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Chapter 1
Isai UrduGeoD 1:1  ज़ैल में वह रोयाएँ दर्ज हैं जो यसायाह बिन आमूस ने यहूदाह और यरूशलम के बारे में देखीं और जो उन सालों में मुंक़शिफ़ हुईं जब उज़्ज़ियाह, यूताम, आख़ज़ और हिज़क़ियाह यहूदाह के बादशाह थे।
Isai UrduGeoD 1:2  ऐ आसमान, मेरी बात सुन! ऐ ज़मीन, मेरे अलफ़ाज़ पर कान धर! क्योंकि रब ने फ़रमाया है, “जिन बच्चों की परवरिश मैंने की है और जो मेरे ज़ेरे-निगरानी परवान चढ़े हैं, उन्होंने मुझसे रिश्ता तोड़ लिया है।
Isai UrduGeoD 1:3  बैल अपने मालिक को जानता और गधा अपने आक़ा की चरनी को पहचानता है, लेकिन इसराईल इतना नहीं जानता, मेरी क़ौम समझ से ख़ाली है।”
Isai UrduGeoD 1:4  ऐ गुनाहगार क़ौम, तुझ पर अफ़सोस! ऐ संगीन क़ुसूर में फँसी हुई उम्मत, तुझ पर अफ़सोस! शरीर नसल, बदचलन बच्चे! उन्होंने रब को तर्क कर दिया है। हाँ, उन्होंने इसराईल के क़ुद्दूस को हक़ीर जानकर रद्द किया, अपना मुँह उससे फेर लिया है।
Isai UrduGeoD 1:5  अब तुम्हें मज़ीद कहाँ पीटा जाए? तुम्हारी ज़िद तो मज़ीद बढ़ती जा रही है गो पूरा सर ज़ख़मी और पूरा दिल बीमार है।
Isai UrduGeoD 1:6  चाँद से लेकर तल्वे तक पूरा जिस्म मजरूह है, हर जगह चोटें, घाव और ताज़ा ताज़ा ज़रबें लगी हैं। और न उन्हें साफ़ किया गया, न उनकी मरहम-पट्टी की गई है।
Isai UrduGeoD 1:7  तुम्हारा मुल्क वीरानो-सुनसान हो गया है, तुम्हारे शहर भस्म हो गए हैं। तुम्हारे देखते देखते परदेसी तुम्हारे खेतों को लूट रहे हैं, उन्हें यों उजाड़ रहे हैं जिस तरह परदेसी ही कर सकते हैं।
Isai UrduGeoD 1:8  सिर्फ़ यरूशलम ही बाक़ी रह गया है, सिय्यून बेटी अंगूर के बाग़ में झोंपड़ी की तरह अकेली रह गई है। अब दुश्मन से घिरा हुआ यह शहर खीरे के खेत में लगे छप्पर की मानिंद है।
Isai UrduGeoD 1:9  अगर रब्बुल-अफ़वाज हममें से चंद एक को ज़िंदा न छोड़ता तो हम सदूम की तरह मिट जाते, हमारा अमूरा की तरह सत्यानास हो जाता।
Isai UrduGeoD 1:10  ऐ सदूम के सरदारो, रब का फ़रमान सुन लो! ऐ अमूरा के लोगो, हमारे ख़ुदा की हिदायत पर ध्यान दो!
Isai UrduGeoD 1:11  रब फ़रमाता है, “अगर तुम बेशुमार क़ुरबानियाँ पेश करो तो मुझे क्या? मैं तो भस्म होनेवाले मेंढों और मोटे-ताज़े बछड़ों की चरबी से उकता गया हूँ। बैलों, लेलों और बकरों का जो ख़ून मुझे पेश किया जाता है वह मुझे पसंद नहीं।
Isai UrduGeoD 1:12  किसने तुमसे तक़ाज़ा किया कि मेरे हुज़ूर आते वक़्त मेरी बारगाहों को पाँवों तले रौंदो?
Isai UrduGeoD 1:13  रुक जाओ! अपनी बेमानी क़ुरबानियाँ मत पेश करो! तुम्हारे बख़ूर से मुझे घिन आती है। नए चाँद की ईद और सबत का दिन मत मनाओ, लोगों को इबादत के लिए जमा न करो! मैं तुम्हारे बेदीन इजतिमा बरदाश्त ही नहीं कर सकता।
Isai UrduGeoD 1:14  जब तुम नए चाँद की ईद और बाक़ी तक़रीबात मनाते हो तो मेरे दिल में नफ़रत पैदा होती है। यह मेरे लिए भारी बोझ बन गई हैं जिनसे मैं तंग आ गया हूँ।
Isai UrduGeoD 1:15  बेशक अपने हाथों को दुआ के लिए उठाते जाओ, मैं ध्यान नहीं दूँगा। गो तुम बहुत ज़्यादा नमाज़ भी पढ़ो, मैं तुम्हारी नहीं सुनूँगा, क्योंकि तुम्हारे हाथ ख़ूनआलूदा हैं।
Isai UrduGeoD 1:16  पहले नहाकर अपने आपको पाक-साफ़ करो। अपनी शरीर हरकतों से बाज़ आओ ताकि वह मुझे नज़र न आएँ। अपनी ग़लत राहों को छोड़कर
Isai UrduGeoD 1:17  नेक काम करना सीख लो। इनसाफ़ के तालिब रहो, मज़लूमों का सहारा बनो, यतीमों का इनसाफ़ करो और बेवाओं के हक़ में लड़ो!”
Isai UrduGeoD 1:18  रब फ़रमाता है, “आओ हम अदालत में जाकर एक दूसरे से मुक़दमा लड़ें। अगर तुम्हारे गुनाहों का रंग क़िरमिज़ी हो जाए तो क्या वह दुबारा बर्फ़ जैसे उजले हो जाएंगे? अगर उनका रंग अरग़वानी हो जाए तो क्या वह दुबारा ऊन जैसे सफ़ेद हो जाएंगे?
Isai UrduGeoD 1:19  अगर तुम सुनने के लिए तैयार हो तो मुल्क की बेहतरीन पैदावार से लुत्फ़अंदोज़ होगे।
Isai UrduGeoD 1:20  लेकिन अगर इनकार करके सरकश हो जाओ तो तलवार की ज़द में आकर मर जाओगे। इस बात का यक़ीन करो, क्योंकि रब ने यह कुछ फ़रमाया है।”
Isai UrduGeoD 1:21  यह कैसे हो गया है कि जो शहर पहले इतना वफ़ादार था वह अब कसबी बन गया है? पहले यरूशलम इनसाफ़ से मामूर था, और रास्ती उसमें सुकूनत करती थी। लेकिन अब हर तरफ़ क़ातिल ही क़ातिल हैं!
Isai UrduGeoD 1:22  ऐ यरूशलम, तेरी ख़ालिस चाँदी ख़ाम चाँदी में बदल गई है, तेरी बेहतरीन मै में पानी मिलाया गया है।
Isai UrduGeoD 1:23  तेरे बुज़ुर्ग हटधर्म और चोरों के यार हैं। यह रिश्वतखोर सब लोगों के पीछे पड़े रहते हैं ताकि चाय-पानी मिल जाए। न वह परवा करते हैं कि यतीमों को इनसाफ़ मिले, न बेवाओं की फ़रियाद उन तक पहुँचती है।
Isai UrduGeoD 1:24  इसलिए क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ज़बरदस्त सूरमा है फ़रमाता है, “आओ, मैं अपने मुख़ालिफ़ों और दुश्मनों से इंतक़ाम लेकर सुकून पाऊँ।
Isai UrduGeoD 1:25  मैं तेरे ख़िलाफ़ हाथ उठाऊँगा और ख़ाम चाँदी की तरह तुझे पोटाश के साथ पिघलाकर तमाम मैल से पाक-साफ़ कर दूँगा।
Isai UrduGeoD 1:26  मैं तुझे दुबारा क़दीम ज़माने के-से क़ाज़ी और इब्तिदा के-से मुशीर अता करूँगा। फिर यरूशलम दुबारा दारुल-इनसाफ़ और वफ़ादार शहर कहलाएगा।”
Isai UrduGeoD 1:27  अल्लाह सिय्यून की अदालत करके उसका फ़िद्या देगा, जो उसमें तौबा करेंगे उनका वह इनसाफ़ करके उन्हें छुड़ाएगा।
Isai UrduGeoD 1:28  लेकिन बाग़ी और गुनाहगार सबके सब पाश पाश हो जाएंगे, रब को तर्क करनेवाले हलाक हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 1:29  बलूत के जिन दरख़्तों की पूजा से तुम लुत्फ़अंदोज़ होते हो उनके बाइस तुम शर्मसार होगे, और जिन बाग़ों को तुमने अपनी बुतपरस्ती के लिए चुन लिया है उनके बाइस तुम्हें शर्म आएगी।
Isai UrduGeoD 1:30  तुम उस बलूत के दरख़्त की मानिंद होगे जिसके पत्ते मुरझा गए हों, तुम्हारी हालत उस बाग़ की-सी होगी जिसमें पानी नायाब हो।
Isai UrduGeoD 1:31  ज़बरदस्त आदमी फूस और उस की ग़लत हरकतें चिंगारी जैसी होंगी। दोनों मिलकर यों भड़क उठेंगे कि कोई भी बुझा नहीं सकेगा।
Chapter 2
Isai UrduGeoD 2:1  यसायाह बिन आमूस ने यहूदाह और यरूशलम के बारे में ज़ैल की रोया देखी,
Isai UrduGeoD 2:2  आख़िरी ऐयाम में रब के घर का पहाड़ मज़बूती से क़ायम होगा। सबसे बड़ा यह पहाड़ दीगर तमाम बुलंदियों से कहीं ज़्यादा सरफ़राज़ होगा। तब तमाम क़ौमें जौक़-दर-जौक़ उसके पास पहुँचेंगी,
Isai UrduGeoD 2:3  और बेशुमार उम्मतें आकर कहेंगी, “आओ, हम रब के पहाड़ पर चढ़कर याक़ूब के ख़ुदा के घर के पास जाएँ ताकि वह हमें अपनी मरज़ी की तालीम दे और हम उस की राहों पर चलें।” क्योंकि सिय्यून पहाड़ से रब की हिदायत निकलेगी, और यरूशलम से उसका कलाम सादिर होगा।
Isai UrduGeoD 2:4  रब बैनुल-अक़वामी झगड़ों को निपटाएगा और बेशुमार क़ौमों का इनसाफ़ करेगा। तब वह अपनी तलवारों को कूटकर फाले बनाएँगी और अपने नेज़ों को काँट-छाँट के औज़ार में तबदील करेंगी। अब से न एक क़ौम दूसरी पर हमला करेगी, न लोग जंग करने की तरबियत हासिल करेंगे।
Isai UrduGeoD 2:5  ऐ याक़ूब के घराने, आओ हम रब के नूर में चलें!
Isai UrduGeoD 2:6  ऐ अल्लाह, तूने अपनी क़ौम, याक़ूब के घराने को तर्क कर दिया है। और क्या अजब! क्योंकि वह मशरिक़ी जादूगरी से भर गए हैं। फ़िलिस्तियों की तरह हमारे लोग भी क़िस्मत का हाल पूछते हैं, वह परदेसियों के साथ बग़लगीर रहते हैं।
Isai UrduGeoD 2:7  इसराईल सोने-चाँदी से भर गया है, उसके ख़ज़ानों की हद ही नहीं रही। हर तरफ़ घोड़े ही घोड़े नज़र आते हैं, और उनके रथ गिने नहीं जा सकते।
Isai UrduGeoD 2:8  लेकिन साथ साथ उनका मुल्क बुतों से भी भर गया है। जो चीज़ें उनके हाथों ने बनाईं उनके सामने वह झुक जाते हैं, जो कुछ उनकी उँगलियों ने तश्कील दिया उसे वह सिजदा करते हैं।
Isai UrduGeoD 2:9  चुनाँचे अब उन्हें ख़ुद झुकाया जाएगा, उन्हें पस्त किया जाएगा। ऐ रब, उन्हें मुआफ़ न कर!
Isai UrduGeoD 2:10  चटानों में घुस जाओ! ख़ाक में छुप जाओ! क्योंकि रब का दहशतअंगेज़ और शानदार जलाल आने को है।
Isai UrduGeoD 2:11  तब इनसान की मग़रूर आँखों को नीचा किया जाएगा, मर्दों का तकब्बुर ख़ाक में मिलाया जाएगा। उस दिन सिर्फ़ रब ही सरफ़राज़ होगा।
Isai UrduGeoD 2:12  क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज ने एक ख़ास दिन ठहराया है जिसमें सब कुछ जो मग़रूर, बुलंद या सरफ़राज़ हो ज़ेर किया जाएगा।
Isai UrduGeoD 2:13  लुबनान में देवदार के तमाम बुलंदो-बाला दरख़्त, बसन के कुल बलूत,
Isai UrduGeoD 2:14  तमाम आली पहाड़ और ऊँची पहाड़ियाँ,
Isai UrduGeoD 2:15  हर अज़ीम बुर्ज और क़िलाबंद दीवार,
Isai UrduGeoD 2:16  समुंदर का हर अज़ीम तिजारती और शानदार जहाज़ ज़ेर हो जाएगा।
Isai UrduGeoD 2:17  चुनाँचे इनसान का ग़ुरूर ख़ाक में मिलाया जाएगा और मर्दों का तकब्बुर नीचा कर दिया जाएगा। उस दिन सिर्फ़ रब ही सरफ़राज़ होगा,
Isai UrduGeoD 2:18  और बुत सबके सब फ़ना हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 2:19  जब रब ज़मीन को दहशतज़दा करने के लिए उठ खड़ा होगा तो लोग मिट्टी के गढ़ों में खिसक जाएंगे। रब की महीब और शानदार तजल्ली को देखकर वह चटानों के ग़ारों में छुप जाएंगे।
Isai UrduGeoD 2:20  उस दिन इनसान सोने-चाँदी के उन बुतों को फेंक देगा जिन्हें उसने सिजदा करने के लिए बना लिया था। उन्हें चूहों और चमगादड़ों के आगे फेंककर
Isai UrduGeoD 2:21  वह चटानों के शिगाफ़ों और दराड़ों में घुस जाएंगे ताकि रब की महीब और शानदार तजल्ली से बच जाएँ जब वह ज़मीन को दहशतज़दा करने के लिए उठ खड़ा होगा।
Isai UrduGeoD 2:22  चुनाँचे इनसान पर एतमाद करने से बाज़ आओ जिसकी ज़िंदगी दम-भर की है। उस की क़दर ही क्या है?
Chapter 3
Isai UrduGeoD 3:1  क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज यरूशलम और यहूदाह से सब कुछ छीनने को है जिस पर लोग इनहिसार करते हैं। रोटी का हर लुक़मा और पानी का हर क़तरा,
Isai UrduGeoD 3:2  सूरमे और फ़ौजी, क़ाज़ी और नबी, क़िस्मत का हाल बतानेवाले और बुज़ुर्ग,
Isai UrduGeoD 3:3  फ़ौजी अफ़सर और असरो-रसूख़वाले, मुशीर, जादूगर और मंत्र फूँकनेवाले, सबके सब छीन लिए जाएंगे।
Isai UrduGeoD 3:4  मैं लड़के उन पर मुक़र्रर करूँगा, और मुतलव्विनमिज़ाज ज़ालिम उन पर हुकूमत करेंगे।
Isai UrduGeoD 3:5  अवाम एक दूसरे पर ज़ुल्म करेंगे, और हर एक अपने पड़ोसी को दबाएगा। नौजवान बुज़ुर्गों पर और कमीने, इज़्ज़तदारों पर हमला करेंगे।
Isai UrduGeoD 3:6  तब कोई अपने बाप के घर में अपने भाई को पकड़कर उससे कहेगा, “तेरे पास अब तक चादर है, इसलिए आ, हमारा सरबराह बन जा! खंडरात के इस ढेर को सँभालने की ज़िम्मादारी उठा ले!”
Isai UrduGeoD 3:7  लेकिन वह चीख़कर इनकार करेगा, “नहीं, मैं तुम्हारा मुआलजा कर ही नहीं सकता! मेरे घर में न रोटी है, न चादर। मुझे अवाम का सरबराह मत बनाना!”
Isai UrduGeoD 3:8  यरूशलम डगमगा रहा है, यहूदाह धड़ाम से गिर गया है। और वजह यह है कि वह अपनी बातों और हरकतों से रब की मुख़ालफ़त करते हैं। उसके जलाली हुज़ूर ही में वह सरकशी का इज़हार करते हैं।
Isai UrduGeoD 3:9  उनकी जानिबदारी उनके ख़िलाफ़ गवाही देती है। और वह सदूम के बाशिंदों की तरह अलानिया अपने गुनाहों पर फ़ख़र करते हैं, वह उन्हें छुपाने की कोशिश ही नहीं करते। उन पर अफ़सोस! वह तो अपने आपको मुसीबत में डाल रहे हैं।
Isai UrduGeoD 3:10  रास्तबाज़ों को मुबारकबाद दो, क्योंकि वह अपने आमाल के अच्छे फल से लुत्फ़अंदोज़ होंगे।
Isai UrduGeoD 3:11  लेकिन बेदीनों पर अफ़सोस! उनका अंजाम बुरा होगा, क्योंकि उन्हें ग़लत काम की मुनासिब सज़ा मिलेगी।
Isai UrduGeoD 3:12  हाय, मेरी क़ौम! मुतलव्विनमिज़ाज तुझ पर ज़ुल्म करते और औरतें तुझ पर हुकूमत करती हैं। ऐ मेरी क़ौम, तेरे राहनुमा तुझे गुमराह कर रहे हैं, वह तुझे उलझाकर सहीह राह से भटका रहे हैं।
Isai UrduGeoD 3:13  रब अदालत में मुक़दमा लड़ने के लिए खड़ा हुआ है, वह क़ौमों की अदालत करने के लिए उठा है।
Isai UrduGeoD 3:14  रब अपनी क़ौम के बुज़ुर्गों और रईसों का फ़ैसला करने के लिए सामने आकर फ़रमाता है, “तुम ही अंगूर के बाग़ में चरते हुए सब कुछ खा गए हो, तुम्हारे घर ज़रूरतमंदों के लूटे हुए माल से भरे पड़े हैं।
Isai UrduGeoD 3:15  यह तुमने कैसी गुस्ताख़ी कर दिखाई? यह मेरी ही क़ौम है जिसे तुम कुचल रहे हो। तुम मुसीबतज़दों के चेहरों को चक्की में पीस रहे हो।” क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज यों फ़रमाता है।
Isai UrduGeoD 3:16  रब ने फ़रमाया, “सिय्यून की बेटियाँ कितनी मग़रूर हैं। जब आँख मार मारकर चलती हैं तो अपनी गरदनों को कितनी शोख़ी से इधर उधर घुमाती हैं। और जब मटक मटककर क़दम उठाती हैं तो पाँवों पर बँधे हुए घुंघरू बोलते हैं टन टन, टन टन।”
Isai UrduGeoD 3:17  जवाब में रब उनके सरों पर फोड़े पैदा करके उनके माथों को गंजा होने देगा।
Isai UrduGeoD 3:18  उस दिन रब उनका तमाम सिंगार उतार देगा : उनके घुंघरू, सूरज और चाँद के ज़ेवरात,
Isai UrduGeoD 3:19  आवेज़े, कड़े, दोपट्टे,
Isai UrduGeoD 3:20  सजीली टोपियाँ, पायल, ख़ुशबू की बोतलें, तावीज़,
Isai UrduGeoD 3:22  शानदार कपड़े, चादरें, बटवे,
Isai UrduGeoD 3:23  आईने, नफ़ीस लिबास, सरबंद और शाल।
Isai UrduGeoD 3:24  ख़ुशबू की बजाए बदबू होगी, कमरबंद के बजाए रस्सी, सुलझे हुए बालों के बजाए गंजापन, शानदार लिबास के बजाए टाट, ख़ूबसूरती की बजाए शरमिंदगी।
Isai UrduGeoD 3:25  हाय, यरूशलम! तेरे मर्द तलवार की ज़द में आकर मरेंगे, तेरे सूरमे लड़ते लड़ते शहीद हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 3:26  शहर के दरवाज़े आहें भर भरकर मातम करेंगे, सिय्यून बेटी तनहा रहकर ख़ाक में बैठ जाएगी।
Chapter 4
Isai UrduGeoD 4:1  तब सात औरतें एक ही मर्द से लिपटकर कहेंगी, “हमसे शादी करें! बेशक हम ख़ुद ही रोज़मर्रा की ज़रूरियात पूरी करेंगी, ख़ाह खाना हो या कपड़ा। लेकिन हम आपके नाम से कहलाएँ ताकि हमारी शरमिंदगी दूर हो जाए।”
Isai UrduGeoD 4:2  उस दिन जो कुछ रब फूटने देगा वह शानदार और जलाली होगा, मुल्क की पैदावार बचे हुए इसराईलियों के लिए फ़ख़र और आबो-ताब का बाइस होगी।
Isai UrduGeoD 4:3  तब जो भी सिय्यून में बाक़ी रह गए होंगे वह मुक़द्दस कहलाएँगे। यरूशलम के जिन बाशिंदों के नाम ज़िंदों की फ़हरिस्त में दर्ज किए गए हैं वह बचकर मुक़द्दस कहलाएँगे।
Isai UrduGeoD 4:4  रब सिय्यून की फ़ुज़्ला से लतपत बेटियों को धोकर पाक-साफ़ करेगा, वह अदालत और तबाही की रूह से यरूशलम की ख़ूनरेज़ी के धब्बे दूर कर देगा।
Isai UrduGeoD 4:5  फिर रब होने देगा कि दिन को बादल सिय्यून के पूरे पहाड़ और उस पर जमा होनेवालों पर साया डाले जबकि रात को धुआँ और दहकती आग की चमक-दमक उस पर छाई रहे। यों उस पूरे शानदार इलाक़े पर सायबान होगा
Isai UrduGeoD 4:6  जो उसे झुलसती धूप से महफ़ूज़ रखेगा और तूफ़ान और बारिश से पनाह देगा।
Chapter 5
Isai UrduGeoD 5:1  आओ, मैं अपने महबूब के लिए गीत गाऊँ, एक गीत जो उसके अंगूर के बाग़ के बारे में है। मेरे प्यारे का बाग़ था। अंगूर का यह बाग़ ज़रख़ेज़ पहाड़ी पर था।
Isai UrduGeoD 5:2  उसने गोडी करते करते उसमें से तमाम पत्थर निकाल दिए, फिर बेहतरीन अंगूर की क़लमें लगाईं। बीच में उसने मीनार खड़ा किया ताकि उस की सहीह चौकीदारी कर सके। साथ साथ उसने अंगूर का रस निकालने के लिए पत्थर में हौज़ तराश लिया। फिर वह पहली फ़सल का इंतज़ार करने लगा। बड़ी उम्मीद थी कि अच्छे मीठे अंगूर मिलेंगे। लेकिन अफ़सोस! जब फ़सल पक गई तो छोटे और खट्टे अंगूर ही निकले थे।
Isai UrduGeoD 5:3  “ऐ यरूशलम और यहूदाह के बाशिंदो, अब ख़ुद फ़ैसला करो कि मैं उस बाग़ के साथ क्या करूँ।
Isai UrduGeoD 5:4  क्या मैंने बाग़ के लिए हर मुमकिन कोशिश नहीं की थी? क्या मुनासिब नहीं था कि मैं अच्छी फ़सल की उम्मीद रखूँ? क्या वजह है कि सिर्फ़ छोटे और खट्टे अंगूर निकले?
Isai UrduGeoD 5:5  पता है कि मैं अपने बाग़ के साथ क्या करूँगा? मैं उस की काँटेदार बाड़ को ख़त्म करूँगा और उस की चारदीवारी गिरा दूँगा। उसमें जानवर घुस आएँगे और चरकर सब कुछ तबाह करेंगे, सब कुछ पाँवों तले रौंद डालेंगे!
Isai UrduGeoD 5:6  मैं उस की ज़मीन बंजर बना दूँगा। न उस की बेलों की काँट-छाँट होगी, न गोडी की जाएगी। वहाँ काँटेदार और ख़ुदरौ पौदे उगेंगे। न सिर्फ़ यह बल्कि मैं बादलों को भी उस पर बरसने से रोक दूँगा।”
Isai UrduGeoD 5:7  सुनो, इसराईली क़ौम अंगूर का बाग़ है जिसका मालिक रब्बुल-अफ़वाज है। यहूदाह के लोग उसके लगाए हुए पौदे हैं जिनसे वह लुत्फ़अंदोज़ होना चाहता है। वह उम्मीद रखता था कि इनसाफ़ की फ़सल पैदा होगी, लेकिन अफ़सोस! उन्होंने ग़ैरक़ानूनी हरकतें कीं। रास्ती की तवक़्क़ो थी, लेकिन मज़लूमों की चीख़ें ही सुनाई दीं।
Isai UrduGeoD 5:8  तुम पर अफ़सोस जो यके बाद दीगरे घरों और खेतों को अपनाते जा रहे हो। आख़िरकार दीगर तमाम लोगों को निकलना पड़ेगा और तुम मुल्क में अकेले ही रहोगे।
Isai UrduGeoD 5:9  रब्बुल-अफ़वाज ने मेरी मौजूदगी में ही क़सम खाई है, “यक़ीनन यह मुतअद्दिद मकान वीरानो-सुनसान हो जाएंगे, इन बड़े और आलीशान घरों में कोई नहीं बसेगा।
Isai UrduGeoD 5:10  दस एकड़ ज़मीन के अंगूरों से मै के सिर्फ़ 22 लिटर बनेंगे, और बीज के 160 किलोग्राम से ग़ल्ला के सिर्फ़ 16 किलोग्राम पैदा होंगे।”
Isai UrduGeoD 5:11  तुम पर अफ़सोस जो सुबह-सवेरे उठकर शराब के पीछे पड़ जाते और रात-भर मै पी पीकर मस्त हो जाते हो।
Isai UrduGeoD 5:12  तुम्हारी ज़ियाफ़तों में कितनी रौनक़ होती है! तुम्हारे मेहमान मै पी पीकर सरोद, सितार, दफ़ और बाँसरी की सुरीली आवाज़ों से अपना दिल बहलाते हैं। लेकिन अफ़सोस, तुम्हें ख़याल तक नहीं आता कि रब क्या कर रहा है। जो कुछ रब के हाथों हो रहा है उसका तुम लिहाज़ ही नहीं करते।
Isai UrduGeoD 5:13  इसी लिए मेरी क़ौम जिलावतन हो जाएगी, क्योंकि वह समझ से ख़ाली है। उसके बड़े अफ़सर भूके मरेंगे, और अवाम प्यास के मारे सूख जाएंगे।
Isai UrduGeoD 5:14  पाताल ने अपना मुँह फाड़कर खोला है ताकि क़ौम की तमाम शानो-शौकत, शोर-शराबा, हंगामा और शादमान अफ़राद उसके गले में उतर जाएँ।
Isai UrduGeoD 5:15  इनसान को पस्त करके ख़ाक में मिलाया जाएगा, और मग़रूर की आँखें नीची हो जाएँगी।
Isai UrduGeoD 5:16  लेकिन रब्बुल-अफ़वाज की अदालत उस की अज़मत दिखाएगी, और क़ुद्दूस ख़ुदा की रास्ती ज़ाहिर करेगी कि वह क़ुद्दूस है।
Isai UrduGeoD 5:17  उन दिनों में लेले और मोटी-ताज़ी भेड़ें जिलावतनों के खंडरात में यों चरेंगी जिस तरह अपनी चरागाहों में।
Isai UrduGeoD 5:18  तुम पर अफ़सोस जो अपने क़ुसूर को धोकेबाज़ रस्सों के साथ अपने पीछे खींचते और अपने गुनाह को बैलगाड़ी की तरह अपने पीछे घसीटते हो।
Isai UrduGeoD 5:19  तुम कहते हो, “अल्लाह जल्दी जल्दी अपना काम निपटाए ताकि हम इसका मुआयना करें। जो मनसूबा इसराईल का क़ुद्दूस रखता है वह जल्दी सामने आए ताकि हम उसे जान लें।”
Isai UrduGeoD 5:20  तुम पर अफ़सोस जो बुराई को भुला और भलाई को बुरा क़रार देते हो, जो कहते हो कि तारीकी रौशनी और रौशनी तारीकी है, कि कड़वाहट मीठी और मिठास कड़वी है।
Isai UrduGeoD 5:21  तुम पर अफ़सोस जो अपनी नज़र में दानिशमंद हो और अपने आपको होशियार समझते हो।
Isai UrduGeoD 5:22  तुम पर अफ़सोस जो मै पीने में पहलवान हो और शराब मिलाने में अपनी बहादुरी दिखाते हो।
Isai UrduGeoD 5:23  तुम रिश्वत खाकर मुजरिमों को बरी करते और बेक़ुसूरों के हुक़ूक़ मारते हो।
Isai UrduGeoD 5:24  अब तुम्हें इसकी सज़ा भुगतनी पड़ेगी। जिस तरह भूसा आग की लपेट में आकर राख हो जाता और सूखी घास आग के शोले में चुरमुर हो जाती है उसी तरह तुम ख़त्म हो जाओगे। तुम्हारी जड़ें सड़ जाएँगी और तुम्हारे फूल गर्द की तरह उड़ जाएंगे, क्योंकि तुमने रब्बुल-अफ़वाज की शरीअत को रद्द किया है, तुमने इसराईल के क़ुद्दूस का फ़रमान हक़ीर जाना है।
Isai UrduGeoD 5:25  यही वजह है कि रब का ग़ज़ब उस की क़ौम पर नाज़िल हुआ है, कि उसने अपना हाथ बढ़ाकर उन पर हमला किया है। पहाड़ लरज़ रहे और गलियों में लाशें कचरे की तरह बिखरी हुई हैं। ताहम उसका ग़ुस्सा ठंडा नहीं होगा बल्कि उसका हाथ मारने के लिए उठा ही रहेगा।
Isai UrduGeoD 5:26  वह एक दूर-दराज़ क़ौम के लिए फ़ौजी झंडा गाड़कर उसे अपनी क़ौम के ख़िलाफ़ खड़ा करेगा, वह सीटी बजाकर उसे दुनिया की इंतहा से बुलाएगा। वह देखो, दुश्मन भागते हुए आ रहे हैं!
Isai UrduGeoD 5:27  उनमें से कोई नहीं जो थकामाँदा हो या लड़खड़ाकर चले। कोई नहीं ऊँघता या सोया हुआ है। किसी का भी पटका ढीला नहीं, किसी का भी तसमा टूटा नहीं।
Isai UrduGeoD 5:28  उनके तीर तेज़ और कमान तने हुए हैं। उनके घोड़ों के खुर चक़माक़ जैसे, उनके रथों के पहिये आँधी जैसे हैं।
Isai UrduGeoD 5:29  वह शेरनी की तरह गरजते हैं बल्कि जवान शेरबबर की तरह दहाड़ते और ग़ुर्राते हुए अपना शिकार छीनकर वहाँ ले जाते हैं जहाँ उसे कोई नहीं बचा सकता।
Isai UrduGeoD 5:30  उस दिन दुश्मन ग़ुर्राते और मुतलातिम समुंदर का-सा शोर मचाते हुए इसराईल पर टूट पड़ेंगे। जहाँ भी देखो वहाँ अंधेरा ही अंधेरा और मुसीबत ही मुसीबत। बादल छा जाने के सबब से रौशनी तारीक हो जाएगी।
Chapter 6
Isai UrduGeoD 6:1  जिस साल उज़्ज़ियाह बादशाह ने वफ़ात पाई उस साल मैंने रब को आला और जलाली तख़्त पर बैठे देखा। उसके लिबास के दामन से रब का घर भर गया।
Isai UrduGeoD 6:2  सराफ़ीम फ़रिश्ते उसके ऊपर खड़े थे। हर एक के छः पर थे। दो से वह अपने मुँह को और दो से अपने पाँवों को ढाँप लेते थे जबकि दो से वह उड़ते थे।
Isai UrduGeoD 6:3  बुलंद आवाज़ से वह एक दूसरे को पुकार रहे थे, “क़ुद्दूस, क़ुद्दूस, क़ुद्दूस है रब्बुल-अफ़वाज। तमाम दुनिया उसके जलाल से मामूर है।”
Isai UrduGeoD 6:4  उनकी आवाज़ों से दहलीज़ें हिल गईं और रब का घर धुएँ से भर गया।
Isai UrduGeoD 6:5  मैं चिल्ला उठा, “मुझ पर अफ़सोस, मैं बरबाद हो गया हूँ! क्योंकि गो मेरे होंट नापाक हैं, और जिस क़ौम के दरमियान रहता हूँ उसके होंट भी नजिस हैं तो भी मैंने अपनी आँखों से बादशाह रब्बुल-अफ़वाज को देखा है।”
Isai UrduGeoD 6:6  तब सराफ़ीम फ़रिश्तों में से एक उड़ता हुआ मेरे पास आया। उसके हाथ में दमकता कोयला था जो उसने चिमटे से क़ुरबानगाह से लिया था।
Isai UrduGeoD 6:7  इससे उसने मेरे मुँह को छूकर फ़रमाया, “देख, कोयले ने तेरे होंटों को छू दिया है। अब तेरा क़ुसूर दूर हो गया, तेरे गुनाह का कफ़्फ़ारा दिया गया है।”
Isai UrduGeoD 6:8  फिर मैंने रब की आवाज़ सुनी। उसने पूछा, “मैं किस को भेजूँ? कौन हमारी तरफ़ से जाए?” मैं बोला, “मैं हाज़िर हूँ। मुझे ही भेज दे।”
Isai UrduGeoD 6:9  तब रब ने फ़रमाया, “जा, इस क़ौम को बता, ‘अपने कानों से सुनो मगर कुछ न समझना। अपनी आँखों से देखो, मगर कुछ न जानना!’
Isai UrduGeoD 6:10  इस क़ौम के दिल को बेहिस कर दे, उनके कानों और आँखों को बंद कर। ऐसा न हो कि वह अपनी आँखों से देखें, अपने कानों से सुनें, मेरी तरफ़ रुजू करें और शफ़ा पाएँ।”
Isai UrduGeoD 6:11  मैंने सवाल किया, “ऐ रब, कब तक?” उसने जवाब दिया, “उस वक़्त तक कि मुल्क के शहर वीरानो-सुनसान, उसके घर ग़ैरआबाद और उसके खेत बंजर न हों।
Isai UrduGeoD 6:12  पहले लाज़िम है कि रब लोगों को दूर दूर तक भगा दे, कि पूरा मुल्क तने-तनहा और बेकस रह जाए।
Isai UrduGeoD 6:13  अगर क़ौम का दसवाँ हिस्सा मुल्क में बाक़ी भी रहे लेकिन उसे भी जला दिया जाएगा। वह किसी बलूत या दीगर लंबे-चौड़े दरख़्त की तरह यों कट जाएगा कि मुढ ही बाक़ी रहेगा। ताहम यह मुढ एक मुक़द्दस बीज होगा जिससे नए सिरे से ज़िंदगी फूट निकलेगी।”
Chapter 7
Isai UrduGeoD 7:1  जब आख़ज़ बिन यूताम बिन उज़्ज़ियाह, यहूदाह का बादशाह था तो शाम का बादशाह रज़ीन और इसराईल का बादशाह फ़िक़ह बिन रमलियाह यरूशलम के साथ लड़ने के लिए निकले। लेकिन वह शहर पर क़ब्ज़ा करने में नाकाम रहे।
Isai UrduGeoD 7:2  जब दाऊद के शाही घराने को इत्तला मिली कि शाम की फ़ौज ने इफ़राईम के इलाक़े में अपनी लशकरगाह लगाई है तो आख़ज़ बादशाह और उस की क़ौम लरज़ उठे। उनके दिल आँधी के झोंकों से हिलनेवाले दरख़्तों की तरह थरथराने लगे।
Isai UrduGeoD 7:3  तब रब यसायाह से हमकलाम हुआ, “अपने बेटे शयार-याशूब को अपने साथ लेकर आख़ज़ बादशाह से मिलने के लिए निकल जा। वह उस नाले के सिरे के पास रुका हुआ है जो पानी को ऊपरवाले तालाब तक पहुँचाता है (यह तालाब उस रास्ते पर है जो धोबियों के घाट तक ले जाता है)।
Isai UrduGeoD 7:4  उसे बता कि मुहतात रहकर सुकून का दामन मत छोड़। मत डर। तेरा दिल रज़ीन, शाम और बिन रमलियाह का तैश देखकर हिम्मत न हारे। यह बस जली हुई लकड़ी के दो बचे हुए टुकड़े हैं जो अब तक कुछ धुआँ छोड़ रहे हैं।
Isai UrduGeoD 7:5  बेशक शाम और इसराईल के बादशाहों ने तेरे ख़िलाफ़ बुरे मनसूबे बाँधे हैं, और वह कहते हैं,
Isai UrduGeoD 7:6  ‘आओ हम यहूदाह पर हमला करें। हम वहाँ दहशत फैलाकर उस पर फ़तह पाएँ और फिर ताबियेल के बेटे को उसका बादशाह बनाएँ।’
Isai UrduGeoD 7:7  लेकिन रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि उनका मनसूबा नाकाम हो जाएगा। बात नहीं बनेगी!
Isai UrduGeoD 7:8  क्योंकि शाम का सर दमिश्क़ और दमिश्क़ का सर महज़ रज़ीन है। जहाँ तक मुल्के-इसराईल का ताल्लुक़ है, 65 साल के अंदर अंदर वह चकनाचूर हो जाएगा, और क़ौम नेस्तो-नाबूद हो जाएगी।
Isai UrduGeoD 7:9  इसराईल का सर सामरिया और सामरिया का सर महज़ रमलियाह का बेटा है। अगर ईमान में क़ायम न रहो, तो ख़ुद क़ायम नहीं रहोगे।”
Isai UrduGeoD 7:10  रब आख़ज़ बादशाह से एक बार फिर हमकलाम हुआ,
Isai UrduGeoD 7:11  “इसकी तसदीक़ के लिए रब अपने ख़ुदा से कोई इलाही निशान माँग ले, ख़ाह आसमान पर हो या पाताल में।”
Isai UrduGeoD 7:12  लेकिन आख़ज़ ने इनकार किया, “नहीं, मैं निशान माँगकर रब को नहीं आज़माऊँगा।”
Isai UrduGeoD 7:13  तब यसायाह ने कहा, “फिर मेरी बात सुनो, ऐ दाऊद के ख़ानदान! क्या यह काफ़ी नहीं कि तुम इनसान को थका दो? क्या लाज़िम है कि अल्लाह को भी थकाने पर मुसिर रहो?
Isai UrduGeoD 7:14  चलो, फिर रब अपनी ही तरफ़ से तुम्हें निशान देगा। निशान यह होगा कि कुँवारी उम्मीद से हो जाएगी। जब बेटा पैदा होगा तो उसका नाम इम्मानुएल रखेगी।
Isai UrduGeoD 7:15  जिस वक़्त बच्चा इतना बड़ा होगा कि ग़लत काम रद्द करने और अच्छा काम चुनने का इल्म रखेगा उस वक़्त से बालाई और शहद खाएगा।
Isai UrduGeoD 7:16  क्योंकि इससे पहले कि लड़का ग़लत काम रद्द करने और अच्छा काम चुनने का इल्म रखे वह मुल्क वीरानो-सुनसान हो जाएगा जिसके दोनों बादशाहों से तू दहशत खाता है।
Isai UrduGeoD 7:17  रब तुझे भी तेरे आबाई ख़ानदान और क़ौम समेत बड़ी मुसीबत में डालेगा। क्योंकि वह असूर के बादशाह को तुम्हारे ख़िलाफ़ भेजेगा। उस वक़्त तुम्हें ऐसे मुश्किल दिनों का सामना करना पड़ेगा कि इसराईल के यहूदाह से अलग हो जाने से लेकर आज तक नहीं गुज़रे।”
Isai UrduGeoD 7:18  उस दिन रब सीटी बजाकर दुश्मन को बुलाएगा। कुछ मक्खियों के ग़ोल की तरह दरियाए-नील की दूर-दराज़ शाख़ों से आएँगे, और कुछ शहद की मक्खियों की तरह असूर से रवाना होकर मुल्क पर धावा बोल देंगे।
Isai UrduGeoD 7:19  हर जगह वह टिक जाएंगे, गहरी घाटियों और चटानों की दराड़ों में, तमाम काँटेदार झाड़ियों में और हर जोहड़ के पास।
Isai UrduGeoD 7:20  उस दिन क़ादिरे-मुतलक़ दरियाए-फ़ुरात के परली तरफ़ एक उस्तरा किराए पर लेकर तुम पर चलाएगा। यानी असूर के बादशाह के ज़रीए वह तुम्हारे सर और टाँगों को मुँडवाएगा। हाँ, वह तुम्हारी दाढ़ी-मूँछ का भी सफ़ाया करेगा।
Isai UrduGeoD 7:21  उस दिन जो आदमी एक जवान गाय और दो भेड़-बकरियाँ रख सके वह ख़ुशक़िसमत होगा।
Isai UrduGeoD 7:22  तो भी वह इतना दूध देंगी कि वह बालाई खाता रहेगा। हाँ, जो भी मुल्क में बाक़ी रह गया होगा वह बालाई और शहद खाएगा।
Isai UrduGeoD 7:23  उस दिन जहाँ जहाँ हाल में अंगूर के हज़ार पौदे चाँदी के हज़ार सिक्कों के लिए बिकते हैं वहाँ काँटेदार झाड़ियाँ और ऊँटकटारे ही उगेंगे।
Isai UrduGeoD 7:24  पूरा मुल्क काँटेदार झाड़ियों और ऊँटकटारों के सबब से इतना जंगली होगा कि लोग तीर और कमान लेकर उसमें शिकार खेलने के लिए जाएंगे।
Isai UrduGeoD 7:25  जिन बुलंदियों पर इस वक़्त खेतीबाड़ी की जाती है वहाँ लोग काँटेदार पौदों और ऊँटकटारों की वजह से जा नहीं सकेंगे। गाय-बैल उन पर चरेंगे, और भेड़-बकरियाँ सब कुछ पाँवों तले रौंदेंगी।
Chapter 8
Isai UrduGeoD 8:1  रब मुझसे हमकलाम हुआ, “एक बड़ा तख़्ता लेकर उस पर साफ़ अलफ़ाज़ में लिख दे, ‘जल्द ही लूट-खसोट, सुरअत से ग़ारतगरी’।”
Isai UrduGeoD 8:2  मैंने ऊरियाह इमाम और ज़करियाह बिन यबरकियाह की मौजूदगी में ऐसा ही लिख दिया, क्योंकि दोनों मोतबर गवाह थे।
Isai UrduGeoD 8:3  उस वक़्त जब मैं अपनी बीवी नबिया के पास गया तो वह उम्मीद से हुई। बेटा पैदा हुआ, और रब ने मुझे हुक्म दिया, “इसका नाम ‘जल्द ही लूट-खसोट, सुरअत से ग़ारतगरी’ रख।
Isai UrduGeoD 8:4  क्योंकि इससे पहले कि लड़का ‘अब्बू’ या ‘अम्मी’ कह सके दमिश्क़ की दौलत और सामरिया का मालो-असबाब छीन लिया गया होगा, असूर के बादशाह ने सब कुछ लूट लिया होगा।”
Isai UrduGeoD 8:5  एक बार फिर रब मुझसे हमकलाम हुआ,
Isai UrduGeoD 8:6  “यह लोग यरूशलम में आराम से बहनेवाले शिलोख़ नाले का पानी मुस्तरद करके रज़ीन और फ़िक़ह बिन रमलियाह से ख़ुश हैं।
Isai UrduGeoD 8:7  इसलिए रब उन पर दरियाए-फ़ुरात का ज़बरदस्त सैलाब लाएगा, असूर का बादशाह अपनी तमाम शानो-शौकत के साथ उन पर टूट पड़ेगा। उस की तमाम दरियाई शाख़ें अपने किनारों से निकल कर
Isai UrduGeoD 8:8  सैलाब की सूरत में यहूदाह पर से गुज़रेंगी। ऐ इम्मानुएल, पानी परिंदे की तरह अपने परों को फैलाकर तेरे पूरे मुल्क को ढाँप लेगा, और लोग गले तक उसमें डूब जाएंगे।”
Isai UrduGeoD 8:9  ऐ क़ौमो, बेशक जंग के नारे लगाओ। तुम फिर भी चकनाचूर हो जाओगी। ऐ दूर-दराज़ ममालिक के तमाम बाशिंदो, ध्यान दो! बेशक जंग के लिए तैयारियाँ करो। तुम फिर भी पाश पाश हो जाओगे। क्योंकि जंग के लिए तैयारियाँ करने के बावुजूद भी तुम्हें कुचला जाएगा।
Isai UrduGeoD 8:10  जो भी मनसूबा तुम बान्धो, बात नहीं बनेगी। आपस में जो भी फ़ैसला करो, तुम नाकाम हो जाओगे, क्योंकि अल्लाह हमारे साथ है।
Isai UrduGeoD 8:11  जिस वक़्त रब ने मुझे मज़बूती से पकड़ लिया उस वक़्त उसने मुझे इस क़ौम की राहों पर चलने से ख़बरदार किया। उसने फ़रमाया,
Isai UrduGeoD 8:12  “हर बात को साज़िश मत समझना जो यह क़ौम साज़िश समझती है। जिससे यह लोग डरते हैं उससे न डरना, न दहशत खाना
Isai UrduGeoD 8:13  बल्कि रब्बुल-अफ़वाज से डरो। उसी से दहशत खाओ और उसी को क़ुद्दूस मानो।
Isai UrduGeoD 8:14  तब वह इसराईल और यहूदाह का मक़दिस होगा, एक ऐसा पत्थर जो ठोकर का बाइस बनेगा, एक चटान जो ठेस लगने का सबब होगी। यरूशलम के बाशिंदे उसके फंदे और जाल में उलझ जाएंगे।
Isai UrduGeoD 8:15  उनमें से बहुत सारे ठोकर खाएँगे। वह गिरकर पाश पाश हो जाएंगे और फंदे में फँसकर पकड़े जाएंगे।”
Isai UrduGeoD 8:16  मुझे मुकाशफ़े को लिफाफे में डालकर महफ़ूज़ रखना है, अपने शागिर्दों के दरमियान ही अल्लाह की हिदायत पर मुहर लगानी है।
Isai UrduGeoD 8:17  मैं ख़ुद रब के इंतज़ार में रहूँगा जिसने अपने चेहरे को याक़ूब के घराने से छुपा लिया है। उसी से मैं उम्मीद रखूँगा।
Isai UrduGeoD 8:18  अब मैं हाज़िर हूँ, मैं और वह बच्चे जो अल्लाह ने मुझे दिए हैं, हम इसराईल में इलाही और मोजिज़ाना निशान हैं जिनसे रब्बुल-अफ़वाज जो कोहे-सिय्यून पर सुकूनत करता है लोगों को आगाह कर रहा है।
Isai UrduGeoD 8:19  लोग तुम्हें मशवरा देते हैं, “जाओ, मुरदों से राबिता करनेवालों और क़िस्मत का हाल बतानेवालों से पता करो, उनसे जो बारीक आवाज़ें निकालते और बुड़बुड़ाते हुए जवाब देते हैं।” लेकिन उनसे कहो, “क्या मुनासिब नहीं कि क़ौम अपने ख़ुदा से मशवरा करे? हम ज़िंदों की ख़ातिर मर्दों से बात क्यों करें?”
