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Chapter 1
Jere UrduGeoD 1:1  ज़ैल में यरमियाह बिन ख़िलक़ियाह के पैग़ामात क़लमबंद किए गए हैं। (बिनयमीन के क़बायली इलाक़े के शहर अनतोत में कुछ इमाम रहते थे, और यरमियाह का वालिद उनमें से था)।
Jere UrduGeoD 1:2  रब का फ़रमान पहली बार यहूदाह के बादशाह यूसियाह बिन अमून की हुकूमत के 13वें साल में यरमियाह पर नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 1:3  और यरमियाह को यह पैग़ामात यहूयक़ीम बिन यूसियाह के दौरे-हुकूमत से लेकर सिदक़ियाह बिन यूसियाह की हुकूमत के 11वें साल के पाँचवें महीने तक मिलते रहे। उस वक़्त यरूशलम के बाशिंदों को जिलावतन कर दिया गया।
Jere UrduGeoD 1:4  एक दिन रब का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 1:5  “मैं तुझे माँ के पेट में तश्कील देने से पहले ही जानता था, तेरी पैदाइश से पहले ही मैंने तुझे मख़सूसो-मुक़द्दस करके अक़वाम के लिए नबी मुक़र्रर किया।”
Jere UrduGeoD 1:6  मैंने एतराज़ किया, “ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, अफ़सोस! मैं तेरा कलाम सुनाने का सहीह इल्म नहीं रखता, मैं तो बच्चा ही हूँ।”
Jere UrduGeoD 1:7  लेकिन रब ने मुझसे फ़रमाया, “मत कह ‘मैं बच्चा ही हूँ।’ क्योंकि जिनके पास भी मैं तुझे भेजूँगा उनके पास तू जाएगा, और जो कुछ भी मैं तुझे सुनाने को कहूँगा उसे तू सुनाएगा।
Jere UrduGeoD 1:8  लोगों से मत डरना, क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ, मैं तुझे बचाए रखूँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 1:9  फिर रब ने अपना हाथ बढ़ाकर मेरे होंटों को छू दिया और फ़रमाया, “देख, मैंने अपने अलफ़ाज़ को तेरे मुँह में डाल दिया है।
Jere UrduGeoD 1:10  आज मैं तुझे क़ौमों और सलतनतों पर मुक़र्रर कर देता हूँ। कहीं तुझे उन्हें जड़ से उखाड़कर गिरा देना, कहीं बरबाद करके ढा देना और कहीं तामीर करके पौदे की तरह लगा देना है।”
Jere UrduGeoD 1:11  रब का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ, “ऐ यरमियाह, तुझे क्या नज़र आ रहा है?” मैंने जवाब दिया, “बादाम की एक शाख़, उस दरख़्त की जो ‘देखनेवाला’ कहलाता है।”
Jere UrduGeoD 1:12  रब ने फ़रमाया, “तूने सहीह देखा है। इसका मतलब है कि मैं अपने कलाम की देख-भाल कर रहा हूँ, मैं ध्यान दे रहा हूँ कि वह पूरा हो जाए।”
Jere UrduGeoD 1:13  फिर रब का कलाम दुबारा मुझ पर नाज़िल हुआ, “तुझे क्या नज़र आ रहा है?” मैंने जवाब दिया, “शिमाल में देग दिखाई दे रही है। जो कुछ उसमें है वह उबल रहा है, और उसका मुँह हमारी तरफ़ झुका हुआ है।”
Jere UrduGeoD 1:14  तब रब ने मुझसे कहा, “इसी तरह शिमाल से मुल्क के तमाम बाशिंदों पर आफ़त टूट पड़ेगी।”
Jere UrduGeoD 1:15  क्योंकि रब फ़रमाता है, “मैं शिमाली ममालिक के तमाम घरानों को बुला लूँगा, और हर एक आकर अपना तख़्त यरूशलम के दरवाज़ों के सामने ही खड़ा करेगा। हाँ, वह उस की पूरी फ़सील को घेरकर उस पर बल्कि यहूदाह के तमाम शहरों पर छापा मारेंगे।
Jere UrduGeoD 1:16  यों मैं अपनी क़ौम पर फ़ैसले सादिर करके उनके ग़लत कामों की सज़ा दूँगा। क्योंकि उन्होंने मुझे तर्क करके अजनबी माबूदों के लिए बख़ूर जलाया और अपने हाथों से बने हुए बुतों को सिजदा किया है।
Jere UrduGeoD 1:17  चुनाँचे कमरबस्ता हो जा! उठकर उन्हें सब कुछ सुना दे जो मैं फ़रमाऊँगा। उनसे दहशत मत खाना, वरना मैं तुझे उनके सामने ही दहशतज़दा कर दूँगा।
Jere UrduGeoD 1:18  देख, आज मैंने तुझे क़िलाबंद शहर, लोहे के सतून और पीतल की चारदीवारी जैसा मज़बूत बना दिया है ताकि तू पूरे मुल्क का सामना कर सके, ख़ाह यहूदाह के बादशाह, अफ़सर, इमाम या अवाम तुझ पर हमला क्यों न करें।
Jere UrduGeoD 1:19  तुझसे लड़ने के बावुजूद वह तुझ पर ग़ालिब नहीं आएँगे, क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ, मैं ही तुझे बचाए रखूँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Chapter 2
Jere UrduGeoD 2:1  रब का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 2:2  “जा, ज़ोर से यरूशलम के कान में पुकार कि रब फ़रमाता है, ‘मुझे तेरी जवानी की वफ़ादारी ख़ूब याद है। जब तेरी शादी क़रीब आई तो तू मुझे कितना प्यार करती थी, यहाँ तक कि तू रेगिस्तान में भी जहाँ खेतीबाड़ी नामुमकिन थी मेरे पीछे पीछे चलती रही।
Jere UrduGeoD 2:3  उस वक़्त इसराईल रब के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस था, वह उस की फ़सल का पहला फल था। जिसने भी उसमें से कुछ खाया वह मुजरिम ठहरा, और उस पर आफ़त नाज़िल हुई। यह रब का फ़रमान है’।”
Jere UrduGeoD 2:4  ऐ याक़ूब की औलाद, रब का कलाम सुनो! ऐ इसराईल के तमाम घरानो, ध्यान दो!
Jere UrduGeoD 2:5  रब फ़रमाता है, “तुम्हारे बापदादा ने मुझमें कौन-सी नाइनसाफ़ी पाई कि मुझसे इतने दूर हो गए? हेच बुतों के पीछे होकर वह ख़ुद हेच हो गए।
Jere UrduGeoD 2:6  उन्होंने पूछा तक नहीं कि रब कहाँ है जो हमें मिसर से निकाल लाया और रेगिस्तान में सहीह राह दिखाई, गो वह इलाक़ा वीरानो-सुनसान था। हर तरफ़ घाटियों, पानी की सख़्त कमी और तारीकी का सामना करना पड़ा। न कोई उसमें से गुज़रता, न कोई वहाँ रहता है।
Jere UrduGeoD 2:7  मैं तो तुम्हें बाग़ों से भरे मुल्क में लाया ताकि तुम उसके फल और अच्छी पैदावार से लुत्फ़अंदोज़ हो सको। लेकिन तुमने क्या किया? मेरे मुल्क में दाख़िल होते ही तुमने उसे नापाक कर दिया, और मैं अपनी मौरूसी मिलकियत से घिन खाने लगा।
Jere UrduGeoD 2:8  न इमामों ने पूछा कि रब कहाँ है, न शरीअत को अमल में लानेवाले मुझे जानते थे। क़ौम के गल्लाबान मुझसे बेवफ़ा हुए, और नबी बेफ़ायदा बुतों के पीछे लगकर बाल देवता के पैग़ामात सुनाने लगे।”
Jere UrduGeoD 2:9  रब फ़रमाता है, “इसी वजह से मैं आइंदा भी अदालत में तुम्हारे साथ लड़ूँगा। हाँ, न सिर्फ़ तुम्हारे साथ बल्कि तुम्हारी आनेवाली नसलों के साथ भी।
Jere UrduGeoD 2:10  जाओ, समुंदर को पार करके जज़ीराए-क़ुबरुस की तफ़तीश करो! अपने क़ासिदों को मुल्के-क़ीदार में भेजकर ग़ौर से दरियाफ़्त करो कि क्या वहाँ कभी यहाँ का-सा काम हुआ है?
Jere UrduGeoD 2:11  क्या किसी क़ौम ने कभी अपने देवताओं को तबदील किया, गो वह हक़ीक़त में ख़ुदा नहीं हैं? हरगिज़ नहीं! लेकिन मेरी क़ौम अपनी शानो-शौकत के ख़ुदा को छोड़कर बेफ़ायदा बुतों की पूजा करने लगी है।”
Jere UrduGeoD 2:12  रब फ़रमाता है, “ऐ आसमान, यह देखकर हैबतज़दा हो जा, तेरे रोंगटे खड़े हो जाएँ, हक्का-बक्का रह जा!
Jere UrduGeoD 2:13  क्योंकि मेरी क़ौम से दो संगीन जुर्म सरज़द हुए हैं। एक, उन्होंने मुझे तर्क किया, गो मैं ज़िंदगी के पानी का सरचश्मा हूँ। दूसरे, उन्होंने अपने ज़ाती हौज़ बनाए हैं जो दराड़ों की वजह से भर ही नहीं सकते।
Jere UrduGeoD 2:14  क्या इसराईल इब्तिदा से ही ग़ुलाम है? क्या उसके वालिदैन ग़ुलाम थे कि वह अब तक ग़ुलाम है? हरगिज़ नहीं! तो फिर वह क्यों दूसरों का लूटा हुआ माल बन गया है?
Jere UrduGeoD 2:15  जवान शेरबबर दहाड़ते हुए उस पर टूट पड़े हैं, गरजते गरजते उन्होंने मुल्के-इसराईल को बरबाद कर दिया है। उसके शहर नज़रे-आतिश होकर वीरानो-सुनसान हो गए हैं।
Jere UrduGeoD 2:16  साथ साथ मेंफ़िस और तहफ़नहीस के लोग भी तेरे सर को मुँडवा रहे हैं।
Jere UrduGeoD 2:17  ऐ इसराईली क़ौम, क्या यह तेरे ग़लत काम का नतीजा नहीं? क्योंकि तूने रब अपने ख़ुदा को उस वक़्त तर्क किया जब वह तेरी राहनुमाई कर रहा था।
Jere UrduGeoD 2:18  अब मुझे बता कि मिसर को जाकर दरियाए-नील का पानी पीने का क्या फ़ायदा? मुल्के-असूर में जाकर दरियाए-फ़ुरात का पानी पीने से क्या हासिल?
Jere UrduGeoD 2:19  तेरा ग़लत काम तुझे सज़ा दे रहा है, तेरी बेवफ़ा हरकतें ही तेरी सरज़निश कर रही हैं। चुनाँचे जान ले और ध्यान दे कि रब अपने ख़ुदा को छोड़कर उसका ख़ौफ़ न मानने का फल कितना बुरा और कड़वा है।” यह क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 2:20  “क्योंकि शुरू से ही तू अपने जुए और रस्सों को तोड़कर कहती रही, ‘मैं तेरी ख़िदमत नहीं करूँगी!’ तू हर बुलंदी पर और हर घने दरख़्त के साय में लेटकर इसमतफ़रोशी करती रही।
Jere UrduGeoD 2:21  पहले तू अंगूर की मख़सूस और क़ाबिले-एतमाद नसल की पनीरी थी जिसे मैंने ख़ुद ज़मीन में लगाया। तो यह क्या हुआ कि तू बिगड़कर जंगली बेल बन गई?
Jere UrduGeoD 2:22  अब तेरे क़ुसूर का दाग़ उतर नहीं सकता, ख़ाह तू कितना खारी सोडा और साबुन क्यों न इस्तेमाल करे।” यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 2:23  “तू किस तरह यह कहने की जुर्रत कर सकती है कि मैंने अपने आपको आलूदा नहीं किया, मैं बाल देवताओं के पीछे नहीं गई। वादी में अपनी हरकतों पर तो ग़ौर कर! जान ले कि तुझसे क्या कुछ सरज़द हुआ है। तू बेमक़सद इधर उधर भागनेवाली ऊँटनी है।
Jere UrduGeoD 2:24  बल्कि तू रेगिस्तान में रहने की आदी गधी ही है जो शहवत के मारे हाँपती है। मस्ती के इस आलम में कौन उस पर क़ाबू पा सकता है? जो भी उससे मिलना चाहे उसे ज़्यादा जिद्दो-जहद की ज़रूरत नहीं, क्योंकि मस्ती के मौसम में वह हर एक के लिए हाज़िर है।
Jere UrduGeoD 2:25  ऐ इसराईल, इतना न दौड़ कि तेरे जूते घिसकर फट जाएँ और तेरा गला ख़ुश्क हो जाए। लेकिन अफ़सोस, तू बज़िद है, ‘नहीं, मुझे छोड़ दे! मैं अजनबी माबूदों को प्यार करती हूँ, और लाज़िम है कि मैं उनके पीछे भागती जाऊँ।’
Jere UrduGeoD 2:26  सुनो! इसराईली क़ौम के तमाम अफ़राद उनके बादशाहों, अफ़सरों, इमामों और नबियों समेत शरमिंदा हो जाएंगे। वह पकड़े हुए चोर की-सी शर्म महसूस करेंगे।
Jere UrduGeoD 2:27  यह लोग लकड़ी के बुत से कहते हैं, ‘तू मेरा बाप है’ और पत्थर के देवता से, ‘तूने मुझे जन्म दिया।’ लेकिन गो यह मेरी तरफ़ रुजू नहीं करते बल्कि अपना मुँह मुझसे फेरकर चलते हैं तो भी ज्योंही कोई आफ़त उन पर आ जाए तो यह मुझसे इल्तिजा करने लगते हैं कि आकर हमें बचा!
Jere UrduGeoD 2:28  अब यह बुत कहाँ हैं जो तूने अपने लिए बनाए? वही खड़े होकर दिखाएँ कि तुझे मुसीबत से बचा सकते हैं। ऐ यहूदाह, आख़िर जितने तेरे शहर हैं उतने तेरे देवता भी हैं।”
Jere UrduGeoD 2:29  रब फ़रमाता है, “तुम मुझ पर क्यों इलज़ाम लगाते हो? तुम तो सब मुझसे बेवफ़ा हो गए हो।
Jere UrduGeoD 2:30  मैंने तुम्हारे बच्चों को सज़ा दी, लेकिन बेफ़ायदा। वह मेरी तरबियत क़बूल नहीं करते। बल्कि तुमने फाड़नेवाले शेरबबर की तरह अपने नबियों पर टूटकर उन्हें तलवार से क़त्ल किया।
Jere UrduGeoD 2:31  ऐ मौजूदा नसल, रब के कलाम पर ध्यान दो! क्या मैं इसराईल के लिए रेगिस्तान या तारीकतरीन इलाक़े की मानिंद था? मेरी क़ौम क्यों कहती है, ‘अब हम आज़ादी से इधर उधर फिर सकते हैं, आइंदा हम तेरे हुज़ूर नहीं आएँगे?’
Jere UrduGeoD 2:32  क्या कुँवारी कभी अपने ज़ेवरात को भूल सकती है, या दुलहन अपना उरूसी लिबास? हरगिज़ नहीं! लेकिन मेरी क़ौम बेशुमार दिनों से मुझे भूल गई है।
Jere UrduGeoD 2:33  तू इश्क़ ढूँडने में कितनी माहिर है! बदकार औरतें भी तुझसे बहुत कुछ सीख लेती हैं।
Jere UrduGeoD 2:34  तेरे लिबास का दामन बेगुनाह ग़रीबों के ख़ून से आलूदा है, गो तूने उन्हें नक़बज़नी जैसा ग़लत काम करते वक़्त न पकड़ा। इस सब कुछ के बावुजूद भी
Jere UrduGeoD 2:35  तू बज़िद है कि मैं बेक़ुसूर हूँ, अल्लाह का मुझ पर ग़ुस्सा ठंडा हो गया है। लेकिन मैं तेरी अदालत करूँगा, इसलिए कि तू कहती है, ‘मुझसे गुनाह सरज़द नहीं हुआ।’
Jere UrduGeoD 2:36  तू कभी इधर, कभी इधर जाकर इतनी आसानी से अपना रुख़ क्यों बदलती है? यक़ीन कर कि जिस तरह तू अपने इत्तहादी असूर से मायूस होकर शरमिंदा हुई है उसी तरह तू नए इत्तहादी मिसर से भी नादिम हो जाएगी।
Jere UrduGeoD 2:37  तू उस जगह से भी अपने हाथों को सर पर रखकर निकलेगी। क्योंकि रब ने उन्हें रद्द किया है जिन पर तू भरोसा रखती है। उनसे तुझे मदद हासिल नहीं होगी।”
Chapter 3
Jere UrduGeoD 3:1  रब फ़रमाता है, “अगर कोई अपनी बीवी को तलाक़ दे और अलग होने के बाद बीवी की किसी और से शादी हो जाए तो क्या पहले शौहर को उससे दुबारा शादी करने की इजाज़त है? हरगिज़ नहीं, बल्कि ऐसी हरकत से पूरे मुल्क की बेहुरमती हो जाती है। देख, यही तेरी हालत है। तूने मुतअद्दिद आशिक़ों से ज़िना किया है, और अब तू मेरे पास वापस आना चाहती है। यह कैसी बात है?
Jere UrduGeoD 3:2  अपनी नज़र बंजर पहाड़ियों की तरफ़ उठाकर देख! क्या कोई जगह है जहाँ ज़िना करने से तेरी बेहुरमती नहीं हुई? रेगिस्तान में तनहा बैठनेवाले बद्दू की तरह तू रास्तों के किनारे पर अपने आशिक़ों की ताक में बैठी रही है। अपनी इसमतफ़रोशी और बदकारी से तूने मुल्क की बेहुरमती की है।
Jere UrduGeoD 3:3  इसी वजह से बहार में बरसात का मौसम रोका गया और बारिश नहीं पड़ी। लेकिन अफ़सोस, तू कसबी की-सी पेशानी रखती है, तू शर्म खाने के लिए तैयार ही नहीं।
Jere UrduGeoD 3:4  इस वक़्त भी तू चीख़ती-चिल्लाती आवाज़ देती है, ‘ऐ मेरे बाप, जो मेरी जवानी से मेरा दोस्त है,
Jere UrduGeoD 3:5  क्या तू हमेशा तक मेरे साथ नाराज़ रहेगा? क्या तेरा क़हर कभी ठंडा नहीं होगा?’ यही तेरे अपने अलफ़ाज़ हैं, लेकिन साथ साथ तू ग़लत काम करने की हर मुमकिन कोशिश करती रहती है।”
Jere UrduGeoD 3:6  यूसियाह बादशाह की हुकूमत के दौरान रब मुझसे हमकलाम हुआ, “क्या तूने वह कुछ देखा जो बेवफ़ा इसराईल ने किया है? उसने हर बुलंदी पर और हर घने दरख़्त के साय में ज़िना किया है।
Jere UrduGeoD 3:7  मैंने सोचा कि यह सब कुछ करने के बाद वह मेरे पास वापस आएगी। लेकिन अफ़सोस, ऐसा न हुआ। उस की ग़द्दार बहन यहूदाह भी इन तमाम वाक़ियात की गवाह थी।
Jere UrduGeoD 3:8  बेवफ़ा इसराईल की ज़िनाकारी नाक़ाबिले-बरदाश्त थी, इसलिए मैंने उसे घर से निकालकर तलाक़नामा दे दिया। फिर भी मैंने देखा कि उस की ग़द्दार बहन यहूदाह ने ख़ौफ़ न खाया बल्कि ख़ुद निकलकर ज़िना करने लगी।
Jere UrduGeoD 3:9  इसराईल को इस जुर्म की संजीदगी महसूस न हुई बल्कि उसने पत्थर और लकड़ी के बुतों के साथ ज़िना करके मुल्क की बेहुरमती की।
Jere UrduGeoD 3:10  इसके बावुजूद उस की बेवफ़ा बहन यहूदाह पूरे दिल से नहीं बल्कि सिर्फ़ ज़ाहिरी तौर पर मेरे पास वापस आई।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 3:11  रब मुझसे हमकलाम हुआ, “बेवफ़ा इसराईल ग़द्दार यहूदाह की निसबत ज़्यादा रास्तबाज़ है।
Jere UrduGeoD 3:12  जा, शिमाल की तरफ़ देखकर बुलंद आवाज़ से एलान कर, ‘ऐ बेवफ़ा इसराईल, रब फ़रमाता है कि वापस आ! आइंदा मैं ग़ुस्से से तेरी तरफ़ नहीं देखूँगा, क्योंकि मैं मेहरबान हूँ। मैं हमेशा तक नाराज़ नहीं रहूँगा। यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 3:13  लेकिन लाज़िम है कि तू अपना क़ुसूर तसलीम करे। इक़रार कर कि मैं रब अपने ख़ुदा से सरकश हुई। मैं इधर उधर घूमकर हर घने दरख़्त के साय में अजनबी माबूदों की पूजा करती रही, मैंने रब की न सुनी’।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 3:14  रब फ़रमाता है, “ऐ बेवफ़ा बच्चो, वापस आओ, क्योंकि मैं तुम्हारा मालिक हूँ। मैं तुम्हें हर जगह से निकालकर सिय्यून में वापस लाऊँगा। किसी शहर से मैं एक को निकाल लाऊँगा, और किसी ख़ानदान से दो अफ़राद को।
Jere UrduGeoD 3:15  तब मैं तुम्हें ऐसे गल्लाबानों से नवाज़ूँगा जो मेरी सोच रखेंगे और जो समझ और अक़्ल के साथ तुम्हारी गल्लाबानी करेंगे।
Jere UrduGeoD 3:16  फिर तुम्हारी तादाद बहुत बढ़ेगी और तुम चारों तरफ़ फैल जाओगे।” रब फ़रमाता है, “उन दिनों में रब के अहद के संदूक़ का ज़िक्र नहीं किया जाएगा। न उसका ख़याल आएगा, न उसे याद किया जाएगा। न उस की कमी महसूस होगी, न उसे दुबारा बनाया जाएगा।
Jere UrduGeoD 3:17  क्योंकि उस वक़्त यरूशलम ‘रब का तख़्त’ कहलाएगा, और उसमें तमाम अक़वाम रब के नाम की ताज़ीम में जमा हो जाएँगी। तब वह अपने शरीर और ज़िद्दी दिलों के मुताबिक़ ज़िंदगी नहीं गुज़ारेंगी।
Jere UrduGeoD 3:18  तब यहूदाह का घराना इसराईल के घराने के पास आएगा, और वह मिलकर शिमाली मुल्क से उस मुल्क में वापस आएँगे जो मैंने तुम्हारे बापदादा को मीरास में दिया था।
Jere UrduGeoD 3:19  मैंने सोचा, काश मैं तेरे साथ बेटों का-सा सुलूक करके तुझे एक ख़ुशगवार मुल्क दे सकूँ, एक ऐसी मीरास जो दीगर अक़वाम की निसबत कहीं शानदार हो। मैं समझा कि तुम मुझे अपना बाप ठहराकर अपना मुँह मुझसे नहीं फेरोगे।
Jere UrduGeoD 3:20  लेकिन ऐ इसराईली क़ौम, तू मुझसे बेवफ़ा रही है, बिलकुल उस औरत की तरह जो अपने शौहर से बेवफ़ा हो गई है।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 3:21  “सुनो! बंजर बुलंदियों पर चीख़ें और इल्तिजाएँ सुनाई दे रही हैं। इसराईली रो रहे हैं, इसलिए कि वह ग़लत राह इख़्तियार करके रब अपने ख़ुदा को भूल गए हैं।
Jere UrduGeoD 3:22  ऐ बेवफ़ा बच्चो, वापस आओ ताकि मैं तुम्हारे बेवफ़ा दिलों को शफ़ा दे सकूँ।” “ऐ रब, हम हाज़िर हैं। हम तेरे पास आते हैं, क्योंकि तू ही रब हमारा ख़ुदा है।
Jere UrduGeoD 3:23  वाक़ई, पहाड़ियों और पहाड़ों पर बुतपरस्ती का तमाशा फ़रेब ही है। यक़ीनन रब हमारा ख़ुदा इसराईल की नजात है।
Jere UrduGeoD 3:24  हमारी जवानी से लेकर आज तक शर्मनाक देवता हमारे बापदादा की मेहनत का फल खाते आए हैं, ख़ाह उनकी भेड़-बकरियाँ और गाय-बैल थे, ख़ाह उनके बेटे-बेटियाँ।
Jere UrduGeoD 3:25  आओ, हम अपनी शर्म के बिस्तर पर लेट जाएँ और अपनी बेइज़्ज़ती की रज़ाई में छुप जाएँ। क्योंकि हमने अपने बापदादा समेत रब अपने ख़ुदा का गुनाह किया है। अपनी जवानी से लेकर आज तक हमने रब अपने ख़ुदा की नहीं सुनी।”
Chapter 4
Jere UrduGeoD 4:1  रब फ़रमाता है, “ऐ इसराईल, अगर तू वापस आना चाहे तो मेरे पास वापस आ! अगर तू अपने घिनौने बुतों को मेरे हुज़ूर से दूर करके आवारा न फिरे
Jere UrduGeoD 4:2  और रब की हयात की क़सम खाते वक़्त दियानतदारी, इनसाफ़ और सदाक़त से अपना वादा पूरा करे तो ग़ैरअक़वाम मुझसे बरकत पाकर मुझ पर फ़ख़र करेंगी।”
Jere UrduGeoD 4:3  रब यहूदाह और यरूशलम के बाशिंदों से फ़रमाता है, “अपने दिलों की ग़ैरमुस्तामल ज़मीन पर हल चलाकर उसे क़ाबिले-काश्त बनाओ! अपने बीज काँटेदार झाड़ियों में बोकर ज़ाया मत करना।
Jere UrduGeoD 4:4  ऐ यहूदाह और यरूशलम के बाशिंदो, अपने आपको रब के लिए मख़सूस करके अपना ख़तना कराओ यानी अपने दिलों का ख़तना कराओ, वरना मेरा क़हर तुम्हारे ग़लत कामों के बाइस कभी न बुझनेवाली आग की तरह तुझ पर नाज़िल होगा।
Jere UrduGeoD 4:5  यहूदाह में एलान करो और यरूशलम को इत्तला दो, ‘मुल्क-भर में नरसिंगा बजाओ!’ गला फाड़कर चिल्लाओ, ‘इकट्ठे हो जाओ! आओ, हम क़िलाबंद शहरों में पनाह लें!’
Jere UrduGeoD 4:6  झंडा गाड़ दो ताकि लोग उसे देखकर सिय्यून में पनाह लें। महफ़ूज़ मक़ाम में भाग जाओ और कहीं न रुको, क्योंकि मैं शिमाल की तरफ़ से आफ़त ला रहा हूँ, सब कुछ धड़ाम से गिर जाएगा।
Jere UrduGeoD 4:7  शेरबबर जंगल में अपनी छुपने की जगह से निकल आया, क़ौमों को हलाक करनेवाला अपने मक़ाम से रवाना हो चुका है ताकि तेरे मुल्क को तबाह करे। तेरे शहर बरबाद हो जाएंगे, और उनमें कोई नहीं रहेगा।
Jere UrduGeoD 4:8  चुनाँचे टाट का लिबास पहनकर आहो-ज़ारी करो, क्योंकि रब का सख़्त ग़ज़ब अब तक हम पर नाज़िल हो रहा है।”
Jere UrduGeoD 4:9  रब फ़रमाता है, “उस दिन बादशाह और उसके अफ़सर हिम्मत हारेंगे, इमामों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे और नबी ख़ौफ़ से सुन होकर रह जाएंगे।”
Jere UrduGeoD 4:10  तब मैं बोल उठा, “हाय, हाय! ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, तूने इस क़ौम और यरूशलम को कितना सख़्त फ़रेब दिया जब तूने फ़रमाया, तुम्हें अमनो-अमान हासिल होगा हालाँकि हमारे गलों पर तलवार फिरने को है।”
Jere UrduGeoD 4:11  उस वक़्त इस क़ौम और यरूशलम को इत्तला दी जाएगी, “रेगिस्तान के बंजर टीलों से सब कुछ झुलसानेवाली लू मेरी क़ौम के पास आ रही है। और यह गंदुम को फटककर भूसे से अलग करनेवाली मुफ़ीद हवा नहीं होगी
Jere UrduGeoD 4:12  बल्कि आँधी जैसी तेज़ हवा मेरी तरफ़ से आएगी। क्योंकि अब मैं उन पर अपने फ़ैसले सादिर करूँगा।”
Jere UrduGeoD 4:13  देखो, दुश्मन तूफ़ानी बादलों की तरह आगे बढ़ रहा है! उसके रथ आँधी जैसे, और उसके घोड़े उक़ाब से तेज़ हैं। हाय, हम पर अफ़सोस! हमारा अंजाम आ गया है।
Jere UrduGeoD 4:14  ऐ यरूशलम, अपने दिल को धोकर बुराई से साफ़ कर ताकि तुझे छुटकारा मिले। तू अंदर ही अंदर कब तक अपने शरीर मनसूबे बाँधती रहेगी?
Jere UrduGeoD 4:15  सुनो! दान से बुरी ख़बरें आ रही हैं, इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े से आफ़त का पैग़ाम पहुँच रहा है।
Jere UrduGeoD 4:16  ग़ैरअक़वाम को इत्तला दो और यरूशलम के बारे में एलान करो, “मुहासरा करनेवाले फ़ौजी दूर-दराज़ मुल्क से आ रहे हैं! वह जंग के नारे लगा लगाकर यहूदाह के शहरों पर टूट पड़ेंगे।
Jere UrduGeoD 4:17  तब वह खेतों की चौकीदारी करनेवालों की तरह यरूशलम को घेर लेंगे। क्योंकि यह शहर मुझसे सरकश हो गया है।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 4:18  “यह तेरे अपने ही चाल-चलन और हरकतों का नतीजा है। हाय, तेरी बेदीनी का अंजाम कितना तलख़ और दिलख़राश है!”
Jere UrduGeoD 4:19  हाय, मेरी तड़पती जान, मेरी तड़पती जान! मैं दर्द के मारे पेचो-ताब खा रहा हूँ। हाय, मेरा दिल! वह बेकाबू होकर धड़क रहा है। मैं ख़ामोश नहीं रह सकता, क्योंकि नरसिंगे की आवाज़ और जंग के नारे मेरे कान तक पहुँच गए हैं।
Jere UrduGeoD 4:20  यके बाद दीगरे शिकस्तों की ख़बरें मिल रही हैं, चारों तरफ़ मुल्क की तबाही हुई है। अचानक ही मेरे तंबू बरबाद हैं, एक ही लमहे में मेरे ख़ैमे ख़त्म हो गए हैं।
Jere UrduGeoD 4:21  मुझे कब तक जंग का झंडा देखना पड़ेगा, कब तक नरसिंगे की आवाज़ सुननी पड़ेगी?
Jere UrduGeoD 4:22  “मेरी क़ौम अहमक़ है और मुझे नहीं जानती। वह बेवुक़ूफ़ और नासमझ बच्चे हैं। गो वह ग़लत काम करने में बहुत तेज़ हैं, लेकिन भलाई करना उनकी समझ से बाहर है।”
Jere UrduGeoD 4:23  मैंने मुल्क पर नज़र डाली तो वीरानो-सुनसान था। जब आसमान की तरफ़ देखा तो अंधेरा था।
Jere UrduGeoD 4:24  मेरी निगाह पहाड़ों पर पड़ी तो थरथरा रहे थे, तमाम पहाड़ियाँ हिचकोले खा रही थीं।
Jere UrduGeoD 4:25  कहीं कोई शख़्स नज़र न आया, तमाम परिंदे भी उड़कर जा चुके थे।
Jere UrduGeoD 4:26  मैंने मुल्क पर नज़र दौड़ाई तो क्या देखता हूँ कि ज़रख़ेज़ ज़मीन रेगिस्तान बन गई है। रब और उसके शदीद ग़ज़ब के सामने उसके तमाम शहर नेस्तो-नाबूद हो गए हैं।
Jere UrduGeoD 4:27  क्योंकि रब फ़रमाता है, “पूरा मुल्क बरबाद हो जाएगा, अगरचे मैं उसे पूरे तौर पर ख़त्म नहीं करूँगा।
Jere UrduGeoD 4:28  ज़मीन मातम करेगी और आसमान तारीक हो जाएगा, क्योंकि मैं यह फ़रमा चुका हूँ, और मेरा इरादा अटल है। न मैं यह करने से पछताऊँगा, न इससे बाज़ आऊँगा।”
Jere UrduGeoD 4:29  घुड़सवारों और तीर चलानेवालों का शोर-शराबा सुनकर लोग तमाम शहरों से निकलकर जंगलों और चटानों में खिसक जाएंगे। तमाम शहर वीरानो-सुनसान होंगे, किसी में भी लोग नहीं बसेंगे।
Jere UrduGeoD 4:30  तो फिर तू क्या कर रही है, तू जिसे ख़ाक में मिला दिया गया है? अब क़िरमिज़ी लिबास और सोने के ज़ेवरात पहनने की क्या ज़रूरत है? इस वक़्त अपनी आँखों को सुरमे से सजाने और अपने आपको आरास्ता करने का कोई फ़ायदा नहीं। तेरे आशिक़ तो तुझे हक़ीर जानते बल्कि तुझे जान से मारने के दरपै हैं।
Jere UrduGeoD 4:31  क्योंकि मुझे दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत की आवाज़, पहली बार जन्म देनेवाली की आहो-ज़ारी सुनाई दे रही है। सिय्यून बेटी कराह रही है, वह अपने हाथ फैलाए हुए कह रही है, “हाय, मुझ पर अफ़सोस! मेरी जान क़ातिलों के हाथ में आकर निकल रही है।”
Chapter 5
Jere UrduGeoD 5:1  “यरूशलम की गलियों में घूमो फिरो! हर जगह का मुलाहज़ा करके पता करो कि क्या हो रहा है। उसके चौकों की तफ़तीश भी करो। अगर तुम्हें एक भी शख़्स मिल जाए जो इनसाफ़ करे और दियानतदारी का तालिब रहे तो मैं शहर को मुआफ़ कर दूँगा।
Jere UrduGeoD 5:2  वह रब की हयात की क़सम खाते वक़्त भी झूट बोलते हैं।”
Jere UrduGeoD 5:3  ऐ रब, तेरी आँखें दियानतदारी देखना चाहती हैं। तूने उन्हें मारा, लेकिन उन्हें दुख न हुआ। तूने उन्हें कुचल डाला, लेकिन वह तरबियत पाने के लिए तैयार नहीं। उन्होंने अपने चेहरे को पत्थर से कहीं ज़्यादा सख़्त बनाकर तौबा करने से इनकार किया है।
Jere UrduGeoD 5:4  मैंने सोचा, “सिर्फ़ ग़रीब लोग ऐसे हैं। यह इसलिए अहमक़ाना हरकतें कर रहे हैं कि रब की राह और अपने ख़ुदा की शरीअत से वाक़िफ़ नहीं हैं।
Jere UrduGeoD 5:5  आओ, मैं बुज़ुर्गों के पास जाकर उनसे बात करता हूँ। वह तो ज़रूर रब की राह और अल्लाह की शरीअत को जानते होंगे।” लेकिन अफ़सोस, सबके सबने अपने जुए और रस्से तोड़ डाले हैं।
Jere UrduGeoD 5:6  इसलिए शेरबबर जंगल से निकलकर उन पर हमला करेगा, भेड़िया बयाबान से आकर उन्हें बरबाद करेगा, चीता उनके शहरों के क़रीब ताक में बैठकर हर निकलनेवाले को फाड़ डालेगा। क्योंकि वह बार बार सरकश हुए हैं, मुतअद्दिद दफ़ा उन्होंने अपनी बेवफ़ाई का इज़हार किया है।
Jere UrduGeoD 5:7  “मैं तुझे कैसे मुआफ़ करूँ? तेरी औलाद ने मुझे तर्क करके उनकी क़सम खाई है जो ख़ुदा नहीं हैं। गो मैंने उनकी हर ज़रूरत पूरी की तो भी उन्होंने ज़िना किया, चकले के सामने उनकी लंबी क़तारें लगी रहीं।
Jere UrduGeoD 5:8  यह लोग मोटे-ताज़े घोड़े हैं जो मस्ती में आ गए हैं। हर एक हिनहिनाता हुआ अपने पड़ोसी की बीवी को आँख मारता है।”
Jere UrduGeoD 5:9  रब फ़रमाता है, “क्या मैं जवाब में उन्हें सज़ा न दूँ? क्या मैं ऐसी क़ौम से इंतक़ाम न लूँ?
Jere UrduGeoD 5:10  जाओ, उसके अंगूर के बाग़ों पर टूट पड़ो और सब कुछ बरबाद कर दो। लेकिन उन्हें मुकम्मल तौर पर ख़त्म मत करना। बेलों की शाख़ों को दूर करो, क्योंकि वह रब के लोग नहीं हैं।”
Jere UrduGeoD 5:11  क्योंकि रब फ़रमाता है, “इसराईल और यहूदाह के बाशिंदे हर तरह से मुझसे बेवफ़ा रहे हैं।
Jere UrduGeoD 5:12  उन्होंने रब का इनकार करके कहा है, वह कुछ नहीं करेगा। हम पर मुसीबत नहीं आएगी। हमें न तलवार, न काल से नुक़सान पहुँचेगा।
Jere UrduGeoD 5:13  नबियों की क्या हैसियत है? वह तो बकवास ही करते हैं, और रब का कलाम उनमें नहीं है। बल्कि उन्हीं के साथ ऐसा किया जाएगा।”
Jere UrduGeoD 5:14  इसलिए रब लशकरों का ख़ुदा फ़रमाता है, “ऐ यरमियाह, चूँकि लोग ऐसी बातें कर रहे हैं इसलिए तेरे मुँह में मेरे अलफ़ाज़ आग बनकर इस क़ौम को लकड़ी की तरह भस्म कर देंगे।”
Jere UrduGeoD 5:15  रब फ़रमाता है, “ऐ इसराईल, मैं दूर की क़ौम को तेरे ख़िलाफ़ भेजूँगा, ऐसी पुख़्ता और क़दीम क़ौम जिसकी ज़बान तू नहीं जानता और जिसकी बातें तू नहीं समझता।
Jere UrduGeoD 5:16  उनके तरकश खुली क़ब्रें हैं, सबके सब ज़बरदस्त सूरमे हैं।
Jere UrduGeoD 5:17  वह सब कुछ हड़प कर लेंगे : तेरी फ़सलें, तेरी ख़ुराक, तेरे बेटे-बेटियाँ, तेरी भेड़-बकरियाँ, तेरे गाय-बैल, तेरी अंगूर की बेलें और तेरे अंजीर के दरख़्त। जिन क़िलाबंद शहरों पर तुम भरोसा रखते हो उन्हें वह तलवार से ख़ाक में मिला देंगे।
Jere UrduGeoD 5:18  फिर भी मैं उस वक़्त तुम्हें मुकम्मल तौर पर बरबाद नहीं करूँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 5:19  “ऐ यरमियाह, अगर लोग तुझसे पूछें, रब हमारे ख़ुदा ने यह सब कुछ हमारे साथ क्यों किया? तो उन्हें बता, तुम मुझे तर्क करके अपने वतन में अजनबी माबूदों की ख़िदमत करते रहे हो, इसलिए तुम वतन से दूर मुल्क में अजनबियों की ख़िदमत करोगे।
Jere UrduGeoD 5:20  इसराईल में एलान करो और यहूदाह को इत्तला दो
Jere UrduGeoD 5:21  कि ऐ बेवुक़ूफ़ और नासमझ क़ौम, सुनो! लेकिन अफ़सोस, उनकी आँखें तो हैं लेकिन वह देख नहीं सकते, उनके कान तो हैं लेकिन वह सुन नहीं सकते।”
Jere UrduGeoD 5:22  रब फ़रमाता है, “क्या तुम्हें मेरा ख़ौफ़ नहीं मानना चाहिए, मेरे हुज़ूर नहीं काँपना चाहिए? सोच लो! मैं ही ने रेत से समुंदर की सरहद मुक़र्रर की, एक ऐसी बाड़ बनाई जिस पर से वह कभी नहीं गुज़र सकता। गो वह ज़ोर से लहरें मारे तो भी नाकाम रहता है, गो उस की मौजें ख़ूब गरजें तो भी मुक़र्ररा हद से आगे नहीं बढ़ सकतीं।
Jere UrduGeoD 5:23  लेकिन अफ़सोस, इस क़ौम का दिल ज़िद्दी और सरकश है। यह लोग सहीह राह से हटकर अपनी ही राहों पर चल पड़े हैं।
Jere UrduGeoD 5:24  वह दिल में कभी नहीं कहते, आओ, हम रब अपने ख़ुदा का ख़ौफ़ मानें। क्योंकि वही हमें वक़्त पर ख़िज़ाँ और बहार के मौसम में बारिश मुहैया करता है, वही इसकी ज़मानत देता है कि हमारी फ़सलें बाक़ायदगी से पक जाएँ।
Jere UrduGeoD 5:25  अब तुम्हारे ग़लत कामों ने तुम्हें इन नेमतों से महरूम कर दिया, तुम्हारे गुनाहों ने तुम्हें इन अच्छी चीज़ों से रोक रखा है।
Jere UrduGeoD 5:26  क्योंकि मेरी क़ौम में ऐसे बेदीन अफ़राद पाए जाते हैं जो दूसरों की ताक लगाए रहते हैं। जिस तरह शिकारी परिंदे पकड़ने के लिए झुककर छुप जाता है, उसी तरह वह दूसरों की घात में बैठ जाते हैं। वह फंदे लगाकर लोगों को उनमें फँसाते हैं।
Jere UrduGeoD 5:27  और जिस तरह शिकारी अपने पिंजरे को चिड़ियों से भर देता है उसी तरह इन शरीर लोगों के घर फ़रेब से भरे रहते हैं। अपनी चालों से वह अमीर, ताक़तवर
Jere UrduGeoD 5:28  और मोटे-ताज़े हो गए हैं। उनके ग़लत कामों की हद नहीं रहती। वह इनसाफ़ करते ही नहीं। न वह यतीमों की मदद करते हैं ताकि उन्हें वह कुछ मिल जाए जो उनका हक़ है, न ग़रीबों के हुक़ूक़ क़ायम रखते हैं।”
Jere UrduGeoD 5:29  रब फ़रमाता है, “अब मुझे बताओ, क्या मुझे उन्हें इसकी सज़ा नहीं देनी चाहिए? क्या मुझे इस क़िस्म की हरकतें करनेवाली क़ौम से बदला नहीं लेना चाहिए?
Jere UrduGeoD 5:30  जो कुछ मुल्क में हुआ है वह हौलनाक और क़ाबिले-घिन है।
Jere UrduGeoD 5:31  क्योंकि नबी झूटी पेशगोइयाँ सुनाते और इमाम अपनी ही मरज़ी से हुकूमत करते हैं। और मेरी क़ौम उनका यह रवैया अज़ीज़ रखती है। लेकिन मुझे बताओ, जब यह सब कुछ ख़त्म हो जाएगा तो फिर तुम क्या करोगे?
Chapter 6
Jere UrduGeoD 6:1  ऐ बिनयमीन की औलाद, यरूशलम से निकलकर कहीं और पनाह लो! तक़ुअ में नरसिंगा फूँको! बैत-करम में भागने का ऐसा इशारा खड़ा कर जो सबको नज़र आए! क्योंकि शिमाल से आफ़त नाज़िल हो रही है, सब कुछ धड़ाम से गिर जाएगा।
Jere UrduGeoD 6:2  सिय्यून बेटी कितनी मनमोहन और नाज़ुक है। लेकिन मैं उसे हलाक कर दूँगा,
Jere UrduGeoD 6:3  और चरवाहे अपने रेवड़ों को लेकर उस पर टूट पड़ेंगे। वह अपने ख़ैमों को उसके इर्दगिर्द लगा लेंगे, और हर एक का रेवड़ चर चरकर अपना हिस्सा खा जाएगा।
Jere UrduGeoD 6:4  वह कहेंगे, ‘आओ, हम उससे लड़ने के लिए तैयार हो जाएँ। आओ, हम दोपहर के वक़्त हमला करें! लेकिन अफ़सोस, दिन ढल रहा है, और शाम के साय लंबे होते जा रहे हैं।
Jere UrduGeoD 6:5  कोई बात नहीं, रात के वक़्त ही हम उस पर छापा मारेंगे, उसी वक़्त हम उसके बुर्जों को गिरा देंगे’।”
Jere UrduGeoD 6:6  रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “दरख़्तों को काटो, मिट्टी के ढेरों से यरूशलम का घेराव करो! शहर को सज़ा देनी है, क्योंकि उसमें ज़ुल्म ही ज़ुल्म पाया जाता है।
Jere UrduGeoD 6:7  जिस तरह कुएँ से ताज़ा पानी निकलता रहता है उसी तरह यरूशलम की बदी भी ताज़ा ताज़ा उससे निकलती रहती है। ज़ुल्मो-तशद्दुद की आवाज़ें उसमें गूँजती रहती हैं, उस की बीमार हालत और ज़ख़म लगातार मेरे सामने रहते हैं।
Jere UrduGeoD 6:8  ऐ यरूशलम, मेरी तरबियत को क़बूल कर, वरना मैं तंग आकर तुझसे अपना मुँह फेर लूँगा, मैं तुझे तबाह कर दूँगा और तू ग़ैरआबाद हो जाएगी।”
Jere UrduGeoD 6:9  रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “जिस तरह अंगूर चुनने के बाद ग़रीब लोग तमाम बचा-खुचा फल तोड़ लेते हैं उसी तरह इसराईल का बचा-खुचा हिस्सा भी एहतियात से तोड़ लिया जाएगा। चुननेवाले की तरह दुबारा अपने हाथ को अंगूर की शाख़ों पर से गुज़रने दे।”
Jere UrduGeoD 6:10  ऐ रब, मैं किससे बात करूँ, किस को आगाह करूँ? कौन सुनेगा? देख, उनके कान नामख़तून हैं, इसलिए वह सुन ही नहीं सकते। रब का कलाम उन्हें मज़हकाख़ेज़ लगता है, वह उन्हें नापसंद है।
Jere UrduGeoD 6:11  इसलिए मैं रब के ग़ज़ब से भरा हुआ हूँ, मैं उसे बरदाश्त करते करते इतना थक गया हूँ कि उसे मज़ीद नहीं रोक सकता। “उसे गलियों में खेलनेवाले बच्चों और जमाशुदा नौजवानों पर नाज़िल कर, क्योंकि सबको गिरिफ़्तार किया जाएगा, ख़ाह आदमी हो या औरत, बुज़ुर्ग हो या उम्ररसीदा।
Jere UrduGeoD 6:12  उनके घरों को खेतों और बीवियों समेत दूसरों के हवाले किया जाएगा, क्योंकि मैं अपना हाथ मुल्क के बाशिंदों के ख़िलाफ़ बढ़ाऊँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 6:13  “छोटे से लेकर बड़े तक सब ग़लत नफ़ा के पीछे पड़े हैं, नबी से लेकर इमाम तक सब धोकेबाज़ हैं।
Jere UrduGeoD 6:14  वह मेरी क़ौम के ज़ख़म पर आरिज़ी मरहम-पट्टी लगाकर कहते हैं, अब सब कुछ ठीक हो गया है, अब सलामती का दौर आ गया है हालाँकि सलामती है ही नहीं।
Jere UrduGeoD 6:15  ऐसा घिनौना रवैया उनके लिए शर्म का बाइस होना चाहिए, लेकिन वह शर्म नहीं करते बल्कि सरासर बेशर्म हैं। इसलिए जब सब कुछ गिर जाएगा तो यह लोग भी गिर जाएंगे। जब मैं इन पर सज़ा नाज़िल करूँगा तो यह ठोकर खाकर ख़ाक में मिल जाएंगे।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 6:16  रब फ़रमाता है, “रास्तों के पास खड़े होकर उनका मुआयना करो! क़दीम राहों की तफ़तीश करके पता करो कि उनमें से कौन-सी अच्छी है, फिर उस पर चलो। तब तुम्हारी जान को सुकून मिलेगा। लेकिन अफ़सोस, तुम इनकार करके कहते हो, नहीं, हम यह राह इख़्तियार नहीं करेंगे!
Jere UrduGeoD 6:17  देखो, मैंने तुम पर पहरेदार मुक़र्रर किए और कहा, ‘जब नरसिंगा फूँका जाएगा तो ध्यान दो!’ लेकिन तुमने इनकार किया, ‘नहीं, हम तवज्जुह नहीं देंगे।’
Jere UrduGeoD 6:18  चुनाँचे ऐ क़ौमो, सुनो! ऐ जमात, जान ले कि उनके साथ क्या कुछ किया जाएगा।
Jere UrduGeoD 6:19  ऐ ज़मीन, ध्यान दे कि मैं इस क़ौम पर क्या आफ़त नाज़िल करूँगा। और यह उनके अपने मनसूबों का फल होगा, क्योंकि उन्होंने मेरी बातों पर तवज्जुह न दी बल्कि मेरी शरीअत को रद्द कर दिया।
Jere UrduGeoD 6:20  मुझे सबा के बख़ूर या दूर-दराज़ ममालिक के क़ीमती मसालों की क्या परवा! तुम्हारी भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ मुझे पसंद नहीं, तुम्हारी ज़बह की क़ुरबानियों से मैं लुत्फ़अंदोज़ नहीं होता।”
Jere UrduGeoD 6:21  रब फ़रमाता है, “मैं इस क़ौम के रास्ते में ऐसी रुकावटें खड़ी कर दूँगा जिनसे बाप और बेटा ठोकर खाकर गिर जाएंगे। पड़ोसी और दोस्त मिलकर हलाक हो जाएंगे।”
Jere UrduGeoD 6:22  रब फ़रमाता है, “शिमाली मुल्क से फ़ौज आ रही है, दुनिया की इंतहा से एक अज़ीम क़ौम को जगाया जा रहा है।
Jere UrduGeoD 6:23  उसके ज़ालिम और बेरहम फ़ौजी कमान और शमशेर से लैस हैं। सुनो उनका शोर! मुतलातिम समुंदर की-सी आवाज़ सुनाई दे रही है। ऐ सिय्यून बेटी, वह घोड़ों पर सफ़आरा होकर तुझ पर हमला करने आ रहे हैं।”
Jere UrduGeoD 6:24  उनके बारे में इत्तला पाकर हमारे हाथ हिम्मत हार गए हैं। हम पर ख़ौफ़ तारी हो गया है, हमें दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत का-सा दर्द हो रहा है।
Jere UrduGeoD 6:25  शहर से निकलकर खेत में या सड़क पर मत चलना, क्योंकि वहाँ दुश्मन तलवार थामे खड़ा है, चारों तरफ़ दहशत ही दहशत फैल गई है।
Jere UrduGeoD 6:26  ऐ मेरी क़ौम, टाट का लिबास पहनकर राख में लोट-पोट हो जा। यों मातम कर जिस तरह इकलौता बेटा मर गया हो। ज़ोर से वावैला कर, क्योंकि अचानक ही हलाकू हम पर छापा मारेगा।
Jere UrduGeoD 6:27  रब मुझसे हमकलाम हुआ, “मैंने तुझे धातों को जाँचने की ज़िम्मादारी दी है, और मेरी क़ौम वह धात है जिसका चाल-चलन तुझे मालूम करके परखना है।”
Jere UrduGeoD 6:28  ऐ रब, यह तमाम लोग बदतरीन क़िस्म के सरकश हैं। तोहमत लगाना इनकी रोज़ी बन गया है। यह पीतल और लोहा ही हैं, सबके सब तबाही का बाइस हैं।
Jere UrduGeoD 6:29  धौंकनी ख़ूब हवा दे रही है ताकि सीसा आग में पिघलकर चाँदी से अलग हो जाए। लेकिन अफ़सोस, सारी मेहनत रायगाँ है। सीसा यानी बेदीनों को अलग नहीं किया जा सकता, ख़ालिस चाँदी बाक़ी नहीं रहती।
Jere UrduGeoD 6:30  चुनाँचे उन्हें ‘रद्दी चाँदी’ क़रार दिया जाता है, क्योंकि रब ने उन्हें रद्द कर दिया है।
Chapter 7
Jere UrduGeoD 7:1  रब यरमियाह से हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 7:2  “रब के घर के सहन के दरवाज़े पर खड़ा होकर एलान कर कि ऐ यहूदाह के तमाम बाशिंदो, रब का कलाम सुनो! जितने भी रब की परस्तिश करने के लिए इन दरवाज़ों में दाख़िल होते हैं वह सब तवज्जुह दें!
