानों में ले जाकर कोड़े लगवाओगे और शहर बशहर उनका ताक़्क़ुब करोगे।
Matt UrduGeoD 23:35  नतीजे में तुम तमाम रास्तबाज़ों के क़त्ल के ज़िम्मादार ठहरोगे—रास्तबाज़ हाबील के क़त्ल से लेकर ज़करियाह बिन बरकियाह के क़त्ल तक जिसे तुमने बैतुल-मुक़द्दस के दरवाज़े और उसके सहन में मौजूद क़ुरबानगाह के दरमियान मार डाला।
Matt UrduGeoD 23:36  मैं तुमको सच बताता हूँ कि यह सब कुछ इसी नसल पर आएगा।
Matt UrduGeoD 23:37  हाय यरूशलम, यरूशलम! तू जो नबियों को क़त्ल करती और अपने पास भेजे हुए पैग़ंबरों को संगसार करती है। मैंने कितनी ही बार तेरी औलाद को जमा करना चाहा, बिलकुल उसी तरह जिस तरह मुरग़ी अपने बच्चों को अपने परों तले जमा करके महफ़ूज़ कर लेती है। लेकिन तुमने न चाहा।
Matt UrduGeoD 23:38  अब तुम्हारे घर को वीरानो-सुनसान छोड़ा जाएगा।
Matt UrduGeoD 23:39  क्योंकि मैं तुमको बताता हूँ, तुम मुझे उस वक़्त तक दुबारा नहीं देखोगे जब तक तुम न कहो कि मुबारक है वह जो रब के नाम से आता है।”
Chapter 24
Matt UrduGeoD 24:1  ईसा बैतुल-मुक़द्दस को छोड़कर निकल रहा था कि उसके शागिर्द उसके पास आए और बैतुल-मुक़द्दस की मुख़्तलिफ़ इमारतों की तरफ़ उस की तवज्जुह दिलाने लगे।
Matt UrduGeoD 24:2  लेकिन ईसा ने जवाब में कहा, “क्या तुमको यह सब कुछ नज़र आता है? मैं तुमको सच बताता हूँ कि यहाँ पत्थर पर पत्थर नहीं रहेगा बल्कि सब कुछ ढा दिया जाएगा।”
Matt UrduGeoD 24:3  बाद में ईसा ज़ैतून के पहाड़ पर बैठ गया। शागिर्द अकेले उसके पास आए। उन्होंने कहा, “हमें ज़रा बताएँ, यह कब होगा? क्या क्या नज़र आएगा जिससे पता चलेगा कि आप आनेवाले हैं और यह दुनिया ख़त्म होनेवाली है?”
Matt UrduGeoD 24:4  ईसा ने जवाब दिया, “ख़बरदार रहो कि कोई तुम्हें गुमराह न कर दे।
Matt UrduGeoD 24:5  क्योंकि बहुत-से लोग मेरा नाम लेकर आएँगे और कहेंगे, ‘मैं ही मसीह हूँ।’ यों वह बहुतों को गुमराह कर देंगे।
Matt UrduGeoD 24:6  जंगों की ख़बरें और अफ़वाहें तुम तक पहुँचेंगी, लेकिन मुहतात रहो ताकि तुम घबरा न जाओ। क्योंकि लाज़िम है कि यह सब कुछ पेश आए। तो भी अभी आख़िरत नहीं होगी।
Matt UrduGeoD 24:7  एक क़ौम दूसरी के ख़िलाफ़ उठ खड़ी होगी, और एक बादशाही दूसरी के ख़िलाफ़। काल पड़ेंगे और जगह जगह ज़लज़ले आएँगे।
Matt UrduGeoD 24:8  लेकिन यह सिर्फ़ दर्दे-ज़ह की इब्तिदा ही होगी।
Matt UrduGeoD 24:9  फिर वह तुमको बड़ी मुसीबत में डाल देंगे और तुमको क़त्ल करेंगे। तमाम क़ौमें तुमसे इसलिए नफ़रत करेंगी कि तुम मेरे पैरोकार हो।
Matt UrduGeoD 24:10  उस वक़्त बहुत-से लोग ईमान से बरगश्ता होकर एक दूसरे को दुश्मन के हवाले करेंगे और एक दूसरे से नफ़रत करेंगे।
Matt UrduGeoD 24:11  बहुत-से झूटे नबी खड़े होकर बहुत-से लोगों को गुमराह कर देंगे।
Matt UrduGeoD 24:12  बेदीनी के बढ़ जाने की वजह से बेशतर लोगों की मुहब्बत ठंडी पड़ जाएगी।
Matt UrduGeoD 24:13  लेकिन जो आख़िर तक क़ायम रहेगा उसे नजात मिलेगी।
Matt UrduGeoD 24:14  और बादशाही की इस ख़ुशख़बरी के पैग़ाम का एलान पूरी दुनिया में किया जाएगा ताकि तमाम क़ौमों के सामने उस की गवाही दी जाए। फिर ही आख़िरत आएगी।
Matt UrduGeoD 24:15  एक दिन आएगा जब तुम मुक़द्दस मक़ाम में वह कुछ खड़ा देखोगे जिसका ज़िक्र दानियाल नबी ने किया और जो बेहुरमती और तबाही का बाइस है।” (क़ारी इस पर ध्यान दे!)
Matt UrduGeoD 24:16  “उस वक़्त यहूदिया के रहनेवाले भागकर पहाड़ी इलाक़े में पनाह लें।
Matt UrduGeoD 24:17  जो अपने घर की छत पर हो वह घर में से कुछ साथ ले जाने के लिए न उतरे।
Matt UrduGeoD 24:18  जो खेत में हो वह अपनी चादर साथ ले जाने के लिए वापस न जाए।
Matt UrduGeoD 24:19  उन ख़वातीन पर अफ़सोस जो उन दिनों में हामिला हों या अपने बच्चों को दूध पिलाती हों।
Matt UrduGeoD 24:20  दुआ करो कि तुमको सर्दियों के मौसम में या सबत के दिन हिजरत न करनी पड़े।
Matt UrduGeoD 24:21  क्योंकि उस वक़्त ऐसी शदीद मुसीबत होगी कि दुनिया की तख़लीक़ से आज तक देखने में न आई होगी। इस क़िस्म की मुसीबत बाद में भी कभी नहीं आएगी।
Matt UrduGeoD 24:22  और अगर इस मुसीबत का दौरानिया मुख़तसर न किया जाता तो कोई न बचता। लेकिन अल्लाह के चुने हुओं की ख़ातिर इसका दौरानिया मुख़तसर कर दिया जाएगा।
Matt UrduGeoD 24:23  उस वक़्त अगर कोई तुमको बताए, ‘देखो, मसीह यहाँ है’ या ‘वह वहाँ है’ तो उस की बात न मानना।
Matt UrduGeoD 24:24  क्योंकि झूटे मसीह और झूटे नबी उठ खड़े होंगे जो बड़े अजीबो-ग़रीब निशान और मोजिज़े दिखाएँगे ताकि अल्लाह के चुने हुए लोगों को भी ग़लत रास्ते पर डाल दें—अगर यह मुमकिन होता।
Matt UrduGeoD 24:25  देखो, मैंने तुम्हें पहले से इससे आगाह कर दिया है।