Isai UrduGeoD 8:20  अल्लाह की हिदायत और मुकाशफ़ा की तरफ़ रुजू करो! जो इनकार करे उस पर सुबह की रौशनी कभी नहीं चमकेगी।
Isai UrduGeoD 8:21  ऐसे लोग मायूस और फ़ाक़ाकश हालत में मुल्क में मारे मारे फिरेंगे। और जब भूके मरने को होंगे तो झुँझलाकर अपने बादशाह और अपने ख़ुदा पर लानत करेंगे। वह ऊपर आसमान
Isai UrduGeoD 8:22  और नीचे ज़मीन की तरफ़ देखेंगे, लेकिन जहाँ भी नज़र पड़े वहाँ मुसीबत, अंधेरा और हौलनाक तारीकी ही दिखाई देगी। उन्हें तारीकी ही तारीकी में डाल दिया जाएगा।
Chapter 9
Isai UrduGeoD 9:1  लेकिन मुसीबतज़दा तारीकी में नहीं रहेंगे। गो पहले ज़बूलून का इलाक़ा और नफ़ताली का इलाक़ा पस्त हुआ है, लेकिन आइंदा झील के साथ का रास्ता, दरियाए-यरदन के पार, ग़ैरयहूदियों का गलील सरफ़राज़ होगा।
Isai UrduGeoD 9:2  अंधेरे में चलनेवाली क़ौम ने एक तेज़ रौशनी देखी, मौत के साय में डूबे हुए मुल्क के बाशिंदों पर रौशनी चमकी।
Isai UrduGeoD 9:3  तूने क़ौम को बढ़ाकर उसे बड़ी ख़ुशी दिलाई है। तेरे हुज़ूर वह यों ख़ुशी मनाते हैं जिस तरह फ़सल काटते और लूट का माल बाँटते वक़्त मनाई जाती है।
Isai UrduGeoD 9:4  तूने अपनी क़ौम को उस दिन की तरह छुटकारा दिया जब तूने मिदियान को शिकस्त दी थी। उसे दबानेवाला जुआ टूट गया, और उस पर ज़ुल्म करनेवाले की लाठी टुकड़े टुकड़े हो गई है।
Isai UrduGeoD 9:5  ज़मीन पर ज़ोर से मारे गए फ़ौजी जूते और ख़ून में लतपत फ़ौजी वरदियाँ सब हवालाए-आतिश होकर भस्म हो जाएँगी।
Isai UrduGeoD 9:6  क्योंकि हमारे हाँ बच्चा पैदा हुआ, हमें बेटा बख़्शा गया है। उसके कंधों पर हुकूमत का इख़्तियार ठहरा रहेगा। वह अनोखा मुशीर, क़वी ख़ुदा, अबदी बाप और सुलह-सलामती का शहज़ादा कहलाएगा।
Isai UrduGeoD 9:7  उस की हुकूमत ज़ोर पकड़ती जाएगी, और अमनो-अमान की इंतहा नहीं होगी। वह दाऊद के तख़्त पर बैठकर उस की सलतनत पर हुकूमत करेगा, वह उसे अदलो-इनसाफ़ से मज़बूत करके अब से अबद तक क़ायम रखेगा। रब्बुल-अफ़वाज की ग़ैरत ही इसे अंजाम देगी।
Isai UrduGeoD 9:8  रब ने याक़ूब के ख़िलाफ़ पैग़ाम भेजा, और वह इसराईल पर नाज़िल हो गया है।
Isai UrduGeoD 9:9  इसराईल और सामरिया के तमाम बाशिंदे इसे जल्द ही जान जाएंगे, हालाँकि वह इस वक़्त बड़ी शेख़ी मारकर कहते हैं,
Isai UrduGeoD 9:10  “बेशक हमारी ईंटों की दीवारें गिर गई हैं, लेकिन हम उन्हें तराशे हुए पत्थरों से दुबारा तामीर कर लेंगे। बेशक हमारे अंजीर-तूत के दरख़्त कट गए हैं, लेकिन कोई बात नहीं, हम उनकी जगह देवदार के दरख़्त लगा लेंगे।”
Isai UrduGeoD 9:11  लेकिन रब इसराईल के दुश्मन रज़ीन को तक़वियत देकर उसके ख़िलाफ़ भेजेगा बल्कि इसराईल के तमाम दुश्मनों को उस पर हमला करने के लिए उभारेगा।
Isai UrduGeoD 9:12  शाम के फ़ौजी मशरिक़ से और फ़िलिस्ती मग़रिब से मुँह फाड़कर इसराईल को हड़प कर लेंगे। ताहम रब का ग़ज़ब ठंडा नहीं होगा बल्कि उसका हाथ मारने के लिए उठा ही रहेगा।
Isai UrduGeoD 9:13  क्योंकि इसके बावुजूद भी लोग सज़ा देनेवाले के पास वापस नहीं आएँगे और रब्बुल-अफ़वाज के तालिब नहीं होंगे।
Isai UrduGeoD 9:14  नतीजे में रब एक ही दिन में इसराईल का न सिर्फ़ सर बल्कि उस की दुम भी काटेगा, न सिर्फ़ खजूर की शानदार शाख़ बल्कि मामूली-सा सरकंडा भी तोड़ेगा।
Isai UrduGeoD 9:15  बुज़ुर्ग और असरो-रसूख़वाले इसराईल का सर हैं जबकि झूटी तालीम देनेवाले नबी उस की दुम हैं।
Isai UrduGeoD 9:16  क्योंकि क़ौम के राहनुमा लोगों को ग़लत राह पर ले गए हैं, और जिनकी राहनुमाई वह कर रहे हैं उनके दिमाग़ में फ़ुतूर आ गया है।
Isai UrduGeoD 9:17  इसलिए रब न क़ौम के जवानों से ख़ुश होगा, न यतीमों और बेवाओं पर रहम करेगा। क्योंकि सबके सब बेदीन और शरीर हैं, हर मुँह कुफ़र बकता है। ताहम रब का ग़ज़ब ठंडा नहीं होगा बल्कि उसका हाथ मारने के लिए उठा ही रहेगा।
Isai UrduGeoD 9:18  क्योंकि उनकी बेदीनी की भड़कती हुई आग काँटेदार झाड़ियाँ और ऊँटकटारे भस्म कर देती है, बल्कि गुंजान जंगल भी उस की ज़द में आकर धुएँ के काले बादल छोड़ता है।
Isai UrduGeoD 9:19  रब्बुल-अफ़वाज के ग़ज़ब से मुल्क झुलस जाएगा और उसके बाशिंदे आग का लुक़मा बन जाएंगे। यहाँ तक कि कोई भी अपने भाई पर तरस नहीं खाएगा।
Isai UrduGeoD 9:20  और गो हर एक दाईं तरफ़ मुड़कर सब कुछ हड़प कर जाए तो भी भूका रहेगा, गो बाईं तरफ़ रुख़ करके सब कुछ निगल जाए तो भी सेर नहीं होगा। हर एक अपने पड़ोसी को खाएगा,
Isai UrduGeoD 9:21  मनस्सी इफ़राईम को और इफ़राईम मनस्सी को। और दोनों मिलकर यहूदाह पर हमला करेंगे। ताहम रब का ग़ज़ब ठंडा नहीं होगा बल्कि उसका हाथ मारने के लिए उठा ही रहेगा।
Chapter 10
Isai UrduGeoD 10:1  तुम पर अफ़सोस जो ग़लत क़वानीन सादिर करते और ज़ालिम फ़तवे देते हो
Isai UrduGeoD 10:2  ताकि ग़रीबों का हक़ मारो और मज़लूमों के हुक़ूक़ पामाल करो। बेवाएँ तुम्हारा शिकार होती हैं, और तुम यतीमों को लूट लेते हो।
Isai UrduGeoD 10:3  लेकिन अदालत के दिन तुम क्या करोगे, जब दूर दूर से ज़बरदस्त तूफ़ान तुम पर आन पड़ेगा तो तुम मदद के लिए किसके पास भागोगे और अपना मालो-दौलत कहाँ महफ़ूज़ रख छोड़ोगे?
Isai UrduGeoD 10:4  जो झुककर क़ैदी न बने वह गिरकर हलाक हो जाएगा। ताहम रब का ग़ज़ब ठंडा नहीं होगा बल्कि उसका हाथ मारने के लिए उठा ही रहेगा।
Isai UrduGeoD 10:5  असूर पर अफ़सोस जो मेरे ग़ज़ब का आला है, जिसके हाथ में मेरे क़हर की लाठी है।
Isai UrduGeoD 10:6  मैं उसे एक बेदीन क़ौम के ख़िलाफ़ भेज रहा हूँ, एक क़ौम के ख़िलाफ़ जो मुझे ग़ुस्सा दिलाती है। मैंने असूर को हुक्म दिया है कि उसे लूटकर गली की कीचड़ की तरह पामाल कर।
Isai UrduGeoD 10:7  लेकिन उसका अपना इरादा फ़रक़ है। वह ऐसी सोच नहीं रखता बल्कि सब कुछ तबाह करने पर तुला हुआ है, बहुत क़ौमों को नेस्तो-नाबूद करने पर आमादा है।
Isai UrduGeoD 10:8  वह फ़ख़र करता है, “मेरे तमाम अफ़सर तो बादशाह हैं।
Isai UrduGeoD 10:9  फिर हमारी फ़ुतूहात पर ग़ौर करो। करकिमीस, कलनो, अरफ़ाद, हमात, दमिश्क़ और सामरिया जैसे तमाम शहर यके बाद दीगरे मेरे क़ब्ज़े में आ गए हैं।
Isai UrduGeoD 10:10  मैंने कई सलतनतों पर क़ाबू पा लिया है जिनके बुत यरूशलम और सामरिया के बुतों से कहीं बेहतर थे।
Isai UrduGeoD 10:11  सामरिया और उसके बुतों को मैं बरबाद कर चुका हूँ, और अब मैं यरूशलम और उसके बुतों के साथ भी ऐसा ही करूँगा!”
Isai UrduGeoD 10:12  लेकिन कोहे-सिय्यून पर और यरूशलम में अपने तमाम मक़ासिद पूरे करने के बाद रब फ़रमाएगा, “मैं शाहे-असूर को भी सज़ा दूँगा, क्योंकि उसके मग़रूर दिल से कितना बुरा काम उभर आया है, और उस की आँखें कितने ग़ुरूर से देखती हैं।
Isai UrduGeoD 10:13  वह शेख़ी मारकर कहता है, ‘मैंने अपने ही ज़ोरे-बाज़ू और हिकमत से यह सब कुछ कर लिया है, क्योंकि मैं समझदार हूँ। मैंने क़ौमों की हुदूद ख़त्म करके उनके ख़ज़ानों को लूट लिया और ज़बरदस्त साँड की तरह उनके बादशाहों को मार मारकर ख़ाक में मिला दिया है।
Isai UrduGeoD 10:14  जिस तरह कोई अपना हाथ घोंसले में डालकर अंडे निकाल लेता है उसी तरह मैंने क़ौमों की दौलत छीन ली है। आम आदमी परिंदों को भगाकर उनके छोड़े हुए अंडे इकट्ठे कर लेता है जबकि मैंने यही सुलूक दुनिया के तमाम ममालिक के साथ किया। जब मैं उन्हें अपने क़ब्ज़े में लाया तो एक ने भी अपने परों को फड़फड़ाने या चोंच खोलकर चीं चीं करने की जुर्रत न की’।”
Isai UrduGeoD 10:15  लेकिन क्या कुल्हाड़ी उसके सामने शेख़ी बघारती जो उसे चलाता है? क्या आरी उसके सामने अपने आप पर फ़ख़र करती जो उसे इस्तेमाल करता है? यह उतना ही नामुमकिन है जितना यह कि लाठी पकड़नेवाले को घुमाए या डंडा आदमी को उठाए।
Isai UrduGeoD 10:16  चुनाँचे क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज असूर के मोटे-ताज़े फ़ौजियों में एक मरज़ फैला देगा जो उनके जिस्मों को रफ़्ता रफ़्ता ज़ाया करेगा। असूर की शानो-शौकत के नीचे एक भड़कती हुई आग लगाई जाएगी।
Isai UrduGeoD 10:17  उस वक़्त इसराईल का नूर आग और इसराईल का क़ुद्दूस शोला बनकर असूर की काँटेदार झाड़ियों और ऊँटकटारों को एक ही दिन में भस्म कर देगा।
Isai UrduGeoD 10:18  वह उसके शानदार जंगलों और बाग़ों को मुकम्मल तौर पर तबाह कर देगा, और वह मरीज़ की तरह घुल घुलकर ज़ायल हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 10:19  जंगलों के इतने कम दरख़्त बचेंगे कि बच्चा भी उन्हें गिनकर किताब में दर्ज कर सकेगा।
Isai UrduGeoD 10:20  उस दिन से इसराईल का बक़िया यानी याक़ूब के घराने का बचा-खुचा हिस्सा उस पर मज़ीद इनहिसार नहीं करेगा जो उसे मारता रहा था, बल्कि वह पूरी वफ़ादारी से इसराईल के क़ुद्दूस, रब पर भरोसा रखेगा।
Isai UrduGeoD 10:21  बक़िया वापस आएगा, याक़ूब का बचा-खुचा हिस्सा क़वी ख़ुदा के हुज़ूर लौट आएगा।
Isai UrduGeoD 10:22  ऐ इसराईल, गो तू साहिल पर की रेत जैसा बेशुमार क्यों न हो तो भी सिर्फ़ एक बचा हुआ हिस्सा वापस आएगा। तेरे बरबाद होने का फ़ैसला हो चुका है, और इनसाफ़ का सैलाब मुल्क पर आनेवाला है।
Isai UrduGeoD 10:23  क्योंकि इसका अटल फ़ैसला हो चुका है कि क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज पूरे मुल्क पर हलाकत लाने को है।
Isai UrduGeoD 10:24  इसलिए क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “ऐ सिय्यून में बसनेवाली मेरी क़ौम, असूर से मत डरना जो लाठी से तुझे मारता है और तेरे ख़िलाफ़ लाठी यों उठाता है जिस तरह पहले मिसर किया करता था।
Isai UrduGeoD 10:25  मेरा तुझ पर ग़ुस्सा जल्द ही ठंडा हो जाएगा और मेरा ग़ज़ब असूरियों पर नाज़िल होकर उन्हें ख़त्म करेगा।”
Isai UrduGeoD 10:26  जिस तरह रब्बुल-अफ़वाज ने मिदियानियों को मारा जब जिदौन ने ओरेब की चटान पर उन्हें शिकस्त दी उसी तरह वह असूरियों को भी कोड़े से मारेगा। और जिस तरह रब ने अपनी लाठी मूसा के ज़रीए समुंदर के ऊपर उठाई और नतीजे में मिसर की फ़ौज उसमें डूब गई बिलकुल उसी तरह वह असूरियों के साथ भी करेगा।
Isai UrduGeoD 10:27  उस दिन असूर का बोझ तेरे कंधों पर से उतर जाएगा, और उसका जुआ तेरी गरदन पर से दूर होकर टूट जाएगा। फ़ातेह ने यशीमोन की तरफ़ से चढ़कर
Isai UrduGeoD 10:28  ऐयात पर हमला किया है। उसने मिजरोन में से गुज़रकर मिकमास में अपना लशकरी सामान छोड़ रखा है।
Isai UrduGeoD 10:29  दर्रे को पार करके वह कहते हैं, “आज हम रात को जिबा में गुज़ारेंगे।” रामा थरथरा रहा और साऊल का शहर जिबिया भाग गया है।
Isai UrduGeoD 10:30  ऐ जल्लीम बेटी, ज़ोर से चीख़ें मार! ऐ लैसा, ध्यान दे! ऐ अनतोत, उसे जवाब दे!
Isai UrduGeoD 10:31  मदमीना फ़रार हो गया और जेबीम के बाशिंदों ने दूसरी जगहों में पनाह ली है।
Isai UrduGeoD 10:32  आज ही फ़ातेह नोब के पास रुककर सिय्यून बेटी के पहाड़ यानी कोहे-यरूशलम के ऊपर हाथ हिलाएगा।
Isai UrduGeoD 10:33  देखो, क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज बड़े ज़ोर से शाख़ों को तोड़नेवाला है। तब ऊँचे ऊँचे दरख़्त कटकर गिर जाएंगे, और जो सरफ़राज़ हैं उन्हें ख़ाक में मिलाया जाएगा।
Isai UrduGeoD 10:34  वह कुल्हाड़ी लेकर घने जंगल को काट डालेगा बल्कि लुबनान भी ज़ोरावर के हाथों गिर जाएगा।
Chapter 11
Isai UrduGeoD 11:1  यस्सी के मुढ में से कोंपल फूट निकलेगी, और उस की बची हुई जड़ों से शाख़ निकलकर फल लाएगी।
Isai UrduGeoD 11:2  रब का रूह उस पर ठहरेगा यानी हिकमत और समझ का रूह, मशवरत और क़ुव्वत का रूह, इरफ़ान और रब के ख़ौफ़ का रूह।
Isai UrduGeoD 11:3  रब का ख़ौफ़ उसे अज़ीज़ होगा। न वह दिखावे की बिना पर फ़ैसला करेगा, न सुनी-सुनाई बातों की बिना पर फ़तवा देगा
Isai UrduGeoD 11:4  बल्कि इनसाफ़ से बेबसों की अदालत करेगा और ग़ैरजानिबदारी से मुल्क के मुसीबतज़दों का फ़ैसला करेगा। अपने कलाम की लाठी से वह ज़मीन को मारेगा और अपने मुँह की फूँक से बेदीन को हलाक करेगा।
Isai UrduGeoD 11:5  वह रास्तबाज़ी के पटके और वफ़ादारी के ज़ेरजामे से मुलब्बस रहेगा।
Isai UrduGeoD 11:6  भेड़िया उस वक़्त भेड़ के बच्चे के पास ठहरेगा, और चीता भेड़ के बच्चे के पास आराम करेगा। बछड़ा, जवान शेरबबर और मोटा-ताज़ा बैल मिलकर रहेंगे, और छोटा लड़का उन्हें हाँककर सँभालेगा।
Isai UrduGeoD 11:7  गाय रीछ के साथ चरेगी, और उनके बच्चे एक दूसरे के साथ आराम करेंगे। शेरबबर बैल की तरह भूसा खाएगा।
Isai UrduGeoD 11:8  शीरख़ार बच्चा नाग की बाँबी के क़रीब खेलेगा, और जवान बच्चा अपना हाथ ज़हरीले साँप के बिल में डालेगा।
Isai UrduGeoD 11:9  मेरे तमाम मुक़द्दस पहाड़ पर न ग़लत और न तबाहकुन काम किया जाएगा। क्योंकि मुल्क रब के इरफ़ान से यों मामूर होगा जिस तरह समुंदर पानी से भरा रहता है।
Isai UrduGeoD 11:10  उस दिन यस्सी की जड़ से फूटी हुई कोंपल उम्मतों के लिए झंडा होगा। क़ौमें उस की तालिब होंगी, और उस की सुकूनतगाह जलाली होगी।
Isai UrduGeoD 11:11  उस दिन रब एक बार फिर अपना हाथ बढ़ाएगा ताकि अपनी क़ौम का वह बचा-खुचा हिस्सा दुबारा हासिल करे जो असूर, शिमाली और जुनूबी मिसर, एथोपिया, ऐलाम, बाबल, हमात और साहिली इलाक़ों में मुंतशिर होगा।
Isai UrduGeoD 11:12  वह क़ौमों के लिए झंडा गाड़कर इसराईल के जिलावतनों को इकट्ठा करेगा। हाँ, वह यहूदाह के बिखरे अफ़राद को दुनिया के चारों कोनों से लाकर जमा करेगा।
Isai UrduGeoD 11:13  तब इसराईल का हसद ख़त्म हो जाएगा, और यहूदाह के दुश्मन नेस्तो-नाबूद हो जाएंगे। न इसराईल यहूदाह से हसद करेगा, न यहूदाह इसराईल से दुश्मनी रखेगा।
Isai UrduGeoD 11:14  फिर दोनों मग़रिब में फ़िलिस्ती मुल्क पर झपट पड़ेंगे और मिलकर मशरिक़ के बाशिंदों को लूट लेंगे। अदोम और मोआब उनके क़ब्ज़े में आएँगे, और अम्मोन उनके ताबे हो जाएगा।
Isai UrduGeoD 11:15  रब बहरे-क़ुलज़ुम को ख़ुश्क करेगा और साथ साथ दरियाए-फ़ुरात के ऊपर हाथ हिलाकर उस पर ज़ोरदार हवा चलाएगा। तब दरिया सात ऐसी नहरों में बट जाएगा जो पैदल ही पार की जा सकेंगी।
Isai UrduGeoD 11:16  एक ऐसा रास्ता बनेगा जो रब के बचे हुए अफ़राद को असूर से इसराईल तक पहुँचाएगा, बिलकुल उस रास्ते की तरह जिसने इसराईलियों को मिसर से निकलते वक़्त इसराईल तक पहुँचाया था।
Chapter 12
Isai UrduGeoD 12:1  उस दिन तुम गीत गाओगे, “ऐ रब, मैं तेरी सताइश करूँगा! यक़ीनन तू मुझसे नाराज़ था, लेकिन अब तेरा ग़ज़ब मुझ पर से दूर हो जाए और तू मुझे तसल्ली दे।
Isai UrduGeoD 12:2  अल्लाह मेरी नजात है। उस पर भरोसा रखकर मैं दहशत नहीं खाऊँगा। क्योंकि रब ख़ुदा मेरी क़ुव्वत और मेरा गीत है, वह मेरी नजात बन गया है।”
Isai UrduGeoD 12:3  तुम शादमानी से नजात के चश्मों से पानी भरोगे।
Isai UrduGeoD 12:4  उस दिन तुम कहोगे, “रब की सताइश करो! उसका नाम लेकर उसे पुकारो! जो कुछ उसने किया है दुनिया को बताओ, उसके नाम की अज़मत का एलान करो।
Isai UrduGeoD 12:5  रब की तमजीद का गीत गाओ, क्योंकि उसने ज़बरदस्त काम किया है, और इसका इल्म पूरी दुनिया तक पहुँचे।
Isai UrduGeoD 12:6  ऐ यरूशलम की रहनेवाली, शादियाना बजाकर ख़ुशी के नारे लगा! क्योंकि इसराईल का क़ुद्दूस अज़ीम है, और वह तेरे दरमियान ही सुकूनत करता है।”
Chapter 13
Isai UrduGeoD 13:1  दर्जे-ज़ैल बाबल के बारे में वह एलान है जो यसायाह बिन आमूस ने रोया में देखा।
Isai UrduGeoD 13:2  नंगे पहाड़ पर झंडा गाड़ दो। उन्हें बुलंद आवाज़ दो, हाथ हिलाकर उन्हें शुरफ़ा के दरवाज़ों में दाख़िल होने का हुक्म दो।
Isai UrduGeoD 13:3  मैंने अपने मुक़द्दसीन को काम पर लगा दिया है, मैंने अपने सूरमाओं को जो मेरी अज़मत की ख़ुशी मनाते हैं बुला लिया है ताकि मेरे ग़ज़ब का आलाए-कार बनें।
Isai UrduGeoD 13:4  सुनो! पहाड़ों पर बड़े हुजूम का शोर मच रहा है। सुनो! मुतअद्दिद ममालिक और जमा होनेवाली क़ौमों का ग़ुल-ग़पाड़ा सुनाई दे रहा है। रब्बुल-अफ़वाज जंग के लिए फ़ौज जमा कर रहा है।
Isai UrduGeoD 13:5  उसके फ़ौजी दूर-दराज़ इलाक़ों बल्कि आसमान की इंतहा से आ रहे हैं। क्योंकि रब अपने ग़ज़ब के आलात के साथ आ रहा है ताकि तमाम मुल्क को बरबाद कर दे।
Isai UrduGeoD 13:6  वावैला करो, क्योंकि रब का दिन क़रीब ही है, वह दिन जब क़ादिरे-मुतलक़ की तरफ़ से तबाही मचेगी।
Isai UrduGeoD 13:7  तब तमाम हाथ बेहिसो-हरकत हो जाएंगे, और हर एक का दिल हिम्मत हार देगा।
Isai UrduGeoD 13:8  दहशत उन पर छा जाएगी, और वह जान-कनी और दर्दे-ज़ह की-सी गिरिफ़्त में आकर जन्म देनेवाली औरत की तरह तड़पेंगे। एक दूसरे को डर के मारे घूर घूरकर उनके चेहरे आग की तरह तमतमा रहे होंगे।
Isai UrduGeoD 13:9  देखो, रब का बेरहम दिन आ रहा है जब उसका क़हर और शदीद ग़ज़ब नाज़िल होगा। उस वक़्त मुल्क तबाह हो जाएगा और गुनाहगार को उसमें से मिटा दिया जाएगा।
Isai UrduGeoD 13:10  आसमान के सितारे और उनके झुरमुट नहीं चमकेंगे, सूरज तुलू होते वक़्त तारीक ही रहेगा, और चाँद की रौशनी ख़त्म होगी।
Isai UrduGeoD 13:11  मैं दुनिया को उस की बदकारी का अज्र और बेदीनों को उनके गुनाहों की सज़ा दूँगा, मैं शोख़ों का घमंड ख़त्म कर दूँगा और ज़ालिमों का ग़ुरूर ख़ाक में मिला दूँगा।
Isai UrduGeoD 13:12  लोग ख़ालिस सोने से कहीं ज़्यादा नायाब होंगे, इनसान ओफ़ीर के क़ीमती सोने की निसबत कहीं ज़्यादा कमयाब होगा।
Isai UrduGeoD 13:13  क्योंकि आसमान रब्बुल-अफ़वाज के क़हर के सामने काँप उठेगा, उसके शदीद ग़ज़ब के नाज़िल होने पर ज़मीन लरज़कर अपनी जगह से खिसक जाएगी।
Isai UrduGeoD 13:14  बाबल के तमाम बाशिंदे शिकारी के सामने दौड़नेवाले ग़ज़ाल और चरवाहे से महरूम भेड़-बकरियों की तरह इधर उधर भागकर अपने मुल्क और अपनी क़ौम में वापस आने की कोशिश करेंगे।
Isai UrduGeoD 13:15  जो भी दुश्मन के क़ाबू में आएगा उसे छेदा जाएगा, जिसे भी पकड़ा जाएगा उसे तलवार से मारा जाएगा।
Isai UrduGeoD 13:16  उनके देखते देखते दुश्मन उनके बच्चों को ज़मीन पर पटख़ देगा और उनके घरों को लूटकर उनकी औरतों की इसमतदरी करेगा।
Isai UrduGeoD 13:17  मैं मादियों को उन पर चढ़ा लाऊँगा, ऐसे लोगों को जिन्हें रिश्वत से नहीं आज़माया जा सकता, जो सोने-चाँदी की परवा ही नहीं करते।
Isai UrduGeoD 13:18  उनके तीर नौजवानों को मार देंगे। न वह शीरख़ारों पर तरस खाएँगे, न बच्चों पर रहम करेंगे।
Isai UrduGeoD 13:19  अल्लाह बाबल को जो तमाम ममालिक का ताज और बाबलियों का ख़ास फ़ख़र है रूए-ज़मीन पर से मिटा डालेगा। उस दिन वह सदूम और अमूरा की तरह तबाह हो जाएगा।
Isai UrduGeoD 13:20  आइंदा उसे कभी दुबारा बसाया नहीं जाएगा, नसल-दर-नसल वह वीरान ही रहेगा। न बद्दू अपना तंबू वहाँ लगाएगा, और न गल्लाबान अपने रेवड़ उसमें ठहराएगा।
Isai UrduGeoD 13:21  सिर्फ़ रेगिस्तान के जानवर खंडरात में जा बसेंगे। शहर के घर उनकी आवाज़ों से गूँज उठेंगे, उक़ाबी उल्लू वहाँ ठहरेंगे, और बकरानुमा जिन उसमें रक़्स करेंगे।
Isai UrduGeoD 13:22  जंगली कुत्ते उसके महलों में रोएँगे, और गीदड़ ऐशो-इशरत के क़सरों में अपनी दर्द भरी आवाज़ें निकालेंगे। बाबल का ख़ातमा क़रीब ही है, अब देर नहीं लगेगी।
Chapter 14
Isai UrduGeoD 14:1  क्योंकि रब याक़ूब पर तरस खाएगा, वह दुबारा इसराईलियों को चुनकर उन्हें उनके अपने मुल्क में बसा देगा। परदेसी भी उनके साथ मिल जाएंगे, वह याक़ूब के घराने से मुंसलिक हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 14:2  दीगर क़ौमें इसराईलियों को लेकर उनके वतन में वापस पहुँचा देंगी। तब इसराईल का घराना इन परदेसियों को विरसे में पाएगा, और यह रब के मुल्क में उनके नौकर-नौकरानियाँ बनकर उनकी ख़िदमत करेंगे। जिन्होंने उन्हें जिलावतन किया था उन्हीं को वह जिलावतन किए रखेंगे, जिन्होंने उन पर ज़ुल्म किया था उन्हीं पर वह हुकूमत करेंगे।
Isai UrduGeoD 14:3  जिस दिन रब तुझे मुसीबत, बेचैनी और ज़ालिमाना ग़ुलामी से आराम देगा
Isai UrduGeoD 14:4  उस दिन तू बाबल के बादशाह पर तंज़ का गीत गाएगा, “यह कैसी बात है? ज़ालिम नेस्तो-नाबूद और उसके हमले ख़त्म हो गए हैं।
Isai UrduGeoD 14:5  रब ने बेदीनों की लाठी तोड़कर हुक्मरानों का वह शाही असा टुकड़े टुकड़े कर दिया है
Isai UrduGeoD 14:6  जो तैश में आकर क़ौमों को मुसलसल मारता रहा और ग़ुस्से से उन पर हुकूमत करता, बेरहमी से उनके पीछे पड़ा रहा।
Isai UrduGeoD 14:7  अब पूरी दुनिया को आरामो-सुकून हासिल हुआ है, अब हर तरफ़ ख़ुशी के नारे सुनाई दे रहे हैं।
Isai UrduGeoD 14:8  जूनीपर के दरख़्त और लुबनान के देवदार भी तेरे अंजाम पर ख़ुश होकर कहते हैं, ‘शुक्र है! जब से तू गिरा दिया गया कोई यहाँ चढ़कर हमें काटने नहीं आता।’
Isai UrduGeoD 14:9  पाताल तेरे उतरने के बाइस हिल गया है। तेरे इंतज़ार में वह मुरदा रूहों को हरकत में ला रहा है। वहाँ दुनिया के तमाम रईस और अक़वाम के तमाम बादशाह अपने तख़्तों से खड़े होकर तेरा इस्तक़बाल करेंगे।
Isai UrduGeoD 14:10  सब मिलकर तुझसे कहेंगे, ‘अब तू भी हम जैसा कमज़ोर हो गया है, तू भी हमारे बराबर हो गया है!’
Isai UrduGeoD 14:11  तेरी तमाम शानो-शौकत पाताल में उतर गई है, तेरे सितार ख़ामोश हो गए हैं। अब कीड़े तेरा गद्दा और केंचुए तेरा कम्बल होंगे।
Isai UrduGeoD 14:12  ऐ सिताराए-सुबह, ऐ इब्ने-सहर, तू आसमान से किस तरह गिर गया है! जिसने दीगर ममालिक को शिकस्त दी थी वह अब ख़ुद पाश पाश हो गया है।
Isai UrduGeoD 14:13  दिल में तूने कहा, ‘मैं आसमान पर चढ़कर अपना तख़्त अल्लाह के सितारों के ऊपर लगा लूँगा, मैं इंतहाई शिमाल में उस पहाड़ पर जहाँ देवता जमा होते हैं तख़्तनशीन हूँगा।
Isai UrduGeoD 14:14  मैं बादलों की बुलंदियों पर चढ़कर क़ादिरे-मुतलक़ के बिलकुल बराबर हो जाऊँगा।’
Isai UrduGeoD 14:15  लेकिन तुझे तो पाताल में उतारा जाएगा, उसके सबसे गहरे गढ़े में गिराया जाएगा।
Isai UrduGeoD 14:16  जो भी तुझ पर नज़र डालेगा वह ग़ौर से देखकर पूछेगा, ‘क्या यही वह आदमी है जिसने ज़मीन को हिला दिया, जिसके सामने दीगर ममालिक काँप उठे?
Isai UrduGeoD 14:17  क्या इसी ने दुनिया को वीरान कर दिया और उसके शहरों को ढाकर क़ैदियों को घर वापस जाने की इजाज़त न दी?’
Isai UrduGeoD 14:18  दीगर ममालिक के तमाम बादशाह बड़ी इज़्ज़त के साथ अपने अपने मक़बरों में पड़े हुए हैं।
Isai UrduGeoD 14:19  लेकिन तुझे अपनी क़ब्र से दूर किसी बेकार कोंपल की तरह फेंक दिया जाएगा। तुझे मक़तूलों से ढाँका जाएगा, उनसे जिनको तलवार से छेदा गया है, जो पथरीले गढ़ों में उतर गए हैं। तू पाँवों तले रौंदी हुई लाश जैसा होगा,
Isai UrduGeoD 14:20  और तदफ़ीन के वक़्त तू दीगर बादशाहों से जा नहीं मिलेगा। क्योंकि तूने अपने मुल्क को तबाह और अपनी क़ौम को हलाक कर दिया है। चुनाँचे अब से अबद तक इन बेदीनों की औलाद का ज़िक्र तक नहीं किया जाएगा।
Isai UrduGeoD 14:21  इस आदमी के बेटों को फाँसी देने की जगह तैयार करो! क्योंकि उनके बापदादा का क़ुसूर इतना संगीन है कि उन्हें मरना ही है। ऐसा न हो कि वह दुबारा उठकर दुनिया पर क़ब्ज़ा कर लें, कि रूए-ज़मीन उनके शहरों से भर जाए।”
Isai UrduGeoD 14:22  रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “मैं उनके ख़िलाफ़ यों उठूँगा कि बाबल का नामो-निशान तक नहीं रहेगा। मैं उस की औलाद को रूए-ज़मीन पर से मिटा दूँगा, और एक भी नहीं बचने का।
Isai UrduGeoD 14:23  बाबल ख़ारपुश्त का मसकन और दलदल का इलाक़ा बन जाएगा, क्योंकि मैं ख़ुद उसमें तबाही का झाड़ू फेर दूँगा।” यह रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान है।
Isai UrduGeoD 14:24  रब्बुल-अफ़वाज ने क़सम खाकर फ़रमाया है, “यक़ीनन सब कुछ मेरे मनसूबे के मुताबिक़ ही होगा, मेरा इरादा ज़रूर पूरा हो जाएगा।
Isai UrduGeoD 14:25  मैं असूर को अपने मुल्क में चकनाचूर कर दूँगा और उसे अपने पहाड़ों पर कुचल डालूँगा। तब उसका जुआ मेरी क़ौम पर से दूर हो जाएगा, और उसका बोझ उसके कंधों पर से उतर जाएगा।”
Isai UrduGeoD 14:26  पूरी दुनिया के बारे में यह मनसूबा अटल है, और रब अपना हाथ तमाम क़ौमों के ख़िलाफ़ बढ़ा चुका है।
Isai UrduGeoD 14:27  रब्बुल-अफ़वाज ने फ़ैसला कर लिया है, तो कौन इसे मनसूख़ करेगा? उसने अपना हाथ बढ़ा दिया है, तो कौन उसे रोकेगा?
Isai UrduGeoD 14:28  ज़ैल का कलाम उस साल नाज़िल हुआ जब आख़ज़ बादशाह ने वफ़ात पाई।
Isai UrduGeoD 14:29  ऐ तमाम फ़िलिस्ती मुल्क, इस पर ख़ुशी मत मना कि हमें मारनेवाली लाठी टूट गई है। क्योंकि साँप की बची हुई जड़ से ज़हरीला साँप फूट निकलेगा, और उसका फल शोलाफ़िशाँ उड़नअज़दहा होगा।
Isai UrduGeoD 14:30  तब ज़रूरतमंदों को चरागाह मिलेगी, और ग़रीब महफ़ूज़ जगह पर आराम करेंगे। लेकिन तेरी जड़ को मैं काल से मार दूँगा, और जो बच जाएँ उन्हें भी हलाक कर दूँगा।
Isai UrduGeoD 14:31  ऐ शहर के दरवाज़े, वावैला कर! ऐ शहर, ज़ोर से चीख़ें मार! ऐ फ़िलिस्तियो, हिम्मत हारकर लड़खड़ाते जाओ। क्योंकि शिमाल से तुम्हारी तरफ़ धुआँ बढ़ रहा है, और उस की सफ़ों में पीछे रहनेवाला कोई नहीं है।
Isai UrduGeoD 14:32  तो फिर हमारे पास भेजे हुए क़ासिदों को हम क्या जवाब दें? यह कि रब ने सिय्यून को क़ायम रखा है, कि उस की क़ौम के मज़लूम उसी में पनाह लेंगे।
Chapter 15
Isai UrduGeoD 15:1  मोआब के बारे में रब का फ़रमान : एक ही रात में मोआब का शहर आर तबाह हो गया है। एक ही रात में मोआब का शहर क़ीर बरबाद हो गया है।
Isai UrduGeoD 15:2  अब दीबोन के बाशिंदे मातम करने के लिए अपने मंदिर और पहाड़ी क़ुरबानगाहों की तरफ़ चढ़ रहे हैं। मोआब अपने शहरों नबू और मीदबा पर वावैला कर रहा है। हर सर मुंडा हुआ और हर दाढ़ी कट गई है।
Isai UrduGeoD 15:3  गलियों में वह टाट से मुलब्बस फिर रहे हैं, छतों पर और चौकों में सब रो रोकर आहो-बुका कर रहे हैं।
Isai UrduGeoD 15:4  हसबोन और इलियाली मदद के लिए पुकार रहे हैं, और उनकी आवाज़ें यहज़ तक सुनाई दे रही हैं। इसलिए मोआब के मुसल्लह मर्द जंग के नारे लगा रहे हैं, गो वह अंदर ही अंदर काँप रहे हैं।
Isai UrduGeoD 15:5  मेरा दिल मोआब को देखकर रो रहा है। उसके मुहाजिरीन भागकर ज़ुग़र और इजलत-शलीशियाह तक पहुँच रहे हैं। लोग रो रोकर लूहीत की तरफ़ चढ़ रहे हैं, वह होरोनायम तक जानेवाले रास्ते पर चलते हुए अपनी तबाही पर गिर्याओ-ज़ारी कर रहे हैं।
Isai UrduGeoD 15:6  निमरीम का पानी सूख गया है, घास झुलस गई है, तमाम हरियाली ख़त्म हो गई है, सब्ज़ाज़ारों का नामो-निशान तक नहीं रहा।
Isai UrduGeoD 15:7  इसलिए लोग अपना सारा जमाशुदा सामान समेटकर वादीए-सफ़ेदा को उबूर कर रहे हैं।
Isai UrduGeoD 15:8  चीख़ें मोआब की हुदूद तक गूँज रही हैं, हाय हाय की आवाज़ें इजलायम और बैर-एलीम तक सुनाई दे रही हैं।
Isai UrduGeoD 15:9  लेकिन गो दीमोन की नहर ख़ून से सुर्ख़ हो गई है, ताहम मैं उस पर मज़ीद मुसीबत लाऊँगा। मैं शेरबबर भेजूँगा जो उन पर भी धावा बोलेंगे जो मोआब से बच निकले होंगे और उन पर भी जो मुल्क में पीछे रह गए होंगे।
Chapter 16
Isai UrduGeoD 16:1  मुल्क का जो हुक्मरान रेगिस्तान के पार सिला में है उस की तरफ़ से सिय्यून बेटी के पहाड़ पर मेंढा भेज दो।
Isai UrduGeoD 16:2  मोआब की बेटियाँ घोंसले से भगाए हुए परिंदों की तरह दरियाए-अरनोन के पायाब मक़ामों पर इधर उधर फड़फड़ा रही हैं।
Isai UrduGeoD 16:3  “हमें कोई मशवरा दे, कोई फ़ैसला पेश कर। हम पर साया डाल ताकि दोपहर की तपती धूप हम पर न पड़े बल्कि रात जैसा अंधेरा हो। मफ़रूरों को छुपा दे, दुश्मन को पनाहगुज़ीनों के बारे में इत्तला न दे।
Isai UrduGeoD 16:4  मोआबी मुहाजिरों को अपने पास ठहरने दे, मोआबी मफ़रूरों के लिए पनाहगाह हो ताकि वह हलाकू के हाथ से बच जाएँ।” लेकिन ज़ालिम का अंजाम आनेवाला है। तबाही का सिलसिला ख़त्म हो जाएगा, और कुचलनेवाला मुल्क से ग़ायब हो जाएगा।
Isai UrduGeoD 16:5  तब अल्लाह अपने फ़ज़ल से दाऊद के घराने के लिए तख़्त क़ायम करेगा। और जो उस पर बैठेगा वह वफ़ादारी से हुकूमत करेगा। वह इनसाफ़ का तालिब रहकर अदालत करेगा और रास्ती क़ायम रखने में माहिर होगा।
Isai UrduGeoD 16:6  हमने मोआब के तकब्बुर के बारे में सुना है, क्योंकि वह हद से ज़्यादा मुतकब्बिर, मग़रूर, घमंडी और शोख़चश्म है। लेकिन उस की डींगें अबस हैं।
Isai UrduGeoD 16:7  इसलिए मोआबी अपने आप पर आहो-ज़ारी कर रहे, सब मिलकर आहें भर रहे हैं। वह सिसक सिसककर क़ीर-हरासत की किशमिश की टिक्कियाँ याद कर रहे हैं, उनका निहायत बुरा हाल हो गया है।
Isai UrduGeoD 16:8  हसबोन के बाग़ मुरझा गए, सिबमाह के अंगूर ख़त्म हो गए हैं। पहले तो उनकी अनोखी बेलें याज़ेर बल्कि रेगिस्तान तक फैली हुई थीं, उनकी कोंपलें समुंदर को भी पार करती थीं। लेकिन अब ग़ैरक़ौम हुक्मरानों ने यह उम्दा बेलें तोड़ डाली हैं।
Isai UrduGeoD 16:9  इसलिए मैं याज़ेर के साथ मिलकर सिबमाह के अंगूरों के लिए आहो-ज़ारी कर रहा हूँ। ऐ हसबोन, ऐ इलियाली, तुम्हारी हालत देखकर मेरे बेहद आँसू बह रहे हैं। क्योंकि जब तुम्हारा फल पक गया और तुम्हारी फ़सल तैयार हुई तब जंग के नारे तुम्हारे इलाक़े में गूँज उठे।
Isai UrduGeoD 16:10  अब ख़ुशीओ-शादमानी बाग़ों से ग़ायब हो गई है, अंगूर के बाग़ों में गीत और ख़ुशी के नारे बंद हो गए हैं। कोई नहीं रहा जो हौज़ों में अंगूर को रौंदकर रस निकाले, क्योंकि मैंने फ़सल की ख़ुशियाँ ख़त्म कर दी हैं।
Isai UrduGeoD 16:11  मेरा दिल सरोद के मातमी सुर निकालकर मोआब के लिए नोहा कर रहा है, मेरी जान क़ीर-हरासत के लिए आहें भर रही है।
Isai UrduGeoD 16:12  जब मोआब अपनी पहाड़ी क़ुरबानगाह के सामने हाज़िर होकर सिजदा करता है तो बेकार मेहनत करता है। जब वह पूजा करने के लिए अपने मंदिर में दाख़िल होता है तो फ़ायदा कोई नहीं होता।
Isai UrduGeoD 16:13  रब ने माज़ी में इन बातों का एलान किया।
Isai UrduGeoD 16:14  लेकिन अब वह मज़ीद फ़रमाता है, “तीन साल के अंदर अंदर मोआब की तमाम शानो-शौकत और धूमधाम जाती रहेगी। जो थोड़े-बहुत बचेंगे, वह निहायत ही कम होंगे।”
Chapter 17
Isai UrduGeoD 17:1  दमिश्क़ शहर के बारे में अल्लाह का फ़रमान : “दमिश्क़ मिट जाएगा, मलबे का ढेर ही रह जाएगा।
Isai UrduGeoD 17:2  अरोईर के शहर भी वीरानो-सुनसान हो जाएंगे। तब रेवड़ ही उनकी गलियों में चरेंगे और आराम करेंगे। कोई नहीं होगा जो उन्हें भगाए।
Isai UrduGeoD 17:3  इसराईल के क़िलाबंद शहर नेस्तो-नाबूद हो जाएंगे, और दमिश्क़ की सलतनत जाती रहेगी। शाम के जो लोग बच निकलेंगे उनका और इसराईल की शानो-शौकत का एक ही अंजाम होगा।” यह है रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान।
Isai UrduGeoD 17:4  “उस दिन याक़ूब की शानो-शौकत कम और उसका मोटा-ताज़ा जिस्म लाग़र होता जाएगा।
Isai UrduGeoD 17:5  फ़सल की कटाई की-सी हालत होगी। जिस तरह काटनेवाला एक हाथ से गंदुम के डंठल को पकड़कर दूसरे से बालों को काटता है उसी तरह इसराईलियों को काटा जाएगा। और जिस तरह वादीए-रफ़ाईम में ग़रीब लोग फ़सल काटनेवालों के पीछे पीछे चलकर बची हुई बालियों को चुनते हैं उसी तरह इसराईल के बचे हुओं को चुना जाएगा।
Isai UrduGeoD 17:6  ताहम कुछ न कुछ बचा रहेगा, उन दो-चार ज़ैतूनों की तरह जो चुनते वक़्त दरख़्त की चोटी पर रह जाते हैं। दरख़्त को डंडे से झाड़ने के बावुजूद कहीं न कहीं चंद एक लगे रहेंगे।” यह है रब, इसराईल के ख़ुदा का फ़रमान।
Isai UrduGeoD 17:7  तब इनसान अपनी नज़र अपने ख़ालिक़ की तरफ़ उठाएगा, और उस की आँखें इसराईल के क़ुद्दूस की तरफ़ देखेंगी।
Isai UrduGeoD 17:8  आइंदा न वह अपने हाथों से बनी हुई क़ुरबानगाहों को तकेगा, न अपनी उँगलियों से बने हुए यसीरत देवी के खंबों और बख़ूर की क़ुरबानगाहों पर ध्यान देगा।
Isai UrduGeoD 17:9  उस वक़्त इसराईली अपने क़िलाबंद शहरों को यों छोड़ेंगे जिस तरह कनानियों ने अपने जंगलों और पहाड़ों की चोटियों को इसराईलियों के आगे आगे छोड़ा था। सब कुछ वीरानो-सुनसान होगा।
Isai UrduGeoD 17:10  अफ़सोस, तू अपनी नजात के ख़ुदा को भूल गया है। तुझे वह चटान याद न रही जिस पर तू पनाह ले सकता है। चुनाँचे अपने प्यारे देवताओं के बाग़ लगाता जा, और उनमें परदेसी अंगूर की क़लमें लगाता जा।
Isai UrduGeoD 17:11  शायद ही वह लगाते वक़्त तेज़ी से उगने लगें, शायद ही उनके फूल उसी सुबह खिलने लगें। तो भी तेरी मेहनत अबस है। तू कभी भी उनके फल से लुत्फ़अंदोज़ नहीं होगा बल्कि महज़ बीमारी और लाइलाज दर्द की फ़सल काटेगा।
Isai UrduGeoD 17:12  बेशुमार क़ौमों का शोर-शराबा सुनो जो तूफ़ानी समुंदर की-सी ठाठें मार रही हैं। उम्मतों का ग़ुल-ग़पाड़ा सुनो जो थपेड़े मारनेवाली मौजों की तरह गरज रही हैं।
Isai UrduGeoD 17:13  क्योंकि ग़ैरक़ौमें पहाड़नुमा लहरों की तरह मुतलातिम हैं। लेकिन रब उन्हें डाँटेगा तो वह दूर दूर भाग जाएँगी। जिस तरह पहाड़ों पर भूसा हवा के झोंकों से उड़ जाता और लुढ़कबूटी आँधी में चक्कर खाने लगती है उसी तरह वह फ़रार हो जाएँगी।
Isai UrduGeoD 17:14  शाम को इसराईल सख़्त घबरा जाएगा, लेकिन पौ फटने से पहले पहले उसके दुश्मन मर गए होंगे। यही हमें लूटनेवालों का नसीब, हमारी ग़ारतगरी करनेवालों का अंजाम होगा।
Chapter 18
Isai UrduGeoD 18:1  फड़फड़ाते बादबानों के मुल्क पर अफ़सोस! एथोपिया पर अफ़सोस जहाँ कूश के दरिया बहते हैं,
Isai UrduGeoD 18:2  और जो अपने क़ासिदों को आबी नरसल की कश्तियों में बिठाकर समुंदरी सफ़रों पर भेजता है। ऐ तेज़रौ क़ासिदो, लंबे क़द और चिकनी-चुपड़ी जिल्दवाली क़ौम के पास जाओ। उस क़ौम के पास पहुँचो जिससे दीगर क़ौमें दूर-दराज़ इलाक़ों तक डरती हैं, जो ज़बरदस्ती सब कुछ पाँवों तले कुचल देती है, और जिसका मुल्क दरियाओं से बटा हुआ है।
Isai UrduGeoD 18:3  ऐ दुनिया के तमाम बाशिंदो, ज़मीन के तमाम बसनेवालो! जब पहाड़ों पर झंडा गाढ़ा जाए तो उस पर ध्यान दो! जब नरसिंगा बजाया जाए तो उस पर ग़ौर करो!