Jere UrduGeoD 7:3  रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि अपनी ज़िंदगी और चाल-चलन दुरुस्त करो तो मैं आइंदा भी तुम्हें इस मक़ाम पर बसने दूँगा।
Jere UrduGeoD 7:4  उनके फ़रेबदेह अलफ़ाज़ पर एतमाद मत करो जो कहते हैं, ‘यहाँ हम महफ़ूज़ हैं क्योंकि यह रब का घर, रब का घर, रब का घर है।’
Jere UrduGeoD 7:5  सुनो, शर्त तो यह है कि तुम अपनी ज़िंदगी और चाल-चलन दुरुस्त करो और एक दूसरे के साथ इनसाफ़ का सुलूक करो,
Jere UrduGeoD 7:6  कि तुम परदेसी, यतीम और बेवा पर ज़ुल्म न करो, इस जगह बेक़ुसूर का ख़ून न बहाओ और अजनबी माबूदों के पीछे लगकर अपने आपको नुक़सान न पहुँचाओ।
Jere UrduGeoD 7:7  अगर तुम ऐसा करो तो मैं आइंदा भी तुम्हें इस जगह बसने दूँगा, उस मुल्क में जो मैंने तुम्हारे बापदादा को हमेशा के लिए बख़्श दिया था।
Jere UrduGeoD 7:8  लेकिन अफ़सोस, तुम फ़रेबदेह अलफ़ाज़ पर भरोसा रखते हो जो फ़ज़ूल ही हैं।
Jere UrduGeoD 7:9  तुम चोर, क़ातिल और ज़िनाकार हो। नीज़ तुम झूटी क़सम खाते, बाल देवता के हुज़ूर बख़ूर जलाते और अजनबी माबूदों के पीछे लग जाते हो, ऐसे देवताओं के पीछे जिनसे तुम पहले वाक़िफ़ नहीं थे।
Jere UrduGeoD 7:10  लेकिन साथ साथ तुम यहाँ मेरे हुज़ूर भी आते हो। जिस मकान पर मेरे ही नाम का ठप्पा लगा है उसी में तुम खड़े होकर कहते हो, ‘हम महफ़ूज़ हैं।’ तुम रब के घर में इबादत करने के साथ साथ किस तरह यह तमाम घिनौनी हरकतें जारी रख सकते हो?”
Jere UrduGeoD 7:11  रब फ़रमाता है, “क्या तुम्हारे नज़दीक यह मकान जिस पर मेरे ही नाम का ठप्पा लगा है डाकुओं का अड्डा बन गया है? ख़बरदार! यह सब कुछ मुझे भी नज़र आता है।
Jere UrduGeoD 7:12  सैला शहर का चक्कर लगाओ जहाँ मैंने पहले अपना नाम बसाया था। मालूम करो कि मैंने अपनी क़ौम इसराईल की बेदीनी के सबब से उस शहर के साथ क्या किया।”
Jere UrduGeoD 7:13  रब फ़रमाता है, “तुम यह शरीर हरकतें करते रहे, और मैं बार बार तुमसे हमकलाम होता रहा, लेकिन तुमने मेरी न सुनी। मैं तुम्हें बुलाता रहा, लेकिन तुम जवाब देने के लिए तैयार न हुए।
Jere UrduGeoD 7:14  इसलिए अब मैं इस घर के साथ वह कुछ करूँगा जो मैंने सैला के साथ किया था, गो इस पर मेरे ही नाम का ठप्पा लगा है, यह वह मकान है जिस पर तुम एतमाद रखते हो और जिसे मैंने तुम्हें और तुम्हारे बापदादा को अता किया था।
Jere UrduGeoD 7:15  मैं तुम्हें अपने हुज़ूर से निकाल दूँगा, बिलकुल उसी तरह जिस तरह मैंने तुम्हारे तमाम भाइयों यानी इसराईल की औलाद को निकाल दिया था।
Jere UrduGeoD 7:16  ऐ यरमियाह, इस क़ौम के लिए दुआ मत कर। इसके लिए न इल्तिजा कर, न मिन्नत। इन लोगों की ख़ातिर मुझे तंग न कर, क्योंकि मैं तेरी नहीं सुनूँगा।
Jere UrduGeoD 7:17  क्या तुझे वह कुछ नज़र नहीं आ रहा जो यह यहूदाह के शहरों और यरूशलम की गलियों में कर रहे हैं?
Jere UrduGeoD 7:18  और सब इसमें मुलव्वस हैं। बच्चे लकड़ी चुनकर ढेर बनाते हैं, फिर बाप उसे आग लगाते हैं जबकि औरतें आटा गूँध गूँधकर आग पर आसमान की मलिका नामी देवी के लिए टिक्कियाँ पकाती हैं। मुझे तंग करने के लिए वह अजनबी माबूदों को मै की नज़रें भी पेश करते हैं।
Jere UrduGeoD 7:19  लेकिन हक़ीक़त में यह मुझे उतना तंग नहीं कर रहे जितना अपने आपको। ऐसी हरकतों से वह अपनी ही रुसवाई कर रहे हैं।”
Jere UrduGeoD 7:20  रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “मेरा क़हर और ग़ज़ब इस मक़ाम पर, इनसानो-हैवान पर, खुले मैदान के दरख़्तों पर और ज़मीन की पैदावार पर नाज़िल होगा। सब कुछ नज़रे-आतिश हो जाएगा, और कोई उसे बुझा नहीं सकेगा।”
Jere UrduGeoD 7:21  रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, “भस्म होनेवाली क़ुरबानियों को मुझे पेश न करो, बल्कि उनका गोश्त दीगर क़ुरबानियों समेत ख़ुद खा लो।
Jere UrduGeoD 7:22  क्योंकि जिस दिन मैं तुम्हारे बापदादा को मिसर से निकाल लाया उस दिन मैंने उन्हें भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ और दीगर क़ुरबानियाँ चढ़ाने का हुक्म न दिया।
Jere UrduGeoD 7:23  मैंने उन्हें सिर्फ़ यह हुक्म दिया कि मेरी सुनो! तब ही मैं तुम्हारा ख़ुदा हूँगा और तुम मेरी क़ौम होगे। पूरे तौर पर उस राह पर चलते रहो जो मैं तुम्हें दिखाता हूँ। तब ही तुम्हारी ख़ैर होगी।
Jere UrduGeoD 7:24  लेकिन उन्होंने मेरी न सुनी, न ध्यान दिया बल्कि अपने शरीर दिल की ज़िद के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारने लगे। उन्होंने मेरी तरफ़ रुजू न किया बल्कि अपना मुँह मुझसे फेर लिया।
Jere UrduGeoD 7:25  जब से तुम्हारे बापदादा मिसर से निकल आए आज तक मैं रोज़ बरोज़ और बार बार अपने ख़ादिमों यानी नबियों को तुम्हारे पास भेजता रहा।
Jere UrduGeoD 7:26  तो भी उन्होंने न मेरी सुनी, न तवज्जुह दी। वह बज़िद रहे बल्कि अपने बापदादा की निसबत ज़्यादा बुरे थे।
Jere UrduGeoD 7:27  ऐ यरमियाह, तू उन्हें यह तमाम बातें बताएगा, लेकिन वह तेरी नहीं सुनेंगे। तू उन्हें बुलाएगा, लेकिन वह जवाब नहीं देंगे।
Jere UrduGeoD 7:28  तब तू उन्हें बताएगा, ‘इस क़ौम ने न रब अपने ख़ुदा की आवाज़ सुनी, न उस की तरबियत क़बूल की। दियानतदारी ख़त्म होकर उनके मुँह से मिट गई है।’
Jere UrduGeoD 7:29  अपने बालों को काटकर फेंक दे! जा, बंजर टीलों पर मातम का गीत गा, क्योंकि यह नसल रब के ग़ज़ब का निशाना बन गई है, और उसने इसे रद्द करके छोड़ दिया है।”
Jere UrduGeoD 7:30  क्योंकि रब फ़रमाता है, “जो कुछ यहूदाह के बाशिंदों ने किया वह मुझे बहुत बुरा लगता है। उन्होंने अपने घिनौने बुतों को मेरे नाम के लिए मख़सूस घर में रखकर उस की बेहुरमती की है।
Jere UrduGeoD 7:31  साथ साथ उन्होंने वादीए-बिन-हिन्नूम में वाक़े तूफ़त की ऊँची जगहें तामीर कीं ताकि अपने बेटे-बेटियों को जलाकर क़ुरबान करें। मैंने कभी भी ऐसी रस्म अदा करने का हुक्म नहीं दिया बल्कि इसका ख़याल मेरे ज़हन में आया तक नहीं।
Jere UrduGeoD 7:32  चुनाँचे रब का कलाम सुनो! वह दिन आनेवाले हैं जब यह मक़ाम ‘तूफ़त’ या ‘वादीए-बिन-हिन्नूम’ नहीं कहलाएगा बल्कि ‘क़त्लो-ग़ारत की वादी।’ उस वक़्त लोग तूफ़त में इतनी लाशें दफ़नाएँगे कि आख़िरकार ख़ाली जगह नहीं रहेगी।
Jere UrduGeoD 7:33  तब इस क़ौम की लाशें परिंदों और जंगली जानवरों की ख़ुराक बन जाएँगी, और कोई नहीं होगा जो उन्हें भगा दे।
Jere UrduGeoD 7:34  मैं यहूदाह के शहरों और यरूशलम की गलियों में ख़ुशीओ-शादमानी की आवाज़ें ख़त्म कर दूँगा, दूल्हा दुलहन की आवाज़ें बंद हो जाएँगी। क्योंकि मुल्क वीरानो-सुनसान हो जाएगा।”
Chapter 8
Jere UrduGeoD 8:1  रब फ़रमाता है, “उस वक़्त दुश्मन क़ब्रों को खोलकर यहूदाह के बादशाहों, अफ़सरों, इमामों, नबियों और यरूशलम के आम बाशिंदों की हड्डियों को निकालेगा
Jere UrduGeoD 8:2  और ज़मीन पर बिखेर देगा। वहाँ वह उनके सामने पड़ी रहेंगी जो उन्हें प्यारे थे यानी सूरज, चाँद और सितारों के तमाम लशकर के सामने। क्योंकि वह उन्हीं की ख़िदमत करते, उन्हीं के पीछे चलते, उन्हीं के तालिब रहते, और उन्हीं को सिजदा करते थे। उनकी हड्डियाँ दुबारा न इकट्ठी की जाएँगी, न दफ़न की जाएँगी बल्कि खेत में गोबर की तरह बिखरी पड़ी रहेंगी।
Jere UrduGeoD 8:3  और जहाँ भी मैं इस शरीर क़ौम के बचे हुओं को मुंतशिर करूँगा वहाँ वह सब कहेंगे कि काश हम भी ज़िंदा न रहें बल्कि मर जाएँ।” यह रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 8:4  “उन्हें बता, रब फ़रमाता है कि जब कोई गिर जाता है तो क्या दुबारा उठने की कोशिश नहीं करता? ज़रूर। और जब कोई सहीह रास्ते से दूर हो जाता है तो क्या वह दुबारा वापस आ जाने की कोशिश नहीं करता? बेशक।
Jere UrduGeoD 8:5  तो फिर यरूशलम के यह लोग सहीह राह से बार बार क्यों भटक जाते हैं? यह फ़रेब के साथ लिपटे रहते और वापस आने से इनकार ही करते हैं।
Jere UrduGeoD 8:6  मैंने ध्यान देकर देखा है कि यह झूट ही बोलते हैं। कोई भी पछताकर नहीं कहता, ‘यह कैसा ग़लत काम है जो मैंने किया!’ जिस तरह जंग में घोड़े दुश्मन पर टूट पड़ते हैं उसी तरह हर एक सीधा अपनी ग़लत राह पर दौड़ता रहता है।
Jere UrduGeoD 8:7  फ़िज़ा में उड़नेवाले लक़लक़ पर ग़ौर करो जिसे आने जाने के मुक़र्ररा औक़ात ख़ूब मालूम होते हैं। फ़ाख़्ता, अबाबील और बुलबुल पर भी ध्यान दो जो सर्दियों के मौसम में कहीं और होते हैं, गरमियों के मौसम में कहीं और। वह मुक़र्ररा औक़ात से कभी नहीं हटते। लेकिन अफ़सोस, मेरी क़ौम रब की शरीअत नहीं जानती।
Jere UrduGeoD 8:8  तुम किस तरह कह सकते हो, ‘हम दानिशमंद हैं, क्योंकि हमारे पास रब की शरीअत है’? हक़ीक़त में कातिबों के फ़रेबदेह क़लम ने इसे तोड़-मरोड़कर बयान किया है।
Jere UrduGeoD 8:9  सुनो, दानिशमंदों की रुसवाई हो जाएगी, वह दहशतज़दा होकर पकड़े जाएंगे। देखो, रब का कलाम रद्द करने के बाद उनकी अपनी हिकमत कहाँ रही?
Jere UrduGeoD 8:10  इसलिए मैं उनकी बीवियों को परदेसियों के हवाले कर दूँगा और उनके खेतों को ऐसे लोगों के सुपुर्द जो उन्हें निकाल देंगे। क्योंकि छोटे से लेकर बड़े तक सबके सब नाजायज़ नफ़ा के पीछे पड़े हैं, नबियों से लेकर इमामों तक सब धोकेबाज़ हैं।
Jere UrduGeoD 8:11  वह मेरी क़ौम के ज़ख़म पर आरिज़ी मरहम-पट्टी लगाकर कहते हैं, ‘अब सब कुछ ठीक हो गया है, अब सलामती का दौर आ गया है’ हालाँकि सलामती है ही नहीं।
Jere UrduGeoD 8:12  गो ऐसा घिनौना रवैया उनके लिए शर्म का बाइस होना चाहिए, लेकिन वह शर्म नहीं करते बल्कि सरासर बेशर्म हैं। इसलिए जब सब कुछ गिर जाएगा तो यह लोग भी गिर जाएंगे। जब मैं इन पर सज़ा नाज़िल करूँगा तो यह ठोकर खाकर ख़ाक में मिल जाएंगे।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 8:13  रब फ़रमाता है, “मैं उनकी पूरी फ़सल छीन लूँगा। अंगूर की बेल पर एक दाना भी नहीं रहेगा, अंजीर के तमाम दरख़्त फल से महरूम हो जाएंगे बल्कि तमाम पत्ते भी झड़ जाएंगे। जो कुछ भी मैंने उन्हें अता किया था वह उनसे छीन लिया जाएगा।
Jere UrduGeoD 8:14  तब तुम कहोगे, ‘हम यहाँ क्यों बैठे रहें? आओ, हम क़िलाबंद शहरों में पनाह लेकर वहीं हलाक हो जाएँ। हमने रब अपने ख़ुदा का गुनाह किया है, और अब हम इसका नतीजा भुगत रहे हैं। क्योंकि उसी ने हमें हलाकत के हवाले करके हमें ज़हरीला पानी पिला दिया है।
Jere UrduGeoD 8:15  हम सलामती के इंतज़ार में रहे, लेकिन हालात ठीक न हुए। हम शफ़ा पाने की उम्मीद रखते थे, लेकिन इसके बजाए हम पर दहशत छा गई।
Jere UrduGeoD 8:16  सुनो! दुश्मन के घोड़े नथने फुला रहे हैं। दान से उनका शोर हम तक पहुँच रहा है। उनके हिनहिनाने से पूरा मुल्क थरथरा रहा है, क्योंकि आते वक़्त यह पूरे मुल्क को उसके शहरों और बाशिंदों समेत हड़प कर लेंगे’।”
Jere UrduGeoD 8:17  रब फ़रमाता है, “मैं तुम्हारे ख़िलाफ़ अफ़ई भेज दूँगा, ऐसे ज़हरीले साँप जिनके ख़िलाफ़ हर जादूमंत्र बेअसर रहेगा। यह तुम्हें काटेंगे।”
Jere UrduGeoD 8:18  लाइलाज ग़म मुझ पर हावी हो गया, मेरा दिल निढाल हो गया है।
Jere UrduGeoD 8:19  सुनो! मेरी क़ौम दूर-दराज़ मुल्क से चीख़ चीख़कर मदद के लिए आवाज़ दे रही है। लोग पूछते हैं, “क्या रब सिय्यून में नहीं है, क्या यरूशलम का बादशाह अब से वहाँ सुकूनत नहीं करता?” “सुनो, उन्होंने अपने मुजस्समों और बेकार अजनबी बुतों की पूजा करके मुझे क्यों तैश दिलाया?”
Jere UrduGeoD 8:20  लोग आहें भर भरकर कहते हैं, “फ़सल कट गई है, फल चुना गया है, लेकिन अब तक हमें नजात हासिल नहीं हुई।”
Jere UrduGeoD 8:21  मेरी क़ौम की मुकम्मल तबाही देखकर मेरा दिल टूट गया है। मैं मातम कर रहा हूँ, क्योंकि उस की हालत इतनी बुरी है कि मेरे रोंगटे खड़े हो गए हैं।
Jere UrduGeoD 8:22  क्या जिलियाद में मरहम नहीं? क्या वहाँ डाक्टर नहीं मिलता? मुझे बताओ, मेरी क़ौम का ज़ख़म क्यों नहीं भरता?
Chapter 9
Jere UrduGeoD 9:1  काश मेरा सर पानी का मंबा और मेरी आँखें आँसुओं का चश्मा हों ताकि मैं दिन-रात अपनी क़ौम के मक़तूलों पर आहो-ज़ारी कर सकूँ।
Jere UrduGeoD 9:2  काश रेगिस्तान में कहीं मुसाफ़िरों के लिए सराय हो ताकि मैं अपनी क़ौम को छोड़कर वहाँ चला जाऊँ। क्योंकि सब ज़िनाकार, सब ग़द्दारों का जत्था हैं।
Jere UrduGeoD 9:3  रब फ़रमाता है, “वह अपनी ज़बान से झूट के तीर चलाते हैं, और मुल्क में उनकी ताक़त दियानतदारी पर मबनी नहीं होती। नीज़, वह बदतर होते जा रहे हैं। मुझे तो वह जानते ही नहीं।
Jere UrduGeoD 9:4  हर एक अपने पड़ोसी से ख़बरदार रहे, और अपने किसी भी भाई पर भरोसा मत रखना। क्योंकि हर भाई चालाकी करने में माहिर है, और हर पड़ोसी तोहमत लगाने पर तुला रहता है।
Jere UrduGeoD 9:5  हर एक अपने पड़ोसी को धोका देता है, कोई भी सच नहीं बोलता। उन्होंने अपनी ज़बान को झूट बोलना सिखाया है, और अब वह ग़लत काम करते करते थक गए हैं।
Jere UrduGeoD 9:6  ऐ यरमियाह, तू फ़रेब से घिरा रहता है, और यह लोग फ़रेब के बाइस ही मुझे जानने से इनकार करते हैं।”
Jere UrduGeoD 9:7  इसलिए रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “देखो, मैं उन्हें ख़ाम चाँदी की तरह पिघलाकर आज़माऊँगा, क्योंकि मैं अपनी क़ौम, अपनी बेटी के साथ और क्या कर सकता हूँ?
Jere UrduGeoD 9:8  उनकी ज़बानें मोहलक तीर हैं। उनके मुँह पड़ोसी से सुलह-सलामती की बातें करते हैं जबकि अंदर ही अंदर वह उस की ताक में बैठे हैं।”
Jere UrduGeoD 9:9  रब फ़रमाता है, “क्या मुझे उन्हें इसकी सज़ा नहीं देनी चाहिए? क्या मुझे ऐसी क़ौम से बदला नहीं लेना चाहिए?”
Jere UrduGeoD 9:10  मैं पहाड़ों के बारे में आहो-ज़ारी करूँगा, बयाबान की चरागाहों पर मातम का गीत गाऊँगा। क्योंकि वह यों तबाह हो गए हैं कि न कोई उनमें से गुज़रता, न रेवड़ों की आवाज़ें उनमें सुनाई देती हैं। परिंदे और जानवर सब भागकर चले गए हैं।
Jere UrduGeoD 9:11  “यरूशलम को मैं मलबे का ढेर बना दूँगा, और आइंदा गीदड़ उसमें जा बसेंगे। यहूदाह के शहरों को मैं वीरानो-सुनसान कर दूँगा। एक भी उनमें नहीं बसेगा।”
Jere UrduGeoD 9:12  कौन इतना दानिशमंद है कि यह समझ सके? किस को रब से इतनी हिदायत मिली है कि वह बयान कर सके कि मुल्क क्यों बरबाद हो गया है? वह क्यों रेगिस्तान जैसा बन गया है, इतना वीरान कि उसमें से कोई नहीं गुज़रता?
Jere UrduGeoD 9:13  रब ने फ़रमाया, “वजह यह है कि उन्होंने मेरी शरीअत को तर्क किया, वह हिदायत जो मैंने ख़ुद उन्हें दी थी। न उन्होंने मेरी सुनी, न मेरी शरीअत की पैरवी की।
Jere UrduGeoD 9:14  इसके बजाए वह अपने ज़िद्दी दिलों की पैरवी करके बाल देवताओं के पीछे लग गए हैं। उन्होंने वही कुछ किया जो उनके बापदादा ने उन्हें सिखाया था।”
Jere UrduGeoD 9:15  इसलिए रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, “देखो, मैं इस क़ौम को कड़वा खाना खिलाकर ज़हरीला पानी पिला दूँगा।
Jere UrduGeoD 9:16  मैं उन्हें ऐसी क़ौमों में मुंतशिर कर दूँगा जिनसे न वह और न उनके बापदादा वाक़िफ़ थे। मेरी तलवार उस वक़्त तक उनके पीछे पड़ी रहेगी जब तक हलाक न हो जाएँ।”
Jere UrduGeoD 9:17  रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “ध्यान देकर गिर्या करनेवाली औरतों को बुलाओ। जो जनाज़ों पर वावैला करती हैं उनमें से सबसे माहिर औरतों को बुलाओ।
Jere UrduGeoD 9:18  वह जल्द आकर हम पर आहो-ज़ारी करें ताकि हमारी आँखों से आँसू बह निकलें, हमारी पलकों से पानी ख़ूब टपकने लगे।
Jere UrduGeoD 9:19  क्योंकि सिय्यून से गिर्या की आवाज़ें बुलंद हो रही हैं, ‘हाय, हमारे साथ कैसी ज़्यादती हुई है, हमारी कैसी रुसवाई हुई है! हम मुल्क को छोड़ने पर मजबूर हैं, क्योंकि दुश्मन ने हमारे घरों को ढा दिया है’।”
Jere UrduGeoD 9:20  ऐ औरतो, रब का पैग़ाम सुनो। अपने कानों को उस की हर बात पर धरो! अपनी बेटियों को नोहा करने की तालीम दो, एक दूसरी को मातम का यह गीत सिखाओ,
Jere UrduGeoD 9:21  “मौत फलाँगकर हमारी खिड़कियों में से घुस आई और हमारे क़िलों में दाख़िल हुई है। अब वह बच्चों को गलियों में से और नौजवानों को चौकों में से मिटा डालने जा रही है।”
Jere UrduGeoD 9:22  रब फ़रमाता है, “नाशें खेतों में गोबर की तरह इधर उधर बिखरी पड़ी रहेंगी। जिस तरह कटा हुआ गंदुम फ़सल काटनेवाले के पीछे इधर उधर पड़ा रहता है उसी तरह लाशें इधर उधर पड़ी रहेंगी। लेकिन उन्हें इकट्ठा करनेवाला कोई नहीं होगा।”
Jere UrduGeoD 9:23  रब फ़रमाता है, “न दानिशमंद अपनी हिकमत पर फ़ख़र करे, न ज़ोरावर अपने ज़ोर पर या अमीर अपनी दौलत पर।
Jere UrduGeoD 9:24  फ़ख़र करनेवाला फ़ख़र करे कि उसे समझ हासिल है, कि वह रब को जानता है और कि मैं रब हूँ जो दुनिया में मेहरबानी, इनसाफ़ और रास्ती को अमल में लाता हूँ। क्योंकि यही चीज़ें मुझे पसंद हैं।”
Jere UrduGeoD 9:25  रब फ़रमाता है, “ऐसा वक़्त आ रहा है जब मैं उन सबको सज़ा दूँगा जिनका सिर्फ़ जिस्मानी ख़तना हुआ है।
Jere UrduGeoD 9:26  इनमें मिसर, यहूदाह, अदोम, अम्मोन, मोआब और वह शामिल हैं जो रेगिस्तान के किनारे किनारे रहते हैं। क्योंकि गो यह तमाम अक़वाम ज़ाहिरी तौर पर ख़तना की रस्म अदा करती हैं, लेकिन उनका ख़तना बातिनी तौर पर नहीं हुआ। ध्यान दो कि इसराईल की भी यही हालत है।”
Chapter 10
Jere UrduGeoD 10:1  ऐ इसराईल के घराने, रब का पैग़ाम सुन!
Jere UrduGeoD 10:2  रब फ़रमाता है, “दीगर अक़वाम की बुतपरस्ती मत अपनाना। यह लोग इल्मे-नुजूम से मुस्तक़बिल जान लेने की कोशिश करते करते परेशान हो जाते हैं, लेकिन तुम उनकी बातों से परेशान न हो जाओ।
Jere UrduGeoD 10:3  क्योंकि दीगर क़ौमों के रस्मो-रिवाज फ़ज़ूल ही हैं। जंगल में दरख़्त कट जाता है, फिर कारीगर उसे अपने औज़ार से तश्कील देता है।
Jere UrduGeoD 10:4  लोग उसे अपनी सोना-चाँदी से सजाकर कीलों से कहीं लगा देते हैं ताकि हिले न।
Jere UrduGeoD 10:5  बुत उन पुतलों की मानिंद हैं जो खीरे के खेत में खड़े किए जाते हैं ताकि परिंदों को भगा दें। न वह बोल सकते, न चल सकते हैं, इसलिए लोग उन्हें उठाकर अपने साथ ले जाते हैं। उनसे मत डरना, क्योंकि न वह नुक़सान का बाइस हैं, न भलाई का।”
Jere UrduGeoD 10:6  ऐ रब, तुझ जैसा कोई नहीं है, तू अज़ीम है, तेरे नाम की अज़मत ज़ोरदार तरीक़े से ज़ाहिर हुई है।
Jere UrduGeoD 10:7  ऐ अक़वाम के बादशाह, कौन तेरा ख़ौफ़ नहीं मानेगा? क्योंकि तू इस लायक़ है। अक़वाम के तमाम दानिशमंदों और उनके तमाम ममालिक में तुझ जैसा कोई नहीं है।
Jere UrduGeoD 10:8  सब अहमक़ और बेवुक़ूफ़ साबित हुए हैं, क्योंकि उनकी तरबियत लकड़ी के बेकार बुतों से हासिल हुई है।
Jere UrduGeoD 10:9  तरसीस से चाँदी की चादरें और ऊफ़ाज़ से सोना लाया जाता है। उनसे कारीगर और सुनार बुत बना देते हैं जिसे क़िरमिज़ी और अरग़वानी रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं। सब कुछ माहिर उस्तादों के हाथ से बनाया जाता है।
Jere UrduGeoD 10:10  लेकिन रब ही हक़ीक़ी ख़ुदा है। वही ज़िंदा ख़ुदा और अबदी बादशाह है। जब वह नाराज़ हो जाता है तो ज़मीन लरज़ने लगती है। अक़वाम उसका क़हर बरदाश्त नहीं कर सकतीं।
Jere UrduGeoD 10:11  बुतपरस्तों को बताओ कि देवताओं ने न आसमान को बनाया और न ज़मीन को, उनका नामो-निशान तो आसमानो-ज़मीन से मिट जाएगा।
Jere UrduGeoD 10:12  देखो, अल्लाह ही ने अपनी क़ुदरत से ज़मीन को ख़लक़ किया, उसी ने अपनी हिकमत से दुनिया की बुनियाद रखी, और उसी ने अपनी समझ के मुताबिक़ आसमान को ख़ैमे की तरह तान लिया।
Jere UrduGeoD 10:13  उसके हुक्म पर आसमान पर पानी के ज़ख़ीरे गरजने लगते हैं। वह दुनिया की इंतहा से बादल चढ़ने देता, बारिश के साथ बिजली कड़कने देता और अपने गोदामों से हवा निकलने देता है।
Jere UrduGeoD 10:14  तमाम इनसान अहमक़ और समझ से ख़ाली हैं। हर सुनार अपने बुतों के बाइस शरमिंदा हुआ है। उसके बुत धोका ही हैं, उनमें दम नहीं।
Jere UrduGeoD 10:15  वह फ़ज़ूल और मज़हकाख़ेज़ हैं। अदालत के वक़्त वह नेस्त हो जाएंगे।
Jere UrduGeoD 10:16  अल्लाह जो याक़ूब का मौरूसी हिस्सा है इनकी मानिंद नहीं है। वह सबका ख़ालिक़ है, और इसराईली क़ौम उसका मौरूसी हिस्सा है। रब्बुल-अफ़वाज ही उसका नाम है।
Jere UrduGeoD 10:17  ऐ मुहासराशुदा शहर, अपना सामान समेटकर मुल्क से निकलने की तैयारियाँ कर ले।
Jere UrduGeoD 10:18  क्योंकि रब फ़रमाता है, “इस बार मैं मुल्क के बाशिंदों को बाहर फेंक दूँगा। मैं उन्हें तंग करूँगा ताकि उन्हें पकड़ा जाए।”
Jere UrduGeoD 10:19  हाय, मेरा बेड़ा ग़रक़ हो गया है! हाय, मेरा ज़ख़म भर नहीं सकता। पहले मैंने सोचा कि यह ऐसी बीमारी है जिसे मुझे बरदाश्त ही करना है।
Jere UrduGeoD 10:20  लेकिन अब मेरा ख़ैमा तबाह हो गया है, उसके तमाम रस्से टूट गए हैं। मेरे बेटे मेरे पास से चले गए हैं, एक भी नहीं रहा। कोई नहीं है जो मेरा ख़ैमा दुबारा लगाए, जो उसके परदे नए सिरे से लटकाए।
Jere UrduGeoD 10:21  क्योंकि क़ौम के गल्लाबान अहमक़ हो गए हैं, उन्होंने रब को तलाश नहीं किया। इसलिए वह कामयाब नहीं रहे, और उनका पूरा रेवड़ तित्तर-बित्तर हो गया है।
Jere UrduGeoD 10:22  सुनो! एक ख़बर पहुँच रही है, शिमाली मुल्क से शोरो-ग़ौग़ा सुनाई दे रहा है। यहूदाह के शहर उस की ज़द में आकर बरबाद हो जाएंगे। आइंदा गीदड़ ही उनमें बसेंगे।
Jere UrduGeoD 10:23  ऐ रब, मैंने जान लिया है कि इनसान की राह उसके अपने हाथ में नहीं होती। अपनी मरज़ी से न वह चलता, न क़दम उठाता है।
Jere UrduGeoD 10:24  ऐ रब, मेरी तंबीह कर, लेकिन मुनासिब हद तक। तैश में आकर मेरी तंबीह न कर, वरना मैं भस्म हो जाऊँगा।
Jere UrduGeoD 10:25  अपना ग़ज़ब उन अक़वाम पर नाज़िल कर जो तुझे नहीं जानतीं, उन उम्मतों पर जो तेरा नाम लेकर तुझे नहीं पुकारतीं। क्योंकि उन्होंने याक़ूब को हड़प कर लिया है। उन्होंने उसे मुकम्मल तौर पर निगलकर उस की चरागाह को तबाह कर दिया है।
Chapter 11
Jere UrduGeoD 11:1  रब यरमियाह से हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 11:2  “यरूशलम और यहूदाह के बाशिंदों से कह कि उस अहद की शरायत पर ध्यान दो जो मैंने तुम्हारे साथ बाँधा था।
Jere UrduGeoD 11:3  रब जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि उस पर लानत जो उस अहद की शरायत पूरी न करे
Jere UrduGeoD 11:4  जो मैंने तुम्हारे बापदादा से बाँधा था जब उन्हें मिसर से निकाल लाया, उस मक़ाम से जो लोहा पिघलानेवाली भट्टी की मानिंद था। उस वक़्त मैं बोला, ‘मेरी सुनो और मेरे हर हुक्म पर अमल करो तो तुम मेरी क़ौम होगे और मैं तुम्हारा ख़ुदा हूँगा।
Jere UrduGeoD 11:5  फिर मैं वह वादा पूरा करूँगा जो मैंने क़सम खाकर तुम्हारे बापदादा से किया था, मैं तुम्हें वह मुल्क दूँगा जिसमें दूध और शहद की कसरत है।’ आज तुम उसी मुल्क में रह रहे हो।” मैं, यरमियाह ने जवाब दिया, “ऐ रब, आमीन, ऐसा ही हो!”
Jere UrduGeoD 11:6  तब रब ने मुझे हुक्म दिया कि यहूदाह के शहरों और यरूशलम की गलियों में फिरकर यह तमाम बातें सुना दे। एलान कर, “अहद की शरायत पर ध्यान देकर उन पर अमल करो।
Jere UrduGeoD 11:7  तुम्हारे बापदादा को मिसर से निकालते वक़्त मैंने उन्हें आगाह किया कि मेरी सुनो। आज तक मैं बार बार यही बात दोहराता रहा,
Jere UrduGeoD 11:8  लेकिन उन्होंने न मेरी सुनी, न ध्यान दिया बल्कि हर एक अपने शरीर दिल की ज़िद के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारता रहा। अहद की जिन बातों पर मैंने उन्हें अमल करने का हुक्म दिया था उन पर उन्होंने अमल न किया। नतीजे में मैं उन पर वह तमाम लानतें लाया जो अहद में बयान की गई हैं।”
Jere UrduGeoD 11:9  रब मज़ीद मुझसे हमकलाम हुआ, “यहूदाह और यरूशलम के बाशिंदों ने मेरे ख़िलाफ़ साज़िश की है।
Jere UrduGeoD 11:10  उनसे वही गुनाह सरज़द हुए हैं जो उनके बापदादा ने किए थे। क्योंकि यह भी मेरी बातें सुनने के लिए तैयार नहीं हैं, यह भी अजनबी माबूदों के पीछे हो लिए हैं ताकि उनकी ख़िदमत करें। इसराईल और यहूदाह ने मिलकर वह अहद तोड़ा है जो मैंने उनके बापदादा से बाँधा था।
Jere UrduGeoD 11:11  इसलिए रब फ़रमाता है कि मैं उन पर ऐसी आफ़त नाज़िल करूँगा जिससे वह बच नहीं सकेंगे। तब वह मदद के लिए मुझसे फ़रियाद करेंगे, लेकिन मैं उनकी नहीं सुनूँगा।
Jere UrduGeoD 11:12  फिर यहूदाह और यरूशलम के बाशिंदे अपने शहरों से निकलकर चीख़ते-चिल्लाते उन देवताओं से मिन्नत करेंगे जिनके सामने बख़ूर जलाते रहे हैं। लेकिन अब जब वह मुसीबत में मुब्तला होंगे तो यह उन्हें नहीं बचाएँगे।
Jere UrduGeoD 11:13  ऐ यहूदाह, तेरे देवता तेरे शहरों जैसे बेशुमार हो गए हैं। शर्मनाक देवता बाल के लिए बख़ूर जलाने की इतनी क़ुरबानगाहें खड़ी की गई हैं जितनी यरूशलम में गलियाँ होती हैं।
Jere UrduGeoD 11:14  ऐ यरमियाह, इस क़ौम के लिए दुआ मत करना! इसके लिए न मिन्नत कर, न समाजत। क्योंकि जब आफ़त उन पर आएगी और वह चिल्लाकर मुझसे फ़रियाद करेंगे तो मैं उनकी नहीं सुनूँगा।
Jere UrduGeoD 11:15  मेरी प्यारी क़ौम मेरे घर में क्यों हाज़िर होती है? वह तो अपनी बेशुमार साज़िशों से बाज़ ही नहीं आती। क्या आनेवाली आफ़त क़ुरबानी का मुक़द्दस गोश्त पेश करने से रुक जाएगी? अगर ऐसा होता तो तू ख़ुशी मना सकती।
Jere UrduGeoD 11:16  रब ने तेरा नाम ‘ज़ैतून का फलता-फूलता दरख़्त जिसका ख़ूबसूरत फल है’ रखा, लेकिन अब वह ज़बरदस्त आँधी का शोर मचाकर दरख़्त को आग लगाएगा। तब उस की तमाम डालियाँ भस्म हो जाएँगी।
Jere UrduGeoD 11:17  ऐ इसराईल और यहूदाह, रब्बुल-अफ़वाज ने ख़ुद तुम्हें ज़मीन में लगाया। लेकिन अब उसने तुम पर आफ़त लाने का फ़ैसला किया है। क्यों? तुम्हारे ग़लत काम की वजह से, और इसलिए कि तुमने बाल देवता को बख़ूर की क़ुरबानियाँ पेश करके मुझे तैश दिलाया है।”
Jere UrduGeoD 11:18  रब ने मुझे इत्तला दी तो मुझे मालूम हुआ। हाँ, उस वक़्त तू ही ने मुझे उनके मनसूबों से आगाह किया।
Jere UrduGeoD 11:19  पहले मैं उस भूले-भाले भेड़ के बच्चे की मानिंद था जिसे क़साई के पास लाया जा रहा हो। मुझे क्या पता था कि यह मेरे ख़िलाफ़ साज़िशें कर रहे हैं। आपस में वह कह रहे थे, “आओ, हम दरख़्त को फल समेत ख़त्म करें, आओ हम उसे ज़िंदों के मुल्क में से मिटाएँ ताकि उसका नामो-निशान तक याद न रहे।”
Jere UrduGeoD 11:20  ऐ रब्बुल-अफ़वाज, तू आदिल मुंसिफ़ है जो लोगों के सबसे गहरे ख़यालात और राज़ जाँच लेता है। अब बख़्श दे कि मैं अपनी आँखों से वह इंतक़ाम देखूँ जो तू मेरे मुख़ालिफ़ों से लेगा। क्योंकि मैंने अपना मामला तेरे ही सुपुर्द कर दिया है।
Jere UrduGeoD 11:21  रब फ़रमाता है, “अनतोत के आदमी तुझे क़त्ल करना चाहते हैं। वह कहते हैं, ‘रब का नाम लेकर नबुव्वत मत करना, वरना तू हमारे हाथों मार दिया जाएगा’।”
Jere UrduGeoD 11:22  चूँकि यह लोग ऐसी बातें करते हैं इसलिए रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “मैं उन्हें सज़ा दूँगा! उनके जवान आदमी तलवार से और उनके बेटे-बेटियाँ काल से हलाक हो जाएंगे।
Jere UrduGeoD 11:23  उनमें से एक भी नहीं बचेगा। क्योंकि जिस साल उनकी सज़ा नाज़िल होगी, उस वक़्त मैं अनतोत के आदमियों पर सख़्त आफ़त लाऊँगा।”
Chapter 12
Jere UrduGeoD 12:1  ऐ रब, तू हमेशा हक़ पर है, लिहाज़ा अदालत में तुझसे शिकायत करने का क्या फ़ायदा? ताहम मैं अपना मामला तुझे पेश करना चाहता हूँ। बेदीनों को इतनी कामयाबी क्यों हासिल होती है? ग़द्दार इतने सुकून से ज़िंदगी क्यों गुज़ारते हैं?
Jere UrduGeoD 12:2  तूने उन्हें ज़मीन में लगा दिया, और अब वह जड़ पकड़कर ख़ूब उगने लगे बल्कि फल भी ला रहे हैं। गो तेरा नाम उनकी ज़बान पर रहता है, लेकिन उनका दिल तुझसे दूर है।
Jere UrduGeoD 12:3  लेकिन ऐ रब, तू मुझे जानता है। तू मेरा मुलाहज़ा करके मेरे दिल को परखता रहता है। गुज़ारिश है कि तू उन्हें भेड़ों की तरह घसीटकर ज़बह करने के लिए ले जा। उन्हें क़त्लो-ग़ारत के दिन के लिए मख़सूस कर!
Jere UrduGeoD 12:4  मुल्क कब तक काल की गिरिफ़्त में रहेगा? खेतों में हरियाली कब तक मुरझाई हुई नज़र आएगी? बाशिंदों की बुराई के बाइस जानवर और परिंदे ग़ायब हो गए हैं। क्योंकि लोग कहते हैं, “अल्लाह को नहीं मालूम कि हमारे साथ क्या हो जाएगा।”
Jere UrduGeoD 12:5  रब मुझसे हमकलाम हुआ, “पैदल चलनेवालों से दौड़ का मुक़ाबला करना तुझे थका देता है, तो फिर तू किस तरह घोड़ों का मुक़ाबला करेगा? तू अपने आपको सिर्फ़ वहाँ महफ़ूज़ समझता है जहाँ चारों तरफ़ अमनो-अमान फैला हुआ है, तो फिर तू दरियाए-यरदन के गुंजान जंगल से किस तरह निपटेगा?
Jere UrduGeoD 12:6  क्योंकि तेरे सगे भाई, हाँ तेरे बाप का घर भी तुझसे बेवफ़ा हो गया है। यह भी बुलंद आवाज़ से तेरे पीछे तुझे गालियाँ देते हैं। उन पर एतमाद मत करना, ख़ाह वह तेरे साथ अच्छी बातें क्यों न करें।
Jere UrduGeoD 12:7  मैंने अपने घर इसराईल को तर्क कर दिया है। जो मेरी मौरूसी मिलकियत थी उसे मैंने रद्द किया है। मैंने अपने लख़्ते-जिगर को उसके दुश्मनों के हवाले कर दिया है।
Jere UrduGeoD 12:8  क्योंकि मेरी क़ौम जो मेरी मौरूसी मिलकियत है मेरे साथ बुरा सुलूक करती है। जंगल में शेरबबर की तरह वह मेरे ख़िलाफ़ दहाड़ती है, इसलिए मैं उससे नफ़रत करता हूँ।
Jere UrduGeoD 12:9  अब मेरी मौरूसी मिलकियत उस रंगीन शिकारी परिंदे की मानिंद है जिसे दीगर शिकारी परिंदों ने घेर रखा है। जाओ, तमाम दरिंदों को इकट्ठा करो ताकि वह आकर उसे खा जाएँ।
Jere UrduGeoD 12:10  मुतअद्दिद गल्लाबानों ने मेरे अंगूर के बाग़ को ख़राब कर दिया है। मेरे प्यारे खेत को उन्होंने पाँवों तले रौंदकर रेगिस्तान में बदल दिया है।
Jere UrduGeoD 12:11  अब वह बंजर ज़मीन बनकर उजाड़ हालत में मेरे सामने मातम करता है। पूरा मुल्क वीरानो-सुनसान है, लेकिन कोई परवा नहीं करता।
Jere UrduGeoD 12:12  तबाहकुन फ़ौजी बयाबान की बंजर बुलंदियों पर से उतरकर क़रीब पहुँच रहे हैं। क्योंकि रब की तलवार मुल्क के एक सिरे से दूसरे सिरे तक सब कुछ खा जाएगी। कोई भी नहीं बचेगा।
Jere UrduGeoD 12:13  इस क़ौम ने गंदुम का बीज बोया, लेकिन काँटों की फ़सल पक गई। ख़ूब मेहनत-मशक़्क़त करने के बावुजूद भी कुछ हासिल न हुआ, क्योंकि रब का सख़्त ग़ज़ब क़ौम पर नाज़िल हो रहा है। चुनाँचे अब रुसवाई की फ़सल काटो!”
Jere UrduGeoD 12:14  रब फ़रमाता है, “मैं उन तमाम शरीर पड़ोसी ममालिक को जड़ से उखाड़ दूँगा जो मेरी क़ौम इसराईल की मिलकियत को छीनने की कोशिश कर रहे हैं, वह मिलकियत जो मैंने ख़ुद उन्हें मीरास में दी थी। साथ साथ मैं यहूदाह को भी जड़ से उनके दरमियान से निकाल दूँगा।
Jere UrduGeoD 12:15  लेकिन बाद में मैं उन पर तरस खाकर हर एक को फिर उस की अपनी मौरूसी ज़मीन और अपने मुल्क में पहुँचा दूँगा।
Jere UrduGeoD 12:16  पहले उन दीगर क़ौमों ने मेरी क़ौम को बाल देवता की क़सम खाने का तर्ज़ सिखाया। लेकिन अब अगर वह मेरी क़ौम की राहें अच्छी तरह सीखकर मेरे ही नाम और मेरी ही हयात की क़सम खाएँ तो मेरी क़ौम के दरमियान रहकर अज़ सरे-नौ क़ायम हो जाएँगी।
Jere UrduGeoD 12:17  लेकिन जो क़ौम मेरी नहीं सुनेगी उसे मैं हतमी तौर पर जड़ से उखाड़कर नेस्त कर दूँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Chapter 13
Jere UrduGeoD 13:1  रब मुझसे हमकलाम हुआ, “जा, कतान की लँगोटी ख़रीदकर उसे बाँध ले। लेकिन वह भीग न जाए।”
Jere UrduGeoD 13:2  मैंने ऐसा ही किया। लँगोटी ख़रीदकर मैंने उसे बाँध लिया।
Jere UrduGeoD 13:3  तब रब का कलाम दुबारा मुझ पर नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 13:4  “अब वह लँगोटी ले जो तूने ख़रीदकर बाँध ली है। दरियाए-फ़ुरात के पास जाकर उसे किसी चटान की दराड़ में छुपा दे।”
Jere UrduGeoD 13:5  चुनाँचे मैं रवाना होकर दरियाए-फ़ुरात के किनारे पहुँच गया। वहाँ मैंने लँगोटी को कहीं छुपा दिया जिस तरह रब ने हुक्म दिया था।
Jere UrduGeoD 13:6  बहुत दिन गुज़र गए। फिर रब मुझसे एक बार फिर हमकलाम हुआ, “उठ, दरियाए-फ़ुरात के पास जाकर वह लँगोटी निकाल ला जो मैंने तुझे वहाँ छुपाने को कहा था।”
Jere UrduGeoD 13:7  चुनाँचे मैं रवाना होकर दरियाए-फ़ुरात के पास पहुँच गया। वहाँ मैंने खोदकर लँगोटी को उस जगह से निकाल लिया जहाँ मैंने उसे छुपा दिया था। लेकिन अफ़सोस, वह गल-सड़ गई थी, बिलकुल बेकार हो गई थी।
Jere UrduGeoD 13:8  तब रब का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 13:9  “जिस तरह यह कपड़ा ज़मीन में दबकर गल-सड़ गया उसी तरह मैं यहूदाह और यरूशलम का बड़ा घमंड ख़ाक में मिला दूँगा।
Jere UrduGeoD 13:10  यह ख़राब लोग मेरी बातें सुनने के लिए तैयार नहीं बल्कि अपने शरीर दिल की ज़िद के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारते हैं। अजनबी माबूदों के पीछे लगकर यह उन्हीं की ख़िदमत और पूजा करते हैं। लेकिन इनका अंजाम लँगोटी की मानिंद ही होगा। यह बेकार हो जाएंगे।
Jere UrduGeoD 13:11  क्योंकि जिस तरह लँगोटी आदमी की कमर के साथ लिपटी रहती है उसी तरह मैंने पूरे इसराईल और पूरे यहूदाह को अपने साथ लिपटने का मौक़ा फ़राहम किया ताकि वह मेरी क़ौम और मेरी शोहरत, तारीफ़ और इज़्ज़त का बाइस बन जाएँ। लेकिन अफ़सोस, वह सुनने के लिए तैयार नहीं थे।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 13:12  “उन्हें बता दे कि रब इसराईल का ख़ुदा फ़रमाता है, ‘हर घड़े को मै से भरना है।’ वह जवाब में कहेंगे, ‘हम तो ख़ुद जानते हैं कि हर घड़े को मै से भरना है।’
Jere UrduGeoD 13:13  तब उन्हें इसका मतलब बता। ‘रब फ़रमाता है कि इस मुल्क के तमाम बाशिंदे घड़े हैं जिन्हें मैं मै से भर दूँगा। दाऊद के तख़्त पर बैठनेवाले बादशाह, इमाम, नबी और यरूशलम के तमाम रहनेवाले सबके सब भर भरकर नशे में धुत हो जाएंगे।
Jere UrduGeoD 13:14  तब मैं उन्हें एक दूसरे के साथ टकरा दूँगा, और बाप बेटों के साथ मिलकर टुकड़े टुकड़े हो जाएंगे। न मैं तरस खाऊँगा, न उन पर रहम करूँगा बल्कि हमदर्दी दिखाए बग़ैर उन्हें तबाह करूँगा’।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 13:15  ध्यान से सुनो! मग़रूर न हो, क्योंकि रब ने ख़ुद फ़रमाया है।
Jere UrduGeoD 13:16  इससे पहले कि तारीकी फैल जाए और तुम्हारे पाँव धुँधलेपन में पहाड़ों के साथ ठोकर खाएँ, रब अपने ख़ुदा को जलाल दो! क्योंकि उस वक़्त गो तुम रौशनी के इंतज़ार में रहोगे, लेकिन अल्लाह अंधेरे को मज़ीद बढ़ाएगा, गहरी तारीकी तुम पर छा जाएगी।
Jere UrduGeoD 13:17  लेकिन अगर तुम न सुनो तो मैं तुम्हारे तकब्बुर को देखकर पोशीदगी में गिर्याओ-ज़ारी करूँगा। मैं ज़ार ज़ार रोऊँगा, मेरी आँखों से आँसू ज़ोर से टपकेंगे, क्योंकि दुश्मन रब के रेवड़ को पकड़कर जिलावतन कर देगा।
Jere UrduGeoD 13:18  बादशाह और उस की माँ को इत्तला दे, “अपने तख़्तों से उतरकर ज़मीन पर बैठ जाओ, क्योंकि तुम्हारी शान का ताज तुम्हारे सरों से गिर गया है।”
Jere UrduGeoD 13:19  दश्ते-नजब के शहर बंद किए जाएंगे, और उन्हें खोलनेवाला कोई नहीं होगा। पूरे यहूदाह को जिलावतन कर दिया जाएगा, एक भी नहीं बचेगा।
Jere UrduGeoD 13:20  ऐ यरूशलम, अपनी नज़र उठाकर उन्हें देख जो शिमाल से आ रहे हैं। अब वह रेवड़ कहाँ रहा जो तेरे सुपुर्द किया गया, तेरी शानदार भेड़-बकरियाँ किधर हैं?
Jere UrduGeoD 13:21  तू उस दिन क्या कहेगी जब रब उन्हें तुझ पर मुक़र्रर करेगा जिन्हें तूने अपने क़रीबी दोस्त बनाया था? जन्म देनेवाली औरत का-सा दर्द तुझ पर ग़ालिब आएगा।
Jere UrduGeoD 13:22  और अगर तेरे दिल में सवाल उभर आए कि मेरे साथ यह क्यों हो रहा है तो सुन! यह तेरे संगीन गुनाहों की वजह से हो रहा है। इन्हीं की वजह से तेरे कपड़े उतारे गए हैं और तेरी इसमतदरी हुई है।
Jere UrduGeoD 13:23  क्या काला आदमी अपनी जिल्द का रंग या चीता अपनी खाल के धब्बे बदल सकता है? हरगिज़ नहीं! तुम भी बदल नहीं सकते। तुम ग़लत काम के इतने आदी हो गए हो कि सहीह काम कर ही नहीं सकते।
Jere UrduGeoD 13:24  “जिस तरह भूसा रेगिस्तान की तेज़ हवा में उड़कर तित्तर-बित्तर हो जाता है उसी तरह मैं तेरे बाशिंदों को मुंतशिर कर दूँगा।”
Jere UrduGeoD 13:25  रब फ़रमाता है, “यही तेरा अंजाम होगा, मैंने ख़ुद मुक़र्रर किया है कि तुझे यह अज्र मिलना है। क्योंकि तूने मुझे भूलकर झूट पर भरोसा रखा है।
Jere UrduGeoD 13:26  मैं ख़ुद तेरे कपड़े उतारूँगा ताकि तेरी बरहनगी सबको नज़र आए।
Jere UrduGeoD 13:27  मैंने पहाड़ी और मैदानी इलाक़ों में तेरी घिनौनी हरकतों पर ख़ूब ध्यान दिया है। तेरी ज़िनाकारी, तेरा मस्ताना हिनहिनाना, तेरी बेशर्म इसमतफ़रोशी, सब कुछ मुझे नज़र आता है। ऐ यरूशलम, तुझ पर अफ़सोस! तू पाक-साफ़ हो जाने के लिए तैयार नहीं। मज़ीद कितनी देर लगेगी?”
