EZEKIEL
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Chapter 1
| Ezek | UrduGeoD | 1:1 | जब मैं यानी इमाम हिज़क़ियेल बिन बूज़ी तीस साल का था तो मैं यहूदाह के जिलावतनों के साथ मुल्के-बाबल के दरिया किबार के किनारे ठहरा हुआ था। यहूयाकीन बादशाह को जिलावतन हुए पाँच साल हो गए थे। चौथे महीने के पाँचवें दिन आसमान खुल गया और अल्लाह ने मुझ पर मुख़्तलिफ़ रोयाएँ ज़ाहिर कीं। उस वक़्त रब मुझसे हमकलाम हुआ, और उसका हाथ मुझ पर आ ठहरा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:2 | जब मैं यानी इमाम हिज़क़ियेल बिन बूज़ी तीस साल का था तो मैं यहूदाह के जिलावतनों के साथ मुल्के-बाबल के दरिया किबार के किनारे ठहरा हुआ था। यहूयाकीन बादशाह को जिलावतन हुए पाँच साल हो गए थे। चौथे महीने के पाँचवें दिन आसमान खुल गया और अल्लाह ने मुझ पर मुख़्तलिफ़ रोयाएँ ज़ाहिर कीं। उस वक़्त रब मुझसे हमकलाम हुआ, और उसका हाथ मुझ पर आ ठहरा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:3 | जब मैं यानी इमाम हिज़क़ियेल बिन बूज़ी तीस साल का था तो मैं यहूदाह के जिलावतनों के साथ मुल्के-बाबल के दरिया किबार के किनारे ठहरा हुआ था। यहूयाकीन बादशाह को जिलावतन हुए पाँच साल हो गए थे। चौथे महीने के पाँचवें दिन आसमान खुल गया और अल्लाह ने मुझ पर मुख़्तलिफ़ रोयाएँ ज़ाहिर कीं। उस वक़्त रब मुझसे हमकलाम हुआ, और उसका हाथ मुझ पर आ ठहरा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:4 | रोया में मैंने ज़बरदस्त आँधी देखी जिसने शिमाल से आकर बड़ा बादल मेरे पास पहुँचाया। बादल में चमकती-दमकती आग नज़र आई, और वह तेज़ रौशनी से घिरा हुआ था। आग का मरकज़ चमकदार धात की तरह तमतमा रहा था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:7 | उनकी टाँगें इनसानों जैसी सीधी थीं, लेकिन पाँवों के तल्वे बछड़ों के-से खुर थे। वह पालिश किए हुए पीतल की तरह जगमगा रहे थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:9 | जानदार अपने परों से एक दूसरे को छू रहे थे। चलते वक़्त मुड़ने की ज़रूरत नहीं थी, क्योंकि हर एक के चार चेहरे चारों तरफ़ देखते थे। जब कभी किसी सिम्त जाना होता तो उसी सिम्त का चेहरा चल पड़ता। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:10 | चारों के चेहरे एक जैसे थे। सामने का चेहरा इनसान का, दाईं तरफ़ का चेहरा शेरबबर का, बाईं तरफ़ का चेहरा बैल का और पीछे का चेहरा उक़ाब का था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:11 | उनके पर ऊपर की तरफ़ फैले हुए थे। दो पर बाएँ और दाएँ हाथ के जानदारों से लगते थे, और दो पर उनके जिस्मों को ढाँपे रखते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:12 | जहाँ भी अल्लाह का रूह जाना चाहता था वहाँ यह जानदार चल पड़ते। उन्हें मुड़ने की ज़रूरत नहीं थी, क्योंकि वह हमेशा अपने चारों चेहरों में से एक का रुख़ इख़्तियार करते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:13 | जानदारों के बीच में ऐसा लग रहा था जैसे कोयले दहक रहे हों, कि उनके दरमियान मशालें इधर उधर चल रही हों। झिलमिलाती आग में से बिजली भी चमककर निकलती थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:14 | जानदार ख़ुद इतनी तेज़ी से इधर उधर घूम रहे थे कि बादल की बिजली जैसे नज़र आ रहे थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:15 | जब मैंने ग़ौर से उन पर नज़र डाली तो देखा कि हर एक जानदार के पास पहिया है जो ज़मीन को छू रहा है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:16 | लगता था कि चारों पहिये पुखराज से बने हुए हैं। चारों एक जैसे थे। हर पहिये के अंदर एक और पहिया ज़ावियाए-क़ायमा में घूम रहा था, | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:19 | जब चार जानदार चलते तो चारों पहिये भी साथ चलते, जब जानदार ज़मीन से उड़ते तो पहिये भी साथ उड़ते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:20 | जहाँ भी अल्लाह का रूह जाता वहाँ जानदार भी जाते थे। पहिये भी उड़कर साथ साथ चलते थे, क्योंकि जानदारों की रूह पहियों में थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:21 | जब कभी जानदार चलते तो यह भी चलते, जब रुक जाते तो यह भी रुक जाते, जब उड़ते तो यह भी उड़ते। क्योंकि जानदारों की रूह पहियों में थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:22 | जानदारों के सरों के ऊपर गुंबद-सा फैला हुआ था जो साफ़-शफ़्फ़ाफ़ बिल्लौर जैसा लग रहा था। उसे देखकर इनसान घबरा जाता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:23 | चारों जानदार इस गुंबद के नीचे थे, और हर एक अपने परों को फैलाकर एक से बाईं तरफ़ के साथी और दूसरे से दाईं तरफ़ के साथी को छू रहा था। बाक़ी दो परों से वह अपने जिस्म को ढाँपे रखता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:24 | चलते वक़्त उनके परों का शोर मुझ तक पहुँचा। यों लग रहा था जैसे क़रीब ही ज़बरदस्त आबशार बह रही हो, कि क़ादिरे-मुतलक़ कोई बात फ़रमा रहा हो, या कि कोई लशकर हरकत में आ गया हो। रुकते वक़्त वह अपने परों को नीचे लटकने देते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:25 | फिर गुंबद के ऊपर से आवाज़ सुनाई दी, और जानदारों ने रुककर अपने परों को लटकने दिया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:26 | मैंने देखा कि उनके सरों के ऊपर के गुंबद पर संगे-लाजवर्द का तख़्त-सा नज़र आ रहा है जिस पर कोई बैठा था जिसकी शक्लो-सूरत इनसान की मानिंद है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 1:27 | लेकिन कमर से लेकर सर तक वह चमकदार धात की तरह तमतमा रहा था, जबकि कमर से लेकर पाँव तक आग की मानिंद भड़क रहा था। तेज़ रौशनी उसके इर्दगिर्द झिलमिला रही थी। | |
Chapter 2
| Ezek | UrduGeoD | 2:2 | ज्योंही वह मुझसे हमकलाम हुआ तो रूह ने मुझमें आकर मुझे खड़ा कर दिया। फिर मैंने आवाज़ को यह कहते हुए सुना, | |
| Ezek | UrduGeoD | 2:3 | “ऐ आदमज़ाद, मैं तुझे इसराईलियों के पास भेज रहा हूँ, एक ऐसी सरकश क़ौम के पास जिसने मुझसे बग़ावत की है। शुरू से लेकर आज तक वह अपने बापदादा समेत मुझसे बेवफ़ा रहे हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 2:4 | जिन लोगों के पास मैं तुझे भेज रहा हूँ वह बेशर्म और ज़िद्दी हैं। उन्हें वह कुछ सुना दे जो रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 2:5 | ख़ाह यह बाग़ी सुनें या न सुनें, वह ज़रूर जान लेंगे कि हमारे दरमियान नबी बरपा हुआ है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 2:6 | ऐ आदमज़ाद, उनसे या उनकी बातों से मत डरना। गो तू काँटेदार झाड़ियों से घिरा रहेगा और तुझे बिच्छुओं के दरमियान बसना पड़ेगा तो भी ख़ौफ़ज़दा न हो। न उनकी बातों से ख़ौफ़ खाना, न उनके रवय्ये से दहशत खाना। क्योंकि यह क़ौम सरकश है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 2:7 | ख़ाह यह सुनें या न सुनें लाज़िम है कि तू मेरे पैग़ामात उन्हें सुनाए। क्योंकि वह बाग़ी ही हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 2:8 | ऐ आदमज़ाद, जब मैं तुझसे हमकलाम हूँगा तो ध्यान दे और इस सरकश क़ौम की तरह बग़ावत मत करना। अपने मुँह को खोलकर वह कुछ खा जो मैं तुझे खिलाता हूँ।” | |
Chapter 3
| Ezek | UrduGeoD | 3:1 | उसने फ़रमाया, “ऐ आदमज़ाद, जो कुछ तुझे दिया जा रहा है उसे खा ले! तूमार को खा, फिर जाकर इसराईली क़ौम से मुख़ातिब हो जा।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:3 | साथ साथ उसने फ़रमाया, “आदमज़ाद, जो तूमार मैं तुझे खिलाता हूँ उसे खा, पेट भरकर खा!” जब मैंने उसे खाया तो शहद की तरह मीठा लगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:4 | तब अल्लाह मुझसे हमकलाम हुआ, “ऐ आदमज़ाद, अब जाकर इसराईली घराने को मेरे पैग़ामात सुना दे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:5 | मैं तुझे ऐसी क़ौम के पास नहीं भेज रहा जिसकी अजनबी ज़बान तुझे समझ न आए बल्कि तुझे इसराईली क़ौम के पास भेज रहा हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:6 | बेशक ऐसी बहुत-सी क़ौमें हैं जिनकी अजनबी ज़बानें तुझे नहीं आतीं, लेकिन उनके पास मैं तुझे नहीं भेज रहा। अगर मैं तुझे उन्हीं के पास भेजता तो वह ज़रूर तेरी सुनतीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:7 | लेकिन इसराईली घराना तेरी सुनने के लिए तैयार नहीं होगा, क्योंकि वह मेरी सुनने के लिए तैयार ही नहीं। क्योंकि पूरी क़ौम का माथा सख़्त और दिल अड़ा हुआ है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:8 | लेकिन मैंने तेरा चेहरा भी उनके चेहरे जैसा सख़्त कर दिया, तेरा माथा भी उनके माथे जैसा मज़बूत कर दिया है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:9 | तू उनका मुक़ाबला कर सकेगा, क्योंकि मैंने तेरे माथे को हीरे जैसा मज़बूत, चक़माक़ जैसा पायदार कर दिया है। गो यह क़ौम बाग़ी है तो भी उनसे ख़ौफ़ न खा, न उनके सुलूक से दहशतज़दा हो।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:10 | अल्लाह ने मज़ीद फ़रमाया, “ऐ आदमज़ाद, मेरी हर बात पर ध्यान देकर उसे ज़हन में बिठा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:11 | अब रवाना होकर अपनी क़ौम के उन अफ़राद के पास जा जो बाबल में जिलावतन हुए हैं। उन्हें वह कुछ सुना दे जो रब क़ादिरे-मुतलक़ उन्हें बताना चाहता है, ख़ाह वह सुनें या न सुनें।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:12 | फिर अल्लाह के रूह ने मुझे वहाँ से उठाया। जब रब का जलाल अपनी जगह से उठा तो मैंने अपने पीछे एक गड़गड़ाती आवाज़ सुनी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:13 | फ़िज़ा चारों जानदारों के शोर से गूँज उठी जब उनके पर एक दूसरे से लगने और उनके पहिये घूमने लगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:14 | अल्लाह का रूह मुझे उठाकर वहाँ से ले गया, और मैं तलख़मिज़ाजी और बड़ी सरगरमी से रवाना हुआ। क्योंकि रब का हाथ ज़ोर से मुझ पर ठहरा हुआ था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:15 | चलते चलते मैं दरियाए-किबार की आबादी तल-अबीब में रहनेवाले जिलावतनों के पास पहुँच गया। मैं उनके दरमियान बैठ गया। सात दिन तक मेरी हालत गुमसुम रही। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:17 | “ऐ आदमज़ाद, मैंने तुझे इसराईली क़ौम पर पहरेदार बनाया, इसलिए जब भी तुझे मुझसे कलाम मिले तो उन्हें मेरी तरफ़ से आगाह कर! | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:18 | मैं तेरे ज़रीए बेदीन को इत्तला दूँगा कि उसे मरना ही है ताकि वह अपनी बुरी राह से हटकर बच जाए। अगर तू उसे यह पैग़ाम न पहुँचाए, न उसे तंबीह करे और वह अपने क़ुसूर के बाइस मर जाए तो मैं तुझे ही उस की मौत का ज़िम्मादार ठहराऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:19 | लेकिन अगर वह तेरी तंबीह पर अपनी बेदीनी और बुरी राह से न हटे तो यह अलग बात है। बेशक वह मरेगा, लेकिन तू ज़िम्मादार नहीं ठहरेगा बल्कि अपनी जान को छुड़ाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:20 | जब रास्तबाज़ अपनी रास्तबाज़ी को छोड़कर बुरी राह पर आ जाएगा तो मैं तुझे उसे आगाह करने की ज़िम्मादारी दूँगा। अगर तू यह करने से बाज़ रहा तो तू ही ज़िम्मादार ठहरेगा जब मैं उसे ठोकर खिलाकर मार डालूँगा। उस वक़्त उसके रास्त काम याद नहीं रहेंगे बल्कि वह अपने गुनाह के सबब से मरेगा। लेकिन तू ही उस की मौत का ज़िम्मादार ठहरेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:21 | लेकिन अगर तू उसे तंबीह करे और वह अपने गुनाह से बाज़ आए तो वह मेरी तंबीह को क़बूल करने के बाइस बचेगा, और तू भी अपनी जान को छुड़ाएगा।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:22 | वहीं रब का हाथ दुबारा मुझ पर आ ठहरा। उसने फ़रमाया, “उठ, यहाँ से निकलकर वादी के खुले मैदान में चला जा! वहाँ मैं तुझसे हमकलाम हूँगा।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:23 | मैं उठा और निकलकर वादी के खुले मैदान में चला गया। जब पहुँचा तो क्या देखता हूँ कि रब का जलाल वहाँ यों मौजूद है जिस तरह पहली रोया में दरियाए-किबार के किनारे पर था। मैं मुँह के बल गिर गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:24 | तब अल्लाह के रूह ने आकर मुझे दुबारा खड़ा किया और फ़रमाया, “अपने घर में जाकर अपने पीछे कुंडी लगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:25 | ऐ आदमज़ाद, लोग तुझे रस्सियों में जकड़कर बंद रखेंगे ताकि तू निकलकर दूसरों में न फिर सके। | |
| Ezek | UrduGeoD | 3:26 | मैं होने दूँगा कि तेरी ज़बान तालू से चिपक जाए और तू ख़ामोश रहकर उन्हें डाँट न सके। क्योंकि यह क़ौम सरकश है। | |
Chapter 4
| Ezek | UrduGeoD | 4:1 | ऐ आदमज़ाद, अब एक कच्ची ईंट ले और उसे अपने सामने रखकर उस पर यरूशलम शहर का नक़्शा कंदा कर। | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:2 | फिर यह नक़्शा शहर का मुहासरा दिखाने के लिए इस्तेमाल कर। बुर्ज और पुश्ते बनाकर घेरा डाल। यरूशलम के बाहर लशकरगाह लगाकर शहर के इर्दगिर्द क़िलाशिकन मशीनें तैयार रख। | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:3 | फिर लोहे की प्लेट लेकर अपने और शहर के दरमियान रख। इससे मुराद लोहे की दीवार है। शहर को घूर घूरकर ज़ाहिर कर कि तू उसका मुहासरा कर रहा है। इस निशान से तू दिखाएगा कि इसराईलियों के साथ क्या कुछ होनेवाला है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:4 | इसके बाद अपने बाएँ पहलू पर लेटकर अलामती तौर पर मुल्के-इसराईल की सज़ा पा। जितने भी साल वह गुनाह करते आए हैं उतने ही दिन तुझे इसी हालत में लेटे रहना है। वह 390 साल गुनाह करते रहे हैं, इसलिए तू 390 दिन उनके गुनाहों की सज़ा पाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:5 | इसके बाद अपने बाएँ पहलू पर लेटकर अलामती तौर पर मुल्के-इसराईल की सज़ा पा। जितने भी साल वह गुनाह करते आए हैं उतने ही दिन तुझे इसी हालत में लेटे रहना है। वह 390 साल गुनाह करते रहे हैं, इसलिए तू 390 दिन उनके गुनाहों की सज़ा पाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:6 | इसके बाद अपने दाएँ पहलू पर लेट जा और मुल्के-यहूदाह की सज़ा पा। मैंने मुक़र्रर किया है कि तू 40 दिन यह करे, क्योंकि यहूदाह 40 साल गुनाह करता रहा है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:7 | घेरे हुए शहर यरूशलम को घूर घूरकर अपने नंगे बाज़ू से उसे धमकी दे और उसके ख़िलाफ़ पेशगोई कर। | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:8 | साथ साथ मैं तुझे रस्सियों में जकड़ लूँगा ताकि तू उतने दिन करवटें बदल न सके जितने दिन तेरा मुहासरा किया जाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:9 | अब कुछ गंदुम, जौ, लोबिया, मसूर, बाजरा और यहाँ मुस्तामल घटिया क़िस्म का गंदुम जमा करके एक ही बरतन में डाल। बाएँ पहलू पर लेटते वक़्त यानी पूरे 390 दिन इन्हीं से रोटी बनाकर खा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:10 | फ़ी दिन तुझे रोटी का एक पाव खाने और पानी का पौना लिटर पीने की इजाज़त है। यह चीज़ें एहतियात से तोलकर मुक़र्ररा औक़ात पर खा और पी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:11 | फ़ी दिन तुझे रोटी का एक पाव खाने और पानी का पौना लिटर पीने की इजाज़त है। यह चीज़ें एहतियात से तोलकर मुक़र्ररा औक़ात पर खा और पी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:12 | रोटी को जौ की रोटी की तरह तैयार करके खा। ईंधन के लिए इनसान का फ़ुज़्ला इस्तेमाल कर। ध्यान दे कि सब इसके गवाह हों।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:13 | रब ने फ़रमाया, “जब मैं इसराईलियों को दीगर अक़वाम में मुंतशिर करूँगा तो उन्हें नापाक रोटी खानी पड़ेगी।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:14 | यह सुनकर मैं बोल उठा, “हाय, हाय! ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, मैं कभी भी नापाक नहीं हुआ। जवानी से लेकर आज तक मैंने कभी ऐसे जानवर का गोश्त नहीं खाया जिसे ज़बह नहीं किया गया था या जिसे जंगली जानवरों ने फाड़ा था। नापाक गोश्त कभी मेरे मुँह में नहीं आया।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:15 | तब रब ने जवाब दिया, “ठीक है, रोटी को बनाने के लिए तू इनसान के फ़ुज़्ले के बजाए गोबर इस्तेमाल कर सकता है। मैं तुझे इसकी इजाज़त देता हूँ।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 4:16 | उसने मज़ीद फ़रमाया, “ऐ आदमज़ाद, मैं यरूशलम में रोटी का बंदोबस्त ख़त्म हो जाने दूँगा। तब लोग अपना खाना बड़ी एहतियात से और परेशानी में तोल तोलकर खाएँगे। वह पानी का क़तरा क़तरा गिनकर उसे लरज़ते हुए पिएँगे। | |
Chapter 5
| Ezek | UrduGeoD | 5:1 | ऐ आदमज़ाद, तेज़ तलवार लेकर अपने सर के बाल और दाढ़ी मुँडवा। फिर तराज़ू में बालों को तोलकर तीन हिस्सों में तक़सीम कर। | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:2 | कच्ची ईंट पर कंदा यरूशलम के नक़्शे के ज़रीए ज़ाहिर कर कि शहर का मुहासरा ख़त्म हो गया है। फिर बालों की एक तिहाई शहर के नक़्शे के बीच में जला दे, एक तिहाई तलवार से मार मारकर शहर के इर्दगिर्द ज़मीन पर गिरने दे, और एक तिहाई हवा में उड़ाकर मुंतशिर कर। क्योंकि मैं इसी तरह अपनी तलवार को मियान से खींचकर लोगों के पीछे पड़ जाऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:4 | फिर इनमें से कुछ ले और आग में फेंककर भस्म कर। यही आग इसराईल के पूरे घराने में फैल जाएगी।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:5 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “यही यरूशलम की हालत है! गो मैंने उसे दीगर अक़वाम के दरमियान रखकर दीगर ममालिक का मरकज़ बना दिया | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:6 | तो भी वह मेरे अहकाम और हिदायात से सरकश हो गया है। गिर्दो-नवाह की अक़वामो-ममालिक की निसबत उस की हरकतें कहीं ज़्यादा बुरी हैं। क्योंकि उसके बाशिंदों ने मेरे अहकाम को रद्द करके मेरी हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारने से इनकार कर दिया है।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:7 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “तुम्हारी हरकतें इर्दगिर्द की क़ौमों की निसबत कहीं ज़्यादा बुरी हैं। न तुमने मेरी हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी, न मेरे अहकाम पर अमल किया। बल्कि तुम इतने शरारती थे कि गिर्दो-नवाह की अक़वाम के रस्मो-रिवाज से भी बदतर ज़िंदगी गुज़ारने लगे।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:8 | इसलिए रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “ऐ यरूशलम, अब मैं ख़ुद तुझसे निपट लूँगा। दीगर अक़वाम के देखते देखते मैं तेरी अदालत करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:9 | तेरी घिनौनी बुतपरस्ती के सबब से मैं तेरे साथ ऐसा सुलूक करूँगा जैसा मैंने पहले कभी नहीं किया है और आइंदा भी कभी नहीं करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:10 | तब तेरे दरमियान बाप अपने बेटों को और बेटे अपने बाप को खाएँगे। मैं तेरी अदालत यों करूँगा कि जितने बचेंगे वह सब हवा में उड़कर चारों तरफ़ मुंतशिर हो जाएंगे।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:11 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “मेरी हयात की क़सम, तूने अपने घिनौने बुतों और रस्मो-रिवाज से मेरे मक़दिस की बेहुरमती की है, इसलिए मैं तुझे मुँडवाकर तबाह कर दूँगा। न मैं तुझ पर तरस खाऊँगा, न रहम करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:12 | तेरे बाशिंदों की एक तिहाई मोहलक बीमारियों और काल से शहर में हलाक हो जाएगी। दूसरी तिहाई तलवार की ज़द में आकर शहर के इर्दगिर्द मर जाएगी। तीसरी तिहाई को मैं हवा में उड़ाकर मुंतशिर कर दूँगा और फिर तलवार को मियान से खींचकर उनका पीछा करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:13 | यों मेरा क़हर ठंडा हो जाएगा और मैं इंतक़ाम लेकर अपना ग़ुस्सा उतारूँगा। तब वह जान लेंगे कि मैं, रब ग़ैरत में उनसे हमकलाम हुआ हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:14 | मैं तुझे मलबे का ढेर और इर्दगिर्द की अक़वाम की लान-तान का निशाना बना दूँगा। हर गुज़रनेवाला तेरी हालत देखकर ‘तौबा तौबा’ कहेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:15 | जब मेरा ग़ज़ब तुझ पर टूट पड़ेगा और मैं तेरी सख़्त अदालत और सरज़निश करूँगा तो उस वक़्त तू पड़ोस की अक़वाम के लिए मज़ाक़ और लानत-मलामत का निशाना बन जाएगा। तेरी हालत को देखकर उनके रोंगटे खड़े हो जाएंगे और वह मुहतात रहने का सबक़ सीखेंगे। यह मेरा, रब का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 5:16 | ऐ यरूशलम के बाशिंदो, मैं काल के मोहलक और तबाहकुन तीर तुम पर बरसाऊँगा ताकि तुम हलाक हो जाओ। काल यहाँ तक ज़ोर पकड़ेगा कि खाने का बंदोबस्त ख़त्म हो जाएगा। | |
Chapter 6
| Ezek | UrduGeoD | 6:3 | उनसे कह, ‘ऐ इसराईल के पहाड़ो, रब क़ादिरे-मुतलक़ का कलाम सुनो! वह पहाड़ों, पहाड़ियों, घाटियों और वादियों के बारे में फ़रमाता है कि मैं तुम्हारे ख़िलाफ़ तलवार चलाकर तुम्हारी ऊँची जगहों के मंदिरों को तबाह कर दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 6:4 | जिन क़ुरबानगाहों पर तुम अपने जानवर और बख़ूर जलाते हो वह ढा दूँगा। मैं तेरे मक़तूलों को तेरे बुतों के सामने ही फेंक छोड़ूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 6:5 | मैं इसराईलियों की लाशों को उनके बुतों के सामने डालकर तुम्हारी हड्डियों को तुम्हारी क़ुरबानगाहों के इर्दगिर्द बिखेर दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 6:6 | जहाँ भी तुम आबाद हो वहाँ तुम्हारे शहर खंडरात बन जाएंगे और ऊँची जगहों के मंदिर मिसमार हो जाएंगे। क्योंकि लाज़िम है कि जिन क़ुरबानगाहों पर तुम अपने जानवर और बख़ूर जलाते हो वह ख़ाक में मिलाई जाएँ, कि तुम्हारे बुतों को पाश पाश किया जाए, कि तुम्हारी बुतपरस्ती की चीज़ें नेस्तो-नाबूद हो जाएँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 6:8 | लेकिन मैं चंद एक को ज़िंदा छोड़ूँगा। क्योंकि जब तुम्हें दीगर ममालिक और अक़वाम में मुंतशिर किया जाएगा तो कुछ तलवार से बचे रहेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 6:9 | जब यह लोग क़ैदी बनकर मुख़्तलिफ़ ममालिक में लाए जाएंगे तो उन्हें मेरा ख़याल आएगा। उन्हें याद आएगा कि मुझे कितना ग़म खाना पड़ा जब उनके ज़िनाकार दिल मुझसे दूर हुए और उनकी आँखें अपने बुतों से ज़िना करती रहीं। तब वह यह सोचकर कि हमने कितना बुरा काम किया और कितनी मकरूह हरकतें की हैं अपने आपसे घिन खाएँगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 6:10 | उस वक़्त वह जान लेंगे कि मैं रब हूँ, कि उन पर यह आफ़त लाने का एलान करते वक़्त मैं ख़ाली बातें नहीं कर रहा था’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 6:11 | फिर रब क़ादिरे-मुतलक़ ने मुझसे फ़रमाया, “तालियाँ बजाकर पाँव ज़ोर से ज़मीन पर मार! साथ साथ यह कह, इसराईली क़ौम की घिनौनी हरकतों पर अफ़सोस! वह तलवार, काल और मोहलक बीमारियों की ज़द में आकर हलाक हो जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 6:12 | जो दूर है वह मोहलक वबा से मर जाएगा, जो क़रीब है वह तलवार से क़त्ल हो जाएगा, और जो बच जाए वह भूके मरेगा। यों मैं अपना ग़ज़ब उन पर नाज़िल करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 6:13 | वह जान लेंगे कि मैं रब हूँ जब उनके मक़तूल उनके बुतों के दरमियान, उनकी क़ुरबानगाहों के इर्दगिर्द, हर पहाड़ और पहाड़ की चोटी पर और हर हरे दरख़्त और बलूत के घने दरख़्त के साय में नज़र आएँगे। जहाँ भी वह अपने बुतों को ख़ुश करने के लिए कोशाँ रहे वहाँ उनकी लाशें पाई जाएँगी। | |
Chapter 7
| Ezek | UrduGeoD | 7:2 | “ऐ आदमज़ाद, रब क़ादिरे-मुतलक़ मुल्के-इसराईल से फ़रमाता है कि तेरा अंजाम क़रीब ही है! जहाँ भी देखो, पूरा मुल्क तबाह हो जाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:3 | अब तेरा सत्यानास होनेवाला है, मैं ख़ुद अपना ग़ज़ब तुझ पर नाज़िल करूँगा। मैं तेरे चाल-चलन को परख परखकर तेरी अदालत करूँगा, तेरी मकरूह हरकतों का पूरा अज्र दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:4 | न मैं तुझ पर तरस खाऊँगा, न रहम करूँगा बल्कि तुझे तेरे चाल-चलन का मुनासिब अज्र दूँगा। क्योंकि तेरी मकरूह हरकतों का बीज तेरे दरमियान ही उगकर फल लाएगा। तब तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:7 | ऐ मुल्क के बाशिंदे, तेरी फ़ना पहुँच रही है। अब वह वक़्त क़रीब ही है, वह दिन जब तेरे पहाड़ों पर ख़ुशी के नारों के बजाए अफ़रा-तफ़री का शोर मचेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:8 | अब मैं जल्द ही अपना ग़ज़ब तुझ पर नाज़िल करूँगा, जल्द ही अपना ग़ुस्सा तुझ पर उतारूँगा। मैं तेरे चाल-चलन को परख परखकर तेरी अदालत करूँगा, तेरी घिनौनी हरकतों का पूरा अज्र दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:9 | न मैं तुझ पर तरस खाऊँगा, न रहम करूँगा बल्कि तुझे तेरे चाल-चलन का मुनासिब अज्र दूँगा। क्योंकि तेरी मकरूह हरकतों का बीज तेरे दरमियान ही उगकर फल लाएगा। तब तुम जान लोगे कि मैं यानी रब ही ज़रब लगा रहा हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:10 | देखो, मज़कूरा दिन क़रीब ही है! तेरी हलाकत पहुँच रही है। नाइनसाफ़ी के फूल और शोख़ी की कोंपलें फूट निकली हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:11 | लोगों का ज़ुल्म बढ़ बढ़कर लाठी बन गया है जो उन्हें उनकी बेदीनी की सज़ा देगी। कुछ नहीं रहेगा, न वह ख़ुद, न उनकी दौलत, न उनका शोर-शराबा, और न उनकी शानो-शौकत। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:12 | अदालत का दिन क़रीब ही है। उस वक़्त जो कुछ ख़रीदे वह ख़ुश न हो, और जो कुछ फ़रोख़्त करे वह ग़म न खाए। क्योंकि अब इन चीज़ों का कोई फ़ायदा नहीं, इलाही ग़ज़ब सब पर नाज़िल हो रहा है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:13 | बेचनेवाले बच भी जाएँ तो वह अपना कारोबार नहीं कर सकेंगे। क्योंकि सब पर इलाही ग़ज़ब का फ़ैसला अटल है और मनसूख़ नहीं हो सकता। लोगों के गुनाहों के बाइस एक जान भी नहीं छूटेगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:14 | बेशक लोग बिगुल बजाकर जंग की तैयारियाँ करें, लेकिन क्या फ़ायदा? लड़ने के लिए कोई नहीं निकलेगा, क्योंकि सबके सब मेरे क़हर का निशाना बन जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:15 | बाहर तलवार, अंदर मोहलक वबा और भूक। क्योंकि देहात में लोग तलवार की ज़द में आ जाएंगे, शहर में काल और मोहलक वबा से हलाक हो जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:16 | जितने भी बचेंगे वह पहाड़ों में पनाह लेंगे, घाटियों में फ़ाख़्ताओं की तरह ग़ूँ ग़ूँ करके अपने गुनाहों पर आहो-ज़ारी करेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:18 | वह टाट के मातमी कपड़े ओढ़ लेंगे, उन पर कपकपी तारी हो जाएगी। हर चेहरे पर शरमिंदगी नज़र आएगी, हर सर मुँडवाया गया होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:19 | अपनी चाँदी को वह गलियों में फेंक देंगे, अपने सोने को ग़िलाज़त समझेंगे। क्योंकि जब रब का ग़ज़ब उन पर नाज़िल होगा तो न उनकी चाँदी उन्हें बचा सकेगी, न सोना। उनसे न वह अपनी भूक मिटा सकेंगे, न अपने पेट को भर सकेंगे, क्योंकि यही चीज़ें उनके लिए गुनाह का बाइस बन गई थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:20 | उन्होंने अपने ख़ूबसूरत ज़ेवरात पर फ़ख़र करके उनसे अपने घिनौने बुत और मकरूह मुजस्समे बनाए, इसलिए मैं होने दूँगा कि वह अपनी दौलत से घिन खाएँगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:21 | मैं यह सब कुछ परदेसियों के हवाले कर दूँगा, और वह उसे लूट लेंगे। दुनिया के बेदीन उसे छीनकर उस की बेहुरमती करेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:22 | मैं अपना मुँह इसराईलियों से फेर लूँगा तो अजनबी मेरे क़ीमती मक़ाम की बेहुरमती करेंगे। डाकू उसमें घुसकर उसे नापाक करेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:23 | ज़ंजीरें तैयार कर! क्योंकि मुल्क में क़त्लो-ग़ारत आम हो गई है, शहर ज़ुल्मो-तशद्दुद से भर गया है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:24 | मैं दीगर अक़वाम के सबसे शरीर लोगों को बुलाऊँगा ताकि इसराईलियों के घरों पर क़ब्ज़ा करें, मैं ज़ोरावरों का तकब्बुर ख़ाक में मिला दूँगा। जो भी मक़ाम उन्हें मुक़द्दस हो उस की बेहुरमती की जाएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:25 | जब दहशत उन पर तारी होगी तो वह अमनो-अमान तलाश करेंगे, लेकिन बेफ़ायदा। अमनो-अमान कहीं भी पाया नहीं जाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 7:26 | आफ़त पर आफ़त ही उन पर आएगी, यके बाद दीगरे बुरी ख़बरें उन तक पहुँचेंगी। वह नबी से रोया मिलने की उम्मीद करेंगे, लेकिन बेफ़ायदा। न इमाम उन्हें शरीअत की तालीम, न बुज़ुर्ग उन्हें मशवरा दे सकेंगे। | |
Chapter 8
| Ezek | UrduGeoD | 8:1 | जिलावतनी के छटे साल के छटे महीने के पाँचवें दिन मैं अपने घर में बैठा था। यहूदाह के बुज़ुर्ग पास ही बैठे थे। तब रब क़ादिरे-मुतलक़ का हाथ मुझ पर आ ठहरा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:2 | रोया में मैंने किसी को देखा जिसकी शक्लो-सूरत इनसान की मानिंद थी। लेकिन कमर से लेकर पाँव तक वह आग की मानिंद भड़क रहा था जबकि कमर से लेकर सर तक चमकदार धात की तरह तमतमा रहा था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:3 | उसने कुछ आगे बढ़ा दिया जो हाथ-सा लग रहा था और मेरे बालों को पकड़ लिया। फिर रूह ने मुझे उठाया और ज़मीन और आसमान के दरमियान चलते चलते यरूशलम तक पहुँचाया। अभी तक मैं अल्लाह की रोया देख रहा था। मैं रब के घर के अंदरूनी सहन के उस दरवाज़े के पास पहुँच गया जिसका रुख़ शिमाल की तरफ़ है। दरवाज़े के क़रीब एक बुत पड़ा था जो रब को मुश्तइल करके ग़ैरत दिलाता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:4 | वहाँ इसराईल के ख़ुदा का जलाल मुझ पर उसी तरह ज़ाहिर हुआ जिस तरह पहले मैदान की रोया में मुझ पर ज़ाहिर हुआ था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:5 | वह मुझसे हमकलाम हुआ, “ऐ आदमज़ाद, शिमाल की तरफ़ नज़र उठा।” मैंने अपनी नज़र शिमाल की तरफ़ उठाई तो दरवाज़े के बाहर क़ुरबानगाह देखी। साथ साथ दरवाज़े के क़रीब ही वह बुत खड़ा था जो रब को ग़ैरत दिलाता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:6 | फिर रब बोला, “ऐ आदमज़ाद, क्या तुझे वह कुछ नज़र आता है जो इसराईली क़ौम यहाँ करती है? यह लोग यहाँ बड़ी मकरूह हरकतें कर रहे हैं ताकि मैं अपने मक़दिस से दूर हो जाऊँ। लेकिन तू इनसे भी ज़्यादा मकरूह चीज़ें देखेगा।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:7 | वह मुझे रब के घर के बैरूनी सहन के दरवाज़े के पास ले गया तो मैंने दीवार में सूराख़ देखा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:8 | अल्लाह ने फ़रमाया, “आदमज़ाद, इस सूराख़ को बड़ा बना।” मैंने ऐसा किया तो दीवार के पीछे दरवाज़ा नज़र आया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:10 | मैं दरवाज़े में दाख़िल हुआ तो क्या देखता हूँ कि दीवारों पर चारों तरफ़ बुतपरस्ती की तस्वीरें कंदा हुई हैं। हर क़िस्म के रेंगनेवाले और दीगर मकरूह जानवर बल्कि इसराईली क़ौम के तमाम बुत उन पर नज़र आए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:11 | इसराईली क़ौम के 70 बुज़ुर्ग बख़ूरदान पकड़े उनके सामने खड़े थे। बख़ूरदानों में से बख़ूर का ख़ुशबूदार धुआँ उठ रहा था। याज़नियाह बिन साफ़न भी बुज़ुर्गों में शामिल था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:12 | रब मुझसे हमकलाम हुआ, “ऐ आदमज़ाद, क्या तूने देखा कि इसराईली क़ौम के बुज़ुर्ग अंधेरे में क्या कुछ कर रहे हैं? हर एक ने अपने घर में अपने बुतों के लिए कमरा मख़सूस कर रखा है। क्योंकि वह समझते हैं, ‘हम रब को नज़र नहीं आते, उसने हमारे मुल्क को तर्क कर दिया है।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:14 | वह मुझे रब के घर के अंदरूनी सहन के शिमाली दरवाज़े के पास ले गया। वहाँ औरतें बैठी थीं जो रो रोकर तम्मूज़ देवता का मातम कर रही थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:15 | रब ने सवाल किया, “आदमज़ाद, क्या तुझे यह नज़र आता है? लेकिन आ, मैं तुझे इससे भी ज़्यादा क़ाबिले-घिन हरकतें दिखाता हूँ।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:16 | वह मुझे रब के घर के अंदरूनी सहन में ले गया। रब के घर के दरवाज़े पर यानी सामनेवाले बरामदे और क़ुरबानगाह के दरमियान ही 25 आदमी खड़े थे। उनका रुख़ रब के घर की तरफ़ नहीं बल्कि मशरिक़ की तरफ़ था, और वह सूरज को सिजदा कर रहे थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 8:17 | रब ने फ़रमाया, “ऐ आदमज़ाद, क्या तुझे यह नज़र आता है? और यह मकरूह हरकतें भी यहूदाह के बाशिंदों के लिए काफ़ी नहीं हैं बल्कि वह पूरे मुल्क को ज़ुल्मो-तशद्दुद से भरकर मुझे मुश्तइल करने के लिए कोशाँ रहते हैं। देख, अब वह अपनी नाकों के सामने अंगूर की बेल लहराकर बुतपरस्ती की एक और रस्म अदा कर रहे हैं! | |
Chapter 9
| Ezek | UrduGeoD | 9:1 | फिर मैंने अल्लाह की बुलंद आवाज़ सुनी, “यरूशलम की अदालत क़रीब आ गई है! आओ, हर एक अपना तबाहकुन हथियार पकड़कर खड़ा हो जाए!” | |
| Ezek | UrduGeoD | 9:2 | तब छः आदमी रब के घर के शिमाली दरवाज़े में दाख़िल हुए। हर एक अपना तबाहकुन हथियार थामे चल रहा था। उनके साथ एक और आदमी था जिसका लिबास कतान का था। उसके पटके से कातिब का सामान लटका हुआ था। यह आदमी क़रीब आकर पीतल की क़ुरबानगाह के पास खड़े हो गए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 9:3 | इसराईल के ख़ुदा का जलाल अब तक करूबी फ़रिश्तों के ऊपर ठहरा हुआ था। अब वह वहाँ से उड़कर रब के घर की दहलीज़ के पास रुक गया। फिर रब कतान से मुलब्बस उस मर्द से हमकलाम हुआ जिसके पटके से कातिब का सामान लटका हुआ था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 9:4 | उसने फ़रमाया, “जा, यरूशलम शहर में से गुज़रकर हर एक के माथे पर निशान लगा दे जो बाशिंदों की तमाम मकरूह हरकतों को देखकर आहो-ज़ारी करता है।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 9:5 | मेरे सुनते सुनते रब ने दीगर आदमियों से कहा, “पहले आदमी के पीछे पीछे चलकर लोगों को मार डालो! न किसी पर तरस खाओ, न रहम करो | |
| Ezek | UrduGeoD | 9:6 | बल्कि बुज़ुर्गों को कुँवारे-कुँवारियों और बाल-बच्चों समेत मौत के घाट उतारो। सिर्फ़ उन्हें छोड़ना जिनके माथे पर निशान है। मेरे मक़दिस से शुरू करो!” चुनाँचे आदमियों ने उन बुज़ुर्गों से शुरू किया जो रब के घर के सामने खड़े थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 9:7 | फिर रब उनसे दुबारा हमकलाम हुआ, “रब के घर के सहनों को मक़तूलों से भरकर उस की बेहुरमती करो, फिर वहाँ से निकल जाओ!” वह निकल गए और शहर में से गुज़रकर लोगों को मार डालने लगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 9:8 | रब के घर के सहन में सिर्फ़ मुझे ही ज़िंदा छोड़ा गया था। मैं औंधे मुँह गिरकर चीख़ उठा, “ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, क्या तू यरूशलम पर अपना ग़ज़ब नाज़िल करके इसराईल के तमाम बचे हुओं को मौत के घाट उतारेगा?” | |
| Ezek | UrduGeoD | 9:9 | रब ने जवाब दिया, “इसराईल और यहूदाह के लोगों का क़ुसूर निहायत ही संगीन है। मुल्क में क़त्लो-ग़ारत आम है, और शहर नाइनसाफ़ी से भर गया है। क्योंकि लोग कहते हैं, ‘रब ने मुल्क को तर्क किया है, हम उसे नज़र ही नहीं आते।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 9:10 | इसलिए न मैं उन पर तरस खाऊँगा, न रहम करूँगा बल्कि उनकी हरकतों की मुनासिब सज़ा उनके सरों पर लाऊँगा।” | |