Isai UrduGeoD 18:4  क्योंकि रब मुझसे हमकलाम हुआ है, “मैं अपनी सुकूनतगाह से ख़ामोशी से देखता रहूँगा। लेकिन मेरी यह ख़ामोशी दोपहर की चिलचिलाती धूप या मौसमे-गरमा में धुंध के बादल की मानिंद होगी।”
Isai UrduGeoD 18:5  क्योंकि अंगूर की फ़सल के पकने से पहले ही रब अपना हाथ बढ़ा देगा। फूलों के ख़त्म होने पर जब अंगूर पक रहे होंगे वह कोंपलों को छुरी से काटेगा, फैलती हुई शाख़ों को तोड़ तोड़कर उनकी काँट-छाँट करेगा।
Isai UrduGeoD 18:6  यही एथोपिया की हालत होगी। उस की लाशों को पहाड़ों के शिकारी परिंदों और जंगली जानवरों के हवाले किया जाएगा। मौसमे-गरमा के दौरान शिकारी परिंदे उन्हें खाते जाएंगे, और सर्दियों में जंगली जानवर लाशों से सेर हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 18:7  उस वक़्त लंबे क़द और चिकनी-चुपड़ी जिल्दवाली यह क़ौम रब्बुल-अफ़वाज के हुज़ूर तोह्फ़ा लाएगी। हाँ, जिन लोगों से दीगर क़ौमें दूर-दराज़ इलाक़ों तक डरती हैं और जो ज़बरदस्ती सब कुछ पाँवों तले कुचल देते हैं वह दरियाओं से बटे हुए अपने मुल्क से आकर अपना तोह्फ़ा सिय्यून पहाड़ पर पेश करेंगे, वहाँ जहाँ रब्बुल-अफ़वाज का नाम सुकूनत करता है।
Chapter 19
Isai UrduGeoD 19:1  मिसर के बारे में अल्लाह का फ़रमान : रब तेज़रौ बादल पर सवार होकर मिसर आ रहा है। उसके सामने मिसर के बुत थरथरा रहे हैं और मिसर की हिम्मत टूट गई है।
Isai UrduGeoD 19:2  “मैं मिसरियों को एक दूसरे के साथ लड़ने पर उकसा दूँगा। भाई भाई के साथ, पड़ोसी पड़ोसी के साथ, शहर शहर के साथ, और बादशाही बादशाही के साथ जंग करेगी।
Isai UrduGeoD 19:3  मिसर की रूह मुज़तरिब हो जाएगी, और मैं उनके मनसूबों को दरहम-बरहम कर दूँगा। गो वह बुतों, मुरदों की रूहों, उनसे राबिता करनेवालों और क़िस्मत का हाल बतानेवालों से मशवरा करेंगे,
Isai UrduGeoD 19:4  लेकिन मैं उन्हें एक ज़ालिम मालिक के हवाले कर दूँगा, और एक सख़्त बादशाह उन पर हुकूमत करेगा।” यह है क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान।
Isai UrduGeoD 19:5  दरियाए-नील का पानी ख़त्म हो जाएगा, वह बिलकुल सूख जाएगा।
Isai UrduGeoD 19:6  मिसर की नहरों से बदबू फैलेगी बल्कि मिसर के नाले घटते घटते ख़ुश्क हो जाएंगे। नरसल और सरकंडे मुरझा जाएंगे।
Isai UrduGeoD 19:7  दरियाए-नील के दहाने तक जितनी भी हरियाली और फ़सलें किनारे पर उगती हैं वह सब पज़मुरदा हो जाएँगी और हवा में बिखरकर ग़ायब हो जाएँगी।
Isai UrduGeoD 19:8  मछेरे आहो-ज़ारी करेंगे, दरिया में काँटा और जाल डालनेवाले घटते जाएंगे।
Isai UrduGeoD 19:9  सन के रेशों से धागा बनानेवालों को शर्म आएगी, और जूलाहों का रंग फ़क़ पड़ जाएगा।
Isai UrduGeoD 19:10  कपड़ा बनानेवाले सख़्त मायूस होंगे, तमाम मज़दूर दिल-बरदाश्ता होंगे।
Isai UrduGeoD 19:11  ज़ुअन के अफ़सर नासमझ ही हैं, फ़िरौन के दाना मुशीर उसे अहमक़ाना मशवरे दे रहे हैं। तुम मिसरी बादशाह के सामने किस तरह दावा कर सकते हो, “मैं दानिशमंदों के हलक़े में शामिल और क़दीम बादशाहों का वारिस हूँ”?
Isai UrduGeoD 19:12  ऐ फ़िरौन, अब तेरे दानिशमंद कहाँ हैं? वह मालूम करके तुझे बताएँ कि रब्बुल-अफ़वाज मिसर के साथ क्या कुछ करने का इरादा रखता है।
Isai UrduGeoD 19:13  ज़ुअन के अफ़सर अहमक़ बन बैठे हैं, मेंफ़िस के बुज़ुर्गों ने धोका खाया है। उसके क़बायली सरदारों के फ़रेब से मिसर डगमगाने लगा है।
Isai UrduGeoD 19:14  क्योंकि रब ने उनमें अबतरी की रूह डाल दी है। जिस तरह नशे में धुत शराबी अपनी क़ै में लड़खड़ाता रहता है उसी तरह मिसर उनके मशवरों से डाँवाँडोल हो गया है, ख़ाह वह क्या कुछ क्यों न करे।
Isai UrduGeoD 19:15  उस की कोई बात नहीं बनती, ख़ाह सर हो या दुम, कोंपल हो या तना।
Isai UrduGeoD 19:16  मिसरी उस दिन औरतों जैसे कमज़ोर होंगे। जब रब्बुल-अफ़वाज उन्हें मारने के लिए अपना हाथ उठाएगा तो वह घबराकर काँप उठेंगे।
Isai UrduGeoD 19:17  मुल्के-यहूदाह मिसरियों के लिए शर्म का बाइस बनेगा। जब भी उसका ज़िक्र होगा तो वह दहशत खाएँगे, क्योंकि उन्हें वह मनसूबा याद आएगा जो रब ने उनके ख़िलाफ़ बाँधा है।
Isai UrduGeoD 19:18  उस दिन मिसर के पाँच शहर कनान की ज़बान अपनाकर रब्बुल-अफ़वाज के नाम पर क़सम खाएँगे। उनमें से एक ‘तबाही का शहर’ कहलाएगा।
Isai UrduGeoD 19:19  उस दिन मुल्के-मिसर के बीच में रब के लिए क़ुरबानगाह मख़सूस की जाएगी, और उस की सरहद पर रब की याद में सतून खड़ा किया जाएगा।
Isai UrduGeoD 19:20  यह दोनों रब्बुल-अफ़वाज की हुज़ूरी की निशानदेही करेंगे और गवाही देंगे कि वह मौजूद है। चुनाँचे जब उन पर ज़ुल्म किया जाएगा तो वह चिल्लाकर उससे फ़रियाद करेंगे, और रब उनके पास नजातदहिंदा भेज देगा जो उनकी ख़ातिर लड़कर उन्हें बचाएगा।
Isai UrduGeoD 19:21  यों रब अपने आपको मिसरियों पर ज़ाहिर करेगा। उस दिन वह रब को जान लेंगे, और ज़बह और ग़ल्ला की क़ुरबानियाँ चढ़ाकर उस की परस्तिश करेंगे। वह रब के लिए मन्नतें मानकर उनको पूरा करेंगे।
Isai UrduGeoD 19:22  रब मिसर को मारेगा भी और उसे शफ़ा भी देगा। मिसरी रब की तरफ़ रुजू करेंगे तो वह उनकी इल्तिजाओं के जवाब में उन्हें शफ़ा देगा।
Isai UrduGeoD 19:23  उस दिन एक पक्की सड़क मिसर को असूर के साथ मुंसलिक कर देगी। असूरी और मिसरी आज़ादी से एक दूसरे के मुल्क में आएँगे, और दोनों मिलकर अल्लाह की इबादत करेंगे।
Isai UrduGeoD 19:24  उस दिन इसराईल भी मिसर और असूर के इत्तहाद में शरीक होकर तमाम दुनिया के लिए बरकत का बाइस होगा।
Isai UrduGeoD 19:25  क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज उन्हें बरकत देकर फ़रमाएगा, “मेरी क़ौम मिसर पर बरकत हो, मेरे हाथों से बने मुल्क असूर पर मेरी बरकत हो, मेरी मीरास इसराईल पर बरकत हो।”
Chapter 20
Isai UrduGeoD 20:1  एक दिन असूरी बादशाह सरजून ने अपने कमाँडर को अशदूद से लड़ने भेजा। जब असूरियों ने उस फ़िलिस्ती शहर पर हमला किया तो वह उनके क़ब्ज़े में आ गया।
Isai UrduGeoD 20:2  तीन साल पहले रब यसायाह बिन आमूस से हमकलाम हुआ था, “जा, टाट का जो लिबास तू पहने रहा है उतार। अपने जूतों को भी उतार।” नबी ने ऐसा ही किया और इसी हालत में फिरता रहा था।
Isai UrduGeoD 20:3  जब अशदूद असूरियों के क़ब्ज़े में आ गया तो रब ने फ़रमाया, “मेरे ख़ादिम यसायाह को बरहना और नंगे पाँव फिरते तीन साल हो गए हैं। इससे उसने अलामती तौर पर इसकी निशानदेही की है कि मिसर और एथोपिया का क्या अंजाम होगा।
Isai UrduGeoD 20:4  शाहे-असूर मिसरी क़ैदियों और एथोपिया के जिलावतनों को इसी हालत में अपने आगे आगे हाँकेगा। नौजवान और बुज़ुर्ग सब बरहना और नंगे पाँव फिरेंगे, वह कमर से लेकर पाँव तक बरहना होंगे। मिसर कितना शरमिंदा होगा।
Isai UrduGeoD 20:5  यह देखकर फ़िलिस्ती दहशत खाएँगे। उन्हें शर्म आएगी, क्योंकि वह एथोपिया से उम्मीद रखते और अपने मिसरी इत्तहादी पर फ़ख़र करते थे।
Isai UrduGeoD 20:6  उस वक़्त इस साहिली इलाक़े के बाशिंदे कहेंगे, ‘देखो उन लोगों की हालत जिनसे हम उम्मीद रखते थे। उन्हीं के पास हम भागकर आए ताकि मदद और असूरी बादशाह से छुटकारा मिल जाए। अगर उनके साथ ऐसा हुआ तो हम किस तरह बचेंगे’?”
Chapter 21
Isai UrduGeoD 21:1  दलदल के इलाक़े के बारे में अल्लाह का फ़रमान : जिस तरह दश्ते-नजब में तूफ़ान के तेज़ झोंके बार बार आ पड़ते हैं उसी तरह आफ़त बयाबान से आएगी, दुश्मन दहशतनाक मुल्क से आकर तुझ पर टूट पड़ेगा।
Isai UrduGeoD 21:2  रब ने हौलनाक रोया में मुझ पर ज़ाहिर किया है कि नमकहराम और हलाकू हरकत में आ गए हैं। ऐ ऐलाम चल, बाबल पर हमला कर! ऐ मादी उठ, शहर का मुहासरा कर! मैं होने दूँगा कि बाबल के मज़लूमों की आहें बंद हो जाएँगी।
Isai UrduGeoD 21:3  इसलिए मेरी कमर शिद्दत से लरज़ने लगी है। दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत की-सी घबराहट मेरी अंतड़ियों को मरोड़ रही है। जो कुछ मैंने सुना है उससे मैं तड़प उठा हूँ, और जो कुछ मैंने देखा है, उससे मैं हवासबाख़्ता हो गया हूँ।
Isai UrduGeoD 21:4  मेरा दिल धड़क रहा है, कपकपी मुझ पर तारी हो गई है। पहले शाम का धुँधलका मुझे प्यारा लगता था, लेकिन अब रोया को देखकर वह मेरे लिए दहशत का बाइस बन गया है।
Isai UrduGeoD 21:5  ताहम बाबल में लोग मेज़ लगाकर क़ालीन बिछा रहे हैं। बेपरवाई से वह खाना खा रहे और मै पी रहे हैं। ऐ अफ़सरो, उठो! अपनी ढालों पर तेल लगाकर लड़ने के लिए तैयार हो जाओ!
Isai UrduGeoD 21:6  रब ने मुझे हुक्म दिया, “जाकर पहरेदार खड़ा कर दे जो तुझे हर नज़र आनेवाली चीज़ की इत्तला दे।
Isai UrduGeoD 21:7  ज्योंही दो घोड़ोंवाले रथ या गधों और ऊँटों पर सवार आदमी दिखाई दें तो ख़बरदार! पहरेदार पूरी तवज्जुह दे।”
Isai UrduGeoD 21:8  तब पहरेदार शेरबबर की तरह पुकार उठा, “मेरे आक़ा, रोज़ बरोज़ मैं पूरी वफ़ादारी से अपनी बुर्जी पर खड़ा रहा हूँ, और रातों मैं तैयार रहकर यहाँ पहरादारी करता आया हूँ।
Isai UrduGeoD 21:9  अब वह देखो! दो घोड़ोंवाला रथ आ रहा है जिस पर आदमी सवार है। अब वह जवाब में कह रहा है, ‘बाबल गिर गया, वह गिर गया है! उसके तमाम बुत चकनाचूर होकर ज़मीन पर बिखर गए हैं’।”
Isai UrduGeoD 21:10  ऐ गाहने की जगह पर कुचली हुई मेरी क़ौम! जो कुछ इसराईल के ख़ुदा, रब्बुल-अफ़वाज ने मुझे फ़रमाया है उसे मैंने तुम्हें सुना दिया है।
Isai UrduGeoD 21:11  अदोम के बारे में रब का फ़रमान : सईर के पहाड़ी इलाक़े से कोई मुझे आवाज़ देता है, “ऐ पहरेदार, सुबह होने में कितनी देर बाक़ी है? ऐ पहरेदार, सुबह होने में कितनी देर बाक़ी है?”
Isai UrduGeoD 21:12  पहरेदार जवाब देता है, “सुबह होनेवाली है, लेकिन रात भी। अगर आप मज़ीद पूछना चाहें तो दुबारा आकर पूछ लें।”
Isai UrduGeoD 21:13  मुल्के-अरब के बारे में रब का फ़रमान : ऐ ददानियों के क़ाफ़िलो, मुल्के-अरब के जंगल में रात गुज़ारो।
Isai UrduGeoD 21:14  ऐ मुल्के-तैमा के बाशिंदो, पानी लेकर प्यासों से मिलने जाओ! पनाहगुज़ीनों के पास जाकर उन्हें रोटी खिलाओ!
Isai UrduGeoD 21:15  क्योंकि वह तलवार से लैस दुश्मन से भाग रहे हैं, ऐसे लोगों से जो तलवार थामे और कमान ताने उनसे सख़्त लड़ाई लड़े हैं।
Isai UrduGeoD 21:16  क्योंकि रब ने मुझसे फ़रमाया, “एक साल के अंदर अंदर क़ीदार की तमाम शानो-शौकत ख़त्म हो जाएगी।
Isai UrduGeoD 21:17  क़ीदार के ज़बरदस्त तीरअंदाज़ों में से थोड़े ही बच पाएँगे।” यह रब, इसराईल के ख़ुदा का फ़रमान है।
Chapter 22
Isai UrduGeoD 22:1  रोया की वादी यरूशलम के बारे में रब का फ़रमान : क्या हुआ है? सब छतों पर क्यों चढ़ गए हैं?
Isai UrduGeoD 22:2  हर तरफ़ शोर-शराबा मच रहा है, पूरा शहर बग़लें बजा रहा है। यह कैसी बात है? तेरे मक़तूल न तलवार से, न मैदाने-जंग में मरे।
Isai UrduGeoD 22:3  क्योंकि तेरे तमाम लीडर मिलकर फ़रार हुए और फिर तीर चलाए बग़ैर पकड़े गए। बाक़ी जितने लोग तुझमें थे वह भी दूर दूर भागना चाहते थे, लेकिन उन्हें भी क़ैद किया गया।
Isai UrduGeoD 22:4  इसलिए मैंने कहा, “अपना मुँह मुझसे फेरकर मुझे ज़ार ज़ार रोने दो। मुझे तसल्ली देने पर बज़िद न रहो जबकि मेरी क़ौम तबाह हो रही है।”
Isai UrduGeoD 22:5  क्योंकि क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज रोया की वादी पर हौलनाक दिन लाया है। हर तरफ़ घबराहट, कुचले हुए लोग और अबतरी नज़र आती है। शहर की चारदीवारी टूटने लगी है, पहाड़ों में चीख़ें गूँज रही हैं।
Isai UrduGeoD 22:6  ऐलाम के फ़ौजी अपने तरकश उठाकर रथों, आदमियों और घोड़ों के साथ आ गए हैं। क़ीर के मर्द भी अपनी ढालें ग़िलाफ़ से निकालकर तुझसे लड़ने के लिए निकल आए हैं।
Isai UrduGeoD 22:7  यरूशलम के गिर्दो-नवाह की बेहतरीन वादियाँ दुश्मन के रथों से भर गई हैं, और उसके घुड़सवार शहर के दरवाज़े पर हमला करने के लिए उसके सामने खड़े हो गए हैं।
Isai UrduGeoD 22:8  जो भी बंदोबस्त यहूदाह ने अपने तहफ़्फ़ुज़ के लिए कर लिया था वह ख़त्म हो गया है। उस दिन तुम लोगों ने क्या किया? तुम ‘जंगलघर’ नामी सिलाहख़ाने में जाकर असला का मुआयना करने लगे।
Isai UrduGeoD 22:9  तुमने उन मुतअद्दिद दराड़ों का जायज़ा लिया जो दाऊद के शहर की फ़सील में पड़ गई थीं। उसे मज़बूत करने के लिए तुमने यरूशलम के मकानों को गिनकर उनमें से कुछ गिरा दिए। साथ साथ तुमने निचले तालाब का पानी जमा किया। ऊपर के पुराने तालाब से निकलनेवाला पानी जमा करने के लिए तुमने अंदरूनी और बैरूनी फ़सील के दरमियान एक और तालाब बना लिया। लेकिन अफ़सोस, तुम उस की परवा नहीं करते जो यह सारा सिलसिला अमल में लाया। उस पर तुम तवज्जुह ही नहीं देते जिसने बड़ी देर पहले इसे तश्कील दिया था।
Isai UrduGeoD 22:10  तुमने उन मुतअद्दिद दराड़ों का जायज़ा लिया जो दाऊद के शहर की फ़सील में पड़ गई थीं। उसे मज़बूत करने के लिए तुमने यरूशलम के मकानों को गिनकर उनमें से कुछ गिरा दिए। साथ साथ तुमने निचले तालाब का पानी जमा किया। ऊपर के पुराने तालाब से निकलनेवाला पानी जमा करने के लिए तुमने अंदरूनी और बैरूनी फ़सील के दरमियान एक और तालाब बना लिया। लेकिन अफ़सोस, तुम उस की परवा नहीं करते जो यह सारा सिलसिला अमल में लाया। उस पर तुम तवज्जुह ही नहीं देते जिसने बड़ी देर पहले इसे तश्कील दिया था।
Isai UrduGeoD 22:11  तुमने उन मुतअद्दिद दराड़ों का जायज़ा लिया जो दाऊद के शहर की फ़सील में पड़ गई थीं। उसे मज़बूत करने के लिए तुमने यरूशलम के मकानों को गिनकर उनमें से कुछ गिरा दिए। साथ साथ तुमने निचले तालाब का पानी जमा किया। ऊपर के पुराने तालाब से निकलनेवाला पानी जमा करने के लिए तुमने अंदरूनी और बैरूनी फ़सील के दरमियान एक और तालाब बना लिया। लेकिन अफ़सोस, तुम उस की परवा नहीं करते जो यह सारा सिलसिला अमल में लाया। उस पर तुम तवज्जुह ही नहीं देते जिसने बड़ी देर पहले इसे तश्कील दिया था।
Isai UrduGeoD 22:12  उस वक़्त क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज ने हुक्म दिया कि गिर्याओ-ज़ारी करो, अपने बालों को मुँडवाकर टाट का लिबास पहन लो।
Isai UrduGeoD 22:13  लेकिन क्या हुआ? तमाम लोग शादियाना बजाकर ख़ुशी मना रहे हैं। हर तरफ़ बैलों और भेड़-बकरियों को ज़बह किया जा रहा है। सब गोश्त और मै से लुत्फ़अंदोज़ होकर कह रहे हैं, “आओ, हम खाएँ पिएँ, क्योंकि कल तो मर ही जाना है।”
Isai UrduGeoD 22:14  लेकिन रब्बुल-अफ़वाज ने मेरी मौजूदगी में ही ज़ाहिर किया है कि यक़ीनन यह क़ुसूर तुम्हारे मरते दम तक मुआफ़ नहीं किया जाएगा। यह क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान है।
Isai UrduGeoD 22:15  क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “उस निगरान शिबनाह के पास चल जो महल का इंचार्ज है। उसे पैग़ाम पहुँचा दे,
Isai UrduGeoD 22:16  तू यहाँ क्या कर रहा है? किसने तुझे यहाँ अपने लिए मक़बरा तराशने की इजाज़त दी? तू कौन है कि बुलंदी पर अपने लिए मज़ार बनवाए, चटान में आरामगाह खुदवाए?
Isai UrduGeoD 22:17  ऐ मर्द, ख़बरदार! रब तुझे ज़ोर से दूर दूर तक फेंकनेवाला है। वह तुझे पकड़ लेगा
Isai UrduGeoD 22:18  और मरोड़ मरोड़कर गेंद की तरह एक वसी मुल्क में फेंक देगा। वहीं तू मरेगा, वहीं तेरे शानदार रथ पड़े रहेंगे। क्योंकि तू अपने मालिक के घराने के लिए शर्म का बाइस बना है।
Isai UrduGeoD 22:19  मैं तुझे बरतरफ़ करूँगा, और तू ज़बरदस्ती अपने ओहदे और मंसब से फ़ारिग़ कर दिया जाएगा।
Isai UrduGeoD 22:20  उस दिन मैं अपने ख़ादिम इलियाक़ीम बिन ख़िलक़ियाह को बुलाऊँगा।
Isai UrduGeoD 22:21  मैं उसे तेरा ही सरकारी लिबास और कमरबंद पहनाकर तेरा इख़्तियार उसे दे दूँगा। उस वक़्त वह यहूदाह के घराने और यरूशलम के तमाम बाशिंदों का बाप बनेगा।
Isai UrduGeoD 22:22  मैं उसके कंधे पर दाऊद के घराने की चाबी रख दूँगा। जो दरवाज़ा वह खोलेगा उसे कोई बंद नहीं कर सकेगा, और जो दरवाज़ा वह बंद करेगा उसे कोई खोल नहीं सकेगा।
Isai UrduGeoD 22:23  वह खूँटी की मानिंद होगा जिसको मैं ज़ोर से ठोंककर मज़बूत दीवार में लगा दूँगा। उससे उसके बाप के घराने को शराफ़त का ऊँचा मक़ाम हासिल होगा।
Isai UrduGeoD 22:24  लेकिन फिर आबाई घराने का पूरा बोझ उसके साथ लटक जाएगा। तमाम औलाद और रिश्तेदार, तमाम छोटे बरतन प्यालों से लेकर मरतबानों तक उसके साथ लटक जाएंगे।
Isai UrduGeoD 22:25  रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है कि उस वक़्त मज़बूत दीवार में लगी यह खूँटी निकल जाएगी। उसे तोड़ा जाएगा तो वह गिर जाएगी, और उसके साथ लटका सारा सामान टूट जाएगा।” यह रब का फ़रमान है।
Chapter 23
Isai UrduGeoD 23:1  सूर के बारे में अल्लाह का फ़रमान : ऐ तरसीस के उम्दा जहाज़ो, वावैला करो! क्योंकि सूर तबाह हो गया है, वहाँ टिकने की जगह तक नहीं रही। जज़ीराए-क़ुबरुस से वापस आते वक़्त उन्हें इत्तला दी गई।
Isai UrduGeoD 23:2  ऐ साहिली इलाक़े में बसनेवालो, आहो-ज़ारी करो! ऐ सैदा के ताजिरो, मातम करो! तेरे क़ासिद समुंदर को पार करते थे,
Isai UrduGeoD 23:3  वह गहरे पानी पर सफ़र करते हुए मिसर का ग़ल्ला तुझ तक पहुँचाते थे, क्योंकि तू ही दरियाए-नील की फ़सल से नफ़ा कमाता था। यों तू तमाम क़ौमों का तिजारती मरकज़ बना।
Isai UrduGeoD 23:4  लेकिन अब शर्मसार हो, ऐ सैदा, क्योंकि समुंदर का क़िलाबंद शहर सूर कहता है, “हाय, सब कुछ तबाह हो गया है। अब ऐसा लगता है कि मैंने न कभी दर्दे-ज़ह में मुब्तला होकर बच्चे जन्म दिए, न कभी बेटे-बेटियाँ पाले।”
Isai UrduGeoD 23:5  जब यह ख़बर मिसर तक पहुँचेगी तो वहाँ के बाशिंदे तड़प उठेंगे।
Isai UrduGeoD 23:6  चुनाँचे समुंदर को पार करके तरसीस तक पहुँचो! ऐ साहिली इलाक़े के बाशिंदो, गिर्याओ-ज़ारी करो!
Isai UrduGeoD 23:7  क्या यह वाक़ई तुम्हारा वह शहर है जिसकी रंगरलियाँ मशहूर थीं, वह क़दीम शहर जिसके पाँव उसे दूर-दराज़ इलाक़ों तक ले गए ताकि वहाँ नई आबादियाँ क़ायम करे?
Isai UrduGeoD 23:8  किसने सूर के ख़िलाफ़ यह मनसूबा बाँधा? यह शहर तो पहले बादशाहों को तख़्त पर बिठाया करता था, और उसके सौदागर रईस थे, उसके ताजिर दुनिया के शुरफ़ा में गिने जाते थे।
Isai UrduGeoD 23:9  रब्बुल-अफ़वाज ने यह मनसूबा बाँधा ताकि तमाम शानो-शौकत का घमंड पस्त और दुनिया के तमाम ओहदेदार ज़ेर हो जाएँ।
Isai UrduGeoD 23:10  ऐ तरसीस बेटी, अब से अपनी ज़मीन की खेतीबाड़ी कर, उन किसानों की तरह काश्तकारी कर जो दरियाए-नील के किनारे अपनी फ़सलें लगाते हैं, क्योंकि तेरी बंदरगाह जाती रही है।
Isai UrduGeoD 23:11  रब ने अपने हाथ को समुंदर के ऊपर उठाकर ममालिक को हिला दिया। उसने हुक्म दिया है कि कनान के क़िले बरबाद हो जाएँ।
Isai UrduGeoD 23:12  उसने फ़रमाया, “ऐ सैदा बेटी, अब से तेरी रंगरलियाँ बंद रहेंगी। ऐ कुँवारी जिसकी इसमतदरी हुई है, उठ और समुंदर को पार करके क़ुबरुस में पनाह ले। लेकिन वहाँ भी तू आराम नहीं कर पाएगी।”
Isai UrduGeoD 23:13  मुल्के-बाबल पर नज़र डालो। यह क़ौम तो नेस्तो-नाबूद हो गई, उसका मुल्क जंगली जानवरों का घर बन गया है। असूरियों ने बुर्ज बनाकर उसे घेर लिया और उसके क़िलों को ढा दिया। मलबे का ढेर ही रह गया है।
Isai UrduGeoD 23:14  ऐ तरसीस के उम्दा जहाज़ो, हाय हाय करो, क्योंकि तुम्हारा क़िला तबाह हो गया है!
Isai UrduGeoD 23:15  तब सूर इनसान की याद से उतर जाएगा। लेकिन 70 साल यानी एक बादशाह की मुद्दतुल-उम्र के बाद सूर उस तरह बहाल हो जाएगा जिस तरह गीत में कसबी के बारे में गाया जाता है,
Isai UrduGeoD 23:16  “ऐ फ़रामोश कसबी, चल! अपना सरोद पकड़कर गलियों में फिर! सरोद को ख़ूब बजा, कई एक गीत गा ताकि लोग तुझे याद करें।”
Isai UrduGeoD 23:17  क्योंकि 70 साल के बाद रब सूर को बहाल करेगा। कसबी दुबारा पैसे कमाएगी, दुनिया के तमाम ममालिक उसके गाहक बनेंगे।
Isai UrduGeoD 23:18  लेकिन जो पैसे वह कमाएगी वह रब के लिए मख़सूस होंगे। वह ज़ख़ीरा करने के लिए जमा नहीं होंगे बल्कि रब के हुज़ूर ठहरनेवालों को दिए जाएंगे ताकि जी भरकर खा सकें और शानदार कपड़े पहन सकें।
Chapter 24
Isai UrduGeoD 24:1  देखो, रब दुनिया को वीरानो-सुनसान कर देगा, रूए-ज़मीन को उलट-पलट करके उसके बाशिंदों को मुंतशिर कर देगा।
Isai UrduGeoD 24:2  किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा, ख़ाह इमाम हो या आम शख़्स, मालिक या नौकर, मालिकन या नौकरानी, बेचनेवाला या ख़रीदार, उधार लेने या देनेवाला, क़र्ज़दार या क़र्ज़ख़ाह।
Isai UrduGeoD 24:3  ज़मीन मुकम्मल तौर पर उजड़ जाएगी, उसे सरासर लूटा जाएगा। रब ही ने यह सब कुछ फ़रमाया है।
Isai UrduGeoD 24:4  ज़मीन सूख सूखकर सुकड़ जाएगी, दुनिया ख़ुश्क होकर मुरझा जाएगी। उसके बड़े बड़े लोग भी निढाल हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 24:5  ज़मीन के अपने बाशिंदों ने उस की बेहुरमती की है, क्योंकि वह शरीअत के ताबे न रहे बल्कि उसके अहकाम को तबदील करके अल्लाह के साथ का अबदी अहद तोड़ दिया है।
Isai UrduGeoD 24:6  इसी लिए ज़मीन लानत का लुक़मा बन गई है, उस पर बसनेवाले अपनी सज़ा भुगत रहे हैं। इसी लिए दुनिया के बाशिंदे भस्म हो रहे हैं और कम ही बाक़ी रह गए हैं।
Isai UrduGeoD 24:7  अंगूर का ताज़ा रस सूखकर ख़त्म हो रहा, अंगूर की बेलें मुरझा रही हैं। जो पहले ख़ुशबाश थे वह आहें भरने लगे हैं।
Isai UrduGeoD 24:8  दफ़ों की ख़ुशकुन आवाज़ें बंद, रंगरलियाँ मनानेवालों का शोर बंद, सरोदों के सुरीले नग़मे बंद हो गए हैं।
Isai UrduGeoD 24:9  अब लोग गीत गा गाकर मै नहीं पीते बल्कि शराब उन्हें कड़वी ही लगती है।
Isai UrduGeoD 24:10  वीरानो-सुनसान शहर तबाह हो गया है, हर घर के दरवाज़े पर कुंडी लगी है ताकि अंदर घुसनेवालों से महफ़ूज़ रहे।
Isai UrduGeoD 24:11  गलियों में लोग गिर्याओ-ज़ारी कर रहे हैं कि मै ख़त्म है। हर ख़ुशी दूर हो गई है, हर शादमानी ज़मीन से ग़ायब है।
Isai UrduGeoD 24:12  शहर में मलबे के ढेर ही रह गए हैं, उसके दरवाज़े टुकड़े टुकड़े हो गए हैं।
Isai UrduGeoD 24:13  क्योंकि मुल्क के दरमियान और अक़वाम के बीच में यही सूरते-हाल होगी कि चंद एक ही बच पाएँगे, बिलकुल उन दो-चार ज़ैतूनों की मानिंद जो दरख़्त को झाड़ने के बावुजूद उस पर रह जाते हैं, या उन दो-चार अंगूरों की तरह जो फ़सल चुनने के बावुजूद बेलों पर लगे रहते हैं।
Isai UrduGeoD 24:14  लेकिन यह चंद एक ही पुकारकर ख़ुशी के नारे लगाएँगे। मग़रिब से वह रब की अज़मत की सताइश करेंगे।
Isai UrduGeoD 24:15  चुनाँचे मशरिक़ में रब को जलाल दो, जज़ीरों में इसराईल के ख़ुदा के नाम की ताज़ीम करो।
Isai UrduGeoD 24:16  हमें दुनिया की इंतहा से गीत सुनाई दे रहे हैं, “रास्त ख़ुदा की तारीफ़ हो!” लेकिन मैं बोल उठा, “हाय, मैं घुल घुलकर मर रहा हूँ, मैं घुल घुलकर मर रहा हूँ! मुझ पर अफ़सोस, क्योंकि बेवफ़ा अपनी बेवफ़ाई दिखा रहे हैं, बेवफ़ा खुले तौर पर अपनी बेवफ़ाई दिखा रहे हैं!”
Isai UrduGeoD 24:17  ऐ दुनिया के बाशिंदो, तुम दहशतनाक मुसीबत, गढ़ों और फंदों में फँस जाओगे।
Isai UrduGeoD 24:18  तब जो हौलनाक आवाज़ों से भागकर बच जाए वह गढ़े में गिर जाएगा, और जो गढ़े से निकल जाए वह फंदे में फँस जाएगा। क्योंकि आसमान के दरीचे खुल रहे और ज़मीन की बुनियादें हिल रही हैं।
Isai UrduGeoD 24:19  ज़मीन कड़क से फ़ट रही है। वह डगमगा रही, झूम रही,
Isai UrduGeoD 24:20  नशे में आए शराबी की तरह लड़खड़ा रही और कच्ची झोंपड़ी की तरह झूल रही है। आख़िरकार वह अपनी बेवफ़ाई के बोझ तले इतने धड़ाम से गिरेगी कि आइंदा कभी नहीं उठने की।
Isai UrduGeoD 24:21  उस दिन रब आसमान के लशकर और ज़मीन के बादशाहों से जवाब तलब करेगा।
Isai UrduGeoD 24:22  तब वह गिरिफ़्तार होकर गढ़े में जमा होंगे, उन्हें क़ैदख़ाने में डालकर मुतअद्दिद दिनों के बाद सज़ा मिलेगी।
Isai UrduGeoD 24:23  उस वक़्त चाँद नादिम होगा और सूरज शर्म खाएगा, क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज कोहे-सिय्यून पर तख़्तनशीन होगा। वहाँ यरूशलम में वह बड़ी शानो-शौकत के साथ अपने बुज़ुर्गों के सामने हुकूमत करेगा।
Chapter 25
Isai UrduGeoD 25:1  ऐ रब, तू मेरा ख़ुदा है, मैं तेरी ताज़ीम और तेरे नाम की तारीफ़ करूँगा। क्योंकि तूने बड़ी वफ़ादारी से अनोखा काम करके क़दीम ज़माने में बँधे हुए मनसूबों को पूरा किया है।
Isai UrduGeoD 25:2  तूने शहर को मलबे का ढेर बनाकर हमलों से महफ़ूज़ आबादी को खंडरात में तबदील कर दिया। ग़ैरमुल्कियों का क़िलाबंद महल यों ख़ाक में मिलाया गया कि आइंदा कभी शहर नहीं कहलाएगा, कभी अज़ सरे-नौ तामीर नहीं होगा।
Isai UrduGeoD 25:3  यह देखकर एक ज़ोरावर क़ौम तेरी ताज़ीम करेगी, ज़बरदस्त अक़वाम के शहर तेरा ख़ौफ़ मानेंगे।
Isai UrduGeoD 25:4  क्योंकि तू पस्तहालों के लिए क़िला और मुसीबतज़दा ग़रीबों के लिए पनाहगाह साबित हुआ है। तेरी आड़ में इनसान तूफ़ान और गरमी की शिद्दत से महफ़ूज़ रहता है। गो ज़बरदस्तों की फूँकें बारिश की बौछाड़
Isai UrduGeoD 25:5  या रेगिस्तान में तपिश जैसी क्यों न हों, ताहम तू ग़ैरमुल्कियों की गरज को रोक देता है। जिस तरह बादल के साय से झुलसती गरमी जाती रहती है, उसी तरह ज़बरदस्तों की शेख़ी को तू बंद कर देता है।
Isai UrduGeoD 25:6  यहीं कोहे-सिय्यून पर रब्बुल-अफ़वाज तमाम अक़वाम की ज़बरदस्त ज़ियाफ़त करेगा। बेहतरीन क़िस्म की क़दीम और साफ़-शफ़्फ़ाफ़ मै पी जाएगी, उम्दा और लज़ीज़तरीन खाना खाया जाएगा।
Isai UrduGeoD 25:7  इसी पहाड़ पर वह तमाम उम्मतों पर का निक़ाब उतारेगा और तमाम अक़वाम पर का परदा हटा देगा।
Isai UrduGeoD 25:8  मौत इलाही फ़तह का लुक़मा होकर अबद तक नेस्तो-नाबूद रहेगी। तब रब क़ादिरे-मुतलक़ हर चेहरे के आँसू पोंछकर तमाम दुनिया में से अपनी क़ौम की रुसवाई दूर करेगा। रब ही ने यह सब कुछ फ़रमाया है।
Isai UrduGeoD 25:9  उस दिन लोग कहेंगे, “यही हमारा ख़ुदा है जिसकी नजात के इंतज़ार में हम रहे। यही है रब जिससे हम उम्मीद रखते रहे। आओ, हम शादियाना बजाकर उस की नजात की ख़ुशी मनाएँ।”
Isai UrduGeoD 25:10  रब का हाथ इस पहाड़ पर ठहरा रहेगा। लेकिन मोआब को वह यों रौंदेगा जिस तरह भूसा गोबर में मिलाने के लिए रौंदा जाता है।
Isai UrduGeoD 25:11  और गो मोआब हाथ फैलाकर उसमें तैरने की कोशिश करे तो भी रब उसका ग़ुरूर गोबर में दबाए रखेगा, चाहे वह कितनी महारत से हाथ-पाँव मारने की कोशिश क्यों न करे।
Isai UrduGeoD 25:12  ऐ मोआब, वह तेरी बुलंद और क़िलाबंद दीवारों को गिराएगा, उन्हें ढाकर ख़ाक में मिलाएगा।
Chapter 26
Isai UrduGeoD 26:1  उस दिन मुल्के-यहूदाह में गीत गाया जाएगा, “हमारा शहर मज़बूत है, क्योंकि हम अल्लाह की नजात देनेवाली चारदीवारी और पुश्तों से घिरे हुए हैं।
Isai UrduGeoD 26:2  शहर के दरवाज़ों को खोलो ताकि रास्त क़ौम दाख़िल हो, वह क़ौम जो वफ़ादार रही है।
Isai UrduGeoD 26:3  ऐ रब, जिसका इरादा मज़बूत है उसे तू महफ़ूज़ रखता है। उसे पूरी सलामती हासिल है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है।
Isai UrduGeoD 26:4  रब पर अबद तक एतमाद रखो! क्योंकि रब ख़ुदा अबदी चटान है।
Isai UrduGeoD 26:5  वह बुलंदियों पर रहनेवालों को ज़ेर और ऊँचे शहर को नीचा करके ख़ाक में मिला देता है।
Isai UrduGeoD 26:6  ज़रूरतमंद और पस्तहाल उसे पाँवों तले कुचल देते हैं।”
Isai UrduGeoD 26:7  ऐ अल्लाह, रास्तबाज़ की राह हमवार है, क्योंकि तू उसका रास्ता चलने के क़ाबिल बना देता है।
Isai UrduGeoD 26:8  ऐ रब, हम तेरे इंतज़ार में रहते हैं, उस वक़्त भी जब तू हमारी अदालत करता है। हम तेरे नाम और तेरी तमजीद के आरज़ूमंद रहते हैं।
Isai UrduGeoD 26:9  रात के वक़्त मेरी रूह तेरे लिए तड़पती, मेरा दिल तेरा तालिब रहता है। क्योंकि दुनिया के बाशिंदे उस वक़्त इनसाफ़ का मतलब सीखते हैं जब तू दुनिया की अदालत करता है।
Isai UrduGeoD 26:10  अफ़सोस, जब बेदीन पर रहम किया जाता है तो वह इनसाफ़ का मतलब नहीं सीखता बल्कि इनसाफ़ के मुल्क में भी ग़लत काम करने से बाज़ नहीं रहता, वहाँ भी रब की अज़मत का लिहाज़ नहीं करता।
Isai UrduGeoD 26:11  ऐ रब, गो तेरा हाथ उन्हें मारने के लिए उठा हुआ है तो भी वह ध्यान नहीं देते। लेकिन एक दिन उनकी आँखें खुल जाएँगी, और वह तेरी अपनी क़ौम के लिए ग़ैरत को देखकर शरमिंदा हो जाएंगे। तब तू अपनी भस्म करनेवाली आग उन पर नाज़िल करेगा।
Isai UrduGeoD 26:12  ऐ रब, तू हमें अमनो-अमान मुहैया करता है बल्कि हमारी तमाम कामयाबियाँ तेरे ही हाथ से हासिल हुई हैं।
Isai UrduGeoD 26:13  ऐ रब हमारे ख़ुदा, गो तेरे सिवा दीगर मालिक हम पर हुकूमत करते आए हैं तो भी हम तेरे ही फ़ज़ल से तेरे नाम को याद कर पाए।
Isai UrduGeoD 26:14  अब यह लोग मर गए हैं और आइंदा कभी ज़िंदा नहीं होंगे, उनकी रूहें कूच कर गई हैं और आइंदा कभी वापस नहीं आएँगी। क्योंकि तूने उन्हें सज़ा देकर हलाक कर दिया, उनका नामो-निशान मिटा डाला है।
Isai UrduGeoD 26:15  ऐ रब, तूने अपनी क़ौम को फ़रोग़ दिया है। तूने अपनी क़ौम को बड़ा बनाकर अपने जलाल का इज़हार किया है। तेरे हाथ से उस की सरहद्दें चारों तरफ़ बढ़ गई हैं।
Isai UrduGeoD 26:16  ऐ रब, वह मुसीबत में फँसकर तुझे तलाश करने लगे, तेरी तादीब के बाइस मंत्र फूँकने लगे।
Isai UrduGeoD 26:17  ऐ रब, तेरे हुज़ूर हम दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत की तरह तड़पते और चीख़ते-चिल्लाते रहे।
Isai UrduGeoD 26:18  जनने का दर्द महसूस करके हम पेचो-ताब खा रहे थे। लेकिन अफ़सोस, हवा ही पैदा हुई। न हमने मुल्क को नजात दी, न दुनिया के नए बाशिंदे पैदा हुए।
Isai UrduGeoD 26:19  लेकिन तेरे मुरदे दुबारा ज़िंदा होंगे, उनकी लाशें एक दिन जी उठेंगी। ऐ ख़ाक में बसनेवालो, जाग उठो और ख़ुशी के नारे लगाओ! क्योंकि तेरी ओस नूरों की शबनम है, और ज़मीन मुरदा रूहों को जन्म देगी।
Isai UrduGeoD 26:20  ऐ मेरी क़ौम, जा और थोड़ी देर के लिए अपने कमरों में छुपकर कुंडी लगा ले। जब तक रब का ग़ज़ब ठंडा न हो वहाँ ठहरी रह।
Isai UrduGeoD 26:21  क्योंकि देख, रब अपनी सुकूनतगाह से निकलने को है ताकि दुनिया के बाशिंदों को सज़ा दे। तब ज़मीन अपने आप पर बहाया हुआ ख़ून फ़ाश करेगी और अपने मक़तूलों को मज़ीद छुपाए नहीं रखेगी।
Chapter 27
Isai UrduGeoD 27:1  उस दिन रब उस भागने और पेचो-ताब खानेवाले साँप को सज़ा देगा जो लिवियातान कहलाता है। अपनी सख़्त, अज़ीम और ताक़तवर तलवार से वह समुंदर के अज़दहे को मार डालेगा।
Isai UrduGeoD 27:2  उस दिन कहा जाएगा, “अंगूर का कितना ख़ूबसूरत बाग़ है! उस की तारीफ़ में गीत गाओ!
Isai UrduGeoD 27:3  मैं, रब ख़ुद ही उसे सँभालता, उसे मुसलसल पानी देता रहता हूँ। दिन-रात मैं उस की पहरादारी करता हूँ ताकि कोई उसे नुक़सान न पहुँचाए।
Isai UrduGeoD 27:4  अब मेरा ग़ुस्सा ठंडा हो गया है। लेकिन अगर बाग़ में ऊँटकटारे और ख़ारदार झाड़ियाँ मिल जाएँ तो मैं उनसे निपट लूँगा, मैं उनसे जंग करके सबको जला दूँगा।
Isai UrduGeoD 27:5  लेकिन अगर वह मान जाएँ तो मेरे पास आकर पनाह लें। वह मेरे साथ सुलह करें, हाँ मेरे साथ सुलह करें।”
Isai UrduGeoD 27:6  एक वक़्त आएगा कि याक़ूब जड़ पकड़ेगा। इसराईल को फूल लग जाएंगे, उस की कोंपलें निकलेंगी और दुनिया उसके फल से भर जाएगी।
Isai UrduGeoD 27:7  क्या रब ने अपनी क़ौम को यों मारा जिस तरह उसने इसराईल को मारनेवालों को मारा है? हरगिज़ नहीं! या क्या इसराईल को यों क़त्ल किया गया जिस तरह उसके क़ातिलों को क़त्ल किया गया है?