Chapter 14
Jere UrduGeoD 14:1  काल के दौरान रब यरमियाह से हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 14:2  “यहूदाह मातम कर रहा है, उसके दरवाज़ों की हालत क़ाबिले-रहम है। लोग सोगवार हालत में फ़र्श पर बैठे हैं, और यरूशलम की चीख़ें आसमान तक बुलंद हो रही हैं।
Jere UrduGeoD 14:3  अमीर अपने नौकरों को पानी भरने भेजते हैं, लेकिन हौज़ों के पास पहुँचकर पता चलता है कि पानी नहीं है, इसलिए वह ख़ाली हाथ वापस आ जाते हैं। शरमिंदगी और नदामत के मारे वह अपने सरों को ढाँप लेते हैं।
Jere UrduGeoD 14:4  बारिश न होने की वजह से ज़मीन में दराड़ें पड़ गई हैं। खेतों में काम करनेवाले भी शर्म के मारे अपने सरों को ढाँप लेते हैं।
Jere UrduGeoD 14:5  घास नहीं है, इसलिए हिरनी अपने नौमौलूद बच्चे को छोड़ देती है।
Jere UrduGeoD 14:6  जंगली गधे बंजर टीलों पर खड़े गीदड़ों की तरह हाँपते हैं। हरियाली न मिलने की वजह से वह बेजान हो रहे हैं।”
Jere UrduGeoD 14:7  ऐ रब, हमारे गुनाह हमारे ख़िलाफ़ गवाही दे रहे हैं। तो भी अपने नाम की ख़ातिर हम पर रहम कर। हम मानते हैं कि बुरी तरह बेवफ़ा हो गए हैं, हमने तेरा ही गुनाह किया है।
Jere UrduGeoD 14:8  ऐ अल्लाह, तू इसराईल की उम्मीद है, तू ही मुसीबत के वक़्त उसे छुटकारा देता है। तो फिर हमारे साथ तेरा सुलूक मुल्क में अजनबी का-सा क्यों है? तू रात को कभी इधर कभी इधर ठहरनेवाले मुसाफ़िर जैसा क्यों है?
Jere UrduGeoD 14:9  तू क्यों उस आदमी की मानिंद है जो अचानक दम बख़ुद हो जाता है, उस सूरमे की मानिंद जो बेबस होकर बचा नहीं सकता। ऐ रब, तू तो हमारे दरमियान ही रहता है, और हम पर तेरे ही नाम का ठप्पा लगा है। हमें तर्क न कर!
Jere UrduGeoD 14:10  लेकिन रब इस क़ौम के बारे में फ़रमाता है, “यह लोग आवारा फिरने के शौक़ीन हैं, यह अपने पाँवों को रोक ही नहीं सकते। मैं उनसे नाख़ुश हूँ। अब मुझे उनके ग़लत काम याद रहेंगे, अब मैं उनके गुनाहों की सज़ा दूँगा।”
Jere UrduGeoD 14:11  रब मज़ीद मुझसे हमकलाम हुआ, “इस क़ौम की बहबूदी के लिए दुआ मत करना।
Jere UrduGeoD 14:12  गो यह रोज़ा भी रखें तो भी मैं इनकी इल्तिजाओं पर ध्यान नहीं दूँगा। गो यह भस्म होनेवाली और ग़ल्ला की क़ुरबानियाँ पेश भी करें तो भी मैं इनसे ख़ुश नहीं हूँगा बल्कि इन्हें काल, तलवार और बीमारियों से नेस्तो-नाबूद कर दूँगा।”
Jere UrduGeoD 14:13  यह सुनकर मैंने एतराज़ किया, “ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, नबी इन्हें बताते आए हैं, ‘न क़त्लो-ग़ारत का ख़तरा होगा, न काल पड़ेगा बल्कि मैं यहीं तुम्हारे लिए अमनो-अमान का पक्का बंदोबस्त कर लूँगा’।”
Jere UrduGeoD 14:14  रब ने जवाब दिया, “नबी मेरा नाम लेकर झूटी पेशगोइयाँ बयान कर रहे हैं। मैंने न उन्हें भेजा, न उन्हें कोई ज़िम्मादारी दी और न उनसे हमकलाम हुआ। यह तुम्हें झूटी रोयाएँ, फ़ज़ूल पेशगोइयाँ और अपने दिल के वहम सुनाते रहे हैं।”
Jere UrduGeoD 14:15  चुनाँचे रब फ़रमाता है, “यह नबी तलवार और काल की ज़द में आकर मर जाएंगे। क्योंकि गो मैंने उन्हें नहीं भेजा तो भी यह मेरे नाम में नबुव्वत करके कहते हैं कि मुल्क में न क़त्लो-ग़ारत का ख़तरा होगा, न काल पड़ेगा।
Jere UrduGeoD 14:16  और जिन लोगों को वह अपनी नबुव्वतें सुनाते रहे हैं वह तलवार और काल का शिकार बन जाएंगे, उनकी लाशें यरूशलम की गलियों में फेंक दी जाएँगी। उन्हें दफ़नानेवाला कोई नहीं होगा, न उनको, न उनकी बीवियों को और न उनके बेटे-बेटियों को। यों मैं उन पर उनकी अपनी बदकारी नाज़िल करूँगा।
Jere UrduGeoD 14:17  ऐ यरमियाह, उन्हें यह कलाम सुना, ‘दिन-रात मेरे आँसू बह रहे हैं। वह रुक नहीं सकते, क्योंकि मेरी क़ौम, मेरी कुँवारी बेटी को गहरी चोट लग गई है, ऐसा ज़ख़म जो भर नहीं सकता।
Jere UrduGeoD 14:18  देहात में जाकर मुझे वह सब नज़र आते हैं जो तलवार से क़त्ल किए गए हैं। जब मैं शहर में वापस आता हूँ तो चारों तरफ़ काल के बुरे असरात दिखाई देते हैं। नबी और इमाम मुल्क में मारे मारे फिर रहे हैं, और उन्हें मालूम नहीं कि क्या करें’।”
Jere UrduGeoD 14:19  ऐ रब, क्या तूने यहूदाह को सरासर रद्द किया है? क्या तुझे सिय्यून से इतनी घिन आती है? तूने हमें इतनी बार क्यों मारा कि हमारा इलाज नामुमकिन हो गया है? हम अमनो-अमान के इंतज़ार में रहे, लेकिन हालात ठीक न हुए। हम शफ़ा पाने की उम्मीद रखते थे, लेकिन इसके बजाए हम पर दहशत छा गई।
Jere UrduGeoD 14:20  ऐ रब, हम अपनी बेदीनी और अपने बापदादा का क़ुसूर तसलीम करते हैं। हमने तेरा ही गुनाह किया है।
Jere UrduGeoD 14:21  अपने नाम की ख़ातिर हमें हक़ीर न जान, अपने जलाली तख़्त की बेहुरमती होने न दे! हमारे साथ अपना अहद याद कर, उसे मनसूख़ न कर।
Jere UrduGeoD 14:22  क्या दीगर अक़वाम के देवताओं में से कोई है जो बारिश बरसा सके? या क्या आसमान ख़ुद ही बारिशें ज़मीन पर भेज देता है? हरगिज़ नहीं, बल्कि तू ही यह सब कुछ करता है, ऐ रब हमारे ख़ुदा। इसी लिए हम तुझ पर उम्मीद रखते हैं। तू ही ने यह सारा इंतज़ाम क़ायम किया है।
Chapter 15
Jere UrduGeoD 15:1  फिर रब मुझसे हमकलाम हुआ, “अब से मेरा दिल इस क़ौम की तरफ़ मायल नहीं होगा, ख़ाह मूसा और समुएल मेरे सामने आकर उनकी शफ़ाअत क्यों न करें। उन्हें मेरे हुज़ूर से निकाल दे, वह चले जाएँ!
Jere UrduGeoD 15:2  अगर वह तुझसे पूछें, ‘हम किधर जाएँ?’ तो उन्हें जवाब दे, ‘रब फ़रमाता है कि जिसे मरना है वह मरे, जिसे तलवार की ज़द में आना है वह तलवार का लुक़मा बने, जिसे भूके मरना है वह भूके मरे, जिसे क़ैद में जाना है वह क़ैद हो जाए’।”
Jere UrduGeoD 15:3  रब फ़रमाता है, “मैं उन्हें चार क़िस्म की सज़ा दूँगा। एक, तलवार उन्हें क़त्ल करेगी। दूसरे, कुत्ते उनकी लाशें घसीटकर ले जाएंगे। तीसरे और चौथे, परिंदे और दरिंदे उन्हें खा खाकर ख़त्म कर देंगे।
Jere UrduGeoD 15:4  जब मैं अपनी क़ौम से निपट लूँगा तो दुनिया के तमाम ममालिक उस की हालत देखकर काँप उठेंगे। उनके रोंगटे खड़े हो जाएंगे जब वह यहूदाह के बादशाह मनस्सी बिन हिज़क़ियाह की उन शरीर हरकतों का अंजाम देखेंगे जो उसने यरूशलम में की हैं।
Jere UrduGeoD 15:5  ऐ यरूशलम, कौन तुझ पर तरस खाएगा, कौन हमदर्दी का इज़हार करेगा? कौन तेरे घर आकर तेरा हाल पूछेगा?”
Jere UrduGeoD 15:6  रब फ़रमाता है, “तूने मुझे रद्द किया, अपना मुँह मुझसे फेर लिया है। अब मैं अपना हाथ तेरे ख़िलाफ़ बढ़ाकर तुझे तबाह कर दूँगा। क्योंकि मैं हमदर्दी दिखाते दिखाते तंग आ गया हूँ।
Jere UrduGeoD 15:7  जिस तरह गंदुम को हवा में उछालकर भूसे से अलग किया जाता है उसी तरह मैं उन्हें मुल्क के दरवाज़ों के सामने फटकूँगा। चूँकि मेरी क़ौम ने अपने ग़लत रास्तों को तर्क न किया इसलिए मैं उसे बेऔलाद बनाकर बरबाद कर दूँगा।
Jere UrduGeoD 15:8  उस की बेवाएँ समुंदर की रेत जैसी बेशुमार होंगी। दोपहर के वक़्त ही मैं नौजवानों की माओं पर तबाही नाज़िल करूँगा, अचानक ही उन पर पेचो-ताब और दहशत छा जाएगी।
Jere UrduGeoD 15:9  सात बच्चों की माँ निढाल होकर जान से हाथ धो बैठेगी। दिन के वक़्त ही उसका सूरज डूब जाएगा, उसका फ़ख़र और इज़्ज़त जाती रहेगी। जो लोग बच जाएंगे उन्हें मैं दुश्मन के आगे आगे तलवार से मार डालूँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 15:10  ऐ मेरी माँ, मुझ पर अफ़सोस! अफ़सोस कि तूने मुझ जैसे शख़्स को जन्म दिया जिसके साथ पूरा मुल्क झगड़ता और लड़ता है। गो मैंने न उधार दिया न लिया तो भी सब मुझ पर लानत करते हैं।
Jere UrduGeoD 15:11  रब ने जवाब दिया, “यक़ीनन मैं तुझे मज़बूत करके अपना अच्छा मक़सद पूरा करूँगा। यक़ीनन मैं होने दूँगा कि मुसीबत के वक़्त दुश्मन तुझसे मिन्नत करे।
Jere UrduGeoD 15:12  क्योंकि कोई उस लोहे को तोड़ नहीं सकेगा जो शिमाल से आएगा, हाँ लोहे और पीतल का वह सरिया तोड़ा नहीं जाएगा।
Jere UrduGeoD 15:13  मैं तेरे ख़ज़ाने दुश्मन को मुफ़्त में दूँगा। तुझे तमाम गुनाहों का अज्र मिलेगा जब वह पूरे मुल्क में तेरी दौलत लूटने आएगा।
Jere UrduGeoD 15:14  तब मैं तुझे दुश्मन के ज़रीए एक मुल्क में पहुँचा दूँगा जिससे तू नावाक़िफ़ है। क्योंकि मेरे ग़ज़ब की भड़कती आग तुझे भस्म कर देगी।”
Jere UrduGeoD 15:15  ऐ रब, तू सब कुछ जानता है। मुझे याद कर, मेरा ख़याल कर, ताक़्क़ुब करनेवालों से मेरा इंतक़ाम ले! उन्हें यहाँ तक बरदाश्त न कर कि आख़िरकार मेरा सफ़ाया हो जाए। इसे ध्यान में रख कि मेरी रुसवाई तेरी ही ख़ातिर हो रही है।
Jere UrduGeoD 15:16  ऐ रब, लशकरों के ख़ुदा, जब भी तेरा कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ तो मैंने उसे हज़म किया, और मेरा दिल उससे ख़ुशो-ख़ुर्रम हुआ। क्योंकि मुझ पर तेरे ही नाम का ठप्पा लगा है।
Jere UrduGeoD 15:17  जब दीगर लोग रंगरलियों में अपने दिल बहलाते थे तो मैं कभी उनके साथ न बैठा, कभी उनकी बातों से लुत्फ़अंदोज़ न हुआ। नहीं, तेरा हाथ मुझ पर था, इसलिए मैं दूसरों से दूर ही बैठा रहा। क्योंकि तूने मेरे दिल को क़ौम पर क़हर से भर दिया था।
Jere UrduGeoD 15:18  क्या वजह है कि मेरा दर्द कभी ख़त्म नहीं होता, कि मेरा ज़ख़म लाइलाज है और कभी नहीं भरता? तू मेरे लिए फ़रेबदेह चश्मा बन गया है, ऐसी नदी जिसके पानी पर एतमाद नहीं किया जा सकता।
Jere UrduGeoD 15:19  रब जवाब में फ़रमाता है, “अगर तू मेरे पास वापस आए तो मैं तुझे वापस आने दूँगा, और तू दुबारा मेरे सामने हाज़िर हो सकेगा। और अगर तू फ़ज़ूल बातें न करे बल्कि मेरे लायक़ अलफ़ाज़ बोले तो मेरा तरजुमान होगा। लाज़िम है कि लोग तेरी तरफ़ रुजू करें, लेकिन ख़बरदार, कभी उनकी तरफ़ रुजू न कर!”
Jere UrduGeoD 15:20  रब फ़रमाता है, “मैं तुझे पीतल की मज़बूत दीवार बना दूँगा ताकि तू इस क़ौम का सामना कर सके। यह तुझसे लड़ेंगे लेकिन तुझ पर ग़ालिब नहीं आएँगे, क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ, मैं तेरी मदद करके तुझे बचाए रखूँगा।
Jere UrduGeoD 15:21  मैं तुझे बेदीनों के हाथ से बचाऊँगा और फ़िद्या देकर ज़ालिमों की गिरिफ़्त से छुड़ाऊँगा।”
Chapter 16
Jere UrduGeoD 16:1  रब मुझसे हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 16:2  “इस मक़ाम में न तेरी शादी हो, न तेरे बेटे-बेटियाँ पैदा हो जाएँ।”
Jere UrduGeoD 16:3  क्योंकि रब यहाँ पैदा होनेवाले बेटे-बेटियों और उनके माँ-बाप के बारे में फ़रमाता है,
Jere UrduGeoD 16:4  “वह मोहलक बीमारियों से मरकर खेतों में गोबर की तरह पड़े रहेंगे। न कोई उन पर मातम करेगा, न उन्हें दफ़नाएगा, क्योंकि वह तलवार और काल से हलाक हो जाएंगे, और उनकी लाशें परिंदों और दरिंदों की ख़ुराक बन जाएँगी।”
Jere UrduGeoD 16:5  रब फ़रमाता है, “ऐसे घर में मत जाना जिसमें कोई फ़ौत हो गया है। उसमें न मातम करने के लिए, न अफ़सोस करने के लिए दाख़िल होना। क्योंकि अब से मैं इस क़ौम पर अपनी सलामती, मेहरबानी और रहम का इज़हार नहीं करूँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 16:6  “इस मुल्क के बाशिंदे मर जाएंगे, ख़ाह बड़े हों या छोटे। और न कोई उन्हें दफ़नाएगा, न मातम करेगा। कोई नहीं होगा जो ग़म के मारे अपनी जिल्द को काटे या अपने सर को मुँडवाए।
Jere UrduGeoD 16:7  किसी का बाप या माँ भी इंतक़ाल कर जाए तो भी लोग मातम करनेवाले घर में नहीं जाएंगे, न तसल्ली देने के लिए जनाज़े के खाने-पीने में शरीक होंगे।
Jere UrduGeoD 16:8  ऐसे घर में भी दाख़िल न होना जहाँ लोग ज़ियाफ़त कर रहे हैं। उनके साथ खाने-पीने के लिए मत बैठना।”
Jere UrduGeoD 16:9  क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, “तुम्हारे जीते-जी, हाँ तुम्हारे देखते देखते मैं यहाँ ख़ुशीओ-शादमानी की आवाज़ें बंद कर दूँगा। अब से दूल्हा दुलहन की आवाज़ें ख़ामोश हो जाएँगी।
Jere UrduGeoD 16:10  जब तू इस क़ौम को यह सब कुछ बताएगा तो लोग पूछेंगे, ‘रब इतनी बड़ी आफ़त हम पर लाने पर क्यों तुला हुआ है? हमसे क्या जुर्म हुआ है? हमने रब अपने ख़ुदा का क्या गुनाह किया है?’
Jere UrduGeoD 16:11  उन्हें जवाब दे, ‘वजह यह है कि तुम्हारे बापदादा ने मुझे तर्क कर दिया। वह मेरी शरीअत के ताबे न रहे बल्कि मुझे छोड़कर अजनबी माबूदों के पीछे लग गए और उन्हीं की ख़िदमत और पूजा करने लगे।
Jere UrduGeoD 16:12  लेकिन तुम अपने बापदादा की निसबत कहीं ज़्यादा ग़लत काम करते हो। देखो, मेरी कोई नहीं सुनता बल्कि हर एक अपने शरीर दिल की ज़िद के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारता है।
Jere UrduGeoD 16:13  इसलिए मैं तुम्हें इस मुल्क से निकालकर एक ऐसे मुल्क में फेंक दूँगा जिससे न तुम और न तुम्हारे बापदादा वाक़िफ़ थे। वहाँ तुम दिन-रात अजनबी माबूदों की ख़िदमत करोगे, क्योंकि उस वक़्त मैं तुम पर रहम नहीं करूँगा’।”
Jere UrduGeoD 16:14  लेकिन रब यह भी फ़रमाता है, “ऐसा वक़्त आनेवाला है कि लोग क़सम खाते वक़्त नहीं कहेंगे, ‘रब की हयात की क़सम जो इसराईलियों को मिसर से निकाल लाया।’
Jere UrduGeoD 16:15  इसके बजाए वह कहेंगे, ‘रब की हयात की क़सम जो इसराईलियों को शिमाली मुल्क और उन दीगर ममालिक से निकाल लाया जिनमें उसने उन्हें मुंतशिर कर दिया था।’ क्योंकि मैं उन्हें उस मुल्क में वापस लाऊँगा जो मैंने उनके बापदादा को दिया था।”
Jere UrduGeoD 16:16  लेकिन मौजूदा हाल के बारे में रब फ़रमाता है, “मैं बहुत-से माहीगीर भेज दूँगा जो जाल डालकर उन्हें पकड़ेंगे। इसके बाद मैं मुतअद्दिद शिकारी भेज दूँगा जो उनका ताक़्क़ुब करके उन्हें हर जगह पकड़ेंगे, ख़ाह वह किसी पहाड़ या टीले पर छुप गए हों, ख़ाह चटानों की किसी दराड़ में।
Jere UrduGeoD 16:17  क्योंकि उनकी तमाम हरकतें मुझे नज़र आती हैं। मेरे सामने वह छुप नहीं सकते, और उनका क़ुसूर मेरे सामने पोशीदा नहीं है।
Jere UrduGeoD 16:18  अब मैं उन्हें उनके गुनाहों की दुगनी सज़ा दूँगा, क्योंकि उन्होंने अपने बेजान बुतों और घिनौनी चीज़ों से मेरी मौरूसी ज़मीन को भरकर मेरे मुल्क की बेहुरमती की है।”
Jere UrduGeoD 16:19  ऐ रब, तू मेरी क़ुव्वत और मेरा क़िला है, मुसीबत के दिन मैं तुझमें पनाह लेता हूँ। दुनिया की इंतहा से अक़वाम तेरे पास आकर कहेंगी, “हमारे बापदादा को मीरास में झूट ही मिला, ऐसे बेकार बुत जो उनकी मदद न कर सके।
Jere UrduGeoD 16:20  इनसान किस तरह अपने लिए ख़ुदा बना सकता है? उसके बुत तो ख़ुदा नहीं हैं।”
Jere UrduGeoD 16:21  रब फ़रमाता है, “चुनाँचे इस बार मैं उन्हें सहीह पहचान अता करूँगा। वह मेरी क़ुव्वत और ताक़त को पहचान लेंगे, और वह जान लेंगे कि मेरा नाम रब है।
Chapter 17
Jere UrduGeoD 17:1  ऐ यहूदाह के लोगो, तुम्हारा गुनाह तुम्हारी ज़िंदगियों का अनमिट हिस्सा बन गया है। उसे हीरे की नोक रखनेवाले लोहे के आले से तुम्हारे दिलों की तख़्तियों और तुम्हारी क़ुरबानगाहों के सींगों पर कंदा किया गया है।
Jere UrduGeoD 17:2  न सिर्फ़ तुम बल्कि तुम्हारे बच्चे भी अपनी क़ुरबानगाहों और असीरत देवी के खंबों को याद करते हैं, ख़ाह वह घने दरख़्तों के साय में या ऊँची जगहों पर क्यों न हों।
Jere UrduGeoD 17:3  ऐ मेरे पहाड़ जो देहात से घिरा हुआ है, तेरे पूरे मुल्क पर गुनाह का असर है, इसलिए मैं होने दूँगा कि सब कुछ लूट लिया जाएगा। तेरा माल, तेरे ख़ज़ाने और तेरी ऊँची जगहों की क़ुरबानगाहें सब छीन ली जाएँगी।
Jere UrduGeoD 17:4  अपने क़ुसूर के सबब से तुझे अपनी मौरूसी मिलकियत छोड़नी पड़ेगी, वह मिलकियत जो तुझे मेरी तरफ़ से मिली थी। मैं तुझे तेरे दुश्मनों का ग़ुलाम बना दूँगा, और तू एक नामालूम मुल्क में बसेगा। क्योंकि तुम लोगों ने मुझे तैश दिलाया है, और अब तुम पर मेरा ग़ज़ब कभी न बुझनेवाली आग की तरह भड़कता रहेगा।”
Jere UrduGeoD 17:5  रब फ़रमाता है, “उस पर लानत जिसका दिल रब से दूर होकर सिर्फ़ इनसान और उसी की ताक़त पर भरोसा रखता है।
Jere UrduGeoD 17:6  वह रेगिस्तान में झाड़ी की मानिंद होगा, उसे किसी भी अच्छी चीज़ का तजरबा नहीं होगा बल्कि वह बयाबान के ऐसे पथरीले और कल्लरवाले इलाक़ों में बसेगा जहाँ कोई और नहीं रहता।
Jere UrduGeoD 17:7  लेकिन मुबारक है वह जो रब पर भरोसा रखता है, जिसका एतमाद उसी पर है।
Jere UrduGeoD 17:8  वह पानी के किनारे पर लगे उस दरख़्त की मानिंद है जिसकी जड़ें नहर तक फैली हुई हैं। झुलसानेवाली गरमी भी आए तो उसे डर नहीं, बल्कि उसके पत्ते हरे-भरे रहते हैं। काल भी पड़े तो वह परेशान नहीं होता बल्कि वक़्त पर फल लाता रहता है।
Jere UrduGeoD 17:9  दिल हद से ज़्यादा फ़रेबदेह है, और उसका इलाज नामुमकिन है। कौन उसका सहीह इल्म रखता है?
Jere UrduGeoD 17:10  मैं, रब ही दिल की तफ़तीश करता हूँ। मैं हर एक की बातिनी हालत जाँचकर उसे उसके चाल-चलन और अमल का मुनासिब अज्र देता हूँ।
Jere UrduGeoD 17:11  जिस शख़्स ने ग़लत तरीक़े से दौलत जमा की है वह उस तीतर की मानिंद है जो किसी दूसरे के अंडों पर बैठ जाता है। क्योंकि ज़िंदगी के उरूज पर उसे सब कुछ छोड़ना पड़ेगा, और आख़िरकार उस की हमाक़त सब पर ज़ाहिर हो जाएगी।”
Jere UrduGeoD 17:12  हमारा मक़दिस अल्लाह का जलाली तख़्त है जो अज़ल से अज़ीम है।
Jere UrduGeoD 17:13  ऐ रब, तू ही इसराईल की उम्मीद है। तुझे तर्क करनेवाले सब शरमिंदा हो जाएंगे। तुझसे दूर होनेवाले ख़ाक में मिलाए जाएंगे, क्योंकि उन्होंने रब को छोड़ दिया है जो ज़िंदगी के पानी का सरचश्मा है।
Jere UrduGeoD 17:14  ऐ रब, तू ही मुझे शफ़ा दे तो मुझे शफ़ा मिलेगी। तू ही मुझे बचा तो मैं बचूँगा। क्योंकि तू ही मेरा फ़ख़र है।
Jere UrduGeoD 17:15  लोग मुझसे पूछते रहते हैं, “रब का जो कलाम तूने पेश किया वह कहाँ है? उसे पूरा होने दे!”
Jere UrduGeoD 17:16  ऐ अल्लाह, तूने मुझे अपनी क़ौम का गल्लाबान बनाया है, और मैंने यह ज़िम्मादारी कभी नहीं छोड़ी। मैंने कभी ख़ाहिश नहीं रखी कि मुसीबत का दिन आए। तू यह सब कुछ जानता है, जो भी बात मेरे मुँह से निकली है वह तेरे सामने है।
Jere UrduGeoD 17:17  अब मेरे लिए दहशत का बाइस न बन! मुसीबत के दिन मैं तुझमें ही पनाह लेता हूँ।
Jere UrduGeoD 17:18  मेरा ताक़्क़ुब करनेवाले शरमिंदा हो जाएँ, लेकिन मेरी रुसवाई न हो। उन पर दहशत छा जाए, लेकिन मैं इससे बचा रहूँ। उन पर मुसीबत का दिन नाज़िल कर, उनको दो बार कुचलकर ख़ाक में मिला दे।
Jere UrduGeoD 17:19  रब मुझसे हमकलाम हुआ, “शहर के अवामी दरवाज़े में खड़ा हो जा, जिसे यहूदाह के बादशाह इस्तेमाल करते हैं जब शहर में आते और उससे निकलते हैं। इसी तरह यरूशलम के दीगर दरवाज़ों में भी खड़ा हो जा।
Jere UrduGeoD 17:20  वहाँ लोगों से कह, ‘ऐ दरवाज़ों में से गुज़रनेवालो, रब का कलाम सुनो! ऐ यहूदाह के बादशाहो और यहूदाह और यरूशलम के तमाम बाशिंदो, मेरी तरफ़ कान लगाओ!
Jere UrduGeoD 17:21  रब फ़रमाता है कि अपनी जान ख़तरे में न डालो बल्कि ध्यान दो कि तुम सबत के दिन मालो-असबाब शहर में न लाओ और उसे उठाकर शहर के दरवाज़ों में दाख़िल न हो।
Jere UrduGeoD 17:22  न सबत के दिन बोझ उठाकर अपने घर से कहीं और ले जाओ, न कोई और काम करो, बल्कि उसे इस तरह मनाना कि मख़सूसो-मुक़द्दस हो। मैंने तुम्हारे बापदादा को यह करने का हुक्म दिया था,
Jere UrduGeoD 17:23  लेकिन उन्होंने मेरी न सुनी, न तवज्जुह दी बल्कि अपने मौक़िफ़ पर अड़े रहे और न मेरी सुनी, न मेरी तरबियत क़बूल की।
Jere UrduGeoD 17:24  रब फ़रमाता है कि अगर तुम वाक़ई मेरी सुनो और सबत के दिन अपना मालो-असबाब इस शहर में न लाओ बल्कि आराम करने से यह दिन मख़सूसो-मुक़द्दस मानो
Jere UrduGeoD 17:25  तो फिर आइंदा भी दाऊद की नसल के बादशाह और सरदार इस शहर के दरवाज़ों में से गुज़रेंगे। तब वह घोड़ों और रथों पर सवार होकर अपने अफ़सरों और यहूदाह और यरूशलम के बाशिंदों के साथ शहर में आते-जाते रहेंगे। अगर तुम सबत को मानो तो यह शहर हमेशा तक आबाद रहेगा।
Jere UrduGeoD 17:26  फिर पूरे मुल्क से लोग यहाँ आएँगे। यहूदाह के शहरों और यरूशलम के गिर्दो-नवाह के देहात से, बिनयमीन के क़बायली इलाक़े से, मग़रिब के नशेबी पहाड़ी इलाक़े से, पहाड़ी इलाक़े से और दश्ते-नजब से सब अपनी क़ुरबानियाँ लाकर रब के घर में पेश करेंगे। उनकी तमाम भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ, ज़बह, ग़ल्ला, बख़ूर और सलामती की क़ुरबानियाँ रब के घर में चढ़ाई जाएँगी।
Jere UrduGeoD 17:27  लेकिन अगर तुम मेरी न सुनो और सबत का दिन मख़सूसो-मुक़द्दस न मानो तो फिर तुम्हें सख़्त सज़ा मिलेगी। अगर तुम सबत के दिन अपना मालो-असबाब शहर में लाओ तो मैं इन्हीं दरवाज़ों में एक न बुझनेवाली आग लगा दूँगा जो जलती जलती यरूशलम के महलों को भस्म कर देगी’।”
Chapter 18
Jere UrduGeoD 18:1  रब यरमियाह से हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 18:2  “उठ और कुम्हार के घर में जा! वहाँ मैं तुझसे हमकलाम हूँगा।”
Jere UrduGeoD 18:3  चुनाँचे मैं कुम्हार के घर में पहुँच गया। उस वक़्त वह चाक पर काम कर रहा था।
Jere UrduGeoD 18:4  लेकिन मिट्टी का जो बरतन वह अपने हाथों से तश्कील दे रहा था वह ख़राब हो गया। यह देखकर कुम्हार ने उसी मिट्टी से नया बरतन बना दिया जो उसे ज़्यादा पसंद था।
Jere UrduGeoD 18:5  तब रब मुझसे हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 18:6  “ऐ इसराईल, क्या मैं तुम्हारे साथ वैसा सुलूक नहीं कर सकता जैसा कुम्हार अपने बरतन से करता है? जिस तरह मिट्टी कुम्हार के हाथ में तश्कील पाती है उसी तरह तुम मेरे हाथ में तश्कील पाते हो।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 18:7  “कभी मैं एलान करता हूँ कि किसी क़ौम या सलतनत को जड़ से उखाड़ दूँगा, उसे गिराकर तबाह कर दूँगा।
Jere UrduGeoD 18:8  लेकिन कई बार यह क़ौम अपनी ग़लत राह को तर्क कर देती है। इस सूरत में मैं पछताकर उस पर वह आफ़त नहीं लाता जो मैंने लाने को कहा था।
Jere UrduGeoD 18:9  कभी मैं किसी क़ौम या सलतनत को पनीरी की तरह लगाने और तामीर करने का एलान भी करता हूँ।
Jere UrduGeoD 18:10  लेकिन अफ़सोस, कई दफ़ा यह क़ौम मेरी नहीं सुनती बल्कि ऐसा काम करने लगती है जो मुझे नापसंद है। इस सूरत में मैं पछताकर उस पर वह मेहरबानी नहीं करता जिसका एलान मैंने किया था।
Jere UrduGeoD 18:11  अब यहूदाह और यरूशलम के बाशिंदों से मुख़ातिब होकर कह, ‘रब फ़रमाता है कि मैं तुम पर आफ़त लाने की तैयारियाँ कर रहा हूँ, मैंने तुम्हारे ख़िलाफ़ मनसूबा बाँध लिया है। चुनाँचे हर एक अपनी ग़लत राह से हटकर वापस आए, हर एक अपना चाल-चलन और अपना रवैया दुरुस्त करे।’
Jere UrduGeoD 18:12  लेकिन अफ़सोस, यह एतराज़ करेंगे, ‘दफ़ा करो! हम अपने ही मनसूबे जारी रखेंगे। हर एक अपने शरीर दिल की ज़िद के मुताबिक़ ही ज़िंदगी गुज़ारेगा’।”
Jere UrduGeoD 18:13  इसलिए रब फ़रमाता है, “दीगर अक़वाम से दरियाफ़्त करो कि उनमें कभी ऐसी बात सुनने में आई है। कुँवारी इसराईल से निहायत घिनौना जुर्म हुआ है!
Jere UrduGeoD 18:14  क्या लुबनान की पथरीली चोटियों की बर्फ़ कभी पिघलकर ख़त्म हो जाती है? क्या दूर-दराज़ चश्मों से बहनेवाला बर्फ़ीला पानी कभी थम जाता है?
Jere UrduGeoD 18:15  लेकिन मेरी क़ौम मुझे भूल गई है। यह लोग बातिल बुतों के सामने बख़ूर जलाते हैं, उन चीज़ों के सामने जिनके बाइस वह ठोकर खाकर क़दीम राहों से हट गए हैं और अब कच्चे रास्तों पर चल रहे हैं।
Jere UrduGeoD 18:16  इसलिए उनका मुल्क वीरान हो जाएगा, एक ऐसी जगह जिसे दूसरे अपने मज़ाक़ का निशाना बनाएँगे। जो भी गुज़रे उसके रोंगटे खड़े हो जाएंगे, वह अफ़सोस से अपना सर हिलाएगा।
Jere UrduGeoD 18:17  दुश्मन आएगा तो मैं अपनी क़ौम को उसके आगे आगे मुंतशिर करूँगा। जिस तरह गर्द मशरिक़ी हवा के तेज़ झोंकों से उड़कर बिखर जाती है उसी तरह वह तित्तर-बित्तर हो जाएंगे। जब आफ़त उन पर नाज़िल होगी तो मैं उनकी तरफ़ रुजू नहीं करूँगा बल्कि अपना मुँह उनसे फेर लूँगा।”
Jere UrduGeoD 18:18  यह सुनकर लोग आपस में कहने लगे, “आओ, हम यरमियाह के ख़िलाफ़ मनसूबे बाँधें, क्योंकि उस की बातें सहीह नहीं हैं। न इमाम शरीअत की हिदायत से, न दानिशमंद अच्छे मशवरों से, और न नबी अल्लाह के कलाम से महरूम हो जाएगा। आओ, हम ज़बानी उस पर हमला करें और उस की बातों पर ध्यान न दें, ख़ाह वह कुछ भी क्यों न कहे।”
Jere UrduGeoD 18:19  ऐ रब, मुझ पर तवज्जुह दे और उस पर ग़ौर कर जो मेरे मुख़ालिफ़ कह रहे हैं।
Jere UrduGeoD 18:20  क्या इनसान को नेक काम के बदले में बुरा काम करना चाहिए? क्योंकि उन्होंने मुझे फँसाने के लिए गढ़ा खोदकर तैयार कर रखा है। याद कर कि मैंने तेरे हुज़ूर खड़े होकर उनके लिए शफ़ाअत की ताकि तेरा ग़ज़ब उन पर नाज़िल न हो।
Jere UrduGeoD 18:21  अब होने दे कि उनके बच्चे भूके मर जाएँ और वह ख़ुद तलवार की ज़द में आएँ। उनकी बीवियाँ बेऔलाद और शौहरों से महरूम हो जाएँ। उनके आदमियों को मौत के घाट उतारा जाए, उनके नौजवान जंग में लड़ते लड़ते हलाक हो जाएँ।
Jere UrduGeoD 18:22  अचानक उन पर जंगी दस्ते ला ताकि उनके घरों से चीख़ों की आवाज़ें बुलंद हों। क्योंकि उन्होंने मुझे पकड़ने के लिए गढ़ा खोदा है, उन्होंने मेरे पाँवों को फँसाने के लिए मेरे रास्ते में फंदे छुपा रखे हैं।
Jere UrduGeoD 18:23  ऐ रब, तू उनकी मुझे क़त्ल करने की तमाम साज़िशें जानता है। उनका क़ुसूर मुआफ़ न कर, और उनके गुनाहों को न मिटा बल्कि उन्हें हमेशा याद कर। होने दे कि वह ठोकर खाकर तेरे सामने गिर जाएँ। जब तेरा ग़ज़ब नाज़िल होगा तो उनसे भी निपट ले।
Chapter 19
Jere UrduGeoD 19:1  रब ने हुक्म दिया, “कुम्हार के पास जाकर मिट्टी का बरतन ख़रीद ले। फिर अवाम के कुछ बुज़ुर्गों और चंद एक बुज़ुर्ग इमामों को अपने साथ लेकर
Jere UrduGeoD 19:2  शहर से निकल जा। वादीए-बिन-हिन्नूम में चला जा जो शहर के दरवाज़े बनाम ‘ठीकरे का दरवाज़ा’ के सामने है। वहाँ वह कलाम सुना जो मैं तुझे सुनाने को कहूँगा।
Jere UrduGeoD 19:3  उन्हें बता, ‘ऐ यहूदाह के बादशाहो और यरूशलम के बाशिंदो, रब का कलाम सुनो! रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि मैं इस मक़ाम पर ऐसी आफ़त नाज़िल करूँगा कि जिसे भी इसकी ख़बर मिलेगी उसके कान बजेंगे।
Jere UrduGeoD 19:4  क्योंकि उन्होंने मुझे तर्क करके इस मक़ाम को अजनबी माबूदों के हवाले कर दिया है। जिन बुतों से न उनके बापदादा और न यहूदाह के बादशाह कभी वाक़िफ़ थे उनके हुज़ूर उन्होंने क़ुरबानियाँ पेश कीं। नीज़, उन्होंने इस जगह को बेक़ुसूरों के ख़ून से भर दिया है।
Jere UrduGeoD 19:5  उन्होंने ऊँची जगहों पर बाल देवता के लिए क़ुरबानगाहें तामीर कीं ताकि अपने बेटों को उन पर जलाकर उसे पेश करें। मैंने यह करने का कभी हुक्म नहीं दिया था। न मैंने कभी इसका ज़िक्र किया, न कभी मेरे ज़हन में इसका ख़याल तक आया।
Jere UrduGeoD 19:6  चुनाँचे ख़बरदार! रब फ़रमाता है कि ऐसा वक़्त आनेवाला है जब यह वादी “तूफ़त” या “बिन-हिन्नूम” नहीं कहलाएगी बल्कि “वादीए-क़त्लो-ग़ारत।”
Jere UrduGeoD 19:7  इस जगह मैं यहूदाह और यरूशलम के मनसूबे ख़ाक में मिला दूँगा। मैं होने दूँगा कि उनके दुश्मन उन्हें मौत के घाट उतारें, कि जो उन्हें जान से मारना चाहें वह इसमें कामयाब हो जाएँ। तब मैं उनकी लाशों को परिंदों और दरिंदों को खिला दूँगा।
Jere UrduGeoD 19:8  मैं इस शहर को हौलनाक तरीक़े से तबाह करूँगा। तब दूसरे उसे अपने मज़ाक़ का निशाना बनाएँगे। जो भी गुज़रे उसके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। उस की तबाहशुदा हालत देखकर वह “तौबा तौबा” कहेगा।
Jere UrduGeoD 19:9  जब उनका जानी दुश्मन शहर का मुहासरा करेगा तो इतना सख़्त काल पड़ेगा कि बाशिंदे अपने बच्चों और एक दूसरे को खा जाएंगे।’
Jere UrduGeoD 19:10  फिर साथवालों की मौजूदगी में मिट्टी के बरतन को ज़मीन पर पटख़ दे।
Jere UrduGeoD 19:11  साथ साथ उन्हें बता, ‘रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है कि जिस तरह मिट्टी का बरतन पाश पाश हो गया है और उस की मरम्मत नामुमकिन है उसी तरह मैं इस क़ौम और शहर को भी पाश पाश कर दूँगा। उस वक़्त लाशों को तूफ़त में दफ़नाया जाएगा, क्योंकि कहीं और जगह नहीं मिलेगी।
Jere UrduGeoD 19:12  इस शहर और इसके बाशिंदों के साथ मैं यही सुलूक करूँगा। मैं इस शहर को तूफ़त की मानिंद बना दूँगा। यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 19:13  यरूशलम के घर यहूदाह के शाही महलों समेत तूफ़त की तरह नापाक हो जाएंगे। हाँ, वह तमाम घर नापाक हो जाएंगे जिनकी छतों पर तमाम आसमानी लशकर के लिए बख़ूर जलाया जाता और अजनबी माबूदों को मै की नज़रें पेश की जाती थीं’।”
Jere UrduGeoD 19:14  इसके बाद यरमियाह वादीए-तूफ़त से वापस आया जहाँ रब ने उसे नबुव्वत करने के लिए भेजा था। फिर वह रब के घर के सहन में खड़े होकर तमाम लोगों से मुख़ातिब हुआ,
Jere UrduGeoD 19:15  “रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि सुनो! मैं इस शहर और यहूदाह के दीगर शहरों पर वह तमाम मुसीबत लाने को हूँ जिसका एलान मैंने किया है। क्योंकि तुम अड़ गए हो और मेरी बातें सुनने के लिए तैयार ही नहीं।”
Chapter 20
Jere UrduGeoD 20:1  उस वक़्त एक इमाम रब के घर में था जिसका नाम फ़शहूर बिन इम्मेर था। वह रब के घर का आला अफ़सर था। जब यरमियाह की यह पेशगोइयाँ उसके कानों तक पहुँच गईं
Jere UrduGeoD 20:2  तो उसने यरमियाह नबी की पिटाई करवाकर उसके पाँव काठ में ठोंक दिए। यह काठ रब के घर से मुलहिक़ शहर के ऊपरवाले दरवाज़े बनाम बिनयमीन में था।
Jere UrduGeoD 20:3  अगले दिन फ़शहूर ने उसे आज़ाद कर दिया। तब यरमियाह ने उससे कहा, “रब ने आपका एक नया नाम रखा है। अब से आपका नाम फ़शहूर नहीं है बल्कि ‘चारों तरफ़ दहशत ही दहशत।’
Jere UrduGeoD 20:4  क्योंकि रब फ़रमाता है, ‘मैं होने दूँगा कि तू अपने लिए और अपने तमाम दोस्तों के लिए दहशत की अलामत बनेगा। क्योंकि तू अपनी आँखों से अपने दोस्तों की क़त्लो-ग़ारत देखेगा। मैं यहूदाह के तमाम बाशिंदों को बाबल के बादशाह के क़ब्ज़े में कर दूँगा जो बाज़ को मुल्के-बाबल में ले जाएगा और बाज़ को मौत के घाट उतार देगा।
Jere UrduGeoD 20:5  मैं इस शहर की सारी दौलत दुश्मन के हवाले कर दूँगा, और वह इसकी तमाम पैदावार, क़ीमती चीज़ें और शाही ख़ज़ाने लूटकर मुल्के-बाबल ले जाएगा।
Jere UrduGeoD 20:6  ऐ फ़शहूर, तू भी अपने घरवालों समेत मुल्के-बाबल में जिलावतन होगा। वहाँ तू मरकर दफ़नाया जाएगा। और न सिर्फ़ तू बल्कि तेरे वह सारे दोस्त भी जिन्हें तूने झूटी पेशगोइयाँ सुनाई हैं’।”
Jere UrduGeoD 20:7  ऐ रब, तूने मुझे मनवाया, और मैं मान गया। तू मुझे अपने क़ाबू में लाकर मुझ पर ग़ालिब आया। अब मैं पूरा दिन मज़ाक़ का निशाना बना रहता हूँ। हर एक मेरी हँसी उड़ाता रहता है।
Jere UrduGeoD 20:8  क्योंकि जब भी मैं अपना मुँह खोलता हूँ तो मुझे चिल्लाकर ‘ज़ुल्मो-तबाही’ का नारा लगाना पड़ता है। चुनाँचे मैं रब के कलाम के बाइस पूरा दिन गालियों और मज़ाक़ का निशाना बना रहता हूँ।
Jere UrduGeoD 20:9  लेकिन अगर मैं कहूँ, “आइंदा मैं न रब का ज़िक्र करूँगा, न उसका नाम लेकर बोलूँगा” तो फिर उसका कलाम आग की तरह मेरे दिल में भड़कने लगता है। और यह आग मेरी हड्डियों में बंद रहती और कभी नहीं निकलती। मैं इसे बरदाश्त करते करते थक गया हूँ, यह मेरे बस की बात नहीं रही।
Jere UrduGeoD 20:10  मुतअद्दिद लोगों की सरगोशियाँ मेरे कानों तक पहुँचती हैं। वह कहते हैं, “चारों तरफ़ दहशत ही दहशत? यह क्या कह रहा है? उस की रपट लिखवाओ! आओ, हम उस की रिपोर्ट करें।” मेरे तमाम नाम-निहाद दोस्त इस इंतज़ार में हैं कि मैं फिसल जाऊँ। वह कहते हैं, “शायद वह धोका खाकर फँस जाए और हम उस पर ग़ालिब आकर उससे इंतक़ाम ले सकें।”
Jere UrduGeoD 20:11  लेकिन रब ज़बरदस्त सूरमे की तरह मेरे साथ है, इसलिए मेरा ताक़्क़ुब करनेवाले मुझ पर ग़ालिब नहीं आएँगे बल्कि ख़ुद ठोकर खाकर गिर जाएंगे। उनके मुँह काले हो जाएंगे, क्योंकि वह नाकाम हो जाएंगे। उनकी रुसवाई हमेशा ही याद रहेगी और कभी नहीं मिटेगी।
Jere UrduGeoD 20:12  ऐ रब्बुल-अफ़वाज, तू रास्तबाज़ का मुआयना करके दिल और ज़हन को परखता है। अब बख़्श दे कि मैं अपनी आँखों से वह इंतक़ाम देखूँ जो तू मेरे मुख़ालिफ़ों से लेगा। क्योंकि मैंने अपना मामला तेरे ही सुपुर्द कर दिया है।
Jere UrduGeoD 20:13  रब की मद्हसराई करो! रब की तमजीद करो! क्योंकि उसने ज़रूरतमंद की जान को शरीरों के हाथ से बचा लिया है।
Jere UrduGeoD 20:14  उस दिन पर लानत जब मैं पैदा हुआ! वह दिन मुबारक न हो जब मेरी माँ ने मुझे जन्म दिया।
Jere UrduGeoD 20:15  उस आदमी पर लानत जिसने मेरे बाप को बड़ी ख़ुशी दिलाकर इत्तला दी कि तेरे बेटा पैदा हुआ है!
Jere UrduGeoD 20:16  वह उन शहरों की मानिंद हो जिनको रब ने बेरहमी से ख़ाक में मिला दिया। अल्लाह करे कि सुबह के वक़्त उसे चीख़ें सुनाई दें और दोपहर के वक़्त जंग के नारे।
Jere UrduGeoD 20:17  क्योंकि उसे मुझे उसी वक़्त मार डालना चाहिए था जब मैं अभी माँ के पेट में था। फिर मेरी माँ मेरी क़ब्र बन जाती, उसका पाँव हमेशा तक भारी रहता।
Jere UrduGeoD 20:18  मैं क्यों माँ के पेट में से निकला? क्या सिर्फ़ इसलिए कि मुसीबत और ग़म देखूँ और ज़िंदगी के इख़्तिताम तक रुसवाई की ज़िंदगी गुज़ारूँ?
Chapter 21
Jere UrduGeoD 21:1  एक दिन सिदक़ियाह बादशाह ने फ़शहूर बिन मलकियाह और मासियाह के बेटे सफ़नियाह इमाम को यरमियाह के पास भेज दिया। उसके पास पहुँचकर उन्होंने कहा,
Jere UrduGeoD 21:2  “बाबल का बादशाह नबूकदनज़्ज़र हम पर हमला कर रहा है। शायद जिस तरह रब ने माज़ी में कई बार किया इस दफ़ा भी हमारी मदद करके नबूकदनज़्ज़र को मोजिज़ाना तौर पर यरूशलम को छोड़ने पर मजबूर करे। रब से इसके बारे में दरियाफ़्त करें।” तब रब का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 21:3  और उसने दोनों आदमियों से कहा, “सिदक़ियाह को बताओ कि
Jere UrduGeoD 21:4  रब जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘बेशक शहर से निकलकर बाबल की मुहासरा करनेवाली फ़ौज और उसके बादशाह से लड़ो। लेकिन मैं तुम्हें पीछे धकेलकर शहर में पनाह लेने पर मजबूर करूँगा। वहाँ उसके बीच में ही तुम अपने हथियारों समेत जमा हो जाओगे।
Jere UrduGeoD 21:5  मैं ख़ुद अपना हाथ बढ़ाकर बड़ी क़ुदरत से तुम्हारे साथ लड़ूँगा, मैं अपने ग़ुस्से और तैश का पूरा इज़हार करूँगा, मेरा सख़्त ग़ज़ब तुम पर नाज़िल होगा।
Jere UrduGeoD 21:6  शहर के बाशिंदे मेरे हाथ से हलाक हो जाएंगे, ख़ाह इनसान हों या हैवान। मोहलक वबा उन्हें मौत के घाट उतार देगी।’
Jere UrduGeoD 21:7  रब फ़रमाता है, ‘इसके बाद मैं यहूदाह के बादशाह सिदक़ियाह को उसके अफ़सरों और बाक़ी बाशिंदों समेत बाबल के बादशाह नबूकदनज़्ज़र के हवाले कर दूँगा। वबा, तलवार और काल से बचनेवाले सब अपने जानी दुश्मन के क़ाबू में आ जाएंगे। तब नबूकदनज़्ज़र बेरहमी से उन्हें तलवार से मार देगा। न उसे उन पर तरस आएगा, न वह हमदर्दी का इज़हार करेगा।’
Jere UrduGeoD 21:8  इस क़ौम को बता कि रब फ़रमाता है, ‘मैं तुम्हें अपनी जान को बचाने का मौक़ा फ़राहम करता हूँ। इससे फ़ायदा उठाओ, वरना तुम मरोगे।
Jere UrduGeoD 21:9  अगर तुम तलवार, काल या वबा से मरना चाहो तो इस शहर में रहो। लेकिन अगर तुम अपनी जान को बचाना चाहो तो शहर से निकलकर अपने आपको बाबल की मुहासरा करनेवाली फ़ौज के हवाले करो। जो कोई यह करे उस की जान छूट जाएगी।’
Jere UrduGeoD 21:10  रब फ़रमाता है, ‘मैंने अटल फ़ैसला किया है कि इस शहर पर मेहरबानी नहीं करूँगा बल्कि इसे नुक़सान पहुँचाऊँगा। इसे शाहे-बाबल के हवाले कर दिया जाएगा जो इसे आग लगाकर तबाह करेगा।’
Jere UrduGeoD 21:11  यहूदाह के शाही ख़ानदान से कह, ‘रब का कलाम सुनो!
Jere UrduGeoD 21:12  ऐ दाऊद के घराने, रब फ़रमाता है कि हर सुबह लोगों का इनसाफ़ करो। जिसे लूट लिया गया हो उसे ज़ालिम के हाथ से बचाओ! ऐसा न हो कि मेरा ग़ज़ब तुम्हारी शरीर हरकतों की वजह से तुम पर नाज़िल होकर आग की तरह भड़क उठे और कोई न हो जो उसे बुझा सके।
Jere UrduGeoD 21:13  रब फ़रमाता है कि ऐ यरूशलम, तू वादी के ऊपर ऊँची चटान पर रहकर फ़ख़र करती है कि कौन हम पर हमला करेगा, कौन हमारे घरों में घुस सकता है? लेकिन अब मैं ख़ुद तुझसे निपट लूँगा।
Jere UrduGeoD 21:14  रब फ़रमाता है कि मैं तुम्हारी हरकतों का पूरा अज्र दूँगा। मैं यरूशलम के जंगल में ऐसी आग लगा दूँगा जो इर्दगिर्द सब कुछ भस्म कर देगी’।”
Chapter 22
Jere UrduGeoD 22:1  रब ने फ़रमाया, “शाहे-यहूदाह के महल के पास जाकर मेरा यह कलाम सुना,
Jere UrduGeoD 22:2  ‘ऐ यहूदाह के बादशाह, रब का फ़रमान सुन! ऐ तू जो दाऊद के तख़्त पर बैठा है, अपने मुलाज़िमों और महल के दरवाज़ों में आनेवाले लोगों समेत मेरी बात पर ग़ौर कर!