Chapter 10
| Ezek | UrduGeoD | 10:1 | मैंने उस गुंबद पर नज़र डाली जो करूबी फ़रिश्तों के सरों के ऊपर फैली हुई थी। उस पर संगे-लाजवर्द का तख़्त-सा नज़र आया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:2 | रब ने कतान से मुलब्बस मर्द से फ़रमाया, “करूबी फ़रिश्तों के नीचे लगे पहियों के बीच में जा। वहाँ से दो मुट्ठी-भर कोयले लेकर शहर पर बिखेर दे।” आदमी मेरे देखते देखते फ़रिश्तों के बीच में चला गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:3 | उस वक़्त करूबी फ़रिश्ते रब के घर के जुनूब में खड़े थे, और अंदरूनी सहन बादल से भरा हुआ था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:4 | फिर रब का जलाल जो करूबी फ़रिश्तों के ऊपर ठहरा हुआ था वहाँ से उठकर रब के घर की दहलीज़ पर रुक गया। पूरा मकान बादल से भर गया बल्कि सहन भी रब के जलाल की आबो-ताब से भर गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:5 | करूबी फ़रिश्ते अपने परों को इतने ज़ोर से फड़फड़ा रहे थे कि उसका शोर बैरूनी सहन तक सुनाई दे रहा था। यों लग रहा था कि क़ादिरे-मुतलक़ ख़ुदा बोल रहा है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:6 | जब रब ने कतान से मुलब्बस आदमी को हुक्म दिया कि करूबी फ़रिश्तों के पहियों के बीच में से जलते हुए कोयले ले तो वह उनके दरमियान चलकर एक पहिये के पास खड़ा हुआ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:7 | फिर करूबी फ़रिश्तों में से एक ने अपना हाथ बढ़ाकर बीच में जलनेवाले कोयलों में से कुछ ले लिया और आदमी के हाथों में डाल दिया। कतान से मुलब्बस यह आदमी कोयले लेकर चला गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:8 | मैंने देखा कि करूबी फ़रिश्तों के परों के नीचे कुछ है जो इनसानी हाथ जैसा लग रहा है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:11 | इसलिए यह मुड़े बग़ैर हर रुख़ इख़्तियार कर सकते थे। जिस तरफ़ एक चल पड़ता उस तरफ़ बाक़ी भी मुड़े बग़ैर चलने लगते। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:12 | फ़रिश्तों के जिस्मों की हर जगह पर आँखें ही आँखें थीं। आँखें न सिर्फ़ सामने नज़र आईं बल्कि उनकी पीठ, हाथों और परों पर भी बल्कि चारों पहियों पर भी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:14 | हर फ़रिश्ते के चार चेहरे थे। पहला चेहरा करूबी का, दूसरा आदमी का, तीसरा शेरबबर का और चौथा उक़ाब का चेहरा था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:15 | फिर करूबी फ़रिश्ते उड़ गए। वही जानदार थे जिन्हें मैं दरियाए-किबार के किनारे देख चुका था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:16 | जब फ़रिश्ते हरकत में आ जाते तो पहिये भी चलने लगते, और जब फ़रिश्ते फड़फड़ाकर उड़ने लगते तो पहिये भी उनके साथ उड़ने लगते। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:17 | फ़रिश्तों के रुकने पर पहिये रुक जाते, और उनके उड़ने पर यह भी उड़ जाते, क्योंकि जानदारों की रूह उनमें थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:18 | फिर रब का जलाल अपने घर की दहलीज़ से हट गया और दुबारा करूबी फ़रिश्तों के ऊपर आकर ठहर गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:19 | मेरे देखते देखते फ़रिश्ते अपने परों को फैलाकर चल पड़े। चलते चलते वह रब के घर के मशरिक़ी दरवाज़े के पास रुक गए। ख़ुदाए-इसराईल का जलाल उनके ऊपर ठहरा रहा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:20 | वही जानदार थे जिन्हें मैंने दरियाए-किबार के किनारे ख़ुदाए-इसराईल के नीचे देखा था। मैंने जान लिया कि यह करूबी फ़रिश्ते हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 10:21 | हर एक के चार चेहरे और चार पर थे, और परों के नीचे कुछ नज़र आया जो इनसानी हाथों की मानिंद था। | |
Chapter 11
| Ezek | UrduGeoD | 11:1 | तब रूह मुझे उठाकर रब के घर के मशरिक़ी दरवाज़े के पास ले गया। वहाँ दरवाज़े पर 25 मर्द खड़े थे। मैंने देखा कि क़ौम के दो बुज़ुर्ग याज़नियाह बिन अज़्ज़ूर और फ़लतियाह बिन बिनायाह भी उनमें शामिल हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:2 | रब ने फ़रमाया, “ऐ आदमज़ाद, यह वही मर्द हैं जो शरीर मनसूबे बाँध रहे और यरूशलम में बुरे मशवरे दे रहे हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:3 | यह कहते हैं, ‘आनेवाले दिनों में घर तामीर करने की ज़रूरत नहीं। हमारा शहर तो देग है जबकि हम उसमें पकनेवाला बेहतरीन गोश्त हैं।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:5 | तब रब का रूह मुझ पर आ ठहरा, और उसने मुझे यह पेश करने को कहा, “रब फ़रमाता है, ‘ऐ इसराईली क़ौम, तुम इस क़िस्म की बातें करते हो। मैं तो उन ख़यालात से ख़ूब वाक़िफ़ हूँ जो तुम्हारे दिलों से उभरते रहते हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:6 | तुमने इस शहर में मुतअद्दिद लोगों को क़त्ल करके उस की गलियों को लाशों से भर दिया है।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:7 | चुनाँचे रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘बेशक शहर देग है, लेकिन तुम उसमें पकनेवाला अच्छा गोश्त नहीं होगे बल्कि वही जिनको तुमने उसके दरमियान क़त्ल किया है। तुम्हें मैं इस शहर से निकाल दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:8 | जिस तलवार से तुम डरते हो, उसी को मैं तुम पर नाज़िल करूँगा।’ यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:10 | तुम तलवार की ज़द में आकर मर जाओगे। इसराईल की हुदूद पर ही मैं तुम्हारी अदालत करूँगा। तब तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:11 | चुनाँचे न यरूशलम शहर तुम्हारे लिए देग होगा, न तुम उसमें बेहतरीन गोश्त होगे बल्कि मैं इसराईल की हुदूद ही पर तुम्हारी अदालत करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:12 | तब तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ, जिसके अहकाम के मुताबिक़ तुमने ज़िंदगी नहीं गुज़ारी। क्योंकि तुमने मेरे उसूलों की पैरवी नहीं की बल्कि अपनी पड़ोसी क़ौमों के उसूलों की’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:13 | मैं अभी इस पेशगोई का एलान कर रहा था कि फ़लतियाह बिन बिनायाह फ़ौत हुआ। यह देखकर मैं मुँह के बल गिर गया और बुलंद आवाज़ से चीख़ उठा, “हाय, हाय! ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, क्या तू इसराईल के बचे-खुचे हिस्से को सरासर मिटाना चाहता है?” | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:15 | “ऐ आदमज़ाद, यरूशलम के बाशिंदे तेरे भाइयों, तेरे रिश्तेदारों और बाबल में जिलावतन हुए तमाम इसराईलियों के बारे में कह रहे हैं, ‘यह लोग रब से कहीं दूर हो गए हैं, अब इसराईल हमारे ही क़ब्ज़े में है।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:16 | जो इस क़िस्म की बातें करते हैं उन्हें जवाब दे, रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि जी हाँ, मैंने उन्हें दूर दूर भगा दिया, और अब वह दीगर क़ौमों के दरमियान ही रहते हैं। मैंने ख़ुद उन्हें मुख़्तलिफ़ ममालिक में मुंतशिर कर दिया, ऐसे इलाक़ों में जहाँ उन्हें मक़दिस में मेरे हुज़ूर आने का मौक़ा थोड़ा ही मिलता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:17 | लेकिन रब क़ादिरे-मुतलक़ यह भी फ़रमाता है, ‘मैं तुम्हें दीगर क़ौमों में से निकाल लूँगा, तुम्हें उन मुल्कों से जमा करूँगा जहाँ मैंने तुम्हें मुंतशिर कर दिया था। तब मैं तुम्हें मुल्के-इसराईल दुबारा अता करूँगा।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:19 | उस वक़्त मैं उन्हें नया दिल बख़्शकर उनमें नई रूह डालूँगा। मैं उनका संगीन दिल निकालकर उन्हें गोश्त-पोस्त का नरम दिल अता करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:20 | तब वह मेरे अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारेंगे और ध्यान से मेरी हिदायात पर अमल करेंगे। वह मेरी क़ौम होंगे, और मैं उनका ख़ुदा हूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:21 | लेकिन जिन लोगों के दिल उनके घिनौने बुतों से लिपटे रहते हैं उनके सर पर मैं उनके ग़लत काम का मुनासिब अज्र लाऊँगा। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:22 | फिर करूबी फ़रिश्तों ने अपने परों को फैलाया, उनके पहिये हरकत में आ गए और ख़ुदाए-इसराईल का जलाल जो उनके ऊपर था | |
| Ezek | UrduGeoD | 11:24 | अल्लाह के रूह की अताकरदा इस रोया में रूह मुझे उठाकर मुल्के-बाबल के जिलावतनों के पास वापस ले गया। फिर रोया ख़त्म हुई, | |
Chapter 12
| Ezek | UrduGeoD | 12:2 | “ऐ आदमज़ाद, तू एक सरकश क़ौम के दरमियान रहता है। गो उनकी आँखें हैं तो भी कुछ नहीं देखते, गो उनके कान हैं तो भी कुछ नहीं सुनते। क्योंकि यह क़ौम हटधर्म है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:3 | ऐ आदमज़ाद, अब अपना सामान यों लपेट ले जिस तरह तुझे जिलावतन किया जा रहा हो। फिर दिन के वक़्त और उनके देखते देखते घर से रवाना होकर किसी और जगह चला जा। शायद उन्हें समझ आए कि उन्हें जिलावतन होना है, हालाँकि यह क़ौम सरकश है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:4 | दिन के वक़्त उनके देखते देखते अपना सामान घर से निकाल ले, यों जैसे तू जिलावतनी के लिए तैयारियाँ कर रहा हो। फिर शाम के वक़्त उनकी मौजूदगी में जिलावतन का-सा किरदार अदा करके रवाना हो जा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:5 | घर से निकलने के लिए दीवार में सूराख़ बना, फिर अपना सारा सामान उसमें से बाहर ले जा। सब इसके गवाह हों। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:6 | उनके देखते देखते अंधेरे में अपना सामान कंधे पर रखकर वहाँ से निकल जा। लेकिन अपना मुँह ढाँप ले ताकि तू मुल्क को देख न सके। लाज़िम है कि तू यह सब कुछ करे, क्योंकि मैंने मुक़र्रर किया है कि तू इसराईली क़ौम को आगाह करने का निशान बन जाए।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:7 | मैंने वैसा ही किया जैसा रब ने मुझे हुक्म दिया था। मैंने अपना सामान यों लपेट लिया जैसे मुझे जिलावतन किया जा रहा हो। दिन के वक़्त मैं उसे घर से बाहर ले गया, शाम को मैंने अपने हाथों से दीवार में सूराख़ बना लिया। लोगों के देखते देखते मैं सामान को अपने कंधे पर उठाकर वहाँ से निकल आया। उतने में अंधेरा हो गया था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:10 | उन्हें जवाब दे, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि इस पैग़ाम का ताल्लुक़ यरूशलम के रईस और शहर में बसनेवाले तमाम इसराईलियों से है।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:11 | उन्हें बता, ‘मैं तुम्हें आगाह करने का निशान हूँ। जो कुछ मैंने किया वह तुम्हारे साथ हो जाएगा। तुम क़ैदी बनकर जिलावतन हो जाओगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:12 | जो रईस तुम्हारे दरमियान है वह अंधेरे में अपना सामान कंधे पर उठाकर चला जाएगा। दीवार में सूराख़ बनाया जाएगा ताकि वह निकल सके। वह अपना मुँह ढाँप लेगा ताकि मुल्क को न देख सके। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:13 | लेकिन मैं अपना जाल उस पर डाल दूँगा, और वह मेरे फंदे में फँस जाएगा। मैं उसे बाबल लाऊँगा जो बाबलियों के मुल्क में है, अगरचे वह उसे अपनी आँखों से नहीं देखेगा। वहीं वह वफ़ात पाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:14 | जितने भी मुलाज़िम और दस्ते उसके इर्दगिर्द होंगे उन सबको मैं हवा में उड़ाकर चारों तरफ़ मुंतशिर कर दूँगा। अपनी तलवार को मियान से खींचकर मैं उनके पीछे पड़ा रहूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:15 | जब मैं उन्हें दीगर अक़वाम और मुख़्तलिफ़ ममालिक में मुंतशिर करूँगा तो वह जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:16 | लेकिन मैं उनमें से चंद एक को बचाकर तलवार, काल और मोहलक वबा की ज़द में नहीं आने दूँगा। क्योंकि लाज़िम है कि जिन अक़वाम में भी वह जा बसें वहाँ वह अपनी मकरूह हरकतें बयान करें। तब यह अक़वाम भी जान लेंगी कि मैं ही रब हूँ’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:18 | “ऐ आदमज़ाद, खाना खाते वक़्त अपनी रोटी को लरज़ते हुए खा और अपने पानी को परेशानी के मारे थरथराते हुए पी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:19 | साथ साथ उम्मत को बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मुल्के-इसराईल के शहर यरूशलम के बाशिंदे परेशानी में अपना खाना खाएँगे और दहशतज़दा हालत में अपना पानी पिएँगे, क्योंकि उनका मुल्क तबाह और हर बरकत से ख़ाली हो जाएगा। और सबब उसके बाशिंदों का ज़ुल्मो-तशद्दुद होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:20 | जिन शहरों में लोग अब तक आबाद हैं वह बरबाद हो जाएंगे, मुल्क वीरानो-सुनसान हो जाएगा। तब तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:22 | “ऐ आदमज़ाद, यह कैसी कहावत है जो मुल्के-इसराईल में आम हो गई है? लोग कहते हैं, ‘ज्यों-ज्यों दिन गुज़रते जाते हैं त्यों-त्यों हर रोया ग़लत साबित होती जाती है।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:23 | जवाब में उन्हें बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं इस कहावत को ख़त्म करूँगा, आइंदा यह इसराईल में इस्तेमाल नहीं होगी।’ उन्हें यह भी बता, ‘वह वक़्त क़रीब ही है जब हर रोया पूरी हो जाएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:24 | क्योंकि आइंदा इसराईली क़ौम में न फ़रेबदेह रोया, न चापलूसी की पेशगोइयाँ पाई जाएँगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:25 | क्योंकि मैं रब हूँ। जो कुछ मैं फ़रमाता हूँ वह वुजूद में आता है। ऐ सरकश क़ौम, देर नहीं होगी बल्कि तुम्हारे ही ऐयाम में मैं बात भी करूँगा और उसे पूरा भी करूँगा।’ यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 12:27 | “ऐ आदमज़ाद, इसराईली क़ौम तेरे बारे में कहती है, ‘जो रोया यह आदमी देखता है वह बड़ी देर के बाद ही पूरी होगी, उस की पेशगोइयाँ दूर के मुस्तक़बिल के बारे में हैं।’ | |
Chapter 13
| Ezek | UrduGeoD | 13:2 | “ऐ आदमज़ाद, इसराईल के नाम-निहाद नबियों के ख़िलाफ़ नबुव्वत कर! जो नबुव्वत करते वक़्त अपने दिलों से उभरनेवाली बातें ही पेश करते हैं, उनसे कह, ‘रब का फ़रमान सुनो! | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:3 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि उन अहमक़ नबियों पर अफ़सोस जिन्हें अपनी ही रूह से तहरीक मिलती है और जो हक़ीक़त में रोया नहीं देखते। | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:5 | न कोई दीवार के रख़नों में खड़ा हुआ, न किसी ने उस की मरम्मत की ताकि इसराईली क़ौम रब के उस दिन क़ायम रह सके जब जंग छिड़ जाएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:6 | उनकी रोयाएँ धोका ही धोका, उनकी पेशगोइयाँ झूट ही झूट हैं। वह कहते हैं, “रब फ़रमाता है” गो रब ने उन्हें नहीं भेजा। ताज्जुब की बात है कि तो भी वह तवक़्क़ो करते हैं कि मैं उनकी पेशगोइयाँ पूरी होने दूँ! | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:7 | हक़ीक़त में तुम्हारी रोयाएँ धोका ही धोका और तुम्हारी पेशगोइयाँ झूट ही झूट हैं। तो भी तुम कहते हो, “रब फ़रमाता है” हालाँकि मैंने कुछ नहीं फ़रमाया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:8 | चुनाँचे रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं तुम्हारी फ़रेबदेह बातों और झूटी रोयाओं की वजह से तुमसे निपट लूँगा। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:9 | मैं अपना हाथ उन नबियों के ख़िलाफ़ बढ़ा दूँगा जो धोके की रोयाएँ देखते और झूटी पेशगोइयाँ सुनाते हैं। न वह मेरी क़ौम की मजलिस में शरीक होंगे, न इसराईली क़ौम की फ़हरिस्तों में दर्ज होंगे। मुल्के-इसराईल में वह कभी दाख़िल नहीं होंगे। तब तुम जान लोगे कि मैं रब क़ादिरे-मुतलक़ हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:10 | वह मेरी क़ौम को ग़लत राह पर लाकर अमनो-अमान का एलान करते हैं अगरचे अमनो-अमान है नहीं। जब क़ौम अपने लिए कच्ची-सी दीवार बना लेती है तो यह नबी उस पर सफेदी फेर देते हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:11 | लेकिन ऐ सफेदी करनेवालो, ख़बरदार! यह दीवार गिर जाएगी। मूसलाधार बारिश बरसेगी, ओले पड़ेंगे और सख़्त आँधी उस पर टूट पड़ेगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:12 | तब दीवार गिर जाएगी, और लोग तंज़न तुमसे पूछेंगे कि अब वह सफेदी कहाँ है जो तुमने दीवार पर फेरी थी? | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:13 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं तैश में आकर दीवार पर ज़बरदस्त आँधी आने दूँगा, ग़ुस्से में उस पर मूसलाधार बारिश और मोहलक ओले बरसा दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:14 | मैं उस दीवार को ढा दूँगा जिस पर तुमने सफेदी फेरी थी, उसे ख़ाक में यों मिला दूँगा कि उस की बुनियाद नज़र आएगी। और जब वह गिर जाएगी तो तुम भी उस की ज़द में आकर तबाह हो जाओगे। तब तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:15 | यों मैं दीवार और उस की सफेदी करनेवालों पर अपना ग़ुस्सा उतारूँगा। तब मैं तुमसे कहूँगा कि दीवार भी ख़त्म है और उस की सफेदी करनेवाले भी, | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:16 | यानी इसराईल के वह नबी जिन्होंने यरूशलम को ऐसी पेशगोइयाँ और रोयाएँ सुनाईं जिनके मुताबिक़ अमनो-अमान का दौर क़रीब ही है, हालाँकि अमनो-अमान का इमकान ही नहीं। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:17 | ऐ आदमज़ाद, अब अपनी क़ौम की उन बेटियों का सामना कर जो नबुव्वत करते वक़्त वही बातें पेश करती हैं जो उनके दिलों से उभर आती हैं। उनके ख़िलाफ़ नबुव्वत करके | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:18 | कह, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि उन औरतों पर अफ़सोस जो तमाम लोगों के लिए कलाई से बाँधनेवाले तावीज़-सी लेती हैं, जो लोगों को फँसाने के लिए छोटों और बड़ों के सरों के लिए परदे बना लेती हैं। ऐ औरतो, क्या तुम वाक़ई समझती हो कि मेरी क़ौम में से बाज़ को फाँस सकती और बाज़ को अपने लिए ज़िंदा छोड़ सकती हो? | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:19 | मेरी क़ौम के दरमियान ही तुमने मेरी बेहुरमती की, और यह सिर्फ़ चंद एक मुट्ठी-भर जौ और रोटी के दो-चार टुकड़ों के लिए। अफ़सोस, मेरी क़ौम झूट सुनना पसंद करती है। इससे फ़ायदा उठाकर तुमने उसे झूट पेश करके उन्हें मार डाला जिन्हें मरना नहीं था और उन्हें ज़िंदा छोड़ा जिन्हें ज़िंदा नहीं रहना था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:20 | इसलिए रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं तुम्हारे तावीज़ों से निपट लूँगा जिनके ज़रीए तुम लोगों को परिंदों की तरह पकड़ लेती हो। मैं जादूगरी की यह चीज़ें तुम्हारे बाज़ुओं से नोचकर फाड़ डालूँगा और उन्हें रिहा करूँगा जिन्हें तुमने परिंदों की तरह पकड़ लिया है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:21 | मैं तुम्हारे परदों को फाड़कर हटा लूँगा और अपनी क़ौम को तुम्हारे हाथों से बचा लूँगा। आइंदा वह तुम्हारा शिकार नहीं रहेगी। तब तुम जान लोगी कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 13:22 | तुमने अपने झूट से रास्तबाज़ों को दुख पहुँचाया, हालाँकि यह दुख मेरी तरफ़ से नहीं था। साथ साथ तुमने बेदीनों की हौसलाअफ़्ज़ाई की कि वह अपनी बुरी राहों से बाज़ न आएँ, हालाँकि वह बाज़ आने से बच जाते। | |
Chapter 14
| Ezek | UrduGeoD | 14:3 | “ऐ आदमज़ाद, इन आदमियों के दिल अपने बुतों से लिपटे रहते हैं। जो चीज़ें उनके लिए ठोकर और गुनाह का बाइस हैं उन्हें उन्होंने अपने मुँह के सामने ही रखा है। तो फिर क्या मुनासिब है कि मैं उन्हें जवाब दूँ जब वह मुझसे दरियाफ़्त करने आते हैं? | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:4 | उन्हें बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, यह लोग अपने बुतों से लिपटे रहते और वह चीज़ें अपने मुँह के सामने रखते हैं जो ठोकर और गुनाह का बाइस हैं। साथ साथ यह नबी के पास भी जाते हैं ताकि मुझसे मालूमात हासिल करें। जो भी इसराईली ऐसा करे उसे मैं ख़ुद जो रब हूँ जवाब दूँगा, ऐसा जवाब जो उसके मुतअद्दिद बुतों के ऐन मुताबिक़ होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:5 | मैं उनसे ऐसा सुलूक करूँगा ताकि इसराईली क़ौम के दिल को मज़बूती से पकड़ लूँ। क्योंकि अपने बुतों की ख़ातिर सबके सब मुझसे दूर हो गए हैं।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:6 | चुनाँचे इसराईली क़ौम को बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि तौबा करो! अपने बुतों और तमाम मकरूह रस्मो-रिवाज से मुँह मोड़कर मेरे पास वापस आ जाओ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:7 | उसके अंजाम पर ध्यान दो जो ऐसा नहीं करेगा, ख़ाह वह इसराईली या इसराईल में रहनेवाला परदेसी हो। अगर वह मुझसे दूर होकर अपने बुतों से लिपट जाए और वह चीज़ें अपने सामने रखे जो ठोकर और गुनाह का बाइस हैं तो जब वह नबी की मारिफ़त मुझसे मालूमात हासिल करने की कोशिश करेगा तो मैं, रब उसे मुनासिब जवाब दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:8 | मैं ऐसे शख़्स का सामना करके उससे यों निपट लूँगा कि वह दूसरों के लिए इबरतअंगेज़ मिसाल बन जाएगा। मैं उसे यों मिटा दूँगा कि मेरी क़ौम में उसका नामो-निशान तक नहीं रहेगा। तब तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:9 | अगर किसी नबी को कुछ सुनाने पर उकसाया गया जो मेरी तरफ़ से नहीं था तो यह इसलिए हुआ कि मैं, रब ने ख़ुद उसे उकसाया। ऐसे नबी के ख़िलाफ़ मैं अपना हाथ उठाकर उसे यों तबाह करूँगा कि मेरी क़ौम में उसका नामो-निशान तक नहीं रहेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:10 | दोनों को उनके क़ुसूर की मुनासिब सज़ा मिलेगी, नबी को भी और उसे भी जो हिदायत पाने के लिए उसके पास आता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:11 | तब इसराईली क़ौम न मुझसे दूर होकर आवारा फिरेगी, न अपने आपको इन तमाम गुनाहों से आलूदा करेगी। वह मेरी क़ौम होंगे, और मैं उनका ख़ुदा हूँगा। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:13 | “ऐ आदमज़ाद, फ़र्ज़ कर कि कोई मुल्क बेवफ़ा होकर मेरा गुनाह करे, और मैं काल के ज़रीए उसे सज़ा देकर उसमें से इनसानो-हैवान मिटा डालूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:14 | ख़ाह मुल्क में नूह, दानियाल और अय्यूब क्यों न बसते तो भी मुल्क न बचता। यह आदमी अपनी रास्तबाज़ी से सिर्फ़ अपनी ही जानों को बचा सकते। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:15 | या फ़र्ज़ कर कि मैं मज़कूरा मुल्क में वहशी दरिंदों को भेज दूँ जो इधर उधर फिरकर सबको फाड़ खाएँ। मुल्क वीरानो-सुनसान हो जाए और जंगली दरिंदों की वजह से कोई उसमें से गुज़रने की जुर्रत न करे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:16 | मेरी हयात की क़सम, ख़ाह मज़कूरा तीन रास्तबाज़ आदमी मुल्क में क्यों न बसते तो भी अकेले ही बचते। वह अपने बेटे-बेटियों को भी बचा न सकते बल्कि पूरा मुल्क वीरानो-सुनसान होता। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:17 | या फ़र्ज़ कर कि मैं मज़कूरा मुल्क को जंग से तबाह करूँ, मैं तलवार को हुक्म दूँ कि मुल्क में से गुज़रकर इनसानो-हैवान को नेस्तो-नाबूद कर दे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:18 | मेरी हयात की क़सम, ख़ाह मज़कूरा तीन रास्तबाज़ आदमी मुल्क में क्यों न बसते वह अकेले ही बचते। वह अपने बेटे-बेटियों को भी बचा न सकते। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:19 | या फ़र्ज़ कर कि मैं अपना ग़ुस्सा मुल्क पर उतारकर उसमें मोहलक वबा यों फैला दूँ कि इनसानो-हैवान सबके सब मर जाएँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:20 | मेरी हयात की क़सम, ख़ाह नूह, दानियाल और अय्यूब मुल्क में क्यों न बसते तो भी वह अपने बेटे-बेटियों को बचा न सकते। वह अपनी रास्तबाज़ी से सिर्फ़ अपनी ही जानों को बचाते। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:21 | अब यरूशलम के बारे में रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान सुनो! यरूशलम का कितना बुरा हाल होगा जब मैं अपनी चार सख़्त सज़ाएँ उस पर नाज़िल करूँगा। क्योंकि इनसानो-हैवान जंग, काल, वहशी दरिंदों और मोहलक वबा की ज़द में आकर हलाक हो जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 14:22 | तो भी चंद एक बचेंगे, कुछ बेटे-बेटियाँ जिलावतन होकर बाबल में तुम्हारे पास आएँगे। जब तुम उनका बुरा चाल-चलन और हरकतें देखोगे तो तुम्हें तसल्ली मिलेगी कि हर आफ़त मुनासिब थी जो मैं यरूशलम पर लाया। | |
Chapter 15
| Ezek | UrduGeoD | 15:2 | “ऐ आदमज़ाद, अंगूर की बेल की लकड़ी किस लिहाज़ से जंगल की दीगर लकड़ियों से बेहतर है? | |
| Ezek | UrduGeoD | 15:3 | क्या यह किसी काम आ जाती है? क्या यह कम अज़ कम खूँटियाँ बनाने के लिए इस्तेमाल हो सकती है जिनसे चीज़ें लटकाई जा सकें? हरगिज़ नहीं! | |
| Ezek | UrduGeoD | 15:4 | उसे ईंधन के तौर पर आग में फेंका जाता है। इसके बाद जब उसके दोनों सिरे भस्म हुए हैं और बीच में भी आग लग गई है तो क्या वह किसी काम आ जाती है? | |
| Ezek | UrduGeoD | 15:5 | आग लगने से पहले भी बेकार थी, तो अब वह किस काम आएगी जब उसके दोनों सिरे भस्म हुए हैं बल्कि बीच में भी आग लग गई है? | |
| Ezek | UrduGeoD | 15:6 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि यरूशलम के बाशिंदे अंगूर की बेल की लकड़ी जैसे हैं जिन्हें मैं जंगल के दरख़्तों के दरमियान से निकालकर आग में फेंक देता हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 15:7 | क्योंकि मैं उनके ख़िलाफ़ उठ खड़ा हूँगा। गो वह आग से बच निकले हैं तो भी आख़िरकार आग ही उन्हें भस्म करेगी। जब मैं उनके ख़िलाफ़ उठ खड़ा हूँगा तो तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ। | |
Chapter 16
| Ezek | UrduGeoD | 16:3 | एलान कर कि रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘ऐ यरूशलम बेटी, तेरी नसल मुल्के-कनान की है, और वहीं तू पैदा हुई। तेरा बाप अमोरी, तेरी माँ हित्ती थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:4 | पैदा होते वक़्त नाफ़ के साथ लगी नाल को काटकर दूर नहीं किया गया। न तुझे पानी से नहलाया गया, न तेरे जिस्म पर नमक मला गया, और न तुझे कपड़ों में लपेटा गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:5 | न किसी को इतना तरस आया, न किसी ने तुझ पर इतना रहम किया कि इन कामों में से एक भी करता। इसके बजाए तुझे खुले मैदान में फेंककर छोड़ दिया गया। क्योंकि जब तू पैदा हुई तो सब तुझे हक़ीर जानते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:6 | तब मैं वहाँ से गुज़रा। उस वक़्त तू अपने ख़ून में तड़प रही थी। तुझे इस हालत में देखकर मैं बोला, “जीती रह!” हाँ, तू अपने ख़ून में तड़प रही थी जब मैं बोला, “जीती रह! | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:7 | खेत में हरियाली की तरह फलती-फूलती जा!” तब तू फलती-फूलती हुई परवान चढ़ी। तू निहायत ख़ूबसूरत बन गई। छातियाँ और बाल देखने में प्यारे लगे। लेकिन अभी तक तू नंगी और बरहना थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:8 | मैं दुबारा तेरे पास से गुज़रा तो देखा कि तू शादी के क़ाबिल हो गई है। मैंने अपने लिबास का दामन तुझ पर बिछाकर तेरी बरहनगी को ढाँप दिया। मैंने क़सम खाकर तेरे साथ अहद बाँधा और यों तेरा मालिक बन गया। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:10 | मैंने तुझे शानदार लिबास और चमड़े के नफ़ीस जूते पहनाए, तुझे बारीक कतान और क़ीमती कपड़े से मुलब्बस किया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:13 | यों तू सोने-चाँदी से आरास्ता और बारीक कतान, रेशम और शानदार कपड़े से मुलब्बस हुई। तेरी ख़ुराक बेहतरीन मैदे, शहद और ज़ैतून के तेल पर मुश्तमिल थी। तू निहायत ही ख़ूबसूरत हुई, और होते होते मलिका बन गई।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:14 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘तेरे हुस्न की शोहरत दीगर अक़वाम में फैल गई, क्योंकि मैंने तुझे अपनी शानो-शौकत में यों शरीक किया था कि तेरा हुस्न कामिल था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:15 | लेकिन तूने क्या किया? तूने अपने हुस्न पर भरोसा रखा। अपनी शोहरत से फ़ायदा उठाकर तू ज़िनाकार बन गई। हर गुज़रनेवाले को तूने अपने आपको पेश किया, हर एक को तेरा हुस्न हासिल हुआ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:16 | तूने अपने कुछ शानदार कपड़े लेकर अपने लिए रंगदार बिस्तर बनाया और उसे ऊँची जगहों पर बिछाकर ज़िना करने लगी। ऐसा न माज़ी में कभी हुआ, न आइंदा कभी होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:17 | तूने वही नफ़ीस ज़ेवरात लिए जो मैंने तुझे दिए थे और मेरी ही सोने-चाँदी से अपने लिए मर्दों के बुत ढालकर उनसे ज़िना करने लगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:19 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘जो ख़ुराक यानी बेहतरीन मैदा, ज़ैतून का तेल और शहद मैंने तुझे दिया था उसे तूने उन्हें पेश किया ताकि उस की ख़ुशबू उन्हें पसंद आए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:20 | जिन बेटे-बेटियों को तूने मेरे हाँ जन्म दिया था उन्हें तूने क़ुरबान करके बुतों को खिलाया। क्या तू अपनी ज़िनाकारी पर इकतिफ़ा न कर सकी? | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:22 | ताज्जुब है कि जब भी तू ऐसी मकरूह हरकतें और ज़िना करती थी तो तुझे एक बार भी जवानी का ख़याल न आया, यानी वह वक़्त जब तू नंगी और बरहना हालत में अपने ख़ून में तड़पती रही।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:23 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘अफ़सोस, तुझ पर अफ़सोस! अपनी बाक़ी तमाम शरारतों के अलावा | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:24 | तूने हर चौक में बुतों के लिए क़ुरबानगाह तामीर करके हर एक के साथ ज़िना करने की जगह भी बनाई। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:25 | हर गली के कोने में तूने ज़िना करने का कमरा बनाया। अपने हुस्न की बेहुरमती करके तू अपनी इसमतफ़रोशी ज़ोरों पर लाई। हर गुज़रनेवाले को तूने अपना बदन पेश किया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:26 | पहले तू अपने शहवतपरस्त पड़ोसी मिसर के साथ ज़िना करने लगी। जब तूने अपनी इसमतफ़रोशी को ज़ोरों पर लाकर मुझे मुश्तइल किया | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:27 | तो मैंने अपना हाथ तेरे ख़िलाफ़ बढ़ाकर तेरे इलाक़े को छोटा कर दिया। मैंने तुझे फ़िलिस्ती बेटियों के लालच के हवाले कर दिया, उनके हवाले जो तुझसे नफ़रत करती हैं और जिनको तेरे ज़िनाकाराना चाल-चलन पर शर्म आती है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:28 | अब तक तेरी शहवत को तसकीन नहीं मिली थी, इसलिए तू असूरियों से ज़िना करने लगी। लेकिन यह भी तेरे लिए काफ़ी न था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:29 | अपनी ज़िनाकारी में इज़ाफ़ा करके तू सौदागरों के मुल्क बाबल के पीछे पड़ गई। लेकिन यह भी तेरी शहवत के लिए काफ़ी नहीं था।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:30 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘ऐसी हरकतें करके तू कितनी सरगरम हुई! साफ़ ज़ाहिर हुआ कि तू ज़बरदस्त कसबी है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:31 | जब तूने हर चौक में बुतों की क़ुरबानगाह बनाई और हर गली के कोने में ज़िना करने का कमरा तामीर किया तो तू आम कसबी से मुख़्तलिफ़ थी। क्योंकि तूने अपने गाहकों से पैसे लेने से इनकार किया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:33 | हर कसबी को फ़ीस मिलती है, लेकिन तू तो अपने तमाम आशिक़ों को तोह्फ़े देती है ताकि वह हर जगह से आकर तेरे साथ ज़िना करें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:34 | इसमें तू दीगर कसबियों से फ़रक़ है। क्योंकि न गाहक तेरे पीछे भागते, न वह तेरी मुहब्बत का मुआवज़ा देते हैं बल्कि तू ख़ुद उनके पीछे भागती और उन्हें अपने साथ ज़िना करने का मुआवज़ा देती है।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:36 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘तूने अपने आशिक़ों को अपनी बरहनगी दिखाकर अपनी इसमतफ़रोशी की, तूने मकरूह बुत बनाकर उनकी पूजा की, तूने उन्हें अपने बच्चों का ख़ून क़ुरबान किया है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:37 | इसलिए मैं तेरे तमाम आशिक़ों को इकट्ठा करूँगा, उन सबको जिन्हें तू पसंद आई, उन्हें भी जो तुझे प्यारे थे और उन्हें भी जिनसे तूने नफ़रत की। मैं उन्हें चारों तरफ़ से जमा करके तेरे ख़िलाफ़ भेजूँगा। तब मैं उनके सामने ही तेरे तमाम कपड़े उतारूँगा ताकि वह तेरी पूरी बरहनगी देखें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:38 | मैं तेरी अदालत करके तेरी ज़िनाकारी और क़ातिलाना हरकतों का फ़ैसला करूँगा। मेरा ग़ुस्सा और मेरी ग़ैरत तुझे ख़ूनरेज़ी की सज़ा देगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:39 | मैं तुझे तेरे आशिक़ों के हवाले करूँगा, और वह तेरे बुतों की क़ुरबानगाहें उन कमरों समेत ढा देंगे जहाँ तू ज़िनाकारी करती रही है। वह तेरे कपड़े और शानदार ज़ेवरात उतारकर तुझे उरियाँ और बरहना छोड़ देंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:40 | वह तेरे ख़िलाफ़ जुलूस निकालेंगे और तुझे संगसार करके तलवार से टुकड़े टुकड़े कर देंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:41 | तेरे घरों को जलाकर वह मुतअद्दिद औरतों के देखते देखते तुझे सज़ा देंगे। यों मैं तेरी ज़िनाकारी को रोक दूँगा, और आइंदा तू अपने आशिक़ों को ज़िना करने के पैसे नहीं दे सकेगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:42 | तब मेरा ग़ुस्सा ठंडा हो जाएगा, और तू मेरी ग़ैरत का निशाना नहीं रहेगी। मेरी नाराज़ी ख़त्म हो जाएगी, और मुझे दुबारा तसकीन मिलेगी।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:43 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘मैं तेरे सर पर तेरी हरकतों का पूरा नतीजा लाऊँगा, क्योंकि तुझे जवानी में मेरी मदद की याद न रही बल्कि तू मुझे इन तमाम बातों से तैश दिलाती रही। बाक़ी तमाम घिनौनी हरकतें तेरे लिए काफ़ी नहीं थीं बल्कि तू ज़िना भी करने लगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:45 | तू वाक़ई अपनी माँ की मानिंद है, जो अपने शौहर और बच्चों से सख़्त नफ़रत करती थी। तू अपनी बहनों की मानिंद भी है, क्योंकि वह भी अपने शौहरों और बच्चों से सख़्त नफ़रत करती थीं। तेरी माँ हित्ती और तेरा बाप अमोरी था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:46 | तेरी बड़ी बहन सामरिया थी जो अपनी बेटियों के साथ तेरे शिमाल में आबाद थी। और तेरी छोटी बहन सदूम थी जो अपनी बेटियों के साथ तेरे जुनूब में रहती थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:47 | तू न सिर्फ़ उनके ग़लत नमूने पर चल पड़ी और उनकी-सी मकरूह हरकतें करने लगी बल्कि उनसे कहीं ज़्यादा बुरा काम करने लगी।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:48 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘मेरी हयात की क़सम, तेरी बहन सदूम और उस की बेटियों से कभी इतना ग़लत काम सरज़द न हुआ जितना कि तुझसे और तेरी बेटियों से हुआ है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:49 | तेरी बहन सदूम का क्या क़ुसूर था? वह अपनी बेटियों समेत मुतकब्बिर थी। गो उन्हें ख़ुराक की कसरत और आरामो-सुकून हासिल था तो भी वह मुसीबतज़दों और ग़रीबों का सहारा नहीं बनती थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:50 | वह मग़रूर थीं और मेरी मौजूदगी में ही घिनौना काम करती थीं। इसी वजह से मैंने उन्हें हटा दिया। तू ख़ुद इसकी गवाह है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:51 | सामरिया पर भी ग़ौर कर। जितने गुनाह तुझसे सरज़द हुए उनका आधा हिस्सा भी उससे न हुआ। अपनी बहनों की निसबत तूने कहीं ज़्यादा घिनौनी हरकतें की हैं। तेरे मुक़ाबले में तेरी बहनें फ़रिश्ते हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:52 | चुनाँचे अब अपनी ख़जालत को बरदाश्त कर। क्योंकि अपने गुनाहों से तू अपनी बहनों की जगह खड़ी हो गई है। तूने उनसे कहीं ज़्यादा क़ाबिले-घिन काम किए हैं, और अब वह तेरे मुक़ाबले में मासूम बच्चे लगती हैं। शर्म खा खाकर अपनी रुसवाई को बरदाश्त कर, क्योंकि तुझसे ऐसे संगीन गुनाह सरज़द हुए हैं कि तेरी बहनें रास्तबाज़ ही लगती हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:53 | लेकिन एक दिन आएगा जब मैं सदूम, सामरिया, तुझे और तुम सबकी बेटियों को बहाल करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:54 | तब तू अपनी रुसवाई बरदाश्त कर सकेगी और अपने सारे ग़लत काम पर शर्म खाएगी। सदूम और सामरिया यह देखकर तसल्ली पाएँगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:55 | हाँ, तेरी बहनें सदूम और सामरिया अपनी बेटियों समेत दुबारा क़ायम हो जाएँगी। तू भी अपनी बेटियों समेत दुबारा क़ायम हो जाएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:57 | लेकिन फिर तेरी अपनी बुराई पर रौशनी डाली गई, और अब तेरी तमाम पड़ोसनें तेरा ही मज़ाक़ उड़ाती हैं, ख़ाह अदोमी हों, ख़ाह फ़िलिस्ती। सब तुझे हक़ीर जानती हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:58 | चुनाँचे अब तुझे अपनी ज़िनाकारी और मकरूह हरकतों का नतीजा भुगतना पड़ेगा। यह रब का फ़रमान है।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:59 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘मैं तुझे मुनासिब सज़ा दूँगा, क्योंकि तूने मेरा वह अहद तोड़कर उस क़सम को हक़ीर जाना है जो मैंने तेरे साथ अहद बाँधते वक़्त खाई थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:60 | तो भी मैं वह अहद याद करूँगा जो मैंने तेरी जवानी में तेरे साथ बाँधा था। न सिर्फ़ यह बल्कि मैं तेरे साथ अबदी अहद क़ायम करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 16:61 | तब तुझे वह ग़लत काम याद आएगा जो पहले तुझसे सरज़द हुआ था, और तुझे शर्म आएगी जब मैं तेरी बड़ी और छोटी बहनों को लेकर तेरे हवाले करूँगा ताकि वह तेरी बेटियाँ बन जाएँ। लेकिन यह सब कुछ इस वजह से नहीं होगा कि तू अहद के मुताबिक़ चलती रही है। | |