Matt UrduGeoD 24:26  चुनाँचे अगर कोई तुमको बताए, ‘देखो, वह रेगिस्तान में है’ तो वहाँ जाने के लिए न निकलना। और अगर कोई कहे, ‘देखो, वह अंदरूनी कमरों में है’ तो उसका यक़ीन न करना।
Matt UrduGeoD 24:27  क्योंकि जिस तरह बादल की बिजली मशरिक़ में कड़ककर मग़रिब तक चमकती है उसी तरह इब्ने-आदम की आमद भी होगी।
Matt UrduGeoD 24:28  जहाँ भी लाश पड़ी हो वहाँ गिद्ध जमा हो जाएंगे।
Matt UrduGeoD 24:29  मुसीबत के उन दिनों के ऐन बाद सूरज तारीक हो जाएगा और चाँद की रौशनी ख़त्म हो जाएगी। सितारे आसमान पर से गिर पड़ेंगे और आसमान की क़ुव्वतें हिलाई जाएँगी।
Matt UrduGeoD 24:30  उस वक़्त इब्ने-आदम का निशान आसमान पर नज़र आएगा। तब दुनिया की तमाम क़ौमें मातम करेंगी। वह इब्ने-आदम को बड़ी क़ुदरत और जलाल के साथ आसमान के बादलों पर आते हुए देखेंगी।
Matt UrduGeoD 24:31  और वह अपने फ़रिश्तों को बिगुल की ऊँची आवाज़ के साथ भेज देगा ताकि उसके चुने हुओं को चारों तरफ़ से जमा करें, आसमान के एक सिरे से दूसरे सिरे तक इकट्ठा करें।
Matt UrduGeoD 24:32  अंजीर के दरख़्त से सबक़ सीखो। ज्योंही उस की शाख़ें नरम और लचकदार हो जाती हैं और उनसे कोंपलें फूट निकलती हैं तो तुमको मालूम हो जाता है कि गरमियों का मौसम क़रीब आ गया है।
Matt UrduGeoD 24:33  इसी तरह जब तुम यह वाक़ियात देखोगे तो जान लोगे कि इब्ने-आदम की आमद क़रीब बल्कि दरवाज़े पर है।
Matt UrduGeoD 24:34  मैं तुमको सच बताता हूँ कि इस नसल के ख़त्म होने से पहले पहले यह सब कुछ वाक़े होगा।
Matt UrduGeoD 24:35  आसमानो-ज़मीन तो जाते रहेंगे, लेकिन मेरी बातें हमेशा तक क़ायम रहेंगी।
Matt UrduGeoD 24:36  लेकिन किसी को भी इल्म नहीं कि यह किस दिन या कौन-सी घड़ी रूनुमा होगा। आसमान के फ़रिश्तों और फ़रज़ंद को भी इल्म नहीं बल्कि सिर्फ़ बाप को।
Matt UrduGeoD 24:37  जब इब्ने-आदम आएगा तो हालात नूह के दिनों जैसे होंगे।
Matt UrduGeoD 24:38  क्योंकि सैलाब से पहले के दिनों में लोग उस वक़्त तक खाते-पीते और शादियाँ करते कराते रहे जब तक नूह कश्ती में दाख़िल न हो गया।
Matt UrduGeoD 24:39  वह उस वक़्त तक आनेवाली मुसीबत के बारे में लाइल्म रहे जब तक सैलाब आकर उन सबको बहा न ले गया। जब इब्ने-आदम आएगा तो इसी क़िस्म के हालात होंगे।
Matt UrduGeoD 24:40  उस वक़्त दो अफ़राद खेत में होंगे, एक को साथ ले लिया जाएगा जबकि दूसरे को पीछे छोड़ दिया जाएगा।
Matt UrduGeoD 24:41  दो ख़वातीन चक्की पर गंदुम पीस रही होंगी, एक को साथ ले लिया जाएगा जबकि दूसरी को पीछे छोड़ दिया जाएगा।
Matt UrduGeoD 24:42  इसलिए चौकस रहो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा ख़ुदावंद किस दिन आ जाएगा।
Matt UrduGeoD 24:43  यक़ीन जानो, अगर किसी घर के मालिक को मालूम होता कि चोर कब आएगा तो वह ज़रूर चौकस रहता और उसे अपने घर में नक़ब लगाने न देता।
Matt UrduGeoD 24:44  तुम भी तैयार रहो, क्योंकि इब्ने-आदम ऐसे वक़्त आएगा जब तुम उस की तवक़्क़ो नहीं करोगे।
Matt UrduGeoD 24:45  चुनाँचे कौन-सा नौकर वफ़ादार और समझदार है? फ़र्ज़ करो कि घर के मालिक ने किसी नौकर को बाक़ी नौकरों पर मुक़र्रर किया हो। उस की एक ज़िम्मादारी यह भी है कि उन्हें वक़्त पर खाना खिलाए।
Matt UrduGeoD 24:46  वह नौकर मुबारक होगा जो मालिक की वापसी पर यह सब कुछ कर रहा होगा।
Matt UrduGeoD 24:47  मैं तुमको सच बताता हूँ कि यह देखकर मालिक उसे अपनी पूरी जायदाद पर मुक़र्रर करेगा।
Matt UrduGeoD 24:48  लेकिन फ़र्ज़ करो कि नौकर अपने दिल में सोचे, ‘मालिक की वापसी में अभी देर है।’
Matt UrduGeoD 24:49  वह अपने साथी नौकरों को पीटने और शराबियों के साथ खाने-पीने लगे।
Matt UrduGeoD 24:50  अगर वह ऐसा करे तो मालिक ऐसे दिन और वक़्त आएगा जिसकी तवक़्क़ो नौकर को नहीं होगी।
Matt UrduGeoD 24:51  इन हालात को देखकर वह नौकर को टुकड़े टुकड़े कर डालेगा और उसे रियाकारों में शामिल करेगा, वहाँ जहाँ लोग रोते और दाँत पीसते रहेंगे।
Chapter 25
Matt UrduGeoD 25:1  उस वक़्त आसमान की बादशाही दस कुँवारियों से मुताबिक़त रखेगी जो अपने चराग़ लेकर दूल्हे को मिलने के लिए निकलें।
Matt UrduGeoD 25:2  उनमें से पाँच नासमझ थीं और पाँच समझदार।
Matt UrduGeoD 25:3  नासमझ कुँवारियों ने अपने पास चराग़ों के लिए फ़ाल्तू तेल न रखा।
Matt UrduGeoD 25:4  लेकिन समझदार कुँवारियों ने कुप्पी में तेल डालकर अपने साथ ले लिया।
Matt UrduGeoD 25:5  दूल्हे को आने में बड़ी देर लगी, इसलिए वह सब ऊँघ ऊँघकर सो गईं।
Matt UrduGeoD 25:6  आधी रात को शोर मच गया, ‘देखो, दूल्हा पहुँच रहा है, उसे मिलने के लिए निकलो!’