Jere UrduGeoD 22:3  रब फ़रमाता है कि इनसाफ़ और रास्ती क़ायम रखो। जिसे लूट लिया गया है उसे ज़ालिम के हाथ से छुड़ाओ। परदेसी, यतीम और बेवा को मत दबाना, न उनसे ज़्यादती करना, और इस जगह बेक़ुसूर लोगों की ख़ूनरेज़ी मत करना।
Jere UrduGeoD 22:4  अगर तुम एहतियात से इस पर अमल करो तो आइंदा भी दाऊद की नसल के बादशाह अपने अफ़सरों और रिआया के साथ रथों और घोड़ों पर सवार होकर इस महल में दाख़िल होंगे।
Jere UrduGeoD 22:5  लेकिन अगर तुम मेरी इन बातों की न सुनो तो मेरे नाम की क़सम! यह महल मलबे का ढेर बन जाएगा। यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 22:6  क्योंकि रब शाहे-यहूदाह के महल के बारे में फ़रमाता है कि तू जिलियाद जैसा ख़ुशगवार और लुबनान की चोटी जैसा ख़ूबसूरत था। लेकिन अब मैं तुझे बयाबान में बदल दूँगा, तू ग़ैरआबाद शहर की मानिंद हो जाएगा।
Jere UrduGeoD 22:7  मैं आदमियों को तुझे तबाह करने के लिए मख़सूस करके हर एक को हथियार से लैस करूँगा, और वह देवदार के तेरे उम्दा शहतीरों को काटकर आग में झोंक देंगे।
Jere UrduGeoD 22:8  तब मुतअद्दिद क़ौमों के अफ़राद यहाँ से गुज़रकर पूछेंगे कि रब ने इस जैसे बड़े शहर के साथ ऐसा सुलूक क्यों किया?
Jere UrduGeoD 22:9  उन्हें जवाब दिया जाएगा, वजह यह है कि इन्होंने रब अपने ख़ुदा का अहद तर्क करके अजनबी माबूदों की पूजा और ख़िदमत की है’।”
Jere UrduGeoD 22:10  इसलिए गिर्याओ-ज़ारी न करो कि यूसियाह बादशाह कूच कर गया है बल्कि उस पर मातम करो जिसे जिलावतन किया गया है, क्योंकि वह कभी वापस नहीं आएगा, कभी अपना वतन दुबारा नहीं देखेगा।
Jere UrduGeoD 22:11  क्योंकि रब यूसियाह के बेटे और जा-नशीन सल्लूम यानी यहुआख़ज़ के बारे में फ़रमाता है, “यहुआख़ज़ यहाँ से चला गया है और कभी वापस नहीं आएगा।
Jere UrduGeoD 22:12  जहाँ उसे गिरिफ़्तार करके पहुँचाया गया है वहीं वह वफ़ात पाएगा। वह यह मुल्क दुबारा कभी नहीं देखेगा।
Jere UrduGeoD 22:13  यहूयक़ीम बादशाह पर अफ़सोस जो नाजायज़ तरीक़े से अपना घर तामीर कर रहा है, जो नाइनसाफ़ी से उस की दूसरी मनज़िल बना रहा है। क्योंकि वह अपने हमवतनों को मुफ़्त में काम करने पर मजबूर कर रहा है और उन्हें उनकी मेहनत का मुआवज़ा नहीं दे रहा।
Jere UrduGeoD 22:14  वह कहता है, ‘मैं अपने लिए कुशादा महल बनवा लूँगा जिसकी दूसरी मनज़िल पर बड़े बड़े कमरे होंगे। मैं घर में बड़ी खिड़कियाँ बनवाकर दीवारों को देवदार की लकड़ी से ढाँप दूँगा। इसके बाद मैं उसे सुर्ख़ रंग से आरास्ता करूँगा।’
Jere UrduGeoD 22:15  क्या देवदार की शानदार इमारतें बनवाने से यह साबित होता है कि तू बादशाह है? हरगिज़ नहीं! तेरे बाप को भी खाने-पीने की हर चीज़ मुयस्सर थी, लेकिन उसने इसका ख़याल किया कि इनसाफ़ और रास्ती क़ायम रहे। नतीजे में उसे बरकत मिली।
Jere UrduGeoD 22:16  उसने तवज्जुह दी कि ग़रीबों और ज़रूरतमंदों का हक़ मारा न जाए, इसी लिए उसे कामयाबी हासिल हुई।” रब फ़रमाता है, “जो इसी तरह ज़िंदगी गुज़ारे वही मुझे सहीह तौर पर जानता है।
Jere UrduGeoD 22:17  लेकिन तू फ़रक़ है। तेरी आँखें और दिल नाजायज़ नफ़ा कमाने पर तुले रहते हैं। न तू बेक़ुसूर को क़त्ल करने से, न ज़ुल्म करने या जबरन कुछ लेने से झिजकता है।”
Jere UrduGeoD 22:18  चुनाँचे रब यहूदाह के बादशाह यहूयक़ीम बिन यूसियाह के बारे में फ़रमाता है, “लोग उस पर मातम नहीं करेंगे कि ‘हाय मेरे भाई, हाय मेरी बहन,’ न वह रोकर कहेंगे, ‘हाय, मेरे आक़ा! हाय, उस की शान जाती रही है।’
Jere UrduGeoD 22:19  इसके बजाए उसे गधे की तरह दफ़नाया जाएगा। लोग उसे घसीटकर बाहर यरूशलम के दरवाज़ों से कहीं दूर फेंक देंगे।
Jere UrduGeoD 22:20  ऐ यरूशलम, लुबनान पर चढ़कर ज़ारो-क़तार रो! बसन की बुलंदियों पर जाकर चीख़ें मार! अबारीम के पहाड़ों की चोटियों पर आहो-ज़ारी कर! क्योंकि तेरे तमाम आशिक़ पाश पाश हो गए हैं।
Jere UrduGeoD 22:21  मैंने तुझे उस वक़्त आगाह किया था जब तू सुकून से ज़िंदगी गुज़ार रही थी, लेकिन तूने कहा, ‘मैं नहीं सुनूँगी।’ तेरी जवानी से ही तेरा यही रवैया रहा। उस वक़्त से लेकर आज तक तूने मेरी नहीं सुनी।
Jere UrduGeoD 22:22  तेरे तमाम गल्लाबानों को आँधी उड़ा ले जाएगी, और तेरे आशिक़ जिलावतन हो जाएंगे। तब तू अपनी बुरी हरकतों के बाइस शरमिंदा हो जाएगी, क्योंकि तेरी ख़ूब रुसवाई हो जाएगी।
Jere UrduGeoD 22:23  बेशक इस वक़्त तू लुबनान में रहती है और तेरा बसेरा देवदार के दरख़्तों में है। लेकिन जल्द ही तू आहें भर भरकर दर्दे-ज़ह में मुब्तला हो जाएगी, तू जन्म देनेवाली औरत की तरह पेचो-ताब खाएगी।”
Jere UrduGeoD 22:24  रब फ़रमाता है, “ऐ यहूदाह के बादशाह यहूयाकीन बिन यहूयक़ीम, मेरी हयात की क़सम! ख़ाह तू मेरे दहने हाथ की मुहरदार अंगूठी क्यों न होता तो भी मैं तुझे उतारकर फेंक देता।
Jere UrduGeoD 22:25  मैं तुझे उस जानी दुश्मन के हवाले करूँगा जिससे तू डरता है यानी बाबल के बादशाह नबूकदनज़्ज़र और उस की क़ौम के हवाले।
Jere UrduGeoD 22:26  मैं तुझे तेरी माँ समेत एक अजनबी मुल्क में फेंक दूँगा। जहाँ तुम पैदा नहीं हुए वहीं वफ़ात पाओगे।
Jere UrduGeoD 22:27  तुम वतन में वापस आने के शदीद आरज़ूमंद होगे लेकिन उसमें कभी नहीं लौटोगे।”
Jere UrduGeoD 22:28  लोग एतराज़ करते हैं, “क्या यह आदमी यहूयाकीन वाक़ई ऐसा हक़ीर और टूटा-फूटा बरतन है जो किसी को भी पसंद नहीं आता? उसे अपने बच्चों समेत क्यों ज़ोर से निकालकर किसी नामालूम मुल्क में फेंक दिया जाएगा?”
Jere UrduGeoD 22:29  ऐ मुल्क, ऐ मुल्क, ऐ मुल्क! रब का पैग़ाम सुन!
Jere UrduGeoD 22:30  रब फ़रमाता है, “रजिस्टर में दर्ज करो कि यह आदमी बेऔलाद है, कि यह उम्र-भर नाकाम रहेगा। क्योंकि उसके बच्चों में से कोई दाऊद के तख़्त पर बैठकर यहूदाह की हुकूमत करने में कामयाब नहीं होगा।”
Chapter 23
Jere UrduGeoD 23:1  रब फ़रमाता है, “उन गल्लाबानों पर अफ़सोस जो मेरी चरागाह की भेड़ों को तबाह करके मुंतशिर कर रहे हैं।”
Jere UrduGeoD 23:2  इसलिए रब जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, “ऐ मेरी क़ौम को चरानेवाले गल्लाबानो, मैं तुम्हारी शरीर हरकतों की मुनासिब सज़ा दूँगा, क्योंकि तुमने मेरी भेड़ों की फ़िकर नहीं की बल्कि उन्हें मुंतशिर करके तित्तर-बित्तर कर दिया है।” रब फ़रमाता है, “सुनो, मैं तुम्हारी शरीर हरकतों से निपट लूँगा।
Jere UrduGeoD 23:3  मैं ख़ुद अपने रेवड़ की बची हुई भेड़ों को जमा करूँगा। जहाँ भी मैंने उन्हें मुंतशिर कर दिया था, उन तमाम ममालिक से मैं उन्हें उनकी अपनी चरागाह में वापस लाऊँगा। वहाँ वह फलें-फूलेंगे, और उनकी तादाद बढ़ती जाएगी।
Jere UrduGeoD 23:4  मैं ऐसे गल्लाबानों को उन पर मुक़र्रर करूँगा जो उनकी सहीह गल्लाबानी करेंगे। आइंदा न वह ख़ौफ़ खाएँगे, न घबरा जाएंगे। एक भी गुम नहीं हो जाएगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 23:5  रब फ़रमाता है, “वह वक़्त आनेवाला है कि मैं दाऊद के लिए एक रास्तबाज़ कोंपल फूटने दूँगा, एक ऐसा बादशाह जो हिकमत से हुकूमत करेगा, जो मुल्क में इनसाफ़ और रास्ती क़ायम रखेगा।
Jere UrduGeoD 23:6  उसके दौरे-हुकूमत में यहूदाह को छुटकारा मिलेगा और इसराईल महफ़ूज़ ज़िंदगी गुज़ारेगा। वह ‘रब हमारी रास्तबाज़ी’ कहलाएगा।
Jere UrduGeoD 23:7  चुनाँचे वह वक़्त आनेवाला है जब लोग क़सम खाते वक़्त नहीं कहेंगे, ‘रब की हयात की क़सम जो इसराईलियों को मिसर से निकाल लाया।’
Jere UrduGeoD 23:8  इसके बजाए वह कहेंगे, ‘रब की हयात की क़सम जो इसराईलियों को शिमाली मुल्क और दीगर उन तमाम ममालिक से निकाल लाया जिनमें उसने उन्हें मुंतशिर कर दिया था।’ उस वक़्त वह दुबारा अपने ही मुल्क में बसेंगे।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 23:9  झूटे नबियों को देखकर मेरा दिल टूट गया है, मेरी तमाम हड्डियाँ लरज़ रही हैं। मैं नशे में धुत आदमी की मानिंद हूँ। मै से मग़लूब शख़्स की तरह मैं रब और उसके मुक़द्दस अलफ़ाज़ के सबब से डगमगा रहा हूँ।
Jere UrduGeoD 23:10  यह मुल्क ज़िनाकारों से भरा हुआ है, इसलिए उस पर अल्लाह की लानत है। ज़मीन झुलस गई है, बयाबान की चरागाहों की हरियाली मुरझा गई है। नबी ग़लत राह पर दौड़ रहे हैं, और जिसमें वह ताक़तवर हैं वह ठीक नहीं।
Jere UrduGeoD 23:11  रब फ़रमाता है, “नबी और इमाम दोनों ही बेदीन हैं। मैंने अपने घर में भी उनका बुरा काम पाया है।
Jere UrduGeoD 23:12  इसलिए जहाँ भी चलें वह फिसल जाएंगे, वह अंधेरे में ठोकर खाकर गिर जाएंगे। क्योंकि मैं मुक़र्ररा वक़्त पर उन पर आफ़त लाऊँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 23:13  “मैंने देखा कि सामरिया के नबी बाल के नाम में नबुव्वत करके मेरी क़ौम इसराईल को ग़लत राह पर लाए। यह क़ाबिले-घिन है,
Jere UrduGeoD 23:14  लेकिन जो कुछ मुझे यरूशलम के नबियों में नज़र आता है वह उतना ही घिनौना है। वह ज़िना करते और झूट के पैरोकार हैं। साथ साथ वह बदकारों की हौसलाअफ़्ज़ाई भी करते हैं, और नतीजे में कोई भी अपनी बदी से बाज़ नहीं आता। मेरी नज़र में वह सब सदूम की मानिंद हैं। हाँ, यरूशलम के बाशिंदे अमूरा के बराबर हैं।”
Jere UrduGeoD 23:15  इसलिए रब इन नबियों के बारे में फ़रमाता है, “मैं उन्हें कड़वा खाना खिलाऊँगा और ज़हरीला पानी पिलाऊँगा, क्योंकि यरूशलम के नबियों ने पूरे मुल्क में बेदीनी फैलाई है।”
Jere UrduGeoD 23:16  रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “नबियों की पेशगोइयों पर ध्यान मत देना। वह तुम्हें फ़रेब दे रहे हैं। क्योंकि वह रब का कलाम नहीं सुनाते बल्कि महज़ अपने दिल में से उभरनेवाली रोया पेश करते हैं।
Jere UrduGeoD 23:17  जो मुझे हक़ीर जानते हैं उन्हें वह बताते रहते हैं, ‘रब फ़रमाता है कि हालात सहीह-सलामत रहेंगे।’ जो अपने दिलों की ज़िद के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारते हैं, उन सबको वह तसल्ली देकर कहते हैं, ‘तुम पर आफ़त नहीं आएगी।’
Jere UrduGeoD 23:18  लेकिन उनमें से किसने रब की मजलिस में शरीक होकर वह कुछ देखा और सुना है जो रब बयान कर रहा है? किसी ने नहीं! किसने तवज्जुह देकर उसका कलाम सुना है? किसी ने नहीं!
Jere UrduGeoD 23:19  देखो, रब की ग़ज़बनाक आँधी चलने लगी है, उसका तेज़ी से घूमता हुआ बगूला बेदीनों के सरों पर मँडला रहा है।
Jere UrduGeoD 23:20  और रब का यह ग़ज़ब उस वक़्त तक ठंडा नहीं होगा जब तक उसके दिल का इरादा तकमील तक न पहुँच जाए। आनेवाले दिनों में तुम्हें इसकी पूरी समझ आएगी।
Jere UrduGeoD 23:21  यह नबी दौड़कर अपनी बातें सुनाते रहते हैं अगरचे मैंने उन्हें नहीं भेजा। गो मैं उनसे हमकलाम नहीं हुआ तो भी यह पेशगोइयाँ करते हैं।
Jere UrduGeoD 23:22  अगर यह मेरी मजलिस में शरीक होते तो मेरी क़ौम को मेरे अलफ़ाज़ सुनाकर उसे उसके बुरे चाल-चलन और ग़लत हरकतों से हटाने की कोशिश करते।”
Jere UrduGeoD 23:23  रब फ़रमाता है, “क्या मैं सिर्फ़ क़रीब का ख़ुदा हूँ? हरगिज़ नहीं! मैं दूर का ख़ुदा भी हूँ।
Jere UrduGeoD 23:24  क्या कोई मेरी नज़र से ग़ायब हो सकता है? नहीं, ऐसी जगह है नहीं जहाँ वह मुझसे छुप सके। आसमानो-ज़मीन मुझसे मामूर रहते हैं।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 23:25  “इन नबियों की बातें मुझ तक पहुँच गई हैं। यह मेरा नाम लेकर झूट बोलते हैं कि मैंने ख़ाब देखा है, ख़ाब देखा है!
Jere UrduGeoD 23:26  यह नबी झूटी पेशगोइयाँ और अपने दिलों के वसवसे सुनाने से कब बाज़ आएँगे?
Jere UrduGeoD 23:27  जो ख़ाब वह एक दूसरे को बताते हैं उनसे वह चाहते हैं कि मेरी क़ौम मेरा नाम यों भूल जाए जिस तरह उनके बापदादा बाल की पूजा करने से मेरा नाम भूल गए थे।”
Jere UrduGeoD 23:28  रब फ़रमाता है, “जिस नबी ने ख़ाब देखा हो वह बेशक अपना ख़ाब बयान करे, लेकिन जिस पर मेरा कलाम नाज़िल हुआ हो वह वफ़ादारी से मेरा कलाम सुनाए। भूसे का गंदुम से क्या वास्ता है?”
Jere UrduGeoD 23:29  रब फ़रमाता है, “क्या मेरा कलाम आग की मानिंद नहीं? क्या वह हथौड़े की तरह चटान को टुकड़े टुकड़े नहीं करता?”
Jere UrduGeoD 23:30  चुनाँचे रब फ़रमाता है, “अब मैं उन नबियों से निपट लूँगा जो एक दूसरे के पैग़ामात चुराकर दावा करते हैं कि वह मेरी तरफ़ से हैं।”
Jere UrduGeoD 23:31  रब फ़रमाता है, “मैं उनसे निपट लूँगा जो अपने शख़्सी ख़यालात सुनाकर दावा करते हैं, ‘यह रब का फ़रमान है’।”
Jere UrduGeoD 23:32  रब फ़रमाता है, “मैं उनसे निपट लूँगा जो झूटे ख़ाब सुनाकर मेरी क़ौम को अपनी धोकेबाज़ी और शेख़ी की बातों से ग़लत राह पर लाते हैं, हालाँकि मैंने उन्हें न भेजा, न कुछ कहने को कहा था। उन लोगों का इस क़ौम के लिए कोई भी फ़ायदा नहीं।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 23:33  “ऐ यरमियाह, अगर इस क़ौम के आम लोग या इमाम या नबी तुझसे पूछें, ‘आज रब ने तुझ पर कलाम का क्या बोझ नाज़िल किया है?’ तो जवाब दे, ‘रब फ़रमाता है कि तुम ही मुझ पर बोझ हो! लेकिन मैं तुम्हें उतार फेंकूँगा।’
Jere UrduGeoD 23:34  और अगर कोई नबी, इमाम या आम शख़्स दावा करे, ‘रब ने मुझ पर कलाम का बोझ नाज़िल किया है’ तो मैं उसे उसके घराने समेत सज़ा दूँगा।
Jere UrduGeoD 23:35  इसके बजाए एक दूसरे से सवाल करो कि ‘रब ने क्या जवाब दिया?’ या ‘रब ने क्या फ़रमाया?’
Jere UrduGeoD 23:36  आइंदा रब के पैग़ाम के लिए लफ़्ज़ ‘बोझ’ इस्तेमाल न करो, क्योंकि जो भी बात तुम करो वह तुम्हारा अपना बोझ होगी। क्योंकि तुम ज़िंदा ख़ुदा के अलफ़ाज़ को तोड़-मरोड़कर बयान करते हो, उस कलाम को जो रब्बुल-अफ़वाज हमारे ख़ुदा ने नाज़िल किया है।
Jere UrduGeoD 23:37  चुनाँचे आइंदा नबी से सिर्फ़ इतना ही पूछो कि ‘रब ने तुझे क्या जवाब दिया?’ या ‘रब ने क्या फ़रमाया?’
Jere UrduGeoD 23:38  लेकिन अगर तुम ‘रब का बोझ’ कहने पर इसरार करो तो रब का जवाब सुनो! चूँकि तुम कहते हो कि ‘मुझ पर रब का बोझ नाज़िल हुआ है’ गो मैंने यह मना किया था,
Jere UrduGeoD 23:39  इसलिए मैं तुम्हें अपनी याद से मिटाकर यरूशलम समेत अपने हुज़ूर से दूर फेंक दूँगा, गो मैंने ख़ुद यह शहर तुम्हें और तुम्हारे बापदादा को फ़राहम किया था।
Jere UrduGeoD 23:40  मैं तुम्हारी अबदी रुसवाई कराऊँगा, और तुम्हारी शरमिंदगी हमेशा तक याद रहेगी।”
Chapter 24
Jere UrduGeoD 24:1  एक दिन रब ने मुझे रोया दिखाई। उस वक़्त बाबल का बादशाह नबूकदनज़्ज़र यहूदाह के बादशाह यहूयाकीन बिन यहूयक़ीम को यहूदाह के बुज़ुर्गों, कारीगरों और लोहारों समेत बाबल में जिलावतन कर चुका था। रोया में मैंने देखा कि अंजीरों से भरी दो टोकरियाँ रब के घर के सामने पड़ी हैं।
Jere UrduGeoD 24:2  एक टोकरी में मौसम के शुरू में पकनेवाले बेहतरीन अंजीर थे जबकि दूसरी में ख़राब अंजीर थे जो खाए भी नहीं जा सकते थे।
Jere UrduGeoD 24:3  रब ने मुझसे सवाल किया, “ऐ यरमियाह, तुझे क्या नज़र आता है?” मैंने जवाब दिया, “मुझे अंजीर नज़र आते हैं। कुछ बेहतरीन हैं जबकि दूसरे इतने ख़राब हैं कि उन्हें खाया भी नहीं जा सकता।”
Jere UrduGeoD 24:4  तब रब मुझसे हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 24:5  “रब इसराईल का ख़ुदा फ़रमाता है कि अच्छे अंजीर यहूदाह के वह लोग हैं जिन्हें मैंने जिलावतन करके मुल्के-बाबल में भेजा है। उन्हें मैं मेहरबानी की निगाह से देखता हूँ।
Jere UrduGeoD 24:6  क्योंकि उन पर मैं अपने करम का इज़हार करके उन्हें इस मुल्क में वापस लाऊँगा। मैं उन्हें गिराऊँगा नहीं बल्कि तामीर करूँगा, उन्हें जड़ से उखाड़ूँगा नहीं बल्कि पनीरी की तरह लगाऊँगा।
Jere UrduGeoD 24:7  मैं उन्हें समझदार दिल अता करूँगा ताकि वह मुझे जान लें, वह पहचान लें कि मैं रब हूँ। तब वह मेरी क़ौम होंगे और मैं उनका ख़ुदा हूँगा, क्योंकि वह पूरे दिल से मेरे पास वापस आएँगे।
Jere UrduGeoD 24:8  लेकिन बाक़ी लोग उन ख़राब अंजीरों की मानिंद हैं जो खाए नहीं जाते। उनके साथ मैं वह सुलूक करूँगा जो ख़राब अंजीरों के साथ किया जाता है। उनमें यहूदाह का बादशाह सिदक़ियाह, उसके अफ़सर, यरूशलम और यहूदाह में बचे हुए लोग और मिसर में पनाह लेनेवाले सब शामिल हैं।
Jere UrduGeoD 24:9  मैं होने दूँगा कि वह दुनिया के तमाम ममालिक के लिए दहशत और आफ़त की अलामत बन जाएंगे। जहाँ भी मैं उन्हें मुंतशिर करूँगा वहाँ वह इबरतअंगेज़ मिसाल बन जाएंगे। हर जगह लोग उनकी बेइज़्ज़ती, उन्हें लान-तान और उन पर लानत करेंगे।
Jere UrduGeoD 24:10  जब तक वह उस मुल्क में से मिट न जाएँ जो मैंने उनके बापदादा को दे दिया था उस वक़्त तक मैं उनके दरमियान तलवार, काल और मोहलक बीमारियाँ भेजता रहूँगा।”
Chapter 25
Jere UrduGeoD 25:1  यहूयक़ीम बिन यूसियाह की हुकूमत के चौथे साल में अल्लाह का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ। उसी साल बाबल का बादशाह नबूकदनज़्ज़र तख़्तनशीन हुआ था। यह कलाम यहूदाह के तमाम बाशिंदों के बारे में था।
Jere UrduGeoD 25:2  चुनाँचे यरमियाह नबी ने यरूशलम के तमाम बाशिंदों और यहूदाह की पूरी क़ौम से मुख़ातिब होकर कहा,
Jere UrduGeoD 25:3  “23 साल से रब का कलाम मुझ पर नाज़िल होता रहा है यानी यूसियाह बिन अमून की हुकूमत के तेरहवें साल से लेकर आज तक। बार बार मैं तुम्हें पैग़ामात सुनाता रहा हूँ, लेकिन तुमने ध्यान नहीं दिया।
Jere UrduGeoD 25:4  मेरे अलावा रब दीगर तमाम नबियों को भी बार बार तुम्हारे पास भेजता रहा, लेकिन तुमने न सुना, न तवज्जुह दी,
Jere UrduGeoD 25:5  गो मेरे ख़ादिम तुम्हें बार बार आगाह करते रहे, ‘तौबा करो! हर एक अपनी ग़लत राहों और बुरी हरकतों से बाज़ आकर वापस आए। फिर तुम हमेशा तक उस मुल्क में रहोगे जो रब ने तुम्हें और तुम्हारे बापदादा को अता किया था।
Jere UrduGeoD 25:6  अजनबी माबूदों की पैरवी करके उनकी ख़िदमत और पूजा मत करना! अपने हाथों के बनाए हुए बुतों से मुझे तैश न दिलाना, वरना मैं तुम्हें नुक़सान पहुँचाऊँगा’।”
Jere UrduGeoD 25:7  रब फ़रमाता है, “अफ़सोस! तुमने मेरी न सुनी बल्कि मुझे अपने हाथों के बनाए हुए बुतों से ग़ुस्सा दिलाकर अपने आपको नुक़सान पहुँचाया।”
Jere UrduGeoD 25:8  रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “चूँकि तुमने मेरे पैग़ामात पर ध्यान न दिया,
Jere UrduGeoD 25:9  इसलिए मैं शिमाल की तमाम क़ौमों और अपने ख़ादिम बाबल के बादशाह नबूकदनज़्ज़र को बुला लूँगा ताकि वह इस मुल्क, इसके बाशिंदों और गिर्दो-नवाह के ममालिक पर हमला करें। तब यह सफ़हाए-हस्ती से यों मिट जाएंगे कि लोगों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे और वह उनका मज़ाक़ उड़ाएँगे। यह इलाक़े दायमी खंडरात बन जाएंगे।
Jere UrduGeoD 25:10  मैं उनके दरमियान ख़ुशीओ-शादमानी और दूल्हे दुलहन की आवाज़ें बंद कर दूँगा। चक्कियाँ ख़ामोश पड़ जाएँगी और चराग़ बुझ जाएंगे।
Jere UrduGeoD 25:11  पूरा मुल्क वीरानो-सुनसान हो जाएगा, चारों तरफ़ मलबे के ढेर नज़र आएँगे। तब तुम और इर्दगिर्द की क़ौमें 70 साल तक शाहे-बाबल की ख़िदमत करोगे।
Jere UrduGeoD 25:12  लेकिन 70 साल के बाद मैं शाहे-बाबल और उस की क़ौम को मुनासिब सज़ा दूँगा। मैं मुल्के-बाबल को यों बरबाद करूँगा कि वह हमेशा तक वीरानो-सुनसान रहेगा।
Jere UrduGeoD 25:13  उस वक़्त मैं उस मुल्क पर सब कुछ नाज़िल करूँगा जो मैंने उसके बारे में फ़रमाया है, सब कुछ पूरा हो जाएगा जो इस किताब में दर्ज है और जिसकी पेशगोई यरमियाह ने तमाम अक़वाम के बारे में की है।
Jere UrduGeoD 25:14  उस वक़्त उन्हें भी मुतअद्दिद क़ौमों और बड़े बड़े बादशाहों की ख़िदमत करनी पड़ेगी। यों मैं उन्हें उनकी हरकतों और आमाल का मुनासिब अज्र दूँगा।”
Jere UrduGeoD 25:15  रब जो इसराईल का ख़ुदा है मुझसे हमकलाम हुआ, “देख, मेरे हाथ में मेरे ग़ज़ब से भरा हुआ प्याला है। इसे लेकर उन तमाम क़ौमों को पिला दे जिनके पास मैं तुझे भेजता हूँ।
Jere UrduGeoD 25:16  जो भी क़ौम यह पिए वह मेरी तलवार के आगे डगमगाती हुई दीवाना हो जाएगी।”
Jere UrduGeoD 25:17  चुनाँचे मैंने रब के हाथ से प्याला लेकर उसे उन तमाम अक़वाम को पिला दिया जिनके पास रब ने मुझे भेजा।
Jere UrduGeoD 25:18  पहले यरूशलम और यहूदाह के शहरों को उनके बादशाहों और बुज़ुर्गों समेत ग़ज़ब का प्याला पीना पड़ा। तब मुल्क मलबे का ढेर बन गया जिसे देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। आज तक वह मज़ाक़ और लानत का निशाना है।
Jere UrduGeoD 25:19  फिर यके बाद दीगरे मुतअद्दिद क़ौमों को ग़ज़ब का प्याला पीना पड़ा। ज़ैल में उनकी फ़हरिस्त है : मिसर का बादशाह फ़िरौन, उसके दरबारी, अफ़सर, पूरी मिसरी क़ौम
Jere UrduGeoD 25:20  और मुल्क में बसनेवाले ग़ैरमुल्की, मुल्के-ऊज़ के तमाम बादशाह, फ़िलिस्ती बादशाह और उनके शहर अस्क़लून, ग़ज़्ज़ा और अक़रून, नीज़ फ़िलिस्ती शहर अशदूद का बचा-खुचा हिस्सा,
Jere UrduGeoD 25:21  अदोम, मोआब और अम्मोन,
Jere UrduGeoD 25:22  सूर और सैदा के तमाम बादशाह, बहीराए-रूम के साहिली इलाक़े,
Jere UrduGeoD 25:23  ददान, तैमा और बूज़ के शहर, वह क़ौमें जो रेगिस्तान के किनारे किनारे रहती हैं,
Jere UrduGeoD 25:24  मुल्के-अरब के तमाम बादशाह, रेगिस्तान में मिलकर बसनेवाले ग़ैरमुल्कियों के बादशाह,
Jere UrduGeoD 25:25  ज़िमरी, ऐलाम और मादी के तमाम बादशाह,
Jere UrduGeoD 25:26  शिमाल के दूरो-नज़दीक के तमाम बादशाह। यके बाद दीगरे दुनिया के तमाम ममालिक को ग़ज़ब का प्याला पीना पड़ा। आख़िर में शेशक के बादशाह को भी यह प्याला पीना पड़ा।
Jere UrduGeoD 25:27  फिर रब ने कहा, “उन्हें बता, ‘रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि ग़ज़ब का प्याला ख़ूब पियो! इतना पियो कि नशे में आकर क़ै आने लगे। उस वक़्त तक पीते जाओ जब तक तुम मेरी तलवार के आगे गिरकर पड़े न रहो।’
Jere UrduGeoD 25:28  अगर वह तेरे हाथ से प्याला न लें बल्कि उसे पीने से इनकार करें तो उन्हें बता, ‘रब्बुल-अफ़वाज ख़ुद फ़रमाता है कि पियो!
Jere UrduGeoD 25:29  देखो, जिस शहर पर मेरे नाम का ठप्पा लगा है उसी पर मैं आफ़त लाने लगा हूँ। अगर मैंने उसी से शुरू किया तो फिर तुम किस तरह बचे रहोगे? यक़ीनन तुम्हें सज़ा मिलेगी, क्योंकि मैंने तय कर लिया है कि दुनिया के तमाम बाशिंदे तलवार की ज़द में आ जाएँ’।” यह रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 25:30  “ऐ यरमियाह, उन्हें यह तमाम पेशगोइयाँ सुनाकर बता कि रब बुलंदियों से दहाड़ेगा। उस की मुक़द्दस सुकूनतगाह से उस की कड़कती आवाज़ निकलेगी, वह ज़ोर से अपनी चरागाह के ख़िलाफ़ गरजेगा। जिस तरह अंगूर का रस निकालनेवाले अंगूर को रौंदते वक़्त ज़ोर से नारे लगाते हैं उसी तरह वह नारे लगाएगा, अलबत्ता जंग के नारे। क्योंकि वह दुनिया के तमाम बाशिंदों के ख़िलाफ़ जंग के नारे लगाएगा।
Jere UrduGeoD 25:31  उसका शोर दुनिया की इंतहा तक गूँजेगा, क्योंकि रब अदालत में अक़वाम से मुक़दमा लड़ेगा, वह तमाम इनसानों का इनसाफ़ करके शरीरों को तलवार के हवाले कर देगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 25:32  रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “देखो, यके बाद दीगरे तमाम क़ौमों पर आफ़त नाज़िल हो रही है, ज़मीन की इंतहा से ज़बरदस्त तूफ़ान आ रहा है।
Jere UrduGeoD 25:33  उस वक़्त रब के मारे हुए लोगों की लाशें दुनिया के एक सिरे से दूसरे सिरे तक पड़ी रहेंगी। न कोई उन पर मातम करेगा, न उन्हें उठाकर दफ़न करेगा। वह खेत में बिखरे गोबर की तरह ज़मीन पर पड़ी रहेंगी।
Jere UrduGeoD 25:34  ऐ गल्लाबानो, वावैला करो! ऐ रेवड़ के राहनुमाओ, राख में लोट-पोट हो जाओ! क्योंकि वक़्त आ गया है कि तुम्हें ज़बह किया जाए। तुम गिरकर नाज़ुक बरतन की तरह पाश पाश हो जाओगे।
Jere UrduGeoD 25:35  गल्लाबान कहीं भी भागकर पनाह नहीं ले सकेंगे, रेवड़ के राहनुमा बच ही नहीं सकेंगे।
Jere UrduGeoD 25:36  सुनो! गल्लाबानों की चीख़ें और रेवड़ के राहनुमाओं की आहें! क्योंकि रब उनकी चरागाह को तबाह कर रहा है।
Jere UrduGeoD 25:37  पुरसुकून मर्ग़ज़ारों का सत्यानास होगा जब रब का सख़्त ग़ज़ब नाज़िल होगा,
Jere UrduGeoD 25:38  जब रब जवान शेरबबर की तरह अपनी छुपने की जगह से निकलकर लोगों पर टूट पड़ेगा। तब ज़ालिम की तेज़ तलवार और रब का शदीद क़हर उनका मुल्क तबाह करेगा।”
Chapter 26
Jere UrduGeoD 26:1  जब यहूयक़ीम बिन यूसियाह यहूदाह के तख़्त पर बैठ गया तो थोड़ी देर के बाद रब का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ।
Jere UrduGeoD 26:2  रब ने फ़रमाया, “ऐ यरमियाह, रब के घर के सहन में खड़ा होकर उन तमाम लोगों से मुख़ातिब हो जो रब के घर में सिजदा करने के लिए यहूदाह के दीगर शहरों से आए हैं। उन्हें मेरा पूरा पैग़ाम सुना दे, एक बात भी न छोड़!
Jere UrduGeoD 26:3  शायद वह सुनें और हर एक अपनी बुरी राह से बाज़ आ जाए। इस सूरत में मैं पछताकर उन पर वह सज़ा नाज़िल नहीं करूँगा जिसका मनसूबा मैंने उनके बुरे आमाल देखकर बाँध लिया है।
Jere UrduGeoD 26:4  उन्हें बता, ‘रब फ़रमाता है कि मेरी सुनो और मेरी उस शरीअत पर अमल करो जो मैंने तुम्हें दी है।
Jere UrduGeoD 26:5  नीज़, नबियों के पैग़ामात पर ध्यान दो। अफ़सोस, गो मैं अपने ख़ादिमों को बार बार तुम्हारे पास भेजता रहा तो भी तुमने उनकी न सुनी।
Jere UrduGeoD 26:6  अगर तुम आइंदा भी न सुनो तो मैं इस घर को यों तबाह करूँगा जिस तरह मैंने सैला का मक़दिस तबाह किया था। मैं इस शहर को भी यों ख़ाक में मिला दूँगा कि इबरतअंगेज़ मिसाल बन जाएगा। दुनिया की तमाम क़ौमों में जब कोई अपने दुश्मन पर लानत भेजना चाहे तो वह कहेगा कि उसका यरूशलम का-सा अंजाम हो’।”
Jere UrduGeoD 26:7  जब यरमियाह ने रब के घर में रब के यह अलफ़ाज़ सुनाए तो इमामों, नबियों और तमाम बाक़ी लोगों ने ग़ौर से सुना।
Jere UrduGeoD 26:8  यरमियाह ने उन्हें सब कुछ पेश किया जो रब ने उसे सुनाने को कहा था। लेकिन ज्योंही वह इख़्तिताम पर पहुँच गया तो इमाम, नबी और बाक़ी तमाम लोग उसे पकड़कर चीख़ने लगे, “तुझे मरना ही है!
Jere UrduGeoD 26:9  तू रब का नाम लेकर क्यों कह रहा है कि रब का घर सैला की तरह तबाह हो जाएगा, और यरूशलम मलबे का ढेर बनकर ग़ैरआबाद हो जाएगा?” ऐसी बातें कहकर तमाम लोगों ने रब के घर में यरमियाह को घेरे रखा।
Jere UrduGeoD 26:10  जब यहूदाह के बुज़ुर्गों को इसकी ख़बर मिली तो वह शाही महल से निकलकर रब के घर के पास पहुँचे। वहाँ वह रब के घर के सहन के नए दरवाज़े में बैठ गए ताकि यरमियाह की अदालत करें।
Jere UrduGeoD 26:11  तब इमामों और नबियों ने बुज़ुर्गों और तमाम लोगों के सामने यरमियाह पर इलज़ाम लगाया, “लाज़िम है कि इस आदमी को सज़ाए-मौत दी जाए! क्योंकि इसने इस शहर यरूशलम के ख़िलाफ़ नबुव्वत की है। आपने अपने कानों से यह बात सुनी है।”
Jere UrduGeoD 26:12  तब यरमियाह ने बुज़ुर्गों और बाक़ी तमाम लोगों से कहा, “रब ने ख़ुद मुझे यहाँ भेजा ताकि मैं रब के घर और यरूशलम के ख़िलाफ़ उन तमाम बातों की पेशगोई करूँ जो आपने सुनी हैं।
Jere UrduGeoD 26:13  चुनाँचे अपनी राहों और आमाल को दुरुस्त करें! रब अपने ख़ुदा की सुनें ताकि वह पछताकर आप पर वह सज़ा नाज़िल न करे जिसका एलान उसने किया है।
Jere UrduGeoD 26:14  जहाँ तक मेरा ताल्लुक़ है, मैं तो आपके हाथ में हूँ। मेरे साथ वह सुलूक करें जो आपको अच्छा और मुनासिब लगे।
Jere UrduGeoD 26:15  लेकिन एक बात जान लें। अगर आप मुझे सज़ाए-मौत दें तो आप बेक़ुसूर के क़ातिल ठहरेंगे। आप और यह शहर उसके तमाम बाशिंदों समेत क़ुसूरवार ठहरेंगे। क्योंकि रब ही ने मुझे आपके पास भेजा ताकि आपके सामने ही यह बातें करूँ।”
Jere UrduGeoD 26:16  यह सुनकर बुज़ुर्गों और अवाम के तमाम लोगों ने इमामों और नबियों से कहा, “यह आदमी सज़ाए-मौत के लायक़ नहीं है! क्योंकि उसने रब हमारे ख़ुदा का नाम लेकर हमसे बात की है।”
Jere UrduGeoD 26:17  फिर मुल्क के कुछ बुज़ुर्ग खड़े होकर पूरी जमात से मुख़ातिब हुए,
Jere UrduGeoD 26:18  “जब हिज़क़ियाह यहूदाह का बादशाह था तो मोरशत के रहनेवाले नबी मीकाह ने नबुव्वत करके यहूदाह के तमाम बाशिंदों से कहा, ‘रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है कि सिय्यून पर खेत की तरह हल चलाया जाएगा, और यरूशलम मलबे का ढेर बन जाएगा। रब के घर की पहाड़ी पर गुंजान जंगल उगेगा।’
Jere UrduGeoD 26:19  क्या यहूदाह के बादशाह हिज़क़ियाह या यहूदाह के किसी और शख़्स ने मीकाह को सज़ाए-मौत दी? हरगिज़ नहीं, बल्कि हिज़क़ियाह ने रब का ख़ौफ़ मानकर उसका ग़ुस्सा ठंडा करने की कोशिश की। नतीजे में रब ने पछताकर वह सज़ा उन पर नाज़िल न की जिसका एलान वह कर चुका था। सुनें, अगर हम यरमियाह को सज़ाए-मौत दें तो अपने आप पर सख़्त सज़ा लाएँगे।”
Jere UrduGeoD 26:20  उन दिनों में एक और नबी भी यरमियाह की तरह रब का नाम लेकर नबुव्वत करता था। उसका नाम ऊरियाह बिन समायाह था, और वह क़िरियत-यारीम का रहनेवाला था। उसने भी यरूशलम और यहूदाह के ख़िलाफ़ वही पेशगोइयाँ सुनाईं जो यरमियाह सुनाता था।
Jere UrduGeoD 26:21  जब यहूयक़ीम बादशाह और उसके तमाम फ़ौजी और सरकारी अफ़सरों ने उस की बातें सुनीं तो बादशाह ने उसे मार डालने की कोशिश की। लेकिन ऊरियाह को इसकी ख़बर मिली, और वह डरकर भाग गया। चलते चलते वह मिसर पहुँच गया।
Jere UrduGeoD 26:22  तब यहूयक़ीम ने इलनातन बिन अकबोर और चंद एक आदमियों को वहाँ भेज दिया।
Jere UrduGeoD 26:23  वहाँ पहुँचकर वह ऊरियाह को पकड़कर यहूयक़ीम के पास वापस लाए। बादशाह के हुक्म पर उसका सर क़लम कर दिया गया और उस की नाश को निचले तबक़े के लोगों के क़ब्रिस्तान में दफ़नाया गया।
Jere UrduGeoD 26:24  लेकिन यरमियाह की जान छूट गई। उसे अवाम के हवाले न किया गया, गो वह उसे मार डालना चाहते थे, क्योंकि अख़ीक़ाम बिन साफ़न उसके हक़ में था।
Chapter 27
Jere UrduGeoD 27:1  जब सिदक़ियाह बिन यूसियाह यहूदाह के तख़्त पर बैठ गया तो रब यरमियाह से हमकलाम हुआ।
Jere UrduGeoD 27:2  रब ने मुझे फ़रमाया, “अपने लिए जुआ और उसके रस्से बनाकर उसे अपनी गरदन पर रख ले!
Jere UrduGeoD 27:3  फिर अदोम, मोआब, अम्मोन, सूर और सैदा के शाही सफ़ीरों के पास जा जो इस वक़्त यरूशलम में सिदक़ियाह बादशाह के पास जमा हैं।
Jere UrduGeoD 27:4  उनके हाथ उनके बादशाहों को पैग़ाम भेज, ‘रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि
Jere UrduGeoD 27:5  मैंने अपना हाथ बढ़ाकर बड़ी क़ुदरत से दुनिया को इनसानो-हैवान समेत ख़लक़ किया है, और मैं ही यह चीज़ें उसे अता करता हूँ जो मेरी नज़र में लायक़ है।
Jere UrduGeoD 27:6  इस वक़्त मैं तुम्हारे तमाम ममालिक को अपने ख़ादिम शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र के हवाले करूँगा। जंगली जानवर तक सब उसके ताबे हो जाएंगे।
Jere UrduGeoD 27:7  तमाम अक़वाम उस की और उसके बेटे और पोते की ख़िदमत करेंगी। फिर एक वक़्त आएगा कि बाबल की हुकूमत ख़त्म हो जाएगी। तब मुतअद्दिद क़ौमें और बड़े बड़े बादशाह उसे अपने ही ताबे कर लेंगे।
Jere UrduGeoD 27:8  लेकिन इस वक़्त लाज़िम है कि हर क़ौम और सलतनत शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र की ख़िदमत करके उसका जुआ क़बूल करे। जो इनकार करे उसे मैं तलवार, काल और मोहलक बीमारियों से उस वक़्त तक सज़ा दूँगा जब तक वह पूरे तौर पर नबूकदनज़्ज़र के हाथ से तबाह न हो जाए। यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 27:9  चुनाँचे अपने नबियों, फ़ालगीरों, ख़ाब देखनेवालों, क़िस्मत का हाल बतानेवालों और जादूगरों पर ध्यान न दो जब वह तुम्हें बताते हैं कि तुम शाहे-बाबल की ख़िदमत नहीं करोगे।
Jere UrduGeoD 27:10  क्योंकि वह तुम्हें झूटी पेशगोइयाँ पेश कर रहे हैं जिनका सिर्फ़ यह नतीजा निकलेगा कि मैं तुम्हें वतन से निकालकर मुंतशिर करूँगा और तुम हलाक हो जाओगे।
Jere UrduGeoD 27:11  लेकिन जो क़ौम शाहे-बाबल का जुआ क़बूल करके उस की ख़िदमत करे उसे मैं उसके अपने मुल्क में रहने दूँगा, और वह उस की खेतीबाड़ी करके उसमें बसेगी। यह रब का फ़रमान है’।”
Jere UrduGeoD 27:12  मैंने यही पैग़ाम यहूदाह के बादशाह सिदक़ियाह को भी सुनाया। मैं बोला, “शाहे-बाबल के जुए को क़बूल करके उस की और उस की क़ौम की ख़िदमत करो तो तुम ज़िंदा रहोगे।
Jere UrduGeoD 27:13  क्या ज़रूरत है कि तू अपनी क़ौम समेत तलवार, काल और मोहलक बीमारियों की ज़द में आकर हलाक हो जाए? क्योंकि रब ने फ़रमाया है कि हर क़ौम जो शाहे-बाबल की ख़िदमत करने से इनकार करे उसका यही अंजाम होगा।
Jere UrduGeoD 27:14  उन नबियों पर तवज्जुह मत देना जो तुमसे कहते हैं, ‘तुम शाहे-बाबल की ख़िदमत नहीं करोगे।’ उनकी यह पेशगोई झूट ही है।
Jere UrduGeoD 27:15  रब फ़रमाता है, ‘मैंने उन्हें नहीं भेजा बल्कि वह मेरा नाम लेकर झूटी पेशगोइयाँ सुना रहे हैं। अगर तुम उनकी सुनो तो मैं तुम्हें मुंतशिर कर दूँगा, और तुम नबुव्वत करनेवाले उन नबियों समेत हलाक हो जाओगे’।”
Jere UrduGeoD 27:16  फिर मैं इमामों और पूरी क़ौम से मुख़ातिब हुआ, “रब फ़रमाता है, ‘उन नबियों की न सुनो जो नबुव्वत करके कहते हैं कि अब रब के घर का सामान जल्द ही मुल्के-बाबल से वापस लाया जाएगा। वह तुम्हें झूटी पेशगोइयाँ बयान कर रहे हैं।
Jere UrduGeoD 27:17  उन पर तवज्जुह मत देना। बाबल के बादशाह की ख़िदमत करो तो तुम ज़िंदा रहोगे। यह शहर क्यों मलबे का ढेर बन जाए?
Jere UrduGeoD 27:18  अगर यह लोग वाक़ई नबी हों और इन्हें रब का कलाम मिला हो तो इन्हें रब के घर, शाही महल और यरूशलम में अब तक बचे हुए सामान के लिए दुआ करनी चाहिए। वह रब्बुल-अफ़वाज से शफ़ाअत करें कि यह चीज़ें मुल्के-बाबल न ले जाई जाएँ बल्कि यहीं रहें।
Jere UrduGeoD 27:19  अब तक पीतल के सतून, पीतल का हौज़ बनाम समुंदर, पानी के बासन उठानेवाली हथगाड़ियाँ और इस शहर का बाक़ी बचा हुआ सामान यहीं मौजूद है। नबूकदनज़्ज़र ने इन्हें उस वक़्त अपने साथ नहीं लिया था जब वह यहूदाह के बादशाह यहूयाकीन बिन यहूयक़ीम को यरूशलम और यहूदाह के तमाम शुरफ़ा समेत जिलावतन करके मुल्के-बाबल ले गया था। लेकिन रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है इन चीज़ों के बारे में फ़रमाता है कि जितनी भी क़ीमती चीज़ें अब तक रब के घर, शाही महल या यरूशलम में कहीं और बच गई हैं वह भी मुल्के-बाबल में पहुँचाई जाएँगी। वहीं वह उस वक़्त तक रहेंगी जब तक मैं उन पर नज़र डालकर उन्हें इस जगह वापस न लाऊँ।’ यह रब का फ़रमान है।”
Jere UrduGeoD 27:20  अब तक पीतल के सतून, पीतल का हौज़ बनाम समुंदर, पानी के बासन उठानेवाली हथगाड़ियाँ और इस शहर का बाक़ी बचा हुआ सामान यहीं मौजूद है। नबूकदनज़्ज़र ने इन्हें उस वक़्त अपने साथ नहीं लिया था जब वह यहूदाह के बादशाह यहूयाकीन बिन यहूयक़ीम को यरूशलम और यहूदाह के तमाम शुरफ़ा समेत जिलावतन करके मुल्के-बाबल ले गया था। लेकिन रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है इन चीज़ों के बारे में फ़रमाता है कि जितनी भी क़ीमती चीज़ें अब तक रब के घर, शाही महल या यरूशलम में कहीं और बच गई हैं वह भी मुल्के-बाबल में पहुँचाई जाएँगी। वहीं वह उस वक़्त तक रहेंगी जब तक मैं उन पर नज़र डालकर उन्हें इस जगह वापस न लाऊँ।’ यह रब का फ़रमान है।”
Jere UrduGeoD 27:21  अब तक पीतल के सतून, पीतल का हौज़ बनाम समुंदर, पानी के बासन उठानेवाली हथगाड़ियाँ और इस शहर का बाक़ी बचा हुआ सामान यहीं मौजूद है। नबूकदनज़्ज़र ने इन्हें उस वक़्त अपने साथ नहीं लिया था जब वह यहूदाह के बादशाह यहूयाकीन बिन यहूयक़ीम को यरूशलम और यहूदाह के तमाम शुरफ़ा समेत जिलावतन करके मुल्के-बाबल ले गया था। लेकिन रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है इन चीज़ों के बारे में फ़रमाता है कि जितनी भी क़ीमती चीज़ें अब तक रब के घर, शाही महल या यरूशलम में कहीं और बच गई हैं वह भी मुल्के-बाबल में पहुँचाई जाएँगी। वहीं वह उस वक़्त तक रहेंगी जब तक मैं उन पर नज़र डालकर उन्हें इस जगह वापस न लाऊँ।’ यह रब का फ़रमान है।”
Jere UrduGeoD 27:22  अब तक पीतल के सतून, पीतल का हौज़ बनाम समुंदर, पानी के बासन उठानेवाली हथगाड़ियाँ और इस शहर का बाक़ी बचा हुआ सामान यहीं मौजूद है। नबूकदनज़्ज़र ने इन्हें उस वक़्त अपने साथ नहीं लिया था जब वह यहूदाह के बादशाह यहूयाकीन बिन यहूयक़ीम को यरूशलम और यहूदाह के तमाम शुरफ़ा समेत जिलावतन करके मुल्के-बाबल ले गया था। लेकिन रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है इन चीज़ों के बारे में फ़रमाता है कि जितनी भी क़ीमती चीज़ें अब तक रब के घर, शाही महल या यरूशलम में कहीं और बच गई हैं वह भी मुल्के-बाबल में पहुँचाई जाएँगी। वहीं वह उस वक़्त तक रहेंगी जब तक मैं उन पर नज़र डालकर उन्हें इस जगह वापस न लाऊँ।’ यह रब का फ़रमान है।”
Chapter 28
Jere UrduGeoD 28:1  उसी साल के पाँचवें महीने में जिबऊन का रहनेवाला नबी हननियाह बिन अज़्ज़ूर रब के घर में आया। उस वक़्त यानी सिदक़ियाह की हुकूमत के चौथे साल में वह इमामों और क़ौम की मौजूदगी में मुझसे मुख़ातिब हुआ,
Jere UrduGeoD 28:2  “रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि मैं शाहे-बाबल का जुआ तोड़ डालूँगा।
Jere UrduGeoD 28:3  दो साल के अंदर अंदर मैं रब के घर का वह सारा सामान इस जगह वापस पहुँचाऊँगा जो शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र यहाँ से निकालकर बाबल ले गया था।
Jere UrduGeoD 28:4  उस वक़्त मैं यहूदाह के बादशाह यहूयाकीन बिन यहूयक़ीम और यहूदाह के दीगर तमाम जिलावतनों को भी बाबल से वापस लाऊँगा। क्योंकि मैं यक़ीनन शाहे-बाबल का जुआ तोड़ डालूँगा। यह रब का फ़रमान है।”
Jere UrduGeoD 28:5  यह सुनकर यरमियाह ने इमामों और रब के घर में खड़े बाक़ी परस्तारों की मौजूदगी में हननियाह नबी से कहा,
Jere UrduGeoD 28:6  “आमीन! रब ऐसा ही करे, वह तेरी पेशगोई पूरी करके रब के घर का सामान और तमाम जिलावतनों को बाबल से इस जगह वापस लाए।
Jere UrduGeoD 28:7  लेकिन उस पर तवज्जुह दे जो मैं तेरी और पूरी क़ौम की मौजूदगी में बयान करता हूँ!