Isai UrduGeoD 27:8  नहीं, बल्कि तूने उसे डराकर और भगाकर उससे जवाब तलब किया, तूने उसके ख़िलाफ़ मशरिक़ से तेज़ आँधी भेजकर उसे अपने हुज़ूर से निकाल दिया।
Isai UrduGeoD 27:9  इस तरह याक़ूब के क़ुसूर का कफ़्फ़ारा दिया जाएगा। और जब इसराईल का गुनाह दूर हो जाएगा तो नतीजे में वह तमाम ग़लत क़ुरबानगाहों को चूने के पत्थरों की तरह चकनाचूर करेगा। न यसीरत देवी के खंबे, न बख़ूर जलाने की ग़लत क़ुरबानगाहें खड़ी रहेंगी।
Isai UrduGeoD 27:10  क्योंकि क़िलाबंद शहर तनहा रह गया है। लोगों ने उसे वीरान छोड़कर रेगिस्तान की तरह तर्क कर दिया है। अब से उसमें बछड़े ही चरेंगे। वही उस की गलियों में आराम करके उस की टहनियों को चबा लेंगे।
Isai UrduGeoD 27:11  तब उस की शाख़ें सूख जाएँगी और औरतें उन्हें तोड़ तोड़कर जलाएँगी। क्योंकि यह क़ौम समझ से ख़ाली है, लिहाज़ा उसका ख़ालिक़ उस पर तरस नहीं खाएगा, जिसने उसे तश्कील दिया वह उस पर मेहरबानी नहीं करेगा।
Isai UrduGeoD 27:12  उस दिन तुम इसराईली ग़ल्ला जैसे होगे, और रब तुम्हारी बालियों को दरियाए-फ़ुरात से लेकर मिसर की शिमाली सरहद पर वाक़े वादीए-मिसर तक काटेगा। फिर वह तुम्हें गाहकर दाना बदाना तमाम ग़ल्ला इकट्ठा करेगा।
Isai UrduGeoD 27:13  उस दिन नरसिंगा बुलंद आवाज़ से बजेगा। तब असूर में तबाह होनेवाले और मिसर में भगाए हुए लोग वापस आकर यरूशलम के मुक़द्दस पहाड़ पर रब को सिजदा करेंगे।
Chapter 28
Isai UrduGeoD 28:1  सामरिया पर अफ़सोस जो इसराईली शराबियों का शानदार ताज है। उस शहर पर अफ़सोस जो इसराईल की शानो-शौकत था लेकिन अब मुरझानेवाला फूल है। उस आबादी पर अफ़सोस जो नशे में धुत लोगों की ज़रख़ेज़ वादी के ऊपर तख़्तनशीन है।
Isai UrduGeoD 28:2  देखो, रब एक ज़बरदस्त सूरमा भेजेगा जो ओलों के तूफ़ान, तबाहकुन आँधी और सैलाब पैदा करनेवाली मूसलाधार बारिश की तरह सामरिया पर टूट पड़ेगा और ज़ोर से उसे ज़मीन पर पटख़ देगा।
Isai UrduGeoD 28:3  तब इसराईली शराबियों का शानदार ताज सामरिया पाँवों तले रौंदा जाएगा।
Isai UrduGeoD 28:4  तब यह मुरझानेवाला फूल जो ज़रख़ेज़ वादी के ऊपर तख़्तनशीन है और उस की शानो-शौकत ख़त्म हो जाएगी। उसका हाल फ़सल से पहले पकनेवाले अंजीर जैसा होगा। क्योंकि ज्योंही कोई उसे देखे वह उसे तोड़कर हड़प कर लेगा।
Isai UrduGeoD 28:5  उस दिन रब्बुल-अफ़वाज ख़ुद इसराईल का शानदार ताज होगा, वह अपनी क़ौम के बचे हुओं का जलाली सेहरा होगा।
Isai UrduGeoD 28:6  वह अदालत करनेवाले को इनसाफ़ की रूह दिलाएगा और शहर के दरवाज़े पर दुश्मन को पीछे धकेलनेवालों के लिए ताक़त का बाइस होगा।
Isai UrduGeoD 28:7  लेकिन यह लोग भी मै के असर से डगमगा रहे और शराब पी पीकर लड़खड़ा रहे हैं। इमाम और नबी नशे में झूम रहे हैं। मै पीने से उनके दिमाग़ों में ख़लल आ गया है, शराब पी पीकर वह चक्कर खा रहे हैं। रोया देखते वक़्त वह झूमते, फ़ैसले करते वक़्त झूलते हैं।
Isai UrduGeoD 28:8  तमाम मेज़ें उनकी क़ै से गंदी हैं, उनकी ग़िलाज़त हर तरफ़ नज़र आती है।
Isai UrduGeoD 28:9  वह आपस में कहते हैं, “यह शख़्स हमारे साथ इस क़िस्म की बातें क्यों करता है? हमें तालीम देते और इलाही पैग़ाम का मतलब सुनाते वक़्त वह हमें यों समझाता है गोया हम छोटे बच्चे हों जिनका दूध अभी अभी छुड़ाया गया हो।
Isai UrduGeoD 28:10  क्योंकि यह कहता है, ‘सव लासव सव लासव, क़व लाक़व क़व लाक़व, थोड़ा-सा इस तरफ़ थोड़ा-सा उस तरफ़’।”
Isai UrduGeoD 28:11  चुनाँचे अब अल्लाह हकलाते हुए होंटों और ग़ैरज़बानों की मारिफ़त इस क़ौम से बात करेगा।
Isai UrduGeoD 28:12  गो उसने उनसे फ़रमाया था, “यह आराम की जगह है। थकेमाँदों को आराम दो, क्योंकि यहीं वह सुकून पाएँगे।” लेकिन वह सुनने के लिए तैयार नहीं थे।
Isai UrduGeoD 28:13  इसलिए आइंदा रब उनसे इन्हीं अलफ़ाज़ से हमकलाम होगा, “सव लासव सव लासव, क़व लाक़व कव लाक़व, थोड़ा-सा इस तरफ़, थोड़ा-सा उस तरफ़।” क्योंकि लाज़िम है कि वह चलकर ठोकर खाएँ, और धड़ाम से अपनी पुश्त पर गिर जाएँ, कि वह ज़ख़मी हो जाएँ और फंदे में फँसकर गिरिफ़्तार हो जाएँ।
Isai UrduGeoD 28:14  चुनाँचे अब रब का कलाम सुन लो, ऐ मज़ाक़ उड़ानेवालो, जो यरूशलम में बसनेवाली इस क़ौम पर हुकूमत करते हो।
Isai UrduGeoD 28:15  तुम शेख़ी मारकर कहते हो, “हमने मौत से अहद बाँधा और पाताल से मुआहदा किया है। इसलिए जब सज़ा का सैलाब हम पर से गुज़रे तो हमें नुक़सान नहीं पहुँचाएगा। क्योंकि हमने झूट में पनाह ली और धोके में छुप गए हैं।”
Isai UrduGeoD 28:16  इसके जवाब में रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “देखो, मैं सिय्यून में एक पत्थर रख देता हूँ, कोने का एक आज़मूदा और क़ीमती पत्थर जो मज़बूत बुनियाद पर लगा है। जो ईमान लाएगा वह कभी नहीं हिलेगा।
Isai UrduGeoD 28:17  इनसाफ़ मेरा फ़ीता और रास्ती मेरी साहूल की डोरी होगी। इनसे मैं सब कुछ परखूँगा। ओले उस झूट का सफ़ाया करेंगे जिसमें तुमने पनाह ली है, और सैलाब तुम्हारी छुपने की जगह उड़ाकर अपने साथ बहा ले जाएगा।
Isai UrduGeoD 28:18  तब तुम्हारा मौत के साथ अहद मनसूख़ हो जाएगा, और तुम्हारा पाताल के साथ मुआहदा क़ायम नहीं रहेगा। सज़ा का सैलाब तुम पर से गुज़रकर तुम्हें पामाल करेगा।
Isai UrduGeoD 28:19  वह सुबह बसुबह और दिन-रात गुज़रेगा, और जब भी गुज़रेगा तो तुम्हें अपने साथ बहा ले जाएगा। उस वक़्त लोग दहशतज़दा होकर कलाम का मतलब समझेंगे।”
Isai UrduGeoD 28:20  चारपाई इतनी छोटी होगी कि तुम पाँव फैलाकर सो नहीं सकोगे। बिस्तर की चौड़ाई इतनी कम होगी कि तुम उसे लपेटकर आराम नहीं कर सकोगे।
Isai UrduGeoD 28:21  क्योंकि रब उठकर यों तुम पर झपट पड़ेगा जिस तरह पराज़ीम पहाड़ के पास फ़िलिस्तियों पर झपट पड़ा। जिस तरह वादीए-जिबऊन में अमोरियों पर टूट पड़ा उसी तरह वह तुम पर टूट पड़ेगा। और जो काम वह करेगा वह अजीब होगा, जो क़दम वह उठाएगा वह मामूल से हटकर होगा।
Isai UrduGeoD 28:22  चुनाँचे अपनी तानाज़नी से बाज़ आओ, वरना तुम्हारी ज़ंजीरें मज़ीद ज़ोर से कस दी जाएँगी। क्योंकि मुझे क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज से पैग़ाम मिला है कि तमाम दुनिया की तबाही मुतैयिन है।
Isai UrduGeoD 28:23  ग़ौर से मेरी बात सुनो! ध्यान से उस पर कान धरो जो मैं कह रहा हूँ!
Isai UrduGeoD 28:24  जब किसान खेत को बीज बोने के लिए तैयार करता है तो क्या वह पूरा दिन हल चलाता रहता है? क्या वह अपना पूरा वक़्त ज़मीन खोदने और ढेले तोड़ने में सर्फ़ करता है?
Isai UrduGeoD 28:25  हरगिज़ नहीं! जब पूरे खेत की सतह हमवार और तैयार है तो वह अपनी अपनी जगह पर स्याह ज़ीरा और सफ़ेद ज़ीरा, गंदुम, बाजरा और जो का बीज बोता है। आख़िर में वह किनारे पर चारे का बीज बोता है।
Isai UrduGeoD 28:26  किसान को ख़ूब मालूम है कि क्या क्या करना होता है, क्योंकि उसके ख़ुदा ने उसे तालीम देकर सहीह तरीक़ा सिखाया।
Isai UrduGeoD 28:27  चुनाँचे स्याह ज़ीरा और सफ़ेद ज़ीरा को अनाज की तरह गाहा नहीं जाता। दाने निकालने के लिए उन पर वज़नी चीज़ नहीं चलाई जाती बल्कि उन्हें डंडे से मारा जाता है।
Isai UrduGeoD 28:28  और क्या अनाज को गाह गाहकर पीसा जाता है? हरगिज़ नहीं! किसान उसे हद से ज़्यादा नहीं गाहता। गो उसके घोड़े कोई वज़नी चीज़ खींचते हुए बालियों पर से गुज़रते हैं ताकि दाने निकलें ताहम किसान ध्यान देता है कि दाने पिस न जाएँ।
Isai UrduGeoD 28:29  उसे यह इल्म भी रब्बुल-अफ़वाज से मिला है जो ज़बरदस्त मशवरों और कामिल हिकमत का मंबा है।
Chapter 29
Isai UrduGeoD 29:1  ऐ अरियेल, अरियेल, तुझ पर अफ़सोस! ऐ शहर जिसमें दाऊद ख़ैमाज़न था, तुझ पर अफ़सोस! चलो, साल बसाल अपने तहवार मनाते रहो।
Isai UrduGeoD 29:2  लेकिन मैं अरियेल को यों घेरकर तंग करूँगा कि उसमें आहो-ज़ारी सुनाई देगी। तब यरूशलम मेरे नज़दीक सहीह मानों में अरियेल साबित होगा।
Isai UrduGeoD 29:3  क्योंकि मैं तुझे हर तरफ़ से पुश्ताबंदी से घेरकर बंद रखूँगा, तेरे मुहासरे का पूरा बंदोबस्त करूँगा।
Isai UrduGeoD 29:4  तब तू इतना पस्त होगा कि ख़ाक में से बोलेगा, तेरी दबी दबी आवाज़ गर्द में से निकलेगी। जिस तरह मुरदा रूह ज़मीन के अंदर से सरगोशी करती है उसी तरह तेरी धीमी धीमी आवाज़ ज़मीन में से निकलेगी।
Isai UrduGeoD 29:5  लेकिन अचानक तेरे मुतअद्दिद दुश्मन बारीक धूल की तरह उड़ जाएंगे, ज़ालिमों का ग़ोल हवा में भूसे की तरह तित्तर-बित्तर हो जाएगा। क्योंकि अचानक, एक ही लमहे में
Isai UrduGeoD 29:6  रब्बुल-अफ़वाज उन पर टूट पड़ेगा। वह बिजली की कड़कती आवाज़ें, ज़लज़ला, बड़ा शोर, तेज़ आँधी, तूफ़ान और भस्म करनेवाली आग के शोले अपने साथ लेकर शहर की मदद करने आएगा।
Isai UrduGeoD 29:7  तब अरियेल से लड़नेवाली तमाम क़ौमों के ग़ोल ख़ाब जैसे लगेंगे। जो यरूशलम पर हमला करके उसका मुहासरा कर रहे और उसे तंग कर रहे थे वह रात में रोया जैसे ग़ैरहक़ीक़ी लगेंगे।
Isai UrduGeoD 29:8  तुम्हारे दुश्मन उस भूके आदमी की मानिंद होंगे जो ख़ाब में देखता है कि मैं खाना खा रहा हूँ, लेकिन फिर जागकर जान लेता है कि मैं वैसे का वैसा भूका हूँ। तुम्हारे मुख़ालिफ़ उस प्यासे आदमी की मानिंद होंगे जो ख़ाब में देखता है कि मैं पानी पी रहा हूँ, लेकिन फिर जागकर जान लेता है कि मैं वैसे का वैसा निढाल और प्यासा हूँ। यही उन तमाम बैनुल-अक़वामी ग़ोलों का हाल होगा जो कोहे-सिय्यून से जंग करेंगे।
Isai UrduGeoD 29:9  हैरतज़दा होकर हक्का-बक्का रह जाओ! अंधे होकर नाबीना हो जाओ! मत्वाले हो जाओ, लेकिन मै से नहीं। लड़खड़ाते जाओ, लेकिन शराब से नहीं।
Isai UrduGeoD 29:10  क्योंकि रब ने तुम्हें गहरी नींद सुला दिया है, उसने तुम्हारी आँखों यानी नबियों को बंद किया और तुम्हारे सरों यानी रोया देखनेवालों पर परदा डाल दिया है।
Isai UrduGeoD 29:11  इसलिए जो भी कलाम नाज़िल हुआ है वह तुम्हारे लिए सर-बमुहर किताब ही है। अगर उसे किसी पढ़े-लिखे आदमी को दिया जाए ताकि पढ़े तो वह जवाब देगा, “यह पढ़ा नहीं जा सकता, क्योंकि इस पर मुहर है।”
Isai UrduGeoD 29:12  और अगर उसे किसी अनपढ़ आदमी को दिया जाए तो वह कहेगा, “मैं अनपढ़ हूँ।”
Isai UrduGeoD 29:13  रब फ़रमाता है, “यह क़ौम मेरे हुज़ूर आकर अपनी ज़बान और होंटों से तो मेरा एहतराम करती है, लेकिन उसका दिल मुझसे दूर है। उनकी ख़ुदातरसी सिर्फ़ इनसान ही के रटे-रटाए अहकाम पर मबनी है।
Isai UrduGeoD 29:14  इसलिए आइंदा भी मेरा इस क़ौम के साथ सुलूक हैरतअंगेज़ होगा। हाँ, मेरा सुलूक अजीबो-ग़रीब होगा। तब उसके दानिशमंदों की दानिश जाती रहेगी, और उसके समझदारों की समझ ग़ायब हो जाएगी।”
Isai UrduGeoD 29:15  उन पर अफ़सोस जो अपना मनसूबा ज़मीन की गहराइयों में दबाकर रब से छुपाने की कोशिश करते हैं, जो तारीकी में अपने काम करके कहते हैं, “कौन हमें देख लेगा, कौन हमें पहचान लेगा?”
Isai UrduGeoD 29:16  तुम्हारी कजरवी पर लानत! क्या कुम्हार को उसके गारे के बराबर समझा जाता है? क्या बनी हुई चीज़ बनानेवाले के बारे में कहती है, “उसने मुझे नहीं बनाया”? या क्या जिसको तश्कील दिया गया है वह तश्कील देनेवाले के बारे में कहता है, “वह कुछ नहीं समझता”? हरगिज़ नहीं!
Isai UrduGeoD 29:17  थोड़ी ही देर के बाद लुबनान का जंगल फलते-फूलते बाग़ में तबदील होगा जबकि फलता-फूलता बाग़ जंगल-सा लगेगा।
Isai UrduGeoD 29:18  उस दिन बहरे किताब की तिलावत सुनेंगे, और अंधों की आँखें अंधेरे और तारीकी में से निकलकर देख सकेंगी।
Isai UrduGeoD 29:19  एक बार फिर फ़रोतन रब की ख़ुशी मनाएँगे, और मुहताज इसराईल के क़ुद्दूस के बाइस शादियाना बजाएंगे।
Isai UrduGeoD 29:20  ज़ालिम का नामो-निशान नहीं रहेगा, तानाज़न ख़त्म हो जाएंगे, और दूसरों की ताक में बैठनेवाले सबके सब रूए-ज़मीन पर से मिट जाएंगे।
Isai UrduGeoD 29:21  यही उनका अंजाम होगा जो अदालत में दूसरों को क़ुसूरवार ठहराते, शहर के दरवाज़े में अदालत करनेवाले क़ाज़ी को फँसाने की कोशिश करते और झूटी गवाहियों से बेक़ुसूर का हक़ मारते हैं।
Isai UrduGeoD 29:22  चुनाँचे रब जिसने पहले इब्राहीम का भी फ़िद्या देकर उसे छुड़ाया था याक़ूब के घराने से फ़रमाता है, “अब से याक़ूब शरमिंदा नहीं होगा, अब से इसराईलियों का रंग फ़क़ नहीं पड़ जाएगा।
Isai UrduGeoD 29:23  जब वह अपने दरमियान अपने बच्चों को जो मेरे हाथों का काम हैं देखेंगे तो वह मेरे नाम को मुक़द्दस मानेंगे। वह याक़ूब के क़ुद्दूस को मुक़द्दस जानेंगे और इसराईल के ख़ुदा का ख़ौफ़ मानेंगे।
Isai UrduGeoD 29:24  उस वक़्त जिनकी रूह आवारा है वह समझ हासिल करेंगे, और बुड़बुड़ानेवाले तालीम क़बूल करेंगे।”
Chapter 30
Isai UrduGeoD 30:1  रब फ़रमाता है, “ऐ ज़िद्दी बच्चो, तुम पर अफ़सोस! क्योंकि तुम मेरे बग़ैर मनसूबे बाँधते और मेरे रूह के बग़ैर मुआहदे कर लेते हो। गुनाहों में इज़ाफ़ा करते करते
Isai UrduGeoD 30:2  तुमने मुझसे मशवरा लिए बग़ैर मिसर की तरफ़ रुजू किया ताकि फ़िरौन की आड़ में पनाह लो और मिसर के साय में हिफ़ाज़त पाओ।
Isai UrduGeoD 30:3  लेकिन ख़बरदार! फ़िरौन का तहफ़्फ़ुज़ तुम्हारे लिए शर्म का बाइस बनेगा, मिसर के साय में पनाह लेने से तुम्हारी रुसवाई हो जाएगी।
Isai UrduGeoD 30:4  क्योंकि गो उसके अफ़सर ज़ुअन में हैं और उसके एलची हनीस तक पहुँच गए हैं
Isai UrduGeoD 30:5  तो भी सब इस क़ौम से शरमिंदा हो जाएंगे, क्योंकि इसके साथ मुआहदा बेकार होगा। इससे न मदद और न फ़ायदा हासिल होगा बल्कि यह शर्म और ख़जालत का बाइस ही होगी।”
Isai UrduGeoD 30:6  दश्ते-नजब के जानवरों के बारे में रब का फ़रमान : यहूदाह के सफ़ीर एक तकलीफ़देह और परेशानकुन मुल्क में से गुज़र रहे हैं जिसमें शेरबबर, शेरनी, ज़हरीले और उड़नसाँप बसते हैं। उनके गधे और ऊँट यहूदाह की दौलत और ख़ज़ानों से लदे हुए हैं, और वह सब कुछ मिसर के पास पहुँचा रहे हैं, गो इस क़ौम का कोई फ़ायदा नहीं।
Isai UrduGeoD 30:7  मिसर की मदद फ़ज़ूल ही है! इसलिए मैंने मिसर का नाम ‘रहब अज़दहा जिसका मुँह बंद कर दिया गया है’ रखा है।
Isai UrduGeoD 30:8  अब दूसरों के पास जाकर सब कुछ तख़्ते पर लिख। उसे किताब की सूरत में क़लमबंद कर ताकि मेरे अलफ़ाज़ आनेवाले दिनों में हमेशा तक गवाही दें।
Isai UrduGeoD 30:9  क्योंकि यह क़ौम सरकश है, यह लोग धोकेबाज़ बच्चे हैं जो रब की हिदायात को मानने के लिए तैयार ही नहीं।
Isai UrduGeoD 30:10  ग़ैबबीनों को वह कहते हैं, “रोया से बाज़ आओ।” और रोया देखनेवालों को वह हुक्म देते हैं, “हमें सच्ची रोया मत बताना बल्कि हमारी ख़ुशामद करनेवाली बातें। फ़रेबदेह रोया देखकर हमारे आगे बयान करो!
Isai UrduGeoD 30:11  सहीह रास्ते से हट जाओ, सीधी राह को छोड़ दो। हमारे सामने इसराईल के क़ुद्दूस का ज़िक्र करने से बाज़ आओ!”
Isai UrduGeoD 30:12  जवाब में इसराईल का क़ुद्दूस फ़रमाता है, “तुमने यह कलाम रद्द करके ज़ुल्म और चालाकी पर भरोसा बल्कि पूरा एतमाद किया है।
Isai UrduGeoD 30:13  अब यह गुनाह तुम्हारे लिए उस ऊँची दीवार की मानिंद होगा जिसमें दराड़ें पड़ गई हैं। दराड़ें फैलती हैं और दीवार बैठी जाती है। फिर अचानक एक ही लमहे में वह धड़ाम से ज़मीनबोस हो जाती है।
Isai UrduGeoD 30:14  वह टुकड़े टुकड़े हो जाती है, बिलकुल मिट्टी के उस बरतन की तरह जो बेरहमी से चकनाचूर किया जाता है और जिसका एक टुकड़ा भी आग से कोयले उठाकर ले जाने या हौज़ से थोड़ा-बहुत पानी निकालने के क़ाबिल नहीं रह जाता।”
Isai UrduGeoD 30:15  रब क़ादिरे-मुतलक़ जो इसराईल का क़ुद्दूस है फ़रमाता है, “वापस आकर सुकून पाओ, तब ही तुम्हें नजात मिलेगी। ख़ामोश रहकर मुझ पर भरोसा रखो, तब ही तुम्हें तक़वियत मिलेगी। लेकिन तुम इसके लिए तैयार ही नहीं थे।
Isai UrduGeoD 30:16  चूँकि तुम जवाब में बोले, ‘हरगिज़ नहीं, हम अपने घोड़ों पर सवार होकर भागेंगे’ इसलिए तुम भाग जाओगे। चूँकि तुमने कहा, ‘हम तेज़ घोड़ों पर सवार होकर बच निकलेंगे’ इसलिए तुम्हारा ताक़्क़ुब करनेवाले कहीं ज़्यादा तेज़ होंगे।
Isai UrduGeoD 30:17  तुम्हारे हज़ार मर्द एक ही आदमी की धमकी पर भाग जाएंगे। और जब दुश्मन के पाँच अफ़राद तुम्हें धमकाएँगे तो तुम सबके सब फ़रार हो जाओगे। आख़िरकार जो बचेंगे वह पहाड़ की चोटी पर परचम के डंडे की तरह तनहा रह जाएंगे, पहाड़ी पर झंडे की तरह अकेले होंगे।”
Isai UrduGeoD 30:18  लेकिन रब तुम्हें मेहरबानी दिखाने के इंतज़ार में है, वह तुम पर रहम करने के लिए उठ खड़ा हुआ है। क्योंकि रब इनसाफ़ का ख़ुदा है। मुबारक हैं वह जो उसके इंतज़ार में रहते हैं।
Isai UrduGeoD 30:19  ऐ सिय्यून के बाशिंदो जो यरूशलम में रहते हो, आइंदा तुम नहीं रोओगे। जब तुम फ़रियाद करोगे तो वह ज़रूर तुम पर मेहरबानी करेगा। तुम्हारी सुनते ही वह जवाब देगा।
Isai UrduGeoD 30:20  गो माज़ी में रब ने तुम्हें तंगी की रोटी खिलाई और ज़ुल्म का पानी पिलाया, लेकिन अब तेरा उस्ताद छुपा नहीं रहेगा बल्कि तेरी अपनी ही आँखें उसे देखेंगी।
Isai UrduGeoD 30:21  अगर दाईं या बाईं तरफ़ मुड़ना है तो तुम्हें पीछे से हिदायत मिलेगी, “यही रास्ता सहीह है, इसी पर चलो!” तुम्हारे अपने कान यह सुनेंगे।
Isai UrduGeoD 30:22  उस वक़्त तुम चाँदी और सोने से सजे हुए अपने बुतों की बेहुरमती करोगे। तुम “उफ़, गंदी चीज़!” कहकर उन्हें नापाक कचरे की तरह बाहर फेंकोगे।
Isai UrduGeoD 30:23  बीज बोते वक़्त रब तेरे खेतों पर बारिश भेजकर बेहतरीन फ़सलें पकने देगा, ग़िज़ाइयतबख़्श ख़ुराक मुहैया करेगा। उस दिन तेरी भेड़-बकरियाँ और गाय-बैल वसी चरागाहों में चरेंगे।
Isai UrduGeoD 30:24  खेतीबाड़ी के लिए मुस्तामल बैलों और गधों को छाज और दोशाख़े के ज़रीए साफ़ की गई बेहतरीन ख़ुराक मिलेगी।
Isai UrduGeoD 30:25  उस दिन जब दुश्मन हलाक हो जाएगा और उसके बुर्ज गिर जाएंगे तो हर ऊँचे पहाड़ से नहरें और हर बुलंदी से नाले बहेंगे।
Isai UrduGeoD 30:26  चाँद सूरज की मानिंद चमकेगा जबकि सूरज की रौशनी सात गुना ज़्यादा तेज़ होगी। एक दिन की रौशनी सात आम दिनों की रौशनी के बराबर होगी। उस दिन रब अपनी क़ौम के ज़ख़मों पर मरहम-पट्टी करके उसे शफ़ा देगा।
Isai UrduGeoD 30:27  वह देखो, रब का नाम दूर-दराज़ इलाक़े से आ रहा है। वह ग़ैज़ो-ग़ज़ब से और बड़े रोब के साथ क़रीब पहुँच रहा है। उसके होंट क़हर से हिल रहे हैं, उस की ज़बान के आगे आगे सब कुछ राख हो रहा है।
Isai UrduGeoD 30:28  उसका दम किनारों से बाहर आनेवाली नदी है जो सब कुछ गले तक डुबो देती है। वह अक़वाम को हलाकत की छलनी में छान छानकर उनके मुँह में दहाना डालता है ताकि वह भटककर तबाहकुन राह पर आएँ।
Isai UrduGeoD 30:29  लेकिन तुम गीत गाओगे, ऐसे गीत जैसे मुक़द्दस ईद की रात गाए जाते हैं। इतनी रौनक़ होगी कि तुम्हारे दिल फूले न समाएँगे। तुम्हारी ख़ुशी उन ज़ायरीन की मानिंद होगी जो बाँसरी बजाते हुए रब के पहाड़ पर चढ़ते और इसराईल की चटान के हुज़ूर आते हैं।
Isai UrduGeoD 30:30  तब रब अपनी बारोब आवाज़ से लोगों पर अपनी क़ुदरत का इज़हार करेगा। उसका सख़्त ग़ज़ब और भस्म करनेवाली आग नाज़िल होगी, साथ साथ बारिश की तेज़ बौछाड़ और ओलों का तूफ़ान उन पर टूट पड़ेगा।
Isai UrduGeoD 30:31  रब की आवाज़ असूर को पाश पाश कर देगी, उस की लाठी उसे मारती रहेगी।
Isai UrduGeoD 30:32  और ज्यों-ज्यों रब सज़ा के लठ से असूर को ज़रब लगाएगा त्यों-त्यों दफ़ और सरोद बजेंगे। अपने ज़ोरावर बाज़ू से वह असूर से लड़ेगा।
Isai UrduGeoD 30:33  क्योंकि बड़ी देर से वह गढ़ा तैयार है जहाँ असूरी बादशाह की लाश को जलाना है। उसे गहरा और चौड़ा बनाया गया है, और उसमें लकड़ी का बड़ा ढेर है। रब का दम ही उसे गंधक की तरह जलाएगा।
Chapter 31
Isai UrduGeoD 31:1  उन पर अफ़सोस जो मदद के लिए मिसर जाते हैं। उनकी पूरी उम्मीद घोड़ों से है, और वह अपने मुतअद्दिद रथों और ताक़तवर घुड़सवारों पर एतमाद रखते हैं। अफ़सोस, न वह इसराईल के क़ुद्दूस की तरफ़ नज़र उठाते, न रब की मरज़ी दरियाफ़्त करते हैं।
Isai UrduGeoD 31:2  लेकिन अल्लाह भी दाना है। वह तुम पर आफ़त लाएगा और अपना फ़रमान मनसूख़ नहीं करेगा बल्कि शरीरों के घर और उनके मुआविनों के ख़िलाफ़ उठ खड़ा होगा।
Isai UrduGeoD 31:3  मिसरी तो ख़ुदा नहीं बल्कि इनसान हैं। और उनके घोड़े आलमे-अरवाह के नहीं बल्कि फ़ानी दुनिया के हैं। जहाँ भी रब अपना हाथ बढ़ाए वहाँ मदद करनेवाले मदद मिलनेवालों समेत ठोकर खाकर गिर जाते हैं, सब मिलकर हलाक हो जाते हैं।
Isai UrduGeoD 31:4  रब मुझसे हमकलाम हुआ, “सिय्यून पर उतरते वक़्त मैं उस जवान शेरबबर की तरह हूँगा जो बकरी मारकर उसके ऊपर खड़ा ग़ुर्राता है। गो मुतअद्दिद गल्लाबानों को उसे भगाने के लिए बुलाया जाए तो भी वह उनकी चीख़ों से दहशत नहीं खाता, न उनके शोर-शराबा से डरकर दबक जाता है। रब्बुल-अफ़वाज इसी तरह ही कोहे-सिय्यून पर उतरकर लड़ेगा।
Isai UrduGeoD 31:5  रब्बुल-अफ़वाज पर फैलाए हुए परिंदे की तरह यरूशलम को पनाह देगा, वह उसे महफ़ूज़ रखकर छुटकारा देगा, उसे सज़ा देने के बजाए रिहा करेगा।”
Isai UrduGeoD 31:6  ऐ इसराईलियो, जिससे तुम सरकश होकर इतने दूर हो गए हो उसके पास वापस आ जाओ।
Isai UrduGeoD 31:7  अब तक तुम अपने हाथों से बने हुए सोने-चाँदी के बुतों की पूजा करते हो, अब तक तुम इस गुनाह में मुलव्वस हो। लेकिन वह दिन आनेवाला है जब हर एक अपने बुतों को रद्द करेगा।
Isai UrduGeoD 31:8  “असूर तलवार की ज़द में आकर गिर जाएगा। लेकिन यह किसी मर्द की तलवार नहीं होगी। जो तलवार असूर को खा जाएगी वह फ़ानी इनसान की नहीं होगी। असूर तलवार के आगे आगे भागेगा, और उसके जवानों को बेगार में काम करना पड़ेगा।
Isai UrduGeoD 31:9  उस की चटान डर के मारे जाती रहेगी, उसके अफ़सर लशकरी झंडे को देखकर दहशत खाएँगे।” यह रब का फ़रमान है जिसकी आग सिय्यून में भड़कती और जिसका तनूर यरूशलम में तपता है।
Chapter 32
Isai UrduGeoD 32:1  एक बादशाह आनेवाला है जो इनसाफ़ से हुकूमत करेगा। उसके अफ़सर भी सदाक़त से हुक्मरानी करेंगे।
Isai UrduGeoD 32:2  हर एक आँधी और तूफ़ान से पनाह देगा, हर एक रेगिस्तान में नदियों की तरह तरो-ताज़ा करेगा, हर एक तपती धूप में बड़ी चटान का-सा साया देगा।
Isai UrduGeoD 32:3  तब देखनेवालों की आँखें अंधी नहीं रहेंगी, और सुननेवालों के कान ध्यान देंगे।
Isai UrduGeoD 32:4  जल्दबाज़ों के दिल समझदार हो जाएंगे, और हक्लों की ज़बान रवानी से साफ़ बात करेगी।
Isai UrduGeoD 32:5  उस वक़्त न अहमक़ शरीफ़ कहलाएगा, न बदमाश को मुमताज़ क़रार दिया जाएगा।
Isai UrduGeoD 32:6  क्योंकि अहमक़ हमाक़त बयान करता है, और उसका ज़हन शरीर मनसूबे बाँधता है। वह बेदीन हरकतें करके रब के बारे में कुफ़र बकता है। भूके को वह भूका छोड़ता और प्यासे को पानी पीने से रोकता है।
Isai UrduGeoD 32:7  बदमाश के तरीक़े-कार शरीर हैं। वह ज़रूरतमंद को झूट से तबाह करने के मनसूबे बाँधता रहता है, ख़ाह ग़रीब हक़ पर क्यों न हो।
Isai UrduGeoD 32:8  उसके मुक़ाबले में शरीफ़ आदमी शरीफ़ मनसूबे बाँधता और शरीफ़ काम करने में साबितक़दम रहता है।
Isai UrduGeoD 32:9  ऐ बेपरवा औरतो, उठकर मेरी बात सुनो! ऐ बेटियो जो अपने आपको महफ़ूज़ समझती हो, मेरे अलफ़ाज़ पर ध्यान दो!
Isai UrduGeoD 32:10  एक साल और चंद एक दिनों के बाद तुम जो अपने आपको महफ़ूज़ समझती हो काँप उठोगी। क्योंकि अंगूर की फ़सल ज़ाया हो जाएगी, और फल की फ़सल पकने नहीं पाएगी।
Isai UrduGeoD 32:11  ऐ बेपरवा औरतो, लरज़ उठो! ऐ बेटियो जो अपने आपको महफ़ूज़ समझती हो, थरथराओ! अपने अच्छे कपड़ों को उतारकर टाट के लिबास पहन लो।
Isai UrduGeoD 32:12  अपने सीनों को पीट पीटकर अपने ख़ुशगवार खेतों और अंगूर के फलदार बाग़ों पर मातम करो।
Isai UrduGeoD 32:13  मेरी क़ौम की ज़मीन पर आहो-ज़ारी करो, क्योंकि उस पर ख़ारदार झाड़ियाँ छा गई हैं। रंगरलियाँ मनानेवाले शहर के तमाम ख़ुशबाश घरों पर ग़म खाओ।
Isai UrduGeoD 32:14  महल वीरान होगा, रौनक़दार शहर सुनसान होगा। क़िला और बुर्ज हमेशा के लिए ग़ार बनेंगे जहाँ जंगली गधे अपने दिल बहलाएँगे और भेड़-बकरियाँ चरेंगी।
Isai UrduGeoD 32:15  जब तक अल्लाह अपना रूह हम पर नाज़िल न करे उस वक़्त तक हालात ऐसे ही रहेंगे। लेकिन फिर रेगिस्तान बाग़ में तबदील हो जाएगा, और बाग़ के फलदार दरख़्त जंगल जैसे घने हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 32:16  तब इनसाफ़ रेगिस्तान में बसेगा, और सदाक़त फलते-फूलते बाग़ में सुकूनत करेगी।
Isai UrduGeoD 32:17  इनसाफ़ का फल अमनो-अमान होगा, और सदाक़त का असर अबदी सुकून और हिफ़ाज़त होगी।
Isai UrduGeoD 32:18  मेरी क़ौम पुरसुकून और महफ़ूज़ आबादियों में बसेगी, उसके घर आरामदेह और पुरअमन होंगे।
Isai UrduGeoD 32:19  गो जंगल तबाह और शहर ज़मीनबोस क्यों न हो,
Isai UrduGeoD 32:20  लेकिन तुम मुबारक हो जो हर नदी के पास बीज बो सकोगे और आज़ादी से अपने गाय-बैलों और गधों को चरा सकोगे।
Chapter 33
Isai UrduGeoD 33:1  तुझ पर अफ़सोस, जो दूसरों को बरबाद करने के बावुजूद बरबाद नहीं हुआ। तुझ पर अफ़सोस, जो दूसरों से बेवफ़ा था, हालाँकि तेरे साथ बेवफ़ाई नहीं हुई। लेकिन तेरी बारी भी आएगी। बरबादी का काम तकमील तक पहुँचाने पर तू ख़ुद बरबाद हो जाएगा। बेवफ़ाई का काम तकमील तक पहुँचाने पर तेरे साथ भी बेवफ़ाई की जाएगी।
Isai UrduGeoD 33:2  ऐ रब, हम पर मेहरबानी कर! हम तुझसे उम्मीद रखते हैं। हर सुबह हमारी ताक़त बन, मुसीबत के वक़्त हमारी रिहाई का बाइस हो।
Isai UrduGeoD 33:3  तेरी गरजती आवाज़ सुनकर क़ौमें भाग जाती हैं, तेरे उठ खड़े होने पर वह चारों तरफ़ बिखर जाती हैं।
Isai UrduGeoD 33:4  ऐ क़ौमो, जो माल तुमने लूट लिया वह दूसरे छीन लेंगे। जिस तरह टिड्डियों के ग़ोल फ़सलों पर झपटकर सब कुछ चट कर जाते हैं उसी तरह दूसरे तुम्हारी पूरी मिलकियत पर टूट पड़ेंगे।
Isai UrduGeoD 33:5  रब सरफ़राज़ है और बुलंदियों पर सुकूनत करता है। वही सिय्यून को इनसाफ़ और सदाक़त से मालामाल करेगा।
Isai UrduGeoD 33:6  उन दिनों में वह तेरी हिफ़ाज़त की ज़मानत होगा। तुझे नजात, हिकमत और दानाई का ज़ख़ीरा हासिल होगा, और रब का ख़ौफ़ तेरा ख़ज़ाना होगा।
Isai UrduGeoD 33:7  सुनो, उनके सूरमे गलियों में चीख़ रहे हैं, अमन के सफ़ीर तलख़ आहें भर रहे हैं।
Isai UrduGeoD 33:8  सड़कें वीरानो-सुनसान हैं, और मुसाफ़िर उन पर नज़र ही नहीं आते। मुआहदे को तोड़ा गया है, लोगों ने उसके गवाहों को रद्द करके इनसान को हक़ीर जाना है।
Isai UrduGeoD 33:9  ज़मीन ख़ुश्क होकर मुरझा गई है, लुबनान कुमलाकर शरमिंदा हो गया है। शारून का मैदान बेशजर बयाबान-सा बन गया है, बसन और करमिल अपने पत्ते झाड़ रहे हैं।
Isai UrduGeoD 33:10  लेकिन रब फ़रमाता है, “अब मैं उठ खड़ा हूँगा, अब मैं सरफ़राज़ होकर अपनी क़ुव्वत का इज़हार करूँगा।
Isai UrduGeoD 33:11  तुम उम्मीद से हो, लेकिन पेट में सूखी घास ही है, और जन्म देते वक़्त भूसा ही पैदा होगा। जब तुम फूँक मारोगे तो तुम्हारा दम आग बनकर तुम्हीं को राख कर देगा।
Isai UrduGeoD 33:12  अक़वाम यों भस्म हो जाएँगी कि चूना ही रह जाएगा, वह ख़ारदार झाड़ियों की तरह कटकर जल जाएँगी।
Isai UrduGeoD 33:13  ऐ दूर-दराज़ इलाक़ों के बाशिंदो, वह कुछ सुनो जो मैंने किया है। ऐ क़रीब के बसनेवालो, मेरी क़ुदरत जान लो।”
Isai UrduGeoD 33:14  सिय्यून में गुनाहगार घबरा गए हैं, बेदीन परेशानी के आलम में थरथराते हुए चिल्ला रहे हैं, “हममें से कौन भस्म करनेवाली इस आग के सामने ज़िंदा रह सकता है? हममें से कौन हमेशा तक भड़कनेवाली इस अंगीठी के क़रीब क़ायम रह सकता है?”
Isai UrduGeoD 33:15  लेकिन वह शख़्स क़ायम रहेगा जो रास्त ज़िंदगी गुज़ारे और सच्चाई बोले, जो ग़ैरक़ानूनी नफ़ा और रिश्वत लेने से इनकार करे, जो क़ातिलाना साज़िशों और ग़लत काम से गुरेज़ करे।
Isai UrduGeoD 33:16  वही बुलंदियों पर बसेगा और पहाड़ के क़िले में महफ़ूज़ रहेगा। उसे रोटी मिलती रहेगी, और पानी की कभी कमी न होगी।
Isai UrduGeoD 33:17  तेरी आँखें बादशाह और उस की पूरी ख़ूबसूरती का मुशाहदा करेंगी, वह एक वसी और दूर दूर तक फैला हुआ मुल्क देखेंगी।
Isai UrduGeoD 33:18  तब तू गुज़रे हुए हौलनाक वक़्त पर ग़ौरो-ख़ौज़ करके पूछेगा, “दुश्मन के बड़े अफ़सर किधर हैं? टैक्स लेनेवाला कहाँ ग़ायब हुआ? वह अफ़सर किधर है जो बुर्जों का हिसाब-किताब करता था?”
Isai UrduGeoD 33:19  आइंदा तुझे यह गुस्ताख़ क़ौम नज़र नहीं आएगी, यह लोग जो नाक़ाबिले-फ़हम ज़बान बोलते और हकलाते हुए ऐसी बातें करते हैं जो समझ में नहीं आतीं।
Isai UrduGeoD 33:20  हमारी ईदों के शहर सिय्यून पर नज़र डाल! तेरी आँखें यरूशलम को देखेंगी। उस वक़्त वह महफ़ूज़ सुकूनतगाह होगा, एक ख़ैमा जो आइंदा कभी नहीं हटेगा, जिसकी मेख़ें कभी नहीं निकलेंगी, और जिसका एक रस्सा भी नहीं टूटेगा।
Isai UrduGeoD 33:21  वहाँ रब ही हमारा ज़ोरावर आक़ा होगा, और शहर दरियाओं का मक़ाम होगा, ऐसी चौड़ी नदियों का मक़ाम जिन पर न चप्पूवाली कश्ती, न शानदार जहाज़ चलेगा।
Isai UrduGeoD 33:22  क्योंकि रब ही हमारा क़ाज़ी, रब ही हमारा सरदार और रब ही हमारा बादशाह है। वही हमें छुटकारा देगा।
Isai UrduGeoD 33:23  दुश्मन का बेड़ा ग़रक़ होनेवाला है। बादबान के रस्से ढीले हैं, और न वह मस्तूल को मज़बूत रखने, न बादबान को फैलाए रखने में मदद देते हैं। उस वक़्त कसरत का लूटा हुआ माल बटेगा, बल्कि इतना माल होगा कि लँगड़े भी लूटने में शिरकत करेंगे।
Isai UrduGeoD 33:24  सिय्यून का कोई भी फ़रद नहीं कहेगा, “मैं कमज़ोर हूँ,” क्योंकि उसके बाशिंदों के गुनाह बख़्शे गए होंगे।
Chapter 34
Isai UrduGeoD 34:1  ऐ क़ौमो, क़रीब आकर सुन लो! ऐ उम्मतो, ध्यान दो! दुनिया और जो भी उसमें है कान लगाए, ज़मीन और जो कुछ उसमें से फूट निकला है तवज्जुह दे!
Isai UrduGeoD 34:2  क्योंकि रब को तमाम उम्मतों पर ग़ुस्सा आ गया है, और उसका ग़ज़ब उनके तमाम लशकरों पर नाज़िल हो रहा है। वह उन्हें मुकम्मल तौर पर तबाह करेगा, इन्हें सफ़्फ़ाक के हवाले करेगा।
Isai UrduGeoD 34:3  उनके मक़तूलों को बाहर फेंका जाएगा, और लाशों की बदबू चारों तरफ़ फैलेगी। पहाड़ उनके ख़ून से शराबोर होंगे।
Isai UrduGeoD 34:4  तमाम सितारे गल जाएंगे, और आसमान को तूमार की तरह लपेटा जाएगा। सितारों का पूरा लशकर अंगूर के मुरझाए हुए पत्तों की तरह झड़ जाएगा, वह अंजीर के दरख़्त की सूखी हरियाली की तरह गिर जाएगा।
Isai UrduGeoD 34:5  क्योंकि आसमान पर मेरी तलवार ख़ून पी पीकर मस्त हो गई है। देखो, अब वह अदोम पर नाज़िल हो रही है ताकि उस की अदालत करे, उस क़ौम की जिसकी मुकम्मल तबाही का फ़ैसला मैं कर चुका हूँ।
Isai UrduGeoD 34:6  रब की तलवार ख़ूनआलूदा हो गई है, और उससे चरबी टपकती है। भेड़-बकरियों का ख़ून और मेंढों के गुरदों की चरबी उस पर लगी है, क्योंकि रब बुसरा शहर में क़ुरबानी की ईद और मुल्के-अदोम में क़त्ले-आम का तहवार मनाएगा।
Isai UrduGeoD 34:7  उस वक़्त जंगली बैल उनके साथ गिर जाएंगे, और बछड़े ताक़तवर साँडों समेत ख़त्म हो जाएंगे। उनकी ज़मीन ख़ून से मस्त और ख़ाक चरबी से शराबोर होगी।
Isai UrduGeoD 34:8  क्योंकि वह दिन आ गया है जब रब बदला लेगा, वह साल जब वह अदोम से इसराईल का इंतक़ाम लेगा।
Isai UrduGeoD 34:9  अदोम की नदियों में तारकोल ही बहेगा, और गंधक ज़मीन को ढाँपेगी। मुल्क भड़कती हुई राल से भर जाएगा,
Isai UrduGeoD 34:10  जिसकी आग न दिन और न रात बुझेगी बल्कि हमेशा तक धुआँ छोड़ती रहेगी। मुल्क नसल-दर-नसल वीरानो-सुनसान रहेगा, यहाँ तक कि मुसाफ़िर भी हमेशा तक उसमें से गुज़रने से गुरेज़ करेंगे।
Isai UrduGeoD 34:11  दश्ती उल्लू और ख़ारपुश्त उस पर क़ब्ज़ा करेंगे, चिंघाड़नेवाले उल्लू और कौवे उसमें बसेरा करेंगे। क्योंकि रब फ़ीते और साहूल से अदोम का पूरा मुल्क नाप नापकर उजाड़ और वीरानी के हवाले करेगा।
Isai UrduGeoD 34:12  उसके शुरफ़ा का नामो-निशान तक नहीं रहेगा। कुछ नहीं रहेगा जो बादशाही कहलाए, मुल्क के तमाम रईस जाते रहेंगे।
Isai UrduGeoD 34:13  काँटेदार पौदे उसके महलों पर छा जाएंगे, ख़ुदरौ पौदे और ऊँटकटारे उसके क़िलाबंद शहरों में फैल जाएंगे। मुल्क गीदड़ और उक़ाबी उल्लू का घर बनेगा।
Isai UrduGeoD 34:14  वहाँ रेगिस्तान के जानवर जंगली कुत्तों से मिलेंगे, और बकरानुमा जिन एक दूसरे से मुलाक़ात करेंगे। लीलीत नामी आसेब भी उसमें ठहरेगा, वहाँ उसे भी आरामगाह मिलेगी।
Isai UrduGeoD 34:15  मादा साँप उसके साय में बिल बनाकर उसमें अपने अंडे देगी और उन्हें सेकर पालेगी। शिकारी परिंदे भी दो दो होकर वहाँ जमा होंगे।
Isai UrduGeoD 34:16  रब की किताब में पढ़कर इसकी तहक़ीक़ करो! अदोम में यह तमाम चीज़ें मिल जाएँगी। मुल्क एक से भी महरूम नहीं रहेगा बल्कि सब मिलकर उसमें पाई जाएँगी। क्योंकि रब ही के मुँह ने इसका हुक्म दिया है, और उसी का रूह इन्हें इकट्ठा करेगा।
Isai UrduGeoD 34:17  वही सारी ज़मीन की पैमाइश करेगा और फिर क़ुरा डालकर मज़कूरा जानदारों में तक़सीम करेगा। तब मुल्क अबद तक उनकी मिलकियत में आएगा, और वह नसल-दर-नसल उसमें आबाद होंगे।
Chapter 35
Isai UrduGeoD 35:1  रेगिस्तान और प्यासी ज़मीन बाग़ बाग़ होंगे, बयाबान ख़ुशी मनाकर खिल उठेगा। उसके फूल सोसन की तरह
Isai UrduGeoD 35:2  फूट निकलेंगे, और वह ज़ोर से शादियाना बजाकर ख़ुशी के नारे लगाएगा। उसे लुबनान की शान, करमिल और शारून का पूरा हुस्नो-जमाल दिया जाएगा। लोग रब का जलाल और हमारे ख़ुदा की शानो-शौकत देखेंगे।
Isai UrduGeoD 35:3  निढाल हाथों को तक़वियत दो, डाँवाँडोल घुटनों को मज़बूत करो!
Isai UrduGeoD 35:4  धड़कते हुए दिलों से कहो, “हौसला रखो, मत डरो। देखो, तुम्हारा ख़ुदा इंतक़ाम लेने के लिए आ रहा है। वह हर एक को जज़ा-ओ-सज़ा देकर तुम्हें बचाने के लिए आ रहा है।”
Isai UrduGeoD 35:5  तब अंधों की आँखों को और बहरों के कानों को खोला जाएगा।
Isai UrduGeoD 35:6  लँगड़े हिरन की-सी छलाँगें लगाएँगे, और गूँगे ख़ुशी के नारे लगाएँगे। रेगिस्तान में चश्मे फूट निकलेंगे, और बयाबान में से नदियाँ गुज़रेंगी।
Isai UrduGeoD 35:7  झुलसती हुई रेत की जगह जोहड़ बनेगा, और प्यासी ज़मीन की जगह पानी के सोते फूट निकलेंगे। जहाँ पहले गीदड़ आराम करते थे वहाँ हरी घास, सरकंडे और आबी नरसल की नशो-नुमा होगी।
Isai UrduGeoD 35:8  मुल्क में से शाहराह गुज़रेगी जो ‘शाहराहे-मुक़द्दस’ कहलाएगी। नापाक लोग उस पर सफ़र नहीं करेंगे, क्योंकि वह सहीह राह पर चलनेवालों के लिए मख़सूस है। अहमक़ उस पर भटकने नहीं पाएँगे।
Isai UrduGeoD 35:9  उस पर न शेरबबर होगा, न कोई और वहशी जानवर आएगा या पाया जाएगा। सिर्फ़ वह उस पर चलेंगे जिन्हें अल्लाह ने एवज़ाना देकर छुड़ा लिया है।
Isai UrduGeoD 35:10  जितनों को रब ने फ़िद्या देकर रिहा किया है वह वापस आएँगे और गीत गाते हुए सिय्यून में दाख़िल होंगे। उनके सर पर अबदी ख़ुशी का ताज होगा, और वह इतने मसरूर और शादमान होंगे कि मातम और गिर्याओ-ज़ारी उनके आगे आगे भाग जाएगी।
Chapter 36
Isai UrduGeoD 36:1  हिज़क़ियाह बादशाह की हुकूमत के 14वें साल में असूर के बादशाह सनहेरिब ने यहूदाह के तमाम क़िलाबंद शहरों पर धावा बोलकर उन पर क़ब्ज़ा कर लिया।
Isai UrduGeoD 36:2  फिर उसने अपने आला अफ़सर रबशाक़ी को बड़ी फ़ौज के साथ लकीस से यरूशलम को भेजा। यरूशलम पहुँचकर रबशाक़ी उस नाले के पास रुक गया जो पानी को ऊपरवाले तालाब तक पहुँचाता है (यह तालाब उस रास्ते पर है जो धोबियों के घाट तक ले जाता है)।
Isai UrduGeoD 36:3  यह देखकर महल का इंचार्ज इलियाक़ीम बिन ख़िलक़ियाह, मीरमुंशी शिबनाह और मुशीरे-ख़ास युआख़ बिन आसफ़ शहर से निकलकर उससे मिलने आए।
Isai UrduGeoD 36:4  रबशाक़ी ने उनके हाथ हिज़क़ियाह को पैग़ाम भेजा, “असूर के अज़ीम बादशाह फ़रमाते हैं, तुम्हारा भरोसा किस चीज़ पर है?