Chapter 17
| Ezek | UrduGeoD | 17:3 | उन्हें बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि एक बड़ा उक़ाब उड़कर मुल्के-लुबनान में आया। उसके बड़े बड़े पर और लंबे लंबे पंख थे, उसके घने और रंगीन बालो-पर चमक रहे थे। लुबनान में उसने एक देवदार के दरख़्त की चोटी पकड़ ली | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:4 | और उस की सबसे ऊँची शाख़ को तोड़कर ताजिरों के मुल्क में ले गया। वहाँ उसने उसे सौदागरों के शहर में लगा दिया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:5 | फिर उक़ाब इसराईल में आया और वहाँ से कुछ बीज लेकर एक बड़े दरिया के किनारे पर ज़रख़ेज़ ज़मीन में बो दिया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:6 | तब अंगूर की बेल फूट निकली जो ज़्यादा ऊँची न हुई बल्कि चारों तरफ़ फैलती गई। शाख़ों का रुख़ उक़ाब की तरफ़ रहा जबकि उस की जड़ें ज़मीन में धँसती गईं। चुनाँचे अच्छी बेल बन गई जो फूटती फूटती नई शाख़ें निकालती गई। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:7 | लेकिन फिर एक और बड़ा उक़ाब आया। उसके भी बड़े बड़े पर और घने घने बालो-पर थे। अब मैं क्या देखता हूँ, बेल दूसरे उक़ाब की तरफ़ रुख़ करने लगती है। उस की जड़ें और शाख़ें उस खेत में न रहीं जिसमें उसे लगाया गया था बल्कि वह दूसरे उक़ाब से पानी मिलने की उम्मीद रखकर उसी की तरफ़ फैलने लगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:8 | ताज्जुब यह था कि उसे अच्छी ज़मीन में लगाया गया था, जहाँ उसे कसरत का पानी हासिल था। वहाँ वह ख़ूब फैलकर फल ला सकती थी, वहाँ वह ज़बरदस्त बेल बन सकती थी।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:9 | अब रब क़ादिरे-मुतलक़ पूछता है, ‘क्या बेल की नशो-नुमा जारी रहेगी? हरगिज़ नहीं! क्या उसे जड़ से उखाड़कर फेंका नहीं जाएगा? ज़रूर! क्या उसका फल छीन नहीं लिया जाएगा? बेशक बल्कि आख़िरकार उस की ताज़ा ताज़ा कोंपलें भी सबकी सब मुरझाकर ख़त्म हो जाएँगी। तब उसे जड़ से उखाड़ने के लिए न ज़्यादा लोगों, न ताक़त की ज़रूरत होगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:10 | गो उसे लगाया गया है तो भी बेल की नशो-नुमा जारी नहीं रहेगी। ज्योंही मशरिक़ी लू उस पर चलेगी वह मुकम्मल तौर पर मुरझा जाएगी। जिस खेत में उसे लगाया गया वहीं वह ख़त्म हो जाएगी’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:12 | “इस सरकश क़ौम से पूछ, ‘क्या तुझे इस तमसील की समझ नहीं आई?’ तब उन्हें इसका मतलब समझा दे। ‘बाबल के बादशाह ने यरूशलम पर हमला किया। वह उसके बादशाह और अफ़सरों को गिरिफ़्तार करके अपने मुल्क में ले गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:13 | उसने यहूदाह के शाही ख़ानदान में से एक को चुन लिया और उसके साथ अहद बाँधकर उसे तख़्त पर बिठा दिया। नए बादशाह ने बाबल से वफ़ादार रहने की क़सम खाई। बाबल के बादशाह ने यहूदाह के राहनुमाओं को भी जिलावतन कर दिया | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:14 | ताकि मुल्के-यहूदाह और उसका नया बादशाह कमज़ोर रहकर सरकश होने के क़ाबिल न बनें बल्कि उसके साथ अहद क़ायम रखकर ख़ुद क़ायम रहें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:15 | तो भी यहूदाह का बादशाह बाग़ी हो गया और अपने क़ासिद मिसर भेजे ताकि वहाँ से घोड़े और फ़ौजी मँगवाएँ। क्या उसे कामयाबी हासिल होगी? क्या जिसने ऐसी हरकतें की हैं बच निकलेगा? हरगिज़ नहीं! क्या जिसने अहद तोड़ लिया है वह बचेगा? हरगिज़ नहीं! | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:16 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मेरी हयात की क़सम, उस शख़्स ने क़सम के तहत शाहे-बाबल से अहद बाँधा है, लेकिन अब उसने यह क़सम हक़ीर जानकर अहद को तोड़ डाला है। इसलिए वह बाबल में वफ़ात पाएगा, उस बादशाह के मुल्क में जिसने उसे तख़्त पर बिठाया था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:17 | जब बाबल की फ़ौज यरूशलम के इर्दगिर्द पुश्ते और बुर्ज बनाकर उसका मुहासरा करेगी ताकि बहुतों को मार डाले तो फ़िरौन अपनी बड़ी फ़ौज और मुतअद्दिद फ़ौजियों को लेकर उस की मदद करने नहीं आएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:18 | क्योंकि यहूदाह के बादशाह ने अहद को तोड़कर वह क़सम हक़ीर जानी है जिसके तहत यह बाँधा गया। गो उसने शाहे-बाबल से हाथ मिलाकर अहद की तसदीक़ की थी तो भी बेवफ़ा हो गया, इसलिए वह नहीं बचेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:19 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मेरी हयात की क़सम, उसने मेरे ही अहद को तोड़ डाला, मेरी ही क़सम को हक़ीर जाना है। इसलिए मैं अहद तोड़ने के तमाम नतायज उसके सर पर लाऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:20 | मैं उस पर अपना जाल डाल दूँगा, उसे अपने फंदे में पकड़ लूँगा। चूँकि वह मुझसे बेवफ़ा हो गया है इसलिए मैं उसे बाबल ले जाकर उस की अदालत करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:21 | उसके बेहतरीन फ़ौजी सब मर जाएंगे, और जितने बच जाएंगे वह चारों तरफ़ मुंतशिर हो जाएंगे। तब तुम जान लोगे कि मैं, रब ने यह सब कुछ फ़रमाया है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:22 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि अब मैं ख़ुद देवदार के दरख़्त की चोटी से नरमो-नाज़ुक कोंपल तोड़कर उसे एक बुलंदो-बाला पहाड़ पर लगा दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 17:23 | और जब मैं उसे इसराईल की बुलंदियों पर लगा दूँगा तो उस की शाख़ें फूट निकलेंगी, और वह फल लाकर शानदार दरख़्त बनेगा। हर क़िस्म के परिंदे उसमें बसेरा करेंगे, सब उस की शाख़ों के साय में पनाह लेंगे। | |
Chapter 18
| Ezek | UrduGeoD | 18:2 | “तुम लोग मुल्के-इसराईल के लिए यह कहावत क्यों इस्तेमाल करते हो, ‘वालिदैन ने खट्टे अंगूर खाए, लेकिन उनके बच्चों ही के दाँत खट्टे हो गए हैं।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:3 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मेरी हयात की क़सम, आइंदा तुम यह कहावत इसराईल में इस्तेमाल नहीं करोगे! | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:4 | हर इनसान की जान मेरी ही है, ख़ाह बाप की हो या बेटे की। जिसने गुनाह किया है सिर्फ़ उसी को सज़ाए-मौत मिलेगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:6 | न ऊँची जगहों की नाजायज़ क़ुरबानियाँ खाता, न इसराईली क़ौम के बुतों की पूजा करता है। न वह अपने पड़ोसी की बीवी की बेहुरमती करता, न माहवारी के दौरान किसी औरत से हमबिसतर होता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:7 | वह किसी पर ज़ुल्म नहीं करता। अगर कोई ज़मानत देकर उससे क़र्ज़ा ले तो पैसे वापस मिलने पर वह ज़मानत वापस कर देता है। वह चोरी नहीं करता बल्कि भूकों को खाना खिलाता और नंगों को कपड़े पहनाता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:8 | वह किसी से भी सूद नहीं लेता। वह ग़लत काम करने से गुरेज़ करता और झगड़नेवालों का मुंसिफ़ाना फ़ैसला करता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:9 | वह मेरे क़वायद के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारता और वफ़ादारी से मेरे अहकाम पर अमल करता है। ऐसा शख़्स रास्तबाज़ है, और वह यक़ीनन ज़िंदा रहेगा। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:11 | जिससे उसका बाप गुरेज़ करता था। वह ऊँची जगहों की नाजायज़ क़ुरबानियाँ खाता, अपने पड़ोसी की बीवी की बेहुरमती करता, | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:12 | ग़रीबों और ज़रूरतमंदों पर ज़ुल्म करता और चोरी करता है। जब क़र्ज़दार क़र्ज़ा अदा करे तो वह उसे ज़मानत वापस नहीं देता। वह बुतों की पूजा बल्कि कई क़िस्म की मकरूह हरकतें करता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:13 | वह सूद भी लेता है। क्या ऐसा आदमी ज़िंदा रहेगा? हरगिज़ नहीं! इन तमाम मकरूह हरकतों की बिना पर उसे सज़ाए-मौत दी जाएगी। वह ख़ुद अपने गुनाहों का ज़िम्मादार ठहरेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:14 | लेकिन फ़र्ज़ करो कि इस बेटे के हाँ बेटा पैदा हो जाए। गो बेटा सब कुछ देखता है जो उसके बाप से सरज़द होता है तो भी वह बाप के ग़लत नमूने पर नहीं चलता। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:15 | न वह ऊँची जगहों की नाजायज़ क़ुरबानियाँ खाता, न इसराईली क़ौम के बुतों की पूजा करता है। वह अपने पड़ोसी की बीवी की बेहुरमती नहीं करता | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:16 | और किसी पर भी ज़ुल्म नहीं करता। अगर कोई ज़मानत देकर उससे क़र्ज़ा ले तो पैसे वापस मिलने पर वह ज़मानत लौटा देता है। वह चोरी नहीं करता बल्कि भूकों को खाना खिलाता और नंगों को कपड़े पहनाता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:17 | वह ग़लत काम करने से गुरेज़ करके सूद नहीं लेता। वह मेरे क़वायद के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारता और मेरे अहकाम पर अमल करता है। ऐसे शख़्स को अपने बाप की सज़ा नहीं भुगतनी पड़ेगी। उसे सज़ाए-मौत नहीं मिलेगी, हालाँकि उसके बाप ने मज़कूरा गुनाह किए हैं। नहीं, वह यक़ीनन ज़िंदा रहेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:18 | लेकिन उसके बाप को ज़रूर उसके गुनाहों की सज़ा मिलेगी, वह यक़ीनन मरेगा। क्योंकि उसने लोगों पर ज़ुल्म किया, अपने भाई से चोरी की और अपनी ही क़ौम के दरमियान बुरा काम किया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:19 | लेकिन तुम लोग एतराज़ करते हो, ‘बेटा बाप के क़ुसूर में क्यों न शरीक हो? उसे भी बाप की सज़ा भुगतनी चाहिए।’ जवाब यह है कि बेटा तो रास्तबाज़ और इनसाफ़ की राह पर चलता रहा है, वह एहतियात से मेरे तमाम अहकाम पर अमल करता रहा है। इसलिए लाज़िम है कि वह ज़िंदा रहे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:20 | जिससे गुनाह सरज़द हुआ है सिर्फ़ उसे ही मरना है। लिहाज़ा न बेटे को बाप की सज़ा भुगतनी पड़ेगी, न बाप को बेटे की। रास्तबाज़ अपनी रास्तबाज़ी का अज्र पाएगा, और बेदीन अपनी बेदीनी का। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:21 | तो भी अगर बेदीन आदमी अपने गुनाहों को तर्क करे और मेरे तमाम क़वायद के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारकर रास्तबाज़ी और इनसाफ़ की राह पर चल पड़े तो वह यक़ीनन ज़िंदा रहेगा, वह मरेगा नहीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:22 | जितने भी ग़लत काम उससे सरज़द हुए हैं उनका हिसाब मैं नहीं लूँगा बल्कि उसके रास्तबाज़ चाल-चलन का लिहाज़ करके उसे ज़िंदा रहने दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:23 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि क्या मैं बेदीन की हलाकत देखकर ख़ुश होता हूँ? हरगिज़ नहीं, बल्कि मैं चाहता हूँ कि वह अपनी बुरी राहों को छोड़कर ज़िंदा रहे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:24 | इसके बरअक्स क्या रास्तबाज़ ज़िंदा रहेगा अगर वह अपनी रास्तबाज़ ज़िंदगी तर्क करे और गुनाह करके वही क़ाबिले-घिन हरकतें करने लगे जो बेदीन करते हैं? हरगिज़ नहीं! जितना भी अच्छा काम उसने किया उसका मैं ख़याल नहीं करूँगा बल्कि उस की बेवफ़ाई और गुनाहों का। उन्हीं की वजह से उसे सज़ाए-मौत दी जाएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:25 | लेकिन तुम लोग दावा करते हो कि जो कुछ रब करता है वह ठीक नहीं। ऐ इसराईली क़ौम, सुनो! यह कैसी बात है कि मेरा अमल ठीक नहीं? अपने ही आमाल पर ग़ौर करो! वही दुरुस्त नहीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:26 | अगर रास्तबाज़ अपनी रास्तबाज़ ज़िंदगी तर्क करके गुनाह करे तो वह इस बिना पर मर जाएगा। अपनी नारास्ती की वजह से ही वह मर जाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:27 | इसके बरअक्स अगर बेदीन अपनी बेदीन ज़िंदगी तर्क करके रास्ती और इनसाफ़ की राह पर चलने लगे तो वह अपनी जान को छुड़ाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:28 | क्योंकि अगर वह अपना क़ुसूर तसलीम करके अपने गुनाहों से मुँह मोड़ ले तो वह मरेगा नहीं बल्कि ज़िंदा रहेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:29 | लेकिन इसराईली क़ौम दावा करती है कि जो कुछ रब करता है वह ठीक नहीं। ऐ इसराईली क़ौम, यह कैसी बात है कि मेरा अमल ठीक नहीं? अपने ही आमाल पर ग़ौर करो! वही दुरुस्त नहीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:30 | इसलिए रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ इसराईल की क़ौम, मैं तेरी अदालत करूँगा, हर एक का उसके कामों के मुवाफ़िक़ फ़ैसला करूँगा। चुनाँचे ख़बरदार! तौबा करके अपनी बेवफ़ा हरकतों से मुँह फेरो, वरना तुम गुनाह में फँसकर गिर जाओगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 18:31 | अपने तमाम ग़लत काम तर्क करके नया दिल और नई रूह अपना लो। ऐ इसराईलियो, तुम क्यों मर जाओ? | |
Chapter 19
| Ezek | UrduGeoD | 19:2 | ‘तेरी माँ कितनी ज़बरदस्त शेरनी थी। जवान शेरबबरों के दरमियान ही अपना घर बनाकर उसने अपने बच्चों को पाल लिया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 19:3 | एक बच्चे को उसने ख़ास तरबियत दी। जब बड़ा हुआ तो जानवरों को फाड़ना सीख लिया, बल्कि इनसान भी उस की ख़ुराक बन गए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 19:4 | इसकी ख़बर दीगर अक़वाम तक पहुँची तो उन्होंने उसे अपने गढ़े में पकड़ लिया। वह उस की नाक में काँटे डालकर उसे मिसर में घसीट ले गए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 19:5 | जब शेरनी के इस बच्चे पर से उम्मीद जाती रही तो उसने दीगर बच्चों में से एक को चुनकर उसे ख़ास तरबियत दी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 19:6 | यह भी ताक़तवर होकर दीगर शेरों में घूमने फिरने लगा। उसने जानवरों को फाड़ना सीख लिया, बल्कि इनसान भी उस की ख़ुराक बन गए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 19:7 | उनके क़िलों को गिराकर उसने उनके शहरों को ख़ाक में मिला दिया। उस की दहाड़ती आवाज़ से मुल्क बाशिंदों समेत ख़ौफ़ज़दा हो गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 19:8 | तब इर्दगिर्द के सूबों में बसनेवाली अक़वाम उससे लड़ने आईं। उन्होंने अपना जाल उस पर डाल दिया, उसे अपने गढ़े में पकड़ लिया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 19:9 | वह उस की गरदन में पट्टा और नाक में काँटे डालकर उसे शाहे-बाबल के पास घसीट ले गए। वहाँ उसे क़ैद में डाला गया ताकि आइंदा इसराईल के पहाड़ों पर उस की गरजती आवाज़ सुनाई न दे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 19:10 | तेरी माँ पानी के किनारे लगाई गई अंगूर की-सी बेल थी। बेल कसरत के पानी के बाइस फलदार और शाख़दार थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 19:11 | उस की शाख़ें इतनी मज़बूत थीं कि उनसे शाही असा बन सकते थे। वह बाक़ी पौदों से कहीं ज़्यादा ऊँची थी बल्कि उस की शाख़ें दूर दूर तक नज़र आती थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 19:12 | लेकिन आख़िरकार लोगों ने तैश में आकर उसे उखाड़कर फेंक दिया। मशरिक़ी लू ने उसका फल मुरझाने दिया। सब कुछ उतारा गया, लिहाज़ा वह सूख गया और उसका मज़बूत तना नज़रे-आतिश हुआ। | |
Chapter 20
| Ezek | UrduGeoD | 20:1 | यहूदाह के बादशाह यहूयाकीन की जिलावतनी के सातवें साल में इसराईली क़ौम के कुछ बुज़ुर्ग मेरे पास आए ताकि रब से कुछ दरियाफ़्त करें। पाँचवें महीने का दसवाँ दिन था। वह मेरे सामने बैठ गए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:3 | “ऐ आदमज़ाद, इसराईल के बुज़ुर्गों को बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि क्या तुम मुझसे दरियाफ़्त करने आए हो? मेरी हयात की क़सम, मैं तुम्हें कोई जवाब नहीं दूँगा! यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:4 | ऐ आदमज़ाद, क्या तू उनकी अदालत करने के लिए तैयार है? फिर उनकी अदालत कर! उन्हें उनके बापदादा की क़ाबिले-घिन हरकतों का एहसास दिला। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:5 | उन्हें बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि इसराईली क़ौम को चुनते वक़्त मैंने अपना हाथ उठाकर उससे क़सम खाई। मुल्के-मिसर में ही मैंने अपने आपको उन पर ज़ाहिर किया और क़सम खाकर कहा कि मैं रब तुम्हारा ख़ुदा हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:6 | यह मेरा अटल वादा है कि मैं तुम्हें मिसर से निकालकर एक मुल्क में पहुँचा दूँगा जिसका जायज़ा मैं तुम्हारी ख़ातिर ले चुका हूँ। यह मुल्क दीगर तमाम ममालिक से कहीं ज़्यादा ख़ूबसूरत है, और इसमें दूध और शहद की कसरत है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:7 | उस वक़्त मैंने इसराईलियों से कहा, “हर एक अपने घिनौने बुतों को फेंक दे! मिसर के देवताओं से लिपटे न रहो, क्योंकि उनसे तुम अपने आपको नापाक कर रहे हो। मैं रब तुम्हारा ख़ुदा हूँ।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:8 | लेकिन वह मुझसे बाग़ी हुए और मेरी सुनने के लिए तैयार न थे। किसी ने भी अपने बुतों को न फेंका बल्कि वह इन घिनौनी चीज़ों से लिपटे रहे और मिसरी देवताओं को तर्क न किया। यह देखकर मैं वहीं मिसर में अपना ग़ज़ब उन पर नाज़िल करना चाहता था। उसी वक़्त मैं अपना ग़ुस्सा उन पर उतारना चाहता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:9 | लेकिन मैं बाज़ रहा, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि जिन अक़वाम के दरमियान इसराईली रहते थे उनके सामने मेरे नाम की बेहुरमती हो जाए। क्योंकि उन क़ौमों की मौजूदगी में ही मैंने अपने आपको इसराईलियों पर ज़ाहिर करके वादा किया था कि मैं तुम्हें मिसर से निकाल लाऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:11 | वहाँ मैंने उन्हें अपनी हिदायात दीं, वह अहकाम जिनकी पैरवी करने से इनसान जीता रहता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:12 | मैंने उन्हें सबत का दिन भी अता किया। मैं चाहता था कि आराम का यह दिन मेरे उनके साथ अहद का निशान हो, कि इससे लोग जान लें कि मैं रब ही उन्हें मुक़द्दस बनाता हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:13 | लेकिन रेगिस्तान में भी इसराईली मुझसे बाग़ी हुए। उन्होंने मेरी हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी न गुज़ारी बल्कि मेरे अहकाम को मुस्तरद कर दिया, हालाँकि इनसान उनकी पैरवी करने से ही जीता रहता है। उन्होंने सबत की भी बड़ी बेहुरमती की। यह देखकर मैं अपना ग़ज़ब उन पर नाज़िल करके उन्हें वहीं रेगिस्तान में हलाक करना चाहता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:14 | ताहम मैं बाज़ रहा, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि उन अक़वाम के सामने मेरे नाम की बेहुरमती हो जाए जिनके देखते देखते मैं इसराईलियों को मिसर से निकाल लाया था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:15 | चुनाँचे मैंने यह करने के बजाए अपना हाथ उठाकर क़सम खाई, “मैं तुम्हें उस मुल्क में नहीं ले जाऊँगा जो मैंने तुम्हारे लिए मुक़र्रर किया था, हालाँकि उसमें दूध और शहद की कसरत है और वह दीगर तमाम ममालिक की निसबत कहीं ज़्यादा ख़ूबसूरत है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:16 | क्योंकि तुमने मेरी हिदायात को रद्द करके मेरे अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी न गुज़ारी बल्कि सबत के दिन की भी बेहुरमती की। अभी तक तुम्हारे दिल बुतों से लिपटे रहते हैं।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:17 | लेकिन एक बार फिर मैंने उन पर तरस खाया। न मैंने उन्हें तबाह किया, न पूरी क़ौम को रेगिस्तान में मिटा दिया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:18 | रेगिस्तान में ही मैंने उनके बेटों को आगाह किया, “अपने बापदादा के क़वायद के मुताबिक़ ज़िंदगी मत गुज़ारना। न उनके अहकाम पर अमल करो, न उनके बुतों की पूजा से अपने आपको नापाक करो। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:19 | मैं रब तुम्हारा ख़ुदा हूँ। मेरी हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारो और एहतियात से मेरे अहकाम पर अमल करो। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:20 | मेरे सबत के दिन आराम करके उन्हें मुक़द्दस मानो ताकि वह मेरे साथ बँधे हुए अहद का निशान रहें। तब तुम जान लोगे कि मैं रब तुम्हारा ख़ुदा हूँ।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:21 | लेकिन यह बच्चे भी मुझसे बाग़ी हुए। न उन्होंने मेरी हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी, न एहतियात से मेरे अहकाम पर अमल किया, हालाँकि इनसान उनकी पैरवी करने से ही जीता रहता है। उन्होंने मेरे सबत के दिनों की भी बेहुरमती की। यह देखकर मैं अपना ग़ुस्सा उन पर नाज़िल करके उन्हें वहीं रेगिस्तान में तबाह करना चाहता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:22 | लेकिन एक बार फिर मैं अपने हाथ को रोककर बाज़ रहा, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि उन अक़वाम के सामने मेरे नाम की बेहुरमती हो जाए जिनके देखते देखते मैं इसराईलियों को मिसर से निकाल लाया था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:23 | चुनाँचे मैंने यह करने के बजाए अपना हाथ उठाकर क़सम खाई, “मैं तुम्हें दीगर अक़वामो-ममालिक में मुंतशिर करूँगा, | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:24 | क्योंकि तुमने मेरे अहकाम की पैरवी नहीं की बल्कि मेरी हिदायात को रद्द कर दिया। गो मैंने सबत का दिन मानने का हुक्म दिया था तो भी तुमने आराम के इस दिन की बेहुरमती की। और यह भी काफ़ी नहीं था बल्कि तुम अपने बापदादा के बुतों के भी पीछे लगे रहे।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:25 | तब मैंने उन्हें ऐसे अहकाम दिए जो अच्छे नहीं थे, ऐसी हिदायात जो इनसान को जीने नहीं देतीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:26 | नीज़, मैंने होने दिया कि वह अपने पहलौठों को क़ुरबान करके अपने आपको नापाक करें। मक़सद यह था कि उनके रोंगटे खड़े हो जाएँ और वह जान लें कि मैं ही रब हूँ।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:27 | चुनाँचे ऐ आदमज़ाद, इसराईली क़ौम को बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि तुम्हारे बापदादा ने इसमें भी मेरी तकफ़ीर की कि वह मुझसे बेवफ़ा हुए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:28 | मैंने तो उनसे मुल्के-इसराईल देने की क़सम खाकर वादा किया था। लेकिन ज्योंही मैं उन्हें उसमें लाया तो जहाँ भी कोई ऊँची जगह या सायादार दरख़्त नज़र आया वहाँ वह अपने जानवरों को ज़बह करने, तैश दिलानेवाली क़ुरबानियाँ चढ़ाने, ख़ुशबूदार बख़ूर जलाने और मै की नज़रें पेश करने लगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:29 | मैंने उनका सामना करके कहा, “यह किस तरह की ऊँची जगहें हैं जहाँ तुम जाते हो?” आज तक यह क़ुरबानगाहें ऊँची जगहें कहलाती हैं।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:30 | ऐ आदमज़ाद, इसराईली क़ौम को बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि क्या तुम अपने बापदादा की हरकतें अपनाकर अपने आपको नापाक करना चाहते हो? क्या तुम भी उनके घिनौने बुतों के पीछे लगकर ज़िना करना चाहते हो? | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:31 | क्योंकि अपने नज़राने पेश करने और अपने बच्चों को क़ुरबान करने से तुम अपने आपको अपने बुतों से आलूदा करते हो। ऐ इसराईली क़ौम, आज तक यही तुम्हारा रवैया है! तो फिर मैं क्या करूँ? क्या मुझे तुम्हें जवाब देना चाहिए जब तुम मुझसे कुछ दरियाफ़्त करने के लिए आते हो? हरगिज़ नहीं! मेरी हयात की क़सम, मैं तुम्हें जवाब में कुछ नहीं बताऊँगा। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:32 | तुम कहते हो, “हम दीगर क़ौमों की मानिंद होना चाहते, दुनिया के दूसरे ममालिक की तरह लकड़ी और पत्थर की चीज़ों की इबादत करना चाहते हैं।” गो यह ख़याल तुम्हारे ज़हनों में उभर आया है, लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:33 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मेरी हयात की क़सम, मैं बड़े ग़ुस्से और ज़ोरदार तरीक़े से अपनी क़ुदरत का इज़हार करके तुम पर हुकूमत करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:34 | मैं बड़े ग़ुस्से और ज़ोरदार तरीक़े से अपनी क़ुदरत का इज़हार करके तुम्हें उन क़ौमों और ममालिक से निकालकर जमा करूँगा जहाँ तुम मुंतशिर हो गए हो। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:35 | तब मैं तुम्हें अक़वाम के रेगिस्तान में लाकर तुम्हारे रूबरू तुम्हारी अदालत करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:36 | जिस तरह मैंने तुम्हारे बापदादा की अदालत मिसर के रेगिस्तान में की उसी तरह तुम्हारी भी अदालत करूँगा। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:37 | जिस तरह गल्लाबान भेड़-बकरियों को अपनी लाठी के नीचे से गुज़रने देता है ताकि उन्हें गिन ले उसी तरह मैं तुम्हें अपनी लाठी के नीचे से गुज़रने दूँगा और तुम्हें अहद के बंधन में शरीक करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:38 | जो बेवफ़ा होकर मुझसे बाग़ी हो गए हैं उन्हें मैं तुमसे दूर कर दूँगा ताकि तुम पाक हो जाओ। अगरचे मैं उन्हें भी उन दीगर ममालिक से निकाल लाऊँगा जिनमें वह रह रहे हैं तो भी वह मुल्के-इसराईल में दाख़िल नहीं होंगे। तब तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:39 | ऐ इसराईली क़ौम, तुम्हारे बारे में रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि जाओ, हर एक अपने बुतों की इबादत करता जाए! लेकिन एक वक़्त आएगा जब तुम ज़रूर मेरी सुनोगे, जब तुम अपनी क़ुरबानियों और बुतों की पूजा से मेरे मुक़द्दस नाम की बेहुरमती नहीं करोगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:40 | क्योंकि रब फ़रमाता है कि आइंदा पूरी इसराईली क़ौम मेरे मुक़द्दस पहाड़ यानी इसराईल के बुलंद पहाड़ सिय्यून पर मेरी ख़िदमत करेगी। वहाँ मैं ख़ुशी से उन्हें क़बूल करूँगा, और वहाँ मैं तुम्हारी क़ुरबानियाँ, तुम्हारे पहले फल और तुम्हारे तमाम मुक़द्दस हदिये तलब करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:41 | मेरे तुम्हें उन अक़वाम और ममालिक से निकालकर जमा करने के बाद जिनमें तुम मुंतशिर हो गए हो तुम इसराईल में मुझे क़ुरबानियाँ पेश करोगे, और मैं उनकी ख़ुशबू सूँघकर ख़ुशी से तुम्हें क़बूल करूँगा। यों मैं तुम्हारे ज़रीए दीगर अक़वाम पर ज़ाहिर करूँगा कि मैं क़ुद्दूस ख़ुदा हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:42 | तब जब मैं तुम्हें मुल्के-इसराईल यानी उस मुल्क में लाऊँगा जिसका वादा मैंने क़सम खाकर तुम्हारे बापदादा से किया था तो तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:43 | वहाँ तुम्हें अपना वह चाल-चलन और अपनी वह हरकतें याद आएँगी जिनसे तुमने अपने आपको नापाक कर दिया था, और तुम अपने तमाम बुरे आमाल के बाइस अपने आपसे घिन खाओगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:44 | ऐ इसराईली क़ौम, तुम जान लोगे कि मैं रब हूँ जब मैं अपने नाम की ख़ातिर नरमी से तुमसे पेश आऊँगा, हालाँकि तुम अपने बुरे सुलूक और तबाहकुन हरकतों की वजह से सख़्त सज़ा के लायक़ थे। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:46 | “ऐ आदमज़ाद, जुनूब की तरफ़ रुख़ करके उसके ख़िलाफ़ नबुव्वत कर! दश्ते-नजब के जंगल के ख़िलाफ़ नबुव्वत करके | |
| Ezek | UrduGeoD | 20:47 | उसे बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं तुझमें ऐसी आग लगानेवाला हूँ जो तेरे तमाम दरख़्तों को भस्म करेगी, ख़ाह वह हरे-भरे या सूखे हुए हों। इस आग के भड़कते शोले नहीं बुझेंगे बल्कि जुनूब से लेकर शिमाल तक हर चेहरे को झुलसा देंगे। | |
Chapter 21
| Ezek | UrduGeoD | 21:2 | “ऐ आदमज़ाद, यरूशलम की तरफ़ रुख़ करके मुक़द्दस जगहों और मुल्के-इसराईल के ख़िलाफ़ नबुव्वत कर! | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:3 | मुल्क को बता, ‘रब फ़रमाता है कि अब मैं तुझसे निपट लूँगा! अपनी तलवार मियान से खींचकर मैं तेरे तमाम बाशिंदों को मिटा दूँगा, ख़ाह रास्तबाज़ हों या बेदीन। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:4 | क्योंकि मैं रास्तबाज़ों को बेदीनों समेत मार डालूँगा, इसलिए मेरी तलवार मियान से निकलकर जुनूब से लेकर शिमाल तक हर शख़्स पर टूट पड़ेगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:5 | तब तमाम लोगों को पता चलेगा कि मैं, रब ने अपनी तलवार को मियान से खींच लिया है। तलवार मारती रहेगी और मियान में वापस नहीं आएगी।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:6 | ऐ आदमज़ाद, आहें भर भरकर यह पैग़ाम सुना! लोगों के सामने इतनी तलख़ी से आहो-ज़ारी कर कि कमर में दर्द होने लगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:7 | जब वह तुझसे पूछें, ‘आप क्यों कराह रहे हैं?’ तो उन्हें जवाब दे, ‘मुझे एक हौलनाक ख़बर का इल्म है जो अभी आनेवाली है। जब यहाँ पहुँचेगी तो हर एक की हिम्मत टूट जाएगी और हर हाथ बेहिसो-हरकत हो जाएगा। हर जान हौसला हारेगी और हर घुटना डाँवाँडोल हो जाएगा। रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि इस ख़बर का वक़्त क़रीब आ गया है, जो कुछ पेश आना है वह जल्द ही पेश आएगा’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:9 | “ऐ आदमज़ाद, नबुव्वत करके लोगों को बता, ‘तलवार को रगड़ रगड़कर तेज़ कर दिया गया है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:10 | अब वह क़त्लो-ग़ारत के लिए तैयार है, बिजली की तरह चमकने लगी है। हम यह देखकर किस तरह ख़ुश हो सकते हैं? ऐ मेरे बेटे, तूने लाठी और हर तरबियत को हक़ीर जाना है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:11 | चुनाँचे तलवार को तेज़ करवाने के लिए भेजा गया ताकि उसे ख़ूब इस्तेमाल किया जा सके। अब वह रगड़ रगड़कर तेज़ की गई है, अब वह क़ातिल के हाथ के लिए तैयार है।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:12 | ऐ आदमज़ाद, चीख़ उठ! वावैला कर! अफ़सोस से अपना सीना पीट! तलवार मेरी क़ौम और इसराईल के बुज़ुर्गों के ख़िलाफ़ चलने लगी है, और सब उस की ज़द में आ जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:13 | क्योंकि क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि जाँच-पड़ताल का वक़्त आ गया है, और लाज़िम है कि वह आए, क्योंकि तूने लाठी की तरबियत को हक़ीर जाना है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:14 | चुनाँचे ऐ आदमज़ाद, अब ताली बजाकर नबुव्वत कर! तलवार को दो बल्कि तीन बार उन पर टूटने दे! क्योंकि क़त्लो-ग़ारत की यह मोहलक तलवार क़ब्ज़े तक मक़तूलों में घोंपी जाएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:15 | मैंने तलवार को उनके शहरों के हर दरवाज़े पर खड़ा कर दिया है ताकि आने जानेवालों को मार डाले, हर दिल हिम्मत हारे और मुतअद्दिद अफ़राद हलाक हो जाएँ। अफ़सोस! उसे बिजली की तरह चमकाया गया है, वह क़त्लो-ग़ारत के लिए तैयार है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:17 | मैं भी तालियाँ बजाकर अपना ग़ुस्सा इसराईल पर उतारूँगा। यह मेरा, रब का फ़रमान है।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:19 | “ऐ आदमज़ाद, नक़्शा बनाकर उस पर वह दो रास्ते दिखा जो शाहे-बाबल की तलवार इख़्तियार कर सकती है। दोनों रास्ते एक ही मुल्क से शुरू हो जाएँ। जहाँ यह एक दूसरे से अलग हो जाते हैं वहाँ दो सायन-बोर्ड खड़े कर जो दो मुख़्तलिफ़ शहरों के रास्ते दिखाएँ, | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:20 | एक अम्मोनियों के शहर रब्बा का और दूसरा यहूदाह के क़िलाबंद शहर यरूशलम का। यह वह दो रास्ते हैं जो शाहे-बाबल की तलवार इख़्तियार कर सकती है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:21 | क्योंकि जहाँ यह दो रास्ते एक दूसरे से अलग हो जाते हैं वहाँ शाहे-बाबल रुककर मालूम करेगा कि कौन-सा रास्ता इख़्तियार करना है। वह तीरों के ज़रीए क़ुरा डालेगा, अपने बुतों से इशारा मिलने की कोशिश करेगा और किसी जानवर की कलेजी का मुआयना करेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:22 | तब उसे यरूशलम का रास्ता इख़्तियार करने की हिदायत मिलेगी, चुनाँचे वह अपने फ़ौजियों के साथ यरूशलम के पास पहुँचकर क़त्लो-ग़ारत का हुक्म देगा। तब वह ज़ोर से जंग के नारे लगा लगाकर शहर को पुश्ते से घेर लेंगे, मुहासरे के बुर्ज तामीर करेंगे और दरवाज़ों को तोड़ने की क़िलाशिकन मशीनें खड़ी करेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:23 | जिन्होंने शाहे-बाबल से वफ़ादारी की क़सम खाई है उन्हें यह पेशगोई ग़लत लगेगी, लेकिन वह उन्हें उनके क़ुसूर की याद दिलाकर उन्हें गिरिफ़्तार करेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:24 | चुनाँचे रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘तुम लोगों ने ख़ुद अलानिया तौर पर बेवफ़ा होने से अपने क़ुसूर की याद दिलाई है। तुम्हारे तमाम आमाल में तुम्हारे गुनाह नज़र आते हैं। इसलिए तुमसे सख़्ती से निपटा जाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:25 | ऐ इसराईल के बिगड़े हुए और बेदीन रईस, अब वह वक़्त आ गया है जब तुझे हतमी सज़ा दी जाएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:26 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि पगड़ी को उतार, ताज को दूर कर! अब सब कुछ उलट जाएगा। ज़लील को सरफ़राज़ और सरफ़राज़ को ज़लील किया जाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:27 | मैं यरूशलम को मलबे का ढेर, मलबे का ढेर, मलबे का ढेर बना दूँगा। और शहर उस वक़्त तक नए सिरे से तामीर नहीं किया जाएगा जब तक वह न आए जो हक़दार है। उसी के हवाले मैं यरूशलम करूँगा।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:28 | ऐ आदमज़ाद, अम्मोनियों और उनकी लान-तान के जवाब में नबुव्वत कर! उन्हें बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि तलवार क़त्लो-ग़ारत के लिए मियान से खींच ली गई है, उसे रगड़ रगड़कर तेज़ किया गया है ताकि बिजली की तरह चमकते हुए मारती जाए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:29 | तेरे नबियों ने तुझे फ़रेबदेह रोयाएँ और झूटे पैग़ामात सुनाए हैं। लेकिन तलवार बेदीनों की गरदन पर नाज़िल होनेवाली है, क्योंकि वह वक़्त आ गया है जब उन्हें हतमी सज़ा दी जाए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:30 | लेकिन इसके बाद अपनी तलवार को मियान में वापस डाल, क्योंकि मैं तुझे भी सज़ा दूँगा। जहाँ तू पैदा हुआ, तेरे अपने वतन में मैं तेरी अदालत करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 21:31 | मैं अपना ग़ज़ब तुझ पर नाज़िल करूँगा, अपने क़हर की आग तेरे ख़िलाफ़ भड़काऊँगा। मैं तुझे ऐसे वहशी आदमियों के हवाले करूँगा जो तबाह करने का फ़न ख़ूब जानते हैं। | |