Jere UrduGeoD 28:8  क़दीम ज़माने से लेकर आज तक जितने नबी मुझसे और तुझसे पहले ख़िदमत करते आए हैं उन्होंने मुतअद्दिद मुल्कों और बड़ी बड़ी सलतनतों के बारे में नबुव्वत की थी कि उन पर जंग, आफ़त और मोहलक बीमारियाँ नाज़िल होंगी।
Jere UrduGeoD 28:9  चुनाँचे ख़बरदार! जो नबी सलामती की पेशगोई करे उस की तसदीक़ उस वक़्त होगी जब उस की पेशगोई पूरी हो जाएगी। उसी वक़्त लोग जान लेंगे कि उसे वाक़ई रब की तरफ़ से भेजा गया है।”
Jere UrduGeoD 28:10  तब हननियाह ने लकड़ी के जुए को यरमियाह की गरदन पर से उतारकर उसे तोड़ दिया।
Jere UrduGeoD 28:11  तमाम लोगों के सामने उसने कहा, “रब फ़रमाता है कि दो साल के अंदर अंदर मैं इसी तरह शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र का जुआ तमाम क़ौमों की गरदन पर से उतारकर तोड़ डालूँगा।” तब यरमियाह वहाँ से चला गया।
Jere UrduGeoD 28:12  इस वाक़िये के थोड़ी देर बाद रब यरमियाह से हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 28:13  “जा, हननियाह को बता, ‘रब फ़रमाता है कि तूने लकड़ी का जुआ तो तोड़ दिया है, लेकिन उस की जगह तूने अपनी गरदन पर लोहे का जुआ रख लिया है।’
Jere UrduGeoD 28:14  क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि मैंने लोहे का जुआ इन तमाम क़ौमों पर रख दिया है ताकि वह नबूकदनज़्ज़र की ख़िदमत करें। और न सिर्फ़ यह उस की ख़िदमत करेंगे बल्कि मैं जंगली जानवरों को भी उसके हाथ में कर दूँगा।”
Jere UrduGeoD 28:15  फिर यरमियाह ने हननियाह से कहा, “ऐ हननियाह, सुन! गो रब ने तुझे नहीं भेजा तो भी तूने इस क़ौम को झूट पर भरोसा रखने पर आमादा किया है।
Jere UrduGeoD 28:16  इसलिए रब फ़रमाता है, ‘मैं तुझे रूए-ज़मीन पर से मिटाने को हूँ। इसी साल तू मर जाएगा, इसलिए कि तूने रब से सरकश होने का मशवरा दिया है’।”
Jere UrduGeoD 28:17  और ऐसा ही हुआ। उसी साल के सातवें महीने यानी दो महीने के बाद हननियाह नबी कूच कर गया।
Chapter 29
Jere UrduGeoD 29:1  एक दिन यरमियाह नबी ने यरूशलम से एक ख़त मुल्के-बाबल भेजा। यह ख़त उन बचे हुए बुज़ुर्गों, इमामों, नबियों और बाक़ी इसराईलियों के नाम लिखा था जिन्हें नबूकदनज़्ज़र बादशाह जिलावतन करके बाबल ले गया था।
Jere UrduGeoD 29:2  उनमें यहूयाकीन बादशाह, उस की माँ और दरबारी, और यहूदाह और यरूशलम के बुज़ुर्ग, कारीगर और लोहार शामिल थे।
Jere UrduGeoD 29:3  यह ख़त इलियासा बिन साफ़न और जमरियाह बिन ख़िलक़ियाह के हाथ बाबल पहुँचा जिन्हें यहूदाह के बादशाह सिदक़ियाह ने बाबल में शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र के पास भेजा था। ख़त में लिखा था,
Jere UrduGeoD 29:4  “रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘ऐ तमाम जिलावतनो जिन्हें मैं यरूशलम से निकालकर बाबल ले गया हूँ, ध्यान से सुनो!
Jere UrduGeoD 29:5  बाबल में घर बनाकर उनमें बसने लगो। बाग़ लगाकर उनका फल खाओ।
Jere UrduGeoD 29:6  शादी करके बेटे-बेटियाँ पैदा करो। अपने बेटे-बेटियों की शादी कराओ ताकि उनके भी बच्चे पैदा हो जाएँ। ध्यान दो कि मुल्के-बाबल में तुम्हारी तादाद कम न हो जाए बल्कि बढ़ जाए।
Jere UrduGeoD 29:7  उस शहर की सलामती के तालिब रहो जिसमें मैं तुम्हें जिलावतन करके ले गया हूँ। रब से उसके लिए दुआ करो! क्योंकि तुम्हारी सलामती उसी की सलामती पर मुनहसिर है।’
Jere UrduGeoD 29:8  रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘ख़बरदार! तुम्हारे दरमियान रहनेवाले नबी और क़िस्मत का हाल बतानेवाले तुम्हें फ़रेब न दें। उन ख़ाबों पर तवज्जुह मत देना जो यह देखते हैं।’
Jere UrduGeoD 29:9  रब फ़रमाता है, ‘यह मेरा नाम लेकर तुम्हें झूटी पेशगोइयाँ सुनाते हैं, गो मैंने उन्हें नहीं भेजा।’
Jere UrduGeoD 29:10  क्योंकि रब फ़रमाता है, ‘तुम्हें बाबल में रहते हुए कुल 70 साल गुज़र जाएंगे। लेकिन इसके बाद मैं तुम्हारी तरफ़ रुजू करूँगा, मैं अपना पुरफ़ज़ल वादा पूरा करके तुम्हें वापस लाऊँगा।’
Jere UrduGeoD 29:11  क्योंकि रब फ़रमाता है, ‘मैं उन मनसूबों से ख़ूब वाक़िफ़ हूँ जो मैंने तुम्हारे लिए बाँधे हैं। यह मनसूबे तुम्हें नुक़सान नहीं पहुँचाएँगे बल्कि तुम्हारी सलामती का बाइस होंगे, तुम्हें उम्मीद दिलाकर एक अच्छा मुस्तक़बिल फ़राहम करेंगे।
Jere UrduGeoD 29:12  उस वक़्त तुम मुझे पुकारोगे, तुम आकर मुझसे दुआ करोगे तो मैं तुम्हारी सुनूँगा।
Jere UrduGeoD 29:13  तुम मुझे तलाश करके पा लोगे। क्योंकि अगर तुम पूरे दिल से मुझे ढूँडो
Jere UrduGeoD 29:14  तो मैं होने दूँगा कि तुम मुझे पाओ।’ यह रब का फ़रमान है। ‘फिर मैं तुम्हें बहाल करके उन तमाम क़ौमों और मक़ामों से जमा करूँगा जहाँ मैंने तुम्हें मुंतशिर कर दिया था। और मैं तुम्हें उस मुल्क में वापस लाऊँगा जिससे मैंने तुम्हें निकालकर जिलावतन कर दिया था।’ यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 29:15  तुम्हारा दावा है कि रब ने यहाँ बाबल में भी हमारे लिए नबी बरपा किए हैं।
Jere UrduGeoD 29:16  लेकिन रब का जवाब सुनो! दाऊद के तख़्त पर बैठनेवाले बादशाह और यरूशलम में बचे हुए तमाम बाशिंदों के बारे में रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, ‘तुम्हारे जितने भाई जिलावतनी से बच गए हैं उनके ख़िलाफ़ मैं तलवार, काल और मोहलक बीमारियाँ भेज दूँगा। मैं उन्हें गले हुए अंजीरों की मानिंद बना दूँगा, जो ख़राब होने की वजह से खाए नहीं जाएंगे।
Jere UrduGeoD 29:17  लेकिन रब का जवाब सुनो! दाऊद के तख़्त पर बैठनेवाले बादशाह और यरूशलम में बचे हुए तमाम बाशिंदों के बारे में रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, ‘तुम्हारे जितने भाई जिलावतनी से बच गए हैं उनके ख़िलाफ़ मैं तलवार, काल और मोहलक बीमारियाँ भेज दूँगा। मैं उन्हें गले हुए अंजीरों की मानिंद बना दूँगा, जो ख़राब होने की वजह से खाए नहीं जाएंगे।
Jere UrduGeoD 29:18  मैं तलवार, काल और मोहलक बीमारियों से उनका यों ताक़्क़ुब करूँगा कि दुनिया के तमाम ममालिक उनकी हालत देखकर घबरा जाएंगे। जिस क़ौम में भी मैं उन्हें मुंतशिर करूँगा वहाँ लोगों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। किसी पर लानत भेजते वक़्त लोग कहेंगे कि उसे यहूदाह के बाशिंदों का-सा अंजाम नसीब हो। हर जगह वह मज़ाक़ और रुसवाई का निशाना बन जाएंगे।
Jere UrduGeoD 29:19  क्यों? इसलिए कि उन्होंने मेरी न सुनी, गो मैं अपने ख़ादिमों यानी नबियों के ज़रीए बार बार उन्हें पैग़ामात भेजता रहा। लेकिन तुमने भी मेरी न सुनी।’ यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 29:20  अब रब का फ़रमान सुनो, तुम सब जो जिलावतन हो चुके हो, जिन्हें मैं यरूशलम से निकालकर बाबल भेज चुका हूँ।
Jere UrduGeoD 29:21  रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘अख़ियब बिन क़ौलायाह और सिदक़ियाह बिन मासियाह मेरा नाम लेकर तुम्हें झूटी पेशगोइयाँ सुनाते हैं। इसलिए मैं उन्हें शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र के हाथ में दूँगा जो उन्हें तेरे देखते देखते सज़ाए-मौत देगा।
Jere UrduGeoD 29:22  उनका अंजाम इबरतअंगेज़ मिसाल बन जाएगा। किसी पर लानत भेजते वक़्त यहूदाह के जिलावतन कहेंगे, “रब तेरे साथ सिदक़ियाह और अख़ियब का-सा सुलूक करे जिन्हें शाहे-बाबल ने आग में भून लिया!”
Jere UrduGeoD 29:23  क्योंकि उन्होंने इसराईल में बेदीन हरकतें की हैं। अपने पड़ोसियों की बीवियों के साथ ज़िना करने के साथ साथ उन्होंने मेरा नाम लेकर ऐसे झूटे पैग़ाम सुनाए हैं जो मैंने उन्हें सुनाने को नहीं कहा था। मुझे इसका पूरा इल्म है, और मैं इसका गवाह हूँ।’ यह रब का फ़रमान है।”
Jere UrduGeoD 29:24  रब ने फ़रमाया, “बाबल के रहनेवाले समायाह नख़लामी को इत्तला दे,
Jere UrduGeoD 29:25  रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि तूने अपनी ही तरफ़ से इमाम सफ़नियाह बिन मासियाह को ख़त भेजा। दीगर इमामों और यरूशलम के बाक़ी तमाम बाशिंदों को भी इसकी कापियाँ मिल गईं। ख़त में लिखा था,
Jere UrduGeoD 29:26  ‘रब ने आपको यहोयदा की जगह अपने घर की देख-भाल करने की ज़िम्मादारी दी है। आपकी ज़िम्मादारियों में यह भी शामिल है कि हर दीवाने और नबुव्वत करनेवाले को काठ में डालकर उस की गरदन में लोहे की ज़ंजीरें डालें।
Jere UrduGeoD 29:27  तो फिर आपने अनतोत के रहनेवाले यरमियाह के ख़िलाफ़ क़दम क्यों नहीं उठाया जो आपके दरमियान नबुव्वत करता रहता है?
Jere UrduGeoD 29:28  क्योंकि उसने हमें जो बाबल में हैं ख़त भेजकर मशवरा दिया है कि देर लगेगी, इसलिए घर बनाकर उनमें बसने लगो, बाग़ लगाकर उनका फल खाओ’।”
Jere UrduGeoD 29:29  जब सफ़नियाह को समायाह का ख़त मिल गया तो उसने यरमियाह को सब कुछ सुनाया।
Jere UrduGeoD 29:30  तब यरमियाह पर रब का कलाम नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 29:31  “तमाम जिलावतनों को ख़त भेजकर लिख दे, ‘रब समायाह नख़लामी के बारे में फ़रमाता है कि गो मैंने समायाह को नहीं भेजा तो भी उसने तुम्हें पेशगोइयाँ सुनाकर झूट पर भरोसा रखने पर आमादा किया है।
Jere UrduGeoD 29:32  चुनाँचे रब फ़रमाता है कि मैं समायाह नख़लामी को उस की औलाद समेत सज़ा दूँगा। इस क़ौम में उस की नसल ख़त्म हो जाएगी, और वह ख़ुद उन अच्छी चीज़ों से लुत्फ़अंदोज़ नहीं होगा जो मैं अपनी क़ौम को फ़राहम करूँगा। क्योंकि उसने रब से सरकश होने का मशवरा दिया है’।”
Chapter 30
Jere UrduGeoD 30:1  रब का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 30:2  “रब इसराईल का ख़ुदा फ़रमाता है कि जो भी पैग़ाम मैंने तुझ पर नाज़िल किए उन्हें किताब की सूरत में क़लमबंद कर!
Jere UrduGeoD 30:3  क्योंकि रब फ़रमाता है कि वह वक़्त आनेवाला है जब मैं अपनी क़ौम इसराईल और यहूदाह को बहाल करके उस मुल्क में वापस लाऊँगा जो मैंने उनके बापदादा को मीरास में दिया था।”
Jere UrduGeoD 30:4  यह इसराईल और यहूदाह के बारे में रब के फ़रमान हैं।
Jere UrduGeoD 30:5  “रब फ़रमाता है, ‘ख़ौफ़ज़दा चीख़ें सुनाई दे रही हैं। अमन का नामो-निशान तक नहीं बल्कि चारों तरफ़ दहशत ही दहशत फैली हुई है।
Jere UrduGeoD 30:6  क्या मर्द बच्चे जन्म दे सकता है? तो फिर तमाम मर्द क्यों अपने हाथ कमर पर रखकर दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरतों की तरह तड़प रहे हैं? हर एक का रंग फ़क़ पड़ गया है।
Jere UrduGeoD 30:7  अफ़सोस! वह दिन कितना हौलनाक होगा! उस जैसा कोई नहीं होगा। याक़ूब की औलाद को बड़ी मुसीबत पेश आएगी, लेकिन आख़िरकार उसे रिहाई मिलेगी।’
Jere UrduGeoD 30:8  रब फ़रमाता है, ‘उस दिन मैं उनकी गरदन पर रखे जुए और उनकी ज़ंजीरों को तोड़ डालूँगा। तब वह ग़ैरमुल्कियों के ग़ुलाम नहीं रहेंगे
Jere UrduGeoD 30:9  बल्कि रब अपने ख़ुदा और दाऊद की नसल के उस बादशाह की ख़िदमत करेंगे जिसे मैं बरपा करके उन पर मुक़र्रर करूँगा।’
Jere UrduGeoD 30:10  चुनाँचे रब फ़रमाता है, ‘ऐ याक़ूब मेरे ख़ादिम, मत डर! ऐ इसराईल, दहशत मत खा! देख, मैं तुझे दूर-दराज़ इलाक़ों से और तेरी औलाद को जिलावतनी से छुड़ाकर वापस ले आऊँगा। याक़ूब वापस आकर सुकून से ज़िंदगी गुज़ारेगा, और उसे परेशान करनेवाला कोई नहीं होगा।’
Jere UrduGeoD 30:11  क्योंकि रब फ़रमाता है, ‘मैं तेरे साथ हूँ, मैं ही तुझे बचाऊँगा। मैं उन तमाम क़ौमों को नेस्तो-नाबूद कर दूँगा जिनमें मैंने तुझे मुंतशिर कर दिया है, लेकिन तुझे मैं इस तरह सफ़हाए-हस्ती से नहीं मिटाऊँगा। अलबत्ता मैं मुनासिब हद तक तेरी तंबीह करूँगा, क्योंकि मैं तुझे सज़ा दिए बग़ैर नहीं छोड़ सकता।’
Jere UrduGeoD 30:12  क्योंकि रब फ़रमाता है, ‘तेरा ज़ख़म लाइलाज है, तेरी चोट भर ही नहीं सकती।
Jere UrduGeoD 30:13  कोई नहीं है जो तेरे हक़ में बात करे, तेरे फोड़ों का मुआलजा और तेरी शफ़ा मुमकिन ही नहीं!
Jere UrduGeoD 30:14  तेरे तमाम आशिक़ तुझे भूल गए हैं और तेरी परवा ही नहीं करते। तेरा क़ुसूर बहुत संगीन है, तुझसे बेशुमार गुनाह सरज़द हुए हैं। इसी लिए मैंने तुझे दुश्मन की तरह मारा, ज़ालिम की तरह तंबीह दी है।
Jere UrduGeoD 30:15  अब जब चोट लग गई है और लाइलाज दर्द महसूस हो रहा है तो तू मदद के लिए क्यों चीख़ता है? यह मैं ही ने तेरे संगीन क़ुसूर और मुतअद्दिद गुनाहों की वजह से तेरे साथ किया है।
Jere UrduGeoD 30:16  लेकिन जो तुझे हड़प करें उन्हें भी हड़प किया जाएगा। तेरे तमाम दुश्मन जिलावतन हो जाएंगे। जिन्होंने तुझे लूट लिया उन्हें भी लूटा जाएगा, जिन्होंने तुझे ग़ारत किया उन्हें भी ग़ारत किया जाएगा।’
Jere UrduGeoD 30:17  क्योंकि रब फ़रमाता है, ‘मैं तेरे ज़ख़मों को भरकर तुझे शफ़ा दूँगा, क्योंकि लोगों ने तुझे मरदूद क़रार देकर कहा है कि सिय्यून को देखो जिसकी फ़िकर कोई नहीं करता।’
Jere UrduGeoD 30:18  रब फ़रमाता है, ‘देखो, मैं याक़ूब के ख़ैमों की बदनसीबी ख़त्म करूँगा, मैं इसराईल के घरों पर तरस खाऊँगा। तब यरूशलम को खंडरात पर नए सिरे से तामीर किया जाएगा, और महल को दुबारा उस की पुरानी जगह पर खड़ा किया जाएगा।
Jere UrduGeoD 30:19  उस वक़्त वहाँ शुक्रगुज़ारी के गीत और ख़ुशी मनानेवालों की आवाज़ें बुलंद हो जाएँगी। और मैं ध्यान दूँगा कि उनकी तादाद कम न हो जाए बल्कि मज़ीद बढ़ जाए। उन्हें हक़ीर नहीं समझा जाएगा बल्कि मैं उनकी इज़्ज़त बहुत बढ़ा दूँगा।
Jere UrduGeoD 30:20  उनके बच्चे क़दीम ज़माने की तरह महफ़ूज़ ज़िंदगी गुज़ारेंगे, और उनकी जमात मज़बूती से मेरे हुज़ूर क़ायम रहेगी। लेकिन जितनों ने उन पर ज़ुल्म किया है उन्हें मैं सज़ा दूँगा।
Jere UrduGeoD 30:21  उनका हुक्मरान उनका अपना हमवतन होगा, वह दुबारा उनमें से उठकर तख़्तनशीन हो जाएगा। मैं ख़ुद उसे अपने क़रीब लाऊँगा तो वह मेरे क़रीब आएगा।’ क्योंकि रब फ़रमाता है, ‘सिर्फ़ वही अपनी जान ख़तरे में डालकर मेरे क़रीब आने की जुर्रत कर सकता है जिसे मैं ख़ुद अपने क़रीब लाया हूँ।
Jere UrduGeoD 30:22  उस वक़्त तुम मेरी क़ौम होगे और मैं तुम्हारा ख़ुदा हूँगा’।”
Jere UrduGeoD 30:23  देखो, रब का ग़ज़ब ज़बरदस्त आँधी की तरह नाज़िल हो रहा है। तेज़ बगूले के झोंके बेदीनों के सरों पर उतर रहे हैं।
Jere UrduGeoD 30:24  और रब का शदीद क़हर उस वक़्त तक ठंडा नहीं होगा जब तक उसने अपने दिल के मनसूबों को तकमील तक नहीं पहुँचाया। आनेवाले दिनों में तुम्हें इसकी साफ़ समझ आएगी।
Chapter 31
Jere UrduGeoD 31:1  रब फ़रमाता है, “उस वक़्त मैं तमाम इसराईली घरानों का ख़ुदा हूँगा, और वह मेरी क़ौम होंगे।”
Jere UrduGeoD 31:2  रब फ़रमाता है, “तलवार से बचे हुए लोगों को रेगिस्तान में ही मेरा फ़ज़ल हासिल हुआ है, और इसराईल अपनी आरामगाह के पास पहुँच रहा है।”
Jere UrduGeoD 31:3  रब ने दूर से इसराईल पर ज़ाहिर होकर फ़रमाया, “मैंने तुझे हमेशा ही प्यार किया है, इसलिए मैं तुझे बड़ी शफ़क़त से अपने पास खींच लाया हूँ।
Jere UrduGeoD 31:4  ऐ कुँवारी इसराईल, तेरी नए सिरे से तामीर हो जाएगी, क्योंकि मैं ख़ुद तुझे तामीर करूँगा। तू दुबारा अपने दफ़ों से आरास्ता होकर ख़ुशी मनानेवालों के लोकनाच के लिए निकलेगी।
Jere UrduGeoD 31:5  तू दुबारा सामरिया की पहाड़ियों पर अंगूर के बाग़ लगाएगी। और जो पौदों को लगाएँगे वह ख़ुद उनके फल से लुत्फ़अंदोज़ होंगे।
Jere UrduGeoD 31:6  क्योंकि वह दिन आनेवाला है जब इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े के पहरेदार आवाज़ देकर कहेंगे, ‘आओ हम सिय्यून के पास जाएँ ताकि रब अपने ख़ुदा को सिजदा करें’।”
Jere UrduGeoD 31:7  क्योंकि रब फ़रमाता है, “याक़ूब को देखकर ख़ुशी मनाओ! क़ौमों के सरबराह को देखकर शादमानी का नारा मारो! बुलंद आवाज़ से अल्लाह की हम्दो-सना करके कहो, ‘ऐ रब, अपनी क़ौम को बचा, इसराईल के बचे हुए हिस्से को छुटकारा दे।’
Jere UrduGeoD 31:8  क्योंकि मैं उन्हें शिमाली मुल्क से वापस लाऊँगा, उन्हें दुनिया की इंतहा से जमा करूँगा। अंधे और लँगड़े उनमें शामिल होंगे, हामिला और जन्म देनेवाली औरतें भी साथ चलेंगी। उनका बड़ा हुजूम वापस आएगा।
Jere UrduGeoD 31:9  और जब मैं उन्हें वापस लाऊँगा तो वह रोते हुए और इल्तिजाएँ करते हुए मेरे पीछे चलेंगे। मैं उन्हें नदियों के किनारे किनारे और ऐसे हमवार रास्तों पर वापस ले चलूँगा, जहाँ ठोकर खाने का ख़तरा नहीं होगा। क्योंकि मैं इसराईल का बाप हूँ, और इफ़राईम मेरा पहलौठा है।
Jere UrduGeoD 31:10  ऐ क़ौमो, रब का कलाम सुनो! दूर-दराज़ जज़ीरों तक एलान करो, ‘जिसने इसराईल को मुंतशिर कर दिया है वह उसे दुबारा जमा करेगा और चरवाहे की-सी फ़िकर रखकर उस की गल्लाबानी करेगा।’
Jere UrduGeoD 31:11  क्योंकि रब ने फ़िद्या देकर याक़ूब को बचाया है, उसने एवज़ाना देकर उसे ज़ोरावर के हाथ से छुड़ाया है।
Jere UrduGeoD 31:12  तब वह आकर सिय्यून की बुलंदी पर ख़ुशी के नारे लगाएँगे, उनके चेहरे रब की बरकतों को देखकर चमक उठेंगे। क्योंकि उस वक़्त वह उन्हें अनाज, नई मै, ज़ैतून के तेल और जवान भेड़-बकरियों और गाय-बैलों की कसरत से नवाज़ेगा। उनकी जान सेराब बाग़ की तरह सरसब्ज़ होगी, और उनकी निढाल हालत सँभल जाएगी।
Jere UrduGeoD 31:13  फिर कुँवारियाँ ख़ुशी के मारे लोकनाच नाचेंगी, जवान और बुज़ुर्ग आदमी भी उसमें हिस्सा लेंगे। यों मैं उनका मातम ख़ुशी में बदल दूँगा, मैं उनके दिलों से ग़म निकालकर उन्हें अपनी तसल्ली और शादमानी से भर दूँगा।”
Jere UrduGeoD 31:14  रब फ़रमाता है, “मैं इमामों की जान को तरो-ताज़ा करूँगा, और मेरी क़ौम मेरी बरकतों से सेर हो जाएगी।”
Jere UrduGeoD 31:15  रब फ़रमाता है, “रामा में शोर मच गया है, रोने पीटने और शदीद मातम की आवाज़ें। राख़िल अपने बच्चों के लिए रो रही है और तसल्ली क़बूल नहीं कर रही, क्योंकि वह हलाक हो गए हैं।”
Jere UrduGeoD 31:16  लेकिन रब फ़रमाता है, “रोने और आँसू बहाने से बाज़ आ, क्योंकि तुझे अपनी मेहनत का अज्र मिलेगा। यह रब का वादा है कि वह दुश्मन के मुल्क से लौट आएँगे।
Jere UrduGeoD 31:17  तेरा मुस्तक़बिल पुरउम्मीद होगा, क्योंकि तेरे बच्चे अपने वतन में वापस आएँगे।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 31:18  “इसराईल की गिर्याओ-ज़ारी मुझ तक पहुँच गई है। क्योंकि वह कहता है, ‘हाय, तूने मेरी सख़्त तादीब की है। मेरी यों तरबियत हुई है जिस तरह बछड़े की होती है जब उस की गरदन पर पहली बार जुआ रखा जाता है। ऐ रब, मुझे वापस ला ताकि मैं वापस आऊँ, क्योंकि तू ही रब मेरा ख़ुदा है।
Jere UrduGeoD 31:19  मेरे वापस आने पर मुझे नदामत महसूस हुई, और समझ आने पर मैं अपना सीना पीटने लगा। मुझे शरमिंदगी और रुसवाई का शदीद एहसास हो रहा है, क्योंकि अब मैं अपनी जवानी के शर्मनाक फल की फ़सल काट रहा हूँ।’
Jere UrduGeoD 31:20  लेकिन रब फ़रमाता है कि इसराईल मेरा क़ीमती बेटा, मेरा लाडला है। गो मैं बार बार उसके ख़िलाफ़ बातें करता हूँ तो भी उसे याद करता रहता हूँ। इसलिए मेरा दिल उसके लिए तड़पता है, और लाज़िम है कि मैं उस पर तरस खाऊँ।
Jere UrduGeoD 31:21  ऐ मेरी क़ौम, ऐसे निशान खड़े कर जिनसे लोगों को सहीह रास्ते का पता चले! उस पक्की सड़क पर ध्यान दे जिस पर तूने सफ़र किया है। ऐ कुँवारी इसराईल, वापस आ, अपने इन शहरों में लौट आ!
Jere UrduGeoD 31:22  ऐ बेवफ़ा बेटी, तू कब तक भटकती फिरेगी? रब ने मुल्क में एक नई चीज़ पैदा की है, यह कि आइंदा औरत आदमी के गिर्द रहेगी।”
Jere UrduGeoD 31:23  रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, “जब मैं इसराईलियों को बहाल करूँगा तो मुल्के-यहूदाह और उसके शहरों के बाशिंदे दुबारा कहेंगे, ‘ऐ रास्ती के घर, ऐ मुक़द्दस पहाड़, रब तुझे बरकत दे!’
Jere UrduGeoD 31:24  तब यहूदाह और उसके शहर दुबारा आबाद होंगे। किसान भी मुल्क में बसेंगे, और वह भी जो अपने रेवड़ों के साथ इधर उधर फिरते हैं।
Jere UrduGeoD 31:25  क्योंकि मैं थकेमाँदों को नई ताक़त दूँगा और ग़श खानेवालों को तरो-ताज़ा करूँगा।”
Jere UrduGeoD 31:26  तब मैं जाग उठा और चारों तरफ़ देखा। मेरी नींद कितनी मीठी रही थी!
Jere UrduGeoD 31:27  रब फ़रमाता है, “वह वक़्त आनेवाला है जब मैं इसराईल के घराने और यहूदाह के घराने का बीज बोकर इनसानो-हैवान की तादाद बढ़ा दूँगा।
Jere UrduGeoD 31:28  पहले मैंने बड़े ध्यान से उन्हें जड़ से उखाड़ दिया, गिरा दिया, ढा दिया, हाँ तबाह करके ख़ाक में मिला दिया। लेकिन आइंदा मैं उतने ही ध्यान से उन्हें तामीर करूँगा, उन्हें पनीरी की तरह लगा दूँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 31:29  “उस वक़्त लोग यह कहने से बाज़ आएँगे कि वालिदैन ने खट्टे अंगूर खाए, लेकिन दाँत उनके बच्चों के खट्टे हो गए हैं।
Jere UrduGeoD 31:30  क्योंकि अब से खट्टे अंगूर खानेवाले के अपने ही दाँत खट्टे होंगे। अब से उसी को सज़ाए-मौत दी जाएगी जो क़ुसूरवार है।”
Jere UrduGeoD 31:31  रब फ़रमाता है, “ऐसे दिन आ रहे हैं जब मैं इसराईल के घराने और यहूदाह के घराने के साथ एक नया अहद बाँधूँगा।
Jere UrduGeoD 31:32  यह उस अहद की मानिंद नहीं होगा जो मैंने उनके बापदादा के साथ उस दिन बाँधा था जब मैं उनका हाथ पकड़कर उन्हें मिसर से निकाल लाया। क्योंकि उन्होंने वह अहद तोड़ दिया, गो मैं उनका मालिक था।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 31:33  “जो नया अहद मैं उन दिनों के बाद इसराईल के घराने के साथ बाँधूँगा उसके तहत मैं अपनी शरीअत उनके अंदर डालकर उनके दिलों पर कंदा करूँगा। तब मैं ही उनका ख़ुदा हूँगा, और वह मेरी क़ौम होंगे।
Jere UrduGeoD 31:34  उस वक़्त से इसकी ज़रूरत नहीं रहेगी कि कोई अपने पड़ोसी या भाई को तालीम देकर कहे, ‘रब को जान लो।’ क्योंकि छोटे से लेकर बड़े तक सब मुझे जानेंगे। क्योंकि मैं उनका क़ुसूर मुआफ़ करूँगा और आइंदा उनके गुनाहों को याद नहीं करूँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 31:35  रब फ़रमाता है, “मैं ही ने मुक़र्रर किया है कि दिन के वक़्त सूरज चमके और रात के वक़्त चाँद सितारों समेत रौशनी दे। मैं ही समुंदर को यों उछाल देता हूँ कि उस की मौजें गरजने लगती हैं। रब्बुल-अफ़वाज ही मेरा नाम है।”
Jere UrduGeoD 31:36  रब फ़रमाता है, “जब तक यह क़ुदरती उसूल मेरे सामने क़ायम रहेंगे उस वक़्त तक इसराईल क़ौम मेरे सामने क़ायम रहेगी।
Jere UrduGeoD 31:37  क्या इनसान आसमान की पैमाइश कर सकता है? या क्या वह ज़मीन की बुनियादों की तफ़तीश कर सकता है? हरगिज़ नहीं! इसी तरह यह मुमकिन ही नहीं कि मैं इसराईल की पूरी क़ौम को उसके गुनाहों के सबब से रद्द करूँ।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 31:38  रब फ़रमाता है, “वह वक़्त आनेवाला है जब यरूशलम को रब के लिए नए सिरे से तामीर किया जाएगा। तब उस की फ़सील हननेल के बुर्ज से लेकर कोने के दरवाज़े तक तैयार हो जाएगी।
Jere UrduGeoD 31:39  वहाँ से शहर की सरहद सीधी जरीब पहाड़ी तक पहुँचेगी, फिर जोआ की तरफ़ मुड़ेगी।
Jere UrduGeoD 31:40  उस वक़्त जो वादी लाशों और भस्म हुई चरबी की राख से नापाक हुई है वह पूरे तौर पर रब के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस होगी। उस की ढलानों पर के तमाम खेत भी वादीए-क़िदरोन तक शामिल होंगे, बल्कि मशरिक़ में घोड़े के दरवाज़े के कोने तक सब कुछ मुक़द्दस होगा। आइंदा शहर को न कभी दुबारा जड़ से उखाड़ा जाएगा, न तबाह किया जाएगा।”
Chapter 32
Jere UrduGeoD 32:1  यहूदाह के बादशाह सिदक़ियाह की हुकूमत के दसवें साल में रब यरमियाह से हमकलाम हुआ। उस वक़्त नबूकदनज़्ज़र जो 18 साल से बाबल का बादशाह था
Jere UrduGeoD 32:2  अपनी फ़ौज के साथ यरूशलम का मुहासरा कर रहा था। यरमियाह उन दिनों में शाही महल के मुहाफ़िज़ों के सहन में क़ैद था।
Jere UrduGeoD 32:3  सिदक़ियाह ने यह कहकर उसे गिरिफ़्तार किया था, “तू क्यों इस क़िस्म की पेशगोई सुनाता है? तू कहता है, ‘रब फ़रमाता है कि मैं इस शहर को शाहे-बाबल के हाथ में देनेवाला हूँ। जब वह उस पर क़ब्ज़ा करेगा
Jere UrduGeoD 32:4  तो सिदक़ियाह बाबल की फ़ौज से नहीं बचेगा। उसे शाहे-बाबल के हवाले कर दिया जाएगा, और वह उसके रूबरू उससे बात करेगा, अपनी आँखों से उसे देखेगा।
Jere UrduGeoD 32:5  शाहे-बाबल सिदक़ियाह को बाबल ले जाएगा, और वहाँ वह उस वक़्त तक रहेगा जब तक मैं उसे दुबारा क़बूल न करूँ। रब फ़रमाता है कि अगर तुम बाबल की फ़ौज से लड़ो तो नाकाम रहोगे’।”
Jere UrduGeoD 32:6  जब रब का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ तो यरमियाह ने कहा, “रब मुझसे हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 32:7  ‘तेरा चचाज़ाद भाई हनमेल बिन सल्लूम तेरे पास आकर कहेगा कि अनतोत में मेरा खेत ख़रीद लें। आप सबसे क़रीबी रिश्तेदार हैं, इसलिए उसे ख़रीदना आपका हक़ बल्कि फ़र्ज़ भी है ताकि ज़मीन हमारे ख़ानदान की मिलकियत रहे।’
Jere UrduGeoD 32:8  ऐसा ही हुआ जिस तरह रब ने फ़रमाया था। मेरा चचाज़ाद भाई हनमेल शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में आया और मुझसे कहा, ‘बिनयमीन के क़बीले के शहर अनतोत में मेरा खेत ख़रीद लें। यह खेत ख़रीदना आपका मौरूसी हक़ बल्कि फ़र्ज़ भी है ताकि ज़मीन हमारे ख़ानदान की मिलकियत रहे। आएँ, उसे ख़रीद लें!’ तब मैंने जान लिया कि यह वही बात है जो रब ने फ़रमाई थी।
Jere UrduGeoD 32:9  चुनाँचे मैंने अपने चचाज़ाद भाई हनमेल से अनतोत का खेत ख़रीदकर उसे चाँदी के 17 सिक्के दे दिए।
Jere UrduGeoD 32:10  मैंने इंतक़ालनामा लिखकर उस पर मुहर लगाई, फिर चाँदी के सिक्के तोलकर अपने भाई को दे दिए। मैंने गवाह भी बुलाए थे ताकि वह पूरी काररवाई की तसदीक़ करें।
Jere UrduGeoD 32:11  इसके बाद मैंने मुहरशुदा इंतक़ालनामा तमाम शरायत और क़वायद समेत बारूक बिन नैरियाह बिन महसियाह के सुपुर्द कर दिया। साथ साथ मैंने उसे एक नक़ल भी दी जिस पर मुहर नहीं लगी थी। हनमेल, इंतक़ालनामे पर दस्तख़त करनेवाले गवाह और सहन में हाज़िर बाक़ी हमवतन सब इसके गवाह थे।
Jere UrduGeoD 32:12  इसके बाद मैंने मुहरशुदा इंतक़ालनामा तमाम शरायत और क़वायद समेत बारूक बिन नैरियाह बिन महसियाह के सुपुर्द कर दिया। साथ साथ मैंने उसे एक नक़ल भी दी जिस पर मुहर नहीं लगी थी। हनमेल, इंतक़ालनामे पर दस्तख़त करनेवाले गवाह और सहन में हाज़िर बाक़ी हमवतन सब इसके गवाह थे।
Jere UrduGeoD 32:13  उनके देखते देखते मैंने बारूक को हिदायत दी,
Jere UrduGeoD 32:14  ‘रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि मुहरशुदा इंतक़ालनामा और उस की नक़ल लेकर मिट्टी के बरतन में डाल दे ताकि लंबे अरसे तक महफ़ूज़ रहें।
Jere UrduGeoD 32:15  क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि एक वक़्त आएगा जब इस मुल्क में दुबारा घर, खेत और अंगूर के बाग़ ख़रीदे जाएंगे।’
Jere UrduGeoD 32:16  बारूक बिन नैरियाह को इंतक़ालनामा देने के बाद मैंने रब से दुआ की,
Jere UrduGeoD 32:17  ‘ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, तूने अपना हाथ बढ़ाकर बड़ी क़ुदरत से आसमानो-ज़मीन को बनाया, तेरे लिए कोई भी काम नामुमकिन नहीं।
Jere UrduGeoD 32:18  तू हज़ारों पर शफ़क़त करता और साथ साथ बच्चों को उनके वालिदैन के गुनाहों की सज़ा देता है। ऐ अज़ीम और क़ादिर ख़ुदा जिसका नाम रब्बुल-अफ़वाज है,
Jere UrduGeoD 32:19  तेरे मक़ासिद अज़ीम और तेरे काम ज़बरदस्त हैं, तेरी आँखें इनसान की तमाम राहों को देखती रहती हैं। तू हर एक को उसके चाल-चलन और आमाल का मुनासिब अज्र देता है।
Jere UrduGeoD 32:20  मिसर में तूने इलाही निशान और मोजिज़े दिखाए, और तेरा यह सिलसिला आज तक जारी रहा है, इसराईल में भी और बाक़ी क़ौमों में भी। यों तेरे नाम को वह इज़्ज़तो-जलाल मिला जो तुझे आज तक हासिल है।
Jere UrduGeoD 32:21  तू इलाही निशान और मोजिज़े दिखाकर अपनी क़ौम इसराईल को मिसर से निकाल लाया। तूने अपना हाथ बढ़ाकर अपनी अज़ीम क़ुदरत मिसरियों पर ज़ाहिर की तो उन पर शदीद दहशत तारी हुई।
Jere UrduGeoD 32:22  तब तूने अपनी क़ौम को यह मुल्क बख़्श दिया जिसमें दूध और शहद की कसरत थी और जिसका वादा तूने क़सम खाकर उनके बापदादा से किया था।
Jere UrduGeoD 32:23  लेकिन जब हमारे बापदादा ने मुल्क में दाख़िल होकर उस पर क़ब्ज़ा किया तो उन्होंने न तेरी सुनी, न तेरी शरीअत के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी। जो कुछ भी तूने उन्हें करने को कहा था उस पर उन्होंने अमल न किया। नतीजे में तू उन पर यह आफ़त लाया।
Jere UrduGeoD 32:24  दुश्मन मिट्टी के पुश्ते बनाकर फ़सील के क़रीब पहुँच चुका है। हम तलवार, काल और मोहलक बीमारियों से इतने कमज़ोर हो गए हैं कि जब बाबल की फ़ौज शहर पर हमला करेगी तो वह उसके क़ब्ज़े में आएगा। जो कुछ भी तूने फ़रमाया था वह पेश आया है। तू ख़ुद इसका गवाह है।
Jere UrduGeoD 32:25  लेकिन ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, कमाल है कि गो शहर को बाबल की फ़ौज के हवाले किया जाएगा तो भी तू मुझसे हमकलाम हुआ है कि चाँदी देकर खेत ख़रीद ले और गवाहों से काररवाई की तसदीक़ करवा’।”
Jere UrduGeoD 32:26  तब रब का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 32:27  “देख, मैं रब और तमाम इनसानों का ख़ुदा हूँ। तो फिर क्या कोई काम है जो मुझसे नहीं हो सकता?”
Jere UrduGeoD 32:28  चुनाँचे रब फ़रमाता है, “मैं इस शहर को बाबल और उसके बादशाह नबूकदनज़्ज़र के हवाले कर दूँगा। वह ज़रूर उस पर क़ब्ज़ा करेगा।
Jere UrduGeoD 32:29  बाबल के जो फ़ौजी इस शहर पर हमला कर रहे हैं इसमें घुसकर सब कुछ जला देंगे, सब कुछ नज़रे-आतिश करेंगे। तब वह तमाम घर राख हो जाएंगे जिनकी छतों पर लोगों ने बाल देवता के लिए बख़ूर जलाकर और अजनबी माबूदों को मै की नज़रें पेश करके मुझे तैश दिलाया।”
Jere UrduGeoD 32:30  रब फ़रमाता है, “इसराईल और यहूदाह के क़बीले जवानी से लेकर आज तक वही कुछ करते आए हैं जो मुझे नापसंद है। अपने हाथों के काम से वह मुझे बार बार ग़ुस्सा दिलाते रहे हैं।
Jere UrduGeoD 32:31  यरूशलम की बुनियादें डालने से लेकर आज तक इस शहर ने मुझे हद से ज़्यादा मुश्तइल कर दिया है। अब लाज़िम है कि मैं उसे नज़रों से दूर कर दूँ।
Jere UrduGeoD 32:32  क्योंकि इसराईल और यहूदाह के बाशिंदों ने अपनी बुरी हरकतों से मुझे तैश दिलाया है, ख़ाह बादशाह हो या मुलाज़िम, ख़ाह इमाम हो या नबी, ख़ाह यहूदाह हो या यरूशलम।
Jere UrduGeoD 32:33  उन्होंने अपना मुँह मुझसे फेरकर मेरी तरफ़ रुजू करने से इनकार किया है। गो मैं उन्हें बार बार तालीम देता रहा तो भी वह सुनने या मेरी तरबियत क़बूल करने के लिए तैयार नहीं थे।
Jere UrduGeoD 32:34  न सिर्फ़ यह बल्कि जिस घर पर मेरे नाम का ठप्पा लगा है उसमें उन्होंने अपने घिनौने बुतों को रखकर उस की बेहुरमती की है।
Jere UrduGeoD 32:35  वादीए-बिन-हिन्नूम की ऊँची जगहों पर उन्होंने बाल देवता की क़ुरबानगाहें तामीर कीं ताकि वहाँ अपने बेटे-बेटियों को मलिक देवता के लिए क़ुरबान करें। मैंने उन्हें ऐसी क़ाबिले-घिन हरकतें करने का हुक्म नहीं दिया था, बल्कि मुझे इसका ख़याल तक नहीं आया। यों उन्होंने यहूदाह को गुनाह करने पर उकसाया है।
Jere UrduGeoD 32:36  इस वक़्त तुम कह रहे हो, ‘यह शहर ज़रूर शाहे-बाबल के क़ब्ज़े में आ जाएगा, क्योंकि तलवार, काल और मोहलक बीमारियों ने हमें कमज़ोर कर दिया है।’ लेकिन अब शहर के बारे में रब का फ़रमान सुनो, जो इसराईल का ख़ुदा है!