Matt UrduGeoD 25:7  इस पर तमाम कुँवारियाँ जाग उठीं और अपने चराग़ों को दुरुस्त करने लगीं।
Matt UrduGeoD 25:8  नासमझ कुँवारियों ने समझदार कुँवारियों से कहा, ‘अपने तेल में से हमें भी कुछ दे दो। हमारे चराग़ बुझनेवाले हैं।’
Matt UrduGeoD 25:9  दूसरी कुँवारियों ने जवाब दिया, ‘नहीं, ऐसा न हो कि न सिर्फ़ तुम्हारे लिए बल्कि हमारे लिए भी तेल काफ़ी न हो। दुकान पर जाकर अपने लिए ख़रीद लो।’
Matt UrduGeoD 25:10  चुनाँचे नासमझ कुँवारियाँ चली गईं। लेकिन इस दौरान दूल्हा पहुँच गया। जो कुँवारियाँ तैयार थीं वह उसके साथ शादी हाल में दाख़िल हुईं। फिर दरवाज़े को बंद कर दिया गया।
Matt UrduGeoD 25:11  कुछ देर के बाद बाक़ी कुँवारियाँ आईं और चिल्लाने लगीं, ‘जनाब! हमारे लिए दरवाज़ा खोल दें।’
Matt UrduGeoD 25:12  लेकिन उसने जवाब दिया, ‘यक़ीन जानो, मैं तुमको नहीं जानता।’
Matt UrduGeoD 25:13  इसलिए चौकस रहो, क्योंकि तुम इब्ने-आदम के आने का दिन या वक़्त नहीं जानते।
Matt UrduGeoD 25:14  उस वक़्त आसमान की बादशाही यों होगी : एक आदमी को बैरूने-मुल्क जाना था। उसने अपने नौकरों को बुलाकर अपनी मिलकियत उनके सुपुर्द कर दी।
Matt UrduGeoD 25:15  पहले को उसने सोने के 5,000 सिक्के दिए, दूसरे को 2,000 और तीसरे को 1,000। हर एक को उसने उस की क़ाबिलियत के मुताबिक़ पैसे दिए। फिर वह रवाना हुआ।
Matt UrduGeoD 25:16  जिस नौकर को 5,000 सिक्के मिले थे उसने सीधा जाकर उन्हें किसी कारोबार में लगाया। इससे उसे मज़ीद 5,000 सिक्के हासिल हुए।
Matt UrduGeoD 25:17  इसी तरह दूसरे को भी जिसे 2,000 सिक्के मिले थे मज़ीद 2,000 सिक्के हासिल हुए।
Matt UrduGeoD 25:18  लेकिन जिस आदमी को 1,000 सिक्के मिले थे वह चला गया और कहीं ज़मीन में गढ़ा खोदकर अपने मालिक के पैसे उसमें छुपा दिए।
Matt UrduGeoD 25:19  बड़ी देर के बाद उनका मालिक लौट आया। जब उसने उनके साथ हिसाब-किताब किया
Matt UrduGeoD 25:20  तो पहला नौकर जिसे 5,000 सिक्के मिले थे मज़ीद 5,000 सिक्के लेकर आया। उसने कहा, ‘जनाब, आपने 5,000 सिक्के मेरे सुपुर्द किए थे। यह देखें, मैंने मज़ीद 5,000 सिक्के हासिल किए हैं।’
Matt UrduGeoD 25:21  उसके मालिक ने जवाब दिया, ‘शाबाश, मेरे अच्छे और वफ़ादार नौकर। तुम थोड़े में वफ़ादार रहे, इसलिए मैं तुम्हें बहुत कुछ पर मुक़र्रर करूँगा। अंदर आओ और अपने मालिक की ख़ुशी में शरीक हो जाओ।’
Matt UrduGeoD 25:22  फिर दूसरा नौकर आया जिसे 2,000 सिक्के मिले थे। उसने कहा, ‘जनाब, आपने 2,000 सिक्के मेरे सुपुर्द किए थे। यह देखें, मैंने मज़ीद 2,000 सिक्के हासिल किए हैं।’
Matt UrduGeoD 25:23  उसके मालिक ने जवाब दिया, ‘शाबाश, मेरे अच्छे और वफ़ादार नौकर। तुम थोड़े में वफ़ादार रहे, इसलिए मैं तुम्हें बहुत कुछ पर मुक़र्रर करूँगा। अंदर आओ और अपने मालिक की ख़ुशी में शरीक हो जाओ।’
Matt UrduGeoD 25:24  फिर तीसरा नौकर आया जिसे 1,000 सिक्के मिले थे। उसने कहा, ‘जनाब, मैं जानता था कि आप सख़्त आदमी हैं। जो बीज आपने नहीं बोया उस की फ़सल आप काटते हैं और जो कुछ आपने नहीं लगाया उस की पैदावार जमा करते हैं।
Matt UrduGeoD 25:25  इसलिए मैं डर गया और जाकर आपके पैसे ज़मीन में छुपा दिए। अब आप अपने पैसे वापस ले सकते हैं।’
Matt UrduGeoD 25:26  उसके मालिक ने जवाब दिया, ‘शरीर और सुस्त नौकर! क्या तू जानता था कि जो बीज मैंने नहीं बोया उस की फ़सल काटता हूँ और जो कुछ मैंने नहीं लगाया उस की पैदावार जमा करता हूँ?
Matt UrduGeoD 25:27  तो फिर तूने मेरे पैसे बैंक में क्यों न जमा करा दिए? अगर ऐसा करता तो वापसी पर मुझे कम अज़ कम वह पैसे सूद समेत मिल जाते।’
Matt UrduGeoD 25:28  यह कहकर मालिक दूसरों से मुख़ातिब हुआ, ‘यह पैसे इससे लेकर उस नौकर को दे दो जिसके पास 10,000 सिक्के हैं।
Matt UrduGeoD 25:29  क्योंकि जिसके पास कुछ है उसे और दिया जाएगा और उसके पास कसरत की चीज़ें होंगी। लेकिन जिसके पास कुछ नहीं है उससे वह भी छीन लिया जाएगा जो उसके पास है।
Matt UrduGeoD 25:30  अब इस बेकार नौकर को निकालकर बाहर की तारीकी में फेंक दो, वहाँ जहाँ लोग रोते और दाँत पीसते रहेंगे।’
Matt UrduGeoD 25:31  जब इब्ने-आदम अपने जलाल के साथ आएगा और तमाम फ़रिश्ते उसके साथ होंगे तो वह अपने जलाली तख़्त पर बैठ जाएगा।
Matt UrduGeoD 25:32  तब तमाम क़ौमें उसके सामने जमा की जाएँगी। और जिस तरह चरवाहा भेड़ों को बकरियों से अलग करता है उसी तरह वह लोगों को एक दूसरे से अलग करेगा।
Matt UrduGeoD 25:33  वह भेड़ों को अपने दहने हाथ खड़ा करेगा और बकरियों को अपने बाएँ हाथ।
Matt UrduGeoD 25:34  फिर बादशाह दहने हाथवालों से कहेगा, ‘आओ, मेरे बाप के मुबारक लोगो! जो बादशाही दुनिया की तख़लीक़ से तुम्हारे लिए तैयार है उसे मीरास में ले लो।
Matt UrduGeoD 25:35  क्योंकि मैं भूका था और तुमने मुझे खाना खिलाया, मैं प्यासा था और तुमने मुझे पानी पिलाया, मैं अजनबी था और तुमने मेरी मेहमान-नवाज़ी की,
Matt UrduGeoD 25:36  मैं नंगा था और तुमने मुझे कपड़े पहनाए, मैं बीमार था और तुमने मेरी देख-भाल की, मैं जेल में था और तुम मुझसे मिलने आए।’
Matt UrduGeoD 25:37  फिर यह रास्तबाज़ लोग जवाब में कहेंगे, ‘ख़ुदावंद, हमने आपको कब भूका देखकर खाना खिलाया, आपको कब प्यासा देखकर पानी पिलाया?
Matt UrduGeoD 25:38  हमने आपको कब अजनबी की हैसियत से देखकर आपकी मेहमान-नवाज़ी की, आपको कब नंगा देखकर कपड़े पहनाए?
Matt UrduGeoD 25:39  हम आपको कब बीमार हालत में या जेल में पड़ा देखकर आपसे मिलने गए?’
Matt UrduGeoD 25:40  बादशाह जवाब देगा, ‘मैं तुम्हें सच बताता हूँ कि जो कुछ तुमने मेरे इन सबसे छोटे भाइयों में से एक के लिए किया वह तुमने मेरे ही लिए किया।’
Matt UrduGeoD 25:41  फिर वह बाएँ हाथवालों से कहेगा, ‘लानती लोगो, मुझसे दूर हो जाओ और उस अबदी आग में चले जाओ जो इबलीस और उसके फ़रिश्तों के लिए तैयार है।
Matt UrduGeoD 25:42  क्योंकि मैं भूका था और तुमने मुझे कुछ न खिलाया, मैं प्यासा था और तुमने मुझे पानी न पिलाया,
Matt UrduGeoD 25:43  मैं अजनबी था और तुमने मेरी मेहमान-नवाज़ी न की, मैं नंगा था और तुमने मुझे कपड़े न पहनाए, मैं बीमार और जेल में था और तुम मुझसे मिलने न आए।’
Matt UrduGeoD 25:44  फिर वह जवाब में पूछेंगे, ‘ख़ुदावंद, हमने आपको कब भूका, प्यासा, अजनबी, नंगा, बीमार या जेल में पड़ा देखा और आपकी ख़िदमत न की?’