Chapter 22
| Ezek | UrduGeoD | 22:2 | “ऐ आदमज़ाद, क्या तू यरूशलम की अदालत करने के लिए तैयार है? क्या तू इस क़ातिल शहर पर फ़ैसला करने के लिए मुस्तैद है? फिर उस पर उस की मकरूह हरकतें ज़ाहिर कर। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:3 | उसे बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ यरूशलम बेटी, तेरा अंजाम क़रीब ही है, और यह तेरा अपना क़ुसूर है। क्योंकि तूने अपने दरमियान मासूमों का ख़ून बहाया और अपने लिए बुत बनाकर अपने आपको नापाक कर दिया है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:4 | अपनी ख़ूनरेज़ी से तू मुजरिम बन गई है, अपनी बुतपरस्ती से नापाक हो गई है। तू ख़ुद अपनी अदालत का दिन क़रीब लाई है। इसी वजह से तेरा अंजाम क़रीब आ गया है, इसी लिए मैं तुझे दीगर अक़वाम की लान-तान और तमाम ममालिक के मज़ाक़ का निशाना बना दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:5 | सब तुझ पर ठट्ठा मारेंगे, ख़ाह वह क़रीब हों या दूर। तेरे नाम पर दाग़ लग गया है, तुझमें फ़साद हद से ज़्यादा बढ़ गया है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:6 | इसराईल का जो भी बुज़ुर्ग तुझमें रहता है वह अपनी पूरी ताक़त से ख़ून बहाने की कोशिश करता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:7 | तेरे बाशिंदे अपने माँ-बाप को हक़ीर जानते हैं। वह परदेसी पर सख़्ती करके यतीमों और बेवाओं पर ज़ुल्म करते हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:8 | जो मुझे मुक़द्दस है उसे तू पाँवों तले कुचल देती है। तू मेरे सबत के दिनों की बेहुरमती भी करती है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:9 | तुझमें ऐसे तोहमत लगानेवाले हैं जो ख़ूनरेज़ी पर तुले हुए हैं। तेरे बाशिंदे पहाड़ों की नाजायज़ क़ुरबानगाहों के पास क़ुरबानियाँ खाते और तेरे दरमियान शर्मनाक हरकतें करते हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:10 | बेटा माँ से हमबिसतर होकर बाप की बेहुरमती करता है, शौहर माहवारी के दौरान बीवी से सोहबत करके उससे ज़्यादती करता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:11 | एक अपने पड़ोसी की बीवी से ज़िना करता है जबकि दूसरा अपनी बहू की बेहुरमती और तीसरा अपनी सगी बहन की इसमतदरी करता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:12 | तुझमें ऐसे लोग हैं जो रिश्वत के एवज़ क़त्ल करते हैं। सूद क़ाबिले-क़बूल है, और लोग एक दूसरे पर ज़ुल्म करके नाजायज़ नफ़ा कमाते हैं। रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ यरूशलम, तू मुझे सरासर भूल गई है! | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:13 | तेरा नाजायज़ नफ़ा और तेरे बीच में ख़ूनरेज़ी देखकर मैं ग़ुस्से में ताली बजाता हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:14 | सोच ले! जिस दिन मैं तुझसे निपटूँगा तो क्या तेरा हौसला क़ायम और तेरे हाथ मज़बूत रहेंगे? यह मेरा, रब का फ़रमान है, और मैं यह करूँगा भी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:16 | फिर जब दीगर क़ौमों के देखते देखते तेरी बेहुरमती हो जाएगी तब तू जान लेगी कि मैं ही रब हूँ’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:18 | “ऐ आदमज़ाद, इसराईली क़ौम मेरे नज़दीक उस मैल की मानिंद बन गई है जो चाँदी को ख़ालिस करने के बाद भट्टी में बाक़ी रह जाता है। सबके सब उस ताँबे, टीन, लोहे और सीसे की मानिंद हैं जो भट्टी में रह जाता है। वह कचरा ही हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:19 | चुनाँचे रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि चूँकि तुम भट्टी में बचा हुआ मैल हो इसलिए मैं तुम्हें यरूशलम में इकट्ठा करके | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:20 | भट्टी में फेंक दूँगा। जिस तरह चाँदी, ताँबे, लोहे, सीसे और टीन की आमेज़िश को तपती भट्टी में फेंका जाता है ताकि पिघल जाए उसी तरह मैं तुम्हें ग़ुस्से में इकट्ठा करूँगा और भट्टी में फेंककर पिघला दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:21 | मैं तुम्हें जमा करके आग में फेंक दूँगा और बड़े ग़ुस्से से हवा देकर तुम्हें पिघला दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:22 | जिस तरह चाँदी भट्टी में पिघल जाती है उसी तरह तुम यरूशलम में पिघल जाओगे। तब तुम जान लोगे कि मैं रब ने अपना ग़ज़ब तुम पर नाज़िल किया है।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:24 | “ऐ आदमज़ाद, मुल्के-इसराईल को बता, ‘ग़ज़ब के दिन तुझ पर मेंह नहीं बरसेगा बल्कि तू बारिश से महरूम रहेगा।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:25 | मुल्क के बीच में साज़िश करनेवाले राहनुमा शेरबबर की मानिंद हैं जो दहाड़ते दहाड़ते अपना शिकार फाड़ लेते हैं। वह लोगों को हड़प करके उनके ख़ज़ाने और क़ीमती चीज़ें छीन लेते और मुल्क के दरमियान ही मुतअद्दिद औरतों को बेवाएँ बना देते हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:26 | मुल्क के इमाम मेरी शरीअत से ज़्यादती करके उन चीज़ों की बेहुरमती करते हैं जो मुझे मुक़द्दस हैं। न वह मुक़द्दस और आम चीज़ों में इम्तियाज़ करते, न पाक और नापाक अशया का फ़रक़ सिखाते हैं। नीज़, वह मेरे सबत के दिन अपनी आँखों को बंद रखते हैं ताकि उस की बेहुरमती नज़र न आए। यों उनके दरमियान ही मेरी बेहुरमती की जाती है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:27 | मुल्क के दरमियान के बुज़ुर्ग भेड़ियों की मानिंद हैं जो अपने शिकार को फाड़ फाड़कर ख़ून बहाते और लोगों को मौत के घाट उतारते हैं ताकि नारवा नफ़ा कमाएँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:28 | मुल्क के नबी फ़रेबदेह रोयाएँ और झूटे पैग़ामात सुनाकर लोगों के बुरे कामों पर सफेदी फेर देते हैं ताकि उनकी ग़लतियाँ नज़र न आएँ। वह कहते हैं, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है’ हालाँकि रब ने उन पर कुछ नाज़िल नहीं किया होता। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:29 | मुल्क के आम लोग भी एक दूसरे का इस्तेह्साल करते हैं। वह डकैत बनकर ग़रीबों और ज़रूरतमंदों पर ज़ुल्म करते और परदेसियों से बदसुलूकी करके उनका हक़ मारते हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 22:30 | इसराईल में मैं ऐसे आदमी की तलाश में रहा जो मुल्क के लिए हिफ़ाज़ती चारदीवारी तामीर करे, जो मेरे हुज़ूर आकर दीवार के रख़ने में खड़ा हो जाए ताकि मैं मुल्क को तबाह न करूँ। लेकिन मुझे एक भी न मिला जो इस क़ाबिल हो। | |
Chapter 23
| Ezek | UrduGeoD | 23:3 | वह अभी जवान ही थीं जब मिसर में कसबी बन गईं। वहीं मर्द दोनों कुँवारियों की छातियाँ सहलाकर अपना दिल बहलाते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:4 | बड़ी का नाम अहोला और छोटी का नाम अहोलीबा था। अहोला सामरिया और अहोलीबा यरूशलम है। मैं दोनों का मालिक बन गया, और दोनों के बेटे-बेटियाँ पैदा हुए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:5 | गो मैं अहोला का मालिक था तो भी वह ज़िना करने लगी। शहवत से भरकर वह जंगजू असूरियों के पीछे पड़ गई, और यही उसके आशिक़ बन गए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:6 | शानदार कपड़ों से मुलब्बस यह गवर्नर और फ़ौजी अफ़सर उसे बड़े प्यारे लगे। सब ख़ूबसूरत जवान और अच्छे घुड़सवार थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:7 | असूर के चीदा चीदा बेटों से उसने ज़िना किया। जिसकी भी उसे शहवत थी उससे और उसके बुतों से वह नापाक हुई। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:8 | लेकिन उसने जवानी में मिसरियों के साथ जो ज़िनाकारी शुरू हुई वह भी न छोड़ी। वही लोग थे जो उसके साथ उस वक़्त हमबिसतर हुए थे जब वह अभी कुँवारी थी, जिन्होंने उस की छातियाँ सहलाकर अपनी गंदी ख़ाहिशात उससे पूरी की थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:9 | यह देखकर मैंने उसे उसके असूरी आशिक़ों के हवाले कर दिया, उन्हीं के हवाले जिनकी शदीद शहवत उसे थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:10 | उन्हीं से अहोला की अदालत हुई। उन्होंने उसके कपड़े उतारकर उसे बरहना कर दिया और उसके बेटे-बेटियों को उससे छीन लिया। उसे ख़ुद उन्होंने तलवार से मार डाला। यों वह दीगर औरतों के लिए इबरतअंगेज़ मिसाल बन गई। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:11 | गो उस की बहन अहोलीबा ने यह सब कुछ देखा तो भी वह शहवत और ज़िनाकारी के लिहाज़ से अपनी बहन से कहीं ज़्यादा आगे बढ़ी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:12 | वह भी शहवत के मारे असूरियों के पीछे पड़ गई। यह ख़ूबसूरत जवान सब उसे प्यारे थे, ख़ाह असूरी गवर्नर या अफ़सर, ख़ाह शानदार कपड़ों से मुलब्बस फ़ौजी या अच्छे घुड़सवार थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:14 | लेकिन अहोलीबा की ज़िनाकाराना हरकतें कहीं ज़्यादा बुरी थीं। एक दिन उसने दीवार पर बाबल के मर्दों की तस्वीर देखी। तस्वीर लाल रंग से खींची हुई थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:15 | मर्दों की कमर में पटका और सर पर पगड़ी बँधी हुई थी। वह बाबल के उन अफ़सरों की मानिंद लगते थे जो रथों पर सवार लड़ते हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:16 | मर्दों की तस्वीर देखते ही अहोलीबा के दिल में उनके लिए शदीद आरज़ू पैदा हुई। चुनाँचे उसने अपने क़ासिदों को बाबल भेजकर उन्हें आने की दावत दी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:17 | तब बाबल के मर्द उसके पास आए और उससे हमबिसतर हुए। अपनी ज़िनाकारी से उन्होंने उसे नापाक कर दिया। लेकिन उनसे नापाक होने के बाद उसने तंग आकर अपना मुँह उनसे फेर लिया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:18 | जब उसने खुले तौर पर उनसे ज़िना करके अपनी बरहनगी सब पर ज़ाहिर की तो मैंने तंग आकर अपना मुँह उससे फेर लिया, बिलकुल उसी तरह जिस तरह मैंने अपना मुँह उस की बहन से भी फेर लिया था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:19 | लेकिन यह भी उसके लिए काफ़ी न था बल्कि उसने अपनी ज़िनाकारी में मज़ीद इज़ाफ़ा किया। उसे जवानी के दिन याद आए जब वह मिसर में कसबी थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:20 | वह शहवत के मारे पहले आशिक़ों की आरज़ू करने लगी, उनसे जो गधों और घोड़ों की-सी जिंसी ताक़त रखते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:21 | क्योंकि तू अपनी जवानी की ज़िनाकारी दोहराने की मुतमन्नी थी। तू एक बार फिर उनसे हमबिसतर होना चाहती थी जो मिसर में तेरी छातियाँ सहलाकर अपना दिल बहलाते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:22 | चुनाँचे रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘ऐ अहोलीबा, मैं तेरे आशिक़ों को तेरे ख़िलाफ़ खड़ा करूँगा। जिनसे तूने तंग आकर अपना मुँह फेर लिया था उन्हें मैं चारों तरफ़ से तेरे ख़िलाफ़ लाऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:23 | बाबल, कसदियों, फ़िक़ोद, शोअ और क़ोअ के फ़ौजी मिलकर तुझ पर टूट पड़ेंगे। घुड़सवार असूरी भी उनमें शामिल होंगे, ऐसे ख़ूबसूरत जवान जो सब गवर्नर, अफ़सर, रथसवार फ़ौजी और ऊँचे तबक़े के अफ़राद होंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:24 | शिमाल से वह रथों और मुख़्तलिफ़ क़ौमों के मुतअद्दिद फ़ौजियों समेत तुझ पर हमला करेंगे। वह तुझे यों घेर लेंगे कि हर तरफ़ छोटी और बड़ी ढालें, हर तरफ़ ख़ोद नज़र आएँगे। मैं तुझे उनके हवाले कर दूँगा ताकि वह तुझे सज़ा देकर अपने क़वानीन के मुताबिक़ तेरी अदालत करें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:25 | तू मेरी ग़ैरत का तजरबा करेगी, क्योंकि यह लोग ग़ुस्से में तुझसे निपट लेंगे। वह तेरी नाक और कानों को काट डालेंगे और बचे हुओं को तलवार से मौत के घाट उतारेंगे। तेरे बेटे-बेटियों को वह ले जाएंगे, और जो कुछ उनके पीछे रह जाए वह भस्म हो जाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:27 | यों मैं तेरी वह फ़ह्हाशी और ज़िनाकारी रोक दूँगा जिसका सिलसिला तूने मिसर में शुरू किया था। तब न तू आरज़ूमंद नज़रों से इन चीज़ों की तरफ़ देखेगी, न मिसर को याद करेगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:28 | क्योंकि रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं तुझे उनके हवाले करने को हूँ जो तुझसे नफ़रत करते हैं, उनके हवाले जिनसे तूने तंग आकर अपना मुँह फेर लिया था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:29 | वह बड़ी नफ़रत से तेरे साथ पेश आएँगे। जो कुछ तूने मेहनत से कमाया उसे वह छीनकर तुझे नंगी और बरहना छोड़ेंगे। तब तेरी ज़िनाकारी का शर्मनाक अंजाम और तेरी फ़ह्हाशी सब पर ज़ाहिर हो जाएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:30 | तब तुझे इसका अज्र मिलेगा कि तू क़ौमों के पीछे पड़कर ज़िना करती रही, कि तूने उनके बुतों की पूजा करके अपने आपको नापाक कर दिया है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:31 | तू अपनी बहन के नमूने पर चल पड़ी, इसलिए मैं तुझे वही प्याला पिलाऊँगा जो उसे पीना पड़ा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:32 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि तुझे अपनी बहन का प्याला पीना पड़ेगा जो बड़ा और गहरा है। और तू उस वक़्त तक उसे पीती रहेगी जब तक मज़ाक़ और लान-तान का निशाना न बन गई हो। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:33 | दहशत और तबाही का प्याला पी पीकर तू मदहोशी और दुख से भर जाएगी। तू अपनी बहन सामरिया का यह प्याला | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:34 | आख़िरी क़तरे तक पी लेगी, फिर प्याले को पाश पाश करके उसके टुकड़े चबा लेगी और अपने सीने को फाड़ लेगी।’ यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:35 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘तूने मुझे भूलकर अपना मुँह मुझसे फेर लिया है। अब तुझे अपनी फ़ह्हाशी और ज़िनाकारी का नतीजा भुगतना पड़ेगा’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:36 | रब मज़ीद मुझसे हमकलाम हुआ, “ऐ आदमज़ाद, क्या तू अहोला और अहोलीबा की अदालत करने के लिए तैयार है? फिर उन पर उनकी मकरूह हरकतें ज़ाहिर कर। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:37 | उनसे दो जुर्म सरज़द हुए हैं, ज़िना और क़त्ल। उन्होंने बुतों से ज़िना किया और अपने बच्चों को जलाकर उन्हें खिलाया, उन बच्चों को जो उन्होंने मेरे हाँ जन्म दिए थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:38 | लेकिन यह उनके लिए काफ़ी नहीं था। साथ साथ उन्होंने मेरा मक़दिस नापाक और मेरे सबत के दिनों की बेहुरमती की। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:39 | क्योंकि जब कभी वह अपने बच्चों को अपने बुतों के हुज़ूर क़ुरबान करती थीं उसी दिन वह मेरे घर में आकर उस की बेहुरमती करती थीं। मेरे ही घर में वह ऐसी हरकतें करती थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:40 | यह भी इन दो बहनों के लिए काफ़ी नहीं था बल्कि आदमियों की तलाश में उन्होंने अपने क़ासिदों को दूर दूर तक भेज दिया। जब मर्द पहुँचे तो तूने उनके लिए नहाकर अपनी आँखों में सुरमा लगाया और अपने ज़ेवरात पहन लिए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:41 | फिर तू शानदार सोफ़े पर बैठ गई। तेरे सामने मेज़ थी जिस पर तूने मेरे लिए मख़सूस बख़ूर और तेल रखा था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:42 | रेगिस्तान से सिबा के मुतअद्दिद आदमी लाए गए तो शहर में शोर मच गया, और लोगों ने सुकून का साँस लिया। आदमियों ने दोनों बहनों के बाज़ुओं में कड़े पहनाए और उनके सरों पर शानदार ताज रखे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:43 | तब मैंने ज़िनाकारी से घिसी-फटी औरत के बारे में कहा, ‘अब वह उसके साथ ज़िना करें, क्योंकि वह ज़िनाकार ही है।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:44 | ऐसा ही हुआ। मर्द उन बेहया बहनों अहोला और अहोलीबा से यों हमबिसतर हुए जिस तरह कसबियों से। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:45 | लेकिन रास्तबाज़ आदमी उनकी अदालत करके उन्हें ज़िना और क़त्ल के मुजरिम ठहराएँगे। क्योंकि दोनों बहनें ज़िनाकार और क़ातिल ही हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:46 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि उनके ख़िलाफ़ जुलूस निकालकर उन्हें दहशत और लूट-मार के हवाले करो। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:47 | लोग उन्हें संगसार करके तलवार से टुकड़े टुकड़े करें, वह उनके बेटे-बेटियों को मार डालें और उनके घरों को नज़रे-आतिश करें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 23:48 | यों मैं मुल्क में ज़िनाकारी ख़त्म करूँगा। इससे तमाम औरतों को तंबीह मिलेगी कि वह तुम्हारे शर्मनाक नमूने पर न चलें। | |
Chapter 24
| Ezek | UrduGeoD | 24:1 | यहूयाकीन बादशाह की जिलावतनी के नवें साल में रब का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ। दसवें महीने का दसवाँ दिन था। पैग़ाम यह था, | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:2 | “ऐ आदमज़ाद, इसी दिन की तारीख़ लिख ले, क्योंकि इसी दिन शाहे-बाबल यरूशलम का मुहासरा करने लगा है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:3 | फिर इस सरकश क़ौम इसराईल को तमसील पेश करके बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि आग पर देग रखकर उसमें पानी डाल दे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:4 | फिर उसे बेहतरीन गोश्त से भर दे। रान और शाने के टुकड़े, नीज़ बेहतरीन हड्डियाँ उसमें डाल दे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:5 | सिर्फ़ बेहतरीन भेड़ों का गोश्त इस्तेमाल कर। ध्यान दे कि देग के नीचे आग ज़ोर से भड़कती रहे। गोश्त को हड्डियों समेत ख़ूब पकने दे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:6 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि यरूशलम पर अफ़सोस जिसमें इतना ख़ून बहाया गया है! यह शहर देग है जिसमें ज़ंग लगा है, ऐसा ज़ंग जो उतरता नहीं। अब गोश्त के टुकड़ों को यके बाद दीगरे देग से निकाल दे। उन्हें किसी तरतीब से मत निकालना बल्कि क़ुरा डाले बग़ैर निकाल दे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:7 | जो ख़ून यरूशलम ने बहाया वह अब तक उसमें मौजूद है। क्योंकि वह मिट्टी पर न गिरा जो उसे जज़ब कर सकती बल्कि नंगी चटान पर। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:8 | मैंने ख़ुद यह ख़ून नंगी चटान पर बहने दिया ताकि वह छुप न जाए बल्कि मेरा ग़ज़ब यरूशलम पर नाज़िल हो जाए और मैं बदला लूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:9 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि यरूशलम पर अफ़सोस जिसने इतना ख़ून बहाया है! मैं भी तेरे नीचे लकड़ी का बड़ा ढेर लगाऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:10 | आ, लकड़ी का बड़ा ढेर करके आग लगा दे। गोश्त को ख़ूब पका, फिर शोरबा निकालकर हड्डियों को भस्म होने दे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:11 | इसके बाद ख़ाली देग को जलते कोयलों पर रख दे ताकि पीतल गरम होकर तमतमाने लगे और देग में मैल पिघल जाए, उसका ज़ंग उतर जाए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:13 | ऐ यरूशलम, अपनी बेहया हरकतों से तूने अपने आपको नापाक कर दिया है। अगरचे मैं ख़ुद तुझे पाक-साफ़ करना चाहता था तो भी तू पाक-साफ़ न हुई। अब तू उस वक़्त तक पाक नहीं होगी जब तक मैं अपना पूरा ग़ुस्सा तुझ पर उतार न लूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:14 | मेरे रब का यह फ़रमान पूरा होनेवाला है, और मैं ध्यान से उसे अमल में लाऊँगा। न मैं तुझ पर तरस खाऊँगा, न रहम करूँगा। मैं तेरे चाल-चलन और आमाल के मुताबिक़ तेरी अदालत करूँगा।’ यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:16 | “ऐ आदमज़ाद, मैं तुझसे अचानक तेरी आँख का तारा छीन लूँगा। लेकिन लाज़िम है कि तू न आहो-ज़ारी करे, न आँसू बहाए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:17 | बेशक चुपके से कराहता रह, लेकिन अपनी अज़ीज़ा के लिए अलानिया मातम न कर। न सर से पगड़ी उतार और न पाँवों से जूते। न दाढ़ी को ढाँपना, न जनाज़े का खाना खा।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:18 | सुबह को मैंने क़ौम को यह पैग़ाम सुनाया, और शाम को मेरी बीवी इंतक़ाल कर गई। अगली सुबह मैंने वह कुछ किया जो रब ने मुझे करने को कहा था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:19 | यह देखकर लोगों ने मुझसे पूछा, “आपके रवय्ये का हमारे साथ क्या ताल्लुक़ है? ज़रा हमें बताएँ।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:21 | आप इसराईलियों को यह पैग़ाम सुनाने को कहा, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मेरा घर तुम्हारे नज़दीक पनाहगाह है जिस पर तुम फ़ख़र करते हो। लेकिन यह मक़दिस जो तुम्हारी आँख का तारा और जान का प्यारा है तबाह होनेवाला है। मैं उस की बेहुरमती करने को हूँ। और तुम्हारे जितने बेटे-बेटियाँ यरूशलम में पीछे रह गए थे वह सब तलवार की ज़द में आकर मर जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:22 | तब तुम वह कुछ करोगे जो हिज़क़ियेल इस वक़्त कर रहा है। न तुम अपनी दाढ़ियों को ढाँपोगे, न जनाज़े का खाना खाओगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:23 | न तुम सर से पगड़ी, न पाँवों से जूते उतारोगे। तुम्हारे हाँ न मातम का शोर, न रोने की आवाज़ सुनाई देगी बल्कि तुम अपने गुनाहों के सबब से ज़ाया होते जाओगे। तुम चुपके से एक दूसरे के साथ बैठकर कराहते रहोगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:24 | हिज़क़ियेल तुम्हारे लिए निशान है। जो कुछ वह इस वक़्त कर रहा है वह तुम भी करोगे। तब तुम जान लोगे कि मैं रब क़ादिरे-मुतलक़ हूँ’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 24:25 | रब मज़ीद मुझसे हमकलाम हुआ, “ऐ आदमज़ाद, यह घर इसराईलियों के नज़दीक पनाहगाह है जिसके बारे में वह ख़ास ख़ुशी महसूस करते हैं, जिस पर वह फ़ख़र करते हैं। लेकिन मैं यह मक़दिस जो उनकी आँख का तारा और जान का प्यारा है उनसे छीन लूँगा और साथ साथ उनके बेटे-बेटियों को भी। जिस दिन यह पेश आएगा | |
Chapter 25
| Ezek | UrduGeoD | 25:3 | उन्हें बता, ‘सुनो रब क़ादिरे-मुतलक़ का कलाम! वह फ़रमाता है कि ऐ अम्मोन बेटी, तूने ख़ुश होकर क़हक़हा लगाया जब मेरे मक़दिस की बेहुरमती हुई, मुल्के-इसराईल तबाह हुआ और यहूदाह के बाशिंदे जिलावतन हुए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 25:4 | इसलिए मैं तुझे मशरिक़ी क़बीलों के हवाले करूँगा जो अपने डेरे तुझमें लगाकर पूरी बस्तियाँ क़ायम करेंगे। वह तेरा ही फल खाएँगे, तेरा ही दूध पिएँगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 25:5 | रब्बा शहर को मैं ऊँटों की चरागाह में बदल दूँगा और मुल्के-अम्मोन को भेड़-बकरियों की आरामगाह बना दूँगा। तब तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 25:6 | क्योंकि रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि तूने तालियाँ बजा बजाकर और पाँव ज़मीन पर मार मारकर इसराईल के अंजाम पर अपनी दिली ख़ुशी का इज़हार किया। तेरी इसराईल के लिए हिक़ारत साफ़ तौर पर नज़र आई। | |
| Ezek | UrduGeoD | 25:7 | इसलिए मैं अपना हाथ तेरे ख़िलाफ़ बढ़ाकर तुझे दीगर अक़वाम के हवाले कर दूँगा ताकि वह तुझे लूट लें। मैं तुझे यों मिटा दूँगा कि अक़वामो-ममालिक में तेरा नामो-निशान तक नहीं रहेगा। तब तू जान लेगी कि मैं ही रब हूँ’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 25:8 | “रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मोआब और सईर इसराईल का मज़ाक़ उड़ाकर कहते हैं, ‘लो, देखो यहूदाह के घराने का हाल! अब वह भी बाक़ी क़ौमों की तरह बन गया है।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 25:9 | इसलिए मैं मोआब की पहाड़ी ढलानों को उनके शहरों से महरूम करूँगा। मुल्क के एक सिरे से दूसरे सिरे तक एक भी आबादी नहीं रहेगी। गो मोआबी अपने शहरों बैत-यसीमोत, बाल-मऊन और क़िरियतायम पर ख़ास फ़ख़र करते हैं, लेकिन वह भी ज़मीनबोस हो जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 25:10 | अम्मोन की तरह मैं मोआब को भी मशरिक़ी क़बीलों के हवाले करूँगा। आख़िरकार अक़वाम में अम्मोनियों की याद तक नहीं रहेगी, | |
| Ezek | UrduGeoD | 25:12 | “रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि यहूदाह से इंतक़ाम लेने से अदोम ने संगीन गुनाह किया है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 25:13 | इसलिए मैं अपना हाथ अदोम के ख़िलाफ़ बढ़ाकर उसके इनसानो-हैवान को मार डालूँगा, और वह तलवार से मारे जाएंगे। तेमान से लेकर ददान तक यह मुल्क वीरानो-सुनसान हो जाएगा। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 25:14 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि अपनी क़ौम के हाथों मैं अदोम से बदला लूँगा, और इसराईल मेरे ग़ज़ब और क़हर के मुताबिक़ ही अदोम से निपट लेगा। तब वह मेरा इंतक़ाम जान लेंगे।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 25:15 | “रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि फ़िलिस्तियों ने बड़े ज़ुल्म के साथ यहूदाह से बदला लिया है। उन्होंने उस पर अपनी दिली हिक़ारत और दायमी दुश्मनी का इज़हार किया और इंतक़ाम लेकर उसे तबाह करने की कोशिश की। | |
| Ezek | UrduGeoD | 25:16 | इसलिए रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं अपना हाथ फ़िलिस्तियों के ख़िलाफ़ बढ़ाने को हूँ। मैं इन करेतियों और साहिली इलाक़े के बचे हुओं को मिटा दूँगा। | |
Chapter 26
| Ezek | UrduGeoD | 26:1 | यहूयाकीन बादशाह की जिलावतनी के 11वें साल में रब मुझसे हमकलाम हुआ। महीने का पहला दिन था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:2 | “ऐ आदमज़ाद, सूर बेटी यरूशलम की तबाही देखकर ख़ुश हुई है। वह कहती है, ‘लो, अक़वाम का दरवाज़ा टूट गया है! अब मैं ही इसकी ज़िम्मादारियाँ निभाऊँगी। अब जब यरूशलम वीरान है तो मैं ही फ़रोग़ पाऊँगी।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:3 | जवाब में रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ सूर, मैं तुझसे निपट लूँगा! मैं मुतअद्दिद क़ौमों को तेरे ख़िलाफ़ भेजूँगा। समुंदर की ज़बरदस्त मौजों की तरह वह तुझ पर टूट पड़ेंगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:4 | वह सूर शहर की फ़सील को ढाकर उसके बुर्जों को ख़ाक में मिला देंगी। तब मैं उसे इतने ज़ोर से झाड़ दूँगा कि मिट्टी तक नहीं रहेगी। ख़ाली चटान ही नज़र आएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:5 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि वह समुंदर के दरमियान ऐसी जगह रहेगी जहाँ मछेरे अपने जालों को सुखाने के लिए बिछा देंगे। दीगर अक़वाम उसे लूट लेंगी, | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:6 | और ख़ुश्की पर उस की आबादियाँ तलवार की ज़द में आ जाएँगी। तब वह जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:7 | क्योंकि रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं बाबल के बादशाह नबूकदनज़्ज़र को तेरे ख़िलाफ़ भेजूँगा जो घोड़े, रथ, घुड़सवार और बड़ी फ़ौज लेकर शिमाल से तुझ पर हमला करेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:8 | ख़ुश्की पर तेरी आबादियों को वह तलवार से तबाह करेगा, फिर पुश्ते और बुर्जों से तुझे घेर लेगा। उसके फ़ौजी अपनी ढालें उठाकर तुझ पर हमला करेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:9 | बादशाह अपनी क़िलाशिकन मशीनों से तेरी फ़सील को ढा देगा और अपने आलात से तेरे बुर्जों को गिरा देगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:10 | जब उसके बेशुमार घोड़े चल पड़ेंगे तो इतनी गर्द उड़ जाएगी कि तू उसमें डूब जाएगी। जब बादशाह तेरी फ़सील को तोड़ तोड़कर तेरे दरवाज़ों में दाख़िल होगा तो तेरी दीवारें घोड़ों और रथों के शोर से लरज़ उठेंगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:11 | उसके घोड़ों के खुर तेरी तमाम गलियों को कुचल देंगे, और तेरे बाशिंदे तलवार से मर जाएंगे, तेरे मज़बूत सतून ज़मीनबोस हो जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:12 | दुश्मन तेरी दौलत छीन लेंगे और तेरी तिजारत का माल लूट लेंगे। वह तेरी दीवारों को गिराकर तेरी शानदार इमारतों को मिसमार करेंगे, फिर तेरे पत्थर, लकड़ी और मलबा समुंदर में फेंक देंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:14 | मैं तुझे नंगी चटान में तबदील करूँगा, और मछेरे तुझे अपने जाल बिछाकर सुखाने के लिए इस्तेमाल करेंगे। आइंदा तुझे कभी दुबारा तामीर नहीं किया जाएगा। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:15 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ सूर बेटी, साहिली इलाक़े काँप उठेंगे जब तू धड़ाम से गिर जाएगी, जब हर तरफ़ ज़ख़मी लोगों की कराहती आवाज़ें सुनाई देंगी, हर गली में क़त्लो-ग़ारत का शोर मचेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:16 | तब साहिली इलाक़ों के तमाम हुक्मरान अपने तख़्तों से उतरकर अपने चोग़े और शानदार लिबास उतारेंगे। वह मातमी कपड़े पहनकर ज़मीन पर बैठ जाएंगे और बार बार लरज़ उठेंगे, यहाँ तक वह तेरे अंजाम पर परेशान होंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:17 | तब वह तुझ पर मातम करके गीत गाएँगे, ‘हाय, तू कितने धड़ाम से गिरकर तबाह हुई है! ऐ साहिली शहर, ऐ सूर बेटी, पहले तू अपने बाशिंदों समेत समुंदर के दरमियान रहकर कितनी मशहूर और ताक़तवर थी। गिर्दो-नवाह के तमाम बाशिंदे तुझसे दहशत खाते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:18 | अब साहिली इलाक़े तेरे अंजाम को देखकर थरथरा रहे हैं। समुंदर के जज़ीरे तेरे ख़ातमे की ख़बर सुनकर दहशतज़दा हो गए हैं।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:19 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ सूर बेटी, मैं तुझे वीरानो-सुनसान करूँगा। तू उन दीगर शहरों की मानिंद बन जाएगी जो नेस्तो-नाबूद हो गए हैं। मैं तुझ पर सैलाब लाऊँगा, और गहरा पानी तुझे ढाँप देगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 26:20 | मैं तुझे पाताल में उतरने दूँगा, और तू उस क़ौम के पास पहुँचेगी जो क़दीम ज़माने से ही वहाँ बसती है। तब तुझे ज़मीन की गहराइयों में रहना पड़ेगा, वहाँ जहाँ क़दीम ज़मानों के खंडरात हैं। तू मुरदों के मुल्क में रहेगी और कभी ज़िंदगी के मुल्क में वापस नहीं आएगी, न वहाँ अपना मक़ाम दुबारा हासिल करेगी। | |
Chapter 27
| Ezek | UrduGeoD | 27:3 | उस शहर पर जो समुंदर की गुज़रगाह पर वाक़े है और मुतअद्दिद साहिली क़ौमों से तिजारत करता है। उससे कह, ‘रब फ़रमाता है कि ऐ सूर बेटी, तू अपने आप पर बहुत फ़ख़र करके कहती है कि वाह, मेरा हुस्न कमाल का है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:4 | और वाक़ई, तेरा इलाक़ा समुंदर के बीच में ही है, और जिन्होंने तुझे तामीर किया उन्होंने तेरे हुस्न को तकमील तक पहुँचाया, | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:5 | तुझे शानदार बहरी जहाज़ की मानिंद बनाया। तेरे तख़्ते सनीर में उगनेवाले जूनीपर के दरख़्तों से बनाए गए, तेरा मस्तूल लुबनान का देवदार का दरख़्त था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:6 | तेरे चप्पू बसन के बलूत के दरख़्तों से बनाए गए, जबकि तेरे फ़र्श के लिए क़ुबरुस से सरो की लकड़ी लाई गई, फिर उसे हाथीदाँत से आरास्ता किया गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:7 | नफ़ीस कतान का तेरा रंगदार बादबान मिसर का था। वह तेरा इम्तियाज़ी निशान बन गया। तेरे तिरपालों का क़िरमिज़ी और अरग़वानी रंग इलीसा के साहिली इलाक़े से लाया गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:9 | जबल के बुज़ुर्ग और दानिशमंद आदमी ध्यान देते थे कि तेरी दर्ज़ें बंद रहें। तमाम बहरी जहाज़ अपने मल्लाहों समेत तेरे पास आया करते थे ताकि तेरे साथ तिजारत करें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:10 | फ़ारस, लुदिया और लिबिया के अफ़राद तेरी फ़ौज में ख़िदमत करते थे। तेरी दीवारों से लटकी उनकी ढालों और ख़ोदों ने तेरी शान मज़ीद बढ़ा दी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:11 | अरवद और ख़लक के आदमी तेरी फ़सील का दिफ़ा करते थे, जम्माद के फ़ौजी तेरे बुर्जों में पहरादारी करते थे। तेरी दीवारों से लटकी हुई उनकी ढालों ने तेरे हुस्न को कमाल तक पहुँचा दिया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:12 | तू अमीर थी, तुझमें मालो-असबाब की कसरत की तिजारत की जाती थी। इसलिए तरसीस तुझे चाँदी, लोहा, टीन और सीसा देकर तुझसे सौदा करता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:13 | यूनान, तूबल और मसक तुझसे तिजारत करते, तेरा माल ख़रीदकर मुआवज़े में ग़ुलाम और पीतल का सामान देते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:14 | बैत-तुजरमा के ताजिर तेरे माल के लिए तुझे आम घोड़े, फ़ौजी घोड़े और ख़च्चर पहुँचाते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:15 | ददान के आदमी तेरे साथ तिजारत करते थे, हाँ मुतअद्दिद साहिली इलाक़े तेरे गाहक थे। उनके साथ सौदाबाज़ी करके तुझे हाथीदाँत और आबनूस की लकड़ी मिलती थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:16 | शाम तेरी पैदावार की कसरत की वजह से तेरे साथ तिजारत करता था। मुआवज़े में तुझे फ़ीरोज़ा, अरग़वानी रंग, रंगदार कपड़े, बारीक कतान, मूँगा और याक़ूत मिलता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:17 | यहूदाह और इसराईल तेरे गाहक थे। तेरा माल ख़रीदकर वह तुझे मिन्नीत का गंदुम, पन्नग की टिक्कियाँ, शहद, ज़ैतून का तेल और बलसान देते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:18 | दमिश्क़ तेरी वाफ़िर पैदावार और माल की कसरत की वजह से तेरे साथ कारोबार करता था। उससे तुझे हलबून की मै और साहर की ऊन मिलती थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:19 | विदान और यूनान तेरे गाहक थे। वह ऊज़ाल का ढाला हुआ लोहा, दारचीनी और कलमस का मसाला पहुँचाते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:21 | अरब और क़ीदार के तमाम हुक्मरान तेरे गाहक थे। तेरे माल के एवज़ वह भेड़ के बच्चे, मेंढे और बकरे देते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:22 | सबा और रामा के ताजिर तेरा माल हासिल करने के लिए तुझे बेहतरीन बलसान, हर क़िस्म के जवाहर और सोना देते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:24 | वह तेरे पास आकर तुझे शानदार लिबास, क़िरमिज़ी रंग की चादरें, रंगदार कपड़े और कम्बल, नीज़ मज़बूत रस्से पेश करते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:25 | तरसीस के उम्दा जहाज़ तेरा माल मुख़्तलिफ़ ममालिक में पहुँचाते थे। यों तू जहाज़ की मानिंद समुंदर के बीच में रहकर दौलत और शान से मालामाल हो गई। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:26 | तेरे चप्पू चलानेवाले तुझे दूर दूर तक पहुँचाते हैं। लेकिन वह वक़्त क़रीब है जब मशरिक़ से तेज़ आँधी आकर तुझे समुंदर के दरमियान ही टुकड़े टुकड़े कर देगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:27 | जिस दिन तू गिर जाएगी उस दिन तेरी तमाम मिलकियत समुंदर के बीच में ही डूब जाएगी। तेरी दौलत, तेरा सौदा, तेरे मल्लाह, तेरे बहरी मुसाफ़िर, तेरी दर्ज़ें बंद रखनेवाले, तेरे ताजिर, तेरे तमाम फ़ौजी और बाक़ी जितने भी तुझ पर सवार हैं सबके सब ग़रक़ हो जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:29 | तमाम चप्पू चलानेवाले, मल्लाह और बहरी मुसाफ़िर अपने जहाज़ों से उतरकर साहिल पर खड़े हो जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:30 | वह ज़ोर से रो पड़ेंगे, बड़ी तलख़ी से गिर्याओ-ज़ारी करेंगे। अपने सरों पर ख़ाक डालकर वह राख में लोट-पोट हो जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:31 | तेरी ही वजह से वह अपने सरों को मुँडवाकर टाट का लिबास ओढ़ लेंगे, वह बड़ी बेचैनी और तलख़ी से तुझ पर मातम करेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:32 | तब वह ज़ारो-क़तार रोकर मातम का गीत गाएँगे, “हाय, कौन समुंदर से घिरे हुए सूर की तरह ख़ामोश हो गया है?” | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:33 | जब तिजारत का माल समुंदर की चारों तरफ़ से तुझ तक पहुँचता था तो तू मुतअद्दिद क़ौमों को सेर करती थी। दुनिया के बादशाह तेरी दौलत और तिजारती सामान की कसरत से अमीर हुए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:34 | अफ़सोस! अब तू पाश पाश होकर समुंदर की गहराइयों में ग़ायब हो गई है। तेरा माल और तेरे तमाम अफ़राद तेरे साथ डूब गए हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 27:35 | साहिली इलाक़ों में बसनेवाले घबरा गए हैं। उनके बादशाहों के रोंगटे खड़े हो गए, उनके चेहरे परेशान नज़र आते हैं। | |