Jere UrduGeoD 32:37  बेशक मैं बड़े तैश में आकर शहर के बाशिंदों को मुख़्तलिफ़ ममालिक में मुंतशिर कर दूँगा, लेकिन मैं उन्हें उन जगहों से फिर जमा करके वापस भी लाऊँगा ताकि वह दुबारा यहाँ सुकून के साथ रह सकें।
Jere UrduGeoD 32:38  तब वह मेरी क़ौम होंगे, और मैं उनका ख़ुदा हूँगा।
Jere UrduGeoD 32:39  मैं होने दूँगा कि वह सोच और चाल-चलन में एक होकर हर वक़्त मेरा ख़ौफ़ मानेंगे। क्योंकि उन्हें मालूम होगा कि ऐसा करने से हमें और हमारी औलाद को बरकत मिलेगी।
Jere UrduGeoD 32:40  मैं उनके साथ अबदी अहद बाँधकर वादा करूँगा कि उन पर शफ़क़त करने से बाज़ नहीं आऊँगा। साथ साथ मैं अपना ख़ौफ़ उनके दिलों में डाल दूँगा ताकि वह मुझसे दूर न हो जाएँ।
Jere UrduGeoD 32:41  उन्हें बरकत देना मेरे लिए ख़ुशी का बाइस होगा, और मैं वफ़ादारी और पूरे दिलो-जान से उन्हें पनीरी की तरह इस मुल्क में दुबारा लगा दूँगा।”
Jere UrduGeoD 32:42  क्योंकि रब फ़रमाता है, “मैं ही ने यह बड़ी आफ़त इस क़ौम पर नाज़िल की, और मैं ही उन्हें उन तमाम बरकतों से नवाज़ूँगा जिनका वादा मैंने किया है।
Jere UrduGeoD 32:43  बेशक तुम इस वक़्त कहते हो, ‘हाय, हमारा मुल्क वीरानो-सुनसान है, उसमें न इनसान और न हैवान रह गया है, क्योंकि सब कुछ बाबल के हवाले कर दिया गया है।’ लेकिन मैं फ़रमाता हूँ कि पूरे मुल्क में दुबारा खेत ख़रीदे
Jere UrduGeoD 32:44  और फ़रोख़्त किए जाएंगे। लोग मामूल के मुताबिक़ इंतक़ालनामे लिखकर उन पर मुहर लगाएँगे और काररवाई की तसदीक़ के लिए गवाह बुलाएँगे। तमाम इलाक़े यानी बिनयमीन के क़बायली इलाक़े में, यरूशलम के देहात में, यहूदाह और पहाड़ी इलाक़े के शहरों में, मग़रिब के नशेबी पहाड़ी इलाक़े के शहरों में और दश्ते-नजब के शहरों में ऐसा ही किया जाएगा। मैं ख़ुद उनकी बदनसीबी ख़त्म करूँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Chapter 33
Jere UrduGeoD 33:1  यरमियाह अब तक शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में गिरिफ़्तार था कि रब एक बार फिर उससे हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 33:2  “जो सब कुछ ख़लक़ करता, तश्कील देता और क़ायम रखता है उसका नाम रब है। यही रब फ़रमाता है,
Jere UrduGeoD 33:3  मुझे पुकार तो मैं तुझे जवाब में ऐसी अज़ीम और नाक़ाबिले-फ़हम बातें बयान करूँगा जो तू नहीं जानता।
Jere UrduGeoD 33:4  क्योंकि रब जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि तुमने इस शहर के मकानों बल्कि चंद एक शाही मकानों को भी ढा दिया है ताकि उनके पत्थरों और लकड़ी से फ़सील को मज़बूत करो और शहर को दुश्मन के पुश्तों और तलवार से बचाए रखो।
Jere UrduGeoD 33:5  गो तुम बाबल की फ़ौज से लड़ना चाहते हो, लेकिन शहर के घर इसराईलियों की लाशों से भर जाएंगे। क्योंकि उन्हीं पर मैं अपना ग़ज़ब नाज़िल करूँगा। यरूशलम की तमाम बेदीनी के बाइस मैंने अपना मुँह उससे छुपा लिया है।
Jere UrduGeoD 33:6  लेकिन बाद में मैं उसे शफ़ा देकर तनदुरुस्ती बख़्शूँगा, मैं उसके बाशिंदों को सेहत अता करूँगा और उन पर देरपा सलामती और वफ़ादारी का इज़हार करूँगा।
Jere UrduGeoD 33:7  क्योंकि मैं यहूदाह और इसराईल को बहाल करके उन्हें वैसे तामीर करूँगा जैसे पहले थे।
Jere UrduGeoD 33:8  मैं उन्हें उनकी तमाम बेदीनी से पाक-साफ़ करके उनकी तमाम सरकशी और तमाम गुनाहों को मुआफ़ कर दूँगा।
Jere UrduGeoD 33:9  तब यरूशलम पूरी दुनिया में मेरे लिए मुसर्रत, शोहरत, तारीफ़ और जलाल का बाइस बनेगा। दुनिया के तमाम ममालिक मेरी उस पर मेहरबानी देखकर मुतअस्सिर हो जाएंगे। वह घबराकर काँप उठेंगे जब उन्हें पता चलेगा कि मैंने यरूशलम को कितनी बरकत और सुकून मुहैया किया है।
Jere UrduGeoD 33:10  तुम कहते हो, ‘हमारा शहर वीरानो-सुनसान है। उसमें न इनसान, न हैवान रहते हैं।’ लेकिन रब फ़रमाता है कि यरूशलम और यहूदाह के दीगर शहरों की जो गलियाँ इस वक़्त वीरान और इनसानो-हैवान से ख़ाली हैं,
Jere UrduGeoD 33:11  उनमें दुबारा ख़ुशीओ-शादमानी, दूल्हे दुलहन की आवाज़ और रब के घर में शुक्रगुज़ारी की क़ुरबानियाँ पहुँचानेवालों के गीत सुनाई देंगे। उस वक़्त वह गाएँगे, ‘रब्बुल-अफ़वाज का शुक्र करो, क्योंकि रब भला है, और उस की शफ़क़त अबदी है।’ क्योंकि मैं इस मुल्क को पहले की तरह बहाल कर दूँगा। यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 33:12  रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है कि फ़िलहाल यह मक़ाम वीरान और इनसानो-हैवान से ख़ाली है। लेकिन आइंदा यहाँ और बाक़ी तमाम शहरों में दुबारा ऐसी चरागाहें होंगी जहाँ गल्लाबान अपने रेवड़ों को चराएँगे।
Jere UrduGeoD 33:13  तब पूरे मुल्क में चरवाहे अपने रेवड़ों को गिनते और सँभालते हुए नज़र आएँगे, ख़ाह पहाड़ी इलाक़े के शहरों या मग़रिब के नशेबी पहाड़ी इलाक़े में देखो, ख़ाह दश्ते-नजब या बिनयमीन के क़बायली इलाक़े में मालूम करो, ख़ाह यरूशलम के देहात या यहूदाह के बाक़ी शहरों में दरियाफ़्त करो। यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 33:14  रब फ़रमाता है कि ऐसा वक़्त आनेवाला है जब मैं वह अच्छा वादा पूरा करूँगा जो मैंने इसराईल के घराने और यहूदाह के घराने से किया है।
Jere UrduGeoD 33:15  उस वक़्त मैं दाऊद की नसल से एक रास्तबाज़ कोंपल फूटने दूँगा, और वही मुल्क में इनसाफ़ और रास्ती क़ायम करेगा।
Jere UrduGeoD 33:16  उन दिनों में यहूदाह को छुटकारा मिलेगा और यरूशलम पुरअमन ज़िंदगी गुज़ारेगा। तब यरूशलम ‘रब हमारी रास्ती’ कहलाएगा।
Jere UrduGeoD 33:17  क्योंकि रब फ़रमाता है कि इसराईल के तख़्त पर बैठनेवाला हमेशा ही दाऊद की नसल का होगा।
Jere UrduGeoD 33:18  इसी तरह रब के घर में ख़िदमतगुज़ार इमाम हमेशा ही लावी के क़बीले के होंगे। वही मुतवातिर मेरे हुज़ूर भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ और ग़ल्ला और ज़बह की क़ुरबानियाँ पेश करेंगे।”
Jere UrduGeoD 33:19  रब एक बार फिर यरमियाह से हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 33:20  “रब फ़रमाता है कि मैंने दिन और रात से अहद बाँधा है कि वह मुक़र्ररा वक़्त पर और तरतीबवार गुज़रें। कोई इस अहद को तोड़ नहीं सकता।
Jere UrduGeoD 33:21  इसी तरह मैंने अपने ख़ादिम दाऊद से भी अहद बाँधकर वादा किया कि इसराईल का बादशाह हमेशा उसी की नसल का होगा। नीज़, मैंने लावी के इमामों से भी अहद बाँधकर वादा किया कि रब के घर में ख़िदमतगुज़ार इमाम हमेशा लावी के क़बीले के ही होंगे। रात और दिन से बँधे हुए अहद की तरह इन अहदों को भी तोड़ा नहीं जा सकता।
Jere UrduGeoD 33:22  मैं अपने ख़ादिम दाऊद की औलाद और अपने ख़िदमतगुज़ार लावियों को सितारों और समुंदर की रेत जैसा बेशुमार बना दूँगा।”
Jere UrduGeoD 33:23  रब यरमियाह से एक बार फिर हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 33:24  “क्या तुझे लोगों की बातें मालूम नहीं हुईं? यह कह रहे हैं, ‘गो रब ने इसराईल और यहूदाह को चुनकर अपनी क़ौम बना लिया था, लेकिन अब उसने दोनों को रद्द कर दिया है।’ यों वह मेरी क़ौम को हक़ीर जानते हैं बल्कि इसे अब से क़ौम ही नहीं समझते।”
Jere UrduGeoD 33:25  लेकिन रब फ़रमाता है, “जो अहद मैंने दिन और रात से बाँधा है वह मैं नहीं तोड़ूँगा, न कभी आसमानो-ज़मीन के मुक़र्ररा उसूल मनसूख़ करूँगा।
Jere UrduGeoD 33:26  इसी तरह यह मुमकिन ही नहीं कि मैं याक़ूब और अपने ख़ादिम दाऊद की औलाद को कभी रद्द करूँ। नहीं, मैं हमेशा ही दाऊद की नसल में से किसी को तख़्त पर बिठाऊँगा ताकि वह इब्राहीम, इसहाक़ और याक़ूब की औलाद पर हुकूमत करे, क्योंकि मैं उन्हें बहाल करके उन पर तरस खाऊँगा।”
Chapter 34
Jere UrduGeoD 34:1  रब उस वक़्त यरमियाह से हमकलाम हुआ जब शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र अपनी पूरी फ़ौज लेकर यरूशलम और यहूदाह के तमाम शहरों पर हमला कर रहा था। उसके साथ दुनिया के उन तमाम ममालिक और क़ौमों की फ़ौजें थीं जिन्हें उसने अपने ताबे कर लिया था।
Jere UrduGeoD 34:2  “रब जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि यहूदाह के बादशाह सिदक़ियाह के पास जाकर उसे बता, रब फ़रमाता है कि मैं इस शहर यरूशलम को शाहे-बाबल के हवाले करने को हूँ, और वह इसे नज़रे-आतिश कर देगा।
Jere UrduGeoD 34:3  तू भी उसके हाथ से नहीं बचेगा बल्कि ज़रूर पकड़ा जाएगा। तुझे उसके हवाले किया जाएगा, और तू शाहे-बाबल को अपनी आँखों से देखेगा, वह तेरे रूबरू तुझसे बात करेगा। फिर तुझे बाबल जाना पड़ेगा।
Jere UrduGeoD 34:4  लेकिन ऐ सिदक़ियाह बादशाह, रब का यह फ़रमान भी सुन! रब तेरे बारे में फ़रमाता है कि तू तलवार से नहीं
Jere UrduGeoD 34:5  बल्कि तबई मौत मरेगा, और लोग उसी तरह तेरी ताज़ीम में लकड़ी का बड़ा ढेर बनाकर आग लगाएँगे जिस तरह तेरे बापदादा के लिए करते आए हैं। वह तुझ पर भी मातम करेंगे और कहेंगे, ‘हाय, मेरे आक़ा!’ यह रब का फ़रमान है।”
Jere UrduGeoD 34:6  यरमियाह नबी ने सिदक़ियाह बादशाह को यरूशलम में यह पैग़ाम सुनाया।
Jere UrduGeoD 34:7  उस वक़्त बाबल की फ़ौज यरूशलम, लकीस और अज़ीक़ा से लड़ रही थी। यहूदाह के तमाम क़िलाबंद शहरों में से यही तीन अब तक क़ायम रहे थे।
Jere UrduGeoD 34:8  रब का कलाम एक बार फिर यरमियाह पर नाज़िल हुआ। उस वक़्त सिदक़ियाह बादशाह ने यरूशलम के बाशिंदों के साथ अहद बाँधा था कि हम अपने हमवतन ग़ुलामों को आज़ाद कर देंगे।
Jere UrduGeoD 34:9  हर एक ने अपने हमवतन ग़ुलामों और लौंडियों को आज़ाद करने का वादा किया था, क्योंकि सब मुत्तफ़िक़ हुए थे कि हम अपने हमवतनों को ग़ुलामी में नहीं रखेंगे।
Jere UrduGeoD 34:10  तमाम बुज़ुर्ग और बाक़ी तमाम लोग यह करने पर राज़ी हुए थे। यह अहद करने पर उन्होंने अपने ग़ुलामों को वाक़ई आज़ाद कर दिया था।
Jere UrduGeoD 34:11  लेकिन बाद में वह अपना इरादा बदलकर अपने आज़ाद किए हुए ग़ुलामों को वापस लाए और उन्हें दुबारा अपने ग़ुलाम बना लिया था।
Jere UrduGeoD 34:12  तब रब का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ।
Jere UrduGeoD 34:13  “रब जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘जब मैं तुम्हारे बापदादा को मिसर की ग़ुलामी से निकाल लाया तो मैंने उनसे अहद बाँधा। उस की एक शर्त यह थी
Jere UrduGeoD 34:14  कि जब किसी हमवतन ने अपने आपको बेचकर छः साल तक तेरी ख़िदमत की है तो लाज़िम है कि सातवें साल तू उसे आज़ाद कर दे। यह शर्त तुम सब पर सादिक़ आती है। लेकिन अफ़सोस, तुम्हारे बापदादा ने न मेरी सुनी, न मेरी बात पर ध्यान दिया।
Jere UrduGeoD 34:15  अब तुमने पछताकर वह कुछ किया जो मुझे पसंद था। हर एक ने एलान किया कि हम अपने हमवतन ग़ुलामों को आज़ाद कर देंगे। तुम उस घर में आए जिस पर मेरे नाम का ठप्पा लगा है और अहद बाँधकर मेरे हुज़ूर उस वादे की तसदीक़ की।
Jere UrduGeoD 34:16  लेकिन अब तुमने अपना इरादा बदलकर मेरे नाम की बेहुरमती की है। अपने ग़ुलामों और लौंडियों को आज़ाद कर देने के बाद हर एक उन्हें अपने पास वापस लाया है। पहले तुमने उन्हें बताया कि जहाँ जी चाहो चले जाओ, और अब तुमने उन्हें दुबारा ग़ुलाम बनने पर मजबूर किया है।’
Jere UrduGeoD 34:17  चुनाँचे सुनो जो कुछ रब फ़रमाता है! ‘तुमने मेरी नहीं सुनी, क्योंकि तुमने अपने हमवतन ग़ुलामों को आज़ाद नहीं छोड़ा। इसलिए अब रब तुम्हें तलवार, मोहलक बीमारियों और काल के लिए आज़ाद छोड़ देगा। तुम्हें देखकर दुनिया के तमाम ममालिक के रोंगटे खड़े हो जाएंगे।’ यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 34:18  ‘देखो, यहूदाह और यरूशलम के बुज़ुर्गों, दरबारियों, इमामों और अवाम ने मेरे साथ अहद बाँधा। इसकी तसदीक़ करने के लिए वह एक बछड़े को दो हिस्सों में तक़सीम करके उनके दरमियान से गुज़र गए। तो भी उन्होंने अहद तोड़कर उस की शरायत पूरी न कीं। चुनाँचे मैं होने दूँगा कि वह उस बछड़े की मानिंद हो जाएँ जिसके दो हिस्सों में से वह गुज़र गए हैं।
Jere UrduGeoD 34:19  ‘देखो, यहूदाह और यरूशलम के बुज़ुर्गों, दरबारियों, इमामों और अवाम ने मेरे साथ अहद बाँधा। इसकी तसदीक़ करने के लिए वह एक बछड़े को दो हिस्सों में तक़सीम करके उनके दरमियान से गुज़र गए। तो भी उन्होंने अहद तोड़कर उस की शरायत पूरी न कीं। चुनाँचे मैं होने दूँगा कि वह उस बछड़े की मानिंद हो जाएँ जिसके दो हिस्सों में से वह गुज़र गए हैं।
Jere UrduGeoD 34:20  मैं उन्हें उनके दुश्मनों के हवाले कर दूँगा, उन्हीं के हवाले जो उन्हें जान से मारने के दरपै हैं। उनकी लाशें परिंदों और जंगली जानवरों की ख़ुराक बन जाएँगी।
Jere UrduGeoD 34:21  मैं यहूदाह के बादशाह सिदक़ियाह और उसके अफ़सरों को उनके दुश्मन के हवाले कर दूँगा, उन्हीं के हवाले जो उन्हें जान से मारने पर तुले हुए हैं। वह यक़ीनन शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र की फ़ौज के क़ब्ज़े में आ जाएंगे। क्योंकि गो फ़ौजी इस वक़्त पीछे हट गए हैं,
Jere UrduGeoD 34:22  लेकिन मेरे हुक्म पर वह वापस आकर यरूशलम पर हमला करेंगे। और इस मरतबा वह उस पर क़ब्ज़ा करके उसे नज़रे-आतिश कर देंगे। मैं यहूदाह के शहरों को भी यों ख़ाक में मिला दूँगा कि कोई उनमें नहीं रह सकेगा’।” यह रब का फ़रमान है।
Chapter 35
Jere UrduGeoD 35:1  जब यहूयक़ीम बिन यूसियाह अभी यहूदाह का बादशाह था तो रब मुझसे हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 35:2  “रैकाबी ख़ानदान के पास जाकर उन्हें रब के घर के सहन के किसी कमरे में आने की दावत दे। जब वह आएँ तो उन्हें मै पिला दे।”
Jere UrduGeoD 35:3  चुनाँचे मैं याज़नियाह बिन यरमियाह बिन हबस्सिनियाह के पास गया और उसे उसके भाइयों और तमाम बेटों यानी रैकाबियों के पूरे घराने समेत
Jere UrduGeoD 35:4  रब के घर में लाया। हम हनान के बेटों के कमरे में बैठ गए। हनान मर्दे-ख़ुदा यिज्दलियाह का बेटा था। यह कमरा बुज़ुर्गों के कमरे से मुलहिक़ और रब के घर के दरबान मासियाह बिन सल्लूम के कमरे के ऊपर था।
Jere UrduGeoD 35:5  वहाँ मैंने मै के जाम और प्याले रैकाबी आदमियों को पेश करके उनसे कहा, “आएँ, कुछ मै पी लें।”
Jere UrduGeoD 35:6  लेकिन उन्होंने इनकार करके कहा, “हम मै नहीं पीते, क्योंकि हमारे बाप यूनदब बिन रैकाब ने हमें और हमारी औलाद को मै पीने से मना किया है।
Jere UrduGeoD 35:7  उसने हमें यह हिदायत भी दी, ‘न मकान तामीर करना, न बीज बोना और न अंगूर का बाग़ लगाना। यह चीज़ें कभी भी तुम्हारी मिलकियत में शामिल न हों, क्योंकि लाज़िम है कि तुम हमेशा ख़ैमों में ज़िंदगी गुज़ारो। फिर तुम लंबे अरसे तक उस मुल्क में रहोगे जिसमें तुम मेहमान हो।’
Jere UrduGeoD 35:8  चुनाँचे हम अपने बाप यूनदब बिन रैकाब की इन तमाम हिदायात के ताबे रहते हैं। न हम और न हमारी बीवियाँ या बच्चे कभी मै पीते हैं।
Jere UrduGeoD 35:9  हम अपनी रिहाइश के लिए मकान नहीं बनाते, और न अंगूर के बाग़, न खेत या फ़सलें हमारी मिलकियत में होती हैं।
Jere UrduGeoD 35:10  इसके बजाए हम आज तक ख़ैमों में रहते हैं। जो भी हिदायत हमारे बाप यूनदब ने हमें दी उस पर हम पूरे उतरे हैं।
Jere UrduGeoD 35:11  हम सिर्फ़ आरिज़ी तौर पर शहर में ठहरे हुए हैं। क्योंकि जब शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र इस मुल्क में घुस आया तो हम बोले, ‘आएँ, हम यरूशलम शहर में जाएँ ताकि बाबल और शाम की फ़ौजों से बच जाएँ।’ हम सिर्फ़ इसी लिए यरूशलम में ठहरे हुए हैं।”
Jere UrduGeoD 35:12  तब रब का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 35:13  “रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि यहूदाह और यरूशलम के बाशिंदों के पास जाकर कह, ‘तुम मेरी तरबियत क्यों क़बूल नहीं करते? तुम मेरी क्यों नहीं सुनते?
Jere UrduGeoD 35:14  यूनदब बिन रैकाब पर ग़ौर करो। उसने अपनी औलाद को मै पीने से मना किया, इसलिए उसका घराना आज तक मै नहीं पीता। यह लोग अपने बाप की हिदायात के ताबे रहते हैं। इसके मुक़ाबले में तुम लोग क्या कर रहे हो? गो मैं बार बार तुमसे हमकलाम हुआ तो भी तुमने मेरी नहीं सुनी।
Jere UrduGeoD 35:15  बार बार मैं अपने नबियों को तुम्हारे पास भेजता रहा ताकि मेरे ख़ादिम तुम्हें आगाह करते रहें कि हर एक अपनी बुरी राह तर्क करके वापस आए! अपना चाल-चलन दुरुस्त करो और अजनबी माबूदों की पैरवी करके उनकी ख़िदमत मत करो! फिर तुम उस मुल्क में रहोगे जो मैंने तुम्हें और तुम्हारे बापदादा को बख़्श दिया था। लेकिन तुमने न तवज्जुह दी, न मेरी सुनी।
Jere UrduGeoD 35:16  यूनदब बिन रैकाब की औलाद अपने बाप की हिदायात पर पूरी उतरी है, लेकिन इस क़ौम ने मेरी नहीं सुनी।’
Jere UrduGeoD 35:17  इसलिए रब जो लशकरों का और इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘सुनो! मैं यहूदाह पर और यरूशलम के हर बाशिंदे पर वह तमाम आफ़त नाज़िल करूँगा जिसका एलान मैंने किया है। गो मैं उनसे हमकलाम हुआ तो भी उन्होंने न सुनी। मैंने उन्हें बुलाया, लेकिन उन्होंने जवाब न दिया’।”
Jere UrduGeoD 35:18  लेकिन रैकाबियों से यरमियाह ने कहा, “रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘तुम अपने बाप यूनदब के हुक्म पर पूरे उतरकर उस की हर हिदायत और हर हुक्म पर अमल करते हो।’
Jere UrduGeoD 35:19  इसलिए रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘यूनदब बिन रैकाब की औलाद में से हमेशा कोई न कोई होगा जो मेरे हुज़ूर ख़िदमत करेगा’।”
Chapter 36
Jere UrduGeoD 36:1  यहूदाह के बादशाह यहूयक़ीम बिन यूसियाह की हुकूमत के चौथे साल में रब का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 36:2  “तूमार लेकर उसमें इसराईल, यहूदाह और बाक़ी तमाम क़ौमों के बारे में वह तमाम पैग़ामात क़लमबंद कर जो मैंने यूसियाह की हुकूमत से लेकर आज तक तुझ पर नाज़िल किए हैं।
Jere UrduGeoD 36:3  शायद यहूदाह के घराने में हर एक अपनी बुरी राह से बाज़ आकर वापस आए अगर उस आफ़त की पूरी ख़बर उन तक पहुँचे जो मैं इस क़ौम पर नाज़िल करने को हूँ। फिर मैं उनकी बेदीनी और गुनाह को मुआफ़ करूँगा।”
Jere UrduGeoD 36:4  चुनाँचे यरमियाह ने बारूक बिन नैरियाह को बुलाकर उससे वह तमाम पैग़ामात तूमार में लिखवाए जो रब ने उस पर नाज़िल किए थे।
Jere UrduGeoD 36:5  फिर यरमियाह ने बारूक से कहा, “मुझे नज़रबंद किया गया है, इसलिए मैं रब के घर में नहीं जा सकता।
Jere UrduGeoD 36:6  लेकिन आप तो जा सकते हैं। रोज़े के दिन यह तूमार अपने साथ लेकर रब के घर में जाएँ। हाज़िरीन के सामने रब की उन तमाम बातों को पढ़कर सुनाएँ जो मैंने आपसे लिखवाई हैं। सबको तूमार की बातें सुनाएँ, उन्हें भी जो यहूदाह की दीगर आबादियों से यहाँ पहुँचे हैं।
Jere UrduGeoD 36:7  शायद वह इल्तिजा करें कि रब उन पर रहम करे। शायद हर एक अपनी बुरी राह से बाज़ आकर वापस आए। क्योंकि जो ग़ज़ब इस क़ौम पर नाज़िल होनेवाला है और जिसका एलान रब कर चुका है वह बहुत सख़्त है।”
Jere UrduGeoD 36:8  बारूक बिन नैरियाह ने ऐसा ही किया। यरमियाह नबी की हिदायत के मुताबिक़ उसने रब के घर में तूमार में दर्ज रब के कलाम की तिलावत की।
Jere UrduGeoD 36:9  उस वक़्त लोग रोज़ा रखे हुए थे, क्योंकि बादशाह यहूयक़ीम बिन यूसियाह की हुकूमत के पाँचवें साल और नवें महीने में एलान किया गया था कि यरूशलम के बाशिंदे और यहूदाह के दीगर शहरों से आए हुए तमाम लोग रब के हुज़ूर रोज़ा रखें।
Jere UrduGeoD 36:10  जब बारूक ने तूमार की तिलावत की तो तमाम लोग हाज़िर थे। उस वक़्त वह रब के घर में शाही मुहर्रिर जमरियाह बिन साफ़न के कमरे में बैठा था। यह कमरा रब के घर के ऊपरवाले सहन में था, और सहन का नया दरवाज़ा वहाँ से दूर नहीं था।
Jere UrduGeoD 36:11  तूमार में दर्ज रब के तमाम पैग़ामात सुनकर जमरियाह बिन साफ़न का बेटा मीकायाह
Jere UrduGeoD 36:12  शाही महल में मीरमुंशी के दफ़्तर में चला गया। वहाँ तमाम सरकारी अफ़सर बैठे थे यानी इलीसमा मीरमुंशी, दिलायाह बिन समायाह, इलनातन बिन अकबोर, जमरियाह बिन साफ़न, सिदक़ियाह बिन हननियाह और बाक़ी तमाम मुलाज़िम।
Jere UrduGeoD 36:13  मीकायाह ने उन्हें सब कुछ सुनाया जो बारूक ने तूमार की तिलावत करके पेश किया था।
Jere UrduGeoD 36:14  तब तमाम बुज़ुर्गों ने यहूदी बिन नतनियाह बिन सलमियाह बिन कूशी को बारूक के पास भेजकर उसे इत्तला दी, “जिस तूमार की तिलावत आपने लोगों के सामने की उसे लेकर हमारे पास आएँ।” चुनाँचे बारूक बिन नैरियाह हाथ में तूमार को थामे हुए उनके पास आया।
Jere UrduGeoD 36:15  अफ़सरों ने कहा, “ज़रा बैठकर हमारे लिए भी तूमार की तिलावत करें।” चुनाँचे बारूक ने उन्हें सब कुछ पढ़कर सुना दिया।
Jere UrduGeoD 36:16  यरमियाह की तमाम पेशगोइयाँ सुनते ही वह घबरा गए और डर के मारे एक दूसरे को देखने लगे। फिर उन्होंने बारूक से कहा, “लाज़िम है कि हम बादशाह को इन तमाम बातों से आगाह करें।
Jere UrduGeoD 36:17  हमें ज़रा बताएँ, आपने यह तमाम बातें किस तरह क़लमबंद कीं? क्या यरमियाह ने सब कुछ ज़बानी आपको पेश किया?”
Jere UrduGeoD 36:18  बारूक ने जवाब दिया, “जी, वह मुझे यह तमाम बातें सुनाता गया, और मैं सब कुछ स्याही से इस तूमार में दर्ज करता गया।”
Jere UrduGeoD 36:19  यह सुनकर अफ़सरों ने बारूक से कहा, “अब चले जाएँ, आप और यरमियाह दोनों छुप जाएँ! किसी को भी पता न चले कि आप कहाँ हैं।”
Jere UrduGeoD 36:20  अफ़सरों ने तूमार को शाही मीरमुंशी इलीसमा के दफ़्तर में महफ़ूज़ रख दिया, फिर दरबार में दाख़िल होकर बादशाह को सब कुछ बता दिया।
Jere UrduGeoD 36:21  बादशाह ने यहूदी को तूमार ले आने का हुक्म दिया। यहूदी, इलीसमा मीरमुंशी के दफ़्तर से तूमार को लेकर बादशाह और तमाम अफ़सरों की मौजूदगी में उस की तिलावत करने लगा।
Jere UrduGeoD 36:22  चूँकि नवाँ महीना था इसलिए बादशाह महल के उस हिस्से में बैठा था जो सर्दियों के मौसम के लिए बनाया गया था। उसके सामने पड़ी अंगीठी में आग जल रही थी।
Jere UrduGeoD 36:23  जब भी यहूदी तीन या चार कालम पढ़ने से फ़ारिग़ हुआ तो बादशाह ने मुंशी की छुरी लेकर उन्हें तूमार से काट लिया और आग में फेंक दिया। यहूदी पढ़ता और बादशाह काटता गया। आख़िरकार पूरा तूमार राख हो गया था।
Jere UrduGeoD 36:24  गो बादशाह और उसके तमाम मुलाज़िमों ने यह तमाम बातें सुनीं तो भी न वह घबराए, न उन्होंने परेशान होकर अपने कपड़े फाड़े।
Jere UrduGeoD 36:25  और गो इलनातन, दिलायाह और जमरियाह ने बादशाह से मिन्नत की कि वह तूमार को न जलाए तो भी उसने उनकी न मानी
Jere UrduGeoD 36:26  बल्कि बाद में यरहमियेल शाहज़ादा, सिरायाह बिन अज़रियेल और सलमियाह बिन अबदियेल को भेजा ताकि वह बारूक मुंशी और यरमियाह नबी को गिरिफ़्तार करें। लेकिन रब ने उन्हें छुपाए रखा था।
Jere UrduGeoD 36:27  बादशाह के तूमार को जलाने के बाद रब यरमियाह से दुबारा हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 36:28  “नया तूमार लेकर उसमें वही तमाम पैग़ामात क़लमबंद कर जो उस तूमार में दर्ज थे जिसे शाहे-यहूदाह ने जला दिया था।
Jere UrduGeoD 36:29  साथ साथ यहूयक़ीम के बारे में एलान कर कि रब फ़रमाता है, ‘तूने तूमार को जलाकर यरमियाह से शिकायत की कि तूने इस किताब में क्यों लिखा है कि शाहे-बाबल ज़रूर आकर इस मुल्क को तबाह करेगा, और इसमें न इनसान, न हैवान रहेगा?’
Jere UrduGeoD 36:30  चुनाँचे यहूदाह के बादशाह के बारे में रब का फ़ैसला सुन! आइंदा उसके ख़ानदान का कोई भी फ़रद दाऊद के तख़्त पर नहीं बैठेगा। यहूयक़ीम की लाश बाहर फेंकी जाएगी, और वहाँ वह खुले मैदान में पड़ी रहेगी। कोई भी उसे दिन की तपती गरमी या रात की शदीद सर्दी से बचाए नहीं रखेगा।
Jere UrduGeoD 36:31  मैं उसे उसके बच्चों और मुलाज़िमों समेत उनकी बेदीनी का मुनासिब अज्र दूँगा। क्योंकि मैं उन पर और यरूशलम और यहूदाह के बाशिंदों पर वह तमाम आफ़त नाज़िल करूँगा जिसका एलान मैं कर चुका हूँ। अफ़सोस, उन्होंने मेरी नहीं सुनी।”
Jere UrduGeoD 36:32  चुनाँचे यरमियाह ने नया तूमार लेकर उसे बारूक बिन नैरियाह को दे दिया। फिर उसने बारूक मुंशी से वह तमाम पैग़ामात दुबारा लिखवाए जो उस तूमार में दर्ज थे जिसे शाहे-यहूदाह यहूयक़ीम ने जला दिया था। उनके अलावा मज़ीद बहुत-से पैग़ामात का इज़ाफ़ा हुआ।
Chapter 37
Jere UrduGeoD 37:1  यहूदाह के बादशाह यहूयाकीन बिन यहूयक़ीम को तख़्त से उतारने के बाद शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र ने सिदक़ियाह बिन यूसियाह को तख़्त पर बिठा दिया।
Jere UrduGeoD 37:2  लेकिन न सिदक़ियाह, न उसके अफ़सरों या अवाम ने उन पैग़ामात पर ध्यान दिया जो रब ने यरमियाह नबी की मारिफ़त फ़रमाए थे।
Jere UrduGeoD 37:3  एक दिन सिदक़ियाह बादशाह ने यहूकल बिन सलमियाह और इमाम सफ़नियाह बिन मासियाह को यरमियाह के पास भेजा ताकि वह गुज़ारिश करें, “मेहरबानी करके रब हमारे ख़ुदा से हमारी शफ़ाअत करें।”
Jere UrduGeoD 37:4  यरमियाह को अब तक क़ैद में डाला नहीं गया था, इसलिए वह आज़ादी से लोगों में चल-फिर सकता था।
Jere UrduGeoD 37:5  उस वक़्त फ़िरौन की फ़ौज मिसर से निकलकर इसराईल की तरफ़ बढ़ रही थी। जब यरूशलम का मुहासरा करनेवाली बाबल की फ़ौज को यह ख़बर मिली तो वह वहाँ से पीछे हट गई।
Jere UrduGeoD 37:6  तब रब यरमियाह नबी से हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 37:7  “रब इसराईल का ख़ुदा फ़रमाता है कि शाहे-यहूदाह ने तुम्हें मेरी मरज़ी दरियाफ़्त करने भेजा है। उसे जवाब दो कि फ़िरौन की जो फ़ौज तुम्हारी मदद करने के लिए निकल आई है वह अपने मुल्क वापस लौटने को है।
Jere UrduGeoD 37:8  फिर बाबल के फ़ौजी वापस आकर यरूशलम पर हमला करेंगे। वह इसे अपने क़ब्ज़े में लेकर नज़रे-आतिश कर देंगे।
Jere UrduGeoD 37:9  क्योंकि रब फ़रमाता है कि यह सोचकर धोका मत खाओ कि बाबल की फ़ौज ज़रूर हमें छोड़कर चली जाएगी। ऐसा कभी नहीं होगा!
Jere UrduGeoD 37:10  ख़ाह तुम हमलाआवर पूरी बाबली फ़ौज को शिकस्त क्यों न देते और सिर्फ़ ज़ख़मी आदमी बचे रहते तो भी तुम नाकाम रहते, तो भी यह बाज़ एक आदमी अपने ख़ैमों में से निकलकर यरूशलम को नज़रे-आतिश करते।”
Jere UrduGeoD 37:11  जब फ़िरौन की फ़ौज इसराईल की तरफ़ बढ़ने लगी तो बाबल के फ़ौजी यरूशलम को छोड़कर पीछे हट गए।
Jere UrduGeoD 37:12  उन दिनों में यरमियाह बिनयमीन के क़बायली इलाक़े के लिए रवाना हुआ, क्योंकि वह अपने रिश्तेदारों के साथ कोई मौरूसी मिलकियत तक़सीम करना चाहता था। लेकिन जब वह शहर से निकलते हुए
Jere UrduGeoD 37:13  बिनयमीन के दरवाज़े तक पहुँच गया तो पहरेदारों का एक अफ़सर उसे पकड़कर कहने लगा, “तुम भगोड़े हो! तुम बाबल की फ़ौज के पास जाना चाहते हो!” अफ़सर का नाम इरियाह बिन सलमियाह बिन हननियाह था।
Jere UrduGeoD 37:14  यरमियाह ने एतराज़ किया, “यह झूट है, मैं भगोड़ा नहीं हूँ! मैं बाबल की फ़ौज के पास नहीं जा रहा।” लेकिन इरियाह न माना बल्कि उसे गिरिफ़्तार करके सरकारी अफ़सरों के पास ले गया।
Jere UrduGeoD 37:15  उसे देखकर उन्हें यरमियाह पर ग़ुस्सा आया, और वह उस की पिटाई कराकर उसे शाही मुहर्रिर यूनतन के घर में लाए जिसे उन्होंने क़ैदख़ाना बनाया था।
Jere UrduGeoD 37:16  वहाँ उसे एक ज़मीनदोज़ कमरे में डाल दिया गया जो पहले हौज़ था और जिसकी छत मेहराबदार थी। वह मुतअद्दिद दिन उसमें बंद रहा।
Jere UrduGeoD 37:17  एक दिन सिदक़ियाह ने उसे महल में बुलाया। वहाँ अलहदगी में उससे पूछा, “क्या रब की तरफ़ से मेरे लिए कोई पैग़ाम है?” यरमियाह ने जवाब दिया, “जी हाँ। आपको शाहे-बाबल के हवाले किया जाएगा।”
Jere UrduGeoD 37:18  तब यरमियाह ने सिदक़ियाह बादशाह से अपनी बात जारी रखकर कहा, “मुझसे क्या जुर्म हुआ है? मैंने आपके अफ़सरों और अवाम का क्या क़ुसूर किया है कि मुझे जेल में डलवा दिया?
Jere UrduGeoD 37:19  आपके वह नबी कहाँ हैं जिन्होंने आपको पेशगोई सुनाई कि शाहे-बाबल न आप पर, न इस मुल्क पर हमला करेगा?
Jere UrduGeoD 37:20  ऐ मेरे मालिक और बादशाह, मेहरबानी करके मेरी बात सुनें, मेरी गुज़ारिश पूरी करें! मुझे यूनतन मुहर्रिर के घर में वापस न भेजें, वरना मैं मर जाऊँगा।”
Jere UrduGeoD 37:21  तब सिदक़ियाह बादशाह ने हुक्म दिया कि यरमियाह को शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में रखा जाए। उसने यह हिदायत भी दी कि जब तक शहर में रोटी दस्तयाब हो यरमियाह को नानबाई-गली से हर रोज़ एक रोटी मिलती रहे। चुनाँचे यरमियाह मुहाफ़िज़ों के सहन में रहने लगा।
Chapter 38
Jere UrduGeoD 38:1  सफ़तियाह बिन मत्तान, जिदलियाह बिन फ़शहूर, यूकल बिन सलमियाह और फ़शहूर बिन मलकियाह को मालूम हुआ कि यरमियाह तमाम लोगों को बता रहा है
Jere UrduGeoD 38:2  कि रब फ़रमाता है, “अगर तुम तलवार, काल या वबा से मरना चाहो तो इस शहर में रहो। लेकिन अगर तुम अपनी जान को बचाना चाहो तो शहर से निकलकर अपने आपको बाबल की फ़ौज के हवाले करो। जो कोई यह करे उस की जान छूट जाएगी।
Jere UrduGeoD 38:3  क्योंकि रब फ़रमाता है कि यरूशलम को ज़रूर शाहे-बाबल की फ़ौज के हवाले किया जाएगा। वह यक़ीनन उस पर क़ब्ज़ा करेगा।”
Jere UrduGeoD 38:4  तब मज़कूरा अफ़सरों ने बादशाह से कहा, “इस आदमी को सज़ाए-मौत दीनी चाहिए, क्योंकि यह शहर में बचे हुए फ़ौजियों और बाक़ी तमाम लोगों को ऐसी बातें बता रहा है जिनसे वह हिम्मत हार गए हैं। यह आदमी क़ौम की बहबूदी नहीं चाहता बल्कि उसे मुसीबत में डालने पर तुला रहता है।”
Jere UrduGeoD 38:5  सिदक़ियाह बादशाह ने जवाब दिया, “ठीक है, वह आपके हाथ में है। मैं आपको रोक नहीं सकता।”
Jere UrduGeoD 38:6  तब उन्होंने यरमियाह को पकड़कर मलकियाह शाहज़ादा के हौज़ में डाल दिया। यह हौज़ शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में था। रस्सों के ज़रीए उन्होंने यरमियाह को उतार दिया। हौज़ में पानी नहीं था बल्कि सिर्फ़ कीचड़, और यरमियाह कीचड़ में धँस गया।
Jere UrduGeoD 38:7  लेकिन एथोपिया के एक दरबारी बनाम अबद-मलिक को पता चला कि यरमियाह के साथ क्या कुछ किया जा रहा है। जब बादशाह शहर के दरवाज़े बनाम बिनयमीन में कचहरी लगाए बैठा था
Jere UrduGeoD 38:8  तो अबद-मलिक शाही महल से निकलकर उसके पास गया और कहा,
Jere UrduGeoD 38:9  “मेरे आक़ा और बादशाह, जो सुलूक इन आदमियों ने यरमियाह के साथ किया है वह निहायत बुरा है। उन्होंने उसे एक हौज़ में फेंक दिया है जहाँ वह भूका मरेगा। क्योंकि शहर में रोटी ख़त्म हो गई है।”
Jere UrduGeoD 38:10  यह सुनकर बादशाह ने अबद-मलिक को हुक्म दिया, “इससे पहले कि यरमियाह मर जाए यहाँ से 30 आदमियों को लेकर नबी को हौज़ से निकाल दें।”
Jere UrduGeoD 38:11  अबद-मलिक आदमियों को अपने साथ लेकर शाही महल के गोदाम के नीचे के एक कमरे में गया। वहाँ से उसने कुछ पुराने चीथड़े और घिसे-फटे कपड़े चुनकर उन्हें रस्सों के ज़रीए हौज़ में यरमियाह तक उतार दिया।
Jere UrduGeoD 38:12  अबद-मलिक बोला, “रस्से बाँधने से पहले यह पुराने चीथड़े और घिसे-फटे कपड़े बग़ल में रखें।” यरमियाह ने ऐसा ही किया,
Jere UrduGeoD 38:13  तो वह उसे रस्सों से खींचकर हौज़ से निकाल लाए। इसके बाद यरमियाह शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में रहा।
Jere UrduGeoD 38:14  एक दिन सिदक़ियाह बादशाह ने यरमियाह को रब के घर के तीसरे दरवाज़े के पास बुलाकर उससे कहा, “मैं आपसे एक बात दरियाफ़्त करना चाहता हूँ। मुझे इसका साफ़ जवाब दें, कोई भी बात मुझसे मत छुपाएँ।”
Jere UrduGeoD 38:15  यरमियाह ने एतराज़ किया, “अगर मैं आपको साफ़ जवाब दूँ तो आप मुझे मार डालेंगे। और अगर मैं आपको मशवरा दूँ भी तो आप उसे क़बूल नहीं करेंगे।”
Jere UrduGeoD 38:16  तब सिदक़ियाह बादशाह ने अलहदगी में क़सम खाकर यरमियाह से वादा किया, “रब की हयात की क़सम जिसने हमें जान दी है, न मैं आपको मार डालूँगा, न आपके जानी दुश्मनों के हवाले करूँगा।”
Jere UrduGeoD 38:17  तब यरमियाह बोला, “रब जो लशकरों का और इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘अपने आपको शाहे-बाबल के अफ़सरान के हवाले कर। फिर तेरी जान छूट जाएगी और यह शहर नज़रे-आतिश नहीं हो जाएगा। तू और तेरा ख़ानदान जीता रहेगा।
Jere UrduGeoD 38:18  दूसरी सूरत में इस शहर को बाबल के हवाले किया जाएगा और फ़ौजी इसे नज़रे-आतिश करेंगे। तू भी उनके हाथ से नहीं बचेगा’।”
Jere UrduGeoD 38:19  लेकिन सिदक़ियाह बादशाह ने एतराज़ किया, “मुझे उन हमवतनों से डर लगता है जो ग़द्दारी करके बाबल की फ़ौज के पास भाग गए हैं। हो सकता है कि बाबल के फ़ौजी मुझे उनके हवाले करें और वह मेरे साथ बदसुलूकी करें।”
Jere UrduGeoD 38:20  यरमियाह ने जवाब दिया, “वह आपको उनके हवाले नहीं करेंगे। रब की सुनकर वह कुछ करें जो मैंने आपको बताया है। फिर आपकी सलामती होगी और आपकी जान छूट जाएगी।
Jere UrduGeoD 38:21  लेकिन अगर आप शहर से निकलकर हथियार डालने के लिए तैयार नहीं हैं तो फिर यह पैग़ाम सुनें जो रब ने मुझ पर ज़ाहिर किया है!
Jere UrduGeoD 38:22  शाही महल में जितनी ख़वातीन बच गई हैं उन सबको शाहे-बाबल के अफ़सरों के पास पहुँचाया जाएगा। तब यह ख़वातीन आपके बारे में कहेंगी, ‘हाय, जिन आदमियों पर तू पूरा एतमाद रखता था वह फ़रेब देकर तुझ पर ग़ालिब आ गए हैं। तेरे पाँव दलदल में धँस गए हैं, लेकिन यह लोग ग़ायब हो गए हैं।’
Jere UrduGeoD 38:23  हाँ, तेरे तमाम बाल-बच्चों को बाहर बाबल की फ़ौज के पास लाया जाएगा। तू ख़ुद भी उनके हाथ से नहीं बचेगा बल्कि शाहे-बाबल तुझे पकड़ लेगा। यह शहर नज़रे-आतिश हो जाएगा।”
Jere UrduGeoD 38:24  फिर सिदक़ियाह ने यरमियाह से कहा, “ख़बरदार! किसी को भी यह मालूम न हो कि हमने क्या क्या बातें की हैं, वरना आप मर जाएंगे।
Jere UrduGeoD 38:25  जब मेरे अफ़सरों को पता चले कि मेरी आपसे गुफ़्तगू हुई है तो वह आपके पास आकर पूछेंगे, ‘तुमने बादशाह से क्या बात की, और बादशाह ने तुमसे क्या कहा? हमें साफ़ जवाब दो और झूट न बोलो, वरना हम तुम्हें मार डालेंगे।’
Jere UrduGeoD 38:26  जब वह इस तरह की बातें करेंगे तो उन्हें सिर्फ़ इतना-सा बताएँ, ‘मैं बादशाह से मिन्नत कर रहा था कि वह मुझे यूनतन के घर में वापस न भेजें, वरना मैं मर जाऊँगा’।”
Jere UrduGeoD 38:27  ऐसा ही हुआ। तमाम सरकारी अफ़सर यरमियाह के पास आए और उससे सवाल करने लगे। लेकिन उसने उन्हें सिर्फ़ वह कुछ बताया जो बादशाह ने उसे कहने को कहा था। तब वह ख़ामोश हो गए, क्योंकि किसी ने भी उस की बादशाह से गुफ़्तगू नहीं सुनी थी।
Jere UrduGeoD 38:28  इसके बाद यरमियाह यरूशलम की शिकस्त तक शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में क़ैदी रहा।
Chapter 39
Jere UrduGeoD 39:1  यरूशलम यों दुश्मन के हाथ में आया : यहूदाह के बादशाह के नवें साल और 10वें महीने में शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र अपनी तमाम फ़ौज लेकर यरूशलम पहुँचा और शहर का मुहासरा करने लगा।
Jere UrduGeoD 39:2  सिदक़ियाह के 11वें साल के चौथे महीने और नवें दिन दुश्मन ने फ़सील में रख़ना डाल दिया।
Jere UrduGeoD 39:3  तब नबूकदनज़्ज़र के तमाम आला अफ़सर शहर में आकर उसके दरमियानी दरवाज़े में बैठ गए। उनमें नैरगल-सराज़र जो रब-माग था, समगर-नबू, सर-सकीम जो रब-सारीस था और शाहे-बाबल के बाक़ी बुज़ुर्ग शामिल थे।
Jere UrduGeoD 39:4  उन्हें देखकर यहूदाह का बादशाह सिदक़ियाह और उसके तमाम फ़ौजी भाग गए। रात के वक़्त वह फ़सील के उस दरवाज़े से निकले जो शाही बाग़ के साथ मुलहिक़ दो दीवारों के बीच में था। वह वादीए-यरदन की तरफ़ दौड़ने लगे,
Jere UrduGeoD 39:5  लेकिन बाबल के फ़ौजियों ने उनका ताक़्क़ुब करके सिदक़ियाह को यरीहू के मैदानी इलाक़े में पकड़ लिया। फिर उसे मुल्के-हमात के शहर रिबला में शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र के पास लाया गया, और वहीं उसने सिदक़ियाह पर फ़ैसला सादिर किया।
Jere UrduGeoD 39:6  सिदक़ियाह के देखते देखते शाहे-बाबल ने रिबला में उसके बेटों को क़त्ल किया। साथ साथ उसने यहूदाह के तमाम बुज़ुर्गों को भी मौत के घाट उतार दिया।
Jere UrduGeoD 39:7  फिर उसने सिदक़ियाह की आँखें निकलवाकर उसे पीतल की ज़ंजीरों में जकड़ लिया और बाबल को ले जाने के लिए महफ़ूज़ रखा।
Jere UrduGeoD 39:8  बाबल के फ़ौजियों ने शाही महल और दीगर लोगों के घरों को जलाकर यरूशलम की फ़सील को गिरा दिया।
Jere UrduGeoD 39:9  शाही मुहाफ़िज़ों के अफ़सर नबूज़रादान ने सबको जिलावतन कर दिया जो यरूशलम और यहूदाह में पीछे रह गए थे। वह भी उनमें शामिल थे जो जंग के दौरान ग़द्दारी करके शाहे-बाबल के पीछे लग गए थे।
Jere UrduGeoD 39:10  लेकिन नबूज़रादान ने सबसे निचले तबक़े के बाज़ लोगों को मुल्के-यहूदाह में छोड़ दिया, ऐसे लोग जिनके पास कुछ नहीं था। उन्हें उसने उस वक़्त अंगूर के बाग़ और खेत दिए।
Jere UrduGeoD 39:11  नबूकदनज़्ज़र बादशाह ने शाही मुहाफ़िज़ों के अफ़सर नबूज़रादान को हुक्म दिया, “यरमियाह को अपने पास रखें। उसका ख़याल रखें। उसे नुक़सान न पहुँचाएँ बल्कि जो भी दरख़ास्त वह करे उसे पूरा करें।”
Jere UrduGeoD 39:12  नबूकदनज़्ज़र बादशाह ने शाही मुहाफ़िज़ों के अफ़सर नबूज़रादान को हुक्म दिया, “यरमियाह को अपने पास रखें। उसका ख़याल रखें। उसे नुक़सान न पहुँचाएँ बल्कि जो भी दरख़ास्त वह करे उसे पूरा करें।”
Jere UrduGeoD 39:13  चुनाँचे शाही मुहाफ़िज़ों के अफ़सर नबूज़रादान ने किसी को यरमियाह के पास भेजा। उस वक़्त नबूशज़बान जो रब-सारीस था, नैरगल-सराज़र जो रब-माग था और शाहे-बाबल के बाक़ी अफ़सर नबूज़रादान के पास थे।
Jere UrduGeoD 39:14  यरमियाह अब तक शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में गिरिफ़्तार था। उन्होंने हुक्म दिया कि उसे वहाँ से निकालकर जिदलियाह बिन अख़ीक़ाम बिन साफ़न के हवाले कर दिया जाए ताकि वह उसे उसके अपने घर पहुँचा दे। यों यरमियाह अपने लोगों के दरमियान बसने लगा।
Jere UrduGeoD 39:15  जब यरमियाह अभी शाही मुहाफ़िज़ों के सहन में गिरिफ़्तार था तो रब उससे हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 39:16  “जाकर एथोपिया के अबद-मलिक को बता, ‘रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि देख, मैं इस शहर के साथ वह सब कुछ करने को हूँ जिसका एलान मैंने किया था। मैं उस पर मेहरबानी नहीं करूँगा बल्कि उसे नुक़सान पहुँचाऊँगा। तू अपनी आँखों से यह देखेगा।
Jere UrduGeoD 39:17  लेकिन रब फ़रमाता है कि तुझे मैं उस दिन छुटकारा दूँगा, तुझे उनके हवाले नहीं किया जाएगा जिनसे तू डरता है।
Jere UrduGeoD 39:18  मैं ख़ुद तुझे बचाऊँगा। चूँकि तूने मुझ पर भरोसा किया इसलिए तू तलवार की ज़द में नहीं आएगा बल्कि तेरी जान छूट जाएगी। यह रब का फ़रमान है’।”
Chapter 40
Jere UrduGeoD 40:1  आज़ाद होने के बाद भी रब का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ। शाही मुहाफ़िज़ों के अफ़सर नबूज़रादान ने उसे रामा में रिहा किया था। क्योंकि जब यरूशलम और बाक़ी यहूदाह के क़ैदियों को मुल्के-बाबल में ले जाने के लिए जमा किया गया तो मालूम हुआ कि यरमियाह भी ज़ंजीरों में जकड़ा हुआ उनमें शामिल है।
Jere UrduGeoD 40:2  तब नबूज़रादान ने यरमियाह को बुलाकर उससे कहा, “रब आपके ख़ुदा ने एलान किया था कि इस जगह पर आफ़त आएगी।
Jere UrduGeoD 40:3  और अब वह यह आफ़त उसी तरह ही लाया जिस तरह उसने फ़रमाया था। सब कुछ इसलिए हुआ कि आपकी क़ौम रब का गुनाह करती रही और उस की न सुनी।
Jere UrduGeoD 40:4  लेकिन आज मैं वह ज़ंजीरें खोल देता हूँ जिनसे आपके हाथ जकड़े हुए हैं। आप आज़ाद हैं। अगर चाहें तो मेरे साथ बाबल जाएँ। तब मैं ही आपकी निगरानी करूँगा। बाक़ी आपकी मरज़ी। अगर यहीं रहना पसंद करेंगे तो यहीं रहें। पूरे मुल्क में जहाँ भी जाना चाहें जाएँ। कोई आपको नहीं रोकेगा।”
Jere UrduGeoD 40:5  यरमियाह अब तक झिजक रहा था, इसलिए नबूज़रादान ने कहा, “फिर जिदलियाह बिन अख़ीक़ाम बिन साफ़न के पास चले जाएँ! शाहे-बाबल ने उसे सूबा यहूदाह के शहरों पर मुक़र्रर किया है। उसके साथ रहें। या फिर जहाँ भी रहना पसंद करें वहीं रहें।” नबूज़रादान ने यरमियाह को कुछ ख़ुराक और एक तोह्फ़ा देकर उसे रुख़सत कर दिया।
Jere UrduGeoD 40:6  जिदलियाह मिसफ़ाह में ठहरा हुआ था। यरमियाह उसके पास जाकर मुल्क के बचे हुए लोगों के बीच में बसने लगा।
Jere UrduGeoD 40:7  देहात में अब तक यहूदाह के कुछ फ़ौजी अफ़सर अपने दस्तों समेत छुपे रहते थे। जब उन्हें ख़बर मिली कि शाहे-बाबल ने जिदलियाह बिन अख़ीक़ाम को यहूदाह का गवर्नर बनाकर उन ग़रीब आदमियों और बाल-बच्चों पर मुक़र्रर किया है जो जिलावतन नहीं हुए हैं
Jere UrduGeoD 40:8  तो वह मिसफ़ाह में जिदलियाह के पास आए। अफ़सरों के नाम इसमाईल बिन नतनियाह, क़रीह के बेटे यूहनान और यूनतन, सिरायाह बिन तनहूमत, ईफी नतूफ़ाती के बेटे और याज़नियाह बिन माकाती थे। उनके फ़ौजी भी साथ आए।
Jere UrduGeoD 40:9  जिदलियाह बिन अख़ीक़ाम बिन साफ़न ने क़सम खाकर उनसे वादा किया, “बाबल के ताबे हो जाने से मत डरना! मुल्क में आबाद होकर शाहे-बाबल की ख़िदमत करें तो आपकी सलामती होगी।
Jere UrduGeoD 40:10  मैं ख़ुद मिसफ़ाह में ठहरकर आपकी सिफ़ारिश करूँगा जब बाबल के नुमाइंदे आएँगे। इतने में अंगूर, मौसमे-गरमा का फल और ज़ैतून की फ़सलें जमा करके अपने बरतनों में महफ़ूज़ रखें। उन शहरों में आबाद रहें जिन पर आपने क़ब्ज़ा कर लिया है।”
Jere UrduGeoD 40:11  यहूदाह के मुतअद्दिद बाशिंदे मोआब, अम्मोन, अदोम और दीगर पड़ोसी ममालिक में हिजरत कर गए थे। अब जब उन्हें इत्तला मिली कि शाहे-बाबल ने कुछ बचे हुए लोगों को यहूदाह में छोड़कर जिदलियाह बिन अख़ीक़ाम बिन साफ़न को गवर्नर बना दिया है
Jere UrduGeoD 40:12  तो वह सब यहूदाह में वापस आए। जिन ममालिक में भी वह मुंतशिर हुए थे वहाँ से वह मिसफ़ाह आए ताकि जिदलियाह से मिलें। उस मौसमे-गरमा में वह अंगूर और बाक़ी फल की बड़ी फ़सल जमा कर सके।
Jere UrduGeoD 40:13  एक दिन यूहनान बिन क़रीह और वह तमाम फ़ौजी अफ़सर जो अब तक देहात में ठहरे हुए थे जिदलियाह से मिलने आए।
Jere UrduGeoD 40:14  मिसफ़ाह में पहुँचकर वह जिदलियाह से कहने लगे, “क्या आपको नहीं मालूम कि अम्मोन के बादशाह बालीस ने इसमाईल बिन नतनियाह को आपको क़त्ल करने के लिए भेजा है?” लेकिन जिदलियाह बिन अख़ीक़ाम ने उनकी बात का यक़ीन न किया।
Jere UrduGeoD 40:15  तब यूहनान बिन क़रीह मिसफ़ाह आया और अलहदगी में जिदलियाह से मिला। वह बोला, “मुझे इसमाईल बिन नतनियाह के पास जाकर उसे मार देने की इजाज़त दें। किसी को भी पता नहीं चलेगा। क्या ज़रूरत है कि वह आपको क़त्ल करे? अगर वह इसमें कामयाब हो जाए तो आपके पास जमाशुदा हमवतन सबके सब मुंतशिर हो जाएंगे और यहूदाह का बचा हुआ हिस्सा हलाक हो जाएगा।”
Jere UrduGeoD 40:16  जिदलियाह ने यूहनान को डाँटकर कहा, “ऐसा मत करना! जो कुछ आप इसमाईल के बारे में बता रहे हैं वह झूट है।”
Chapter 41
Jere UrduGeoD 41:1  इसमाईल बिन नतनियाह बिन इलीसमा शाही नसल का था और पहले शाहे-यहूदाह का आला अफ़सर था। सातवें महीने में वह दस आदमियों को अपने साथ लेकर मिसफ़ाह में जिदलियाह से मिलने आया। जब वह मिलकर खाना खा रहे थे
Jere UrduGeoD 41:2  तो इसमाईल और उसके दस आदमी अचानक उठे और अपनी तलवारों को खींचकर जिदलियाह को मार डाला। यों इसमाईल ने उस आदमी को क़त्ल किया जिसे बाबल के बादशाह ने सूबा यहूदाह पर मुक़र्रर किया था।
Jere UrduGeoD 41:3  उसने मिसफ़ाह में जिदलियाह के साथ रहनेवाले तमाम हमवतनों को भी क़त्ल किया और वहाँ ठहरनेवाले बाबल के फ़ौजियों को भी।
Jere UrduGeoD 41:4  अगले दिन जब किसी को मालूम नहीं था कि जिदलियाह को क़त्ल किया गया है
Jere UrduGeoD 41:5  तो 80 आदमी वहाँ पहुँचे जो सिकम, सैला और सामरिया से आकर रब के तबाहशुदा घर में उस की परस्तिश करने जा रहे थे। उनके पास ग़ल्ला और बख़ूर की क़ुरबानियाँ थीं, और उन्होंने ग़म के मारे अपनी दाढ़ियाँ मुँडवाकर अपने कपड़े फाड़ लिए और अपनी जिल्द को ज़ख़मी कर दिया था।
Jere UrduGeoD 41:6  इसमाईल रोते रोते मिसफ़ाह से निकलकर उनसे मिलने आया। जब वह उनके पास पहुँचा तो कहने लगा, “जिदलियाह बिन अख़ीक़ाम के पास आओ और देखो कि क्या हुआ है!”