Matt UrduGeoD 25:45  वह जवाब देगा, ‘मैं तुमको सच बताता हूँ कि जब कभी तुमने इन सबसे छोटों में से एक की मदद करने से इनकार किया तो तुमने मेरी ख़िदमत करने से इनकार किया।’
Matt UrduGeoD 25:46  फिर यह अबदी सज़ा भुगतने के लिए जाएंगे जबकि रास्तबाज़ अबदी ज़िंदगी में दाख़िल होंगे।”
Chapter 26
Matt UrduGeoD 26:1  यह बातें ख़त्म करने पर ईसा शागिर्दों से मुख़ातिब हुआ,
Matt UrduGeoD 26:2  “तुम जानते हो कि दो दिन के बाद फ़सह की ईद शुरू होगी। उस वक़्त इब्ने-आदम को दुश्मन के हवाले किया जाएगा ताकि उसे मसलूब किया जाए।”
Matt UrduGeoD 26:3  फिर राहनुमा इमाम और क़ौम के बुज़ुर्ग कायफ़ा नामी इमामे-आज़म के महल में जमा हुए
Matt UrduGeoD 26:4  और ईसा को किसी चालाकी से गिरिफ़्तार करके क़त्ल करने की साज़िशें करने लगे।
Matt UrduGeoD 26:5  उन्होंने कहा, “लेकिन यह ईद के दौरान नहीं होना चाहिए, ऐसा न हो कि अवाम में हलचल मच जाए।”
Matt UrduGeoD 26:6  इतने में ईसा बैत-अनियाह आकर एक आदमी के घर में दाख़िल हुआ जो किसी वक़्त कोढ़ का मरीज़ था। उसका नाम शमौन था।
Matt UrduGeoD 26:7  ईसा खाना खाने के लिए बैठ गया तो एक औरत आई जिसके पास निहायत क़ीमती इत्र का इत्रदान था। उसने उसे ईसा के सर पर उंडेल दिया।
Matt UrduGeoD 26:8  शागिर्द यह देखकर नाराज़ हुए। उन्होंने कहा, “इतना क़ीमती इत्र ज़ाया करने की क्या ज़रूरत थी?
Matt UrduGeoD 26:9  यह बहुत महँगी चीज़ है। अगर इसे बेचा जाता तो इसके पैसे ग़रीबों को दिए जा सकते थे।”
Matt UrduGeoD 26:10  लेकिन उनके ख़याल पहचानकर ईसा ने उनसे कहा, “तुम इसे क्यों तंग कर रहे हो? इसने तो मेरे लिए एक नेक काम किया है।
Matt UrduGeoD 26:11  ग़रीब तो हमेशा तुम्हारे पास रहेंगे, लेकिन मैं हमेशा तक तुम्हारे पास नहीं रहूँगा।
Matt UrduGeoD 26:12  मुझ पर इत्र उंडेलने से उसने मेरे बदन को दफ़न होने के लिए तैयार किया है।
Matt UrduGeoD 26:13  मैं तुमको सच बताता हूँ कि तमाम दुनिया में जहाँ भी अल्लाह की ख़ुशख़बरी का एलान किया जाएगा वहाँ लोग इस ख़ातून को याद करके वह कुछ सुनाएँगे जो इसने किया है।”
Matt UrduGeoD 26:14  फिर यहूदाह इस्करियोती जो बारह शागिर्दों में से एक था राहनुमा इमामों के पास गया।
Matt UrduGeoD 26:15  उसने पूछा, “आप मुझे ईसा को आपके हवाले करने के एवज़ कितने पैसे देने के लिए तैयार हैं?” उन्होंने उसके लिए चाँदी के 30 सिक्के मुतैयिन किए।
Matt UrduGeoD 26:16  उस वक़्त से यहूदा ईसा को उनके हवाले करने का मौक़ा ढूँडने लगा।
Matt UrduGeoD 26:17  बेख़मीरी रोटी की ईद आई। पहले दिन ईसा के शागिर्दों ने उसके पास आकर पूछा, “हम कहाँ आपके लिए फ़सह का खाना तैयार करें?”
Matt UrduGeoD 26:18  उसने जवाब दिया, “यरूशलम शहर में फ़ुलाँ आदमी के पास जाओ और उसे बताओ, ‘उस्ताद ने कहा है कि मेरा मुक़र्ररा वक़्त क़रीब आ गया है। मैं अपने शागिर्दों के साथ फ़सह की ईद का खाना आपके घर में खाऊँगा’।”
Matt UrduGeoD 26:19  शागिर्दों ने वह कुछ किया जो ईसा ने उन्हें बताया था और फ़सह की ईद का खाना तैयार किया।
Matt UrduGeoD 26:20  शाम के वक़्त ईसा बारह शागिर्दों के साथ खाना खाने के लिए बैठ गया।
Matt UrduGeoD 26:21  जब वह खाना खा रहे थे तो उसने कहा, “मैं तुमको सच बताता हूँ कि तुममें से एक मुझे दुश्मन के हवाले कर देगा।”
Matt UrduGeoD 26:22  शागिर्द यह सुनकर निहायत ग़मगीन हुए। बारी बारी वह उससे पूछने लगे, “ख़ुदावंद, मैं तो नहीं हूँ?”