Chapter 28
| Ezek | UrduGeoD | 28:2 | “ऐ आदमज़ाद, सूर के हुक्मरान को बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि तू मग़रूर हो गया है। तू कहता है कि मैं ख़ुदा हूँ, मैं समुंदर के दरमियान ही अपने तख़्ते-इलाही पर बैठा हूँ। लेकिन तू ख़ुदा नहीं बल्कि इनसान है, गो तू अपने आपको ख़ुदा-सा समझता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:3 | बेशक तू अपने आपको दानियाल से कहीं ज़्यादा दानिशमंद समझकर कहता है कि कोई भी भेद मुझसे पोशीदा नहीं रहता। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:4 | और यह हक़ीक़त भी है कि तूने अपनी हिकमत और समझ से बहुत दौलत हासिल की है, सोने और चाँदी से अपने ख़ज़ानों को भर दिया है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:5 | बड़ी दानिशमंदी से तूने तिजारत के ज़रीए अपनी दौलत बढ़ाई। लेकिन जितनी तेरी दौलत बढ़ती गई उतना ही तेरा ग़ुरूर भी बढ़ता गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:7 | इसलिए मैं सबसे ज़ालिम क़ौमों को तेरे ख़िलाफ़ भेजूँगा जो अपनी तलवारों को तेरी ख़ूबसूरती और हिकमत के ख़िलाफ़ खींचकर तेरी शानो-शौकत की बेहुरमती करेंगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:9 | क्या तू उस वक़्त अपने क़ातिलों से कहेगा कि मैं ख़ुदा हूँ? हरगिज़ नहीं! अपने क़ातिलों के हाथ में होते वक़्त तू ख़ुदा नहीं बल्कि इनसान साबित होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:10 | तू अजनबियों के हाथों नामख़तून की-सी वफ़ात पाएगा। यह मेरा, रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:12 | “ऐ आदमज़ाद, सूर के बादशाह पर मातमी गीत गाकर उससे कह, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि तुझ पर कामिलियत का ठप्पा था। तू हिकमत से भरपूर था, तेरा हुस्न कमाल का था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:13 | अल्लाह के बाग़े-अदन में रहकर तू हर क़िस्म के जवाहर से सजा हुआ था। लाल, ज़बरजद, हजरुल-क़मर, पुखराज, अक़ीक़े-अहमर और यशब, संगे-लाजवर्द, फ़ीरोज़ा और ज़ुमुर्रद सब तुझे आरास्ता करते थे। सब कुछ सोने के काम से मज़ीद ख़ूबसूरत बनाया गया था। जिस दिन तुझे ख़लक़ किया गया उसी दिन यह चीज़ें तेरे लिए तैयार हुईं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:14 | मैंने तुझे अल्लाह के मुक़द्दस पहाड़ पर खड़ा किया था। वहाँ तू करूबी फ़रिश्ते की हैसियत से अपने पर फैलाए पहरादारी करता था, वहाँ तू जलते हुए पत्थरों के दरमियान ही घुमता-फिरता रहा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:15 | जिस दिन तुझे ख़लक़ किया गया तेरा चाल-चलन बेइलज़ाम था, लेकिन अब तुझमें नाइनसाफ़ी पाई गई है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:16 | तिजारत में कामयाबी की वजह से तू ज़ुल्मो-तशद्दुद से भर गया और गुनाह करने लगा। यह देखकर मैंने तुझे अल्लाह के पहाड़ पर से उतार दिया। मैंने तुझे जो पहरादारी करनेवाला फ़रिश्ता था तबाह करके जलते हुए पत्थरों के दरमियान से निकाल दिया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:17 | तेरी ख़ूबसूरती तेरे लिए ग़ुरूर का बाइस बन गई, हाँ तेरी शानो-शौकत ने तुझे इतना फुला दिया कि तेरी हिकमत जाती रही। इसी लिए मैंने तुझे ज़मीन पर पटख़कर दीगर बादशाहों के सामने तमाशा बना दिया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:18 | अपने बेशुमार गुनाहों और बेइनसाफ़ तिजारत से तूने अपने मुक़द्दस मक़ामों की बेहुरमती की है। जवाब में मैंने होने दिया कि आग तेरे दरमियान से निकलकर तुझे भस्म करे। मैंने तुझे तमाशा देखनेवाले तमाम लोगों के सामने ही राख कर दिया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:19 | जितनी भी क़ौमें तुझे जानती थीं उनके रोंगटे खड़े हो गए। तेरा हौलनाक अंजाम अचानक ही आ गया है। अब से तू कभी नहीं उठेगा’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:22 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ सैदा, मैं तुझसे निपट लूँगा। तेरे दरमियान ही मैं अपना जलाल दिखाऊँगा। तब वह जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ, क्योंकि मैं शहर की अदालत करके अपना मुक़द्दस किरदार उन पर ज़ाहिर करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:23 | मैं उसमें मोहलक वबा फैलाकर उस की गलियों में ख़ून बहा दूँगा। उसे चारों तरफ़ से तलवार घेर लेगी तो उसमें फँसे हुए लोग हलाक हो जाएंगे। तब वह जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:24 | इस वक़्त इसराईल के पड़ोसी उसे हक़ीर जानते हैं। अब तक वह उसे चुभनेवाले ख़ार और ज़ख़मी करनेवाले काँटे हैं। लेकिन आइंदा ऐसा नहीं होगा। तब वह जान लेंगे कि मैं रब क़ादिरे-मुतलक़ हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 28:25 | क्योंकि रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि दीगर अक़वाम के देखते देखते मैं ज़ाहिर करूँगा कि मैं मुक़द्दस हूँ। क्योंकि मैं इसराईलियों को उन अक़वाम में से निकालकर जमा करूँगा जहाँ मैंने उन्हें मुंतशिर कर दिया था। तब वह अपने वतन में जा बसेंगे, उस मुल्क में जो मैंने अपने ख़ादिम याक़ूब को दिया था। | |
Chapter 29
| Ezek | UrduGeoD | 29:1 | यहूयाकीन बादशाह की जिलावतनी के दसवें साल में रब मुझसे हमकलाम हुआ। दसवें महीने का 11वाँ दिन था। रब ने फ़रमाया, | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:2 | “ऐ आदमज़ाद, मिसर के बादशाह फ़िरौन की तरफ़ रुख़ करके उसके और तमाम मिसर के ख़िलाफ़ नबुव्वत कर! | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:3 | उसे बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ शाहे-मिसर फ़िरौन, मैं तुझसे निपटने को हूँ। बेशक तू एक बड़ा अज़दहा है जो दरियाए-नील की मुख़्तलिफ़ शाख़ों के बीच में लेटा हुआ कहता है कि यह दरिया मेरा ही है, मैंने ख़ुद उसे बनाया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:4 | लेकिन मैं तेरे मुँह में काँटे डालकर तुझे दरिया से निकाल लाऊँगा। मेरे कहने पर तेरी नदियों की तमाम मछलियाँ तेरे छिलकों के साथ लगकर तेरे साथ पकड़ी जाएँगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:5 | मैं तुझे इन तमाम मछलियों समेत रेगिस्तान में फेंक छोड़ूँगा। तू खुले मैदान में गिरकर पड़ा रहेगा। न कोई तुझे इकट्ठा करेगा, न जमा करेगा बल्कि मैं तुझे दरिंदों और परिंदों को खिला दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:6 | तब मिसर के तमाम बाशिंदे जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ। तू इसराईल के लिए सरकंडे की कच्ची छड़ी साबित हुआ है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:7 | जब उन्होंने तुझे पकड़ने की कोशिश की तो तूने टुकड़े टुकड़े होकर उनके कंधे को ज़ख़मी कर दिया। जब उन्होंने अपना पूरा वज़न तुझ पर डाला तो तू टूट गया, और उनकी कमर डाँवाँडोल हो गई। | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:8 | इसलिए रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं तेरे ख़िलाफ़ तलवार भेजूँगा जो मुल्क में से इनसानो-हैवान मिटा डालेगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:9 | मुल्के-मिसर वीरानो-सुनसान हो जाएगा। तब वह जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ। चूँकि तूने दावा किया, “दरियाए-नील मेरा ही है, मैंने ख़ुद उसे बनाया” | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:10 | इसलिए मैं तुझसे और तेरी नदियों से निपट लूँगा। मिसर में हर तरफ़ खंडरात नज़र आएँगे। शिमाल में मिजदाल से लेकर जुनूबी शहर असवान बल्कि एथोपिया की सरहद तक मैं मिसर को वीरानो-सुनसान कर दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:11 | न इनसान और न हैवान का पाँव उसमें से गुज़रेगा। चालीस साल तक उसमें कोई नहीं बसेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:12 | इर्दगिर्द के दीगर तमाम ममालिक की तरह मैं मिसर को भी उजाड़ूँगा, इर्दगिर्द के दीगर तमाम शहरों की तरह मैं मिसर के शहर भी मलबे के ढेर बना दूँगा। चालीस साल तक उनकी यही हालत रहेगी। साथ साथ मैं मिसरियों को मुख़्तलिफ़ अक़वामो-ममालिक में मुंतशिर कर दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:13 | लेकिन रब क़ादिरे-मुतलक़ यह भी फ़रमाता है कि चालीस साल के बाद मैं मिसरियों को उन ममालिक से निकालकर जमा करूँगा जहाँ मैंने उन्हें मुंतशिर कर दिया था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:14 | मैं मिसर को बहाल करके उन्हें उनके आबाई वतन यानी जुनूबी मिसर में वापस लाऊँगा। वहाँ वह एक ग़ैरअहम सलतनत क़ायम करेंगे | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:15 | जो बाक़ी ममालिक की निसबत छोटी होगी। आइंदा वह दीगर क़ौमों पर अपना रोब नहीं डालेंगे। मैं ख़ुद ध्यान दूँगा कि वह आइंदा इतने कमज़ोर रहें कि दीगर क़ौमों पर हुकूमत न कर सकें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:16 | आइंदा इसराईल न मिसर पर भरोसा करने और न उससे लिपट जाने की आज़माइश में पड़ेगा। तब वह जान लेंगे कि मैं ही रब क़ादिरे-मुतलक़ हूँ’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:17 | यहूयाकीन बादशाह की जिलावतनी के 27वें साल में रब मुझसे हमकलाम हुआ। पहले महीने का पहला दिन था। उसने फ़रमाया, | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:18 | “ऐ आदमज़ाद, जब शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र ने सूर का मुहासरा किया तो उस की फ़ौज को सख़्त मेहनत करनी पड़ी। हर सर गंजा हुआ, हर कंधे की जिल्द छिल गई। लेकिन न उसे और न उस की फ़ौज को मेहनत का मुनासिब अज्र मिला। | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:19 | इसलिए रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र को मिसर दे दूँगा। उस की दौलत को वह उठाकर ले जाएगा। अपनी फ़ौज को पैसे देने के लिए वह मिसर को लूट लेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 29:20 | चूँकि नबूकदनज़्ज़र और उस की फ़ौज ने मेरे लिए ख़ूब मेहनत-मशक़्क़त की इसलिए मैंने उसे मुआवज़े के तौर पर मिसर दे दिया है। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
Chapter 30
| Ezek | UrduGeoD | 30:2 | “ऐ आदमज़ाद, नबुव्वत करके यह पैग़ाम सुना दे, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि आहो-ज़ारी करो! उस दिन पर अफ़सोस | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:3 | जो आनेवाला है। क्योंकि रब का दिन क़रीब ही है। उस दिन घने बादल छा जाएंगे, और मैं अक़वाम की अदालत करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:4 | मिसर पर तलवार नाज़िल होकर वहाँ के बाशिंदों को मार डालेगी। मुल्क की दौलत छीन ली जाएगी, और उस की बुनियादों को ढा दिया जाएगा। यह देखकर एथोपिया लरज़ उठेगा, | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:5 | क्योंकि उसके लोग भी तलवार की ज़द में आ जाएंगे। कई क़ौमों के अफ़राद मिसरियों के साथ हलाक हो जाएंगे। एथोपिया के, लिबिया के, लुदिया के, मिसर में बसनेवाले तमाम अजनबी क़ौमों के, कूब के और मेरे अहद की क़ौम इसराईल के लोग हलाक हो जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:6 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मिसर को सहारा देनेवाले सब गिर जाएंगे, और जिस ताक़त पर वह फ़ख़र करता है वह जाती रहेगी। शिमाल में मिजदाल से लेकर जुनूबी शहर असवान तक उन्हें तलवार मार डालेगी। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:7 | इर्दगिर्द के दीगर ममालिक की तरह मिसर भी वीरानो-सुनसान होगा, इर्दगिर्द के दीगर शहरों की तरह उसके शहर भी मलबे के ढेर होंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:8 | जब मैं मिसर में यों आग लगाकर उसके मददगारों को कुचल डालूँगा तो लोग जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:9 | अब तक एथोपिया अपने आपको महफ़ूज़ समझता है, लेकिन उस दिन मेरी तरफ़ से क़ासिद निकलकर उस मुल्क के बाशिंदों को ऐसी ख़बर पहुँचाएँगे जिससे वह थरथरा उठेंगे। क्योंकि क़ासिद कश्तियों में बैठकर दरियाए-नील के ज़रीए उन तक पहुँचेंगे और उन्हें इत्तला देंगे कि मिसर तबाह हो गया है। यह सुनकर वहाँ के लोग काँप उठेंगे। यक़ीन करो, यह दिन जल्द ही आनेवाला है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:10 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र के ज़रीए मैं मिसर की शानो-शौकत छीन लूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:11 | उसे फ़ौज समेत मिसर में लाया जाएगा ताकि उसे तबाह करे। तब अक़वाम में से सबसे ज़ालिम यह लोग अपनी तलवारों को चलाकर मुल्क को मक़तूलों से भर देंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:12 | मैं दरियाए-नील की शाख़ों को ख़ुश्क करूँगा और मिसर को फ़रोख़्त करके शरीर आदमियों के हवाले कर दूँगा। परदेसियों के ज़रीए मैं मुल्क और जो कुछ भी उसमें है तबाह कर दूँगा। यह मेरा, रब का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:13 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं मिसरी बुतों को बरबाद करूँगा और मेंफ़िस के मुजस्समे हटा दूँगा। मिसर में हुक्मरान नहीं रहेगा, और मैं मुल्क पर ख़ौफ़ तारी करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:15 | और मिसरी क़िले पलूसियम पर अपना ग़ज़ब नाज़िल करूँगा। हाँ, थीबस की शानो-शौकत नेस्तो-नाबूद हो जाएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:16 | मैं मिसर को नज़रे-आतिश करूँगा। तब पलूसियम दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत की तरह पेचो-ताब खाएगा, थीबस दुश्मन के क़ब्ज़े में आएगा और मेंफ़िस मुसलसल मुसीबत में फँसा रहेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:17 | दुश्मन की तलवार हीलियोपुलिस और बूबस्तिस के जवानों को मार डालेगी जबकि बची हुई औरतें ग़ुलाम बनकर जिलावतन हो जाएँगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:18 | तहफ़नहीस में दिन तारीक हो जाएगा जब मैं वहाँ मिसर के जुए को तोड़ दूँगा। वहीं उस की ज़बरदस्त ताक़त जाती रहेगी। घना बादल शहर पर छा जाएगा, और गिर्दो-नवाह की आबादियाँ क़ैदी बनकर जिलावतन हो जाएँगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:20 | यहूयाकीन बादशाह की जिलावतनी के ग्यारहवें साल में रब मुझसे हमकलाम हुआ। पहले महीने का सातवाँ दिन था। उसने फ़रमाया था, | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:21 | “ऐ आदमज़ाद, मैंने मिसरी बादशाह फ़िरौन का बाज़ू तोड़ डाला है। शफ़ा पाने के लिए लाज़िम था कि बाज़ू पर पट्टी बाँधी जाए, कि टूटी हुई हड्डी के साथ खपच्ची बाँधी जाए ताकि बाज़ू मज़बूत होकर तलवार चलाने के क़ाबिल हो जाए। लेकिन इस क़िस्म का इलाज हुआ नहीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:22 | चुनाँचे रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं मिसरी बादशाह फ़िरौन से निपटकर उसके दोनों बाज़ुओं को तोड़ डालूँगा, सेहतमंद बाज़ू को भी और टूटे हुए को भी। तब तलवार उसके हाथ से गिर जाएगी | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:24 | मैं शाहे-बाबल के बाज़ुओं को तक़वियत देकर उसे अपनी ही तलवार पकड़ा दूँगा। लेकिन फ़िरौन के बाज़ुओं को मैं तोड़ डालूँगा, और वह शाहे-बाबल के सामने मरनेवाले ज़ख़मी आदमी की तरह कराह उठेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 30:25 | शाहे-बाबल के बाज़ुओं को मैं तक़वियत दूँगा जबकि फ़िरौन के बाज़ू बेहिसो-हरकत हो जाएंगे। जिस वक़्त मैं अपनी तलवार को शाहे-बाबल को पकड़ा दूँगा और वह उसे मिसर के ख़िलाफ़ चलाएगा उस वक़्त लोग जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ। | |
Chapter 31
| Ezek | UrduGeoD | 31:1 | यहूयाकीन बादशाह की जिलावतनी के ग्यारहवें साल में रब मुझसे हमकलाम हुआ। तीसरे महीने का पहला दिन था। उसने फ़रमाया, | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:2 | “ऐ आदमज़ाद, मिसरी बादशाह फ़िरौन और उस की शानो-शौकत से कह, ‘कौन तुझ जैसा अज़ीम था? | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:3 | तू सरो का दरख़्त, लुबनान का देवदार का दरख़्त था, जिसकी ख़ूबसूरत और घनी शाख़ें जंगल को साया देती थीं। वह इतना बड़ा था कि उस की चोटी बादलों में ओझल थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:4 | पानी की कसरत ने उसे इतनी तरक़्क़ी दी, गहरे चश्मों ने उसे बड़ा बना दिया। उस की नदियाँ तने के चारों तरफ़ बहती थीं और फिर आगे जाकर खेत के बाक़ी तमाम दरख़्तों को भी सेराब करती थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:5 | चुनाँचे वह दीगर दरख़्तों से कहीं ज़्यादा बड़ा था। उस की शाख़ें बढ़ती और उस की टहनियाँ लंबी होती गईं। वाफ़िर पानी के बाइस वह ख़ूब फैलता गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:6 | तमाम परिंदे अपने घोंसले उस की शाख़ों में बनाते थे। उस की शाख़ों की आड़ में जंगली जानवरों के बच्चे पैदा होते, उसके साय में तमाम अज़ीम क़ौमें बसती थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:7 | चूँकि दरख़्त की जड़ों को पानी की कसरत मिलती थी इसलिए उस की लंबाई और शाख़ें क़ाबिले-तारीफ़ और ख़ूबसूरत बन गईं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:8 | बाग़े-ख़ुदा के देवदार के दरख़्त उसके बराबर नहीं थे। न जूनीपर की टहनियाँ, न चनार की शाख़ें उस की शाख़ों के बराबर थीं। बाग़े-ख़ुदा में कोई भी दरख़्त उस की ख़ूबसूरती का मुक़ाबला नहीं कर सकता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:9 | मैंने ख़ुद उसे मुतअद्दिद डालियाँ मुहैया करके ख़ूबसूरत बनाया था। अल्लाह के बाग़े-अदन के तमाम दीगर दरख़्त उससे रश्क खाते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:10 | लेकिन अब रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि जब दरख़्त इतना बड़ा हो गया कि उस की चोटी बादलों में ओझल हो गई तो वह अपने क़द पर फ़ख़र करके मग़रूर हो गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:11 | यह देखकर मैंने उसे अक़वाम के सबसे बड़े हुक्मरान के हवाले कर दिया ताकि वह उस की बेदीनी के मुताबिक़ उससे निपट ले। मैंने उसे निकाल दिया, | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:12 | तो अजनबी अक़वाम के सबसे ज़ालिम लोगों ने उसे टुकड़े टुकड़े करके ज़मीन पर छोड़ दिया। तब उस की शाख़ें पहाड़ों पर और तमाम वादियों में गिर गईं, उस की टहनियाँ टूटकर मुल्क की तमाम घाटियों में पड़ी रहीं। दुनिया की तमाम अक़वाम उसके साय में से निकलकर वहाँ से चली गईं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:13 | तमाम परिंदे उसके कटे हुए तने पर बैठ गए, तमाम जंगली जानवर उस की सूखी हुई शाख़ों पर लेट गए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:14 | यह इसलिए हुआ कि आइंदा पानी के किनारे पर लगा कोई भी दरख़्त इतना बड़ा न हो कि उस की चोटी बादलों में ओझल हो जाए और नतीजतन वह अपने आपको दूसरों से बरतर समझे। क्योंकि सबके लिए मौत और ज़मीन की गहराइयाँ मुक़र्रर हैं, सबको पाताल में उतरकर मुरदों के दरमियान बसना है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:15 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि जिस वक़्त यह दरख़्त पाताल में उतर गया उस दिन मैंने गहराइयों के चश्मों को उस पर मातम करने दिया और उनकी नदियों को रोक दिया ताकि पानी इतनी कसरत से न बहे। उस की ख़ातिर मैंने लुबनान को मातमी लिबास पहनाए। तब खुले मैदान के तमाम दरख़्त मुरझा गए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:16 | वह इतने धड़ाम से गिर गया जब मैंने उसे पाताल में उनके पास उतार दिया जो गढ़े में उतर चुके थे कि दीगर अक़वाम को धच्का लगा। लेकिन बाग़े-अदन के बाक़ी तमाम दरख़्तों को तसल्ली मिली। क्योंकि गो लुबनान के इन चीदा और बेहतरीन दरख़्तों को पानी की कसरत मिलती रही थी ताहम यह भी पाताल में उतर गए थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:17 | गो यह बड़े दरख़्त की ताक़त रहे थे और अक़वाम के दरमियान रहकर उसके साय में अपना घर बना लिया था तो भी यह बड़े दरख़्त के साथ वहाँ उतर गए जहाँ मक़तूल उनके इंतज़ार में थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 31:18 | ऐ मिसर, अज़मत और शान के लिहाज़ से बाग़े-अदन का कौन-सा दरख़्त तेरा मुक़ाबला कर सकता है? लेकिन तुझे बाग़े-अदन के दीगर दरख़्तों के साथ ज़मीन की गहराइयों में उतारा जाएगा। वहाँ तू नामख़तूनों और मक़तूलों के दरमियान पड़ा रहेगा। रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि यही फ़िरौन और उस की शानो-शौकत का अंजाम होगा’।” | |
Chapter 32
| Ezek | UrduGeoD | 32:1 | यहूयाकीन बादशाह के 12वें साल में रब मुझसे हमकलाम हुआ। 12वें महीने का पहला दिन था। मुझे यह पैग़ाम मिला, | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:2 | “ऐ आदमज़ाद, मिसर के बादशाह फ़िरौन पर मातमी गीत गाकर उसे बता, ‘गो अक़वाम के दरमियान तुझे जवान शेरबबर समझा जाता है, लेकिन दर-हक़ीक़त तू दरियाए-नील की शाख़ों में रहनेवाला अज़दहा है जो अपनी नदियों को उबलने देता और पाँवों से पानी को ज़ोर से हरकत में लाकर गदला कर देता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:3 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं मुतअद्दिद क़ौमों को जमा करके तेरे पास भेजूँगा ताकि तुझ पर जाल डालकर तुझे पानी से खींच निकालें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:4 | तब मैं तुझे ज़ोर से ख़ुश्की पर पटख़ दूँगा, खुले मैदान पर ही तुझे फेंक छोड़ूँगा। तमाम परिंदे तुझ पर बैठ जाएंगे, तमाम जंगली जानवर तुझे खा खाकर सेर हो जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:7 | जिस वक़्त मैं तेरी ज़िंदगी की बत्ती बुझा दूँगा उस वक़्त मैं आसमान को ढाँप दूँगा। सितारे तारीक हो जाएंगे, सूरज बादलों में छुप जाएगा और चाँद की रौशनी नज़र नहीं आएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:8 | जो कुछ भी आसमान पर चमकता-दमकता है उसे मैं तेरे बाइस तारीक कर दूँगा। तेरे पूरे मुल्क पर तारीकी छा जाएगी। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:9 | बहुत क़ौमों के दिल घबरा जाएंगे जब मैं तेरे अंजाम की ख़बर दीगर अक़वाम तक पहुँचाऊँगा, ऐसे ममालिक तक जिनसे तू नावाक़िफ़ है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:10 | मुतअद्दिद क़ौमों के सामने ही मैं तुझ पर तलवार चला दूँगा। यह देखकर उन पर दहशत तारी हो जाएगी, और उनके बादशाहों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। जिस दिन तू धड़ाम से गिर जाएगा उस दिन उन पर मरने का इतना ख़ौफ़ छा जाएगा कि वह बार बार काँप उठेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:12 | तेरी शानदार फ़ौज उसके सूरमाओं की तलवार से गिरकर हलाक हो जाएगी। दुनिया के सबसे ज़ालिम आदमी मिसर का ग़ुरूर और उस की तमाम शानो-शौकत ख़ाक में मिला देंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:13 | मैं वाफ़िर पानी के पास खड़े उसके मवेशी को भी बरबाद करूँगा। आइंदा यह पानी न इनसान, न हैवान के पाँवों से गदला होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:14 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि उस वक़्त मैं होने दूँगा कि उनका पानी साफ़-शफ़्फ़ाफ़ हो जाए और नदियाँ तेल की तरह बहने लगें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:15 | मैं मिसर को वीरानो-सुनसान करके हर चीज़ से महरूम करूँगा, मैं उसके तमाम बाशिंदों को मार डालूँगा। तब वह जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:16 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “लाज़िम है कि दर्जे-बाला मातमी गीत को गाया जाए। दीगर अक़वाम उसे गाएँ, वह मिसर और उस की शानो-शौकत पर मातम का यह गीत ज़रूर गाएँ।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:17 | यहूयाकीन बादशाह के 12वें साल में रब मुझसे हमकलाम हुआ। महीने का 15वाँ दिन था। उसने फ़रमाया, | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:18 | “ऐ आदमज़ाद, मिसर की शानो-शौकत पर वावैला कर। उसे दीगर अज़ीम अक़वाम के साथ पाताल में उतार दे। उसे उनके पास पहुँचा दे जो पहले गढ़े में पहुँच चुके हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:19 | मिसर को बता, ‘अब तेरी ख़ूबसूरती कहाँ गई? अब तू इसमें किसका मुक़ाबला कर सकता है? उतर जा! पाताल में नामख़तूनों के पास ही पड़ा रह।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:20 | क्योंकि लाज़िम है कि मिसरी मक़तूलों के बीच में ही गिरकर हलाक हो जाएँ। तलवार उन पर हमला करने के लिए खींची जा चुकी है। अब मिसर को उस की तमाम शानो-शौकत के साथ घसीटकर पाताल में ले जाओ! | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:21 | तब पाताल में बड़े सूरमे मिसर और उसके मददगारों का इस्तक़बाल करके कहेंगे, ‘लो, अब यह भी उतर आए हैं, यह भी यहाँ पड़े नामख़तूनों और मक़तूलों में शामिल हो गए हैं।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:22 | वहाँ असूर पहले से अपनी पूरी फ़ौज समेत पड़ा है, और उसके इर्दगिर्द तलवार के मक़तूलों की क़ब्रें हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:23 | असूर को पाताल के सबसे गहरे गढ़े में क़ब्रें मिल गईं, और इर्दगिर्द उस की फ़ौज दफ़न हुई है। पहले यह ज़िंदों के मुल्क में चारों तरफ़ दहशत फैलाते थे, लेकिन अब ख़ुद तलवार से हलाक हो गए हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:24 | वहाँ ऐलाम भी अपनी तमाम शानो-शौकत समेत पड़ा है। उसके इर्दगिर्द दफ़न हुए फ़ौजी तलवार की ज़द में आ गए थे। अब सब उतरकर नामख़तूनों में शामिल हो गए हैं, गो ज़िंदों के मुल्क में लोग उनसे शदीद दहशत खाते थे। अब वह भी पाताल में उतरे हुए दीगर लोगों की तरह अपनी रुसवाई भुगत रहे हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:25 | ऐलाम का बिस्तर मक़तूलों के दरमियान ही बिछाया गया है, और उसके इर्दगिर्द उस की तमाम शानदार फ़ौज को क़ब्रें मिल गई हैं। सब नामख़तून, सब मक़तूल हैं, गो ज़िंदों के मुल्क में लोग उनसे सख़्त दहशत खाते थे। अब वह भी पाताल में उतरे हुए दीगर लोगों की तरह अपनी रुसवाई भुगत रहे हैं। उन्हें मक़तूलों के दरमियान ही जगह मिल गई है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:26 | वहाँ मसक-तूबल भी अपनी तमाम शानो-शौकत समेत पड़ा है। उसके इर्दगिर्द दफ़न हुए फ़ौजी तलवार की ज़द में आ गए थे। अब सब नामख़तूनों में शामिल हो गए हैं, गो ज़िंदों के मुल्क में लोग उनसे शदीद दहशत खाते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:27 | और उन्हें उन सूरमाओं के पास जगह नहीं मिली जो क़दीम ज़माने में नामख़तूनों के दरमियान फ़ौत होकर अपने हथियारों के साथ पाताल में उतर आए थे और जिनके सरों के नीचे तलवार रखी गई। उनका क़ुसूर उनकी हड्डियों पर पड़ा रहता है, गो ज़िंदों के मुल्क में लोग इन जंगजुओं से दहशत खाते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:29 | अदोम पहले से अपने बादशाहों और रईसों समेत वहाँ पहुँच चुका होगा। गो वह पहले इतने ताक़तवर थे, लेकिन अब मक़तूलों में शामिल हैं, उन नामख़तूनों में जो पाताल में उतर गए हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:30 | इस तरह शिमाल के तमाम हुक्मरान और सैदा के तमाम बाशिंदे भी वहाँ आ मौजूद होंगे। वह भी मक़तूलों के साथ पाताल में उतर गए हैं। गो उनकी ज़बरदस्त ताक़त लोगों में दहशत फैलाती थी, लेकिन अब वह शरमिंदा हो गए हैं, अब वह नामख़तून हालत में मक़तूलों के साथ पड़े हैं। वह भी पाताल में उतरे हुए बाक़ी लोगों के साथ अपनी रुसवाई भुगत रहे हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 32:31 | तब फ़िरौन इन सबको देखकर तसल्ली पाएगा, गो उस की तमाम शानो-शौकत पाताल में उतर गई होगी। रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि फ़िरौन और उस की पूरी फ़ौज तलवार की ज़द में आ जाएंगे। | |
Chapter 33
| Ezek | UrduGeoD | 33:2 | “ऐ आदमज़ाद, अपने हमवतनों को यह पैग़ाम पहुँचा दे, ‘जब कभी मैं किसी मुल्क में जंग छेड़ता हूँ तो उस मुल्क के बाशिंदे अपने मर्दों में से एक को चुनकर अपना पहरेदार बना लेते हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:3 | पहरेदार की ज़िम्मादारी यह है कि ज्योंही दुश्मन नज़र आए त्योंही नरसिंगा बजाकर लोगों को आगाह करे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:4 | उस वक़्त जो नरसिंगे की आवाज़ सुनकर परवा न करे वह ख़ुद ज़िम्मादार ठहरेगा अगर दुश्मन उस पर हमला करके उसे क़त्ल करे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:5 | यह उसका अपना क़ुसूर होगा, क्योंकि उसने नरसिंगे की आवाज़ सुनने के बावुजूद परवा न की। लेकिन अगर वह पहरेदार की ख़बर मान ले तो अपनी जान को बचाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:6 | अब फ़र्ज़ करो कि पहरेदार दुश्मन को देखे लेकिन न नरसिंगा बजाए, न लोगों को आगाह करे। अगर नतीजे में कोई क़त्ल हो जाए तो वह अपने गुनाहों के बाइस ही मर जाएगा। लेकिन मैं पहरेदार को उस की मौत का ज़िम्मादार ठहराऊँगा।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:7 | ऐ आदमज़ाद, मैंने तुझे इसराईली क़ौम की पहरादारी करने की ज़िम्मादारी दी है। इसलिए लाज़िम है कि जब भी मैं कुछ फ़रमाऊँ तो तू मेरी सुनकर इसराईलियों को मेरी तरफ़ से आगाह करे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:8 | अगर मैं किसी बेदीन को बताना चाहूँ, ‘तू यक़ीनन मरेगा’ तो लाज़िम है कि तू उसे यह सुनाकर उस की ग़लत राह से आगाह करे। अगर तू ऐसा न करे तो गो बेदीन अपने गुनाहों के बाइस ही मरेगा ताहम मैं तुझे ही उस की मौत का ज़िम्मादार ठहराऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:9 | लेकिन अगर तू उसे उस की ग़लत राह से आगाह करे और वह न माने तो वह अपने गुनाहों के बाइस मरेगा, लेकिन तूने अपनी जान को बचाया होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:10 | ऐ आदमज़ाद, इसराईलियों को बता, तुम आहें भर भरकर कहते हो, ‘हाय हम अपने जरायम और गुनाहों के बाइस गल-सड़कर तबाह हो रहे हैं। हम किस तरह जीते रहें?’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:11 | लेकिन रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘मेरी हयात की क़सम, मैं बेदीन की मौत से ख़ुश नहीं होता बल्कि मैं चाहता हूँ कि वह अपनी ग़लत राह से हटकर ज़िंदा रहे। चुनाँचे तौबा करो! अपनी ग़लत राहों को तर्क करके वापस आओ! ऐ इसराईली क़ौम, क्या ज़रूरत है कि तू मर जाए?’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:12 | ऐ आदमज़ाद, अपने हमवतनों को बता, ‘अगर रास्तबाज़ ग़लत काम करे तो यह बात उसे नहीं बचाएगी कि पहले रास्तबाज़ था। अगर वह गुनाह करे तो उसे ज़िंदा नहीं छोड़ा जाएगा। इसके मुक़ाबले में अगर बेदीन अपनी बेदीनी से तौबा करके वापस आए तो यह बात उस की तबाही का बाइस नहीं बनेगी कि पहले बेदीन था।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:13 | हो सकता है मैं रास्तबाज़ को बताऊँ, ‘तू ज़िंदा रहेगा।’ अगर वह यह सुनकर समझने लगे, ‘मेरी रास्तबाज़ी मुझे हर सूरत में बचाएगी’ और नतीजे में ग़लत काम करे तो मैं उसके तमाम रास्त कामों का लिहाज़ नहीं करूँगा बल्कि उसके ग़लत काम के बाइस उसे सज़ाए-मौत दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:14 | लेकिन फ़र्ज़ करो मैं किसी बेदीन आदमी को बताऊँ, ‘तू यक़ीनन मरेगा।’ हो सकता है वह यह सुनकर अपने गुनाह से तौबा करके इनसाफ़ और रास्तबाज़ी करने लगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:15 | वह अपने क़र्ज़दार को वह कुछ वापस करे जो ज़मानत के तौर पर मिला था, वह चोरी हुई चीज़ें वापस कर दे, वह ज़िंदगीबख़्श हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारे, ग़रज़ वह हर बुरे काम से गुरेज़ करे। इस सूरत में वह मरेगा नहीं बल्कि ज़िंदा ही रहेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:16 | जो भी गुनाह उससे सरज़द हुए थे वह मैं याद नहीं करूँगा। चूँकि उसने बाद में वह कुछ किया जो मुंसिफ़ाना और रास्त था इसलिए वह यक़ीनन ज़िंदा रहेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:17 | तेरे हमवतन एतराज़ करते हैं कि रब का सुलूक सहीह नहीं है जबकि उनका अपना सुलूक सहीह नहीं है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:19 | इसके मुक़ाबले में अगर बेदीन अपना बेदीन चाल-चलन छोड़कर वह कुछ करने लगे जो मुंसिफ़ाना और रास्त है तो वह इस बिना पर ज़िंदा रहेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:20 | ऐ इसराईलियो, तुम दावा करते हो कि रब का सुलूक सहीह नहीं है। लेकिन ऐसा हरगिज़ नहीं है! तुम्हारी अदालत करते वक़्त मैं हर एक के चाल-चलन का ख़याल करूँगा।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:21 | यहूयाकीन बादशाह की जिलावतनी के 12वें साल में एक आदमी मेरे पास आया। 10वें महीने का पाँचवाँ दिन था। यह आदमी यरूशलम से भाग निकला था। उसने कहा, “यरूशलम दुश्मन के क़ब्ज़े में आ गया है!” | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:22 | एक दिन पहले रब का हाथ शाम के वक़्त मुझ पर आया था, और अगले दिन जब यह आदमी सुबह के वक़्त पहुँचा तो रब ने मेरे मुँह को खोल दिया, और मैं दुबारा बोल सका। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:24 | “ऐ आदमज़ाद, मुल्के-इसराईल के खंडरात में रहनेवाले लोग कह रहे हैं, ‘गो इब्राहीम सिर्फ़ एक आदमी था तो भी उसने पूरे मुल्क पर क़ब्ज़ा किया। उस की निसबत हम बहुत हैं, इसलिए लाज़िम है कि हमें यह मुल्क हासिल हो।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:25 | उन्हें बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि तुम गोश्त खाते हो जिसमें ख़ून है, तुम्हारे हाँ बुतपरस्ती और ख़ूनरेज़ी आम है। तो फिर मुल्क किस तरह तुम्हें हासिल हो सकता है? | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:26 | तुम अपनी तलवार पर भरोसा रखकर क़ाबिले-घिन हरकतें करते हो, हत्ता कि हर एक अपने पड़ोसी की बीवी से ज़िना करता है। तो फिर मुल्क किस तरह तुम्हें हासिल हो सकता है?’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:27 | उन्हें बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मेरी हयात की क़सम, जो इसराईल के खंडरात में रहते हैं वह तलवार की ज़द में आकर हलाक हो जाएंगे, जो बचकर खुले मैदान में जा बसे हैं उन्हें मैं दरिंदों को खिला दूँगा, और जिन्होंने पहाड़ी क़िलों और ग़ारों में पनाह ली है वह मोहलक बीमारियों का शिकार हो जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:28 | मैं मुल्क को वीरानो-सुनसान कर दूँगा। जिस ताक़त पर वह फ़ख़र करते हैं वह जाती रहेगी। इसराईल का पहाड़ी इलाक़ा भी इतना तबाह हो जाएगा कि लोग उसमें से गुज़रने से गुरेज़ करेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:29 | फिर जब मैं मुल्क को उनकी मकरूह हरकतों के बाइस वीरानो-सुनसान कर दूँगा तब वह जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:30 | ऐ आदमज़ाद, तेरे हमवतन अपने घरों की दीवारों और दरवाज़ों के पास खड़े होकर तेरा ज़िक्र करते हैं। वह कहते हैं, ‘आओ, हम नबी के पास जाकर वह पैग़ाम सुनें जो रब की तरफ़ से आया है।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:31 | लेकिन गो इन लोगों के हुजूम आकर तेरे पैग़ामात सुनने के लिए तेरे सामने बैठ जाते हैं तो भी वह उन पर अमल नहीं करते। क्योंकि उनकी ज़बान पर इश्क़ के ही गीत हैं। उन्हीं पर वह अमल करते हैं, जबकि उनका दिल नारवा नफ़ा के पीछे पड़ा रहता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 33:32 | असल में वह तेरी बातें यों सुनते हैं जिस तरह किसी गुलूकार के गीत जो महारत से साज़ बजाकर सुरीली आवाज़ से इश्क़ के गीत गाए। गो वह तेरी बातें सुनकर ख़ुश हो जाते हैं तो भी उन पर अमल नहीं करते। | |