Jere UrduGeoD 41:7  ज्योंही वह शहर में दाख़िल हुए तो इसमाईल और उसके साथियों ने उन्हें क़त्ल करके एक हौज़ में फेंक दिया।
Jere UrduGeoD 41:8  सिर्फ़ दस आदमी बच गए जब उन्होंने इसमाईल से कहा, “हमें मत क़त्ल करना, क्योंकि हमारे पास गंदुम, जौ और शहद के ज़ख़ीरे हैं जो हमने खुले मैदान में कहीं छुपा रखे हैं।” यह सुनकर उसने उन्हें दूसरों की तरह न मारा बल्कि ज़िंदा छोड़ा।
Jere UrduGeoD 41:9  जिस हौज़ में इसमाईल ने मज़कूरा आदमियों की लाशें फेंक दीं वह बहुत बड़ा था। यहूदाह के बादशाह आसा ने उसे उस वक़्त बनवाया था जब इसराईली बादशाह बाशा से जंग थी और वह मिसफ़ाह को मज़बूत बना रहा था। इसमाईल ने इसी हौज़ को मक़तूलों से भर दिया था।
Jere UrduGeoD 41:10  मिसफ़ाह के बाक़ी लोगों को उसने क़ैदी बना लिया। उनमें यहूदाह के बादशाह की बेटियाँ और बाक़ी वह तमाम लोग शामिल थे जिन पर शाही मुहाफ़िज़ों के सरदार नबूज़रादान ने जिदलियाह बिन अख़ीक़ाम को मुक़र्रर किया था। फिर इसमाईल उन सबको अपने साथ लेकर मुल्के-अम्मोन के लिए रवाना हुआ।
Jere UrduGeoD 41:11  लेकिन यूहनान बिन क़रीह और उसके साथी अफ़सरों को इत्तला दी गई कि इसमाईल से क्या जुर्म हुआ है।
Jere UrduGeoD 41:12  तब वह अपने तमाम फ़ौजियों को जमा करके इसमाईल से लड़ने के लिए निकले और उसका ताक़्क़ुब करते करते उसे जिबऊन के जोहड़ के पास जा लिया।
Jere UrduGeoD 41:13  ज्योंही इसमाईल के क़ैदियों ने यूहनान और उसके अफ़सरों को देखा तो वह ख़ुश हुए।
Jere UrduGeoD 41:14  सबने इसमाईल को छोड़ दिया और मुड़कर यूहनान के पास भाग आए।
Jere UrduGeoD 41:15  इसमाईल आठ साथियों समेत फ़रार हुआ और यूहनान के हाथ से बचकर मुल्के-अम्मोन में चला गया।
Jere UrduGeoD 41:16  यों मिसफ़ाह के बचे हुए तमाम लोग जिबऊन में यूहनान और उसके साथी अफ़सरों के ज़ेरे-निगरानी आए। उनमें वह तमाम फ़ौजी, ख़वातीन, बच्चे और दरबारी शामिल थे जिन्हें इसमाईल ने जिदलियाह को क़त्ल करने के बाद क़ैदी बनाया था।
Jere UrduGeoD 41:17  लेकिन वह मिसफ़ाह वापस न गए बल्कि आगे चलते चलते बैत-लहम के क़रीब के गाँव बनाम सराय-किमहाम में रुक गए। वहाँ वह मिसर के लिए रवाना होने की तैयारियाँ करने लगे,
Jere UrduGeoD 41:18  क्योंकि वह बाबल के इंतक़ाम से डरते थे, इसलिए कि जिदलियाह बिन अख़ीक़ाम को क़त्ल करने से इसमाईल बिन नतनियाह ने उस आदमी को मौत के घाट उतारा था जिसे शाहे-बाबल ने यहूदाह का गवर्नर मुक़र्रर किया था।
Chapter 42
Jere UrduGeoD 42:1  यूहनान बिन क़रीह, यज़नियाह बिन हूसायाह और दीगर फ़ौजी अफ़सर बाक़ी तमाम लोगों के साथ छोटे से लेकर बड़े तक
Jere UrduGeoD 42:2  यरमियाह नबी के पास आए और कहने लगे, “हमारी मिन्नत क़बूल करें और रब अपने ख़ुदा से हमारे लिए दुआ करें। आप ख़ुद देख सकते हैं कि गो हम पहले मुतअद्दिद लोग थे, लेकिन अब थोड़े ही रह गए हैं।
Jere UrduGeoD 42:3  दुआ करें कि रब आपका ख़ुदा हमें दिखाए कि हम कहाँ जाएँ और क्या कुछ करें।”
Jere UrduGeoD 42:4  यरमियाह ने जवाब दिया, “ठीक है, मैं दुआ में ज़रूर रब आपके ख़ुदा को आपकी गुज़ारिश पेश करूँगा। और जो भी जवाब रब दे वह मैं लफ़्ज़ बलफ़्ज़ आपको बता दूँगा। मैं आपको किसी भी बात से महरूम नहीं रखूँगा।”
Jere UrduGeoD 42:5  उन्होंने कहा, “रब हमारा वफ़ादार और क़ाबिले-एतमाद गवाह है। अगर हम हर बात पर अमल न करें जो रब आपका ख़ुदा आपकी मारिफ़त हम पर नाज़िल करेगा तो वही हमारे ख़िलाफ़ गवाही दे।
Jere UrduGeoD 42:6  ख़ाह उस की हिदायत हमें अच्छी लगे या बुरी, हम रब अपने ख़ुदा की सुनेंगे। क्योंकि हम जानते हैं कि जब हम रब अपने ख़ुदा की सुनें तब ही हमारी सलामती होगी। इसी लिए हम आपको उसके पास भेज रहे हैं।”
Jere UrduGeoD 42:7  दस दिन गुज़रने के बाद रब का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ।
Jere UrduGeoD 42:8  उसने यूहनान, उसके साथी अफ़सरों और बाक़ी तमाम लोगों को छोटे से लेकर बड़े तक अपने पास बुलाकर
Jere UrduGeoD 42:9  कहा, “आपने मुझे रब इसराईल के ख़ुदा के पास भेजा ताकि मैं आपकी गुज़ारिश उसके सामने लाऊँ। अब उसका फ़रमान सुनें!
Jere UrduGeoD 42:10  ‘अगर तुम इस मुल्क में रहो तो मैं तुम्हें नहीं गिराऊँगा बल्कि तामीर करूँगा, तुम्हें जड़ से नहीं उखाड़ूँगा बल्कि पनीरी की तरह लगा दूँगा। क्योंकि मुझे उस मुसीबत पर अफ़सोस है जिसमें मैंने तुम्हें मुब्तला किया है।
Jere UrduGeoD 42:11  इस वक़्त तुम शाहे-बाबल से डरते हो, लेकिन उससे ख़ौफ़ मत खाना!’ रब फ़रमाता है, ‘उससे दहशत न खाओ, क्योंकि मैं तुम्हारे साथ हूँ और तुम्हारी मदद करके उसके हाथ से छुटकारा दूँगा।
Jere UrduGeoD 42:12  मैं तुम पर रहम करूँगा, इसलिए वह भी तुम पर रहम करके तुम्हें तुम्हारे मुल्क में वापस आने देगा।
Jere UrduGeoD 42:13  लेकिन अगर तुम रब अपने ख़ुदा की सुनने के लिए तैयार न हो बल्कि कहो कि हम इस मुल्क में नहीं रहेंगे
Jere UrduGeoD 42:14  बल्कि मिसर जाएंगे जहाँ न जंग देखेंगे, न जंगी नरसिंगे की आवाज़ सुनेंगे और न भूके रहेंगे
Jere UrduGeoD 42:15  तो रब का जवाब सुनो! ऐ यहूदाह के बचे हुए लोगो, रब इसराईल का ख़ुदा फ़रमाता है कि अगर तुम मिसर में जाकर वहाँ पनाह लेने पर तुले हुए हो
Jere UrduGeoD 42:16  तो यक़ीन जानो कि जिस तलवार और काल से तुम डरते हो वह वहीं मिसर में तुम्हारा पीछा करता रहेगा। वहाँ जाकर तुम यक़ीनन मरोगे।
Jere UrduGeoD 42:17  जितने भी मिसर जाकर वहाँ रहने पर तुले हुए हों वह सब तलवार, काल और मोहलक बीमारियों की ज़द में आकर मर जाएंगे। जिस मुसीबत में मैं उन्हें डाल दूँगा उससे कोई नहीं बचेगा।’
Jere UrduGeoD 42:18  क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘पहले मेरा सख़्त ग़ज़ब यरूशलम के बाशिंदों पर नाज़िल हुआ। अगर तुम मिसर जाओ तो मेरा ग़ज़ब तुम पर भी नाज़िल होगा। तुम्हें देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे, और तुम उनकी लान-तान और हिक़ारत का निशाना बनोगे। लानत करनेवाला अपने दुश्मनों के लिए तुम्हारे जैसा अंजाम चाहेगा। जहाँ तक तुम्हारे वतन का ताल्लुक़ है, तुम उसे आइंदा कभी नहीं देखोगे।’
Jere UrduGeoD 42:19  ऐ यहूदाह के बचे हुए लोगो, अब रब आपसे हमकलाम हुआ है। उसका जवाब साफ़ है। मिसर को मत जाना! यह बात ख़ूब जान लें कि आज मैंने आपको आगाह कर दिया है।
Jere UrduGeoD 42:20  आपने ख़ुद अपनी जान को ख़तरे में डाल दिया जब आपने मुझे रब अपने ख़ुदा के पास भेजकर कहा, ‘रब हमारे ख़ुदा से हमारे लिए दुआ करें। उसका पूरा जवाब हमें सुनाएँ, क्योंकि हम उस की तमाम बातों पर अमल करेंगे।’
Jere UrduGeoD 42:21  आज मैंने यह किया है, लेकिन आप रब अपने ख़ुदा की सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। जो कुछ भी उसने मुझे आपको सुनाने को कहा है उस पर आप अमल नहीं करना चाहते।
Jere UrduGeoD 42:22  चुनाँचे अब जान लें कि जहाँ आप जाकर पनाह लेना चाहते हैं वहाँ आप तलवार, काल और मोहलक बीमारियों की ज़द में आकर हलाक हो जाएंगे।”
Chapter 43
Jere UrduGeoD 43:1  यरमियाह ख़ामोश हुआ। जो कुछ भी रब उनके ख़ुदा ने यरमियाह को उन्हें सुनाने को कहा था उसे उसने उन सब तक पहुँचाया था।
Jere UrduGeoD 43:2  फिर अज़रियाह बिन हूसायाह, यूहनान बिन अख़ीक़ाम और तमाम बदतमीज़ आदमी बोल उठे, “तुम झूट बोल रहे हो! रब हमारे ख़ुदा ने तुम्हें यह सुनाने को नहीं भेजा कि मिसर को न जाओ, न वहाँ आबाद हो जाओ।
Jere UrduGeoD 43:3  इसके पीछे बारूक बिन नैरियाह का हाथ है। वही तुम्हें हमारे ख़िलाफ़ उकसा रहा है, क्योंकि वह चाहता है कि हम बाबलियों के हाथ में आ जाएँ ताकि वह हमें क़त्ल करें या जिलावतन करके मुल्के-बाबल ले जाएँ।”
Jere UrduGeoD 43:4  ऐसी बातें करते करते यूहनान बिन क़रीह, दीगर फ़ौजी अफ़सरों और बाक़ी तमाम लोगों ने रब का हुक्म रद्द किया। वह मुल्के-यहूदाह में न रहे
Jere UrduGeoD 43:5  बल्कि सब यूहनान और बाक़ी तमाम फ़ौजी अफ़सरों की राहनुमाई में मिसर चले गए। उनमें यहूदाह के वह बचे हुए सब लोग शामिल थे जो पहले मुख़्तलिफ़ ममालिक में मुंतशिर हुए थे, लेकिन अब यहूदाह में दुबारा आबाद होने के लिए वापस आए थे।
Jere UrduGeoD 43:6  वह तमाम मर्द, औरतें और बच्चे बादशाह की बेटियों समेत भी उनमें शामिल थे जिन्हें शाही मुहाफ़िज़ों के सरदार नबूज़रादान ने जिदलियाह बिन अख़ीक़ाम के सुपुर्द किया था। यरमियाह नबी और बारूक बिन नैरियाह को भी साथ जाना पड़ा।
Jere UrduGeoD 43:7  यों वह रब की हिदायत रद्द करके रवाना हुए और चलते चलते मिसरी सरहद के शहर तहफ़नहीस तक पहुँचे।
Jere UrduGeoD 43:8  तहफ़नहीस में रब का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 43:9  “अपने हमवतनों की मौजूदगी में चंद एक बड़े पत्थर फ़िरौन के महल के दरवाज़े के क़रीब ले जाकर फ़र्श की कच्ची ईंटों के नीचे दबा दे।
Jere UrduGeoD 43:10  फिर उन्हें बता दे, ‘रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि मैं अपने ख़ादिम शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र को बुलाकर यहाँ लाऊँगा और उसका तख़्त उन पत्थरों के ऊपर खड़ा करूँगा जो मैंने यरमियाह के ज़रीए दबाए हैं। नबूकदनज़्ज़र उन्हीं के ऊपर अपना शाही तंबू लगाएगा।
Jere UrduGeoD 43:11  क्योंकि वह आएगा और मिसर पर हमला करके हर एक के साथ वह कुछ करेगा जो उसके नसीब में है। एक मर जाएगा, दूसरा क़ैद में जाएगा और तीसरा तलवार की ज़द में आएगा।
Jere UrduGeoD 43:12  नबूकदनज़्ज़र मिसरी देवताओं के मंदिरों को जलाकर राख कर देगा और उनके बुतों पर क़ब्ज़ा करके उन्हें अपने साथ ले जाएगा। जिस तरह चरवाहा अपने कपड़े से जुएँ निकाल निकालकर उसे साफ़ कर लेता है उसी तरह शाहे-बाबल मिसर को मालो-मता से साफ़ करेगा। मिसर आते वक़्त वह सूरज देवता के मंदिर में जाकर उसके सतूनों को ढा देगा और बाक़ी मिसरी देवताओं के मंदिर भी नज़रे-आतिश करेगा। फिर शाहे-बाबल सहीह-सलामत वहाँ से वापस चला जाएगा’।”
Jere UrduGeoD 43:13  नबूकदनज़्ज़र मिसरी देवताओं के मंदिरों को जलाकर राख कर देगा और उनके बुतों पर क़ब्ज़ा करके उन्हें अपने साथ ले जाएगा। जिस तरह चरवाहा अपने कपड़े से जुएँ निकाल निकालकर उसे साफ़ कर लेता है उसी तरह शाहे-बाबल मिसर को मालो-मता से साफ़ करेगा। मिसर आते वक़्त वह सूरज देवता के मंदिर में जाकर उसके सतूनों को ढा देगा और बाक़ी मिसरी देवताओं के मंदिर भी नज़रे-आतिश करेगा। फिर शाहे-बाबल सहीह-सलामत वहाँ से वापस चला जाएगा’।”
Chapter 44
Jere UrduGeoD 44:1  रब का कलाम एक बार फिर यरमियाह पर नाज़िल हुआ। उसमें वह उन तमाम हमवतनों से हमकलाम हुआ जो शिमाली मिसर के शहरों मिजदाल, तहफ़नहीस और मेंफ़िस और जुनूबी मिसर बनाम पतरूस में रहते थे।
Jere UrduGeoD 44:2  “रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘तुमने ख़ुद वह बड़ी आफ़त देखी जो मैं यरूशलम और यहूदाह के दीगर तमाम शहरों पर लाया। आज वह वीरानो-सुनसान हैं, और उनमें कोई नहीं बसता।
Jere UrduGeoD 44:3  यों उन्हें उनकी बुरी हरकतों का अज्र मिला। क्योंकि अजनबी माबूदों के लिए बख़ूर जलाकर उनकी ख़िदमत करने से उन्होंने मुझे तैश दिलाया। और यह ऐसे देवता थे जिनसे पहले न वह, न तुम और न तुम्हारे बापदादा वाक़िफ़ थे।
Jere UrduGeoD 44:4  बार बार मैं नबियों को उनके पास भेजता रहा, और बार बार मेरे ख़ादिम कहते रहे कि ऐसी घिनौनी हरकतें मत करना, क्योंकि मुझे इनसे नफ़रत है!
Jere UrduGeoD 44:5  लेकिन उन्होंने न सुनी, न ध्यान दिया। न वह अपनी बेदीनी से बाज़ आए, न अजनबी माबूदों को बख़ूर जलाने का सिलसिला बंद किया।
Jere UrduGeoD 44:6  तब मेरा शदीद ग़ज़ब उन पर नाज़िल हुआ। मेरे क़हर की ज़बरदस्त आग ने यहूदाह के शहरों और यरूशलम की गलियों में फैलते फैलते उन्हें वीरानो-सुनसान कर दिया। आज तक उनका यही हाल है।’
Jere UrduGeoD 44:7  अब रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘तुम अपना सत्यानास क्यों कर रहे हो? ऐसे क़दम उठाने से तुम यहूदाह से आए हुए मर्दों और औरतों को बच्चों और शीरख़ारों समेत हलाकत की तरफ़ ला रहे हो। इस सूरत में एक भी नहीं बचेगा।
Jere UrduGeoD 44:8  मुझे अपने हाथों के काम से तैश क्यों दिलाते हो? यहाँ मिसर में पनाह लेकर तुम अजनबी माबूदों के लिए बख़ूर क्यों जलाते हो? इससे तुम अपने आपको नेस्तो-नाबूद कर रहे हो, तुम दुनिया की तमाम क़ौमों के लिए लानत और मज़ाक़ का निशाना बनोगे।
Jere UrduGeoD 44:9  क्या तुम अपनी क़ौम के संगीन गुनाहों को भूल गए हो? क्या तुम्हें वह कुछ याद नहीं जो तुम्हारे बापदादा, यहूदाह के राजे रानियों और तुमसे तुम्हारी बीवियों समेत मुल्के-यहूदाह और यरूशलम की गलियों में सरज़द हुआ है?
Jere UrduGeoD 44:10  आज तक तुमने न इंकिसारी का इज़हार किया, न मेरा ख़ौफ़ माना, और न मेरी शरीअत के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी। तुम उन हिदायात के ताबे न रहे जो मैंने तुम्हें और तुम्हारे बापदादा को अता की थीं।’
Jere UrduGeoD 44:11  चुनाँचे रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, ‘मैं तुम पर आफ़त लाने का अटल इरादा रखता हूँ। तमाम यहूदाह ख़त्म हो जाएगा।
Jere UrduGeoD 44:12  मैं यहूदाह के उस बचे हुए हिस्से को सफ़हाए-हस्ती से मिटा दूँगा जो मिसर में जाकर पनाह लेने पर तुला हुआ था। सब मिसर में हलाक हो जाएंगे, ख़ाह तलवार से, ख़ाह काल से। छोटे से लेकर बड़े तक सबके सब तलवार या काल की ज़द में आकर मर जाएंगे। उन्हें देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे, और वह दूसरों की लान-तान और हिक़ारत का निशाना बनेंगे। लानत करनेवाला अपने दुश्मनों के लिए उन्हीं का-सा अंजाम चाहेगा।
Jere UrduGeoD 44:13  जिस तरह मैंने यरूशलम को सज़ा दी ऐन उसी तरह मैं मिसर में आनेवाले हमवतनों को तलवार, काल और मोहलक बीमारियों से सज़ा दूँगा।
Jere UrduGeoD 44:14  यहूदाह के जितने बचे हुए लोग यहाँ मिसर में पनाह लेने के लिए आए हैं वह सब यहीं हलाक हो जाएंगे। कोई भी बचकर मुल्के-यहूदाह में नहीं लौटेगा, गो तुम सब वहाँ दुबारा आबाद होने की शदीद आरज़ू रखते हो। सिर्फ़ चंद एक इसमें कामयाब हो जाएंगे’।”
Jere UrduGeoD 44:15  उस वक़्त शिमाली और जुनूबी मिसर में रहनेवाले यहूदाह के तमाम मर्द और औरतें एक बड़े इजतिमा के लिए जमा हुए थे। मर्दों को ख़ूब मालूम था कि हमारी बीवियाँ अजनबी माबूदों को बख़ूर की क़ुरबानियाँ पेश करती हैं। अब उन्होंने यरमियाह से कहा,
Jere UrduGeoD 44:16  “जो बात आपने रब का नाम लेकर हमसे की है वह हम नहीं मानते।
Jere UrduGeoD 44:17  हम उन तमाम बातों पर ज़रूर अमल करेंगे जो हमने कही हैं। हम आसमानी मलिका देवी के लिए बख़ूर जलाएँगे और उसे मै की नज़रें पेश करेंगे। हम वही कुछ करेंगे जो हम, हमारे बापदादा, हमारे बादशाह और हमारे बुज़ुर्ग मुल्के-यहूदाह और यरूशलम की गलियों में किया करते थे। क्योंकि उस वक़्त रोटी की कसरत थी और हमारा अच्छा हाल था। उस वक़्त हम किसी भी मुसीबत से दोचार न हुए।
Jere UrduGeoD 44:18  लेकिन जब से हम आसमानी मलिका को बख़ूर और मै की नज़रें पेश करने से बाज़ आए हैं उस वक़्त से हर लिहाज़ से हाजतमंद रहे हैं। उसी वक़्त से हम तलवार और काल की ज़द में आकर नेस्त हो रहे हैं।”
Jere UrduGeoD 44:19  औरतों ने बात जारी रखकर कहा, “क्या आप समझते हैं कि हमारे शौहरों को इसका इल्म नहीं था कि हम आसमानी मलिका को बख़ूर और मै की नज़रें पेश करती हैं, कि हम उस की शक्ल की टिक्कियाँ बनाकर उस की पूजा करती हैं?”
Jere UrduGeoD 44:20  यरमियाह एतराज़ करनेवाले तमाम मर्दों और औरतों से दुबारा मुख़ातिब हुआ,
Jere UrduGeoD 44:21  “देखो, रब ने उस बख़ूर पर ध्यान दिया जो तुम और तुम्हारे बापदादा ने बादशाहों, बुज़ुर्गों और अवाम समेत यहूदाह के शहरों और यरूशलम की गलियों में जलाया है। यह बात उसे ख़ूब याद है।
Jere UrduGeoD 44:22  आख़िरकार एक वक़्त आया जब तुम्हारी शरीर और घिनौनी हरकतें क़ाबिले-बरदाश्त न रहीं, और रब को तुम्हें सज़ा देनी पड़ी। यही वजह है कि आज तुम्हारा मुल्क वीरानो-सुनसान है, कि उसे देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। लानत करनेवाला अपने दुश्मन के लिए ऐसा ही अंजाम चाहता है।
Jere UrduGeoD 44:23  आफ़त इसी लिए तुम पर आई कि तुमने बुतों के लिए बख़ूर जलाकर रब की न सुनी। न तुमने उस की शरीअत के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी, न उस की हिदायात और अहकाम पर अमल किया। आज तक मुल्क का यही हाल रहा है।”
Jere UrduGeoD 44:24  फिर यरमियाह ने तमाम लोगों से औरतों समेत कहा, “ऐ मिसर में रहनेवाले यहूदाह के तमाम हमवतनो, रब का कलाम सुनो!
Jere UrduGeoD 44:25  रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है कि तुम और तुम्हारी बीवियों ने इसरार किया है, ‘हम ज़रूर अपनी उन मन्नतों को पूरा करेंगे जो हमने मानी हैं, हम ज़रूर आसमानी मलिका को बख़ूर और मै की नज़रें पेश करेंगे।’ और तुमने अपने अलफ़ाज़ और अपनी हरकतों से साबित कर दिया है कि तुम संजीदगी से अपने इस एलान पर अमल करना चाहते हो। तो ठीक है, अपना वादा और अपनी मन्नतें पूरी करो!
Jere UrduGeoD 44:26  लेकिन ऐ मिसर में रहनेवाले तमाम हमवतनो, रब के कलाम पर ध्यान दो! रब फ़रमाता है कि मेरे अज़ीम नाम की क़सम, आइंदा मिसर में तुममें से कोई मेरा नाम लेकर क़सम नहीं खाएगा, कोई नहीं कहेगा, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ की हयात की क़सम!’
Jere UrduGeoD 44:27  क्योंकि मैं तुम्हारी निगरानी कर रहा हूँ, लेकिन तुम पर मेहरबानी करने के लिए नहीं बल्कि तुम्हें नुक़सान पहुँचाने के लिए। मिसर में रहनेवाले यहूदाह के तमाम लोग तलवार और काल की ज़द में आ जाएंगे और पिसते पिसते हलाक हो जाएंगे।
Jere UrduGeoD 44:28  सिर्फ़ चंद एक दुश्मन की तलवार से बचकर मुल्के-यहूदाह वापस आएँगे। तब यहूदाह के जितने बचे हुए लोग मिसर में पनाह लेने के लिए आए हैं वह सब जान लेंगे कि किसकी बात दुरुस्त निकली है, मेरी या उन की।
Jere UrduGeoD 44:29  रब फ़रमाता है कि मैं तुम्हें निशान भी देता हूँ ताकि तुम्हें यक़ीन हो जाए कि मैं तुम्हारे ख़िलाफ़ ख़ाली बातें नहीं कर रहा बल्कि तुम्हें यक़ीनन मिसर में सज़ा दूँगा।
Jere UrduGeoD 44:30  निशान यह होगा कि जिस तरह मैंने यहूदाह के बादशाह सिदक़ियाह को उसके जानी दुश्मन नबूकदनज़्ज़र के हवाले कर दिया उसी तरह मैं हुफ़रा फ़िरौन को भी उसके जानी दुश्मनों के हवाले कर दूँगा। यह रब का फ़रमान है।”
Chapter 45
Jere UrduGeoD 45:1  यहूदाह के बादशाह यहूयक़ीम बिन यूसियाह की हुकूमत के चौथे साल में यरमियाह नबी को बारूक बिन नैरियाह के लिए रब का पैग़ाम मिला। उस वक़्त यरमियाह बारूक से वह तमाम बातें लिखवा रहा था जो उस पर नाज़िल हुई थीं। यरमियाह ने कहा,
Jere UrduGeoD 45:2  “ऐ बारूक, रब इसराईल का ख़ुदा तेरे बारे में फ़रमाता है
Jere UrduGeoD 45:3  कि तू कहता है, ‘हाय, मुझ पर अफ़सोस! रब ने मेरे दर्द में इज़ाफ़ा कर दिया है, अब मुझे रंजो-अलम भी सहना पड़ता है। मैं कराहते कराहते थक गया हूँ। कहीं भी आरामो-सुकून नहीं मिलता।’
Jere UrduGeoD 45:4  ऐ बारूक, रब जवाब में फ़रमाता है कि जो कुछ मैंने ख़ुद तामीर किया उसे मैं गिरा दूँगा, जो पौदा मैंने ख़ुद लगाया उसे जड़ से उखाड़ दूँगा। पूरे मुल्क के साथ ऐसा ही सुलूक करूँगा।
Jere UrduGeoD 45:5  तो फिर तू अपने लिए क्यों बड़ी कामयाबी हासिल करने का आरज़ूमंद है? ऐसा ख़याल छोड़ दे, क्योंकि मैं तमाम इनसानों पर आफ़त ला रहा हूँ। यह रब का फ़रमान है। लेकिन जहाँ भी तू जाए वहाँ मैं होने दूँगा कि तेरी जान छूट जाए।”
Chapter 46
Jere UrduGeoD 46:1  यरमियाह पर मुख़्तलिफ़ क़ौमों के बारे में भी पैग़ामात नाज़िल हुए। यह ज़ैल में दर्ज हैं।
Jere UrduGeoD 46:2  पहला पैग़ाम मिसर के बारे में है। यहूदाह के बादशाह यहूयक़ीम बिन यूसियाह के चौथे साल में शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र ने दरियाए-फ़ुरात पर वाक़े शहर करकिमीस के पास मिसरी फ़ौज को शिकस्त दी थी। उन दिनों में मिसरी बादशाह निकोह फ़िरौन की फ़ौज के बारे में रब का कलाम नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 46:3  “अपनी बड़ी और छोटी ढालें तैयार करके जंग के लिए निकलो!
Jere UrduGeoD 46:4  घोड़ों को रथों में जोतो! दीगर घोड़ों पर सवार हो जाओ! ख़ोद पहनकर खड़े हो जाओ! अपने नेज़ों को रौग़न से चमकाकर ज़िरा-बकतर पहन लो!
Jere UrduGeoD 46:5  लेकिन मुझे क्या नज़र आ रहा है? मिसरी फ़ौजियों पर दहशत तारी हुई है। वह पीछे हट रहे हैं, उनके सूरमाओं ने हथियार डाल दिए हैं। वह भाग भागकर फ़रार हो रहे हैं और पीछे भी नहीं देखते। रब फ़रमाता है कि चारों तरफ़ दहशत ही दहशत फैल गई है।
Jere UrduGeoD 46:6  किसी को भी बचने न दो, ख़ाह वह कितनी तेज़ी से क्यों न भाग रहा हो या कितना ज़बरदस्त फ़ौजी क्यों न हो। शिमाल में दरियाए-फ़ुरात के किनारे ही वह ठोकर खाकर गिर गए हैं।
Jere UrduGeoD 46:7  यह क्या है जो दरियाए-नील की तरह चढ़ रहा है, जो सैलाब बनकर सब कुछ ग़रक़ कर रहा है?
Jere UrduGeoD 46:8  मिसर दरियाए-नील की तरह चढ़ रहा है, वही सैलाब बनकर सब कुछ ग़रक़ कर रहा है। वह कहता है, ‘मैं चढ़कर पूरी ज़मीन को ग़रक़ कर दूँगा। मैं शहरों को उनके बाशिंदों समेत तबाह करूँगा।’
Jere UrduGeoD 46:9  ऐ घोड़ो, दुश्मन पर टूट पड़ो! ऐ रथो, दीवानों की तरह दौड़ो! ऐ फ़ौजियो, लड़ने के लिए निकलो! ऐ एथोपिया और लिबिया के सिपाहियो, अपनी ढालें पकड़कर चलो, ऐ लुदिया के तीर चलानेवालो, अपने कमान तानकर आगे बढ़ो!
Jere UrduGeoD 46:10  लेकिन आज क़ादिरे-मुतलक़, रब्बुल-अफ़वाज का ही दिन है। इंतक़ाम के इस दिन वह अपने दुश्मनों से बदला लेगा। उस की तलवार उन्हें खा खाकर सेर हो जाएगी, और उनका ख़ून पी पीकर उस की प्यास बुझेगी। क्योंकि शिमाल में दरियाए-फ़ुरात के किनारे उन्हें क़ादिरे-मुतलक़, रब्बुल-अफ़वाज को क़ुरबान किया जाएगा।
Jere UrduGeoD 46:11  ऐ कुँवारी मिसर बेटी, मुल्के-जिलियाद में जाकर अपने ज़ख़मों के लिए बलसान ख़रीद ले। लेकिन क्या फ़ायदा? ख़ाह तू कितनी दवाई क्यों न इस्तेमाल करे तेरी चोटें भर ही नहीं सकतीं!
Jere UrduGeoD 46:12  तेरी शरमिंदगी की ख़बर दीगर अक़वाम में फैल गई है, तेरी चीख़ें पूरी दुनिया में गूँज रही हैं। क्योंकि तेरे सूरमे एक दूसरे से ठोकर खाकर गिर गए हैं।”
Jere UrduGeoD 46:13  जब शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र मिसर पर हमला करने आया तो रब इसके बारे में यरमियाह से हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 46:14  “मिसरी शहरों मिजदाल, मेंफ़िस और तहफ़नहीस में एलान करो, ‘जंग की तैयारियाँ करके लड़ने के लिए खड़े हो जाओ! क्योंकि तलवार तुम्हारे आस-पास सब कुछ खा रही है।’
Jere UrduGeoD 46:15  ऐ मिसर, तेरे सूरमाओं को ख़ाक में क्यों मिलाया गया है? वह खड़े नहीं रह सकते, क्योंकि रब ने उन्हें दबा दिया है।
Jere UrduGeoD 46:16  उसने मुतअद्दिद अफ़राद को ठोकर खाने दिया, और वह एक दूसरे पर गिर गए। उन्होंने कहा, ‘आओ, हम अपनी ही क़ौम और अपने वतन में वापस चले जाएँ जहाँ ज़ालिम की तलवार हम तक नहीं पहुँच सकती।’
Jere UrduGeoD 46:17  वहाँ वह पुकार उठे, ‘मिसर का बादशाह शोर तो बहुत मचाता है लेकिन इसके पीछे कुछ भी नहीं। जो सुनहरा मौक़ा उसे मिला वह जाता रहा है’।”
Jere UrduGeoD 46:18  दुनिया का बादशाह जिसका नाम रब्बुल-अफ़वाज है फ़रमाता है, “मेरी हयात की क़सम, जो तुम पर हमला करने आ रहा है वह दूसरों से उतना बड़ा है जितना तबूर दीगर पहाड़ों से और करमिल समुंदर से ऊँचा है।
Jere UrduGeoD 46:19  ऐ मिसर के बाशिंदो, अपना मालो-असबाब बाँधकर जिलावतन होने की तैयारियाँ करो। क्योंकि मेंफ़िस मिसमार होकर नज़रे-आतिश हो जाएगा। उसमें कोई नहीं रहेगा।
Jere UrduGeoD 46:20  मिसर ख़ूबसूरत-सी जवान गाय है, लेकिन शिमाल से मोहलक मक्खी आकर उस पर धावा बोल रही है। हाँ, वह आ रही है।
Jere UrduGeoD 46:21  मिसरी फ़ौज के भाड़े के फ़ौजी मोटे-ताज़े बछड़े हैं, लेकिन वह भी मुड़कर फ़रार हो जाएंगे। एक भी क़ायम नहीं रहेगा। क्योंकि आफ़त का दिन उन पर आनेवाला है, वह वक़्त जब उन्हें पूरी सज़ा मिलेगी।
Jere UrduGeoD 46:22  मिसर साँप की तरह फुँकारते हुए पीछे हट जाएगा जब दुश्मन के फ़ौजी पूरे ज़ोर से उस पर हमला करेंगे, जब वह लकड़हारों की तरह अपनी कुल्हाड़ियाँ पकड़े हुए उस पर टूट पड़ेंगे।”
Jere UrduGeoD 46:23  रब फ़रमाता है, “तब वह मिसर का जंगल काट डालेंगे, गो वह कितना घना क्यों न हो। क्योंकि उनकी तादाद टिड्डियों से ज़्यादा होगी बल्कि वह अनगिनत होंगे।
Jere UrduGeoD 46:24  मिसर बेटी की बेइज़्ज़ती की जाएगी, उसे शिमाली क़ौम के हवाले किया जाएगा।”
Jere UrduGeoD 46:25  रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, “मैं थीबस शहर के देवता आमून, फ़िरौन और तमाम मिसर को उसके देवताओं और बादशाहों समेत सज़ा दूँगा। हाँ, मैं फ़िरौन और उस पर एतमाद रखनेवाले तमाम लोगों की अदालत करूँगा।”
Jere UrduGeoD 46:26  रब फ़रमाता है, “मैं उन्हें उनके जानी दुश्मनों के हवाले कर दूँगा, और वह शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र और उसके अफ़सरों के क़ाबू में आ जाएंगे। लेकिन बाद में मिसर पहले की तरह दुबारा आबाद हो जाएगा।
Jere UrduGeoD 46:27  जहाँ तक तेरा ताल्लुक़ है, ऐ याक़ूब मेरे ख़ादिम, ख़ौफ़ मत खा! ऐ इसराईल, हौसला मत हार! देख, मैं तुझे दूर-दराज़ मुल्क से छुटकारा दूँगा। तेरी औलाद को मैं उस मुल्क से नजात दूँगा जहाँ उसे जिलावतन किया गया है। फिर याक़ूब वापस आकर आरामो-सुकून की ज़िंदगी गुज़ारेगा। कोई नहीं होगा जो उसे हैबतज़दा करे।”
Jere UrduGeoD 46:28  रब फ़रमाता है, “ऐ याक़ूब मेरे ख़ादिम, ख़ौफ़ न खा, क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ। मैं उन तमाम क़ौमों को नेस्तो-नाबूद कर दूँगा जिनमें मैंने तुझे मुंतशिर कर दिया है, लेकिन तुझे मैं इस तरह सफ़हाए-हस्ती से नहीं मिटाऊँगा। अलबत्ता मैं मुनासिब हद तक तेरी तंबीह करूँगा, क्योंकि मैं तुझे सज़ा दिए बग़ैर नहीं छोड़ सकता।”
Chapter 47
Jere UrduGeoD 47:1  फ़िरौन के ग़ज़्ज़ा शहर पर हमला करने से पहले यरमियाह नबी पर फ़िलिस्तियों के बारे में रब का कलाम नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 47:2  “रब फ़रमाता है कि शिमाल से पानी आ रहा है जो सैलाब बनकर पूरे मुल्क को ग़रक़ कर देगा। पूरा मुल्क शहरों और बाशिंदों समेत उसमें डूब जाएगा। लोग चीख़ उठेंगे, और मुल्क के तमाम बाशिंदे आहो-ज़ारी करेंगे।
Jere UrduGeoD 47:3  क्योंकि सरपट दौड़ते हुए घोड़ों की टापें सुनाई देंगी, दुश्मन के रथों का शोर और पहियों की गड़गड़ाहट उनके कानों तक पहुँचेगी। बाप ख़ौफ़ज़दा होकर यों साकित हो जाएंगे कि वह अपने बच्चों की मदद करने के लिए पीछे भी देख नहीं सकेंगे।
Jere UrduGeoD 47:4  क्योंकि वह दिन आनेवाला है जब तमाम फ़िलिस्तियों को नेस्तो-नाबूद किया जाएगा ताकि सूर और सैदा के आख़िरी मदद करनेवाले भी ख़त्म हो जाएँ। क्योंकि रब फ़िलिस्तियों को सफ़हाए-हस्ती से मिटानेवाला है, जज़ीराए-क्रेते के उन बचे हुओं को जो यहाँ आकर आबाद हुए हैं।
Jere UrduGeoD 47:5  ग़ज़्ज़ा बेटी मातम के आलम में अपना सर मुँडवाएगी, अस्क़लून शहर मिसमार हो जाएगा। ऐ मैदानी इलाक़े के बचे हुए लोगो, तुम कब तक अपनी जिल्द को ज़ख़मी करते रहोगे?
Jere UrduGeoD 47:6  ‘हाय, ऐ रब की तलवार, क्या तू कभी नहीं आराम करेगी? दुबारा अपने मियान में छुप जा! ख़ामोश होकर आराम कर!’
Jere UrduGeoD 47:7  लेकिन वह किस तरह आराम कर सकती है जब रब ने ख़ुद उसे चलाया है, जब उसी ने उसे अस्क़लून और साहिली इलाक़े पर धावा बोलने का हुक्म दिया है?”
Chapter 48
Jere UrduGeoD 48:1  मोआब के बारे में रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, “नबू शहर पर अफ़सोस, क्योंकि वह तबाह हो गया है। दुश्मन ने क़िरियतायम की बेहुरमती करके उस पर क़ब्ज़ा कर लिया है। चटान के क़िले की रुसवाई हो गई, वह पाश पाश हो गया है।
Jere UrduGeoD 48:2  अब से कोई मोआब की तारीफ़ नहीं करेगा। हसबोन में आदमी उस की शिकस्त की साज़िशें करके कह रहे हैं, आओ, हम मोआबी क़ौम को नेस्तो-नाबूद करें। ‘ऐ मदमीन, तू भी तबाह हो जाएगा, तलवार तेरे भी पीछे पड़ जाएगी।’
Jere UrduGeoD 48:3  सुनो! होरोनायम से चीख़ें बुलंद हो रही हैं। तबाही और बड़ी शिकस्त का शोर मच रहा है।
Jere UrduGeoD 48:4  मोआब चूर चूर हो गया है, उसके बच्चे ज़ोर से चिल्ला रहे हैं।
Jere UrduGeoD 48:5  लोग रोते रोते लूहीत की तरफ़ चढ़ रहे हैं। होरोनायम की तरफ़ उतरते रास्ते पर शिकस्त की आहो-ज़ारी सुनाई दे रही है।
Jere UrduGeoD 48:6  भागकर अपनी जान बचाओ! रेगिस्तान में झाड़ी की मानिंद बन जाओ।
Jere UrduGeoD 48:7  चूँकि तुम मोआबियों ने अपनी कामयाबियों और दौलत पर भरोसा रखा, इसलिए तुम भी क़ैद में जाओगे। तुम्हारा देवता कमोस भी अपने पुजारियों और बुज़ुर्गों समेत जिलावतन हो जाएगा।
Jere UrduGeoD 48:8  तबाह करनेवाला हर शहर पर हमला करेगा, एक भी नहीं बचेगा। जिस तरह रब ने फ़रमाया है, वादी भी तबाह हो जाएगी और मैदाने-मुरतफ़ा भी।
Jere UrduGeoD 48:9  मोआब पर नमक डाल दो, क्योंकि वह मिसमार हो जाएगा। उसके शहर वीरानो-सुनसान हो जाएंगे, और उनमें कोई नहीं बसेगा।
Jere UrduGeoD 48:10  उस पर लानत जो सुस्ती से रब का काम करे! उस पर लानत जो अपनी तलवार को ख़ून बहाने से रोक ले!
Jere UrduGeoD 48:11  अपनी जवानी से लेकर आज तक मोआब आरामो-सुकून की ज़िंदगी गुज़ारता आया है, उस मै की मानिंद जो कभी नहीं छेड़ी गई और कभी एक बरतन से दूसरे में उंडेली नहीं गई। इसलिए उसका मज़ा क़ायम और ज़ायक़ा बेहतरीन रहा है।”
Jere UrduGeoD 48:12  लेकिन रब फ़रमाता है, “वह दिन आनेवाला है जब मैं ऐसे आदमियों को उसके पास भेजूँगा जो मै को बरतनों से निकालकर ज़ाया कर देंगे, और बरतनों को ख़ाली करने के बाद पाश पाश कर देंगे।
Jere UrduGeoD 48:13  तब मोआब को अपने देवता कमोस पर यों शर्म आएगी जिस तरह इसराईल को बैतेल के उस बुत पर शर्म आई जिस पर वह भरोसा रखता था।
Jere UrduGeoD 48:14  हाय, तुम अपने आप पर कितना फ़ख़र करते हो कि हम सूरमे और ज़बरदस्त जंगजू हैं।
Jere UrduGeoD 48:15  लेकिन दुनिया का बादशाह जिसका नाम रब्बुल-अफ़वाज है फ़रमाता है कि मोआब तबाह हो जाएगा, और दुश्मन उसके शहरों में घुस आएगा। उसके बेहतरीन जवान क़त्लो-ग़ारत की ज़द में आकर हलाक हो जाएंगे।
Jere UrduGeoD 48:16  मोआब का अंजाम क़रीब ही है, आफ़त उस पर नाज़िल होनेवाली है।
Jere UrduGeoD 48:17  ऐ पड़ोस में बसनेवालो, उस पर मातम करो! जितने उस की शोहरत जानते हो आहो-ज़ारी करो। बोलो, ‘हाय, मोआब का ज़ोरदार असाए-शाही टूट गया है, उस की शानो-शौकत की अलामत ख़ाक में मिलाई गई है।’
Jere UrduGeoD 48:18  ऐ दीबोन बेटी, अपने शानदार तख़्त पर से उतरकर प्यासी ज़मीन पर बैठ जा। क्योंकि मोआब को तबाह करनेवाला तेरे ख़िलाफ़ भी चढ़ आएगा, वह तेरे क़िलाबंद शहरों को भी मिसमार करेगा।
Jere UrduGeoD 48:19  ऐ अरोईर की रहनेवाली, सड़क के किनारे खड़ी होकर गुज़रनेवालों पर ग़ौर कर! अपनी जान बचानेवालों से पूछ ले कि क्या हुआ है।
Jere UrduGeoD 48:20  तब तुझे जवाब मिलेगा, ‘मोआब रुसवा हुआ है, वह पाश पाश हो गया है। बुलंद आवाज़ से वावैला करो! दरियाए-अरनोन के किनारे एलान करो कि मोआब ख़त्म है।’
Jere UrduGeoD 48:21  मैदाने-मुरतफ़ा पर अल्लाह की अदालत नाज़िल हुई है। हौलून, यहज़, मिफ़ात,
Jere UrduGeoD 48:22  दीबोन, नबू, बैत-दिबलातायम,
Jere UrduGeoD 48:23  क़िरियतायम, बैत-जमूल, बैत-मऊन,
Jere UrduGeoD 48:24  क़रियोत और बुसरा, ग़रज़ मोआब के तमाम शहरों की अदालत हुई है, ख़ाह वह दूर हों या क़रीब।”
Jere UrduGeoD 48:25  रब फ़रमाता है, “मोआब की ताक़त टूट गई है, उसका बाज़ू पाश पाश हो गया है।
Jere UrduGeoD 48:26  उसे मै पिला पिलाकर मतवाला करो, वह अपनी क़ै में लोट-पोट होकर सबके लिए मज़ाक़ का निशाना बन जाए। क्योंकि वह मग़रूर होकर रब के ख़िलाफ़ खड़ा हो गया है।
Jere UrduGeoD 48:27  तुम मोआबियों ने इसराईल को अपने मज़ाक़ का निशाना बनाया था। तुम यों उसे गालियाँ देते रहे जैसे उसे चोरी करते वक़्त पकड़ा गया हो।
Jere UrduGeoD 48:28  लेकिन अब तुम्हारी बारी आ गई है। अपने शहरों को छोड़कर चटानों में जा बसो! कबूतर बनकर चटानों की दराड़ों में अपने घोंसले बनाओ।
Jere UrduGeoD 48:29  हमने मोआब के तकब्बुर के बारे में सुना है, क्योंकि वह हद से ज़्यादा मुतकब्बिर, मग़रूर, घमंडी, ख़ुदपसंद और अनापरस्त है।”
Jere UrduGeoD 48:30  रब फ़रमाता है, “मैं उसके तकब्बुर से वाक़िफ़ हूँ। लेकिन उस की डींगें अबस हैं, उनके पीछे कुछ नहीं है।
Jere UrduGeoD 48:31  इसलिए मैं मोआब पर आहो-ज़ारी कर रहा, तमाम मोआब के सबब से चिल्ला रहा हूँ। क़ीर-हरासत के बाशिंदों का अंजाम देखकर मैं आहें भर रहा हूँ।
Jere UrduGeoD 48:32  ऐ सिबमाह की अंगूर की बेल, याज़ेर की निसबत मैं कहीं ज़्यादा तुझ पर मातम कर रहा हूँ। तेरी कोंपलें याज़ेर तक फैली हुई थीं बल्कि समुंदर को पार भी करती थीं। लेकिन अब तबाह करनेवाला दुश्मन तेरे पके हुए अंगूरों और मौसमे-गरमा के फल पर टूट पड़ा है।
Jere UrduGeoD 48:33  अब ख़ुशीओ-शादमानी मोआब के बाग़ों और खेतों से जाती रही है। मैंने अंगूर का रस निकालने का काम रोक दिया है। कोई ख़ुशी के नारे लगा लगाकर अंगूर को पाँवों तले नहीं रौंदता। शोर तो मच रहा है, लेकिन ख़ुशी के नारे बुलंद नहीं हो रहे बल्कि जंग के।
Jere UrduGeoD 48:34  हसबोन में लोग मदद के लिए पुकार रहे हैं, उनकी आवाज़ इलियाली और यहज़ तक सुनाई दे रही है। इसी तरह ज़ुग़र की चीख़ें होरोनायम और इजलत-शलीशियाह तक पहुँच गई हैं। क्योंकि निमरीम का पानी भी ख़ुश्क हो जाएगा।”
Jere UrduGeoD 48:35  रब फ़रमाता है, “मोआब में जो ऊँची जगहों पर चढ़कर अपने देवताओं को बख़ूर और बाक़ी क़ुरबानियाँ पेश करते हैं उनका मैं ख़ातमा कर दूँगा।
Jere UrduGeoD 48:36  इसलिए मेरा दिल बाँसरी के मातमी सुर निकालकर मोआब और क़ीर-हरासत के लिए नोहा कर रहा है। क्योंकि उनकी हासिलशुदा दौलत जाती रही है।
Jere UrduGeoD 48:37  हर सर गंजा, हर दाढ़ी मुँडवाई गई है। हर हाथ की जिल्द को ज़ख़मी कर दिया गया है, हर कमर टाट से मुलब्बस है।
Jere UrduGeoD 48:38  मोआब की तमाम छतों पर और उसके चौकों में आहो-ज़ारी बुलंद हो रही है।” क्योंकि रब फ़रमाता है, “मैंने मोआब को बेकार मिट्टी के बरतन की तरह तोड़ डाला है।
Jere UrduGeoD 48:39  हाय, मोआब पाश पाश हो गया है! लोग ज़ारो-क़तार रो रहे हैं, और मोआब ने शर्म के मारे अपना मुँह ढाँप लिया है। वह मज़ाक़ का निशाना बन गया है, उसे देखकर तमाम पड़ोसियों के रोंगटे खड़े हो गए हैं।”
Jere UrduGeoD 48:40  रब फ़रमाता है, “वह देखो! दुश्मन उक़ाब की तरह मोआब पर झपट्टा मारता है। अपने परों को फैलाकर वह पूरे मुल्क पर साया डालता है।
Jere UrduGeoD 48:41  क़रियोत क़िलों समेत उसके क़ब्ज़े में आ गया है। उस दिन मोआबी सूरमाओं का दिल दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत की तरह पेचो-ताब खाएगा।
Jere UrduGeoD 48:42  क्योंकि मोआबी क़ौम सफ़हाए-हस्ती से मिट जाएगी, इसलिए कि वह मग़रूर होकर रब के ख़िलाफ़ खड़ी हो गई है।
Jere UrduGeoD 48:43  ऐ मोआबी क़ौम, दहशत, गढ़ा और फंदा तेरे नसीब में हैं।”
Jere UrduGeoD 48:44  क्योंकि रब फ़रमाता है, “जो दहशत से भागकर बच जाए वह गढ़े में गिर जाएगा, और जो गढ़े से निकल जाए वह फंदे में फँस जाएगा। क्योंकि मैं मोआब पर उस की अदालत का साल लाऊँगा।
Jere UrduGeoD 48:45  पनाहगुज़ीन थकेहारे हसबोन के साय में रुक जाते हैं। लेकिन अफ़सोस, हसबोन से आग निकल आई है और सीहोन बादशाह के शहर में से शोला भड़क उठा है जो मोआब की पेशानी को और शोर मचानेवालों के चाँदों को नज़रे-आतिश करेगा।
Jere UrduGeoD 48:46  ऐ मोआब, तुझ पर अफ़सोस! कमोस देवता के परस्तार नेस्तो-नाबूद हैं, तेरे बेटे-बेटियाँ क़ैदी बनकर जिलावतन हो गए हैं।
Jere UrduGeoD 48:47  लेकिन आनेवाले दिनों में मैं मोआब को बहाल करूँगा।” यह रब का फ़रमान है। यहाँ मोआब पर अदालत का फ़ैसला इख़्तिताम पर पहुँच गया है।
Chapter 49
Jere UrduGeoD 49:1  अम्मोनियों के बारे में रब फ़रमाता है, “क्या इसराईल की कोई औलाद नहीं, कोई वारिस नहीं जो जद के क़बायली इलाक़े में रह सके? मलिक देवता के परस्तारों ने उस पर क्यों क़ब्ज़ा किया है? क्या वजह है कि यह लोग जद के शहरों में आबाद हो गए हैं?”
Jere UrduGeoD 49:2  चुनाँचे रब फ़रमाता है, “वह वक़्त आनेवाला है कि मेरे हुक्म पर अम्मोनी दारुल-हुकूमत रब्बा के ख़िलाफ़ जंग के नारे लगाए जाएंगे। तब वह मलबे का ढेर बन जाएगा, और गिर्दो-नवाह की आबादियाँ नज़रे-आतिश हो जाएँगी। तब इसराईल उन्हें मुल्क-बदर करेगा जिन्होंने उसे मुल्क-बदर किया था।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 49:3  “ऐ हसबोन, वावैला कर, क्योंकि अई शहर बरबाद हुआ है। ऐ रब्बा की बेटियो, मदद के लिए चिल्लाओ! टाट ओढ़कर मातम करो! फ़सील के अंदर बेचैनी से इधर उधर फिरो! क्योंकि मलिक देवता अपने पुजारियों और बुज़ुर्गों समेत जिलावतन हो जाएगा।
Jere UrduGeoD 49:4  ऐ बेवफ़ा बेटी, तू अपनी ज़रख़ेज़ वादियों पर इतना फ़ख़र क्यों करती है? तू अपने मालो-दौलत पर भरोसा करके शेख़ी मारती है कि अब मुझ पर कोई हमला नहीं करेगा।”
Jere UrduGeoD 49:5  क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “मैं तमाम पड़ोसियों की तरफ़ से तुझ पर दहशत छा जाने दूँगा। तुम सबको चारों तरफ़ मुंतशिर कर दिया जाएगा, और तेरे पनाहगुज़ीनों को कोई जमा नहीं करेगा।
Jere UrduGeoD 49:6  लेकिन बाद में मैं अम्मोनियों को बहाल करूँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 49:7  रब्बुल-अफ़वाज अदोम के बारे में फ़रमाता है, “क्या तेमान में हिकमत का नामो-निशान नहीं रहा? क्या दानिशमंद सहीह मशवरा नहीं दे सकते? क्या उनकी दानाई बेकार हो गई है?