Matt UrduGeoD 26:23  ईसा ने जवाब दिया, “जिसने मेरे साथ अपना हाथ सालन के बरतन में डाला है वही मुझे दुश्मन के हवाले करेगा।
Matt UrduGeoD 26:24  इब्ने-आदम तो कूच कर जाएगा जिस तरह कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, लेकिन उस शख़्स पर अफ़सोस जिसके वसीले से उसे दुश्मन के हवाले कर दिया जाएगा। उसके लिए बेहतर यह होता कि वह कभी पैदा ही न होता।”
Matt UrduGeoD 26:25  फिर यहूदा ने जो उसे दुश्मन के हवाले करने को था पूछा, “उस्ताद, मैं तो नहीं हूँ?” ईसा ने जवाब दिया, “जी, तुमने ख़ुद कहा है।”
Matt UrduGeoD 26:26  खाने के दौरान ईसा ने रोटी लेकर शुक्रगुज़ारी की दुआ की और उसे टुकड़े करके शागिर्दों को दे दिया। उसने कहा, “यह लो और खाओ। यह मेरा बदन है।”
Matt UrduGeoD 26:27  फिर उसने मै का प्याला लेकर शुक्रगुज़ारी की दुआ की और उसे उन्हें देकर कहा, “तुम सब इसमें से पियो।
Matt UrduGeoD 26:28  यह मेरा ख़ून है, नए अहद का वह ख़ून जो बहुतों के लिए बहाया जाता है ताकि उनके गुनाहों को मुआफ़ कर दिया जाए।
Matt UrduGeoD 26:29  मैं तुमको सच बताता हूँ कि अब से मैं अंगूर का यह रस नहीं पियूँगा, क्योंकि अगली दफ़ा इसे तुम्हारे साथ अपने बाप की बादशाही में ही पियूँगा।”
Matt UrduGeoD 26:30  फिर एक ज़बूर गाकर वह निकले और ज़ैतून के पहाड़ के पास पहुँचे।
Matt UrduGeoD 26:31  ईसा ने उन्हें बताया, “आज रात तुम सब मेरी बाबत बरगश्ता हो जाओगे, क्योंकि कलामे-मुक़द्दस में अल्लाह फ़रमाता है, ‘मैं चरवाहे को मार डालूँगा और रेवड़ की भेड़ें तित्तर-बित्तर हो जाएँगी।’
Matt UrduGeoD 26:32  लेकिन अपने जी उठने के बाद मैं तुम्हारे आगे आगे गलील पहुँचूँगा।”
Matt UrduGeoD 26:33  पतरस ने एतराज़ किया, “दूसरे बेशक सब आपकी बाबत बरगश्ता हो जाएँ, लेकिन मैं कभी नहीं हूँगा।”
Matt UrduGeoD 26:34  ईसा ने जवाब दिया, “मैं तुझे सच बताता हूँ, इसी रात मुरग़ के बाँग देने से पहले पहले तू तीन बार मुझे जानने से इनकार कर चुका होगा।”
Matt UrduGeoD 26:35  पतरस ने कहा, “हरगिज़ नहीं! मैं आपको जानने से कभी इनकार नहीं करूँगा, चाहे मुझे आपके साथ मरना भी पड़े।” दूसरों ने भी यही कुछ कहा।
Matt UrduGeoD 26:36  ईसा अपने शागिर्दों के साथ एक बाग़ में पहुँचा जिसका नाम गत्समनी था। उसने उनसे कहा, “यहाँ बैठकर मेरा इंतज़ार करो। मैं दुआ करने के लिए आगे जाता हूँ।”
Matt UrduGeoD 26:37  उसने पतरस और ज़बदी के दो बेटों याक़ूब और यूहन्ना को साथ लिया। वहाँ वह ग़मगीन और बेक़रार होने लगा।
Matt UrduGeoD 26:38  उसने उनसे कहा, “मैं दुख से इतना दबा हुआ हूँ कि मरने को हूँ। यहाँ ठहरकर मेरे साथ जागते रहो।”
Matt UrduGeoD 26:39  कुछ आगे जाकर वह औंधे मुँह ज़मीन पर गिरकर यों दुआ करने लगा, “ऐ मेरे बाप, अगर मुमकिन हो तो दुख का यह प्याला मुझसे हट जाए। लेकिन मेरी नहीं बल्कि तेरी मरज़ी पूरी हो।”
Matt UrduGeoD 26:40  वह अपने शागिर्दों के पास वापस आया तो देखा कि वह सो रहे हैं। उसने पतरस से पूछा, “क्या तुम लोग एक घंटा भी मेरे साथ नहीं जाग सके?
Matt UrduGeoD 26:41  जागते और दुआ करते रहो ताकि आज़माइश में न पड़ो। क्योंकि रूह तो तैयार है लेकिन जिस्म कमज़ोर।”
Matt UrduGeoD 26:42  एक बार फिर उसने जाकर दुआ की, “मेरे बाप, अगर यह प्याला मेरे पिए बग़ैर हट नहीं सकता तो फिर तेरी मरज़ी पूरी हो।”
Matt UrduGeoD 26:43  जब वह वापस आया तो दुबारा देखा कि वह सो रहे हैं, क्योंकि नींद की बदौलत उनकी आँखें बोझल थीं।
Matt UrduGeoD 26:44  चुनाँचे वह उन्हें दुबारा छोड़कर चला गया और तीसरी बार यही दुआ करने लगा।
Matt UrduGeoD 26:45  फिर ईसा शागिर्दों के पास वापस आया और उनसे कहा, “अभी तक सो और आराम कर रहे हो? देखो, वक़्त आ गया है कि इब्ने-आदम गुनाहगारों के हवाले किया जाए।
Matt UrduGeoD 26:46  उठो! आओ, चलें। देखो, मुझे दुश्मन के हवाले करनेवाला क़रीब आ चुका है।”
Matt UrduGeoD 26:47  वह अभी यह बात कर ही रहा था कि यहूदा पहुँच गया, जो बारह शागिर्दों में से एक था। उसके साथ तलवारों और लाठियों से लैस आदमियों का बड़ा हुजूम था। उन्हें राहनुमा इमामों और क़ौम के बुज़ुर्गों ने भेजा था।
Matt UrduGeoD 26:48  इस ग़द्दार यहूदा ने उन्हें एक इम्तियाज़ी निशान दिया था कि जिसको मैं बोसा दूँ वही ईसा है। उसे गिरिफ़्तार कर लेना।
Matt UrduGeoD 26:49  ज्योंही वह पहुँचे यहूदा ईसा के पास गया और “उस्ताद, अस्सलामु अलैकुम!” कहकर उसे बोसा दिया।
Matt UrduGeoD 26:50  ईसा ने कहा, “दोस्त, क्या तू इसी मक़सद से आया है?” फिर उन्होंने उसे पकड़कर गिरिफ़्तार कर लिया।
Matt UrduGeoD 26:51  इस पर ईसा के एक साथी ने अपनी तलवार मियान से निकाली और इमामे-आज़म के ग़ुलाम को मारकर उसका कान उड़ा दिया।
Matt UrduGeoD 26:52  लेकिन ईसा ने कहा, “अपनी तलवार को मियान में रख, क्योंकि जो भी तलवार चलाता है उसे तलवार से मारा जाएगा।
Matt UrduGeoD 26:53  या क्या तू नहीं समझता कि मेरा बाप मुझे हज़ारों फ़रिश्ते फ़ौरन भेज देगा अगर मैं उन्हें तलब करूँ?
Matt UrduGeoD 26:54  लेकिन अगर मैं ऐसा करता तो फिर कलामे-मुक़द्दस की पेशगोइयाँ किस तरह पूरी होतीं जिनके मुताबिक़ यह ऐसा ही होना है?”
Matt UrduGeoD 26:55  उस वक़्त ईसा ने हुजूम से कहा, “क्या मैं डाकू हूँ कि तुम तलवारें और लाठियाँ लिए मुझे गिरिफ़्तार करने निकले हो? मैं तो रोज़ाना बैतुल-मुक़द्दस में बैठकर तालीम देता रहा, मगर तुमने मुझे गिरिफ़्तार नहीं किया।
Matt UrduGeoD 26:56  लेकिन यह सब कुछ इसलिए हो रहा है ताकि नबियों के सहीफ़ों में दर्ज पेशगोइयाँ पूरी हो जाएँ।” फिर तमाम शागिर्द उसे छोड़कर भाग गए।
Matt UrduGeoD 26:57  जिन्होंने ईसा को गिरिफ़्तार किया था वह उसे कायफ़ा इमामे-आज़म के घर ले गए जहाँ शरीअत के तमाम उलमा और क़ौम के बुज़ुर्ग जमा थे।
Matt UrduGeoD 26:58  इतने में पतरस कुछ फ़ासले पर ईसा के पीछे पीछे इमामे-आज़म के सहन तक पहुँच गया। उसमें दाख़िल होकर वह मुलाज़िमों के साथ आग के पास बैठ गया ताकि इस सिलसिले का अंजाम देख सके।
Matt UrduGeoD 26:59  मकान के अंदर राहनुमा इमाम और यहूदी अदालते-आलिया के तमाम अफ़राद ईसा के ख़िलाफ़ झूटी गवाहियाँ ढूँड रहे थे ताकि उसे सज़ाए-मौत दिलवा सकें।
Matt UrduGeoD 26:60  बहुत-से झूटे गवाह सामने आए, लेकिन कोई ऐसी गवाही न मिली। आख़िरकार दो आदमियों ने सामने आकर
Matt UrduGeoD 26:61  यह बात पेश की, “इसने कहा है कि मैं अल्लाह के बैतुल-मुक़द्दस को ढाकर उसे तीन दिन के अंदर अंदर दुबारा तामीर कर सकता हूँ।”
Matt UrduGeoD 26:62  फिर इमामे-आज़म ने खड़े होकर ईसा से कहा, “क्या तू कोई जवाब नहीं देगा? यह क्या गवाहियाँ हैं जो यह लोग तेरे ख़िलाफ़ दे रहे हैं?”