Chapter 34
| Ezek | UrduGeoD | 34:2 | “ऐ आदमज़ाद, इसराईल के गल्लाबानों के ख़िलाफ़ नबुव्वत कर! उन्हें बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि इसराईल के गल्लाबानों पर अफ़सोस जो सिर्फ़ अपनी ही फ़िकर करते हैं। क्या गल्लाबान को रेवड़ की फ़िकर नहीं करनी चाहिए? | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:3 | तुम भेड़-बकरियों का दूध पीते, उनकी ऊन के कपड़े पहनते और बेहतरीन जानवरों का गोश्त खाते हो। तो भी तुम रेवड़ की देख-भाल नहीं करते! | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:4 | न तुमने कमज़ोरों को तक़वियत, न बीमारों को शफ़ा दी या ज़ख़मियों की मरहम-पट्टी की। न तुम आवारा फिरनेवालों को वापस लाए, न गुमशुदा जानवरों को तलाश किया बल्कि सख़्ती और ज़ालिमाना तरीक़े से उन पर हुकूमत करते रहे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:5 | गल्लाबान न होने की वजह से भेड़-बकरियाँ तित्तर-बित्तर होकर दरिंदों का शिकार हो गईं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:6 | मेरी भेड़-बकरियाँ तमाम पहाड़ों और बुलंद जगहों पर आवारा फिरती रहीं। सारी ज़मीन पर वह मुंतशिर हो गईं, और कोई नहीं था जो उन्हें ढूँडकर वापस लाता। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:8 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मेरी हयात की क़सम, मेरी भेड़-बकरियाँ लुटेरों का शिकार और तमाम दरिंदों की ग़िज़ा बन गई हैं। उनकी देख-भाल करनेवाला कोई नहीं है। मेरे गल्लाबान मेरे रेवड़ को ढूँडकर वापस नहीं लाते बल्कि सिर्फ़ अपना ही ख़याल करते हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:10 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं गल्लाबानों से निपटकर उन्हें अपनी भेड़-बकरियों के लिए ज़िम्मादार ठहराऊँगा। तब मैं उन्हें गल्लाबानी की ज़िम्मादारी से फ़ारिग़ करूँगा ताकि सिर्फ़ अपना ही ख़याल करने का सिलसिला ख़त्म हो जाए। मैं अपनी भेड़-बकरियों को उनके मुँह से निकालकर बचाऊँगा ताकि आइंदा वह उन्हें न खाएँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:11 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि आइंदा मैं ख़ुद अपनी भेड़-बकरियों को ढूँडकर वापस लाऊँगा, ख़ुद उनकी देख-भाल करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:12 | जिस तरह चरवाहा चारों तरफ़ बिखरी हुई अपनी भेड़-बकरियों को इकट्ठा करके उनकी देख-भाल करता है उसी तरह मैं अपनी भेड़-बकरियों की देख-भाल करूँगा। मैं उन्हें उन तमाम मक़ामों से निकालकर बचाऊँगा जहाँ उन्हें घने बादलों और तारीकी के दिन मुंतशिर कर दिया गया था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:13 | मैं उन्हें दीगर अक़वाम और ममालिक में से निकालकर जमा करूँगा और उन्हें उनके अपने मुल्क में वापस लाकर इसराईल के पहाड़ों, घाटियों और तमाम आबादियों में चराऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:14 | तब मैं अच्छी चरागाहों में उनकी देख-भाल करूँगा, और वह इसराईल की बुलंदियों पर ही चरेंगी। वहाँ वह सरसब्ज़ मैदानों में आराम करके इसराईल के पहाड़ों पर बेहतरीन घास चरेंगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:15 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं ख़ुद अपनी भेड़-बकरियों की देख-भाल करूँगा, ख़ुद उन्हें बिठाऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:16 | मैं गुमशुदा भेड़-बकरियों का खोज लगाऊँगा और आवारा फिरनेवालों को वापस लाऊँगा। मैं ज़ख़मियों की मरहम-पट्टी करूँगा और कमज़ोरों को तक़वियत दूँगा। लेकिन मोटे-ताज़े और ताक़तवर जानवरों को मैं ख़त्म करूँगा। मैं इनसाफ़ से रेवड़ की गल्लाबानी करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:17 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ मेरे रेवड़, जहाँ भेड़ों, मेंढों और बकरों के दरमियान नाइनसाफ़ी है वहाँ मैं उनकी अदालत करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:18 | क्या यह तुम्हारे लिए काफ़ी नहीं कि तुम्हें खाने के लिए चरागाह का बेहतरीन हिस्सा और पीने के लिए साफ़-शफ़्फ़ाफ़ पानी मिल गया है? तुम बाक़ी चरागाह को क्यों रौंदते और बाक़ी पानी को पाँवों से गदला करते हो? | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:20 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि जहाँ मोटी और दुबली भेड़-बकरियों के दरमियान नाइनसाफ़ी है वहाँ मैं ख़ुद फ़ैसला करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:21 | क्योंकि तुम मोटी भेड़ों ने कमज़ोरों को कंधों से धक्का देकर और सींगों से मार मारकर अच्छी घास से भगा दिया है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:22 | लेकिन मैं अपनी भेड़-बकरियों को तुमसे बचा लूँगा। आइंदा उन्हें लूटा नहीं जाएगा बल्कि मैं ख़ुद उनमें इनसाफ़ क़ायम रखूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:23 | मैं उन पर एक ही गल्लाबान यानी अपने ख़ादिम दाऊद को मुक़र्रर करूँगा जो उन्हें चराकर उनकी देख-भाल करेगा। वही उनका सहीह चरवाहा रहेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:24 | मैं, रब उनका ख़ुदा हूँगा और मेरा ख़ादिम दाऊद उनके दरमियान उनका हुक्मरान होगा। यह मेरा, रब का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:25 | मैं इसराईलियों के साथ सलामती का अहद बाँधकर दरिंदों को मुल्क से निकाल दूँगा। फिर वह हिफ़ाज़त से सो सकेंगे, ख़ाह रेगिस्तान में हों या जंगल में। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:26 | मैं उन्हें और अपने पहाड़ के इर्दगिर्द के इलाक़े को बरकत दूँगा। मैं मुल्क में वक़्त पर बारिश बरसाता रहूँगा। ऐसी मुबारक बारिशें होंगी | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:27 | कि मुल्क के बाग़ों और खेतों में ज़बरदस्त फ़सलें पकेंगी। लोग अपने मुल्क में महफ़ूज़ होंगे। फिर जब मैं उनके जुए को तोड़कर उन्हें उनसे रिहाई दूँगा जिन्होंने उन्हें ग़ुलाम बनाया था तब वह जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:28 | आइंदा न दीगर अक़वाम उन्हें लूटेंगी, न वह दरिंदों की ख़ुराक बनेंगे बल्कि वह हिफ़ाज़त से अपने घरों में बसेंगे। डरानेवाला कोई नहीं होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:29 | मेरे हुक्म पर ज़मीन ऐसी फ़सलें पैदा करेगी जिनकी शोहरत दूर दूर तक फैलेगी। आइंदा न वह भूके मरेंगे, न उन्हें दीगर अक़वाम की लान-तान सुननी पड़ेगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 34:30 | रब क़ादिरे-मुतलक़ ख़ुदा फ़रमाता है कि उस वक़्त वह जान लेंगे कि मैं जो रब उनका ख़ुदा हूँ उनके साथ हूँ, कि इसराईली मेरी क़ौम हैं। | |
Chapter 35
| Ezek | UrduGeoD | 35:3 | उसे बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ सईर के पहाड़ी इलाक़े, अब मैं तुझसे निपट लूँगा। मैं अपना हाथ तेरे ख़िलाफ़ उठाकर तुझे वीरानो-सुनसान कर दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 35:4 | मैं तेरे शहरों को मलबे के ढेर बना दूँगा, और तू सरासर उजड़ जाएगा। तब तू जान लेगा कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 35:5 | तू हमेशा इसराईलियों का सख़्त दुश्मन रहा है, और जब उन पर आफ़त आई और उनकी सज़ा उरूज तक पहुँची तो तू भी तलवार लेकर उन पर टूट पड़ा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 35:6 | इसलिए रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मेरी हयात की क़सम, मैं तुझे क़त्लो-ग़ारत के हवाले करूँगा, और क़त्लो-ग़ारत तेरा ताक़्क़ुब करती रहेगी। चूँकि तूने क़त्लो-ग़ारत करने से नफ़रत न की, इसलिए क़त्लो-ग़ारत तेरे पीछे पड़ी रहेगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 35:7 | मैं सईर के पहाड़ी इलाक़े को वीरानो-सुनसान करके वहाँ के तमाम आने जानेवालों को मिटा डालूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 35:8 | तेरे पहाड़ी इलाक़े को मैं मक़तूलों से भर दूँगा। तलवार की ज़द में आनेवाले हर तरफ़ पड़े रहेंगे। तेरी पहाड़ियों, वादियों और तमाम घाटियों में लाशें नज़र आएँगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 35:9 | मेरे हुक्म पर तू अबद तक वीरान रहेगा, और तेरे शहर ग़ैरआबाद रहेंगे। तब तू जान लेगा कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 35:10 | तू बोला, “इसराईल और यहूदाह की दोनों क़ौमें अपने इलाक़ों समेत मेरी ही हैं! आओ हम उन पर क़ब्ज़ा करें।” तुझे ख़याल तक नहीं आया कि रब वहाँ मौजूद है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 35:11 | इसलिए रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मेरी हयात की क़सम, मैं तुझसे वही सुलूक करूँगा जो तूने उनसे किया जब तूने ग़ुस्से और हसद के आलम में उन पर अपनी पूरी नफ़रत का इज़हार किया। लेकिन उन्हीं पर मैं अपने आपको ज़ाहिर करूँगा जब मैं तेरी अदालत करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 35:12 | उस वक़्त तू जान लेगा कि मैं, रब ने वह तमाम कुफ़र सुन लिया है जो तूने इसराईल के पहाड़ों के ख़िलाफ़ बका है। क्योंकि तूने कहा, “यह उजड़ गए हैं, अब यह हमारे क़ब्ज़े में आ गए हैं और हम उन्हें खा सकते हैं।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 35:13 | तूने शेख़ी मार मारकर मेरे ख़िलाफ़ कुफ़र बका है, लेकिन ख़बरदार! मैंने इन तमाम बातों पर तवज्जुह दी है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 35:14 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि तूने ख़ुशी मनाई कि पूरा मुल्क वीरानो-सुनसान है, लेकिन मैं तुझे भी उतना ही वीरान कर दूँगा। | |
Chapter 36
| Ezek | UrduGeoD | 36:1 | ऐ आदमज़ाद, इसराईल के पहाड़ों के बारे में नबुव्वत करके कह, ‘ऐ इसराईल के पहाड़ो, रब का कलाम सुनो! | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:2 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि दुश्मन बग़लें बजाकर कहता है कि क्या ख़ूब, इसराईल की क़दीम बुलंदियाँ हमारे क़ब्ज़े में आ गई हैं! | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:3 | क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि उन्होंने तुम्हें उजाड़ दिया, तुम्हें चारों तरफ़ से तंग किया है। नतीजे में तुम दीगर अक़वाम के क़ब्ज़े में आ गई हो और लोग तुम पर कुफ़र बकने लगे हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:4 | चुनाँचे ऐ इसराईल के पहाड़ो, रब क़ादिरे-मुतलक़ का कलाम सुनो! रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ पहाड़ो और पहाड़ियो, ऐ घाटियो और वादियो, ऐ खंडरात और इनसान से ख़ाली शहरो, तुम गिर्दो-नवाह की अक़वाम के लिए लूट-मार और मज़ाक़ का निशाना बन गए हो। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:5 | इसलिए रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैंने बड़ी ग़ैरत से इन बाक़ी अक़वाम की सरज़निश की है, ख़ासकर अदोम की। क्योंकि वह मेरी क़ौम का नुक़सान देखकर शादियाना बजाने लगीं और अपनी हिक़ारत का इज़हार करके मेरे मुल्क पर क़ब्ज़ा किया ताकि उस की चरागाह को लूट लें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:6 | ऐ पहाड़ो और पहाड़ियो, ऐ घाटियो और वादियो, रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि चूँकि दीगर अक़वाम ने तेरी इतनी रुसवाई की है इसलिए मैं अपनी ग़ैरत और अपना ग़ज़ब उन पर नाज़िल करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:7 | मैं रब क़ादिरे-मुतलक़ अपना हाथ उठाकर क़सम खाता हूँ कि गिर्दो-नवाह की इन अक़वाम की भी रुसवाई की जाएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:8 | लेकिन ऐ इसराईल के पहाड़ो, तुम पर दुबारा हरियाली फले-फूलेगी। तुम नए सिरे से मेरी क़ौम इसराईल के लिए फल लाओगे, क्योंकि वह जल्द ही वापस आनेवाली है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:9 | मैं दुबारा तुम्हारी तरफ़ रुजू करूँगा, दुबारा तुम पर मेहरबानी करूँगा। तब लोग नए सिरे से तुम पर हल चलाकर बीज बोएँगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:10 | मैं तुम पर की आबादी बढ़ा दूँगा। क्योंकि तमाम इसराईली आकर तुम्हारी ढलानों पर अपने घर बना लेंगे। तुम्हारे शहर दुबारा आबाद हो जाएंगे, और खंडरात की जगह नए घर बन जाएंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:11 | मैं तुम पर बसनेवाले इनसानो-हैवान की तादाद बढ़ा दूँगा, और वह बढ़कर फलें-फूलेंगे। मैं होने दूँगा कि तुम्हारे इलाक़े में माज़ी की तरह आबादी होगी, पहले की निसबत मैं तुम पर कहीं ज़्यादा मेहरबानी करूँगा। तब तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:12 | मैं अपनी क़ौम इसराईल को तुम्हारे पास पहुँचा दूँगा, और वह दुबारा तुम्हारी ढलानों पर घूमते फिरेंगे। वह तुम पर क़ब्ज़ा करेंगे, और तुम उनकी मौरूसी ज़मीन होगे। आइंदा कभी तुम उन्हें उनकी औलाद से महरूम नहीं करोगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:13 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि बेशक लोग तुम्हारे बारे में कहते हैं कि तुम लोगों को हड़प करके अपनी क़ौम को उस की औलाद से महरूम कर देते हो। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:14 | लेकिन आइंदा ऐसा नहीं होगा। आइंदा तुम न आदमियों को हड़प करोगे, न अपनी क़ौम को उस की औलाद से महरूम करोगे। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:15 | मैं ख़ुद होने दूँगा कि आइंदा तुम्हें दीगर अक़वाम की लान-तान नहीं सुननी पड़ेगी। आइंदा तुम्हें उनका मज़ाक़ बरदाश्त नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि ऐसा कभी होगा नहीं कि तुम अपनी क़ौम के लिए ठोकर का बाइस हो। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:17 | “ऐ आदमज़ाद, जब इसराईली अपने मुल्क में आबाद थे तो मुल्क उनके चाल-चलन और हरकतों से नापाक हुआ। वह अपने बुरे रवय्ये के बाइस मेरी नज़र में माहवारी में मुब्तला औरत की तरह नापाक थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:18 | उनके हाथों लोग क़त्ल हुए, उनकी बुतपरस्ती से मुल्क नापाक हो गया। जवाब में मैंने उन पर अपना ग़ज़ब नाज़िल किया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:19 | मैंने उन्हें मुख़्तलिफ़ अक़वामो-ममालिक में मुंतशिर करके उनके चाल-चलन और ग़लत कामों की मुनासिब सज़ा दी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:20 | लेकिन जहाँ भी वह पहुँचे वहाँ उन्हीं के सबब से मेरे मुक़द्दस नाम की बेहुरमती हुई। क्योंकि जिनसे भी उनकी मुलाक़ात हुई उन्होंने कहा, ‘गो यह रब की क़ौम हैं तो भी इन्हें उसके मुल्क को छोड़ना पड़ा!’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:21 | यह देखकर कि जिस क़ौम में भी इसराईली जा बसे वहाँ उन्होंने मेरे मुक़द्दस नाम की बेहुरमती की मैं अपने नाम की फ़िकर करने लगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:22 | इसलिए इसराईली क़ौम को बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि जो कुछ मैं करनेवाला हूँ वह मैं तेरी ख़ातिर नहीं करूँगा बल्कि अपने मुक़द्दस नाम की ख़ातिर। क्योंकि तुमने दीगर अक़वाम में मुंतशिर होकर उस की बेहुरमती की है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:23 | मैं ज़ाहिर करूँगा कि मेरा अज़ीम नाम कितना मुक़द्दस है। तुमने दीगर अक़वाम के दरमियान रहकर उस की बेहुरमती की है, लेकिन मैं उनकी मौजूदगी में तुम्हारी मदद करके अपना मुक़द्दस किरदार उन पर ज़ाहिर करूँगा। तब वह जान लेंगी कि मैं ही रब हूँ। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:24 | मैं तुम्हें दीगर अक़वामो-ममालिक से निकाल दूँगा और तुम्हें जमा करके तुम्हारे अपने मुल्क में वापस लाऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:25 | मैं तुम पर साफ़ पानी छिड़कूँगा तो तुम पाक-साफ़ हो जाओगे। हाँ, मैं तुम्हें तमाम नापाकियों और बुतों से पाक-साफ़ कर दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:26 | तब मैं तुम्हें नया दिल बख़्शकर तुममें नई रूह डाल दूँगा। मैं तुम्हारा संगीन दिल निकालकर तुम्हें गोश्त-पोस्त का नरम दिल अता करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:27 | क्योंकि मैं अपना ही रूह तुममें डालकर तुम्हें इस क़ाबिल बना दूँगा कि तुम मेरी हिदायात की पैरवी और मेरे अहकाम पर ध्यान से अमल कर सको। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:28 | तब तुम दुबारा उस मुल्क में सुकूनत करोगे जो मैंने तुम्हारे बापदादा को दिया था। तुम मेरी क़ौम होगे, और मैं तुम्हारा ख़ुदा हूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:29 | मैं ख़ुद तुम्हें तुम्हारी तमाम नापाकी से छुड़ाऊँगा। आइंदा मैं तुम्हारे मुल्क में काल पड़ने नहीं दूँगा बल्कि अनाज को उगने और बढ़ने का हुक्म दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:30 | मैं बाग़ों और खेतों की पैदावार बढ़ा दूँगा ताकि आइंदा तुम्हें मुल्क में काल पड़ने के बाइस दीगर क़ौमों के ताने सुनने न पड़ें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:31 | तब तुम्हारी बुरी राहें और ग़लत हरकतें तुम्हें याद आएँगी, और तुम अपने गुनाहों और बुतपरस्ती के बाइस अपने आपसे घिन खाओगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:32 | लेकिन याद रहे कि मैं यह सब कुछ तुम्हारी ख़ातिर नहीं कर रहा। रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ इसराईली क़ौम, शर्म करो! अपने चाल-चलन पर शर्मसार हो! | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:33 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि जिस दिन मैं तुम्हें तुम्हारे तमाम गुनाहों से पाक-साफ़ करूँगा उस दिन मैं तुम्हें दुबारा तुम्हारे शहरों में आबाद करूँगा। तब खंडरात पर नए घर बनेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:34 | गो इस वक़्त मुल्क में से गुज़रनेवाले हर मुसाफ़िर को उस की तबाहशुदा हालत नज़र आती है, लेकिन उस वक़्त ऐसा नहीं होगा बल्कि ज़मीन की खेतीबाड़ी की जाएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:35 | लोग यह देखकर कहेंगे, “पहले सब कुछ वीरानो-सुनसान था, लेकिन अब मुल्क बाग़े-अदन बन गया है! पहले उसके शहर ज़मीनबोस थे और उनकी जगह मलबे के ढेर नज़र आते थे। लेकिन अब उनकी नए सिरे से क़िलाबंदी हो गई है और लोग उनमें आबाद हैं।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:36 | फिर इर्दगिर्द की जितनी क़ौमें बच गई होंगी वह जान लेंगी कि मैं, रब ने नए सिरे से वह कुछ तामीर किया है जो पहले ढा दिया गया था, मैंने वीरान ज़मीन में दुबारा पौदे लगाए हैं। यह मेरा, रब का फ़रमान है, और मैं यह करूँगा भी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 36:37 | क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि एक बार फिर मैं इसराईली क़ौम की इल्तिजाएँ सुनकर बाशिंदों की तादाद रेवड़ की तरह बढ़ा दूँगा। | |
Chapter 37
| Ezek | UrduGeoD | 37:1 | एक दिन रब का हाथ मुझ पर आ ठहरा। रब ने मुझे अपने रूह से बाहर ले जाकर एक खुली वादी के बीच में खड़ा किया। वादी हड्डियों से भरी थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:2 | उसने मुझे उनमें से गुज़रने दिया तो मैंने देखा कि वादी की ज़मीन पर बेशुमार हड्डियाँ बिखरी पड़ी हैं। यह हड्डियाँ सरासर सूखी हुई थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:3 | रब ने मुझसे पूछा, “ऐ आदमज़ाद, क्या यह हड्डियाँ दुबारा ज़िंदा हो सकती हैं?” मैंने जवाब दिया, “ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, तू ही जानता है।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:4 | तब उसने फ़रमाया, “नबुव्वत करके हड्डियों को बता, ‘ऐ सूखी हुई हड्डियो, रब का कलाम सुनो! | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:5 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं तुममें दम डालूँगा तो तुम दुबारा ज़िंदा हो जाओगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:6 | मैं तुम पर नसें और गोश्त चढ़ाकर सब कुछ जिल्द से ढाँप दूँगा। मैं तुममें दम डाल दूँगा, और तुम ज़िंदा हो जाओगी। तब तुम जान लोगी कि मैं ही रब हूँ’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:7 | मैंने ऐसा ही किया। और ज्योंही मैं नबुव्वत करने लगा तो शोर मच गया। हड्डियाँ खड़खड़ाते हुए एक दूसरी के साथ जुड़ गईं, और होते होते पूरे ढाँचे बन गए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:8 | मेरे देखते देखते नसें और गोश्त ढाँचों पर चढ़ गया और सब कुछ जिल्द से ढाँपा गया। लेकिन अब तक जिस्मों में दम नहीं था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:9 | फिर रब ने फ़रमाया, “ऐ आदमज़ाद, नबुव्वत करके दम से मुख़ातिब हो जा, ‘ऐ दम, रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि चारों तरफ़ से आकर मक़तूलों पर फूँक मार ताकि दुबारा ज़िंदा हो जाएँ’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:10 | मैंने ऐसा ही किया तो मक़तूलों में दम आ गया, और वह ज़िंदा होकर अपने पाँवों पर खड़े हो गए। एक निहायत बड़ी फ़ौज वुजूद में आ गई थी! | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:11 | तब रब ने फ़रमाया, “ऐ आदमज़ाद, यह हड्डियाँ इसराईली क़ौम के तमाम अफ़राद हैं। वह कहते हैं, ‘हमारी हड्डियाँ सूख गई हैं, हमारी उम्मीद जाती रही है। हम ख़त्म ही हो गए हैं!’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:12 | चुनाँचे नबुव्वत करके उन्हें बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ मेरी क़ौम, मैं तुम्हारी क़ब्रों को खोल दूँगा और तुम्हें उनमें से निकालकर मुल्के-इसराईल में वापस लाऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:13 | ऐ मेरी क़ौम, जब मैं तुम्हारी क़ब्रों को खोल दूँगा और तुम्हें उनमें से निकाल लाऊँगा तब तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:14 | मैं अपना रूह तुममें डाल दूँगा तो तुम ज़िंदा हो जाओगे। फिर मैं तुम्हें तुम्हारे अपने मुल्क में बसा दूँगा। तब तुम जान लोगे कि यह मेरा, रब का फ़रमान है और मैं यह करूँगा भी’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:16 | “ऐ आदमज़ाद, लकड़ी का टुकड़ा लेकर उस पर लिख दे, ‘जुनूबी क़बीला यहूदाह और जितने इसराईली क़बीले उसके साथ मुत्तहिद हैं।’ फिर लकड़ी का एक और टुकड़ा लेकर उस पर लिख दे, ‘शिमाली क़बीला यूसुफ़ यानी इफ़राईम और जितने इसराईली क़बीले उसके साथ मुत्तहिद हैं।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:17 | अब लकड़ी के दोनों टुकड़े एक दूसरे के साथ यों जोड़ दे कि तेरे हाथ में एक हो जाएँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:19 | तब उन्हें बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं यूसुफ़ यानी लकड़ी के मालिक इफ़राईम और उसके साथ मुत्तहिद इसराईली क़बीलों को लेकर यहूदाह की लकड़ी के साथ जोड़ दूँगा। मेरे हाथ में वह लकड़ी का एक ही टुकड़ा बन जाएंगे।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:21 | और साथ साथ उन्हें बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं इसराईलियों को उन क़ौमों में से निकाल लाऊँगा जहाँ वह जा बसे हैं। मैं उन्हें जमा करके उनके अपने मुल्क में वापस लाऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:22 | वहीं इसराईल के पहाड़ों पर मैं उन्हें मुत्तहिद करके एक ही क़ौम बना दूँगा। उन पर एक ही बादशाह हुकूमत करेगा। आइंदा वह न कभी दो क़ौमों में तक़सीम हो जाएंगे, न दो सलतनतों में। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:23 | आइंदा वह अपने आपको न अपने बुतों या बाक़ी मकरूह चीज़ों से नापाक करेंगे, न उन गुनाहों से जो अब तक करते आए हैं। मैं उन्हें उन तमाम मक़ामों से निकालकर छुड़ाऊँगा जिनमें उन्होंने गुनाह किया है। मैं उन्हें पाक-साफ़ करूँगा। यों वह मेरी क़ौम होंगे और मैं उनका ख़ुदा हूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:24 | मेरा ख़ादिम दाऊद उनका बादशाह होगा, उनका एक ही गल्लाबान होगा। तब वह मेरी हिदायात के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारेंगे और ध्यान से मेरे अहकाम पर अमल करेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:25 | जो मुल्क मैंने अपने ख़ादिम याक़ूब को दिया था और जिसमें तुम्हारे बापदादा रहते थे उसमें इसराईली दुबारा बसेंगे। हाँ, वह और उनकी औलाद हमेशा तक उसमें आबाद रहेंगे, और मेरा ख़ादिम दाऊद अबद तक उन पर हुकूमत करेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:26 | तब मैं उनके साथ सलामती का अहद बाँधूँगा, एक ऐसा अहद जो हमेशा तक क़ायम रहेगा। मैं उन्हें क़ायम करके उनकी तादाद बढ़ाता जाऊँगा, और मेरा मक़दिस अबद तक उनके दरमियान रहेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 37:27 | वह मेरी सुकूनतगाह के साय में बसेंगे। मैं उनका ख़ुदा हूँगा, और वह मेरी क़ौम होंगे। | |
Chapter 38
| Ezek | UrduGeoD | 38:2 | “ऐ आदमज़ाद, मुल्के-माजूज के हुक्मरान जूज की तरफ़ रुख़ कर जो मसक और तूबल का आला रईस है। उसके ख़िलाफ़ नबुव्वत करके | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:3 | कह, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ मसक और तूबल के आला रईस जूज, अब मैं तुझसे निपट लूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:4 | मैं तेरे मुँह को फेर दूँगा, तेरे मुँह में काँटे डालकर तुझे पूरी फ़ौज समेत निकाल दूँगा। शानदार वरदियों से आरास्ता तेरे तमाम घुड़सवार और फ़ौजी अपने घोड़ों समेत निकल आएँगे, गो तेरी बड़ी फ़ौज के मर्द छोटी और बड़ी ढालें उठाए फिरेंगे, और हर एक तलवार से लैस होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:5 | फ़ारस, एथोपिया और लिबिया के मर्द भी फ़ौज में शामिल होंगे। हर एक बड़ी ढाल और ख़ोद से मुसल्लह होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:6 | जुमर और शिमाल के दूर-दराज़ इलाक़े बैत-तुजरमा के तमाम दस्ते भी साथ होंगे। ग़रज़ उस वक़्त बहुत-सी क़ौमें तेरे साथ निकलेंगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:7 | चुनाँचे मुस्तैद हो जा! जितने लशकर तेरे इर्दगिर्द जमा हो गए हैं उनके साथ मिलकर ख़ूब तैयारियाँ कर! उनके लिए पहरादारी कर। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:8 | मुतअद्दिद दिनों के बाद तुझे मुल्के-इसराईल पर हमला करने के लिए बुलाया जाएगा जिसे अभी जंग से छुटकारा मिला होगा और जिसके जिलावतन दीगर बहुत-सी क़ौमों में से वापस आ गए होंगे। गो इसराईल का पहाड़ी इलाक़ा बड़ी देर से बरबाद हुआ होगा, लेकिन उस वक़्त उसके बाशिंदे जिलावतनी से वापस आकर अमनो-अमान से उसमें बसेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:9 | तब तू तूफ़ान की तरह आगे बढ़ेगा, तेरे दस्ते बादल की तरह पूरे मुल्क पर छा जाएंगे। तेरे साथ बहुत-सी क़ौमें होंगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:10 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि उस वक़्त तेरे ज़हन में बुरे ख़यालात उभर आएँगे और तू शरीर मनसूबे बाँधेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:11 | तू कहेगा, “यह मुल्क खुला है, और उसके बाशिंदे आराम और सुकून के साथ रह रहे हैं। आओ, मैं उन पर हमला करूँ, क्योंकि वह अपनी हिफ़ाज़त नहीं कर सकते। न उनकी चारदीवारी है, न दरवाज़ा या कुंडा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:12 | मैं इसराईलियों को लूट लूँगा। जो शहर पहले खंडरात थे लेकिन अब नए सिरे से आबाद हुए हैं उन पर मैं टूट पड़ूँगा। जो जिलावतन दीगर अक़वाम से वापस आ गए हैं उनकी दौलत मैं छीन लूँगा। क्योंकि उन्हें काफ़ी माल-मवेशी हासिल हुए हैं, और अब वह दुनिया के मरकज़ में आ बसे हैं।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:13 | सबा, ददान और तरसीस के ताजिर और बुज़ुर्ग पूछेंगे कि क्या तूने वाक़ई अपने फ़ौजियों को लूट-मार के लिए इकट्ठा कर लिया है? क्या तू वाक़ई सोना-चाँदी, माल-मवेशी और बाक़ी बहुत-सी दौलत छीनना चाहता है?’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:14 | ऐ आदमज़ाद, नबुव्वत करके जूज को बता, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि उस वक़्त तुझे पता चलेगा कि मेरी क़ौम इसराईल सुकून से ज़िंदगी गुज़ार रही है, | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:15 | और तू दूर-दराज़ शिमाल के अपने मुल्क से निकलेगा। तेरी वसी और ताक़तवर फ़ौज में मुतअद्दिद क़ौमें शामिल होंगी, और सब घोड़ों पर सवार | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:16 | मेरी क़ौम इसराईल पर धावा बोल देंगे। वह उस पर बादल की तरह छा जाएंगे। ऐ जूज, उन आख़िरी दिनों में मैं ख़ुद तुझे अपने मुल्क पर हमला करने दूँगा ताकि दीगर अक़वाम मुझे जान लें। क्योंकि जो कुछ मैं उनके देखते देखते तेरे साथ करूँगा उससे मेरा मुक़द्दस किरदार उन पर ज़ाहिर हो जाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:17 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि तू वही है जिसका ज़िक्र मैंने माज़ी में किया था। क्योंकि माज़ी में मेरे ख़ादिम यानी इसराईल के नबी काफ़ी सालों से पेशगोई करते रहे कि मैं तुझे इसराईल के ख़िलाफ़ भेजूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:18 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि जिस दिन जूज मुल्के-इसराईल पर हमला करेगा उस दिन मैं आग-बगूला हो जाऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:19 | मैं फ़रमाता हूँ कि उस दिन मेरी ग़ैरत और शदीद क़हर यों भड़क उठेगा कि यक़ीनन मुल्के-इसराईल में ज़बरदस्त ज़लज़ला आएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:20 | सब मेरे सामने थरथरा उठेंगे, ख़ाह मछलियाँ हों या परिंदे, ख़ाह ज़मीन पर चलने और रेंगनेवाले जानवर हों या इनसान। पहाड़ उनकी गुज़रगाहों समेत ख़ाक में मिलाए जाएंगे, और हर दीवार गिर जाएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:21 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं अपने तमाम पहाड़ी इलाक़े में जूज के ख़िलाफ़ तलवार भेजूँगा। तब सब आपस में लड़ने लगेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 38:22 | मैं उनमें मोहलक बीमारियाँ और क़त्लो-ग़ारत फैलाकर उनकी अदालत करूँगा। साथ साथ मैं मूसलाधार बारिश, ओले, आग और गंधक जूज और उस की बैनुल-अक़वामी फ़ौज पर बरसा दूँगा। | |
Chapter 39