Isai UrduGeoD 36:5  तुम समझते हो कि ख़ाली बातें करना फ़ौजी हिकमते-अमली और ताक़त के बराबर है। यह कैसी बात है? तुम किस पर एतमाद कर रहे हो कि मुझसे सरकश हो गए हो?
Isai UrduGeoD 36:6  क्या तुम मिसर पर भरोसा करते हो? वह तो टूटा हुआ सरकंडा ही है। जो भी उस पर टेक लगाए उसका हाथ वह चीरकर ज़ख़मी कर देगा। यही कुछ उन सबके साथ हो जाएगा जो मिसर के बादशाह फ़िरौन पर भरोसा करें!
Isai UrduGeoD 36:7  शायद तुम कहो, ‘हम रब अपने ख़ुदा पर तवक्कुल करते हैं।’ लेकिन यह किस तरह हो सकता है? हिज़क़ियाह ने तो उस की बेहुरमती की है। क्योंकि उसने ऊँची जगहों के मंदिरों और क़ुरबानगाहों को ढाकर यहूदाह और यरूशलम से कहा है कि सिर्फ़ यरूशलम की क़ुरबानगाह के सामने परस्तिश करें।
Isai UrduGeoD 36:8  आओ, मेरे आक़ा असूर के बादशाह से सौदा करो। मैं तुम्हें 2,000 घोड़े दूँगा बशर्तेकि तुम उनके लिए सवार मुहैया कर सको। लेकिन अफ़सोस, तुम्हारे पास इतने घुड़सवार हैं ही नहीं!
Isai UrduGeoD 36:9  तुम मेरे आक़ा असूर के बादशाह के सबसे छोटे अफ़सर का भी मुक़ाबला नहीं कर सकते। लिहाज़ा मिसर के रथों पर भरोसा रखने का क्या फ़ायदा?
Isai UrduGeoD 36:10  शायद तुम समझते हो कि मैं रब की मरज़ी के बग़ैर ही इस मुल्क पर हमला करने आया हूँ ताकि सब कुछ बरबाद करूँ। लेकिन ऐसा हरगिज़ नहीं है! रब ने ख़ुद मुझे कहा कि इस मुल्क पर धावा बोलकर इसे तबाह कर दे।”
Isai UrduGeoD 36:11  यह सुनकर इलियाक़ीम, शिबनाह और युआख़ ने रबशाक़ी की तक़रीर में दख़ल देकर कहा, “बराहे-करम अरामी ज़बान में अपने ख़ादिमों के साथ गुफ़्तगू कीजिए, क्योंकि हम यह अच्छी तरह बोल लेते हैं। इबरानी ज़बान इस्तेमाल न करें, वरना शहर की फ़सील पर खड़े लोग आपकी बातें सुन लेंगे।”
Isai UrduGeoD 36:12  लेकिन रबशाक़ी ने जवाब दिया, “क्या तुम समझते हो कि मेरे मालिक ने यह पैग़ाम सिर्फ़ तुम्हें और तुम्हारे मालिक को भेजा है? हरगिज़ नहीं! वह चाहते हैं कि तमाम लोग यह बातें सुन लें। क्योंकि वह भी तुम्हारी तरह अपना फ़ुज़्ला खाने और अपना पेशाब पीने पर मजबूर हो जाएंगे।”
Isai UrduGeoD 36:13  फिर वह फ़सील की तरफ़ मुड़कर बुलंद आवाज़ से इबरानी ज़बान में अवाम से मुख़ातिब हुआ, “सुनो! शहनशाह, असूर के बादशाह के फ़रमान पर ध्यान दो!
Isai UrduGeoD 36:14  बादशाह फ़रमाते हैं कि हिज़क़ियाह तुम्हें धोका न दे। वह तुम्हें बचा नहीं सकता।
Isai UrduGeoD 36:15  बेशक वह तुम्हें तसल्ली दिलाने की कोशिश करके कहता है, ‘रब हमें ज़रूर छुटकारा देगा, यह शहर कभी भी असूरी बादशाह के क़ब्ज़े में नहीं आएगा।’ लेकिन इस क़िस्म की बातों से तसल्ली पाकर रब पर भरोसा मत करना।
Isai UrduGeoD 36:16  हिज़क़ियाह की बातें न मानो बल्कि असूर के बादशाह की। क्योंकि वह फ़रमाते हैं, मेरे साथ सुलह करो और शहर से निकलकर मेरे पास आ जाओ। फिर तुममें से हर एक अंगूर की अपनी बेल और अंजीर के अपने दरख़्त का फल खाएगा और अपने हौज़ का पानी पिएगा।
Isai UrduGeoD 36:17  फिर कुछ देर के बाद मैं तुम्हें एक ऐसे मुल्क में ले जाऊँगा जो तुम्हारे अपने मुल्क की मानिंद होगा। उसमें भी अनाज और नई मै, रोटी और अंगूर के बाग़ हैं।
Isai UrduGeoD 36:18  हिज़क़ियाह की मत सुनना। जब वह कहता है, ‘रब हमें बचाएगा’ तो वह तुम्हें धोका दे रहा है। क्या दीगर अक़वाम के देवता अपने मुल्कों को शाहे-असूर से बचाने के क़ाबिल रहे हैं?
Isai UrduGeoD 36:19  हमात और अरफ़ाद के देवता कहाँ रह गए हैं? सिफ़रवायम के देवता क्या कर सके? और क्या किसी देवता ने सामरिया को मेरी गिरिफ़्त से बचाया?
Isai UrduGeoD 36:20  नहीं, कोई भी देवता अपना मुल्क मुझसे बचा न सका। तो फिर रब यरूशलम को किस तरह मुझसे बचाएगा?”
Isai UrduGeoD 36:21  फ़सील पर खड़े लोग ख़ामोश रहे। उन्होंने कोई जवाब न दिया, क्योंकि बादशाह ने हुक्म दिया था कि जवाब में एक लफ़्ज़ भी न कहें।
Isai UrduGeoD 36:22  फिर महल का इंचार्ज इलियाक़ीम बिन ख़िलक़ियाह, मीरमुंशी शिबनाह और मुशीरे-ख़ास युआख़ बिन आसफ़ रंजिश के मारे अपने लिबास फाड़कर हिज़क़ियाह के पास वापस गए। दरबार में पहुँचकर उन्होंने बादशाह को सब कुछ कह सुनाया जो रबशाक़ी ने उन्हें कहा था।
Chapter 37
Isai UrduGeoD 37:1  यह बातें सुनकर हिज़क़ियाह ने अपने कपड़े फाड़े और टाट का मातमी लिबास पहनकर रब के घर में गया।
Isai UrduGeoD 37:2  साथ साथ उसने महल के इंचार्ज इलियाक़ीम, मीरमुंशी शिबनाह और इमामों के बुज़ुर्गों को आमूस के बेटे यसायाह नबी के पास भेजा। सब टाट के मातमी लिबास पहने हुए थे।
Isai UrduGeoD 37:3  नबी के पास पहुँचकर उन्होंने हिज़क़ियाह का पैग़ाम सुनाया, “आज हम बड़ी मुसीबत में हैं। सज़ा के इस दिन असूरियों ने हमारी सख़्त बेइज़्ज़ती की है। हमारा हाल दर्दे-ज़ह में मुब्तला उस औरत का-सा है जिसके पेट से बच्चा निकलने को है, लेकिन जो इसलिए नहीं निकल सकता कि माँ की ताक़त जाती रही है।
Isai UrduGeoD 37:4  लेकिन शायद रब आपके ख़ुदा ने रबशाक़ी की वह बातें सुनी हों जो उसके आक़ा असूर के बादशाह ने ज़िंदा ख़ुदा की तौहीन में भेजी हैं। हो सकता है रब आपका ख़ुदा उस की बातें सुनकर उसे सज़ा दे। बराहे-करम हमारे लिए जो अब तक बचे हुए हैं दुआ करें।”
Isai UrduGeoD 37:5  जब हिज़क़ियाह के अफ़सरों ने यसायाह को बादशाह का पैग़ाम पहुँचाया
Isai UrduGeoD 37:6  तो नबी ने जवाब दिया, “अपने आक़ा को बता देना कि रब फ़रमाता है, ‘उन धमकियों से ख़ौफ़ मत खा जो असूरी बादशाह के मुलाज़िमों ने मेरी इहानत करके दी हैं।
Isai UrduGeoD 37:7  देख, मैं उसका इरादा बदल दूँगा। वह अफ़वाह सुनकर इतना मुज़तरिब हो जाएगा कि अपने ही मुल्क को वापस चला जाएगा। वहाँ मैं उसे तलवार से मरवा दूँगा’।”
Isai UrduGeoD 37:8  रबशाक़ी यरूशलम को छोड़कर असूर के बादशाह के पास वापस चला गया जो उस वक़्त लकीस से रवाना होकर लिबना पर चढ़ाई कर रहा था।
Isai UrduGeoD 37:9  फिर सनहेरिब को इत्तला मिली, “एथोपिया का बादशाह तिरहाक़ा आपसे लड़ने आ रहा है।” तब उसने अपने क़ासिदों को दुबारा यरूशलम भेज दिया ताकि हिज़क़ियाह को पैग़ाम पहुँचाएँ,
Isai UrduGeoD 37:10  “जिस देवता पर तुम भरोसा रखते हो उससे फ़रेब न खाओ जब वह कहता है कि यरूशलम असूरी बादशाह के क़ब्ज़े में कभी नहीं आएगा।
Isai UrduGeoD 37:11  तुम तो सुन चुके हो कि असूर के बादशाहों ने जहाँ भी गए क्या कुछ किया है। हर मुल्क को उन्होंने मुकम्मल तौर पर तबाह कर दिया है। तो फिर तुम किस तरह बच जाओगे?
Isai UrduGeoD 37:12  क्या जौज़ान, हारान और रसफ़ के देवता उनकी हिफ़ाज़त कर पाए? क्या मुल्के-अदन में तिलस्सार के बाशिंदे बच सके? नहीं, कोई भी देवता उनकी मदद न कर सका जब मेरे बापदादा ने उन्हें तबाह किया।
Isai UrduGeoD 37:13  ध्यान दो, अब हमात, अरफ़ाद, सिफ़रवायम शहर, हेना और इव्वा के बादशाह कहाँ हैं?”
Isai UrduGeoD 37:14  ख़त मिलने पर हिज़क़ियाह ने उसे पढ़ लिया और फिर रब के घर के सहन में गया। ख़त को रब के सामने बिछाकर
Isai UrduGeoD 37:16  “ऐ रब्बुल-अफ़वाज इसराईल के ख़ुदा जो करूबी फ़रिश्तों के दरमियान तख़्तनशीन है, तू अकेला ही दुनिया के तमाम ममालिक का ख़ुदा है। तू ही ने आसमानो-ज़मीन को ख़लक़ किया है।
Isai UrduGeoD 37:17  ऐ रब, मेरी सुन! अपनी आँखें खोलकर देख! सनहेरिब की उन तमाम बातों पर ध्यान दे जो उसने इस मक़सद से हम तक पहुँचाई हैं कि ज़िंदा ख़ुदा की इहानत करे।
Isai UrduGeoD 37:18  ऐ रब, यह बात सच है कि असूरी बादशाहों ने इन तमाम क़ौमों को उनके मुल्कों समेत तबाह कर दिया है।
Isai UrduGeoD 37:19  वह तो उनके बुतों को आग में फेंककर भस्म कर सकते थे, क्योंकि वह ज़िंदा नहीं बल्कि सिर्फ़ इनसान के हाथों से बने हुए लकड़ी और पत्थर के बुत थे।
Isai UrduGeoD 37:20  ऐ रब हमारे ख़ुदा, अब मैं तुझसे इलतमास करता हूँ कि हमें असूरी बादशाह के हाथ से बचा ताकि दुनिया के तमाम ममालिक जान लें कि तू ऐ रब, वाहिद ख़ुदा है।”
Isai UrduGeoD 37:21  फिर यसायाह बिन आमूस ने हिज़क़ियाह को पैग़ाम भेजा, “रब इसराईल का ख़ुदा फ़रमाता है कि मैंने असूरी बादशाह सनहेरिब के बारे में तेरी दुआ सुनी है।
Isai UrduGeoD 37:22  अब रब का उसके ख़िलाफ़ फ़रमान सुन, कुँवारी सिय्यून बेटी तुझे हक़ीर जानती है, हाँ यरूशलम बेटी अपना सर हिला हिलाकर हिक़ारतआमेज़ नज़र से तेरे पीछे देखती है।
Isai UrduGeoD 37:23  क्या तू नहीं जानता कि किस को गालियाँ दीं और किसकी इहानत की है? क्या तुझे नहीं मालूम कि तूने किसके ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की है? जिसकी तरफ़ तू ग़ुरूर की नज़र से देख रहा है वह इसराईल का क़ुद्दूस है!
Isai UrduGeoD 37:24  अपने क़ासिदों के ज़रीए तूने रब की इहानत की है। तू डींगें मारकर कहता है, ‘मैं अपने बेशुमार रथों से पहाड़ों की चोटियों और लुबनान की इंतहा तक चढ़ गया हूँ। मैं देवदार के बड़े बड़े और जूनीपर के बेहतरीन दरख़्तों को काटकर लुबनान की दूरतरीन बुलंदियों तक, उसके सबसे घने जंगल तक पहुँच गया हूँ।
Isai UrduGeoD 37:25  मैंने ग़ैरमुल्कों में कुएँ खुदवाकर उनका पानी पी लिया है। मेरे तल्वों तले मिसर की तमाम नदियाँ ख़ुश्क हो गईं।’
Isai UrduGeoD 37:26  ऐ असूरी बादशाह, क्या तूने नहीं सुना कि बड़ी देर से मैंने यह सब कुछ मुक़र्रर किया? क़दीम ज़माने में ही मैंने इसका मनसूबा बाँध लिया, और अब मैं इसे वुजूद में लाया। मेरी मरज़ी थी कि तू क़िलाबंद शहरों को ख़ाक में मिलाकर पत्थर के ढेरों में बदल दे।
Isai UrduGeoD 37:27  इसी लिए उनके बाशिंदों की ताक़त जाती रही, वह घबराए और शरमिंदा हुए। वह घास की तरह कमज़ोर थे, छत पर उगनेवाली उस हरियाली की मानिंद जो थोड़ी देर के लिए फलती-फूलती तो है, लेकिन लू चलते वक़्त एकदम मुरझा जाती है।
Isai UrduGeoD 37:28  मैं तो तुझसे ख़ूब वाक़िफ़ हूँ। मुझे मालूम है कि तू कहाँ ठहरा हुआ है, और तेरा आना जाना मुझसे पोशीदा नहीं रहता। मुझे पता है कि तू मेरे ख़िलाफ़ कितने तैश में आ गया है।
Isai UrduGeoD 37:29  तेरा तैश और ग़ुरूर देखकर मैं तेरी नाक में नकेल और तेरे मुँह में लगाम डालकर तुझे उस रास्ते पर से वापस घसीट ले जाऊँगा जिस पर से तू यहाँ आ पहुँचा है।
Isai UrduGeoD 37:30  ऐ हिज़क़ियाह, मैं तुझे इस निशान से तसल्ली दिलाऊँगा कि इस साल और आनेवाले साल तुम वह कुछ खाओगे जो खेतों में ख़ुद बख़ुद उगेगा। लेकिन तीसरे साल तुम बीज बोकर फ़सलें काटोगे और अंगूर के बाग़ लगाकर उनका फल खाओगे।
Isai UrduGeoD 37:31  यहूदाह के बचे हुए बाशिंदे एक बार फिर जड़ पकड़कर फल लाएँगे।
Isai UrduGeoD 37:32  क्योंकि यरूशलम से क़ौम का बक़िया निकल आएगा, और कोहे-सिय्यून का बचा-खुचा हिस्सा दुबारा मुल्क में फैल जाएगा। रब्बुल-अफ़वाज की ग़ैरत यह कुछ सरंजाम देगी।
Isai UrduGeoD 37:33  जहाँ तक असूरी बादशाह का ताल्लुक़ है रब फ़रमाता है कि वह इस शहर में दाख़िल नहीं होगा। वह एक तीर तक उसमें नहीं चलाएगा। न वह ढाल लेकर उस पर हमला करेगा, न शहर की फ़सील के साथ मिट्टी का ढेर लगाएगा।
Isai UrduGeoD 37:34  जिस रास्ते से बादशाह यहाँ आया उसी रास्ते पर से वह अपने मुल्क वापस चला जाएगा। इस शहर में वह घुसने नहीं पाएगा। यह रब का फ़रमान है।
Isai UrduGeoD 37:35  क्योंकि मैं अपनी और अपने ख़ादिम दाऊद की ख़ातिर इस शहर का दिफ़ा करके उसे बचाऊँगा।”
Isai UrduGeoD 37:36  उसी रात रब का फ़रिश्ता निकल आया और असूरी लशकरगाह में से गुज़रकर 1,85,000 फ़ौजियों को मार डाला। जब लोग सुबह-सवेरे उठे तो चारों तरफ़ लाशें ही लाशें नज़र आईं।
Isai UrduGeoD 37:37  यह देखकर सनहेरिब अपने ख़ैमे उखाड़कर अपने मुल्क वापस चला गया। नीनवा शहर पहुँचकर वह वहाँ ठहर गया।
Isai UrduGeoD 37:38  एक दिन जब वह अपने देवता निसरूक के मंदिर में पूजा कर रहा था तो उसके बेटों अद्रम्मलिक और शराज़र ने उसे तलवार से क़त्ल कर दिया और फ़रार होकर मुल्के-अरारात में पनाह ली। फिर उसका बेटा असर्हद्दून तख़्तनशीन हुआ।
Chapter 38
Isai UrduGeoD 38:1  उन दिनों में हिज़क़ियाह इतना बीमार हुआ कि मरने की नौबत आ पहुँची। आमूस का बेटा यसायाह नबी उससे मिलने आया और कहा, “रब फ़रमाता है कि अपने घर का बंदोबस्त कर ले, क्योंकि तुझे मरना है। तू इस बीमारी से शफ़ा नहीं पाएगा।”
Isai UrduGeoD 38:2  यह सुनकर हिज़क़ियाह ने अपना मुँह दीवार की तरफ़ फेरकर दुआ की,
Isai UrduGeoD 38:3  “ऐ रब, याद कर कि मैं वफ़ादारी और ख़ुलूसदिली से तेरे सामने चलता रहा हूँ, कि मैं वह कुछ करता आया हूँ जो तुझे पसंद है।” फिर वह फूट फूटकर रोने लगा।
Isai UrduGeoD 38:4  तब यसायाह नबी को रब का कलाम मिला,
Isai UrduGeoD 38:5  “हिज़क़ियाह के पास जाकर उसे बता देना कि रब तेरे बाप दाऊद का ख़ुदा फ़रमाता है, ‘मैंने तेरी दुआ सुन ली और तेरे आँसू देखे हैं। मैं तेरी ज़िंदगी में 15 साल का इज़ाफ़ा करूँगा।
Isai UrduGeoD 38:6  साथ साथ मैं तुझे और इस शहर को असूर के बादशाह से बचा लूँगा। मैं ही इस शहर का दिफ़ा करूँगा’।”
Isai UrduGeoD 38:7  यह पैग़ाम हिज़क़ियाह को सुनाकर यसायाह ने मज़ीद कहा, “रब तुझे एक निशान देगा जिससे तू जान लेगा कि वह अपना वादा पूरा करेगा।
Isai UrduGeoD 38:8  मेरे कहने पर आख़ज़ की बनाई हुई धूपघड़ी का साया दस दर्जे पीछे जाएगा।” और ऐसा ही हुआ। साया दस दर्जे पीछे हट गया।
Isai UrduGeoD 38:9  यहूदाह के बादशाह हिज़क़ियाह ने शफ़ा पाने पर ज़ैल का गीत क़लमबंद किया,
Isai UrduGeoD 38:10  “मैं बोला, क्या मुझे ज़िंदगी के उरूज पर पाताल के दरवाज़ों में दाख़िल होना है? बाक़ीमाँदा साल मुझसे छीन लिए गए हैं।
Isai UrduGeoD 38:11  मैं बोला, आइंदा मैं रब को ज़िंदों के मुल्क में नहीं देखूँगा। अब से मैं पाताल के बाशिंदों के साथ रहकर इस दुनिया के लोगों पर नज़र नहीं डालूँगा।
Isai UrduGeoD 38:12  मेरे घर को गल्लाबानों के ख़ैमे की तरह उतारा गया है, वह मेरे ऊपर से छीन लिया गया है। मैंने अपनी ज़िंदगी को जूलाहे की तरह इख़्तिताम तक बुन लिया है। अब उसने मुझे काटकर ताँत के धागों से अलग कर दिया है। एक दिन के अंदर अंदर तूने मुझे ख़त्म किया।
Isai UrduGeoD 38:13  सुबह तक मैं चीख़कर फ़रियाद करता रहा, लेकिन उसने शेरबबर की तरह मेरी तमाम हड्डियाँ तोड़ दीं। एक दिन के अंदर अंदर तूने मुझे ख़त्म किया।
Isai UrduGeoD 38:14  मैं बेजान होकर अबाबील या बुलबुल की तरह चीं चीं करने लगा, ग़ूँ ग़ूँ करके कबूतर की-सी आहें भरने लगा। मेरी आँखें निढाल होकर आसमान की तरफ़ तकती रहीं। ऐ रब, मुझ पर ज़ुल्म हो रहा है। मेरी मदद के लिए आ!
Isai UrduGeoD 38:15  लेकिन मैं क्या कहूँ? उसने ख़ुद मुझसे हमकलाम होकर यह किया है। मैं तलख़ियों से मग़लूब होकर ज़िंदगी के आख़िर तक दबी हुई हालत में फिरूँगा।
Isai UrduGeoD 38:16  ऐ रब, इन्हीं चीज़ों के सबब से इनसान ज़िंदा रहता है, मेरी रूह की ज़िंदगी भी इन्हीं पर मबनी है। तू मुझे बहाल करके जीने देगा।
Isai UrduGeoD 38:17  यक़ीनन यह तलख़ तजरबा मेरी बरकत का बाइस बन गया। तेरी मुहब्बत ने मेरी जान को क़ब्र से महफ़ूज़ रखा, तूने मेरे तमाम गुनाहों को अपनी पीठ के पीछे फेंक दिया है।
Isai UrduGeoD 38:18  क्योंकि पाताल तेरी हम्दो-सना नहीं करता, और मौत तेरी सताइश में गीत नहीं गाती, ज़मीन की गहराइयों में उतरे हुए तेरी वफ़ादारी के इंतज़ार में नहीं रहते।
Isai UrduGeoD 38:19  नहीं, जो ज़िंदा है वही तेरी तारीफ़ करता, वही तेरी तमजीद करता है, जिस तरह मैं आज कर रहा हूँ। पुश्त-दर-पुश्त बाप अपने बच्चों को तेरी वफ़ादारी के बारे में बताते हैं।
Isai UrduGeoD 38:20  रब मुझे बचाने के लिए तैयार था। आओ, हम उम्र-भर रब के घर में तारदार साज़ बजाएँ।”
Isai UrduGeoD 38:21  यसायाह ने हिदायत दी थी, “अंजीर की टिक्की लाकर बादशाह के नासूर पर बाँध दो! तब उसे शफ़ा मिलेगी।”
Isai UrduGeoD 38:22  पहले हिज़क़ियाह ने पूछा था, “रब कौन-सा निशान देगा जिससे मुझे यक़ीन आए कि मैं दुबारा रब के घर की इबादत में शरीक हूँगा?”
Chapter 39
Isai UrduGeoD 39:1  थोड़ी देर के बाद बाबल के बादशाह मरूदक-बलदान बिन बलदान ने हिज़क़ियाह की बीमारी और शफ़ा की ख़बर सुनकर वफ़द के हाथ ख़त और तोह्फ़े भेजे।
Isai UrduGeoD 39:2  हिज़क़ियाह ने ख़ुशी से वफ़द का इस्तक़बाल करके उसे वह तमाम ख़ज़ाने दिखाए जो ज़ख़ीराख़ाने में महफ़ूज़ रखे गए थे यानी तमाम सोना-चाँदी, बलसान का तेल और बाक़ी क़ीमती तेल। उसने पूरा असलिहाख़ाना और बाक़ी सब कुछ भी दिखाया जो उसके ख़ज़ानों में था। पूरे महल और पूरे मुल्क में कोई ख़ास चीज़ न रही जो उसने उन्हें न दिखाई।
Isai UrduGeoD 39:3  तब यसायाह नबी हिज़क़ियाह बादशाह के पास आया और पूछा, “इन आदमियों ने क्या कहा? कहाँ से आए हैं?” हिज़क़ियाह ने जवाब दिया, “दूर-दराज़ मुल्क बाबल से मेरे पास आए हैं।”
Isai UrduGeoD 39:4  यसायाह बोला, “उन्होंने महल में क्या कुछ देखा?” हिज़क़ियाह ने कहा, “उन्होंने महल में सब कुछ देख लिया है। मेरे ख़ज़ानों में कोई चीज़ न रही जो मैंने उन्हें नहीं दिखाई।”
Isai UrduGeoD 39:5  तब यसायाह ने कहा, “रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान सुनें!
Isai UrduGeoD 39:6  एक दिन आनेवाला है कि तेरे महल का तमाम माल छीन लिया जाएगा। जितने भी ख़ज़ाने तू और तेरे बापदादा ने आज तक जमा किए हैं उन सबको दुश्मन बाबल ले जाएगा। रब फ़रमाता है कि एक भी चीज़ पीछे नहीं रहेगी।
Isai UrduGeoD 39:7  तेरे बेटों में से भी बाज़ छीन लिए जाएंगे, ऐसे जो अब तक पैदा नहीं हुए। तब वह ख़्वाजासरा बनकर शाहे-बाबल के महल में ख़िदमत करेंगे।”
Isai UrduGeoD 39:8  हिज़क़ियाह बोला, “रब का जो पैग़ाम आपने मुझे दिया है वह ठीक है।” क्योंकि उसने सोचा, “बड़ी बात यह है कि मेरे जीते-जी अमनो-अमान होगा।”
Chapter 40
Isai UrduGeoD 40:1  तुम्हारा रब फ़रमाता है, “तसल्ली दो, मेरी क़ौम को तसल्ली दो!
Isai UrduGeoD 40:2  नरमी से यरूशलम से बात करो, बुलंद आवाज़ से उसे बताओ कि तेरी ग़ुलामी के दिन पूरे हो गए हैं, तेरा क़ुसूर मुआफ़ हो गया है। क्योंकि तुझे रब के हाथ से तमाम गुनाहों की दुगनी सज़ा मिल गई है।”
Isai UrduGeoD 40:3  एक आवाज़ पुकार रही है, “रेगिस्तान में रब की राह तैयार करो! बयाबान में हमारे ख़ुदा का रास्ता सीधा बनाओ।
Isai UrduGeoD 40:4  लाज़िम है कि हर वादी भर दी जाए, ज़रूरी है कि हर पहाड़ और बुलंद जगह मैदान बन जाए। जो टेढ़ा है उसे सीधा किया जाए, जो नाहमवार है उसे हमवार किया जाए।
Isai UrduGeoD 40:5  तब अल्लाह का जलाल ज़ाहिर हो जाएगा, और तमाम इनसान मिलकर उसे देखेंगे। यह रब के अपने मुँह का फ़रमान है।”
Isai UrduGeoD 40:6  एक आवाज़ ने कहा, “ज़ोर से आवाज़ दे!” मैंने पूछा, “मैं क्या कहूँ?” “यह कि तमाम इनसान घास ही हैं, उनकी तमाम शानो-शौकत जंगली फूल की मानिंद है।
Isai UrduGeoD 40:7  जब रब का साँस उन पर से गुज़रे तो घास मुरझा जाती और फूल गिर जाता है, क्योंकि इनसान घास ही है।
Isai UrduGeoD 40:8  घास तो मुरझा जाती और फूल गिर जाता है, लेकिन हमारे ख़ुदा का कलाम अबद तक क़ायम रहता है।”
Isai UrduGeoD 40:9  ऐ सिय्यून, ऐ ख़ुशख़बरी के पैग़ंबर, बुलंदियों पर चढ़ जा! ऐ यरूशलम, ऐ ख़ुशख़बरी के पैग़ंबर, ज़ोर से आवाज़ दे! पुकारकर कह और ख़ौफ़ मत खा। यहूदाह के शहरों को बता, “वह देखो, तुम्हारा ख़ुदा!”
Isai UrduGeoD 40:10  देखो, रब क़ादिरे-मुतलक़ बड़ी क़ुदरत के साथ आ रहा है, वह बड़ी ताक़त के साथ हुकूमत करेगा। देखो, उसका अज्र उसके पास है, और उसका इनाम उसके आगे आगे चलता है।
Isai UrduGeoD 40:11  वह चरवाहे की तरह अपने गल्ले की गल्लाबानी करेगा। वह भेड़ के बच्चों को अपने बाज़ुओं में महफ़ूज़ रखकर सीने के साथ लगाए फिरेगा और उनकी माओं को बड़े ध्यान से अपने साथ ले चलेगा।
Isai UrduGeoD 40:12  किसने अपने हाथ से दुनिया का पानी नाप लिया है? किसने अपने हाथ से आसमान की पैमाइश की है? किसने ज़मीन की मिट्टी की मिक़दार मालूम की या तराज़ू से पहाड़ों का कुल वज़न मुतैयिन किया है?
Isai UrduGeoD 40:13  किसने रब के रूह की तहक़ीक़ कर पाई? क्या उसका कोई मुशीर है जो उसे तालीम दे?
Isai UrduGeoD 40:14  क्या उसे किसी से मशवरा लेने की ज़रूरत है ताकि उसे समझ आकर रास्त राह की तालीम मिल जाए? हरगिज़ नहीं! क्या किसी ने कभी उसे इल्मो-इरफ़ान या समझदार ज़िंदगी गुज़ारने का फ़न सिखाया है? हरगिज़ नहीं!
Isai UrduGeoD 40:15  यक़ीनन तमाम अक़वाम रब के नज़दीक बालटी के एक क़तरे या तराज़ू में गर्द की मानिंद हैं। जज़ीरों को वह रेत के ज़र्रों की तरह उठा लेता है।
Isai UrduGeoD 40:16  ख़ाह लुबनान के तमाम दरख़्त और जानवर रब के लिए क़ुरबान क्यों न होते तो भी मुनासिब क़ुरबानी के लिए काफ़ी न होते।
Isai UrduGeoD 40:17  उसके सामने तमाम अक़वाम कुछ भी नहीं हैं। उस की नज़र में वह हेच और नाचीज़ हैं।
Isai UrduGeoD 40:18  अल्लाह का मुवाज़ना किससे हो सकता है? उसका मुक़ाबला किस तस्वीर या मुजस्समे से हो सकता है?
Isai UrduGeoD 40:19  बुत तो यों बनता है कि पहले दस्तकार उसे ढाल देता है, फिर सुनार उस पर सोना चढ़ाकर उसे चाँदी की ज़ंजीरों से सजा देता है।
Isai UrduGeoD 40:20  जो ग़ुरबत के बाइस यह नहीं करवा सकता वह कम अज़ कम कोई ऐसी लकड़ी चुन लेता है जो गल-सड़ नहीं जाती। फिर वह किसी माहिर दस्तकार से बुत को यों बनवाता है कि वह अपनी जगह से न हिले।
Isai UrduGeoD 40:21  क्या तुमको मालूम नहीं? क्या तुमने बात नहीं सुनी? क्या तुम्हें इब्तिदा से सुनाया नहीं गया? क्या तुम्हें दुनिया के क़ियाम से लेकर आज तक समझ नहीं आई?
Isai UrduGeoD 40:22  रब रूए-ज़मीन के ऊपर बुलंदियों पर तख़्तनशीन है जहाँ से इनसान टिड्डियों जैसे लगते हैं। वह आसमान को परदे की तरह तानकर और हर तरफ़ खींचकर रहने के क़ाबिल ख़ैमा बना देता है।
Isai UrduGeoD 40:23  वह सरदारों को नाचीज़ और दुनिया के क़ाज़ियों को हेच बना देता है।
Isai UrduGeoD 40:24  वह नए पौदों की मानिंद हैं जिनकी पनीरी अभी अभी लगी है, बीज अभी अभी बोए गए हैं, पौदों ने अभी अभी जड़ पकड़ी है कि रब उन पर फूँक मारता है और वह मुरझा जाते हैं। तब आँधी उन्हें भूसे की तरह उड़ा ले जाती है।
Isai UrduGeoD 40:25  क़ुद्दूस ख़ुदा फ़रमाता है, “तुम मेरा मुवाज़ना किससे करना चाहते हो? कौन मेरे बराबर है?”
Isai UrduGeoD 40:26  अपनी नज़र उठाकर आसमान की तरफ़ देखो। किसने यह सब कुछ ख़लक़ किया? वह जो आसमानी लशकर की पूरी तादाद बाहर लाकर हर एक को नाम लेकर बुलाता है। उस की क़ुदरत और ज़बरदस्त ताक़त इतनी अज़ीम है कि एक भी दूर नहीं रहता।
Isai UrduGeoD 40:27  ऐ याक़ूब की क़ौम, तू क्यों कहती है कि मेरी राह रब की नज़र से छुपी रहती है? ऐ इसराईल, तू क्यों शिकायत करता है कि मेरा मामला मेरे ख़ुदा के इल्म में नहीं आता?
Isai UrduGeoD 40:28  क्या तुझे मालूम नहीं, क्या तूने नहीं सुना कि रब लाज़वाल ख़ुदा और दुनिया की इंतहा तक का ख़ालिक़ है? वह कभी नहीं थकता, कभी निढाल नहीं होता। कोई भी उस की समझ की गहराइयों तक नहीं पहुँच सकता।
Isai UrduGeoD 40:29  वह थकेमाँदों को ताज़गी और बेबसों को तक़वियत देता है।
Isai UrduGeoD 40:30  गो नौजवान थककर निढाल हो जाएँ और जवान आदमी ठोकर खाकर गिर जाएँ,
Isai UrduGeoD 40:31  लेकिन रब से उम्मीद रखनेवाले नई ताक़त पाएँगे और उक़ाब के-से पर फैलाकर बुलंदियों तक उड़ेंगे। न वह दौड़ते हुए थकेंगे, न चलते हुए निढाल हो जाएंगे।
Chapter 41
Isai UrduGeoD 41:1  “ऐ जज़ीरो, ख़ामोश रहकर मेरी बात सुनो! अक़वाम अज़ सरे-नौ तक़वियत पाएँ और मेरे हुज़ूर आएँ, फिर बात करें। आओ, हम एक दूसरे से मिलकर अदालत में हाज़िर हो जाएँ!
Isai UrduGeoD 41:2  कौन उस आदमी को जगाकर मशरिक़ से लाया है जिसके दामन में इनसाफ़ है? कौन दीगर क़ौमों को इस शख़्स के हवाले करके बादशाहों को ख़ाक में मिलाता है? उस की तलवार से वह गर्द हो जाते हैं, उस की कमान से लोग हवा में भूसे की तरह उड़कर बिखर जाते हैं।
Isai UrduGeoD 41:3  वह उनका ताक़्क़ुब करके सहीह-सलामत आगे निकलता है, भागते हुए उसके पाँव रास्ते को नहीं छूते।
Isai UrduGeoD 41:4  किसने यह सब कुछ किया, किसने यह अंजाम दिया? उसी ने जो इब्तिदा ही से नसलों को बुलाता आया है। मैं, रब अव्वल हूँ, और आख़िर में आनेवालों के साथ भी मैं वही हूँ।”
Isai UrduGeoD 41:5  जज़ीरे यह देखकर डर गए, दुनिया के दूर-दराज़ इलाक़े काँप उठे हैं। वह क़रीब आते हुए
Isai UrduGeoD 41:6  एक दूसरे को सहारा देकर कहते हैं, “हौसला रख!”
Isai UrduGeoD 41:7  दस्तकार सुनार की हौसलाअफ़्ज़ाई करता है, और जो बुत की नाहमवारियों को हथौड़े से ठीक करता है वह अहरन पर काम करनेवाले की हिम्मत बढ़ाता और टाँके का मुआयना करके कहता है, “अब ठीक है!” फिर मिलकर बुत को कीलों से मज़बूत करते हैं ताकि हिले न।
Isai UrduGeoD 41:8  “लेकिन तू मेरे ख़ादिम इसराईल, तू फ़रक़ है। ऐ याक़ूब की क़ौम, मैंने तुझे चुन लिया, और तू मेरे दोस्त इब्राहीम की औलाद है।
Isai UrduGeoD 41:9  मैं तुझे पकड़कर दुनिया की इंतहा से लाया, उसके दूर-दराज़ कोनों से बुलाया। मैंने फ़रमाया, ‘तू मेरा ख़ादिम है।’ मैंने तुझे रद्द नहीं किया बल्कि तुझे चुन लिया है।
Isai UrduGeoD 41:10  चुनाँचे मत डर, क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ। दहशत मत खा, क्योंकि मैं तेरा ख़ुदा हूँ। मैं तुझे मज़बूत करता, तेरी मदद करता, तुझे अपने दहने हाथ के इनसाफ़ से क़ायम रखता हूँ।
Isai UrduGeoD 41:11  देख, जितने भी तेरे ख़िलाफ़ तैश में आ गए हैं वह सब शरमिंदा हो जाएंगे, उनका मुँह काला हो जाएगा। तुझसे झगड़नेवाले हेच ही साबित होकर हलाक हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 41:12  तब तू अपने मुख़ालिफ़ों का पता करेगा लेकिन उनका नामो-निशान तक नहीं मिलेगा। तुझसे लड़नेवाले ख़त्म ही होंगे, ऐसा ही लगेगा कि वह कभी थे नहीं।
Isai UrduGeoD 41:13  क्योंकि मैं रब तेरा ख़ुदा हूँ। मैं तेरे दहने हाथ को पकड़कर तुझे बताता हूँ, ‘मत डरना, मैं ही तेरी मदद करता हूँ।’
Isai UrduGeoD 41:14  ऐ कीड़े याक़ूब मत डर, ऐ छोटी क़ौम इसराईल ख़ौफ़ मत खा। क्योंकि मैं ही तेरी मदद करूँगा, और जो एवज़ाना देकर तुझे छुड़ा रहा है वह इसराईल का क़ुद्दूस है।” यह है रब का फ़रमान।
Isai UrduGeoD 41:15  “मेरे हाथ से तू गाहने का नया और मुतअद्दिद तेज़ नोकें रखनेवाला आला बनेगा। तब तू पहाड़ों को गाहकर रेज़ा रेज़ा कर देगा, और पहाड़ियाँ भूसे की मानिंद हो जाएँगी।
Isai UrduGeoD 41:16  तू उन्हें उछाल उछालकर उड़ाएगा तो हवा उन्हें ले जाएगी, आँधी उन्हें दूर तक बिखेर देगी। लेकिन तू रब की ख़ुशी मनाएगा और इसराईल के क़ुद्दूस पर फ़ख़र करेगा।
Isai UrduGeoD 41:17  ग़रीब और ज़रूरतमंद पानी की तलाश में हैं, लेकिन बेफ़ायदा, उनकी ज़बानें प्यास के मारे ख़ुश्क हो गई हैं। लेकिन मैं, रब उनकी सुनूँगा, मैं जो इसराईल का ख़ुदा हूँ उन्हें तर्क नहीं करूँगा।
Isai UrduGeoD 41:18  मैं बंजर बुलंदियों पर नदियाँ जारी करूँगा और वादियों में चश्मे फूटने दूँगा। मैं रेगिस्तान को जोहड़ में और सूखी सूखी ज़मीन को पानी के सोतों में बदल दूँगा।
Isai UrduGeoD 41:19  मेरे हाथ से रेगिस्तान में देवदार, कीकर, मेहँदी और ज़ैतून के दरख़्त लगेंगे, बयाबान में जूनीपर, सनोबर और सरो के दरख़्त मिलकर उगेंगे।
Isai UrduGeoD 41:20  मैं यह इसलिए करूँगा कि लोग ध्यान देकर जान लें कि रब के हाथ ने यह सब कुछ किया है, कि इसराईल के क़ुद्दूस ने यह पैदा किया है।”
Isai UrduGeoD 41:21  रब जो याक़ूब का बादशाह है फ़रमाता है, “आओ, अदालत में अपना मामला पेश करो, अपने दलायल बयान करो।
Isai UrduGeoD 41:22  आओ, अपने बुतों को ले आओ ताकि वह हमें बताएँ कि क्या क्या पेश आना है। माज़ी में क्या क्या हुआ? बताओ, ताकि हम ध्यान दें। या हमें मुस्तक़बिल की बातें सुनाओ,
Isai UrduGeoD 41:23  वह कुछ जो आनेवाले दिनों में होगा, ताकि हमें मालूम हो जाए कि तुम देवता हो। कम अज़ कम कुछ न कुछ करो, ख़ाह अच्छा हो या बुरा, ताकि हम घबराकर डर जाएँ।
Isai UrduGeoD 41:24  तुम तो कुछ भी नहीं हो, और तुम्हारा काम भी बेकार है। जो तुम्हें चुन लेता है वह क़ाबिले-घिन है।
Isai UrduGeoD 41:25  अब मैंने शिमाल से एक आदमी को जगा दिया है, और वह मेरा नाम लेकर मशरिक़ से आ रहा है। यह शख़्स हुक्मरानों को मिट्टी की तरह कुचल देता है, उन्हें गारे को नरम करनेवाले कुम्हार की तरह रौंद देता है।
Isai UrduGeoD 41:26  किसने इब्तिदा से इसका एलान किया ताकि हमें इल्म हो? किसने पहले से इसकी पेशगोई की ताकि हम कहें, ‘उसने बिलकुल सहीह कहा है’? कोई नहीं था जिसने पहले से इसका एलान करके इसकी पेशगोई की। कोई नहीं था जिसने तुम्हारे मुँह से इसके बारे में एक लफ़्ज़ भी सुना।
Isai UrduGeoD 41:27  किसने सिय्यून को पहले बता दिया, ‘वह देखो, तेरा सहारा आने को है!’ मैं ही ने यह फ़रमाया, मैं ही ने यरूशलम को ख़ुशख़बरी का पैग़ंबर अता किया।
Isai UrduGeoD 41:28  लेकिन जब मैं अपने इर्दगिर्द देखता हूँ तो कोई नहीं है जो मुझे मशवरा दे, कोई नहीं जो मेरे सवाल का जवाब दे।
Isai UrduGeoD 41:29  देखो, यह सब धोका ही धोका हैं। उनके काम हेच और उनके ढाले हुए मुजस्समे ख़ाली हवा ही हैं।
Chapter 42
Isai UrduGeoD 42:1  देखो, मेरा ख़ादिम जिसे मैं क़ायम रखता हूँ, मेरा बरगुज़ीदा जो मुझे पसंद है। मैं अपने रूह को उस पर डालूँगा, और वह अक़वाम में इनसाफ़ क़ायम करेगा।
Isai UrduGeoD 42:2  वह न तो चीख़ेगा, न चिल्लाएगा, गलियों में उस की आवाज़ सुनाई नहीं देगी।
Isai UrduGeoD 42:3  न वह कुचले हुए सरकंडे को तोड़ेगा, न बुझती हुई बत्ती को बुझाएगा। वफ़ादारी से वह इनसाफ़ क़ायम करेगा।
Isai UrduGeoD 42:4  और जब तक उसने दुनिया में इनसाफ़ क़ायम न कर लिया हो तब तक न उस की बत्ती बुझेगी, न उसे कुचला जाएगा। जज़ीरे उस की हिदायत से उम्मीद रखेंगे।”
Isai UrduGeoD 42:5  रब ख़ुदा ने आसमान को ख़लक़ करके ख़ैमे की तरह ज़मीन के ऊपर तान लिया। उसी ने ज़मीन को और जो कुछ उसमें से फूट निकलता है तश्कील दिया, और उसी ने रूए-ज़मीन पर बसने और चलनेवालों में दम फूँककर जान डाली। अब यही ख़ुदा अपने ख़ादिम से फ़रमाता है,
Isai UrduGeoD 42:6  “मैं, रब ने इनसाफ़ से तुझे बुलाया है। मैं तेरे हाथ को पकड़कर तुझे महफ़ूज़ रखूँगा। क्योंकि मैं तुझे क़ौम का अहद और दीगर अक़वाम की रौशनी बना दूँगा
Isai UrduGeoD 42:7  ताकि तू अंधों की आँखें खोले, क़ैदियों को कोठड़ी से रिहा करे और तारीकी की क़ैद में बसनेवालों को छुटकारा दे।
Isai UrduGeoD 42:8  मैं रब हूँ, यही मेरा नाम है! मैं बरदाश्त नहीं करूँगा कि जो जलाल मुझे मिलना है वह किसी और को दे दिया जाए, कि लोग बुतों की तमजीद करें जबकि उन्हें मेरी तमजीद करनी चाहिए।
Isai UrduGeoD 42:9  देखो, जिसकी भी पेशगोई मैंने की थी वह वुक़ू में आया है। अब मैं नई बातों का एलान करता हूँ। इससे पहले कि वह वुजूद में आएँ मैं उन्हें तुम्हें सुना देता हूँ।”
Isai UrduGeoD 42:10  रब की तमजीद में गीत गाओ, दुनिया की इंतहा तक उस की मद्हसराई करो! ऐ समुंदर के मुसाफ़िरो और जो कुछ उसमें है, उस की सताइश करो! ऐ जज़ीरो, अपने बाशिंदों समेत उस की तारीफ़ करो!
Isai UrduGeoD 42:11  बयाबान और उसके क़सबे ख़ुशी के नारे लगाएँ, जिन आबादियों में क़ीदार बसता है वह शादमान हों। सिला के बाशिंदे बाग़ बाग़ होकर पहाड़ों की चोटियों पर ज़ोर से शादियाना बजाएँ।
Isai UrduGeoD 42:12  सब रब को जलाल दें और जज़ीरों तक उस की तारीफ़ फैलाएँ।
Isai UrduGeoD 42:13  रब सूरमे की तरह लड़ने के लिए निकलेगा, फ़ौजी की तरह जोश में आएगा और जंग के नारे लगा लगाकर अपने दुश्मनों पर ग़ालिब आएगा।
Isai UrduGeoD 42:14  वह फ़रमाता है, “मैं बड़ी देर से ख़ामोश रहा हूँ। मैं चुप रहा और अपने आपको रोकता रहा। लेकिन अब मैं दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत की तरह कराहता हूँ। मेरा साँस फूल जाता और मैं बेताबी से हाँपता रहता हूँ।
Isai UrduGeoD 42:15  मैं पहाड़ों और पहाड़ियों को तबाह करके उनकी तमाम हरियाली झुलसा दूँगा। दरिया ख़ुश्क ज़मीन बन जाएंगे, और जोहड़ सूख जाएंगे।
Isai UrduGeoD 42:16  मैं अंधों को ऐसी राहों पर ले चलूँगा जिनसे वह वाक़िफ़ नहीं होंगे, ग़ैरमानूस रास्तों पर उनकी राहनुमाई करूँगा। उनके आगे मैं अंधेरे को रौशन और नाहमवार ज़मीन को हमवार करूँगा। यह सब कुछ मैं सरंजाम दूँगा, एक बात भी अधूरी नहीं रह जाएगी।
Isai UrduGeoD 42:17  लेकिन जो बुतों पर भरोसा रखकर उनसे कहते हैं, ‘तुम हमारे देवता हो’ वह सख़्त शर्म खाकर पीछे हट जाएंगे।
Isai UrduGeoD 42:18  ऐ बहरो, सुनो! ऐ अंधो, नज़र उठाओ ताकि देख सको!