Matt UrduGeoD 26:63  लेकिन ईसा ख़ामोश रहा। इमामे-आज़म ने उससे एक और सवाल किया, “मैं तुझे ज़िंदा ख़ुदा की क़सम देकर पूछता हूँ कि क्या तू अल्लाह का फ़रज़ंद मसीह है?”
Matt UrduGeoD 26:64  ईसा ने कहा, “जी, तूने ख़ुद कह दिया है। और मैं तुम सबको बताता हूँ कि आइंदा तुम इब्ने-आदम को क़ादिरे-मुतलक़ के दहने हाथ बैठे और आसमान के बादलों पर आते हुए देखोगे।”
Matt UrduGeoD 26:65  इमामे-आज़म ने रंजिश का इज़हार करके अपने कपड़े फाड़ लिए और कहा, “इसने कुफ़र बका है! हमें मज़ीद गवाहों की क्या ज़रूरत रही! आपने ख़ुद सुन लिया है कि इसने कुफ़र बका है।
Matt UrduGeoD 26:66  आपका क्या फ़ैसला है?” उन्होंने जवाब दिया, “यह सज़ाए-मौत के लायक़ है।”
Matt UrduGeoD 26:67  फिर वह उस पर थूकने और उसके मुक्के मारने लगे। बाज़ ने उसके थप्पड़ मार मारकर
Matt UrduGeoD 26:68  कहा, “ऐ मसीह, नबुव्वत करके हमें बता कि तुझे किसने मारा।”
Matt UrduGeoD 26:69  इस दौरान पतरस बाहर सहन में बैठा था। एक नौकरानी उसके पास आई। उसने कहा, “तुम भी गलील के उस आदमी ईसा के साथ थे।”
Matt UrduGeoD 26:70  लेकिन पतरस ने उन सबके सामने इनकार किया, “मैं नहीं जानता कि तू क्या बात कर रही है।” यह कहकर
Matt UrduGeoD 26:71  वह बाहर गेट तक गया। वहाँ एक और नौकरानी ने उसे देखा और पास खड़े लोगों से कहा, “यह आदमी ईसा नासरी के साथ था।”
Matt UrduGeoD 26:72  दुबारा पतरस ने इनकार किया। इस दफ़ा उसने क़सम खाकर कहा, “मैं इस आदमी को नहीं जानता।”
Matt UrduGeoD 26:73  थोड़ी देर के बाद वहाँ खड़े कुछ लोगों ने पतरस के पास आकर कहा, “तुम ज़रूर उनमें से हो क्योंकि तुम्हारी बोली से साफ़ पता चलता है।”
Matt UrduGeoD 26:74  इस पर पतरस ने क़सम खाकर कहा, “मुझ पर लानत अगर मैं झूट बोल रहा हूँ। मैं इस आदमी को नहीं जानता!” फ़ौरन मुरग़ की बाँग सुनाई दी।
Matt UrduGeoD 26:75  फिर पतरस को वह बात याद आई जो ईसा ने कही थी, “मुरग़ के बाँग देने से पहले पहले तू तीन बार मुझे जानने से इनकार कर चुका होगा।” इस पर वह बाहर निकला और टूटे दिल से ख़ूब रोया।
Chapter 27
Matt UrduGeoD 27:1  सुबह-सवेरे तमाम राहनुमा इमाम और क़ौम के तमाम बुज़ुर्ग इस फ़ैसले तक पहुँच गए कि ईसा को सज़ाए-मौत दी जाए।
Matt UrduGeoD 27:2  वह उसे बाँधकर वहाँ से ले गए और रोमी गवर्नर पीलातुस के हवाले कर दिया।
Matt UrduGeoD 27:3  जब यहूदा ने जिसने उसे दुश्मन के हवाले कर दिया था देखा कि उस पर सज़ाए-मौत का फ़तवा दे दिया गया है तो उसने पछताकर चाँदी के 30 सिक्के राहनुमा इमामों और क़ौम के बुज़ुर्गों को वापस कर दिए।
Matt UrduGeoD 27:4  उसने कहा, “मैंने गुनाह किया है, क्योंकि एक बेक़ुसूर आदमी को सज़ाए-मौत दी गई है और मैं ही ने उसे आपके हवाले किया है।” उन्होंने जवाब दिया, “हमें क्या! यह तेरा मसला है।”
Matt UrduGeoD 27:5  यहूदा चाँदी के सिक्के बैतुल-मुक़द्दस में फेंककर चला गया। फिर उसने जाकर फाँसी ले ली।
Matt UrduGeoD 27:6  राहनुमा इमामों ने सिक्कों को जमा करके कहा, “शरीअत यह पैसे बैतुल-मुक़द्दस के ख़ज़ाने में डालने की इजाज़त नहीं देती, क्योंकि यह ख़ूनरेज़ी का मुआवज़ा है।”
Matt UrduGeoD 27:7  आपस में मशवरा करने के बाद उन्होंने कुम्हार का खेत ख़रीदने का फ़ैसला किया ताकि परदेसियों को दफ़नाने के लिए जगह हो।
Matt UrduGeoD 27:8  इसलिए यह खेत आज तक ख़ून का खेत कहलाता है।
Matt UrduGeoD 27:9  यों यरमियाह नबी की यह पेशगोई पूरी हुई कि “उन्होंने चाँदी के 30 सिक्के लिए यानी वह रक़म जो इसराईलियों ने उसके लिए लगाई थी।
Matt UrduGeoD 27:10  इनसे उन्होंने कुम्हार का खेत ख़रीद लिया, बिलकुल ऐसा जिस तरह रब ने मुझे हुक्म दिया था।”
Matt UrduGeoD 27:11  इतने में ईसा को रोमी गवर्नर पीलातुस के सामने पेश किया गया। उसने उससे पूछा, “क्या तुम यहूदियों के बादशाह हो?” ईसा ने जवाब दिया, “जी, आप ख़ुद कहते हैं।”
Matt UrduGeoD 27:12  लेकिन जब राहनुमा इमामों और क़ौम के बुज़ुर्गों ने उस पर इलज़ाम लगाए तो ईसा ख़ामोश रहा।
Matt UrduGeoD 27:13  चुनाँचे पीलातुस ने दुबारा उससे सवाल किया, “क्या तुम यह तमाम इलज़ामात नहीं सुन रहे जो तुम पर लगाए जा रहे हैं?”
Matt UrduGeoD 27:14  लेकिन ईसा ने एक इलज़ाम का भी जवाब न दिया, इसलिए गवर्नर निहायत हैरान हुआ।
Matt UrduGeoD 27:15  उन दिनों यह रिवाज था कि गवर्नर हर साल फ़सह की ईद पर एक क़ैदी को आज़ाद कर देता था। यह क़ैदी हुजूम से मुंतख़ब किया जाता था।
Matt UrduGeoD 27:16  उस वक़्त जेल में एक बदनाम क़ैदी था। उसका नाम बर-अब्बा था।
Matt UrduGeoD 27:17  चुनाँचे जब हुजूम जमा हुआ तो पीलातुस ने उससे पूछा, “तुम क्या चाहते हो? मैं बर-अब्बा को आज़ाद करूँ या ईसा को जो मसीह कहलाता है?”