Jere UrduGeoD 49:8  ऐ ददान के बाशिंदो, भागकर हिजरत करो, ज़मीन के अंदर छुप जाओ। क्योंकि मैं एसौ की औलाद पर आफ़त नाज़िल करता हूँ, मेरी सज़ा का दिन क़रीब आ गया है।
Jere UrduGeoD 49:9  ऐ अदोम, अगर तू अंगूर का बाग़ होता और मज़दूर फ़सल चुनने के लिए आते तो थोड़ा-बहुत उनके पीछे रह जाता। अगर डाकू रात के वक़्त तुझे लूट लेते तो वह सिर्फ़ उतना ही छीन लेते जितना उठाकर ले जा सकते हैं। लेकिन तेरा अंजाम इससे कहीं ज़्यादा बुरा होगा।
Jere UrduGeoD 49:10  क्योंकि मैंने एसौ को नंगा करके उस की तमाम छुपने की जगहें ढूँड निकाली हैं। वह कहीं भी छुप नहीं सकेगा। उस की औलाद, भाई और हमसाय हलाक हो जाएंगे, एक भी बाक़ी नहीं रहेगा।
Jere UrduGeoD 49:11  अपने यतीमों को पीछे छोड़ दे, क्योंकि मैं उनकी जान को बचाए रखूँगा। तुम्हारी बेवाएँ भी मुझ पर भरोसा रखें।”
Jere UrduGeoD 49:12  रब फ़रमाता है, “जिन्हें मेरे ग़ज़ब का प्याला पीने का फ़ैसला नहीं सुनाया गया था उन्हें भी पीना पड़ा। तो फिर तेरी जान किस तरह बचेगी? नहीं, तू यक़ीनन सज़ा का प्याला पी लेगा।”
Jere UrduGeoD 49:13  रब फ़रमाता है, “मेरे नाम की क़सम, बुसरा शहर गिर्दो-नवाह के तमाम शहरों समेत अबदी खंडरात बन जाएगा। उसे देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे, और वह उसे लान-तान करेंगे। लानत करनेवाला अपने दुश्मन के लिए बुसरा ही का-सा अंजाम चाहेगा।”
Jere UrduGeoD 49:14  मैंने रब की तरफ़ से पैग़ाम सुना है, “एक क़ासिद को अक़वाम के पास भेजा गया है जो उन्हें हुक्म दे, ‘जमा होकर अदोम पर हमला करने के लिए निकलो! उससे लड़ने के लिए उठो!’
Jere UrduGeoD 49:15  अब मैं तुझे छोटा बना दूँगा, एक ऐसी क़ौम जिसे दीगर लोग हक़ीर जानेंगे।
Jere UrduGeoD 49:16  माज़ी में दूसरे तुझसे दहशत खाते थे, लेकिन इस बात ने और तेरे ग़ुरूर ने तुझे फ़रेब दिया है। बेशक तू चटानों की दराड़ों में बसेरा करता है, और पहाड़ी बुलंदियाँ तेरे क़ब्ज़े में हैं। लेकिन ख़ाह तू अपना घोंसला उक़ाब की-सी ऊँची जगहों पर क्यों न बनाए तो भी मैं तुझे वहाँ से उतारकर ख़ाक में मिला दूँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 49:17  “मुल्के-अदोम यों बरबाद हो जाएगा कि वहाँ से गुज़रनेवालों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। उसके ज़ख़मों को देखकर वह ‘तौबा तौबा’ कहेंगे।”
Jere UrduGeoD 49:18  रब फ़रमाता है, “उसका अंजाम सदूम, अमूरा और उनके पड़ोसी शहरों की मानिंद होगा जिन्हें अल्लाह ने उलटाकर नेस्तो-नाबूद कर दिया। वहाँ कोई नहीं बसेगा।
Jere UrduGeoD 49:19  जिस तरह शेरबबर यरदन के जंगल से निकलकर शादाब चरागाहों में चरनेवाली भेड़-बकरियों पर टूट पड़ता है उसी तरह मैं अचानक अदोम पर हमला करके उसे उसके अपने मुल्क से भगा दूँगा। तब वह जिसे मैंने मुक़र्रर किया है अदोम पर हुकूमत करेगा। क्योंकि कौन मेरी मानिंद है? कौन मुझसे जवाब तलब कर सकता है? कौन-सा गल्लाबान मेरा मुक़ाबला कर सकता है?”
Jere UrduGeoD 49:20  चुनाँचे अदोम पर रब का फ़ैसला सुनो! तेमान के बाशिंदों के लिए उसके मनसूबे पर ध्यान दो! दुश्मन पूरे रेवड़ को सबसे नन्हे बच्चों से लेकर बड़ों तक घसीटकर ले जाएगा। उस की चरागाह वीरानो-सुनसान हो जाएगी।
Jere UrduGeoD 49:21  अदोम इतने धड़ाम से गिर जाएगा कि ज़मीन थरथरा उठेगी। लोगों की चीख़ें बहरे-क़ुलज़ुम तक सुनाई देंगी।
Jere UrduGeoD 49:22  वह देखो! दुश्मन उक़ाब की तरह उड़कर अदोम पर झपट्टा मारता है। वह अपने परों को फैलाकर बुसरा पर साया डालता है। उस दिन अदोमी सूरमाओं का दिल दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत की तरह पेचो-ताब खाएगा।
Jere UrduGeoD 49:23  रब दमिश्क़ के बारे में फ़रमाता है, “हमात और अरफ़ाद शरमिंदा हो गए हैं। बुरी ख़बरें सुनकर वह हिम्मत हार गए हैं। परेशानी ने उन्हें उस मुतलातिम समुंदर जैसा बेचैन कर दिया है जो थम नहीं सकता।
Jere UrduGeoD 49:24  दमिश्क़ हिम्मत हारकर भागने के लिए मुड़ गया है। दहशत उस पर छा गई है, और वह दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत की तरह तड़प रहा है।
Jere UrduGeoD 49:25  हाय, दमिश्क़ को तर्क किया गया है! जिस मशहूर शहर से मेरा दिल लुत्फ़अंदोज़ होता था वह वीरानो-सुनसान है।”
Jere UrduGeoD 49:26  रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “उस दिन उसके जवान आदमी गलियों में गिरकर रह जाएंगे, उसके तमाम फ़ौजी हलाक हो जाएंगे।
Jere UrduGeoD 49:27  मैं दमिश्क़ की फ़सील को आग लगा दूँगा जो फैलते फैलते बिन-हदद बादशाह के महलों को भी अपनी लपेट में ले लेगी।”
Jere UrduGeoD 49:28  ज़ैल में क़ीदार और हसूर के बद्दू क़बीलों के बारे में कलाम दर्ज है। बाद में शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र ने उन्हें शिकस्त दी। रब फ़रमाता है, “उठो! क़ीदार पर हमला करो! मशरिक़ में बसनेवाले बद्दू क़बीलों को तबाह करो!
Jere UrduGeoD 49:29  तुम उनके ख़ैमों, भेड़-बकरियों और ऊँटों को छीन लोगे, उनके ख़ैमों के परदों और बाक़ी सामान को लूट लोगे। चीख़ें सुनाई देंगी, ‘हाय, चारों तरफ़ दहशत ही दहशत’!”
Jere UrduGeoD 49:30  रब फ़रमाता है, “ऐ हसूर में बसनेवाले क़बीलो, जल्दी से भाग जाओ, ज़मीन की दराड़ों में छुप जाओ! क्योंकि शाहे-बाबल ने तुम पर हमला करने का फ़ैसला करके तुम्हारे ख़िलाफ़ मनसूबा बाँध लिया है।”
Jere UrduGeoD 49:31  रब फ़रमाता है, “ऐ बाबल के फ़ौजियो, उठकर उस क़ौम पर हमला करो जो अलहदगी में पुरसुकून और महफ़ूज़ ज़िंदगी गुज़ारती है, जिसके न दरवाज़े, न कुंडे हैं।
Jere UrduGeoD 49:32  उनके ऊँट और बड़े बड़े रेवड़ लूट का माल बन जाएंगे। क्योंकि मैं रेगिस्तान के किनारे पर रहनेवाले इन क़बीलों को चारों तरफ़ मुंतशिर कर दूँगा। उन पर चारों तरफ़ से आफ़त आएगी।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 49:33  “हसूर हमेशा तक वीरानो-सुनसान रहेगा, उसमें कोई नहीं बसेगा। गीदड़ ही उसमें अपने घर बना लेंगे।”
Jere UrduGeoD 49:34  शाहे-यहूदाह सिदक़ियाह की हुकूमत के इब्तिदाई दिनों में रब यरमियाह नबी से हमकलाम हुआ। पैग़ाम ऐलाम के मुताल्लिक़ था।
Jere UrduGeoD 49:35  “रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, ‘मैं ऐलाम की कमान को तोड़ डालता हूँ, उस हथियार को जिस पर ऐलाम की ताक़त मबनी है।
Jere UrduGeoD 49:36  आसमान की चारों सिम्तों से मैं ऐलामियों के ख़िलाफ़ तेज़ हवाएँ चलाऊँगा जो उन्हें उड़ाकर चारों तरफ़ मुंतशिर कर देंगी। कोई ऐसा मुल्क नहीं होगा जिस तक ऐलामी जिलावतन नहीं पहुँचेंगे।’
Jere UrduGeoD 49:37  रब फ़रमाता है, ‘मैं ऐलाम को उसके जानी दुश्मनों के सामने पाश पाश कर दूँगा। मैं उन पर आफ़त लाऊँगा, मेरा सख़्त क़हर उन पर नाज़िल होगा। जब तक वह नेस्त न हों मैं तलवार को उनके पीछे चलाता रहूँगा।
Jere UrduGeoD 49:38  तब मैं ऐलाम में अपना तख़्त खड़ा करके उसके बादशाह और बुज़ुर्गों को तबाह कर दूँगा।’ यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 49:39  लेकिन रब यह भी फ़रमाता है, ‘आनेवाले दिनों में मैं ऐलाम को बहाल करूँगा’।”
Chapter 50
Jere UrduGeoD 50:1  मुल्के-बाबल और उसके दारुल-हुकूमत बाबल के बारे में रब का कलाम यरमियाह नबी पर नाज़िल हुआ,
Jere UrduGeoD 50:2  “अक़वाम के सामने एलान करो, हर जगह इत्तला दो! झंडा गाड़कर कुछ न छुपाओ बल्कि सबको साफ़ बताओ, ‘बाबल शहर दुश्मन के क़ब्ज़े में आ गया है! बेल देवता की बेहुरमती हुई है, मर्दुक देवता पाश पाश हो गया है। बाबल के तमाम देवताओं की बेहुरमती हुई है, तमाम बुत चकनाचूर हो गए हैं!’
Jere UrduGeoD 50:3  क्योंकि शिमाल से एक क़ौम बाबल पर चढ़ आई है जो पूरे मुल्क को बरबाद कर देगी। इनसान और हैवान सब हिजरत कर जाएंगे, मुल्क में कोई नहीं रहेगा।”
Jere UrduGeoD 50:4  रब फ़रमाता है, “जब यह वक़्त आएगा तो इसराईल और यहूदाह के लोग मिलकर अपने वतन में वापस आएँगे। तब वह रोते हुए रब अपने ख़ुदा को तलाश करने आएँगे।
Jere UrduGeoD 50:5  वह सिय्यून का रास्ता पूछ पूछकर अपना रुख़ उस तरफ़ कर लेंगे और कहेंगे, ‘आओ, हम रब के साथ लिपट जाएँ, हम उसके साथ अबदी अहद बाँध लें जो कभी न भुलाया जाए।’
Jere UrduGeoD 50:6  मेरी क़ौम की हालत गुमशुदा भेड़-बकरियों की मानिंद थी। क्योंकि उनके गल्लाबानों ने उन्हें ग़लत राह पर लाकर फ़रेबदेह पहाड़ों पर आवारा फिरने दिया था। यों पहाड़ों पर इधर उधर घूमते घूमते वह अपनी आरामगाह भूल गए थे।
Jere UrduGeoD 50:7  जो भी उनको पाते वह उन्हें पकड़कर खा जाते थे। उनके मुख़ालिफ़ कहते थे, ‘इसमें हमारा क्या क़ुसूर है? उन्होंने तो रब का गुनाह किया है, गो वह उनकी हक़ीक़ी चरागाह है और उनके बापदादा उस पर उम्मीद रखते थे।’
Jere UrduGeoD 50:8  ऐ मेरी क़ौम, मुल्के-बाबल और उसके दारुल-हुकूमत से भाग निकलो! उन बकरों की मानिंद बन जाओ जो रेवड़ की राहनुमाई करते हैं।
Jere UrduGeoD 50:9  क्योंकि मैं शिमाली मुल्क में बड़ी क़ौमों के इत्तहाद को बाबल पर हमला करने पर उभारूँगा, जो उसके ख़िलाफ़ सफ़आरा होकर उस पर क़ब्ज़ा करेगा। दुश्मन के तीरअंदाज़ इतने माहिर होंगे कि हर तीर निशाने पर लग जाएगा।”
Jere UrduGeoD 50:10  रब फ़रमाता है, “बाबल को यों लूट लिया जाएगा कि तमाम लूटनेवाले सेर हो जाएंगे।
Jere UrduGeoD 50:11  ऐ मेरे मौरूसी हिस्से को लूटनेवालो, बेशक तुम इस वक़्त शादियाना बजाकर ख़ुशी मनाते हो। बेशक तुम गाहते हुए बछड़ों की तरह उछलते-कूदते और घोड़ों की तरह हिनहिनाते हो।
Jere UrduGeoD 50:12  लेकिन आइंदा तुम्हारी माँ बेहद शरमिंदा हो जाएगी, जिसने तुम्हें जन्म दिया वह रुसवा हो जाएगी। आइंदा बाबल सबसे ज़लील क़ौम होगी, वह ख़ुश्क और वीरान रेगिस्तान ही होगी।
Jere UrduGeoD 50:13  जब रब का ग़ज़ब उन पर नाज़िल होगा तो वहाँ कोई आबाद नहीं रहेगा बल्कि मुल्क सरासर वीरानो-सुनसान रहेगा। बाबल से गुज़रनेवालों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे, उसके ज़ख़मों को देखकर सब ‘तौबा तौबा’ कहेंगे।
Jere UrduGeoD 50:14  ऐ तीरअंदाज़ो, बाबल शहर को घेरकर उस पर तीर बरसाओ! तमाम तीर इस्तेमाल करो, एक भी बाक़ी न रहे, क्योंकि उसने रब का गुनाह किया है।
Jere UrduGeoD 50:15  चारों तरफ़ उसके ख़िलाफ़ जंग के नारे लगाओ! देखो, उसने हथियार डाल दिए हैं। उसके बुर्ज गिर गए, उस की दीवारें मिसमार हो गई हैं। रब इंतक़ाम ले रहा है, चुनाँचे बाबल से ख़ूब बदला लो। जो सुलूक उसने दूसरों के साथ किया, वही उसके साथ करो।
Jere UrduGeoD 50:16  बाबल में जो बीज बोते और फ़सल के वक़्त दराँती चलाते हैं उन्हें रूए-ज़मीन पर से मिटा दो। उस वक़्त शहर के परदेसी मोहलक तलवार से भागकर अपने अपने वतन में वापस चले जाएंगे।
Jere UrduGeoD 50:17  इसराईली क़ौम शेरबबरों के हमले से बिखरे हुए रेवड़ की मानिंद है। क्योंकि पहले शाहे-असूर ने आकर उसे हड़प कर लिया, फिर शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र ने उस की हड्डियों को चबा लिया।”
Jere UrduGeoD 50:18  इसलिए रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, “पहले मैंने शाहे-असूर को सज़ा दी, और अब मैं शाहे-बाबल को उसके मुल्क समेत वही सज़ा दूँगा।
Jere UrduGeoD 50:19  लेकिन इसराईल को मैं उस की अपनी चरागाह में वापस लाऊँगा, और वह दुबारा करमिल और बसन की ढलानों पर चरेगा, वह दुबारा इफ़राईम और जिलियाद के पहाड़ी इलाक़ों में सेर हो जाएगा।”
Jere UrduGeoD 50:20  रब फ़रमाता है, “उन दिनों में जो इसराईल का क़ुसूर ढूँड निकालने की कोशिश करे उसे कुछ नहीं मिलेगा। यही यहूदाह की हालत भी होगी। उसके गुनाह पाए नहीं जाएंगे, क्योंकि जिन लोगों को मैं ज़िंदा छोड़ूँगा उन्हें मैं मुआफ़ कर दूँगा।”
Jere UrduGeoD 50:21  रब फ़रमाता है, “मुल्के-मरातायम और फ़िक़ोद के बाशिंदों पर हमला करो! उन्हें मारते मारते सफ़हाए-हस्ती से मिटा दो! जो भी हुक्म मैंने दिया उस पर अमल करो।
Jere UrduGeoD 50:22  मुल्के-बाबल में जंग का शोर-शराबा सुनो! बाबल की हौलनाक शिकस्त देखो!
Jere UrduGeoD 50:23  जो पहले तमाम दुनिया का हथोड़ा था उसे तोड़कर टुकड़े टुकड़े कर दिया गया है। बाबल को देखकर लोगों को सख़्त धच्का लगता है।
Jere UrduGeoD 50:24  ऐ बाबल, मैंने तेरे लिए फंदा लगा दिया, और तुझे पता न चला बल्कि तू उसमें फँस गया। चूँकि तूने रब का मुक़ाबला किया इसी लिए तेरा खोज लगाया गया और तुझे पकड़ा गया।”
Jere UrduGeoD 50:25  क़ादिरे-मुतलक़ जो रब्बुल-अफ़वाज है फ़रमाता है, “मैं अपना असलिहाख़ाना खोलकर अपना ग़ज़ब नाज़िल करने के हथियार निकाल लाया हूँ, क्योंकि मुल्के-बाबल में उनकी अशद्द ज़रूरत है।
Jere UrduGeoD 50:26  चारों तरफ़ से बाबल पर चढ़ आओ! उसके अनाज के गोदामों को खोलकर सारे माल का ढेर लगाओ! फिर सब कुछ नेस्तो-नाबूद करो, कुछ बचा न रहे।
Jere UrduGeoD 50:27  उसके तमाम बैलों को ज़बह करो! सब क़साई की ज़द में आएँ! उन पर अफ़सोस, क्योंकि उनका मुक़र्ररा दिन, उनकी सज़ा का वक़्त आ गया है।
Jere UrduGeoD 50:28  सुनो! मुल्के-बाबल से बचे हुए पनाहगुज़ीन सिय्यून में बता रहे हैं कि रब हमारे ख़ुदा ने किस तरह इंतक़ाम लिया। क्योंकि अब उसने अपने घर का बदला लिया है!
Jere UrduGeoD 50:29  तमाम तीरअंदाज़ों को बुलाओ ताकि बाबल पर हमला करें! उसे घेर लो ताकि कोई न बचे। उसे उस की हरकतों का मुनासिब अज्र दो! जो बुरा सुलूक उसने दूसरों के साथ किया वही उसके साथ करो। क्योंकि उसका रवैया रब, इसराईल के क़ुद्दूस के साथ गुस्ताखाना था।
Jere UrduGeoD 50:30  इसलिए उसके नौजवान गलियों में गिरकर मर जाएंगे, उसके तमाम फ़ौजी उस दिन हलाक हो जाएंगे।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 50:31  क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “ऐ गुस्ताख़ शहर, मैं तुझसे निपटनेवाला हूँ। क्योंकि वह दिन आ गया है जब तुझे सज़ा मिलनी है।
Jere UrduGeoD 50:32  तब गुस्ताख़ शहर ठोकर खाकर गिर जाएगा, और कोई उसे दुबारा खड़ा नहीं करेगा। मैं उसके तमाम शहरों में आग लगा दूँगा जो गिर्दो-नवाह में सब कुछ राख कर देगी।”
Jere UrduGeoD 50:33  रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “इसराईल और यहूदाह के लोगों पर ज़ुल्म हुआ है। जिन्होंने उन्हें असीर करके जिलावतन किया है वह उन्हें रिहा नहीं करना चाहते, उन्हें जाने नहीं देते।
Jere UrduGeoD 50:34  लेकिन उनका छुड़ानेवाला क़वी है, उसका नाम रब्बुल-अफ़वाज है। वह ख़ूब लड़कर उनका मामला दुरुस्त करेगा ताकि मुल्क को आरामो-सुकून मिल जाए। लेकिन बाबल के बाशिंदों को वह थरथराने देगा।”
Jere UrduGeoD 50:35  रब फ़रमाता है, “तलवार बाबल की क़ौम पर टूट पड़े! वह बाबल के बाशिंदों, उसके बुज़ुर्गों और दानिशमंदों पर टूट पड़े!
Jere UrduGeoD 50:36  तलवार उसके झूटे नबियों पर टूट पड़े ताकि बेवुक़ूफ़ साबित हों। तलवार उसके सूरमाओं पर टूट पड़े ताकि उन पर दहशत छा जाए।
Jere UrduGeoD 50:37  तलवार बाबल के घोड़ों, रथों और परदेसी फ़ौजियों पर टूट पड़े ताकि वह औरतों की मानिंद बन जाएँ। तलवार उसके ख़ज़ानों पर टूट पड़े ताकि वह छीन लिए जाएँ।
Jere UrduGeoD 50:38  तलवार उसके पानी के ज़ख़ीरों पर टूट पड़े ताकि वह ख़ुश्क हो जाएँ। क्योंकि मुल्के-बाबल बुतों से भरा हुआ है, ऐसे बुतों से जिनके बाइस लोग दीवानों की तरह फिरते हैं।
Jere UrduGeoD 50:39  आख़िर में गलियों में सिर्फ़ रेगिस्तान के जानवर और जंगली कुत्ते फिरेंगे, वहाँ उक़ाबी उल्लू बसेंगे। वह हमेशा तक इनसान की बस्तियों से महरूम और नसल-दर-नसल ग़ैरआबाद रहेगा।”
Jere UrduGeoD 50:40  रब फ़रमाता है, “उस की हालत सदूम और अमूरा की-सी होगी जिन्हें मैंने पड़ोस के शहरों समेत उलटाकर सफ़हाए-हस्ती से मिटा दिया। आइंदा वहाँ कोई नहीं बसेगा, कोई नहीं आबाद होगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 50:41  “देखो, शिमाल से फ़ौज आ रही है, एक बड़ी क़ौम और मुतअद्दिद बादशाह दुनिया की इंतहा से रवाना हुए हैं।
Jere UrduGeoD 50:42  उसके ज़ालिम और बेरहम फ़ौजी कमान और शमशेर से लैस हैं। जब वह अपने घोड़ों पर सवार होकर चलते हैं तो गरजते समुंदर का-सा शोर बरपा होता है। ऐ बाबल बेटी, वह सब जंग के लिए तैयार होकर तुझसे लड़ने आ रहे हैं।
Jere UrduGeoD 50:43  उनकी ख़बर सुनते ही शाहे-बाबल हिम्मत हार गया है। ख़ौफ़ज़दा होकर वह दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत की तरह तड़पने लगा है।
Jere UrduGeoD 50:44  जिस तरह शेरबबर यरदन के जंगलों से निकलकर शादाब चरागाहों में चरनेवाली भेड़ों पर टूट पड़ता है उसी तरह मैं बाबल को एकदम उसके मुल्क से भगा दूँगा। फिर मैं अपने चुने हुए आदमी को बाबल पर मुक़र्रर करूँगा। क्योंकि कौन मेरे बराबर है? कौन मुझसे जवाब तलब कर सकता है? वह गल्लाबान कहाँ है जो मेरा मुक़ाबला कर सके?”
Jere UrduGeoD 50:45  चुनाँचे बाबल पर रब का फ़ैसला सुनो, मुल्के-बाबल के लिए उसके मनसूबे पर ध्यान दो! “दुश्मन पूरे रेवड़ को सबसे नन्हे बच्चों से लेकर बड़ों तक घसीटकर ले जाएगा। उस की चरागाह वीरानो-सुनसान हो जाएगी।
Jere UrduGeoD 50:46  ज्योंही नारा बुलंद होगा कि बाबल दुश्मन के क़ब्ज़े में आ गया है तो ज़मीन लरज़ उठेगी। तब मदद के लिए बाबल की चीख़ें दीगर ममालिक तक गूँजेंगी।”
Chapter 51
Jere UrduGeoD 51:1  रब फ़रमाता है, “मैं बाबल और उसके बाशिंदों के ख़िलाफ़ मोहलक आँधी चलाऊँगा।
Jere UrduGeoD 51:2  मैं मुल्के-बाबल में ग़ैरमुल्की भेजूँगा ताकि वह उसे अनाज की तरह फटककर तबाह करें। आफ़त के दिन वह पूरे मुल्क को घेरे रखेंगे।
Jere UrduGeoD 51:3  तीरअंदाज़ को तीर चलाने से रोको! फ़ौजी को ज़िरा-बकतर पहनकर लड़ने के लिए खड़े होने न दो! उनके नौजवानों को ज़िंदा मत छोड़ना बल्कि फ़ौज को सरासर नेस्तो-नाबूद कर देना!
Jere UrduGeoD 51:4  तब मुल्के-बाबल में हर तरफ़ लाशें नज़र आएँगी, तलवार के चिरे हुए उस की गलियों में पड़े रहेंगे।
Jere UrduGeoD 51:5  क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज ने इसराईल और यहूदाह को अकेला नहीं छोड़ा, उनके ख़ुदा ने उन्हें तर्क नहीं किया। मुल्के-बाबल का क़ुसूर निहायत संगीन है, उसने इसराईल के क़ुद्दूस का गुनाह किया है।
Jere UrduGeoD 51:6  बाबल से भाग निकलो! दौड़कर अपनी जान बचाओ, वरना तुम्हें भी बाबल के क़ुसूर का अज्र मिलेगा। क्योंकि रब के इंतक़ाम का वक़्त आ पहुँचा है, अब बाबल को मुनासिब सज़ा मिलेगी।
Jere UrduGeoD 51:7  बाबल रब के हाथ में सोने का प्याला था जिसे उसने पूरी दुनिया को पिला दिया। अक़वाम उस की मै पी पीकर मत्वाली हो गईं, इसलिए वह दीवानी हो गई हैं।
Jere UrduGeoD 51:8  लेकिन अब यह प्याला अचानक गिरकर टूट गया है। चुनाँचे बाबल पर आहो-ज़ारी करो! उसके दर्द और तकलीफ़ को दूर करने के लिए बलसान ले आओ, शायद उसे शफ़ा मिले।
Jere UrduGeoD 51:9  लेकिन लोग कहेंगे, ‘हम बाबल की मदद करना चाहते थे, लेकिन उसके ज़ख़म भर नहीं सकते। इसलिए आओ, हम उसे छोड़ दें और हर एक अपने अपने मुल्क में जा बसे। क्योंकि उस की सख़्त अदालत हो रही है, जितना आसमान और बादल बुलंद हैं उतनी ही सख़्त उस की सज़ा है।’
Jere UrduGeoD 51:10  रब की क़ौम बोले, ‘रब हमारी रास्ती रौशनी में लाया है। आओ, हम सिय्यून में वह कुछ सुनाएँ जो रब हमारे ख़ुदा ने किया है।’
Jere UrduGeoD 51:11  तीरों को तेज़ करो! अपना तरकश उनसे भर लो! रब मादी बादशाहों को हरकत में लाया है, क्योंकि वह बाबल को तबाह करने का इरादा रखता है। रब इंतक़ाम लेगा, अपने घर की तबाही का बदला लेगा।
Jere UrduGeoD 51:12  बाबल की फ़सील के ख़िलाफ़ जंग का झंडा गाड़ दो! शहर के इर्दगिर्द पहरादारी का बंदोबस्त मज़बूत करो, हाँ मज़ीद संतरी खड़े करो। क्योंकि रब ने बाबल के बाशिंदों के ख़िलाफ़ मनसूबा बाँधकर उसका एलान किया है, और अब वह उसे पूरा करेगा।
Jere UrduGeoD 51:13  ऐ बाबल बेटी, तू गहरे पानी के पास बसती और निहायत दौलतमंद हो गई है। लेकिन ख़बरदार! तेरा अंजाम क़रीब ही है, तेरी ज़िंदगी का धागा कट गया है।
Jere UrduGeoD 51:14  रब्बुल-अफ़वाज ने अपने नाम की क़सम खाकर फ़रमाया है कि मैं तुझे दुश्मनों से भर दूँगा, और वह टिड्डियों के ग़ोल की तरह पूरे शहर को ढाँप लेंगे। हर जगह वह तुझ पर फ़तह के नारे लगाएँगे।
Jere UrduGeoD 51:15  देखो, अल्लाह ही ने अपनी क़ुदरत से ज़मीन को ख़लक़ किया, उसी ने अपनी हिकमत से दुनिया की बुनियाद रखी, और उसी ने अपनी समझ के मुताबिक़ आसमान को ख़ैमे की तरह तान लिया।
Jere UrduGeoD 51:16  उसके हुक्म पर आसमान पर पानी के ज़ख़ीरे गरजने लगते हैं। वह दुनिया की इंतहा से बादल चढ़ने देता, बारिश के साथ बिजली कड़कने देता और अपने गोदामों से हवा निकलने देता है।
Jere UrduGeoD 51:17  तमाम इनसान अहमक़ और समझ से ख़ाली हैं। हर सुनार अपने बुतों के बाइस शरमिंदा हुआ है। उसके बुत धोका ही हैं, उनमें दम नहीं।
Jere UrduGeoD 51:18  वह फ़ज़ूल और मज़हकाख़ेज़ हैं। अदालत के वक़्त वह नेस्त हो जाएंगे।
Jere UrduGeoD 51:19  अल्लाह जो याक़ूब का मौरूसी हिस्सा है इनकी मानिंद नहीं है। वह सबका ख़ालिक़ है, और इसराईली क़ौम उसका मौरूसी हिस्सा है। रब्बुल-अफ़वाज ही उसका नाम है।
Jere UrduGeoD 51:20  ऐ बाबल, तू मेरा हथोड़ा, मेरा जंगी हथियार था। तेरे ही ज़रीए मैंने क़ौमों को पाश पाश कर दिया, सलतनतों को ख़ाक में मिला दिया।
Jere UrduGeoD 51:21  तेरे ही ज़रीए मैंने घोड़ों को सवारों समेत और रथों को रथबानों समेत पाश पाश कर दिया।
Jere UrduGeoD 51:22  तेरे ही ज़रीए मैंने मर्दों और औरतों, बुज़ुर्गों और बच्चों, नौजवानों और कुँवारियों को पारा पारा कर दिया।
Jere UrduGeoD 51:23  तेरे ही ज़रीए मैंने गल्लाबान और उसके रेवड़, किसान और उसके बैलों, गवर्नरों और सरकारी मुलाज़िमों को रेज़ा रेज़ा कर दिया।
Jere UrduGeoD 51:24  लेकिन अब मैं बाबल और उसके तमाम बाशिंदों को उनकी सिय्यून के साथ बदसुलूकी का पूरा अज्र दूँगा। तुम अपनी आँखों से इसके गवाह होगे।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 51:25  रब फ़रमाता है, “ऐ बाबल, पहले तू मोहलक पहाड़ था जिसने तमाम दुनिया का सत्यानास कर दिया। लेकिन अब मैं तुझसे निपट लेता हूँ। मैं अपना हाथ तेरे ख़िलाफ़ बढ़ाकर तुझे ऊँची ऊँची चटानों से पटख़ दूँगा। आख़िरकार मलबे का झुलसा हुआ ढेर ही बाक़ी रहेगा।
Jere UrduGeoD 51:26  तू इतना तबाह हो जाएगा कि तेरे पत्थर न किसी मकान के कोनों के लिए, न किसी बुनियाद के लिए इस्तेमाल हो सकेंगे।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 51:27  “आओ, मुल्क में जंग का झंडा गाड़ दो! अक़वाम में नरसिंगा फूँक फूँककर उन्हें बाबल के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए मख़सूस करो! उससे लड़ने के लिए अरारात, मिन्नी और अश्कनाज़ की सलतनतों को बुलाओ! बाबल से लड़ने के लिए कमाँडर मुक़र्रर करो। घोड़े भेज दो जो टिड्डियों के हौलनाक ग़ोल की तरह उस पर टूट पड़ें।
Jere UrduGeoD 51:28  अक़वाम को बाबल से लड़ने के लिए मख़सूस करो! मादी बादशाह अपने गवर्नरों, अफ़सरों और तमाम मुती ममालिक समेत तैयार हो जाएँ।
Jere UrduGeoD 51:29  ज़मीन लरज़ती और थरथराती है, क्योंकि रब का मनसूबा अटल है, वह मुल्के-बाबल को यों तबाह करना चाहता है कि आइंदा उसमें कोई न रहे।
Jere UrduGeoD 51:30  बाबल के जंगआज़मूदा फ़ौजी लड़ने से बाज़ आकर अपने क़िलों में छुप गए हैं। उनकी ताक़त जाती रही है, वह औरतों की मानिंद हो गए हैं। अब बाबल के घरों को आग लग गई है, फ़सील के दरवाज़ों के कुंडे टूट गए हैं।
Jere UrduGeoD 51:31  यके बाद दीगरे क़ासिद दौड़कर शाहे-बाबल को इत्तला देते हैं, ‘शहर चारों तरफ़ से दुश्मन के क़ब्ज़े में है!
Jere UrduGeoD 51:32  दरिया को पार करने के तमाम रास्ते उसके हाथ में हैं, सरकंडे का दलदली इलाक़ा जल रहा है, और फ़ौजी ख़ौफ़ के मारे बेहिसो-हरकत हो गए हैं’।”
Jere UrduGeoD 51:33  क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, “फ़सल की कटाई से पहले पहले गाहने की जगह के फ़र्श को दबा दबाकर मज़बूत किया जाता है। यही बाबल बेटी की हालत है। फ़सल की कटाई क़रीब आ गई है, और थोड़ी देर के बाद बाबल को पाँवों तले ख़ूब दबाया जाएगा।
Jere UrduGeoD 51:34  सिय्यून बेटी रोती है, ‘शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र ने मुझे हड़प कर लिया, चूस लिया, ख़ाली बरतन की तरह एक तरफ़ रख दिया है। उसने अज़दहे की तरह मुझे निगल लिया, अपने पेट को मेरी लज़ीज़ चीज़ों से भर लिया है। फिर उसने मुझे वतन से निकाल दिया।’
Jere UrduGeoD 51:35  लेकिन अब सिय्यून की रहनेवाली कहे, ‘जो ज़्यादती मेरे साथ हुई वह बाबल के साथ की जाए। जो क़त्लो-ग़ारत मुझमें हुई वह बाबल के बाशिंदों में मच जाए’!”
Jere UrduGeoD 51:36  रब यरूशलम से फ़रमाता है, “देख, मैं ख़ुद तेरे हक़ में लड़ूँगा, मैं ख़ुद तेरा बदला लूँगा। तब उसका समुंदर ख़ुश्क हो जाएगा, उसके चश्मे बंद हो जाएंगे।
Jere UrduGeoD 51:37  बाबल मलबे का ढेर बन जाएगा। गीदड़ ही उसमें अपना घर बना लेंगे। उसे देखकर गुज़रनेवालों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे, और वह ‘तौबा तौबा’ कहकर आगे निकलेंगे। कोई भी वहाँ नहीं बसेगा।
Jere UrduGeoD 51:38  इस वक़्त बाबल के बाशिंदे शेरबबर की तरह दहाड़ रहे हैं, वह शेर के बच्चों की तरह ग़ुर्रा रहे हैं।
Jere UrduGeoD 51:39  लेकिन रब फ़रमाता है कि वह अभी मस्त होंगे कि मैं उनके लिए ज़ियाफ़त तैयार करूँगा, एक ऐसी ज़ियाफ़त जिसमें वह मत्वाले होकर ख़ुशी के नारे मारेंगे, फिर अबदी नींद सो जाएंगे। उस नींद से वह कभी नहीं उठेंगे।
Jere UrduGeoD 51:40  मैं उन्हें भेड़ के बच्चों, मेंढों और बकरों की तरह क़साई के पास ले जाऊँगा।
Jere UrduGeoD 51:41  हाय, बाबल दुश्मन के क़ब्ज़े में आ गया है! जिसकी तारीफ़ पूरी दुनिया करती थी वह छीन लिया गया है! अब उसे देखकर क़ौमों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
Jere UrduGeoD 51:42  समुंदर बाबल पर चढ़ आया है, उस की गरजती लहरों ने उसे ढाँप लिया है।
Jere UrduGeoD 51:43  उसके शहर रेगिस्तान बन गए हैं, अब चारों तरफ़ ख़ुश्क और वीरान बयाबान ही नज़र आता है। न कोई उसमें रहता, न उसमें से गुज़रता है।
Jere UrduGeoD 51:44  मैं बाबल के देवता बेल को सज़ा देकर उसके मुँह से वह कुछ निकाल दूँगा जो उसने हड़प कर लिया था। अब से दीगर अक़वाम जौक़-दर-जौक़ उसके पास नहीं आएँगी, क्योंकि बाबल की फ़सील भी गिर गई है।
Jere UrduGeoD 51:45  ऐ मेरी क़ौम, बाबल से निकल आ! हर एक अपनी जान बचाने के लिए वहाँ से भाग जाए, क्योंकि रब का शदीद ग़ज़ब उस पर नाज़िल होने को है।
Jere UrduGeoD 51:46  जब अफ़वाहें मुल्क में फैल जाएँ तो हिम्मत मत हारना, न ख़ौफ़ खाना। क्योंकि हर साल कोई और अफ़वाह फैलेगी, ज़ुल्म पर ज़ुल्म और हुक्मरान पर हुक्मरान आता रहेगा।
Jere UrduGeoD 51:47  क्योंकि वह वक़्त क़रीब ही है जब मैं बाबल के बुतों को सज़ा दूँगा। तब पूरे मुल्क की बेहुरमती हो जाएगी, और उसके मक़तूल उसके बीच में गिरकर पड़े रहेंगे।
Jere UrduGeoD 51:48  तब आसमानो-ज़मीन और जो कुछ उनमें है बाबल पर शादियाना बजाएंगे। क्योंकि तबाहकुन दुश्मन शिमाल से उस पर हमला करने आ रहा है।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 51:49  “बाबल ने पूरी दुनिया में बेशुमार लोगों को क़त्ल किया है, लेकिन अब वह ख़ुद हलाक हो जाएगा, इसलिए कि उसने इतने इसराईलियों को क़त्ल किया है।
Jere UrduGeoD 51:50  ऐ तलवार से बचे हुए इसराईलियो, रुके न रहो बल्कि रवाना हो जाओ! दूर-दराज़ मुल्क में रब को याद करो, यरूशलम का भी ख़याल करो!
Jere UrduGeoD 51:51  बेशक तुम कहते हो, ‘हम शरमिंदा हैं, हमारी सख़्त रुसवाई हुई है, शर्म के मारे हमने अपने मुँह को ढाँप लिया है। क्योंकि परदेसी रब के घर की मुक़द्दसतरीन जगहों में घुस आए हैं।’
Jere UrduGeoD 51:52  लेकिन रब फ़रमाता है कि वह वक़्त आनेवाला है जब मैं बाबल के बुतों को सज़ा दूँगा। तब उसके पूरे मुल्क में मौत के घाट उतरनेवालों की आहें सुनाई देंगी।
Jere UrduGeoD 51:53  ख़ाह बाबल की ताक़त आसमान तक ऊँची क्यों न हो, ख़ाह वह अपने बुलंद क़िले को कितना मज़बूत क्यों न करे तो भी वह गिर जाएगा। मैं तबाह करनेवाले फ़ौजी उस पर चढ़ा लाऊँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Jere UrduGeoD 51:54  “सुनो! बाबल में चीख़ें बुलंद हो रही हैं, मुल्के-बाबल धड़ाम से गिर पड़ा है।
Jere UrduGeoD 51:55  क्योंकि रब बाबल को बरबाद कर रहा, वह उसका शोर-शराबा बंद कर रहा है। दुश्मन की लहरें मुतलातिम समुंदर की तरह उस पर चढ़ रही हैं, उनकी गरजती आवाज़ फ़िज़ा में गूँज रही है।
Jere UrduGeoD 51:56  क्योंकि तबाहकुन दुश्मन बाबल पर हमला करने आ रहा है। तब उसके सूरमाओं को पकड़ा जाएगा और उनकी कमानें टूट जाएँगी। क्योंकि रब इंतक़ाम का ख़ुदा है, वह हर इनसान को उसका मुनासिब अज्र देगा।”
Jere UrduGeoD 51:57  दुनिया का बादशाह जिसका नाम रब्बुल-अफ़वाज है फ़रमाता है, “मैं बाबल के बड़ों को मतवाला करूँगा, ख़ाह वह बुज़ुर्ग, दानिशमंद, गवर्नर, सरकारी अफ़सर या फ़ौजी क्यों न हों। तब वह अबदी नींद सो जाएंगे और दुबारा कभी नहीं उठेंगे।”
Jere UrduGeoD 51:58  रब फ़रमाता है, “बाबल की मोटी मोटी फ़सील को ख़ाक में मिलाया जाएगा, और उसके ऊँचे ऊँचे दरवाज़े राख हो जाएंगे। तब यह कहावत बाबल पर सादिक़ आएगी, ‘अक़वाम की मेहनत-मशक़्क़त बेफ़ायदा रही, जो कुछ उन्होंने बड़ी मुश्किल से बनाया वह नज़रे-आतिश हो गया है’।”
Jere UrduGeoD 51:59  यहूदाह के बादशाह सिदक़ियाह के चौथे साल में यरमियाह नबी ने यह कलाम सिरायाह बिन नैरियाह बिन महसियाह के सुपुर्द कर दिया जो उस वक़्त बादशाह के साथ बाबल के लिए रवाना हुआ। सफ़र का पूरा बंदोबस्त सिरायाह के हाथ में था।
Jere UrduGeoD 51:60  यरमियाह ने तूमार में बाबल पर नाज़िल होनेवाली आफ़त की पूरी तफ़सील लिख दी थी। उसके बाबल के बारे में तमाम पैग़ामात उसमें क़लमबंद थे।
Jere UrduGeoD 51:61  उसने सिरायाह से कहा, “बाबल पहुँचकर ध्यान से तूमार की तमाम बातों की तिलावत करें।
Jere UrduGeoD 51:62  तब दुआ करें, ‘ऐ रब, तूने एलान किया है कि मैं बाबल को यों तबाह करूँगा कि आइंदा न इनसान, न हैवान उसमें बसेगा। शहर अबद तक वीरानो-सुनसान रहेगा।’
Jere UrduGeoD 51:63  पूरी किताब की तिलावत के इख़्तिताम पर उसे पत्थर के साथ बाँध लें, फिर दरियाए-फ़ुरात में फेंककर
Jere UrduGeoD 51:64  बोलें, ‘बाबल का बेड़ा इस पत्थर की तरह ग़रक़ हो जाएगा। जो आफ़त मैं उस पर नाज़िल करूँगा उससे उसे यों ख़ाक में मिलाया जाएगा कि दुबारा कभी नहीं उठेगा। वह सरासर ख़त्म हो जाएगा’।” यरमियाह के पैग़ामात यहाँ इख़्तिताम पर पहुँच गए हैं।
Chapter 52
Jere UrduGeoD 52:1  सिदक़ियाह 21 साल की उम्र में बादशाह बना, और यरूशलम में उस की हुकूमत का दौरानिया 11 साल था। उस की माँ हमूतल बिंत यरमियाह लिबना शहर की रहनेवाली थी।
Jere UrduGeoD 52:2  यहूयक़ीम की तरह सिदक़ियाह ऐसा काम करता रहा जो रब को नापसंद था।
Jere UrduGeoD 52:3  रब यरूशलम और यहूदाह के बाशिंदों से इतना नाराज़ हुआ कि आख़िर में उसने उन्हें अपने हुज़ूर से ख़ारिज कर दिया। एक दिन सिदक़ियाह बाबल के बादशाह से सरकश हुआ,
Jere UrduGeoD 52:4  इसलिए शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र तमाम फ़ौज अपने साथ लेकर दुबारा यरूशलम पहुँचा ताकि उस पर हमला करे। सिदक़ियाह की हुकूमत के नवें साल में बाबल की फ़ौज यरूशलम का मुहासरा करने लगी। यह काम दसवें महीने के दसवें दिन शुरू हुआ। पूरे शहर के इर्दगिर्द बादशाह ने पुश्ते बनवाए।
Jere UrduGeoD 52:5  सिदक़ियाह की हुकूमत के 11वें साल तक यरूशलम क़ायम रहा।
Jere UrduGeoD 52:6  लेकिन फिर काल ने शहर में ज़ोर पकड़ा, और अवाम के लिए खाने की चीज़ें न रहीं। चौथे महीने के नवें दिन
Jere UrduGeoD 52:7  बाबल के फ़ौजियों ने फ़सील में रख़ना डाल दिया। उसी रात सिदक़ियाह अपने तमाम फ़ौजियों समेत फ़रार होने में कामयाब हुआ, अगरचे शहर दुश्मन से घिरा हुआ था। वह फ़सील के उस दरवाज़े से निकले जो शाही बाग़ के साथ मुलहिक़ दो दीवारों के बीच में था। वह वादीए-यरदन की तरफ़ भागने लगे,
Jere UrduGeoD 52:8  लेकिन बाबल की फ़ौज ने बादशाह का ताक़्क़ुब करके उसे यरीहू के मैदान में पकड़ लिया। उसके फ़ौजी उससे अलग होकर चारों तरफ़ मुंतशिर हो गए,
Jere UrduGeoD 52:9  और वह ख़ुद गिरिफ़्तार हो गया। फिर उसे मुल्के-हमात के शहर रिबला में शाहे-बाबल के पास लाया गया, और वहीं उसने सिदक़ियाह पर फ़ैसला सादिर किया।
Jere UrduGeoD 52:10  सिदक़ियाह के देखते देखते शाहे-बाबल ने रिबला में उसके बेटों को क़त्ल किया। साथ साथ उसने यहूदाह के तमाम बुज़ुर्गों को भी मौत के घाट उतार दिया।
Jere UrduGeoD 52:11  फिर उसने सिदक़ियाह की आँखें निकलवाकर उसे पीतल की ज़ंजीरों में जकड़ लिया और बाबल ले गया जहाँ वह जीते-जी रहा।
Jere UrduGeoD 52:12  शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र की हुकूमत के 19वें साल में बादशाह का ख़ास अफ़सर नबूज़रादान यरूशलम पहुँचा। वह शाही मुहाफ़िज़ों पर मुक़र्रर था। पाँचवें महीने के सातवें दिन उसने आकर
Jere UrduGeoD 52:13  रब के घर, शाही महल और यरूशलम के तमाम मकानों को जला दिया। हर बड़ी इमारत भस्म हो गई।
Jere UrduGeoD 52:14  उसने अपने तमाम फ़ौजियों से शहर की पूरी फ़सील को भी गिरा दिया।
Jere UrduGeoD 52:15  फिर नबूज़रादान ने सबको जिलावतन कर दिया जो यरूशलम में पीछे रह गए थे। वह भी उनमें शामिल थे जो जंग के दौरान ग़द्दारी करके शाहे-बाबल के पीछे लग गए थे। नबूज़रादान बाक़ीमाँदा कारीगर और ग़रीबों में से भी कुछ बाबल ले गया।
Jere UrduGeoD 52:16  लेकिन उसने सबसे निचले तबक़े के बाज़ लोगों को मुल्के-यहूदाह में छोड़ दिया ताकि वह अंगूर के बाग़ों और खेतों को सँभालें।
Jere UrduGeoD 52:17  बाबल के फ़ौजियों ने रब के घर में जाकर पीतल के दोनों सतूनों, पानी के बासनों को उठानेवाली हथगाड़ियों और समुंदर नामी पीतल के हौज़ को तोड़ दिया और सारा पीतल उठाकर बाबल ले गए।
Jere UrduGeoD 52:18  वह रब के घर की ख़िदमत सरंजाम देने के लिए दरकार सामान भी ले गए यानी बालटियाँ, बेलचे, बत्ती कतरने के औज़ार, छिड़काव के कटोरे, प्याले और पीतल का बाक़ी सारा सामान।
Jere UrduGeoD 52:19  ख़ालिस सोने और चाँदी के बरतन भी इसमें शामिल थे यानी बासन, जलते हुए कोयले के बरतन, छिड़काव के कटोरे, बालटियाँ, शमादान, प्याले और मै की नज़रें पेश करने के बरतन। शाही मुहाफ़िज़ों का यह अफ़सर सारा सामान उठाकर बाबल ले गया।
Jere UrduGeoD 52:20  जब दोनों सतूनों, समुंदर नामी हौज़, हौज़ को उठानेवाले पीतल के बैलों और बासनों को उठानेवाली हथगाड़ियों का पीतल तुड़वाया गया तो वह इतना वज़नी था कि उसे तोला न जा सका। सुलेमान बादशाह ने यह चीज़ें रब के घर के लिए बनवाई थीं।
Jere UrduGeoD 52:21  हर सतून की ऊँचाई 27 फ़ुट और घेरा 18 फ़ुट था। दोनों खोखले थे, और उनकी दीवारों की मोटाई 3 इंच थी।
Jere UrduGeoD 52:22  उनके बालाई हिस्सों की ऊँचाई साढ़े सात फ़ुट थी, और वह पीतल की जाली और अनारों से सजे हुए थे।
Jere UrduGeoD 52:23  96 अनार लगे हुए थे। जाली के इर्दगिर्द कुल 100 अनार लगे थे।
Jere UrduGeoD 52:24  शाही मुहाफ़िज़ों के अफ़सर नबूज़रादान ने ज़ैल के क़ैदियों को अलग कर दिया : इमामे-आज़म सिरायाह, उसके बाद आनेवाले इमाम सफ़नियाह, रब के घर के तीन दरबानों,
Jere UrduGeoD 52:25  शहर के बचे हुओं में से उस अफ़सर को जो शहर के फ़ौजियों पर मुक़र्रर था, सिदक़ियाह बादशाह के सात मुशीरों, उम्मत की भरती करनेवाले अफ़सर और शहर में मौजूद उसके 60 मर्दों को।
Jere UrduGeoD 52:26  नबूज़रादान इन सबको अलग करके सूबा हमात के शहर रिबला ले गया जहाँ शाहे-बाबल था।
Jere UrduGeoD 52:27  वहाँ नबूकदनज़्ज़र ने उन्हें सज़ाए-मौत दी। यों यहूदाह के बाशिंदों को जिलावतन कर दिया गया।
Jere UrduGeoD 52:28  नबूकदनज़्ज़र ने अपनी हुकूमत के 7वें साल में यहूदाह के 3,023 अफ़राद,
Jere UrduGeoD 52:29  18वें साल में यरूशलम के 832 अफ़राद,
Jere UrduGeoD 52:30  और 23वें साल में 745 अफ़राद को जिलावतन कर दिया। यह आख़िरी लोग शाही मुहाफ़िज़ों के अफ़सर नबूज़रादान के ज़रीए बाबल लाए गए। कुल 4,600 अफ़राद जिलावतन हुए।
Jere UrduGeoD 52:31  यहूदाह के बादशाह यहूयाकीन की जिलावतनी के 37वें साल में अवील-मरूदक बाबल का बादशाह बना। उसी साल के 12वें महीने के 25वें दिन उसने यहूयाकीन को क़ैदख़ाने से आज़ाद कर दिया।
Jere UrduGeoD 52:32  उसने उसके साथ नरम बातें करके उसे इज़्ज़त की ऐसी कुरसी पर बिठाया जो बाबल में जिलावतन किए गए बाक़ी बादशाहों की निसबत ज़्यादा अहम थी।
Jere UrduGeoD 52:33  यहूयाकीन को क़ैदी के कपड़े उतारने की इजाज़त मिली, और उसे ज़िंदगी-भर बादशाह की मेज़ पर बाक़ायदगी से खाना खाने का शरफ़ हासिल रहा।
Jere UrduGeoD 52:34  बादशाह ने मुक़र्रर किया कि यहूयाकीन को उम्र-भर इतना वज़ीफ़ा मिलता रहे कि उस की रोज़मर्रा ज़रूरियात पूरी होती रहें।