Isai UrduGeoD 42:19  कौन मेरे ख़ादिम जैसा अंधा है? कौन मेरे पैग़ंबर जैसा बहरा है, उस जैसा जिसे मैं भेज रहा हूँ? गो मैंने उसके साथ अहद बाँधा तो भी रब के ख़ादिम जैसा अंधा और नाबीना कोई नहीं है।
Isai UrduGeoD 42:20  गो तूने बहुत कुछ देखा है तूने तवज्जुह नहीं दी, गो तेरे कान हर बात सुन लेते हैं तू सुनता नहीं।”
Isai UrduGeoD 42:21  रब ने अपनी रास्ती की ख़ातिर अपनी शरीअत की अज़मत और जलाल को बढ़ाया है, क्योंकि यह उस की मरज़ी थी।
Isai UrduGeoD 42:22  लेकिन अब उस की क़ौम को ग़ारत किया गया, सब कुछ लूट लिया गया है। सबके सब गढ़ों में जकड़े या जेलों में छुपाए हुए हैं। वह लूट का माल बन गए हैं, और कोई नहीं है जो उन्हें बचाए। उन्हें छीन लिया गया है, और कोई नहीं है जो कहे, “उन्हें वापस करो!”
Isai UrduGeoD 42:23  काश तुममें से कोई ध्यान दे, कोई आइंदा के लिए तवज्जुह दे।
Isai UrduGeoD 42:24  सोच लो! किसने इजाज़त दी कि याक़ूब की औलाद को ग़ारत किया जाए? किसने इसराईल को लुटेरों के हवाले कर दिया? क्या यह रब की तरफ़ से नहीं हुआ, जिसके ख़िलाफ़ हमने गुनाह किया है? लोग तो उस की राहों पर चलना ही नहीं चाहते थे, वह उस की शरीअत के ताबे रहने के लिए तैयार ही न थे।
Isai UrduGeoD 42:25  इसी वजह से उसने उन पर अपना सख़्त ग़ज़ब नाज़िल किया, उन्हें शदीद जंग की ज़द में आने दिया। लेकिन अफ़सोस, गो आग ने क़ौम को घेरकर झुलसा दिया ताहम उसे समझ नहीं आई, गो वह भस्म हुई तो भी उसने दिल से सबक़ नहीं सीखा।
Chapter 43
Isai UrduGeoD 43:1  लेकिन अब रब जिसने तुझे ऐ याक़ूब ख़लक़ किया और तुझे ऐ इसराईल तश्कील दिया फ़रमाता है, “ख़ौफ़ मत खा, क्योंकि मैंने एवज़ाना देकर तुझे छुड़ाया है, मैंने तेरा नाम लेकर तुझे बुलाया है, तू मेरा ही है।
Isai UrduGeoD 43:2  पानी की गहराइयों में से गुज़रते वक़्त मैं तेरे साथ हूँगा, दरियाओं को पार करते वक़्त तू नहीं डूबेगा। आग में से गुज़रते वक़्त न तू झुलस जाएगा, न शोलों से भस्म हो जाएगा।
Isai UrduGeoD 43:3  क्योंकि मैं रब तेरा ख़ुदा हूँ, मैं इसराईल का क़ुद्दूस और तेरा नजातदहिंदा हूँ। तुझे छुड़ाने के लिए मैं एवज़ाना के तौर पर मिसर देता, तेरी जगह एथोपिया और सिबा अदा करता हूँ।
Isai UrduGeoD 43:4  तू मेरी नज़र में क़ीमती और अज़ीज़ है, तू मुझे प्यारा है, इसलिए मैं तेरे बदले में लोग और तेरी जान के एवज़ क़ौमें अदा करता हूँ।
Isai UrduGeoD 43:5  चुनाँचे मत डरना, क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ। मैं तेरी औलाद को मशरिक़ और मग़रिब से जमा करके वापस लाऊँगा।
Isai UrduGeoD 43:6  शिमाल को मैं हुक्म दूँगा, ‘मुझे दो!’ और जुनूब को, ‘उन्हें मत रोकना!’ मेरे बेटे-बेटियों को दुनिया की इंतहा से वापस ले आओ,
Isai UrduGeoD 43:7  उन सबको जो मेरा नाम रखते हैं और जिन्हें मैंने अपने जलाल की ख़ातिर ख़लक़ किया, जिन्हें मैंने तश्कील देकर बनाया है।”
Isai UrduGeoD 43:8  उस क़ौम को निकाल लाओ जो आँखें रखने के बावुजूद देख नहीं सकती, जो कान रखने के बावुजूद सुन नहीं सकती।
Isai UrduGeoD 43:9  तमाम ग़ैरक़ौमें जमा हो जाएँ, तमाम उम्मतें इकट्ठी हो जाएँ। उनमें से कौन इसकी पेशगोई कर सकता, कौन माज़ी की बातें सुना सकता है? वह अपने गवाहों को पेश करें जो उन्हें दुरुस्त साबित करें, ताकि लोग सुनकर कहें, “उनकी बात बिलकुल सहीह है।”
Isai UrduGeoD 43:10  लेकिन रब फ़रमाता है, “ऐ इसराईली क़ौम, तुम ही मेरे गवाह हो, तुम ही मेरे ख़ादिम हो जिसे मैंने चुन लिया ताकि तुम जान लो, मुझ पर ईमान लाओ और पहचान लो कि मैं ही हूँ। न मुझसे पहले कोई ख़ुदा वुजूद में आया, न मेरे बाद कोई आएगा।
Isai UrduGeoD 43:11  मैं, सिर्फ़ मैं रब हूँ, और मेरे सिवा कोई और नजातदहिंदा नहीं है।
Isai UrduGeoD 43:12  मैं ही ने इसका एलान करके तुम्हें छुटकारा दिया, मैं ही तुम्हें अपना कलाम पहुँचाता रहा। और यह तुम्हारे दरमियान के किसी अजनबी माबूद से कभी नहीं हुआ बल्कि सिर्फ़ मुझी से। तुम ही मेरे गवाह हो कि मैं ही ख़ुदा हूँ।” यह रब का फ़रमान है।
Isai UrduGeoD 43:13  “अज़ल से मैं वही हूँ। कोई नहीं है जो मेरे हाथ से छुड़ा सके। जब मैं कुछ अमल में लाता हूँ तो कौन इसे बदल सकता है?”
Isai UrduGeoD 43:14  रब जो तुम्हारा छुड़ानेवाला और इसराईल का क़ुद्दूस है फ़रमाता है, “तुम्हारी ख़ातिर मैं बाबल के ख़िलाफ़ फ़ौज भेजकर तमाम कुंडे तुड़वा दूँगा। तब बाबल की शादमानी गिर्याओ-ज़ारी में बदल जाएगी।
Isai UrduGeoD 43:15  मैं रब हूँ, तुम्हारा क़ुद्दूस जो इसराईल का ख़ालिक़ और तुम्हारा बादशाह है।”
Isai UrduGeoD 43:16  रब फ़रमाता है, “मैं ही ने समुंदर में से गुज़रने की राह और गहरे पानी में से रास्ता बना दिया।
Isai UrduGeoD 43:17  मेरे कहने पर मिसर की फ़ौज अपने सूरमाओं, रथों और घोड़ों समेत लड़ने के लिए निकल आई। अब वह मिलकर समुंदर की तह में पड़े हुए हैं और दुबारा कभी नहीं उठेंगे। वह बत्ती की तरह बुझ गए।
Isai UrduGeoD 43:18  लेकिन माज़ी की बातें छोड़ दो, जो कुछ गुज़र गया है उस पर ध्यान न दो।
Isai UrduGeoD 43:19  क्योंकि देखो, मैं एक नया काम वुजूद में ला रहा हूँ जो अभी फूट निकलने को है। क्या यह तुम्हें नज़र नहीं आ रहा? मैं रेगिस्तान में रास्ता और बयाबान में नहरें बना रहा हूँ।
Isai UrduGeoD 43:20  जंगली जानवर, गीदड़ और उक़ाबी उल्लू मेरा एहतराम करेंगे, क्योंकि मैं रेगिस्तान में पानी मुहैया करूँगा, बयाबान में नहरें बनाऊँगा ताकि अपनी बरगुज़ीदा क़ौम को पानी पिलाऊँ।
Isai UrduGeoD 43:21  जो क़ौम मैंने अपने लिए तश्कील दी है वह मेरे काम सुनाकर मेरी तमजीद करे।
Isai UrduGeoD 43:22  ऐ याक़ूब की औलाद, ऐ इसराईल, बात यह नहीं कि तूने मुझसे फ़रियाद की, कि तू मेरी मरज़ी दरियाफ़्त करने के लिए कोशाँ रहा।
Isai UrduGeoD 43:23  क्योंकि न तूने मेरे लिए अपनी भेड़-बकरियाँ भस्म कीं, न अपनी ज़बह की क़ुरबानियों से मेरा एहतराम किया। न मैंने ग़ल्ला की नज़रों से तुझ पर बोझ डाला, न बख़ूर की क़ुरबानी से तंग किया।
Isai UrduGeoD 43:24  तूने न मेरे लिए क़ीमती मसाला ख़रीदा, न मुझे अपनी क़ुरबानियों की चरबी से ख़ुश किया। इसके बरअक्स तूने अपने गुनाहों से मुझ पर बोझ डाला और अपनी बुरी हरकतों से मुझे तंग किया।
Isai UrduGeoD 43:25  ताहम मैं, हाँ मैं ही अपनी ख़ातिर तेरे जरायम को मिटा देता और तेरे गुनाहों को ज़हन से निकाल देता हूँ।
Isai UrduGeoD 43:26  जा, कचहरी में मेरे ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर कर! आ, हम दोनों अदालत में हाज़िर हो जाएँ! अपना मामला पेश कर ताकि तू बेक़ुसूर साबित हो।
Isai UrduGeoD 43:27  शुरू में तेरे ख़ानदान के बानी ने गुनाह किया, और उस वक़्त से लेकर आज तक तेरे नुमाइंदे मुझसे बेवफ़ा होते आए हैं।
Isai UrduGeoD 43:28  इसलिए मैं मक़दिस के बुज़ुर्गों को यों रुसवा करूँगा कि उनकी मुक़द्दस हालत जाती रहेगी, मैं याक़ूब की औलाद इसराईल को मुकम्मल तबाही और लान-तान के लिए मख़सूस करूँगा।
Chapter 44
Isai UrduGeoD 44:1  लेकिन अब सुन, ऐ याक़ूब मेरे ख़ादिम! मेरी बात पर तवज्जुह दे, ऐ इसराईल जिसे मैंने चुन लिया है।
Isai UrduGeoD 44:2  रब जिसने तुझे बनाया और माँ के पेट से ही तश्कील देकर तेरी मदद करता आया है वह फ़रमाता है, ‘ऐ याक़ूब मेरे ख़ादिम, मत डर! ऐ यसूरून जिसे मैंने चुन लिया है, ख़ौफ़ न खा।
Isai UrduGeoD 44:3  क्योंकि मैं प्यासी ज़मीन पर पानी डालूँगा और ख़ुश्की पर नदियाँ बहने दूँगा। मैं अपना रूह तेरी औलाद पर नाज़िल करूँगा, अपनी बरकत तेरे बच्चों को बख़्शूँगा।
Isai UrduGeoD 44:4  तब वह पानी के दरमियान की हरियाली की तरह फूट निकलेंगे, नहरों पर सफ़ेदा के दरख़्तों की तरह फलें-फूलेंगे।’
Isai UrduGeoD 44:5  एक कहेगा, ‘मैं रब का हूँ,’ दूसरा याक़ूब का नाम लेकर पुकारेगा और तीसरा अपने हाथ पर ‘रब का बंदा’ लिखकर इसराईल का एज़ाज़ी नाम रखेगा।”
Isai UrduGeoD 44:6  रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का बादशाह और छुड़ानेवाला है फ़रमाता है, “मैं अव्वल और आख़िर हूँ। मेरे सिवा कोई और ख़ुदा नहीं है।
Isai UrduGeoD 44:7  कौन मेरी मानिंद है? वह आवाज़ देकर बताए और अपने दलायल पेश करे। वह तरतीब से सब कुछ सुनाए जो उस क़दीम वक़्त से हुआ है जब मैंने अपनी क़ौम को क़ायम किया। वह आनेवाली बातों का एलान करके बताए कि आइंदा क्या कुछ पेश आएगा।
Isai UrduGeoD 44:8  घबराकर दहशतज़दा न हो। क्या मैंने बहुत देर पहले तुझे इत्तला नहीं दी थी कि यह कुछ पेश आएगा? तुम ख़ुद मेरे गवाह हो। क्या मेरे सिवा कोई और ख़ुदा है? हरगिज़ नहीं! और कोई चटान नहीं है, मैं किसी और को नहीं जानता।”
Isai UrduGeoD 44:9  बुत बनानेवाले सब हेच ही हैं, और जो चीज़ें उन्हें प्यारी लगती हैं वह बेफ़ायदा हैं। उनके गवाह न देख और न जान सकते हैं, लिहाज़ा आख़िरकार शरमिंदा हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 44:10  यह किस तरह के लोग हैं जो अपने लिए देवता बनाते और बेफ़ायदा बुत ढाल लेते हैं?
Isai UrduGeoD 44:11  उनके तमाम साथी शरमिंदा हो जाएंगे। आख़िर बुत बनानेवाले इनसान ही तो हैं। आओ, वह सब जमा होकर ख़ुदा के हुज़ूर खड़े हो जाएँ। क्योंकि वह दहशत खाकर सख़्त शरमिंदा हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 44:12  लोहार औज़ार लेकर उसे जलते हुए कोयलों में इस्तेमाल करता है। फिर वह अपने हथौड़े से ठोंक ठोंककर बुत को तश्कील देता है। पूरे ज़ोर से काम करते करते वह ताक़त के जवाब देने तक भूका हो जाता, पानी न पीने की वजह से निढाल हो जाता है।
Isai UrduGeoD 44:13  जब बुत को लकड़ी से बनाना है तो कारीगर फ़ीते से नापकर पेंसिल से लकड़ी पर ख़ाका खींचता है। परकार भी काम आ जाता है। फिर कारीगर लकड़ी को छुरी से तराश तराशकर आदमी की शक्ल बनाता है। यों शानदार आदमी का मुजस्समा किसी के घर में लगने के लिए तैयार हो जाता है।
Isai UrduGeoD 44:14  कारीगर बुत बनाने के लिए देवदार का दरख़्त काट लेता है। कभी कभी वह बलूत या किसी और क़िस्म का दरख़्त चुनकर उसे जंगल के दीगर दरख़्तों के बीच में उगने देता है। या वह सनोबर का दरख़्त लगाता है, और बारिश उसे फलने फूलने देती है।
Isai UrduGeoD 44:15  ध्यान दो कि इनसान लकड़ी को ईंधन के लिए भी इस्तेमाल करता, कुछ लेकर आग तापता, कुछ जलाकर रोटी पकाता है। बाक़ी हिस्से से वह बुत बनाकर उसे सिजदा करता, देवता का मुजस्समा तैयार करके उसके सामने झुक जाता है।
Isai UrduGeoD 44:16  वह लकड़ी का आधा हिस्सा जलाकर उस पर अपना गोश्त भूनता, फिर जी भरकर खाना खाता है। साथ साथ वह आग सेंककर कहता है, “वाह, आग की गरमी कितनी अच्छी लग रही है, अब गरमी महसूस हो रही है।”
Isai UrduGeoD 44:17  लेकिन बाक़ी लकड़ी से वह अपने लिए देवता का बुत बनाता है जिसके सामने वह झुककर पूजा करता है। उससे वह इलतमास करता है, “मुझे बचा, क्योंकि तू मेरा देवता है।”
Isai UrduGeoD 44:18  यह लोग कुछ नहीं जानते, कुछ नहीं समझते। उनकी आँखों और दिलों पर परदा पड़ा है, इसलिए न वह देख सकते, न समझ सकते हैं।
Isai UrduGeoD 44:19  वह इस पर ग़ौर नहीं करते, उन्हें फ़हम और समझ तक नहीं कि सोचें, “मैंने लकड़ी का आधा हिस्सा आग में झोंककर उसके कोयलों पर रोटी पकाई और गोश्त भून लिया। यह चीज़ें खाने के बाद मैं बाक़ी लकड़ी से क़ाबिले-घिन बुत क्यों बनाऊँ, लकड़ी के टुकड़े के सामने क्यों झुक जाऊँ?”
Isai UrduGeoD 44:20  जो यों राख में मुलव्वस हो जाए उसने धोका खाया, उसके दिल ने उसे फ़रेब दिया है। वह अपनी जान छुड़ाकर नहीं मान सकता कि जो बुत मैं दहने हाथ में थामे हुए हूँ वह झूट है।
Isai UrduGeoD 44:21  “ऐ याक़ूब की औलाद, ऐ इसराईल, याद रख कि तू मेरा ख़ादिम है। मैंने तुझे तश्कील दिया, तू मेरा ही ख़ादिम है। ऐ इसराईल, मैं तुझे कभी नहीं भूलूँगा।
Isai UrduGeoD 44:22  मैंने तेरे जरायम और गुनाहों को मिटा डाला है, वह धूप में धुंध या तेज़ हवा से बिखरे बादलों की तरह ओझल हो गए हैं। अब मेरे पास वापस आ, क्योंकि मैंने एवज़ाना देकर तुझे छुड़ाया है।”
Isai UrduGeoD 44:23  ऐ आसमान, ख़ुशी के नारे लगा, क्योंकि रब ने सब कुछ किया है। ऐ ज़मीन की गहराइयो, शादियाना बजाओ! ऐ पहाड़ो और जंगलो, अपने तमाम दरख़्तों समेत ख़ुशी के गीत गाओ, क्योंकि रब ने एवज़ाना देकर याक़ूब को छुड़ाया है, इसराईल में उसने अपना जलाल ज़ाहिर किया है।
Isai UrduGeoD 44:24  रब तेरा छुड़ानेवाला जिसने तुझे माँ के पेट से ही तश्कील दिया फ़रमाता है, “मैं रब हूँ। मैं ही सब कुछ वुजूद में लाया, मैंने अकेले ही आसमान को ज़मीन के ऊपर तान लिया और ज़मीन को बिछाया।
Isai UrduGeoD 44:25  मैं ही क़िस्मत का हाल बतानेवालों के अजीबो-ग़रीब निशान नाकाम होने देता, फ़ाल खोलनेवालों को अहमक़ साबित करता और दानाओं को पीछे हटाकर उनके इल्म की हमाक़त ज़ाहिर करता हूँ।
Isai UrduGeoD 44:26  मैं ही अपने ख़ादिम का कलाम पूरा होने देता और अपने पैग़ंबरों का मनसूबा तकमील तक पहुँचाता हूँ, मैं ही यरूशलम के बारे में फ़रमाता हूँ, ‘वह दुबारा आबाद हो जाएगा,’ और यहूदाह के शहरों के बारे में, ‘वह नए सिरे से तामीर हो जाएंगे, मैं उनके खंडरात दुबारा खड़े करूँगा।’
Isai UrduGeoD 44:27  मैं ही गहरे समुंदर को हुक्म देता हूँ, ‘सूख जा, मैं तेरी गहराइयों को ख़ुश्क करता हूँ।’
Isai UrduGeoD 44:28  और मैं ही ने ख़ोरस के बारे में फ़रमाया, ‘यह मेरा गल्लाबान है! यही मेरी मरज़ी पूरी करके कहेगा कि यरूशलम दुबारा तामीर किया जाए, रब के घर की बुनियाद नए सिरे से रखी जाए’!”
Chapter 45
Isai UrduGeoD 45:1  रब अपने मसह किए हुए ख़ादिम ख़ोरस से फ़रमाता है, “मैंने तेरे दहने हाथ को पकड़ लिया है, इसलिए जहाँ भी तू जाए वहाँ क़ौमें तेरे ताबे हो जाएँगी, बादशाहों की ताक़त जाती रहेगी, दरवाज़े खुल जाएंगे और शहर के दरवाज़े बंद नहीं रहेंगे।
Isai UrduGeoD 45:2  मैं ख़ुद तेरे आगे आगे जाकर क़िलाबंदियों को ज़मीनबोस कर दूँगा। मैं पीतल के दरवाज़े टुकड़े टुकड़े करके तमाम कुंडे तुड़वा दूँगा।
Isai UrduGeoD 45:3  मैं तुझे अंधेरे में छुपे ख़ज़ाने और पोशीदा मालो-दौलत अता करूँगा ताकि तू जान ले कि मैं रब हूँ जो तेरा नाम लेकर तुझे बुलाता है, कि मैं इसराईल का ख़ुदा हूँ।
Isai UrduGeoD 45:4  गो तू मुझे नहीं जानता था, लेकिन अपने ख़ादिम याक़ूब की ख़ातिर मैंने तेरा नाम लेकर तुझे बुलाया, अपने बरगुज़ीदा इसराईल के वास्ते तुझे एज़ाज़ी नाम से नवाज़ा है।
Isai UrduGeoD 45:5  मैं ही रब हूँ, और मेरे सिवा कोई और ख़ुदा नहीं है। गो तू मुझे नहीं जानता था तो भी मैं तुझे कमरबस्ता करता हूँ
Isai UrduGeoD 45:6  ताकि मशरिक़ से मग़रिब तक इनसान जान लें कि मेरे सिवा कोई और नहीं है। मैं ही रब हूँ, और मेरे सिवा कोई और नहीं है।
Isai UrduGeoD 45:7  मैं ही रौशनी को तश्कील देता और अंधेरे को वुजूद में लाता हूँ, मैं ही अच्छे और बुरे हालात पैदा करता, मैं रब ही यह सब कुछ करता हूँ।
Isai UrduGeoD 45:8  ऐ आसमान, रास्ती की बूँदा-बाँदी से ज़मीन को तरो-ताज़ा कर! ऐ बादलो, सदाक़त बरसाओ! ज़मीन खुलकर नजात का फल लाए और रास्ती का पौदा फूटने दे। मैं रब ही उसे वुजूद में लाया हूँ।”
Isai UrduGeoD 45:9  उस पर अफ़सोस जो अपने ख़ालिक़ से झगड़ा करता है, गो वह मिट्टी के टूटे-फूटे बरतनों का ठीकरा ही है। क्या गारा कुम्हार से पूछता है, “तू क्या बना रहा है?” क्या तेरी बनाई हुई कोई चीज़ तेरे बारे में शिकायत करती है, “उस की कोई ताक़त नहीं”?
Isai UrduGeoD 45:10  उस पर अफ़सोस जो बाप से सवाल करे, “तू क्यों बाप बन रहा है?” या औरत से, “तू क्यों बच्चा जन्म दे रही है?”
Isai UrduGeoD 45:11  रब जो इसराईल का क़ुद्दूस और उसे तश्कील देनेवाला है फ़रमाता है, “तुम किस तरह मेरे बच्चों के बारे में मेरी पूछ-गछ कर सकते हो? जो कुछ मेरे हाथों ने बनाया उसके बारे में तुम कैसे मुझे हुक्म दे सकते हो?
Isai UrduGeoD 45:12  मैं ही ने ज़मीन को बनाकर इनसान को उस पर ख़लक़ किया। मेरे अपने हाथों ने आसमान को ख़ैमे की तरह उसके ऊपर तान लिया और मैं ही ने उसके सितारों के पूरे लशकर को तरतीब दिया।
Isai UrduGeoD 45:13  मैं ही ने ख़ोरस को इनसाफ़ से जगा दिया, और मैं ही उसके तमाम रास्ते सीधे बना देता हूँ। वह मेरे शहर को नए सिरे से तामीर करेगा और मेरे जिलावतनों को आज़ाद करेगा। और यह सब कुछ मुफ़्त में होगा, न वह पैसे लेगा, न तोह्फ़े।” यह रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान है।
Isai UrduGeoD 45:14  रब फ़रमाता है, “मिसर की दौलत, एथोपिया का तिजारती माल और सिबा के दराज़क़द अफ़राद तेरे मातहत होकर तेरी मिलकियत बन जाएंगे। वह तेरे पीछे चलेंगे, ज़ंजीरों में जकड़े तेरे ताबे हो जाएंगे। तेरे सामने झुककर वह इलतमास करके कहेंगे, ‘यक़ीनन अल्लाह तेरे साथ है। उसके सिवा कोई और ख़ुदा है नहीं’।”
Isai UrduGeoD 45:15  ऐ इसराईल के ख़ुदा और नजातदहिंदा, यक़ीनन तू अपने आपको छुपाए रखनेवाला ख़ुदा है।
Isai UrduGeoD 45:16  बुत बनानेवाले सब शरमिंदा हो जाएंगे। उनके मुँह काले हो जाएंगे, और वह मिलकर शर्मसार हालत में चले जाएंगे।
Isai UrduGeoD 45:17  लेकिन इसराईल को छुटकारा मिलेगा, रब उसे अबदी नजात देगा। तब तुम्हारी रुसवाई कभी नहीं होगी, तुम हमेशा तक शरमिंदा होने से महफ़ूज़ रहोगे।
Isai UrduGeoD 45:18  क्योंकि रब फ़रमाता है, “मैं ही रब हूँ, और मेरे सिवा कोई और नहीं है! जो यह फ़रमाता है वह ख़ुदा है, जिसने आसमान को ख़लक़ किया और ज़मीन को तश्कील देकर महफ़ूज़ बुनियाद पर रखा। और ज़मीन सुनसान बयाबान न रही बल्कि उसने उसे बसने के क़ाबिल बना दिया ताकि जानदार उसमें रह सकें।
Isai UrduGeoD 45:19  मैंने पोशीदगी में या दुनिया के किसी तारीक कोने से बात नहीं की। मैंने याक़ूब की औलाद से यह भी नहीं कहा, ‘बेशक मुझे तलाश करो, लेकिन तुम मुझे नहीं पाओगे।’ नहीं, मैं रब ही हूँ, जो इनसाफ़ बयान करता, सच्चाई का एलान करता है।
Isai UrduGeoD 45:20  तुम जो दीगर अक़वाम से बच निकले हो आओ, जमा हो जाओ। मिलकर मेरे हुज़ूर हाज़िर हो जाओ! जो लकड़ी के बुत उठाकर अपने साथ लिए फिरते हैं वह कुछ नहीं जानते! जो देवता छुटकारा नहीं दे सकते उनसे वह क्यों इल्तिजा करते हैं?
Isai UrduGeoD 45:21  आओ, अपना मामला सुनाओ, अपने दलायल पेश करो! बेशक पहले एक दूसरे से मशवरा करो। किसने बड़ी देर पहले यह कुछ सुनाया था? क्या मैं, रब ने तवील अरसा पहले इसका एलान नहीं किया था? क्योंकि मेरे सिवा कोई और ख़ुदा नहीं है। मैं रास्त ख़ुदा और नजातदहिंदा हूँ। मेरे सिवा कोई और नहीं है।
Isai UrduGeoD 45:22  ऐ ज़मीन की इंतहाओ, सब मेरी तरफ़ रुजू करके नजात पाओ! क्योंकि मैं ही ख़ुदा हूँ, मेरे सिवा कोई और नहीं है।
Isai UrduGeoD 45:23  मैंने अपने नाम की क़सम खाकर फ़रमाया है, और मेरा फ़रमान रास्त है, वह कभी मनसूख़ नहीं होगा। फ़रमान यह है कि मेरे सामने हर घुटना झुकेगा और हर ज़बान मेरी क़सम खा कर
Isai UrduGeoD 45:24  कहेगी, ‘रब ही रास्ती और क़ुव्वत का मंबा है’!” जो पहले तैश में आकर रब की मुख़ालफ़त करते थे वह भी सब शरमिंदा होकर उसके हुज़ूर आएँगे।
Isai UrduGeoD 45:25  लेकिन इसराईल की तमाम औलाद रब में रास्तबाज़ ठहरकर उस पर फ़ख़र करेगी।
Chapter 46
Isai UrduGeoD 46:1  बाबल के देवता बेल और नबू झुककर गिर गए हैं, और लादू जानवर उनके बुतों को उठाए फिर रहे हैं। तुम्हारे जो बुत उठाए जा सकते हैं थकेहारे जानवरों का बोझ बन गए हैं।
Isai UrduGeoD 46:2  क्योंकि दोनों देवता झुककर गिर गए हैं। वह बोझ बनने से बच न सके, और अब ख़ुद जिलावतनी में जा रहे हैं।
Isai UrduGeoD 46:3  “ऐ याक़ूब के घराने, सुनो! ऐ इसराईल के घराने के बचे हुए अफ़राद, ध्यान दो! माँ के पेट से ही तुम मेरे लिए बोझ रहे हो, पैदाइश से पहले ही मैं तुम्हें उठाए फिर रहा हूँ।
Isai UrduGeoD 46:4  तुम्हारे बूढ़े होने तक मैं वही रहूँगा, तुम्हारे बाल के सफ़ेद हो जाने तक तुम्हें उठाए फिरूँगा। यह इब्तिदा से मेरा ही काम रहा है, और आइंदा भी मैं तुझे उठाए फिरूँगा, आइंदा भी तेरा सहारा बनकर तुझे बचाए रखूँगा।
Isai UrduGeoD 46:5  तुम मेरा मुक़ाबला किससे करोगे, मुझे किसके बराबर ठहराओगे? तुम मेरा मुवाज़ना किससे करोगे जो मेरी मानिंद हो?
Isai UrduGeoD 46:6  लोग बुत बनवाने के लिए बटवे से कसरत का सोना निकालते और चाँदी तराज़ू में तोलते हैं। फिर वह सुनार को बुत बनाने का ठेका देते हैं। जब तैयार हो जाए तो वह झुककर मुँह के बल उस की पूजा करते हैं।
Isai UrduGeoD 46:7  वह उसे अपने कंधों पर रखकर इधर उधर लिए फिरते हैं, फिर उसे दुबारा उस की जगह पर रख देते हैं। वहाँ वह खड़ा रहता है और ज़रा भी नहीं हिलता। लोग चिल्लाकर उससे फ़रियाद करते हैं, लेकिन वह जवाब नहीं देता, दुआगो को मुसीबत से नहीं बचाता।
Isai UrduGeoD 46:8  ऐ बेवफ़ा लोगो, इसका ख़याल रखो! मरदानगी दिखाकर संजीदगी से इस पर ध्यान दो!
Isai UrduGeoD 46:9  जो कुछ अज़ल से पेश आया है उसे याद रखो। क्योंकि मैं ही रब हूँ, और मेरे सिवा कोई और नहीं। मैं ही रब हूँ, और मेरी मानिंद कोई नहीं।
Isai UrduGeoD 46:10  मैं इब्तिदा से अंजाम का एलान, क़दीम ज़माने से आनेवाली बातों की पेशगोई करता आया हूँ। अब मैं फ़रमाता हूँ कि मेरा मनसूबा अटल है, मैं अपनी मरज़ी हर लिहाज़ से पूरी करूँगा।
Isai UrduGeoD 46:11  मशरिक़ से मैं शिकारी परिंदा बुला रहा हूँ, दूर-दराज़ मुल्क से एक ऐसा आदमी जो मेरा मनसूबा पूरा करे। ध्यान दो, जो कुछ मैंने फ़रमाया वह तकमील तक पहुँचाऊँगा, जो मनसूबा मैंने बाँधा वह पूरा करूँगा।
Isai UrduGeoD 46:12  ऐ ज़िद्दी लोगो जो रास्ती से कहीं दूर हो, मेरी सुनो!
Isai UrduGeoD 46:13  मैं अपनी रास्ती क़रीब ही लाया हूँ, वह दूर नहीं है। मेरी नजात के आने में देर नहीं होगी। मैं सिय्यून को नजात दूँगा, इसराईल को अपनी शानो-शौकत से नवाज़ूँगा।
Chapter 47
Isai UrduGeoD 47:1  ऐ कुँवारी बाबल बेटी, उतर जा! ख़ाक में बैठ जा! ऐ बाबलियों की बेटी, ज़मीन पर बैठ जा जहाँ तख़्त नहीं है! अब से लोग तुझसे नहीं कहेंगे, ‘ऐ मेरी नाज़-परवर्दा, ऐ मेरी लाडली!’
Isai UrduGeoD 47:2  अब चक्की लेकर आटा पीस! अपना निक़ाब हटा, अपने लिबास का दामन उठा, अपनी टाँगों को उरियाँ करके नदियाँ पार कर।
Isai UrduGeoD 47:3  तेरी बरहनगी सब पर ज़ाहिर होगी, सब तेरी शर्मसार हालत देखेंगे। क्योंकि मैं बदला लेकर किसी को नहीं छोड़ूँगा।”
Isai UrduGeoD 47:4  जिसने एवज़ाना देकर हमें छुड़ाया है वही यह फ़रमाता है, वह जिसका नाम रब्बुल-अफ़वाज है और जो इसराईल का क़ुद्दूस है।
Isai UrduGeoD 47:5  “ऐ बाबलियों की बेटी, चुपके से बैठ जा! तारीकी में छुप जा! आइंदा तू ‘ममालिक की मलिका’ नहीं कहलाएगी।
Isai UrduGeoD 47:6  जब मुझे अपनी क़ौम पर ग़ुस्सा आया तो मैंने उसे यों रुसवा किया कि उस की मुक़द्दस हालत जाती रही, गो वह मेरा मौरूसी हिस्सा थी। उस वक़्त मैंने उन्हें तेरे हवाले कर दिया, लेकिन तूने उन पर रहम न किया बल्कि बूढ़ों की गरदन पर भी अपना भारी जुआ रख दिया।
Isai UrduGeoD 47:7  तू बोली, ‘मैं अबद तक मलिका ही रहूँगी!’ तूने संजीदगी से ध्यान न दिया, न इसके अंजाम पर ग़ौर किया।
Isai UrduGeoD 47:8  अब सुन, ऐ ऐयाश, तू जो अपने आपको महफ़ूज़ समझकर कहती है, ‘मैं ही हूँ, मेरे सिवा कोई और नहीं है। मैं न कभी बेवा, न कभी बेऔलाद हूँगी।’
Isai UrduGeoD 47:9  मैं फ़रमाता हूँ कि एक ही दिन और एक ही लमहे में तू बेऔलाद भी बनेगी और बेवा भी। तेरे सारे ज़बरदस्त जादूमंत्र के बावुजूद यह आफ़त पूरे ज़ोर से तुझ पर आएगी।
Isai UrduGeoD 47:10  तूने अपनी बदकारी पर एतमाद करके सोचा, ‘कोई नहीं मुझे देखता।’ लेकिन तेरी ‘हिक्मत’ और ‘इल्म’ तुझे ग़लत राह पर लाया है। उनकी बिना पर तूने दिल में कहा, ‘मैं ही हूँ, मेरे सिवा कोई और नहीं है।’
Isai UrduGeoD 47:11  अब तुझ पर ऐसी आफ़त आएगी जिसे तेरे जादूमंत्र दूर करने नहीं पाएँगे, तू ऐसी मुसीबत में फँस जाएगी जिससे निपट नहीं सकेगी। अचानक ही तुझ पर तबाही नाज़िल होगी, और तू उसके लिए तैयार ही नहीं होगी।
Isai UrduGeoD 47:12  अब खड़ी हो जा, अपने जादू-टोने का पूरा ख़ज़ाना खोलकर सब कुछ इस्तेमाल में ला जो तूने जवानी से बड़ी मेहनत-मशक़्क़त के साथ अपना लिया है। शायद फ़ायदा हो, शायद तू लोगों को डराकर भगा सके।
Isai UrduGeoD 47:13  लेकिन दूसरों के बेशुमार मशवरे बेकार हैं, उन्होंने तुझे सिर्फ़ थका दिया है। अब तेरे नजूमी खड़े हो जाएँ, जो सितारों को देख देखकर हर महीने पेशगोइयाँ करते हैं वह सामने आकर तुझे उससे बचाएँ जो तुझ पर आनेवाला है।
Isai UrduGeoD 47:14  यक़ीनन वह आग में जलनेवाला भूसा ही हैं जो अपनी जान को शोलों से बचा नहीं सकते। और यह कोयलों की आग नहीं होगी जिसके सामने इनसान बैठकर आग ताप सके।
Isai UrduGeoD 47:15  यही उन सबका हाल है जिन पर तूने मेहनत की है और जो तेरी जवानी से तेरे साथ तिजारत करते रहे हैं। हर एक लड़खड़ाते हुए अपनी अपनी राह इख़्तियार करेगा, और एक भी नहीं होगा जो तुझे बचाए।
Chapter 48
Isai UrduGeoD 48:1  ऐ याक़ूब के घराने, सुनो! तुम जो इसराईल कहलाते और यहूदाह के क़बीले के हो, ध्यान दो! तुम जो रब के नाम की क़सम खाकर इसराईल के ख़ुदा को याद करते हो, अगरचे तुम्हारी बात न सच्चाई, न इनसाफ़ पर मबनी है, ग़ौर करो!
Isai UrduGeoD 48:2  हाँ तवज्जुह दो, तुम जो मुक़द्दस शहर के लोग कहलाते और इसराईल के ख़ुदा पर एतमाद करते हो, सुनो कि अल्लाह जिसका नाम रब्बुल-अफ़वाज है क्या फ़रमाता है।
Isai UrduGeoD 48:3  जो कुछ पेश आया है उसका एलान मैंने बड़ी देर पहले किया। मेरे ही मुँह से उस की पेशगोई सादिर हुई, मैं ही ने उस की इत्तला दी। फिर अचानक ही मैं उसे अमल में लाया और वह वुक़ूपज़ीर हुआ।
Isai UrduGeoD 48:4  मैं जानता था कि तू कितना ज़िद्दी है। तेरे गले की नसें लोहे जैसी बे-लचक और तेरी पेशानी पीतल जैसी सख़्त है।
Isai UrduGeoD 48:5  यह जानकर मैंने बड़ी देर पहले इन बातों की पेशगोई की। उनके पेश आने से पहले मैंने तुझे उनकी ख़बर दी ताकि तू दावा न कर सके, ‘मेरे बुत ने यह कुछ किया, मेरे तराशे और ढाले गए देवता ने इसका हुक्म दिया।’
Isai UrduGeoD 48:6  अब जब तूने यह सुन लिया है तो सब कुछ पर ग़ौर कर। तू क्यों इन बातों को मानने के लिए तैयार नहीं? अब से मैं तुझे नई नई बातें बताऊँगा, ऐसी पोशीदा बातें जो तुझे अब तक मालूम न थीं।
Isai UrduGeoD 48:7  यह किसी क़दीम ज़माने में वुजूद में नहीं आईं बल्कि अभी अभी आज ही तेरे इल्म में आई हैं। क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि तू कहे, ‘मुझे पहले से इसका इल्म था।’
Isai UrduGeoD 48:8  चुनाँचे न यह बातें तेरे कान तक पहुँची हैं, न तू इनका इल्म रखता है, बल्कि क़दीम ज़माने से ही तेरा कान यह सुन नहीं सकता था। क्योंकि मैं जानता था कि तू सरासर बेवफ़ा है, कि पैदाइश से ही नमकहराम कहलाता है।
Isai UrduGeoD 48:9  तो भी मैं अपने नाम की ख़ातिर अपना ग़ज़ब नाज़िल करने से बाज़ रहता, अपनी तमजीद की ख़ातिर अपने आपको तुझे नेस्तो-नाबूद करने से रोके रखता हूँ।
Isai UrduGeoD 48:10  देख, मैंने तुझे पाक-साफ़ कर दिया है, लेकिन चाँदी को साफ़ करने की कुठाली में नहीं बल्कि मुसीबत की भट्टी में। उसी में मैंने तुझे आज़माया है।
Isai UrduGeoD 48:11  अपनी ख़ातिर, हाँ अपनी ही ख़ातिर मैं यह सब कुछ करता हूँ, ऐसा न हो कि मेरे नाम की बेहुरमती हो जाए। क्योंकि मैं इजाज़त नहीं दूँगा कि किसी और को वह जलाल दिया जाए जिसका सिर्फ़ मैं हक़दार हूँ।
Isai UrduGeoD 48:12  ऐ याक़ूब की औलाद, मेरी सुन! ऐ मेरे बरगुज़ीदा इसराईल, ध्यान दे! मैं ही वही हूँ। मैं ही अव्वलो-आख़िर हूँ।
Isai UrduGeoD 48:13  मेरे ही हाथ ने ज़मीन की बुनियाद रखी, मेरे ही दहने हाथ ने आसमान को ख़ैमे की तरह तान लिया। जब मैं आवाज़ देता हूँ तो सब मिलकर खड़े हो जाते हैं।
Isai UrduGeoD 48:14  आओ, सब जमा होकर सुनो! बुतों में से किसने इसकी पेशगोई की? किसी ने नहीं! जिस आदमी को रब प्यार करता है वह बाबल के ख़िलाफ़ उस की मरज़ी पूरी करेगा, बाबलियों पर उस की क़ुव्वत का इज़हार करेगा।
Isai UrduGeoD 48:15  मैं, हाँ मैं ही ने यह फ़रमाया। मैं ही उसे बुलाकर यहाँ लाया हूँ, इसलिए वह ज़रूर कामयाब होगा।
Isai UrduGeoD 48:16  मेरे क़रीब आकर सुनो! शुरू से मैंने अलानिया बात की, जब से यह पेश आया मैं हाज़िर हूँ।” और अब रब क़ादिरे-मुतलक़ और उसके रूह ने मुझे भेजा है।
Isai UrduGeoD 48:17  रब जो तेरा छुड़ानेवाला और इसराईल का क़ुद्दूस है फ़रमाता है, “मैं रब तेरा ख़ुदा हूँ। मैं तुझे वह कुछ सिखाता हूँ जो मुफ़ीद है और तुझे उन राहों पर चलने देता हूँ जिन पर तुझे चलना है।
Isai UrduGeoD 48:18  काश तू मेरे अहकाम पर ध्यान देता! तब तेरी सलामती बहते दरिया जैसी और तेरी रास्तबाज़ी समुंदर की मौजों जैसी होती।
Isai UrduGeoD 48:19  तेरी औलाद रेत की मानिंद होती, तेरे पेट का फल रेत के ज़र्रों जैसा अनगिनत होता। इसका इमकान ही न होता कि तेरा नामो-निशान मेरे सामने से मिट जाए।”
Isai UrduGeoD 48:20  बाबल से निकल जाओ! बाबलियों के बीच में से हिजरत करो! ख़ुशी के नारे लगा लगाकर एलान करो, दुनिया की इंतहा तक ख़ुशख़बरी फैलाते जाओ कि रब ने एवज़ाना देकर अपने ख़ादिम याक़ूब को छुड़ाया है।
Isai UrduGeoD 48:21  उन्हें प्यास न लगी जब उसने उन्हें रेगिस्तान में से गुज़रने दिया। उसके हुक्म पर पत्थर में से पानी बह निकला। जब उसने चटान को चीर डाला तो पानी फूट निकला।
Isai UrduGeoD 48:22  लेकिन रब फ़रमाता है कि बेदीन सलामती नहीं पाएँगे।
Chapter 49
Isai UrduGeoD 49:1  ऐ जज़ीरो, सुनो! ऐ दूर-दराज़ क़ौमो, ध्यान दो! रब ने मुझे पैदाइश से पहले ही बुलाया, मेरी माँ के पेट से ही मेरे नाम को याद करता आया है।
Isai UrduGeoD 49:2  उसने मेरे मुँह को तेज़ तलवार बनाकर मुझे अपने हाथ के साय में छुपाए रखा, मुझे तेज़ तीर बनाकर अपने तरकश में पोशीदा रखा है।
Isai UrduGeoD 49:3  वह मुझसे हमकलाम हुआ, “तू मेरा ख़ादिम इसराईल है, जिसके ज़रीए मैं अपना जलाल ज़ाहिर करूँगा।”
Isai UrduGeoD 49:4  मैं तो बोला था, “मेरी मेहनत-मशक़्क़त बेसूद थी, मैंने अपनी ताक़त बेफ़ायदा और बेमक़सद ज़ाया कर दी है। ताहम मेरा हक़ अल्लाह के हाथ में है, मेरा ख़ुदा ही मुझे अज्र देगा।”
Isai UrduGeoD 49:5  लेकिन अब रब मुझसे हमकलाम हुआ है, वह जो माँ के पेट से ही मुझे इस मक़सद से तश्कील देता आया है कि मैं उस की ख़िदमत करके याक़ूब की औलाद को उसके पास वापस लाऊँ और इसराईल को उसके हुज़ूर जमा करूँ। रब ही के हुज़ूर मेरा एहतराम किया जाएगा, मेरा ख़ुदा ही मेरी क़ुव्वत होगा।
Isai UrduGeoD 49:6  वही फ़रमाता है, “तू मेरी ख़िदमत करके न सिर्फ़ याक़ूब के क़बीले बहाल करेगा और उन्हें वापस लाएगा जिन्हें मैंने महफ़ूज़ रखा है बल्कि तू इससे कहीं बढ़कर करेगा। क्योंकि मैं तुझे दीगर अक़वाम की रौशनी बना दूँगा ताकि तू मेरी नजात को दुनिया की इंतहा तक पहुँचाए।”
Isai UrduGeoD 49:7  रब जो इसराईल का छुड़ानेवाला और उसका क़ुद्दूस है उससे हमकलाम हुआ है जिसे लोग हक़ीर जानते हैं, जिससे दीगर अक़वाम घिन खाते हैं और जो हुक्मरानों का ग़ुलाम है। उससे रब फ़रमाता है, “तुझे देखते ही बादशाह खड़े हो जाएंगे और रईस मुँह के बल झुक जाएंगे। यह रब की ख़ातिर ही पेश आएगा जो वफ़ादार है और इसराईल के क़ुद्दूस के बाइस ही वुक़ूपज़ीर होगा जिसने तुझे चुन लिया है।”
Isai UrduGeoD 49:8  रब फ़रमाता है, “क़बूलियत के वक़्त मैं तेरी सुनूँगा, नजात के दिन तेरी मदद करूँगा। तब मैं तुझे महफ़ूज़ रखकर मुक़र्रर करूँगा कि तू मेरे और क़ौम के दरमियान अहद बने, कि तू मुल्क बहाल करके तबाहशुदा मौरूसी ज़मीन को नए सिरे से तक़सीम करे,
Isai UrduGeoD 49:9  कि तू क़ैदियों को कहे, ‘निकल आओ’ और तारीकी में बसनेवालों को, ‘रौशनी में आ जाओ!’ तब मेरी भेड़ें रास्तों के किनारे किनारे चरेंगी, और तमाम बंजर बुलंदियों पर भी उनकी हरी हरी चरागाहें होंगी।
Isai UrduGeoD 49:10  न उन्हें भूक सताएगी न प्यास। न तपती गरमी, न धूप उन्हें झुलसाएगी। क्योंकि जो उन पर तरस खाता है वह उनकी क़ियादत करके उन्हें चश्मों के पास ले जाएगा।
Isai UrduGeoD 49:11  मैं पहाड़ों को हमवार रास्तों में तबदील कर दूँगा जबकि मेरी शाहराहें ऊँची हो जाएँगी।
Isai UrduGeoD 49:12  तब वह दूर-दराज़ इलाक़ों से आएँगे, कुछ शिमाल से, कुछ मग़रिब से, और कुछ मिसर के जुनूबी शहर असवान से भी।”
Isai UrduGeoD 49:13  ऐ आसमान, ख़ुशी के नारे लगा! ऐ ज़मीन, बाग़ बाग़ हो जा! ऐ पहाड़ो, शादमानी के गीत गाओ! क्योंकि रब ने अपनी क़ौम को तसल्ली दी है, उसे अपने मुसीबतज़दा लोगों पर तरस आया है।
Isai UrduGeoD 49:14  लेकिन सिय्यून कहती है, “रब ने मुझे तर्क कर दिया है, क़ादिरे-मुतलक़ मुझे भूल गया है।”
Isai UrduGeoD 49:15  “यह कैसे हो सकता है? क्या माँ अपने शीरख़ार को भूल सकती है? जिस बच्चे को उसने जन्म दिया, क्या वह उस पर तरस नहीं खाएगी? शायद वह भूल जाए, लेकिन मैं तुझे कभी नहीं भूलूँगा!