Matt UrduGeoD 27:18  वह तो जानता था कि उन्होंने ईसा को सिर्फ़ हसद की बिना पर उसके हवाले किया है।
Matt UrduGeoD 27:19  जब पीलातुस यों अदालत के तख़्त पर बैठा था तो उस की बीवी ने उसे पैग़ाम भेजा, “इस बेक़ुसूर आदमी को हाथ न लगाएँ, क्योंकि मुझे पिछली रात इसके बाइस ख़ाब में शदीद तकलीफ़ हुई।”
Matt UrduGeoD 27:20  लेकिन राहनुमा इमामों और क़ौम के बुज़ुर्गों ने हुजूम को उकसाया कि वह बर-अब्बा को माँगें और ईसा की मौत तलब करें। गवर्नर ने दुबारा पूछा,
Matt UrduGeoD 27:21  “मैं इन दोनों में से किस को तुम्हारे लिए आज़ाद करूँ?” वह चिल्लाए, “बर-अब्बा को।”
Matt UrduGeoD 27:22  पीलातुस ने पूछा, “फिर मैं ईसा के साथ क्या करूँ जो मसीह कहलाता है?” वह चीख़े, “उसे मसलूब करें।”
Matt UrduGeoD 27:23  पीलातुस ने पूछा, “क्यों? उसने क्या जुर्म किया है?” लेकिन लोग मज़ीद शोर मचाकर चीख़ते रहे, “उसे मसलूब करें!”
Matt UrduGeoD 27:24  पीलातुस ने देखा कि वह किसी नतीजे तक नहीं पहुँच रहा बल्कि हंगामा बरपा हो रहा है। इसलिए उसने पानी लेकर हुजूम के सामने अपने हाथ धोए। उसने कहा, “अगर इस आदमी को क़त्ल किया जाए तो मैं बेक़ुसूर हूँ, तुम ही उसके लिए जवाबदेह ठहरो।”
Matt UrduGeoD 27:25  तमाम लोगों ने जवाब दिया, “हम और हमारी औलाद उसके ख़ून के जवाबदेह हैं।”
Matt UrduGeoD 27:26  फिर उसने बर-अब्बा को आज़ाद करके उन्हें दे दिया। लेकिन ईसा को उसने कोड़े लगाने का हुक्म दिया, फिर उसे मसलूब करने के लिए फ़ौजियों के हवाले कर दिया।
Matt UrduGeoD 27:27  गवर्नर के फ़ौजी ईसा को महल बनाम प्रैटोरियुम के सहन में ले गए और पूरी पलटन को उसके इर्दगिर्द इकट्ठा किया।
Matt UrduGeoD 27:28  उसके कपड़े उतारकर उन्होंने उसे अरग़वानी रंग का लिबास पहनाया,
Matt UrduGeoD 27:29  फिर काँटेदार टहनियों का एक ताज बनाकर उसके सर पर रख दिया। उसके दहने हाथ में छड़ी पकड़ाकर उन्होंने उसके सामने घुटने टेककर उसका मज़ाक़ उड़ाया, “ऐ यहूदियों के बादशाह, आदाब!”
Matt UrduGeoD 27:30  वह उस पर थूकते रहे, छड़ी लेकर बार बार उसके सर को मारा।
Matt UrduGeoD 27:31  फिर उसका मज़ाक़ उड़ाने से थककर उन्होंने अरग़वानी लिबास उतारकर उसे दुबारा उसके अपने कपड़े पहनाए और उसे मसलूब करने के लिए ले गए।
Matt UrduGeoD 27:32  शहर से निकलते वक़्त उन्होंने एक आदमी को देखा जो लिबिया के शहर कुरेन का रहनेवाला था। उसका नाम शमौन था। उसे उन्होंने सलीब उठाकर ले जाने पर मजबूर किया।
Matt UrduGeoD 27:33  यों चलते चलते वह एक मक़ाम तक पहुँच गए जिसका नाम गुलगुता (यानी खोपड़ी का मक़ाम) था।
Matt UrduGeoD 27:34  वहाँ उन्होंने उसे मै पेश की जिसमें कोई कड़वी चीज़ मिलाई गई थी। लेकिन चखकर ईसा ने उसे पीने से इनकार कर दिया।
Matt UrduGeoD 27:35  फिर फ़ौजियों ने उसे मसलूब किया और उसके कपड़े आपस में बाँट लिए। यह फ़ैसला करने के लिए कि किस को क्या क्या मिले उन्होंने क़ुरा डाला।
Matt UrduGeoD 27:36  यों वह वहाँ बैठकर उस की पहरादारी करते रहे।
Matt UrduGeoD 27:37  सलीब पर ईसा के सर के ऊपर एक तख़्ती लगा दी गई जिस पर यह इलज़ाम लिखा था, “यह यहूदियों का बादशाह ईसा है।”
Matt UrduGeoD 27:38  दो डाकुओं को भी ईसा के साथ मसलूब किया गया, एक को उसके दहने हाथ और दूसरे को उसके बाएँ हाथ।
Matt UrduGeoD 27:39  जो वहाँ से गुज़रे उन्होंने कुफ़र बककर उस की तज़लील की और सर हिला हिलाकर अपनी हिक़ारत का इज़हार किया।
Matt UrduGeoD 27:40  उन्होंने कहा, “तूने तो कहा था कि मैं बैतुल-मुक़द्दस को ढाकर उसे तीन दिन के अंदर अंदर दुबारा तामीर कर दूँगा। अब अपने आपको बचा! अगर तू वाक़ई अल्लाह का फ़रज़ंद है तो सलीब पर से उतर आ।”
Matt UrduGeoD 27:41  राहनुमा इमामों, शरीअत के उलमा और क़ौम के बुज़ुर्गों ने भी ईसा का मज़ाक़ उड़ाया,
Matt UrduGeoD 27:42  “इसने औरों को बचाया, लेकिन अपने आपको नहीं बचा सकता। यह इसराईल का बादशाह है! अभी यह सलीब पर से उतर आए तो हम इस पर ईमान ले आएँगे।
Matt UrduGeoD 27:43  इसने अल्लाह पर भरोसा रखा है। अब अल्लाह इसे बचाए अगर वह इसे चाहता है, क्योंकि इसने कहा, ‘मैं अल्लाह का फ़रज़ंद हूँ’।”
Matt UrduGeoD 27:44  और जिन डाकुओं को उसके साथ मसलूब किया गया था उन्होंने भी उसे लान-तान की।
Matt UrduGeoD 27:45  दोपहर बारह बजे पूरा मुल्क अंधेरे में डूब गया। यह तारीकी तीन घंटों तक रही।
Matt UrduGeoD 27:46  फिर तीन बजे ईसा ऊँची आवाज़ से पुकार उठा, “एली, एली, लमा शबक़्तनी” जिसका मतलब है, “ऐ मेरे ख़ुदा, ऐ मेरे ख़ुदा, तूने मुझे क्यों तर्क कर दिया है?”