| Ezek | UrduGeoD | 39:1 | ऐ आदमज़ाद, जूज के ख़िलाफ़ नबुव्वत करके कह, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ मसक और तूबल के आला रईस जूज, अब मैं तुझसे निपट लूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:2 | मैं तेरा मुँह फेर दूँगा और तुझे शिमाल के दूर-दराज़ इलाक़े से घसीटकर इसराईल के पहाड़ों पर लाऊँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:4 | इसराईल के पहाड़ों पर ही तू अपने तमाम बैनुल-अक़वामी फ़ौजियों के साथ हलाक हो जाएगा। मैं तुझे हर क़िस्म के शिकारी परिंदों और दरिंदों को खिला दूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:5 | क्योंकि तेरी लाश खुले मैदान में गिरकर पड़ी रहेगी। यह मेरा, रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:6 | मैं माजूज पर और अपने आपको महफ़ूज़ समझनेवाले साहिली इलाक़ों पर आग भेजूँगा। तब वह जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:7 | अपनी क़ौम इसराईल के दरमियान ही मैं अपना मुक़द्दस नाम ज़ाहिर करूँगा। आइंदा मैं अपने मुक़द्दस नाम की बेहुरमती बरदाश्त नहीं करूँगा। तब अक़वाम जान लेंगी कि मैं रब और इसराईल का क़ुद्दूस हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:8 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि यह सब कुछ होनेवाला है, यह ज़रूर पेश आएगा! वही दिन है जिसका ज़िक्र मैं कर चुका हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:9 | फिर इसराईली शहरों के बाशिंदे मैदाने-जंग में जाकर दुश्मन के असला को ईंधन के लिए जमा करेंगे। इतनी छोटी और बड़ी ढालें, कमान, तीर, लाठियाँ और नेज़े इकट्ठे हो जाएंगे कि सात साल तक किसी और ईंधन की ज़रूरत नहीं होगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:10 | इसराईलियों को खुले मैदान में लकड़ी चुनने या जंगल में दरख़्त काटने की ज़रूरत नहीं होगी, क्योंकि वह यह हथियार ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करेंगे। अब वह उन्हें लूटेंगे जिन्होंने उन्हें लूट लिया था, वह उनसे माल-मवेशी छीन लेंगे जिन्होंने उनसे सब कुछ छीन लिया था। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:11 | उस दिन मैं इसराईल में जूज के लिए क़ब्रिस्तान मुक़र्रर करूँगा। यह क़ब्रिस्तान वादीए-अबारीम में होगा जो बहीराए-मुरदार के मशरिक़ में है। जूज के साथ उस की तमाम फ़ौज भी दफ़न होगी, इसलिए मुसाफ़िर आइंदा उसमें से नहीं गुज़र सकेंगे। तब वह जगह वादीए-हमून जूज भी कहलाएगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:13 | तमाम उम्मत इस काम में मसरूफ़ रहेगी। रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि जिस दिन मैं दुनिया पर अपना जलाल ज़ाहिर करूँगा उस दिन यह उनके लिए शोहरत का बाइस होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:14 | सात महीनों के बाद कुछ आदमियों को अलग करके कहा जाएगा कि पूरे मुल्क में से गुज़रकर मालूम करें कि अभी कहाँ कहाँ लाशें पड़ी हैं। क्योंकि लाज़िम है कि सब दफ़न हो जाएँ ताकि मुल्क दुबारा पाक-साफ़ हो जाए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:15 | जहाँ कहीं कोई लाश नज़र आए उस जगह की वह निशानदेही करेंगे ताकि दफ़नानेवाले उसे वादीए-हमून जूज में ले जाकर दफ़न करें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:16 | यों मुल्क को पाक-साफ़ किया जाएगा। उस वक़्त से इसराईल के एक शहर का नाम हमूना कहलाएगा।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:17 | ऐ आदमज़ाद, रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि हर क़िस्म के परिंदे और दरिंदे बुलाकर कह, ‘आओ, इधर जमा हो जाओ! चारों तरफ़ से आकर इसराईल के पहाड़ी इलाक़े में जमा हो जाओ! क्योंकि यहाँ मैं तुम्हारे लिए क़ुरबानी की ज़बरदस्त ज़ियाफ़त तैयार कर रहा हूँ। यहाँ तुम्हें गोश्त खाने और ख़ून पीने का सुनहरा मौक़ा मिलेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:18 | तुम सूरमाओं का गोश्त खाओगे और दुनिया के हुक्मरानों का ख़ून पियोगे। सब बसन के मोटे-ताज़े मेंढों, भेड़ के बच्चों, बकरों और बैलों जैसे मज़ेदार होंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:19 | क्योंकि जो क़ुरबानी में तुम्हारे लिए तैयार कर रहा हूँ उस की चरबी तुम जी भरकर खाओगे, उसका ख़ून पी पीकर मस्त हो जाओगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:20 | रब फ़रमाता है कि तुम मेरी मेज़ पर बैठकर घोड़ों और घुड़सवारों, सूरमाओं और हर क़िस्म के फ़ौजियों से सेर हो जाओगे।’ | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:21 | यों मैं दीगर अक़वाम पर अपना जलाल ज़ाहिर करूँगा। क्योंकि जब मैं जूज और उस की फ़ौज की अदालत करके उनसे निपट लूँगा तो तमाम अक़वाम इसकी गवाह होंगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:23 | और दीगर अक़वाम जान लेंगी कि इसराईली अपने गुनाहों के सबब से जिलावतन हुए। वह जान लेंगी कि चूँकि इसराईली मुझसे बेवफ़ा हुए, इसी लिए मैंने अपना मुँह उनसे छुपाकर उन्हें उनके दुश्मनों के हवाले कर दिया, इसी लिए वह सब तलवार की ज़द में आकर हलाक हुए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:24 | क्योंकि मैंने उन्हें उनकी नापाकी और जरायम का मुनासिब बदला देकर अपना चेहरा उनसे छुपा लिया था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:25 | चुनाँचे रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि अब मैं याक़ूब की औलाद को बहाल करके तमाम इसराईली क़ौम पर तरस खाऊँगा। अब मैं बड़ी ग़ैरत से अपने मुक़द्दस नाम का दिफ़ा करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:26 | जब इसराईली सुकून से और ख़ौफ़ खाए बग़ैर अपने मुल्क में रहेंगे तो वह अपनी रुसवाई और मेरे साथ बेवफ़ाई का एतराफ़ करेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:27 | मैं उन्हें दीगर अक़वाम और उनके दुश्मनों के ममालिक में से जमा करके उन्हें वापस लाऊँगा और यों उनके ज़रीए अपना मुक़द्दस किरदार मुतअद्दिद अक़वाम पर ज़ाहिर करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 39:28 | तब वह जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ। क्योंकि उन्हें अक़वाम में जिलावतन करने के बाद मैं उन्हें उनके अपने ही मुल्क में दुबारा जमा करूँगा। एक भी पीछे नहीं छोड़ा जाएगा। | |
Chapter 40
| Ezek | UrduGeoD | 40:1 | हमारी जिलावतनी के 25वें साल में रब का हाथ मुझ पर आ ठहरा और वह मुझे यरूशलम ले गया। महीने का दसवाँ दिन था। उस वक़्त यरूशलम को दुश्मन के क़ब्ज़े में आए 14 साल हो गए थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:2 | इलाही रोयाओं में अल्लाह ने मुझे मुल्के-इसराईल के एक निहायत बुलंद पहाड़ पर पहुँचाया। पहाड़ के जुनूब में मुझे एक शहर-सा नज़र आया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:3 | अल्लाह मुझे शहर के क़रीब ले गया तो मैंने शहर के दरवाज़े में खड़े एक आदमी को देखा जो पीतल का बना हुआ लग रहा था। उसके हाथ में कतान की रस्सी और फ़ीता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:4 | उसने मुझसे कहा, “ऐ आदमज़ाद, ध्यान से देख, ग़ौर से सुन! जो कुछ भी मैं तुझे दिखाऊँगा, उस पर तवज्जुह दे। क्योंकि तुझे इसी लिए यहाँ लाया गया है कि मैं तुझे यह दिखाऊँ। जो कुछ भी तू देखे उसे इसराईली क़ौम को सुना दे!” | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:5 | मैंने देखा कि रब के घर का सहन चारदीवारी से घिरा हुआ है। जो फ़ीता मेरे राहनुमा के हाथ में था उस की लंबाई साढ़े 10 फ़ुट थी। इसके ज़रीए उसने चारदीवारी को नाप लिया। दीवार की मोटाई और ऊँचाई दोनों साढ़े दस दस फ़ुट थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:6 | फिर मेरा राहनुमा मशरिक़ी दरवाज़े के पास पहुँचानेवाली सीढ़ी पर चढ़कर दरवाज़े की दहलीज़ पर रुक गया। जब उसने उस की पैमाइश की तो उस की गहराई साढ़े 10 फ़ुट निकली। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:7 | जब वह दरवाज़े में खड़ा हुआ तो दाईं और बाईं तरफ़ पहरेदारों के तीन तीन कमरे नज़र आए। हर कमरे की लंबाई और चौड़ाई साढ़े दस दस फ़ुट थी। कमरों के दरमियान की दीवार पौने नौ फ़ुट मोटी थी। इन कमरों के बाद एक और दहलीज़ थी जो साढ़े 10 फ़ुट गहरी थी। उस पर से गुज़रकर हम दरवाज़े से मुलहिक़ एक बरामदे में आए जिसका रुख़ रब के घर की तरफ़ था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:9 | तो पता चला कि उस की लंबाई 14 फ़ुट है। दरवाज़े के सतून-नुमा बाज़ू साढ़े तीन तीन फ़ुट मोटे थे। बरामदे का रुख़ रब के घर की तरफ़ था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:10 | पहरेदारों के मज़कूरा कमरे सब एक जैसे बड़े थे, और उनके दरमियानवाली दीवारें सब एक जैसी मोटी थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:11 | इसके बाद उसने दरवाज़े की गुज़रगाह की चौड़ाई नापी। यह मिल मिलाकर पौने 23 फ़ुट थी, अलबत्ता जब किवाड़ खुले थे तो उनके दरमियान का फ़ासला साढ़े 17 फ़ुट था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:12 | पहरेदारों के हर कमरे के सामने एक छोटी-सी दीवार थी जिसकी ऊँचाई 21 इंच थी जबकि हर कमरे की लंबाई और ऊँचाई साढ़े दस दस फ़ुट थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:13 | फिर मेरे राहनुमा ने वह फ़ासला नापा जो इन कमरों में से एक की पिछली दीवार से लेकर उसके मुक़ाबिल के कमरे की पिछली दीवार तक था। मालूम हुआ कि पौने 44 फ़ुट है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:14 | सहन में दरवाज़े से मुलहिक़ वह बरामदा था जिसका रुख़ रब के घर की तरफ़ था। उस की चौड़ाई 33 फ़ुट थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:15 | जो बाहर से दरवाज़े में दाख़िल होता था वह साढ़े 87 फ़ुट के बाद ही सहन में पहुँचता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:16 | पहरेदारों के तमाम कमरों में छोटी खिड़कियाँ थीं। कुछ बैरूनी दीवार में थीं, कुछ कमरों के दरमियान की दीवारों में। दरवाज़े के सतून-नुमा बाज़ुओं में खजूर के दरख़्त मुनक़्क़श थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:17 | फिर मेरा राहनुमा दरवाज़े में से गुज़रकर मुझे रब के घर के बैरूनी सहन में लाया। चारदीवारी के साथ साथ 30 कमरे बनाए गए थे जिनके सामने पत्थर का फ़र्श था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:18 | यह फ़र्श चारदीवारी के साथ साथ था। जहाँ दरवाज़ों की गुज़रगाहें थीं वहाँ फ़र्श उनकी दीवारों से लगता था। जितना लंबा इन गुज़रगाहों का वह हिस्सा था जो सहन में था उतना ही चौड़ा फ़र्श भी था। यह फ़र्श अंदरूनी सहन की निसबत नीचा था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:19 | बैरूनी और अंदरूनी सहनों के दरमियान भी दरवाज़ा था। यह बैरूनी दरवाज़े के मुक़ाबिल था। जब मेरे राहनुमा ने दोनों दरवाज़ों का दरमियानी फ़ासला नापा तो मालूम हुआ कि 175 फ़ुट है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:21 | इस दरवाज़े में भी दाईं और बाईं तरफ़ तीन तीन कमरे थे जो मशरिक़ी दरवाज़े के कमरों जितने बड़े थे। उसमें से गुज़रकर हम वहाँ भी दरवाज़े से मुलहिक़ बरामदे में आए जिसका रुख़ रब के घर की तरफ़ था। उस की और उसके सतून-नुमा बाज़ुओं की लंबाई और चौड़ाई उतनी ही थी जितनी मशरिक़ी दरवाज़े के बरामदे और उसके सतून-नुमा बाज़ुओं की थी। गुज़रगाह की पूरी लंबाई साढ़े 87 फ़ुट थी। जब मेरे राहनुमा ने वह फ़ासला नापा जो पहरेदारों के कमरों में से एक की पिछली दीवार से लेकर उसके मुक़ाबिल के कमरे की पिछली दीवार तक था तो मालूम हुआ कि पौने 44 फ़ुट है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:22 | दरवाज़े से मुलहिक़ बरामदा, खिड़कियाँ और कंदा किए गए खजूर के दरख़्त उसी तरह बनाए गए थे जिस तरह मशरिक़ी दरवाज़े में। बाहर एक सीढ़ी दरवाज़े तक पहुँचाती थी जिसके सात क़दमचे थे। मशरिक़ी दरवाज़े की तरह शिमाली दरवाज़े के अंदरूनी सिरे के साथ एक बरामदा मुलहिक़ था जिससे होकर इनसान सहन में पहुँचता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:23 | मशरिक़ी दरवाज़े की तरह इस दरवाज़े के मुक़ाबिल भी अंदरूनी सहन में पहुँचानेवाला दरवाज़ा था। दोनों दरवाज़ों का दरमियानी फ़ासला 175 फ़ुट था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:24 | इसके बाद मेरा राहनुमा मुझे बाहर ले गया। चलते चलते हम जुनूबी चारदीवारी के पास पहुँचे। वहाँ भी दरवाज़ा नज़र आया। उसमें से गुज़रकर हम वहाँ भी दरवाज़े से मुलहिक़ बरामदे में आए जिसका रुख़ रब के घर की तरफ़ था। यह बरामदा दरवाज़े के सतून-नुमा बाज़ुओं समेत दीगर दरवाज़ों के बरामदे जितना बड़ा था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:25 | दरवाज़े और बरामदे की खिड़कियाँ भी दीगर खिड़कियों की मानिंद थीं। गुज़रगाह की पूरी लंबाई साढ़े 87 फ़ुट थी। जब उसने वह फ़ासला नापा जो पहरेदारों के कमरों में से एक की पिछली दीवार से लेकर उसके मुक़ाबिल के कमरे की पिछली दीवार तक था तो मालूम हुआ कि पौने 44 फ़ुट है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:26 | बाहर एक सीढ़ी दरवाज़े तक पहुँचाती थी जिसके सात क़दमचे थे। दीगर दरवाज़ों की तरह जुनूबी दरवाज़े के अंदरूनी सिरे के साथ बरामदा मुलहिक़ था जिससे होकर इनसान सहन में पहुँचता था। बरामदे के दोनों सतून-नुमा बाज़ुओं पर खजूर के दरख़्त कंदा किए गए थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:27 | इस दरवाज़े के मुक़ाबिल भी अंदरूनी सहन में पहुँचानेवाला दरवाज़ा था। दोनों दरवाज़ों का दरमियानी फ़ासला 175 फ़ुट था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:28 | फिर मेरा राहनुमा जुनूबी दरवाज़े में से गुज़रकर मुझे अंदरूनी सहन में लाया। जब उसने वहाँ का दरवाज़ा नापा तो मालूम हुआ कि वह बैरूनी दरवाज़ों की मानिंद है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:29 | पहरेदारों के कमरे, बरामदा और उसके सतून-नुमा बाज़ू सब पैमाइश के हिसाब से दीगर दरवाज़ों की मानिंद थे। इस दरवाज़े और इसके साथ मुलहिक़ बरामदे में भी खिड़कियाँ थीं। गुज़रगाह की पूरी लंबाई साढ़े 87 फ़ुट थी। जब मेरे राहनुमा ने वह फ़ासला नापा जो पहरेदारों के कमरे में से एक की पिछली दीवार से लेकर उसके मुक़ाबिल के कमरे की पिछली दीवार तक था तो मालूम हुआ कि पौने 44 फ़ुट है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:30 | पहरेदारों के कमरे, बरामदा और उसके सतून-नुमा बाज़ू सब पैमाइश के हिसाब से दीगर दरवाज़ों की मानिंद थे। इस दरवाज़े और इसके साथ मुलहिक़ बरामदे में भी खिड़कियाँ थीं। गुज़रगाह की पूरी लंबाई साढ़े 87 फ़ुट थी। जब मेरे राहनुमा ने वह फ़ासला नापा जो पहरेदारों के कमरे में से एक की पिछली दीवार से लेकर उसके मुक़ाबिल के कमरे की पिछली दीवार तक था तो मालूम हुआ कि पौने 44 फ़ुट है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:31 | लेकिन उसके बरामदे का रुख़ बैरूनी सहन की तरफ़ था। उसमें पहुँचने के लिए एक सीढ़ी बनाई गई थी जिसके आठ क़दमचे थे। दरवाज़े के सतून-नुमा बाज़ुओं पर खजूर के दरख़्त कंदा किए गए थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:32 | इसके बाद मेरा राहनुमा मुझे मशरिक़ी दरवाज़े से होकर अंदरूनी सहन में लाया। जब उसने यह दरवाज़ा नापा तो मालूम हुआ कि यह भी दीगर दरवाज़ों जितना बड़ा है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:33 | पहरेदारों के कमरे, दरवाज़े के सतून-नुमा बाज़ू और बरामदा पैमाइश के हिसाब से दीगर दरवाज़ों की मानिंद थे। यहाँ भी दरवाज़े और बरामदे में खिड़कियाँ लगी थीं। गुज़रगाह की लंबाई साढ़े 87 फ़ुट और चौड़ाई पौने 44 फ़ुट थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:34 | इस दरवाज़े के बरामदे का रुख़ भी बैरूनी सहन की तरफ़ था। दरवाज़े के सतून-नुमा बाज़ुओं पर खजूर के दरख़्त कंदा किए गए थे। बरामदे में पहुँचने के लिए एक सीढ़ी बनाई गई थी जिसके आठ क़दमचे थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:35 | फिर मेरा राहनुमा मुझे शिमाली दरवाज़े के पास लाया। उस की पैमाइश करने पर मालूम हुआ कि यह भी दीगर दरवाज़ों जितना बड़ा है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:36 | पहरेदारों के कमरे, सतून-नुमा बाज़ू, बरामदा और दीवारों में खिड़कियाँ भी दूसरे दरवाज़ों की मानिंद थीं। गुज़रगाह की लंबाई साढ़े 87 फ़ुट और चौड़ाई पौने 44 फ़ुट थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:37 | उसके बरामदे का रुख़ भी बैरूनी सहन की तरफ़ था। दरवाज़े के सतून-नुमा बाज़ुओं पर खजूर के दरख़्त कंदा किए गए थे। उसमें पहुँचने के लिए एक सीढ़ी बनाई गई थी जिसके आठ क़दमचे थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:38 | अंदरूनी शिमाली दरवाज़े के बरामदे में दरवाज़ा था जिसमें से गुज़रकर इनसान उस कमरे में दाख़िल होता था जहाँ उन ज़बह किए हुए जानवरों को धोया जाता था जिन्हें भस्म करना होता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:39 | बरामदे में चार मेज़ें थीं, कमरे के दोनों तरफ़ दो दो मेज़ें। इन मेज़ों पर उन जानवरों को ज़बह किया जाता था जो भस्म होनेवाली क़ुरबानियों, गुनाह की क़ुरबानियों और क़ुसूर की क़ुरबानियों के लिए मख़सूस थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:41 | मिल मिलाकर आठ मेज़ें थीं जिन पर क़ुरबानियों के जानवर ज़बह किए जाते थे। चार बरामदे के अंदर और चार उससे बाहर के सहन में थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:42 | बरामदे की चार मेज़ें तराशे हुए पत्थर से बनाई गई थीं। हर एक की लंबाई और चौड़ाई साढ़े 31 इंच और ऊँचाई 21 इंच थी। उन पर वह तमाम आलात पड़े थे जो जानवरों को भस्म होनेवाली क़ुरबानी और बाक़ी क़ुरबानियों के लिए तैयार करने के लिए दरकार थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:43 | जानवरों का गोश्त इन मेज़ों पर रखा जाता था। इर्दगिर्द की दीवारों में तीन तीन इंच लंबी हुकें लगी थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:44 | फिर हम अंदरूनी सहन में दाख़िल हुए। वहाँ शिमाली दरवाज़े के साथ एक कमरा मुलहिक़ था जो अंदरूनी सहन की तरफ़ खुला था और जिसका रुख़ जुनूब की तरफ़ था। जुनूबी दरवाज़े के साथ भी ऐसा कमरा था। उसका रुख़ शिमाल की तरफ़ था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:45 | मेरे राहनुमा ने मुझसे कहा, “जिस कमरे का रुख़ जुनूब की तरफ़ है वह उन इमामों के लिए है जो रब के घर की देख-भाल करते हैं, | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:46 | जबकि जिस कमरे का रुख़ शिमाल की तरफ़ है वह उन इमामों के लिए है जो क़ुरबानगाह की देख-भाल करते हैं। तमाम इमाम सदोक़ की औलाद हैं। लावी के क़बीले में से सिर्फ़ उन्हीं को रब के हुज़ूर आकर उस की ख़िदमत करने की इजाज़त है।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:47 | मेरे राहनुमा ने अंदरूनी सहन की पैमाइश की। उस की लंबाई और चौड़ाई पौने दो दो सौ फ़ुट थी। क़ुरबानगाह इस सहन में रब के घर के सामने ही थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 40:48 | फिर उसने मुझे रब के घर के बरामदे में ले जाकर दरवाज़े के सतून-नुमा बाज़ुओं की पैमाइश की। मालूम हुआ कि यह पौने 9 फ़ुट मोटे हैं। दरवाज़े की चौड़ाई साढ़े 24 फ़ुट थी जबकि दाएँ बाएँ की दीवारों की लंबाई सवा पाँच पाँच फ़ुट थी। | |
Chapter 41
| Ezek | UrduGeoD | 41:1 | इसके बाद मेरा राहनुमा मुझे रब के घर के पहले कमरे यानी ‘मुक़द्दस कमरा’ में ले गया। उसने दरवाज़े के सतून-नुमा बाज़ू नापे तो मालूम हुआ कि साढ़े दस दस फ़ुट मोटे हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:2 | दरवाज़े की चौड़ाई साढ़े 17 फ़ुट थी, और दाएँ बाएँ की दीवारें पौने नौ नौ फ़ुट लंबी थीं। कमरे की पूरी लंबाई 70 फ़ुट और चौड़ाई 35 फ़ुट थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:3 | फिर वह आगे बढ़कर सबसे अंदरूनी कमरे में दाख़िल हुआ। उसने दरवाज़े के सतून-नुमा बाज़ुओं की पैमाइश की तो मालूम हुआ कि साढ़े तीन तीन फ़ुट मोटे हैं। दरवाज़े की चौड़ाई साढ़े 10 फ़ुट थी, और दाएँ बाएँ की दीवारें सवा बारह बारह फ़ुट लंबी थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:4 | अंदरूनी कमरे की लंबाई और चौड़ाई पैंतीस पैंतीस फ़ुट थी। वह बोला, “यह मुक़द्दसतरीन कमरा है।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:5 | फिर उसने रब के घर की बैरूनी दीवार नापी। उस की मोटाई साढ़े 10 फ़ुट थी। दीवार के साथ साथ कमरे तामीर किए गए थे। हर कमरे की चौड़ाई 7 फ़ुट थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:6 | कमरों की तीन मनज़िलें थीं, कुल 30 कमरे थे। रब के घर की बैरूनी दीवार दूसरी मनज़िल पर पहली मनज़िल की निसबत कम मोटी और तीसरी मनज़िल पर दूसरी मनज़िल की निसबत कम मोटी थी। नतीजतन हर मनज़िल का वज़न उस की बैरूनी दीवार पर था और ज़रूरत नहीं थी कि इस दीवार में शहतीर लगाएँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:7 | चुनाँचे दूसरी मनज़िल पहली की निसबत चौड़ी और तीसरी दूसरी की निसबत चौड़ी थी। एक सीढ़ी निचली मनज़िल से दूसरी और तीसरी मनज़िल तक पहुँचाती थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:8 | इन कमरों की बैरूनी दीवार पौने 9 फ़ुट मोटी थी। जो कमरे रब के घर की शिमाली दीवार में थे उनमें दाख़िल होने का एक दरवाज़ा था, और इसी तरह जुनूबी कमरों में दाख़िल होने का एक दरवाज़ा था। मैंने देखा कि रब का घर एक चबूतरे पर तामीर हुआ है। इसका जितना हिस्सा उसके इर्दगिर्द नज़र आता था वह पौने 9 फ़ुट चौड़ा और साढ़े 10 फ़ुट ऊँचा था। रब के घर की बैरूनी दीवार से मुलहिक़ कमरे इस पर बनाए गए थे। इस चबूतरे और इमामों से मुस्तामल मकानों के दरमियान खुली जगह थी जिसका फ़ासला 35 फ़ुट था। यह खुली जगह रब के घर के चारों तरफ़ नज़र आती थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:9 | इन कमरों की बैरूनी दीवार पौने 9 फ़ुट मोटी थी। जो कमरे रब के घर की शिमाली दीवार में थे उनमें दाख़िल होने का एक दरवाज़ा था, और इसी तरह जुनूबी कमरों में दाख़िल होने का एक दरवाज़ा था। मैंने देखा कि रब का घर एक चबूतरे पर तामीर हुआ है। इसका जितना हिस्सा उसके इर्दगिर्द नज़र आता था वह पौने 9 फ़ुट चौड़ा और साढ़े 10 फ़ुट ऊँचा था। रब के घर की बैरूनी दीवार से मुलहिक़ कमरे इस पर बनाए गए थे। इस चबूतरे और इमामों से मुस्तामल मकानों के दरमियान खुली जगह थी जिसका फ़ासला 35 फ़ुट था। यह खुली जगह रब के घर के चारों तरफ़ नज़र आती थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:10 | इन कमरों की बैरूनी दीवार पौने 9 फ़ुट मोटी थी। जो कमरे रब के घर की शिमाली दीवार में थे उनमें दाख़िल होने का एक दरवाज़ा था, और इसी तरह जुनूबी कमरों में दाख़िल होने का एक दरवाज़ा था। मैंने देखा कि रब का घर एक चबूतरे पर तामीर हुआ है। इसका जितना हिस्सा उसके इर्दगिर्द नज़र आता था वह पौने 9 फ़ुट चौड़ा और साढ़े 10 फ़ुट ऊँचा था। रब के घर की बैरूनी दीवार से मुलहिक़ कमरे इस पर बनाए गए थे। इस चबूतरे और इमामों से मुस्तामल मकानों के दरमियान खुली जगह थी जिसका फ़ासला 35 फ़ुट था। यह खुली जगह रब के घर के चारों तरफ़ नज़र आती थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:11 | इन कमरों की बैरूनी दीवार पौने 9 फ़ुट मोटी थी। जो कमरे रब के घर की शिमाली दीवार में थे उनमें दाख़िल होने का एक दरवाज़ा था, और इसी तरह जुनूबी कमरों में दाख़िल होने का एक दरवाज़ा था। मैंने देखा कि रब का घर एक चबूतरे पर तामीर हुआ है। इसका जितना हिस्सा उसके इर्दगिर्द नज़र आता था वह पौने 9 फ़ुट चौड़ा और साढ़े 10 फ़ुट ऊँचा था। रब के घर की बैरूनी दीवार से मुलहिक़ कमरे इस पर बनाए गए थे। इस चबूतरे और इमामों से मुस्तामल मकानों के दरमियान खुली जगह थी जिसका फ़ासला 35 फ़ुट था। यह खुली जगह रब के घर के चारों तरफ़ नज़र आती थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:12 | इस खुली जगह के मग़रिब में एक इमारत थी जो साढ़े 157 फ़ुट लंबी और साढ़े 122 फ़ुट चौड़ी थी। उस की दीवारें चारों तरफ़ पौने नौ नौ फ़ुट मोटी थीं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:13 | फिर मेरे राहनुमा ने बाहर से रब के घर की पैमाइश की। उस की लंबाई 175 फ़ुट थी। रब के घर की पिछली दीवार से मग़रिबी इमारत तक का फ़ासला भी 175 फ़ुट था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:14 | फिर उसने रब के घर के सामनेवाली यानी मशरिक़ी दीवार शिमाल और जुनूब में खुली जगह समेत की पैमाइश की। मालूम हुआ कि उसका फ़ासला भी 175 फ़ुट है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:15 | उसने मग़रिब में उस इमारत की लंबाई नापी जो रब के घर के पीछे थी। मालूम हुआ कि यह भी दोनों पहलुओं की गुज़रगाहों समेत 175 फ़ुट लंबी है। रब के घर के बरामदे, मुक़द्दस कमरे और मुक़द्दसतरीन कमरे की दीवारों पर | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:16 | फ़र्श से लेकर खिड़कियों तक लकड़ी के तख़्ते लगाए गए थे। इन खिड़कियों को बंद किया जा सकता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:18 | खजूर के दरख़्तों और करूबी फ़रिश्तों की तस्वीरें बारी बारी नज़र आती थीं। हर फ़रिश्ते के दो चेहरे थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:19 | इनसान का चेहरा एक तरफ़ के दरख़्त की तरफ़ देखता था जबकि शेरबबर का चेहरा दूसरी तरफ़ के दरख़्त की तरफ़ देखता था। यह दरख़्त और करूबी पूरी दीवार पर बारी बारी मुनक़्क़श किए गए थे, | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:21 | मुक़द्दस कमरे में दाख़िल होनेवाले दरवाज़े के दोनों बाज़ू मुरब्बा थे। मुक़द्दसतरीन कमरे के दरवाज़े के सामने | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:22 | लकड़ी की क़ुरबानगाह नज़र आई। उस की ऊँचाई सवा 5 फ़ुट और चौड़ाई साढ़े तीन फ़ुट थी। उसके कोने, पाया और चारों पहलू लकड़ी से बने थे। उसने मुझसे कहा, “यह वही मेज़ है जो रब के हुज़ूर रहती है।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 41:25 | दीवारों की तरह मुक़द्दस कमरे के दरवाज़े पर भी खजूर के दरख़्त और करूबी फ़रिश्ते कंदा किए गए थे। और बरामदे के बाहरवाले दरवाज़े के ऊपर लकड़ी की छोटी-सी छत बनाई गई थी। | |
Chapter 42
| Ezek | UrduGeoD | 42:1 | इसके बाद हम दुबारा बैरूनी सहन में आए। मेरा राहनुमा मुझे रब के घर के शिमाल में वाक़े एक इमारत के पास ले गया जो रब के घर के पीछे यानी मग़रिब में वाक़े इमारत के मुक़ाबिल थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:3 | उसका रुख़ अंदरूनी सहन की उस खुली जगह की तरफ़ था जो 35 फ़ुट चौड़ी थी। दूसरा रुख़ बैरूनी सहन के पक्के फ़र्श की तरफ़ था। मकान की तीन मनज़िलें थीं। दूसरी मनज़िल पहली की निसबत कम चौड़ी और तीसरी दूसरी की निसबत कम चौड़ी थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:4 | मकान के शिमाली पहलू में एक गुज़रगाह थी जो एक सिरे से दूसरे सिरे तक ले जाती थी। उस की लंबाई 175 फ़ुट और चौड़ाई साढ़े 17 फ़ुट थी। कमरों के दरवाज़े सब शिमाल की तरफ़ खुलते थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:5 | दूसरी मनज़िल के कमरे पहली मनज़िल की निसबत कम चौड़े थे ताकि उनके सामने टैरस हो। इसी तरह तीसरी मनज़िल के कमरे दूसरी की निसबत कम चौड़े थे। इस इमारत में सहन की दूसरी इमारतों की तरह सतून नहीं थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:6 | दूसरी मनज़िल के कमरे पहली मनज़िल की निसबत कम चौड़े थे ताकि उनके सामने टैरस हो। इसी तरह तीसरी मनज़िल के कमरे दूसरी की निसबत कम चौड़े थे। इस इमारत में सहन की दूसरी इमारतों की तरह सतून नहीं थे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:7 | कमरों के सामने एक बैरूनी दीवार थी जो उन्हें बैरूनी सहन से अलग करती थी। उस की लंबाई साढ़े 87 फ़ुट थी, | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:8 | क्योंकि बैरूनी सहन की तरफ़ कमरों की मिल मिलाकर लंबाई साढ़े 87 फ़ुट थी अगरचे पूरी दीवार की लंबाई 175 फ़ुट थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:9 | बैरूनी सहन से इस इमारत में दाख़िल होने के लिए मशरिक़ की तरफ़ से आना पड़ता था। वहाँ एक दरवाज़ा था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:10 | रब के घर के जुनूब में उस जैसी एक और इमारत थी जो रब के घर के पीछेवाली यानी मग़रिबी इमारत के मुक़ाबिल थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:11 | उसके कमरों के सामने भी मज़कूरा शिमाली इमारत जैसी गुज़रगाह थी। उस की लंबाई और चौड़ाई, डिज़ायन और दरवाज़े, ग़रज़ सब कुछ शिमाली मकान की मानिंद था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:12 | कमरों के दरवाज़े जुनूब की तरफ़ थे, और उनके सामने भी एक हिफ़ाज़ती दीवार थी। बैरूनी सहन से इस इमारत में दाख़िल होने के लिए मशरिक़ से आना पड़ता था। उसका दरवाज़ा भी गुज़रगाह के शुरू में था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:13 | उस आदमी ने मुझसे कहा, “यह दोनों इमारतें मुक़द्दस हैं। जो इमाम रब के हुज़ूर आते हैं वह इन्हीं में मुक़द्दसतरीन क़ुरबानियाँ खाते हैं। चूँकि यह कमरे मुक़द्दस हैं इसलिए इमाम इनमें मुक़द्दसतरीन क़ुरबानियाँ रखेंगे, ख़ाह ग़ल्ला, गुनाह या क़ुसूर की क़ुरबानियाँ क्यों न हों। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:14 | जो इमाम मक़दिस से निकलकर बैरूनी सहन में जाना चाहें उन्हें इन कमरों में वह मुक़द्दस लिबास उतारकर छोड़ना है जो उन्होंने रब की ख़िदमत करते वक़्त पहने हुए थे। लाज़िम है कि वह पहले अपने कपड़े बदलें, फिर ही वहाँ जाएँ जहाँ बाक़ी लोग जमा होते हैं।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:15 | रब के घर के इहाते में सब कुछ नापने के बाद मेरा राहनुमा मुझे मशरिक़ी दरवाज़े से बाहर ले गया और बाहर से चारदीवारी की पैमाइश करने लगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:16 | फ़ीते से पहले मशरिक़ी दीवार नापी, फिर शिमाली, जुनूबी और मग़रिबी दीवार। हर दीवार की लंबाई 875 फ़ुट थी। इस चारदीवारी का मक़सद यह था कि जो कुछ मुक़द्दस है वह उससे अलग किया जाए जो मुक़द्दस नहीं है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:17 | फ़ीते से पहले मशरिक़ी दीवार नापी, फिर शिमाली, जुनूबी और मग़रिबी दीवार। हर दीवार की लंबाई 875 फ़ुट थी। इस चारदीवारी का मक़सद यह था कि जो कुछ मुक़द्दस है वह उससे अलग किया जाए जो मुक़द्दस नहीं है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:18 | फ़ीते से पहले मशरिक़ी दीवार नापी, फिर शिमाली, जुनूबी और मग़रिबी दीवार। हर दीवार की लंबाई 875 फ़ुट थी। इस चारदीवारी का मक़सद यह था कि जो कुछ मुक़द्दस है वह उससे अलग किया जाए जो मुक़द्दस नहीं है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 42:19 | फ़ीते से पहले मशरिक़ी दीवार नापी, फिर शिमाली, जुनूबी और मग़रिबी दीवार। हर दीवार की लंबाई 875 फ़ुट थी। इस चारदीवारी का मक़सद यह था कि जो कुछ मुक़द्दस है वह उससे अलग किया जाए जो मुक़द्दस नहीं है। | |
Chapter 43
| Ezek | UrduGeoD | 43:2 | अचानक इसराईल के ख़ुदा का जलाल मशरिक़ से आता हुआ दिखाई दिया। ज़बरदस्त आबशार का-सा शोर सुनाई दिया, और ज़मीन उसके जलाल से चमक रही थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:3 | रब मुझ पर यों ज़ाहिर हुआ जिस तरह दीगर रोयाओं में, पहले दरियाए-किबार के किनारे और फिर उस वक़्त जब वह यरूशलम को तबाह करने आया था। मैं मुँह के बल गिर गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:5 | फिर अल्लाह का रूह मुझे उठाकर अंदरूनी सहन में ले गया। वहाँ मैंने देखा कि पूरा घर रब के जलाल से मामूर है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:7 | “ऐ आदमज़ाद, यह मेरे तख़्त और मेरे पाँवों के तल्वों का मक़ाम है। यहीं मैं हमेशा तक इसराईलियों के दरमियान सुकूनत करूँगा। आइंदा न कभी इसराईली और न उनके बादशाह मेरे मुक़द्दस नाम की बेहुरमती करेंगे। न वह अपनी ज़िनाकाराना बुतपरस्ती से, न बादशाहों की लाशों से मेरे नाम की बेहुरमती करेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:8 | माज़ी में इसराईल के बादशाहों ने अपने महलों को मेरे घर के साथ ही तामीर किया। उनकी दहलीज़ मेरी दहलीज़ के साथ और उनके दरवाज़े का बाज़ू मेरे दरवाज़े के बाज़ू के साथ लगता था। एक ही दीवार उन्हें मुझसे अलग रखती थी। यों उन्होंने अपनी मकरूह हरकतों से मेरे मुक़द्दस नाम की बेहुरमती की, और जवाब में मैंने अपने ग़ज़ब में उन्हें हलाक कर दिया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:9 | लेकिन अब वह अपनी ज़िनाकाराना बुतपरस्ती और अपने बादशाहों की लाशें मुझसे दूर रखेंगे। तब मैं हमेशा तक उनके दरमियान सुकूनत करूँगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:10 | ऐ आदमज़ाद, इसराईलियों को इस घर के बारे में बता दे ताकि उन्हें अपने गुनाहों पर शर्म आए। वह ध्यान से नए घर के नक़्शे का मुतालआ करें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:11 | अगर उन्हें अपनी हरकतों पर शर्म आए तो उन्हें घर की तफ़सीलात भी दिखा दे, यानी उस की तरतीब, उसके आने जाने के रास्ते और उसका पूरा इंतज़ाम तमाम क़वायद और अहकाम समेत। सब कुछ उनके सामने ही लिख दे ताकि वह उसके पूरे इंतज़ाम के पाबंद रहें और उसके तमाम क़वायद की पैरवी करें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:12 | रब के घर के लिए मेरी हिदायत सुन! इस पहाड़ की चोटी गिर्दो-नवाह के तमाम इलाक़े समेत मुक़द्दसतरीन जगह है। यह घर के लिए मेरी हिदायत है।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:13 | क़ुरबानगाह यों बनाई गई थी कि उसका पाया नाली से घिरा हुआ था जो 21 इंच गहरी और उतनी ही चौड़ी थी। बाहर की तरफ़ नाली के किनारे पर छोटी-सी दीवार थी जिसकी ऊँचाई 9 इंच थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:14 | क़ुरबानगाह के तीन हिस्से थे। सबसे निचला हिस्सा साढ़े तीन फ़ुट ऊँचा था। इस पर बना हुआ हिस्सा 7 फ़ुट ऊँचा था, लेकिन उस की चौड़ाई कुछ कम थी, इसलिए चारों तरफ़ निचले हिस्से का ऊपरवाला किनारा नज़र आता था। इस किनारे की चौड़ाई 21 इंच थी। तीसरा और सबसे ऊपरवाला हिस्सा भी इसी तरह बनाया गया था। वह दूसरे हिस्से की निसबत कम चौड़ा था, इसलिए चारों तरफ़ दूसरे हिस्से का ऊपरवाला किनारा नज़र आता था। इस किनारे की चौड़ाई भी 21 इंच थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:15 | तीसरे हिस्से पर क़ुरबानियाँ जलाई जाती थीं, और चारों कोनों पर सींग लगे थे। यह हिस्सा भी 7 फ़ुट ऊँचा था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:16 | क़ुरबानगाह की ऊपरवाली सतह मुरब्बा शक्ल की थी। उस की चौड़ाई और लंबाई इक्कीस इक्कीस फ़ुट थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:17 | दूसरा हिस्सा भी मुरब्बा शक्ल का था। उस की चौड़ाई और लंबाई साढ़े चौबीस चौबीस फ़ुट थी। उसका ऊपरवाला किनारा नज़र आता था, और उस पर 21 इंच चौड़ी नाली थी, यों कि किनारे पर छोटी-सी दीवार थी जिसकी ऊँचाई साढ़े 10 इंच थी। क़ुरबानगाह पर चढ़ने के लिए उसके मशरिक़ में सीढ़ी थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:18 | फिर रब मुझसे हमकलाम हुआ, “ऐ आदमज़ाद, रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि इस क़ुरबानगाह को तामीर करने के बाद तुझे इस पर क़ुरबानियाँ जलाकर इसे मख़सूस करना है। साथ साथ इस पर क़ुरबानियों का ख़ून भी छिड़कना है। इस सिलसिले में मेरी हिदायात सुन! | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:19 | सिर्फ़ लावी के क़बीले के उन इमामों को रब के घर में मेरे हुज़ूर ख़िदमत करने की इजाज़त है जो सदोक़ की औलाद हैं। रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि उन्हें एक जवान बैल दे ताकि वह उसे गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर पेश करें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:20 | इस बैल का कुछ ख़ून लेकर क़ुरबानगाह के चारों सींगों, निचले हिस्से के चारों कोनों और इर्दगिर्द उसके किनारे पर लगा दे। यों तू क़ुरबानगाह का कफ़्फ़ारा देकर उसे पाक-साफ़ करेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:21 | इसके बाद जवान बैल को मक़दिस से बाहर किसी मुक़र्ररा जगह पर ले जा। वहाँ उसे जला देना है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:22 | अगले दिन एक बेऐब बकरे को क़ुरबान कर। यह भी गुनाह की क़ुरबानी है, और इसके ज़रीए क़ुरबानगाह को पहली क़ुरबानी की तरह पाक-साफ़ करना है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:24 | रब को पेश कर। इमाम इन जानवरों पर नमक छिड़ककर इन्हें रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:25 | लाज़िम है कि तू सात दिन तक रोज़ाना एक बकरा, एक जवान बैल और एक मेंढा क़ुरबान करे। सब जानवर बेऐब हों। | |
| Ezek | UrduGeoD | 43:26 | सात दिनों की इस काररवाई से तुम क़ुरबानगाह का कफ़्फ़ारा देकर उसे पाक-साफ़ और मख़सूस करोगे। | |
Chapter 44