Isai UrduGeoD 49:16  देख, मैंने तुझे अपनी दोनों हथेलियों में कंदा कर दिया है, तेरी ज़मीनबोस दीवारें हमेशा मेरे सामने हैं।
Isai UrduGeoD 49:17  जो तुझे नए सिरे से तामीर करना चाहते हैं वह दौड़कर वापस आ रहे हैं जबकि जिन लोगों ने तुझे ढाकर तबाह किया वह तुझसे निकल रहे हैं।
Isai UrduGeoD 49:18  ऐ सिय्यून बेटी, नज़र उठाकर चारों तरफ़ देख! यह सब जमा होकर तेरे पास आ रहे हैं। मेरी हयात की क़सम, यह सब तेरे ज़ेवरात बनेंगे जिनसे तू अपने आपको दुलहन की तरह आरास्ता करेगी।” यह रब का फ़रमान है।
Isai UrduGeoD 49:19  “फ़िलहाल तेरे मुल्क में चारों तरफ़ खंडरात, उजाड़ और तबाही नज़र आती है, लेकिन आइंदा वह अपने बाशिंदों की कसरत के बाइस छोटा होगा। और जिन्होंने तुझे हड़प कर लिया था वह दूर रहेंगे।
Isai UrduGeoD 49:20  पहले तू बेऔलाद थी, लेकिन अब तेरे इतने बच्चे होंगे कि वह तेरे पास आकर कहेंगे, ‘मेरे लिए जगह कम है, मुझे और ज़मीन दें ताकि मैं आराम से ज़िंदगी गुज़ार सकूँ।’ तू अपने कानों से यह सुनेगी।
Isai UrduGeoD 49:21  तब तू हैरान होकर दिल में सोचेगी, ‘किसने यह बच्चे मेरे लिए पैदा किए? मैं तो बच्चों से महरूम और बेऔलाद थी, मुझे जिलावतन करके हटाया गया था। किसने इनको पाला? मुझे तो तनहा ही छोड़ दिया गया था। तो फिर यह कहाँ से आ गए हैं’?”
Isai UrduGeoD 49:22  रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “देख, मैं दीगर क़ौमों को हाथ से इशारा देकर उनके सामने अपना झंडा गाड़ दूँगा। तब वह तेरे बेटों को उठाकर अपने बाज़ुओं में वापस ले आएँगे और तेरी बेटियों को कंधे पर बिठाकर तेरे पास पहुँचाएँगे।
Isai UrduGeoD 49:23  बादशाह तेरे बच्चों की देख-भाल करेंगे, और रानियाँ उनकी दाइयाँ होंगी। वह मुँह के बल झुककर तेरे पाँवों की ख़ाक चाटेंगे। तब तू जान लेगी कि मैं ही रब हूँ, कि जो भी मुझसे उम्मीद रखे वह कभी शरमिंदा नहीं होगा।”
Isai UrduGeoD 49:24  क्या सूरमे का लूटा हुआ माल उसके हाथ से छीना जा सकता है? या क्या ज़ालिम के क़ैदी उसके क़ब्ज़े से छूट सकते हैं? मुश्किल ही से।
Isai UrduGeoD 49:25  लेकिन रब फ़रमाता है, “यक़ीनन सूरमे का क़ैदी उसके हाथ से छीन लिया जाएगा और ज़ालिम का लूटा हुआ माल उसके क़ब्ज़े से छूट जाएगा। जो तुझसे झगड़े उसके साथ मैं ख़ुद झगड़ूँगा, मैं ही तेरे बच्चों को नजात दूँगा।
Isai UrduGeoD 49:26  जिन्होंने तुझ पर ज़ुल्म किया उन्हें मैं उनका अपना गोश्त खिलाऊँगा, उनका अपना ख़ून यों पिलाऊँगा कि वह उसे नई मै की तरह पी पीकर मस्त हो जाएंगे। तब तमाम इनसान जान लेंगे कि मैं रब तेरा नजातदहिंदा, तेरा छुड़ानेवाला और याक़ूब का ज़बरदस्त सूरमा हूँ।”
Chapter 50
Isai UrduGeoD 50:1  रब फ़रमाता है, “आओ, मुझे वह तलाक़नामा दिखाओ जो मैंने देकर तुम्हारी माँ को छोड़ दिया था। वह कहाँ है? या मुझे वह क़र्ज़ख़ाह दिखाओ जिसके हवाले मैंने तुम्हें अपना क़र्ज़ उतारने के लिए किया। वह कहाँ है? देखो, तुम्हें अपने ही गुनाहों के सबब से फ़रोख़्त किया गया, तुम्हारे अपने ही गुनाहों के सबब से तुम्हारी माँ को फ़ारिग़ कर दिया गया।
Isai UrduGeoD 50:2  जब मैं आया तो कोई नहीं था। क्या वजह? जब मैंने आवाज़ दी तो जवाब देनेवाला कोई नहीं था। क्यों? क्या मैं फ़िद्या देकर तुम्हें छुड़ाने के क़ाबिल न था? क्या मेरी इतनी ताक़त नहीं कि तुम्हें बचा सकूँ? मेरी तो एक ही धमकी से समुंदर ख़ुश्क हो जाता और दरिया रेगिस्तान बन जाते हैं। तब उनकी मछलियाँ पानी से महरूम होकर गल जाती हैं, और उनकी बदबू चारों तरफ़ फैल जाती है।
Isai UrduGeoD 50:3  मैं ही आसमान को तारीकी का जामा पहनाता, मैं ही उसे टाट के मातमी लिबास में लपेट देता हूँ।”
Isai UrduGeoD 50:4  रब क़ादिरे-मुतलक़ ने मुझे शागिर्द की-सी ज़बान अता की ताकि मैं वह कलाम जान लूँ जिससे थकामाँदा तक़वियत पाए। सुबह बसुबह वह मेरे कान को जगा देता है ताकि मैं शागिर्द की तरह सुन सकूँ।
Isai UrduGeoD 50:5  रब क़ादिरे-मुतलक़ ने मेरे कान को खोल दिया, और न मैं सरकश हुआ, न पीछे हट गया।
Isai UrduGeoD 50:6  मैंने मारनेवालों को अपनी पीठ और बाल नोचनेवालों को अपने गाल पेश किए। मैंने अपना चेहरा उनकी गालियों और थूक से न छुपाया।
Isai UrduGeoD 50:7  लेकिन रब क़ादिरे-मुतलक़ मेरी मदद करता है, इसलिए मेरी रुसवाई नहीं होगी। चुनाँचे मैंने अपना मुँह चक़माक़ की तरह सख़्त कर लिया है, क्योंकि मैं जानता हूँ कि मैं शरमिंदा नहीं हो जाऊँगा।
Isai UrduGeoD 50:8  जो मुझे रास्त ठहराता है वह क़रीब ही है। तो फिर कौन मेरे साथ झगड़ेगा? आओ, हम मिलकर अदालत में खड़े हो जाएँ। कौन मुझ पर इलज़ाम लगाने की जुर्रत करेगा? वह आकर मेरा सामना करे!
Isai UrduGeoD 50:9  रब क़ादिरे-मुतलक़ ही मेरी मदद करता है। तो फिर कौन मुझे मुजरिम ठहराएगा? यह तो सब पुराने कपड़े की तरह घिसकर फटेंगे, कीड़े उन्हें खा जाएंगे।
Isai UrduGeoD 50:10  तुममें से कौन रब का ख़ौफ़ मानता और उसके ख़ादिम की सुनता है? जब उसे रौशनी के बग़ैर अंधेरे में चलना पड़े तो वह रब के नाम पर भरोसा रखे और अपने ख़ुदा पर इनहिसार करे।
Isai UrduGeoD 50:11  लेकिन तुम बाक़ी लोग जो आग लगाकर अपने आपको जलते हुए तीरों से लैस करते हो, अपनी ही आग के शोलों में चले जाओ! ख़ुद उन तीरों की ज़द में आओ जो तुमने दूसरों के लिए जलाए हैं! मेरे हाथ से तुम्हें यही अज्र मिलेगा, तुम सख़्त अज़ियत का शिकार होकर ज़मीन पर तड़पते रहोगे।
Chapter 51
Isai UrduGeoD 51:1  “तुम जो रास्ती के पीछे लगे रहते, जो रब के तालिब हो, मेरी बात सुनो! उस चटान पर ध्यान दो जिसमें से तुम्हें तराशकर निकाला गया है, उस कान पर ग़ौर करो जिसमें से तुम्हें खोदा गया है।
Isai UrduGeoD 51:2  यानी अपने बाप इब्राहीम और अपनी माँ सारा पर तवज्जुह दो, जिसने दर्दे-ज़ह की तकलीफ़ उठाकर तुम्हें जन्म दिया। इब्राहीम बेऔलाद था जब मैंने उसे बुलाया, लेकिन फिर मैंने उसे बरकत देकर बहुत औलाद बख़्शी।”
Isai UrduGeoD 51:3  यक़ीनन रब सिय्यून को तसल्ली देगा। वह उसके तमाम खंडरात को तशफ़्फ़ी देकर उसके रेगिस्तान को बाग़े-अदन में और उस की बंजर ज़मीन को रब के बाग़ में बदल देगा। तब उसमें ख़ुशीओ-शादमानी पाई जाएगी, हर तरफ़ शुक्रगुज़ारी और गीतों की आवाज़ें सुनाई देंगी।
Isai UrduGeoD 51:4  “ऐ मेरी क़ौम, मुझ पर ध्यान दे! ऐ मेरी उम्मत, मुझ पर ग़ौर कर! क्योंकि हिदायत मुझसे सादिर होगी, और मेरा इनसाफ़ क़ौमों की रौशनी बनेगा।
Isai UrduGeoD 51:5  मेरी रास्ती क़रीब ही है, मेरी नजात रास्ते में है, और मेरा ज़ोरावर बाज़ू क़ौमों में इनसाफ़ क़ायम करेगा। जज़ीरे मुझसे उम्मीद रखेंगे, वह मेरी क़ुदरत देखने के इंतज़ार में रहेंगे।
Isai UrduGeoD 51:6  अपनी आँखें आसमान की तरफ़ उठाओ! नीचे ज़मीन पर नज़र डालो! आसमान धुएँ की तरह बिखर जाएगा, ज़मीन पुराने कपड़े की तरह घिसे-फटेगी और उसके बाशिंदे मच्छरों की तरह मर जाएंगे। लेकिन मेरी नजात अबद तक क़ायम रहेगी, और मेरी रास्ती कभी ख़त्म नहीं होगी।
Isai UrduGeoD 51:7  ऐ सहीह राह को जाननेवालो, ऐ क़ौम जिसके दिल में मेरी शरीअत है, मेरी बात सुनो! जब लोग तुम्हारी बेइज़्ज़ती करते हैं तो उनसे मत डरना, जब वह तुम्हें गालियाँ देते हैं तो मत घबराना।
Isai UrduGeoD 51:8  क्योंकि किरम उन्हें कपड़े की तरह खा जाएगा, कीड़ा उन्हें ऊन की तरह हज़म करेगा। लेकिन मेरी रास्ती अबद तक क़ायम रहेगी, मेरी नजात पुश्त-दर-पुश्त बरक़रार रहेगी।”
Isai UrduGeoD 51:9  ऐ रब के बाज़ू, उठ! जाग उठ और क़ुव्वत का जामा पहन ले! यों अमल में आ जिस तरह क़दीम ज़माने में आया था, जब तूने मुतअद्दिद नसलों पहले रहब को टुकड़े टुकड़े कर दिया, समुंदरी अज़दहे को छेद डाला।
Isai UrduGeoD 51:10  क्योंकि तू ही ने समुंदर को ख़ुश्क किया, तू ही ने गहराइयों की तह पर रास्ता बनाया ताकि वह जिन्हें तूने एवज़ाना देकर छुड़ाया था उसमें से गुज़र सकें।
Isai UrduGeoD 51:11  जिन्हें रब ने फ़िद्या देकर छुड़ाया है वह वापस आएँगे। वह शादियाना बजाकर सिय्यून में दाख़िल होंगे, और हर एक का सर अबदी ख़ुशी के ताज से आरास्ता होगा। क्योंकि ख़ुशी और शादमानी उन पर ग़ालिब आकर तमाम ग़म और आहो-ज़ारी भगा देगी।
Isai UrduGeoD 51:12  “मैं, सिर्फ़ मैं ही तुझे तसल्ली देता हूँ। तो फिर तू फ़ानी इनसान से क्यों डरती है, जो घास की तरह मुरझाकर ख़त्म हो जाता है?
Isai UrduGeoD 51:13  तू रब अपने ख़ालिक़ को क्यों भूल गई है, जिसने आसमान को ख़ैमे की तरह तान लिया और ज़मीन की बुनियाद रखी? जब ज़ालिम तुझे तबाह करने पर तुला रहता है तो तू उसके तैश से पूरे दिन क्यों ख़ौफ़ खाती रहती है? अब उसका तैश कहाँ रहा?
Isai UrduGeoD 51:14  जो ज़ंजीरों में जकड़ा हुआ है वह जल्द ही आज़ाद हो जाएगा। न वह मरकर क़ब्र में उतरेगा, न रोटी से महरूम रहेगा।
Isai UrduGeoD 51:15  क्योंकि मैं रब तेरा ख़ुदा हूँ जो समुंदर को यों हरकत में लाता है कि वह मुतलातिम होकर गरजने लगता है। रब्बुल-अफ़वाज मेरा नाम है।
Isai UrduGeoD 51:16  मैंने अपने अलफ़ाज़ तेरे मुँह में डालकर तुझे अपने हाथ के साय में छुपाए रखा है ताकि नए सिरे से आसमान को तानूँ, ज़मीन की बुनियादें रखूँ और सिय्यून को बताऊँ, ‘तू मेरी क़ौम है’।”
Isai UrduGeoD 51:17  ऐ यरूशलम, उठ! जाग उठ! ऐ शहर जिसने रब के हाथ से उसका ग़ज़ब भरा प्याला पी लिया है, खड़ी हो जा! अब तूने लड़खड़ा देनेवाले प्याले को आख़िरी क़तरे तक चाट लिया है।
Isai UrduGeoD 51:18  जितने भी बेटे तूने जन्म दिए उनमें से एक भी नहीं रहा जो तेरी राहनुमाई करे। जितने भी बेटे तूने पाले उनमें से एक भी नहीं जो तेरा हाथ पकड़कर तेरे साथ चले।
Isai UrduGeoD 51:19  तुझ पर दो आफ़तें आईं यानी बरबादीओ-तबाही, काल और तलवार। लेकिन किसने हमदर्दी का इज़हार किया? किसने तुझे तसल्ली दी?
Isai UrduGeoD 51:20  तेरे बेटे ग़श खाकर गिर गए हैं। हर गली में वह जाल में फँसे हुए ग़ज़ाल की तरह ज़मीन पर तड़प रहे हैं। क्योंकि रब का ग़ज़ब उन पर नाज़िल हुआ है, वह इलाही डाँट-डपट का निशाना बन गए हैं।
Isai UrduGeoD 51:21  चुनाँचे मेरी बात सुन, ऐ मुसीबतज़दा क़ौम, ऐ नशे में मत्वाली उम्मत, गो तू मै के असर से नहीं डगमगा रही।
Isai UrduGeoD 51:22  रब तेरा आक़ा जो तेरा ख़ुदा है और अपनी क़ौम के लिए लड़ता है वह फ़रमाता है, “देख, मैंने तेरे हाथ से वह प्याला दूर कर दिया जो तेरे लड़खड़ाने का सबब बना। आइंदा तू मेरा ग़ज़ब भरा प्याला नहीं पिएगी।
Isai UrduGeoD 51:23  अब मैं इसे उनको पकड़ा दूँगा जिन्होंने तुझे अज़ियत पहुँचाई है, जिन्होंने तुझसे कहा, ‘औंधे मुँह झुक जा ताकि हम तुझ पर से गुज़रें।’ उस वक़्त तेरी पीठ ख़ाक में धँसकर दूसरों के लिए रास्ता बन गई थी।”
Chapter 52
Isai UrduGeoD 52:1  ऐ सिय्यून, उठ, जाग उठ! अपनी ताक़त से मुलब्बस हो जा! ऐ मुक़द्दस शहर यरूशलम, अपने शानदार कपड़े से आरास्ता हो जा! आइंदा कभी भी ग़ैरमख़तून या नापाक शख़्स तुझमें दाख़िल नहीं होगा।
Isai UrduGeoD 52:2  ऐ यरूशलम, अपने आपसे गर्द झाड़कर खड़ी हो जा और तख़्त पर बैठ जा। ऐ गिरिफ़्तार की हुई सिय्यून बेटी, अपनी गरदन की ज़ंजीरों को खोलकर उनसे आज़ाद हो जा!
Isai UrduGeoD 52:3  क्योंकि रब फ़रमाता है, “तुम्हें मुफ़्त में बेचा गया, और अब तुम्हें पैसे दिए बग़ैर छुड़ाया जाएगा।”
Isai UrduGeoD 52:4  क्योंकि रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “क़दीम ज़माने में मेरी क़ौम मिसर चली गई ताकि वहाँ परदेस में रहे। बाद में असूर ने बिलावजह उस पर ज़ुल्म किया है।”
Isai UrduGeoD 52:5  रब फ़रमाता है, “अब जो ज़्यादती मेरी क़ौम से हो रही है उसका मेरे साथ क्या वास्ता है?” रब फ़रमाता है, “मेरी क़ौम तो मुफ़्त में छीन ली गई है, और उस पर हुकूमत करनेवाले शेख़ी मारकर पूरा दिन मेरे नाम पर कुफ़र बकते हैं।
Isai UrduGeoD 52:6  चुनाँचे मेरी क़ौम मेरे नाम को जान लेगी, उस दिन वह पहचान लेगी कि मैं ही वही हूँ जो फ़रमाता है, ‘मैं हाज़िर हूँ’!”
Isai UrduGeoD 52:7  उसके क़दम कितने प्यारे हैं जो पहाड़ों पर चलते हुए ख़ुशख़बरी सुनाता है। क्योंकि वह अमनो-अमान, ख़ुशी का पैग़ाम और नजात का एलान करेगा, वह सिय्यून से कहेगा, “तेरा ख़ुदा बादशाह है!”
Isai UrduGeoD 52:8  सुन! तेरे पहरेदार आवाज़ बुलंद कर रहे हैं, वह मिलकर ख़ुशी के नारे लगा रहे हैं। क्योंकि जब रब कोहे-सिय्यून पर वापस आएगा तो वह अपनी आँखों से इसका मुशाहदा करेंगे।
Isai UrduGeoD 52:9  ऐ यरूशलम के खंडरात, शादियाना बजाओ, ख़ुशी के गीत गाओ! क्योंकि रब ने अपनी क़ौम को तसल्ली दी है, उसने एवज़ाना देकर यरूशलम को छुड़ाया है।
Isai UrduGeoD 52:10  रब अपनी मुक़द्दस क़ुदरत तमाम अक़वाम पर ज़ाहिर करेगा, दुनिया की इंतहा तक सब हमारे ख़ुदा की नजात देखेंगे।
Isai UrduGeoD 52:11  जाओ, चले जाओ! वहाँ से निकल जाओ! किसी भी नापाक चीज़ को न छूना। जो रब का सामान उठाए चल रहे हैं वह वहाँ से निकलकर पाक-साफ़ रहें।
Isai UrduGeoD 52:12  लेकिन लाज़िम नहीं कि तुम भागकर रवाना हो जाओ। तुम्हें अचानक फ़रार होने की ज़रूरत नहीं होगी, क्योंकि रब तुम्हारे आगे भी चलेगा और तुम्हारे पीछे भी। यों इसराईल का ख़ुदा दोनों तरफ़ से तुम्हारी हिफ़ाज़त करेगा।
Isai UrduGeoD 52:13  देखो, मेरा ख़ादिम कामयाब होगा। वह सरबुलंद, मुमताज़ और बहुत सरफ़राज़ होगा।
Isai UrduGeoD 52:14  तुझे देखकर बहुतों के रोंगटे खड़े हो गए। क्योंकि उस की शक्ल इतनी ख़राब थी, उस की सूरत किसी भी इनसान से कहीं ज़्यादा बिगड़ी हुई थी।
Isai UrduGeoD 52:15  लेकिन अब बहुत-सी क़ौमें उसे देखकर हक्का-बक्का हो जाएँगी, बादशाह दम बख़ुद रह जाएंगे। क्योंकि जो कुछ उन्हें नहीं बताया गया उसे वह देखेंगे, और जो कुछ उन्होंने नहीं सुना उस की उन्हें समझ आएगी।
Chapter 53
Isai UrduGeoD 53:1  लेकिन कौन हमारे पैग़ाम पर ईमान लाया? और रब की क़ुदरत किस पर ज़ाहिर हुई?
Isai UrduGeoD 53:2  उसके सामने वह कोंपल की तरह फूट निकला, उस ताज़ा और मुलायम शिगूफे की तरह जो ख़ुश्क ज़मीन में छुपी हुई जड़ से निकलकर फलने फूलने लगती है। न वह ख़ूबसूरत था, न शानदार। हमने उसे देखा तो उस की शक्लो-सूरत में कुछ नहीं था जो हमें पसंद आता।
Isai UrduGeoD 53:3  उसे हक़ीर और मरदूद समझा जाता था। दुख और बीमारियाँ उस की साथी रहीं, और लोग यहाँ तक उस की तहक़ीर करते थे कि उसे देखकर अपना मुँह फेर लेते थे। हम उस की कुछ क़दर नहीं करते थे।
Isai UrduGeoD 53:4  लेकिन उसने हमारी ही बीमारियाँ उठा लीं, हमारा ही दुख भुगत लिया। तो भी हम समझे कि यह उस की मुनासिब सज़ा है, कि अल्लाह ने ख़ुद उसे मारकर ख़ाक में मिला दिया है।
Isai UrduGeoD 53:5  लेकिन उसे हमारे ही जरायम के सबब से छेदा गया, हमारे ही गुनाहों की ख़ातिर कुचला गया। उसे सज़ा मिली ताकि हमें सलामती हासिल हो, और उसी के ज़ख़मों से हमें शफ़ा मिली।
Isai UrduGeoD 53:6  हम सब भेड़-बकरियों की तरह आवारा फिर रहे थे, हर एक ने अपनी अपनी राह इख़्तियार की। लेकिन रब ने उसे हम सबके क़ुसूर का निशाना बनाया।
Isai UrduGeoD 53:7  उस पर ज़ुल्म हुआ, लेकिन उसने सब कुछ बरदाश्त किया और अपना मुँह न खोला, उस भेड़ की तरह जिसे ज़बह करने के लिए ले जाते हैं। जिस तरह लेला बाल कतरनेवालों के सामने ख़ामोश रहता है उसी तरह उसने अपना मुँह न खोला।
Isai UrduGeoD 53:8  उसे ज़ुल्म और अदालत के हाथ से छीन लिया गया। उस के दौर के लोग—किस ने ध्यान दिया कि उसका ज़िंदों के मुल्क से ताल्लुक़ कट गया, कि वह मेरी क़ौम के जुर्म के सबब से सज़ा का निशाना बन गया?
Isai UrduGeoD 53:9  मुक़र्रर यह हुआ कि उस की क़ब्र बेदीनों के पास हो, कि वह मरते वक़्त एक अमीर के पास दफ़नाया जाए, गो न उसने तशद्दुद किया, न उसके मुँह में फ़रेब था।
Isai UrduGeoD 53:10  रब ही की मरज़ी थी कि उसे कुचले, उसे दुख पहुँचाए। लेकिन जब वह अपनी जान को क़ुसूर की क़ुरबानी के तौर पर देगा तो वह अपने फ़रज़ंदों को देखेगा, अपने दिनों में इज़ाफ़ा करेगा। हाँ, वह रब की मरज़ी को पूरा करने में कामयाब होगा।
Isai UrduGeoD 53:11  इतनी तकलीफ़ बरदाश्त करने के बाद उसे फल नज़र आएगा, और वह सेर हो जाएगा। अपने इल्म से मेरा रास्त ख़ादिम बहुतों का इनसाफ़ क़ायम करेगा, क्योंकि वह उनके गुनाहों को अपने ऊपर उठाकर दूर कर देगा।
Isai UrduGeoD 53:12  इसलिए मैं उसे बड़ों में हिस्सा दूँगा, और वह ज़ोरावरों के साथ लूट का माल तक़सीम करेगा। क्योंकि उसने अपनी जान को मौत के हवाले कर दिया, और उसे मुजरिमों में शुमार किया गया। हाँ, उसने बहुतों का गुनाह उठाकर दूर कर दिया और मुजरिमों की शफ़ाअत की।
Chapter 54
Isai UrduGeoD 54:1  रब फ़रमाता है, “ख़ुशी के नारे लगा, तू जो बेऔलाद है, जो बच्चे को जन्म ही नहीं दे सकती। बुलंद आवाज़ से शादियाना बजा, तू जिसे पैदाइश का दर्द न हुआ। क्योंकि अब तर्क की हुई औरत के बच्चे शादीशुदा औरत के बच्चों से ज़्यादा हैं।
Isai UrduGeoD 54:2  अपने ख़ैमे को बड़ा बना, उसके परदे हर तरफ़ बिछा! बचत मत करना! ख़ैमे के रस्से लंबे लंबे करके मेख़ें मज़बूती से ज़मीन में ठोंक दे।
Isai UrduGeoD 54:3  क्योंकि तू तेज़ी से दाईं और बाईं तरफ़ फैल जाएगी, और तेरी औलाद दीगर क़ौमों पर क़ब्ज़ा करके तबाहशुदा शहरों को अज़ सरे-नौ आबाद करेगी।
Isai UrduGeoD 54:4  मत डरना, तेरी रुसवाई नहीं होगी। शर्मसार न हो, तेरी बेहुरमती नहीं होगी। अब तू अपनी जवानी की शरमिंदगी भूल जाएगी, तेरे ज़हन से बेवा होने की ज़िल्लत उतर जाएगी।
Isai UrduGeoD 54:5  क्योंकि तेरा ख़ालिक़ तेरा शौहर है, रब्बुल-अफ़वाज उसका नाम है, और तेरा छुड़ानेवाला इसराईल का क़ुद्दूस है, जो पूरी दुनिया का ख़ुदा कहलाता है।”
Isai UrduGeoD 54:6  तेरा ख़ुदा फ़रमाता है, “तू मतरूका और दिल से मजरूह बीवी की मानिंद है, उस औरत की मानिंद जिसके शौहर ने उसे रद्द किया, गो उस की शादी उस वक़्त हुई जब कुँवारी ही थी। लेकिन अब मैं, रब ने तुझे बुलाया है।
Isai UrduGeoD 54:7  एक ही लमहे के लिए मैंने तुझे तर्क किया, लेकिन अब बड़े रहम से तुझे जमा करूँगा।
Isai UrduGeoD 54:8  मैंने अपने ग़ज़ब का पूरा ज़ोर तुझ पर नाज़िल करके पल-भर के लिए अपना चेहरा तुझसे छुपा लिया, लेकिन अब अबदी शफ़क़त से तुझ पर रहम करूँगा।” रब तेरा छुड़ानेवाला यह फ़रमाता है।
Isai UrduGeoD 54:9  “बड़े सैलाब के बाद मैंने नूह से क़सम खाई थी कि आइंदा सैलाब कभी पूरी ज़मीन पर नहीं आएगा। इसी तरह अब मैं क़सम खाकर वादा करता हूँ कि आइंदा न मैं कभी तुझसे नाराज़ हूँगा, न तुझे मलामत करूँगा।
Isai UrduGeoD 54:10  गो पहाड़ हट जाएँ और पहाड़ियाँ जुंबिश खाएँ, लेकिन मेरी शफ़क़त तुझ पर से कभी नहीं हटेगी, मेरा सलामती का अहद कभी नहीं हिलेगा।” यह रब का फ़रमान है जो तुझ पर तरस खाता है।
Isai UrduGeoD 54:11  “बेचारी बेटी यरूशलम! शदीद तूफ़ान तुझ पर से गुज़र गए हैं, और कोई नहीं है जो तुझे तसल्ली दे। देख, मैं तेरी दीवारों के पत्थर मज़बूत चूने से जोड़ दूँगा और तेरी बुनियादों को संगे-लाजवर्द से रख दूँगा।
Isai UrduGeoD 54:12  मैं तेरी दीवारों को याक़ूत, तेरे दरवाज़ों को आबे-बहर और तेरी तमाम फ़सील को क़ीमती जवाहर से तामीर करूँगा।
Isai UrduGeoD 54:13  तेरे तमाम फ़रज़ंद रब से तालीम पाएँगे, और तेरी औलाद की सलामती अज़ीम होगी।
Isai UrduGeoD 54:14  तुझे इनसाफ़ की मज़बूत बुनियाद पर रखा जाएगा, चुनाँचे दूसरों के ज़ुल्म से दूर रह, क्योंकि डरने की ज़रूरत नहीं होगी। दहशतज़दा न हो, क्योंकि दहशत खाने का सबब तेरे क़रीब नहीं आएगा।
Isai UrduGeoD 54:15  अगर कोई तुझ पर हमला करे भी तो यह मेरी तरफ़ से नहीं होगा, इसलिए हर हमलाआवर शिकस्त खाएगा।
Isai UrduGeoD 54:16  देख, मैं ही उस लोहार का ख़ालिक़ हूँ जो हवा देकर कोयलों को दहका देता है ताकि काम के लिए मौज़ूँ हथियार बना ले। और मैं ही ने तबाह करनेवाले को ख़लक़ किया ताकि वह बरबादी का काम अंजाम दे।
Isai UrduGeoD 54:17  चुनाँचे जो भी हथियार तुझ पर हमला करने के लिए तैयार हो जाए वह नाकाम होगा, और जो भी ज़बान तुझ पर इलज़ाम लगाए उसे तू मुजरिम साबित करेगी। यही रब के ख़ादिमों का मौरूसी हिस्सा है, मैं ही उनकी रास्तबाज़ी बरक़रार रखूँगा।” रब ख़ुद यह फ़रमाता है।
Chapter 55
Isai UrduGeoD 55:1  “क्या तुम प्यासे हो? आओ, सब पानी के पास आओ! क्या तुम्हारे पास पैसे नहीं? इधर आओ, सौदा ख़रीदकर खाना खाओ। यहाँ की मै और दूध मुफ़्त है। आओ, उसे पैसे दिए बग़ैर ख़रीदो।
Isai UrduGeoD 55:2  उस पर पैसे क्यों ख़र्च करते हो जो रोटी नहीं है? जो सेर नहीं करता उसके लिए मेहनत-मशक़्क़त क्यों करते हो? सुनो, सुनो मेरी बात! फिर तुम अच्छी ख़ुराक खाओगे, बेहतरीन खाने से लुत्फ़अंदोज़ होगे।
Isai UrduGeoD 55:3  कान लगाकर मेरे पास आओ! सुनो तो जीते रहोगे। मैं तुम्हारे साथ अबदी अहद बाँधूँगा, तुम्हें उन अनमिट मेहरबानियों से नवाज़ूँगा जिनका वादा दाऊद से किया था।
Isai UrduGeoD 55:4  देख, मैंने मुक़र्रर किया कि वह अक़वाम के सामने मेरा गवाह हो, कि अक़वाम का रईस और हुक्मरान हो।
Isai UrduGeoD 55:5  देख, तू ऐसी क़ौम को बुलाएगा जिसे तू नहीं जानता, और तुझसे नावाक़िफ़ क़ौम रब तेरे ख़ुदा की ख़ातिर तेरे पास दौड़ी चली आएगी। क्योंकि जो इसराईल का क़ुद्दूस है उसने तुझे शानो-शौकत अता की है।”
Isai UrduGeoD 55:6  अभी रब को तलाश करो जबकि उसे पाया जा सकता है। अभी उसे पुकारो जबकि वह क़रीब ही है।
Isai UrduGeoD 55:7  बेदीन अपनी बुरी राह और शरीर अपने बुरे ख़यालात छोड़े। वह रब के पास वापस आए तो वह उस पर रहम करेगा। वह हमारे ख़ुदा के पास वापस आए, क्योंकि वह फ़राख़दिली से मुआफ़ कर देता है।
Isai UrduGeoD 55:8  क्योंकि रब फ़रमाता है, “मेरे ख़यालात और तुम्हारे ख़यालात में और मेरी राहों और तुम्हारी राहों में बड़ा फ़रक़ है।
Isai UrduGeoD 55:9  जितना आसमान ज़मीन से ऊँचा है उतनी ही मेरी राहें तुम्हारी राहों और मेरे ख़यालात तुम्हारे ख़यालात से बुलंद हैं।
Isai UrduGeoD 55:10  बारिश और बर्फ़ पर ग़ौर करो! ज़मीन पर पड़ने के बाद यह ख़ाली हाथ वापस नहीं आती बल्कि ज़मीन को यों सेराब करती है कि पौदे फूटने और फलने फूलने लगते हैं बल्कि पकते पकते बीज बोनेवाले को बीज और भूके को रोटी मुहैया करते हैं।
Isai UrduGeoD 55:11  मेरे मुँह से निकला हुआ कलाम भी ऐसा ही है। वह ख़ाली हाथ वापस नहीं आएगा बल्कि मेरी मरज़ी पूरी करेगा और उसमें कामयाब होगा जिसके लिए मैंने उसे भेजा था।
Isai UrduGeoD 55:12  क्योंकि तुम ख़ुशी से निकलोगे, तुम्हें सलामती से लाया जाएगा। पहाड़ और पहाड़ियाँ तुम्हारे आने पर बाग़ बाग़ होकर शादियाना बजाएँगी, और मैदान के तमाम दरख़्त तालियाँ बजाएंगे।
Isai UrduGeoD 55:13  काँटेदार झाड़ी की बजाए जूनीपर का दरख़्त उगेगा, और बिच्छूबूटी की बजाए मेहँदी फले-फूलेगी। यों रब के नाम को जलाल मिलेगा, और उस की क़ुदरत का अबदी और अनमिट निशान क़ायम होगा।”
Chapter 56
Isai UrduGeoD 56:1  रब फ़रमाता है, “इनसाफ़ को क़ायम रखो और वह कुछ किया करो जो रास्त है, क्योंकि मेरी नजात क़रीब ही है, और मेरी रास्ती ज़ाहिर होने को है।
Isai UrduGeoD 56:2  मुबारक है वह जो यों रास्ती से लिपटा रहे। मुबारक है वह जो सबत के दिन की बेहुरमती न करे बल्कि उसे मनाए, जो हर बुरे काम से गुरेज़ करे।”
Isai UrduGeoD 56:3  जो परदेसी रब का पैरोकार हो गया है वह न कहे कि बेशक रब मुझे अपनी क़ौम से अलग कर रखेगा। ख़्वाजासरा भी न सोचे कि हाय, मैं सूखा हुआ दरख़्त ही हूँ!
Isai UrduGeoD 56:4  क्योंकि रब फ़रमाता है, “जो ख़्वाजासरा मेरे सबत के दिन मनाएँ, ऐसे क़दम उठाएँ जो मुझे पसंद हों और मेरे अहद के साथ लिपटे रहें वह बेफ़िकर रहें।
Isai UrduGeoD 56:5  क्योंकि मैं उन्हें अपने घर और उस की चारदीवारी में ऐसी यादगार और ऐसा नाम अता करूँगा जो बेटे-बेटियाँ मिलने से कहीं बेहतर होगा। और जो नाम मैं उन्हें दूँगा वह अबदी होगा, वह कभी नहीं मिटने का।
Isai UrduGeoD 56:6  वह परदेसी भी बेफ़िकर रहें जो रब के पैरोकार बनकर उस की ख़िदमत करना चाहते, जो रब का नाम अज़ीज़ रखकर उस की इबादत करते, जो सबत के दिन की बेहुरमती नहीं करते बल्कि उसे मनाते और जो मेरे अहद के साथ लिपटे रहते हैं।
Isai UrduGeoD 56:7  क्योंकि मैं उन्हें अपने मुक़द्दस पहाड़ के पास लाकर अपने दुआ के घर में ख़ुशी दिलाऊँगा। जब वह मेरी क़ुरबानगाह पर अपनी भस्म होनेवाली और ज़बह की क़ुरबानियाँ चढ़ाएँगे तो वह मुझे पसंद आएँगी। क्योंकि मेरा घर तमाम क़ौमों के लिए दुआ का घर कहलाएगा।”
Isai UrduGeoD 56:8  रब क़ादिरे-मुतलक़ जो इसराईल की बिखरी हुई क़ौम जमा कर रहा है फ़रमाता है, “उनमें जो इकट्ठे हो चुके हैं मैं और भी जमा कर दूँगा।”
Isai UrduGeoD 56:9  ऐ मैदान के तमाम हैवानो, आओ! ऐ जंगल के तमाम जानवरो, आकर खाओ!
Isai UrduGeoD 56:10  इसराईल के पहरेदार अंधे हैं, सबके सब कुछ भी नहीं जानते। सबके सब बहरे कुत्ते हैं जो भौंक ही नहीं सकते। फ़र्श पर लेटे हुए वह अच्छे अच्छे ख़ाब देखते रहते हैं। ऊँघना उन्हें कितना पसंद है!
Isai UrduGeoD 56:11  लेकिन यह कुत्ते लालची भी हैं और कभी सेर नहीं होते, हालाँकि गल्लाबान कहलाते हैं। वह समझ से ख़ाली हैं, और हर एक अपनी अपनी राह पर ध्यान देकर अपने ही नफ़ा की तलाश में रहता है।
Isai UrduGeoD 56:12  हर एक आवाज़ देता है, “आओ, मैं मै ले आता हूँ! आओ, हम जी भरकर शराब पी लें। और कल भी आज की तरह हो बल्कि इससे भी ज़्यादा रौनक़ हो!”
Chapter 57
Isai UrduGeoD 57:1  रास्तबाज़ हलाक हो जाता है, लेकिन किसी को परवा नहीं। दियानतदार दुनिया से छीन लिए जाते हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं देता। कोई नहीं समझता कि रास्तबाज़ को बुराई से बचने के लिए छीन लिया जाता है।
Isai UrduGeoD 57:2  क्योंकि उस की मनज़िले-मक़सूद सलामती है। सीधी राह पर चलनेवाले मरते वक़्त पाँव फैलाकर आराम करते हैं।
Isai UrduGeoD 57:3  “लेकिन ऐ जादूगरनी की औलाद, ज़िनाकार और फ़ह्हाशी के बच्चो, इधर आओ!
Isai UrduGeoD 57:4  तुम किसका मज़ाक़ उड़ा रहे हो, किस पर ज़बान चलाकर मुँह चिड़ाते हो? तुम मुजरिमों और धोकेबाज़ों के ही बच्चे हो!
Isai UrduGeoD 57:5  तुम बलूत बल्कि हर घने दरख़्त के साय में मस्ती में आ जाते हो, वादियों और चटानों के शिगाफ़ों में अपने बच्चों को ज़बह करते हो।
Isai UrduGeoD 57:6  वादियों के रगड़े हुए पत्थर तेरा हिस्सा और तेरा मुक़द्दर बन गए हैं। क्योंकि उन्हीं को तूने मै और ग़ल्ला की नज़रें पेश कीं। इसके मद्दे-नज़र मैं अपना फ़ैसला क्यों बदलूँ?
Isai UrduGeoD 57:7  तूने अपना बिस्तर ऊँचे पहाड़ पर लगाया, उस पर चढ़कर अपनी क़ुरबानियाँ पेश कीं।
Isai UrduGeoD 57:8  अपने घर के दरवाज़े और चौखट के पीछे तूने अपनी बुतपरस्ती के निशान लगाए। मुझे तर्क करके तू अपना बिस्तर बिछाकर उस पर लेट गई। तूने उसे इतना बड़ा बना दिया कि दूसरे भी उस पर लेट सकें। फिर तूने इसमतफ़रोशी के पैसे मुक़र्रर किए। उनकी सोहबत तुझे कितनी प्यारी थी, उनकी बरहनगी से तू कितना लुत्फ़ उठाती थी!
Isai UrduGeoD 57:9  तू कसरत का तेल और ख़ुशबूदार क्रीम लेकर मलिक देवता के पास गई। तूने अपने क़ासिदों को दूर दूर बल्कि पाताल तक भेज दिया।
Isai UrduGeoD 57:10  गो तू सफ़र करते करते बहुत थक गई तो भी तूने कभी न कहा, ‘फ़ज़ूल है!’ अब तक तुझे तक़वियत मिलती रही, इसलिए तू निढाल न हुई।
Isai UrduGeoD 57:11  तुझे किससे इतना ख़ौफ़ो-हिरास था कि तूने झूट बोलकर न मुझे याद किया, न परवा की? ऐसा ही है ना, तू इसलिए मेरा ख़ौफ़ नहीं मानती कि मैं ख़ामोश और छुपा रहा।
Isai UrduGeoD 57:12  लेकिन मैं लोगों पर तेरी नाम-निहाद रास्तबाज़ी और तेरे काम ज़ाहिर करूँगा। यक़ीनन यह तेरे लिए मुफ़ीद नहीं होंगे।
Isai UrduGeoD 57:13  आ, मदद के लिए आवाज़ दे! देखते हैं कि तेरे बुतों का मजमुआ तुझे बचा सकेगा कि नहीं। लेकिन ऐसा नहीं होगा बल्कि उन्हें हवा उठा ले जाएगी, एक फूँक उन्हें उड़ा देगी। लेकिन जो मुझ पर भरोसा रखे वह मुल्क को मीरास में पाएगा, मुक़द्दस पहाड़ उस की मौरूसी मिलकियत बनेगा।”
Isai UrduGeoD 57:14  अल्लाह फ़रमाता है, “रास्ता बनाओ, रास्ता बनाओ! उसे साफ़-सुथरा करके हर रुकावट दूर करो ताकि मेरी क़ौम आ सके।”
Isai UrduGeoD 57:15  क्योंकि जो अज़ीम और सरबुलंद है, जो अबद तक तख़्तनशीन और जिसका नाम क़ुद्दूस है वह फ़रमाता है, “मैं न सिर्फ़ बुलंदियों के मक़दिस में बल्कि शिकस्ताहाल और फ़रोतन रूह के साथ भी सुकूनत करता हूँ ताकि फ़रोतन की रूह और शिकस्ताहाल के दिल को नई ज़िंदगी बख़्शूँ।
Isai UrduGeoD 57:16  क्योंकि मैं हमेशा तक उनके साथ नहीं झगड़ूँगा, अबद तक नाराज़ नहीं रहूँगा। वरना उनकी रूह मेरे हुज़ूर निढाल हो जाती, उन लोगों की जान जिन्हें मैंने ख़ुद ख़लक़ किया।
Isai UrduGeoD 57:17  मैं इसराईल का नाजायज़ मनाफ़े देखकर तैश में आया और उसे सज़ा देकर अपना मुँह छुपाए रखा। तो भी वह अपने दिल की बरगश्ता राहों पर चलता रहा।
Isai UrduGeoD 57:18  लेकिन गो मैं उसके चाल-चलन से वाक़िफ़ हूँ मैं उसे फिर भी शफ़ा दूँगा, उस की राहनुमाई करके उसे दुबारा तसल्ली दूँगा। और उसके जितने लोग मातम कर रहे हैं
Isai UrduGeoD 57:19  उनके लिए मैं होंटों का फल पैदा करूँगा।” क्योंकि रब फ़रमाता है, “उनकी सलामती हो जो दूर हैं और उनकी जो क़रीब हैं। मैं ही उन्हें शफ़ा दूँगा।”
Isai UrduGeoD 57:20  लेकिन बेदीन मुतलातिम समुंदर की मानिंद हैं जो थम नहीं सकता और जिसकी लहरें गंद और कीचड़ उछालती रहती हैं।
Isai UrduGeoD 57:21  मेरा ख़ुदा फ़रमाता है, “बेदीन सलामती नहीं पाएँगे।
Chapter 58
Isai UrduGeoD 58:1  गला फाड़कर आवाज़ दे, रुक रुककर बात न कर! नरसिंगे की-सी बुलंद आवाज़ के साथ मेरी क़ौम को उस की सरकशी सुना, याक़ूब के घराने को उसके गुनाहों की फ़हरिस्त बयान कर।
Isai UrduGeoD 58:2  रोज़ बरोज़ वह मेरी मरज़ी दरियाफ़्त करते हैं। हाँ, वह मेरी राहों को जानने के शौक़ीन हैं, उस क़ौम की मानिंद जिसने अपने ख़ुदा के अहकाम को तर्क नहीं किया बल्कि रास्तबाज़ है। चुनाँचे वह मुझसे मुंसिफ़ाना फ़ैसले माँगकर ज़ाहिरन अल्लाह की क़ुरबत से लुत्फ़अंदोज़ होते हैं।
Isai UrduGeoD 58:3  वह शिकायत करते हैं, ‘जब हम रोज़ा रखते हैं तो तू तवज्जुह क्यों नहीं देता? जब हम अपने आपको ख़ाकसार बनाकर इंकिसारी का इज़हार करते हैं तो तू ध्यान क्यों नहीं देता?’ सुनो! रोज़ा रखते वक़्त तुम अपना कारोबार मामूल के मुताबिक़ चलाकर अपने मज़दूरों को दबाए रखते हो।
Isai UrduGeoD 58:4  न सिर्फ़ यह बल्कि तुम रोज़ा रखने के साथ साथ झगड़ते और लड़ते भी हो। तुम एक दूसरे को शरारत के मुक्के मारने से भी नहीं चूकते। यह कैसी बात है? अगर तुम यों रोज़ा रखो तो इसकी तवक़्क़ो नहीं कर सकते कि तुम्हारी बात आसमान तक पहुँचे।
Isai UrduGeoD 58:5  क्या मुझे इस क़िस्म का रोज़ा पसंद है? क्या यह काफ़ी है कि बंदा अपने आपको कुछ देर के लिए ख़ाकसार बनाकर इंकिसारी का इज़हार करे? कि वह अपने सर को आबी नरसल की तरह झुकाकर टाट और राख में लेट जाए? क्या तुम वाक़ई समझते हो कि यह रोज़ा है, कि ऐसा वक़्त रब को पसंद है?
Isai UrduGeoD 58:6  यह किस तरह हो सकता है? जो रोज़ा मैं पसंद करता हूँ वह फ़रक़ है। हक़ीक़ी रोज़ा यह है कि तू बेइनसाफ़ी की ज़ंजीरों में जकड़े हुओं को रिहा करे, मज़लूमों का जुआ हटाए, कुचले हुओं को आज़ाद करे, हर जुए को तोड़े,
Isai UrduGeoD 58:7  भूके को अपने खाने में शरीक करे, बेघर मुसीबतज़दा को पनाह दे, बरहना को कपड़े पहनाए और अपने रिश्तेदार की मदद करने से गुरेज़ न करे!
Isai UrduGeoD 58:8  अगर तू ऐसा करे तो तू सुबह की पहली किरणों की तरह चमक उठेगा, और तेरे ज़ख़म जल्द ही भरेंगे। तब तेरी रास्तबाज़ी तेरे आगे आगे चलेगी, और रब का जलाल तेरे पीछे तेरी हिफ़ाज़त करेगा।
Isai UrduGeoD 58:9  तब तू फ़रियाद करेगा और रब जवाब देगा। जब तू मदद के लिए पुकारेगा तो वह फ़रमाएगा, ‘मैं हाज़िर हूँ।’ अपने दरमियान दूसरों पर जुआ डालने, उँगलियाँ उठाने और दूसरों की बदनामी करने का सिलसिला ख़त्म कर!