Matt UrduGeoD 27:47  यह सुनकर पास खड़े कुछ लोग कहने लगे, “वह इलियास नबी को बुला रहा है।”
Matt UrduGeoD 27:48  उनमें से एक ने फ़ौरन दौड़कर एक इस्फ़ंज को मै के सिरके में डुबोया और उसे डंडे पर लगाकर ईसा को चुसाने की कोशिश की।
Matt UrduGeoD 27:49  दूसरों ने कहा, “आओ, हम देखें, शायद इलियास आकर उसे बचाए।”
Matt UrduGeoD 27:50  लेकिन ईसा ने दुबारा बड़े ज़ोर से चिल्लाकर दम छोड़ दिया।
Matt UrduGeoD 27:51  उसी वक़्त बैतुल-मुक़द्दस के मुक़द्दसतरीन कमरे के सामने लटका हुआ परदा ऊपर से लेकर नीचे तक दो हिस्सों में फट गया। ज़लज़ला आया, चटानें फट गईं
Matt UrduGeoD 27:52  और क़ब्रें खुल गईं। कई मरहूम मुक़द्दसीन के जिस्मों को ज़िंदा कर दिया गया।
Matt UrduGeoD 27:53  वह ईसा के जी उठने के बाद क़ब्रों में से निकलकर मुक़द्दस शहर में दाख़िल हुए और बहुतों को नज़र आए।
Matt UrduGeoD 27:54  जब पास खड़े रोमी अफ़सर और ईसा की पहरादारी करनेवाले फ़ौजियों ने ज़लज़ला और यह तमाम वाक़ियात देखे तो वह निहायत दहशतज़दा हो गए। उन्होंने कहा, “यह वाक़ई अल्लाह का फ़रज़ंद था।”
Matt UrduGeoD 27:55  बहुत-सी ख़वातीन भी वहाँ थीं जो कुछ फ़ासले पर इसका मुशाहदा कर रही थीं। वह गलील में ईसा के पीछे चलकर यहाँ तक उस की ख़िदमत करती आई थीं।
Matt UrduGeoD 27:56  उनमें मरियम मग्दलीनी, याक़ूब और यूसुफ़ की माँ मरियम और ज़बदी के बेटों याक़ूब और यूहन्ना की माँ भी थीं।
Matt UrduGeoD 27:57  जब शाम होने को थी तो अरिमतियाह का एक दौलतमंद आदमी बनाम यूसुफ़ आया। वह भी ईसा का शागिर्द था।
Matt UrduGeoD 27:58  उसने पीलातुस के पास जाकर ईसा की लाश माँगी, और पीलातुस ने हुक्म दिया कि वह उसे दे दी जाए।
Matt UrduGeoD 27:59  यूसुफ़ ने लाश को लेकर उसे कतान के एक साफ़ कफ़न में लपेटा
Matt UrduGeoD 27:60  और अपनी ज़ाती ग़ैरइस्तेमालशुदा क़ब्र में रख दिया जो चटान में तराशी गई थी। आख़िर में उसने एक बड़ा पत्थर लुढ़काकर क़ब्र का मुँह बंद कर दिया और चला गया।
Matt UrduGeoD 27:61  उस वक़्त मरियम मग्दलीनी और दूसरी मरियम क़ब्र के मुक़ाबिल बैठी थीं।
Matt UrduGeoD 27:62  अगले दिन, जो सबत का दिन था, राहनुमा इमाम और फ़रीसी पीलातुस के पास आए।
Matt UrduGeoD 27:63  “जनाब,” उन्होंने कहा, “हमें याद आया कि जब वह धोकेबाज़ अभी ज़िंदा था तो उसने कहा था, ‘तीन दिन के बाद मैं जी उठूँगा।’
Matt UrduGeoD 27:64  इसलिए हुक्म दें कि क़ब्र को तीसरे दिन तक महफ़ूज़ रखा जाए। ऐसा न हो कि उसके शागिर्द आकर उस की लाश को चुरा ले जाएँ और लोगों को बताएँ कि वह मुरदों में से जी उठा है। अगर ऐसा हुआ तो यह आख़िरी धोका पहले धोके से भी ज़्यादा बड़ा होगा।”
Matt UrduGeoD 27:65  पीलातुस ने जवाब दिया, “पहरेदारों को लेकर क़ब्र को इतना महफ़ूज़ कर दो जितना तुम कर सकते हो।”
Matt UrduGeoD 27:66  चुनाँचे उन्होंने जाकर क़ब्र को महफ़ूज़ कर लिया। क़ब्र के मुँह पर पड़े पत्थर पर मुहर लगाकर उन्होंने उस पर पहरेदार मुक़र्रर कर दिए।
Chapter 28
Matt UrduGeoD 28:1  इतवार को सुबह-सवेरे ही मरियम मग्दलीनी और दूसरी मरियम क़ब्र को देखने के लिए निकलीं। सूरज तुलू हो रहा था।
Matt UrduGeoD 28:2  अचानक एक शदीद ज़लज़ला आया, क्योंकि रब का एक फ़रिश्ता आसमान से उतर आया और क़ब्र के पास जाकर उस पर पड़े पत्थर को एक तरफ़ लुढ़का दिया। फिर वह उस पर बैठ गया।
Matt UrduGeoD 28:3  उस की शक्लो-सूरत बिजली की तरह चमक रही थी और उसका लिबास बर्फ़ की मानिंद सफ़ेद था।
Matt UrduGeoD 28:4  पहरेदार इतने डर गए कि वह लरज़ते लरज़ते मुरदा से हो गए।
Matt UrduGeoD 28:5  फ़रिश्ते ने ख़वातीन से कहा, “मत डरो। मुझे मालूम है कि तुम ईसा को ढूँड रही हो जो मसलूब हुआ था।
Matt UrduGeoD 28:6  वह यहाँ नहीं है। वह जी उठा है, जिस तरह उसने फ़रमाया था। आओ, उस जगह को ख़ुद देख लो जहाँ वह पड़ा था।
Matt UrduGeoD 28:7  और अब जल्दी से जाकर उसके शागिर्दों को बता दो कि वह जी उठा है और तुम्हारे आगे आगे गलील पहुँच जाएगा। वहीं तुम उसे देखोगे। अब मैंने तुमको इससे आगाह किया है।”
Matt UrduGeoD 28:8  ख़वातीन जल्दी से क़ब्र से चली गईं। वह सहमी हुई लेकिन बड़ी ख़ुश थीं और दौड़ी दौड़ी उसके शागिर्दों को यह ख़बर सुनाने गईं।
Matt UrduGeoD 28:9  अचानक ईसा उनसे मिला। उसने कहा, “सलाम।” वह उसके पास आईं, उसके पाँव पकड़े और उसे सिजदा किया।
Matt UrduGeoD 28:10  ईसा ने उनसे कहा, “मत डरो। जाओ, मेरे भाइयों को बता दो कि वह गलील को चले जाएँ। वहाँ वह मुझे देखेंगे।”
Matt UrduGeoD 28:11  ख़वातीन अभी रास्ते में थीं कि पहरेदारों में से कुछ शहर में गए और राहनुमा इमामों को सब कुछ बता दिया।
Matt UrduGeoD 28:12  राहनुमा इमामों ने क़ौम के बुज़ुर्गों के साथ एक मीटिंग मुनअक़िद की और पहरेदारों को रिश्वत की बड़ी रक़म देने का फ़ैसला किया।
Matt UrduGeoD 28:13  उन्होंने उन्हें बताया, “तुमको कहना है, ‘जब हम रात के वक़्त सो रहे थे तो उसके शागिर्द आए और उसे चुरा ले गए।’
Matt UrduGeoD 28:14  अगर यह ख़बर गवर्नर तक पहुँचे तो हम उसे समझा लेंगे। तुमको फ़िकर करने की ज़रूरत नहीं।”
Matt UrduGeoD 28:15  चुनाँचे पहरेदारों ने रिश्वत लेकर वह कुछ किया जो उन्हें सिखाया गया था। उनकी यह कहानी यहूदियों के दरमियान बहुत फैलाई गई और आज तक उनमें रायज है।
Matt UrduGeoD 28:16  फिर ग्यारह शागिर्द गलील के उस पहाड़ के पास पहुँचे जहाँ ईसा ने उन्हें जाने को कहा था।
Matt UrduGeoD 28:17  वहाँ उसे देखकर उन्होंने उसे सिजदा किया। लेकिन कुछ शक में पड़ गए।
Matt UrduGeoD 28:18  फिर ईसा ने उनके पास आकर कहा, “आसमान और ज़मीन का कुल इख़्तियार मुझे दे दिया गया है।
Matt UrduGeoD 28:19  इसलिए जाओ, तमाम क़ौमों को शागिर्द बनाकर उन्हें बाप, फ़रज़ंद और रूहुल-क़ुद्स के नाम से बपतिस्मा दो।
Matt UrduGeoD 28:20  और उन्हें यह सिखाओ कि वह उन तमाम अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारें जो मैंने तुम्हें दिए हैं। और देखो, मैं दुनिया के इख़्तिताम तक हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।”