| Ezek | UrduGeoD | 44:1 | मेरा राहनुमा मुझे दुबारा मक़दिस के बैरूनी मशरिक़ी दरवाज़े के पास ले गया। अब वह बंद था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:2 | रब ने फ़रमाया, “अब से यह दरवाज़ा हमेशा तक बंद रहे। इसे कभी नहीं खोलना है। किसी को भी इसमें से दाख़िल होने की इजाज़त नहीं, क्योंकि रब जो इसराईल का ख़ुदा है इस दरवाज़े में से होकर रब के घर में दाख़िल हुआ है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:3 | सिर्फ़ इसराईल के हुक्मरान को इस दरवाज़े में बैठने और मेरे हुज़ूर क़ुरबानी का अपना हिस्सा खाने की इजाज़त है। लेकिन इसके लिए वह दरवाज़े में से गुज़र नहीं सकेगा बल्कि बैरूनी सहन की तरफ़ से उसमें दाख़िल होगा। वह दरवाज़े के साथ मुलहिक़ बरामदे से होकर वहाँ पहुँचेगा और इसी रास्ते से वहाँ से निकलेगा भी।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:4 | फिर मेरा राहनुमा मुझे शिमाली दरवाज़े में से होकर दुबारा अंदरूनी सहन में ले गया। हम रब के घर के सामने पहुँचे। मैंने देखा कि रब का घर रब के जलाल से मामूर हो रहा है। मैं मुँह के बल गिर गया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:5 | रब ने फ़रमाया, “ऐ आदमज़ाद, ध्यान से देख, ग़ौर से सुन! रब के घर के बारे में उन तमाम हिदायात पर तवज्जुह दे जो मैं तुझे बतानेवाला हूँ। ध्यान दे कि कौन कौन उसमें जा सकेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:6 | इस सरकश क़ौम इसराईल को बता, ‘ऐ इसराईली क़ौम, रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि तुम्हारी मकरूह हरकतें बहुत हैं, अब बस करो! | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:7 | तुम परदेसियों को मेरे मक़दिस में लाए हो, ऐसे लोगों को जो बातिन और ज़ाहिर में नामख़तून हैं। और यह तुमने उस वक़्त किया जब तुम मुझे मेरी ख़ुराक यानी चरबी और ख़ून पेश कर रहे थे। यों तुमने मेरे घर की बेहुरमती करके अपनी घिनौनी हरकतों से वह अहद तोड़ डाला है जो मैंने तुम्हारे साथ बाँधा था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:8 | तुम ख़ुद मेरे मक़दिस में ख़िदमत नहीं करना चाहते थे बल्कि तुमने परदेसियों को यह ज़िम्मादारी दी थी कि वह तुम्हारी जगह यह ख़िदमत अंजाम दें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:9 | इसलिए रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि आइंदा जो भी ग़ैरमुल्की अंदरूनी और बैरूनी तौर पर नामख़तून है उसे मेरे मक़दिस में दाख़िल होने की इजाज़त नहीं। इसमें वह अजनबी भी शामिल हैं जो इसराईलियों के दरमियान रहते हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:10 | जब इसराईली भटक गए और मुझसे दूर होकर बुतों के पीछे लग गए तो अकसर लावी भी मुझसे दूर हुए। अब उन्हें अपने गुनाह की सज़ा भुगतनी पड़ेगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:11 | आइंदा वह मेरे मक़दिस में हर क़िस्म की ख़िदमत नहीं करेंगे। उन्हें सिर्फ़ दरवाज़ों की पहरादारी करने और जानवरों को ज़बह करने की इजाज़त होगी। इन जानवरों में भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ भी शामिल होंगी और ज़बह की क़ुरबानियाँ भी। लावी क़ौम की ख़िदमत के लिए रब के घर में हाज़िर रहेंगे, | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:12 | लेकिन चूँकि वह अपने हमवतनों के बुतों के सामने लोगों की ख़िदमत करके उनके लिए गुनाह का बाइस बने रहे इसलिए मैंने अपना हाथ उठाकर क़सम खाई है कि उन्हें इसकी सज़ा भुगतनी पड़ेगी। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:13 | अब से वह इमाम की हैसियत से मेरे क़रीब आकर मेरी ख़िदमत नहीं करेंगे, अब से वह उन चीज़ों के क़रीब नहीं आएँगे जिनको मैंने मुक़द्दसतरीन क़रार दिया है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:15 | लेकिन रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि लावी का एक ख़ानदान उनमें शामिल नहीं है। सदोक़ का ख़ानदान आइंदा भी मेरी ख़िदमत करेगा। उसके इमाम उस वक़्त भी वफ़ादारी से मेरे मक़दिस में मेरी ख़िदमत करते रहे जब इसराईल के बाक़ी लोग मुझसे दूर हो गए थे। इसलिए यह आइंदा भी मेरे हुज़ूर आकर मुझे क़ुरबानियों की चरबी और ख़ून पेश करेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:16 | सिर्फ़ यही इमाम मेरे मक़दिस में दाख़िल होंगे और मेरी मेज़ पर मेरी ख़िदमत करके मेरे तमाम फ़रायज़ अदा करेंगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:17 | जब भी इमाम अंदरूनी दरवाज़े में दाख़िल होते हैं तो लाज़िम है कि वह कतान के कपड़े पहन लें। अंदरूनी सहन और रब के घर में ख़िदमत करते वक़्त ऊन के कपड़े पहनना मना है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:18 | वह कतान की पगड़ी और पाजामा पहनें, क्योंकि उन्हें पसीना दिलानेवाले कपड़ों से गुरेज़ करना है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:19 | जब भी इमाम अंदरूनी सहन से दुबारा बैरूनी सहन में जाना चाहें तो लाज़िम है कि वह ख़िदमत के लिए मुस्तामल कपड़ों को उतारें। वह इन कपड़ों को मुक़द्दस कमरों में छोड़ आएँ और आम कपड़े पहन लें, ऐसा न हो कि मुक़द्दस कपड़े छूने से आम लोगों की जान ख़तरे में पड़ जाए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:22 | इमाम को किसी तलाक़शुदा औरत या बेवा से शादी करने की इजाज़त नहीं है। वह सिर्फ़ इसराईली कुँवारी से शादी करे। सिर्फ़ उस वक़्त बेवा से शादी करने की इजाज़त है जब मरहूम शौहर इमाम था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:23 | इमाम अवाम को मुक़द्दस और ग़ैरमुक़द्दस चीज़ों में फ़रक़ की तालीम दें। वह उन्हें नापाक और पाक चीज़ों में इम्तियाज़ करना सिखाएँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:24 | अगर तनाज़ा हो तो इमाम मेरे अहकाम के मुताबिक़ ही उस पर फ़ैसला करें। उनका फ़र्ज़ है कि वह मेरी मुक़र्ररा ईदों को मेरी हिदायात और क़वायद के मुताबिक़ ही मनाएँ। वह मेरा सबत का दिन मख़सूसो-मुक़द्दस रखें। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:25 | इमाम अपने आपको किसी लाश के पास जाने से नापाक न करे। इसकी इजाज़त सिर्फ़ इसी सूरत में है कि उसके माँ-बाप, बच्चों, भाइयों या ग़ैरशादीशुदा बहनों में से कोई इंतक़ाल कर जाए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:27 | फिर मक़दिस के अंदरूनी सहन में जाकर अपने लिए गुनाह की क़ुरबानी पेश करे। तब ही वह दुबारा मक़दिस में ख़िदमत कर सकता है। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:28 | सिर्फ़ मैं ही इमामों का मौरूसी हिस्सा हूँ। उन्हें इसराईल में मौरूसी मिलकियत मत देना, क्योंकि मैं ख़ुद उनकी मौरूसी मिलकियत हूँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:29 | खाने के लिए इमामों को ग़ल्ला, गुनाह और क़ुसूर की क़ुरबानियाँ मिलेंगी, नीज़ इसराईल में वह सब कुछ जो रब के लिए मख़सूस किया जाता है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 44:30 | इमामों को फ़सल के पहले फल का बेहतरीन हिस्सा और तुम्हारे तमाम हदिये मिलेंगे। उन्हें अपने गुंधे हुए आटे से भी हिस्सा देना है। तब अल्लाह की बरकत तेरे घराने पर ठहरेगी। | |
Chapter 45
| Ezek | UrduGeoD | 45:1 | जब तुम मुल्क को क़ुरा डालकर क़बीलों में तक़सीम करोगे तो एक हिस्से को रब के लिए मख़सूस करना है। उस ज़मीन की लंबाई साढ़े 12 किलोमीटर और चौड़ाई 10 किलोमीटर होगी। पूरी ज़मीन मुक़द्दस होगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:2 | इस ख़ित्ते में एक प्लाट रब के घर के लिए मख़सूस होगा। उस की लंबाई भी 875 फ़ुट होगी और उस की चौड़ाई भी। उसके इर्दगिर्द खुली जगह होगी जिसकी चौड़ाई साढ़े 87 फ़ुट होगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:3 | ख़ित्ते का आधा हिस्सा अलग किया जाए। उस की लंबाई साढ़े 12 किलोमीटर और चौड़ाई 5 किलोमीटर होगी, और उसमें मक़दिस यानी मुक़द्दसतरीन जगह होगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:4 | यह ख़ित्ता मुल्क का मुक़द्दस इलाक़ा होगा। वह उन इमामों के लिए मख़सूस होगा जो मक़दिस में उस की ख़िदमत करते हैं। उसमें उनके घर और मक़दिस का मख़सूस प्लाट होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:5 | ख़ित्ते का दूसरा हिस्सा उन बाक़ी लावियों को दिया जाएगा जो रब के घर में ख़िदमत करेंगे। यह उनकी मिलकियत होगी, और उसमें वह अपनी आबादियाँ बना सकेंगे। उस की लंबाई और चौड़ाई पहले हिस्से के बराबर होगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:6 | मुक़द्दस ख़ित्ते से मुलहिक़ एक और ख़ित्ता होगा जिसकी लंबाई साढ़े 12 किलोमीटर और चौड़ाई ढाई किलोमीटर होगी। यह एक ऐसे शहर के लिए मख़सूस होगा जिसमें कोई भी इसराईली रह सकेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:7 | हुक्मरान के लिए भी ज़मीन अलग करनी है। यह ज़मीन मुक़द्दस ख़ित्ते की मशरिक़ी हद से लेकर मुल्क की मशरिक़ी सरहद तक और मुक़द्दस ख़ित्ते की मग़रिबी हद से लेकर समुंदर तक होगी। चुनाँचे मशरिक़ से मग़रिब तक मुक़द्दस ख़ित्ते और हुक्मरान के इलाक़े का मिल मिलाकर फ़ासला उतना है जितना क़बायली इलाक़ों का है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:8 | यह इलाक़ा मुल्के-इसराईल में हुक्मरान का हिस्सा होगा। फिर वह आइंदा मेरी क़ौम पर ज़ुल्म नहीं करेगा बल्कि मुल्क के बाक़ी हिस्से को इसराईल के क़बीलों पर छोड़ेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:9 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ इसराईली हुक्मरानो, अब बस करो! अपनी ग़लत हरकतों से बाज़ आओ। अपना ज़ुल्मो-तशद्दुद छोड़कर इनसाफ़ और रास्तबाज़ी क़ायम करो। मेरी क़ौम को उस की मौरूसी ज़मीन से भगाने से बाज़ आओ। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:11 | ग़ल्ला नापने का बरतन बनाम ऐफ़ा माए नापने के बरतन बनाम बत जितना बड़ा हो। दोनों के लिए कसौटी ख़ोमर है। एक ख़ोमर 10 ऐफ़ा और 10 बत के बराबर है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:12 | तुम्हारे बाट यों हों कि 20 जीरह 1 मिस्क़ाल के बराबर और 60 मिस्क़ाल 1 माना के बराबर हों। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:13 | दर्जे-ज़ैल तुम्हारे बाक़ायदा हदिये हैं : अनाज : तुम्हारी फ़सल का 60वाँ हिस्सा, जौ : तुम्हारी फ़सल का 60वाँ हिस्सा, | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:14 | ज़ैतून का तेल : तुम्हारी फ़सल का 100वाँ हिस्सा (तेल को बत के हिसाब से नापना है। 10 बत 1 ख़ोमर और 1 कोर के बराबर है।), | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:15 | 200 भेड़-बकरियों में से एक। यह चीज़ें ग़ल्ला की नज़रों के लिए, भस्म होनेवाली क़ुरबानियों और सलामती की क़ुरबानियों के लिए मुक़र्रर हैं। उनसे क़ौम का कफ़्फ़ारा दिया जाएगा। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:17 | हुक्मरान का फ़र्ज़ होगा कि वह नए चाँद की ईदों, सबत के दिनों और दीगर ईदों पर तमाम इसराईली क़ौम के लिए क़ुरबानियाँ मुहैया करे। इनमें भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ, गुनाह और सलामती की क़ुरबानियाँ और ग़ल्ला और मै की नज़रें शामिल होंगी। यों वह इसराईल का कफ़्फ़ारा देगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:18 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि पहले महीने के पहले दिन को एक बेऐब बैल को क़ुरबान करके मक़दिस को पाक-साफ़ कर। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:19 | इमाम बैल का ख़ून लेकर उसे रब के घर के दरवाज़ों के बाज़ुओं, क़ुरबानगाह के दरमियानी हिस्से के कोनों और अंदरूनी सहन में पहुँचानेवाले दरवाज़ों के बाज़ुओं पर लगा दे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:20 | यही अमल पहले महीने के सातवें दिन भी कर ताकि उन सबका कफ़्फ़ारा दिया जाए जिन्होंने ग़ैरइरादी तौर पर या बेख़बरी से गुनाह किया हो। यों तुम रब के घर का कफ़्फ़ारा दोगे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:21 | पहले महीने के चौधवें दिन फ़सह की ईद का आग़ाज़ हो। उसे सात दिन मनाओ, और उसके दौरान सिर्फ़ बेख़मीरी रोटी खाओ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:22 | पहले दिन मुल्क का हुक्मरान अपने और तमाम क़ौम के लिए गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर एक बैल पेश करे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:23 | नीज़, वह ईद के सात दिन के दौरान रोज़ाना सात बेऐब बैल और सात मेंढे भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर क़ुरबान करे और गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर एक एक बकरा पेश करे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 45:24 | वह हर बैल और हर मेंढे के साथ साथ ग़ल्ला की नज़र भी पेश करे। इसके लिए वह फ़ी जानवर 16 किलोग्राम मैदा और 4 लिटर तेल मुहैया करे। | |
Chapter 46
| Ezek | UrduGeoD | 46:1 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि लाज़िम है कि अंदरूनी सहन में पहुँचानेवाला मशरिक़ी दरवाज़ा इतवार से लेकर जुमे तक बंद रहे। उसे सिर्फ़ सबत और नए चाँद के दिन खोलना है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:2 | उस वक़्त हुक्मरान बैरूनी सहन से होकर मशरिक़ी दरवाज़े के बरामदे में दाख़िल हो जाए और उसमें से गुज़रकर दरवाज़े के बाज़ू के पास खड़ा हो जाए। वहाँ से वह इमामों को उस की भस्म होनेवाली और सलामती की क़ुरबानियाँ पेश करते हुए देख सकेगा। दरवाज़े की दहलीज़ पर वह सिजदा करेगा, फिर चला जाएगा। यह दरवाज़ा शाम तक खुला रहे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:3 | लाज़िम है कि बाक़ी इसराईली सबत और नए चाँद के दिन बैरूनी सहन में इबादत करें। वह इसी मशरिक़ी दरवाज़े के पास आकर मेरे हुज़ूर औंधे मुँह हो जाएँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:4 | सबत के दिन हुक्मरान छः बेऐब भेड़ के बच्चे और एक बेऐब मेंढा चुनकर रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:5 | वह हर मेंढे के साथ ग़ल्ला की नज़र भी पेश करे यानी 16 किलोग्राम मैदा और 4 लिटर ज़ैतून का तेल। हर भेड़ के बच्चे के साथ वह उतना ही ग़ल्ला दे जितना जी चाहे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:6 | नए चाँद के दिन वह एक जवान बैल, छः भेड़ के बच्चे और एक मेंढा पेश करे। सब बेऐब हों। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:7 | जवान बैल और मेंढे के साथ ग़ल्ला की नज़र भी पेश की जाए। ग़ल्ला की यह नज़र 16 किलोग्राम मैदे और 4 लिटर ज़ैतून के तेल पर मुश्तमिल हो। वह हर भेड़ के बच्चे के साथ उतना ही ग़ल्ला दे जितना जी चाहे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:8 | हुक्मरान अंदरूनी मशरिक़ी दरवाज़े में बैरूनी सहन से होकर दाख़िल हो, और वह इसी रास्ते से निकले भी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:9 | जब बाक़ी इसराईली किसी ईद पर रब को सिजदा करने आएँ तो जो शिमाली दरवाज़े से बैरूनी सहन में दाख़िल हों वह इबादत के बाद जुनूबी दरवाज़े से निकलें, और जो जुनूबी दरवाज़े से दाख़िल हों वह शिमाली दरवाज़े से निकलें। कोई उस दरवाज़े से न निकले जिसमें से वह दाख़िल हुआ बल्कि मुक़ाबिल के दरवाज़े से। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:10 | हुक्मरान उस वक़्त सहन में दाख़िल हो जब बाक़ी इसराईली दाख़िल हो रहे हों, और वह उस वक़्त रवाना हो जब बाक़ी इसराईली रवाना हो जाएँ। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:11 | ईदों और मुक़र्ररा तहवारों पर बैल और मेंढे के साथ ग़ल्ला की नज़र पेश की जाए। ग़ल्ला की यह नज़र 16 किलोग्राम मैदे और 4 लिटर ज़ैतून के तेल पर मुश्तमिल हो। हुक्मरान भेड़ के बच्चों के साथ उतना ही ग़ल्ला दे जितना जी चाहे। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:12 | जब हुक्मरान अपनी ख़ुशी से मुझे क़ुरबानी पेश करना चाहे ख़ाह भस्म होनेवाली या सलामती की क़ुरबानी हो, तो उसके लिए अंदरूनी दरवाज़े का मशरिक़ी दरवाज़ा खोला जाए। वहाँ वह अपनी क़ुरबानी यों पेश करे जिस तरह सबत के दिन करता है। उसके निकलने पर यह दरवाज़ा बंद कर दिया जाए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:13 | इसराईल रब को हर सुबह एक बेऐब यकसाला भेड़ का बच्चा पेश करे। भस्म होनेवाली यह क़ुरबानी रोज़ाना चढ़ाई जाए। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:14 | साथ साथ ग़ल्ला की नज़र पेश की जाए। इसके लिए सवा लिटर ज़ैतून का तेल ढाई किलोग्राम मैदे के साथ मिलाया जाए। ग़ल्ला की यह नज़र हमेशा ही मुझे पेश करनी है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:16 | क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि अगर इसराईल का हुक्मरान अपने किसी बेटे को कुछ मौरूसी ज़मीन दे तो यह ज़मीन बेटे की मौरूसी ज़मीन बनकर उस की औलाद की मिलकियत रहेगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:17 | लेकिन अगर हुक्मरान कुछ मौरूसी ज़मीन अपने किसी मुलाज़िम को दे तो यह ज़मीन सिर्फ़ अगले बहाली के साल तक मुलाज़िम के हाथ में रहेगी। फिर यह दुबारा हुक्मरान के क़ब्ज़े में वापस आएगी। क्योंकि यह मौरूसी ज़मीन मुस्तक़िल तौर पर उस की और उसके बेटों की मिलकियत है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:18 | हुक्मरान को जबरन दूसरे इसराईलियों की मौरूसी ज़मीन अपनाने की इजाज़त नहीं। लाज़िम है कि जो भी ज़मीन वह अपने बेटों में तक़सीम करे वह उस की अपनी ही मौरूसी ज़मीन हो। मेरी क़ौम में से किसी को निकालकर उस की मौरूसी ज़मीन से महरूम करना मना है’।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:19 | इसके बाद मेरा राहनुमा मुझे उन कमरों के दरवाज़े के पास ले गया जिनका रुख़ शिमाल की तरफ़ था और जो अंदरूनी सहन के जुनूबी दरवाज़े के क़रीब थे। यह इमामों के मुक़द्दस कमरे हैं। उसने मुझे कमरों के मग़रिबी सिरे में एक जगह दिखा कर | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:20 | कहा, “यहाँ इमाम वह गोश्त उबालेंगे जो गुनाह और क़ुसूर की क़ुरबानियों में से उनका हिस्सा बनता है। यहाँ वह ग़ल्ला की नज़र लेकर रोटी भी बनाएँगे। क़ुरबानियों में से कोई भी चीज़ बैरूनी सहन में नहीं लाई जा सकती, ऐसा न हो कि मुक़द्दस चीज़ें छूने से आम लोगों की जान ख़तरे में पड़ जाए।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 46:21 | फिर मेरा राहनुमा दुबारा मेरे साथ बैरूनी सहन में आ गया। वहाँ उसने मुझे उसके चार कोने दिखाए। हर कोने में एक सहन था | |
Chapter 47
| Ezek | UrduGeoD | 47:1 | इसके बाद मेरा राहनुमा मुझे एक बार फिर रब के घर के दरवाज़े के पास ले गया। यह दरवाज़ा मशरिक़ में था, क्योंकि रब के घर का रुख़ ही मशरिक़ की तरफ़ था। मैंने देखा कि दहलीज़ के नीचे से पानी निकल रहा है। दरवाज़े से निकलकर वह पहले रब के घर की जुनूबी दीवार के साथ साथ बहता था, फिर क़ुरबानगाह के जुनूब में से गुज़रकर मशरिक़ की तरफ़ बह निकला। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:2 | मेरा राहनुमा मेरे साथ बैरूनी सहन के शिमाली दरवाज़े में से निकला। बाहर चारदीवारी के साथ साथ चलते चलते हम बैरूनी सहन के मशरिक़ी दरवाज़े के पास पहुँच गए। मैंने देखा कि पानी इस दरवाज़े के जुनूबी हिस्से में से निकल रहा है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:3 | हम पानी के किनारे किनारे चल पड़े। मेरे राहनुमा ने अपने फ़ीते के साथ आधा किलोमीटर का फ़ासला नापा। फिर उसने मुझे पानी में से गुज़रने को कहा। यहाँ पानी टख़नों तक पहुँचता था। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:4 | उसने मज़ीद आधे किलोमीटर का फ़ासला नापा, फिर मुझे दुबारा पानी में से गुज़रने को कहा। अब पानी घुटनों तक पहुँचा। जब उसने तीसरी मरतबा आधा किलोमीटर का फ़ासला नापकर मुझे उसमें से गुज़रने दिया तो पानी कमर तक पहुँचा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:5 | एक आख़िरी दफ़ा उसने आधे किलोमीटर का फ़ासला नापा। अब मैं पानी में से गुज़र न सका। पानी इतना गहरा था कि उसमें से गुज़रने के लिए तैरने की ज़रूरत थी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:6 | उसने मुझसे पूछा, “ऐ आदमज़ाद, क्या तूने ग़ौर किया है?” फिर वह मुझे दरिया के किनारे तक वापस लाया। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:8 | वह बोला, “यह पानी मशरिक़ की तरफ़ बहकर वादीए-यरदन में पहुँचता है। उसे पार करके वह बहीराए-मुरदार में आ जाता है। उसके असर से बहीराए-मुरदार का नमकीन पानी पीने के क़ाबिल हो जाएगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:9 | जहाँ भी दरिया बहेगा वहाँ के बेशुमार जानदार जीते रहेंगे। बहुत मछलियाँ होंगी, और दरिया बहीराए-मुरदार का नमकीन पानी पीने के क़ाबिल बनाएगा। जहाँ से भी गुज़रेगा वहाँ सब कुछ फलता-फूलता रहेगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:10 | ऐन-जदी से लेकर ऐन-अजलैम तक उसके किनारों पर मछेरे खड़े होंगे। हर तरफ़ उनके जाल सूखने के लिए फैलाए हुए नज़र आएँगे। दरिया में हर क़िस्म की मछलियाँ होंगी, उतनी जितनी बहीराए-रूम में पाई जाती हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:11 | सिर्फ़ बहीराए-मुरदार के इर्दगिर्द की दलदली जगहों और जोहड़ों का पानी नमकीन रहेगा, क्योंकि वह नमक हासिल करने के लिए इस्तेमाल होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:12 | दरिया के दोनों किनारों पर हर क़िस्म के फलदार दरख़्त उगेंगे। इन दरख़्तों के पत्ते न कभी मुरझाएँगे, न कभी उनका फल ख़त्म होगा। वह हर महीने फल लाएँगे, इसलिए कि मक़दिस का पानी उनकी आबपाशी करता रहेगा। उनका फल लोगों की ख़ुराक बनेगा, और उनके पत्ते शफ़ा देंगे।” | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:13 | फिर रब क़ादिरे-मुतलक़ ने फ़रमाया, “मैं तुझे उस मुल्क की सरहद्दें बताता हूँ जो बारह क़बीलों में तक़सीम करना है। यूसुफ़ को दो हिस्से देने हैं, बाक़ी क़बीलों को एक एक हिस्सा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:14 | मैंने अपना हाथ उठाकर क़सम खाई थी कि मैं यह मुल्क तुम्हारे बापदादा को अता करूँगा, इसलिए तुम यह मुल्क मीरास में पाओगे। अब उसे आपस में बराबर तक़सीम कर लो। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:15 | शिमाली सरहद बहीराए-रूम से शुरू होकर मशरिक़ की तरफ़ हतलून, लबो-हमात और सिदाद के पास से गुज़रती है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:16 | वहाँ से वह बेरोता और सिबरैम के पास पहुँचती है (सिबरैम मुल्के-दमिश्क़ और मुल्के-हमात के दरमियान वाक़े है)। फिर सरहद हसर-एनान शहर तक आगे निकलती है जो हौरान की सरहद पर वाक़े है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:17 | ग़रज़ शिमाली सरहद बहीराए-रूम से लेकर हसर-एनान तक पहुँचती है। दमिश्क़ और हमात की सरहद्दें उसके शिमाल में हैं। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:18 | मुल्क की मशरिक़ी सरहद वहाँ शुरू होती है जहाँ दमिश्क़ का इलाक़ा हौरान के पहाड़ी इलाक़े से मिलता है। वहाँ से सरहद दरियाए-यरदन के साथ साथ चलती हुई जुनूब में बहीराए-रूम के पास तमर शहर तक पहुँचती है। यों दरियाए-यरदन मुल्के-इसराईल की मशरिक़ी सरहद और मुल्के-जिलियाद की मग़रिबी सरहद है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:19 | जुनूबी सरहद तमर से शुरू होकर जुनूब-मग़रिब की तरफ़ चलती चलती मरीबा-क़ादिस के चश्मों तक पहुँचती है। फिर वह शिमाल-मग़रिब की तरफ़ रुख़ करके मिसर की सरहद यानी वादीए-मिसर के साथ साथ बहीराए-रूम तक पहुँचती है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 47:22 | यह तुम्हारी मौरूसी ज़मीन होगी। जब तुम क़ुरा डालकर उसे आपस में तक़सीम करो तो उन ग़ैरमुल्कियों को भी ज़मीन मिलनी है जो तुम्हारे दरमियान रहते और जिनके बच्चे यहाँ पैदा हुए हैं। तुम्हारा उनके साथ वैसा सुलूक हो जैसा इसराईलियों के साथ। क़ुरा डालते वक़्त उन्हें इसराईली क़बीलों के साथ ज़मीन मिलनी है। | |
Chapter 48
| Ezek | UrduGeoD | 48:1 | इसराईल की शिमाली सरहद बहीराए-रूम से शुरू होकर मशरिक़ की तरफ़ हतलून, लबो-हमात और हसर-एनान के पास से गुज़रती है। दमिश्क़ और हमात सरहद के शिमाल में हैं। हर क़बीले को मुल्क का एक हिस्सा मिलेगा। हर ख़ित्ते का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा मग़रिबी सरहद होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : दान, आशर, नफ़ताली, मनस्सी, इफ़राईम, रूबिन और यहूदाह। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:2 | इसराईल की शिमाली सरहद बहीराए-रूम से शुरू होकर मशरिक़ की तरफ़ हतलून, लबो-हमात और हसर-एनान के पास से गुज़रती है। दमिश्क़ और हमात सरहद के शिमाल में हैं। हर क़बीले को मुल्क का एक हिस्सा मिलेगा। हर ख़ित्ते का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा मग़रिबी सरहद होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : दान, आशर, नफ़ताली, मनस्सी, इफ़राईम, रूबिन और यहूदाह। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:3 | इसराईल की शिमाली सरहद बहीराए-रूम से शुरू होकर मशरिक़ की तरफ़ हतलून, लबो-हमात और हसर-एनान के पास से गुज़रती है। दमिश्क़ और हमात सरहद के शिमाल में हैं। हर क़बीले को मुल्क का एक हिस्सा मिलेगा। हर ख़ित्ते का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा मग़रिबी सरहद होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : दान, आशर, नफ़ताली, मनस्सी, इफ़राईम, रूबिन और यहूदाह। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:4 | इसराईल की शिमाली सरहद बहीराए-रूम से शुरू होकर मशरिक़ की तरफ़ हतलून, लबो-हमात और हसर-एनान के पास से गुज़रती है। दमिश्क़ और हमात सरहद के शिमाल में हैं। हर क़बीले को मुल्क का एक हिस्सा मिलेगा। हर ख़ित्ते का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा मग़रिबी सरहद होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : दान, आशर, नफ़ताली, मनस्सी, इफ़राईम, रूबिन और यहूदाह। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:5 | इसराईल की शिमाली सरहद बहीराए-रूम से शुरू होकर मशरिक़ की तरफ़ हतलून, लबो-हमात और हसर-एनान के पास से गुज़रती है। दमिश्क़ और हमात सरहद के शिमाल में हैं। हर क़बीले को मुल्क का एक हिस्सा मिलेगा। हर ख़ित्ते का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा मग़रिबी सरहद होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : दान, आशर, नफ़ताली, मनस्सी, इफ़राईम, रूबिन और यहूदाह। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:6 | इसराईल की शिमाली सरहद बहीराए-रूम से शुरू होकर मशरिक़ की तरफ़ हतलून, लबो-हमात और हसर-एनान के पास से गुज़रती है। दमिश्क़ और हमात सरहद के शिमाल में हैं। हर क़बीले को मुल्क का एक हिस्सा मिलेगा। हर ख़ित्ते का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा मग़रिबी सरहद होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : दान, आशर, नफ़ताली, मनस्सी, इफ़राईम, रूबिन और यहूदाह। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:7 | इसराईल की शिमाली सरहद बहीराए-रूम से शुरू होकर मशरिक़ की तरफ़ हतलून, लबो-हमात और हसर-एनान के पास से गुज़रती है। दमिश्क़ और हमात सरहद के शिमाल में हैं। हर क़बीले को मुल्क का एक हिस्सा मिलेगा। हर ख़ित्ते का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा मग़रिबी सरहद होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : दान, आशर, नफ़ताली, मनस्सी, इफ़राईम, रूबिन और यहूदाह। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:8 | यहूदाह के जुनूब में वह इलाक़ा होगा जो तुम्हें मेरे लिए अलग करना है। क़बायली इलाक़ों की तरह उसका भी एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा मग़रिबी सरहद होगा। शिमाल से जुनूब तक का फ़ासला साढ़े 12 किलोमीटर है। उसके बीच में मक़दिस है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:9 | इस इलाक़े के दरमियान एक ख़ास ख़ित्ता होगा। मशरिक़ से मग़रिब तक उसका फ़ासला साढ़े 12 किलोमीटर होगा जबकि शिमाल से जुनूब तक फ़ासला 10 किलोमीटर होगा। रब के लिए मख़सूस इस ख़ित्ते | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:10 | का एक हिस्सा इमामों के लिए मख़सूस होगा। इस हिस्से का फ़ासला मशरिक़ से मग़रिब तक साढ़े 12 किलोमीटर और शिमाल से जुनूब तक 5 किलोमीटर होगा। इसके बीच में ही रब का मक़दिस होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:11 | यह मुक़द्दस इलाक़ा लावी के ख़ानदान सदोक़ के मख़सूसो-मुक़द्दस किए गए इमामों को दिया जाएगा। क्योंकि जब इसराईली मुझसे बरगश्ता हुए तो बाक़ी लावी उनके साथ भटक गए, लेकिन सदोक़ का ख़ानदान वफ़ादारी से मेरी ख़िदमत करता रहा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:12 | इसलिए उन्हें मेरे लिए मख़सूस इलाक़े का मुक़द्दसतरीन हिस्सा मिलेगा। यह लावियों के ख़ित्ते के शिमाल में होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:13 | इमामों के जुनूब में बाक़ी लावियों का ख़ित्ता होगा। मशरिक़ से मग़रिब तक उसका फ़ासला साढ़े 12 किलोमीटर और शिमाल से जुनूब तक 5 किलोमीटर होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:14 | रब के लिए मख़सूस यह इलाक़ा पूरे मुल्क का बेहतरीन हिस्सा है। उसका कोई भी प्लाट किसी दूसरे के हाथ में देने की इजाज़त नहीं। उसे न बेचा जाए, न किसी दूसरे को किसी प्लाट के एवज़ में दिया जाए। क्योंकि यह इलाक़ा रब के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:15 | रब के मक़दिस के इस ख़ास इलाक़े के जुनूब में एक और ख़ित्ता होगा जिसकी लंबाई साढ़े 12 किलोमीटर और चौड़ाई अढ़ाई किलोमीटर है। वह मुक़द्दस नहीं है बल्कि आम लोगों की रिहाइश के लिए होगा। इसके बीच में शहर होगा, जिसके इर्दगिर्द चरागाहें होंगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:18 | चूँकि शहर अपने ख़ित्ते के बीच में होगा इसलिए मज़कूरा खुली जगह के मशरिक़ में एक ख़ित्ता बाक़ी रह जाएगा जिसका मशरिक़ से शहर तक फ़ासला 5 किलोमीटर और शिमाल से जुनूब तक फ़ासला अढ़ाई किलोमीटर होगा। शहर के मग़रिब में भी इतना ही बड़ा ख़ित्ता होगा। इन दो ख़ित्तों में खेतीबाड़ी की जाएगी जिसकी पैदावार शहर में काम करनेवालों की ख़ुराक होगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:20 | चुनाँचे मेरे लिए अलग किया गया यह पूरा इलाक़ा मुरब्बा शक्ल का है। उस की लंबाई और चौड़ाई साढ़े बारह बारह किलोमीटर है। इसमें शहर भी शामिल है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:21 | मज़कूरा मुक़द्दस ख़ित्ते में मक़दिस, इमामों और बाक़ी लावियों की ज़मीनें हैं। उसके मशरिक़ और मग़रिब में बाक़ीमाँदा ज़मीन हुक्मरान की मिलकियत है। मुक़द्दस ख़ित्ते के मशरिक़ में हुक्मरान की ज़मीन मुल्क की मशरिक़ी सरहद तक होगी और मुक़द्दस ख़ित्ते के मग़रिब में वह समुंदर तक होगी। शिमाल से जुनूब तक वह मुक़द्दस ख़ित्ते जितनी चौड़ी यानी साढ़े 12 किलोमीटर होगी। शिमाल में यहूदाह का क़बायली इलाक़ा होगा और जुनूब में बिनयमीन का। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:22 | मज़कूरा मुक़द्दस ख़ित्ते में मक़दिस, इमामों और बाक़ी लावियों की ज़मीनें हैं। उसके मशरिक़ और मग़रिब में बाक़ीमाँदा ज़मीन हुक्मरान की मिलकियत है। मुक़द्दस ख़ित्ते के मशरिक़ में हुक्मरान की ज़मीन मुल्क की मशरिक़ी सरहद तक होगी और मुक़द्दस ख़ित्ते के मग़रिब में वह समुंदर तक होगी। शिमाल से जुनूब तक वह मुक़द्दस ख़ित्ते जितनी चौड़ी यानी साढ़े 12 किलोमीटर होगी। शिमाल में यहूदाह का क़बायली इलाक़ा होगा और जुनूब में बिनयमीन का। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:23 | मुल्क के इस ख़ास दरमियानी हिस्से के जुनूब में बाक़ी क़बीलों को एक एक इलाक़ा मिलेगा। हर इलाक़े का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा बहीराए-रूम होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : बिनयमीन, शमौन, इशकार, ज़बूलून और जद। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:24 | मुल्क के इस ख़ास दरमियानी हिस्से के जुनूब में बाक़ी क़बीलों को एक एक इलाक़ा मिलेगा। हर इलाक़े का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा बहीराए-रूम होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : बिनयमीन, शमौन, इशकार, ज़बूलून और जद। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:25 | मुल्क के इस ख़ास दरमियानी हिस्से के जुनूब में बाक़ी क़बीलों को एक एक इलाक़ा मिलेगा। हर इलाक़े का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा बहीराए-रूम होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : बिनयमीन, शमौन, इशकार, ज़बूलून और जद। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:26 | मुल्क के इस ख़ास दरमियानी हिस्से के जुनूब में बाक़ी क़बीलों को एक एक इलाक़ा मिलेगा। हर इलाक़े का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा बहीराए-रूम होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : बिनयमीन, शमौन, इशकार, ज़बूलून और जद। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:27 | मुल्क के इस ख़ास दरमियानी हिस्से के जुनूब में बाक़ी क़बीलों को एक एक इलाक़ा मिलेगा। हर इलाक़े का एक सिरा मुल्क की मशरिक़ी सरहद और दूसरा सिरा बहीराए-रूम होगा। शिमाल से लेकर जुनूब तक क़बायली इलाक़ों की यह तरतीब होगी : बिनयमीन, शमौन, इशकार, ज़बूलून और जद। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:28 | जद के क़बीले की जुनूबी सरहद मुल्क की सरहद भी है। वह तमर से जुनूब-मग़रिब में मरीबा-क़ादिस के चश्मों तक चलती है, फिर मिसर की सरहद यानी वादीए-मिसर के साथ साथ शिमाल-मग़रिब का रुख़ करके बहीराए-रूम तक पहुँचती है। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:29 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि यही तुम्हारा मुल्क होगा! उसे इसराईली क़बीलों में तक़सीम करो। जो कुछ भी उन्हें क़ुरा डालकर मिले वह उनकी मौरूसी ज़मीन होगी। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:30 | यरूशलम शहर के 12 दरवाज़े होंगे। फ़सील की चारों दीवारें सवा दो दो किलोमीटर लंबी होंगी। हर दीवार के तीन दरवाज़े होंगे, ग़रज़ कुल बारह दरवाज़े होंगे। हर एक का नाम किसी क़बीले का नाम होगा। चुनाँचे शिमाल में रूबिन का दरवाज़ा, यहूदाह का दरवाज़ा और लावी का दरवाज़ा होगा, मशरिक़ में यूसुफ़ का दरवाज़ा, बिनयमीन का दरवाज़ा और दान का दरवाज़ा होगा, जुनूब में शमौन का दरवाज़ा, इशकार का दरवाज़ा और ज़बूलून का दरवाज़ा होगा, और मग़रिब में जद का दरवाज़ा, आशर का दरवाज़ा और नफ़ताली का दरवाज़ा होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:31 | यरूशलम शहर के 12 दरवाज़े होंगे। फ़सील की चारों दीवारें सवा दो दो किलोमीटर लंबी होंगी। हर दीवार के तीन दरवाज़े होंगे, ग़रज़ कुल बारह दरवाज़े होंगे। हर एक का नाम किसी क़बीले का नाम होगा। चुनाँचे शिमाल में रूबिन का दरवाज़ा, यहूदाह का दरवाज़ा और लावी का दरवाज़ा होगा, मशरिक़ में यूसुफ़ का दरवाज़ा, बिनयमीन का दरवाज़ा और दान का दरवाज़ा होगा, जुनूब में शमौन का दरवाज़ा, इशकार का दरवाज़ा और ज़बूलून का दरवाज़ा होगा, और मग़रिब में जद का दरवाज़ा, आशर का दरवाज़ा और नफ़ताली का दरवाज़ा होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:32 | यरूशलम शहर के 12 दरवाज़े होंगे। फ़सील की चारों दीवारें सवा दो दो किलोमीटर लंबी होंगी। हर दीवार के तीन दरवाज़े होंगे, ग़रज़ कुल बारह दरवाज़े होंगे। हर एक का नाम किसी क़बीले का नाम होगा। चुनाँचे शिमाल में रूबिन का दरवाज़ा, यहूदाह का दरवाज़ा और लावी का दरवाज़ा होगा, मशरिक़ में यूसुफ़ का दरवाज़ा, बिनयमीन का दरवाज़ा और दान का दरवाज़ा होगा, जुनूब में शमौन का दरवाज़ा, इशकार का दरवाज़ा और ज़बूलून का दरवाज़ा होगा, और मग़रिब में जद का दरवाज़ा, आशर का दरवाज़ा और नफ़ताली का दरवाज़ा होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:33 | यरूशलम शहर के 12 दरवाज़े होंगे। फ़सील की चारों दीवारें सवा दो दो किलोमीटर लंबी होंगी। हर दीवार के तीन दरवाज़े होंगे, ग़रज़ कुल बारह दरवाज़े होंगे। हर एक का नाम किसी क़बीले का नाम होगा। चुनाँचे शिमाल में रूबिन का दरवाज़ा, यहूदाह का दरवाज़ा और लावी का दरवाज़ा होगा, मशरिक़ में यूसुफ़ का दरवाज़ा, बिनयमीन का दरवाज़ा और दान का दरवाज़ा होगा, जुनूब में शमौन का दरवाज़ा, इशकार का दरवाज़ा और ज़बूलून का दरवाज़ा होगा, और मग़रिब में जद का दरवाज़ा, आशर का दरवाज़ा और नफ़ताली का दरवाज़ा होगा। | |
| Ezek | UrduGeoD | 48:34 | यरूशलम शहर के 12 दरवाज़े होंगे। फ़सील की चारों दीवारें सवा दो दो किलोमीटर लंबी होंगी। हर दीवार के तीन दरवाज़े होंगे, ग़रज़ कुल बारह दरवाज़े होंगे। हर एक का नाम किसी क़बीले का नाम होगा। चुनाँचे शिमाल में रूबिन का दरवाज़ा, यहूदाह का दरवाज़ा और लावी का दरवाज़ा होगा, मशरिक़ में यूसुफ़ का दरवाज़ा, बिनयमीन का दरवाज़ा और दान का दरवाज़ा होगा, जुनूब में शमौन का दरवाज़ा, इशकार का दरवाज़ा और ज़बूलून का दरवाज़ा होगा, और मग़रिब में जद का दरवाज़ा, आशर का दरवाज़ा और नफ़ताली का दरवाज़ा होगा। | |