Isai UrduGeoD 58:10  भूके को अपनी रोटी दे और मज़लूमों की ज़रूरियात पूरी कर! फिर तेरी रौशनी अंधेरे में चमक उठेगी और तेरी रात दोपहर की तरह रौशन होगी।
Isai UrduGeoD 58:11  रब हमेशा तेरी क़ियादत करेगा, वह झुलसते हुए इलाक़ों में भी तेरी जान की ज़रूरियात पूरी करेगा और तेरे आज़ा को तक़वियत देगा। तब तू सेराब बाग़ की मानिंद होगा, उस चश्मे की मानिंद जिसका पानी कभी ख़त्म नहीं होता।
Isai UrduGeoD 58:12  तेरे लोग क़दीम खंडरात को नए सिरे से तामीर करेंगे। जो बुनियादें गुज़री नसलों ने रखी थीं उन्हें तू दुबारा रखेगा। तब तू ‘रख़ने को बंद करनेवाला’ और ‘गलियों को दुबारा रहने के क़ाबिल बनानेवाला’ कहलाएगा।
Isai UrduGeoD 58:13  सबत के दिन अपने पैरों को काम करने से रोक। मेरे मुक़द्दस दिन के दौरान कारोबार मत करना बल्कि उसे ‘राहतबख़्श’ और ‘मुअज़्ज़ज़’ क़रार दे। उस दिन न मामूल की राहों पर चल, न अपने कारोबार चला, न ख़ाली गप्पें हाँक। यों तू सबत का सहीह एहतराम करेगा।
Isai UrduGeoD 58:14  तब रब तेरी राहत का मंबा होगा, और मैं तुझे रथ में बिठाकर मुल्क की बुलंदियों पर से गुज़रने दूँगा, तुझे तेरे बाप याक़ूब की मीरास में से सेर करूँगा।” रब के मुँह ने यह फ़रमाया है।
Chapter 59
Isai UrduGeoD 59:1  यक़ीनन रब का बाज़ू छोटा नहीं कि वह बचा न सके, उसका कान बहरा नहीं कि सुन न सके।
Isai UrduGeoD 59:2  हक़ीक़त में तुम्हारे बुरे कामों ने तुम्हें उससे अलग कर दिया, तुम्हारे गुनाहों ने उसका चेहरा तुमसे छुपाए रखा, इसलिए वह तुम्हारी नहीं सुनता।
Isai UrduGeoD 59:3  क्योंकि तुम्हारे हाथ ख़ूनआलूदा, तुम्हारी उँगलियाँ गुनाह से नापाक हैं। तुम्हारे होंट झूट बोलते और तुम्हारी ज़बान शरीर बातें फुसफुसाती है।
Isai UrduGeoD 59:4  अदालत में कोई मुंसिफ़ाना मुक़दमा नहीं चलाता, कोई सच्चे दलायल पेश नहीं करता। लोग सच्चाई से ख़ाली बातों पर एतबार करके झूट बोलते हैं, वह बदकारी से हामिला होकर बेदीनी को जन्म देते हैं।
Isai UrduGeoD 59:5  वह ज़हरीले साँपों के अंडों पर बैठ जाते हैं ताकि बच्चे निकलें। जो उनके अंडे खाए वह मर जाता है, और अगर उनके अंडे दबाए तो ज़हरीला साँप निकल आता है। यह लोग मकड़ी के जाले तान लेते हैं, ऐसा कपड़ा जो पहनने के लिए बेकार है। अपने हाथों के बनाए हुए इस कपड़े से वह अपने आपको ढाँप नहीं सकते। उनके आमाल बुरे ही हैं, उनके हाथ तशद्दुद ही करते हैं।
Isai UrduGeoD 59:6  वह ज़हरीले साँपों के अंडों पर बैठ जाते हैं ताकि बच्चे निकलें। जो उनके अंडे खाए वह मर जाता है, और अगर उनके अंडे दबाए तो ज़हरीला साँप निकल आता है। यह लोग मकड़ी के जाले तान लेते हैं, ऐसा कपड़ा जो पहनने के लिए बेकार है। अपने हाथों के बनाए हुए इस कपड़े से वह अपने आपको ढाँप नहीं सकते। उनके आमाल बुरे ही हैं, उनके हाथ तशद्दुद ही करते हैं।
Isai UrduGeoD 59:7  जहाँ भी ग़लत काम करने का मौक़ा मिले वहाँ उनके पाँव भागकर पहुँच जाते हैं। वह बेक़ुसूर को क़त्ल करने के लिए तैयार रहते हैं। उनके ख़यालात शरीर ही हैं, अपने पीछे वह तबाहीओ-बरबादी छोड़ जाते हैं।
Isai UrduGeoD 59:8  न वह सलामती की राह जानते हैं, न उनके रास्तों में इनसाफ़ पाया जाता है। क्योंकि उन्होंने उन्हें टेढ़ा-मेढ़ा बना रखा है, और जो भी उन पर चले वह सलामती को नहीं जानता।
Isai UrduGeoD 59:9  इसी लिए इनसाफ़ हमसे दूर है, रास्ती हम तक पहुँचती नहीं। हम रौशनी के इंतज़ार में रहते हैं, लेकिन अफ़सोस, अंधेरा ही अंधेरा नज़र आता है। हम आबो-ताब की उम्मीद रखते हैं, लेकिन अफ़सोस, जहाँ भी चलते हैं वहाँ घनी तारीकी छाई रहती है।
Isai UrduGeoD 59:10  हम अंधों की तरह दीवार को हाथ से छू छूकर रास्ता मालूम करते हैं, आँखों से महरूम लोगों की तरह टटोल टटोलकर आगे बढ़ते हैं। दोपहर के वक़्त भी हम ठोकर खा खाकर यों फिरते हैं जैसे धुँधलका हो। गो हम तनआवर लोगों के दरमियान रहते हैं, लेकिन ख़ुद मुरदों की मानिंद हैं।
Isai UrduGeoD 59:11  हम सब निढाल हालत में रीछों की तरह ग़ुर्राते, कबूतरों की मानिंद ग़ूँ ग़ूँ करते हैं। हम इनसाफ़ के इंतज़ार में रहते हैं, लेकिन बेसूद। हम नजात की उम्मीद रखते हैं, लेकिन वह हमसे दूर ही रहती है।
Isai UrduGeoD 59:12  क्योंकि हमारे मुतअद्दिद जरायम तेरे सामने हैं, और हमारे गुनाह हमारे ख़िलाफ़ गवाही देते हैं। हमें मुतवातिर अपने जरायम का एहसास है, हम अपने गुनाहों से ख़ूब वाक़िफ़ हैं।
Isai UrduGeoD 59:13  हम मानते हैं कि रब से बेवफ़ा रहे बल्कि उसका इनकार भी किया है। हमने अपना मुँह अपने ख़ुदा से फेरकर ज़ुल्म और धोके की बातें फैलाई हैं। हमारे दिलों में झूट का बीज बढ़ते बढ़ते मुँह में से निकला।
Isai UrduGeoD 59:14  नतीजे में इनसाफ़ पीछे हट गया, और रास्ती दूर खड़ी रहती है। सच्चाई चौक में ठोकर खाकर गिर गई है, और दियानतदारी दाख़िल ही नहीं हो सकती।
Isai UrduGeoD 59:15  चुनाँचे सच्चाई कहीं भी पाई नहीं जाती, और ग़लत काम से गुरेज़ करनेवाले को लूटा जाता है। यह सब कुछ रब को नज़र आया, और वह नाख़ुश था कि इनसाफ़ नहीं है।
Isai UrduGeoD 59:16  उसने देखा कि कोई नहीं है, वह हैरान हुआ कि मुदाख़लत करनेवाला कोई नहीं है। तब उसके ज़ोरावर बाज़ू ने उस की मदद की, और उस की रास्ती ने उसको सहारा दिया।
Isai UrduGeoD 59:17  रास्ती के ज़िरा-बकतर से मुलब्बस होकर उसने सर पर नजात का ख़ोद रखा, इंतक़ाम का लिबास पहनकर उसने ग़ैरत की चादर ओढ़ ली।
Isai UrduGeoD 59:18  हर एक को वह उसका मुनासिब मुआवज़ा देगा। वह मुख़ालिफ़ों पर अपना ग़ज़ब नाज़िल करेगा और दुश्मनों से बदला लेगा बल्कि जज़ीरों को भी उनकी हरकतों का अज्र देगा।
Isai UrduGeoD 59:19  तब इनसान मग़रिब में रब के नाम का ख़ौफ़ मानेंगे और मशरिक़ में उसे जलाल देंगे। क्योंकि वह रब की फूँक से चलाए हुए ज़ोरदार सैलाब की तरह उन पर टूट पड़ेगा।
Isai UrduGeoD 59:20  रब फ़रमाता है, “छुड़ानेवाला कोहे-सिय्यून पर आएगा। वह याक़ूब के उन फ़रज़ंदों के पास आएगा जो अपने गुनाहों को छोड़कर वापस आएँगे।”
Isai UrduGeoD 59:21  रब फ़रमाता है, “जहाँ तक मेरा ताल्लुक़ है, उनके साथ मेरा यह अहद है : मेरा रूह जो तुझ पर ठहरा हुआ है और मेरे अलफ़ाज़ जो मैंने तेरे मुँह में डाले हैं वह अब से अबद तक न तेरे मुँह से, न तेरी औलाद के मुँह से और न तेरी औलाद की औलाद से हटेंगे।” यह रब का फ़रमान है।
Chapter 60
Isai UrduGeoD 60:1  “उठ, खड़ी होकर चमक उठ! क्योंकि तेरा नूर आ गया है, और रब का जलाल तुझ पर तुलू हुआ है।
Isai UrduGeoD 60:2  क्योंकि गो ज़मीन पर तारीकी छाई हुई है और अक़वाम घने अंधेरे में रहती हैं, लेकिन तुझ पर रब का नूर तुलू हो रहा है, और उसका जलाल तुझ पर ज़ाहिर हो रहा है।
Isai UrduGeoD 60:3  अक़वाम तेरे नूर के पास और बादशाह उस चमकती-दमकती रौशनी के पास आएँगे जो तुझ पर तुलू होगी।
Isai UrduGeoD 60:4  अपनी नज़र उठाकर चारों तरफ़ देख! सबके सब जमा होकर तेरे पास आ रहे हैं। तेरे बेटे दूर दूर से पहुँच रहे हैं, और तेरी बेटियों को गोद में उठाकर क़रीब लाया जा रहा है।
Isai UrduGeoD 60:5  उस वक़्त तू यह देखकर चमक उठेगी। तेरा दिल ख़ुशी के मारे तेज़ी से धड़कने लगेगा और कुशादा हो जाएगा। क्योंकि समुंदर के ख़ज़ाने तेरे पास लाए जाएंगे, अक़वाम की दौलत तेरे पास पहुँचेगी।
Isai UrduGeoD 60:6  ऊँटों का ग़ोल बल्कि मिदियान और ऐफ़ा के जवान ऊँट तेरे मुल्क को ढाँप देंगे। वह सोने और बख़ूर से लदे हुए और रब की हम्दो-सना करते हुए मुल्के-सबा से आएँगे।
Isai UrduGeoD 60:7  क़ीदार की तमाम भेड़-बकरियाँ तेरे हवाले की जाएँगी, और नबायोत के मेंढे तेरी ख़िदमत के लिए हाज़िर होंगे। उन्हें मेरी क़ुरबानगाह पर चढ़ाया जाएगा और मैं उन्हें पसंद करूँगा। यों मैं अपने जलाल के घर को शानो-शौकत से आरास्ता करूँगा।
Isai UrduGeoD 60:8  यह कौन हैं जो बादलों की तरह और काबुक के पास वापस आनेवाले कबूतरों की मानिंद उड़कर आ रहे हैं?
Isai UrduGeoD 60:9  यह तरसीस के ज़बरदस्त बहरी जहाज़ हैं जो तेरे पास पहुँच रहे हैं। क्योंकि जज़ीरे मुझसे उम्मीद रखते हैं। यह जहाज़ तेरे बेटों को उनकी सोने-चाँदी समेत दूर-दराज़ इलाक़ों से लेकर आ रहे हैं। यों रब तेरे ख़ुदा के नाम और इसराईल के क़ुद्दूस की ताज़ीम होगी जिसने तुझे शानो-शौकत से नवाज़ा है।
Isai UrduGeoD 60:10  परदेसी तेरी दीवारें अज़ सरे-नौ तामीर करेंगे, और उनके बादशाह तेरी ख़िदमत करेंगे। क्योंकि गो मैंने अपने ग़ज़ब में तुझे सज़ा दी, लेकिन अब मैं अपने फ़ज़ल से तुझ पर रहम करूँगा।
Isai UrduGeoD 60:11  तेरी फ़सील के दरवाज़े हमेशा खुले रहेंगे। उन्हें न दिन को बंद किया जाएगा, न रात को ताकि अक़वाम का मालो-दौलत और उनके गिरिफ़्तार किए गए बादशाहों को शहर के अंदर लाया जा सके।
Isai UrduGeoD 60:12  क्योंकि जो क़ौम या सलतनत तेरी ख़िदमत करने से इनकार करे वह बरबाद हो जाएगी, उसे पूरे तौर पर तबाह किया जाएगा।
Isai UrduGeoD 60:13  लुबनान की शानो-शौकत तेरे सामने हाज़िर होगी। जूनीपर, सनोबर और सरो के दरख़्त मिलकर तेरे पास आएँगे ताकि मेरे मक़दिस को आरास्ता करें। यों मैं अपने पाँवों की चौकी को जलाल दूँगा।
Isai UrduGeoD 60:14  तुझ पर ज़ुल्म करनेवालों के बेटे झुक झुककर तेरे हुज़ूर आएँगे, तेरी तहक़ीर करनेवाले तेरे पाँवों के सामने औंधे मुँह हो जाएंगे। वह तुझे ‘रब का शहर’ और ‘इसराईल के क़ुद्दूस का सिय्यून’ क़रार देंगे।
Isai UrduGeoD 60:15  पहले तुझे तर्क किया गया था, लोग तुझसे नफ़रत रखते थे, और तुझमें से कोई नहीं गुज़रता था। लेकिन अब मैं तुझे अबदी फ़ख़र का बाइस बना दूँगा, और तमाम नसलें तुझे देखकर ख़ुश होंगी।
Isai UrduGeoD 60:16  तू अक़वाम का दूध पिएगी, और बादशाह तुझे दूध पिलाएँगे। तब तू जान लेगी कि मैं रब तेरा नजातदहिंदा हूँ, कि मैं जो याक़ूब का ज़बरदस्त सूरमा हूँ तेरा छुड़ानेवाला हूँ।
Isai UrduGeoD 60:17  मैं तेरे पीतल को सोने में, तेरे लोहे को चाँदी में, तेरी लकड़ी को पीतल में और तेरे पत्थर को लोहे में बदलूँगा। मैं सलामती को तेरी मुहाफ़िज़ और रास्ती को तेरी निगरान बनाऊँगा।
Isai UrduGeoD 60:18  अब से तेरे मुल्क में न तशद्दुद का ज़िक्र होगा, न बरबादीओ-तबाही का। अब से तेरी चारदीवारी ‘नजात’ और तेरे दरवाज़े ‘हम्दो-सना’ कहलाएँगे।
Isai UrduGeoD 60:19  आइंदा तुझे न दिन के वक़्त सूरज, न रात के वक़्त चाँद की ज़रूरत होगी, क्योंकि रब ही तेरी अबदी रौशनी होगा, तेरा ख़ुदा ही तेरी आबो-ताब होगा।
Isai UrduGeoD 60:20  आइंदा तेरा सूरज कभी ग़ुरूब नहीं होगा, तेरा चाँद कभी नहीं घटेगा। क्योंकि रब तेरा अबदी नूर होगा, और मातम के तेरे दिन ख़त्म हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 60:21  तब तेरी क़ौम के तमाम अफ़राद रास्तबाज़ होंगे, और मुल्क हमेशा तक उनकी मिलकियत रहेगा। क्योंकि वह मेरे हाथ से लगाई हुई पनीरी होंगे, मेरे हाथ का काम जिससे मैं अपना जलाल ज़ाहिर करूँगा।
Isai UrduGeoD 60:22  तब सबसे छोटे ख़ानदान की तादाद बढ़कर हज़ार अफ़राद पर मुश्तमिल होगी, सबसे कमज़ोर कुंबा ताक़तवर क़ौम बनेगा। मुक़र्ररा वक़्त पर मैं, रब यह सब कुछ तेज़ी से अंजाम दूँगा।”
Chapter 61
Isai UrduGeoD 61:1  रब क़ादिरे-मुतलक़ का रूह मुझ पर है, क्योंकि रब ने मुझे तेल से मसह करके ग़रीबों को ख़ुशख़बरी सुनाने का इख़्तियार दिया है। उसने मुझे शिकस्तादिलों की मरहम-पट्टी करने के लिए और यह एलान करने के लिए भेजा है कि क़ैदियों को रिहाई मिलेगी और ज़ंजीरों में जकड़े हुए आज़ाद हो जाएंगे,
Isai UrduGeoD 61:2  कि बहाली का साल और हमारे ख़ुदा के इंतक़ाम का दिन आ गया है। उसने मुझे भेजा है कि मैं तमाम मातम करनेवालों को तसल्ली दूँ
Isai UrduGeoD 61:3  और सिय्यून के सोगवारों को दिलासा देकर राख के बजाए शानदार ताज, मातम के बजाए ख़ुशी का तेल और शिकस्ता रूह के बजाए हम्दो-सना का लिबास मुहैया करूँ। तब वह ‘रास्ती के दरख़्त’ कहलाएँगे, ऐसे पौदे जो रब ने अपना जलाल ज़ाहिर करने के लिए लगाए हैं।
Isai UrduGeoD 61:4  वह क़दीम खंडरात को अज़ सरे-नौ तामीर करके देर से बरबाद हुए मक़ामों को बहाल करेंगे। वह उन तबाहशुदा शहरों को दुबारा क़ायम करेंगे जो नसल-दर-नसल वीरानो-सुनसान रहे हैं।
Isai UrduGeoD 61:5  ग़ैरमुल्की खड़े होकर तुम्हारी भेड़-बकरियों की गल्लाबानी करेंगे, परदेसी तुम्हारे खेतों और बाग़ों में काम करेंगे।
Isai UrduGeoD 61:6  उस वक़्त तुम ‘रब के इमाम’ कहलाओगे, लोग तुम्हें ‘हमारे ख़ुदा के ख़ादिम’ क़रार देंगे। तुम अक़वाम की दौलत से लुत्फ़अंदोज़ होगे, उनकी शानो-शौकत अपनाकर उस पर फ़ख़र करोगे।
Isai UrduGeoD 61:7  तुम्हारी शरमिंदगी नहीं रहेगी बल्कि तुम इज़्ज़त का दुगना हिस्सा पाओगे, तुम्हारी रुसवाई नहीं रहेगी बल्कि तुम शानदार हिस्सा मिलने के बाइस शादियाना बजाओगे। क्योंकि तुम्हें वतन में दुगना हिस्सा मिलेगा, और अबदी ख़ुशी तुम्हारी मीरास होगी।
Isai UrduGeoD 61:8  क्योंकि रब फ़रमाता है, “मुझे इनसाफ़ पसंद है। मैं ग़ारतगरी और कजरवी से नफ़रत रखता हूँ। मैं अपने लोगों को वफ़ादारी से उनका अज्र दूँगा, मैं उनके साथ अबदी अहद बाँधूँगा।
Isai UrduGeoD 61:9  उनकी नसल अक़वाम में और उनकी औलाद दीगर उम्मतों में मशहूर होगी। जो भी उन्हें देखे वह जान लेगा कि रब ने उन्हें बरकत दी है।”
Isai UrduGeoD 61:10  मैं रब से निहायत ही शादमान हूँ, मेरी जान अपने ख़ुदा की तारीफ़ में ख़ुशी के गीत गाती है। क्योंकि जिस तरह दूल्हा अपना सर इमाम की-सी पगड़ी से सजाता और दुलहन अपने आपको अपने ज़ेवरात से आरास्ता करती है उसी तरह अल्लाह ने मुझे नजात का लिबास पहनाकर रास्ती की चादर में लपेटा है।
Isai UrduGeoD 61:11  क्योंकि जिस तरह ज़मीन अपनी हरियाली को निकलने देती और बाग़ अपने बीजों को फूटने देता है उसी तरह रब क़ादिरे-मुतलक़ अक़वाम के सामने अपनी रास्ती और सताइश फूटने देगा।
Chapter 62
Isai UrduGeoD 62:1  सिय्यून की ख़ातिर मैं ख़ामोश नहीं रहूँगा, यरूशलम की ख़ातिर तब तक आराम नहीं करूँगा जब तक उस की रास्ती तुलूए-सुबह की तरह न चमके और उस की नजात मशाल की तरह न भड़के।
Isai UrduGeoD 62:2  अक़वाम तेरी रास्ती देखेंगी, तमाम बादशाह तेरी शानो-शौकत का मुशाहदा करेंगे। उस वक़्त तुझे नया नाम मिलेगा, ऐसा नाम जो रब का अपना मुँह मुतैयिन करेगा।
Isai UrduGeoD 62:3  तू रब के हाथ में शानदार ताज और अपने ख़ुदा के हाथ में शाही कुलाह होगी।
Isai UrduGeoD 62:4  आइंदा लोग तुझे न कभी ‘मतरूका’ न तेरे मुल्क को ‘वीरानो-सुनसान’ क़रार देंगे बल्कि तू मेरा लुत्फ़ और तेरा मुल्क ब्याही कहलाएगा। क्योंकि रब तुझसे लुत्फ़अंदोज़ होगा, और तेरा मुल्क शादीशुदा होगा।
Isai UrduGeoD 62:5  जिस तरह जवान आदमी कुँवारी से शादी करता है उसी तरह तेरे फ़रज़ंद तुझे ब्याह लेंगे। और जिस तरह दूल्हा दुलहन के बाइस ख़ुशी मनाता है उसी तरह तेरा ख़ुदा तेरे सबब से ख़ुशी मनाएगा।
Isai UrduGeoD 62:6  ऐ यरूशलम, मैंने तेरी फ़सील पर पहरेदार लगाए हैं जो दिन-रात आवाज़ दें। उन्हें एक लमहे के लिए भी ख़ामोश रहने की इजाज़त नहीं है। ऐ रब को याद दिलानेवालो, उस वक़्त तक न ख़ुद आराम करो,
Isai UrduGeoD 62:7  न रब को आराम करने दो जब तक वह यरूशलम को अज़ सरे-नौ क़ायम न कर ले। जब पूरी दुनिया शहर की तारीफ़ करेगी तब ही तुम सुकून का साँस ले सकते हो।
Isai UrduGeoD 62:8  रब ने अपने दाएँ हाथ और ज़ोरावर बाज़ू की क़सम खाकर वादा किया है, “आइंदा न मैं तेरा ग़ल्ला तेरे दुश्मनों को खिलाऊँगा, न बड़ी मेहनत से बनाई गई तेरी मै को अजनबियों को पिलाऊँगा।
Isai UrduGeoD 62:9  क्योंकि आइंदा फ़सल की कटाई करनेवाले ही रब की सताइश करते हुए उसे खाएँगे, और अंगूर चुननेवाले ही मेरे मक़दिस के सहनों में आकर उनका रस पिएँगे।”
Isai UrduGeoD 62:10  दाख़िल हो जाओ, शहर के दरवाज़ों में दाख़िल हो जाओ! क़ौम के लिए रास्ता तैयार करो! रास्ता बनाओ, रास्ता बनाओ! उसे पत्थरों से साफ़ करो! तमाम अक़वाम के ऊपर झंडा गाड़ दो!
Isai UrduGeoD 62:11  क्योंकि रब ने दुनिया की इंतहा तक एलान किया है, “सिय्यून बेटी को बताओ कि देख, तेरी नजात आनेवाली है। देख, उसका अज्र उसके पास है, उसका इनाम उसके आगे आगे चल रहा है।”
Isai UrduGeoD 62:12  तब वह ‘मुक़द्दस क़ौम’ और ‘वह क़ौम जिसे रब ने एवज़ाना देकर छुड़ाया है’ कहलाएँगे। ऐ यरूशलम बेटी, तू ‘मरग़ूब’ और ‘ग़ैरमतरूका शहर’ कहलाएगी।
Chapter 63
Isai UrduGeoD 63:1  यह कौन है जो अदोम से आ रहा है, जो सुर्ख़ सुर्ख़ कपड़े पहने बुसरा शहर से पहुँच रहा है? यह कौन है जो रोब से मुलब्बस बड़ी ताक़त के साथ आगे बढ़ रहा है? “मैं ही हूँ, वह जो इनसाफ़ से बोलता, जो बड़ी क़ुदरत से तुझे बचाता है।”
Isai UrduGeoD 63:2  तेरे कपड़े क्यों इतने लाल हैं? लगता है कि तेरा लिबास हौज़ में अंगूर कुचलने से सुर्ख़ हो गया है।
Isai UrduGeoD 63:3  “मैं अंगूरों को अकेला ही कुचलता रहा हूँ, अक़वाम में से कोई मेरे साथ नहीं था। मैंने ग़ुस्से में आकर उन्हें कुचला, तैश में उन्हें रौंदा। उनके ख़ून की छींटें मेरे कपड़ों पर पड़ गईं, मेरा सारा लिबास आलूदा हुआ।
Isai UrduGeoD 63:4  क्योंकि मेरा दिल इंतक़ाम लेने पर तुला हुआ था, अपनी क़ौम का एवज़ाना देने का साल आ गया था।
Isai UrduGeoD 63:5  मैंने अपने इर्दगिर्द नज़र दौड़ाई, लेकिन कोई नहीं था जो मेरी मदद करता। मैं हैरान था कि किसी ने भी मेरा साथ न दिया। चुनाँचे मेरे अपने बाज़ू ने मेरी मदद की, और मेरे तैश ने मुझे सहारा दिया।
Isai UrduGeoD 63:6  ग़ुस्से में आकर मैंने अक़वाम को पामाल किया, तैश में उन्हें मदहोश करके उनका ख़ून ज़मीन पर गिरा दिया।”
Isai UrduGeoD 63:7  मैं रब की मेहरबानियाँ सुनाऊँगा, उसके क़ाबिले-तारीफ़ कामों की तमजीद करूँगा। जो कुछ रब ने हमारे लिए किया, जो मुतअद्दिद भलाइयाँ उसने अपने रहम और बड़े फ़ज़ल से इसराईल को दिखाई हैं उनकी सताइश करूँगा।
Isai UrduGeoD 63:8  उसने फ़रमाया, “यक़ीनन यह मेरी क़ौम के हैं, ऐसे फ़रज़ंद जो बेवफ़ा नहीं होंगे।” यह कहकर वह उनका नजातदहिंदा बन गया,
Isai UrduGeoD 63:9  वह उनकी तमाम मुसीबत में शरीक हुआ, और उसके हुज़ूर के फ़रिश्ते ने उन्हें छुटकारा दिया। वह उन्हें प्यार करता, उन पर तरस खाता था, इसलिए उसने एवज़ाना देकर उन्हें छुड़ाया। हाँ, क़दीम ज़माने से आज तक वह उन्हें उठाए फिरता रहा।
Isai UrduGeoD 63:10  लेकिन वह सरकश हुए, उन्होंने उसके क़ुद्दूस रूह को दुख पहुँचाया। तब वह मुड़कर उनका दुश्मन बन गया। ख़ुद वह उनसे लड़ने लगा।
Isai UrduGeoD 63:11  फिर उस की क़ौम को वह क़दीम ज़माना याद आया जब मूसा अपनी क़ौम के दरमियान था, और वह पुकार उठे, “वह कहाँ है जो अपनी भेड़-बकरियों को उनके गल्लाबानों समेत समुंदर में से निकाल लाया? वह कहाँ है जिसने अपने रूहुल-क़ुद्स को उनके दरमियान नाज़िल किया,
Isai UrduGeoD 63:12  जिसकी जलाली क़ुदरत मूसा के दाएँ हाथ हाज़िर रही ताकि उसको सहारा दे? वह कहाँ है जिसने पानी को इसराईलियों के सामने तक़सीम करके अपने लिए अबदी शोहरत पैदा की
Isai UrduGeoD 63:13  और उन्हें गहराइयों में से गुज़रने दिया? उस वक़्त वह खुले मैदान में चलनेवाले घोड़े की तरह आराम से गुज़रे और कहीं भी ठोकर न खाई।
Isai UrduGeoD 63:14  जिस तरह गाय-बैल आराम के लिए वादी में उतरते हैं उसी तरह उन्हें रब के रूह से आराम और सुकून हासिल हुआ।” इसी तरह तूने अपनी क़ौम की राहनुमाई की ताकि तेरे नाम को जलाल मिले।
Isai UrduGeoD 63:15  ऐ अल्लाह, आसमान से हम पर नज़र डाल, बुलंदियों पर अपनी मुक़द्दस और शानदार सुकूनतगाह से देख! इस वक़्त तेरी ग़ैरत और क़ुदरत कहाँ है? हम तेरी नरमी और मेहरबानियों से महरूम रह गए हैं!
Isai UrduGeoD 63:16  तू तो हमारा बाप है। क्योंकि इब्राहीम हमें नहीं जानता और इसराईल हमें नहीं पहचानता, लेकिन तू, रब हमारा बाप है, क़दीम ज़माने से ही तेरा नाम ‘हमारा छुड़ानेवाला’ है।
Isai UrduGeoD 63:17  ऐ रब, तू हमें अपनी राहों से क्यों भटकने देता है? तूने हमारे दिलों को इतना सख़्त क्यों कर दिया कि हम तेरा ख़ौफ़ नहीं मान सकते? हमारी ख़ातिर वापस आ! क्योंकि हम तेरे ख़ादिम, तेरी मौरूसी मिलकियत के क़बीले हैं।
Isai UrduGeoD 63:18  तेरा मक़दिस थोड़ी ही देर के लिए तेरी क़ौम की मिलकियत रहा, लेकिन अब हमारे मुख़ालिफ़ों ने उसे पाँवों तले रौंद डाला है।
Isai UrduGeoD 63:19  लगता है कि हम कभी तेरी हुकूमत के तहत नहीं रहे, कि हम पर कभी तेरे नाम का ठप्पा नहीं लगा था।
Chapter 64
Isai UrduGeoD 64:1  काश तू आसमान को फाड़कर उतर आए, कि पहाड़ तेरे सामने थरथराएँ।
Isai UrduGeoD 64:2  काश तू डालियों को भड़का देनेवाली आग या पानी को एकदम उबालनेवाली आतिश की तरह नाज़िल हो ताकि तेरे दुश्मन तेरा नाम जान लें और क़ौमें तेरे सामने लरज़ उठें!
Isai UrduGeoD 64:3  क्योंकि क़दीम ज़माने में जब तू ख़ौफ़नाक और ग़ैरमुतवक़्क़े काम किया करता था तो यों ही नाज़िल हुआ, और पहाड़ यों ही तेरे सामने काँपने लगे।
Isai UrduGeoD 64:4  क़दीम ज़माने से ही किसी ने तेरे सिवा किसी और ख़ुदा को न देखा न सुना है। सिर्फ़ तू ही ऐसा ख़ुदा है जो उनकी मदद करता है जो तेरे इंतज़ार में रहते हैं।
Isai UrduGeoD 64:5  तू उनसे मिलता है जो ख़ुशी से रास्त काम करते, जो तेरी राहों पर चलते हुए तुझे याद करते हैं! अफ़सोस, तू हमसे नाराज़ हुआ, क्योंकि हम शुरू से तेरा गुनाह करके तुझसे बेवफ़ा रहे हैं। तो फिर हम किस तरह बच जाएंगे?
Isai UrduGeoD 64:6  हम सब नापाक हो गए हैं, हमारे तमाम नाम-निहाद रास्त काम गंदे चीथड़ों की मानिंद हैं। हम सब पत्तों की तरह मुरझा गए हैं, और हमारे गुनाह हमें हवा के झोंकों की तरह उड़ाकर ले जा रहे हैं।
Isai UrduGeoD 64:7  कोई नहीं जो तेरा नाम पुकारे या तुझसे लिपटने की कोशिश करे। क्योंकि तूने अपना चेहरा हमसे छुपाकर हमें हमारे क़ुसूरों के हवाले छोड़ दिया है।
Isai UrduGeoD 64:8  ऐ रब, ताहम तू ही हमारा बाप, हमारा कुम्हार है। हम सब मिट्टी ही हैं जिसे तेरे हाथ ने तश्कील दिया है।
Isai UrduGeoD 64:9  ऐ रब, हद से ज़्यादा हमसे नाराज़ न हो! हमारे गुनाह तुझे हमेशा तक याद न रहें। ज़रा इसका लिहाज़ कर कि हम सब तेरी क़ौम हैं।
Isai UrduGeoD 64:10  तेरे मुक़द्दस शहर वीरान हो गए हैं, यहाँ तक कि सिय्यून भी बयाबान ही है, यरूशलम वीरानो-सुनसान है।
Isai UrduGeoD 64:11  हमारा मुक़द्दस और शानदार घर जहाँ हमारे बापदादा तेरी सताइश करते थे नज़रे-आतिश हो गया है, जो कुछ भी हम अज़ीज़ रखते थे वह खंडर बन गया है।
Isai UrduGeoD 64:12  ऐ रब, क्या तू इन वाक़ियात के बावुजूद भी अपने आपको हमसे दूर रखेगा? क्या तू ख़ामोश रहकर हमें हद से ज़्यादा पस्त होने देगा?।
Chapter 65
Isai UrduGeoD 65:1  “जो मेरे बारे में दरियाफ़्त नहीं करते थे उन्हें मैंने मुझे ढूँडने का मौक़ा दिया। जो मुझे तलाश नहीं करते थे उन्हें मैंने मुझे पाने का मौक़ा दिया। मैं बोला, ‘मैं हाज़िर हूँ, मैं हाज़िर हूँ!’ हालाँकि जिस क़ौम से मैं मुख़ातिब हुआ वह मेरा नाम नहीं पुकारती थी।
Isai UrduGeoD 65:2  दिन-भर मैंने अपने हाथ फैलाए रखे ताकि एक सरकश क़ौम का इस्तक़बाल करूँ, हालाँकि यह लोग ग़लत राह पर चलते और अपने कजरौ ख़यालात के पीछे पड़े रहते हैं।
Isai UrduGeoD 65:3  यह मुतवातिर और मेरे रूबरू ही मुझे नाराज़ करते हैं। क्योंकि यह बाग़ों में क़ुरबानियाँ चढ़ाकर ईंटों की क़ुरबानगाहों पर बख़ूर जलाते हैं।
Isai UrduGeoD 65:4  यह क़ब्रिस्तान में बैठकर ख़ुफ़िया ग़ारों में रात गुज़ारते हैं। यह सुअर का गोश्त खाते हैं, उनकी देगों में क़ाबिले-घिन शोरबा होता है।
Isai UrduGeoD 65:5  साथ साथ यह एक दूसरे से कहते हैं, ‘मुझसे दूर रहो, क़रीब मत आना! क्योंकि मैं तेरी निसबत कहीं ज़्यादा मुक़द्दस हूँ।’ इस क़िस्म के लोग मेरी नाक में धुएँ की मानिंद हैं, एक आग जो दिन-भर जलती रहती है।
Isai UrduGeoD 65:6  देखो, यह बात मेरे सामने ही क़लमबंद हुई है कि मैं ख़ामोश नहीं रहूँगा बल्कि पूरा पूरा अज्र दूँगा। मैं उनकी झोली उनके अज्र से भर दूँगा।”
Isai UrduGeoD 65:7  रब फ़रमाता है, “उन्हें न सिर्फ़ उनके अपने गुनाहों की सज़ा मिलेगी बल्कि बापदादा के गुनाहों की भी। चूँकि उन्होंने पहाड़ों पर बख़ूर की क़ुरबानियाँ चढ़ाकर मेरी तहक़ीर की इसलिए मैं उनकी झोली उनकी हरकतों के मुआवज़े से भर दूँगा।”
Isai UrduGeoD 65:8  रब फ़रमाता है, “जब तक अंगूर में थोड़ा-सा रस बाक़ी हो लोग कहते हैं, ‘उसे ज़ाया मत करना, क्योंकि अब तक उसमें कुछ न कुछ है जो बरकत का बाइस है।’ मैं इसराईल के साथ भी ऐसा ही करूँगा। क्योंकि अपने ख़ादिमों की ख़ातिर मैं सबको नेस्त नहीं करूँगा।
Isai UrduGeoD 65:9  मैं याक़ूब और यहूदाह को ऐसी औलाद बख़्श दूँगा जो मेरे पहाड़ों को मीरास में पाएगी। तब पहाड़ मेरे बरगुज़ीदों की मिलकियत होंगे, और मेरे ख़ादिम उन पर बसेंगे।
Isai UrduGeoD 65:10  वादीए-शारून में भेड़-बकरियाँ चरेंगी, वादीए-अकूर में गाय-बैल आराम करेंगे। यह सब कुछ मेरी उस क़ौम को दस्तयाब होगा जो मेरी तालिब रहेगी।
Isai UrduGeoD 65:11  लेकिन तुम जो रब को तर्क करके मेरे मुक़द्दस पहाड़ को भूल गए हो, ख़बरदार! गो इस वक़्त तुम ख़ुशक़िसमती के देवता जद के लिए मेज़ बिछाते और तक़दीर के देवता मनात के लिए मै का बरतन भर देते हो,
Isai UrduGeoD 65:12  लेकिन तुम्हारी तक़दीर और है। मैंने तुम्हारे लिए तलवार की तक़दीर मुक़र्रर की है। तुम सबको क़साई के सामने झुकना पड़ेगा, क्योंकि जब मैंने तुम्हें बुलाया तो तुमने जवाब न दिया। जब मैं तुमसे हमकलाम हुआ तो तुमने न सुना बल्कि वह कुछ किया जो मुझे बुरा लगा। तुमने वह कुछ इख़्तियार किया जो मुझे नापसंद है।”
Isai UrduGeoD 65:13  इसलिए रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “मेरे ख़ादिम खाना खाएँगे, लेकिन तुम भूके रहोगे। मेरे ख़ादिम पानी पिएँगे, लेकिन तुम प्यासे रहोगे। मेरे ख़ादिम मसरूर होंगे, लेकिन तुम शर्मसार होगे।
Isai UrduGeoD 65:14  मेरे ख़ादिम ख़ुशी के मारे शादियाना बजाएंगे, लेकिन तुम रंजीदा होकर रो पड़ोगे, तुम मायूस होकर वावैला करोगे।
Isai UrduGeoD 65:15  आख़िरकार तुम्हारा नाम ही मेरे बरगुज़ीदों के पास बाक़ी रहेगा, और वह भी सिर्फ़ लानत के तौर पर इस्तेमाल होगा। क़सम खाते वक़्त वह कहेंगे, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ तुम्हें इसी तरह क़त्ल करे।’ लेकिन मेरे ख़ादिमों का एक और नाम रखा जाएगा।
Isai UrduGeoD 65:16  मुल्क में जो भी अपने लिए बरकत माँगे या क़सम खाए वह वफ़ादार ख़ुदा का नाम लेगा। क्योंकि गुज़री मुसीबतों की यादें मिट जाएँगी, वह मेरी आँखों से छुप जाएँगी।
Isai UrduGeoD 65:17  क्योंकि मैं नया आसमान और नई ज़मीन ख़लक़ करूँगा। तब गुज़री चीज़ें याद नहीं आएँगी, उनका ख़याल तक नहीं आएगा।
Isai UrduGeoD 65:18  चुनाँचे ख़ुशो-ख़ुर्रम हो! जो कुछ मैं ख़लक़ करूँगा उस की हमेशा तक ख़ुशी मनाओ! क्योंकि देखो, मैं यरूशलम को शादमानी का बाइस और उसके बाशिंदों को ख़ुशी का सबब बनाऊँगा।
Isai UrduGeoD 65:19  मैं ख़ुद भी यरूशलम की ख़ुशी मनाऊँगा और अपनी क़ौम से लुत्फ़अंदोज़ हूँगा। आइंदा उसमें रोना और वावैला सुनाई नहीं देगा।
Isai UrduGeoD 65:20  वहाँ कोई भी पैदाइश के थोड़े दिनों बाद फ़ौत नहीं होगा, कोई भी वक़्त से पहले नहीं मरेगा। जो सौ साल का होगा उसे जवान समझा जाएगा, और जो सौ साल की उम्र से पहले ही फ़ौत हो जाए उसे मलऊन समझा जाएगा।
Isai UrduGeoD 65:21  लोग घर बनाकर उनमें बसेंगे, वह अंगूर के बाग़ लगाकर उनका फल खाएँगे।
Isai UrduGeoD 65:22  आइंदा ऐसा नहीं होगा कि घर बनाने के बाद कोई और उसमें बसे, कि बाग़ लगाने के बाद कोई और उसका फल खाए। क्योंकि मेरी क़ौम की उम्र दरख़्तों जैसी दराज़ होगी, और मेरे बरगुज़ीदा अपने हाथों के काम से लुत्फ़अंदोज़ होंगे।
Isai UrduGeoD 65:23  न उनकी मेहनत-मशक़्क़त रायगाँ जाएगी, न उनके बच्चे अचानक तशद्दुद का निशाना बनकर मरेंगे। क्योंकि वह रब की मुबारक नसल होंगे, वह ख़ुद और उनकी औलाद भी।
Isai UrduGeoD 65:24  इससे पहले कि वह आवाज़ दें मैं जवाब दूँगा, वह अभी बोल रहे होंगे कि मैं उनकी सुनूँगा।”
Isai UrduGeoD 65:25  रब फ़रमाता है, “भेड़िया और लेला मिलकर चरेंगे, शेरबबर बैल की तरह भूसा खाएगा, और साँप की ख़ुराक ख़ाक ही होगी। मेरे पूरे मुक़द्दस पहाड़ पर न ग़लत काम किया जाएगा, न किसी को नुक़सान पहुँचेगा।”
Chapter 66
Isai UrduGeoD 66:1  रब फ़रमाता है, “आसमान मेरा तख़्त है और ज़मीन मेरे पाँवों की चौकी, तो फिर वह घर कहाँ है जो तुम मेरे लिए बनाओगे? वह जगह कहाँ है जहाँ मैं आराम करूँगा?”
Isai UrduGeoD 66:2  रब फ़रमाता है, “मेरे हाथ ने यह सब कुछ बनाया, तब ही यह सब कुछ वुजूद में आया। और मैं उसी का ख़याल रखता हूँ जो मुसीबतज़दा और शिकस्तादिल है, जो मेरे कलाम के सामने काँपता है।
Isai UrduGeoD 66:3  लेकिन बैल को ज़बह करनेवाला क़ातिल के बराबर और लेले को क़ुरबान करनेवाला कुत्ते की गरदन तोड़नेवाले के बराबर है। ग़ल्ला की नज़र पेश करनेवाला सुअर का ख़ून चढ़ानेवाले से बेहतर नहीं, और बख़ूर जलानेवाला बुतपरस्त की मानिंद है। इन लोगों ने अपनी ग़लत राहों को इख़्तियार किया है, और इनकी जान अपनी घिनौनी चीज़ों से लुत्फ़अंदोज़ होती है।
Isai UrduGeoD 66:4  जवाब में मैं भी उनसे बदसुलूकी की राह इख़्तियार करूँगा, मैं उन पर वह कुछ नाज़िल करूँगा जिससे वह दहशत खाते हैं। क्योंकि जब मैंने उन्हें आवाज़ दी तो किसी ने जवाब न दिया, जब मैं बोला तो उन्होंने न सुना बल्कि वही कुछ करते रहे जो मुझे बुरा लगा, वही करने पर तुले रहे जो मुझे नापसंद है।”
Isai UrduGeoD 66:5  ऐ रब के कलाम के सामने लरज़नेवालो, उसका फ़रमान सुनो! “तुम्हारे अपने भाई तुमसे नफ़रत करते और मेरे नाम के बाइस तुम्हें रद्द करते हैं। वह मज़ाक़ उड़ाकर कहते हैं, ‘रब अपने जलाल का इज़हार करे ताकि हम तुम्हारी ख़ुशी का मुशाहदा कर सकें।’ लेकिन वह शरमिंदा हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 66:6  सुनो! शहर में शोरो-ग़ौग़ा हो रहा है। सुनो! रब के घर से हलचल की आवाज़ सुनाई दे रही है। सुनो! रब अपने दुश्मनों को उनकी मुनासिब सज़ा दे रहा है।
Isai UrduGeoD 66:7  दर्दे-ज़ह में मुब्तला होने से पहले ही यरूशलम ने बच्चा जन्म दिया, ज़च्चगी की ईज़ा से पहले ही उसके बेटा पैदा हुआ।
Isai UrduGeoD 66:8  किसने कभी ऐसी बात सुनी है? किसने कभी इस क़िस्म का मामला देखा है? क्या कोई मुल्क एक ही दिन के अंदर अंदर पैदा हो सकता है? क्या कोई क़ौम एक ही लमहे में जन्म ले सकती है? लेकिन सिय्यून के साथ ऐसा ही हुआ है। दर्दे-ज़ह अभी शुरू ही होना था कि उसके बच्चे पैदा हुए।”
Isai UrduGeoD 66:9  रब फ़रमाता है, “क्या मैं बच्चे को यहाँ तक लाऊँ कि वह माँ के पेट से निकलनेवाला हो और फिर उसे जन्म लेने न दूँ? हरगिज़ नहीं!” तेरा ख़ुदा फ़रमाता है, “क्या मैं जो बच्चे को पैदा होने देता हूँ बच्चे को रोक दूँ? कभी नहीं!”
Isai UrduGeoD 66:10  “ऐ यरूशलम को प्यार करनेवालो, सब उसके साथ ख़ुशी मनाओ! ऐ शहर पर मातम करनेवालो, सब उसके साथ शादियाना बजाओ!
Isai UrduGeoD 66:11  क्योंकि अब तुम उस की तसल्ली दिलानेवाली छाती से जी भरकर दूध पियोगे, तुम उसके शानदार दूध की कसरत से लुत्फ़अंदोज़ होगे।”
Isai UrduGeoD 66:12  क्योंकि रब फ़रमाता है, “मैं यरूशलम में सलामती का दरिया बहने दूँगा और उस पर अक़वाम की शानो-शौकत का सैलाब आने दूँगा। तब वह तुम्हें अपना दूध पिलाकर उठाए फिरेगी, तुम्हें गोद में बिठाकर प्यार करेगी।
Isai UrduGeoD 66:13  मैं तुम्हें माँ की-सी तसल्ली दूँगा, और तुम यरूशलम को देखकर तसल्ली पाओगे।
Isai UrduGeoD 66:14  इन बातों का मुशाहदा करके तुम्हारा दिल ख़ुश होगा और तुम ताज़ा हरियाली की तरह फलो-फूलोगे।” उस वक़्त ज़ाहिर हो जाएगा कि रब का हाथ उसके ख़ादिमों के साथ है जबकि उसके दुश्मन उसके ग़ज़ब का निशाना बनेंगे।
Isai UrduGeoD 66:15  रब आग की सूरत में आ रहा है, आँधी जैसे रथों के साथ नाज़िल हो रहा है ताकि दहकते कोयलों से अपना ग़ुस्सा ठंडा करे और शोला-अफ़शाँ आग से मलामत करे।
Isai UrduGeoD 66:16  क्योंकि रब आग और अपनी तलवार के ज़रीए तमाम इनसानों की अदालत करके अपने हाथ से मुतअद्दिद लोगों को हलाक करेगा।
Isai UrduGeoD 66:17  रब फ़रमाता है, “जो अपने आपको बुतों के बाग़ों के लिए मख़सूस और पाक-साफ़ करते हैं और दरमियान के राहनुमा की पैरवी करके सुअर, चूहे और दीगर घिनौनी चीज़ें खाते हैं वह मिलकर हलाक हो जाएंगे।
Isai UrduGeoD 66:18  चुनाँचे मैं जो उनके आमाल और ख़यालात से वाक़िफ़ हूँ तमाम अक़वाम और अलग अलग ज़बानें बोलनेवालों को जमा करने के लिए नाज़िल हो रहा हूँ। तब वह आकर मेरे जलाल का मुशाहदा करेंगे।
Isai UrduGeoD 66:19  मैं उनके दरमियान इलाही निशान क़ायम करके बचे हुओं में से कुछ दीगर अक़वाम के पास भेज दूँगा। वह तरसीस, लिबिया, तीर चलाने की माहिर क़ौम लुदिया, तूबल, यूनान और उन दूर-दराज़ जज़ीरों के पास जाएंगे जिन्होंने न मेरे बारे में सुना, न मेरे जलाल का मुशाहदा किया है। इन अक़वाम में वह मेरे जलाल का एलान करेंगे।
Isai UrduGeoD 66:20  फिर वह तमाम अक़वाम में रहनेवाले तुम्हारे भाइयों को घोड़ों, रथों, गाड़ियों, ख़च्चरों और ऊँटों पर सवार करके यरूशलम ले आएँगे। यहाँ मेरे मुक़द्दस पहाड़ पर वह उन्हें ग़ल्ला की नज़र के तौर पर पेश करेंगे। क्योंकि रब फ़रमाता है कि जिस तरह इसराईली अपनी ग़ल्ला की नज़रें पाक बरतनों में रखकर रब के घर में ले आते हैं उसी तरह वह तुम्हारे इसराईली भाइयों को यहाँ पेश करेंगे।
Isai UrduGeoD 66:21  उनमें से मैं बाज़ को इमाम और लावी का ओहदा दूँगा।” यह रब का फ़रमान है।
Isai UrduGeoD 66:22  रब फ़रमाता है, “जितने यक़ीन के साथ मेरा बनाया हुआ नया आसमान और नई ज़मीन मेरे सामने क़ायम रहेगा उतने यक़ीन के साथ तुम्हारी नसल और तुम्हारा नाम अबद तक क़ायम रहेगा।
Isai UrduGeoD 66:23  उस वक़्त तमाम इनसान मेरे पास आकर मुझे सिजदा करेंगे। हर नए चाँद और हर सबत को वह बाक़ायदगी से आते रहेंगे।” यह रब का फ़रमान है।
Isai UrduGeoD 66:24  “तब वह शहर से निकलकर उनकी लाशों पर नज़र डालेंगे जो मुझसे सरकश हुए थे। क्योंकि न उन्हें खानेवाले कीड़े कभी मरेंगे, न उन्हें जलानेवाली आग कभी बुझेगी। तमाम इनसान उनसे घिन खाएँगे।”